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सफलता के साधन

ायन े सी पेशेवर व ा, श क, से मनार लीडर और परामशदाता ह। वे सोलाना बीच,


कै लफ़ो नया म थत श ण और परामश कंपनी ायन े सी इंटरनैशनल के चेयरमैन ह।
वे पचास से यादा पु तक के बे टसे लग लेखक ह, जनम ईट दै ट ॉग , गो स ,
मै समम अचीवमट और एडवां ड से लग े टजीज़, फ़ोकल पॉइंट और द 100
ए सॉ यूटली अन ेकेबल लॉज़ ऑफ़ बजनेस स सेस शा मल ह। उ ह ने पाँच सौ से
यादा ऑ डयो-वी डयो श ण ो ाम लखे और बनाए ह, जो पूरे संसार म लोक य ह।
ायन अपनी प नी और चार संतान के साथ सोलाना बीच, कै लफ़ो नया, अमे रका म
रहते ह।

सुरे न जे. स सेस ान के सं थापक और सी.ई.ओ. ह। यह सं था भारत म अंतररा ीय


से मनार और कायशाला क सबसे बड़ी आयोजक है। स सेस ान के व ा म
ायन े सी, जॉन े, जैक कैनफ़ ड, लेयर सगर, नक हलीक आ द शा मल ह।
सुरे न ने अपना एम.बी.ए. अंतररा ीय वसाय म कया। उनका सपना था क
स सेस ान के ज रये वे व के सव े को भारत म लाएँ और भारत के सव े को व
तक प ँचाएँ। वे अ र धान नामक शै णक ट के बंधक भी ह, जसका उ े य नधन
ब च और व ा थय को श ा दान करना है।
वे अपनी प नी शाइनी चं न के साथ चे ई, भारत म रहते ह।
सफलता
के
साधन
12 तरीक़े जो आपको
मनचाहे ल य तक ले जाएँगे

ायन े सी
एवं
सुरे न जे.
अनुवाद: डॉ. सुधीर द त

मंजुल प ल शग हाउस
मंजुल प ल शग हाउस
कॉरपोरेट एवं संप ादक य कायालय
तीय तल, उषा ीत कॉ ले स, 42 मालवीय नगर, भोपाल-462003
व य एवं वपणन कायालय
7/32 , अंसारी रोड, द रयागंज, नई द ली-110002
वेबसाइट: www.manjulindia.com
वतरण के
अहमदाबाद, बगलु , भोपाल, कोलकाता, चे ई,
हैदराबाद, मु बई, नई द ली, पुणे

पैन मै मलन (मै मलन प लशस ल. का भाग) के काशन


पैन ारा मूल अं ेजी सं करण
भारतीय उपमहा प म 2013 म का शत

कॉपीराइट © 2013 ायन े सी एवं सुरे न जे.

ायन े सी एवं सुरे न जे. इस पु तक


के लेखक के प म कॉपीराइट, डज़ाइन एवं पेटे ट् स ऐ ट
1988 के तहत अ धकृत ह

ायन े सी एवं सुरे न जे. ारा ल खत मूल अं ेजी पु तक


स सेस रे सपी का ह द अनुवाद

यह ह द सं करण 2017 म पहली बार का शत

ISBN 978-81-8322-668-4

ह द अनुवाद: डॉ. सुधीर द त

यह पु तक इस शत पर व य क जा रही है क काशक क ल खत पूवानुम त के बना इसे या इसके


कसी भी ह से को न तो पुन: का शत कया जा सकता है और न ही कसी भी अ य तरीक़े से, कसी भी
प म इसका ावसा यक उपयोग कया जा सकता है। य द कोई ऐसा करता है तो उसके व
कानूनी कारवाई क जाएगी।
मेरी प नी बारबरा को, जो मेरे जीवन क यो त ह और मेरे अ त ब च ट ना,
माइकल, डे वड और कैथरीन को सम पत, जो सभी इस बात का जीता-जागता माण ह
क जब पूरे जीवन ेम का अटू ट वाह मलता है, तो ब चे उ च आ म-गौरव और उ च
आ म व ास वाले वय क बनते ह।
— ायन े सी

मेरे गु जी महावतार बाबाजी को उनके द आशीवाद के लए, मेरी ेरणा ोत मेरी माँ
को, समथन के तंभ मेरे भाई वीण को और मेरी य प नी शाइनी को उसके अटू ट ेम व
समथन के लए सम पत।
—सुरे न जे.
अनु म

भू मका
तावना

1 . अपने सभी ल य नधा रत और हा सल कर


2 . जीवन म अपना स चा ल य खोज
3 . वजेता क तरह सोच
4 . अपने जीवन क बागडोर थाम
5 . अपनी श य को सामने लाएँ
6 . सफलता के लए ख़ुद को सही थ त म लाएँ
7 . आ थक से वतं बन
8 . अपना ख़ुद का वसाय शु कर
9 . भा वत करने क कला
10 . सर को राज़ी करने क रणनी तयाँ
11 . आप जो करते है, उसम बेहतर बन
12 . कभी हार न मान
भू मका

मे रेकेजीवन का उ े य 5 माच 2006 को मेरे सामने तब प आ, जब मुझे ायन े सी


एक दवसीय से मनार म ह सा लेने का मौक़ा मला। इसम बताए गए वचार ,
रणनी तय और तकनीक ने मेरी ज़दगी का कायाक प कर दया। म उ साही पाठक बन
गया, ऑ डयो ो ाम सुनने लगा और नय मत प से से मनार म जाने लगा। मुझे यह
महसूस आ क सीखी ई बात पर मने जतना यादा अमल कया, मेरे संबंध उतने ही
बेहतर होने लगे और म आ थक सफलता का उतना ही यादा वाद चखने लगा।
यह पु तक आपको वहा रक, आज़माए ए, सरल और आसानी से अमल करने
लायक़ वचार, तकनीक और रणनी तयाँ बताएगी, जनक मदद से आप पहले के मुक़ाबले
कम समय म ब त कुछ हा सल कर सकगे।
यह क़ताब उन मह वाकां ी पु ष और म हला के लए लखी गई है, जो कम से
कम समय म यादा से यादा चीज़ हा सल करने के बारे म गंभीर ह। मुझे यक़ न है क हर
इंसान म अपने जीवन म कुछ अ त करने क यो यता है। संभवतः हमम से हर का
सव च ल य यही है क हम संसार म कसी तरह का फ़क़ डाल। जब हमारे कसी काम से
सर का जीवन बेहतर बनता है या समृ होता है, तभी हम सचमुच मानवीय और जीवंत
महसूस करते ह। शायद आपको जो सबसे अ त अनुभव हो सकता है, वह यह अहसास है
क आप अपने ख़ुद के और अपने भ व य के पूरे नयं ण म ह। यह पु तक आपको
दखाएगी क आप अपने हाथ अपने भ व य के टय रग हील पर कैसे रख, अपने जीवन
के ए सीलरेटर को कैसे दबाएँ और अपनी क पना से भी यादा तेज़ी से यादा आगे तक
कैसे प ँच।
इन वचार पर अमल करने के रोमांचक महीन और वष म आपक सफलता क
कामना के साथ।
सुरे न जे.
तावना

ए क युवक ने एक दाश नक से कहा, “जीवन मु कल है।”


दाश नक ने वचारपूवक जवाब दया, “ कसक तुलना म ”
जीवन ब त अ त और बेशक़ मती है। हमम से यादातर लोग के लए आज
जीवन म इतने यादा अवसर और संभावनाएँ भरी ई ह, जो पहले कभी मौजूद नह थ ।
ज़दा रहने के लए यह मानव इ तहास का सव े समय है और ऐसी उ मीद क जा सकती
है क आगे आने वाले वष यादा अ छे और यादा उ वल ह गे।
बज मन क लन ने एक बार लखा था, “ या आप जीवन को मह व दे ते ह तो फर
समय बबाद नह कर, य क यही वह क चा माल है जससे जीवन बना है।”
समय और जीवन क सबसे बड़ी बबाद अनपे त वधान , आपातकालीन थ तय ,
अचानक आने वाले आगंतुक या फ़ोन क पारंप रक सूची नह है। जीवन क सबसे बड़ी
बबाद तो तब होती है, जब लोग जीवन म ल य , प अथ और उ े य के बना जीने क
को शश करते ह। पुरानी कहावत पूरी तरह से सच है, “योजना बनाने म असफलता का
मतलब है असफलता क योजना बनाना।”
कई लोग अपनी ज़दगी उस कु ो क तरह जीते ह, जो ग मय म मैदान म एक
खरगोश का पीछा कर रहा है। जब कु ा उस खरगोश के पीछे भागता है, तो अचानक
सरा खरगोश नकल आता है और उसे दे खकर कु ा अपनी दशा बदलकर सरे खरगोश
का पीछा करने लगता है। जब कु ा सरे खरगोश को पकड़ने के ब त क़रीब होता है, तभी
एक तीसरा खरगोश नकल आता है और कु ा एक बार फर सरी दशा म चल दे ता है।
शाम तक कु ा थक जाता है और एक भी खरगोश नह पकड़ पाता है।
यह ब त सारे लोग के जीवन और क रयर क कहानी है। चूँ क लोग अपने ल य और
उ े य के बारे म प नह होते, इस लए वे पहले एक नौकरी करते ह और फर सरी क
तरफ़ चल दे ते ह। वे एक नवेश अवसर के पीछे लपकते ह और फर कुछ समय बाद कसी
सरे के पीछे लपकने लगते ह। वे एक संबंध जोड़ते ह और फर ज द ही सरे संबंध
जोड़ने के च कर म पड़ जाते ह। आँकड़ के अनुसार ट .वी. दे खते व त आम आदमी
रमोट कं ोल से एक घंटे म 100 बार चैनल बदलता है। इस कारण वह कसी भी काय म
क शु आत, म य और अंत तीन एक साथ नह दे ख पाता है। अ सर लोग अपनी ज़दगी
भी ऐसे ही जीते ह।

े े ो
एका म त क से प ल य क दशा म यान क त करने क आपक यो यता
जीवन म कसी भी मह वपूण चीज़ को हा सल करने के लए अ नवाय है। आगे के प म
हम आपको दखाएँगे क यह कैसे करना है। हम ल य तय करने और ल य हा सल करने
का क़दम दर क़दम तं समझाएँगे, जसका इ तेमाल करके आप अपनी ज़दगी म कोई भी
मनचाही चीज़ हा सल कर सकते ह और यह काम आपक क पना से भी यादा तेज़ी से
होगा।
ल य तय करने क या म कोई असाधारण चीज़ होती है। जब आप अपने ल य
काग़ज़ पर लखते ह, तो आप दरअसल अपने अवचेतन मन म उनक ो ा मग कर लेते ह,
जहाँ वे श हण करने लगते ह। फर आपका अवचेतन मन और आपका अ तचेतन मन
इन ल य पर दन म 24 घंटे काम करने म जुट जाते ह, चाहे आप जाग रहे ह या सो रहे
ह।
जब आप प , ल खत ल य से अपने मन क ो ा मग कर लेते ह, तो आप उन
मान सक श य को स य कर दे ते ह, जनका इ तेमाल आम आदमी शायद ही कभी
करता है। आप अपने जीवन म ऐसे लोग और प र थ तय को आक षत करने लगते ह,
जो आपके ल य को पूरा करने म सहायक होती ह। आपके मन म ऐसे वचार आने लगते
ह, जो आपको अपने ल य क दशा म आगे बढ़ाते ह।
आप उन चीज़ के बारे म यादा चौकस और जाग क हो जाते ह, जनसे आप यादा
तेज़ी से अपने ल य हा सल कर सकते ह। जब आप यह प कर लेते ह क आप या
चाहते ह, तो आपका बाहरी संसार कसी दपण क तरह वचार और छ वय के आपके
आंत रक संसार का त बब प रणाम के प म दखाने लगता है।
जब आप सु नयो जत ल य नधारण के स ांत लागू करने लगते ह, तो आपको
को शश के अनुपात म ब त यादा प रणाम मलने लगते ह। जहाँ पहले आपका दशन
औसत था, वहाँ आपको अब असाधारण प रणाम मलते ह। आप यादा स म और
सृजना मक बन जाते ह। आप अपनी मान सक श य का ताला खोल लेते ह और
सफलता के ऐसे तर हा सल करने लगते ह, जनसे आपके आस-पास के लोग च कत रह
जाते ह।
थॉमस कालायल ने एक बार लखा था, “ जस इंसान के पास कोई ल य नह होता,
वह सबसे समतल सड़क पर भी कोई ग त नह कर पाता है। सरी ओर, जस इंसान के
पास प ल य होता है, वह सबसे मु कल सड़क पर भी ग त कर लेगा।”
तेल उ ोग के अरबप त एच. एल. हंट ने अरकंसा म बटाईदार के बेटे के प म
शु आत क थी और बाद म वे संसार के सबसे अमीर लोग म से एक बने। एक बार कसी
ने उनसे उनक “सफलता के रह य” पूछे। उ ह ने कहा क सफल होने के लए इंसान को
सफ़ दो चीज़ क ज़ रत होती है। पहली, आपको सट कता से यह तय कर लेना चा हए
क आप या चाहते ह। यादातर लोग ऐसा कभी नह करते ह। सरे, आपको यह तय कर
लेना चा हए क आप उस ल य को हा सल करने के लए कौन सी क़ मत चुकाएँगे और
फर उस क़ मत को चुकाने म त हो जाना चा हए।
ो ो ी ी ो ी ै े े
सफलता क क़ मत क दो शत होती ह। पहली शत यह होती है क इसे पहले चुकाना
होता है। जीवन कसी रे तराँ जैसा नह है, जहाँ आप भोजन करने के बाद बल चुकाते ह ।
यह तो एक कैफ़ेटे रया क तरह है, जहाँ आपको खाना शु करने से पहले पूरी क़ मत
चुकानी होती है।
सफलता क क़ मत क सरी शत यह है क आपको सफलता का आनंद लेने से पहले
उसक पूरी क़ मत चुकानी होती है। सफलता ड काउंट योजना पर नह मलती है।
ज़दगी म कसी भी समय आप यह जान सकते ह क उस समय तक आपने सफलता
क कतनी यादा क़ मत चुकाई है। इसके लए आपको बस अपने चार तरफ़ दे खना है।
आपक वतमान जीवनशैली, आमदनी और सफलता का तर आपक चुकाई ई क़ मत का
त बब है। आपने ज़दगी म अब तक जो कुछ भी हा सल कया है, अगर आप उससे ख़ुश
नह ह, तो आप तुरंत काम म जुट जाएँ और उन पुर कार व प रणाम के लए क़ मत
चुकाने लग, जनका आनंद आप भ व य म लेना चाहते ह। कोई सीमाएँ नह ह; सफ़ वही
सीमाएँ ह, जो आपके वचार क सीमाएँ होती ह।
सट कता से तय कर क आप या चाहते ह, इसे लख ल, इसे हा सल करने क
योजना बनाएँ और फर हर दन उस योजना पर काम कर।
सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक आप ज़दगी म जो कुछ भी करते ह, उसका
लगभग 95 तशत आपक आदत से तय होता है। सफल इंसान वे ह, ज ह ने सफलता
क आदत डाल ली ह। असफल इंसान वे ह, जो अब तक सफलता क आदत नह सीख
पाए ह। आप इस समय जो सबसे मह वपूण आदत डाल सकते ह, वह है नय मत ल य
तय करने क आदत। इससे आपके लए महान जीवन का सृजन जतना सु न त होगा,
उतना कसी सरी आदत या वहार को सीखने से नह होगा।
ज़ा हर है, सफ़ ल य तय करना ही काफ़ नह है। आपको ल य हा सल करने के लए
आव यक ख़ास यो यताएँ भी सीखनी ह गी। सम या और मु कल के सामने आने पर
भी आपको सकारा मक और आशावाद बनना होगा। आपको अपनी ज़दगी और इसम
होने वाली हर चीज़ क पूरी ज़ मेदारी लेनी होगी।
आप जसे हा सल करने म स म ह, वह हर चीज़ हा सल करने के लए आपको
अपनी वशेष यो यता , श य और क़ा ब लयत को पहचानना होगा। इसके बाद
अ धकतम सफलता के लए आपको अपनी कंपनी और उ ोग म ख़ुद को सही जगह पर
रखना होगा।
आपको दौलतमंद बनने के रह य सीखने ह गे, जनम सफल कारोबार शु करने और
बनाने क रणनी तयाँ शा मल ह, चाहे वह कारोबार आपका हो या कसी सरे का। आपको
लोग को भा वत करने और उ ह राज़ी करने क ख़ास तकनीक सीखनी चा हए, जनसे
आप अपने यास को कई गुना बढ़ा सकते ह और अपने आस-पास के संसार के मु य
लोग का समथन हा सल कर सकते ह।
आपको यह सीखना चा हए क अपने ान और यो यता को लगातार कैसे बढ़ाएँ,
ता क आप सव च संभव तर पर दशन कर सक। अंत म, आपको साहस और लगन के
ो े ोई ै ो
गुण को वक सत करना चा हए, य क इनके बना कोई सफलता संभव नह है। आपको
अपने डर और शंका से उबरना भी सीखना चा हए, य क यही यादातर लोग को
पीछे रोके रखती ह। आपको अटल संक प के साथ अपनी हर चीज़ का समथन करना भी
सीखना चा हए।
आगे आने वाले प म आपको एक श शाली या सखाई जाएगी, जससे आप
कसी भी ल य को हा सल कर सकते ह, जो आप जीवन म तय करगे। आप यह सीखगे
क अपनी आमदनी तेज़ी से कैसे बढ़ाई जाए और व ीय वतं ता कैसे हा सल क जाए।
आप सीखगे क अपने पा रवा रक जीवन को कैसे सुखी बनाया जाए और अपने वा य
संबंधी ल य कैसे तय व हा सल कए जाएँ। आप सीखगे क उपल ध और पुर कार तक
प ँचने के लए आप कई साल क कड़ी मेहनत से कैसे बच सकते ह।
ल य तय करने और हा सल करने क यो यता काफ़ हद तक कसी प हये क धुरी
जैसी होती है। हर चीज़ इसी के इद- गद घूमती है। एक बार जब आप यह यो यता सीख
लेते ह, तो फर आप ज़दगी भर इसका इ तेमाल कर सकते ह। आइए, हम शु करते ह।
अ याय 1

अपने सभी ल य नधा रत और हा सल कर

ल य तय करने और उ ह हा सल करने क योजनाएँ बनाने क आपक यो यता


सफलता क “ धान यो यता” है। इस यो यता का वकास करने और इसे आजीवन
आदत बनाने से आप जतनी ऊँची सफलता और उपल धयाँ पाएँगे, उतनी संभवतः
कसी सरी यो यता को सीखने से नह पा सकते।
कसी भी चीज़ क तरह आप ल य तय करने क या के वामी तभी बनते ह, जब
आप इसे सीखते ह और फर इसका बार-बार इ तेमाल करते ह, जब तक क यह साँस लेने
और छोड़ने क तरह वचा लत नह बन जाती। आपके वहार का उ े य यह होना
चा हए क आप हमेशा ल य तय करते रह। आप या चाहते ह, इस बारे म इतने प और
एका बन क आप हर दन, हर पल वही काम कर, जो आपको अपने ल य क ओर आगे
बढ़ाए।
कुछ समय पहले सबसे सफल कुछ लोग का व तृत सा ा कार लया गया। इसका
मक़सद यह पता लगाना था क उनम ऐसे कौन से ख़ास गुण थे, जनक बदौलत वे हमारे
समाज के 99 तशत लोग से ऊपर उठे । सामने आने वाला एक गुण था “बु म ा।”
जब उन लोग पर दबाव डाला गया क वे बु म ा क प रभाषा बताएँ, तो यादातर का
मत था क बु म ा का मतलब आई यू या कूल के ेड नह , ब क “काम करने का
तरीक़ा” है।
शोध करने वाले इस नतीजे पर प ँचे क जो लोग सफल ए थे, उ ह ने बु म ापूवक
काय कया था। जो लोग असफल ए थे, उ ह ने बु म ाहीन तरीक़े से काय कया था।
कॉलेज के सबसे सफल व ाथ , जनके आई यू का तर ऊँचा था, बु म ाहीन वहार
म संल न नज़र आए। सरी तरफ़, सी मत शु आत और वपरीत प र थ तय म रहने वाले
कुछ लोग ब त बु म ापूण वहार करते दे खे गए।
सवाल यह है, “बु म ापूण वहार क प रभाषा या है ”

ै ै ो ो ी
जवाब आसान है। बु म ापूण वहार आपका हर वह काय है, जो आपको मनचाही
चीज़ क दशा म ले जाती है, जसके संबंध म आपने नणय लया है क आप उसे चाहते
ह। बु म ाहीन या “मूखतापूण” वहार आपका हर वह काय है, जो आपको मनचाही
चीज़ से र ले जाता है, जसके संबंध म आपने नणय लया है क आप उसे चाहते ह।
मसाल के तौर पर, अगर आप उ कृ वा य और फ़टनेस को अपना ल य बनाते ह,
तो इस ल य को हा सल करने के लए आप जो भी करते ह, वह हर चीज़ बु म ापूण है।
वा य या फ़टनेस से र ले जाने वाला आपका कया आ या न कया आ हर काम
आपक ख़ुद क प रभाषा के अनुसार मूखतापूण काम है।
य द आपका ल य ऊँची आमदनी पाना और आ थक से आ म नभरता हा सल
करना है, तो आपका हर वह काम बु म ापूण है, जो आपका गत मू य बढ़ाता है
और व ीय भंडार को भरता है। जब भी आप कोई ऐसी चीज़ करते ह, जो आपको व ीय
आ म नभरता से र ले जाती है, या जब आप कोई ऐसी चीज़ करते ह, जो आपको व ीय
आ म नभरता क ओर नह ले जाती है, तो आप बु म ाहीन वहार कर रहे ह - यह
आपक ख़ुद क प रभाषा से तय होता है क आप वाक़ई या चाहते ह।
एक उ लेखनीय खोज पर ग़ौर कर: आपक बु म ा लगभग 25 आई यू पॉइंट तक
लचीली होती है। इसका मतलब है क आप अपने दमाग़ का यादा अ छा इ तेमाल करके
अपना आई यू बढ़ा सकते ह। जस तरह आप अपनी शारी रक मांसपे शय पर मेहनत
करके शरीर को यादा श शाली बना सकते ह, उसी तरह अपनी मान सक मांसपे शय
पर मेहनत करके आप यादा चतुर बन सकते ह। जब आपके पास प , व श ल य ह गे
और आप उनक दशा म हर दन काम करगे, तो आप पाएँगे क आप हर चीज़ म यादा
बु म ापूण तरीक़े से काम कर रहे ह।
शायद पछले 100 वष क एक बेहद मह वपूण खोज यह है क आपके म त क म
एक वचा लत, साइबरने टक, ल य-खोजी यं होता है। इंसान इस धरती पर एकमा
ाणी है, जसम यह ख़ास मता है। इसक बदौलत आप ख़ुदबख़ुद उन ल य को अपने
आप हा सल कर लेते ह, जो आप तय करते ह, चाहे वे ल य कुछ भी ह ।
यह “सफलता का यं ” रात- दन काम करता है, चेतन प से भी और अचेतन प से
भी। यह आपको ल य हा सल करने के लए े रत और ो सा हत करता रहता है। यह
बजली के वच जैसा होता है। एक बार जब आप इसे चालू कर दे ते ह, तो यह चालू बना
रहता है, जब तक क आप इसे बंद करने के लए कुछ न कर। इस अ याय म बाद म हम
इसे यादा व तार से समझाएँगे।
यादातर लोग के साथ एक बड़ी सम या यह है क उनके वचा लत ल य-खोजी यं
का वच चालू ही नह होता। या फर, य द यह चालू होता है, तो सफ़ सी मत मह व और
मू य वाले ल य हा सल करने के लए ही चालू होता है। सुबह ऑ फ़स आने के बाद कुछ
लोग का बु नयाद ल य यह तय करना होता है क वे लंच के समय या करगे। दोपहर को
उनका बु नयाद ल य यह तय करना होता है क वे शाम को टे ली वज़न पर या दे खगे।
वीकएंड पर उनका बु नयाद ल य यह होता है क वे कैसे मौज-म ती करगे और समय
े े े े ै
गुज़ारगे। अख़बार उठाने पर उनका बु नयाद ल य पछले 24 घंट म दे श म ए हर मैच
का कोर पढ़ना होता है। जब वे ख़रीदारी करने जाते ह, तो उनका ाथ मक ल य यह होता
है क वे अपने पस म रखे हर नोट को ख़च कर द, और हर वह चीज़ भी, जो उ ह उधार
मल सकती है। उनक ाथ मकता ल य हा सल करना नह है; वे तो बस तनावर हत रहना
चाहते ह।
यहाँ सफलता का एक बेहद मह वपूण स ांत बताया जा रहा है: “हर चीज़
मह वपूण होती है ”
आप जो भी करते ह, वह हर चीज़ या तो ल य क दशा म बढ़ाती है या घटाती है। हर
चीज़ या तो मदद करती है या फर नुक़सान प ँचाती है। हर काय या अकाय आपको या तो
अपने ल य क ओर ले जाता है या फर उनसे र ले जाता है। कोई चीज़ तट थ नह
होती। हर चीज़ मह वपूण होती है।
आप संक पवान और न त काम करके जीवन का खेल जीत सकते ह। सरी तरफ़,
आप खेल म शा मल न होने से जीवन के खेल म हार सकते ह। अगर आपने अपनी
सफलता के यं को चालू ही नह कया है या तय ल य हा सल करने तक चालू नह रखा
है, तो जीवन के खेल म आपक हार तय है।
हर के अवचेतन मन म एक “असफलता यं ” भी होता है। असफलता का यं
अ सर तब नज़र आता है, जब लोग अपनी मनचाही चीज़ पाने के लए सबसे तेज़ और
आसान तरीक़े क तलाश करते ह। यादातर लोग यूनतम तरोध क दशा म चलते ह।
उ ह वह काम करना यादा पसंद होता है, जो अ पकाल म मज़ेदार और आसान हो। उ ह
मेहनत भरे काम करना पसंद नह होते, जो लंबे समय म बेहतर प रणाम पाने के लए
ज़ री ह।
हर सुबह उठने पर आपके सामने एक चुनौती होती है। या मज़ेदार और आसान काम
कर या फर वह काम कर, जो मु कल ले कन ज़ री है या उठकर दन के लए ख़ुद
को तैयार कर या फर अख़बार पढ़ और टे ली वज़न दे ख
आपके वहार के मह व और मू य का व ेषण करने का सबसे अ छा तरीक़ा यह
है क इससे लंबे समय म कैसे प रणाम मलगे। वह काय मू यवान और मह वपूण है,
जसके आपके जीवन म मह वपूण सकारा मक प रणाम हो सकते ह। सरी ओर, वह
काय वहार मह वहीन और अ ासं गक है, जसके कोई मह वपूण सकारा मक प रणाम
नह होते।
मसाल के तौर पर, अगर आप कॉफ़ पीते ह, अख़बार पढ़ते ह और टे ली वज़न दे खते
ह, तो इन काम का आपक सेहत, ख़ुशी, समृ पर या तो कोई असर नह होगा, या फर
सफ़ नकारा मक असर होगा। आप ये चीज़ कई घंट तक कर सकते ह। भले ही आप
मानव जा त के इ तहास म सबसे कुशल अख़बार पाठक, टे ली वज़न दशक और कॉफ़ पीने
वाले बन जाएँ, ले कन इसका आपके भ व य पर शू य भाव पड़े गा। इस लए प रभाषा के
अनुसार ये मह वहीन, कम मह व के काम ह, य क इनके कोई सकारा मक प रणाम
नह होते ह।
ीओ े े ी
सरी ओर, हर सुबह उठकर आधा या एक घंटे पढ़ने, स ताह म तीन-चार दन ायाम
करने और समय के सबसे मू यवान उपयोग पर हमेशा यान क त करने से आपको
भ व य म मह वपूण प रणाम मल सकते ह। इन काम क आदत डालने से इस बात क
लगभग गारंट मल जाती है क आप ज़दगी म आम आदमी से ब त यादा हा सल करगे।
हर सुबह जब अलाम घड़ी बजती है, तो आपके पास हर बार यह चुनने का मौक़ा होता है
क आप इन दो दशा से कस दशा म जाना चाहते ह। हर चीज़ मह वपूण होती है।
एक गुण युग -युग से जीवन म सफलता या असफलता, स ता या अ स ता,
स मान या अस मान का अ त मह वपूण नधारक रहा है। यह है “आ म-अनुशासन” का
गुण। सबसे सफल और ख़ुश लोग हमेशा सबसे कम सफल और सबसे कम ख़ुश लोग से
हमेशा यादा अ छ तरह अनुशा सत रहे ह।
अ बट हबड ने लखा था, “आ म-अनुशासन ख़ुद से वह काम कराने क यो यता है,
जो आपको करना चा हए, जब आपको उसे करना चा हए, चाहे आप उसे पसंद करते ह या
न करते ह ।”
उस काम को करना आसान होता है, जसे करने का मन हो, जो मज़ेदार, आसान या
आरामदे ह हो। ले कन जब कसी कठोर और मु कल काम को करने क बात आती है, तो
आपको यूनतम तरोध वाले माग पर चलने क अपनी इ छा से जूझना पड़ता है। इसी
समय अनुशासन क ज़ रत पड़ती है। अचरज क बात यह है क आप ख़ुद को जतना
यादा अनुशा सत करते ह, आप वयं को उतना ही यादा पसंद करते ह और वयं का
उतना ही यादा स मान करते ह। आप यादा अ छे और श शाली बन जाते ह। आप
जतने यादा अनुशासन का इ तेमाल करते ह, आप उतना ही यादा काम कर पाते ह और
उतना ही बेहतर महसूस करते ह।
आ म-अनुशासन सफ़ वहा रक नतीज के संदभ म ही प रणाम नह दे ता है; यह
सकारा मक नज़ रये और आ मस मान व आ मगौरव के ऊँचे तर के संदभ म भी प रणाम
दे ता है।
आ म-अनुशासन शायद जीवन के कसी सरे े म इतना मह वपूण नह होता,
जतना ल य तय करने और हर दन उनक दशा म काम करने म होता है।
कुछ वष पहले यू यॉक म डॉ. करेन हॉन ने एक अ ययन कया। इसम तभा गय
को ल य तय करना सखाया गया और आने वाले महीन तथा वष म उनको मलने वाले
प रणाम क नगरानी क गई। उ ह बड़ी उ लेखनीय बात पता चली तभा गय ने अपने
लए जो ल य तय कए थे, उ ह ने उनम से 95 तशत ल य हा सल कर लए। इस बारे म
सोच ल य तय करने वाल क सफलता क दर 95 तशत थी यह बेहद आ यजनक
बात है, हालाँ क यह उससे मेल खाती है, जो हम इस वषय के बारे म जानते ह।
वे व ान के सहारे जस नतीजे पर प ँचे, उसे हम स दय से वहा रक प से जानते
ह। हर मानवीय काय उ े यपूण होता है। इंसान वचा लत प से और आसानी से ल य
तय व हा सल करते ह, बशत वे ल य तय कर। एक बार जब आप पूरी तरह से प कर

े े े औ े े ो े े
लेते ह क आप या चाहते ह और फर उस दशा म बढ़ाने वाले काम को यादा करने के
लए ख़ुद को अनुशा सत करते ह, तो आपक सफलता क लगभग पूरी गारंट है।
सवाल यह है: य द ल य तय करना और ल य हा सल करना वचा लत है और आपके
तं म ही बुना आ है, तो फर इतने कम लोग के पास ल य य होते ह ब त से
अ ययन म बताया गया है क सफ़ 3 तशत वय क के पास योजना के साथ प ,
ल खत, व श ल य होते ह, जन पर वे हर दन काम कर सक। क रयर के अंत म
ल खत ल य वाले ये 3 तशत लोग बाक़ 97 तशत लोग से यादा दौलतमंद बन
जाते ह।
ल य तय करने क सात कुं जयाँ ह। ये सामा य स ांत लगभग हर ल य पर लागू
होते ह। जब आप कसी ऐसे को दे ख, जो अपने ल य हा सल नह कर रहा है, तो
यह समझ ल क वह इन सात मु य े म से कसी एक म कमज़ोर है।
पहली कुंजी यह है क ल य प , व श , व तृत और ल खत होने चा हए। ल य
अ प या आम नह हो सकते, जैसे सुखी होना या यादा पैसे कमाना। ल य व श , मूत,
ठोस होने चा हए। ल य का मतलब है कोई ऐसी चीज़, जसका प च आप अपने मन
म दे ख सक और उसक क पना कर सक।
ल य तय करने क सरी कुंजी यह है क ल य को नापने यो य और व तु न होना
चा हए। वे ऐसे होने चा हए क कोई भी उनका व ेषण और मू यांकन कर सके। “ब त
सारे पैसे कमाना” ल य नह है। यह तो सफ़ एक इ छा या फ़ंतासी है, जो हर इंसान के मन
म होती है। सरी ओर, व श समयाव ध म न त धनरा श कमाना एक स चा ल य है।
तीसरी कुंजी यह है क ल य के साथ समयसीमा होनी चा हए, यानी ल य म
समयसारणी, डे डलाइन और उप-डे डलाइन का उ लेख होना चा हए। वा तव म, कोई भी
ल य हवाई नह होता है; सफ़ डे डलाइन हवाई होती है। एक बार जब आप अपने ल य के
लए एक प समयाव ध और डे डलाइन तय कर ल, तो फर उस समय तक ल य हा सल
करने क दशा म काम करते ह। य द उस डे डलाइन तक ल य हा सल न हो पाए, तो सरी
डे डलाइन तय कर ल, और ज़ रत पड़ने पर तीसरी डे डलाइन तय कर ल। इसी तरह ल य
क दशा म तब तक काम करते रह, जब तक क आप अंततः कामयाब न हो जाएँ।
भारत म लाख -करोड़ लोग हर साल वमान या ा करते ह। हज़ार हवाई जहाज़
लाख लोग को बैठाकर हर दन दे श म उड़ान भरते ह, लगभग हर शहर और क बे क
ज़मीन को छू ते ह। उ यन अरब डॉलर का उ ोग है, जो हम सभी को पश करता है।
उ यन उ ोग और हर या ी क सफलता पूणतः सु नयो जत, कं यूटरीकृत, वचा लत,
रा ीय ल य नधारण का प रणाम है। जब भी आप कोई या ा करते ह, तो आपके मन म
एक ख़ास शहर या ल य होता है। आप सट कता से नणय लेते ह क आप कब या ा
करना चाहते ह और इसम कतना समय लगेगा। आप हवाई अ े तक क री और सुर ा
जाँच आ द के लए आव यक समय का अनुमान लगाते ह। आप यह आकलन करते ह क
अपने मनचाहे शहर तक उड़ान भरने म कतना समय लगेगा और फर हवाई जहाज़ से

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उतरने के बाद अपनी मनचाही जगह तक प ँचने म कतना समय लगेगा। आप अपनी
या ा के हर ह से के लए न त समय सारणी बनाते ह।
हर साल करोड़ लोग यही करते ह। वे अ व सनीय सट कता और समयब ता के
साथ अपनी वतमान जगह से अपनी मनचाही जगह तक सफलतापूवक या ा करते ह। यह
बड़े पैमाने का ल य- नधारण है। यही या गत तर पर आपके लए भी काम
करती है।
ल य- नधारण क चौथी कुंजी यह है क आपके ल य चुनौतीपूण होने चा हए। उ ह
हा सल करने के लए आपको थोड़ा अ त र यास करना होता है। आपने अतीत म जो
हा सल कया है, वे उससे आगे के होने चा हए। आपके ल य क सफलता क पचास
फ़ सद संभावना होनी चा हए। इससे ल य क दशा म बढ़ने क या थोड़ी तनावपूण
बन जाती है, परंतु यह आपको अ त र यास करने के लए ववश करती है, जससे
आपके कई सव े गुण नकलकर बाहर आ जाते ह।
पाँचव कुंजी यह है क आपके ल य आपके मू य के सामंज य म होने चा हए और
एक- सरे के साथ भी सामंज य म होने चा हए। आप पर पर- वरोधी ल य नह रख
सकते। म ऐसे लोग से मल चुका ँ, जो कारोबार म सफल होना चाहते ह, ले कन साथ ही
वे हर दोपहर को गो फ़ भी खेलना चाहते ह। प प से, एक ही समय म इन दोन ल य
को हा सल करना संभव नह है।
छठ कुंजी यह है क आपके ल य संतु लत होने चा हए - आपका क रयर या
कारोबार, आपका व ीय जीवन, आपका प रवार, आपका वा य, आपका आ या मक
जीवन और आपक सामुदा यक संल नता। जस तरह सुचा प से घूमने के लए प हये
को संतु लत होना चा हए, उसी तरह आपके जीवन म भी हर े के ल य का संतुलन
होना चा हए, ता क आप ख़ुश और संतु रह सक।
सातव कुंजी यह है क आपके पास अपने जीवन के लए एक बड़ा न त उ े य
होना चा हए। आपके पास एक ल य होना चा हए, जसे पा लेने से आपका जीवन इतना
यादा बेहतर बन सकता है, जतना कसी सरे ल य से नह बन सकता।
आपका जीवन महान बनना तभी शु होता है, जब आप एक बड़े न त उ े य का
नणय लेते ह और फर अपनी सारी ऊजाएँ उस एक ल य को पाने पर क त कर लेते ह।
आ य क बात यह है क जब आप अपने बड़े ल य को हा सल करने क दशा म बढ़गे,
तो कई छोटे -छोटे ल य अपने आप हा सल हो जाएँगे। ले कन आपके पास अपने जीवन के
लए एक बड़ा, न त उ े य होना ही चा हए।
ल य हा सल करने क सात कुं जय के अलावा आपके पास ल य- नधारण व ल य-
ा त क प त भी होनी चा हए, जसे आप अपने जीवन के कसी भी ल य पर लागू कर
सक।
यहाँ बारह क़दम क ल य नधारण या बताई जा रही है, जो दस लाख से यादा
लोग को सखाई जा चुक है। यह कचन म कोई ंजन बनाने क व ध जैसी है। अपनी
थ त और ख़ास आव यकता के मुता बक़ आप इन त व म प रवतन कर सकते ह,
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ता क आप अपने मनचाहे ल य और जीवन का सृजन कर सक। सफल और सुखी लोग
हर समय इन स ांत का इ तेमाल करते ह, चाहे वे उनके बारे म जाग क ह या न ह ।
जब भी आप कसी ऐसे को दे ख, जो कम हा सल कर रहा है, तो यह बात तय है क
इन त व म से कोई एक त व कम है या नदारद है।
ल य नधारण म पहला क़दम है इ छा; अपने ख़ास ल य को पाने क गहरी, धधकती
ई इ छा। यह इ छा ख़ुद के लए होनी चा हए यानी यह कोई ऐसी चीज़ होनी चा हए, जो
आप ख़ुद के लए चाहते ह । आप कसी सरे के लए ल य कभी नह चाह सकते, न ही
आप कोई ऐसा ल य हा सल कर सकते ह, जो कोई सरा आपके लए चाहता हो।
आपको अंततः जो बड़ा पूछना चा हए और जसका जवाब दे ना चा हए, वह यह
है: म अपने जीवन म सचमुच या चाहता ँ आप दल क गहराई म अपने लए सचमुच
या चाहते ह आप गत प से या हा सल करके सबसे यादा रोमां चत या
उ साही ह गे य द आप पूरे संसार म केवल एक ल य हा सल कर सक और आपको उस
ल य को हा सल करने म सफलता क पूरी गारंट दे द जाए, तो वह एक ल य कौन सा
होगा आपक गत इ छा क ती णता और गहराई से ही यह तय होगा क आप अपने
तय ल य को पाने के लए कतनी ऊजा और संक प लगाते ह। आप सचमुच या चाहते ह
और आप उसे कतनी श त से चाहते ह
ल य नधारण म सरा घटक या क़दम है व ास। आपको अपने दल क गहराई म
पूरा व ास होना चा हए क आप ल य के हक़दार ह और उसे हा सल करने म स म ह।
व ास वह उ ेरक है, जो आपक तमाम मान सक और शारी रक श य को स य कर
दे ता है। आ या मक संदभ म व ास को आ था कहा जाता है। हर े म ऊँची सफलता
पाने वाले सभी लोग ज़बद त आ था और व ास वाले ी-पु ष होते ह। उ ह ने अपने
लए जो ल य तय कए ह, उ ह हा सल करने क अपनी मता म उ ह गहरा व ास होता
है।
आ यजनक बात यह है क जब आप ख़ुद के लए एक प ल य तय कर लेते ह,
कोई ऐसी चीज़ जसे आप सचमुच, सचमुच चाहते ह और आप हर दन इसक दशा म
काम करने लगते ह, तो आपक इ छा बल बनती जाती है और आपका व ास गहरा
होता जाता है। आगे उठाए गए हर क़दम के साथ आपका यह व ास गहरा होता है क
आप यह कर सकते ह। यही इस कथन का अथ है, “हज़ार मील लंबी या ा भी एक क़दम
से शु होती है।”
सफल होने क आपक चरम यो यता म आपके व ास का तर आपके संक प और
लगन का मु य नधारक है। इस लए यह अ नवाय है क आप ऐसे ल य बनाएँ, जो व ास
करने और हा सल करने यो य ह , ख़ास तौर पर शु आत म।
उदाहरण के लए, आप यह ल य तय नह कर सकते क आप एक साल म ग़रीबी से
व ीय आ म नभरता तक प ँच जाएँगे। ऐसे ल य का नाकाम होना तय है, य क यह
आपक मता से ब त यादा परे है। आपको तो कोई ऐसा ल य तय करना चा हए,
जस तक प ँचा जा सके और फर उसके बाद एक और ल य और फर एक और ल य।
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एक समय म एक-एक छोटे ल य हा सल करने से आपका आ म व ास बढ़ जाता है। आप
ग त म आ जाते ह। अंततः आप उस ब तक प ँच जाते ह, जहाँ आपको व ास हो जाता
है क ऐसा कोई ल य नह है, जसे आप हा सल न कर पाएँ, बशत यह प हो और आप
इस पर पया त लंबे समय तक कड़ी मेहनत कर। ले कन ल य तय करने के मामले म
आपको दौड़ने से पहले चलना होता है।
तीसरा क़दम यह है क आप इसे लख ल। जो ल य लखा नह जाता है, वह ल य ही
नह होता है। जो भी इंसान भारी सफलता पाता है, वह प , ल खत, व श , व तृत
ल य व योजना के अनु प काम करता है। वह इनक नय मत समी ा करता है, कई
बार तो हर दन। इससे आपके अवचेतन मन म इन ल य क गहरी ो ा मग हो जाती है,
जहाँ वे सजीव और श शाली बन जाते ह।
लगातार ख़ुद से पूछते रह, “मुझे इस ल य म सफलता मल रही है, यह म कस तरह
नापूँगा म कन मानदं ड का इ तेमाल क ँ गा म अपनी ग त मापने के लए कन
मानदं ड या कोरकाड का इ तेमाल कर सकता ँ ”
चौथा क़दम यह है क अपने मु य ल य या ल य को हा सल करने से पहले अपने
शु आती ब का व ेषण कर। आप इस व त कहाँ ह य द आप न त दौलत हा सल
करना चाहते ह, तो एक गत व ीय टे टमट बनाएँ और पता लगाएँ क आज आपके
पास कतनी दौलत है।
जब आप अपने शु आती ब का व ेषण करके अपनी थ त का आकलन करते
ह, तो आप ईमानदार होने के लए ववश होते ह। इसक बदौलत आप ऐसे ल य तय नह
करते ह, जो हा सल नह हो सकते और जनम आपक हार तय है। इसक बदौलत आप
ऐसे ल य तय करते ह, जो व ास करने और हा सल करने यो य ह ।
पाँचवाँ क़दम यह है क आप यह नणय ल क आप उस ख़ास ल य को य पाना
चाहते ह यह हम एक बार फर इ छा के ब पर ले आता है। कसी ल य को हा सल
करने से आपको कौन-कौन से लाभ ह गे, उन सभी क सूची बना ल। कारण सफलता क
भ का धन है।
य द कसी ल य को हा सल करने के सफ़ एक-दो कारण ह, तो आपके पास ब त
कम ो साहन या ेरणा होगी। ले कन य द कसी ख़ास ल य को हा सल करने के लए
आपके पास चालीस-पचास कारण ह, तो आप सफल होने के लए इतने यादा े रत,
ो सा हत और संक पवान बन जाएँगे क कोई भी व तु या आपके सामने नह टक
पाएगा।
आप जतने यादा कारण सोचगे, आपक इ छा उतनी ही यादा बल होगी और
आपका व ास भी उतना ही गहरा होगा क आप उस ल य तक प ँच सकते ह।
छठा क़दम यह है क आप अपने ल य क डे डलाइन तय कर ल। डे डलाइन एक
“आकलन” है क आप अपना ल य कब तक हा सल कर लगे। यह कसी ल य पर
नशाना साधने जैसा है। आप बीच बीच हार कर सकते ह या आप एक तरफ़ या सरी
तरफ़ हार कर सकते ह। आप अपने आधे ल य शायद डे डलाइन से पहले ही हा सल कर
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लगे और बाक़ आधे शायद डे डलाइन के बाद हा सल कर पाएँगे। ले कन फर भी आपके
पास एक डे डलाइन होनी चा हए, जस तरह कसी वमान का एक न त थान समय
होता है, चाहे वह आपके टकट म दए ख़ास समय पर चले या न चले।
य द आपका ल य पया त बड़ा है, तो इसे छोट -छोट समय सीमा म तोड़ ल। इससे
ब त मदद मल सकती है। जब आप अपने ल य को दन और घंट क मा ा व
ग त व धय म बाँट लेते ह, तो आप यह दे खकर च कत रह जाएँगे क आप कतना यादा
कर सकते ह।
ल य तय करने क या म सातवाँ क़दम यह तय करना है क आपके और आपके
ल य के बीच कौन सी बाधाएँ खड़ी ह। आप अपने ल य पर अब तक य नह प ँचे ह
आपको कौन रोक रहा है कसने आपको पीछे रोक रखा है आपके ल य को हा सल
करने से जो चीज़ आपको पीछे रोक रही ह, उनम सबसे बड़ी अकेली बाधा कौन सी है
जो बाधाएँ और मु कल आपको ल य हा सल करने से रोक रही ह, आप उन पर
80/20 का नयम लागू कर सकते ह। यह नयम बताता है क अगर आप अपने ल य
हा सल नह कर रहे ह, तो यादातर मामल म 80 तशत कारण आंत रक होते ह; वे
आपके आस-पास के संसार म नह , ब क आपके भीतर होते ह। सफ़ 20 तशत बाधाएँ
ही बाहरी होती ह, यानी उनका संबंध आपक थ त या सरे लोग से होता है।
औसत और दोयम दज के लोग जब ग त नह कर पाते ह, तो वे अपनी असफलता का
दोष हमेशा अपने आस-पास के लोग और प र थ तय को दे ते ह। ले कन े लोग हमेशा
अपने भीतर झाँकते ह और पूछते ह, “मेरे भीतर वह कौन सी चीज़ है, जो मुझे पीछे रोक
रही है ”
आठवाँ क़दम यह है क आप यह पता लगाएँ क अपना ल य हा सल करने के लए
आपको कस ान, जानकारी और अ त र यो यता क ज़ रत पड़े गी। याद रख,
सूचना युग म ान ही सफलता का क चा माल है। आपने पहले कभी जो हा सल नह
कया, उसे हा सल करने के लए आपको ऐसा कुछ करना होगा, जो आपने पहले कभी
नह कया है। आपको ऐसा इंसान बनना होगा, जो आप पहले कभी नह रहे ह। अपनी
उपल ध के वतमान तर से परे जाने के लए आपको वह ान और यो यताएँ हा सल
करनी ह गी, जो आपम पहले कभी नह थ ।
हर नए ल य के साथ सीखने का उ े य जुड़ा होना चा हए। आपका ल य जो भी हो,
आपको यह पता लगाना चा हए क इसे हा सल करने के लए आपको या सीखना होगा
और कस चीज़ म मा हर बनना होगा। ख़ुद से पूछ, “वह एक यो यता कौन सी है, जसे
अगर म वक सत कर लूँ और उ कृ अंदाज़ म क ँ , तो मुझे यह ल य हा सल करने म
सबसे यादा मदद मलेगी ” आपका जवाब जो भी हो, उसे लख ल, एक योजना बनाएँ
और फर हर दन उस यो यता को नखारने क मेहनत कर, जब तक क आप उसम मा हर
न हो जाएँ। सफ़ इसी नणय से आपक ज़दगी बदल सकती है।
नवाँ क़दम यह तय करना है क ल य हा सल करने के लए आपको कन लोग के
सहयोग और सहायता क ज़ रत होगी। अपने प रवार, बॉस और सहक मय से शु आत
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कर। अपने ाहक , अपने स लायस और अपने बकर के बारे म सोच। आपको कसक
मदद क ज़ रत होगी और उनसे मदद लेने के लए आपको या करना होगा आप कसी
तरह से उनक मदद करके बदले म उनका सहयोग कैसे पा सकते ह
संबंध ही सब कुछ होते ह। कोई भी मह वपूण चीज़ हा सल करने के लए आपको
ब त से लोग क मदद क ज़ रत होगी। आप जतने यादा और बेहतर संबंध बनाते ह,
ल य उतनी ही तेज़ी से हा सल ह गे और आपके जीवन का हर ह सा उतना ही बेहतर
होगा। आपके कामकाजी और नजी जीवन के वे मु य लोग कौन ह वे कौन ह गे उनक
सहायता और सहयोग हा सल करने के लए आप या कर सकते ह
दसवाँ क़दम यह है क आप अपने ल य को हा सल करने क एक योजना बना ल।
योजना उन काम क एक संग ठत सूची होती है, ज ह आपको पूरा करना होगा, तभी आप
अपनी वतमान जगह से अपनी मनचाही जगह तक प ँच सकते ह। यह काफ़ हद तक उस
योजना जैसी है, जो आप छु याँ मनाने या सैर पर जाते समय बनाते ह। आप उन सारी
चीज़ क सूची बनाते ह, ज ह आप अपने साथ ले जाएँगे और उन सभी काम क , जो
आपको जाने से पहले और आने के बाद करने ह गे।
ल य हा सल करने क या म आप यह तय करते ह क आप सट कता से या
चाहते ह और उसे लख लेते ह। आप अपने शु आती ब का व ेषण करते ह और
लखते ह क आप कन कारण से उस ल य को हा सल करना चाहते ह। आप एक
समयसीमा और उप-समयसीमा तय करते ह। आप सूची बनाते ह क आपको कन बाधा
से उबरना होगा और कन सम या को सुलझाना होगा। आप तय करते ह क अपना
ल य हा सल करने के लए आपको कन यो यता , ान और मानव संसाधन को सीखना
या हण करना होगा। आप यह पता लगाते ह क आपको कन लोग क मदद क ज़ रत
होगी और उनक मदद व समथन हा सल करने के लए आपको या करना होगा। फर
आप इन सभी ब के आधार पर एक काययोजना बना लेते ह।
योजना समय, म और मह व के आधार पर व थत ग त व धय क सूची है।
आपको सबसे पहले या करना है और सरे नंबर पर या करना है यादा मह वपूण
या है और कम मह वपूण या है सरी चीज़ क जा सक, इसके पहले या करने क
ज़ रत है वे ग त व धयाँ कौन सी ह, जो ल य पाने के लए कसी सरी चीज़ से यादा
मह वपूण ह
ल य नधारण म यारहवाँ क़दम यह है क आप हर दन अपने ल य का मान सक
च इस तरह दे ख, जैसे वह पहले ही हा सल हो चुका हो। अपने मन क आँख से अपना
ल य प ता से दे ख। क पना कर क हा सल होने पर यह कैसा दखेगा। वह भावना
जगाएँ, जो ल य हा सल होने पर आपके मन म होती। उस गव, संतु और ख़ुशी क
क पना कर, जसका अनुभव आप अपने मनचाहे ल य के पूरा होने पर करते, अगर आप
वैसे इंसान बन चुके होते, जैसे आप बनना चाहते थे।
दन म कई बार इस मान सक च ण को दोहराएँ और इसे भावना से सराबोर कर द।
जब भी आप मान सक च दे खते ह और इसे भावना से सराबोर करते ह, तो हर बार आप
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अपने अवचेतन और अ तचेतन मन म अपने ल य क यादा गहरी ो ा मग कर लेते ह।
अंततः आपका ल य एक बल अचेतन श बन जाता है और आपको दन-रात
ो सा हत व े रत करता है।
अंत म, ल य नधारण का बारहवाँ क़दम हर काम के पीछे लगन और संक प का
संबल दे ना है। पहले से संक प ल क आप कभी, कभी हार नह मानगे। कसी भी बाधा या
मु कल के आने से पहले ही यह नणय ल क जब तक आप अपने ल य तक नह प ँच
जाते, तब तक आगे बढ़ते रहगे, चाहे कुछ भी हो जाए।
जब आप पहले से ठान लेते ह क आप कभी हार नह मानगे, तो इस मान सक तैयारी
से आपको इतनी यादा मदद मलेगी, जतनी कसी सरी चीज़ से नह मलेगी। ल य तक
प ँचने क राह म आपको कई झटके और नराशाएँ मलना तय है। यह अप रहाय और
अव यंभावी है, जससे बचा नह जा सकता। यह हमेशा इसी तरह होता है। इसी लए
आपको पहले से ठान लेना चा हए क आपको कोई चीज़ नह रोक पाएगी। फर जब
अव यंभावी बाधाएँ और मु कल सामने आएँगी, तो आप मनोवै ा नक से उनसे
मुक़ाबला करने को तैयार ह गे। आप अंदर से टू टने के बजाय उन पर टू ट पड़गे।
अंत म, हमने इस अ याय म जन चीज़ पर बात क है, उन सभी को एक आसान
या म परोने वाला एक अ यास यहाँ दया जा रहा है: कोरे काग़ज़ के ऊपर लख,
“ल य।” आज क तारीख़ डाल। फर कम से कम दस ल य क सूची बनाएँ, ज ह आप
अगले बारह महीन म हा सल करना चाहते ह। इन ल य को वतमान काल म लख, जैसे
एक वष गुज़र चुका हो और आप ल य हा सल कर चुके ह । मसाल के तौर पर, अगर
आप अगले बारह महीन म अमुक डॉलर कमाना चाहते ह, तो आप लखगे, “म इस वष
इतने डॉलर कमाता ँ।” अपने दस ल य लखने के बाद अपनी सूची क समी ा और
व ेषण कर। ख़ुद से यह सवाल पूछ, “इस सूची म वह एक ल य कौन सा है, जसे
हा सल करने का मेरे जीवन पर सबसे यादा सकारा मक भाव पड़े गा ”
आप अपनी ल य-सूची का व ेषण करके उस सबसे मह वपूण ल य को चुनते ह।
यह ल य नकट भ व य के लए आपका मु य न त उ े य बन जाता है। यह ल य
आपका ाथ मक व थापक स ांत बन जाता है। यह वह ल य बन जाता है, जो ऊपर
बताई गई बारह ह स क ल य- नधारक या से होकर गुज़रता है। इसे एक अलग
काग़ज़ पर लख ल और एक डे डलाइन या समयसीमा तय कर ल। अपनी शु आती थ त
का व ेषण कर और उन कारण क सूची बनाएँ क आप वह ल य य हा सल करना
चाहते ह। उन बाधा का पता लगाएँ, जो आपके और उस ल य के हा सल होने के बीच
खड़ी ह। पता लगाएँ क ल य हा सल करने के लए आपको कस ान और यो यता क
ज़ रत पड़े गी। पता लगाएँ क आपको कन लोग के सहयोग और सहायता क ज़ रत
पड़े गी। ल य हा सल करने क एक योजना बना ल। फर योजना पर काम करने म जुट
जाएँ और हर दन कुछ न कुछ कर, जो आपको अपने ल य क ओर ले जाता हो।
जब आप अपने जीवन म इन स ांत पर अमल करने लगते ह, तो आप इतना यादा
हा सल करने लगगे क आपको ख़ुद को भी हैरानी होगी। आप यादा सकारा मक,
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श शाली और भावी इंसान बन जाएँगे। आपम यादा आ म-गौरव और आ म व ास
होगा। आप हर दन, हर पल वजेता जैसा महसूस करगे। आप गत नयं ण और
दशा का ज़बद त अहसास अनुभव करगे। आपम यादा ऊजा और उ साह होगा।
फल व प आप चंद ह त या महीन म इतना यादा हा सल कर लगे, जतना आम
आदमी कई वष म भी हा सल नह कर सकता।
जब आप अ ययन और बारंबार अ यास करके आजीवन ल य- नधारक बन जाते ह,
तो आपके अवचेतन मन म “सफलता क धान यो यता” क ो ा मग हो जाएगी। आप
हमारे समाज के शीष थ तीन तशत उ च सफल लोग क ेणी म प ँच जाएँगे। आपक
गनती संसार के सबसे सुखी और सफल लोग म होगी।
अ याय 2

