Professional Documents
Culture Documents
Mechanics Properties of Matter Heat and Magnetism Hindi 681697196480753
Mechanics Properties of Matter Heat and Magnetism Hindi 681697196480753
com
www.byjusexamprep.com
य ांत्रिकी
● य ांत्रिकी भौतिक विज्ञ न की मुख्य श ख ओां में से एक है, जो विभभन्न प्रक र के बलों य विस्थ पन के
अांिर्गि होने पर, भौतिक वपांडों के अध्ययन और व्यिह र िथ वपांडों के पररिेश पर अनुििी प्रभ ि से
सांबांधिि है, अथ गि, ककसी िस्िु की स्स्थति में उसके पररिेश के स पेक्ष पररििगन।
● उद हरण के भलए, सूयग के च रों ओर घूमने ि ले ग्रहों पर र्ुरुत्ि कर्गण क प्रभ ि, चुांबकीय बल स्जससे
लोहे के कण चुांबक की ओर आकवर्गि होि है , विद्युि बल स्जसके िहि दोनों आिेश एक दस
ू रे की
ओर आकवर्गि होिे हैं, आदद।
● य ांत्रिकी को मुख्य रूप से तनम्नभलखखि िीन श्रेखणयों में िर्ीकृि ककय ज सकि है:
1. धचरसम्मि य ांत्रिकी
2. प्रम ि य ांत्रिकी
3. स ांस्ख्यकीय य ांत्रिकी
चचरसम्र्त य ांत्रिकी
www.byjusexamprep.com
● धचरसम्मि य ांत्रिकी एक भौतिकी भसद्ि ांि है जो प्रक्षेप्य से लेकर मशीनरी के विभभन्न भ र्ों िक
स्थल
ू िस्िओ
ु ां (स म न्य आांखों से ददख ई दे ने ि ली िस्िओ
ु ां) िथ अांिररक्ष य न, ि रों, ग्रहों और
आक शर्ांर् ओां जैसी खर्ोलीय िस्िओ
ु ां की र्ति पर विच र करि है।
● उन िस्िओ
ु ां के भलए, स्जन्हें धचरसम्मि य ांत्रिकी तनयांत्रिि करिी हैं, यदद ििगम न अिस्थ ज्ञ ि है ,
िो हम भविष्यि णी कर सकिे हैं कक कोई िस्िु भविष्य में कैसे र्ति करे र्ी (तनयित्िि द) और
इसने अिीि में कैसे र्ति की थी (प्रतिििीि )।
● धचरसम्मि य ांत्रिकी को आर्े दो प्रक रों में विभ स्जि ककय र्य है, जो हैं:
1. 1. शद्
ु ध गततववज्ञ न (क इनेर्ेटिक्स) -यह भौतिक विज्ञ न की एक श ख है िथ श भमल बलों
(अथ गि, र्ति के क रण और प्रभ ि) पर विच र ककए त्रबन ककसी वपांड य वपांडों के तनक य की
ज्य भमिीय रूप से सांभि र्ति से सांबांधिि धचरसम्मि य ांत्रिकी क एक की एक श ख है।
o शद्
ु ि र्तिविज्ञ न क उद्दे श्य वपांडों य
भौतिक कणों के वपांडों की स्थ तनक
स्स्थति, कणों के र्ति करने की दर
(िेर्), और उनके िेर् पररििगन की दर
(त्िरण) क वििरण प्रद न करन है।
प्रर् ि य ांत्रिकी
● प्रम ि य ांत्रिकी विज्ञ न क िह भसद्ि ांि है जो परम णु और उप-परम णु स्िरों पर पद थग और प्रक श
के व्यिह र क अध्ययन करि है।
www.byjusexamprep.com
● प्रम ि य ांत्रिकी िह मल
ू भि
ू स िन है जो सैद्ि ांतिक स्िर पर र स यतनक यौधर्कों की इलेक्ट्रॉतनक
सांरचन और उनकी य ांत्रिकी, ऊष्म र्ति की, र स यतनक बलर्तिकी और र स यतनक प्रतिकिय ओां
