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इकाई 3,व्याकरणम ्

तत ् शब्द रूप, तीनों ल ग िं


सेव ् धात,ु ट्, ट् ृ कार
ल्यप ् प्रत्यय,
वद्
ृ धध सन्धध
उपपद ववभन््तिं - समया, प्रतत,अ म,् धधक्,
काण,कुप,् स्वन्स्त
सिंख्या- 1 से 25
वव+स्म+
ृ ल्यप ् ; आ+नी+ ल्यप ्; उप +गम ् +ल्यप ्; वव+हस ् +ल्यप ्; वव+ल ख ्
तवैव, ममैश्वययम ्, परमैश्वययम ्, सदै व, यदै व, उमैश्वययम ्, ममौषधधिः, जनौधिः
उपपद ववभन््त:
द्ववतीया ववभन््त
समया (के पास )द्वारिं समया किः अन्स्त?
2. प्रतत (की ओर)सिः गहृ िं प्रतत धावतत ।
3. धधक् ( धध्कार हो)धधक् चौरम ्
तत
ृ ीया ववभन््तिः
1. काण ( एक आँख में ववकार)लभक्षुकिः नेत्रण
े काणिः अन्स्त।
2. अ म ् (मत करो/बस करो)अ िं को ाह ेन।
अ िं वातयया
चतर्थ
ु ी ववभन््त:
1. कुप ् (क्रोधधत होना)सिः सेवकाय कुप्यतत।
2. स्वन्स्त ( कल्याण हो)सवेभ्यिः स्वन्स्त।

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