जीवन म अपना स चा ल य खोज

अ पनी जीवन या ा म आप कभी ख़ुद से जो सबसे मह वपूण पूछ सकते ह, वे ये ह:


“म यहाँ य आया ँ ” “म जीवन म सचमुच, सचमुच या चाहता ँ ” “म कहाँ
जा रहा ँ ” और “अगर म अपने सारे ल य हा सल कर लूँ, तो मेरी ज़दगी कैसी
दखेगी ”
80/20 का नयम कहता है क आप जो 20 तशत काम करते ह, वे आपके पूरे
काम के 80 तशत मू य का त न ध व करते ह। इसके अलावा, आपके जीवन पर
“20/80 का नयम” भी लागू होता है। यह नयम कहता है क आपके लए जो भी वाक़ई
मह वपूण है, उसके बारे म सोचने और योजना बनाने म आप पहले जो 20 तशत समय
लगाते ह, वह अंततः मलने वाले 80 तशत मू य और प रणाम को तय करता है।
सबसे सफल और सुखी लोग वही होते ह, जो यादातर समय यह सोचने म लगाते ह
क वे सचमुच कौन ह और वे सचमुच या चाहते ह। वे अपने स चे ल य और इ छा
क रोशनी म लगातार अपनी ग त का आकलन और मू यांकन करते ह। वे यह सु न त
करते ह क सफलता क सीढ़ पर चढ़ते समय यह सही इमारत से टक रहे।
इस अ याय म आपको वचार और क एक ृंखला बताई जाएगी, जसका
इ तेमाल करके आप जीवन म अपने स चे अथ और उ े य का पता लगा सकते ह। इन
पर पूरी तरह सोचने और इनका जवाब दे ने क आपक इ छु कता व यो यता का
आपक द घकालीन ख़ुशी व सफलता पर जतना भाव पड़ सकता है, उतना कसी सरी
चीज़ से नह पड़े गा।
गत महानता का शु आती ब यह अहसास है क आप सचमुच असाधारण ह
पूरी सृ म ब आप जैसा कोई इंसान पहले कभी नह रहा। आपम ऐसी उ लेखनीय
यो यताएँ, कुशलताएँ, झान, ान और वचार ह, जो आपको संसार म अब तक आए
लोग से भ और े बनाते ह। इस समय भी आपके भीतर इतनी मता है क आप

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उससे यादा हा सल कर ल, जतना आपने आज तक हा सल कया है। आप “सफलता के
जीव” के प म रचे और बनाए गए ह। आपके अंदर उन चीज़ को यादा करने क ेरणा
भरी गई है, जनसे आपको अपनी मनचाही सफलता और ख़ुशी मल सकती है।
अफ़सोस क बात यह है क यादातर लोग अपनी स ची मता से कम पर काम
करते ए ज़दगी गुज़ार दे ते ह और फर “अपना संगीत अपने भीतर लए ए ही” मर जाते
ह। वे दबाव और घटना पर, अ भभावक और अ धका रय पर, बल और ज़ मेदा रय
पर त या करते रहते ह, जब तक क यह जीवनशैली वचा लत और न ववाद नह बन
जाती। वे कभी शां त से बैठकर सोचने का समय ही नह नकालते ह क वे दरअसल ख़ुद
के लए या चाहते ह।
लीडस का एक गुण यह होता है क वे “जानते ह क वे कौन ह।” लीडर वे ी-पु ष
ह, ज ह ने समय लगाकर यह पूरी तरह प कर लया है क वे कसके प म खड़े ह
और कसम यक़ न करते ह। वे जानते ह क वे कहाँ जा रहे ह और वे वहाँ कैसे प ँचगे।
अ छ ख़बर यह है क लीडर पैदा नह होते ह; लीडर तो बनते ह। आप ऐसे वचार
सोचकर लीडर बनते ह, जो लीडर सोचते ह। आप ऐसे काम करके लीडर बनते ह, जो
लीडर करते ह। नेतृ व का अथ पद नह है; यह तो काय है। नेतृ व कसी काड पर लखा
पदनाम या पदवी नह है। यह तो उन चीज़ से तय होता है, जो आप हर दन करते और
कहते ह। जब आप कसी लीडर क तरह सोचते, चलते, बात करते और काम करते ह, तो
आप लीडर बन जाते ह। आप अपने जीवन और भ व य क बागडोर अपने हाथ म थाम
लेते ह। आप अपनी तक़द र के वामी और अपने भ व य के आ कटे ट बन जाते ह।
आपको इस धरती पर इस लए भेजा गया था, ता क आप अपने जीवन म कुछ अ त कर।
आपका काम यह पता लगाना है क वह अ त चीज़ या है और फर उसे ब त अ छ
तरह से करने म अपने पूरे दल को झ कना है। आपके जीवन का सफ़ एक उ े य हो
सकता है, जैसा मदर टे रेसा का था। या फर आपके जीवन के कई, मक उ े य हो सकते
ह, जब आप वकास करते ए यादा अ छे इंसान बनते ह।
सबसे सफल पु ष और म हला म एक गुण समान होता है: प ता। उ ह ब त
प ता से पता होता है क वे कसके प म खड़े ह, कसम व ास करते ह और कहाँ जा
रहे ह। यह आपको भी प ता से पता होना चा हए।
आपके “ दय क इ छा” या है आपके दय क इ छा क प रभाषा है वह एक
ख़ास चीज़, जसे करने के लए आपको इस पृ वी पर भेजा गया था। यह ऐसी मह वपूण
और अनूठ चीज़ है, जसे उ कृ अंदाज़ म करने के लए आप अनूठे प से उपयु ह।
ज़दगी म आपका ाथ मक ल य अपने दय क इ छा खोजना होना चा हए। सफ़ तभी
आप वाक़ई ख़ुश, सचमुच सफल और पूरी तरह संतु ह गे। आपके दय क इ छा या
है
अपने दय क इ छा खोजने का काम कसी मह वपूण खोज पर नकलने जैसा है,
जैसे राउंड टे बल के यो ा “होली ेल” क खोज म लगे थे। आपका काम भी अपना
“होली ेल” खोजना है। इस सवाल का जवाब दे कर शु आत कर: “आप कस महान
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चीज़ का सपना दे खने क ह मत करगे, अगर आपको यह पता हो क आप असफल नह
हो सकते ”
ख़ुद को सपने दे खने क अनुम त द और बड़े सपने दे ख। अ यास करने के लहाज़ से
पल भर के लए यह क पना कर ल क कह पर भी, कोई भी सीमाएँ नह ह। क पना कर
क आप पूरे संसार म जो चाहे, वह बन सकते ह, पा सकते ह या कर सकते ह।
क पना कर क आपके पास वह सारा समय और पैसा है, जसक आपको कभी
ज़ रत होगी। क पना कर क आपके पास वह सारी श ा और अनुभव है, जसक
ज़ रत आपको कसी भी काम म सफल होने के लए होगी। क पना कर क आपके पास
वे सारे म और संपक सू ह, जनसे आप कसी भी दरवाज़े को खुलवा सकते ह या कसी
को भी भा वत कर सकते ह। क पना कर क आपके पास वे तमाम अवसर और संसाधन
ह, जनसे आप कसी भी संभावना का लाभ ले सकते ह। क पना कर क आपने जस
ल य का सपना दे खा है और जसे तय कया है, उसे हा सल करने के लए आपके पास हर
मनचाही चीज़ है। बस यह क पना कर क आपके पास कह पर भी, कसी तरह क कोई
सीमा नह है।
आप जो बन सकते ह, कर सकते ह या पा सकते ह, अगर इसक कोई सीमा नह होती,
तो आप अपने लए कौन से ल य तय करते य द आपको अपनी चुनी ई कसी भी चीज़
म ज़बद त सफलता क गारंट दे द जाती, चाहे वह बड़ी हो या छोट , अ पकालीन हो या
द घकालीन, तो आप ख़ुद के लए कौन सा एक बड़ा ल य चुनते इस का आपका
जवाब आपको अपने स चे व और च र के बारे म इतना कुछ बता दे गा, जतना
तमाम मनोवै ा नक परी ण भी नह बता सकते।
यादातर लोग के साथ सम या यह है क वे रोज़मरा के जीवन क सँकरी और
बंधनकारी सोच के दलदल म धँसे रहते ह। जब आम आदमी कभी-कभार सतार क तरफ़
नगाह उठाता है और उसे अपने पसंद दा काम क झलक दखती है, तो उसके दमाग़ म
तुरंत ही तमाम कारण आ जाते ह क यह य संभव नह है। हम अपनी झाँक पर ख़ुद ही
पानी फेर लेते ह। अगर हमारे म या प रवार वाल के पास सपने या ल य ह, तो हम
अ सर उनक झाँक पर भी पानी फेर दे ते ह।
अपनी सोच को बंधनर हत करने के लए नीचे दए गए सवाल पूछ और उनका जवाब
द। इससे आपक आँख इतनी बड़ी संभावना के त खुल जाएँगी, जनक आपने पहले
कभी क पना भी नह क थी।
पहला सवाल यह है: “य द कसी त पधा म आप करमु दस लाख डॉलर का
इनाम जीत लेते ह, तो आप अपने जीवन म या प रवतन करगे ”
क पना कर क आपके पास एक फ़ोन आया है क आपने दस लाख डॉलर का इनाम
जीत लया है। इस इनाम को हा सल करने के लए आपको बस एक अ नवाय का
जवाब दे ना है। आपको सामने वाले को व तार से बताना होगा क बक खाते म दस लाख
डॉलर आने क वजह से आप अपने जीवन म कौन-कौन से प रवतन करगे। आपका जवाब
या होगा
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यह एक मु दायक हो सकता है। यह आपको आज़ाद कर सकता है। लोग अपने
सपन का अनुसरण नह कर पाते ह, इसका बु नयाद कारण यह है क वे अपने बल ारा
अटके ए महसूस करते ह और सीमा ारा पंगु महसूस करते ह। ले कन य द आप पल
भर के लए यह क पना कर लेते ह क आपके पास दस लाख डॉलर ह, तो आप यह
क पना भी कर सकते ह क आप इस समय कोई भी चीज़ “चुनने के लए वतं ” ह, जो
आप बनना, पाना या करना चाहते ह।
जब हम यह सवाल पूछते ह, तो यादातर लोग सबसे पहले यही सोचते ह क वे
अपनी वतमान नौकरी तुरंत छोड़ दगे और कोई सरा काम करगे। जो लोग कहते ह क वे
अपनी वतमान नौकरी म ख़ुश ह, वे भी अचानक ब त सारा पैसा मलने पर उसे छोड़ने क
सोचने लगते ह।
नयम यह है: अगर ब त यादा पैसा मलने पर आप अपनी वतमान नौकरी छोड़ दे ते
ह, तो इसका मतलब यह है क वतमान नौकरी आपके लए सही नौकरी नह है। आप
शायद इस नौकरी म संयोग से आ गए ह और आप इसे इस व त इस लए कर रहे ह,
य क आपको नौकरी और आमदनी क ज़ रत है। जो लोग सही नौकरी म ह, वे उसे
कभी छोड़ने क बात सोचगे भी नह , भले ही उ ह इनाम म ब त सारा पैसा मल जाए। वे
बस अपनी नौकरी को यादा अलग और बेहतर तरीक़े से करने के बारे म सोचगे; शायद
कसी अलग जगह या कसी अलग कंपनी म। ले कन वे अपनी नौकरी नह छोड़गे।
य द आपके पास दस लाख डॉलर होते और आप अपनी नौकरी छोड़कर कोई सरा
काम करने के बारे म सोचते, तो आप कसे चुनते य द आप कसी तरह का कोई काम
करने का चुनाव करते, तो वह काम कौन सा होता
पल भर के लए यह भूल जाएँ क कसी ख़ास े म आपके पास आव यक
यो यताएँ या अनुभव नह है। पल भर के लए बस इतना सोच क अगर कोई सीमाएँ नह
होत , तो आप या करना सबसे यादा पसंद करते।
आपको सबसे यादा भुगतान और ख़ुशी हमेशा तभी मलती है, जब आप कोई ऐसी
चीज़ करगे, जसम आपको सचमुच आनंद आता है। क रयर म सफलता के फ़ॉमूले के तीन
ह से ह: आप या कर रहे ह यह जानना, आप जो कर रहे ह उसम व ास करना और
आप जो कर रहे ह, उससे ेम करना।
सचमुच सफल लोग अपने काम से ेम करते ह। इस कारण वे अपने काम म अपना
पूरा दल झ क दे ते ह। वे अपने काम करने क जगह पर प ँचने के लए बेकरार रहते ह
और वहाँ से लौटने से नफ़रत करते ह। उनके लए काम और आनंद को अलग करने वाली
कोई लक र होती ही नह है। जब वे काम नह करते ह, तब भी वे अपने काम के बारे म
सोचते और बात करते रहते ह, उसे यादा अलग व बेहतर करने के तरीक़े सोचते रहते ह।
य द अपनी वतमान नौकरी के बारे म आपक यही भावनाएँ नह ह, तो इसका मतलब
यह है क आपके लए कोई सरी नौकरी यादा उपयु है। यह पता लगाना आपक
ज़ मेदारी है क वह कौन-सी है।

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अपने दय क इ छा और अपने स चे मशन व जीवन के उ े य का पता लगाने के
लए एक ब त अ छा अ यास यह है क आप अपने भ व य के लए एक आदश व
दे ख। “पाँच साल क फ़ंतासी” बुन। ख़ुद को पाँच साल आगे ले जाएँ और क पना कर क
आपका जीवन हर मायने म आदश है। क पना कर क पाँच साल क इस अव ध म आपके
जीवन क हर सम या सुलझ चुक है और हर ल य हा सल हो चुका है। य द आपका
जीवन हर मायने म आदश होता, तो यह कैसा दखता
य द आप जा क छड़ी लहराकर अपने जीवन को आदश बना सकते, तो आप कौन
सा काम करते आपक आमदनी कतनी होती आप अपने पेशे या नौकरी म कस तर
पर होते आप कस तरह के लोग के साथ काम कर रहे होते और उठ-बैठ रहे होते
अपने नजी जीवन म भी जा क छड़ी लहराएँ। य द आपका जीवन हर मायने म
आदश होता, तो आप या कर रहे होते और आप कसके साथ होते आप अब या नह
कर रहे होते आप अब कन लोग के साथ नह होते आपक जीवनशैली कैसी होती
आप अपने दन, स ताह और महीने कैसे बताते आपका वा य कैसा होता आप कतने
फ़ट होते
आप कौन-सी कार चला रहे होते आप कस तरह के घर म रह रहे होते आपके पास
बक म कतना पैसा होता आप अपनी छु याँ तथा फ़रसत का समय कैसे बताते
जब आप भ व य म क पना करते ह और अपने आदश जीवन के सपने दे खते ह, तो
आप एक भावी व का सृजन करने लगते ह। अपने मनचाहे भ व य क प तसवीर
दे खकर आप आकषण के नयम को स य कर दे ते ह, जो फर आपके जीवन म कसी
चुंबक क तरह काम करता है। आप ऐसे लोग , वचार और संसाधन को आक षत करने
लगते ह, जो आपके मान सक च के सामंज य म होते ह। आपका भावी व आपको
अपनी ओर ख चता है, जस तरह आप इसे अपनी ओर ख चते ह।
जब आप अपने आदश भ व य के बारे म बलकुल प बन जाते ह, तो उस भ व य
को हा सल करने क संभावना ब त यादा बढ़ जाती है। आपने अपने लए जस भ व य
क क पना क है, ब वैसे ही भ व य के सृजन म मदद करने वाली सभी तरह क चीज़
होने लगती ह।
हारवड के व लयम जे स ने लखा था, “मेरी पीढ़ क महानतम खोज यह है क आप
अपने म त क के अंद नी पहलु को बदलकर अपनी ज़दगी के बाहरी पहलु को
बदल सकते ह।”
रैफ़ वा डो इमसन ने लखा था, “इंसान वही बन जाता है, जसके बारे म वह दन भर
सोचता है।”
अल नाइ टगेल ने इसे इस तरह से कहा था, “सफलता का सबसे अजीब रह य यह है
क आप वही बन जाते ह, जसके बारे म आप यादातर समय सोचते ह।”
वचार सृजना मक होता है। आप जो वचार यादातर समय सोचते ह, उ ह से आप
अपने जीवन और अपने भ व य का सृजन करते ह। आपके वचार के पीछे जतनी यादा
भावना होगी, आपके जीवन पर उनका उतना ही यादा भाव पड़े गा।
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ल य- नधारण का सबसे आ यजनक पहलू यह है क प , व श ल य और
रोमांचक भावी व सकारा मक भावना को े रत कर दे ते ह। फर आप वह करने के
लए ो सा हत हो जाते ह, जो आपको अपने ल य हा सल करने के लए करना है। वे
आपको अपने भ व य का सृजन करने म स म बनाते ह, ठ क वैसा ही जैसा आप चाहते
ह। आपके व के तीन ह से ह, जो यह तय करते ह क आप कस तरह के ह
और आप कस तरह के बनते ह। ये ह आपका आ म-आदश, आपक आ म-छ व
और आपका आ म-गौरव।
आपका आ म-आदश उन सभी गुण , मू य , वशेषता और यो यता का म ण
है, जनक आप ख़ुद म और सर म सबसे यादा शंसा करते ह। यह मनचाहे
बनने और मनचाहा जीवन पाने का आपका व है, अगर हर चीज़ हर मायने म आदश हो।
बेहद सफल लोग के आ म-आदश ब त प होते ह। वे अ छ तरह जानते ह क वे
कसके प म खड़े ह और कसम व ास करते ह। उनके पैमाने और मापदं ड प होते ह,
जनक कसौट पर वे हर दन अपने वहार और हर काम को परखते ह।
वे जानते ह क वे जीवन म या हा सल करना चाहते ह और वे हर दन अपने ल य
क दशा म काम करते ह। सरी ओर, असफल लोग अपने मू य और आदश के बारे म
अ प तथा वधापूण होते ह और कई मामल म तो उ ह बलकुल भी पता नह होता क
वे कसम व ास करते ह और कसके प म खड़े ह।
सव े लोग के पास प , सकारा मक मू य होते ह, जनसे समझौता करने या
तोड़ने-मरोड़ने से वे इंकार कर दे ते ह। औसत या दोयम लोग के ढु लमुल मू य होते ह,
जनसे वे सबसे छोटे लोभन पर भी समझौता कर लेते ह।
आपके मू य कौन से ह आप कसम व ास करते ह आप कसके प म खड़े ह
आप कसके प म खड़े नह ह गे आपका व काफ़ हद तक आपके मू य क
प ता और गहनता से तय होता है। आपके मू य ही आपक ेरणा, आपके व ास ,
आपके नज़ रय और आपक भावना को तय करते ह। लोग , राजनी त, धम और अपने
आस-पास के लोग म आपके सबसे अंद नी व ास ही यह तय करते ह क आप कस
तरह के ह, आप कस तरह का काम करते ह और आप कस तरह के लोग से जुड़ते
ह।
य द कोई शोध कंपनी आपके म और सहयो गय क रायशुमारी करे और उनसे
आपके बु नयाद मू य बताने को कहे, तो वे लोग आपके बारे म सबसे अ छा या कहगे
आपके साथ उनके अनुभव और आपके वहार के अवलोकन के आधार पर सरे लोग
आपके बु नयाद मू य और आदश के बारे म या कहगे
आप कसी के स चे मू य और व ास कैसे मालूम कर सकते ह उसक कही
बात के आधार पर उसक इ छा के आधार पर वह जो करने का इरादा रखता है, उस
आधार पर या लोग के स चे मू य और व ास उसम होते ह, जो वे लखते ह या
जनका वादा वे चुनाव लड़ते समय करते ह नह , जवाब यह है क आपके मू य हमेशा

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सफ़ आपके काय और वहार म होते ह। मह वपूण यह नह है क आप या
कहते ह; मह वपूण तो वह है जो आप करते ह। ख़ास तौर पर, जो आप दबाव म करते ह।
टोइक दाश नक ए प टे टस ने लखा है, “प र थ तयाँ इंसान को नह बनाती ह; वे तो
सफ़ उसे ख़ुद के सामने उजागर करती ह।”
जब कसी इंसान पर दबाव डाला जाता है और एक या सरे मू य पर काय करने के
लए मजबूर कया जाता है, तो वह हमेशा उस व त के अपने सबसे मुख मू य (उस पल
जो भी उसके लए सबसे मह वपूण है) पर काम करेगा, चाहे वह कुछ भी कहता रहे।
यहाँ आपके मू य और आदश के बारे म एक ख़ास बात पर ग़ौर कर। उ चतर म के
मू य हमेशा न न म के मू य से पहले आते ह। हो सकता है क आपके पास मू य क
पूरी ृंखला हो, जन पर आप समय-समय पर काम करते ह। ले कन दबाव म होने पर
आपके स चे मू य ही हमेशा यह तय करगे क आप उस व त या करते और कहते ह।
आपके मू य या ह, उ ह लख ल। तीन से पाँच मू य क सूची बनाएँ, ज ह आप
जीवन म सबसे मह वपूण मानते ह। यह अ यास अपने जीवनसाथी या अपने टाफ़ के
साथ भी कर।
जब भी आप कॉरपोरेशन के लए रणनी तक नयोजन करते ह, तो आप मू य के
अ यास से शु आत करते ह और मू य को प बनाने क या से गुज़रते ह। फर ये
मू य रणनी तक नयोजन क बु नयाद बन जाते ह। हर योजना और नणय को मू य क
कसौट पर परखा जाता है, ता क यह सु न त हो सके क वह योजना या नणय कंपनी के
स चे व ास के सामंज य म है।
एक बार जब आप अपने मू य लख ल, तो ाथ मकता के आधार पर उ ह म म
जमा ल। कौन सा मू य सबसे पहले आता है कौन सा सरे थान पर कौन सा तीसरे
थान पर आ द-आ द।
न सफ़ आपके मू य मह वपूण होते ह, ब क मू य का आपका म भी मह वपूण
होता है। यह म यह तय करने म अ यंत मह वपूण होता है क आप कस कार के
ह।
एक उदाहरण दे ख। क पना कर क आपके पास दो लोग ह, जनम से येक के तीन
शीष मू य समान ह। ये मू य ह - प रवार, वा य और क रयर। ले कन उनके म भ
ह।
ए कहता है, “मह व के म म मेरा प रवार पहले थान पर है। मेरा वा य
सरे थान पर है और मेरा क रयर तीसरे थान पर है।”
मू य के इस म का यह अथ है क जब “कम के त ख़ुद को सम पत करने क बारी
आती है,” तो ए अपने प रवार को अपने वा य के ऊपर चुनेगा और वह अपने
प रवार तथा वा य को अपने क रयर के ऊपर चुनेगा। जब आप अपने मू य के बारे म
प होते ह, तो नणय लेना और काम करने के वक प म चुनाव करना यादा आसान
होता है।

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बी के पास भी यही तीन मू य ह, बस उनका म थोड़ा अलग है। बी
कहता है, “मेरे शीष तीन मू य ह - मेरा प रवार, मेरा वा य और मेरा क रयर। ले कन
मेरा क रयर पहले थान पर है, मेरा प रवार सरे थान पर है और मेरा वा य तीसरे
थान पर है।”
इसका मतलब है क जब चुनने या ाथ मकताएँ तय करने के लए मजबूर कया जाता
है, तो बी अपने क रयर को अपने प रवार के ऊपर चुनेगा और अपने क रयर व
प रवार को अपने वा य के ऊपर चुनेगा।
अब यहाँ एक सवाल है। या ए और बी के बीच कोई फ़क़ होगा या
यह फ़क़ छोटा होगा या फर बड़ा होगा आप इन दो लोग म से कससे म ता करना
चाहगे, ए से या बी से म सोचता ँ क जवाब प है। ए का प रवार
और वा य उसके क रयर से पहले आता है, इस लए वह बी से ब त भ इंसान
होता है, जो कहता है क उसका क रयर उसके प रवार और उसके वा य से पहले आता
है।
हाल म “मू य सापे ता” के बारे म काफ़ बात ई ह। कई लोग कहते ह क दरअसल
यह मायने नह रखता क आपके मू य या ह, य क सारे मू य चयन या राय का मामला
होते ह। वे कहते ह क य द आप अखंडता और क णा म व ास करते ह, तो ये सफ़
गत ाथ मकताएँ ह। उनके अनुसार, य द आप बेईमानी और कान से सामान उठाने
म व ास करते ह, तो यह गत वरीयता का मामला है। उनक राय म मू य न तो
अ छे होते ह, न ही बुरे होते ह। वे तो बस सापे होते ह।
हम जानते ह क यह सच नह है। मू य न तो तट थ होते ह, न ही सापे होते ह। मू य
मानव जीवन और समाज के लए बु नयाद होते ह। आप एक आसान तरीक़े से यह जाँच
कर सकते ह क आपके मू य और आपके मू य का म सही है या नह है। यह बस इस
तरह है, “ या अपने मू य के अनुसार जीकर आप अपने जीवन क गुणव ा और ख़ुशी
को बढ़ा सकते ह ”
य द आप सकारा मक, ऊपर उठाने वाले मू य के हसाब से जीते ह, तो आप ख़ुश,
स मा नत, सफल और संतु बनगे। य द आप ग़लत मू य के हसाब से जीते ह, तो
आप यादातर समय खी, असफल और कुं ठत रहगे। अपने मू य को तय करना और
उनके मह व का म तय करना अपने आ म-आदश को प रभा षत व प करने का
अहम ह सा है।
आपके व का सरा ह सा वह है, जसे आपक आ म-छ व कहा जाता है। यह
वह तरीक़ा है, जससे आप ख़ुद को दे खते ह और वतमान पल म अपने बारे म सोचते ह।
आपक आ म-छ व यानी अपने बारे म आपक मान सक तसवीर यह तय करती है क आप
बाहर कस तरह का वहार और दशन करते ह। आ म-छ व मनो व ान बताता है क
आप बाहर अपना दशन बदल सकते ह, अगर आप उस तसवीर को बदल ल जो आप ख़ुद
को मन म करते दे खते ह। इसी लए, बाहरी जीवन क बेहतरी मान सक तसवीर क बेहतरी
से शु होती है।
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आपके व का तीसरा ह सा है आ म-गौरव का आपका तर। इसे इस तरह से
प रभा षत कया जाता है, “आप ख़ुद को कतना यादा पसंद करते ह ” आ म-गौरव का
आपका तर इस बात से तय होता है क आप ख़ुद को कतना मह व दे ते ह, ख़ुद का
कतना स मान करते ह और ख़ुद को कतना मू यवान इंसान मानते ह। य द आपका आ म-
गौरव ऊँचा है, तो आप अपने लए यादा बड़े ल य तय करगे और उ ह हा सल करने म
लंबे समय तक लगन से जुटे रहगे। आप यादा पसंद करने लायक़ ह गे, लोक य ह गे
और आ म व ास तथा गत गव के यादा ऊँचे तर का आनंद लगे। आपका आ म-
गौरव जतना ऊँचा होगा, आप उतने ही यादा ख़ुश और व थ ह गे।
यहाँ एक रोचक खोज पर ग़ौर कर। आपका आ म-गौरव, जसे कई बार “अपने साथ
आपक त ा कहा जाता है” यानी आप ख़ुद को कतना यादा पसंद करते ह, यह काफ़
हद तक इस बात से तय होता है क आपक आ म-छ व आपके आ म-आदश के कतने
सामंज य म है। आपका वतमान दशन आपके आदश दशन के च के कतने सामंज य
म है।
मसाल के तौर पर, आइए मान लेते ह आपका आ म-आदश यह है क आप एक
उ कृ इंसान ह, जो बेहतरीन काम करता है और जसे ऑ फ़स के लोग पसंद व स मा नत
करते ह। जब भी आप कोई अ छा काम करते ह और आपको उन लोग का अनुमोदन व
शंसा मलती है, जनका आप स मान करते ह, तो आपका वतमान वहार और आपका
आदश वहार सामंज य म ह। जब भी यह होता है, आपका आ म-गौरव ऊपर उठ जाता
है। आप ख़ुद को उतना ही यादा पसंद करते ह और अपना स मान करते ह। आप अपने
बारे म शानदार महसूस करते ह। आप वजेता जैसा महसूस करते ह।
य द आपका आदश ल य सफल होना और अ छा भुगतान पाना है, तो अ छा काम
करने और अ छे पैसे कमाने पर आप अपने बारे म अ छा महसूस करते ह। जब भी आपको
यह महसूस होता है क आप वयं ारा तय कसी ल य को पाने क दशा म ग त कर रहे
ह, तो आप आ म-गौरव, आ म-स मान और गत गव क भावना को े रत कर दे ते
ह। इसी लए अल नाइ टगेल ने कहा था, “सफलता कसी साथक ल य या आदश क
मशः ा त है।” सकारा मक व और संतु दायक जीवन क बु नयाद है वा त वक
आ म-गौरव के उ च तर पर आधा रत बल आ म-अवधारणा।
आपके सव च मू य और व ास जतने यादा प होते ह तथा आप उन मू य व
व ास के अनु प जतना जीते ह, आप उतना ही बेहतर महसूस करगे और आप उतने ही
श शाली व भावी इंसान बन जाएँगे।
जब आप अपने मू य और आदश तय कर ल, तो फर आपको यह नणय लेना होगा
क आपको यहाँ कौन सा अनूठा काम करने के लए भेजा गया है। आपका पेशा, कम या
ई रीय आ ान या होना चा हए अपने ल य को हा सल करने और अपनी संभावना
को प रपूण करने के लए आपको कस तरह के काम के त सम पत होना चा हए
आप चार अलग-अलग कार के काम करने का चुनाव कर सकते ह। इ ह इस आधार
पर वभा जत कया जा सकता है क काम करने म आसान है या मु कल है, या सीखने म
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आसान है या मु कल है। आप जस काम के लए सवा धक उपयु होते ह, वह हमेशा
सीखने और करने दोन म आसान होगा। इन चार े णय पर एक के बाद एक नज़र डालते
ह।
पहले कार का काम वह है, जसे सीखना और करना दोन ही कसी के लए
मु कल होता है। यह अ धक व - या वचार - क त होता है। बुकक पग,
अकाउं टग, कं यूटर ो ा मग या इंजी नय रग इसी ेणी म आते ह।
सं या के साथ काम करना सीखना आपके लए मु कल है, इस लए इसे करना
आपके लए हमेशा मु कल होगा। इसे करने के बारे म आप कभी उ सा हत नह ह गे।
भले ही आप इसे सामा य अ छ तरह कर ल, ले कन आपको अपने काम म कसी भी तरह
क ख़ुशी नह मलेगी। आज कई लोग ख़ुद को इसी तरह क थ त म पाते ह।
सरी तरह का काम वह काम होता है, जसे सीखना तो मु कल हो सकता है, ले कन
सीखने के बाद उसे करना आसान होता है। मसाल के तौर पर, टाइ पग करना सीखना
मु कल है, ले कन इसके बाद इसे करना आसान है। बोलना और लखना सीखना मु कल
है, ले कन जब आप इसम मा हर हो जाते ह, तो फर इसे करना आसान होता है। रोज़मरा
क ज़दगी म सफलता के लए जन बु नयाद यो यता क आव यकता है, उनम से कई
इस ेणी म आती ह, ज ह सीखना तो मु कल होता है, ले कन बाद म करना आसान होता
है। इस तरह का काम आपके लए उपयु नह होगा, य क ज द ही यह नीरस और
चुनौतीर हत बन जाएगा।
तीसरे कार के काम म वे काम आते ह, ज ह सीखना तो आसान है, पर करना क ठन
है। ग े खोदना और लकड़ी काटना सीखने म आसान ह, ले कन करने म हमेशा क ठन ह।
वे कभी ब त आसान नह होते। जो काम सीखने म आसान और करने म क ठन होता है,
उसम ब त सी मत भ व य होता है। भा य से, जन लोग को उ चत श ा नह मलती है
या जो लगातार अपनी यो यता व ान का नवीनीकरण नह करते ह, वे इन काम म
अटक सकते ह, कई बार तो ज़दगी भर के लए। यह एक सतत सम या है और हमारे
सूचना व ान आधा रत समाज म काफ़ संघष का ोत भी है।
काम क चौथी और सबसे मह वपूण ेणी म वे काम शा मल ह, ज ह सीखना और
करना दोन ही आसान ह। वा तव म, उ ह सीखना आपके लए इतना आसान है क आप
यही भूल जाते ह क आपने उ ह सीखा ही कैसे। वे बस आपके लए वाभा वक होते ह।
इस ेणी के ही काम ह, जहाँ आप उ कृ बन सकते ह और अपने लए आ यजनक
जीवन का सृजन कर सकते ह। आपके पास इन े म नैस गक द ता होती है। आपका
काम लगभग यासहीन होता है और आप सोचे बना ही इसम लगातार बेहतर, और बेहतर
बनते जाते ह। आपका भ व य यह पर है।
आप यह कैसे तय कर सकते ह क कस कार का काम आपके लए आदश है। चार
श द ह, जो आपके आदश नौकरी या पेशे म होने चा हए। वे ह - च, यान, त लीनता
और स मोहन।

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आपक सबसे यादा च हमेशा उस तरह के काम म होगी, जो आपके लए सबसे
आदश है। आप उस वषय का वाभा वक प से आनंद लगे और आप उसके बारे म
यादा सीखने के त आक षत ह गे। आप उसके बारे म पढ़ना चाहगे, उसके बारे म सुनना
चाहगे और उसके बारे म बात करना चाहगे। जस तरह लोहे क कतरन कसी चुंबक क
तरफ़ आक षत होती ह, उसी तरह आप उन नौक रय क तरफ़ आक षत ह गे, ज ह करने
के लए आप आदश प से उपयु ह।
वा तव म, आपके आदश पेशे का एक इ तहान पीछे पलटकर दे खना और यह सोचना
है क सात से चौदह साल क उ के बीच आपको कन ग त व धय म सबसे यादा आनंद
आता था। आपको उस व त जो ग त व धयाँ सबसे यादा आनंददायक लगती थ , वे इस
बात का संकेत ह क आपको वय क होने पर वही करना चा हए। य द आपको याद नह है
क कम उ म आप कस ग त व ध म सबसे यादा समय बताते थे, तो अपने माता- पता
से पूछ ल। अपने बड़े भाई-बहन से पूछ। अपने कुछ मृ त च दे ख और अपने बचपन
क ग त व धय पर नज़र डाल। अ सर आपको ऐसे संकेत और सूचक मल जाएँगे, जो
सीधे आपके दय क इ छा क ओर इशारा करगे।
सरा श द है, “ यान।” अख़बार पढ़ते समय या टे ली वज़न दे खते समय आपके लए
आदश े आपके यान को जकड़ लेगा। यह आसानी से और वाभा वक प से आपका
यान आक षत करेगा। कह पर जाते व त आप सर क जो बात सुनगे, उनम अपने
आदश काम के बारे म बातचीत पर आपका यान जाएगा। आप वाभा वक प से उन
लोग और संगठन के त आक षत ह गे, जो ग त व ध के उस े म संल न ह।
तीसरा श द त लीनता एक अ त श द है। यह बताता है क आपके साथ या होता
है, जब आप वह कर रहे ह , जसे आपसे कराने का सचमुच इरादा था। समय आपके लए
थर ठहर जाता है। कई बार आप खाना-पीना, आराम करना या छु याँ लेना भूल जाते ह।
वै ा नक , शोधकता , लेखक , च कार और वसा यय के कामकाजी जीवन के
बारे म कई कहा नयाँ ह, जो हर दन, हर स ताह, हर महीने पं ह-बीस घंटे काम करते ह
और उसम पूरी तरह त लीन होते ह।
चौथा श द “स मोहन” उन लोग और काम के त आपके नज़ रये का वणन करने
का एक अ त तरीक़ा है, जनके लए आप आदश प से उपयु ह। यह आपको
स मो हत करता है। यह आपको जकड़ता है। यह आपको आक षत करता रहता है। आप
अपने काय थल पर प ँचने के लए बेकरार रहते ह और वहाँ से लौटने से नफ़रत करते ह।
आप ऊबे या भटके बना उस काम के बारे म अंतहीन प से बात कर सकते ह, उसे कर
सकते ह और उसके बारे म सीख सकते ह। वह काम आपके लए एक तरह का खेल होता
है, जसे करते समय आपको ख़ुशी और संतु का ज़बद त अहसास होता है।
आप अपने लए सही े म ह या नह , यह आपको हमेशा पता होता है, य क
आपम उसके बारे म यादा से यादा सीखने क अद य और अतृ त इ छा होती है। आप
अपने आस-पास के संसार म जन लोग क सबसे यादा शंसा करते ह, वे अ सर वही

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होते ह, जो उस े के शखर पर होते ह, जसके लए आप सबसे आदश प से उपयु
ह।
आपके नायक और ना यकाएँ कौन ह आप कसक जीवन म सबसे यादा शंसा
करते ह जन लोग क आप सबसे यादा शंसा करते ह, स मान करते ह और क़ करते
ह, उनम ऐसे कौन से गुण या वशेषताएँ ह, जनका आप सबसे यादा अनुकरण करना
चाहगे आप अपने आ म-आदश के इस ह से यानी आपके आदश े म अपने रोल
मॉडल के बारे म जतने यादा प होते ह, आप उतनी ही तेज़ी से वैसे इंसान बनने क
दशा म वकास करगे, जो बनना आप सबसे यादा पसंद करगे - एक ऐसा जसका
सरे लोग स मान और शंसा कर।
जीवन म अपने आदश मशन और उ े य को तय करने के लए अपने जीवन को
पलटकर दे ख और अपनी पछली सफलता व असफलता का मू यांकन कर। कौन से
गुण, यो यताएँ या वशेषताएँ जीवन म अब तक आपक सफलता के लए सबसे यादा
ज़ मेदार रहे ह। आपके शखर अनुभव या सव च उपल ध व गव के पल कौन से रहे ह
और इन पल म या समानता है
य द आप उन सभी उपल धय क सूची बनाते ह, जन पर आपको वशेष गव है, तो
आम तौर पर उनम आपको कसी तरह क समानता मलेगी। लगभग हर मामले म आप
कसी ख़ास तरह के के साथ थे और आप एक ख़ास तरह का काम कर रहे थे। आप
कसी ख़ास तरह के से ख़ास तरह क मा यता भी पा रहे थे।
मसाल के तौर पर, आपको यह पता चल सकता है क आपक संतु के सबसे महान
ोत अ पकालीन और द घकालीन ल य तय व हा सल करना रहे ह। यह कसी ख़ास
काम को पूरा करने या त पधा जीतने म सर के साथ मलकर काम करना भी हो सकता
है। आपके शखर अनुभव कसी ोजे ट को पूरा करने म सर के व थापन और बंधन
म भी हो सकते ह। आपक ख़ुशी का सबसे महान ोत गत उपल ध भी हो सकती है
- कसी चीज़ को ख़ुद पूरा करना।
आपने जीवन म ऐसी कौन से काम कए ह, जनसे आपको आ म-गौरव और नजी गव
क महानतम भावनाएँ मली ह य द आप भ व य म अपने जीवन म कोई चीज़ हा सल
कर सक, तो कौन से एक ल य से आपको गत गव और संतु क सबसे बड़ी मा ा
मलेगी आप अपने जीवन को कस तरह व थत कर सकते ह, ता क आप वे चीज़
यादा से यादा कर सक, जो आपको यादा से यादा स ची संतु दे ती ह
आप सर म कन गुण क सबसे यादा क़ करते ह ये हमेशा वही गुण ह गे, ज ह
आप ख़ुद म सबसे यादा चाहते ह। इनम से येक गुण म ख़ुद को 1 से 10 के पैमाने पर
अंक द और फर हर े म बेहतर बनने क योजना बनाएँ।
आप सरे लोग म कन यो यता क सबसे यादा शंसा करते ह वे जो भी ह ,
शायद यही वे यो यताएँ ह, ज ह आप ख़ुद म यादा ऊँचे तर पर वक सत करना सबसे
यादा पसंद करगे। इन यो यता म से येक म ख़ुद को 1 से 10 के पैमाने पर अंक द
और फर सीखकर व अ यास करके इन यो यता को नखारने क मेहनत शु कर द।
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वह कौन सी एक यो यता है, जसे य द आप वक सत कर लेते ह और उसे उ कृ
अंदाज़ म करते ह, तो उसका आपके जीवन और आपके क रयर पर सबसे यादा
सकारा मक भाव पड़े गा य द आप कसी एक े म बेहद असाधारण बन सक, तो वह
कौन सा एक े है, जो आपक सबसे यादा मदद करेगा य द आप यो यता के इस एक
े के बारे म पूरी तरह प बन सक, तो फर आप इसे ल य के प म तय कर सकते ह,
योजना बना सकते ह और इस यो यता म “उ कृ ता” के तर तक प ँचने के लए काम
शु कर सकते ह। कई बार एक अकेली यो यता का वकास या बेहतरी ही आपके पूरे
जीवन व क रयर को बदल सकती है।
यहाँ एक अ छा सवाल दया जा रहा है, जो जीवन म आपके स चे मू य और व ास
को प करने म आपक मदद कर सकता है। क पना कर क आप अपने वा य क पूरी
जाँच के लए कसी डॉ टर के पास जाते ह और वह आपको प रणाम बता रहा है।
वह कहता है क अ छ ख़बर यह है क अगले छह महीन तक आपका पूरा शारी रक
वा य बेहतरीन रहेगा और आप इसका आनंद लगे। बुरी ख़बर यह है क छह महीने बाद
आप एक असा य रोग से मर जाएँगे।
अगर आज आपको पता चले क आपके पास ज़दा रहने के लए सफ़ छह महीने ही
बचे ह, तो आप या करगे, आप अपना समय कैसे बताएँगे आप कसके साथ समय
बताएँगे आप कहाँ जाएँगे आप या करगे आप अपने दन कैसे बताएँगे
इन के जवाब आपको बता दगे क आप सचमुच कसे मह व दे ते ह और आपके
लए सचमुच मह वपूण या है। अगर आपके पास जीने के लए सफ़ छह महीने ही बचे
ह, तो कई चीज़ अ ासं गक बन जाती ह, ज ह आप मह वपूण मानते थे और जन कई
चीज़ को आप नज़रअंदाज़ कर रहे थे, वे बाक़ चीज़ से यादा मह वपूण बन जाती ह।
अगर आपके पास ज़दा रहने के लए सफ़ छह महीने ही बचे ह , तो आप अपना समय
कैसे बताएँगे
य द आप अपनी सभी संभावना को पूरा करना चाहते ह और जीवन म अपने स चे
मशन व उ े य को खोजना चाहते ह, तो आपको दो अ त र े म खोजबीन करनी
होगी। पहले का संबंध आपक “उ कृ ता के े ” से है और सरे का संबंध आपक “हीर
क खान” से है।
कारोबारी श दावली म, जो भी कंपनी त पध बाज़ार म क़ायम रहना और तर क
करना चाहती है, उस हर कंपनी के पास उ कृ ता का एक े या त पध लाभ होना
चा हए। उ कृ ता का े वह होता है, जसम कोई कंपनी उ कृ अंदाज़ म काम करती है
और सभी या यादातर त प धय से यादा अ छ तरह करती है। उ कृ ता के े को
कई बार “बु नयाद स मता” भी कहा जाता है।
कई बार इसे “ भ ता का लाभ” कहा जाता है। नाम चाहे जो भी दया जाए, उ कृ ता
का े वह होता है, जो एक कंपनी को सरी कंपनी से, एक ॉड ट या सेवा को सरे
ॉड ट या सेवा से अलग करता है।

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के प म आप अपने ख़ुद के आ थक जीवन के लए पूरी तरह से ज़ मेदार ह,
इस लए आपको भी ख़ुद को कंपनी के प म दे खना चा हए। आपक उ कृ ता का े
या है आपका त पध लाभ या है आपका अनूठा ब ताव या है - वह ख़ास
गुण या यो यता, जो आपम है, ले कन कसी सरे म नह है
जीवन म कम उपल ध का एक बु नयाद कारण कसी वशेष स मता या यो यता का
वकास करने क असफलता है, जो एक को सर से अलग हटकर खड़े होने म
स म बनाती है। ब त सारे लोग औसत या शायद उससे थोड़ा सा ऊपर रहने म ही संतु
हो जाते ह। आपको इस नज़ रये को छोड़ दे ना चा हए और इस वृ से जूझना चा हए।
इसके बजाय आपको उन एक-दो यो यता का पता लगाना चा हए, जो आपके काम म
सफल होने के लए सबसे मह वपूण ह और फर उन मु य े म उ कृ बनने के लए
पूरी तरह से सम पत हो जाना चा हए। उ कृ ता के त यह समपण हमेशा सफलता के
ऊँचे माग पर प ँचाता है और ऊँची उपल ध क सबसे बड़ी गारंट होता है।
एक बार जब आप उ कृ ता का अपना े तय कर ल, तो ख़ुद से पूछ, “मेरे े क
वृ य के आधार पर कल या अगले वष मेरी उ कृ ता का े कौन सा होगा ”
या आपके पास एक व श गत और पेशेवर वकास योजना है, जस पर आप
हर दन काम कर रहे ह अगर नह है, तो यही समय है क आप यह योजना बना ल और
उन यो यता का वकास करने लग, जनक ज़ रत आपको आने वाले वष म अपने
े म लीडर बनने के लए होगी।
अगर आप अपने े म शखर पर प ँचना चाहते ह, तो आपक उ कृ ता का े
या होना चा हए अगर आप बड़े सपने दे ख और अपने लए असाधारण प से ऊँचे
मानदं ड तय कर, तो यह या हो सकता है
आप जानते ह क बाज़ार सफ़ उ कृ दशन के लए ही उ कृ पुर कार दे ता है। यह
औसत दशन के लए औसत प रणाम दे ता है और औसत से कमतर दशन के लए
औसत से कम पुर कार या बेरोज़गारी दे ता है। आपका ल य यह होना चा हए क आप
अपने े म शीष 10 तशत पैसे कमाने वाल के समूह म शा मल हो जाएँ और फर
अपने बाक़ क रयर म वह बने रहने के लए हर आव यक चीज़ कर।
आप जो करते ह, उसम अ वल होने क छ व बनाने से आप सर क नगाह म
जतनी ज द आएँगे या आपको जतनी तेज़ी से तर क मलेगी, उतनी कसी सरी चीज़
से नह मल सकती।
आज हम मे रटो े सी या बु शा लय के युग म जीते ह। मे रटो े सी एक ऐसा समाज
है, जहाँ आपको सर के त अपने योगदान के मू य के अनुपात म पुर कार मलता है।
हम ऐसी सेवा अथ व था म रहते ह, जहाँ हमम से येक कसी न कसी तरह सरे लोग
क सेवा करके अपनी आजी वका कमाता है। आप भावी ढं ग से और कायकुशलता से
लोग क सेवा म जतने बेहतर बनते ह, आप अपने क रयर म उतने ही यादा सुखी और
सुर त रहगे।

