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हिंदी पत्रलेखन विभाग Document
हिंदी पत्रलेखन विभाग Document
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नाम हलखे और अगली पिंप्तक्त पर नाम कॳ अनुसार ईमेल पता ৲-৺ail ৶ৱ हलखने पर औपिाररक
पत्र भी ई-मेल पत्र बनेगा। इसमें प्रािकताष का पता हलखने की कोई आवश्यकता नहीं है।
हवशेर् ১ पाठ्यपुस्तक में हदए प्रा॓प में प्रािकताष का ई-मेल पता नहीं हदया है परिंतु इसबार ई-
मेल प्रा॓प बनाते वक्त प्रािकताष का पता भी हलखना आवश्यक हैं क्योंहक अबकी बार हलफाफा
नहीं बनाना है, तो प्रश्न उिता है हक ई-मेल पत्र में प्रािकताष का भी ई-मेल पता देना आवश्यक
है अन्यथा पत्र का प्रा॓प अधूरा रहेगा।
उ प्रािकताष कॳ पते कॳ बाद सिंक्षेप में हवर्य हलखे। माहिषन बायीं ओर ही। पहले की तरह मध्य में
नहीं
ৗৗৗ ১ अनौपिाररक घरेलु पत्र में पत्र कॳ शुरआत में ही हवर्य हलखे ताहक पत्र का हवर्य
हवस्तार पता िले। मध्य में हकसी भी हाल में हवर्य न हलखा िाए।
ऊ हफर महोदय ড় महोदय सिंबोधन हलखे तथा अगली पिंप्तक्त पर अनुच्छेद करकॳ मुख्य कलेवर कम
से कम ३ अनुच्छेद में हलखे। प्रारिंभ, मध्य, समापन
ऋ कलेवर कॳ बाद बायीं ओर ही समाप्ति सूिक शब्द पत्र प्रकार कॳ अनुसार हलखे।
भवदीयড়भवदीय, आपकाড়आपकी, आपकाড়आपकी हवश्वासी-कृपाहभलार्ी आहद और
भेिनेवाले का हसफफ नाम हलखे अथवा स्वाक्षरी अबकড়पवनড়रप्तश्म आहद प्रेर्क कॳ
अनुसार
ए स्वाक्षरी कॳ बाद प्रेर्क का पूरा नाम, पूरा पता हलखे।
ऐ पता हलखने कॳ बाद पत्र हलखनेवाले का ई-पता ৲-৺ail ৶ৱ हलखना अहनवायष है।
ओ ई - पत्र कॳ साथ कঁछ सिंल् ATTAৰ৵৺৲৻T करना हैं तो पत्र हलखनेवाले कॳ ई-मेल
पते कॳ बाद एक पिंप्तक्त छोड़कर हलख सकते है।
औ ई-मेल में हवर्य पत्र कॳ प्रारिंभ में हलखा िाता हैं तो छात्रों को शुरआत में भी हवर्य लेखन की
आदत डालेंगे तो और अच्छा हैं। परिंतु भूल से पुरे पत्र में हवर्य हकसी भी स्थान पर न हलखा
िाए तो पुरे अिंक िाने की सिंभावना हैं क्योंहक हवर्य कॳ आभाव में अिंक नहीं हमलते।
उपयुषक्त सभी बातों को गौर करते हुए ई-पत्र में सुलेखन, शुद्धलेखन कॳ साथ हवर्य हवस्तार
एविं प्रस्तुहत करने पर छात्रों को शतप्रहतशत अिंक पाने में कोई हद्कतते नहीं होंगी।
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आप सभी की सुहवधा कॳ हलए ई-पत्र कॳ कঁछ नमूने सािा कर रहा हूँ, आशा है सभी को पसिंद आएूँग।े
८ मई २०१८
सेवा में,
प्रधानािायष िी,
िवाहर पप्तब्लक स्कংल,
िनकपुरी ,हदल्ली -18
jpsj@gmail.com
महोदय ,
सहवनय हनवेदन है हक मै आपकॳ हवद्यालय का कक्षा ঢ় का छात्र हूँ। मेरे हपतािी अपने छोटे से व्यवसाय
द्वारा बड़ी कहिनाई से पररवार का पालन पोर्ण करते हैं। बढ़ती महिंगाई कॳ कारण काफी समस्याओ का सामना करना
पड़ रहा है। घर में आवश्यक वस्तुओं का अभाव रहता है। मेरे ৡ भाई-बहन हवहभन्न स्कংलों में पढ़ रहे है, उनकी पढ़ाई
-हलखाई आहद कॳ खिे का बोझ हपतािी कॳ सर पर लदा रहता है।
मै अपनी कक्षा का पररश्रमी छात्र हूँ और कक्षा में सदैव प्रथम आता हूँ। खेलकংद में भी मेरी अच्छी ॓हि है।
अतः आपसे हनवेदन है की आप मेरी हवद्यालय की फीस माफ़ करने की कृपा करें हिससे मैं अध्ययन कर
सकংूं। मेरे अहभवावक आपकॳ अत्यिंत आभारी रहेंगे।
आपका आज्ञाकारी हशष्य,
ियप्रताप
ियप्रताप हसिंह,
आनिंद हवहार,
इिंहडया गेट रोड,
हदल्ली - १७
jaisingh@gmail.com
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८ मई २०१८
सेवा में,
प्रधानािायष,
सैंट मैरी पप्तब्लक स्कংल,
वसिंत हवहार,
नई हदल्ली-110057
smps@gmail.com
हवर्य ১ हवद्यालय में अनुपप्तस्थहत को लेकर पत्र
महोदय,
मै क्षमा प्राथी हूँ हक मै हदनािंक ৡ एविं ৢ अगस्त को अपनी कक्षा में उपप्तस्थत नहीं हो सका। क्योंहक मेरे
