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उद्दीऩन : उद्दीऩन एक कययक मय आसऩयस के वयतयवयण भें होने वयरय ऩरयवतान है , जो शयीय
भें प्रततक्रिमय आयॊ ब कयवयतय है । मे उद्दीऩन अनेक प्रकयय के हो सकते हैं। जैसे:- शययीरयक
(स्ऩशा, चब
ु न, दफयव), श्रवण, ययसयमतनक, प्रकयशीम, ऊष्भय औय ठॊ ड मय ववद्मुतीम (इरेक्ट्रिकर)।
मह सबी जॊतओ
ु ॊ भें दो भख्
ु म तॊत्रों द्वययय क्रकमय जयतय है
A. तॊत्रत्रकय तॊत्र
B. अॊत्स्रयवी तॊत्र
A. तन्त्न्त्रका तन्त्र:
क्ट्जस तन्त्त्र के द्वययय ववभबन्त्न अॊगों कय तनमॊत्रण औय अॊगों औय वयतयवयण भें सयभॊजस्म
स्थयवऩत होतय है उसे तक्ट्न्त्त्रकय तन्त्त्र ( Nervous System) कहते हैं। तॊत्रत्रकय तॊत्र भें भक्ट्स्तष्क ,
भेरुयज्जु औय इनसे तनकरनेवयरी तॊत्रत्रकयओॊ की गणनय की जयती है ।
तन्त्न्त्रका कोशिका
तक्ट्न्त्त्रकय कोभशकय, तक्ट्न्त्त्रकय तन्त्त्र की यचनयत्भक एवॊ क्रिमयत्भक इकयई है । तॊत्रत्रकय कोभशकय एवॊ
इसकी सहयमक अन्त्म कोभशकयएॉ भभरकय तक्ट्न्त्त्रकय तन्त्त्र के कयमों को सम्ऩन्त्न कयती हैं।
हभयये ऩमयावयण से सबी सूचनयओॊ कय ऩतय कुछ तॊत्रत्रकय कोभशकयओॊ के ववभशष्टीकृत भसयों
ग्रयही (Receptors), द्वययय, रगयमय जयतय है । मे ग्रयही प्रयम् हभययी ऻयनेंद्रिमों भें क्ट्स्थत होते हैं ;
जैसे –
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Class 10 Science Chapter 7 – Hindi Medium by Suresh
(i) डेन्राइट या द्रशु मका : मे तॊत्रत्रकय कोभशकय से तनकरे कोभशकयिव्मीम प्ररम्फ हैं। इनके भसये
तॊत्रत्रकय आवेग को ग्रहण कयते हैं औय एक ययसयमतनक क्रिमय होती है जो ववद्मुतीम आवेग
ऩैदय कयती है । मह आवेग सॊऩूणा कोभशकय–कयम भें सॊचयरयत हो जयतय है ।
(ii) कोशिका-कायः कोभशकय–कयम भें कोभशकयिव्म से तघयय एक स्ऩष्ट केंिक होतय है । इस कयम
भें फयकी कोभशकयओॊ के जैसे ही सबी कोभशकयॊग होते हैं ( Neurolemma) कोभशकय–कयम तॊत्रत्रकय
आवेग को तॊत्रत्रकय तॊतु तक सॊचयभरत कयतय है ।
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दो तॊत्रत्रकय कोभशकयओॊ के भध्म हभेशय फहुत ही छोटय-सय रयरत स्थयन होतय है । इस रयरत
स्थयन को अॊतर्ग्रथन (Synapse) कहते हैं। अॊतग्राथन ऩय सूचनय एक तॊत्रत्रकय कोभशकय से दस
ू यी
तॊत्रत्रकय कोभशकय को स्थयनयॊतरयत होती है । इनभें सूचनयओॊ कय आदयन-प्रदयन दो प्रकयय से है ।
ववद्मत
ु सॊकेतों के रूऩ भें तथय ययसयमतनक सॊकेतों के रूऩ भें । ववद्मत
ु सॊकेतों के रूऩ भें
