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हहिंदी (ऐच्छिक) कोड सिंख्या – 002

कऺा 11व िं – 12व िं (2019-20)


प्रस्तावना :
उच्चतय भाध्ममभक स्तय भें प्रवेश रेने वारा ववद्मार्थी ऩहरी फाय साभान्म मशऺा से ववशेष अनश
ु ासन
की मशऺा की ओय उन्भख
ु होता है । दस वषों भें ववद्मार्थी बाषा के कौशरों से ऩरयचचत हो जाता है।
बाषा औय साहहत्म के स्तय ऩय उसका दामया अफ घय, ऩास-ऩडोस, स्कूर, प्राॊत औय दे श से होता हुआ
धीये -धीये ववश्व तक पैर जाता है । वह इस उम्र भें ऩहुॉच चक
ु ा है कक दे श की साॊस्कृततक, साभाजजक,
याजनीततक औय आचर्थिक सभस्माओॊ ऩय ववचाय-ववभशि कय सके, एक जजम्भेदाय नागरयक की तयह
अऩनी जजम्भेदारयमों को सभझ सके तर्था दे श औय खुद को सही हदशा दे सकने भें बाषा की ताकत
को ऩहचान सके। ऐसे दृढ़ बावषक औय वैचारयक आधाय के सार्थ जफ ववद्मार्थी आता है तो उसे ववभशि
की बाषा के रूऩ भें हहॊदी की व्माऩक सभझ औय प्रमोग भें दऺ फनाना सफसे ऩहरा उद्दे श्म होगा।
ककशोयावस्र्था से मव
ु ावस्र्था के इस नाजुक भोड ऩय ककसी बी ववषम का चुनाव कयते सभम फच्चे औय
उनके अमबबावक इस फात को रेकय सफसे अचधक चचॊततत यहते हैं कक चमतनत ववषम उनके बववष्म
औय जीववका के अवसयों भें भदद कये गा कक नहीॊ। इस उम्र के ववद्माचर्थिमों भें चचॊतन औय तनर्िम
कयने की प्रववृ ि बी प्रफर होती है । इसी आधाय ऩय वे अऩने भानमसक, साभाजजक, फौद्चधक औय
बावषक ववकास के प्रतत बी सचेत होते हैं औय अऩने बावी अध्ममन की हदशा तम कयते हैं। इस स्तय
ऩय ऐजच्िक हहॊदी का अध्ममन एक सज
ृ नात्भक, साहहजत्मक, साॊस्कृततक औय ववमबन्न प्रमजु ततमों की
बाषा के रूऩ भें होगा। इस फात ऩय बी फर हदमा जाएगा कक तनयॊ तय ववकमसत होती हहॊदी के अखखर
बायतीम स्वरूऩ से फच्चे का रयश्ता फन सके।
इस स्तय ऩय ववद्माचर्थिमों भें बाषा के मरखखत प्रमोग के सार्थ-सार्थ उसके भौखखक प्रमोग की कुशरता
औय दऺता का ववकास बी जरूयी है । प्रमास मह बी होगा कक ववद्मार्थी अऩने बफखये हुए ववचायों औय
बावों की सहज औय भौमरक अमबव्मजतत की ऺभता हामसर कय सके।
इस ऩाठ्मक्रभ के अध्ममन से :
1. ववद्मार्थी अऩनी रुचच औय आवश्मकता के अनरू
ु ऩ साहहत्म का गहन औय ववशेष अध्ममन
जायी यख सकेंगे।
2. ववश्वववद्मारम स्तय ऩय तनधािरयत हहॊदी-साहहत्म से सॊफचॊ धत ऩाठ्मक्रभ के सार्थ सहज सॊफध

स्र्थावऩत कय सकेंगे।
3. रेखन-कौशर के व्मावहारयक औय सज
ृ नात्भक रूऩों की अमबव्मजतत भें सऺभ हो सकेंगे।
4. योजगाय के ककसी बी ऺेत्र भें जाने ऩय बाषा का प्रमोग प्रबावी ढॊ ग से कय सकेंगे।
5 मह ऩाठ्मक्रभ ववद्मार्थी को जनसॊचाय तर्था प्रकाशन जैसे ववमबन्न-ऺेत्रों भें अऩनी ऺभता
व्मतत कयने का अवसय प्रदान कय सकता है ।

