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सुप्रभात बच्चो !

ह िं दी की कक्षा में
आप सबका स्वागत

औपचारिक पत्र
औपचारिक पत्र उन्हें लिखा जाता है लजनसे हमािा कोई लनजी
संबंध ना हो। व्यवसाय से संबंधी, प्रधानाचायय को लिखे प्रार्यना
पत्र, आवेदन पत्र, सिकािी लवभागों को लिखे गए पत्र, संपादक
के नाम पत्र आलद औपचारिक-पत्र कहिाते हैं । औपचारिक पत्रों
की भाषा सहज औि लिष्टापूर्य होती है । इन पत्रों में केवि काम
या अपनी समस्या के बािे में ही बात कही जाती है ।
औपचारिक-पत्र के प्रकाि

• प्रार्यना-पत्र - लजन पत्रों में लनवेदन अर्वा प्रार्यना की जाती है ,


वे 'प्रार्यना-पत्र' कहिाते हैं । प्रार्यना पत्र में अवकाि,
लिकायत, सुधाि, आवेदन आलद के लिए लिखे गए पत्र आते
हैं । ये पत्र स्कुि के प्रधानाचायय से िेकि लकसी सिकािी
लवभाग के अलधकािी को भी लिखे जा सकते हैं ।
• कायाय ियी-पत्र - जो पत्र कायाय ियी काम-काज के लिए लिखे
जाते हैं , वे 'कायाय ियी-पत्र' कहिाते हैं । ये सिकािी अफसिों
या अलधकारियों, स्कूि औि कॉिेज के प्रधानाध्यापकों औि
प्राचायों को लिखे जाते हैं । इन पत्रों में डाक अधीक्षक, समाचाि
पत्र के सम्पादक, परिवहन लवभाग, र्ाना प्रभािी, स्कूि
प्रधानाचायय आलद को लिखे गए पत्र आते हैं ।
• व्यवसालयक-पत्र - व्यवसाय में सामान खिीदने व बेचने अर्वा
रुपयों के िेन-दे न के लिए जो पत्र लिखे जाते हैं , उन्हें
'व्यवसालयक-पत्र' कहते हैं । इन पत्रों में दु कानदाि, प्रकािक,
व्यापािी, कंपनी आलद को लिखे गए पत्र आते हैं ।
औपचारिक-पत्र हिखते समय ध्यान
िखने योग्य बातें -
(i) औपचारिक-पत्र लनयमों में बंधे हुए होते हैं ।
(ii) इस प्रकाि के पत्रों में भाषा का प्रयोग ध्यानपूवयक लकया जाता है । इसमें
अनावश्यक बातों (कुिि-मंगि समाचाि आलद) का उल्लेख नही ं लकया
जाता।
(iii) पत्र का आिं भ व अंत प्रभाविािी होना चालहए।
(iv) पत्र की भाषा-सिि, िेख-स्पष्ट व सुंदि होना चालहए।
(v) यलद आप कक्षा अर्वा पिीक्षा भवन से पत्र लिख िहे हैं , तो कक्षा अर्वा
पिीक्षा भवन (अपने पता के स्र्ान पि) तर्ा क० ख० ग० (अपने नाम के
स्र्ान पि) लिखना चालहए।
(vi) पत्र पृष्ठ के बाई ओि से हालिए (Margin Line) के सार् लमिाकि
लिखें।
(vii) पत्र को एक पृष्ठ में ही लिखने का प्रयास किना चालहए तालक
ताितम्यता/ियबद्धता बनी िहे ।
(viii) प्रधानाचायय को पत्र लिखते समय प्रेषक के स्र्ान पि अपना नाम,
कक्षा व लदनां क लिखना चालहए।
औपचारिक-पत्र (प्रारूप)
• 'सेवा में' लिख कि, पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिख कि पत्र
की िुरुआत किें ।
• हवषय - लजसके बािे में पत्र लिखा जा िहा है , उसे केवि एक ही
वाक्य में िब्द-संकेतों में लिखें।
• सिंबोधन - लजसे पत्र लिखा जा िहा है - महोदय/महोदया, माननीय
आलद लिष्टाचािपूर्य िब्दों का प्रयोग किें ।
• हवषय-वस्तु- इसे दो अनुच्छेदों में लिखना चालहए-
प िा अनुच्छेद – "सलवनय लनवे दन यह है लक" से वाक्य आिं भ
किना चालहए, लफि अपनी समस्या के बािे में लिखें।
दूसिा अनुच्छेद – "आपसे लवनम्र लनवे दन है लक" लिख कि आप
उनसे क्या अपेक्षा (उम्मीद) िखते हैं , उसे लिखें।
• स्ताक्षि व नाम- धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे िब्दों
का प्रयोग किना चालहए औि अंत में भवदीय, भवदीया, प्रार्ी
लिखकि अपने हस्ताक्षि किें तर्ा उसके नीचे अपना नाम
लिखें।