सूचनय कय आदयन-प्रदयन केवर तॊत्रत्रकयओॊ के बौततक सॊऩका की दशय भें ही होते हैं। ऩयन्त्तु मद्रद
दोनों तॊत्रत्रकय कोभशकयओॊ के फीच अॊतग्राथन हो तो ययसयमतनक सॊकेत के रूऩ भें एक तॊत्रत्रकय
कोभशकय से दस
ू यी तॊत्रत्रकोभशकय भें जयतय है । अत् अॊतग्राथन द्वययय सूचनय आवेश कय आदयन-
प्रदयन क्रकमय जयतय है ।
इसी तयह कय एक अॊतग्राथन (भसनेप्स) अॊतत् ऐसे आवेगों को तॊत्रत्रकय कोभशकय से अन्त्म
कोभशकयओॊ, जैसे क्रक ऩेशी कोभशकयओॊ मय ग्रॊथथ तक रे जयतय है ।
1. सॊवेदी तॊत्रत्रका कोशिकाएॊ ( Sensory nerve cells): मे आवेग को सॊवेदग्रयही अॊगों (सॊवेदी अॊग)
से भुख्म केंिीम तॊत्रत्रकय तॊत्र (भक्ट्स्तष्क तथय भेरु-यज्ज)ु तक ऩहुॊचयती है ।
2. प्रेरक तॊत्रत्रका कोशिकाएॊ (Motor neurons): मे आवेग को केंिीम तॊत्रत्रकय तॊत्र से प्रबयवकतयाओॊ
(भयॊसऩेभशमों एवॊ ग्रॊथथमों) तक रे जयती हैं।
3. सॊयोजी तॊत्रत्रका कोशिकाएॊ ( Connecting neurons): भक्ट्स्तस्क भें क्ट्स्थत होती हैं जो सॊवेदी
तथय प्रेयक तॊत्रत्रकय कोभशकयओॊ को जोड़ती हैं।
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प्रततवती क्रिमय :
क्रकसी उद्दीऩन के प्रतत तेज व अचयनक की गई अनक्रु िमय प्रततवती क्रिमय कहरयती है ।
उदयहयण :
(i) जफ आऩकी आॊख भें कोई कण आद्रद थगय जयए , तो पौयन उसे फयहय तनकयरने के
भरए आॊसू तनकरने रगते हैं। (ग्रॊथीम स्रयव)
(ii) जफ आऩकय हयथ दघ
ु ट
ा नयवश गरती से एक गभा फतान से छू जयए , आऩ उसे झटके
से तत्कयर वयऩस खीॊच रेते हैं। (ऩेशीम गतत)
(iii) फहुत ठॊ ड होने ऩय आऩ कयॊऩते हैं (ऩेशीम सॊकुचन) मय फहुत गभी होने ऩय ऩसीनय
आतय है । (ग्रॊथीम स्रयव)
मे प्रततवती क्रिमयएॉ भक्ट्स्तष्क के ऐक्ट्छछक तनमॊत्रण भें नहीॊ होती। प्रततवती क्रिमय भेरुयज्जु के
द्वययय तनमॊत्रत्रत ऩेभशमों की अनैक्ट्छछक क्रिमयएॉ होती हैं जो प्रेयक के प्रत्मुत्तय भें सम्ऩन्त्न होती
है । मे क्रिमयएॉ भक्ट्स्तष्क की इछछय त्रफनय होने ऩय सच
ू नय भक्ट्स्तष्क तक ऩहुॉचती है ।
प्रनतवती चाऩ
प्रततवती क्रिमयओॊ भें ग्रयही अॊगों से सूचनयएॉ सॊवेदी तॊत्रत्रकयओॊ द्वययय भेरुयज्जु तक जयती हैं।
वहयॉ से अभबक्रिमय के भरए प्रेयक तॊत्रत्रकयओॊ द्वययय अऩवयही अॊग तक ऩहुॊचती हैं। इस ऩथ को
प्रततवती चयऩ कहते हैं।
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प्रनतवती क्रिया की आवश्यकता : कुछ ऩरयक्ट्स्थततमों भें जैसे गभा वस्तु छूने ऩय , ऩैनी वस्तु
चब
ु ने ऩय आद्रद हभें तुयॊत क्रिमय कयनी होती है वनया हभयये शयीय को ऺतत ऩहुॉच सकती है ।