हपतािी शहर से बाहर गए हुए थे और मेरी मातािी अिानक आये तेि बुखार कॳ कारण बीमार हो गयी थी।
घर पर उनकी देख-भल कॳ हलए कोई नही था। मै आपको पहले से इस हवर्य में सूहित करने की प्तस्थहत में नहीं
था।
अतः मुझे दो हदन का अवकाश प्रदान करने की कृपा करें।
आपका आज्ञाकारी हशष्य,
अनूप
अनूप हत्रपािी,
शािंहत सदन,
आनिंद नगर,
नई हदल्ली - २५
anuptripathi@gmail.com
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संकलन : श्री. मच्छं द्र बापू भिसे, सदस्य, सातारा चिला ह द
ं ी अध्यापक मंडल, सातारा (९७३०४९१९५२)
hinditeacherssatara.blogspot.in
१६ िून २०१८
सेवा में,
मा प्रबिंधक,
नवीन प्रकाशन,
০য়য়, कংि ूँ ा रोहहल्ला खान,
नई हदल्ली - 02
navinprakashan@gmail.com
हवर्य ১ पुस्तक हवक्रॳता से पुस्तकें मूँगवाने हेतु पत्र।
महोदय,
आपकॳ द्वारा भेिा गया हकताबों का सूहि पत्र हमला। धन्यवाद।
आपसे अनुरोध है हक आपकी सूहि में से िुनी हुई हनम्नहलप्तखत पुस्तकें अिंत में हलप्तखत पते पर शीघ्राहतशीघ्र भेिने
का के करें। इस पत्र कॳ साथ ৢঢ়ঢ় ॓पए अहिम राहश भेिी िा रही है। बाकी रकम हकताबें हमलते ही आपकॳ बैंक खाते में
िमा कर देंगे। हकताबों की मूल कीमत पर उहित छूट दीहिए। स्मरण रहे की सभी पुस्तकें िीक प्तस्थहत में होनी िाहहए।
हकताबों की सूिी -
रािनीहत शास्त्र प्रथम वर्ष 5 प्रहतयाूँ
अथष शास्त्र प्रथम वर्ष 10 प्रहतयाूँ
भारत का इहतहास एस कॳ ििंद 8 प्रहतयाूँ
उपन्यास - शतरिंि कॳ प्तखलाड़ी मुिंशी प्रेमििंद 5 प्रहतयाूँ
आशा हैं हक आप यथाशीघ्र हकताबें भेिने का प्रबिंध करेंगे।
सधन्यवाद !!!
भवदीय,
दीपक
दीपक शुक्ला,
पुस्तकाध्यक्ष,
डी ए वी गर्लसष कॉलेि, मेस्टन रोड,
लखनऊ -१११ १११
deepakshukla@gmail.com
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२० िून २०१८
दीपक यादव
deepakyadav@gmail.com
आकाश हमश्रा,
११ बी हवकासखिंड,
लखनऊ-२५
makash@gmail.com
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२१ िून २०१८
राहुल भिंडारी
rahul@gmail.com
हप्रय राहुल
बहुत-बहुत आशीर् !
आशा है तुम स्वस्थ और प्रसन्न होंगे। हपछले शहनवार को ही तुम्हारा पत्र हमला था। यह िानकार बहुत प्रसन्नता हुई
हक तुम्हारा मन छात्रावास में लग रहा है। कल तुम्हारे छात्रावास-अधीक्षक से बात हुई थी। पता िला हक तुम इधर-उधर
घूमने में बहुत ॓हि लेते हो।
बेटे ! हमने तुम्हे छात्रावास में इस आशा और हवश्वास कॳ साथ भेिा है हक तुम खूब ध्यान से पढोगे। िब से तुम्हारी माूँ
ने यह सुना है हक तुम िीक से पढ़ाई न करकॳ हमत्रों कॳ साथ घुमते रहते हो, तब से वह बहुत अहधक हििंहतत रहने लगी है। तुम
अपनी माूँ को िानते हो। वह बहुत अहधक हििंता करती है। तुम पढाई में मन लगाओ और माूँ को पत्र हलखकर हवशवास
हदलाओ की तुम्हे पढ़ाई की पूरी हििंता है। यहाूँ पररवार में सब कঁशलमिंगल हैं।
तुम्हारा शुभहििंतक हपता,
प्रशािंत
प्रशािंत भिंडारी
29/623
नोएडा - २५ उत्तर प्रदेश
prashantb@gmail.com
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प्यारी रेशमा,
सप्रेम नमस्ते !
हम दोनों का अगले सिाह बुधवार को अवकाश का हदन है। हमें हमले हुए बहुत समय हो गया है। अगर उस हदन
तुम्हारी कोई और योिना नहीं है तो तुम एक हदन कॳ हलए यहाूँ क्यों नहीं आ िाती ? हम कहीं हपकहनक पर िलेंगे या पास कॳ
हसनेमाघर में हफर्लम देखने िलेंगे।
कृपया अवश्य आना और मना मत करना। मेरी मातािी तुम्हारे बारे में पूछ रही हैं। हपतािी भी तुम्हारे बारे में पूछते रहते हैं।
वे दोनों तुम्हे देखकर बहुत खुश होंगे।
अपने आने कॳ बारे में शीघ्र व अवश्य हलखना। शेर् बातें हमलने पर करेंगे।
आपकी सखी,
िैसहमन
िैसहमन कालरा,
ঢ়7 सुभार् नगर,
नई हदल्ली- 110027
jaiskalara@gmail.com
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