उद्दे श्य :
 सज
ृ नात्भक साहहत्म की सयाहना, उसका आनॊद उठाना औय उसके प्रतत सज
ृ नात्भक औय
आरोचनात्भक दृजष्ि का ववकास कयना।
 साहहत्म की ववववध ववधाओॊ (कववता, कहानी, तनफॊध आहद), भहत्त्वऩर्
ू ि कववमों औय
यचनाकायों, प्रभख
ु धायाओॊ औय शैमरमों का ऩरयचम कयाना।
 बाषा की सज
ृ नात्भक फायीककमों औय व्मावहारयक प्रमोगों का फोध तर्था सॊदबि औय सभम के
अनस
ु ाय प्रबावशारी ढॊ ग से उसकी भौखखक औय मरखखत अमबव्मजतत कयना।
 ववमबन्न ऻानानश
ु ासनों के ववभशि की बाषा के रूऩ भें हहॊदी की ववमशष्ि प्रकृतत एवॊ ऺभता
का फोध कयाना।
 साहहत्म की प्रबावशारी ऺभता का उऩमोग कयते हुए सबी प्रकाय की ववववधताओॊ (धभि,
जातत, मरॊग, वगि, बाषा आहद) एवॊ अॊतयों के प्रतत सकायात्भक औय सॊवद
े नशीर व्मवहाय का
ववकास कयना।
 दे श-ववदे श भें प्रचमरत हहॊदी के रूऩों से ऩरयचचत कयाना।
 सॊचाय-भाध्मभों (वप्रॊि औय इरेतरॉतनक) भें प्रमत
ु त हहॊदी की प्रकृतत से अवगत कयाना औय
नवीन ववचधमों के प्रमोग की ऺभता का ववकास कयना।
 साहहत्म की व्माऩक धाया के फीच यखकय ववमशष्ि यचनाओॊ का ववश्रेषर् औय वववेचन
कयने की ऺभता हामसर कयना।
 ववऩयीत ऩरयजस्र्थततमों भें बी बाषा का प्रमोग शाॊतत के सार्थ कयना।
 अभत
ू ि ववषमों ऩय प्रमत
ु त बाषा का ववकास औय कल्ऩनाशीरता औय भौमरक चचॊतन के मरए
प्रमोग कयना।

शिऺण-यच्ु ततयााँ :
इन कऺाओॊ भें उचचत वातावयर्-तनभािर् भें अध्माऩकों की बमू भका सदै व उत्प्रेयक एवॊ सहामक की
होनी चाहहए। उनको बाषा औय साहहत्म की ऩढ़ाई भें इस फात ऩय ध्मान दे ने की जरूयत होगी कक-
 कऺा का वातावयर् सॊवादात्भक हो ताकक अध्माऩक, ववद्मार्थी औय ऩस्
ु तक-तीनों के फीच एक
रयश्ता फन सके।
 फच्चों को स्वतॊत्र रूऩ से फोरने, मरखने औय ऩढ़ने हदमा जाए औय कपय उनसे होने वारी बर
ू ों
की ऩहचान कया कय अध्माऩक अऩनी ऩढ़ाने की शैरी भें ऩरयवतिन कये ।
 ऐसे मशऺर्-बफॊदओ
ु ॊ की ऩहचान की जाए, जजससे कऺा भें ववद्मार्थी की सकक्रम बागीदायी यहे
औय अध्माऩक बी उनका सार्थी फना यहे ।
 मबन्न ऺभता वारे ववद्माचर्थिमों के मरए उऩमत
ु त मशऺर्-साभग्री का उऩमोग ककमा जाए तर्था
ककसी बी प्रकाय से उन्हें अन्म ववद्माचर्थिमों से कभतय मा अरग न सभझा जाए।
 कऺा भें अध्माऩक को हय प्रकाय की ववववधताओॊ (मरॊग, धभि, जातत, वगि आहद) के प्रतत
सकायात्भक औय सॊवेदनशीर वातावयर् तनमभित कयना चाहहए।
 सज
ृ नात्भकता के अभ्मास के मरए ववद्मार्थी से सार भें कभ से कभ दो यचनाएॉ मरखवाई
जाएॉ।