महयॉ अनुक्रिमय भक्ट्स्तष्क के स्थयन ऩय भेरुयज्जू से उत्ऩन्त्न होती है , जो जल्दी होती है ।
तॊत्रत्रकय तॊत्र के भुख्म दो बयग होते हैं : केंिीम तॊत्रत्रकय तॊत्र क्ट्जसभें भक्ट्स्तष्क एवॊ भेरु-यज्जु
आते हैं तथय ऩरयधीम तॊत्रत्रकय तॊत्र क्ट्जसभें भक्ट्स्तष्क तथय भेरु यज्जु से तनकरने वयरी तॊत्रत्रकयएॊ
आती हैं। तॊत्रत्रकय तॊत्र कय भख्
ु म गठन नीचे चयटा भें सयययॊभशत क्रकमय गमय है ।
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भक्ट्स्तष्क- भक्ट्स्तष्क एक फहुत कोभर अॊग है । मह ऩूये शयीय कय सभन्त्वम केंि है । भक्ट्स्तष्क
कऩयर भें सुयक्षऺत यहतय है । मह तीन झझक्ट्ल्रमों से ढकय हुआ होतय है । इन झझक्ट्ल्रमों के फीच
के रयरत स्थयन भें प्रभक्ट्स्तष्क िव बयय हुआ होतय है जो भक्ट्स्तष्क को मयॊत्रत्रकय आघयत से
फचयतय है ।
a) अग्रभक्ट्स्तष्क
b) भध्मभक्ट्स्तष्क Mid-brain
c) ऩश्चभक्ट्स्तष्क
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प्रभक्ट्स्तष्क चययों ओय से थेरेभस से तघयय हुआ यहतय है । थेरेभस सॊवेदी व प्रेयक सॊकेतो
कय केन्त्ि है । अग्र भक्ट्स्तष्क के आधयय के सभीऩ हयइऩोथेरेभस ( Hypothalamus) क्ट्स्थत
होतय है । मह बयग बख
ू , प्मयस, तनिय, तयऩ, थकयन, भनोबयवनयओॊ की अभबव्मक्ट्रत आद्रद कय
ऻयन कयवयतय है ।
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(c) ऩश्च मन्त्ततष्क- ऩश्च भक्ट्स्तष्क तीन केन्त्िों कय फनय होतय है -अनुभक्ट्स्तष्क , ऩॉन्त्स तथय
भेडुरय ऑब्रयगेटय।
अनुभक्ट्स्तष्क हभययी शययीरयक गतत औय आसन के सभन्त्वम एवॊ सयभॊजस्म कय कयमा कयतय है ।
भक्ट्स्तष्क कय मह बयग कय कयभ शयीय कय सॊतर
ु न फनयमे यखने कय कयमा बी कयतय है ।
भें डुरय ऑब्रयॊगेटय द्वययय अनैक्ट्छछक क्रिमयओॊ जैसे धड़कन , यरतदयफ , ऩयचक यसों कय स्त्रयव
इसके अरयवय तनगरने, खयॉसने, छ ॊकने तथय वभन जैसी क्रिमयओॊ कय तनमॊत्रण बी भें डुरय द्वययय
होतय है ।
(II) मेरुरज्जु
(a) भक्ट्स्तष्क : भक्ट्स्तष्क एक हड्डडमों के फॉरस भें अवक्ट्स्थत होतय है । फॉरस के अन्त्दय
तयरऩूरयत गुब्फयये भें भक्ट्स्तष्क होतय है जो प्रघयत अवशोषक कय कयमा कयतय है ।
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मह केंिीम तॊत्रत्रकय तॊत्र को शयीय की ऩेभशमों , ग्रॊथथमों एवॊ सॊवेदी अॊगों से जोड़तय है तथय सॊवेदी
एवॊ प्रेयक तॊत्रत्रकयओॊ कय फनय होतय है । ऩरयधीम तॊत्रत्रकय तॊत्र दो बयगों भें ववबयक्ट्जत है :