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जीवन म अथ और उ े य का सबसे गहरा अहसास आपको तब मलता है, जब आप
सर के जीवन म बदलाव पैदा करते ह। आपक मान सक और भावना मक संरचना ही
ऐसी है क आप सफ़ तभी ख़ुश रह सकते ह, जब आप यह जानते ह क आप ऐसा कुछ
कर रहे ह, जो सरे लोग के जीवन या काम को कसी तरह से समृ कर रहा है या बढ़ा
रहा है।
जीवन म स चा मशन और उ े य खोजने का सरा ह सा “हीर क खान” नी त म
बताया गया है। यह दशन रसेल कॉनवेल नामक पादरी के ा यान पर आधा रत है,
जसम एक सफल कसान क कहानी बताई गई है, जो अपना खेत बेच दे ता है और हीर
क खान क तलाश म अ क महा प क ओर चल दे ता है। कुछ साल बाद नए मा लक
को पता चलता है क उसने जो खेत ख़रीदा था, वहाँ हीर क खान थी। बूढ़ा कसान अपने
आस-पास दे खे बना ही दौलत क तलाश म र चला गया था। सम या यह होती है क
क चे हीरे हीर जैसे नह दखते ह। वे प थर के टु कड़ जैसे दखते ह, ज ह तराशना होता
है, आकार दे ना और चमकाना होता है, तभी उनक सुंदरता और मू य बाहर नकलता है।
इसी तरह, आपके हीरे, आपक सबसे बड़ी संभावनाएँ भी शायद आपके आस-पास ही
मौजूद ह। सम या यह है क वे कड़ी मेहनत के वेष म छपकर सामने आती ह। हीरे अनगढ़
प म कभी हीर जैसे नह दखते ह। अवसर हमेशा कठोर, ब त कठोर मेहनत क लंबी
या क तरह नज़र आते ह। ले कन वे वहाँ हमेशा मौजूद होते ह।
हो सकता है क आपके हीर क खान आपक वतमान कंपनी या उ ोग के भीतर ही
हो। शायद आपक हीर क खान आपक चय और यो यता के भीतर हो। शायद यह
आपक श ा और अनुभव के भीतर हो। शायद यह आपके म , सहयो गय और संपक
के भीतर हो। हम बस यह एक चीज़ जानते ह, जब आप अपने जीवन म कह भी यादा
हा सल करने का नणय लेते ह, तो आप सभी तरह के अवसर , लोग और वचार को
अपने जीवन म आक षत करने लगगे, जो आपके सपन को साकार करने म मदद करगे।
हो सकता है क वे आपके ब त क़रीब ह ।
कई बार लोग मुझसे पूछते ह क या उ ह ड ी लेने के लए कई साल तक दोबारा
कॉलेज जाना चा हए या कसी सरे शहर म जाकर रहना चा हए या नौकरी बदलकर
कसी सरे उ ोग म जाना चा हए। म उनसे हमेशा कहता ँ क सफलता क कुंजी यह है
क आप सबसे पहले यह तय कर क आपको कस चीज़ को करने से सचमुच ेम है और
फर उसे अपने सबसे अ छे तरीक़े से करने म अपना पूरा दल झ क द। अगर आप इन दो
बात को मला दे ते ह, तो आपके आस-पास अवसर के ार खुल जाएँगे।
बेहद सफल लोग म एक गुण समान होता है: वे कम क त होते ह। वे सोचने और
योजना बनाने म समय लगाते ह और फर वे कम कर दे ते ह। वे कुछ करते ह। वे लगातार
आगे बढ़ते ह। वे एक चीज़ को आज़माते ह और फर सरी को, और फर तीसरी को और
फर चौथी को। वे कभी नह कते ह। वे लगातार ग तमान रहते ह। चूँ क आप जतनी
यादा चीज़ आज़माते ह, आपके जीतने क संभावना उतनी ही बढ़ जाती है, इस लए जब

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आप नरंतर आगे बढ़ते ह, तो आप यह दे खकर हैरान हो जाते ह क आप कतना यादा
काम कर लेते ह और आपके लए कतने सारे अवसर व संभावना के ार खुल जाते ह।
जीवन म अपना स चा मशन और उ े य खोजना हर उस चीज़ क बु नयाद है, जो
आप करते और बनते ह। जीवन क सबसे बड़ी बरबाद यह है क आप अपने साल ग़लत
नौकरी म, ग़लत उ ोग म, ग़लत लोग के साथ काम करने म गुज़ार द। लीडर वे लोग होते
ह, जो अकेले म बैठकर यह सोचने का समय नकालते ह क वे सचमुच कौन ह और
सचमुच या चाहते ह। वे ख़ुद को सतत “इसे-ख़ुद-करो” ोजे ट के प म दे खते ह। वे
ख़ुद को “काय ग त म” के प म दे खते ह, लगातार वकास करते और बेहतर बनते ह,
ता क वे बेहतर इंसान बनने क दशा म बढ़ते रह।
आप असाधारण ह। मानव जा त के पूरे इ तहास म आप जैसा कोई कभी नह
आ और दोबारा कभी कोई होगा भी नह । आपको इस पृ वी पर इस लए भेजा गया था,
ता क आप अपने जीवन म कुछ अ त कर। इस समय भी आपके भीतर इतनी ज़बद त
मताएँ और यो यताएँ ह, जनक आप क पना भी नह कर सकते। अगर आप पूरी
ज़दगी भी काम कर, तब भी आप उस संभावना के ब त छोटे से ह से का ही उपयोग कर
पाएँगे, जसक ो ा मग आपम क गई थी।
आपका सबसे मुख ल य है अपने “ दय क इ छा” को खोजना। आपका काम पूरी
तरह सोचकर यह नणय लेना है क आप कसम व ास करते ह और कसके प म खड़े
ह और फर यास या ग त व ध का एक ऐसा े चुनना है, जो आपके भीतर के सव े के
पूरी तरह सामंज य म हो। जीवन म आपका ल य एक मशन और उ े य तय करना है,
जो आपको वह बना दे जो आप बनने म स म ह, जो आपको अपनी पूरी मता का पूरा
दोहन करने दे और अपने आस-पास के संसार म अ त योगदान दे ने का अवसर दे ।
अ याय 3

वजेता क तरह सोच

ए क से मनार म एक युवा म हला से पूछा गया, “अगर आपको यह पता हो क आप


असफल नह हो सकत , तो वह कौन सी एक बड़ी चीज़ है, जसका सपना दे खने क
आप ह मत करगी ” उसने लखा क तब तक इस सवाल पर वचार करने क उसने
कभी ह मत नह क थी, ले कन अब यह हालत है क वह कसी सरी चीज़ के बारे म
नह सोचती है। प ता क भारी क ध के साथ उसे अहसास आ क उसे उसक आशा
और सपन से र रखने वाली मु य बाधा यही थी क उसे उ ह हा सल करने क अपनी
यो यता पर शक था।
हमम से कई लोग अपना अ धकांश जीवन इसी तरह गुज़ार दे ते ह। हम कई चीज़
बनना और करना चाहते ह, ले कन हम ख़ुद को पीछे रोके रखते ह। हम इस लए झझकते
ह, य क हमम अपने सपन क दशा म आगे क़दम बढ़ाने का आ म व ास नह होता है।
अ ाहम मा लो ने कहा था क मानव जा त क कहानी उन ी-पु ष क कहानी है,
जो “ख़ुद को स ते म बेच रहे ह।” मनो च क सक अ े ड एडलर ने कहा था क यादातर
लोग म हीन भावना और अ मता क भावनाएँ आम होती ह। चूँ क हम ख़ुद पर भरोसा
नह होता, इस लए हम इस नतीजे पर प ँचते ह क हमम उन ल य को हा सल करने क
यो यता नह है, जो सरे हा सल कर चुके ह। फल व प हम को शश भी नह करते ह।
पल भर के लए क पना कर आप अपने जीवन को कस तरह बदलगे, अगर आपको
पूरा व ास हो क आप कोई भी चीज़ हा सल कर सकते ह, जसे आप सचमुच चाहते ह
आप अपने लए कौन से ल य तय करगे अगर आपको ख़ुद पर इतना गहरा व ास हो क
कसी तरह क असफलता का डर न रह जाए, तो आप कस चीज़ का सपना दे खने क
ह मत करगे
आ म व ास के बारे म अ त बात यह है क आप अपने आ म व ास को इस सीमा
तक वक सत कर सकते ह क आपके मन से हर डर नकल जाता है। आपको कोई बाधा

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नह रोक सकती, चाहे कुछ भी हो जाए। यह कैसे कया जाता है, इसे सीखा जा सकता है।
यादातर लोग जीवन म शू य या ब त कम आ म व ास के साथ शु आत करते ह।
बाद म अपनी ख़ुद क को शश के फल व प वे बहा र और आ म व ासी बन जाते ह।
अगर आप वही चीज़ करते ह, जो सरे आ म व ासी ी-पु ष करते ह, तो आप भी उ ह
भावना का अनुभव करगे और आपको भी वही प रणाम मलगे।
आ म व ास क बु नयाद यह है क आप ख़ुद को पसंद कर और बना कसी शत के
मू यवान व साथक इंसान मान। इससे यादा मह वपूण कुछ भी नह है। आप ख़ुद को
जतना यादा पसंद करते ह, अपना जतना यादा स मान करते ह और ख़ुद को जतना
अ छा इंसान समझते ह, आपको ख़ुद पर उतना ही यादा भरोसा होगा। आपका आ म-
गौरव जतना यादा ऊँचा होता है, आपको सही समय पर सही चीज़ कहने और करने क
अपनी यो यता पर उतना ही यादा व ास होगा।
डॉ. नैथे नयल ा डन ने आ म-गौरव को “आपके मन म आपक त ा” कहा था।
आपके मन म आपक त ा जतनी बेहतर होती है, आप ख़ुद को उतना ही यादा पसंद
करगे। अपने जीवनमू य के सामंज य म जीवन जीकर आप अपने मन म अपनी बेहतरीन
त ा बनाते ह। आपके मू य जतने यादा प होते ह, आप इस बारे म जतने यादा
प होते ह क आप कसम व ास करते ह और कसके प म खड़े ह, इस बात क
उतनी ही यादा संभावना है क आप उनका अ यास करगे। ऐसा करने पर आप ख़ुद को
यादा पसंद करगे और ख़ुद का यादा स मान करगे। आप ख़ुद को जतना यादा पसंद
करते ह और अपना जतना यादा स मान करते ह, आपको शां त और आ म व ास का
उतना ही यादा गहरा अहसास होगा।
आपका आ म-गौरव आपक भावना को तय करता है। आप कसी भी े म अपने
बारे म कैसा महसूस करते ह, यह आपके हर काम से पहले आता है और हर चीज़ म
आपके दशन क भ व यवाणी करता है। आपका आ म-गौरव आपके व का ऊजा
ोत या परमाणु भ है। आ म-गौरव आपक फू त, उ साह और गत चुंबक यता के
तर को तय करता है। उ च आ म-गौरव वाले लोग अपने हर काम म यादा सकारा मक,
यादा पसंद करने यो य और यादा भावी होते ह।
आप जो भी करते ह, लगभग हर चीज़ या तो अपने आ म-गौरव को हा सल करने या
बढ़ाने के लए करते ह, या फर अपने आ म-गौरव को नुक़सान से बचाने के लए करते ह।
आप जो भी करते या कहते या सोचते ह, उसका आपके आ म-गौरव पर असर होता है, या
तो सकारा मक या फर नकारा मक। आप जो सबसे सहायक चीज़ कर सकते ह, वह है
अपने काम और गत जीवन म उ च आ म-गौरव को क़ायम रखना।
अ याय दो म आ म-गौरव क सव े प रभाषा बताई गई है, “आप ख़ुद को कतना
यादा पसंद करते ह।” इसका मतलब है क आप एक मह वपूण और साथक इंसान के
प म अपना कतना स मान करते ह और ख़ुद को कतना मू यवान समझते ह। उ च
आ म-गौरव वाले लोग ख़ुद के बारे म और अपने जीवन के बारे म ख़ुश व आ म व ासी

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महसूस करते ह। जब आप अपने बारे म अ छा महसूस करते ह, तो आपम वह सव े
इंसान बनने क वृ होगी, जो आप संभवतः बन सकते ह।
आ म-गौरव का आपका तर दरअसल आपक “मान सक फ़टनेस” का पैमाना है।
यह इस बात को तय करता है क रोज़मरा क ज़दगी के अव यंभावी उतार-चढ़ाव से
नबटने म आप कतने व थ और लचीले ह। आपका आ म-गौरव तय करता है क आप
अपने और अपनी ग त व धय के बारे म कतना अ छा महसूस करते ह। यह आपक
मान सक शां त और आंत रक संतु के तर को नयं त करता है।
आपका आ म-गौरव आपके वा य और ऊजा के तर से क़रीबी प से जुड़ा आ
है। उ च आ म-गौरव वाले लोग शायद ही कभी बीमार होते ह और उनम ऊजा व उ साह
का एक अथाह वाह नज़र आता है, जो उ ह उनके ल य क ओर आगे धकेलता है।
आप ख़ुद को कतना यादा पसंद करते ह और ख़ुद का कतना यादा स मान करते
ह, इसी से सर के साथ आपके संबंध क गुणव ा तय होती है। आप ख़ुद को जतना
यादा पसंद करते ह, आप सरे लोग को उतना ही यादा पसंद करगे और वे भी आपको
उतना ही यादा पसंद करगे। वा तव म, जब आपका आ म-गौरव कसी तरह से कम हो
जाता है, तो सरे लोग के साथ आपका तालमेल सबसे पहले भा वत होता है।
अपने सव े तर पर दशन करने और अपने बारे म ज़बद त महसूस करने के लए
आपको आ म-गौरव बनाना और क़ायम रखना होता है। जस तरह आप खान-पान और
ायाम पर यान दे कर अपनी शारी रक फ़टनेस क ज़ मेदारी लेते ह, उसी तरह आपको
अपने वचार व भावना पर यान दे कर अपनी मान सक फ़टनेस क भी पूरी ज़ मेदारी
लेने क ज़ रत है।
आ म-गौरव बढ़ाने म लोग क मदद करने के लए असं य पु तक और लेख लखे गए
ह। बहरहाल, एक आसान फ़ॉमूला है, जसे आप सीख सकते ह और जसका आप अ यास
कर सकते ह, जो आ म-गौरव बढ़ाने के सभी मह वपूण त व को शा मल करता है। शखर
मान सक दशन सु न त करने के लए आप इन रणनी तय का दै नक इ तेमाल कर
सकते ह।
आ म-गौरव बढ़ाने के लए छह त व क ज़ रत होती है। ये छह त व ह: ल य,
मानदं ड, सफलता के अनुभव, सर से तुलना, मा यता और पुर कार। आइए, हम इन पर
एक-एक करके नज़र डालते ह।
आप ख़ुद को कतना यादा पसंद करते ह और अपना कतना स मान करते ह, इस
बात पर आपके ल य का सीधा भाव पड़ता है। अपने लए बड़े , चुनौतीपूण ल य तय
करने और उ ह हा सल करने क ल खत काययोजना बनाने भर से ही दरअसल आपका
आ म-गौरव बढ़ जाता है और बेहतर हो जाता है। ल य ही आपको आपके बारे म बेहतर
महसूस कराने लगते ह।
आ म-गौरव या ख़ुशी क प रभाषा है - “ कसी साथक आदश या ल य क मशः
ा त।” आ म-गौरव क अव था का आनंद आप तब लेते ह, जब आप क़दम-दर-क़दम
कसी ऐसी चीज़ क तरफ़ बढ़ते ह, जो आपके लए मह वपूण है। इस वजह से यह
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मह वपूण है क आपके पास जीवन के हर पहलू म प ल य ह और आप उ ह हा सल
करने क दशा म लगातार काम कर। हर बढ़ते क़दम से आपका आ म-गौरव बढ़ता है और
आप यादा सकारा मक व श शाली महसूस करते ह।
आ म-गौरव बढ़ाने का सरा ह सा यह है क आप उन प मानदं ड और मू य को
तय कर, जनके त आप सम पत ह। उ च आ म-गौरव वाले ी-पु ष इस बारे म ब त
प होते ह क वे कसम व ास करते ह। आ म व ास और आ म-गौरव क बु नयाद यह
प वचार है क आप कसके प म खड़े ह गे और कसके प म खड़े नह ह गे।
थायी आ म-गौरव तभी संभव है, जब आपके ल य और आपके मू य सामंज य म
ह , आदश प से एक ही दशा म ह और उनम कोई वरोधाभास न हो। लोग को तनाव
यादातर मामल म तब होता है, जब वे व ास तो एक चीज़ म करते है, ले कन वे सरी
चीज़ करने क को शश करते ह, जो उस व ास के वपरीत होती है। जब आप अपने
ल य और मू य को एक सरे के सामंज य म ले आते ह, तो आप अपने बारे म अ त
महसूस करते ह। आपको ऊजा और वा य का सैलाब महसूस होता है। तभी आप स ची
ग त करना शु करते ह।
कई लोग अपनी नौक रय म नाख़ुश रहते ह, य क उनक लाख को शश के बावजूद
वे सफल नह हो रहे ह। कई मामल म लोग को इस बात का अहसास हो जाता है क वे
अपनी नौकरी म इस लए ख़ुश नह ह, य क वह काम उनके लए सही नह है। एक बार
जब वे अपनी नौकरी बदल लेते ह और कोई ऐसी चीज़ करने लगते ह, जसम उ ह सचमुच
मज़ा आता है और जो उनके बु नयाद मू य के सामंज य म होती है, तो वे स ची ग त
करने लगते ह और उ ह अपने काम म ज़बद त संतु मलती है।
आ म-गौरव बढ़ाने वाला तीसरा त व है सफलता के अनुभव। अपने ल य को मापने
यो य बनाएँ। आपको राह म मलने वाली छोट -बड़ी सफलता का हसाब रखना
चा हए। ल य तय करने, उसे छोटे -छोटे ह स म तोड़ने और फर उन ह स म से एक या
अ धक को पूरा करने के काम से ही आप वजेता जैसा महसूस करने लगते ह। सफलता क
वजह से आपका आ म-गौरव बढ़ जाता है।
ले कन याद रख, आप उस ल य पर नशाना नह मार सकते, जसे आप दे ख ही न
सकते ह । आप वजेता जैसा महसूस नह कर सकते, जब तक क आप प ता से वे
मानदं ड तय न कर ल, जनके आधार पर आप अपनी सफलता को आँकने वाले ह और
अपने ल य हा सल करने वाले ह।
आइए, मान लेते ह क आप एक साल म अपने ॉड ट क न त सं या बेचना चाहते
ह या न त आमदनी कमाना चाहते ह। आप इस सं या को मा सक और सा ता हक
ल य म, हर दन या घंटे के ल य म भी तोड़ सकते ह। जब आप इनम से पहले मील के
प थर पर प ँचते ह, तो आप अपने बारे म बेहतरीन महसूस करते ह। आप वजेता जैसा
महसूस करते ह। जब आप सरे मील के प थर तक प ँचते ह, तो आपका आ म व ास
और आ म-गौरव बढ़ जाता है। दशन करने क आपक यो यता बेहतर हो जाती है। आप
अगली चुनौती के बारे म रोमां चत और उ साही महसूस करने लगते ह।
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जन लोग के पास ल य नह होते, उनका आ म-गौरव कम होता है। इसका कारण
यह है क वे बल व बनाने वाली इस श का इ तेमाल नह कर रहे ह। उनके पास
प ल य ही नह होते ह, जन पर वे नशाना साध सक। इसके अलावा उनके पास उस
अं तम ल य क ओर ले जाने वाले अंत रम ल य या पैमाने नह होते ह। पैमान और
आकलन के मानदं ड वाले ल य तय करने और योजनाएँ बनाने का काम ही आ म-गौरव
को बढ़ा दे ता है और आ म व ास तथा ऊजा म वृ करता है।
आ म-गौरव का चौथा घटक है सर से तुलना। हारवड के लयॉन फ़े टं गर ने
“सामा जक तुलना” का स ांत दया है। उनका न कष था क जब हम यह तय करना
चाहते ह क हम कतना अ छा कर रहे ह, तो हम अपनी उपल धय और ख़ुद क तुलना
समाज से नह , ब क अपनी जान-पहचान के सरे लोग से करते ह। वजेता जैसा महसूस
करने के लए हम प का पता होना चा हए क हम अपने ही जैसी थ त वाले कसी
प र चत जतना अ छा या उससे बेहतर कर रहे ह, जसके साथ हम तादा य था पत कर
सक। जब आप अपने े या सामा जक दायरे के सरे लोग से अपनी सकारा मक तुलना
कर सकते ह, तो आप ख़ुद को यादा पसंद करते ह और त पधा के अपने े म वजेता
जैसा महसूस करते ह।
सफल लोग वे होते ह, जो अपनी तुलना सरे सफल लोग से करते ह और पहले से
बेहतर दशन करने क लगातार को शश करते रहते ह। वे उनके बारे म पढ़ते ह, उनके
दशन का अ ययन करते ह और फर एक-एक क़दम करके उनसे आगे नकलने के लए
काम करते ह। अंततः सफल लोग उस ब पर प ँच जाते ह, जहाँ उनक त पधा म कोई
सरा नह रह जाता है। तब वे ख़ुद के साथ त पधा करने लगते ह और अपनी पुरानी
उपल धय से अपने वतमान दशन क तुलना करते ह। यह तब होता है, जब वे शखर पर
प ँच जाते ह और अपने कमज़ोर त प धय को पीछे छोड़ चुके होते ह।
आ म-गौरव बढ़ाने क पाँचव आव यकता यह है क आप जन लोग का स मान
करते ह, वे आपक उपल धय को मा यता द। अपने बारे म सचमुच अ छा महसूस करने
के लए आपको उन लोग क शंसा और मा यता क ज़ रत होती है, जनका आप
स मान और शंसा करते ह, जैसे: आपका बॉस, आपके सहकम , आपका जीवनसाथी
और आपके सामा जक दायरे के लोग।
वा तव म, आ म-गौरव क एक ब त अ छ प रभाषा है, “आप ख़ुद को कतना
शंसनीय मानते ह” या “ शंसा करने यो य।” जब भी कसी उपल ध के लए आपको
कसी मह वपूण क मा यता और शंसा मलती है, तो आपका आ म-गौरव बढ़
जाता है। आपको गव और ख़ुशी महसूस होती है। आप और यादा तथा बेहतर करने के
लए े रत व ो सा हत हो जाते ह।
आ म-गौरव बढ़ाने क छठ आव यकता यह है क आपको अपनी उपल धय के
लए पुर कार दया जाए। आप कसी ऐसे े म काम कर सकते ह, जहाँ े उपल ध के
लए आपको व ीय बोनस, पुर कार, ओहदे के तीक, यादा बड़े ऑ फ़स, यादा बड़ी

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कार या लाक व ॉ फ़याँ द जाती ह । इनम से कसी भी पुर कार का आपके आ म-गौरव
और आपके आगामी दशन पर श शाली असर हो सकता है।
बहरहाल, अगर आपके े म कोई भी मूत या अमूत पुर कार न दए जाते ह , जो
आपके आ म-गौरव को बढ़ाने और क़ायम रखने के लए अ नवाय ह, तो आप ख़ुद को
पुर कार दे ने का तरीक़ा खोज सकते ह। एक ब त सहायक चीज़ यह है क आप अपना
ख़ुद का पुर कार तं बनाएँ, जसम आप छोट और बड़ी दोन तरह क उपल धय के
लए ख़ुद को पुर कार द। अपने ल य क ओर ग त करते व त यह आपको सकारा मक
और ऊजावान रख सकता है।
जो लोग टे लीफ़ोन ॉ पे टं ग करते ह, वे अ सर ख़ुद को हर दस कॉल के बाद एक
कप कॉफ़ का इनाम दे ते ह। प चीस कॉल के बाद वे ख़ुद को इमारत या लॉक के चार
ओर एक च कर लगाने क अनुम त दे ते ह। पचास कॉल के बाद वे बाहर लंच करने का
इनाम दे ते ह। न त सं या म अपॉइंटमट या ब हा सल करने के बाद वे ख़ुद को कसी
ऐसी चीज़ का पुर कार दगे, जो उ ह ने पहले से तय क है, जैसे लंच के लए बाहर जाना।
इनम से हर पुर कार ो साहन और गत मा यता का काम करता है, जससे को
उस दशन को दोहराने का ो साहन मलता है। फल व प उ साह और आ म-गौरव बढ़
जाता है।
य द आपका वतमान प रवेश आपको आ म-गौरव बढ़ाने के छह घटक दान नह
करता है (ल य, मानदं ड, सफलता के अनुभव, सर से तुलना, मा यता और पुर कार), तो
आपको अपना ख़ुद का ो साहन तं बनाना चा हए। आपको अपने आ म-गौरव तथा
गत मह व क भावना को बढ़ाने और क़ायम रखने क पूरी ज़ मेदारी लेनी
चा हए। इस बात का इंतज़ार न कर क कोई सरा आकर आपके लए यह काम कर दे गा।
आ म-गौरव बढ़ाने का एक सरा ह सा है, जो इस अ याय म अब तक बताई हर चीज़
से सरोकार रखता है। यह है “ दशन-आधा रत आ म-गौरव।” स चाई यह है क आप ख़ुद
को सचमुच पसंद तभी करते ह और अपना स चा स मान तभी करते ह, जब आप अपने
दल क गहराई म जानते ह क आप कसी मह वपूण चीज़ को करने म सचमुच अ छे ह।
मनोवै ा नक इसे “आ म- मता का अहसास” कहते ह। व स लॉ बाड ने कहा था,
“आपका चुना आ े कोई भी हो, आपके जीवन क गुणव ा उ कृ ता के त आपके
समपण के तर से तय होगी।”
ज़ा हर है, अमूत प से ख़ुद को पसंद करना या ख़ुद को मू यवान व साथक इंसान
मानना संभव है, ले कन यह आ म-गौरव का खोखला प है, जो एक नकारा मक अनुभव
या अ थायी नराशा से आसानी से ढह जाता है। उ कृ दशन से वभ आ म-गौरव लंबे
समय तक क़ायम नह रहता है।
आप एक मू यवान और साथक इंसान ह, इस बात का व ास आप तभी कर सकते ह,
जब आप जानते ह क आप अपने काम म ब त अ छे ह। इसी लए यह मह वपूण है क
आप अपने काम म उ कृ बनने के लए यास कर, बाधा से उबर और क़ मत चुकाएँ।
जब आप वाक़ई जानते ह क आप अपने काम म अ छे ह, तो आप अपने बारे म ज़बद त
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महसूस करगे। आप उ च आ म-गौरव और एक कार के आशावाद का आनंद लगे, जससे
आप उस तरह के इंसान बन जाएँगे, जसके आस-पास हर रहना चाहेगा।
आपका आ म-गौरव आपके व का सबसे अहम ह सा है। आप इस पर
सु नयो जत प से, हर दन, हर घंटे काम करके अपने आ म-गौरव को बढ़ा सकते ह।
आप वे चीज़ करके इसे बढ़ा सकते ह, जनसे आप अपने बारे म अ त महसूस करते ह
और जनम आप अपने सव े तर पर दशन करते ह।
आ म-गौरव और आ म-मू य क कुंजी यह है क आप अपने त स चे रह, अपने
भीतर के सव े के त स चे रह और जीवन को अपने सव च मू य व आकां ा के
सामंज य म जएँ।
इस बारे म सोचने का समय नकाल क आप कौन ह और कसम व ास करते ह। इस
बारे म सोच क आपके लए सचमुच मह वपूण या है। यह नणय ल क आपके लए जो
स ची चीज़ नह है, वह बनकर या कहकर या महसूस करके आप अपनी अखंडता से कभी
समझौता नह करगे।
आप सचमुच जैसे ह, उसी प म ख़ुद को वीकार करने का साहस रख, वैसे नह
जैसा आप चाहते ह क आप ह या जैसा कोई सरा सोचता है क आपको होना चा हए
और यह भी सोच क हर चीज़ पर वचार करते ए आप काफ़ अ छे इंसान ह।
दे खए, आप जैसे इंसान के कभी होने क संभावना पचास अरब म एक क है। आप
पूरे इ तहास म अनूठे ह। आपम यो यता , गुण और क़ा ब लयत का एक वशेष म ण
है, जो आपको असाधारण बनाता है। कसी को भी, जसम आप भी शा मल ह, आपक
स ची मता का कोई अंदाज़ा नह है या यह पता नह है क आप या कर सकते ह या
या बन सकते ह।
जीवन क सबसे मु कल चुनौ तय म से यह वीकार करना है क आप सचमुच कतने
असाधारण ह और फर इस जाग कता को अपने नज़ रये तथा व म समा हत करना
है। ख़ुद को पसंद करना और ख़ुद पर भरोसा करना व थ आ म व ास क बु नयाद है।
यह भारी ख़ुशी और सफलता का शु आती ब है।
आ म व ास के अटल तर को वक सत करने म आपका आ म-गौरव और व-
स मान मह वपूण शु आती ब ह, ले कन वे काफ़ नह ह। लोग ने बरस तक
सकारा मक सोच को आज़माया है और बरस तक उ मीद पर जए ह, ले कन उ ह म त
प रणाम मले ह। आ म व ास क जो गहरी भावना वजय क ओर ले जाती है, उसे
वक सत करने के लए आपको सकारा मक सोच के बजाय सकारा मक जानकारी क
ज़ रत होती है। आपको यह जानने क ज़ रत होती है क आप एक अ छे और मू यवान
इंसान ह तथा आपका आ म व ास वा त वक है, जो स ची यो यता पर आधा रत है।
थायी आ म व ास दरअसल नयं ण के अहसास से आता है। जब आप अपने ख़ुद
के और अपने जीवन के काफ़ नयं ण म महसूस करते ह, तब आप इतने आ म व ासी
महसूस करते ह क आप वे चीज़ कर और कह, जो आपके सव च मू य के सामंज य म
ह।
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मनोवै ा नक आज सहमत ह क “ नयं ण के बाहर” रहने क भावना ही तनाव और
नकारा मकता का बु नयाद कारण है। यह हीनता और कम आ म व ास क भावना का
मु य कारण भी है। अपने जीवन के हर ह से पर नयं ण का ठोस अहसास पाने का सबसे
अ छा तरीक़ा यह है क आप प ल य और उ े य तय कर। फर तय ल य के हसाब से
उ े यपूण वहार पर आधा रत दशा का अहसास बना ल।
अपने त स चे होने का अथ सट कता से यह जानना है क आप या चाहते ह।
इसका अथ अपनी मनचाही चीज़ को हा सल करने क योजना बनाना है। थायी
आ म व ास तब उ प होता है, जब आप पूरी तरह जानते ह क आपके पास अपनी
वतमान जगह से अपनी मनचाही जगह तक प ँचने क मता है। आप अपने जीवन के
टय रग हील के पीछे बैठे ह। आप अपनी तक़द र के आ कटे ट ह और अपने भा य के
वामी ह।
हमने ख़ुशी को कसी साथक आदश क मक ा त के प म प रभा षत कया था।
यही आ म व ास के बारे म सच है। जब आप एक ल य तय करते ह और उसे हा सल
करने क योजना बनाते ह और फर अपने ल य को साकार करने के लए क़दम-दर-क़दम
काम करते ह, तो आप श शाली, स म और अपने जीवन के नयं ण म महसूस करते
ह। आप वजेता जैसा महसूस करते ह। आपका आ म व ास ऊपर उठ जाता है और
यादा बड़ी चुनौ तय तथा अवसर का सामना करने क आपक इ छा भी बढ़ जाती है।
आप जतना यादा हा सल करते ह, आप महसूस करते ह क आप उतना ही यादा
हा सल करने म स म ह।
यादातर लोग असफलता और नुक़सान के डर से घबराते ह। ले कन इसके बजाय
आप अवसर और उपल ध के संभा वत लाभ पर यान क त करते ह। आपके पास प
प से तय ल य होते ह। आपके पास दौड़ने के लए एक न त माग होता है। इनके साथ
आप सफलता-क त बन जाते ह और आप धीरे-धीरे अपना आ म व ास बढ़ाते जाते ह,
जब तक क वह थ त नह आ जाती, जहाँ आप कसी भी चीज़ का सामना करने को
तैयार होते ह।
आप अपने आ म व ास को तुरंत बढ़ा सकते ह। इसका आसान तरीक़ा यह है क आप
अपने चुने ए े म उ कृ बनने के लए सम पत हो जाएँ। जब आप अपने मान सक पुल
जला दे ते ह और संक प लेते ह क अपने काम म सव े बनने के लए आप कोई भी
क़ मत चुकाने को तैयार ह, कोई भी याग करने को तैयार ह, कतने ही समय या धन का
नवेश करने को तैयार ह, तो आप एक अलग इंसान बन जाते ह। आप तुरंत आम आदमी से
भ हो जाते ह, जो एक नौकरी से सरी नौकरी क तरफ़ हचकोले खाता है और दोयमता
को वीकृत पैमाना मानता है।
कुछ साल पहले टम नामक एक युवक हमारे एक से मनार म आया। वह संकोची और
अंतमुखी था। उसके हाथ मलाने का अंदाज़ कमज़ोर था और उसे नज़र मलाकर बात
करने म काफ़ मु कल आती थी। वह से मनार क म पीछे बैठा रहता था और सर
झुकाकर नोट् स लेता रहता था। उसने ब त कम म बनाए थे और वह ख़ाली समय म भी
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लोग से यादा मेलजोल नह करता था। से मनार के अंत म उसने कहा क वह ब के
े म है और उस व त उसका दशन अ छा नह है। ले कन उसने बदलने का संक प
लया। उसने ठान लया क वह ख़ुद पर काम करने म जुटेगा, अपने संकोच से उबरेगा और
अपनी कंपनी का माल बेचने म मा हर हो जाएगा। फर उसने वदा ली और हर ने
उसे जाते समय शुभकामनाएँ द ।
एक साल बाद वह उसी से मनार म दोबारा लौटा। ले कन इस बार वह बदल चुका था।
वह यादा शांत और आ म व ासी बन गया था। अब भी वह थोड़ा संकोची तो था, ले कन
हाथ मलाते व त उसक पकड़ यादा स त थी और उसक आँख का संपक बेहतर था।
वह से मनार क के बीच म बैठा और उसने अपने आस-पास के लोग से संयत वहार
कया। एक बार फर, से मनार के अंत म उसने बताया क वह अपनी ब ट म म ऊपर
उठने लगा था और पछला साल उसके जीवन का सबसे अ छा साल रहा था। उसने
संक प लया था क आने वाले साल म वह अपने दशन को और भी बेहतर बनाएगा।
लगभग चौदह महीने बाद टम से मनार म एक बार फर आया। इस बार वह अपनी
कंपनी के पाँच और लोग को लेकर आया था। दरअसल, उसी ने इन लोग को इस से मनार
म आने के लए राज़ी कया था। उसने कहा था क अगर वे लोग संतु नह ए, तो उनक
फ़ स वह ख़ुद चुकाएगा। उसने ढ़ता से हाथ मलाया और श शाली, आ म व ासी
मु कान के साथ सबसे नज़र मला ।
उसने कहा क वह कुछ दखाना चाहता है। उसने अपनी जेब से एक ब त बड़े रा ीय
कॉरपोरेशन के अ य का प नकाला, ज ह ने गत प से उसे प लखा था और
पछले साल उसके इलाक़े म असाधारण ब के लए उसे बधाई द थी। यह पता चला क
ट म म कुल 42 से सपीपुल थे। पहले टम ततीसव थान पर था, ले कन अब वह पहले
थान पर प ँच गया था। उसक आमदनी पहले 26,000 डॉलर थी, जो इन तीन वष म
बढ़कर 98,000 डॉलर हो गई थी। उसक ब दे श म कसी भी अ य से सपसन से
यादा तेज़ ग त से बढ़ थी।
वह अब भी शांत रहता था, ले कन उसम श और उ े यपूणता का अ त नज़ रया
आ चुका था। उसने क़दम उठाए थे और ख़ुद को एक शानदार युवक बनाने क क़ मत
चुकाई थी। उसने अपने संकोच से उबरने के लए हर ज़ री चीज़ करने का नणय लया
था। उसने अपने भीतर ऐसा व बनाने का नणय लया था, जसक वह सर म
शंसा करता था। वह हर मायने म व- न मत इंसान था और है।
शायद आ म व ास के ऊँचे तर वक सत करने का सबसे अ त प रणाम वह भाव
होता है, जो आपके व का आपके संबंध पर पड़े गा। आपके आ म व ास का तर
आपक सबसे आकषक और मोहक वशेषता म से एक बन सकता है।
दो मान सक नयम ह, जो हमेशा काम करते ह। यही उसका यादातर ह सा तय
करते ह क सर के साथ मेलजोल म आपके साथ या होता है। पहला है आकषण का
नयम, जो कहता है क आप अपने जीवन म हमेशा उ ह लोग को आक षत करगे, जो
काफ़ हद तक आप जैसे होते ह। सरा नयम है सामंज य का नयम, जो कहता है क
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संबंध का आपका बाहरी संसार काफ़ हद तक कसी दपण क तरह व और वभाव
के आपके अंद नी संसार से मेल खाएगा।
ये नयम मलकर कहते ह क जब आप अपने अंदर एक सकारा मक अंदाज़ म बदलते
ह, तो आप ज द ही ऐसे लोग से घर जाएँगे, जो काफ़ हद तक उस नए इंसान जैसे ह,
जैसे आप बन रहे ह। जब आप इंसान के प म बेहतर बनते ह, तो आपके संबंध क
गुणव ा और सं या भी उसी अनुपात म बेहतर बनती है। आप यादा अ छे , यादा
आ म व ासी, यादा रोचक और आनंददायक लोग से मलगे। आप अपने जीवनसाथी या
वपरीत लग के सद य से यादा अ छ तरह मल-जुलकर काम करगे। आप अपने काम
या नई नौकरी म भी यादा अ छा दशन करगे और अपने बॉस तथा सहक मय से यादा
अ छ तरह मल-जुलकर काम करगे। आपके आ म व ास और शांत व ास के नज़ रये
क बदौलत आप सरे लोग को यादा आकषक लगगे। वे आपके आस-पास रहना चाहगे,
आपके लए दरवाज़ा खोलना चाहगे और ऐसे अवसर उपल ध कराना चाहगे, जो उस
थ त म नह होता, अगर आप अपने बारे म उतना ज़बद त महसूस नह करते, जतना क
इस व त करते ह।
ायः सर के साथ अपने संबंध म लोग म आ म व ास क कमी होती है, य क वे
सर क तुलना म अपना कम आकलन करते ह। कई बार आप अपने काम और बात के
बारे म संकोची हो जाते ह, और कई बार आपको डर होता है क लोग आपको पसंद नह
करगे या उस तरह वीकार नह करगे, जस तरह आप चाहते ह। आप कुछ मह वपूण
चीज़ कर सकते ह, जनसे सर के साथ आरामदे ह और आ म व ासी अंदाज़ म अ छ
तरह मल-जुलकर काम करने क आपक यो यता बेहतर हो जाएगी।
शु आत म जब आप अपने ल य और मू य को प कर लेते ह, ख़ुद पर मेहनत
करते ह और अपने चुने ए े म अ छा काम करते ह, तो आपम वाभा वक प से
आ म-गौरव और आ म व ास के यादा ऊँचे तर ह गे। आप ख़ुद को यादा पसंद करगे
और आप सरे लोग को पसंद व वीकार करगे। आप इस बारे म कम संवेदनशील ह गे क
वे या सोच रहे ह गे या नह सोच रहे ह गे। आप उनके साथ अपनी बातचीत म यादा
सकारा मक और यानपूण ह गे। जो लोग ख़ुद को सचमुच पसंद करते ह, वे सर के साथ
संबंध म ब त आ म व ासी होते ह। हालाँ क वे सर के नज़ रय और राय पर यान दे ते
ह, ले कन वे उनसे यादा भा वत नह होते ह।
सर के साथ बातचीत म याद रख क लोग यादातर समय ख़ुद के बारे म ही सोचते
ह। आप सामने वाले पर यान क त करके, स चे सवाल पूछकर और जवाब को
ग़ौर से सुनकर संकोच क अपनी भावना से छु टकारा पा सकते ह।
लोग को भा वत करने क को शश के बजाय उनसे भा वत होने के कारण खोज।
आपम लोग च ल, यह को शश न कर। इसके बजाय उनम स ची च दखाएँ। स य
और संल न ोता बन। आप सामने वाले पर जतना यादा यान क त करते ह,
आप उतने ही यादा आरामदे ह और आ म व ासी महसूस करगे। आपका संकोच काफूर
हो जाएगा और आप तनावर हत व ख़ुश महसूस करगे।
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याद रख क कोई आपके वचार या भावना को तब तक भा वत नह कर सकता,
जब तक क कोई ऐसी चीज़ न हो जो आप उनसे चाहते ह या कोई ऐसी चीज़ न हो, जो
आप चाहते ह क वे न कर। जैसे ही आप न ल तता का भाव ले आते ह और अपने मन म
नणय लेते ह क आप सामने वाले से कुछ नह चाहते ह या कसी चीज़ क अपे ा नह
रखते ह, तो आप पाएँगे क आपके आ म व ास को वच लत करने क उनक यो यता
काफ़ कम हो जाती है। वही लोग मानवीय संबंध म सबसे सफल होते ह, जो सर से
शांत, व थ न ल तता का अ यास करते ह। हालाँ क वे बातचीत म दो ताना और संल न
होते ह, ले कन वे सर के वहार को यह तय करने क अनुम त नह दे ते ह क वे अपने
बारे म कैसा सोचते ह और महसूस करते ह।
आ म व ास के ऊँचे तर को वक सत करने और क़ायम रखने के ज़बद त लाभ होते
ह। असली सवाल यह है, “ऐसा य है क यादातर लोग म ऐसा आ म व ास नह है,
जो उ ह ख़ुश, व थ, समृ जीवन जीने म स म बनाए ”
दो बु नयाद कारण ह। मानव स ता के महान श ु हमेशा वही रहे ह: डर और शंका
एक साथ या ा करते ह और हर मोड़ पर मानव स ता के साथ ह त ेप करते ह। बाक़
कसी भी चीज़ से बढ़कर हमारे डर और शंकाएँ हमारे आ म-गौरव और आ म व ास को
कमज़ोर कर दे ती ह। इ ह क वजह से हम अपनी संभावना तथा ख़ुद के बारे म
नकारा मक संदभ म सोचते ह। जैसा मा लो ने कहा था, हम ख़ुद को “स ते म बेचने”
लगते ह और वे तमाम कारण गनाने लगते ह क कोई चीज़ हमारे लए संभव य नह हो
सकती।
हम मु कल को बढ़ा-चढ़ाकर दे खते ह और अवसर को यूनतम कर लेते ह। हम
संभव नुक़सान से च तत हो जाते ह, जो हम हो सकते ह। हम उन आलोचना के बारे म
तनाव त हो जाते ह, जो हम झेलनी पड़ सकती ह। इस वजह से हम साहस के साथ काम
नह कर पाते ह। इसके बजाय हमारे डर और शंकाएँ हम पंगु बना दे ती ह, हमारे आ म-
गौरव को कम कर दे ती ह और उनक वजह से हम नकारा मक संदभ म सोचने और बात
करने लगते ह। यह शायद यादातर इंसान के बारे म सही है। यादातर लोग अपने डर से
इतने च तत होते ह क उनके पास कसी सरी चीज़ के लए समय ही नह होता। यह
उनक बातचीत म कट हो जाता है और उनके काम या बातचीत के यादातर ह स म
इसी क झलक होती है।
शंका, डर और चता का एकमा स चा तोड़ कम है। यह उन सभी नकारा मक भाव
का इलाज है, जो हमारे आ म व ास को व त करते ह। आपका चेतन मन एक समय म
केवल एक ही वचार रख सकता है, चाहे वह सकारा मक हो या नकारा मक। जब आप
ऐसे सु नयो जत, उ े यपूण कम म संल न होते ह, जो आपके मू य के सामंज य म होता
है, आपके ल य क दशा म होता है, और आप अपनी यो यता का अ धकतम इ तेमाल
करते ह, तो आपके डर और शंकाएँ ग़ायब हो जाती ह। आप अपने बारे म यादा
सकारा मक और आ म व ासी महसूस कए बना नह रह सकते।

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आपके आ म व ास और आ म-गौरव को चेतन प से और जान-बूझकर बढ़ाना
आपके लए जतना मह वपूण है, उससे यादा मह वपूण संभवतः कुछ भी नह है।
आ म व ास के यादा ऊँचे तर आपके सामने असी मत संभावना का संसार खोल दगे।
आप जस कार के आ म व ासी बनना चाहते ह, उस तरह चलकर, बात करके,
सोचकर और काम करके आप अपने आ म व ास को बढ़ा सकते ह।
अ याय 4

अपने जीवन क बागडोर थाम

या आप कभी यह सोचने के लए के ह क आप जो भी ह या जो भी कभी ह गे,


उसका दारोमदार पूरी तरह से आप पर है ज़रा क पना कर आप जहाँ ह और जो
ह, वह आप वयं क वजह से ह। आपके जीवन म जो भी चीज़ मौजूद है, वह आपक ,
आपके वहार, आपके श द और आपके काम क वजह से मौजूद है। आपके पास चयन
क वतं ता है और चूँ क आपने ख़ुद ने अपने जीवन क प र थ तय का चयन कया है,
इस लए आप ही अपनी सफलता और असफलता, अपनी ख़ुशी और ख, अपने वतमान
और भ व य के लए पूरी तरह से ज़ मेदार ह।
यह वचार पैराशूट लगाकर कूदने जैसा है। यह एक साथ डरावना और उ लासपूण है।
यह उन सबसे बड़ी और मह वपूण अवधारणा म से एक है, जो आपके या कसी सरे
के साथ ह गी। गत ज़ मेदारी को वीकार करना ही वह काम है, जो वय क को ब चे
से, लीडर को अनुयायी से, वजेता को परा जत से अलग करता है। यह प रप वता क
दशा म एक लंबी छलाँग है।
ज़ मेदारी पूरी तरह अ वभा य, पूरी तरह कायशील इंसान क नशानी है। ज़ मेदारी
सफलता, उपल ध, ेरणा, ख़ुशी और आ म-वा त वक करण के साथ-साथ चलती है।
आप अपनी ज़दगी म जस भी चीज़ को सचमुच चाहते ह , यह उसे पाने क यूनतम
आव यकता है।
आप अपने लए पूरी तरह से ज़ मेदार ह, यह वीकार करने के बाद अपने जीवन का
पूरा नयं ण आपके पास आ जाता है। कोई भी बचाने नह आएगा, यह अहसास शखर
दशन क शु आत है। जब आप यह ऐलान कर दे ते ह, “अगर इसे करना है, तो यह मुझ
पर है ” तो फर ब त कम है, जो आप नह कर सकते या नह पा सकते।
ज़ मेदारी को वीकार करना ल य तय करने से भी पहले आता है और हर
जानता है क ल य तय करना सफलता का एक मु य कारण है। इसका कारण यह है क