आिंतररक मल
ू यािंकन हे तु
श्रवण तथा वाचन ऩरीऺा हे तु हदिा ननदे ि
श्रवण (सन
ु ना) (5 अिंक) : वखर्ित मा ऩहठत साभग्री को सन
ु कय अर्थिग्रहर् कयना, वातािराऩ
कयना, वाद-वववाद, बाषर्, कववताऩाठ आहद को सन
ु कय सभझना, भल्
ू माॊकन कयना औय
अमबव्मजतत के ढॊ ग को सभझना।
वाचन (बोऱना) (5 अिंक) : बाषर्, सस्वय कववता-ऩाठ, वातािराऩ औय उसकी औऩचारयकता,
कामिक्रभ-प्रस्ततु त, कर्था-कहानी अर्थवा घिना सन
ु ाना, ऩरयचम दे ना, बावानक
ु ू र सॊवाद-वाचन।

हिप्ऩण : वातािराऩ की दऺताओॊ का भल्


ू माॊकन तनयॊ तयता के आधाय ऩय ऩयीऺा के सभम ही
होगा। तनधािरयत 10 अॊकों भें से 5 श्रवर् (सन
ु ना) कौशर के भल्
ू माॊकन के मरए औय 5 वाचन
(फोरना) कौशर के भल्
ू माॊकन के मरए होंगे।
वाचन (बोऱना) एविं श्रवण (सन
ु ना) कौिऱ का मल
ू यािंकन :
 ऩयीऺक ककसी प्रासॊचगक ववषम ऩय एक अनच्
ु िे द का स्ऩष्ि वाचन कये गा। अनच्
ु िे द
तथ्मात्भक मा सझ
ु ावात्भक हो सकता है । अनच्
ु िे द रगबग 250 शब्दों का होना चाहहए।
मा
ऩयीऺक 2-3 मभनि का श्रव्म अॊश (ऑडिमो जतरऩ) सन
ु वाएगा। अॊश योचक होना चाहहए ।
कथ्म/घिना ऩर्
ू ि एवॊ स्ऩष्ि होनी चाहहए। वाचक का उच्चायर् शद्
ु ध, स्ऩष्ि एवॊ ववयाभ
चचह्नों के उचचत प्रमोग सहहत होना चाहहए।
 ऩयीऺार्थी ध्मानऩव
ू क
ि ऩयीऺक/ऑडिमो जतरऩ को सन
ु ने के ऩश्चात ऩयीऺक द्वाया ऩि
ू े गए
प्रश्नों का अऩनी सभझ से भौखखक उिय दें गे ।
 ककसी तनधािरयत ववषम ऩय फोरना : जजससे ववद्मार्थी अऩने व्मजततगत अनब
ु वों का
प्रत्मास्भयर् कय सकें।
 कोई कहानी सन
ु ाना मा ककसी घिना का वर्िन कयना।
 ऩरयचम दे ना।
(स्व/ ऩरयवाय/ वातावयर्/ वस्त/ु व्मजतत/ ऩमािवयर्/ कवव /रेखक आहद)

ऩरीऺकों के शऱए अनद


ु े ि :-
 ऩयीऺर् से ऩव
ू ि ऩयीऺार्थी को तैमायी के मरए कुि सभम हदमा जाए।
 वववयर्ात्भक बाषा भें वतिभान कार का प्रमोग अऩेक्षऺत है ।
 तनधािरयत ववषम ऩयीऺार्थी के अनब
ु व-जगत के हों।
 जफ ऩयीऺार्थी फोरना आयॊ ब कये तो ऩयीऺक कभ से कभ हस्तऺेऩ कयें ।