(i) दै हहक तॊत्रत्रका तॊत्र ( Somatic Nervous System): मह भक्ट्स्तष्क तथय भेरू यज्जू से ऩेभशमों
तक सूचनय ऩहुॉचयतय है तथय ऐक्ट्छछक क्रिमयओॊ को तनमॊत्रण कयतय है ।
(ii) तवायत्त तॊत्रत्रका तॊत्र ( Autonomic Nervous System): मह अनेक आॊतरयक अॊगों , ऐक्ट्छछक
ऩेभशमों, रृदम ऩेभशमों तथय ग्रॊथथमों की अनौक्ट्छछक क्रिमयओॊ कय तनमॊत्रण कयतय हैं।
तवायत्त तॊत्रत्रका तॊत्र , स्वत् ही तनमॊत्रत्रत होने वयरय तॊत्रत्रकय तॊत्र है । मह हभयये शयीय की
आॊतरयक अॊगों; जैस-े रृदम, यरत वयद्रहनी ग्रॊथथमों आद्रद के तनमॊत्रण एवॊ सभन्त्वम कय कयमा कयतय
है । स्वयमत्त तॊत्रत्रकय तॊत्र को दो वगों भें ववबयक्ट्जत क्रकमय गमय है - (i) अनुकॊऩी, (ii) ऩययनकॊऩी।
अनुकॊऩी तथय ऩययनकॊऩी तॊत्रत्रकयएॉ शयीय के ववभबन्त्न अॊगों भें जयती हैं। अॊगों ऩय इनके प्रबयव
ववऩयीत हैं, मद्रद एक उद्दीऩक है , तो दस
ू यय सॊदभक।
मह तन्त्त्र व्मक्ट्रत भें सतकातय तथय उत्तेजनय को तनमॊत्रत्रत कयतय है । मह तन्त्त्र व्मक्ट्रत के
शयीय को आऩयतकयरीन ऩरयक्ट्स्थतत भें अततरयरत ऊजया प्रदयन कयतय है । आऩयतकयरीन क्ट्स्थतत
भें रृदम गतत कय तेज होनय , श्वयस गतत कय फढ़नय आद्रद क्रिमयएॉ अनुकम्ऩी तन्त्त्र के द्वययय ही
सॊऩयद्रदत की जयती हैं।
मह तन्त्त्र शययीरयक ऊजया कय सॊचमन कयतय है । ववश्रयभयवस्थय भें मह तन्त्त्र क्रिमयशीर होकय
ऊजया कय सॊचम प्रयॊयब कयतय है । मह आॉख की ऩुतरी को भसकोड़तय है तथय रयय व ऩयचक
यसों भें ववृ द्ध कयतय है ।
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अॊग अनक
ु ॊ ऩी तॊत्र ऩरानक
ु ॊ ऩी तॊत्र
रृदम सॊकुचन तथय स्ऩॊदन (Rate of heart beat). सॊकुचन तथय स्ऩॊदन को फढ़यनय
नेत्र ऩुतरी के आकयय को फढ़यनय ऩुतरी के आकयय को भसकोड़नय
ऩयचक यस ऩयचक यस के स्त्रयव को योकनय ऩयचक यस के स्रयव को उत्तेक्ट्जत
कयनय
यरत यरतवयद्रहतनमों को भसकोड़नय तथय यरतदयफ ववस्पययण कयनय तथय यरत दयफ
वयद्रहतनमयॉ अथधक कयनय। को कभ कयनय
तॊत्रत्रकय ऊतक सूचनय एकत्र कयतय है , इन्त्हें शयीय भें बेजतय है , सूचनयओॊ को सॊसयथधत कयतय है ,
सूचनयओॊ के आधयय ऩय तनणाम रेतय है औय ऩेभशमों तक क्रिमय के भरए तनणाम को सॊवयद्रहत
कयतय है । जफ तॊत्रत्रकय आवेग ऩेशी तक ऩहुॉचतय है तो ऩेशी गतत गतत कयती है कोभशकीम
स्तय ऩय ऩेशी कोभशकयएॉ अऩनी आकृतत फदरकय गतत कयती हैं।
कोभशकय भें मह तॊत्रत्रकय ववद्मुत आवेग की अनुक्रिमय के परस्वरूऩ ऩेशी कोभशकयओॊ भें
उऩक्ट्स्थत ववशेष प्रकयय की प्रोटीन की आकृतत तथय व्मवस्थय दोनों ही फदर जयती हैं। जफ मह