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जब तक आप प रणाम क ज़ मेदारी वीकार नह करते ह, तब तक आप गंभीरता से
ल य तय नह करगे, उ ह पाने क योजनाएँ नह बनाएँगे और उनके त ढ़ता से सम पत
नह ह गे। जब तक कोई यह वीकार नह करता है क वह ख़ुद पूरी तरह ज़ मेदार
है, तब तक अचेतन प से उसने बाहर नकलने का एक रा ता छोड़ रखा है। पूरी तरह से
ज़ मेदारी वीकार न करना एक मान सक पलायन माग बनाने जैसा है, जो कसी
को सफलता या असफलता के लए जवाबदे ह बनने से बचने का रा ता दे ता है।
ज़ मेदारी वीकार करने का वपरीत यह है क आप अपने जीवन क प र थ तय के
लए बहाने बनाएँ और सरे लोग या प र थ तय को दोष द। चूँ क आप जो भी करते ह,
लगभग हर चीज़ आदत का मामला होती है, इस लए अगर कोई इंसान बहाने बनाने क
आदत डाल लेता है, तो उसक ज़ मेदारी से कतराने क आदत भी पड़ जाएगी। अगर वह
अपने लए कोई ल य या उ े य तय करता है, तो वह तुरंत एक बहाना भी सोचकर रख
लेता है, ता क अगर ल य तक प ँचना यादा मु कल हो या इसम यादा आ म-
अनुशासन और लगन क ज़ रत हो, तो वह उस बहाने को बना सके। जैसे ही प र थ तयाँ
गड़बड़ाने लगती ह, ग़ैर- ज़ मेदार अपने बहाने को बाहर नकालता है और ख़ुद को
बचा लेता है।
अगर कोई बहाना नह बन सकता हो, तो ग़ैर- ज़ मेदार अपने जीवन क
प र थ तय के लए सरे लोग या घटना को दोष दे ने लगता है।
स चाई यह है क आपके माता- पता आपको संसार म लाने के लए ज़ मेदार ह। जब
आप शशु होते ह, तो वे आपके लए पूरी तरह से ज़ मेदार ह। ले कन जैसे-जैसे आप बड़े
होते ह और चयन क अपनी वतं ता का दायरा फैलाते ह, उनक ज़ मेदारी मशः कम
होती जाती है। 18 साल क उ तक आपको पूरी तरह प रप व हो जाना चा हए। इस
समय तक आपको अपने नणय ख़ुद लेने म स म हो जाना चा हए और उन नणय के
प रणाम को वीकार करने के लए भी।
आपके माता- पता ने आपके अठारह साल के होने तक चाहे जो कया हो या न कया
हो, उसके बाद बागडोर आपके हाथ म है। अपने जीवन के टय रग हील के पीछे अब
आप ख़ुद ह। आप ाइवर क सीट पर बैठे ह। उस ब के आगे आप हर उस चीज़ के लए
पूरी तरह ज़ मेदार ह, जो आपके साथ होती है या नह होती है। यह थोड़ा कठोर लग
सकता है। कई लोग तुरंत तमाम तरह क अ य थ तय के बारे म सोचने लगगे, जनके
लए सर को दोष दया जा सकता है या जनके लए कसी को दोष नह दया जा
सकता। ले कन हम इतनी आसानी से इससे बच नह सकते।
मानव जीवन के बु नयाद नयम को अर तू ने ईसा मसीह से भी 350 साल पहले
बताया था। इसे काय-कारण का नयम कहा जाता है। हम इसे कारण और प रणाम का
नयम कहते ह। यह बताता है क हर चीज़ कसी कारण से होती है या नह होती है।
आपके जीवन म हर प रणाम के पीछे एक कारण होता है। इसका मतलब है क अगर आप
कोई ख़ास प रणाम चाहते ह, तो आपको बस इसके कारण का पता लगाना है और उनक
नक़ल करने पर आपको भी वही प रणाम मलेगा।
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नयम यह है: सरे सफल लोग जो करते ह, अगर आप भी वही करते ह, तो कोई चीज़
आपको अंततः वही प रणाम पाने से नह रोक सकती। ले कन सरे सफल लोग जो करते
ह, अगर आप वह नह करते ह, तो कोई चीज़ आपक मदद नह कर सकती।
मसाल के तौर पर, हर व थ रहना चाहता है। मान ल, आप शारी रक वा य
और ऊजा के ऊँचे तर का ल य तय करते ह। यह वह प रणाम है, जो आप चाहते ह। अब
आपको बस कारण का पता लगाना है और उनक नक़ल करके आप अपने ल य पर प ँच
सकते ह। आप पता लगा सकते ह क सरे व थ और ऊजावान लोग आहार, ायाम
और व ाम के संदभ म या करते ह और वही काम करके आप भी वही प रणाम पा सकते
ह। यह कोई चम कार नह है। यह तो बस एक नयम है।
अ स ता भी एक प रणाम है। इसका कारण ब त से लोग और प र थ तयाँ हो
सकती ह। बहरहाल, अगर आप ख़ुश होना चाहते ह, तो आपको सबसे पहले तो यह पता
लगाना होगा क आप सबसे यादा ख़ुश कस चीज़ से होते ह। अपने जीवन के सबसे
अ छे समय के बारे म सोच और यह भी क उस व त आप या कर रहे थे, कहाँ कर रहे थे
और कन लोग के साथ कर रहे थे। फर अपनी आदश जीवनशैली का पूरे व तार से वणन
लख, मानो आपक थ त हर मायने म आदश हो। अब आपने अपना मनचाहा प रणाम
प रभा षत कर लया है।
इसके बाद अपने वतमान जीवन को दे ख और ख़ुद से पूछ, “मेरे जीवन क वे सारी
चीज़ कौन सी ह, जो मुझे ख़ुश रखने वाली जीवनशैली के तालमेल म नह ह ” सरे श द
म, उन प रणाम के कारण पर ग़ौर कर, ज ह आप पसंद नह करते ह। फर एक-एक
करके उन कारण को दोहराने या हटाने का नणय ल, जब तक क आपका जीवन वैसा न
हो जाए, जैसा आप चाहते ह।
आपके वचार ब त श शाली होते ह। वे आपके र चाप, नाड़ी और साँस को ऊपर-
नीचे कर सकते ह। वे आपके पाचन और न द को भा वत कर सकते ह। अगर आपके
वचार पया त श शाली ह, तो वे आपको बीमार या व थ बना सकते ह। आपके वचार
म यह वृ होती है क वे आपके मन म छ वय को े रत कर दे ते ह और आपके शरीर म
उन छ वय के अनु प भावनाएँ जगा दे ते ह। य द आप सुखद व व थ वचार सोचते या
पढ़ते ह, तो आपक मान सक छ वयाँ सुखद व व थ ह गी और आप सुखद, व थ
भावनाएँ महसूस करगे। जैसा द पक चोपड़ा ने अपनी पु तक मै जकल माइंड, मै जकल
बॉडी म बताया है, आपके म त क का हर ह सा आपके शरीर के हर ह से से जुड़ा आ
है। संदेश और आवेग का एक ज टल जाल है, जो हर उस चीज़ को भा वत करता है, जो
आप सोचते और महसूस करते ह।
सूफ़ दाश नक इनायत ख़ान बताते ह क आप जो श द बोलते ह और जस लहज़े म
बोलते ह, इसके चयन का आपके भावी व पर ब त यादा असर होता है और इसका
सर के साथ आपके संबंध पर भी ब त यादा असर होता है।
इसी लए वयं क ज़ मेदारी का एक अ यंत मह वपूण ह सा उसके लए ज़ मेदार
बनना है जो आप कहते ह और जस अंदाज़ म कहते ह। शु आत म आप चाहे जैसा
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महसूस करते ह , अगर आप सावधानी से अपने श द को नयं त करते ह और अपने
वचार तथा भावना के इज़हार क शैली को भी नयं त करते ह, तो इस अनुशासन से
आप अपने वचार को नयं त और नद शत कर सकते ह। भले ही आप नाराज़, वच लत
या चढ़े ए ह , ले कन धीरे-धीरे, जान-बूझकर और धैय से बोलकर आप अपने मन और
भावना पर ढ़ नयं ण कर लेते ह तथा ख़ुद को दोबारा ाइवर क सीट पर प ँचा दे ते
ह।
आप अपने जीवन के भारी ह। चाहे आप अपने अ धकार का इ तेमाल करते ह या न
करते ह , आप आज जहाँ ह और जो ह, अपने ही कारण ह। सफ़ आप ही अपने वचार
सोच सकते ह और आपके वचार ही आपक कही और क ई हर चीज़ को नयं त करते
ह, इस लए आप ही ज़ मेदार ह। सफ़ आप ही यह नणय ले सकते ह क आप या पढ़ते
और सुनते ह, कसके साथ उठते-बैठते ह और बातचीत म या कहते ह। इस लए आप
अपने वचार और काय के सभी प रणाम के लए ज़ मेदार ह।
शायद व- ज़ मेदारी के पूरे वषय का सबसे मह वपूण ह सा आपक ख़ुशी और
आपक मान सक शां त के बारे म है। ज़ मेदारी लेने और ख़ुशी के बीच सीधा संबंध होता
है। इसी तरह ज़ मेदारी को अ वीकार करने और अ स ता के बीच भी सीधा संबंध होता
है। वे साथ-साथ चलते ह।
ख़ुशी क कुंजी अपने जीवन क प र थ तय पर नयं ण का अहसास पाना है। आप
ख़ुद को जतने यादा नयं ण म महसूस करते ह, आप उतने ही यादा ख़ुश होते ह। जो
ी-पु ष अपने संगठन म शखर तक प ँचे ह, उनम नीचे के लोग क तुलना म कम
तनाव होता है और वे कह यादा ख़ुश रहते ह। ऐसा इस लए है, य क वे अपनी तक़द र
पर कह यादा नयं ण महसूस करते ह। वे नणय ले सकते ह और काम कर सकते ह।
बागडोर उ ह के हाथ म होती है।
आप अपनी कंपनी म जतनी यादा ज़ मेदारी वीकार करते ह, आप उतनी ही यादा
श , स ा और स मान हा सल करते ह। जब आप प रणाम के लए यादा ज़ मेदारी
माँगते और लेते ह, तो आपको यादा वेतन मलेगा और यादा तेज़ी से तर क मलेगी।
आप एक ब त चतुराई भरा काम यह कर सकते ह क अपने बॉस क सबसे मह वपूण
चता क ज़ मेदारी ले ल। जन े को आपका बॉस सबसे मह वपूण मानता है, उन
े म प रणाम पाने के लए आप जतनी यादा ज़ मेदारी लेते ह, आप अपने संगठन म
उतने ही यादा मू यवान और अ नवाय बन जाएँगे।
जो लोग यादा पैसा और स मान चाहते ह, वे अ सर सोचते ह क वे इसे चालाक से
या राजनी त खेलकर पा सकते ह। सच तो यह है क पैसा और स ा आपके पास
वाभा वक प से आएगी, जब आप “मैदान म प ँचते ह” और अपने संगठन म प रणाम
क ज़ मेदारी लेते ह। कसी कंपनी म सबसे स मा नत लोग वही होते ह, ज ह ने समय पर
सबसे मह वपूण काम करने क यो यता द शत क है।
आप कतनी ज़ मेदारी वीकार करते ह और अपने पास कतना नयं ण महसूस करते
ह, उनके बीच सीधा संबंध है। आप जतनी यादा ज़ मेदारी लेते ह, आप उतने ही यादा
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नयं ण म महसूस करते ह। आप कतनी ज़ मेदारी वीकार करते ह और अपने पास
कतनी वतं ता महसूस करते ह, इनके बीच भी सीधा संबंध है। आप जतनी यादा
ज़ मेदारी लेते ह, आप नणय लेने और अपनी मनचाही चीज़ करने के लए उतने ही
यादा वतं होते ह, ख़ास तौर पर अपने मन म। अंत म, आप अपने पास कतनी वतं ता
महसूस करते ह और आप कतने ख़ुश रहते ह, इनके बीच भी सीधा संबंध होता है।
जब आप इस सबको एक साथ रखते ह, तो आप दे खते ह क ज़ मेदारी, नयं ण,
वतं ता और ख़ुशी के बीच एक आपसी संबंध होता है। सबसे ख़ुश लोग वही होते ह, जो
ज़ मेदारी वीकार करते ह, जो अपने जीवन के नयं ण म महसूस करते ह और जनम
गत वतं ता का ज़बद त अहसास होता है। वे अपने बारे म शानदार महसूस करते
ह। यह अपने जीवन के हर ह से क पूरी ज़ मेदारी लेने का वाभा वक प रणाम है।
पैमाने के सरे छोर पर ग़ैर- ज़ मेदारी है या जीवन और काम क ज़ मेदारी वीकार
करने क असफलता है। हर बीच म कह पर है, जो हर श द और नणय के साथ या
तो व- ज़ मेदारी के यादा ऊँचे तर क ओर ऊपर उठ रहा है या फर ग़ैर- ज़ मेदारी क
तरफ़ नीचे फसल रहा है। वा तव म, पागलपन क एक प रभाषा पूरी ग़ैर- ज़ मेदारी के
ब तक प ँचना है, जहाँ रोगी को मज़बूत बंधन म रखने और एक ग दार मान सक रोगी
क क ज़ रत होती है। मनो व ेषक टॉमस सास ने एक बार लखा था, “पागलपन
जैसी कोई चीज़ नह होती है; बस ग़ैर- ज़ मेदारी क अलग-अलग मा ा होती है।”
ग़ैर- ज़ मेदार ोध, श ुता, डर, े ष, ई या, शंका और हर कार के नकारा मक
भाव के अधीन होता है। यहाँ इस े क सबसे मह वपूण खोज बताई जा रही है। कसी
भी तरह के नकारा मक भाव सर को दोष दे ने क वृ से े रत होते ह और इसी वजह
से क़ायम रहते ह। हमारे 99 तशत नकारा मक भाव सफ़ इस लए मौजूद होते ह,
य क हम उनके उ प होने के लए कसी या कसी व तु को दोष दे ते रहते ह।
जस पल हम दोष दे ना छोड़ दे ते ह, हमारी नकारा मक भावनाएँ भी ख़ म हो जाती ह।
दोष दे ने का इलाज या है ब त ही सरल है। चूँ क आपका म त क एक समय म
केवल एक ही वचार रख सकता है, या तो सकारा मक या नकारा मक, इस लए दोष दे ने
क वृ से उबरने के लए ब त ढ़ता से कह, “म ज़ मेदार ँ ” आप ज़ मेदारी वीकार
करते समय ो धत नह रह सकते। आप ज़ मेदारी वीकार करते समय खी या परेशान
नह रह सकते। ज़ मेदारी वीकार करने पर नकारा मक भावनाएँ तट थ हो जाती ह और
अ स ता क ओर जाने वाली वृ य म शॉट-स कट हो जाता है।
जब आप कसी थ त के लए ज़ मेदारी वीकार कर लेते ह, तो फर आप उसके बारे
म ो धत या परेशान नह रह सकते। ज़ मेदारी वीकार करने से आपका मन शांत हो
जाता है और आपका तक प हो जाता है। इससे आपक भावनाएँ शांत हो जाती ह और
आप यादा सकारा मक व सृजना मक तरीक़े से सोचने म स म बनते ह। ज़ मेदारी
वीकार करने पर आपको ान क झलक मलती है क थ त को सुलझाने के लए
आपको या करना चा हए।

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यहाँ एक अ यास दया जा रहा है: अपने जीवन क वतमान सबसे बड़ी सम या या
चता को ल और इसके संदभ म कह, “म ज़ मेदार ँ ” फर थ त का अवलोकन करके
पता लगाएँ क आपने इसे लाने म कस कार मदद क थी। भले ही आप काफ़ हद तक
नद ष ह , ले कन फर भी ज़ मेदारी वीकार करने के तरीक़ क तलाश कर। यह अ यास
कसी सरे के साथ ज़ोर से बोलकर कर। आपको जैसा महसूस होगा और जतनी तेज़ी से
महसूस होगा, उससे आप च कत रह जाएँगे।
यहाँ एक और अ यास है: सबसे आम कामकाजी, पा रवा रक और आ थक सम या
व मु कल पर नज़र डाल, जो जीवन म लोग के पास होती ह। इनम से येक पर
ज़ मेदारी वीकार करने का यह आसान इलाज आज़माएँ और दे ख क या होता है।
लोग को सरे लोग , अपने क़रीबी नजी संबंध , अपने जीवनसाथी, अपने ब च ,
अपने म , अपने सहक मय और अपने अ धका रय के साथ सम याएँ होती ह। कसी ने
एक बार कहा था क जीवन क हमारी लगभग सारी सम याएँ थोक म आती ह। वे दबे पाँव
आती ह और फर हावी हो जाती ह। अपने जीवन के लोग को दे ख, जनक वजह से
आपको तनाव या चता होती है और ख़ुद से पूछ, “ ज़ मेदार कौन है ” या वे आपके
जीवन म आने के लए ज़ मेदार ह या फर आप उ ह अपने जीवन म लाने के लए
ज़ मेदार ह
आकषण के नयम के अनुसार आप एक जी वत चुंबक ह। आप हमेशा उन लोग को
अपने जीवन म आक षत करते ह, जो आपके बल वचार और भावना के सामंज य म
होते ह। आपके जीवन म हर इस लए है, य क आप जस कार के ह, उसी
से वे आपके त आक षत ए ह। आप जो वचार रखते ह और जन भावना को
महसूस करते ह, उनक वजह से ही आपने उ ह अपनी ओर आक षत कया है। य द आप
अपने जीवन म मौजूद लोग के साथ ख़ुश नह ह, तो आप ही ज़ मेदार ह। यह आप ही ह,
जो उ ह आक षत कर रहे ह और यह आप ही ह, जो उ ह अपने जीवन म लाए ह।
सामंज य का नयम कहता है क बाहर आपके साथ जो भी चीज़ हो रही है, वह
आपके अंदर होने वाली कसी चीज़ के कारण हो रही है। इस लए आपको सबसे पहले
अपने अंदर झाँककर दे खना चा हए। ऐसा करने पर आप वे चीज़ दे खने लगते ह, जो आप
पहले नह दे ख पाए थे, य क तब आप सर को दोष दे ने और बहाने बनाने म त थे।
तब आपको यह दख जाता है क आपके साथ जो चीज़ हो रही ह, उनके लए आप काफ़
हद तक ज़ मेदार ह।
य द आप कसी बुरे संबंध म ह, तो आपको वहाँ कौन ले गया चूँ क हम बं क क
नोक पर कसी के साथ संबंध नह जोड़ते ह, इस लए यह काफ़ हद तक आपक वतं
इ छा और वतं चयन का मामला था और है। जैसा हेनरी फ़ोड तीय ने कहा था, “कभी
शकायत न कर, कभी प न कर।” य द आप थ त से ख़ुश नह ह, तो उसके बारे म
कुछ कर। अगर आप उसके बारे म कुछ नह करना चाहते, तो शकायत नह कर।
एक कारीगर क कहानी है, जो दोपहर को लंच क छु म अपना लंच बॉ स खोलता
है और उसे अंदर केवल एक सड वच मलता है। वह ब त वच लत हो जाता है और अपने
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आस-पास के हर से ज़ोर-ज़ोर से शकायत करता है क उसे सड वच कतनी नापसंद
है। अगले दन फर यही होता है। एक बार फर वह च लाता है और शकायत करता है क
वह लंच म सड वच से कतनी नफ़रत करता है। तीसरे दन यही घटना एक बार फर होती
है। इस समय तक उसके साथी कमचारी उसके च ला- च ला कर शकायत करने से
उकता जाते ह। उनम से एक झुककर उससे कहता है, “अगर तु ह सड वच से इतनी यादा
नफ़रत है, तो फर तुम प नी से लंच म कुछ और रखने को य नह कहते ”
कारीगर उस क ओर मुड़कर कहता है, “ओह, मेरी शाद नह ई है। म अपना
लंच ख़ुद बनाता ँ ”
हमम से कई उस कारीगर जैसी ही थ त म ह। हम उन थ तय के बारे म लगातार
शकायत करते ह, ज ह हमने ख़ुद ही बनाया है। या यह आपके बारे म सच है
ईमानदारी से अपने संबंध क जाँच कर। ज़रा सोच क आप अपने जीवन के कस ह से म
अपने “सड वच” ख़ुद बना रहे ह
या आप अपनी नौकरी म ख़ुश ह या आप उस धनरा श से ख़ुश ह, जो आप कमा
रहे ह या आप अपनी ज़ मेदारी के तर से ख़ुश ह या आपको वह काम पसंद है, जो
आप पूरे दन कर रहे ह य द आप नह ह, तो आपको वीकार करना चा हए क आप
अपनी नौकरी और अपने क रयर के लए पूरी तरह ज़ मेदार ह। य य क आपने इसे
वतं होकर ख़ुद चुना था। आप ही ने नौकरी वीकार क थी, आप ही ने ज़ मेदा रयाँ ली
थ और आप ही ने वेतन को वीकार कया था। य द आप कसी कारण इनम से कसी
चीज़ से ख़ुश नह ह, तो कुछ अलग करना भी आप पर ही नभर करता है।
आज आप ठ क उतना ही कमा रहे ह, जतना आपका मू य है; न एक पैसा कम, न
एक पैसा यादा। जीवन म हम बलकुल वही पाते ह, जसके हम हक़दार ह। आपको
जतनी रा श मल रही है, अगर आप उससे संतु नह ह, तो अपने आस-पास के सरे
लोग को दे ख, जो उस तरह का काम कर रहे ह, जो आप करना चाहते ह और उस तरह का
पैसा कमा रहे ह, जो आप कमाना चाहते ह। पता लगाएँ क वे आपसे अलग या कर रहे
ह जो प रणाम उ ह मल रहे ह, उनके कारण या ह एक बार जब आप जान जाते ह क
वे कारण या ह, तो अपनी थ त के लए पूरी ज़ मेदारी वीकार कर, कुछ नए ल य
बनाएँ, कुछ नई योजनाएँ बनाएँ और त हो जाएँ। अपने अ त म त क और यो यता
का इ तेमाल कर, उनके पीछे इ छाश और आ म-अनुशासन लगाएँ तथा वे प रवतन
कर, जनक ज़ रत आपको उस जीवन का आनंद लेने के लए है, जसका आनंद आप
लेना चाहते ह।
जीवन का महान ल य च र का वकास है। च र आ म-गौरव, आ म-अनुशासन,
संतु म वलंब करने क यो यता और अपने जीवन तथा इसक हर चीज़ के लए पूरी
ज़ मेदारी लेने से बनता है। आप अपने बारे म जतना यादा कहते ह, “म ज़ मेदार ँ,”
आप उतने ही यादा श शाली, बेहतर और अ छे इंसान बनते ह। इसके साथ ही आपके
जीवन का हर ह सा भी बेहतर बनता जाता है।

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आप अपने गत सेवा कॉरपोरेशन के अ य ह। आप अपने जीवन के चीफ़
ए ज़ी यू टव ऑ फ़सर ह। आप अपने जीवन के इस वसाय के लए पूरी तरह ज़ मेदार
ह और हर उस चीज़ के लए भी, जो इसके या आपके साथ होती है।
आप उ पादन, वतरण, माक टग, गुणव ा नयं ण, व और श ण व वकास के
भारी ह। आप ही ह, जो अपना वेतन तय करते ह। आप जो भी ह या कभी ह गे, वह हर
चीज़ आप पर पूरी तरह नभर करती है। लंबे समय म अपने वेतन का चेक आप ख़ुद
लखते ह और अपना वेतन ख़ुद तय करते ह। आप जो पैसे कमा रहे ह, य द आप उससे
ख़ुश नह ह, तो आप अपने सबसे नज़द क आईने के सामने जाकर अपने बॉस से
सौदे बाज़ी कर सकते ह।
हम जहाँ भी ह और जो भी ह, इस लए ह, य क हमने वह और वही बनने का नणय
लया है। य द हम अपने जीवन के कसी ह से से ख़ुश नह ह, तो यह हम पर है क हम
बेहतर थ त लाने के लए आव यक प रवतन कर, चाहे वे जो भी ह ।
चूँ क आप अपने गत सेवा कॉरपोरेशन के अ य ह, इस लए आज के संसार म
वसाय को भा वत करने वाली हर चीज़ आपके गत वसाय को भी भा वत
करती है। अब आपके पास अलग हटकर खड़े होने और अथ व था क अव था या
प रवतन क दर को कोसने क वला सता नह है। अब आप यह नह सोच सकते क इससे
कुछ लोग भा वत ह गे, ले कन आप नह ह गे। आप अ य ह।
आधु नक वसाय का हर नवाचार, हर खोज और पैरेडाइम प रवतन आप पर भी
उतना ही लागू होता है, जतना क अरब डॉलर के कसी कॉरपोरेशन पर। हर बंधन और
ावसा यक वचारक ारा बताई जा रही हर जानकारी कसी न कसी तरह आपसे
संबं धत है।
आगे आने वाले वष म जो ी-पु ष बचगे और फलगे-फूलगे, वे लगातार ऐसे वचार
क तलाश कर रहे ह, जनका इ तेमाल करके वे हर दन अपने काम म यादा तेज़, यादा
लचीले और यादा भावी बन जाएँ।
ऊँची सफलता हा सल करने वाले सभी लोग क तरह ही आपका ल य भी माकट
लीडर बनना है। वा तव म, अगर आप अपने े म सव े बनने के त सम पत नह ह,
तो आप अचेतन प से औसत जीवन को वीकार कर रहे ह। अगर आप बेहतर नह बन
रहे ह, तो आप शायद बदतर बन रहे ह। अगर आप अपने े के शीष 10 तशत लोग म
से एक बनने के त सम पत नह ह, तो आप अंततः काफ़ नीचे प ँच जाएँगे।
पछले कुछ वष क एक ब त मह वपूण खोज यह है क क य मू य को प रभा षत
करना सफल य और कॉरपोरेशन के लए बेहद मह वपूण क़दम है। जन कंप नय
के मू य प और ल खत होते ह और जनके मशन टे टमट इ ह मू य के आधार पर
बनते ह, वे उन कंप नय से लगातार यादा लाभकारी होती ह, जो ऐसा नह करती ह। इसी
तरह, जन य के पास प क य मू य और गत मशन टे टमट होते ह, वे
बाक़ लोग से कह यादा भावी और सफल होते ह।

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आप अपने जीवन क गुणव ा को ब त बेहतर बना सकते ह, य द आप पूरी तरह
वचार कर क आपके मू य या ह या या होने चा हए और फर उन मू य के आधार पर
लगातार जीने के लए ख़ुद को सम पत कर दे ते ह, चाहे बाहरी प र थ तयाँ कैसी भी ह ।
एक बार जब आप तय कर लेते ह क आपके गत मू य या ह, तो आप अपने
जीवन को उनके इद- गद व थत करने क दशा म काम कर सकते ह। मू य आपको
नणय लेने क बु नयाद दान करते ह। जब भी आपको वक प के बीच चुनाव करना
होता है, तो आप इस आधार पर वक प का मू यांकन कर सकते ह क आप सबसे यादा
मू यवान कसे मानते ह।
आपके क य मू य या ह आप कसम व ास करते ह आप कसके प म खड़े
ह आप कसके प म खड़े नह ह गे
यहाँ आपके लए एक अ यास है: क पना कर क एक बाज़ार शोध कंपनी आपके
समुदाय म आकर आप पर एक अ ययन करने वाली है। शोधकता आपके सभी प र चत -
आपके प रवार वाल , म , ाहक , सहक मय और अ धका रय - से पूछने वाले ह क वे
आपके बारे म अपनी राय द। फर शोधकता उनसे यह पूछने वाले ह क आप कस तरह के
ह। वे यह पूछने वाले ह क आपके पास कस तरह के मू य ह और के प म
आप कसके प म खड़े ए ह। आपके श द और काय के आधार पर वे आपके दशन
और व ास के बारे म पूछने वाले ह। वे आपका पूरा जीवन च र तैयार करने वाले ह,
जसे वे रा ीय टे ली वज़न पर सा रत करने वाले ह।
इस का प नक य म इन पर वचार कर: आपके आस-पास के लोग
शोधकता से या कहगे वे आपका कैसा वणन करगे आपके गत बाज़ार म
आपको कस तरह का गुणव ा मू यांकन मलेगा सबसे मह वपूण बात, आप या चाहते
ह क वे भ व य म आपके बारे म कस तरह बात कर
सफल कंप नयाँ लगभग हमेशा इन सवाल के जवाब सोचने का समय नकालती ह। द
हारवड बज़नेस कूल के डॉ. थयोडोर ले वट कहते ह क कसी कंपनी क त ा बाज़ार
म इसक सबसे मू यवान संप होती है। समय के साथ इसके उ पाद, याएँ और
कमचारी बदल सकते ह, ले कन इसक त ा दशक तक क़ायम रहती है।
यही आपके साथ भी है। अपने बाज़ार म आपक कस तरह क त ा है आप
भ व य म कस तरह क त ा बनाना चाहगे
एक बार जब आप अपने क य मू य तय कर ल, तो उनके आधार पर एक मशन
टे टमट तैयार कर। मशन टे टमट भ व य काल का वणन होता है क तीन से पाँच साल म
आप आदश प से कस तरह के या कॉरपोरेशन बनना चाहगे।
फर ये क य मू य और इनसे वा हत होने वाला मशन टे टमट आपके हर काम के
कायकारी स ांत बन जाते ह। आप उनके अनु प जीने के लए ख़ुद को सम पत कर दे ते
ह।
जब आपके मू य और मशन टे टमट प हो जाते ह, तो आप आधु नक बंधन के
सात आर म संल न होकर माकट लीडर बनने क दशा म आगे बढ़ सकते ह। ये सात आर
ी ऑ े ै औ
ह: रइंजी नय रग, र च रग, रऑगनाइ ज़ग, रइनवे टं ग, रइवै युए टग, र थ कग और
रफ़ोक सग।
अपने गत सेवा कॉरपोरेशन क रइंजी नय रग का मतलब यह है क आप पीछे
खड़े होकर अपने काम क पूरी या दे खते ह। आप अपनी क ई पहली चीज़ से लेकर
उस अं तम प रणाम तक ग़ौर करते ह, जो आप अपनी कंपनी या अपने ाहक के लए
हा सल करते ह। आप इस या का व ेषण करते ह और क़दम घटाकर, ग त व धय
को इक ा करके, काम के ह स क आउटसो सग करके और या को पूरी तरह
बदलकर भी इसे सुचा बनाने के उपाय क तलाश करते ह, ता क आप कम समय और
कम संसाधन म वैसे ही या बेहतर प रणाम पा सक। रइंजी नय रग एक सतत या है,
जसम आपको ज़दगी भर लगे रहना चा हए।
र च रग म आप अपने उन व श काम को पहचानते ह, जो आपके ाहक के
लए सबसे यादा मू यवान ह। आप अपना यादा से यादा समय और यो यता उन चंद
चीज़ पर क त करते ह, जो हर शा मल के लए सबसे लाभकारी होती ह।
रऑगनाइ ज़ग म आप लोग व संसाधन को लगातार अदलते-बदलते ह, ता क आप
यादा कायकुशलता से और यादा भावी ढं ग से काम कर। आप अपने समय और धन के
नवेश क तुलना म अपने प रणाम बढ़ाने के तरीक़ क लगातार तलाश करते ह।
रइनवे टं ग म आप अपने काम से पीछे हटकर खड़े हो जाते ह और क पना करते ह
क आप यह सब दोबारा शु कर रहे ह। पल भर के लए क पना कर क आप सड़क या
दे श के पार जा रहे ह और अपने क रयर या वसाय को दोबारा शु कर रहे ह। आप या
अलग करगे तीन से पाँच साल बाद आप अपने वसाय को कहाँ दे खना चाहते ह अपने
मनचाहे भ व य का नमाण करने हेतु आपको अपने वसाय को रइनवे ट करने के लए
कौन से प रवतन करने ह गे
ख़ुद को और अपने वसाय को रइवै युएट करना पीछे हटकर बाज़ार के संदभ म
अपनी ओर दे खने क या है। जब भी आप अपने ल य हा सल करने म तनाव, कुंठा या
लगातार अवरोध का अनुभव कर, तो अपनी थ त के पुनआकलन करने का समय ल और
यह सु न त कर क आप सही माग पर चल रहे ह।
वसाय का बु नयाद नयम यह है क य द आप कोई त पध लाभ वक सत नह
कर सकते, तो त पधा नह कर। हो सकता है क आपक सम याएँ इस वजह से उ प
हो रही ह , य क आप कसी अ यंत मह वपूण े म ख़ास अ छे नह ह। हो सकता है
क उस े म उ कृ बनने क आपम कोई स ची इ छा भी न हो। कई बार, इस तरह क
थ त म सबसे अ छा यही रहता है क आप अपना ॉड ट, अपनी सेवा, अपना बाज़ार या
अपना वां छत त पध लाभ बदल ल, ता क यह आपक यो यता , गुण व इ छा के
यादा सामंज य म आ जाए।
र थ कग म आप नय मत प से इस बारे म सोचने का समय नकालते ह क आप
कौन ह और कहाँ जा रहे ह। चूँ क आपके आस-पास क हर चीज़ ब त तेज़ी से बदल रही
है, इस लए आज आपके पास इतने सारे वक प मौजूद ह, जतने पहले कभी मौजूद नह
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थे। चूँ क यह ब त संभव है क कुछ वष म आप कोई पूरी तरह अलग चीज़ करगे,
इस लए आप आज यह सोचना शु कर सकते ह क आप भ व य म कहाँ रहना चाहते ह।
आप अपने पूरे क रयर को दोबारा सोच सकते ह और इसक दोबारा योजना बना सकते ह।
यह करने के सबसे अ छे तरीक़ म से एक यह पता लगाना है क कस काम म
आपको सबसे यादा आनंद आता है। इसके बाद आपको यह पता लगाना क उस काम को
यादा करके आप कोई नौकरी कैसे पा सकते ह या बना सकते ह।
अं तम आर का मतलब है रफ़ोक सग। यह सचमुच भ व य क कुंजी है। यह अपनी
सारी ऊजा उन चंद काम को करने पर एका मान सकता से क त करने क आपक
यो यता है, जो आपके कामकाज और आपके गत जीवन म सारा फ़क़ डालते ह।
लोग अपनी संभावना को पूरा नह कर पाते ह, इसका बु नयाद कारण यह है क वे उन
काम म ब त यादा समय लगाते ह, जनसे उनके जीवन म ब त कम योगदान मलता है।
वे ऐसे काम करने म यादा से यादा समय लगा दे ते ह, जनका कम से कम मह व या
मू य होता है। सरी ओर, बेहद सफल लोग ब त से काम हाथ म नह लेते ह। वे सफ़ चंद
काम करते ह, ले कन उ ह बेहद अ छ तरह करते ह। यह जीवन के हर े म भारी
सफलता और उपल ध का रह य है।
सात आर आपको माकट लीडर बनने और प रवतन क श य क बागडोर थामने म
स म बनाते ह। इनका लाभ यह है क उनक सहायता से आप अपने वतमान और भ व य
पर दोबारा नयं ण हा सल कर लेते ह। नयं ण के अहसास के साथ ही गत श
और यादा आ म व ास क भावना आती है। जब आपका जीवन और आपका भ व य
प रवतन के अ न त थपेड़ के बजाय आप ख़ुद तय करते ह, तो आप यादा ख़ुश, यादा
व थ और अपने हर काम के बारे म यादा सकारा मक महसूस करते ह।
आप अपने गत सेवा कॉरपोरेशन के अ य ह। आप अपने जीवन के भारी ह।
आप ज़ मेदार ह। जब आप अपने आस-पास के ग तशील संसार म ख़ुद को एक स य
तभागी के प म दे खना शु करते ह, तो आप अपनी तक़द र क बागडोर अपने हाथ
म थाम लेते ह। आप अपने भ व य के आ कटे ट ख़ुद बन जाते ह और अपने जीवन क
बु नयाद सृजना मक श भी बन जाते ह।
अ याय 5

अपनी श य को सामने लाएँ

या आप कभी इस बात पर हैरान ए ह क कई लोग अपने चुने ए े म सर क


तुलना म बेहतर होते ह और यादा पैसा कमाते ह आपने 80/20 नयम के बारे
म सुना है, जो बताता है क 80 तशत ब 20 तशत से सपीपुल करते ह। इसका
मतलब है क 20 तशत से सपीपुल 80 तशत कमीशन भी कमाते ह। हर उ ोग म
20 तशत लोग 80 तशत संप के मा लक बनते ह। चूँ क हर काफ़ हद तक
एक जैसी थ त से शु आत करता है, इस लए ऐसा य है क कुछ लोग ब सं यक लोग
से इतने यादा आगे नकलने म कामयाब हो जाते ह
बरस के अ ययन और अनुभव के बाद यह पाया गया है क सफल लोग अपनी
श य से लाभ लेते ह। वे या तो पहले से मौजूद श य को तराशते ह या फर वे उन
श य को पहचानते और वक सत करते ह, जनक ज़ रत उ ह आगे बढ़ने के लए है।
फर वे अपनी सारी ऊजा एक-दो मु य े म बेहतर बनने पर क त कर लेते ह। वे
सामा य दशन करने वाल के समूह से बाहर नकलते ह और असाधारण दशन करने
वाल के समूह म प ँच जाते ह। ज द ही उ ह जो मूत-अमूत पुर कार मलते ह, वे उनक
उपल धय के त बब होते ह।
बजा मन ै क लन ने एक बार लखा था, “अपना समय बबाद न कर, य क यही वह
क चा माल है जससे ज़दगी बनी है।” कसी भी चीज़ के बदले म आपको जो मू य
मलता है, उसे इस बात से तय कया जा सकता है क उसे हा सल करने म आपने अपना
कतना समय या कतना जीवन ख़च कया। जो ल य आपके लए मह वपूण ह, उ ह
हा सल करने म आप अपना कतना इ तेमाल करते ह, इसक मा ा पर वचार करना एक
अ यंत मह वपूण घटक है, जो आपको शु करने से पहले ही कर लेना चा हए। अपनी
अंद नी श य को खोजकर और उ ह उ कष तक वक सत करके और उनका दोहन
करके ही आप अपने हर काम म सवा धक संतु व आनंद हा सल कर सकते ह।

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सफलता वह काम करने से मलती है, जसे करने के लए आप आदश प से उपयु
ह। सफलता उस काम को ब त अ छ तरह और यादा से यादा करने से मलती है। यह
वा य, ख़ुशी, समृ और पूण आ म-संतु क कुंजी भी है।
े ी-पु ष का एक गुण यह है क वे बेहद आ म नभर होते ह। वे ख़ुद क और
अपने साथ होने वाली हर चीज़ क पूरी ज़ मेदारी वीकार करते ह। वे यह मानते ह क वे
ही अपनी सफलता के ोत ह। वे यह भी मानते ह क वे ही अपनी सम या और
मु कल के मु य कारण तथा इलाज ह। ऊँची सफलता पाने वाले लोग कहते ह, “य द इसे
करना है, तो यह मुझ पर है।”
जब चीज़ उतनी तेज़ी से नह होती ह, जतनी तेज़ी से वे चाहते ह, तो वे ख़ुद से पूछते
ह, “मेरे भीतर यह या है, जसक वजह से यह सम या उ प हो रही है ” वे बहाने नह
बनाते ह या सरे लोग को दोष नह दे ते ह। इसके बजाय वे बाधा से उबरने और ग त
करने के तरीक़ क तलाश करते ह।
पूरी तरह ज़ मेदार लोग ख़ुद को व-रोज़गार वाला मानते ह। वे ख़ुद को अपने
गत सेवा कॉरपोरेशन का अ य मानते ह। उ ह यह अहसास हो जाता है क उनके
वेतन के चेक पर चाहे कोई भी द तख़त करे, दरअसल वे ख़ुद के लए काम कर रहे ह।
चूँ क उनम व-रोज़गार का यह नज़ रया होता है, इस लए वे ख़ुद के और अपने काम के
त एक रणनी तक रवैया रखते ह। े लोग अपने काय थल म के प म ख़ुद को
उसी तरह से दे खते ह, जस तरह से सफल कंप नयाँ ख़ुद को कॉरपोरेशन के प म दे खती
ह।
कसी कॉरपोरेशन या कारोबारी सं था के लए रणनी तक नयोजन म एक अ नवाय
अवधारणा है, जसे “ रटन ऑन इ वट ” कहा जाता है। सारे कारोबारी नयोजन का ल य
कारोबार के संसाधन को इस कार व थत व दोबारा व थत करना होता है, जससे
कारोबार के मा लक का व ीय लाभ बढ़े । इसका मतलब है इनपुट क मा ा क तुलना म
आउटपुट क मा ा को बढ़ाना। इसका मतलब है यादा ऊँचे मुनाफ़े और लाभ के े पर
यान क त करना और कम मुनाफ़े व लाभ के े म कम संसाधन लगाना। जो कंप नयाँ
तेज़ी से बदलते प रवेश म इस काम को भावी ढं ग से करती ह, वही क़ायम रहती और
समृ होती ह। जो कंप नयाँ इस कार का रणनी तक व ेषण नह करती ह, वे पीछे रह
जाती ह और अ सर ग़ायब हो जाती ह।
आप के प म जो हा सल करने म स म ह, उस हर चीज़ को हा सल करने के
लए आपको अपने जीवन व कामकाज के संदभ म कुशल रणनी तक योजनाकार बनना
चा हए। ले कन बस रटन ऑन इ वट को बढ़ाने के बजाय आपका उ े य रटन ऑन
एनज बढ़ाना हो जाता है।
जस तरह कसी कंपनी के पास व ीय पूँजी होती है, उसी तरह आपके पास मानवीय
पूँजी होती है। आपके पास शारी रक पूँजी, भावना मक पूँजी और बौ क पूँजी होती है।
इन तीन म बौ क पूँजी सबसे मू यवान होती है। आज हम सूचना युग म रहते ह। हम

ी ी े े
पसीना बहाकर आजी वका नह कमाते ह, ब क अपने कामकाज म दमाग़ लगाकर
प रणाम हा सल करने क अपनी यो यता व सोच क गुणव ा से कमाते ह।
यादातर लोग जब शु आत करते ह, तो उनके पास काम करने क यो यता के सवा
यादा कुछ नह होता। 80 तशत से यादा करोड़प तय ने शू य से शु आत क थी।
यादातर लोग अपने युवा वय क वष के दौरान कई बार दवा लया ए ह या उसके आस-
पास प ँचे ह। ले कन अंततः आगे वही लोग नकलते ह, जो एक न त तरीक़े से न त
चीज़ करते ह, जो आम आदमी से अलग होती ह।
सफल लोग चेतन प से या अचेतन प से जो शायद सबसे मह वपूण चीज़ करते ह,
वह है ख़ुद को रणनी तक से दे खना। वे लगातार सोचते रहते ह क वे बाज़ार म अपनी
यो यता का बेहतर उपयोग करके अपनी श य व यो यता का सबसे अ छा लाभ
कैसे ले सकते ह, जससे अपने और प रवार के लए उनका मुनाफ़ा बढ़े ।
से मनार म आए एक युवक ने बताया क वह एक बड़ी लं बग कॉ ै टं ग फ़म म
लंबर का काम कर रहा था। उसे अ छा वेतन मलता था, ले कन उसे उन से सपीपुल से
ब त ई या होती थी, जो यादा पैसे कमाते थे, यादा अ छ कार म घूमते थे, यादा
अ छे कपड़े पहनते थे और बेहतर जीवनशैली का आनंद लेते थे। उसने अपना सारा
श ण पूरा कर लया था और उसके पास कारीगर का माणप था। उसका वेतन उसके
े के लहाज़ से शखर पर था। यादा पैसे कमाने का एक ही उपाय था क वह यादा
घंटे काम करे। बहरहाल, उसे अहसास आ क यह सही जवाब नह है। इसके बजाय वह
ब के े म जाना चाहता था, ता क उसक आमदनी बढ़ जाए और घंटे के हसाब से
तय न हो।
उसे सलाह द गई क अगर वह ब के े म जाना चाहता है, तो उसे यह सीखना
होगा क बेचा कैसे जाता है। फर उसे हर संभव को शश करनी होगी क उसका बंधन उसे
लं बग सेवाएँ बेचने का अवसर दे । उसका भ व य उस पर नभर करता था, ले कन पहले
उसे यह सीखना था क पेशेवर प से बेचने के नए और यादा ऊँचे भुगतान वाले काम को
कैसे करना है।
सफ़ एक साल बाद वह एक और से मनार म आया और उसने अपनी कहानी बताई।
उसने लौटकर अपने बॉस को बताया था क वह ब के े म जाना चाहता है। उसके
बॉस ने उसे हताश करते ए कहा था क लंबर म उस कठोर, अंतवय क काम के लए
ब त कम कौशल होता है, जो एक ज टल सेवा को बेचने के लए ज़ री होता है। इस पर
उस लंबर ने बॉस से पूछा क उसे उनके सामने यह सा बत करने के लए या करना होगा
क वह अ छ तरह बेच सकता है
लंबी कहानी को सं ेप म बताते ए, उ ह ने उस लंबर क यह सीखने म मदद क क
उनक सेवाएँ कैसे बेची जा सकती ह। उसने अपने ख़ुद के समय म मै युअल पढ़े और
अ त र पा म कए। उसने पु तक ख़रीद , ऑ डयो ो ाम सुने और वह अपनी
कंपनी के से सपीपुल के साथ समय बताने लगा।

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अब एक साल गुज़र चुका है। वह पाँच महीन से पूणका लक से समैन है। वह लंबर
के प म जतना कमाता था, आज उससे दोगुने से भी यादा कमा रहा है। ले कन सबसे
बड़ी बात, वह ख़ुद के और अपने काम के बारे म पहले से कह यादा ख़ुश और यादा
उ साही है। उसे बेचने के े से ेम है और वह मानता है क अपना क रयर बदलने का
उसका नणय वह सव े नणय था, जो उसने कभी लया।
यह उन असं य कहा नय म से एक है, जो बरस म बार-बार दोहराई जाती ह। हर
मामले म इंसान ने अपने जीवन क गुणव ा को बेहतर करने के लए अपनी श य को
खोजा और वक सत कया। आप भी ऐसा ही कर सकते ह। वा तव म, यह आपक क ई
सबसे मह वपूण चीज़ म से एक हो सकती है।
कमाने क यो यता आपक सबसे मू यवान व ीय संप है। पैसा कमाने या प रणाम
पाने क आपक यो यता के लए ही कोई आपको अ छे पैसे दे गा। य द इसे बाज़ार म उ चत
प से लागू कया जाए, तो यह एक तरह का हडपंप बन जाती है। अपनी कमाने क
यो यता पर सही तरह से, सही जगह पर काम करके आप इस हडपंप से जीवन से हर साल
लाख डॉलर नकाल सकते ह। आपका समूचा ान, श ा, अनुभव और यो यताएँ आज
आपक कमाने क यो यता म योगदान दे ती है।
आपक कमाने क यो यता कसी खेत जैसी होती है। अगर आप इसक उ कृ परवाह
नह करते ह, तो यह न हो जाती है। अगर आप इसे पोषण नह दे ते ह, इसक जुताई नह
करते ह, इसक सचाई नह करते ह और नय मत प से खाद नह डालते ह, तो यह
आपक मनचाही फ़सल उ प करने क यो यता ब त ज द ही खो दे गा। सफल ी-पु ष
वे ह, जो अपनी “कमाने क यो यता” के मह व और मू य के बारे म बेहद जाग क ह। वे
इसे कभी नज़रअंदाज़ नह करते ह। वे इसे बेहतर बनाने के लए हर दन काम करते ह और
बाज़ार क माँग के अनु प रखते ह।
जीवन क एक भारी ज़ मेदारी बेचने यो य कसी मह वपूण यो यता को पहचानना,
वक सत करना और क़ायम रखना है। आपको कोई ऐसी चीज़ करने म ब त अ छा बनना
चा हए, जसक बाज़ार म भारी माँग हो।
अपनी श य का पता लगाने के लए आपको अपने भीतर गहराई म दे खना होगा।
आपको अपनी सारी संभावना क छानबीन करने के लए तैयार रहना होगा। फर
आपको अपनी गत दशा और उन ल य के बारे म नणय लेना होगा, ज ह आप
हा सल करना चाहते ह। आप गत रणनी तक नयोजन के अ यास म संल न होकर
अपनी स ची श य को पहचानना शु करते ह। यह तब शु होता है, जब आप प ता
से अ छ तरह सोचते ह क आप कसम व ास करते ह और आप कसके प म खड़े ह।
गत पड़ताल के इस पहले ह से को “मू य- प ीकरण” कहा जाता है। आप
ख़ुद से पूछते ह, “म कन मू य और स ण को सबसे यादा पसंद करता ँ तथा अपने
जीवन म उनका अ यास करना चाहता ँ ”
य द आप कामकाज के े म अपनी श य को खोजना चाहते ह, तो अपने
गत मू य को इस तरह प रभा षत कर, जैसे वे आजी वका कमाने म लागू होते ह।
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जन मू य को कंप नयाँ अपनाती ह, अपने कामकाजी जीवन को उ ह के इद- गद
व थत कर। मसाल के तौर पर, कंप नयाँ और दोन ही अ सर ऐसे मू य चुनगे,
जैसे: ईमानदारी, गुणव ा, सर के त स मान, सेवा, मुनाफ़ा, नवाचार, उ मता, बाज़ार
का नेतृ व आ द।
जनरल इले क ने अपना एक मू य यह तय कया क यह अपने हर ॉड ट म
गुणव ा व बाज़ार ह सेदारी क से पहले या सरे थान पर रहेगी। य द यह पहला या
सरा थान हा सल नह कर सकती, तो यह या तो वकास करने क हरसंभव को शश
करेगी या फर उस बाज़ार को पूरी तरह से छोड़ दे गी।
आप अपने कामकाज के संदभ म अपनी थ त को प रभा षत करने के लए इ ह या
ऐसे ही मू य का इ तेमाल कर सकते ह। आप अपने कामकाजी जीवन क योजना
गुणव ा, उ कृ ता, सेवा, मुनाफ़े और नवाचार के मू य के इद- गद बना सकते ह। दजन
मू य ह, जनम से आप चुन सकते ह, ले कन आप जन मू य को चुनते ह और आपके
चयन का म जो रहता है, उसी से कामकाज के त आपक नी त तय होगी।
अगला क़दम यह है क आप अपना गत मशन टे टमट बना ल। यह वैसे
का प , ल खत वणन है, जैसे आप अपने कामकाजी जीवन म बनना चाहते ह। आप
या चाहते ह क सरे लोग आपके बारे म कस तरह सोच और आपका वणन कस तरह
कर। यह गत मशन टे टमट व श व ीय, ावसा यक या ब ल य तय करने
से भी यादा मह वपूण है।
जब आप यह ल य तय कर ल क आप कतना कमाना चाहते ह, तो आपको एक
मशन टे टमट बनाना चा हए, जसम लखा हो क उस धनरा श को कमाने के लए आप
कैसे बनने का इरादा रखते ह।
मसाल के तौर पर, आप कह सकते ह, “म एक असाधारण से सपसन ँ। म
सु व थत, मेहनती, पूरी तरह तैयार, सकारा मक, उ साही और कसी सरे से यादा
अ छ तरह अपने ाहक क सेवा करने पर गहराई से एका ँ।”
अगर यह आपका मशन टे टमट है, तो अब आपके पास उन व थापक स ांत क
ृंखला है, जनका इ तेमाल आप अपने क रयर के चुनाव , अपनी गत और पेशेवर
वकास ग त व धय और हर दन क कामकाजी समयसारणी म मागदशन के लए कर
सकते ह। यह मशन टे टमट यह भी बताता है क आप उन लोग के साथ अपने वहार म
कैसे बनने वाले ह, जनक संतु आपके क रयर क सफलता तय करेगी। प
मशन टे टमट उन े को भी प करता है, जहाँ आप अपने ल य हा सल करने के लए
बेहतर बनने व वकास करने का इरादा रखते ह।
आपका ल य अपनी श य को पहचानना है, ता क आप ख़ुद को ऐसी जगह पर रख
सक, जससे ऊजा पर आपका गत मुनाफ़ा बढ़ जाए। इसे हा सल करने क एक ब त
अ छ मान सक तकनीक यह है क आप ख़ुद को “संसाधन के समूह” क तरह दे ख,
जसका इ तेमाल ब त सारे उ े य को हा सल करने के लए ब त सारे तरीक़ से कया
जा सकता है।
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संसाधन के समूह के प म आपके पास समय और ऊजा क मा ा सी मत होती है;
इस लए आपको अपने समय और ऊजा का उपयोग सव च ाथ मकता के आधार पर और
सबसे अ छ तरह करना चा हए। पीछे खड़े होकर क पना कर क आप ख़ुद को कसी
सरे क नगाह से तट थता से दे ख रहे ह और यह सोच रहे ह क सव े प रणाम
हा सल करने के लए आप ख़ुद का कैसे इ तेमाल कर सकते ह। ख़ुद को अपने नयो ा या
बॉस क तरह दे ख। अपने प रणाम को अ धकतम करने के लए आप ख़ुद को कैसे “काम
स प” सकते ह
एक साल भर म हर स ताह औसतन तीन ब याँ कर रहा था और साल भर म
45,000 डॉलर कमा रहा था। अपनी श य और ग त व धय का व ेषण करने के बाद
उसने तय कया क वह ॉ पे टं ग, वा लफ़ाइंग और लो ज़ग के तीन े म बेहतर बन
सकता है। उसका अनुमान था क इन े म बेहतर बनने के बाद वह अपनी सा ता हक
औसत ब को तीन से बढ़ाकर चार कर सकता है, जो उसने चंद महीन म कर लया।
उ पादकता बढ़ने के फल व प उसक आमदनी तेज़ी से बढ़ । वह एक साल म
45,000 के बजाय 60,000 डॉलर कमाने लगा। इन तीन े म यादा श शाली
बनकर वह हर स ताह एक ब यादा करने लगा। इससे उसक आमदनी लगभग तुरंत
ही एक तहाई बढ़ गई। इससे भी यादा मह वपूण यह था क उसे अहसास आ क एक
तहाई यादा भावी बनकर वह अपने कामकाजी वष क उ पादकता को एक तहाई बढ़ा
रहा है, यानी वह ख़ुद को ऐसी थ त म ला रहा है क 40 साल के कामकाज म वह जतना
कमाता, अब वह उतना ही 30 साल के कामकाज म कमा सकता है।
दरअसल, वह समान व ीय प रणाम हा सल करने के लए अपने 10 साल क कड़ी
मेहनत बचा रहा था और इसके लए वह सफ़ उन मु य प रणाम े म थोड़ा बेहतर बन
रहा था, जहाँ यह सबसे मह वपूण था। आप भी इसी तरह के प रणाम हा सल कर सकते
ह। शत बस इतनी है क आप आजी वका कमाने म अपनी ग त व धय पर रणनी तक
स ांत को लागू कर द।
एक बार जब आप अपने मू य को प रभा षत कर ल और अपने मशन टे टमट को
लख ल, तो इसके बाद वाले क़दम को “ थ तगत व ेषण” कहा जाता है। कई बार इसे
“ दशन ऑ डट” कहा जाता है। यह ख़ुद का पूरी तरह से व ेषण करने क या है।
यह व श ल य तय करने और न त ग त व धय क योजना बनाने से पहले क जाती
है। आप कुछ मु य पूछकर अपना दशन ऑ डट शु करते ह।
इनम से एक यह होना चा हए, “मेरी वे यो यताएँ कौन सी ह, ज ह बेचा जा
सकता है ” इस बारे म सोच। आप ऐसा या कर सकते ह, जसके लए कोई सरा
आपको पैसे दे ने को तैयार हो आप कौन सी चीज़ ख़ास अ छ तरह करते ह आप सर
से बेहतर या कर सकते ह अतीत म आपने कौन सी चीज़ ख़ास अ छ तरह क है
वेतन वह धनरा श है, जो न त मा ा व गुणव ा के म या प रणाम को ख़रीदने के
लए चुकाई जाती है। आप अपने ान और यो यता को लागू करके जो प रणाम पाने म
स म होते ह, काफ़ हद तक उ ह से जीवन म आपके पुर कार तय होते ह। य द आप
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अपने पुर कार क गुणव ा और मा ा को बढ़ाना चाहते ह, तो आपको यादा व बेहतर
प रणाम हा सल करने क अपनी यो यता को बढ़ाना होगा।
अल नाइ टगेल ने एक बार कहा था क आपक आमदनी तीन चीज़ से तय होगी: (1 )
आप कौन सा काम करते ह, (2 ) आप उस काम को कतनी अ छ तरह करते ह, और (3
) आपका वक प खोजना कतना मु कल है।
म बाज़ार म माँग और पू त का नयम चलता है, जसका आप ह सा ह। नयो ा या
ाहक हमेशा सबसे कम दाम म सबसे यादा चाहते ह। कोई भी जान-बूझकर कसी ऐसी
चीज़ के लए यादा भुगतान नह करता है, जो उसे कम म मल सकती है। इसका मतलब
है क यादातर मामल म आपको हमेशा यूनतम भुगतान दया जाएगा, जो आपको कसी
सरे संगठन म जाने से रोकने के लए आव यक है।
अ ाहम लकन ने कहा था क कसी के पास जो एकमा सुर ा हो सकती है,
वह है कसी काम को असाधारण अ छ तरह से करने क यो यता।
आपक आमदनी क ऊँचाई काफ़ हद तक इस बात से तय होगी क आप अपने काम
को कतनी अ छ तरह करते ह और आपका वक प खोजना कतना मु कल है। जन
े म कमचा रय को आसानी से हटाकर सरे को रखा जा सकता है, वहाँ कमचा रय को
रोके रखने के लए आव यक यूनतम रा श द जाती है। आपका एक ल य यह होना
चा हए क अपने चुने ए े म इतने अ छे बन जाएँ, ता क आपको हटाकर कसी सरे
को रखने क लागत ब त यादा हो। यही इस बात को सु न त करने का एकमा तरीक़ा
है क आपको हमेशा अ छा भुगतान मलेगा। आपको अपना काम उ कृ अंदाज़ म करना
चा हए, ता क कोई उतने पैस म उस तरह के प रणाम नह पा सके, जो आपको मलते ह।
आप अपने गत सेवा कॉरपोरेशन के अ य ह। आप पूरी तरह से उ पादन,
गुणव ा नयं ण, श ण और वकास, माक टग, व ीय और व ापन के भारी ह।
आप अपने जीवन क बु नयाद सृजना मक श ह।
आप रोज़गार म ह और कसी सरे के आदे श के अधीन ह, इस तरह न य अंदाज़
म सोचना आपक द घकालीन सफलता के लए घातक हो सकता है। सरी ओर, ख़ुद को
व-रोज़गार वाला मानने से आप ख़ुद को ज़ मेदार मानने के लए ववश होते ह। आप यह
वीकार करते ह क आपके साथ जो कुछ भी होता है, हर चीज़ आप ही क वजह से होती
है। आप ाइवर क सीट पर बैठे ह। अपने जीवन के टय रग हील के पीछे आप ख़ुद बैठे
ह।
यह नणय लेना आप पर है क अपने गुण और यो यता का इ तेमाल इस तरह कैसे
कर, जससे आपको अपने समय व ऊजा पर सबसे यादा रटन ऑन इनवे टमट मले।
यह काम आपके लए कोई सरा नह करेगा। आप बॉस ह। सरे आपक मदद कर सकते
ह, मागदशन दे सकते ह, नद शत कर सकते ह, रा ता दखा सकते ह, सही दशा म संकेत
कर सकते ह और आपको अवसर भी दे सकते ह, ले कन अं तम व ेषण म आपके सवा
कोई भी वे अ यंत मह वपूण नणय नह ले सकता, जो आपके भ व य और आपक
तक़द र को तय करगे।
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आपको नय मत प से ख़ुद से कुछ सवाल पूछने चा हए: आपको या करने म सबसे
यादा आनंद आता है आप अपनी आदश नौकरी का वणन कस तरह करगे अगर आप
कह भी, कुछ भी करते ए, कोई भी नौकरी पा सक, तो वह कौन सी होगी आप या
करना चाहगे अगर आप लॉटरी म दस लाख डॉलर जीत जाएँ और आपको अनंत काल
तक के लए कसी नौकरी को चुनना हो, तो आप अपने समय के साथ गत प से
या करने का चुनाव करगे
अपनी श य का ख़ुलासा करने के लए ख़ुद से पूछ, “मेरे अनूठे गुण और यो यताएँ
या ह ” आप अतीत म कसम अ छे रहे ह आप कौन सी चीज़ आसानी से करते ह, जो
सर को मु कल नज़र आती ह आपको काम के कन े म सव े प रणाम मलते
ह आपको कस तरह के काम म सबसे यादा ख़ुशी मलती है इन के जवाब यह
संकेत दे दे ते ह क आप अपनी नवेश क ई ऊजा पर अपने लाभ को बढ़ाने के लए ख़ुद
को सही जगह पर कैसे रख सकते ह।
आपके पास आनुवां शक तं , श ा, अनुभव , पृ भू म और चय के फल व प
गुण व यो यता का एक अनूठा, लभ तालमेल ह। आपके पास कसी चीज़ म बेहद
अ छा होने क ज मजात यो यता है। यह पता लगाना आपक ज़ मेदारी है क वह कौन
सी चीज़ है। फर बना कसी शत या कावट के उसम अपना पूरा दल झ कने के लए भी
आप ही ज़ मेदार ह। जब आप यह तय करते ह क आप कस चीज़ को करने म सचमुच
आनं दत होते ह, और फर पूरे दल से इसके त सम पत होते ह, तभी आप सचमुच ख़ुश
और संतु महसूस करगे।
अपनी वतमान नौकरी और यो यता पर नज़र डाल व ख़ुद से पूछ, “म तीन से पाँच
साल म कहाँ पर रहना चाहता ँ ” आप कस तरह का काम करना चाहगे आप कस
तरह के लोग के साथ काम करना चाहगे आप ज़ मेदारी का कौन सा तर चाहते ह
आप कतना पैसा कमाना चाहगे आप दे श के कस ह से म रहना चाहगे
अपनी क पना को कुछ समय के लए खुलकर वचरण करने द। क पना कर क आप
जो भी, जहाँ भी कर या बन सकते ह, उसक कोई सीमा नह है। क पना कर क आपके
सामने सभी वक प खुले ए ह।
आज ही अपने जीवन और कामकाज पर सामा य डालकर ख़ुद से पूछ, “म कस
तरह के लोग क सबसे यादा शंसा करता ँ और उनके जैसा बनना चाहता ँ ” आप
कसे जानते ह, जो वैसा काम कर रहा है, जो आप करना चाहते ह और वैसा जीवन जी रहा
है, जैसा आप जीना चाहते ह वैसा बनने के लए आपको अपने जीवन म कौन से प रवतन
करने ह गे
याद रख, कसी ने आज तक जो भी कया है, उसे कोई सरा भी कर सकता है। सारी
कारोबारी यो यताएँ और यादातर सरी यो यताएँ सीखी जा सकती ह। आप ब कभी
कसी सरे जैसे नह बन सकते, ले कन आपको इसक ज़ रत भी नह है। आप
सरे लोग क सफलता और उपल ध का इ तेमाल मसाल और दशा नदश के प म