की बलर्तिकी को समझने में सह यि करि है।
● प्रम ि य ांत्रिकी अणओ
ु ां और परम णओ
ु ां और उनके घटकों अथ गि ् इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन, न्यर
ू ॉन, और
कई अन्य कण जैसे क्ट्ि कग और ग्लओ
ू न के र्ण
ु ों क िणगन करने और दे खने क प्रय स करिी है। इन
विशेर्ि ओां में कणों की एक दस
ू रे के स थ अन्योन्य किय (सूक्ष्म स्िर पर) िथ प्रक श-ककरणों,
एक्ट्स-ककरणों, और र् म -ककरणों जैसे विद्युि चुम्बकीय विककरणों के स थ अन्योन्य किय श भमल
है।
● प्रम ि य ांत्रिकी की एक अतनि यग विशेर्ि यह है कक ककसी तनक य को त्रबन अव्यिस्स्थि ककए
म पन स म न्य िौर पर असांभि है , यह ां िक कक भसद्ि ांि रूप में भी; इस व्यिि न की विस्िि
ृ
प्रकृति और सटीक त्रबांद ु स्जस पर यह होि है, अस्पष्ट और विि द स्पद है।
● प्रम ि य ांत्रिकी क अध्ययन कई क रणों से ल भद यक है। पहल , यह भौतिक विज्ञ न की आिश्यक
क यगप्रण ली को दश गि है। दस
ू र , यह व्य िह ररक रूप से प्रत्येक उस स्स्थति में सही पररण म दे ने में
क फी सफल रह है, स्जस पर इसे ल र्ू ककय र्य है।
● यह प्रम ि रस यन विज्ञ न, प्रम ि क्षेि भसद्ि ांि, प्रम ि प्रौद्योधर्की, और प्रम ि सूचन विज्ञ न
सदहि सभी प्रम ि भौतिक विज्ञ न की नीांि है।
स ांख्ययकीय य ांत्रिकी
● स ांस्ख्यकीय य ांत्रिकी, भौतिक विज्ञ न की एक श ख जो स ांस्ख्यकी के भसद्ि ांिों और प्रकिय ओां को
धचरसम्मि और प्रम ि य ांत्रिकी दोनों के तनयमों के स थ जोड़िी है , विशेर् रूप से ऊष्म र्तिकी के
क्षेि से सांबांधिि है।
● इसक उद्दे श्य मैिोस्कोवपक प्रण भलयों के सूक्ष्म घटकों के र्ुणों और व्यिह र के आि र पर उन
प्रण भलयों के म पनीय र्ण
ु ों की भविष्यि णी और व्य ख्य करन है।
● स ांस्ख्यकीय य ांत्रिकी के क्षेि क श्रेय आमिौर पर ऑस्स्रय ई भौतिक विज्ञ नी लड
ु विर् बोल्ट्जमैन
को ददय ज ि है, स्जन्होंने सक्ष्
ू म अिस्थ ओां के सांग्रह के सांदभग में एन्र पी की मौभलक व्य ख्य
विकभसि की थी।
● स ांस्ख्यकीय य ांत्रिकी प्र तयकि के तनयमों पर बहुि अधिक तनभगर करिी है। यह एक स्थल
ू पद थग में
प्रत्येक व्यस्क्ट्िर्ि कण के व्यिह र पर ध्य न केंदद्रि नहीां करिी है बस्ल्टक एक ही िरह के कणों की
एक बड़ी सांख्य के औसि व्यिह र पर ध्य न केंदद्रि करिी है।
www.byjusexamprep.com
● स ांस्ख्यकीय य ांत्रिकी, उद हरण के भलए, उष्मीय ऊज ग को अव्यिस्स्थि अिस्थ ओां में परम णु कणों
की ऊज ग के रूप में और ि पम न को इस िरह के कणों के बीच ऊज ग स झ करने की म ि त्मक म प
के रूप में व्य ख्य करिी है।
पद र्थ के गुण-धर्थ