घटनय होती है तो इन प्रोटीन की नमी व्मवस्थय ऩेशी की नमी आकृतत दे ती है ।
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(i) ववद्मुत सॊवेग केवर उन कोभशकयओॊ तक ऩहुॉच सकतय है , जो तॊत्रत्रकय तॊत्र से जुड़ी
हैं।
(ii) एक फयय ववद्मुत आवेग उत्ऩन्त्न कयने के फयद कोभशकय , नमय आवेग उत्ऩन्त्न कयने
से ऩहरे , अऩनी कयमाववथध सुचयरु कयने के भरए सभम रेती है । अत् कोभशकय
रगयतयय आवेग उत्ऩन्त्न नहीॊ कय सकती।
(iii) ऩौधों भें कोई तॊत्रत्रकय तॊत्र नहीॊ होतय।
i) प्रकािानुवतरन गनत - अथधकयॊशत् ऩयदऩों भें तनय वयरय बयग प्रकयश की द्रदशय भें गतत
कयतय है इसे ही प्रकयशयनव
ु तान गतत कहते है । इसे तने की धनयत्भक प्रकयशयनव
ु तान गतत बी
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कहते है । जफ क्रक जड़े प्रकयश की ववऩरयत द्रदशय भें गतत कयती है अत् इसे ऋणयत्भक
प्रकयशयनुवतान गतत कहते हैं।
ii) गरु
ु त्वानव
ु तरन गनत - अथधकयॊशत् ऩयदऩों भें जड़े गरू
ु त्वयनक
ु षाण फर की ओय गतत कयती
है , इसे ही गरू
ु त्वयनव
ु तान गतत कहते है । इसे जड़ की धनयत्भक गरू
ु त्वयनव
ु तान गतत बी कहते
है । जफकी तनय गुरुत्वयनुकषाण फर के ववऩरयत द्रदशय भें गतत कयतय है इसी कययण इसे
ऋणयत्भक गुरुत्वयनुवतान गतत कहते है ।
iii) रासायनानुवतरन : ऩौधों भें ययसयमतनक ऩदयथा के प्रतत होने वयरी गततमयॉ , यसयमनयनुवतान
कहरयती हैं। उदयहयण : ऩययग नरी की अॊडयशम की तयप गतत।
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कुछ ययसयमतनक ऩदयथा ऩयदऩों की ववृ द्ध को प्रबयववत कयते हैं। मे ऩदयथा ऩयदऩ के एक बयग भें
उत्ऩन्त्न होते हैं तथय अन्त्म बयग भें सॊवद्रहत होने ऩय उस बयग की ववृ द्ध को प्रबयववत कयते हैं।
ऩयदऩ बयगों की ववृ द्ध को तनमभभत , तनमॊत्रत्रत कयने वयरे इन यसयमनों को ऩयदऩ हयभोन नयभ
द्रदमय गमय । जैस-े ऑक्ट्रसनस , क्ट्जब्फेयभरन, सयइटोकयइतनन्त्स आद्रद ऩौधों के ववृ द्ध तनमन्त्त्रक चयय
वगों भें फयॉटे गए हैं।
ऑन्त्क्सनस 1. कोभशकयओॊ की रम्फयई फढ़यनय। 2. कोभशकीम ववबयजन भें भदद कयनय। 3. ऩौधे
की गततमों ऩय तनमन्त्त्रण यखनय। 4. ऩक्ट्त्तमों को झड़ने से योकनय। 5. फीज यद्रहत परों के
उत्ऩयदन भें सहमोग कयनय।
न्त्जब्बेरशऱन 1. ऩौधे की भोटयई फढ़यनय। 2. ऩौधों कय आनुवॊभशक - फौनयऩन दयू कयनय। 3. पूर
की डॊडी रम्फी - कयनय। 4. ऩत्ती कय परक फढ़यनय। 5. क्रकण्वन क्रिमय को तेज कयनय।
एन्त्क्सशसक अम्ऱ: 1. ऩौधों की ववृ द्ध दय को कभ कयनय। 2. ऩतझड़ क्रिमय को तेज कयनय। 3.