• प्रेषक का पता- िहि का मुहल्ला/इिाका, िहि, लपनकोड


आलद।

• हदनािंक।
दीदी या ब न की शादी पि अवकाश के
हिए आवेदन पत्र या प्राथथना पत्र।
पिीक्षा भवन
क.ख.ग
02 फिविी, 2021

प्रधानाचायय जी,
लदल्ली पब्लिक स्कूि,
फिीदाबाद हरियार्ा

हवषय – ब न की शादी के हिए अवकाश प्रदान े तु प्राथथ ना पत्र l

महोदय,
सलवनय लनवेदन यह है लक मैं आपके लवद्यािय के कक्षा आठवीं का लवद्यार्ी हूँ ।
मेिे घि में मेिी बहन की िादी अगिे महीने तय हुई है । मैं अपने लपता का इकिौता पुत्र हूँ । ,
अतः िादी में बहुत से कायों में मेिा होना अलत आवश्यक है । इसी कािर् मुझे 02 माचय 2021 से
04 माचय 2021 तक का अवकाि चालहए।
अतः आपसे लवनम्र लनवेदन है लक आप मुझे अवकाि प्रदान किने की कृपा

किें , इसके लिए मैं आपका आभािी िहुूँ गा।

धन्यवाद।

आपका आज्ञाकािी लिष्य,

क.ख.ग
नेशनि बुक ट्र स्ट के प्रबिंधक को पत्र हिखकि
ह िं दी में प्रकाहशत नवीनतम बाि साह त्य की
पुस्तकें भेजने े तु अनुिोध कीहजए।
पिीक्षा भवन
क.ख.ग
02 फिविी, 2021

प्रबंधक महोदय
नेिनि बुक ट्र स्ट
मुख्य डाकघि
नई लदल्ली।

हवषय - पुस्तक मिंगवाने े तु प्राथथना-पत्र

महोदय,
हमने छोट्े बच्ों के लिए एक सावयजलनक पुस्तकािय की िुरुआत की है ।

लजसमें छोट्ी-छोट्ी कहालनयों का संग्रह, नेताओं की जीवनी, िामायर् व

महाभाित संबंलधत पुस्तकों का संकिन होगा। मुझे लनम्नलिब्लखत दस पुस्तकें

िीघ्र लभजवा दें । इस आडय ि की पुस्तकों की कीमत की िालि 2000 रुपये का

बैंक डराफ्ट इस पत्र के सार् भे ज िहा हूँ ।

पुस्तकें भे जते हुए पहिे यह सुलनलित कि िीलजएगा लक पुस्तकें अंदि से या

बाहि से कट्ी-फट्ी न हों औि सभी पुस्तकों पि कवि िगा हुआ हो।

आपसे अनुिोध है लक सािी पुस्तकें बच्ों के सावयजलनक पुस्तकािय के लिए हैं ,

अतः आपसे लवनम्र लनवेदन है लक लजतनी िीघ्र हो सके, लनम्न पुस्तकों की

5-5 प्रलतयाूँ लभजवा दें –

• मन्दाहकनी

• अमन, प्रेम व आजादी

• चिंपक
धन्यवाद।

भवदीय

क.ख.ग
अभ्यास कायथ
• नगि हनगम के स्वास्थ्य अहधकािी को अपने क्षेत्र में जमा गिंदगी के
बािे में बताते हुए पत्र हिखखए।

• बैंक में नया खाता खुिवाने के हिए बैंक प्रबिंधक को पत्र हिखखए।
धन्यवाद

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