● पद थग एक भौतिक पद थग है जो स्थ न घेरि है, द्रव्यम न रखि है , परम णओ
ु ां से बन है - य , उप-
परम णक
ु कणों के म मले में, एक परम णु क दहस्स है- और ऊज ग में पररििगनीय है। यही क रण है
कक परम णुओां को स म न्य रूप से पद थग के तनम गण खांड कह ज ि है।
● सभी भौतिक सांरचन एां पद थग से बनी होिी हैं, और पद थग की अिस्थ य प्रकिय पद थग क आस नी
से दे ख ज ने ि ल र्ुणिमग है। ठोस, द्रि और र्ैस पद थग की िीन मूल अिस्थ एां हैं।
● प्रत्येक अिस्थ के अलर्-अलर् र्ुणिमग होिे हैं जो इसे अन्य अिस्थ ओां से अलर् करिे हैं, और
चरण सांिमण प्रकिय एां होिी हैं स्जसके द्ि र पद थग एक अिस्थ से दस
ू री अिस्थ में पररितिगि
होि है।
● कोई भी विशेर्ि स्जसे म प ज सकि है , जैसे ककसी िस्िु क घनत्ि, रां र्, द्रव्यम न, आयिन,
लांब ई, आघ िििगनीयि , र्लन ांक, कठोरि , र्ांि, ि पम न, और बहुि कुछ, पद थग के र्ुणिमग म ने
ज िे हैं।
● पद थग के र्ुणिमग उन र्ुणों/विशेर्ि ओां को सांदभभगि करिे हैं जो पद थग के एक नमूने को दस
ू रे से
अलर् करिे हैं। इन र्ुणिमों को आमिौर पर दो श्रेखणयों में विभ स्जि ककय ज ि है: भौतिक य
र स यतनक।
जबकक अन्य अत्यांि तनस्ष्िय होिे हैं। उद हरण के भलए, पोटै भशयम जल की उपस्स्थति में भी
अत्यांि प्रतिकिय शील होि है। मटर के आक र क पोटे भशयम क एक टुकड़ जल की एक छोटी
म ि के स थ भमल ने पर विस्फोटक रूप से प्रतिकिय करि है।
o दहन की ऊष्र् िह ऊज ग है जो िब मक्ट्
ु ि होिी है जब कोई यौधर्क ऑक्ट्सीजन के स थ पण
ू ग दहन
(जलन) से र्ज
ु रि है। दहन की ऊष्म क प्रिीक ΔHcहै।
o ज्वलनशीलत - पद थग के जलने की प्रिवृ ि को ज्िलनशीलि कह ज ि है। जैसे ही पद थग जलि
है , यह ऑक्ट्सीजन के स थ प्रतिकिय करि है और विभभन्न पद थों में पररितिगि हो ज ि है।
ज्िलनशील पद थग कुछ भी हो सकि है जैसे कक लकड़ी।
o ववष क्तत - विर् क्ट्िि उस सीम को सांदभभगि करिी है स्जस िक एक र स यतनक ित्ि य
रस यनों क सांयोजन ककसी जीि को ह तन पहुांच सकि है।
o अम्लत - ककसी पद थग की अम्ल के स थ प्रतिकिय करने की क्षमि एक र स यतनक र्ुणिमग
है। कुछ ि िुएँ विभभन्न अम्लों के स थ अभभकिय करके यौधर्क बन िी हैं। अम्ल क्ष र के स थ
अभभकिय करके जल बन ि है , जो अम्ल को तनस्ष्िय कर दे ि है।
ऊष्र्
● ऊष्म िह ऊज ग है जो ि पम न में अांिर के क रण एक वपांड से दस
ू रे वपांड में स्थ न ांिररि होिी है।
● यदद अलर्-अलर् ि पम न पर दो वपांडों को एक स थ ल य ज ि है , िो ऊज ग स्थ न ांिररि हो ज िी
है - अथ गि, ऊष्म र्मग वपांड से ठां डे वपांड में प्रि दहि होिी है।
● उष्म को आमिौर पर कैलोरी य जूल में म प ज ि है। ऊष्म क एसआई म िक जल