कौिऱों के अिंतरण का मल
ू यािंकन
(इस फात का तनश्चम कयना कक तमा ववद्मार्थी भें श्रवर् औय वाचन की तनम्नमरखखत मोग्मताएॉ हैं)

श्रवण (सन
ु ना) वाचन (बोऱना)
1 ऩरयचचत सॊदबों भें प्रमत
ु त शब्दों औय ऩदों को 1 केवर अरग-अरग शब्दों औय ऩदों के प्रमोग
सभझने की साभान्म मोग्मता है । की मोग्मता प्रदमशित कयता है ।
2 िोिे सस
ु फ
ॊ द्ध कर्थनों को ऩरयचचत सॊदबों भें 2 ऩरयचचत सॊदबों भें केवर िोिे सस
ु फ
ॊ द्ध कर्थनों
सभझने की मोग्मता है । का सीमभत शद्
ु धता से प्रमोग कयता है ।
3 ऩरयचचत मा अऩरयचचत दोनों सॊदबों भें कचर्थत 3 अऩेऺाकृत दीघि बाषर् भें अचधक जहिर
सच
ू ना को स्ऩष्ि सभझने की मोग्मता है । कर्थनों के प्रमोग की मोग्मता प्रदमशित कयता
है ।
4 दीघि कर्थनों की शख
ॊृ रा को ऩमािप्त शद्
ु धता 4 अऩरयचचत जस्र्थततमों भें ववचायों को ताककिक
से सभझने के ढॊ ग औय तनष्कषि तनकार ढॊ ग से सॊगहठत कय धाया-प्रवाह रूऩ भें प्रस्तत

सकने की मोग्मता है । कयता है ।
5 जहिर कर्थनों के ववचाय-बफॊदओ
ु ॊ को सभझने 5 उद्दे श्म औय श्रोता के मरए उऩमत
ु त शैरी को
की मोग्मता प्रदमशित कयने की ऺभता है । वह अऩना सकता है, ऐसा कयते सभम वह केवर
उद्दे श्म के अनक
ु ूर सन
ु ने की कुशरता भाभर
ू ी गरततमाॉ कयता है ।
प्रदमशित कयता है ।

ऩररयोजना कायय - कुऱ अिंक 10


ववषम वस्तु - 5 अॊक
बाषा एवॊ प्रस्तत
ु ी - 3 अॊक
शोध एवॊ भौमरकता - 2 अॊक
 हहॊदी बाषा औय साहहत्म से जड
ु े ववववध ववषमों/ववद्माओॊ/साहहत्मकायों/सभकारीन रेखन/वादों/
बाषा के तकनीकी ऩऺ/प्रबाव/अनप्र
ु मोग/साहहत्म के साभाजजक सॊदबों एवॊ जीवन-भल्
ू म सॊफध
ॊ ी
प्रबावों आहद ऩय ऩरयमोजना कामि हदए जाने चाहहए ।
 सत्र के प्रायॊ ब भें ही ववधार्थी को ववषम चुनने का अवसय मभरे ताकक उसे शोध, तैमायी औय
रेखन के मरए ऩमािप्त सभम मभर सके ।
 वाचन - श्रवण कौिऱ एविं ऩररयोजना कायय का मल
ू यािंकन ववद्याऱय स्तर ऩर आिंतररक
ऩरीऺक द्वारा ही ककया जाएगा।

हहिंदी (ऐच्छिक)(कोड सिं.002)


