Professional Documents
Culture Documents
भौखिक –
उत्तय - डॉक्टय चड्ढा, उनका फेटा कैराश , उनकी ऩुत्री व उनकी ऩत्नी नायामणी थी |
प्रश्न (३) डॉक्टय साहफ ने बगत के रड़के को दे िने से क्मों इनकाय कय ददमा ?
उत्तय - डॉक्टय साहफ ने बगत के रड़के को दे िने से इसलरए इनकाय कय ददमा क्मोंकक मह
उनका गोल्फ़ िेरने जाने का सभम था |
लरखित –
कीजजए |
उत्तय - डॉक्टय चड्ढा के उत्तभ स्वास््म का मह यहस्म था कक वो ननमभानुसाय अऩना साया कामि
कयते थे | इस ननमभ से वह जौ बय बी न टरते थे | इसलरए फड़ी उम्र होने के फावजद
ू बी वो
जवान रगते थे |
प्रश्न (३) फढ़
ू े बगत के भन भें ककस फात का प्रनतकाय था तथा भन भें प्रनतकाय होने के फाद बी
वह डॉक्टय के ऩुत्र का उऩचाय कयने क्मों गमा ?
उत्तय - फढ़
ू े बगत के भन भें इस फात का प्रनतकाय था कक जफ उसका ऩत्र
ु फीभाय था औय उसे
डॉक्टय द्वाया ददए जाने वारे उऩचाय की आवश्मकता थी रेककन उस सभम डॉक्टय चड्ढा ने
अऩने ननमभों के कायण उसके ऩुत्र का उऩचाय नहीॊ ककमा | जजसके कायण फूढ़े बगत के ऩुत्र की
भत्ृ मु हो गई | इसके फावजूद बी वह डॉक्टय के ऩुत्र का उऩचाय कयने गमा क्मोंकक वह एक
ऩयोऩकायी व अऩने कतिव्म का ऩारन कयने वारा व्मजक्त था |
प्रश्न (४) भण
ृ ालरनी के भना कयने ऩय बी कैराश साॉऩों का तभाशा क्मों ददिाता यहा ? अऩने
शब्दों भें लरखिए |
उत्तय- भण
ृ ालरनी के भना कयने ऩय बी कैराश साॉऩों का तभाशा इसलरए ददिाता यहा क्मोंकक
भण
ृ ालरनी ऩहरे बी उसके द्वाया ऩारे गए साॉऩों को ददिाने के लरए कहती यहती थी ऩय वह
हभेशा भना कय दे ता था | कैराश के जन्भददन ऩय भण
ृ ालरनी व उसके सहऩादठमों ने उसे तभाशा
ददिाने का आग्रह ककमा | सबी साॉऩों का िेर दे िने के लरए उत्सादहत थे | जफ वह िेर ददिा
यहा था तफ भण
ृ ालरनी ने उसे िेर ददिाने के लरए भना बी ककमा ऩयॊ तु कैराश इतना उत्सादहत
था की भना कयने के फाद बी वह नहीॊ भाना |
प्रश्न (५) ऩुत्र को जीवन दान लभरने ऩय डॉक्टय चड्ढा के भन भें वद्
ृ ध बगत के प्रनत क्मा बाव
उत्ऩन्न हुए?
लरखित –
(३) चेतना योकती थी भगय उऩचेतना ठे रती थी ,सेवक स्वाभी ऩय हावी था|
प्रस्तुत ऩॊजक्त के भाध्मभ से रेिक फूढ़े बगत के भन भें चर यहे सोच –ववचाय के फाये भें फताते
हुए कहते हैं कक डॉक्टय चड्ढा ने उसके ऩुत्र को नहीॊ फचामा था जजसके कायण फूढ़े बगत के भन
भें फदरे की बावना थी| उसकी चेतना उसे डॉक्टय चड्ढा के ऩुत्र का उऩचाय कयने से योक यही थी
ऩयॊ तु उसकी उऩचेतना उसे अऩना कतिव्म माद ददरा यही थी क्मोंकक बगत एक बरा व
ऩयोऩकायी व्मजक्त था| सेवक स्वाभी ऩय हावी था अथाित ् सेवक कभि की बावना थी व स्वाभी
प्रनतकाय की बावना थी| कभि की बावना प्रनतकाय की बावना से जीत गई|
(४) उसका जन्भ मश की वषाि कयने के लरए ही हुआ है |
प्रस्तत
ु ऩॊजक्त डॉक्टय चड्ढा ने अऩने भन भें फढ़
ू े बगत के प्रनत श्रद्धा का बाव यिते हुए कही
क्मोंकक फूढ़े बगत ने उस सभम प्रनतकाय की बावना को बूरकय डॉक्टय चड्ढा के ऩुत्र को जीवन
दान ददमा| मही बगत के चरयत्र की सफसे फड़ी ववशेषता थी|
भूल्माधारयत प्रश्न –
प्रश्न – एक नाभी डॉक्टय होने के फावजूद बी क्मा डॉक्टय चड्ढा ने एक अच्छे डॉक्टय का पर्ि
ननबामा? एक अच्छे डॉक्टय के पर्ि का अऩने शब्दों भें वणिन कीजजए| (अऩने
अनुसाय सबी ववद्माथी उत्तय लरिें गे|)