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कर सकते ह, जससे आपको यह नणय लेने म मदद मलती है क आप अपनी ख़ास या ा
के अंत म कहाँ प ँचना चाहते ह।
हैरॉ ड जेनीन आई.ट .ट . के पूव सी.ई.ओ. और अमे रक इ तहास के सबसे सफल
ावसा यक ए ज़ी यू ट ज़ म से एक थे। वे हमेशा कहते थे, “ल य से शु करो और
पीछे क तरफ़ काम करो।” यह नणय ल क आप भ व य म कसी समय कहाँ प ँचना
चाहते ह और फर वतमान दन तक पीछे क योजना बनाकर तय कर क वहाँ प ँचने के
लए आपको या करना होगा।
अपनी श य और कमज़ो रय का स चा आकलन कर, संभा वत अवसर के े का
आकलन कर ओर उन क मय का भी आकलन कर, जो आपको रोक सकती ह। तब आप
भ व य क ओर दे खने के लए आदश थ त म ह गे, तब आप यह नणय लेने क आदश
थ त म ह गे क आप या पाना चाहते ह और इसे हा सल करने के लए आपको या
करना होगा।
अपनी श य का पूरा उपयोग करने के लए आपको कस अ त र ान क
आव यकता होगी आपको या सीखने क ज़ रत होगी आपको कौन सी पु तक पढ़नी
ह गी आपको कौन से ऑ डयो ो ाम सुनने ह गे आपको कौन से कोस करने ह गे
कई लोग 40-50 साल क उ के बाद दोबारा कॉलेज म पढ़ने जाते ह और कसी
बलकुल नए पेशे या क रयर के लए श ण लेते ह। फर वे 10-20 साल तक अपने नए
े म अ यास करते ह। वशेष के अनुसार वतमान प र य म आम आदमी दो साल या
अ धक तक चलने वाली 14 अलग-अलग पूणका लक नौक रयाँ करेगा और उसके पाँच
अलग-अलग क रयर ह गे।
80 तशत से अ धक व व ालयीन व ाथ नातक होने के दो साल के भीतर
अपने अ ययन के े से बलकुल अलग े म काम करगे। आप आज जहाँ ह, वह सफ़
भ व य क भू मका है। आपक अं तम मं ज़ल और राह क मं ज़ल का नणय लेने क
कुंजी यह है क आप अपने भीतर गहराई तक दे खकर यह तय कर क आप कौन ह और
कसम अ छे ह। आपक अनूठ श याँ और यो यताएँ या ह और आप अपने मनचाहे
जीवन को बनाने म उनका अ धकतम दोहन कैसे कर सकते ह
आप जहाँ ह और आप जहाँ सचमुच प ँचना चाहते ह, उसके बीच कौन सी बाधाएँ
खड़ी ह कौन सी चीज़ आपको अपने सव े तर पर दशन करने से रोक रही है कौन
सी चीज़ आदश नौकरी पाने या जीवन को आदश बनाने म बाधक है आप आज जहाँ ह,
वहाँ से अपनी मनचाही जगह तक प ँचने के लए आपको आज से या करना चा हए इन
को पूछना और इनका जवाब दे ना े क नशानी है, जो कुछ वष म ही इतना
यादा हा सल कर लेगा, जतना आम आदमी अपनी पूरी ज़दगी म हा सल नह कर
सकता।
गत रणनी तक नयोजन म आपका ल य हमेशा यह होना चा हए क आप
बाज़ार के चुने ए वशेष े म नेतृ व हा सल कर ल। कारोबार म नेतृ व का अथ है कंपनी
क उ कृ ता का े तय करने क यो यता। गत नेतृ व का भी यही अथ है। यह
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अपनी उ कृ ता के गत े को चुनने क आपक यो यता और दा य व है। गत
नेतृ व म असाधारण प रणाम हा सल करने के लए समपण क ज़ रत होती है। आप कन
े म काम करने जा रहे ह, ता क आपको ऐसे प रणाम मल, जो आम आदमी हा सल
करने क उ मीद नह कर सकता
आपक श य का ख़ुलासा करने और प रभा षत करने क पूरी या का एक ही
ल य है क आप “सव े ” बनने का नणय ल। ऐसा कौन सा काम है, जसे आप और
सफ़ आप ही कर सकते ह, जसे अगर अ छ तरह कया जाए, तो उससे आप पर और
आपके जीवन पर असाधारण फ़क़ पड़े गा ऐसा कौन सा काम है, जसे आप इस समय कर
सकते ह या जसे आप भ व य म करना सीख सकते ह, जसक उपल ध से आपके लगाए
समय और जीवन क मा ा म सबसे यादा लाभ हो सकता है
कसी कंपनी के लए रणनी तक नयोजन का उ े य रटन ऑन इ वट को बढ़ाना है;
आपके लए यह रटन ऑन एनज को बढ़ाना है। अब सबसे अहम सवाल यह है, “आप
ख़ुद क और अपने गत सेवा कॉरपोरेशन क माक टग कैसे कर, ता क आपको अपने
काम से सव च मुनाफ़ा हो ”
अपनी सफल माक टग क चार कुं जयाँ ह। ये ह: वशेष ता, भ ता, वभाजन और
एका ता।
वशेष ता के लए यह आव यक होता है क आप एक ख़ास े म, अपने ाहक
और कंपनी के लए एक ख़ास प रणाम पाने पर यान क त कर। इसका मतलब है क
आप बाक़ सब चीज़ को हटाकर एक या दो चीज़ तय करते ह, ज ह आप करने वाले ह।
यह वशेष ता कोई ऐसी चीज़ हो सकती है जसे आप करते ह या यह कोई ॉड ट या
सेवा हो सकती है जसे आप बेचते ह। यह एक ख़ास कार का ाहक या बाज़ार का ह सा
हो सकता है, जसक सेवा करने का आप चुनाव करते ह।
चार ओर संभावना क तलाश करने पर वह कौन सा एक े होगा, जसम आप
वशेष ता हा सल कर वे ाहक, ॉड ट् स, सेवाएँ, वसाय, आव यकताएँ, उ ोग और
अवसर कौन से ह, जनका वचार आपके मन म आता है वतमान म सव च भुगतान पाने
वाले लोग वे ह, जो सामा य ाता या सभी तरफ़ हाथ-पैर मारने के बजाय कसी ख़ास े
म वशेष होते ह। वे बाज़ार के कसी ख़ास े म वच व जमाकर मश र और स मा नत
बनते ह। आपके लए बाज़ार का वह ख़ास े कौन सा है यह या होना चा हए यह
या हो सकता है
कैसे, कहाँ, कब और य आप यास के कसी ख़ास े म वशेष ता हा सल करने
जा रहे ह, यह नणय शायद आपके क रयर का सबसे मह वपूण नणय है। रणनी तक
योजनाकार माइकल कामी ने एक बार कहा था, “जो लोग भ व य के बारे म नह सोचते ह,
उनका भ व य नह हो सकता।”
कई लोग अपनी नौक रयाँ गँवा दे ते ह और लंबे समय तक बेरोज़गार रहते ह। ऐसा
अ सर इस लए होता है, य क उ ह ने जीवन क सड़क पर पया त र तक नह दे खा था
और ख़ुद को पया त अ छ तरह तैयार नह कया था, इस लए जब उनक वतमान नौकरी
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ख़ म ई, तो उ ह ने ख़ुद को अचानक कसी एकाक सड़क पर बना धन के पाया और
नय मत व अ छे वेतन वाली नौकरी पाने के लए उ ह लंबी र तक पैदल चलना पड़ा।
अपने साथ ऐसा न होने द।
अपनी वशेष ता का े तय करने के लए शू य-आधा रत वचार क तकनीक का
इ तेमाल कर। पल भर के लए अपनी वतमान नौकरी और ग त व धय को एक तरफ़ रख
द और गहराई से अवलोकन करने का समय नकाल। हर कोण से अपना व ेषण
कर। अपने से ऊपर उठ और ग त व धय व उपल धय के अपने पूरे जीवन पर नज़र
डालकर यह तय कर क आपक वशेष ता का े या हो सकता है या या होना
चा हए। फर ख़ुद से पूछ, “अगर म आज यह नौकरी नह कर रहा होता, तो इसके बारे म
अपने वतमान ान के आधार पर या म इसम आज दोबारा जाता, अगर मुझे यह दोबारा
करना होता ”
यह पूछते समय ख़ुद के साथ पूरी तरह ईमानदार रह, “अपने वतमान ान के आधार
पर या म इसम आज दोबारा जाता ” इस को वशेष ता के अपने वतमान े पर
लागू कर। यह अपने काम के हर ह से के बारे म पूछ। इस संभावना पर वचार करने
के लए तैयार रह क आप ग़लत े म ह या ग़लत कंपनी के लए काम कर रहे ह या
ग़लत नौकरी कर रहे ह।
यह भी हो सकता है क आप इस पल अपने लए बलकुल सही काम कर रहे ह । हो
सकता है क आप पहले से ही अपनी सारी श य का दोहन कर रहे ह । हो सकता है क
आपका वतमान काम आपक पसंद और नापसंद, आपके वभाव तथा आपके व के
लहाज़ से आदश प से उपयु हो। बहरहाल, अपने त यह आपका दा य व है क
आप लगातार अपनी का दायरा बढ़ाएँ और भ व य म झाँककर दे ख क आप आने
वाले महीन और वष म कहाँ होना चाहते ह। भ व य क भ व यवाणी करने का सव े
तरीक़ा ख़ुद इसका नमाण करना है।
अपनी माक टग करने क सरी कुंजी है भ ता। इसके लए ज़ री है क आप कसी
तरह अपने त प धय से अलग और बेहतर बन। अनूठेपन के आपके े या ह भीड़
से अलग दखने के लए आप या कर सकते ह आप ख़ुद को ऐसे कैसे तैयार कर सकते
ह, ता क आप अप रहाय बन जाएँ और कसी सरे के लए आपक जगह लेना असंभव हो
जाए
याद रख, शखर पर कभी भीड़ नह होती। जो लोग अपने े म ब त अ छे होते ह,
उनक माँग हमेशा रहती है। वे शायद ही कभी बेरोज़गार होते ह। उ ह हमेशा सबसे यादा
भुगतान मलता है और सबसे तेज़ी से मोशन मलता है। आपका मु य ल य अपने काम
म बेहद उ कृ बनना है और बेहतर बनते रहना है।
कारोबार और कामकाज के संसार म प रणाम ही सब कुछ ह। प रणाम ही वह एकमा
पैमाना है, जो मायने रखता है। सारे कारोबारी प रणाम व ीय संदभ म प रभा षत कए जा
सकते ह। आप ब , आमदनी और मुनाफ़े पर जतना यादा सकारा मक भाव डालते
ह, आप उतने ही यादा मू यवान बनते ह। ख़ुद को बाक़ सबसे अलग करने का सबसे
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अ छा तरीक़ा यह है क आप अपने ान और यो यता को इस ब तक बढ़ा ल, जहाँ
आप प रणाम पाने म कसी सरे से बेहतर बन जाएँ।
आपम ऐसे वशेष गुण और यो यताएँ ह, जो आपको अब तक ए कसी सरे इंसान से
अलग और अनूठा बनाती ह। आपके जैसे कसी सरे इंसान के होने क संभावना 50 अरब
म एक से भी यादा है।
श ा, अनुभव, ान, सम या , सफलता , मु कल , चुनौ तय और जीवन व
लोग को दे खने व त या करने के आपके अनूठे तरीक़े का उ लेखनीय व असाधारण
म ण सचमुच आपको पूरे संसार म असाधारण बना दे ता है।
आपके भीतर इतनी मताएँ भरी पड़ी ह, ज ह वक सत करने पर आप ज़दगी म
अपनी हर मनचाही चीज़ हा सल कर सकते ह। जैसा डे नस वेटली कहते ह, “अगर आप
100 जीवन भी जएँ, तब भी आप अपनी पूरी संभावना का इ तेमाल नह कर सकते।”
भले ही आप 100 साल और जएँ, तब भी आप अपनी ज मजात मता के एक छोटे
से ह से से यादा का इ तेमाल नह कर सकते। आपको ख़ुद का और अपने जीवन का
व ेषण करके यह नणय लेना चा हए क आप अपने कन गुण का दोहन करने वाले ह
और उ ह उनके अ धकतम तर तक वक सत करने वाले ह। लीडस का एक गुण यह होता
है क वे इस बारे म लगातार सोचते ह क उनक अंद नी यो यता और उनक बाहरी
प र थ तय को दे खते ए वे ख़ुद को सबसे अ छ जगह कैसे रख सकते ह, ता क उ ह
सव े प रणाम मल जाएँ। आपको भी इसी तरह से सोचना चा हए।
आपक गत “उ कृ ता का े ” या है आप इस व त कस चीज़ म ख़ास
अ छे ह अगर चीज़ उसी तरह चलती रह जस तरह वे ह, तो आपके भ व य म यानी तीन
से पाँच साल के भीतर कसम अ छा बनने क संभावना है या आपका सव च गुण
बेचने यो य है, जसक माँग बढ़ रही है या फर आपका े इस तरह से बदल रहा है क
इसक बराबरी पर रहने लए आपको भी बदलना होगा अगर आप अपने यादा गुण और
यो यता का वकास कर, तो भ व य म आपक उ कृ ता का े या हो सकता है
अगर आप अपने े के शखर पर प ँचना चाहते ह, उ कृ आजी वका कमाना चाहते ह
और अपने व ीय भ व य क बागडोर अपने हाथ म थामना चाहते ह, तो आपक
उ कृ ता का े या होना चा हए
जब आप वशेष ता का े चुनने के लए अपने वतमान और अतीत के अनुभव पर
नज़र डालते ह, तो आप ख़ुद से यह बेहद मह वपूण सवाल पूछ सकते ह, “आज तक के
जीवन म कौन सी ग त व धयाँ मेरी सफलता के लए सबसे यादा ज़ मेदार रही ह ”
आप जहाँ थे, वहाँ से अपनी वतमान थ त तक आप कैसे आए आपने ऐसे कौन से
गुण और यो यताएँ जीवन म वक सत कर ली ह, जो आपके लए आसान नज़र आती ह
वे कौन सी चीज़ ह, जो आप अ छ तरह कर लेते ह, ले कन जनम यादातर लोग को
मु कल आती है वे कौन से काम और ग त व धयाँ ह, ज ह करने म आपको सबसे यादा
मज़ा आता है वे कौन सी चीज़ ह, जनके लए आप अंदर से सबसे यादा े रत होते ह
वे कौन सी चीज़ ह, ज ह करते समय आपको सबसे यादा ख़ुशी मलती है
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अपनी श य का लाभ उठाने का एक मु य ह सा अपने ख़ास काम या ग त व ध म
आपक च, रोमांच और उ साह का तर है। आप जस े म सचमुच आनंद लेते ह,
उसम आप हमेशा सव े ह गे और सबसे यादा पैसा कमाएँगे। यह हमेशा ऐसे े म
होगा, जसके बारे म सोचना, बात करना, पढ़ना और सीखना आप पसंद करते ह।
सफल लोग अपने काम से ेम करते ह। वे हर दन काम पर जाने के लए उतावले होते
ह। काम करने से उ ह ख़ुशी मलती है और वे जतने यादा ख़ुश होते ह, वे अपना काम
उतना ही बेहतर करते ह। समय उनके लए ठहर जाता है और उ ह समय का होश ही नह
रहता। उनका काम कहाँ शु होता है और कहाँ ख़ म होता है, इसके बीच कोई लक र नह
होती। यह उनके जीवन का ह सा होता है।
वशेष ता और भ ता के बाद ख़ुद क माक टग करने क तीसरी कुंजी वभाजन है।
इसके लए यह आव यक है क आप अपने बाज़ार के खंड कर ल, यानी आप अपने पास
मौजूद चीज़ के सबसे अ छे ाहक को पहचान। इसम आप अ धकतम प रणाम पाने के
लए सबसे अ छ जगह तय करते ह।
यह स चाई आपके लए हमेशा एक बड़ी चुनौती होगी क आप ब त सारी अलग-
अलग चीज़ कर सकते ह। आप ब त सारी नौक रय म काम कर सकते ह। आपके सामने
लाभ उठाने के असी मत अवसर होते ह। और आप जतने बेहतर बनते ह, उतने ही यादा
दरवाज़े आपके लए खुल जाएँगे। आपको ज़दगी भर चुनाव करना होगा। आपको
वभाजन करना होगा।
ावसा यक माक टग म हम अपने सारे यास “उ च संभावना” वाले ॉ पे ट् स या
संभा वत ाहक पर क त करते ह। ये हमारी वशेष ता के े म वे संभा वत ाहक ह,
जो हमारे त पध लाभ, हमारी उ कृ ता के े के सबसे यादा शंसक ह। ये वे लोग
ह, जो सबसे ज द ख़रीदते ह और उनके लए गुणव ा भाव के छोटे -मोटे फ़क़ से यादा
मह वपूण होती है।
अपनी माक टग करने म आपका मु य ल य एक ऐसी नौकरी या क रयर खोजना है,
जहाँ आपके ख़ास गुण और अनूठ यो यता को ब त मह व दया जाता हो तथा अ छा
भुगतान मलता हो। आपका ल य कोई ऐसी जगह खोजना है, जहाँ आप उस काम को
करके सबसे यादा कमा सक, जसे आप उ कृ अंदाज़ म करते ह। यह आपका चुना आ
बाज़ार खंड बन जाता है।
क रयर बदलने वाले से मनार म हम लोग को ो सा हत करते ह क वे जन कंप नय
म काम करना चाहते ह, उसके मु य लोग से बातचीत करके जानकारी इक कर। इस
तरह से वे जानकारी एक त करते ह, जसके आधार पर वे यह तय कर सकते ह क कोई
ख़ास कंपनी या उ ोग उनके लए सही है या नह ।
जब आप अपनी श य का सही आकलन कर ल, तो इसके बाद आप अपने संसार म
चार तरफ़ दे ख सकते ह और ख़ुद से पूछ सकते ह क आपक श य क सबसे यादा
क़ कहाँ होगी और सबसे यादा भुगतान कहाँ मलेगा। संसाधन के समूह के प म सबसे
ऊँचे लाभ के लए आपको अपना नवेश कहाँ करना चा हए
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कई लोग कंपनी के दशन और इसक भावी संभावना क वजह से कसी ख़ास कंपनी
म काम करना चाहते ह। ए र टोटल ओना सस ने तेज़ी से सफल होने के मह वाकां ी
युवा को सलाह दे ते ए कहा था क वे जस कंपनी म काम करना चाहते ह, उसम कोई
भी नौकरी करने लग और फर काम करते ए ऊपर क ओर तर क कर।
एट ड ट के भूतपूव अ य ने कॉलेज से नकलने के बाद ज़मीन के नीचे टे लीफ़ोन
के तार बछाकर शु आत क थी। हैवलेट-पैकड क पूव सी.ई.ओ. काल फ़यो रना ने
ब म शु आत क थी और ऊपर का रा ता तय कया था। ज़ेरॉ स के अ य गेल
म केही ने भी ब के े म ही शु आत क थी और वे अंततः ब त ऊँची तन वाह पर
अ य बने। अमे रका क एक ब त बड़ी एयरलाइन के अ य ने जब कंपनी म अपना
क रयर शु कया, तो उ ह ने पहलेपहल नाइट श ट म वमान के टॉयलेट साफ़ कए थे।
अंततः तर क करते-करते वे बीस लाख डॉलर सालाना क नौकरी म प ँच गए।
कई बेहद सफल ी-पु ष जन कंप नय को सचमुच पसंद करते थे, उ ह ने उनके
नचले पद म से शु आत क थी। फर उ ह ने अपने काम को बेहद अ छ तरह करने पर
यान क त कया और तर क करते गए।
गत माक टग का चौथा स ांत है: एका ता। लंबे समय तक एका ता क़ायम
रखना सारी महान सफलता के पहले आता है। आप सबसे पहले अपने ख़ास गुण और
श य वाले े म वशेष ता हा सल करने का नणय लेते ह। फर आप अपने चुने ए
े म उ कृ बनने के लए ख़ुद को अलग करते ह। आप े को सँकरा करते ह और
चुनते ह क आप कहाँ काम करना चाहते ह और आप या करना चाहते ह। अब आपक
सफलता क कुंजी यह है क आप अपनी नौकरी म अपना पूरा दल झ क द, ता क आप
पूरे रा ते तर क करते ए शखर तक प ँच सक।
बाज़ार केवल असाधारण दशन के लए ही असाधारण पुर कार दे ता है। आपने अब
तक जो भी कया है, उससे आपने अपने चुने ए े म असाधारण बनने क बु नयाद रख
द है। जब आप उ कृ काम करने पर पूरी एका ता क़ायम रखते ह और अपने से अपे त
सबसे मह वपूण प रणाम पाने म ब त अ छे बन जाते ह, तो आप अपने े के शीष
समूह म तेज़ी से ऊपर उठने लगते ह।
याद रख, आपको इस पृ वी पर गुण और यो यता के ब त ख़ास म ण के साथ
भेजा गया है, जसक वजह से आप अब तक ए हर इंसान से अलग ह। आप आज जो भी
कर रहे ह , यह उसके क़रीब भी नह है, जो आप सचमुच कर सकते ह। आपके लए लंबे,
सुखद और समृ जीवन क कुंजी यह है क आप अपनी श य और कमज़ो रय का
नय मत आकलन कर, उन े म ब त अ छे बन जाएँ, जहाँ आपको सबसे यादा आनंद
आता है और फर अपने काम म अपना पूरा दल झ क द। जब आप यह करते ह, तो
आपका भ व य असी मत बन जाता है।
सफलता के े म शायद सबसे रोमांचक खोज यह अहसास है क आप जो चाहते ह,
वह बनने, पाने और करने के लए जस भी चीज़ क ज़ रत है, वह हर चीज़ आपके भीतर
है। आपके पास भारी गुण, यो यताएँ और क़ा ब लयत ह, जो नखारे जाने का इंतज़ार कर
ी ी े ी े े े
रही ह, जस तरह ज़मीन के नीचे पड़ा तेल का भंडार सतह तक लाए जाने का इंतज़ार कर
रहा है। आप अपनी भू म पर कुआँ खोदने के लए जस उपकरण का इ तेमाल करते ह,
वह अपनी ख़ुद क श य का दोहन करने का नणय है। अपनी मता को मु करने क
कुंजी यह है क आप अपने भीतर झाँक और तय कर क आप कस चीज़ को करने के लए
आदश प से उपयु ह। फर उसे उ कृ अंदाज़ म करने म अपना पूरा दल झ क द।
जब आप ऐसा करते ह, तो आपके लए हर चीज़ संभव हो जाती है।
अ याय 6

सफलता के लए ख़ुद को सही थ त म लाएँ

ां रहेत कह।े दौरहमम आपका वागत है।


मशः प रवतन व
यादातर मानवीय इ तहास म हम वकास के आद
ग त के युग म रहते आए ह, जब घटनाएँ सीधी
लक र म आगे बढ़ ह। कई बार प रवतन क या यादा तेज़ थी, कई बार धीमी थी,
ले कन यह हमेशा ग तशील नज़र आती थी और एक पायदान से सरे पायदान पर चढ़ती
थी, जससे आपको योजना बनाने, भ व यवाणी करने और बदलने का अवसर मल जाता
था।
आज प रवतन क ग त न सफ़ पहले से यादा तेज़ है, ब क यह अ नरंतरशील है,
यानी यह बीच-बीच म टू टती रहती है। यह ब त से असंब े म हो रही है और हमम से
येक को अनपे त तरीक़ से भा वत कर रही है। सूचना ौ ो ग कय म प रवतन हो
रहे ह, जो च क सा के प रवतन से अलग ह, जो हमारे जीवन काल और जीवनशै लय को
भा वत करते ह। यातायात म होने वाले प रवतन श ा के े म होने वाले प रवतन से
अलग हो रहे ह, जब क राजनी त के प रवतन वै क त पधा के प रवतन से अलग हो
रहे ह।
पा रवा रक संरचना और संबंध म होने वाले प रवतन दे श के अलग-अलग ह स म
नए वसाय व उ ोग के उ थान और पतन से अलग हो रहे ह। ती , अ नरंतरशील
प रवतन क यह दर बढ़ती जा रही है। फल व प हमम से यादातर उससे क उठा रहे
ह, जसे ए वन टॉ लर ने “भ व य का सदमा” कहा था।
आप इन प रवतन क वशालता के बारे म ब त यादा नह कर सकते, ले कन एक
चीज़ ज़ र कर सकते ह। यह है अपने बारे म गंभीरता से सोचना और अपनी सुर ा व
था य व क बु नयाद ज़ रत का इंतज़ाम करना। यह नौकरी क सुर ा और व ीय
सुर ा के े म जतना मह वपूण है, उतना कसी सरे े म नह है। आपको अ छ
आजी वका कमाने और अपने लए आगे आने वाले महीन व वष का इंतज़ाम रखने क

ी ो े े ो ी ी े ो
अपनी यो यता पर वशेष यान दे ना चा हए। आपको अपनी आमदनी कमाने क यो यता
के बारे म सोचना चा हए: आप आज आजी वका कैसे कमा रहे ह और आप कल
आजी वका कैसे कमा सकते ह।
भले ही भ व य लगातार यादा अ न त होता जा रहा है, जसक भ व यवाणी नह
क जा सकती, ले कन आपको आने वाले कल के लए ख़ुद को सही थ त म लाना
चा हए। आपको न सफ़ लगातार और गंभीरता से अपने वतमान काम और अपनी कमाने
क यो यता के बारे म सोचना चा हए, ब क उस काम के बारे म भी सोचना चा हए, जो
आप एक, तीन और पाँच साल बाद कर रहे ह गे। चाहे जो हो, आपको व ीय सुर ा
हा सल करने के लए ल य व योजनाएँ तैयार करनी चा हए।
लॉड मैनड क स ने एक बार कहा था क आपको भ व य के बारे म काफ़ सोचना
चा हए, य क वह आप अपना बाक़ का जीवन बताने वाले ह। लोग एक भारी ग़लती
करते ह, जसके ब त बुरे द घकालीन प रणाम होते ह। वह ग़लती यह है क वे सफ़
वतमान के बारे म ही सोचते ह और इस बात पर ब त कम वचार करते ह क आने वाले
महीन और वष म या हो सकता है।
आपक भावी ख़ुशी, सुर ा, आनंद, संतु और गत संतोष के संदभ म भ व य
के बारे म सोचने का कोई सरा े इतना मह वपूण नह है, जतना यह क आप म यम
और द घकालीन भ व य म आजी वका कैसे कमाएँगे।
अमे रक कॉरपोरेशन हर साल लाख लोग क छँ टनी करते ह। फ़ॉरचून 100 म आने
वाली एक बड़ी, मश र कंपनी ने एक लाख से यादा पेशेवर कमचा रय क छँ टनी कर द ।
ये घंटे के हसाब से काम करने वाले कमचारी नह थे। ये तो वे ी-पु ष थे, ज ह
अमे रका के सव े व व ालय से चुना गया था। रोज़गार म आने के लए उ ह ने 4 म
से 3.9 के यूनतम ेड पॉइंट हा सल कए थे। फर उ ह दो से पाँच साल का श ण दया
गया था, जसके बाद ही वे अपने वतमान पद पर आए थे। छँ टनी के व त उनके पास
औसतन यारह साल का अनुभव था, जसम श ा और श ण क अव ध को शा मल
नह कया गया है। इसके बावजूद एक ही कंपनी ने इन बेहद बु मान, बेहद यो य और
अनुभवी एक लाख से यादा लोग को नौकरी से नकाल दया।
ये ी-पु ष घर लौटकर फ़ोन का इंतज़ार नह कर रहे थे क उ ह नौकरी पर दोबारा
बुलाया जाएगा। उनक नौक रयाँ हमेशा के लए चली गई थ । श ा और अनुभव के
मा यम से उ ह ने जो कुछ सीखा था, वह काफ़ हद तक बासी हो गया था। काय थल म
इसका ब त कम मह व रह गया था या बलकुल भी नह रह गया था। उनम से यादातर
को अलग नौक रय और अलग उ ोग म दोबारा शु आत करनी पड़ी। नौकरी से हटाने क
यह वृ आने वाले वष म ग त पकड़े गी।
जब हमारे दादा-नाना ने काम शु कया था, तो यह ब त आम था क वे बु नयाद
श ा हा सल करने के बाद कसी कंपनी म काम करने लग और उसी कंपनी म जीवन भर
काम करते रह। जब हमारे माता- पता क नौकरी क बारी आई, तो आम तौर पर उ ह ने

े ी ी ौ ँ ँ औ
अपने जीवन म तीन-चार बार नौक रयाँ बदल , हालाँ क यह मु कल और अशां तकारक
था।
1960 और 1970 के दशक म बेबी बूम पीढ़ के सद य नौकरी के संसार म आए और
इस े म उथलपुथल व प रवतन के एक नए संसार म दा ख़ल ए। वे बड़ी कंप नय और
आजीवन रोज़गार क तलाश म थे, ले कन अपने कामकाजी जीवन म उ ह अमूमन छह
बार नौक रयाँ बदलनी पड़ और 30-40 साल क उ म नया क रयर शु करने क नौबत
भी आई।
आज रा ीय और वै क अथ व था म उथलपुथल व प रवतन बढ़ चुके ह। नौकरी
शु करने वाला 21 से 65 साल क उ के बीच पाँच पूणका लक क रयर क
उ मीद कर सकता है। वह दो साल या इससे यादा समय क पूणका लक 14 नौक रय क
उ मीद कर सकता है। फ़ॉरचून प का के अनुसार अमे रका के 40 तशत कमचारी
“अ थायी” कमचारी ह। इसका अथ है क वे कसी कंपनी के लए कभी थायी प से
काम नह करगे। कंप नय क ज़ रत के हसाब से वे इस कंपनी से उस कंपनी तक, इस
नौकरी से उस नौकरी तक भटकते रहगे, उ ह पूणका लक कमचा रय से कम भुगतान
मलेगा और अगर उ ह वा य सु वधा व पशन योजना के संदभ म लाभ मले भी, तो
ब त कम मलगे।
आज 40 तशत कमचारी एक साल से कम समय से अपनी वतमान नौक रय म ह।
हम “चार आर” के दौर से गुज़र रहे ह, जो हमारे कामकाजी जीवन म जारी रहगे। ये चार
आर ह: र च रग, रऑगनाइज़ेशन, रइंजी नय रग और रइनवे टं ग। भ व य क
अथ व था म बचे रहने और समृ होने के लए आपको इन श द को याद करना होगा
और उनके अथ को पूरी तरह से समझकर काम करना होगा।
ये चार श द प रवतन और त पधा पर त याएँ ह। र च रग का अथ है
कारोबार के संसाधन को दोबारा आवं टत करना, ता क उन उ पाद व सेवा के उ पादन
पर यादा समय तथा यान ख़च कया जाए, ज ह ाहक सबसे यादा मू यवान मानते ह
और बाक़ हर े म कटौती क जाए।
रऑगनाइज़ेशन का अथ है पूरे कारोबार को उलट-पलट करना, ता क ान,
ौ ो गक और त पधा म प रवतन के साथ सामंज य हो सके, जो कारोबार के कई
काम को अनाव यक या बासी कर दे ते ह।
रइंजी नय रग का अथ है हर काम और हर काय-क़दम का व ेषण करने क
या, ता क अनाव यक ग त व धय को हटाया जाए और पूरी या को यादा सुचा
व कायकुशल बनाया जाए।
कॉरपोरेशन म रइनवे ट करने का मतलब यह क पना करने का साहस है क कंपनी
जलकर खाक हो चुक है और मु खया कंपनी को दोबारा शु करने जा रहे ह। वे कौन से
काम यादा करगे और कौन से काम कम करगे वे कस े म अंदर जाएँगे और कस
े से बाहर नकलगे या वे अपने वतमान वसाय को जारी रखगे या वे बलकुल नए
वसाय शु करगे
ी ै ओ औ े े ै
एक कहानी है क ओल और वेन एक पुराने मालवाहक जहाज़ म बैठकर उ र
अटलां टक पार करके अमे रका जा रहे थे। जहाज़ एक बड़े तूफ़ान म फँस जाता है और
टू टने लगता है। ओल दौड़कर वेन के पास जाता है और कहता है, “जहाज़ टू ट रहा है यह
डू बने वाला है ” वेन कहता है, “हम य परवाह कर, यह हमारा जहाज़ नह है ”
कई लोग इसी तरह के होते ह। जब वे अथ व था क उथलपुथल के बारे म पढ़ते या
सुनते ह, तो वे यह सोचने क ग़लती कर दे ते ह क इसका उनसे कोई लेना-दे ना नह है। वे
दरअसल कहते ह, “हम य परवाह कर यह हमारी सम या नह है।” ले कन स चाई यह
है क हम सभी उसी आ थक जहाज़ पर बैठे ह और जो भी चीज़ जहाज़ के लए ख़तरा बन
सकती है, वह कसी तरह से हम भी भा वत कर सकती है। हम सभी इसम एक साथ ह।
इसका अथ है क आपको भी अपने काम और ग त व धय को र चर या पुनग ठत
करना चा हए, ता क आप कंपनी और ाहक के लए यादा मू यवान योगदान द। आपको
ख़ुद को रऑगनाइज़ यानी पुनः व थत करना चा हए, ता क आप यादा कायकुशलता
और भावी ढं ग से समय व यान के अपने सी मत संसाधन का आवंटन कर। आपको हर
दन अपने काम क रइंजी नय रग यानी पुनः संयोजन करना चा हए, ता क आप काम क
यादा ऊँची गुणव ा और मा ा दे ने क ग त बढ़ा ल। अंत म, आपको भ व य के लए ख़ुद
को रइनवे ट या पुनअ वषण करने क सतत या म रहना चा हए।
शतरंज के खलाड़ी क तरह आपको र तक सोचना चा हए। आपको तज क ओर
दे खना चा हए और सोचना चा हए क आगामी वष म अपनी आमदनी क यो यता बनाए
रखने और बढ़ाने के लए आपको कैसा बनना चा हए।
क पना कर क आपक नौकरी आज से पाँच साल बाद कैसी दखेगी। चूँ क आपके
े म ान संभवतः हर पाँच साल म दोगुना हो रहा है, इसका मतलब है क आपका 20
तशत ान और यो यता हर साल बासी हो रही है। पाँच साल बाद आप एक बलकुल नई
नौकरी कर रहे ह गे, जसम बलकुल नई यो यता और द ता क ज़ रत होगी।
ख़ुद से पूछ, “मेरे ान, यो यता और काम के कौन से ह से बासी हो रहे ह म
आज ऐसा या कर रहा ँ, जो म एक या दो साल पहले नह कर रहा था ” आज से एक
साल, दो साल, तीन साल, चार साल और पाँच साल बाद आपके कन काम को करने क
संभावना है आपको कस ान और यो यता क ज़ रत होगी और आप उ ह कैसे
हा सल करगे अपने आ थक और व ीय भ व य के लए आपक या योजना है
अपनी भावी नौकरी या नौक रय क योजना बनाने के लए अ सर आपको काम के
बारे म सोचने के तरीक़े म एक बड़ा प रवतन करना पड़ता है। मानव इ तहास के यादातर
ह से म 95 तशत या इससे यादा लोग क आजी वका ज़मीन या खेती- कसानी के
सहारे चलती रही है, जसने शहर म रहने वाले चंद लोग को सहारा दया है। 1776 म
जब भाप के इंजन का आ व कार आ, तो इसके बाद खेती- कसानी म कम वेतन वाले और
अनु पादक काम करने वाले लोग शहर आ गए। यहाँ आकर वे उ ोग म नौक रयाँ करने
लगे, जहाँ वे उ पादन करके कह यादा कमाई कर सकते थे और फल व प यादा ऊँची
जीवनशैली का आनंद ले सकते थे। तीय व यु ख़ म होने के बाद हम सेवा युग म
ो ँ े ो ँ े े ो े े
दा ख़ल हो गए, जहाँ सेवा को प ँचाने वाले लोग उ पादक कारख़ान म काम करने वाले
लोग से यादा हो गए। 1960 के दशक म हम सूचना युग म प ँच गए, जहाँ सेवा या
उ पादन के े म जतने लोग काम कर रहे थे, उससे यादा लोग सूचना क ोसे सग व
उसे प ँचाने के वसाय म काम कर रहे थे।
इन सभी प रवतन के फल व प अब हम ान युग म प ँच चुके ह। आज उ पादन
का मु य घटक ान और उस ान का इ तेमाल करके सरे लोग के लए प रणाम हा सल
करने क यो यता है। आज आपक कमाने क यो यता काफ़ हद तक आपके ान और
यो यता पर नभर है। यह उस ान व यो यता को इस तरह म त करने क मता पर
नभर है क आप ाहक के पैस के बदले मू यवान योगदान द।
तीन का नयम कहता है क अगर आप वेतन म एक डॉलर कमाना चाहते ह, तो इसके
लए आपको तीन डॉलर का योगदान दे ना होगा। जब कंपनी कसी को रोज़गार दे ती
है, तो इसम उसे वेतन जतने ही बाक़ ख़च पड़ते ह, य क उसे ऑ फ़स क जगह, लाभ ,
नगरानी और फ़न चर, थर व तु व अ य संसाधन म नवेश करना पड़ता है। कसी
कमचारी को नयु करने के लए कंपनी को कमचारी को दए जाने वाले वेतन पर मुनाफ़ा
भी कमाना होता है। इस लए कमचारी को रोज़गार म बने रहने के लए अपनी आमदनी से
यादा रा श का योगदान दे ना होता है। इसे सरी तरह कह, तो आपक कमाने क यो यता
आपको मलने वाली रा श से यादा होनी चा हए, वरना आपको कसी सरी नौकरी क
तलाश करनी होगी।
अख़बार म ऐसे ी-पु ष क कहा नयाँ भरी रहती ह, ज ह ऊँचे वेतन वाली
नौक रय से हटा दया गया था और इसके बाद उ ह मजबूरन ब त कम वेतन वाली
नौक रयाँ करनी पड़ी। ये तो सफ़ इस बात के उदाहरण ह क वहाँ कसी को उसके
कमाने क यो यता से यादा भुगतान दया जा रहा था, इस लए अब उ ह एक ऐसी नौकरी
खोजनी पड़ी, जो उनके वतमान योगदान के मू य के यादा सामंज य म हो। उनके वेतन
म ई यह कमी मनमानी, परक या गत नह है। यह तो बस जीवन क स चाई
है। हमारी अथ व था इसी तरह काम करती है। लोग को सट कता से हमेशा उतना ही
भुगतान दया जाता है, जतने के वे अपनी कमाने क यो यता के आधार पर यो य ह, न
कम न यादा।
भ व य के लए ख़ुद को सही थ त म लाने के संदभ म यहाँ एक ब त मह वपूण
नयम बताया जा रहा है: “भ व य स म लोग का है।” भ व य उन ी-पु ष का है, जो
अपने काम म ब त अ छे ह। पैट राइली ने अपनी पु तक द वनर व दन म लखा था, “
जब भी आप बेहतर बनने क को शश छोड़ दे ते ह, आपका बदतर बनना तय हो जाता है।”
इसे सरी तरह से कह, तो उ कृ दशन के त समपण से कम कोई भी चीज़ औसत
बनने क अचेतन वीकृ त है। अपने उ ोग म त पधा से ऊपर उठने के लए आपको
उ कृ होने क ज़ रत है। आज आपको अपनी नौकरी क़ायम रखने के लए ही उ कृ
होना पड़ता है।

ी ो ै औ ी
बाज़ार बड़ा ही कठोर सुपरवाइज़र है। आज उ कृ ता, गुणव ा और मू य कसी
ॉड ट या सेवा और कसी के काम के बेहद अ नवाय त व ह। आपक कमाने क
यो यता काफ़ हद तक उस उ कृ ता, गुणव ा और मू य क अनुभू त से तय होती है, जो
सर के मन म आपके और आपके काम के बारे म होती है। बाज़ार उ कृ पुर कार सफ़
उ कृ दशन के लए ही दे ता है। यह औसत दशन के लए औसत पुर कार दे ता है। यह
औसत से कमतर दशन के लए औसत से कमतर पुर कार या बेरोज़गारी दे ता है।
तमाम हड़ताल, वरोध, रै लयाँ और दशन इस स चाई को नह बदल सकते क आज
ाहक सबसे कम पैस म सबसे यादा तथा सव े चाहते ह और सव े शत पर चाहते
ह। जो और कंप नयाँ त पध दाम पर ब त उ कृ ॉड ट तथा सेवाएँ दान
करती ह, सफ़ वही बच पाएँगी। यह कसी ख़ास कंपनी या पर लागू नह होता है।
हमारी अथ व था ही इसी तरह काम करती है।
कई लोग सर जतने स म या यो य नज़र नह आते ह, ले कन इसके बावजूद उ ह
यादा तेज़ी से तर क मलती है और अपने क रयर म यादा वेतन मलता है। यह उ चत
नह दखता है। कुछ लोग आगे य नकल जाते ह, जब क उनसे यादा कड़ी मेहनत
करने वाले सरे लोग को तर क और अ त र पुर कार के लए दर कनार कर दया
जाता है
त य यह है क भारी सफलता बनने के लए सफ़ यही मह वपूण नह है क आप
अपने काम म अ छे ह , ब क यह भी मह वपूण है क अपने काम म सरे लोग आपको
अ छा मान। इंसान अनुभू त वाले ाणी ह। वे कैसे सोचते और काम करते ह, यह इस बात
से तय नह होता क उ ह या दखता है। यह तो इस बात से तय होता है क उनक
अनुभू त के हसाब से उ ह या दखता है।
य द तर क के समय आपके सहकम को आपसे यादा क़ा बल समझा जाता है, चाहे
उसके अनुभूत कारण जो भी ह , तो यह ब त संभव और काफ़ आम है क आपके
सहकम को यादा ज़ मेदा रयाँ और यादा ऊँचा वेतन मलेगा, हालाँ क आपको लगता है
क मौक़ा दए जाने पर आप उससे यादा अ छा काम कर सकते ह।
सौभा य से कई चीज़ ह, जो आप अपने को नज़र म चढ़ाने और क रयर म तर क क
ग त को बढ़ाने के लए कर सकते ह।
नज़र म यादा चढ़ाने का शु आती ब है स मता। यह तय कर क आपक नौकरी
के कौन से ह से आपके अ धकारी और आपक कंपनी के लए सबसे मह वपूण ह। इसके
बाद उन े म ब त अ छे बनने का नणय ल। पढ़, शोध कर, अ ययन कर, अ त र
कोस कर, ऑ डयो ो ाम सुन और सर क सलाह ल। आपके भ व य क कुंजी यह है
क आप जो करते ह, सरे उसम आपको ब त स म समझ और अनुभूत कर।
केवल यही अनुभू त ही आपको यादा लोग क नगाह म ले आएगी, आपक
क पना से भी यादा तेज़ी से। उ कृ दशन क अनुभू त यादा बड़ी ज़ मेदा रय ,
यादा ऊँचे वेतन, बेहतर पद और यादा अवसर के ार खोल दे गी। आप जो करते ह,