कऺा –11व (िं 2019-20)
खिंड ववषय अिंक
(क) अऩहित अिंि 16
1 अऩहठत गद्माॊश - फोध (गद्माॊश ऩय आधारयत फोध, प्रमोग, यचनाॊतयर्, शीषिक आहद
11
ऩय रघि
ू यात्भक प्रश्न (2x4 रघि
ू यात्भक प्रश्न + 1x3 अतत रघि
ू यात्भक प्रश्न)
2 अऩहठत काव्माॊश ऩय आधारयत ऩाॉच रघि
ू यात्भक प्रश्न) (1x5) 05
(ख) कायायऱय हहिंदी और रचनात्मक ऱेखन
20
(‘अमबव्मजतत औय भाध्मभ’ ऩस्
ु तक के आधाय ऩय)
3 दी गई जस्र्थतत / घिना के आधाय ऩय दृश्म रेखन (ववकल्ऩ सहहत) 5
4 औऩचारयक – ऩत्र/ स्ववत
ृ रेखन/ योजगाय सॊफध
ॊ ी आवेदन ऩत्र (ववकल्ऩ सहहत) 5
5 व्मावहारयक रेखन (प्रततवेदन, प्रेस-ववऻजप्त, ऩरयऩत्र, कामिसच
ू ी कामिवत
ृ इत्माहद)
3
(ववकल्ऩ सहहत)
6 जनसॊचाय भाध्मभ औय ऩत्रकारयता के ववववध आमाभों ऩय चाय रघि
ू यात्भक प्रश्न
4
(1x4)
7 शब्दकोश ऩरयचम से सॊफचॊ धत एक प्रश्न (ववकल्ऩ सहहत) 3
(ग) ऩाठ्यऩस्
ु तकें 44
(1) अिंतरा भाग-1 32
(अ) काव्य भाग 16
8 एक काव्माॊश की सप्रसॊग व्माख्मा (ववकल्ऩ सहहत) 06
9 कववता के कथ्म ऩय तीन भें से दो प्रश्न (2x2) 04
10 कववताओॊ के काव्म सौंदमि ऩय तीन भें से दो प्रश्न (3x2) 06
(फ) गद्य भाग 16
11 एक गद्माॊश की सप्रसॊग व्माख्मा (ववकल्ऩ सहहत) 05
12 ऩाठों की ववषमवस्तु ऩय दो प्रश्न (3x2) (तीन भें से दो प्रश्न) 06
13 ककसी एक रेखक/ कवव का साहहजत्मक ऩरयचम 05
(2) अिंतराऱ भाग – 1 12
14 ऩाठों की ववषमवस्तु ऩय आधारयत एक प्रश्न (ववकल्ऩ सहहत) 4x1 04
15 ववषमवस्तु ऩय आधारयत दो तनफॊधात्भक प्रश्न 4x2 (ववकल्ऩ सहहत) 08
(घ) (क) श्रवर् तर्था वाचन 10
(ख) ऩरयमोजना 10
कुऱ 100

नोि : ऩाठ्मक्रभ के तनम्नमरखखत ऩाठ केवर ऩढ़ने के मरए होंगे -


अॊतया (बाग - 1)  नए की जन्भ कॊु िरी

प्रस्ताववत ऩस्
ु तकें :
1. अिंतरा, भाग-1, एन.सी.ई.आय.िी. द्वाया प्रकामशत
2. अिंतराऱ, भाग-1, एन.सी.ई.आय.िी. द्वाया प्रकामशत
3. ‘अशभव्यच्तत और माध्यम’, एन.सी.ई.आय.िी. द्वाया प्रकामशत

हहिंदी (ऐच्छिक) (कोड सिं. 002)