ू है , जह ँ 1 जूल
= 1 न्यूटन × मीटर
● ऊष्म प्रि ह य स्जस दर पर तनक यों के बीच ऊष्म क स्थ न ांिरण होि है , उसक म िक शस्क्ट्ि के
म िक सम न होि है, अथ गि, ऊज ग प्रति इक ई समय (J/s)।
www.byjusexamprep.com
● ऊष्म क अध्ययन ककसी िस्िु को बन ने ि ले परम णुओां और अणुओां क अध्ययन है। परम णु
स्जिनी िेजी से आर्े बढ़िे हैं, ि पम न उिन ही र्मग होि है क्ट्योंकक उनमें अधिक ऊज ग होिी है।
● एक वपांड के ि पम न में िद्
ृ धि के स थ, अणुओां य परम णुओां के कांपन में िद्
ृ धि होिी है। कफर ये
कांपन वपांड के एक भ र् से दस
ू रे भ र् में स्थ न ांिररि हो ज िे हैं। ऊज ग की िह म प स्जससे ककसी
तनक य में अणु कांपन करिे हैं, उस िस्िु में सांधचि ऊष्म कहल िी है।
● कोई पद थग एक भौतिक अिस्थ से दस
ू री भौतिक अिस्थ में पररििगन करके ि पम न में िद्
ृ धि ककए
त्रबन ऊष्म को अिशोवर्ि कर सकि है। उद हरण के भलए - 1) र्लन में , पद थग ठोस से िरल में
बदल ज ि है। 2) ऊध्िगप िन की प्रकिय में ठोस ि ष्प अिस्थ में पररितिगि हो ज ि है। 3) क्ट्िथन
की प्रकिय में, िरल ि ष्प में पररितिगि हो ज ि है।
● ऊष्म को ऊज ग के रूप में ऊज ग के अन्य रूपों में बदल ज सकि है। उद हरण के भलए, मोटर च भलि
ि हनों में, ऊष्म को य ांत्रिक ऊज ग में पररितिगि ककय ज ि है। विद्युि बल्टबों में , इसे प्रक श ऊज ग में
पररितिगि ककय ज ि है। ि प विद्यि
ु सांयांिों में , इसे अांििः विद्यि
ु ऊज ग में पररितिगि ककय ज ि
है।
ऊष्र् क वगीकरण
ऊष्म को इस प्रक र िर्ीकृि ककय ज सकि है :
1. गर्थ - उच्च ि प स मग्री ि ली िस्िुओां को र्मग िस्िओ
ु ां के रूप में पररभ वर्ि ककय ज ि है (ककसी
िस्िु की र्मी य ठां डक एक स पेक्ष शब्द है स्जसे हमेश सांदभग िस्िु के सांबांि में म प ज ि है )।
o उद हरणों में सूय,ग अस्ग्न, र्मग बिगन, हे अर ड्र यर से ि य,ु ज्ि ल मुखी विस्फोट से ल ि आदद
श भमल हैं।
www.byjusexamprep.com
ऊष्र् के स्रोत
ऊष्म के कई स्रोि हैं, लेककन ऊष्म के मुख्य स्रोि तनम्नभलखखि हैं-
1. सूयथ - सय
ू ग से ऊज ग विद्युि चुम्बकीय िरां र्ों य फोटॉन द्ि र मुक्ट्ि की ज िी है।
2. र स यतनक - दहन (जलन) िह रस यतनक प्रकिय है, जो ि पीय ऊज ग उत्पन्न करिी है।
3. ववद्युत - विद्युि ऊज ग क उपयोर् अच्छे प्रतिरोिक ि प ित्िों में ऊष्म उत्पन्न करने के भलए ककय
ज सकि है।
4. न भभकीय - न भभकीय अभभकिय एां परम णुओां और अणुओां की ऊज ग से सांबांधिि होिी हैं; एक
न भभकीय अभभकिय में लुप्ि द्रव्यम न आइांस्टीन के द्रव्यम न-ऊज ग सांबांि के अनस
ु र ऊज ग के रूप
में ब हर तनकलि है और इस प्रक र ऊष्म उत्पन्न करि है।
त पर् न क्य है ?
