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पत्र लेखन

अनौपचारिक पत्र
परिचय

पत्र लेखन एक उपयोगी कला है


पत्र ललखने की पिं पिा प्राचीन काल से चली आ िही है
पत्र अपने मन की भावना को वाणी दे ने का उत्तमसाधन
है
जीवन में सफल होने के ललए प्रभावी पत्र लेखन क्षमता
होनी चाहहए
पत्र लेखन में ध्यान िखने योग्य बातें

 पत्र की भाषा पत्र पाने वाले के मानलसक स्ति के


अनरू ु प होनी चाहहए
पत्र में सिल औि छोटे वाक्य का प्रयोग होना चाहहए
पत्र में अनावश्यक ववस्ताि से बचना चाहहए
पत्र की सिल औि िोचक होनी चाहहए
पत्र लेखन में लिष्टता बनाए िखनी चाहहए
पत्रों में आत्मीयता होनी चाहहए
पत्र के वाक्य आपस में जड ु े होने चाहहए
पत्र के प्रकाि

पत्र दो प्रकाि के होते हैं


औपचारिक पत्र
अनौपचारिक पत्र
अनौपचारिक पत्र

यह पत्र उन लोगों को जजनसे हमािा व्यजक्तगत संबंध


होता है
अनौपचारिक पत्र अपने परिवाि के लोगों सगे संबंधधयों
लमत्र को ललखे जाते हैं
इस तिह के पत्र लेखन में व्यजक्तगत सख
ु दख
ु का
उल्लेख ककया जाता है
अनौपचारिक पत्र के प्रकाि
अनौपचारिक पत्र में ननम्न ललखखत प्रकाि के पत्र िखे
जा सकते हैं
बधाई पत्र
िभ
ु कामना पत्र
ननमंत्रण पत्र
वविेष अवसिों पि ललखे पत्र
सांत्वना पत्र
ककसी प्रकाि की जानकािी दे ने के ललए पत्र
कोई सलाह दे ने के ललए पत्र
अनौपचारिक पत्र लेखन हे तु आवश्यक
बातें
1 पता – सबसे ऊपि बाई औि पत्र भेजने वाले का पता
या पिीक्षा भवन
2 – हदनांक – जजस हदन पत्र ललखा जा िहा हो
3 संबोधन – पत्र प्राप्त किने वाले के संबंध के अनुसाि
िब्दों का
जैसे – बडों के ललए – आदिणीय, पज ू नीय
छोटों के ललए – वप्रय , स्नेही
4 अलभवादन – जजस को पत्र ललखा जा िहा है उसके
साथ संबंध के अनुसाि अलभवादन का प्रयोग ककया
जाता है
जैसे – बडों के ललए – सादि प्रणाम , चिण स्पिश
छोटों के ललए – धचिं जीवी िहो, िभ
ु आिीवाशद
5 पत्र की ववषय वस्तु – पत्र लेखक, पत्र प्राप्त किने
वाले से कुछ कहना चाहता है वह पत्र की ववषय वस्तु
होती है
6 पत्र का समापन – पत्र की समाजप्त ननकट संबंधी
अनौपचारिक पत्र का प्रारूप
 ललखने वाले का पता
 या
 पिीक्षा भवन
 क, ख, ग
 - - - - िहि
 हदनांक - - - - - -
 संबोधन - - - - - -
 अलभवादन - - - - - -
 पत्र की ववषय वस्तु - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - पत्र की समाजप्त
 पत्र प्राप्त किने वाले के साथ पत्र भेजने वाले का संबंध
 भेजने वाले का नाम ( या) आ, ब, स
ममत्र को पिीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किने
पि बधाई
 पिीक्षा भवन
 क, ख, ग
 - - - - िहि
 हदनांक – 29-4-2020
 वप्रय लमत्र
 सदा सुखी िहो
 मैं कुिल मंगल हूं औि आिा किता हूं कक तम ु भी कुिल मंगल होंगे कल
तुम्हािे वपताजी ने फोन ककया तो कक तुम बोर्श पिीक्षा में पूिे जजले में आए
यह समाचाि सुनकि मन खुिी से भि गया
 मझ
ु े तो पहले ही ववश्वास था कक प्रथम आओगे इस पिीक्षा के ललए तम्
ु हािे
परिश्रम ने ही तुम्हें इस ऊंचाई तक पहुंचाया है
मझ ु े पिू ी आिा थी कक तम्
ु हािा परिश्रम िं ग लाएगा
तुमने प्रथम स्थान प्राप्त कि यह लसद्ध कि हदया की
दृढ़ संकल्प औि कहिन परिश्रम से कुछ भी प्राप्त ककया
जा सकता है
म ैं सदै व यह कामना करूंगा की तम्
ु हें जीवन में हि
पिीक्षा में प्रथम आने का सौभाग्य लमले तुम इसी इसी
तिह अपने परिवाि औि ववद्यालय का गौिव बढ़ाते िहो
इसी प्रकाि मेहनत किते िहो औि सभी को प्रसन्नता
प्रदान किो
तुम्हािा लमत्र
अभ्यास

अपने लमत्र को भाषण प्रनतयोधगता में प्रथम


स्थान प्राप्त किने पि बधाई पत्र ललखें
धन्यवाद

हिदीप कौि

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