कऺा –12व िं (2019-20)
खिंड ववषय अिंक
(क) अऩहित अिंि 16
1 अऩहठत गद्माॊश ऩय आधारयत फोध, प्रमोग, यचनाॊतयर्, शीषिक आहद ऩय रघि
ू यात्भक 11
प्रश्न उऩमत
ु त शीषिक (1x1) + रघु प्रश्न (2x 5)
2 अऩहठत काव्माॊश ऩय आधारयत ऩॉच रघि
ू यात्भक प्रश्न (1x5) 05
(ख) कायायऱय हहिंदी और रचनात्मक ऱेखन (अशभव्यच्तत और माध्यम ऩस्
ु तक के आधार ऩर) 20
3 हदए गए नए औय अप्रत्मामशत ववषमों भें से ककसी एक ववषम ऩय यचनात्भक रेखन 05
(ववकल्ऩ सहहत)
4 कामािरमी ऩत्र (ववकल्ऩ सहहत) 05
5 ववमबन्न भाध्मभों के मरए ऩत्रकायीम रेखन औय उसके ववववध आमाभों ऩय रघि
ू यात्भक 04
प्रश्न 1x4
6 कववता / कहानी / नािक की यचना प्रकक्रमा ऩय आधारयत प्रश्न 3x1 (ववकल्ऩ सहहत) 03
7 सभाचाय रेखन (उल्िा वऩयामभि शैरी)/ पीचय रेखन/ आरेख-रेखन (ववकल्ऩ सहहत) 03
(ग) ऩाठ्यऩस्
ु तक 44
(1) अिंतरा भाग-2 32
(अ) काव्य भाग 16
8 दो काव्माॊशों भें से ककसी एक काव्माॊश की सप्रसॊग व्माख्मा 06
9 कववता के कथ्म ऩय दो प्रश्न (2x2) (तीन भें से दो प्रश्न) 04
10 कववताओॊ के काव्म सौन्दमि ऩय दो प्रश्न (3x2) (तीन भें से दो) 06
(फ) गद्य भाग 16
11 दो गद्माॊशों भें से ककसी एक गद्माॊश की सप्रसॊग व्माख्मा ववकल्ऩ सहहत 05
12 ऩाठों की ववषमवस्तु ऩय दो प्रश्न (तीन भें से दो) (3x2) 06
13 एक रेखक/एक कवव का साहहजत्मक ऩरयचम (5x1) 05
(2) अिंतराऱ भाग – 2 12
14 ऩाठों की ववषमवस्तु ऩय आधारयत एक प्रश्न ववकल्ऩ सहहत (4x1) 04
15 ववषमवस्तु ऩय आधारयत दो तनफॊधात्भक प्रश्न (4x2) (तीन भें से दो) 08
(घ) (क) श्रवर् एवॊ वाचन 10
(ख) ऩरयमोजना 10
कुऱ 100

नोि : ऩाठ्मक्रभ के तनम्नमरखखत ऩाठ केवर ऩढ़ने के मरए होंगे –

अॊतया (बाग- 2)  अऻेम (मह दीऩ अकेरा, भैंने दे खा एक फद


ूॊ )
 केशवदास (कववि /सवैमा)

प्रस्ताववत ऩस्
ु तकें :
1. अिंतरा, भाग–2, एन.सी.ई.आय.िी. द्वाया प्रकामशत
2. अिंतराऱ, भाग–2, (ववववध ववधाओॊ का सॊकरन), एन.सी.ई.आय.िी. द्वाया प्रकामशत
3. ‘अशभव्यच्तत और माध्यम’, एन.सी.ई.आय.िी. द्वाया प्रकामशत
प्रश्नऩत्र का प्रश्नानस
ु ार ववश्ऱेषण एविं प्रारूऩ
हहिंदी ऩाठ्यक्रम – 11व िं (ऐच्छिक) (2019-20)

