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 हरदान राम

 प्रशिक्षित स्नातक शििक (हहिंदी)


 केंद्रीय विद्यालय, मेघाहातब
ु ुरू
सन्दे ि लेखन
सन्दे ि िब्द की उत्पवि सिंस्कृत भाषा से मानी जाती है । जजसका अर्थ है खबर प्राप्त
करना या समाचार प्राप्त करना। जब ककसी पररजस्र्तत में कोई व्यजतत ककसी कारणिि
अपनी कोई बात या जानकारी ककसी दस ू रे व्यजतत तक सीधे नहीिं पहुुँचा सकता, तब िह
व्यजतत अपनी बात या जानकारी या समाचार या खबर को सिंदेि के जररये दस ू रे
व्यजतत तक पहुुँचता है । सिंदेि एक ऐसा साधन है जजसके द्िारा जानकारी को ककसी
व्यजतत वििेष या ककसी समह ू द्िारा ककसी दस ू रे व्यजतत वििेष या समह ू ों को भेजा जा
सकता हैं।
ये सिंदेि शलखखत या मौखखक दोनों प्रकार के हो सकते हैं। सिंदेि सख ु द और दखु द
दोनों तरह के हो सकते हैं। सिंदेि व्यजततगत ि सामूहहक दोनों ही प्रकार का हो सकता
है । ककसी सिंदेि को भूतकाल, ितथमान काल ि भविष्य काल अर्ाथत ककसी भी काल में
शलखा जा सकता है ।
सिंदेि शलखने के कारण
सिंदेि कई कारणों के पररणामस्िरूप शलखा जा सकता है । सिंदेि औपचाररक और
अनौपचाररक दोनों तरह के हो सकते हैं। अनौपचाररक सिंदेि जजसे व्यजततगत सिंदेि
भी कहा जा सकता है, िह ककसी अपने करीबी को कोई सिंदेि/सूचना या कोई जानकारी
दे ने के शलए शलखा जाता है । अनौपचाररक सिंदेि उन सिंदेिों को कहते हैं जो अपने
पररजनों, शमत्रगणों, ररश्तेदारों या घर के ककसी सदस्यों को शलखे जाते हैं।
औपचाररक सिंदेि उन सिंदेिों को कहते हैं जजन्हें ककसी अधधकारी या ककसी ऑकिस के
ककसी कमथचारी या आम जनमानस के शलए सािथजतनक रूप से शलखे जाते हैं। अगर
सिंदेि ककसी नेता या अशभनेता द्िारा हदया जाता है तो यह आम लोगों को प्रभावित
करने के उद्दे श्य से शलखा जाता है । इस प्रकार के सन्दे ि को सािथजतनक सिंदेि कहते
हैं।
आजकल के समय में सन्दे ि भेजने के कई बेहतरीन माध्यम खोजे जा चुके हैं। इन
बेहतरीन माध्यमों में सिंदेि भेजने के सबसे बेहतरीन माध्यम व्हाट्सएप, एसएमएस,
ईमेल, िेसबक ु , ट्विटर आहद ऐसे अनेक सोिल मीडिया प्लेटिॉमथ हैं जजनके जररए
सिंदेि भेजे जा सकते हैं। इन माध्यमों से कम समय में ही एक या अनेक व्यजततयों
तक हम अपनी बात या ककसी जानकारी को आसानी से पहुुँचा सकते हैं।
सन्दे ि लेखन के प्रकार
(1) िुभकामना सन्दे ि
िुभकामना सिंदेि उन सिंदेिों को कहते हैं जो मुख्य रूप से ककसी व्यजतत के
जन्महदन, सालधगरह, विद्याधर्थयों को उनकी परीिा में सिलता प्राप्त करने में,
कमथचाररयों के पदोन्नतत होने पर भेजे जाते हैं। कहने का अशभप्राय यह है कक
िुभकामना सिंदेि में िे सिंदेि आते हैं जजन्हें ककसी खुिी के अिसर पर ककसी
व्यजतत को िुभािीष या मिंगलकामना दे ने के शलए शलखा जाता है ।
(2) पिथ ि त्यौहार सन्दे ि
पिथ ि त्यौहार सिंदेि में िे सिंदेि आते हैं जजन्हें वििेष पिों ि त्यौहारों के ितत लोग
एक दस ू रे को भेजते हैं। इन सिंदेिों में दीपािली, होली, किसमस, स्ितिंत्रता हदिस के
वििेष अिसरों पर हदए जाने िाले सिंदेि िाशमल हैं। कहने का तात्पयथ यह है कक
पिों ि त्यौहारों पर ककसी व्यजतत को दी जाने िाली िुभकामना इन सिंदेिों के
अिंतगथत आती है ।
सन्दे ि लेखन के प्रकार
(3) िोक सन्दे ि
िोक सिंदेि के अिंतगथत िे सिंदेि आते हैं जजनमें कोई दखु द समाचार या जानकारी
शलखी जाती है । इस तरह के सिंदेि ककसी व्यजतत की पण् ु यततधर् या मत्ृ यु पर लोगों
को भेजे जाते हैं। ककसी भी तरह की दध ु ट
थ ना की जानकारी भी िोक सिंदेि के द्िारा
ही दी जाती है ।