● ि पम न ककसी पद थग की, य अधिक स म न्यिः ककसी भी भौतिक तनक य की, ऊष्मीय ऊज ग को
ककसी अन्य भौतिक तनक य में स्थ न ांिररि करने की क्षमि की एक म प है।
● ककसी िस्िु क ि पम न स्जिन अधिक होि है, उस िस्िु की ऊष्म स्थ न ांिररि करने की प्रिवृ ि
उिनी ही अधिक होिी है। ककसी िस्िु क ि पम न स्जिन कम होि है, उस िस्िु के ऊष्म
स्थ न ांिरण के प्र स्प्ि छोर पर होने की प्रिवृ ि उिनी ही अधिक होिी है।
● ि पम न को ककसी िस्िु की ि पीय ऊज ग की म प के रूप में पररभ वर्ि ककय ज ि है। इसे केस्ल्टिन
य सेस्ल्टसयस में म प ज ि है। इसक एसआई म िक केस्ल्टिन (K) है।
चांब
ु कत्व
● चुांबकत्ि चुांबकीय क्षेि से जुड़ी एक घटन है , जो विद्युि आिेशों की र्ति से उत्पन्न होिी है।
● यह एक च लक य त्रिविम के म ध्यम से
चलने ि ले आिेभशि कणों में विद्युि प्रि ह भी
हो सकि है, य यह एक परम णु कक्ष में एक
इलेक्ट्रॉन की र्ति हो सकिी है।
● चुांबकत्ि प्र थभमक कणों से भी जुड़ है , जैसे कक
इलेक्ट्रॉन, स्जसमें प्रचिण न मक एक
र्ुणिमग होि है।
● एक चुांबकीय क्षेि लॉरें ज बल के क रण क्षेि के
कणों पर बल आरोवपि करि है।
www.byjusexamprep.com
● विद्युि आिेभशि कणों की र्ति चुांबकत्ि को जन्म दे िी है। एक चुांबकीय क्षेि में विद्युि आिेभशि
कण पर क यग करने ि ल बल, आिेश के पररम ण, कण के िेर् और चुांबकीय क्षेि की स मर्थयग पर
तनभगर करि है।
● चुांबकत्ि की खोज सबसे पहले प्र चीन विश्ि में की र्ई थी जब लोर्ों ने दे ख कक लोडस्टोन, खतनज
मैग्नेट इट के प्र कृतिक रूप से चुांबकीय टुकड़े, लोहे को आकवर्गि कर सकिे हैं।
● ककसी स मग्री की चुांबकीय अिस्थ (य चुांबकीय चरण) ि पम न, द ब और आरोवपि चुांबकीय क्षेि
पर तनभगर करिी है। एक स मग्री चुांबकत्ि के एक से अधिक रूपों को प्रदभशगि कर सकिी है क्ट्योंकक ये
चर बदलिे रहिे हैं।
● दरू ी के स थ चुांबकीय क्षेि की स मर्थयग लर्भर् हमेश कम होिी ज िी है।
चुांबकत्व के प्रक र
www.byjusexamprep.com
1. प्रततचांब
ु कत्व - यह ककसी पद थग की प्रयक्ट्
ु ि चांब
ु कीय क्षेि क विरोि करने
की प्रिवृ ि है, और इसभलए, इसे चांब
ु कीय क्षेि द्ि र प्रतिकवर्गि ककय ज ि
है। प्रतिचांब
ु कत्ि सभी स मधग्रयों में प्रकट होि है। एक प्रतिचांब
ु कीय पद थग
में, जब कोई प्रयक्ट्
ु ि क्षेि नहीां होि है , िो परम णओ
ु ां में कोई शद्
ु ि चांब
ु कीय
आघण
ू ग नहीां होि है।
उद हरण – अकिय र्ैसें, Au, Cu, Hg, B, Si, आदद