ऩक्ट्त्तमों के खर
ु ने व फॊद होने की क्रिमय को तनमक्ट्न्त्त्रत कयनय। 4. पूरों के खर
ु ने व फॊद होने
की क्रिमय।
जॊतओ
ु ॊ में हॉमोन हॉमोन
मे वो यसयमन है जो जॊतुओॊ की क्रिमयओॊ , ववकयस एवॊ ववृ द्ध कय सभन्त्वम कयते हैं। अॊत्स्रयवी
र्ग्न्त्न्थ : मे वो ग्रॊथथमयॉ हैं जो अऩने उत्ऩयद ( हॉभोन ) यरत भें स्रयववत कयती हैं , अॊत्स्रयवी
ग्रक्ट्न्त्थमयॊ कहरयती है ।
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वष
ृ ण टे स्टोस्टे यॉन नय रैंथगक अॊगों कय ववकयस तथय द्ववतीमक रैंथगक
रऺणों; जैसे दयढ़ी भूॊछ आनय आद्रद कय ववकयस।
अण्डयशम एस्िोजन भयदय जनन अॊगों कय ववकयस तथय द्ववतीमक रैंथगक
रऺण; जैसे स्तन/दग्ु ध ग्रॊथथ , जनन अॊगों के आसऩयस
फयरों कय ववकयस।
प्रोगैस्िॉन गबा को फनयए यखने भें सहयमक।
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ऩीयूष र्ग्ॊश्रथ अग्रभक्ट्स्तष्क भें क्ट्स्थत होती है , ववृ द्ध हयभोन ऩीमूष ग्रॊथथ से स्त्रयववत होतय है ।
ऩीमूष ग्रॊथथ को 'भयस्टय ग्रॊथथ बी कहय जयतय है रमोंक्रक मे शयीय के कई अन्त्म अन्त्त्स्त्रयवी
ग्रॊथथमों कय तनमॊत्रण कयती है । ऩीमूष ग्रॊथथ को तनमन्त्त्रण कयने कय कयमा हाइऩोथैऱेमस कयतय
है । इस कययण हयइऩोथैरेभस को 'भयस्टय ऑप भयस्टय ग्रॊथथ ' कहते हैं। ववृ द्ध हयभोन के
असॊतर
ु न के कययण व्मक्ट्रत मय तो फहुत रम्फय मय क्रपय फौनय यह जयतय है ।
थाइमोशसन नामक हामोन थाइमस र्ग्ॊश्रथ से स्त्रयववत होतय है जो वऺ भें ऩयमी जयती है । इस
हयभोन कय भख्
ु म कयमा प्रततयऺय तॊत्र कय ऩण
ू ा ववकयस कयनय है क्ट्जससे हभययय शयीय योगयणु से
रड़ने भें सऺभ फनतय है | इस ग्रॊथथ के अथधक सक्रिम होने ऩय टॉक्ट्न्त्सर फढ़ जयते हैं क्ट्जससे
टॉक्ट्न्त्सरयइद्रटस योग हो जयतय है ।
अग्नािय ड्मोडीनभ के सभीऩ क्ट्स्थत होतय है । इन्सशु ऱन हामोन का तत्रावण अग्नािय र्ग्ॊश्रथ
के द्वययय होतय है । मे हयभोन यरत शकायय को तनमॊत्रत्रत कयतय है मद्रद मह हयभोन सही भयत्रय
भें स्त्रयववत नहीॊ होतय तो यरत शकायय फढ मय घट जयती है क्ट्जससे हभें भधभ
ु ेह ( Diabetes)
नयभक योग हो जयतय है ।
एरीनऱ र्ग्ॊश्रथ वर
ृ कों के ऊऩय क्ट्स्थत होती है । एडड्रनरीन हयभोन , एड्रीनर ग्रॊथथ द्वययय स्त्रयववत
क्रकमय जयतय है । मह हयभोन सीधे ही रूथधय भें स्त्रयववत क्रकमे जयते हैं तथय उससे होते हुए