(4) व्यजततगत सन्दे ि


व्यजततगत सिंदेि में िे सिंदेि आते हैं जजनमें कोई जानकारी केिल अपने नजदीकी
व्यजततयों को ही दी जाती है । इन सिंदेिों में पररजनों को बधाई ि िुभकामना सिंदेि,
कही जाने या आने का सिंदेि या ककसी भी अन्य तरह का सिंदेि जो शसिथ पररजनों
को हदया जाता हैं, आते हैं।
सन्दे ि लेखन के प्रकार
(5) सामाजजक सन्दे ि
सामाजजक सिंदेि में िे सभी सन्दे ि आते हैं जजसमे कोईं ऐसी जानकारी शलखी जाती
है ककसी एक व्यजतत की नहीिं बजकक समाज में रह रहे सभी व्यजततयों से जुिी होती
है । इन सिंदेिों में धाशमथक या सामाजजक कायथिमों से जुडे आयोजनों के सिंदभथ में हदए
जाने िाले सिंदेि िाशमल होते हैं। इसके अलािा पयाथिरण हदिस पर सिंदेि, जल
बचाओ सिंदेि, बेटी बचाओ बेटी पढाओ आहद अिसरों पर हदए जाने िाले कुछ
महत्िपणू थ सिंदेि भी सामजजक सन्दे ि कहे जाते हैं।
(6) शमधित सन्दे ि
शमधित सिंदेि जैसे ितथमान में चल रही कोरोना महामारी से सिंबिंधधत कोई जानकारी
दे ने िाला सन्दे ि, िेंगू, मलेररया आहद से सिंबिंधधत सिंदेि या बाढ, भक
ू िं प आहद से
सिंबिंधधत सिंदेि या दे ि से जुडा हुआ कोई सिंदेि हो सकता हैं।
सन्दे ि लेखन कैसे करें ?
 सबसे पहले सिंदेि को ककसी सीमा रे खा (बॉतस) के अन्दर शलखा जाना चाहहए।
 सन्दे ि की िुरुआत में "सन्दे ि" िब्द अिश्य शलखा जाना चाहहए। उसके बाद हदनािंक, समय,
अशभिादन आहद को शलखा जाता है ।
 किर मुख्य विषय को जजतना हो सके कम िब्दों शलखना चाहहए। लेककन जजतने भी िब्दों
का प्रयोग ककया जाना हो, िे प्रभाििाली ि आकषथक होने चाहहए।
 सन्दे ि शलख लेने के बाद अिंत में शलखने िाले का नाम अिश्य शलखना चाहहए।
 सन्दे ि लेखन की िब्द सीमा 30 से 40 िब्दों के बबच में होनी चाहहए।
 अगर ककसी सन्दे ि में धचत्रों का उपयोग करना उधचत लगे तो विषयानुसार धचत्रों का प्रयोग
ककया जा सकता हैं।
 िायरी, दोहे , श्लोक या कविताओिं का प्रयोग करके भी सन्दे ि को प्रभाििाली ि आकषथक
बनाया जा सकता है ।
 सन्दे ि सरल ि सिंक्षिप्त िब्दों में प्रभाििाली ि विषय के अनुसार शलखा जाना आिश्यक है ।
 सन्दे ि के विषयानुसार सन्दे ि को सुन्दर बनाने के शलए रिं गों का प्रयोग ककया जा सकता है ।
 सन्दे ि के अन्दर इधर-उधर की बातें नहीिं शलखना चाहहए, केिल विषयिस्तु पर ध्यान दे ना
अततआिश्यक होता है ।
सन्दे ि लेखन के अिंग

 िीषथक

 हदनािंक

 समय

 अशभिादन

 मुख्य (विषय) भाग

 प्रेषक
सन्दे ि लेखन का प्रारूप

सन्दे ि
हदनािंक
समय
अशभिादन जजसे सिंबोधधत ककया जाए

विषय प्रस्तुतत/विषय का विस्तार

प्रेषक (क.ख.ग.) या नाम


 गणतिंत्र हदिस हे तु िुभकामना सन्दे ि|

गणतिंत्र हदिस पर िभ
ु कामना सन्दे ि

25 जनिरी, 2022
प्रात: 6:00 बजे

वप्रय दे ििाशसयों,

सभी दे ििाशसयों को गणतिंत्र हदिस की हाहदथ क िभ


ु कामनाएुँ। युिा भविष्य के तनमाथता होते
हैं। इसशलए आज इस िभ ु अिसर पर हम सभी युिाओिं को दे ि हहत में समवपथत रहने हे तु
दृढ सिंककप लेना चाहहए, जजससे हम अपने दे ि को सिथिजततिाली बना सकें।

क.ख.ग.
 जन्महदन के िुभ अिसर पर एक सिंदेि शलखें।

जन्महदन पर िभ
ु कामना सन्दे ि
"तुम जजयो हजार साल,
हर साल के हदन हो पचास हज़ार"

25 जनिरी, 2022
प्रात: 6:00 बजे
वप्रय अनज
ु ,
वप्रय छोटे भाई आपको आपके जन्महदन की हाहदथ क िभ ु कामनाएुँ। मैं भगिान ् से प्रार्थना
करती हूुँ कक िह आपको तनरोग ि ् लम्बी आयु प्रदान करें और आप आपने जीिन में हर
िो मुकाम हाशसल करे जो आप चाहते है ।
क.ख.ग.

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