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कक्षा – नव ीं

ववषय – ह िंदी

सिंदेश-लेखन (रचना-कौशल)

किसी िे द्वारा भिजवाई गई या िहलाई गई बात िो संदेश िहा जाता है। संस्िृ त में इसिी
व्युत्पत्ति 'सम ् + ददश ् + धञ ्' स्वीिार िी गई है। इस शब्द िा अर्थ सूचना देना, समाचार,
खबर प्रेत्तित िरना और किनहहं संदिों में आज्ञा और आदेश िी स्वीिार किया गया है।
अंग्रेजी में ‘संदेश’ शब्द संज्ञा और पुल्लंग है।

व् ाट्सएप बनाम ‘सिंदेश’ –

आजिल िी पीढह व्हाट्सअप पीढह िहह जाती है । हमें याद है कि त्तवभिनन त्योहारों, पवों,
त्तवशेि ददवस या अवसरों पर 'िार्थ' िे माध्यम से भलखिर या छपे हुए संदेश िेज े जाते र्े।
टे भलफोन िरिे िी बधाई संदेश या शुििामना संदेश ददए जाते र्े परंतु व्हाट्सएप िे आने
िे पश्चात पूर ा पररदृश्य हह बदल चुि ा है। िार्थ अप्रासंगगि हो चुिे हैं। फोन पर िे वल
ननिटस्र्ों िो हह संदेश ददए जाते हैं। Email, Facebook, Twitter आदद िे माध्यम से अलग-
अलग प्रारूपों में संदेश िेजे जाते हैं , मुख्य आधार तो व्हाट्सएप हह है परंतु य ााँ विशेष ध्यान
रखें कक य SMS न ीिं ै, अवपतु कागज़ पर ललखा सिंदेश ै। इसका स्िरूप अधिकािंशतः
अनौपचाररक ोता ै परिंतु विषय अनुसार औपचाररक भी ो सकता ै। उदा रण के तौर पर
म क सकते ैं कक माता, वपता, लमत्रों के साथ आप स ज ोते ैं परिंतु अपने अध्यापक ि
ककसी अधिकारी विशेष के नाम सिंदेश में आिश्यक औपचाररकताओिं का ननिाा करना ोगा।

CBSE द्िारा ननदेलशत 'सिंदेश लेखन' का आशय ै-

1. त्तवभिनन पवथ- त्योहारों, उत्सवों पर िेजे जाने वाले बधाई संदेश ; जैसे- दहवालह, ईद आदद।

2. त्तवभिनन ददवसों; जैसे- मदहला ददवस, मातृ- त्तपतृ ददवस, योग ददवस पर िेजे जानेवाले

शि
ु िामना संदेश।

3. व्यलततगत संदेश ; जैसे- अनुपलस्र्नत िी सूचना, देर से आना, ज्दह पहुुँचना, माुँ- बाप, िाई-
बहन, ररश्तेदारों िो िेज े जानेवाले बधाई और शुििामनाओं से युतत संदेश , पास-फे ल

उपललब्ध पर िेजे जानेवाले संदेश।

4. भमगित संदेश - देशिलतत, युद्ध िे अवसर, िोरोना जैसी महामारह, िूिं प, तूफ ान एवं अनय