ी ो ी ी
उसम अ छा बनना आपक रणनी त क बु नयाद होनी चा हए, तभी आप यादा नगाह म
आएँगे और अपने क रयर म यादा तर क करगे।
हर जगह नयो ा कमक त ी-पु ष क तलाश कर रहे ह। उ ह ऐसे लोग क
तलाश है, जो कूद पड़ और काम को ज द से ज द अ छ तरह पूरा कर द। जब आप
स मता और ग त क त ा बना लेते ह, तो आप ब त ज द ही अपने कामकाजी प रवेश
म सभी मु य लोग क नगाह म आ जाएँगे। आप अपने क रयर म ती माग पर प ँच
जाएँगे।
आप जो करते ह, उसम उ कृ दशन अ नवाय है, ले कन यह पया त नह है। सरी
चीज़ भी उस अनुभू त म योगदान दे ती ह, जो सरे लोग क आपके बारे म होती है। इन
त व म से एक ब त मह वपूण त व है सर से पैर तक क आपक सकल छ व।
हाल ही म कमचारी ए ज़ी यू ट ज़ का सव कया गया, जसका न कष यह था क
उ मीदवार से पहली मुलाक़ात के पहले 30 सेकंड म ही उसे नयु करने या न करने का
नणय ले लया जाता है। कुछ शोध बताते ह क कसी उ मीदवार को वीकार या
अ वीकार करने का नणय दरअसल पहले चार सेकंड म ही ले लया जाता है। कई ब त
स म ी-पु ष नयु या तर क पाने से सफ़ इस लए वं चत रह जाते ह, य क वे उस
भू मका के लए उपयु नह दखते ह।
लंबे बाल और ढ ले कपड़ वाले एक युवक ने एक से मनार म पूछा क सरे लोग
उसके बाहरी लये पर इतना यादा यान य दे ते ह। उसने ज़ोर दया क लोग को
उसका मू यांकन उसके च र और उसक यो यता के आधार पर हो, न क इस आधार पर
क वह ऊपर से कैसा दखता है।
उसे यह समझाया गया क उसक कही बात मानव वभाव के व है। सच तो यह है
क हमम से हर सर का मू यांकन इस आधार पर करता है क वे बाहर से कैसे
दखते ह। जस तरह वह सर के लये से उनका मू यांकन करता है, उसी तरह वे भी
उसका मू यांकन करने क वतं ता ले लेते ह।
ले कन छ व और लये के बारे म एक और मु ा है। आपके जीवन के कई े ह,
जनके ऊपर आपका कोई नयं ण नह है और जनका आप चुनाव नह कर सकते।
ले कन आपक बाहरी पोशाक और लया जैसे त व पूरी तरह से गत पसंद या चयन
का मामला है। लोग जान-बूझकर अपने कपड़ , अपने अलंकरण और अपने पूरे लये का
चयन करते ह, ता क वे संसार के सामने यह कथन रख क वे दरअसल कस तरह के
ह। आप जस तरह बाहर दखते ह, वह इस बात का संकेत है क आप अंदर कैसे दखते ह।
अगर आपक आ म-छ व सकारा मक और पेशेवर है, तो आप अपने बाहरी लये को भी
ऐसा ही बनाने क मेहनत करगे।
आपको वैसी पोशाक पहननी चा हए, जैसी आपक कंपनी के व र लोग पहनते ह।
अपनी नौकरी या पद से दो तर ऊपर क पोशाक पहन। चूँ क लोग काफ़ हद तक आपका
मू यांकन आपके बाहर से दखने के आधार पर करते ह, इस लए अगर पूरी तरह से पेशेवर
और बाहर से अ छे दखते ह, तो लोग क अनुभू त सकारा मक और समथनकारी होगी,
ो े ी ै े े ऐ े ी े ो
जो आपके क रयर म आपक मदद कर सकती है। वे आपके लए ऐसे तरीक़ से ार खोल
दगे, जनक आप इस व त क पना भी नह कर सकते।
अपनी दशनीयता बढ़ाने और लोग क नज़र म आने का एक और बेहतरीन तरीक़ा
यह है क आप अपने कारोबार या े से जुड़े एक-दो पेशेवर संगठन से जुड़ जाएँ। ऐसे
संगठन म शा मल ह , जनके सद य से आप प रचय करना चाहते ह और जो आपके
क रयर म आपसे आगे ह ।
संगठन से जुड़ने से पहले आपको बैठक म जाकर सावधानीपूवक यह आकलन करना
चा हए क वह पेशेवर जुड़ाव आपके लए मू यवान होगा भी या नह । फर जब आपको
यक़ न हो जाए क इस संगठन के मु य लोग से प रचय होने पर आपका क रयर आगे बढ़
सकता है, तो सद यता ले ल। जब आप सद य बन जाएँ, तो उस संगठन म स य हो
जाएँ। यादातर लोग जब कसी लब या संगठन क सद यता लेते ह, तो वे नय मत
बैठक म ह सा लेने से यादा कुछ नह करते ह। उ ह लगता है क वे इतने यादा तह
क वे वै छक संगठन के काम म स यता नह दखा सकते। ले कन आप ऐसा नह
करते ह। आपका ल य एक मु य स म त को चुनना है और उस स म त म सेवा करने क
वै छक पहल करना है। पता लगाएँ क उस संगठन क ग त व धय म कौन सी स म त
सबसे भावशाली दखती है; फर उसे चुन ल। अपने समय, बु और ऊजा लगाने क
वै छक पहल कर और त हो जाएँ।
हर मी टग म ह सा ल। सावधानी से नोट् स ल। काम क पहल कर। उ ह समय पर
और उ कृ अंदाज़ म पूरा कर। आपके पास संगठन क हर ग त व ध म ग़ैर-जो खम भरे
प रवेश म अपने पेशे के सरे मु य लोग के सामने अपना नर दखाने का मौक़ा होता है।
आप उ ह यह दखा दे ते ह क आप या कर सकते ह और आप सचमुच कस तरह के
इंसान ह। आप सबसे भावी अंदाज़ म मू यवान संपक क ृंखला बढ़ाते ह। इन
स म तय म जन लोग से आपका प रचय होता है, वे अंततः आपके काम और आपके
क रयर म बेहद सहायक बन सकते ह।
आप अपनी दशनीयता बढ़ाने और लोग क नगाह म आने के लए कई और चीज़ भी
कर सकते ह, जो यादातर लोग को नह सूझती ह। मसाल के तौर पर, 105 चीफ़
ए ज़ी यू टव अफ़सर के हा लया अ ययन म यह न कष दया गया था क दो गुण कसी
को उसके क रयर म तेज़ माग पर प ँचा सकते ह। पहला गुण है ाथ मकता तय
करने क यो यता यानी दन के अनंत काम के बीच मह वपूण को ग़ैर-मह वपूण से अलग
करने क यो यता। सरा गुण है ता का लकता का अहसास यानी तेज़ी से काम करने क
क़ा ब लयत।
कई मैनेजर भी इस अ ययन क स चाई क पु करते ह। वे ऐसे कमचारी को
असाधारण मू यवान मानते ह, जो ाथ मकताएँ तय कर सकता है और काम को ज द से
पूरा कर सकता है। काम पूरा करने म ग त और व सनीयता कसी कमचारी म ब त ही
मू यवान गुण है। अगर आपका बॉस आपको कोई काम थमाकर न त हो सकता है, तो

े ँ ँ े े ो ो औ े
आप ख़ुद तेज़ माग पर प ँच जाएँगे। इसके बाद आपको मोशन और वेतनवृ मलना
लगभग तय है।
यादा दशनीय बनने और सर क नज़र म चढ़ने का एक और तरीक़ा यह है क
आप सकारा मक मान सक नज़ रया वक सत कर। लोग ज ह पसंद करते ह, उ ह के
आस-पास रहना चाहते ह और उ ह को तर क दे ना चाहते ह। ख़ुश मजाज़ी और
आशावाद का नरंतर, लगनशील नज़ रया सबका यान ख च लेता है। जब आप लोग के
त दो ताना नज़ रया रखने क को शश करते ह, तो वे आपके लए ग त के ार खोलने
क असाधारण को शश करगे।
आप अपने कामकाज से जुड़ी यो यता का लगातार नवीनीकरण करके भी अपनी
दशनीयता बढ़ा सकते ह और मह वपूण लोग क नज़र म आ सकते ह। बस, यह
सु न त कर क यह बात आपके व र अ धका रय को मालूम पड़ जाए।
अ त र कोस खोज, जनक मदद से आप अपने काम म बेहतर बन सकते ह और
अपने बॉस से इन पर चचा कर। उनसे पूछ क अगर आप उ ीण हो जाते ह, तो या वे
कोस क फ़ स भरगे। हालाँ क यह भी प कर द क अगर कंपनी फ़ स न भी दे , तब भी
आप वह कोस करने वाले ह।
अपने बॉस से पूछ क आपको कौन सी पु तक और ऑ डयो ो ाम पढ़ने या सुनने
चा हए। वे जस भी पु तक या ऑ डयो क सलाह द, तुरंत उसे पढ़ या सुन। फर बॉस को
इस बारे म फ़ डबैक द और आगे सलाह माँग। आप यह दे खकर रह जाएँगे क यह रणनी त
कतनी ज द आपको उस क नज़र म चढ़ा दे ती है, जो आपके क रयर क हर
अव था म आपक मदद कर सकता है।
बॉस उन कमचा रय से ब त भा वत होते ह, जो अपनी कंपनी म अपना मू य बढ़ाने
के लए यादा सीखने क लगातार को शश करते ह। अपने ान और यो यता का
नवीनीकरण करने से आपके क रयर क ग त क दर ब त तेज़ी से बढ़ सकती है।
संभवतः कामकाजी संसार म आपको 85 तशत सफलता अपने व और सर
के साथ भावी सं ेषण क यो यता से मलती है। यह इस बात से तय होती है क लोग
आपको कतना यादा पसंद करते ह और आपका कतना यादा स मान करते ह। आप
उनका आ म-गौरव बढ़ाने के तरीक़ क लगातार तलाश करके अपने बारे म उनक
अनुभू त काफ़ सुधार सकते ह।
जैसा केन लचड अपनी पु तक द वन मनट मैनेजर म कहते ह, “लोग को कोई चीज़
सही करते पकड़।” थोड़ी सी स ची शंसा और क़ नय मत प से करते रह। इससे लोग
आपको पसंद करगे और आपक मदद करना चाहगे। वे कभी-कभार आपके काम क
ग़ल तय को भी नज़रअंदाज़ कर दगे। ायः नकारा मक वाले इंसान के बजाय
ख़ुश मज़ाज को उसके काम म बेहतर माना जाता है।
जब आप अपने व र अ धका रय के साथ ह , तो स मान, यान और च से सुनने
क आदत डाल। आप सामने वाले क बात जतनी यादा ईमानदारी और ग़ौर से सुनते ह,

ो ी े े औ ो
वह आपको उतना ही यादा पसंद करेगा, आप पर व ास करेगा और आपको अ त र
सहायता व ज़ मेदा रयाँ भी दे गा।
सभी लीडर उ कृ ोता होते ह। यह भाव क मु य कुंजी है। अगर आप लोग को
अपनी तरफ़ करना चाहते ह, तो चकर पूछ और जवाब को ग़ौर से सुन।
अब हम इस अ याय के मु य वचार को सं ेप म बताते ह। यहाँ आपक दशनीयता
को बढ़ाने क पाँच कुं जयाँ बताई जा रही ह, ता क आप अपने क रयर म यादा सफल हो
सक और यादा तेज़ी से तर क कर सक:
सबसे पहले तो उन मह वपूण काम म उ कृ बन, ज ह करने के लए आपको
नौकरी द गई है। अपने चुने ए पेशे म उ कृ ता यादा वेतन पाने और यादा
तेज़ी से तर क पाने क पहली सीढ़ है।
सरे, भू मका के अनु प दख, काम कर और पोशाक पहन। शै लय , रंग
और कपड़ के बारे म जानकार बन। वैसी पोशाक पहन, जैसी आपक कंपनी के
व र लोग पहनते ह। कभी कसी चीज़ को नज़रअंदाज़ न कर। याद रख, छ व
के े म “लापरवाही पतन का कारण बन सकती है।”
तीसरे, कंपनी के भीतर और बाहर संपक बनाएँ। आदान- दान के नयम का
इ तेमाल कर, जो सबसे श शाली नयम म से एक है। हमेशा सर क मदद
करने के लए अपने समय और यास का नवेश करने क ताक म रह, ता क
भ व य म कसी समय सरे आपक मदद करने के लए अपना समय लगाने
और यास करने के इ छु क रह।
कसी भी समुदाय म सबसे सफल ी-पु ष वे होते ह, जो सबसे यादा
सफल लोग को जानते ह और ज ह सबसे यादा सफल लोग जानते ह। अपने
पेशेवर संगठन या लब से शु आत कर। कसी थानीय परोपकारी सं था म
शा मल ह , जसक आप परवाह करते ह और जसका संचालक मंडल भी
त त हो।
चौथे, अपनी यो यता के नवीनीकरण के लए अ त र कोस ज़ र कर
और यह सु न त कर क यह बात हर को पता चल जाए। अपने बॉस से
पु तक और ऑ डयो ो ाम के बारे म सलाह ल, फर उस सलाह पर अमल
करते ए उसे पढ़-सुन और अपनी ट प णय के साथ अपने बॉस से आगे सलाह
माँग।
जब आपका बॉस महसूस करता है क आप सीखने और वकास करने के
लए उ सुक ह, तो अ सर वह आपका मागदशक बन जाएगा और सफलता क
सीढ़ पर यादा तेज़ी से चढ़ने म आपक मदद करेगा। मागदशन क यह या
कई सफल ए ज़ी यू ट ज़ के क रयर म ब त मददगार रही है।
पाँचव, सकारा मक, ख़ुश मज़ाज और मददगार बन। इस तरह के बन,
जसे सरे लोग तर क करते दे खना चाह। सरे लोग के साथ म ता व
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दयालुता से पेश आएँ और अपने सहक मय से हमेशा अ छे श द बोल।
अं तम व ेषण म, उ कृ इंसान बनने के लए समय नकालने से आपको लोग क
नज़र म आने, अपने जीवन क गुणव ा बढ़ाने और मोशन क संभावनाएँ बेहतर करने म
इतनी मदद मलेगी, जतनी कसी सरी चीज़ से नह मल सकती। आप यह काम कर
सकते ह, बशत आप सचमुच करना चाहते ह ।
अ याय 7

आ थक से वतं बन

व बनीयजानाप चासे हएवतं कबनना जीवन म आपका एक बड़ा ल य है। आपको इतना वतं
आपको पैसे के बारे म दोबारा कभी चता न करनी पड़े । सौभा य
से आज हम एक ऐसे युग म रह रहे ह, जो समूचे मानव इ तहास का महानतम युग है।
गत ह या व ीय, आपके पास जतने यादा ल य तक प ँचने के अवसर आज
मौजूद ह, उतने कभी मौजूद नह रहे। एक लाख से यादा अलग-अलग नौकरी क े णयाँ
या अवसर के े ह। सूचना, ौ ो गक और त पधा म होने वाले व फोट के चलते
आप सफल बनने के लए जो चीज़ कर सकते ह, उनक सं या हर साल बढ़ती जा रही है।
आज हमारे समाज को चलाने वाला मु य घटक लगभग हर वसाय और उ ोग म
प रवतन क ग त है। हमारी अथ व था म होने वाला हर प रवतन सृजना मक
अ पसं यक को इतनी तेज़ ग त से आगे बढ़ने के नए अवसर और संभावनाएँ दे ता है,
जतना पहले कभी संभव नह था।
लै टन कहावत “काप दएम ” याद रख। इसका मतलब है, “जी भरके जयो ”
आपको यही करना चा हए। आपको “जी भरके जीना” चा हए आपको दोन हाथ
कोह नय तक लाकर कूद पड़ना चा हए और अपने आस-पास के हर अवसर व संभावना
का लाभ लेकर वह अ त जीवन बना लेना चा हए, जो आपके लए आज संभव है।
अपने क रयर क शु आत म या अपने क रयर के दौरान कसी भी व त आप जो
सबसे मह वपूण चीज़ करते ह, वह यह पता लगाना है क आपके चु नदा े म सबसे
सफल लोग या कर रहे ह। आपको वही चीज़ बार-बार करना है, ता क आपको भी वही
प रणाम मल। आपक सफलता चम कार नह होगी। यह संयोग भी नह होगी। इसक
उतनी ही सट क भ व यवाणी क जा सकती है, जतना क सूरज का पूव दशा म उ दत
होना और प म दशा म अ त होना।

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हम सभी के पास एक आम ल य यह होता है क हम ब त सारे पैसे कमाना चाहते ह।
आप अपने चार ओर एक व ीय कला बनाना चाहते ह, जसके भीतर आप सुर त रह।
आप ऊँची आमदनी कमाना चाहते ह, क़ज़ से बाहर नकलना चाहते ह, बक म पैसे रखना
चाहते ह और आप ख़च क चता कए बगैर अपनी इ छा को संतु करना चाहते ह।
एकमा यह है, “आप यह काम कैसे कर सकते ह ”
अ छ ख़बर यह है क आज जतने लोग व ीय वतं ता हा सल कर रहे ह, उतने
लोग ने पहले कभी नह क और वह भी इतनी तेज़ ग त से। इस व त लगभग 50 लाख
करोड़प त ह, जनम से यादातर व- न मत ह। कह न कह , कसी न कसी तरह, कोई न
कोई हर साढ़े चार मनट म नया व- न मत करोड़प त बन रहा है। व- न मत करोड़प त न
बनने वाले कई लोग लाख डॉलर क नेट वथ हा सल कर रहे ह।
यादातर करोड़प तय ने जब शु आत क थी, तो उनके पास कोई पैसा नह था। हर
ग़रीबी म शु आत करता है। वा तव म, ब त यादा पैसे से शु आत करना सफलता
और ख़ुशी के लए जतना घातक हो सकता है, उतना ब त कम पैस या शू य से शु आत
करना नह हो सकता।
हेनरी फ़ोड ने एक बार कहा था, “आप कहते ह क मने लगभग शू य से शु आत क
थी, ले कन यह सही नह है। हम सभी वह से शु आत करते ह, जो हमारे पास होता है।”
आप और म वह से शु आत करते ह, जो हमारे पास होता है। हम असी मत अवसर
और संभावना के साथ जीना शु करते ह, जो सभी दशा म फैली ई ह। बस इतना
याद रख, अवसर मेहनत क पोशाक म आते ह। वे कड़ी मेहनत के वेश म आते ह। कोई भी
आपको यूँ ही कुछ नह दे दे ता है। आपको सट कता से नणय लेना होता है क आप या
चाहते ह, इसे लखना होता है, और फर बाहर जाकर इसे ख़ुद हा सल करना होता है।
अ छ ख़बर यह है क अगर आप ऐसा करने का नणय ले लेते ह, तो कोई चीज़ आपको
नह रोक सकती।
आप यह कैसे समझ सकते ह क कसी के ल य या ह इसका तरीक़ा आसान
है। बस, यह दे ख क वे या करते ह। आप हमेशा वही चीज़ करते ह, जो आपक सबसे
अंद नी इ छा और व ास के सामंज य म होती ह। आप या कहते ह या या चाहते
ह या या इरादा रखते ह, यह मायने नह रखता है। मायने तो यह रखता है क आप हर
दन, हर घंटे या करते ह, य क इसी से आपको और संसार को यह पता चलता है क
आप सचमुच या चाहते ह।
व ीय वतं ता हा सल करना आपका एक गहरा और मनचाहा ल य होना चा हए।
आपको इस ल य को अपने ल य क सूची म ऊपर रखना चा हए। आपको हर दन इसके
बारे म सोचना चा हए और हर दन इस पर काम करना चा हए, जब तक क आप इसे
हा सल न कर ल। य द आप व ीय वतं ता को शीष ाथ मकता नह बनाते ह, तो आप
इसे कभी हा सल नह कर पाएँगे। आपका अंत यादातर लोग जैसा होगा, जो सामा जक
सुर ा पर नभर रहते ह या ज ह 65 क उ के बाद भी काम करने क ज़ रत होती है,
य क उ ह ने पया त पैसा नह बचाया है।
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लगभग 70 फ़ सद वय क के पास कोई ऐसी आमदनी नह होती है, जसे वे अपने
ववेक के अनुसार ख़च कर सक। इसका मतलब है क हर वेतन वाले दन वे जतना कमाते
ह, वह 100 फ़ सद ख़च कर दे ते ह और उनके पास कुछ भी नह बच पाता है। उनक
हालत इससे और भी बदतर होती है, य क े डट काड क़ज़ क वजह से उनका ख़च
आमदनी से यादा होता है। आम आदमी अपनी आमदनी का लगभग 110 तशत ख़च
करता जाता है, जब तक क ताश के प का यह महल ढह नह जाता। कुछ समय पहले
14 लाख अमे र कय ने ख़ुद को दवा लया घो षत करके अपना क़ज़ मटाया था और
अपने व ीय जीवन को 10 साल के लए बबाद कया था। इसका मूल कारण यह था क
उ ह ने े डट काड पर ब त सारी ख़रीदारी कर ली थी।
आपका शु आती ल य व ीय से वतं होना है। आपका ल य यह है क आप
अपने सारे क़ज़ उतार द और इतना पैसा इक ा कर ल क आपको पैसे के बारे म दोबारा
कभी चता न करनी पड़े । इस अ याय म आपको कुछ ऐसे वचार मलगे, जनका आप
इ तेमाल कर सकते ह और जनका इ तेमाल करके सबसे सफल ी-पु ष ने व ीय
वतं ता हा सल क है।
आज जो लोग व ीय से वतं ह, उनम से 90 तशत लोग ने कम पैस , शू य
या गहरे क़ज़ म शु आत क थी। ले कन उ ह ने अपनी कामकाजी आदत बदल , ख़च क
आदत बदल , बचत क आदत बदल और आगे जाकर वे अपने समुदाय के सबसे सफल
लोग बने। अगर वे यह कर सकते ह, तो आप भी कर सकते ह।
बचत, बीमा और नवेश व ीय नयोजन क तपाई के तीन पाये ह। बु नयाद नयम
यह है क आपको दो से छह महीने के ख़च क रा श बेहद वाही प म अलग रखना
चा हए, ता क ज़ रत पड़ने पर इसे तुरंत नकाला जा सके। आपको नुक़सान, घटना,
दे नदारी, जीवन क त और वा य सम या के ख़लाफ़ सावधानी से बीमा कराने क
ज़ रत है। जन लोग के पास पया त बीमा नह है, वे अपने भ व य के साथ ख़तरनाक
जुआ खेल रहे ह।
जब आप बचत और बीमे से ख़ुद को सुर त कर ल, तो आपको नवेश करना चा हए।
एक ही जगह पर सारे पैसे का नवेश करने के बजाय आपको अपना नवेश शेयर , बॉ ड,
ज़मीन-जायदाद और आदश प से अपने ख़ुद के वसाय म उ चत प से बाँटना
चा हए। बचत, बीमा और नवेश - इन तीन क कुंजी यह है क आप पर कोई क़ज़ न हो
और य द हो, तो आप ज द से ज द क़ज़ से बाहर नकल जाएँ।
व ीय सफलता का एक आसान फ़ॉमूला है। यह हमेशा वही रहा है। युग बदलते रहे
ह, ले कन यह फ़ॉमूला कभी नह बदला। यह फ़ॉमूला इस तरह है: “आप जतना कमाते ह,
उससे कम ख़च कर और बाक़ पैसे को बचा ल या उसका नवेश कर।” अगर आप अपनी
आमदनी से कम म जीने क आदत डाल सक और बचे ए पैसे को सावधानी से सुर त
रख सक, तो आपका व ीय भ व य काफ़ हद तक सुर त हो जाता है। बहरहाल, यह
आसान नह है।

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पा क सन का नयम कहता है, “ख़च हमेशा आमदनी क बराबरी पर आने के लए बढ़
जाते ह।”
इसका अथ है क आप चाहे जतना कमाते ह , अगर आप सावधान और अनुशा सत
नह ह, तो आप अंततः उस पूरी रा श को और संभवतः उससे थोड़ा यादा ख़च कर लगे।
भले ही आपक आमदनी गुनी या तगुनी हो गई हो, जो शायद आपक पहली नौकरी के
वेतन से सचमुच हो गई होगी, ले कन इससे कोई मदद नह मलेगी। य द आप हर समय इस
पर यान नह दगे, तो नए ख़च सामने आ जाएँगे और आपके कमाए हर पैसे को नगल
लगे। यही नह , वे उधार मल सकने वाले पैस को भी नगल लगे।
व ीय से वतं बनने के लए आपको अपनी आमदनी से कम पर जीना शु
करना चा हए। कई लोग कहते ह क वे ऐसा नह कर सकते, य क वे गहरे क़ज़ म ह और
इससे कम म वे ज़दा ही नह रह सकते। दे खए, आपक सफलता क एक ब त मह वपूण
गारंट है, “द घकालीन कोण।” द घकालीन कोण रख। ख़ुद के और अपने व ीय
भ व य के त द घकालीन नज़ रया वक सत कर। इस संदभ म सोच क आप पाँच या
दस साल म व ीय से कहाँ प ँचना चाहते ह। यह द घकालीन कोण आपके
नणय को बेहतर बनाएगा और ख़च क वतमान आदत को भी बेहतर बनाएगा।
जॉज लासन क पु तक द रचे ट मैन इन बै बलॉन म व ीय वतं ता के शु आती
ब का वणन इस नयम के प म कया गया है: “ख़ुद को सबसे पहले भुगतान द।”
लासन कहते ह, “आप जो कमाते ह, उसका एक ह सा अपने पास रख।” यह
स ांत इतना श शाली है क अगर आप ज़दगी भर अपने हर वेतन क सकल आमदनी
का सफ़ दस तशत ही बचाते ह, तो भी आप व ीय से वतं बन जाएँगे। जब आप
20 साल क उ से नौकरी शु करते ह, वा तव म अगर आप तभी से सफ़ 100 डॉलर
त माह बचाने लग और 65 साल क उ म सेवा नवृ होने तक यह काम करते रह और
यह पैसा 10 फ़ सद सालाना च वृ याज दर से बढ़ता रहे, तो सेवा नवृ पर आपके
पास 11 लाख डॉलर से यादा ह गे। आपके पास जो सामा जक सुर ा, पशन और बाक़
बचत होगी, उसे इसम शा मल नह कया गया है।
“वन हं े ड म लयन म लयनेअस” नामक अ ययन म लेखक और अथशा ी इस
नतीजे पर प ँचे क हर वय क करोड़प त बन सकता है। शत बस यह है क वह ज द
शु कर दे और लगन से बचत करे। चूँ क व ीय वतं ता हा सल करना लाख -करोड़
लोग के लए संभव है, इस लए यह आपके लए भी संभव है।
बस क पना कर: अगर आप हर साल सफ़ 25 हज़ार डॉलर कमाएँ, ले कन उसका
10 तशत यानी 2,500 डॉलर बचा ल, 200 डॉलर त माह से थोड़ा यादा, तो आप
करोड़प त बन जाएँगे, बशत आप पया त ज द शु कर द और लगन से बचाएँ। इससे
आपके सुखद व ीय भ व य क लगभग गारंट हो जाती है।
हर दौलतमंद य नह बन पाता है यादातर अथशा ी और मनोवै ा नक
मानते ह क संतु म वलंब करना व ीय सफलता क कुंजी है। व ीय सम या का
कारण है तुरंत संतु क आव यकता। जन लोग म इतना अनुशासन नह होता क वे
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अपनी सारी आमदनी और उससे थोड़े यादा को ख़च करने से ख़ुद को रोक ल, उनका कोई
व ीय भ व य नह होता। वे वेतन के ग़लाम बन जाते ह, नौकरी और बल के जाल म
फँसे रहते ह, ज़दगी भर पैसे के बारे म सोचते और चता करते रहते ह। आप न त प
से ऐसा नह करना चाहगे।
आपका द घकालीन ल य यह होना चा हए क आप वेतन के हर चेक का 20-30
तशत ह सा बचाएँ और सावधानी से कई वष के लए नवेश कर। ज़ा हर है, यादातर
लोग के लए कम से कम शु आत म यह असंभव होता है। वे क़ज़ म ब त गहरे डू बे होते
ह। उनके न त ख़च होते ह और ख़च क ऐसी आदत होती ह, जनके चलते वे अपनी
आमदनी के 100 तशत ह से या उससे यादा को भी ख़च कर दे ते ह।
यहाँ पर आपके लए एक फ़ॉमूला है। आज ही तय कर क आप अगले कुछ वष म
क़ज़ से बाहर नकलगे और व ीय वतं ता हा सल करगे। यह नणय लेना और इस ल य
पर यान क त करना आपक व ीय सफलता का शु आती ब है। पुरानी कहावत याद
रख, “आप जो कर रहे ह, उसे आप जतना यादा करते ह, तो आपको जो मल रहा है,
वह भी उतना ही यादा मलेगा।”
आप अपनी सकल आमदनी का सफ़ 1 तशत बचाने का संक प लेकर अपने
व ीय कले को बनाना शु कर सकते ह। आइए, यह मान ल क आप हर महीने 2,000
डॉलर कमाते ह। 2,000 डॉलर का एक तशत 20 डॉलर होता है। आप हर महीने 20
डॉलर बचाने का संक प लेते ह। 20 डॉलर त माह का मतलब है हर दन लगभग 67
सट। आप एक ड बा या जार रख लेते ह और हर दन उसम 67 सट डालते ह। पहले माह
के ख़ म होने पर आप थानीय बक जाकर एक वशेष व ीय अभे बक खाता खोल लेते
ह। इसम आप अपनी बचत के 20 डॉलर जमा कर दे ते ह। आपने व ीय वतं ता क
या ा शु कर द है।
आप हर दन 67 सट बचाते ह। हर महीने आप इसे बक म जमा करते ह। एक बार जब
आप बचत खाते म पैसे जमा कर दे ते ह, तो आप इसे कसी भी कारण से कभी नह छू ते ह।
यह बचत वैकेशन, नई कार या मोटर होम के लए नह है। यह आपका दौलत खाता है। इसे
आपको कसी भी कारण से कभी नह छू ना चा हए।
कुछ ही महीन के भीतर आपके साथ कोई उ लेखनीय चीज़ होने लगेगी। ख़ुद के और
पैसे के त आपका नज़ रया बदल जाएगा। हालाँ क आपके पास बक म सफ़ कुछ डॉलर
जमा ह गे, ले कन फर भी आप यादा श शाली और आ म व ासी महसूस करगे। आप
पाएँगे क आप यादा बु मान बन रहे ह और अपने सरे ख़च के मामले म समझदारी
दखा रहे ह। आप यादा कठोरता से बजट का पालन करते ह और अनाव यक ख़च पर
सवाल करते ह।
ले कन सबसे अ छ ख़बर यह है क यह व ीय सं ह खाता भरता जाएगा। आमदनी
क छोट -छोट अनपे त धन क धाराएँ आपक ओर आने लगगी, ज ह आप इस खाते म
तुरंत डाल सकते ह। नतीजा यह होगा क हर महीने 20 डॉलर से बढ़ने के बजाय पहले
साल के अंत म इसम शायद 500 डॉलर से यादा हो जाएँगे। सरे साल के अंत म 1,500
ॉ े ो े ॉ ी ी े ौ े े
डॉलर से यादा हो सकते ह, शायद 2,000 डॉलर भी। तीसरे या चौथे साल के अंत म आप
कई हज़ार डॉलर बचा लगे, क़ज़ से बाहर नकल जाएँगे और अपनी ख़ुद क नया के
वामी ह गे। जब आप अपनी एक तशत आमदनी आराम से बचाने लग और बची ई 99
तशत आमदनी पर जीवनयापन करने म कामयाब हो जाएँ, तो फर अपनी बचत क दर
को बढ़ाकर 2 तशत कर ल।
आप अपने जीवन को इस तरह व थत करते ह, ता क आप बची ई 98 तशत
आमदनी पर आरामदे ह तरीक़े से जीवनयापन कर ल। जब आप इस तर पर आरामदे ह हो
जाते ह, तो आप अपनी बचत दर को बढ़ाकर तीन तशत और फर चार तशत कर लेते
ह और अंततः इसे 10-20 तशत तक बढ़ा लेते ह। तीन साल के भीतर आप पाएँगे क
आप अपनी 75 तशत आमदनी पर काफ़ आराम से जीवनयापन कर रहे ह और बाक़
पैसा बचा रहे ह।
इस दौरान आपक आमदनी बढ़ रही होगी। व ीय से यादा ज़ मेदार बनने पर
आप यादा ती ग त से अपने े म सीखते ह और वकास करते ह। आप संक प लेते ह
क जीवन म आपको जतनी भी वेतनवृ मलेगी, आप उसका 50 तशत बचाएँगे।
आप बाक़ 50 तशत को ख़च करके उसका आनंद ले सकते ह, ले कन आप अपनी बढ़
ई आधी आमदनी को बचत खाते म डाल दे ते ह। इससे व ीय वतं ता क दशा म
आपक ग त इतनी तेज़ हो जाएगी क आप उसक क पना भी नह कर सकते।
जब आप बचाने और नवेश करने के बारे म यादा से यादा गंभीर बन जाते ह, तो
आपके व ीय जीवन का बाक़ हर ह सा भी बेहतर हो जाएगा। आपम यादा इ छा
श और चा र क श आ जाएगी। आप यादा श शाली बन जाएँगे। आप यादा
आ म व ासी बन जाएँगे और आ म-गौरव के यादा ऊँचे तर का आनंद लगे। आप क़ज़
से मु हो जाएँगे और आ थक चता से र हत ह गे। आप काम के अपने चुने ए े म
बेहतर दशन करगे। कुछ ही वष म आप उन शीष पाँच तशत लोग म से एक बन
जाएँगे, जो अपने कामकाजी जीवन के दौरान ही व ीय वतं ता हा सल कर लेते ह।
यहाँ रणनी तय क ृंखला बताई जा रही है, जसका इ तेमाल करके आप नौकरी म
अपनी आमदनी बढ़ा सकते ह। कई हज़ार व- न मत करोड़प तय का सा ा कार लया
गया और बरस तक उनका ापक अ ययन करके यह पता लगाया गया क वे शू य से
व ीय वतं ता तक कैसे प ँचे। हम अब इस वषय के बारे म इतना जानते ह, जतना
पहले कभी कसी युग म नह जाना गया।
व- न मत करोड़प तय म एक गुण शु आती उ से नज़र आता है। वह गुण यह है क
वे ब त कड़ी मेहनत करते ह। वे आम आदमी से यादा कड़ी मेहनत करते ह। वे थोड़ी
ज द शु करते ह। वे थोड़ी यादा कड़ी मेहनत करते ह। वे थोड़ी यादा दे र तक काम
करते ह।
न सफ़ वे यादा कड़ी मेहनत करते ह, ब क यादा चतुराई से भी करते ह। वे अपने
ान और यो यता को लगातार उ त करते जाते ह, जससे उनके काम क गुणव ा और
मू य म हर स ताह और हर महीने वृ होती चली जाती है। चूँ क वे ब त मू यवान
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योगदान दे रहे ह, इस लए उनक कंपनी उ ह यादा वेतन दे ती है, ता क वे उसे छोड़कर
सरी जगह न चले जाएँ। फर उनके पास बचत करने के लए यादा पैसे आ जाते ह और
वे उसे बचाकर अपने व ीय कले को मज़बूत बनाते ह।
आप जो करते ह, आपको हमेशा उसके मू य और मह व के सीधे अनुपात म ही
भुगतान मलेगा। 80/20 का नयम आपके काम के सभी पहलु पर लागू होता है।
आपके 20 तशत काम 80 तशत मू य का योगदान दगे। आपका ल य यह होना
चा हए क आप अपनी शीष 20 तशत ग त व धय पर दन भर एका रह, ता क आपके
नयो ा के लए आपका मू य बढ़ सके।
ग त व धय के बजाय प रणाम पर यान क त कर। आप हर घंटे, हर दन जो करते
ह, उस हर काम क सूची बनाकर बॉस को दखाएँ। बॉस से कह क वे इस सूची को
ाथ मकता के म म इस आधार पर जमा द क वे कस चीज़ को कंपनी के त आपका
सबसे मह वपूण योगदान मानते ह।
एक बार जब बॉस आपक सूची को ाथ मकता के म म जमा द, तो इसके बाद आप
बॉस क सव च ाथ मकता पर उ कृ काम करने पर अपनी सारी ऊजाएँ क त कर
ल।
यहाँ एक मह वपूण ब है। कसी कम मह वपूण ग त व ध को आप चाहे जतने
उ कृ और समयब तरीक़े से कर, उससे आपको कोई मदद नह मलेगी। इससे आपके
क रयर म कोई सफलता नह मलेगी। ले कन अगर आप उन एक-दो चीज़ पर बेहतरीन
काम करते ह, जो बाक़ हर चीज़ से यादा मह वपूण ह, तो आप अपनी क पना से भी
यादा तेज़ी से आगे बढ़ सकते ह।
ख़ुद से पूछते रह, “वह कौन सी एक यो यता है, जसे य द म उ कृ ता से वक सत
कर लूँ, तो उसका मेरे क रयर पर सबसे यादा सकारा मक असर होगा ”
आज कारोबारी सफलता का सू वा य है, “मू य बढ़ाओ।” आपको हर दन अपना
मू य बढ़ाने के तरीक़ क तलाश करनी चा हए। आप जो करते ह, उसे यादा अ छ तरह
और यादा तेज़ी से करने के तरीक़ क तलाश कर। आपको लगातार सीखना चा हए और
अपनी यो यता का नवीनीकरण करना चा हए, ता क आप अपने काम म और भी यादा
मू यवान योगदान दे सक। यह लगभग असंभव है क लंबे समय तक कड़ी मेहनत करते
रहने और यादा मू यवान योगदान दे ते रहने के बावजूद आपको तर क और यादा
भुगतान न मले।
आपक सबसे मू यवान संप या है संप वह चीज़ है, जो कैश लो दे ती है, जैसे:
बॉ ड या आमदनी दे ने वाली जायदाद। आपक सबसे मू यवान संप है आपक “कमाने
क यो यता।”
आपक सबसे मू यवान संप पैसे कमाने क आपक यो यता है। अपने संसार पर
अपने म त क का इ तेमाल करके आप हर साल अपने जीवन म लाख डॉलर उ प कर
सकते ह।

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आपका सबसे क़ मती संसाधन या है आपका सबसे क़ मती संसाधन है समय। हम
सभी जीवन म ब त कम पैस और ब त सारे समय के साथ शु आत करते ह। फर हम
ज़दगी भर सौदे करते रहते ह। हम पैसे क ख़ा तर अपना समय बेचते ह, जसे हम फर
जीवनशैली और आ थक सफलता म बदल लेते ह। कसी भी समय आप अपनी वतमान
जीवनशैली व बचत का मू यांकन करके यह तय कर सकते ह क बीते बरस म आपने
कतनी अ छ सौदे बाज़ी क है।
आपके समय का सव े नवेश या है यह आपक कमाने क यो यता को बढ़ाना
है
यू यॉक के एक अ ययन म कई वशेष से सलाह माँगी गई क अगर एक ने
अपने काम से 1,00,000 डॉलर इक े कए ह, तो उनके नवेश का सबसे अ छा तरीक़ा
या होना चा हए। सबसे अ छा जवाब यह मला क उस को 1,00,000 डॉलर का
नवेश उस काम म बेहतर बनने म करना चा हए, जसे करके उसने वे 1,00,000 डॉलर
कमाए थे। इससे उस क उ कृ ता बढ़े गी और वशेष ता के े म उसका बेहतर
दशन कसी सरी चीज़ क तुलना म यादा ऊँचा तफल दे गा।
समय बचाने क सबसे महान तकनीक म से एक यह है क आप जो भी सबसे
मह वपूण चीज़ करते ह, उनम बेहतर बन। इससे आपक आमदनी कमाने क यो यता म
जतना यादा मुनाफ़ा मलेगा, उतना कसी सरी चीज़ से नह मल सकता।
यहाँ ऊँची आमदनी और व ीय वतं ता का नयम है: अपनी 3 तशत आमदनी का
नवेश ख़ुद म कर और जीवन भर करते रह। आप अपने सबसे क़ मती संसाधन ह, आप
अपनी सबसे मू यवान संप ह और अपने गत सेवा कॉरपोरेशन के अ य ह। जो
भी कंपनी शोध और वकास म, ॉड ट् स व या के नवीनीकरण म नरंतर नवेश
नह करती है, वह ज द ही कारोबार से बाहर हो जाएगी। यही स ांत आप पर भी लागू
होता है।
य द आप लगातार ख़ुद म नवेश नह कर रहे ह, अपने ान और यो यता का
नवीनीकरण नह कर रहे ह, अपने सबसे मह वपूण काम म बेहतर और यादा कायकुशल
नह बन रहे ह, तो आप दरअसल पछड़ रहे ह। य द आप बेहतर नह बन रहे ह, तो आप
बदतर बन रहे ह। ती प रवतन के संसार म कोई भी एक ही जगह पर ठहरा नह रहता है।
आपक कंपनी चाहे आपके लए श ण योजना चलाती हो या न चलाती हो,
आपको ख़ुद के लए एक वशेष श ण योजना बनानी चा हए। अपनी तक़द र के लए
ज़ मेदार आप ह; यह ज़ मेदारी कसी सरे को न स प। यह नणय ल क आप कहाँ
प ँचना चाहते ह और वहाँ प ँचने के लए आपको या सीखना है। फर हर दन इस दशा
म काम करते रह।
यहाँ सात ब का एक फ़ॉमूला दया जा रहा है, जसका इ तेमाल करके आप आने
वाले वष म अपनी आमदनी गुनी या तगुनी कर सकते ह। यह फ़ॉमूला सफलता के सभी
स ांत म अ वल है। इसे सं ह का नयम कहा जाता है। यह नयम कहता है क हर

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महान उपल ध सैकड़ -हज़ार छोट -छोट को शश का महायोग है, ज ह कभी कसी ने
नह दे खा, जनक कभी कसी ने शंसा नह क ।
इस नयम का एक सरा प है, जसे मशः बेहतरी का नयम कहा जाता है। यह
नयम कहता है क हर थोड़ा-थोड़ा करके मशः बेहतर बनता है। यह बेहतरी इतनी
छोट है क दखाई नह दे ती है, जस तरह बफ़ का गोला कसी ढाल पर लुढ़कते समय
बड़ा होता जाता है। आम तौर पर आपको अ ययन करने और ख़ुद पर मेहनत करने म कई
स ताह, महीने और वष लग जाते ह, तब कह जाकर आप अपने े म महारत हा सल
कर पाते ह। बेहतरी इतनी सू मता से होती है क आपको पता ही नह चलता है क आप
कतने बेहतर बन रहे ह। ले कन अंततः आपको प रणाम मलगे - एक अ त जीवन, एक
ज़बद त क रयर और आपके आस-पास के सभी लोग का स मान व शंसा।
यह सात ह स का फ़ॉमूला इस त य पर आधा रत है क आप अपनी उ पादकता,
दशन और आउटपुट हर स ताह आधा तशत बढ़ा सकते ह। यह आधा तशत सुधार
हर दन बेहतर ाथ मकताएँ तय करने जतनी छोट चीज़ से हा सल कया जा सकता है।
अगर आप अपनी उ पादकता, दशन और आउटपुट हर स ताह आधा तशत बेहतर बना
ल और लगातार चार स ताह तक ऐसा कर ल, तो आप शु आती ब से 2 तशत यादा
उ पादक बन जाएँगे। या यह संभव है ज़ा हर है, यह है
हर महीने दो तशत क बेहतरी का मतलब है हर साल लगभग 26 तशत बेहतर
बनना। कसी बड़ी फ़ै के लए शायद यह संभव नह है क वह अपना आउटपुट हर
साल 26 तशत बढ़ा ले, ले कन इंसान सफ़ चंद दन म ही अपने आउटपुट को 26
तशत तक बढ़ा सकता है, बशत वह सचमुच ऐसा चाहता हो या उसे इसक ज़ रत हो।
इस फ़ॉमूले का इ तेमाल करके आप पहले साल के अंत म 26 तशत यादा उ पादक बन
जाएँगे। आपक बढ़ ई उ पादकता आपक आमदनी म भी त ब बत होगी। आपका
जीवन तर बेहतर हो जाएगा। आपका बक अकाउंट थोड़ा यादा भर जाएगा। आप जो
कपड़े पहनते ह और जन रे तराँ म जाते ह, वे थोड़े यादा अ छे हो जाएँगे। अपने
जीवन और काम के मामले म आप यादा आ म व ासी और ख़ुश महसूस करगे।
पूरे एक साल तक हर दन लगातार बेहतर बनकर आप एक न त ग त हा सल कर
लगे। यह ग त आपको आगे बढ़ाती रहेगी। इससे आप सरे साल भी अपनी उ पादकता,
दशन और आउटपुट को हर स ताह आधा तशत, हर महीने दो तशत, हर साल 26
तशत बढ़ाने म स म ह गे। दशन और आमदनी म इसी तरह क बेहतरी आप तीसरे
साल, चौथे साल, पाँचव साल और आगे भी दोहरा सकते ह। हर साल 26 तशत बेहतर
करने पर च वृ के हसाब से आपक आमदनी तीन साल म गुनी हो जाएगी, पाँच साल
म तीन गुनी हो जाएगी और दस साल म दस गुनी हो जाएगी।
यहाँ पर सात ह स का फ़ॉमूला है। इसके काम करने क गारंट है, बशत आप इस पर
काम कर:

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पहला क़दम: आपको जतने बजे ऑ फ़स म या अपने पहले अपॉइंटमट पर जाना हो,
उसके दो घंटे पहले सोकर उठ और पहले घंटे का नवेश ख़ुद म कर। कोई ेरक,
उ साहवधक या शै णक चीज़ कर। इसे “ व णम घंटा” कहा जाता है। सुबह का पहला
घंटा दन का आधार होता है। इस घंटे म आप जो करते ह, उसी से बाद म होने वाली हर
चीज़ क संभावना तय होती है।
अगर आप हर सुबह एक घंटे पढ़ते ह, तो इसका अथ है हर स ताह लगभग एक
पु तक। इस तरह आप साल भर म कुल मलाकर 50 पु तक पढ़ लगे या अगले दस साल
म 500 पु तक पढ़ लगे। आज के संसार म आम वय क हर साल एक पु तक भी नह
पढ़ता है, इस लए हर दन एक घंटे तक पढ़ने से आप अपनी उ पादकता, दशन और
आउटपुट को हर स ताह आधा तशत लगातार बढ़ाने म स म हो जाएँगे। पढ़ने का यह
काम ही अगले दस साल म आपको हज़ार तशत वृ दे सकता है। पढ़ना म त क के
लए वैसा ही है, जैसे शरीर के लए ायाम।
सरा क़दम: हर दन अपने मुख ल य दोबारा लख और उनक समी ा कर। उ ह
दोबारा लखते समय इस बारे म सोच क आने वाले घंट म उ ह हा सल करने के लए आप
या कर सकते ह। दोबारा लखने और समी ा करने के इस अ यास म आपको पाँच-दस
मनट लगगे। इस काम के लए आप एक पाइरल नोटबुक का इ तेमाल कर सकते ह। यह
बेहद श शाली है।
काम शु करने से पहले अपने ल य को लखने और दोबारा लखने के काय से और
हर सुबह उनके बारे म सोचने से वे आपके अवचेतन मन म यादा गहराई तक ो ाम हो
जाते ह। यह अ यास आपके अवचेतन और अ त चेतन मन को ल य हा सल करने के लए
स य कर दे ता है। आप अपने जीवन म सभी तरह के लोग और अवसर को आक षत
करने लगगे, जो उन ल य को हा सल करने म आपक मदद करगे।
हर दन अपने ल य को लखने और दोबारा लखने का यह काय ही आपक
उ पादकता, दशन और आउटपुट को हर स ताह आधा तशत, हर महीने दो तशत, हर
साल छ बीस तशत बढ़ा दे गा, भले ही आप कोई सरी चीज़ न कर।
तीसरा क़दम: हर दन क योजना पहले से बना ल। यह योजना बनाने का सबसे अ छा
समय एक रात पहले है। हर उस चीज़ क सूची लख ल, जो आपको अगले दन करनी है
और फर उस सूची को ाथ मकता के म म जमा ल। कौन सा काम यादा मह वपूण है
और कौन सा कम मह वपूण है। वह पहली चीज़ या है, जससे आपको शु आत करनी
चा हए और वे चीज़ कौन सी ह, जो आप बाद म भी कर सकते ह अगर आप अपनी सूची
का सफ़ एक ही काम कर सक, तो वह कौन सा होगा
हर दन पहले से योजना बनाने का यह काय आपको अपने हर काम म यादा एका
और भावी बना दे गा। सूची से काम करने पर आपको आ म नयं ण और गत श
का यादा भारी अहसास मलेगा। अगर आपने अब तक सूची बनाकर काम नह कया है,
तो आपक उ पादकता, दशन और आउटपुट पहले ही दन 25 तशत बढ़ जाएगा।
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चौथा क़दम: एका मान सकता से हर दन, हर घंटे अपने समय के सबसे मू यवान
उपयोग पर यान क त कर। एका ता का स ांत भारी सफलता के लए बलकुल
अ नवाय है। आप ल य- नधारण और नयोजन के संदभ म जो कुछ करते ह, लगभग हर
चीज़ का ल य यही तय करना है क वे एक-दो चीज़ कौन सी ह, जन पर आपको बाक़
चीज़ से यादा यान क त करना चा हए।
जीवन म हर महान उपल ध से पहले एका मान सकता का दौर आता है, जो लगातार
ह त , महीन और वष तक चलता है। अपने सबसे मह वपूण काम पर यान क त करने
क आपक यो यता आपक सफलता सु न त करने के लए इतना यादा करेगी, जतना
शायद कोई सरी यो यता या आदत नह कर सकती।
पाँचवाँ क़दम: अपनी कार म या ा करते व त ऑ डयो ो ाम सुन। सामा य हर
साल अपनी कार म टय रग हील के पीछे 500 से 1,000 घंटे तक बैठता है। अपनी कार
को चलती- फरती यु नव सट बनाकर और “सीखने वाली मशीन” बनाकर आप अपने पेशे
के सबसे यादा श त, सबसे यादा ानी और सबसे यो य य म से एक बन सकते
ह।
मने इतने वष म हज़ार ऐसे लोग के साथ काम कया है, जो कार चलाते व त
लगातार ऑ डयो ो ाम सुनकर शू य से शखर तक प ँच चुके ह। ऑ डयो ो ाम सुनने
का काम अकेला ही हर स ताह आधा तशत क वृ दे सकता है और समय के साथ
इससे भी यादा। ऑ डयो से सीखकर आप अमीर बन सकते ह। अपने जीवन क दशा
बदलने के लए आपको सफ़ एक अ छे वचार क ही ज़ रत होती है।
छठा क़दम: हर मी टग और जीवन क हर मह वपूण घटना के बाद दो पूछ। पहला
यह है, “मने या सही कया ” और सरा है, “अगली बार म या अलग
क ँ गा ”
ये “जा ई ” ह। अगर आप हर मी टग, हर से स कॉल, हर तु त के तुरंत बाद
अपने दशन क समी ा इन दो से करते ह, “मने या सही कया ” और “अगली
बार म या अलग क ँ गा ” तो इतनी तेज़ी से बेहतर बनगे क आपने उसक क पना भी
नह क होगी।
इन दोन के उ र सकारा मक, सृजना मक और आगे बढ़ाने वाले होते ह।
इसी लए वे इतने श शाली ह। आपने या सही कया और आप अगली बार या अलग
करगे, इसक समी ा करके आप अगली बार और भी बेहतर दशन के लए अपने
म त क क ो ा मग कर लेते ह।
आपने या सही कया और आप अगली बार या अलग करगे, जब आप कसी कॉल
या तु त के ठ क बाद इन दोन के व तृत जवाब लखने म कुछ समय लगाते ह, तो आप
उस अनुभव से सीखी हर चीज़ को पकड़ लेते ह। सतत समी ा और मू यांकन क यह
या उस ग त को दो-तीन गुना बढ़ा सकती है, जससे आप अपने काम म सीखते और
बेहतर बनते ह।
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सातवाँ क़दम: आप जससे भी मल, हर एक के साथ म लयन डॉलर ाहक जैसा
वहार कर। घर पर और ऑ फ़स म हर से ऐसा वहार कर, मानो वे संसार के
सबसे मह वपूण ह । चूँ क हर को यह व ास होता है क वह संसार म सबसे
मह वपूण है, इस लए जब आप उसके साथ ऐसा वहार करते ह, तो वह आपक
मा यता और वीकृ त क इतनी क़ करेगा, जतनी आप क पना भी नह कर सकते।
साइकल कैसे चलाना है, कार कैसे चलाना है, टाइपराइटर पर टाइप कैसे करना है या
कसी भी यां क यो यता का दशन कैसे करना है, इसे सीखने म थोड़ा समय लगता है।
सात ब के इस फ़ॉमूले का उपयोग और अ यास करना सीखने म भी थोड़ा समय
लगता है। ले कन इससे मलने वाले प रणाम आपके यास के अनुपात म ब त यादा
ह गे। जब आप सात क़दम के इस फ़ॉमूले का अ यास करते ह, तो आपका जीवन, आपका
कामकाज, आपक आमदनी और आपक दौलत का तर इतनी तेज़ी से बेहतर बनने लगेगा
क आप हैरान रह जाएँगे।
सबसे अ छ ख़बर यह है क आप जीवन म या कर सकते ह, बन सकते ह या पा
सकते ह, इसक कोई सीमा नह है। सफ़ वही सीमाएँ ह, जो आप अपनी ख़ुद क क पना
पर लगाते ह। आप संसार म कसी सरे जतने ही अ छे , चतुर और स म ह। कसी सरे
ने जो भी कया है, उसे आप भी कर सकते ह। आज अलग-अलग े म इतने सारे लोग
सफल हो रहे ह, यह त य इस बात का माण है क आप जस भी काम म ख़ुद को सम पत
कर दे ते ह, उसम भारी सफलता पा सकते ह।
व ीय सं ह और व ीय वतं ता के प , व श , ल खत ल य बनाकर और फर
उ ह हा सल करने क योजना बनाकर आप दे व त के समूह म प ँच जाएँगे। जब आप
एक तरफ़ यह संक प लेते ह क आप अपने काम म बेहतर बनगे और सरी तरफ़ यह
नणय लेते ह क आप अपनी आमदनी का यादा से यादा ह सा बचाएँगे, तो आपके
व ीय भ व य क लगभग गारंट हो जाती है। आप व ीय से वतं बनने के
राजमाग पर प ँच जाते ह और आने वाले समय म व- न मत करोड़प त भी बन सकते ह।
आपको अपने सवा कोई सरी चीज़ नह रोक सकती।
अ याय 8