रक्ष्म अॊगों तक ऩहुॊचतय है क्ट्जसके कययण जफ हभ सॊकट भें होते हैं तफ रृदम धड़कन भें
तेजी आ जयती है क्ट्जससे हभयये शयीय भें ऩेभशमों को तेजी से ऑरसीजन की ऩतू ता की जयती
है । सम्फक्ट्न्त्धत अॊगों कय अन्त्म अॊगों से रूथधय कभ कयके बेजय जयतय है तथय श्वसन दय बी
फढ़ जयती है ।
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Class 10 Science Chapter 7 – Hindi Medium by Suresh
नय भें नर जनन र्ग्ॊश्रथ उऩक्ट्स्थत होती है जो फयरक भें मौवनययॊ ब के सभम टे तटोतटे रॉन
हामोन कय स्त्रयवण कयती है जो फयरक के क्रकशोययवस्थय के सबी द्ववतीमक रैंथगक रऺण
तथय जनन अॊगों कय ववकयस कयते हैं।
भयदयओॊ भें मादा जनन र्ग्ॊश्रथ उऩक्ट्स्थत होती है जो एतरोजन हामोन कय स्त्रयवण कयती है जो
फयभरकयओॊ के शयीय कय एवॊ द्ववतीमक रैंथगक रऺणों कय ववकयस कयती है ।
हॉमोन की क्रियाद्धवश्रध
उत्तय-हॉभोन पीड फैक ववथध द्वययय क्रिमय कयते हैं। हॉभोन उथचत भयत्रय भें स्रयववत होते हैं।
हॉभोन की उत्सक्ट्जत
ा भयत्रय व सभम पीड फैक ववथध द्वययय तनमॊत्रत्रत होतय है । उदयहयण के
भरए, मद्रद यरत भें शकायय कय स्तय फढ़तय है तो मह अग्न्त्मयशम की कोभशकयओॊ द्वययय सॊसूथचत
कय भरमय जयतय है । अग्न्त्मयशम की B-कोभशकयएॉ अथधक इॊसुभरन कय स्रयवण कयती हैं। जैसे ही
यरत भें शकायय कय स्तय घटतय है , इॊसुभरन स्रयवण की भयत्रय कभ हो जयती है ।
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Class 10 Science Chapter 7 – Hindi Medium by Suresh
कुछ अॊतःस्रावी र्ग्ॊश्रथयाॉ द्वैती कायर करती हैं : कुछ अॊत्स्रयवी ग्रॊथथमयॉ जैसे अग्नयशम , वष
ृ ण
तथय अण्डयशम द्वैती कयमा कयती हैं अथयात ् मे हयभोनों को स्रयववत कयने के सयथ-सयथ अन्त्म
स्रयव बी उत्ऩन्त्न कयती हैं। उदयहयण के भरए-अग्नयशम ऩयचक यसों को स्रयववत कयके बोजन
के ऩयचन भें भदद कयती हैं। इसके सयथ-सयथ मे दो हयभोनों , इॊसभु रन तथय ग्रक
ू यगॉन को बी
स्रयववत कयती हैं , जो रुथधय भें ग्रक
ू ोज़ कय तनमॊत्रण फनयए यखते हैं। वष
ृ ण तथय अॊडयशम
मुग्भकों (शुियणु एवॊ अॊडयणु) को उत्ऩन्त्न कयते हैं तथय हयभोनों (टे स्टोस्टे योन , एस्िोजन,
प्रोजेस्िॉन) को बी स्रयववत कयती हैं।
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