ननधायररत समयावधध : 3 घिंिे अधधकतम अिंक : 100


क्र. प्रश्नों का प्रारूऩ दऺता ऩरीऺण/ अधधगम 1 2 3 4 5 6 कुऱ
सिं. ऩररणाम अिंक अिंक अिंक अिंक अिंक अिंक योग
1 अऩहित बोध अवधायर्ात्भक फोध, अर्थिग्रहर्, 8 4 - - - - 16
(ऩिन कौिऱ) अनभ
ु ान रगाना, ववश्रेषर् कयना,
शब्दऻान व बावषक प्रमोग,
सज
ृ नात्भकता, भौमरकताI
2 कायायऱय हहिंदी सॊकेत बफॊदओ
ु ॊ का ववस्ताय, अऩने 4 - 2 - 2 - 20
और रचनात्मक भत का अमबव्मजतत, सोदाहयर्
ऱेखन (ऱेखन सभझना, औचचत्म तनधाियर्, बाषा
भें प्रवाहभमता, सिीक शैरी, उचचत
कौिऱ)
प्रारूऩ का प्रमोग, अमबव्मजतत की
भौमरकता, सज
ृ नात्भकता एवॊ
ताककिकताI
3 ऩाठ्य ऩस्
ु तकें प्रत्मास्भयर्, ववषमवस्तु का फोध - 2 4 3 2 1 44
एवॊ व्माख्मा, अर्थिग्रहर्
(बावग्रहर्) रेखक के भनोबावों
को सभझना शब्दों का
प्रसॊगानक
ु ूर अर्थि सभझना,
आरोचनात्भक चचॊतन, ताककिकता,
सयाहना, साहहजत्मक ऩयॊ ऩयाओॊ के
ऩरयप्रेक्ष्म भें भूल्माॊकन, ववश्रेषर्,
सज
ृ नात्भकता, कल्ऩनाशीरता,
कामि-कायर् सॊफॊध स्र्थावऩत कयना,
साम्मता एवॊ अॊतयों की ऩहचान,
अमबव्मजतत भें भौमरकता एवॊ
जीवन भूल्मों की ऩहचान।
4 (क) श्रवर् तर्था वाचन - - - - - - 10
(ख) ऩरयमोजना - - - - - - 10
कुर 1x12 2x6 3x6 4x3 5x4 6x1 100
= 12 = 12 = 18 = 12 = 20 = 6
प्रश्नऩत्र का प्रश्नानस
ु ार ववश्ऱेषण एविं प्रारूऩ
हहिंदी ऩाठ्यक्रम – 12व िं (ऐच्छिक) (2019-20)

ननधायररत समयावधध : 3 घिंिे अधधकतम अिंक : 100


क्र. प्रश्नों का प्रारूऩ दऺता ऩरीऺण/ अधधगम 1 2 3 4 5 6 कुऱ
सिं. ऩररणाम अिंक अिंक अिंक अिंक अिंक अिंक योग
1 अऩहित बोध अवधायर्ात्भक फोध, अर्थिग्रहर्, 6 5 - - - - 16
(ऩिन कौिऱ) अनभ
ु ान रगाना, ववश्रेषर् कयना,
शब्दऻान व बावषक प्रमोग,
सज
ृ नात्भकता, भौमरकता I
2 कायायऱय हहिंदी सॊकेत बफॊदओ
ु ॊ का ववस्ताय, अऩने 4 - 2 - 2 - 20
और रचनात्मक भत का अमबव्मजतत, सोदाहयर्
ऱेखन (ऱेखन सभझना, औचचत्म तनधाियर्, बाषा
भें प्रवाहभमता, सिीक शैरी, उचचत
कौिऱ)
प्रारूऩ का प्रमोग, अमबव्मजतत की
भौमरकता, सज
ृ नात्भकता एवॊ
ताककिकताI
3 ऩाठ्य ऩस्
ु तकें प्रत्मास्भयर्, ववषमवस्तु का फोध - 2 4 3 2 1 44
एवॊ व्माख्मा, अर्थिग्रहर् (बावग्रहर्)
रेखक के भनोबावों को सभझना
शब्दों का प्रसॊगानुकूर अर्थि
सभझना, आरोचनात्भक चचॊतन,
ताककिकता, सयाहना, साहहजत्मक
ऩयॊ ऩयाओॊ के ऩरयप्रेक्ष्म भें
भूल्माॊकन, ववश्रेषर्, सज
ृ नात्भकता,
कल्ऩनाशीरता, कामि-कायर् सॊफॊध
स्र्थावऩत कयना, साम्मता एवॊ
अॊतयों की ऩहचान, अमबव्मजतत भें
भौमरकता एवॊ जीवन भूल्मों की
ऩहचान।
4 (क) श्रवर् तर्था वाचन - - - - - - 10
(ख) ऩरयमोजना - - - - - - 10
कुर 1x10 2x7 3x6 4x3 5x4 6x1 100
= 10 = 14 = 18 = 12 = 20 = 6

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