अपना ख़ुद का वसाय शु कर

आ पके व ीय और भौ तक ल य सफ़ तभी हा सल हो सकते ह, जब आप ख़ुद के


लए और अपनी कंपनी के लए पया त मू य का सृजन कर और फर उस मू य का
कुछ ह सा अपने लए अलग रख। आपके ल य चाहे जो ह , उ ह हा सल करने के लए
आपको या तो कसी सरे के वसाय म काम करना होगा, या फर अपना ख़ुद का
वसाय शु करना और बनाना होगा। चाहे इनम से जो भी मामला हो, आप इस बारे म
जतना यादा जान लेते ह क कोई वसाय कैसे शु होता और बढ़ता है, आप अपने
काम म उतनी ही तेज़ी से सफल ह गे।
आज जतने यादा लोग जतने अलग-अलग कार के कारोबार खड़े कर रहे ह, उतना
इ तहास म कसी सरे समय नह आ। कुछ समय पहले आठ लाख बीस हज़ार नई
कंप नयाँ शु क ग और पं ह लाख सोल ोपराइटर शप का गठन कया गया। दस लाख
से यादा साझेदा रयाँ भी । ावसा यक लेखक टॉम पीटस कहते ह क आज नवाचार
और नौक रय के सृजन क बु नयाद ेरक श याँ ह - कारोबारी से टर (छोटे और
मझोले आकार के से टर)।
ती आ थक व तार के वतमान दौर म अपना ख़ुद का वसाय शु करना और
सफल होना जतना यादा आसान और संभव है, उतना पहले कभी नह रहा। अ छ ख़बर
यह है क हर तरह के , हर तरह क पृ भू म वाले , हर तरह क सीमा वाले
ने सफल वसाय शु कए और बनाए ह। आप भी ऐसा ही कर सकते ह।
अपना ख़ुद का सफल वसाय शु करने और बनाने म आपको जस सबसे
मह वपूण गुण क ज़ रत है, वह है साहस। टार शप एंटर ाइज़ क तरह आपम भी यह
साहस होना चा हए, “साहस के साथ वहाँ जाना, जहाँ कोई इंसान पहले कभी नह गया
है।” आपम इतना साहस होना चा हए क आप व ास के साथ बाहर क़दम रख और
सफलता क कसी तरह क गारंट के बना जो खम ल। जब आप अपना पहला

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ावसा यक उप म शु करते ह, तो आपको ऐसा महसूस होगा, जैसे आप पहले
ह, जसने इसे कभी कया है। एक मायने म आप होते भी ह।
एक वयतनामी दं प त थाईलड से नाव म बैठकर कुछ साल पहले कंगाली म अमे रका
प ँचे। वे वहाँ जस एकमा को जानते थे, वह एक क ज़न था, जसक टन म
एक छोट बेकरी थी। उसने उ ह अपने यहाँ रख लया और बेकरी म काम करने के लए
यूनतम वेतन वाली नौक रयाँ दे द । बेकरी वाले क उ ढल रही थी और उसने उ ह बताया
क अगर वे तीस हज़ार डॉलर इक े कर ल, तो वह उ ह बेकरी बेच दे गा। यह उनका ल य
बन गया।
वे बेकरी के पीछे रहते थे और आटे के बोर पर सोते थे। उनके दोन ब चे थानीय
सरकारी कूल म पढ़ते थे। वे सुबह तीन बजे उठ जाते थे और हर दन 14-15 घंटे काम
करते थे। दोन ने मलकर टै स के बाद हर साल 8,000 डॉलर कमाए, जसम से उ ह ने
6,000 डॉलर बचाए। उ ह ने यह काम पाँच साल तक कया, जब तक क आ ख़रकार
उनके पास 30,000 डॉलर नह आ गए, जनसे वे बेकरी ख़रीद सकते थे।
आज वे बेकरी क चेन के मा लक ह। वे एक सुंदर घर म रहते ह। उनके ब चे नामी
व व ालय म पढ़ते ह। वे व ीय से वतं ह।
74 तशत वतमान व- न मत करोड़प त अपने सफल वसाय शु करके और
बनाकर अमीर बने ह। यह एक मह वपूण ब है। शु आत म इनम से कोई भी पहले कभी
कसी वसाय का मा लक नह रहा था। उ ह ने तो बस एक ॉड ट या सेवा उ प करने
का वचार सोचा, जो कसी सरे से बेहतर हो और फर जहाँ वे थे, वह कारोबार शु कर
दया। यह हर कारोबारी सफलता क कहानी है।
आपको उ मता म अनुभव क ज़ रत नह होती। जो लोग वसाय शु करते ह,
उनम से यादातर के पास अनुभव नह होता। आपको ब त सारे पैस क भी ज़ रत नह
होती। यादातर लोग अपनी कचन टे बल पर या अपने गैराज म काम शु करते ह।
आपको तो बस हर आव यक चीज़ सीखने और अपने काम म उस पर अमल करने क
ज़ रत होती है। जो लाख सरे लोग ने कया है, वह आप भी कर सकते ह।
छोटे वसाय क सफलता का सव े सू वा य संभवतः नाइक र नग शूज़ का
माइकल जॉडन का व ापन है, “ज ट डू इट ”
एक पुरानी चीनी कहावत है: “हज़ार मील लंबी या ा एक क़दम से शु होती है।”
अपना ख़ुद का वसाय शु करने के लए कस चीज़ क ज़ रत होती है कसी
चीज़ क नह । आप अपनी सोल ोपराइटर शप शु कर सकते ह और इसका नाम अपने
नाम पर “जॉन जो स एंटर ाइज़ेस” रख सकते ह, ठ क वह जहाँ आप ह, इसी समय। ख़ुद
के नाम का इ तेमाल करने का फ़ायदा यह है क इसम आपको पंजीयन भी नह कराना
होता। आप इसी मनट, इन श द को पढ़ते समय यह नणय ले सकते ह क आप अपना
ख़ुद का वसाय शु करने जा रहे ह। आपको कसी क अनुम त या अनुमोदन क
ज़ रत नह है।

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अपने वसाय का नाम चुनने के बाद आप कम करने के लए तैयार ह। अब आप
अपने नज़द क बक जाकर अपनी कंपनी का बक खाता खोल सकते ह। आप यूनतम
धनरा श जमा कर सकते ह, चेकबुक ले सकते ह और आपक या ा शु हो गई है।
महान दाश नक स ांत को याद कर, “य द आप इसे बनाते ह, तो लोग आएँगे।”
कृ त शू य से नफ़रत करती है और इसे भरने क को शश करती है। य द आप अपनी
कंपनी शु करने के क़दम उठाते ह, भले ही आपको यह प का न हो क आप कस तरह
के वसाय म जा रहे ह, तो आप अपनी गत सृ म एक नैस गक नवात बना दगे।
कसी अजीब स ांत क बदौलत उस नवात को भरने के लए ावसा यक अवसर उभरने
लगगे। आपका कारोबारी जीवन बदलने लगेगा।
य द आपके मन म यह प वचार है क आप कस तरह का वसाय शु करना
चाहते ह, तो यह और भी बेहतर है। ले कन अपनी कंपनी शु करने और इसके लए बक
खाता खोलने का काम ही आपके जीवन म इतना कुछ कर दे गा, जसक आप आज
क पना भी नह कर सकते। आप चुंबक यता का एक श े न मत कर दगे, जो
आपक ओर ऐसे लोग और अवसर को आक षत करने लगेगा, जनसे आपका वसाय
सफल हो जाएगा।
पहली बार अपना वसाय शु करने म बेहतर यह होता है क आप शु आत म
कॉरपोरेशन न बनाएँ। कॉरपोरेशन बनाने म सैकड़ डॉलर ख़च होते ह, जो नए उ मी के
लए न त नुक़सान है। आमदनी, घाट और कर के मामले म भी नुक़सान होता है।
सोल ोपराइटर शप म आप अपने वसाय म जो भी नवेश करते ह, उसे आप अपनी
वतमान आमदनी से घटा सकते ह। ले कन कॉरपोरेशन के मामले म आप घाट को तभी
घटा सकते ह, जब कंपनी को मुनाफ़ा आ हो। चूँ क शु आत म आपको मुनाफ़ा नह
होगा, इस लए आपके पास अपने ख़च को घटाने के लए भी कुछ नह होगा। आप उ ह
अपने कर से नह घटा पाएँगे, जससे वे दोगुने महँगे बन जाएँगे। शु आत म सोल
ोपराइटर शप का इ तेमाल सबसे अ छा रहता है, ता क सारी आमदनी और घाटे आपक
गत आमदनी म से घटाए जा सक।
आप शु करने के लए कोई वसाय कैसे चुनते ह सैकड़ अलग-अलग तरीक़े ह।
ले कन सबसे मह वपूण तय करने वाली बात कसी ऐसी चीज़ म जाना है, जसे आप
सचमुच पसंद करते ह, जसम आपको आनंद आता है और जसक आप परवाह करते ह।
छोटे वसाय क सफलता तय करने म जोश अ यंत मह वपूण घटक है।
पीटर कर ने लखा था, “जब भी आप कसी चीज़ को होते दे ख, तो आपको एक
उ े य वाला उ माद मलेगा।”
हर वसाय और वसाय के भीतर क हर ॉड ट लाइन को एक सम पत समथक
क ज़ रत होती है, जो उस वसाय क सफलता के त जोश से सम पत हो। वह दन-
रात उस वसाय और ॉड ट क ब तथा मुनाफ़े के बारे म सोचता है। जोशीले और
सम पत समथक के बना वसाय न त प से असफल हो जाएगा।

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सम पत समथक होने के बावजूद सफलता क कोई गारंट नह है। ले कन जब तक
कोई ऐसा न हो, जो वसाय, ॉड ट् स, सेवा और ाहक क कसी भी चीज से
यादा परवाह करता हो, तब तक त पध बाज़ार म वसाय के बचने और समृ होने
क ब त कम संभावना रहती है।
इसी लए यह अ नवाय है क आप कोई ऐसा ॉड ट या सेवा चुन, जसम आपको
सचमुच व ास हो, जसक आपको वाक़ई परवाह हो। ऐसा े चुन, जहाँ आपको लगता
हो क आप कोई ऐसा मू य या लाभ दे कर ाहक क सचमुच मदद कर सकते ह, जो उ ह
कसी सरे ॉड ट या सेवा से नह मल सकता। कई लोग ऐसे ॉड ट् स बेचकर वसाय
शु करते ह, जनका इ तेमाल करने म उ ह आनंद आता है। सरे लोग वसाय इस लए
शु करते ह, य क वे उसक ौ ो गक या व ान के बारे म जोशीले महसूस करते ह।
कुछ लोग अपने शौक या जीवन म उनक चय के आधार पर अपना वसाय शु करते
ह।
कसी ऐसे ॉड ट और सेवा क तलाश कर, जसका आप ख़ुद इ तेमाल करते ह और
जसक सलाह आप सर को उ साह से दे सकते ह। उन ॉड ट् स और सेवा को
पहचान, जनके बारे म आप श त से महसूस करते ह । कसी बेहतर चीज़ क तलाश कर,
जसे कोई सरा नह दे रहा है। आपके वतमान ाहक क कोई ऐसी आव यकता या माँग
हो सकती है, जसे वह कंपनी संतु करने म च नह रखती है, जसम आप नौकरी करते
ह। कई लोग वसाय इस लए शु कर दे ते ह, य क वे जन कंप नय म नौकरी करते ह,
वे उनके वचार म च नह ले रही ह, जब क उ ह बल व ास होता क ये वचार उ ह
सफल बना सकते ह।
अ सर लोग कसी “मह वपूण भावना मक अनुभव” क वजह से वसाय शु
करते ह। उनके जीवन म कोई ऐसी चीज़ होती है, जससे एक बल भाव े रत होता है
और उ ह उ मता म धकेल दे ता है। कई बार यह अचानक नौकरी छू टने से होता है। कई
बार यह सरे क कहानी सुनने से होता है, जसने अपना कारोबार शु कया और
बेहद सफल बन गया। कई बार कम वेतन और सी मत संभावना से उकता जाता है
और जंज़ीर तोड़ने का नणय लेता है। इनम से कसी भी घटना से आप अपने दम पर
वसाय शु करने का नणय ले सकते ह।
कई लोग सोचते ह क ब त सारा पैसा कमाना उ मता के पीछे क सबसे बड़ी ेरणा
है। बहरहाल, हज़ार उ मय के साथ लए गए सा ा कार यह सा बत करते ह क यह
सच नह है। लोग के उ मता क ओर मुड़ने का का ाथ मक कारण यह है क इससे उ ह
गत वतं ता का अहसास मलता है। कई उ मी टै स दे ने के बाद उतना यादा नह
कमाते ह, जतना वे सामा य नौकरी करते समय कमाते। ले कन उ मी के प म वे अपने
बॉस ख़ुद होते ह। वे वतं होते ह। उ ह कसी सरे को जवाब नह दे ना होता। उनके लए
यह कसी सरे क कंपनी क सुर ा और यादा वेतन से अ धक मू यवान होता है।
एक पुरानी कहावत है, “जब आप अपना कारोबार शु करते ह, तो आपको आधा
दन ही काम करना होगा। आप यह नणय लेने के लए वतं होते ह क वह बारह घंटे
ौ े े”
कौन से ह गे।”
आपक ेरणाएँ जो भी ह , अगर आपने कभी अपना ख़ुद का वसाय शु करने के
बारे म सोचा है, तो आपको एक नणय लेना चा हए और बस इसे कर दे ना चा हए।
टालमटोल और वलंब न कर। इसे कर द, इसी समय। आप नेटवक माक टग कारोबार से
छोट शु आत कर सकते ह। आप पाट टाइम, शाम और वीकएंड को अपने घर से कोई
सेवा दान कर सकते ह। आप काम सीखने के लए कसी सरे के वसाय म अ थायी
तौर पर काम कर सकते ह। आपको कसी न कसी तरह अपने पैर गीले करने क ज़ रत
है। अगर आप अंततः भारी सफलता पाना चाहते ह, तो आपको थोड़ा उ मी अनुभव लेना
होता है। आपको जो सीखने क ज़ रत है, उसे सीखने का इससे बेहतर कोई तरीक़ा नह है
क आप कूद जाएँ और रा ते म सीखते जाएँ।
पृ वी के सारे ा णय म इंसान अ त है, य क वह “सीखने वाला जीव” है। वह
अपने प रवेश से नई जानकारी लगातार ले रहा है, पहले से मौजूद जानकारी म उसे जोड़
रहा है और आगे बढ़ रहा है।
आप अ व सनीय ग त से सीख सकते ह, जो आपको होने वाले नए अनुभव क
सं या पर नभर करता है। जो उ मी सफल बनते ह, वे अपने ल य कई महीन , यहाँ तक
क बरस क सफलता और असफलता के बाद ही हा सल कर पाते ह। वे हर मु कल,
संकट और चुनौती से गुज़रते ह, जो छोटे वसा यय के सामने आती ह। इन सखाने वाले
अनुभव क बदौलत वे यादा सचेत और जाग क बन जाते ह। उनक बु और ान का
वकास होता है। वे कम ग़ल तयाँ करते ह। वे सही चीज़ को यादा से यादा करते ह और
ग़लत चीज़ को कम से कम करते ह। वे अपनी मेहनत से न सफ़ यादा कमाते ह, ब क
वे अपने मुनाफ़े का यादा तशत अपने पास रखते ह। समय के साथ क़दम दर क़दम
अव यंभावी प से वे व ीय सफलता और वतं ता के अपने ल य हा सल कर लेते ह।
उ मता का एक मथक यह है क उ मी जो खम लेने वाले होते ह। बहरहाल, यह
क़तई सच नह है। सफल उ मी दरअसल “जो खम से बचने वाले” होते ह। सफल उ मी
अपनी ग त व धय से लाभ कमाने पर क त होते ह। उस लाभ को कमाने म शा मल
जो खम को यूनतम करने के लए वे हर संभव चीज़ करते ह। वे जो खम को नयं त
करने के लए जस हद तक सफलतापूवक काम करते ह, उसी हद तक वे मुनाफ़े क
संभावना को बढ़ा लेते ह और अपने उ म म सफल होते ह। उ मी के प म मुनाफ़ा
चाहना आपके यान का भी मु य क होना चा हए।
एक बार जब आप यह नणय ले ल क आप बाज़ार के कसी ख़ास खंड म उ मी
सफलता के पुर कार का आनंद लेना चाहते ह, तो अगला क़दम यह है क आप उस
वसाय के हर ववरण क जाँच-पड़ताल कर ल, जसम आप जाने क सोच रहे ह। नवेश
करने से पहले आपको जाँच-पड़ताल करनी चा हए। आपको बना जाँचे-परखे कसी भी
चीज़ पर व ास नह करना चा हए और कसी भी चीज़ को संयोग के भरोसे नह छोड़ना
चा हए। आपको उस वसाय म ब त से लोग से बातचीत करनी चा हए और ब त सी
जानकारी लेनी चा हए। आपका ल य मुनाफ़े क खोज म जो खम को यथासंभव यूनतम
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करना, घटाना और ख़ म करना है। आपका ल य यह सु न त करना है क संभा वत
मुनाफ़ा वा त वक हो और संभा वत घाटा यूनतम या नयं त हो।
जब भी कोई उस ब पर प ँचता है, जहाँ वह कहता है क वह थोड़े पैसे
“गँवाना बदा त कर” सकता है, तो आप एक चीज़ पर भरोसा कर सकते ह। वह अपना
पैसा गँवाने जा रहा है, और शायद ब त सारा पैसा गँवाने जा रहा है। “पैसा गँवाने” के लए
इ छु क रहने के इस नज़ रये से यह सु न त हो जाता है क वह कसी न कसी तरह से
पैसा ज़ र गँवाएगा।
पैसे के बारे म जो एकमा आसान चीज़ है, वह है इसे गँवाना। पैसे कमाना क ठन है।
जैसा जापानी सू कहती है, “पैसे कमाना सुई से रेत क खुदाई करने जैसा है। पैसा
गँवाना रेत पर पानी डालने जैसा है।”
जब आप अपना वसाय शु करने का नणय ल, तो कारोबार खड़ा करने पर कुछ
पु तक पढ़कर शु आत कर। आज पु तक क कान म सव े पु तक उपल ध ह।
बाज़ार नयोजन, बाज़ार शोध, फ़ाइन सग, ड लवरी और वतरण तं , कमचारी, याएँ,
चार, व ापन और ख़ास तौर पर ब या से स के हर पहलू के बारे म पढ़।
कसी उ मी वसाय म सबसे मह वपूण त व है ॉड ट या सेवा को पया त सं या म
बेचने क आपक यो यता, ता क आपक सारी लागत नकल जाए और मुनाफ़ा हो। हर
सफल उ मी वसाय कसी ऐसे से शु होता है, जो ब म ब त अ छा होता है।
शीष से सपसन के बना कोई वसाय लंबे समय तक टक नह सकता या सफल नह हो
सकता।
डन ड ैड ट ने हज़ार सफल और असफल वसाय म पचास साल के शोध का
सार बताते ए यह न कष दया, “ ब बढ़ना कारोबारी सफलता का कारण है; ब
घटना कारोबारी असफलता का कारण है। बाक़ सब ट का- ट पणी है।”
ॉड ट या सेवा बेचने क आपक यो यता उ मता का बु नयाद ेरक इंजन है। ऐसा
इस लए है, य क कैश लो उ म के लए जीवनर है और कैश लो ब से उ प
होता है। हर शु आती कारोबार समय के ख़लाफ़ जंग है। या उ मी मौजूदा नक़द ख़ म
होने से पहले पया त नक़द उ प कर सकता है, ता क कारोबार चलता रहे जब तक
कारोबार ज़मीन से ऊपर नह उठ जाता, तब तक बेचने के त पूरा, सौ तशत समपण
होना चा हए। वरना यह न त प से असफल हो जाएगा।
सभी सफल उ मी वसाय शु आत म पूरी एका मान सकता से ब पर यान
क त करते ह। बहरहाल, वसाय चलने के बाद कई उ मी एक आम ग़लती कर बैठते
ह। चूँ क बेचना क ठन काम होता है, इस लए उ मी से सपसन के बजाय कंपनी का
बंधक बन जाता है।
उ मी बेचने के लए एक से सपसन को नयु कर दे ता है और ख़ुद मैनेजर बन जाता
है, हालाँ क इसके लए वह आम तौर पर उपयु नह होता, या तो वभाव या फर यो यता
से। अब कंपनी के पास बाहर एक औसत से सपसन होता है और अंदर एक दोयम दज का

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मैनेजर होता है। नतीजा यह होता है क हमेशा कंपनी क ब घटने लगती है और
कारोबार म घाटा होने लगता है। यह सबसे बुरी थ त है।
आम तौर पर कंपनी के तलहट म प ँचने से पहले ही उ मी से सपसन को बाहर
नकाल दे ता है और दोबारा बेचने लगता है, जो उसे पहले से ही करते रहना चा हए था।
ब त ज द कंपनी संकट से उबर जाती है और दोबारा तर क करने लगती है।
कई लोग सोचते ह क एक नया वसाय शु करने क कुंजी ब त सारे पैसे होना है।
लोग अपना वसाय शु नह करते ह, इसका बु नयाद कारण यह है क वे कहते ह, “मेरे
पास पैसे नह ह।”
वे अ सर महसूस करते ह क उ ह सारे पैस का इंतज़ाम पहले से करना होगा। एक
ावसा यक ोफ़ेसर हाल ही म उ मय से भरे कमरे के सामने सलाह दे रहे थे। उ ह ने
कहा, “जब आप अपना कारोबार शु कर, तो उसम अपना एक भी पैसा न लगाएँ। सारा
पैसा बक से उधार ल। अपना पैसा अपने गत ख़च के लए बचाएँ।”
कोई भी चीज़ स चाई से इतनी र नह हो सकती। जब आप पहली बार अपना ख़ुद
का वसाय शु करते ह, तो आपका 99 तशत पैसा “ ेम न ध” होगा। यह या तो
आपका पैसा होता है, या फर उन लोग का होता है, जो वे आपको इस लए उधार दे ते ह,
य क वे आपसे ेम करते ह। कोई भी बक या वचर कै पटै ल ट कसी नए शु आती
कारोबार को नह छू ता है। इसम ब त जो खम होता है।
बक और बकर जो खम लेने से बचते ह। वे सुर त क़ज़ दे ना चाहते ह, जस पर उ ह
याज मले और जसके बारे म उ ह पूरा व ास हो क इसे दोबारा चुकाया जा सकता है।
आज यादातर वचर कै पट ल ट उसी कंपनी को पैसे उधार दे ते ह, जो कम से कम दो साल
से वसाय कर रही हो और जसक ब , आमदनी या मुनाफ़ा बढ़ने का ठोस इ तहास
हो। बक वाले आपको सफ़ तभी पैसा दगे, अगर आप उ ह यह दखा सक क आप उधार
लए गए पैसे से लगभग पाँच गुना चुका सकते ह। इसका अथ है क वे आपसे यह सा बत
कराना चाहते ह क अगर आप एक डॉलर उधार लेना चाहते ह, तो आपके पास पाँच डॉलर
क मूत संप याँ मौजूद ह।
इसके अलावा वे आपसे और आपके जीवनसाथी से गत गारंट चाहते ह, जो
दवा लयेपन के बाद भी और जीवन भर क़ायम रहे। वे आपके वा म व क हर जायदाद
का समपण-प चाहते ह और यक़ न कर या न कर, कई बक तो आपसे यह भी माँगगे क
आप उनसे जतना पैसा उधार लेना चाहते ह, उसके बदले म उनके यहाँ एफ़डी भी करा द।
अपना ख़ुद का छोटा वसाय शु करने का आम तौर पर एकमा और सबसे अ छा
तरीक़ा यह रहता है क आप अपनी ज़ रत के सारे पैसे ख़ुद इक े कर। इसके लए
आपको अपनी बचत का इ तेमाल करना होगा, अपने घर को गरवी रखकर क़ज़ लेना होगा
और अपने म तथा प रवार वाल से पैसा उधार लेना होगा।
वावलंबन के दम पर अपना वसाय बढ़ाने क योजना बनाएँ, जो उ मी सफलता के
सबसे लोक य और श शाली माग म से एक है। आप ख़ुद को अपने ही यास से ऊपर
ख चते ह। आप छोट शु आत करते ह और ब व मुनाफ़े क ठोस बु नयाद पर वकास
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करते ह। इसम यादा समय लगता है। बक म पैसे के साथ शु आत करने पर कम समय
लगता है, ले कन वावलंबन क नी त ही बेहतर है। यह नी त आपको ववश करती है क
आप आगे बढ़ते समय राह म उस ान और यो यता को अ जत कर, जनक ज़ रत
आपको सफल होने के लए है। चूँ क आपके पास अपनी सम या पर फकने के लए
पैसा नह होता, इस लए वावलंबन क नी त आपको ववश करती है क आप ब और
मुनाफ़ा उ प करने म यादा सृजना मक बन। आप ज द ही सफल होने के लए ख़ुद पर
और अपनी यो यता पर भरोसा करना सीख लेते ह। जैसे-जैसे आपका कारोबार बढ़ता
है, आपक यो यताएँ भी बढ़ती जाती ह। आप कारोबारी सफलता क रणनी तयाँ और
तकनीक सीख जाते ह, जो जीवन भर काम आती ह।
कई सबसे बड़ी कंप नयाँ आशा, और ाथना और वावलंबन क नी त से शु ईथ,
ज ह कम पूँजी वाले उ मय ने शु कया था। इसके कुछ उदाहरण ह: फ़ोड मोटर
कंपनी, हैवलेट पैकड, माइ ोसॉ ट, एपल और मैकडॉन ड् स। हज़ार सफल वसाय ने
जो कया है, वह आप भी कर सकते ह।
जब आप अपना वसाय शु करते ह, तो आपको “दो बार, तीन बार के नयम” का
अ यास करना चा हए। यह नयम कहता है क आपके व ीय अनुमान चाहे जतने अ छे
ह , हर चीज़ क लागत आपके बजट से गुनी होगी, और आपको जो करना होगा, उसम
अनुमान से तीन गुना यादा समय लगेगा।
मसाल के तौर पर, अगर आप सोचते ह क एक ॉड ट तैयार करने और इसे बाज़ार
म उतारने म आपको 1,000 डॉलर क लागत आएगी, तो इसम हमेशा 2,000 या इससे
यादा डॉलर क लागत आएगी। कुछ शु आती कंप नय को तो दरअसल पहले ॉड ट
को बाज़ार म उतारने के लए योजना से दस गुना यादा ख़च आया था। य द आप सोचते ह
क कारोबार शु होने के बाद आपको पूँजी नकालने म तीन महीने लगगे, तो आपको इस
सं या को तीन गुना कर लेना चा हए और यह अनुमान लगाना चा हए क इसम आपको
कम से कम नौ महीने लग जाएँगे।
कसी भी छोटे वसाय म बचाव क कुंजी है नक़द पैसा। नक़द पैसा शहंशाह है।
नक़द पैसा अ यंत मह वपूण है। नक़द पैसा सब कुछ है। आपको नक़द पैसा उ प करने
और बचाए रखने के बारे म पूरी तरह जुनूनी होना चा हए। नक़द पैसे क पया त आपू त
सु न त करने के लए आपको हर संभव ख़च को टाल दे ना चा हए, वलंब करना चा हए,
छोड़ दे ना चा हए। आपको कसी भी चीज़ पर एक भी पैसा ख़च नह करना चा हए, जसे
आप तुरंत नक़द म न बदल सकते ह ।
जब भी कोई बकर या कोई सरा आपके कारोबार पर नज़र डालता है, तो वह जस
पहली और सबसे मह वपूण सं या को दे खेगा, वह यह है क आपके हाथ म कतना नक़द
पैसा है। नक़द पैसा उसी तरह है, जैसा र या ऑ सीजन म त क के लए है। अगर यह
आपके पास है, तो आप बच सकते ह। अगर कसी समय यह आपके पास ख़ म हो जाता
है, तो आप मर जाएँगे। नक़द पैसे के बना उ म असफल हो जाएगा, चाहे इसक भावी
संभावनाएँ कतनी भी अ छ य न ह ।
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नक़द पैसे को सुर त रखने के लए कभी भी कोई ऐसी चीज़ न ख़रीद, जसे आप
कराये पर ले सक, उधार ले सक या लीज़ पर ले सक। अगर आपको सेकंड हड चीज़ मल
सकती ह, तो कभी कोई नई चीज़ न ख़रीद। ख़रीदारी के सभी बड़े नणय लेने से पहले उ ह
कम से कम 30 दन टाल द। फर उनका दोबारा व ेषण कर। ख़रीदारी के यादातर बड़े
नणय, ज ह 30 दन तक टाल दया जाता है, कभी लए ही नह जाते ह। कभी भी
टे शनरी या चार साम ी यादा तादाद म न ख़रीद, जब तक क आपको तुरंत उसका
इ तेमाल नह करना हो। सफ़ उतनी ही साम ी ख़रीद, जतनी आपको उस पल कारोबार
करने के लए ज़ रत हो। यादा ख़रीदकर पैसे बचाने क नी त को भूल जाएँ, जसम
यादा बड़ी सं या का ऑडर दे ने से आपको बेहतर भाव मल सकते ह।
जब भी आप अपना छोटा वसाय शु करगे, आपके सामने पैसे बबाद करने के
हज़ार लोभन पेश कए जाएँगे और हज़ार अलग-अलग लोग ऐसी चीज़ पर पैसे ख़च
करने के लए आपको े रत करगे, जनसे आपको मदद नह मलेगी। आपको कसी कंजूस
जतना सतक और लोमड़ी जतना चालाक बनना चा हए।
जब आप अपना नया वसाय शु करते ह, तो आपक सबसे मू यवान संप याँ ह
आपक ऊजा, क पना, च र और अनुशासन। काम करने और प रणाम पाने के लए आप
इ ह का इ तेमाल करते ह। आपक संप याँ ह अहम नणय लेने, ाहक के सामने जाने
और ब करने क यो यताएँ। आपक सबसे मू यवान संप याँ ह ज़ मेदा रय और वाद
को नभाने क यो यताएँ।
रैफ़ वा डो इमसन ने एक बार लखा था, “कोई भी सं था एक आदमी क लंबी छाया
है।”
छोटा संगठन या कंपनी भी एक अकेले का क़द और छाया है। आप अपना
वसाय ह। वसाय आप ह। हर घंटे, हर मनट, वसाय कभी आपसे यादा या कम,
बेहतर या बदतर नह हो सकता। वसाय दरअसल आपके च र और यो यता का आईना
है। आपका वसाय आपको और संसार को बताता है क आप सचमुच कौन ह।
बीस साल से यादा अव ध के 30,000 से यादा वसाय का अ ययन कया गया,
ता क यह पता लगाया जा सके क वे य सफल या असफल ए। इन अ ययन से जो
आँकड़े सामने आए, वे लगभग सभी वसाय के लए सही ह।
इस अ ययन का न कष यह था क आम तौर पर कसी नए वसाय को पूँजी
नकालने और मुनाफ़ा कमाना शु करने म लगभग दो साल का समय लगता है। यादातर
वसाय पहले दो वष म यह नह कर पाते ह। य से यादा आय कैसे क जाए, यह
पता लगाने से पहले ही उनका पैसा और क़ज़ ख़ म हो जाता है।
दो साल क पहली अव ध म वसाय घाटा उठाएगा, जसे उ मी क ऊजा और
संसाधन से पूरा करना होगा। इसके बाद के दो वष म वसाय को मुनाफ़ा होने लगेगा।
यह मुनाफ़ा पहले दो वष म लए गए क़ज़ और घाट को पूरा करने म लग जाएगा।
चार साल बाद वसाय शु लाभ उ प करने लगेगा, य क तब तक सारी शु आती
लागत नकल चुक होगी। यह आगे छलाँग लगाएगा और उ मी पैसे कमाने लगेगा। ले कन
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उ मता के सातव साल के बाद ही वसाय सचमुच सफल होता है और उ मी उ कृ
आजी वका कमाता है।
सव च भुगतान वाले यादातर लोग और यादातर व- न मत करोड़प त वे उ मी ह,
ज ह ने अपने वसाय को खड़ा करने और चलाने म सात साल के ब को पार कर लया
है। वे रा ते पर चलते रहे और सफलता क क़ मत चुकाते रहे। ले कन इसम सात साल से
यादा समय लगा।
ज़ा हर है, संभावना को हराना संभव है। डॉट कॉम बूम म हर को यह व ास
था क कारोबारी सफलता रात रात मल सकती है। सात साल से कम म सफल वसाय
खड़ा करना संभव तो है, ले कन उ मता म संभावना को हराना चम कार होने जैसा है।
ऐसी बात नह है क चम कार नह होते ह; बात बस यह है क आप उन पर नभर नह रह
सकते।
जब आप अपना ख़ुद का वसाय शु करने का नणय लेते ह, तो आप अपने जीवन
के कसी मह वपूण भावना मक अनुभव या घटना क वजह से आवेगपूण छलाँग लगा
सकते ह, जैसे: कसी नौकरी का छू टना या कसी अवसर का कट होना। आप अ ययन
और तैयारी म कई स ताह या महीने लगाकर इसे धीरे-धीरे और जान-बूझकर भी कर सकते
ह।
आप जो भी चुन, नवेश करने से पहले जाँच-पड़ताल कर ल। कसी नए वसाय म
अंदर जाना तो आसान है, ले कन उससे बाहर नकलना उतना आसान नह है। इस लए यह
मह वपूण है क आप पहले ही जाँच-पड़ताल म पया त समय लगा ल, इसके बाद ही
कसी ख़ास ावसा यक उ म म अपने समय और संसाधन को सम पत कर। यह
सावधानीपूण आकलन आपक द घकालीन सफलता के लए अ यंत मह वपूण हो सकता
है।
80/20 का नयम याद रख। यह नयम कहता है क आप जो 20 तशत काम करते
ह, उनसे आपको अपने 80 तशत प रणाम मलगे। 80/20 नयम का एक अमल यह
कहता है क आप शु आत म अपने वसाय क योजना बनाने और आकलन करने म जो
20 तशत समय ख़च करते ह, उ ह से आपके 80 तशत प रणाम तय ह गे।
जब आप अपना वसाय शु करने का नणय ल, तो आपको पूण ावसा यक
योजना बना लेनी चा हए। पु तक क कान म कई पु तक ह, जो आपको चंद डॉलर म
कसी कारोबारी योजना के ववरण बता दगी। कई कं यूटर ो ाम भी उपल ध ह, जो
आपको कारोबारी योजना बनाने क या से गुज़ारगे। वे इस या को सरल और सीधा
बना दे ते ह।
पूण कारोबारी योजना को जोड़ना और इक ा करना उ मी का मु य इ तहान है।
अगर आपम यह करने का अनुशासन है, तो आप पाएँगे क इससे आप कई ऐसे घटक के
बारे म सतक हो जाते ह, जो आपके दमाग़ म आए ही नह थे। व भ ह स को पूरा
करने के लए जन व भ सं या क ज़ रत होगी, उ ह उ प करने के लए आपको
ब त काम करना होगा। ले कन यह आपक सफलता म नणायक योगदान दे सकता है।
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इंक. मै जीन ने कुछ साल पहले 100 शु आती वसाय के अ ययन क रपोट जारी
क थी। इन नए वसाय म से पचास ने शु आत करने से पहले व तृत कारोबारी
योजनाएँ बनाई थ । बाक़ पचास ने एक लफ़ाफ़े के पीछे या उ मी के मन म मौजूद वचार
से शु आत क थी।
पाँच साल बाद उ ह ने लौटकर कारोबारी सं थापक से सा ा कार लए और प रणाम
का आकलन कया। उ ह ने पाया क जन कंप नय ने बना कसी कारोबारी योजना के
शु आत क थी, उनम से यादातर दवा लया हो गई थ और इस या म उनके
सं थापक तथा आम तौर पर उनके प रवार वाले व म बरबाद हो गए थे।
सरी ओर, जन कंप नय ने ल खत कारोबारी योजना के साथ शु आत क थी, वे
सभी फल-फूल रही थ । कई कंपनी मा लक ने तो हर साल पूरी कारोबारी योजनाएँ बना
और उ ह बनाने म हर साल कई स ताह का समय लगाया।
ले कन सबसे अहम ब यह था। उ ह ने कंपनी के सं थापक से पूछा क कारोबारी
योजनाएँ रोज़मरा का वसाय चलाने म सचमुच कतनी मह वपूण रही थ । उ ह जो
जवाब मला, वह आ यजनक था। लगभग सभी सफल उ मय ने कहा क कारोबारी
योजना पूरी बनने के बाद उसे आम तौर पर एक दराज म रख दया जाता था और साल भर
म उसे शायद ही कभी दे खा जाता था। उ ह ने कहा क काम शु करने से पहले कारोबारी
योजना के अवयव के बारे म पूरा सोचने का अ यास कसी सरी चीज़ से यादा
मह वपूण था।
कारोबारी योजना बनाने का फ़ायदा यह है क आप काम शु करने से पहले कारोबार
के हर ह से के बारे म ईमानदारी और न प ता से सोचने के लए ववश होते ह। कारोबारी
योजना के लए यह ज़ री होता है क आप ब और आमदनी का अनुमान लगाएँ और
फर शोध व व ेषण से इन अनुमान क पु कर। यह आपको आमदनी और य के
वा षक अनुमान के बारे म पूरी तरह सोचने के लए ववश करता है। आप यह तय करने के
लए ववश होते ह क या आपके अनुमान यथाथवाद ह और हा सल कए जा सकते ह।
कारोबारी योजना लगने वाले समय और ऊजा क भारी मा ा को बचाती है। इससे आपक
सफलता क जतनी गारंट मलती है, उतनी समय के कसी सरे नवेश से नह मल
सकती।
समय धन है, ले कन धन भी समय है। य द आप अपने वसाय म नवेश करने के
लए 20,000 डॉलर जुटाने म पाँच साल तक मेहनत करते ह, तो वे 20,000 डॉलर
आपके जीवन के पाँच वष का त न ध व करते ह। आपको अपने जीवन के इस टु कड़े का
नवेश सावधानी से करना चा हए और कारोबारी योजना आपको यही करने म स म बनाती
है।
कारोबारी योजना तब शु होती है, जब आप प ता से प रभा षत करते ह क आप
कौन सा ॉड ट या सेवा दे ने वाले ह। आपको सट कता से तय करना होगा क आप
ॉड ट या सेवा के बदले म कतने पैसे ले सकते ह। आपको गणना करनी होगी क अपने
ॉड ट या सेवा को उपल ध कराने के लए आपको कतने पैसे ख़च करने ह गे।
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कसी नए ॉड ट या सेवा को बाज़ार म उतारने से पहले आपको पूछना चा हए, “कोई
वतमान म जस ॉड ट का इ तेमाल कर रहा है, वह उसे बदलकर मेरे ॉड ट का
इ तेमाल य करेगा वे कसी सरे के बजाय मुझसे य ख़रीदगे ”
त पध बाज़ार म कसी नए ॉड ट या सेवा के बकने के लए इसम कम से कम
तीन घटक होने चा हए, जो इसे बाक़ उपल ध हर चीज़ से े बनाते ह। इसम तीन
वशेषताएँ या लाभ होने चा हए, जो त प धय से अलग हटकर नज़र आएँ। इसम एक
“अनूठा ब ताव” होना चा हए और कम से कम तीन त पध लाभ भी। ाहक
पहले से जसका इ तेमाल कर रहे ह, इसे उससे यादा और बेहतर चीज़ का ताव रखना
चा हए।
नया ॉड ट या सेवा यादा तेज़, यादा स ती, उपयोग म यादा आसान होनी चा हए
या फर इसम अलग वशेषताएँ, घटक या त व होने चा हए, जो त प धय म न ह । इसे
दे खते ही ाहक को यह कहना चा हए, “यह मेरे लए है ”
कारोबारी योजना आम तौर पर 18 महीन का अनुमान होती है क आप हर महीने
अपने कतने ॉड ट बेचने का इरादा रखते ह। आप इन आँकड़ को शीष पं म रखते ह।
हर सं या के नीचे आप उस ब को उ प व पूरा करने के लए आव यक हर ख़च क
सूची बनाते ह। फर आप ब के आँकड़ म से सारे ख़च घटाकर उस महीने का अपना
मुनाफ़ा या घाटा नकाल लेते ह।
इन आँकड़ को इक ा करते समय यह क पना कर क आप बक परी क के मंडल के
सामने जाने वाले ह और वे आपसे अपनी योजना के हर आँकड़े को प करने व उसक
र ा करने के बारे म पूछने वाले ह। हर सं या क सावधानी से गणना करने के लए ख़ुद को
अनुशा सत कर और इसे सबसे स चे त य और संभव ववरण पर आधा रत कर।
य द आप ब के एक न त तर का अनुमान लगाते ह, तो आपको सट कता से यह
दखाने म स म होना चा हए क वे ब याँ कहाँ से आने वाली ह। आपको कतना
व ापन करने क ज़ रत होगी और उस व ापन से कतने संभा वत ाहक बनगे
आपको सट कता से यह दखाने म स म होना चा हए क इनम से येक ाहक से कौन
बात करेगा या मलेगा और इस संभा वत ाहक आधार से कतनी ब क आशा क जा
सकती है। आपको हर संतु ाहक को होने वाली ब क सट क मा ा का अनुमान
लगाने म स म होना चा हए। इसके अलावा आपको त ब , त ॉड ट, त ाहक,
त कॉल के शु मुनाफ़े और वकास दर का अनुमान लगाने म भी स म होना चा हए।
उ मी के प म आपक यो यता का पैमाना कारोबारी योजना और बजट बनाने क
क़ा ब लयत है। यह समयसारणी के अनु प प रणाम हा सल करने क क़ा ब लयत है।
कोई भी काग़ज़ पर कोई भी आँकड़े लख सकता है। ले कन सव े कारोबारी लोग वे होते
ह, जो अपने आँकड़े लगातार और व सनीय प से पूरे करते ह या उससे यादा भी
हा सल कर लेते ह। यही इस बात का स चा पैमाना होता है क आप सचमुच कतने अ छे
ह।

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सबसे पहले, यह तय कर क आप कतना बेचने वाले ह, कैसे बेचने वाले ह और कसे
बेचने वाले ह। सरे, तय कर क इस ॉड ट या सेवा को कौन प ँचाएगा और भुगतान
लेगा। तीसरे, अं तम ब तक ए सारे ख़च का अनुमान लगाएँ। हर संभा वत ख़च को
बड़े ख़च से छोटे ख़च के म म लख, जैसे बक ई व तु क लागत, वेतन, कराया,
बजली-पानी और यातायात से लेकर सामान भेजने व डाक टकट क लागत आ द।
ख़ुद के साथ खेल न खेल। ऐसे ख़च को नज़रअंदाज़ न कर, जनसे बचा नह जा
सकता। हर संभा वत ख़च को शा मल करने क उ मी क असफलता कसी कारोबारी
योजना को जतना अ व सनीय बनाती है, उतना कोई सरी चीज़ नह बना सकती।
एक बार जब आप अपने सारे ख़च जोड़ ल, तो फर आप उस पूरी सं या के 20
तशत का “अ त र घटक” भी जोड़ ल। मसाल के तौर पर, अगर उस महीने आपक
ब 10,000 डॉलर होने वाली है और उस ब को हा सल करने क कुल लागत
5,000 डॉलर होने वाली है, तो आप 20 तशत यानी 1,000 डॉलर का अ त र घटक
बना लेते ह और आप इसे वा त वक ख़च के प म शा मल कर लेते ह। यक़ न मान, आगे
चलकर यह एक स चा ख़च बन जाएगा, चाहे आप कुछ भी कर ल।
अब आपके पास उस महीने क शु आमदनी का सट क अनुमान है। मौसमी उतार-
चढ़ाव , छु य , च और वष म माँग क वृ य को यान म रखते ए आप हर महीने
यह काम करते ह और अगले 12-18 महीन के व ीय प रणाम का आकलन करते ह।
हर महीने आप अपने वा त वक आँकड़ क तुलना अपने अनुमा नत आँकड़ से करके
यह पता लगाते ह क आप कतने क़रीब थे। अगर आप “ए सेल” जैसे ेडशीट ो ाम
का इ तेमाल करते ह, तो आप सट क और अ तन हसाब- कताब रख सकते ह। अपनी
व ीय योजना म कसी भी एक सं या को बदलकर बटन दबाते ही बाद म आने वाले सभी
आँकड़े बदल जाते ह, ता क वे आपके अनुमान के बजाय असली अनुभव के अनु प ह ।
समय के साथ आप यह अनुमान लगाने म यादा सट क बन जाएँगे क आप सट कता
से कतना बेचगे, उन ब य क कतनी लागत आएगी और हर महीने आप कतना
मुनाफ़ा कमाएँगे। अपने व ीय अनुमान को बनाने और पूरा करने म आप जतने बेहतर
बनते ह, हर सरे े म भी उतने ही बेहतर उ मी बन जाते ह।
कसी नए वसाय को शु करने के संदभ म दो और ब ह। पहले का संबंध कसी
व मान वसाय को ख़रीदना है। नयम यह है: कोई भी लाभदायक कारोबार नह बेचता
है। अगर कोई अपना वसाय बेच रहा है, तो इसम आम तौर पर कसी तरह का छपा
आ दोष होता है। शायद आप उस दोष को र कर सकते ह और कारोबार को समृ बना
सकते ह। शायद आप ऐसा नह कर सकते। ले कन चाहे जो हो, आपको पता लगाना
चा हए क यह छपा आ दोष या है।
य द कोई आपको कारोबार बेचना चाहता है और इसम सम याएँ ह , तो यह ताव
रख क उस कारोबार से होने वाले मुनाफ़े से आप ख़रीद क रक़म चुकाएँगे। अगर कोई
मुनाफ़ा नह होता है, तो कोई रक़म भी नह चुकाई जाएगी। जो भी कसी लाभदायक
कारोबार को बेच रहा है, वह मुनाफ़े के प म क़ मत का मह वपूण ह सा लेने को राज़ी
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हो जाएगा। अगर कोई मुनाफ़े म से क़ मत लेने का इ छु क न हो, तो आप ख़ुद ही यह
आकलन कर सकते ह क या आप इसे ख़रीदना चाहते ह।
कसी कारोबार को शु करने के सरे े का संबंध नेटवक माक टग से है। आज कई
उ कृ नेटवक माक टग कंप नयाँ ह। भा य से, ब त सी ख़राब कंप नयाँ भी ह। नयम
यह है। ख़ुद का वसाय शु करने पर जो भी चीज़ कारोबारी नयोजन, बेचने, बजट
बनाने, अनुमान लगाने और नवेश करने म महीन और वष तक लागू होती ह, वह हर
चीज़ सफल नेटवक माक टग वसाय बनाने पर भी लागू होती है। य द आप अपना
कारोबार बनाने म 3 से 5 साल तक नवेश करने को तैयार न ह , तो इसम न उतर।
भावी उ मय के लए सबसे बड़ा जाल फटाफट-अमीर-बनो योजना , आसान पैसे,
कुछ-नह -के-बदले-कुछ पाने के वचार का लालच है, जनका व ापन और चार हर
जगह होता है। यादातर युवा क मान सकता म सफलता क या का शॉटकट
खोजने क जोशीली इ छा होती है। वे क़तार लाँघने के ती और आसान माग क तलाश
कर रहे ह। वे कड़ी मेहनत और याग के संदभ म पूरी क़ मत चुकाए बना सबसे आगे
प ँचना चाहते ह।
नणय ल क आप ऐसा नह करगे। कसी भी फटाफट-अमीर-बनो योजना क न तो
तलाश कर, न ही सुन। य द यह इतनी अ छ लगती है क सच नह हो सकती, तो यह
शायद सच है ही नह । र चले जाएँ। कुछ नह के बदले कुछ पाने का वचार आपके
भ व य के लए घातक हो सकता है।
एक बार जब आप कसी नए वसाय का नणय ले ल, तो याद रख क आज मू य के
बु नयाद साधन समय और ान ह। समय का अथ है वह ग त, जससे आप अपने ॉड ट
या सेवा को ाहक तक प ँचा सकते ह। ान का अथ है वह बौ क साम ी, जो आप
अपने ॉड ट, सेवा या वसाय म भरते ह। इसी से आपका काम आपके ाहक के लए
आपके त प धय से यादा मह वपूण और मू यवान बनता है।
घर पर अपना नया कारोबार शु करने से आपको वशेष व ीय और कर लाभ मलते
ह। अपना होमवक कर। यह पता लगाएँ क वे लाभ कौन से ह। अपने सभी व ीय सौद म
हर एक के साथ पूरी तरह सही रा ते पर चल। अपने बकर , स लायर , ाहक और टै स
अ धका रय के साथ ईमानदार रह। याद रख, जीवन ब त लंबा होता है और आप व ीय
से जो भी करते ह, उसक छाया बरस तक आपके पीछे चलती है।
आज अपना ख़ुद का वसाय शु करके व ीय सफलता पाने का आपके पास
जतना बेहतर समय है, उतना कभी नह रहा। कसी ने जो भी कया है और ख़ास तौर पर
कोई ऐसी चीज़, जो सैकड़ -हज़ार या लाख लोग ने क है, उसे आप भी कर सकते ह
और शायद बेहतर तरीक़े से कर सकते ह।
आप लाख उ मय के ान और अनुभव क पीठ पर सवारी कर सकते ह, जो अपने
सव े वचार और ान को पु तक , ऑ डयो ो ाम और से मनार म दान करते ह।
सर ने आपसे पहले जो कया है, वही करके आप सबसे सफल वसा यय म से एक बन

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सकते ह। आपने अपनी क पना पर जो सीमाएँ लगाई ह, उनके अलावा कोई सीमाएँ नह
ह।
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भा वत करने क कला

आ पजोजोभीभीसंभलवयहै,हायसल करते ह, उसम सरे लोग अव य शा मल ह गे। आपके लए


द आप वह सब हा सल करना चाहते ह, तो आपको सरे लोग
से मोल-भाव करने, उ ह राज़ी करने और भा वत करने म उ कृ बन जाना चा हए।
सौभा य से, ये ऐसी यो यताएँ ह, ज ह आप अपनी क पना से यादा तेज़ी से सीख सकते
ह।
जीवन म 85 तशत सफलता आपको सर के साथ भावी ढं ग से वहार करने क
यो यता से मलेगी। यह उन लोग क सं या से तय होगी, ज ह आप जानते ह और जो
आपके बारे म अ छ राय रखते ह। आप जो भी हा सल करते ह, वह लगभग हर चीज़
सरे ी-पु ष क बदौलत मलती है, जो आपके जीवन के अ त मह वपूण पल म
आपको सहयोग दे ने के लए वहाँ मौजूद थे। ये लोग आपके सव े हत म काम कर, इस
तरह उ ह भा वत करने क यो यता उन सबसे मह वपूण यो यता म से एक है, ज ह
आप वक सत कर सकते ह। आप इसे वक सत कर सकते ह, बशत आप सचमुच चाह।
गत नेतृ व का एक गुण यह है क आपम लोग को अपने साथ लेकर चलने क
यो यता होनी चा हए, ता क वे आपके ल य हा सल करने म सहयोग कर। वा तव म सर
को भा वत करने क यो यता का वपरीत है सर से भा वत होना।
आप या तो ोए टव हो सकते ह या फर त याशील हो सकते ह। या तो आप
सरे लोग के साथ जा सकते ह या फर आप उ ह अपने साथ चलने के लए राज़ी कर
सकते ह। इस अ याय म आप गत भाव के े म खोजे गए कुछ सबसे अ छे
वचार सीखगे।
ाचीन यूना नय ने एक व पर सरे के भाव के बारे म व तार से लखा था।
अर तू ने सं ेषण क या का सार बताते ए कहा था क इसम तीन ह से शा मल होते
ह: ईथॉस, पैथॉस और लोगॉस। ये पूरे इ तहास म नह बदले ह।