आपदाओं से संबंगधत संदेश , खोया-पाया संदेश।

सिंदेश-लेखन के दौरान ध्यान दे ने योग्य बातें-

• संदेश िा प्रारूप सटहि होना चादहए।


• संदेश िी त्तवियवस्तु 30-40 शब्दों में होनी चादहए।
• बॉतस बनाना आवश्यि है।
• ददनांि व समय िा उ्लेख होना चादहए।
• संबोधन अर्ाथत किसिे भलए िा उ्लेख होना चादहए ।
• भलखनेवाला अपने नाम िा उ्लेख िरे। बोर्थ में अर्वा परहक्षा में ि. ख. ग. भलखना
चादहए।(अपनी वास्तत्तवि पहचान नछपानी चादहए।)
• एि हह अनुच्छे द हो। सटहि हो। अनौपचाररि व औपचाररिता-त्तविय पर ननिथर िरता
है।
• िािाई दक्षता िे स्र्ान पर सरल, सुगम, बोधगम्य शब्दावलह िो वरहयता दह जानी
चादहए।
• सृज नात्मिता िा महत्व है परंतु त्तवियगत तथ्यों पर अगधि बल हो।
• संक्षक्षप्त होना चादहए।
• इधर-उधर िी बातों, मुहावरों, महानुिावों िी सूलततयों-उलततयों िा प्रायः प्रयोग नहहं
किया जाता।
• संदेश लेखन ननतांत वैयलतति है,सावथजननि नहहं। आप किसी व्यलतत त्तवशेि िे भलए
संदेश भलख रहे हैं तो शब्दों िा चुनाव िी उसी िे अनुसार िरें ।
उदाहरण-

1. त्तवशेि उपललब्ध पर भमत्र िे नाम संदेश

संदेश

10 ज ुलाई, 2020 प्रातः - 8.00 बजे

त्तप्रय सौरि
िल शाम िो टह.वी. में तम्
ु हें देखा। तम्
ु हारह उपललब्ध िे त्तविय में पता चला। तैर ािी में तम्
ु हें
स्वणथ पदि भमला और ओलंत्तपि में तम्
ु हारा चयन हो गया। देखिर मन प्रसनन हो गया।
तुम्हारह मेहनत रंग लाई। आगे चलिर देश िा नाम रोशन िरोगे। हाददथि शुििामनाएुँ।
अनप
ु म

2. पुत्र िा माता िे नाम संदेश

संदेश

2 मई, 2020 सायं 6.00 बजे

मम्मी जी

आप घर पर नहहं र्ी। ऑकफस से वमाथ अंिल िा फोन आया र्ा. वे मेल देख ने िो िह रहे र्े। ज्दह
देख लेना। वे िुछ ज्दह में र्े। मैं ट्यूशन पढने जा रहा हुँ।ू दो घंटे ति वापस आ जाऊुँगा। मैंने खाना
खा भलया र्ा। चाबी पडोस में दे दह है।
बबट्टू
3. दहपावलह पर शुििामना संदेश

संदेश

19 नवंबर, 2019 राबत्र - 12.00 बजे

त्तप्रय भमत्रों

िल प्रिाश पवथ दहपावलह है। झिलभमल दहपों िी रोशनी से प्रिाभशत ये दहवालह आपिे पररवार
में सुख-समृद्गध एवं आरोग्यता लेि र आए। इस पावन पवथ पर मेर े पररवार िी ओर से हाददथि
शि
ु िामनाएुँ।

ि.ख.ग. पररवार

सूचना और संदेश लेखन में अंतर

सच
ू ना सिंदेश

1. सूचना पूर ह तरह औपचाररि होती है। 1. संदेश अनौपचाररि िी हो सिता है।

2. अगधितर सूचनाएुँ सावथज ननि होती हैं। 2. संदेश वैयलतति होते हैं।

3. सूचना में स्र्ान, समय, प्रेिि, त्तविय आदद 3. संदेश में स्र्ान और त्तविय िी
भलखे जाते हैं। आवश्यिता नहहं।

4. सूचना सब पढ सिते हैं, अनजान, अज्ञात 4. संदेश जानिार, ननिटस्र् व ज्ञात और


असंबंगधत व्यलतत िी। संबंधी िो हह िेजा जाता है।

5. औपचाररि, िायाथलयी शब्दावलह होती है। 5. त्तवियानुसार सौंदयाथत्मि, िावात्मि, सरल


िािा हो सिती हैं।
6. गचत्रों िी आवश्यिता नहहं। सरल बॉतस ददया
जाता है। 6. आउट लाइंस, रेखागचत्र, बॉर्थर बनाया जा
सिता जाता है। है। साधारण बॉतस में
िी ददया जा सिता है।(त्तवियाधाररत)

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