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सं ेषण के पहले ह से “ईथॉस” को प रभा षत करते ए कहा गया था क यह बोलने
वाले का नै तक त व और च र होता है। ईथॉस का संबंध उस से होता है, जो
आप अंदर से ह - आपके मू य और नै तकता। इतनी ही मह वपूण बात, इसका संबंध उस
से भी होता है, जो सामने वाला आपको मानता है।
य द आप ब या वसाय के े म ह, तो सामने वाला आपको जैसा मानता है,
उसी से काफ़ हद तक यह तय होगा क आपका उस पर कतना भाव पड़े गा। उसक
नज़र म आपक व सनीयता का तर यह तय करेगा क वह आपके दाव या सुझाव पर
कैसी त या करता है।
गत व सनीयता के े म नयम यह है, “हर चीज़ मह वपूण होती है।” आप
जो भी कहते या करते ह, उससे सामने वाले को भा वत करने क आपक यो यता या तो
बढ़ती है या घटती है। कोई भी चीज़ तट थ नह होती।
“हर चीज़ मह वपूण होती है,” इस नयम के अमल का शायद सबसे आसान उदाहरण
आपक छ व या लया है। आपने यह बात सुनी है क आपको पहली अ छ छ व छोड़ने
का सरा मौक़ा कभी नह मलता। स चाई यह है क जब आप कसी से मलते ह, तो वह
लगभग चार सेकंड म आपके बारे म एक नणय ले लेता है और यह नणय शु आती
मुलाक़ात के 30 सेकंड के भीतर ही काफ़ पु ता हो जाता है।
बड़ी कंप नय म लोग को नयु करने के लए ज़ मेदार मैनेजर इस बात को मानते ह
क वे कसी उ मीदवार से पहली बार मलने के 30 सेकंड के भीतर ही उसे नयु करने या
न करने का नणय ले लेते ह। हो सकता है क वे उसका सा ा कार ल, व और
यो यता के परी ण भी कराएँ, ले कन नणय पहले ही लया जा चुका है। आप बाहर से
जैसे दखते ह, उसम योगदान दे ने वाली हर चीज़ आपक व सनीयता यानी आपके ईथॉस
को भा वत करती है। य द यह आपक मदद नह कर रही है, तो यह आपको नुक़सान
प ँचा रही है। आपका बाहरी लया मह वपूण है, य क हालाँ क आपका अपनी
शारी रक बनावट पर ब त कम नयं ण होता है, ले कन अपनी पोशाक और अलंकरण पर
आपका पूरा नयं ण होता है। दरअसल, हम आम तौर पर मानते ह क कोई जान-
बूझकर अपने लए के हर ह से से अपने बारे म एक गत कथन कह रहा है, जसे
वह कभी भी बदल सकता है।
जब आप कसी से मलते ह, तो जो पहली छ व छू टती है, उसम आपक पोशाक का
95 तशत योगदान होता है। ऐसा इस लए है, य क आपक पोशाक आपके 95 तशत
शरीर को ढँ कती है। इसके अलावा, आपका अलंकरण, आपके बाल क शैली और गदन से
ऊपर के आपके लये के सरे त व एक असाधारण भाव डालते ह, जससे सामने वाले
आपको तौलते ह या आपका मू यांकन करते ह।
पस या ीफ़केस, घड़ी, टाई, काफ़, अँगूठ , पेन आ द सहायक व तुएँ मलकर
आपको सर को भा वत करने म स म या अ म बनाती ह।
सर को भा वत करने म अलग-अलग पोशाक या सहायक व तु के भाव पर
कई परी ण कए गए ह। मसाल के तौर पर, कई मामल म एक कंपनी म एक
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काला कोट पहनकर गया और सरा ह का भूरा कोट पहनकर गया। दोन एक पैकेज
लेकर से े टरी या रसे श न ट से मले। उ ह ने उसे बताया क वे नणय लेने वाले
अ धकारी को गत प से वह पैकेज दे ना चाहते ह।
दस म से आठ-नौ मामल म ह के भूरे कोट वाले को अ धकारी से मलने का मौक़ा
दया गया। दस म से आठ-नौ मामल म काले कोट वाले को अ वीकृत कर दया गया या
वेश नह दया गया। हर चीज़ मह वपूण होती है।
यूना नय ने सं ेषण और भाव के जस सरे ह से को पहचाना था, उसे “पैथॉस”
कहा जाता है। पैथॉस का संबंध सं ेषण के भावना मक घटक से है। आधु नक ब और
माक टग म पैथॉस भावना के त आ ह करने क यो यता है; यह संभा वत ाहक क
गहरी अवचेतन आव यकता के त आ ह करने क यो यता है।
त य यह है क लोग जो भी कहते या करते ह, उसम शत- तशत भावना मक होते ह।
यही वजह है क हमारे सभी नणय और अ नणय इस बात से तय होते ह क हम उस पल
कैसा महसूस करते ह। इस लए सर पर सबसे यादा भाव डालने के लए हम उनके
साथ भावना मक जुड़ाव बनाने क यो यता चा हए होती है। हम उन घटक को पहचान
लेना चा हए, जनक वजह से वे एक या सरी तरफ़ बलता से महसूस करते ह।
हम यह छोट क वता अपने ब से मनार म सुनाते ह: “अगर आप टम जो स को
टम जो स क नगाह से दे ख सक, तो आप टम जो स को वह बेच सकते ह, जो टम
जो स ख़रीदता है।”
इसका मतलब है क य द आप परानुभू त के उ च तर पर प ँच सक और ख़ुद को
सामने वाले के दलो दमाग़ म प ँचा सक, तो आप उनके काय और वहार पर
श शाली भाव डाल सकते ह।
सव े से सपीपुल और सर के वहार पर सबसे सफल भाव डालने वाले लोग
बेहद संवेदनशील होते ह और सर के त परानुभू त रखते ह। वे सर क बात ब त ग़ौर
से सुनते ह और अनकहे संदेश भी सुन लेते ह, जो कहे गए श द के बीच म छपे रहते ह। वे
यह बात जानते ह क कुछ चीज़ ह, जो कही जा रही ह और कुछ चीज़ ह, जो कही नह
जा रही ह। आपको अपने अहम को लंबे समय तक र रखने क ज़ रत होती है, ता क
आप कसी लेज़र करण क तरह सामने वाले पर यान क त कर ल। ऐसा करने पर आप
अ सर सामने वाले क चता के बारे म जाग क हो जाते ह, ज ह आप अनदे खा कर
सकते थे, अगर आप अपने ॉड ट या सेवा म उलझे रहते या अपने ख़ुद के संदेश को
सामने वाले तक प ँचाने क को शश म जुटे रहते।
सर को भा वत करने के लए आप संभवतः जो सबसे श शाली तकनीक
वक सत कर सकते ह, वह यह है क आप सावधानी से पूछ और जवाब को ग़ौर से
सुन। सुनने से व ास और व सनीयता का नमाण होता है। कोई सचमुच जो कह
रहा है, जब आप उसे यादा सुनते ह, तो वह आप पर व ास करने लगेगा और आपके
भाव के त खुल जाएगा।

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सं ेषण का या मानव भाव का तीसरा ह सा है लोगॉस। यूना नय के अनुसार लोगॉस
का संबंध कसी संदेश के त या मक त व से है। इसका संबंध उस तक से है, जो आप सामने
वाले को अपने कोण का व ास दलाने के लए पेश करते ह। यह वह ह सा है, जहाँ
आप अपनी दलील दे ते ह और सामने वाले को अपनी बात से सहमत करने क को शश
करते ह। यह पर सर को भा वत करने क आपक यो यता का दशन होता है।
ब म राज़ी करने क या के तीन ह से होते ह। सबसे पहला होता है, संभा वत
ाहक से तालमेल बनाना। सरा, ाहक क सम या या आव यकता को पहचानना। और
तीसरा, सभी बात पर वचार करते ए अपने ॉड ट या सेवा को आदश समाधान के प
म पेश करना। आप इनम से येक े म जतने यादा भावी होते ह, आप ख़रीदारी के
नणय को उतने ही यादा सकारा मक तरीक़े से भा वत करगे और आप उतने ही यादा
सफल ह गे।
आज आपक सफलता काफ़ हद तक उन संबंध क गुणव ा और सं या के आधार
पर तय होती है, जो आप समय के साथ बनाते और बढ़ाते ह। आज के ावसा यक संसार
म संबंध ही सब कुछ ह। हम हमेशा उन लोग के साथ वसाय करना पसंद करते ह, ज ह
हम जानते ह, पसंद करते ह और जनका हम स मान करते ह। हमारे जीवन म ये लोग
जतने यादा होते ह, हमारे लए उतने ही यादा अवसर खुल जाते ह और हम उनका
लाभ लेने म उतने ही यादा स म बन जाते ह।
हम अ सर इसे “ म ता घटक” कहते ह। कोई आपके साथ तब तक वसाय
नह करेगा, जब तक क उसे यह व ास न हो जाए क आप उसके म ह और उसके
सव े हत म काम कर रहे ह। आप कसी को तब तक भा वत नह कर सकते,
जब तक क वह आपको पसंद न करता हो। ज़ा हर है, डराकर सर को भा वत करना
आपके लए संभव हो सकता है, ले कन इस तरह का भाव सफ़ तभी तक क़ायम रहता
है, जब तक क सामने वाला थ त से बाहर नकलने का कोई तरीक़ा नह खोज लेता।
सर को भा वत करने का सबसे अ छा तरीक़ा म ता घटक के त आ ह करके
उनका स मान हा सल करना है। इसम सामने वाले के साथ समय बताने क ज़ रत होती
है। आप कसी म जतने यादा समय का नवेश करने को तैयार होते ह, वह आप
पर उतना ही यादा भरोसा करेगा और यह महसूस करेगा क आप उसके सव े हत म
काम कर रहे ह। यह जतना यादा प होता है क आप सामने वाले क परवाह करते ह
और उसक वा त वक ज़ रत को पूरा करते ह, इस बात क उतनी ही यादा संभावना
होती है क वह आपके भाव के त खुल जाएगा। यह वपरीत लग के सद य , आपके
जीवनसाथी, ब च और म के साथ आपके गत संबंध म और भी यादा
मह वपूण है।
लोग को यह जतना यादा महसूस होता है क आप उनक परवाह करते ह, वे
आपके भाव के त उतने ही यादा खुल जाएँगे।
“ इज़ इन अमे रका” के 1,500 सद य के बीच गैलप संगठन ारा कए एक सव
म उजागर आ क सबसे सफल अमे र कय ने अपनी सफलता को प रभा षत करने म
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सर के स मान को सबसे मह वपूण घटक माना।
उ ह ने कहा क उनके लए सफलता के सबसे मह वपूण पैमाने ये थे, पहला उनके
माता- पता का स मान हा सल करना; सरा उनके जीवनसाथी और ब च का स मान
हा सल करना; तीसरा उनके सा थय और सहक मय का स मान करना और चौथा, मानव
जा त का स मान हा सल करना।
हम सचमुच अपना स मान तभी करते ह, जब हम महसूस करते ह क वे लोग हमारा
स मान कर रहे ह, जनक राय क हम परवाह करते ह। हम उस स मान को अ जत करने
और बनाए रखने के लए काफ़ को शश करगे। कसी ने एक बार कहा था, “जीवन म हम
जो भी करते ह, वह हर चीज़ कसी न कसी का स मान हा सल करने या स मान गँवाने से
बचने के लए करते ह।”
हम जो ह और हमने जतना हा सल कया है, उसके लए कोई हमारा स मान करता है,
यह हम जतना यादा महसूस करते ह, उस से हम उतने ही यादा भा वत होते ह।
अपने त सर का स मान बढ़ाने के लए आप दो चीज़ कर सकते ह। पहली चीज़ है
अपने े म अपना ान बढ़ा ल। आप अपनी वशेष ता के े म ब त ानी ह, इस बात
का लोग को जतना यादा व ास होता है, वे आपका उतना ही यादा स मान करगे।
लगभग हर े म सबसे यादा भुगतान उ ह को मलता है, जो आम लोग से यादा
जानते ह। उ ह वशेष माना जाता है और वे उसे वक सत कर लेते ह, जसे “ वशेष
श ” कहा जाता है। उनके े ान क बदौलत लोग उनका स मान करते ह और उनक
बात सुनते ह। उनक राय म यादा वज़न होता है। उनम लोग को एक ख़ास तरीक़े से काम
करने के लए भा वत करने क मता होती है, जो वे कभी नह करते, अगर वे उनके ान
का स मान नह करते।
सव े से सपीपुल वे लोग ह, जो अपने ॉड ट् स क रग-रग से वा क़फ़ होते ह। वे
अपने त पध के ॉड ट् स क श य और कमज़ो रय को भी पूरी तरह जानते ह। वे
जानते ह क उनके ॉड ट् स कतने सारे तरीक़ से उनके ाहक क सबसे मह वपूण और
व रत इ छा व आव यकता को पूरा कर सकते ह।
बेन फ़े डमैन संभवतः सभी युग के सबसे सफल और मश र बीमा से समैन थे। बेन
फ़े डमैन जीवन बीमा वसाय म कवदं ती थे। उ ह गनीज़ बुक ऑफ़ व ड रकॉड् स म
व का महानतम से समैन कहा गया है।
बेन फ़े डमैन के बारे म और उनके ारा कई पु तक व लेख लखे गए ह। उनम से कई
उनक सफलता के तर हा सल करने के सबसे मह वपूण कारण म से एक बताते ह। कई
वष तक बेन फ़े डमैन ने हर रात को दस बजे से लेकर बारह बजे तक दो घंटे जीवन बीमा
के े म अ ययन कया। उ ह ने न सफ़ जीवन बीमा का अ ययन कया, ब क बेचने क
प तय , राज़ी करने क यो यता , लोग को भा वत करने क कला, व ीय नयोजन,
बीमां कक ता लका और हर सरे मह वपूण लगने वाले वषय का भी अ ययन कया,
जससे वे यादा ानी बने और इस तरह अपने ाहक क सेवा करने म यादा स म बने।

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उनका र- र तक स मान होता था, य क उनम यह कमाल क यो यता थी क वे
वसाय मा लक क मदद करने के लए व भ कार के जीवन बीमा साधन को इस
तरह से मलाते थे, ता क उनक एक व ीय जागीर बन जाए, जो उनके गुज़रने के बाद भी
क़ायम रह सके। वे “ वशेष श ” के जीते-जागते तीक बन गए। इस श के कारण
उनम सर को भा वत करने क ज़बद त यो यता थी। फल व प वे ब त दौलतमंद,
सफल और स मा नत बन गए।
सर को भा वत करने का एक और तरीक़ा है उ कृ दशन। वशेष ता ान पर
नभर होती है, ले कन यह इससे यादा है। यह आपके ान पर कम करने और प रणाम
हा सल करने क यो यता है। वशेष ता आपके चुने ए े म ब त अ छा दशन करने
क यो यता है। वशेष ता के उ च तर वाले ी-पु ष अपनी यो यता को लगातार
नखारने क मेहनत करते ह। समय के साथ वे अपने े म ब त सव े के प म र- र
तक मश र हो जाते ह।
सफलता और भाव के लए जो सबसे मह वपूण गुण आव यक ह, उनम से एक है
प रणाम-क त होना। यह प रणाम हा सल करने क यो यता है, काम पूरा करने क
यो यता है, सामान प ँचाने क यो यता है। प रणाम हा सल करने क यो यता आपके
आस-पास के हर का स मान अ जत करेगी। यह आपको लोग पर इतना यादा
भाव डालने म स म बना दे गी, जो सामा य कभी सोच भी नह सकता।
हर कंपनी म कुछ चु नदा ी-पु ष होते ह, जन पर यह भरोसा कया जा सकता है
क वे काम पूरा कर दगे। ये वे ी-पु ष होते ह, जो अपने वादे पूरे करते ह। जब वे कहते ह
क वे कोई चीज़ कर दगे, तो वे न सफ़ उसे कर दे ते ह, ब क हर एक क उ मीद से बेहतर
करते ह। संगठन के ल य के त वे जो मह वपूण योगदान दे ते ह, उसके लए उनका
स मान कया जाता है। जब वे बोलते ह, तो सरे सुनते ह। उनम लोग - ऊपर वाले, नीचे
वाले और अपने तर वाले - को भा वत करने क ज़बद त यो यता होती है, य क हर
उनक ओर शंसा भरी नज़र से दे खता है क ये लोग प रणाम दे ते ह।
यादा भावी बनने का एक और तरीक़ा है सकारा मक मान सक नज़ रया वक सत
करना। आप ख़ुद के और अपने काम के बारे म जतने यादा सकारा मक और आशावाद
होते ह, सरे लोग पर आपका भाव उतना ही यादा होगा।
भावनाएँ सं ामक होती ह। आपक भावना का सर के वहार पर असर होता है।
जब आप अपने काम को लेकर रोमां चत होते ह, तो आप सर को भी रोमां चत कर दे ते
ह। आप जो कर रहे ह, आप जो बेच रहे ह या सेवा दे रहे ह, उसे लेकर आप जतने यादा
सकारा मक और आशावाद होते ह, सरे लोग भी आपके त उतने ही यादा
सकारा मक ह गे। इस लए आपके लए उ ह भा वत करना यादा आसान हो जाएगा क
वे आपके ॉड ट या सेवाएँ ख़रीद, आपके वचार को वीकार कर, आपके भाव तले आ
जाएँ, और वे चीज़ कर, जो आप अपने ल य हा सल करने के लए उनसे कराना चाहते ह।
आप यादा सकारा मक मान सक नज़ रया तब वक सत करते ह, जब आप हर
थ त म अ छाई क लगातार तलाश करते ह। जीवन और सम या के त
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“सकारा मक मरोगी” क नी त अपनाएँ। क पना कर क सृ म एक ष ं चल रहा है
और इसका ल य आपको सफल व ख़ुश बनाना है। हमेशा हर बादल म आशा क करण
क तलाश कर।
वसाय म आपके संभा वत ाहक क सम याएँ या आप याँ चाहे जो ह , आप उन
आप य से उबरने और उ ह हचकने के बजाय आगे बढ़ने के कारण म बदलने के
सृजना मक तरीक़े क तलाश करते ह।
जब भी आप कोई सकारा मक पु तक पढ़ते ह, सकारा मक ऑ डयो ो ाम सुनते ह
या सकारा मक लोग से बातचीत करते ह, तो आप अपने सकारा मक मान सक नज़ रये
को बल बना रहे ह और यादा भावी व ेरक इंसान भी बन रहे ह।
आदान- दान का नयम गत भाव के सबसे श शाली स ांत को समझाता
है। इसे बोने और काटने का नयम कहा जाता है। इसे या और त या का नयम भी
कहा जाता है। रैफ़ वा डो इमसन ने इसे पा रतो षक का नयम कहा था और नेपो लयन
हल ने इसे अ त-पा रतो षक का नयम कहा था। आदान- दान के नयम का सव े सार
“ व णम नयम” म समा हत है, जो कहता है क आप सर के साथ वैसा ही कर, जैसा
आप उनसे अपने लए कराना चाहते ह; सर से उसी तरह ेम कर, जस तरह आप ख़ुद
से ेम करते ह।
ापक शोध के बाद ए रज़ोना यु नव सट के पूव श क डॉ. रॉबट सया डनी इस
नतीजे पर प ँचे क कसी को भा वत करने का सबसे ती और सबसे असरदार
तरीक़ा यह है क आप उस क कोई भलाई कर द। जब आप कसी के लए कुछ
करते ह, तो वह अहसान महसूस करता है और उसे लगता है क उसे कसी तरह से बदला
चुकाना चा हए। कोई भी कसी के अहसान तले नह दबना चाहता, इस लए हम कसी तरह
तराजू के पलड़े बराबर करने क ताक म रहते ह।
इसका यह मतलब है क हम सभी म अपने वहार म सर के त यायपूण रहने
क एक गहरी अवचेतन इ छा होती है। अगर कसी ने हमारे लए कोई अ छ चीज़ क है,
तो हम यह यायपूण लगता है क हम बदले म उसका भला कर। आप सर के लए
कतनी सारी अ छ चीज़ कर सकते ह, उनक कोई सीमा नह है।
कई सफल से सपीपुल अपने संभा वत ाहक को ना ते या लंच पर ले जाने क आदत
डाल लेते ह। ना ते या लंच पर वे अपने ॉड ट या सेवा के बारे म बातचीत नह करते ह।
वे सफ़ छु टपुट बातचीत करते ह, सवाल पूछते ह और सुनते ह। वे व ास बढ़ाने और
दो ताना संबंध बनाने पर यान क त करते ह। ना ते या लंच के अंत म वे संभा वत ाहक
को बताते ह क वे भ व य म कसी समय उससे संपक करगे और कसी तरह उसक मदद
करने के बारे म बात करगे। वे बस इतना ही कहते ह और कोई चीज़ बेचने क को शश नह
करते ह।
आज सव े से सपीपुल और कारोबारी लोग वे ह, जो अपने ाहक और संभा वत
ाहक को अपना म व साझेदार मानते ह। वे हमेशा अपने साझेदार के जीवन को बेहतर
बनाने के तरीक़ क तलाश करते रहते ह, भले ही वे उस ॉड ट या सेवा से सीधे न जुड़े
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ह , जसे वे बेच रहे ह। वे लगातार सहायता के बीज बोते रहते ह और वे नए वसाय क
फ़सल नरंतर काटते रहते ह। वे अपने ाहक व संभा वत ाहक म यह इ छा पैदा कर दे ते
ह क वे कसी तरह से उनक दयालुता का बदला चुकाएँ। अंततः इससे ब बढ़ती है और
ब त यादा बढ़ती है।
आदान- दान के नयम को स य करने का एक अ छा तरीक़ा यह है क लोग के
लए छोट -छोट चीज़ करने के तरीक़ क लगातार तलाश क जाए। अपने म और
संभा वत ाहक के लए अ छे काम और अहसान करने के तरीक़ क तलाश कर। थक-यू
नोट भेज। बथडे काड भेज। उनक च के वषय पर अख़बार क कतरन भेज। हमेशा
अपने वादे नभाएँ और ज़ मेदा रयाँ पूरी कर। हमेशा वही कर, जो आपने कहा था क आप
करगे। अंदर डालने के लए हर संभव चीज़ कर और अंततः व ास रख क आप अंततः
कह यादा बाहर नकालगे।
आज तक कसी इंसान क मू त इस लए नह बनाई गई, य क उसने लया। मू त तो
सफ़ इस लए बनाई गई, य क उसने दया। सर क ख़ा तर कुछ करने वाल क ही
मू तयाँ बनती ह। हमारे समाज के सबसे श शाली और भावी लोग हमेशा सर क
ख़ा तर चीज़ करने क तलाश कर रहे ह। वे मुनाफ़ा पाने के बारे म ब त कम सोचते ह, कम
से कम अ प काल म। ऐसा लगता है क लाभ क अपे ा के बना आप सर को जतना
यादा दे ते ह, आपको सबसे अनपे त ोत से बदले म उतना ही यादा मलता है।
जब आप कारोबारी या नजी जीवन म कसी से बातचीत करते ह या कसी नए
से मलते ह, तो आप जो सबसे अ छे पूछ सकते ह, उनम से एक यह है, “ या कोई
ऐसी चीज़ है, जो म आपके लए कर सकता ँ ” कई बार वह कोई चीज़ बता दे ता है।
यादातर समय वह नह बताता है। ले कन चाहे जो हो, इस से सामने वाले पर एक
सकारा मक भाव पड़ता है। इसक बदौलत वह आपको अ छा मानने लगता है। शायद
ह त या महीन बाद वह अहसान के लए आपको फ़ोन करेगा, जो आप हमेशा कर दगे।
इसके फल व प आपके जीवन म कतनी सारी अ छ चीज़ होने लगगी, यह दे खकर आप
हैरान रह जाएँगे।
सर पर यादा भाव डालने के लए आपको भी उनके भाव म आने क ज़ रत
होती है। यह दोतरफ़ा माग है। दो लोग के बीच संबंध क गुणव ा का पैमाना यह है क
उनम से येक सामने वाले को भा वत करने क अपनी यो यता के बारे म कतना
स म महसूस करता है। आपको नई जानकारी वीकार करने और आव यकता पड़ने पर
अपनी धारणा बदलने के लए भी तैयार रहना चा हए। आपको सर क आव यकता
और भावना पर त या करना चा हए। आपको प रवतन क त या म लचीला
बनना चा हए और अपनी मान सकता बदलने के लए तैयार भी रहना चा हए। अगर
आपका वतमान तरीक़ा काम नह कर रहा है, तो आपको थ तय और सम या का
अलग तरीक़े से सामना करने के लए भी तैयार रहना चा हए।
लोग क आव यकता व चता के बारे म आपम परानुभू त और संवेदनशीलता है,
लोग यह जतना यादा महसूस करते ह, वे आपसे भा वत होने के लए उतने ही यादा
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खुल जाएँगे। आप सर को भा वत करने म जतने असरदार ह गे, अपने कारोबारी और
गत जीवन म उतना ही यादा हा सल करगे। आप अपने ल य यादा तेज़ी से
हा सल करगे। आप उपल ध तक प ँचने म कई वष क कड़ी मेहनत बचा लगे।
यूएस ट ल के पूव अ य चा स ाब ने एक बार कहा था, “म सर को साथ लेकर
चलने क यो यता के लए जतना यादा भुगतान दे सकता ँ, उतना कसी सरी यो यता
के लए नह ।” अहम नणय लेने वाले यादातर लोग का यही नज़ रया होता है। सर को
साथ लेकर चलने क आपक यो यता संभवतः वह सबसे मू यवान यो यता है, जसे आप
तराश सकते ह। आपके क रयर म जो भी सकारा मक चीज़ होती है, लगभग हर चीज़ क
बु नयाद सरे लोग के साथ भावी वहार क आपक यो यता होती है। “लोक वहार
क यो यता ” म वशेष बनकर आप अपने कामकाजी जीवन क गुणव ा को ब त
यादा बढ़ा सकते ह और अपनी आमदनी भी तेज़ी से बढ़ा सकते ह।
सरी ओर, सर को साथ लेकर चलने क अयो यता नौकरी म असफलता का सबसे
बड़ा कारण है। द कारनेगी इं ट ूट ने 10,000 से यादा ी-पु ष क फ़ाइल क
समी ा क , ज ह उनक कंप नय ने नौकरी से नकाला था। उ ह ने पाया क इनम से
सफ़ 5 तशत लोग क नौकरी इस लए गई थी, य क मंद चल रही थी, उनम तकनीक
यो यताएँ नह थ या वे अ म थे। लगभग 95 तशत य को नौकरी से इस लए
नकाला गया, य क उनम व क सम याएँ थ । कायालय म सरे लोग को साथ
लेकर न चल पाने क अयो यता क वजह से उनक नौकरी गई।
हर मू यवान कंपनी म सकारा मक लोग को ही यादा मह व मलता है और वही
ऊपर उठकर शखर तक प ँचते ह। सरी तरफ़, नकारा मक और मु कल लोग को
मोशन के लए बार-बार अनदे खा कया जाता है और आ थक मंद के पहले संकेत पर ही
नौकरी से नकाल दया जाता है।
उ च तकनीक े म भी 75 तशत कामकाजी समय सर के साथ वहार करने
म गुज़रता है। बंधन, शासन, ब और मानव संसाधन वकास के े म संभवतः 90
तशत समय कामकाज क व वध थ तय म सं ेषण करने, बातचीत करने और सर
क बात सुनने म बताया जाता है।
एक आसान फ़ॉमूला है, जो कसी नौकरी म यादातर सफलता या असफलता का
सूचक है। फ़ॉमूला है “ट X आर पी।” “ट ” का मतलब है आपके गुण, आपक
पृ भू म, आपक यो यताएँ, आपका ान, आपक श ा और आपका अनुभव। “आर”
का मतलब है संबंध, अपने से ऊपर वाले, नीचे वाले और समान तर वाले लोग के साथ
संबंध। “पी” का मतलब है आपक उ पादकता। “पी” का मतलब मुनाफ़ा या तर क भी
हो सकता है। चाहे जो हो, फ़ॉमूला आसान है और कामकाज म आपके साथ होने वाली
घटना तथा आपको मलने वाले प रणाम क भ व यवाणी करता है। ट X आर पी।
बु नयाद ग णत कहता है क अगर आप समीकरण के बाएँ ह से म ट या आर कसी
भी घटक को बढ़ा ल, तो आप योग को बढ़ा सकते ह। अपने काम म लगातार बेहतर बनकर
और सर के साथ यादा भावी ढं ग से काम करने के तरीक़ क लगातार तलाश करके
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आप अपने प रणाम और पुर कार को ब त यादा बढ़ा सकते ह। इसके साथ ही आपक
श और भाव भी बढ़ जाता है।
हम “मे रटो े सी” या बु शा लय के युग म जीते और काम करते ह। इसका मतलब
है क हम अपनी वीणता के लए जीवन म पुर कार इस लए मलते ह, य क हमने सर
और हमारे संगठन के त मू यवान योगदान दया। हालाँ क कभी-कभार अपवाद भी होते
ह, जो आम तौर पर अ पकालीन होते ह, ले कन हम जो भुगतान मलता है, वह अंततः
प रणाम हा सल करने क हमारी यो यता के सीधे अनुपात म होता है, जसे सरे लोग और
कंप नयाँ मू यवान मानती ह तथा जसके लए वे भुगतान करने क इ छु क रहती ह। बोने
और काटने के नयम के अनुसार हमम से हर एक वही फ़सल काट रहा है, जसे हमने बोया
है। यादा और बेहतर “बोकर” हम भ व य म यादा और बेहतर “फ़सल काट” सकते ह।
कई बार लोग के लए यह वीकार करना मु कल होता है क उ ह उतना ही भुगतान
मल रहा है, जसके वे लायक़ ह; न उससे यादा न कम। हम वह नह मलता है, जो हम
चाहते ह, ब क वह मलता है जसके हम हक़दार होते ह। हमारी वतमान आमदनी संसार
के त, हमारी कंपनी के त और हमारे आस-पास के लोग के त हमारे योगदान का
त बब है। अगर हम अपने पुर कार बढ़ाना चाहते ह, तो हम अपना योगदान बढ़ाना होगा।
आपका काम चाहे जो हो, उसम सफलता क बु नयाद डालने के लए “बु नयाद बात
म बेहतरीन” बन। उस काम को पूरा करने म उ कृ बन, जसे करने के लए आपको
नौकरी द गई है। सफ़ कुछ चीज़ कर, जो सबसे मह वपूण चीज़ ह और उ ह एक के बाद
एक अ छ तरह कर। जब आप इस तरह से काम करने क त ा बना लेते ह, तो अवसर
के ार आपके लए खुलने लगगे। आपके आस-पास के लोग आपके गुण और यो यता
का और भी यादा ऊँचे तर पर इ तेमाल करने म आपक मदद करगे।
समीकरण का सरा ह सा अ यंत मह वपूण है। आपक “लोक- वहार क
यो यताएँ” कसी भी सरी चीज़ से यादा यह तय करगी क आपको वतमान या भ व य
म अपने गुण से कतना यादा फ़ायदा मलता है। आपको जस एक े म बेहद यो य
बनना चा हए, वह है लोग का सहयोग और समथन हा सल करना, जनक मदद क
ज़ रत आपको अपनी वतमान जगह से अपनी मनचाही जगह तक प ँचने के लए होगी।
आइए, “ ाहक संतु ” के वचार से शु करते ह। हमम से हर ाहक संतु
के वसाय म है। आपका ल य यह है क आप अपने ाहक को कसी सरे से यादा
अ छ तरह संतु कर। यह गत, ावसा यक और व ीय सफलता क कुंजी है।
आप जो भी कमाते ह और जो भी बनते ह, वह हर चीज़ अपने ाहक को संतु करने क
आपक यो यता के सीधे अनुपात म होती है। जन चीज़ के लए वे भुगतान करने को तैयार
ह, आप उ ह उनक मनचाही चीज़ सही समय पर दे ते ह।
चाहे आप जहाँ भी ह और जो भी कर रहे ह , आपके ाहक होते ह। “ ाहक” क
प रभाषा है वह , जसक संतु आपक आमदनी और संगठन म आपक तर क
क ग त को तय करती है। “ ाहक” वह है, जो आपके ॉड ट या सेवा का इ तेमाल
करता है। चूँ क आप ाहक संतु के वसाय म ह, इस लए आप हर उस के साथ
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त पधा कर रहे ह, जो अपनी आमदनी बढ़ाने क को शश कर रहा है और उसी ाहक को
संतु करके अपने क रयर को ऊपर उठाना चाहता है।
कामकाज म आपका पहले नंबर का ाहक आपका बॉस है। कुछ लोग यह सोचने क
ग़लती कर बैठते ह क बॉस “आव यक बुराई” है। बहरहाल, अगर आप हर एक को संतु
कर दे ते ह, ले कन अपने बॉस को नह कर पाते ह, तो आपका कामकाजी जीवन खद
होगा और आपका क रयर ख़तरे म पड़ जाएगा। य द आपका बॉस कसी कारण नाख़ुश है
या लंबे समय तक अ स है, तो आप गंभीर मु कल म पड़ जाएँगे और हो सकता है क
बेरोज़गार भी हो जाएँ।
जब आप अब तक के अपने कामकाजी जीवन को पीछे पलटकर दे खगे, तो आपको
याद आएगा क आपके कामकाजी जीवन के सबसे अ छे पल तब थे, जब आपके बॉस के
साथ अ छे संबंध थे। आपका बॉस आपके और आपके काम के बारे म जतना यादा ख़ुश
होता है, आपका कामकाजी जीवन उतना ही बेहतर होगा और आपका भ व य उतना ही
यादा सुर त होगा।
अपने बॉस के साथ अ छा तालमेल बैठाने का शु आती ब अपने बॉस क थ त
समझना है। इसका मतलब यह पता लगाना है क उसे अपने ल य हा सल करने के लए
और अपने बॉस क नज़र म अ छा दखने के लए आपसे या चा हए। य द आप अपनी
कंपनी के मा लक ह, तो आपका मु य बॉस आपका ाहक है, जो आपका ॉड ट या सेवा
ख़रीदता है। आपके सरे बॉस ह आपका बकर, आपके स लायर और हर वह ,
जसके समथन से आपका कारोबार चलता है। य द आपका बॉस वभाग मुख है, तो उसे
भी सुर त और सफल होने के लए ऊपर, नीचे, आस-पास के ब त से लोग को संतु
करना होता है। थ त चाहे जो भी हो, आपका बॉस आपका सबसे मह वपूण ाहक है।
अगर आप कामकाज म आगे नकलना चाहते ह, तो आपको अपने बॉस क
आव यकता का पता लगाना चा हए और उसक मान सक थ त को समझने के लए
उसक वेवल थ पर प ँचना चा हए। अपने बॉस क वेवल थ पर प ँचने के लए आपको
उसक शीष ाथ मकता के बारे म पूरी तरह प होने क ज़ रत है।
चाहे वे जो भी ह , उ ह अपनी भी ाथ मकताएँ बना ल। आपके बॉस के लए जो काम
सबसे मह वपूण ह, उ ह करने पर आप जतना यादा समय ख़च करते ह, आपका यह
ख़ास ाहक उतना ही यादा ख़ुश रहेगा।
आप उ ह चीज़ पर काम कर रहे ह, ज ह आपका बॉस अपने ल य हा सल करने के
लए सबसे मह वपूण मानता है, यह सु न त करने क दो महान तकनीक ह। पहली यह
है क आप अपने सभी काम और ग त व धय क सूची बना ल। लख ल क कन
प रणाम को हा सल करने के लए आपको पेरोल पर रखा गया है। ये इस के उ र ह,
“मुझे नौकरी पर य रखा गया है ”
आप पेरोल पर य ह आपको कौन से न त काम करने के लए नौकरी द गई है
अपने काम को ग त व धय के नह , प रणाम के संदभ म प रभा षत कर। आपको कौन से
प रणाम हा सल करने के लए नौकरी द गई है आउटपुट का अथ है वह पूरा काय, जो
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कसी सरे के लए इनपुट बन जाता है। आपसे कस- कस आउटपुट क उ मीद क जाती
है
यह सूची अपने बॉस के पास ले जाकर उनसे कह क वे उनक ाथ मकता के हसाब
से इस सूची को म से जमा द। अपने बॉस से आ ह कर क वे इन काम को सबसे
मह वपूण से सबसे कम मह वपूण के म म जमा द। एक बार जब आपका बॉस आपके
काम क ाथ मकता तय कर दे , तो कुछ समय नकालकर बातचीत कर और सट कता से
पता लगाएँ क वह हर े म आपसे या करने क उ मीद करता है। आप दोन को ही यह
कैसे पता चलेगा क काम सफलतापूवक पूरा आ है। आप प रणाम को कैसे मापगे
मसाल के तौर पर, अगर आप से समैन ह, तो आपके बॉस का मनचाहा बु नयाद
प रणाम शायद न त सं या म ब होगी। ब के इस तर को हा सल करने और
या को मापने यो य बनाने के लए आपको यह आव यकता होगी क आप न त
सं या म कॉल कर, न त सं या म तु तयाँ द, न त सं या म ताव द और न त
सं या म सौदे पूरे कर। सु न त कर क आप इनम से येक आँकड़े को वभा जत कर ल,
ता क अगर आपक ब या आमदनी कसी कार से कम है, तो आप यह द शत कर
सक क आपने अपने काम का हर सरा ह सा पूरा कर लया है और ब भी ज द ही
हो जाएगी।
कामकाज के संसार म मनोबल व उ साह घटाने वाली सबसे बड़ी चीज़ यह है, “यह
नह जानना क सामने वाला कस चीज़ क अपे ा करता है ” यह तब होता है, जब आप
या सरे लोग सट कता से यह नह जानते ह क आपसे या, कब करने क उ मीद क
जाती है और आपके काम का मू यांकन कैसे होगा। अपे त काम और प रणाम के बारे
म प ता न होने पर आप अपने कामकाज के बारे म कुं ठत और हताश बन सकते ह। इस
थ त से बचने के लए अपने बॉस के साथ बैठने का समय नकाल और उन ाथ मकता
क प सूची बना ल, ज ह नापा जा सके और जनक समयसीमा भी हो।
ाथ मकता था पत करने क सरी तकनीक यह है क आप काडबोड क एक शीट
ल, जस तरह राइ टग पैड के पीछे का काडबोड होता है। फर अपने हर काम को एक
टक ऑन नोट पर लख ल। तीन टक ऑन नोट् स को इस काडबोड क शीट पर मह व
के म म लगा द। पूरे पेज क फ़ोटोकॉपी कर ल। फर टक ऑन नोट् स वाली काडबोड
क यह शीट अपने बॉस के पास लेकर जाकर कह क वे उनक ाथ मकता के म म
टक ऑन नोट् स को दोबारा जमा द।
अपनी और बॉस क ाथ मकता के अंतर पर शायद आपको हैरानी होगी। कई बार
आप जसे अपना ब त मह वपूण काम मानते ह, वह आपके बॉस के लए ब त कम
ाथ मकता वाला काम नकलता है। अनु पता क इस तरह क कमी संघष, असंग त,
अ स ता और मनोबल कम करने क ओर ले जा सकती है। अपने त, अपने बॉस के
त और अपने भ व य के त यह आपका दा य व है क आप ाथ मकता को प
कर ल और यह जान ल क आपका सबसे मह वपूण काम कौन सा है और सबसे
मह वहीन काम कौन सा है।
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कामकाज म सव े सं ेषण वे होते ह, जो काम कराने, सम याएँ सुलझाने और ल य
क बाधा को हटाने पर क त होते ह। प ाथ मकता और आउटपुट क
ज़ मेदा रय के साथ आप अपने बॉस से भावी सं ेषण करने क आदश थ त म होते ह।
जब भी आपको अपने बॉस से मलना हो, तो हमेशा एक एजडा तैयार कर, जसम उन
वषय क सूची हो, जन पर आप बातचीत करना चाहते ह। आप हैरान रह जाएँगे क हर
बार एजडा तैयार करने पर आपक मुलाक़ात कतनी यादा तेज़ और कतनी यादा
भावी हो जाती ह। इससे आपका बॉस आपसे मलने के लए यादा इ छु क होगा। काम-
क त चचाएँ ज द हो जाती ह और दोन प के लए सहायक होती ह। वे शै णक और
जानकारी दे ने वाली होती ह। वे आपको उन चीज़ को सीखने म स म बनाती ह, ज ह
आपको अपना काम अ छ तरह करने के लए जानना चा हए। इनसे आपके बॉस को यह
जानकारी भी मलती रहती है क आप कतना यादा और अ छा काम कर रहे ह तथा
आपक ग त व धय क नवीनतम थ त या है।
अपने बॉस या कसी सरे के साथ पेश आने म आपको सं ेषण क जन दो अ यंत
मह वपूण यो यता क ज़ रत है, वे ह बोलना और सुनना। अपने बॉस के साथ उ च
गुणव ा के संबंध क़ायम रखने का एक श शाली तरीक़ा है: पूछना, सावधानी से
सुनना और नोट् स लेना।
एक कंपनी मा लक ने एक बार बताया क उसके संगठन म 99 तशत सम याएँ
ख़राब सं ेषण क वजह से खड़ी होती ह। जब भी कोई “ख़राब” सं ेषण क बात
करता है, तो लगभग हमेशा उसका मतलब होता है अ प , अधूरा या सं द ध सं ेषण।
ख़राब सं ेषण ब त समय बबाद करता है। जो भी चीज़ आपक नौकरी म समय बबाद
करती है, वह उन प रणाम को उ प करने क आपक यो यता कम कर दे ती है, जनके
लए आपको भुगतान और तर क मलती है। अगर आप अपने े के शखर पर प ँचने
के बारे म गंभीर ह, तो आपको अ प सं ेषण जैसी चीज़ को सहन नह करना चा हए।
आप अपनी नौकरी म तीन कार क श याँ वक सत कर सकते ह, जो आगे नकलने म
आपके लए ब त सहायक हो सकती ह। उनम से येक उस पर आधा रत है, जस पर हम
पहले ही बातचीत कर चुके ह।
पहले कार क श है “ वशेष श ।” कसी भी संगठन म वशेष वह
होता है, जसे कसी अ यंत मह वपूण े म बेहद स म माना जाता है। अ सर कसी
संगठन म वशेष व र ए ज़ी यू ट ज़ से भी यादा श शाली होते ह, य क
यादातर मामल म उनक जगह पर सरे को नह रखा जा सकता। इसे अ सर कंपनी क
“अ यंत मह वपूण यो यता या बु नयाद स मता” कहा जाता है, जस पर इसक सफलता
नभर करती है।
आप जस सरे कार क “श ” वक सत कर सकते ह, वह है “ वै छक” श ।
यह अन धकृत श आपक ओर उसी तरह खची चली आती है, जैसे लोहे क कतरन
चुंबक क ओर खची आती ह, य क लोग आपको पसंद करते ह, आपका स मान करते ह
और आपके आस-पास रहने पर ख़ुश होते ह। हर कामकाजी थ त म वै छक श
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वाला कोई न कोई होता है। इस का भाव उसके पद के लहाज़ से ब त
यादा होता है, य क लोग सलाह लेने, परामश लेने या सम याएँ सुलझाने के लए उसके
पास आते ह और इस लए भी, य क उसे लोग सचमुच पसंद करते ह।
वै छक श कसी को यादा लोग को भा वत करने म स म बनाती है,
जो इसके बना संभव नह होता। यह अ सर मोशन और अवसर क ओर ले जाती है,
जो इसके बना नह मलते। इसी लए कसी भी संगठन म आगे नकलने के सव े तरीक़
म से एक यह है क आप वहाँ के सबसे लोक य य म से एक बन जाएँ।
समय अ छा हो या बुरा, सकारा मक, आशावाद लोग को हमेशा नौकरी मलती है
और उनक नौकरी जाती नह है। वै छक श हा सल करने क कुंजी सरल है। बस, हर
एक के साथ सुखद और चकर रह। सकारा मक और उ साही बन। ख़ुश मज़ाज बन।
अ छे क त ा बनाएँ। हर के बारे म सकारा मक बात बोल। कभी शकायत
न कर। लोग से उनके बारे म पूछ और अ छे ोता बन। वै छक श ब त कम
समय म ही आपको ब त र तक प ँचा सकती है।
कसी संगठन म तीसरे कार क श “पद” क श है। यह वह श और स ा
है, जो कसी ख़ास पद या पदवी के साथ मलती है। मसाल के तौर पर, जो ब
का भारी है, उसके पास ब ट म के संदभ म नणय लेने का अ धकार होता है। जो
व का भारी है, उसके पास यह नणय लेने का अ धकार होता है क पैसे को
आवं टत कैसे कया जाए और कहाँ लगाया जाए। पद क श कसी संगठन क कुंजी है।
बॉस के मु य काम म से एक हर एक के सामने यह सट कता से प करना है क नौकरी
के पद और ज़ मेदा रय के साथ कसी को कतने अ धकार ह।
नरमी और सृजना मकता से इ तेमाल करके आप अपने पद क श का व तार कर
सकते ह। अ धकार का दबाव डालकर लोग से काम करने को न कह; इसके बजाय उनसे
कह क वे कसी ख़ास काम को करने म आपक मदद कर। सव े लीडर उ कृ और कम
दबाव डालने वाले से सपीपुल होते ह। हालाँ क उनके पास यह दबाव डालने क श
होती है क काम उनके मनचाहे तरीक़े से ही हो, ले कन वे कूटनी त, श ाचार और
संवेदनशीलता से लोग से कहते ह क वे कोई ख़ास काम कसी ख़ास समय तक कर द।
आप अपने पद क श को ढ़तापूवक दखाने से जतना बचते ह, उतने ही यादा
लोग आपका स मान करगे और आपके ल य हा सल करने म आपके साथ सहयोग करने
को उ सुक रहगे।
अपनी वशेष श , वै छक श और पद क श को बढ़ाने क योजना बनाएँ।
आप वशेष श तब वक सत करते ह, जब आप उन एक-दो े म बेहद स म बन
जाते ह, जहाँ आप संगठन के त मह वपूण योगदान दे सकते ह। आप वै छक श
तब हा सल करते ह, जब आप सहायक, लोक य और सहयोगी इंसान बनते ह, जसके
साथ काम करना आनंददायक हो।
पहली दो श याँ हा सल करने के फल व प आप पद क श हा सल करते ह।
जब आप अपनी यो यता और प रणाम पाने क क़ा ब लयत को बेहतर बना लेते ह, तो
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आपको भा वत करने के लए और भी यादा लोग दए जाएँगे, ता क आप कंपनी क
उ पादकता को बढ़ा सक। “ट X आर पी” फ़ॉमूला लगातार काम करता रहता है।
अपने समक और अधीन थ के साथ काम करने म “ व णम नयम” का अ यास
कर। उनके साथ वैसा ही वहार कर, जैसा वहार आपको अपने लए पसंद है। अपने
समक के साथ स मान का वहार कर और उनके ल य हा सल करने म उनक हर
संभव मदद कर। अपने अधीन थ के साथ सहानुभू त और संवेदनशीलता से वहार कर।
उनके सामने प कर द क वे कौन से काम ह, जनके लए उ ह नौकरी पर रखा गया है।
उ ह यह सखाने का समय नकाल क उ ह उनके काम करने म अ छा बनने के लए या
करना चा हए। उनके काम क प ाथ मकताएँ तय करने म उनक मदद कर। अपने
साथ हर मी टग के लए उ ह एक एजडा लखने के लए ो सा हत कर और फर मलकर
एजडा पर चल।
उ कृ कमचा रय और बंधक क लोक- वहार क यो यता को सारांश म रखने
का शायद सबसे अ छा तरीक़ा यह कहना है क उनक आंत रक एका ता अपने आस-पास
के लोग पर रहती है और उनक बाहरी एका ता उनके ाहक पर होती है। आपको भी
यही करना चा हए। अपनी नौकरी के उ कृ दशन पर अपना यान बाहर क ओर क त
कर। सभी तर पर अपने आस-पास के लोग के साथ सकारा मक और उ पादक तरीक़े से
काम करने पर अंदर क ओर क त रह।
अ याय 10

सर को राज़ी करने क रणनी तयाँ

जी वन म आप या तो अपने ल य ख़ुद के दम पर हा सल करते ह या फर आप अपनी


मदद करने के लए सर को राज़ी कर सकते ह। यह काम अकेले करने क को शश
करगे, तो शायद आपक पूरी ज़दगी गुज़र जाएगी और इसके बावजूद आपको सी मत
प रणाम ही मलगे। अपनी मदद करने और अपने साथ सहयोग करने के लए सर को
राज़ी करके आप बरस क कड़ी मेहनत से बच सकते ह। राज़ी करने क श से ही फ़क़
पड़ता है।
आप जीवन म जो चीज़ पाना चाहते ह, उ ह पाने म सर को राज़ी करने और
भा वत करने क आपक यो यता उन सबसे मह वपूण यो यता म से एक है, ज ह
आप वक सत कर सकते ह। लोग को सहमत करने क श आपको आपक मनचाही
चीज़ यादा तेज़ी से पाने म इतनी मदद कर सकती है, जतना कोई सरी चीज़ नह कर
सकती। यह सफलता और असफलता के बीच का फ़क़ भी हो सकती है। यह आपक
ग त क गारंट दे सकती है और आपक बाक़ यो यता के सव च तर पर इ तेमाल म
आपको स म बना सकती है।
राज़ी करने क श क बदौलत आपके ाहक, अ धकारी, सहकम , साथी और म
आपका समथन व स मान करगे। आप सर से जो कराना चाहते ह, उनम उसे करने क
इ छा जगाने के लए सर को राज़ी करने क जो यो यता आपके पास है, वह आपको
अपने वसाय तथा समुदाय म सबसे मह वपूण य म से एक बना सकती है।
सौभा य से, राज़ी करना साइकल चलाने या टाइपराइटर पर टाइ पग करने जैसी एक
यो यता है, जसे अ ययन और अ यास के ज़ रये सीखा जा सकता है। आपको इस े म
उ कृ बनने का बु नयाद ल य बनाना चा हए। आपका ल य यह होना चा हए क आप
उन लोग को ो सा हत और राज़ी करने म बेहद भावी बन जाएँ, जो आपके ल य और
उ े य हा सल करने म आपक सहायता और समथन कर।

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यह नेतृ व क स ची कसौट है। सभी सचमुच भावी लोग सरे लोग को अपने साथ
काम करने और उनसे अपने लए काम कराने क कला म पारंगत होते ह, ता क वे अपने
ल य तक प ँच सक। आप भी ऐसा ही कर सकते ह।
राज़ी करने का वपरीत है राज़ी न कर पाना और अ भावी होना। इसका मतलब है
सरे लोग के वहार को भा वत करने क अयो यता या ब त कम यो यता होना। राज़ी
करने क यो यता श शाली और अश होने के बीच का फ़क़ है। आप या तो सर को
अपनी मदद करने के लए राज़ी कर सकते ह या फर आप उनक मदद करने के लए राज़ी
हो सकते ह। या तो एक होता है या फर सरा।
यादातर लोग जाग क नह होते ह क हर मानवीय संपक म सं ेषण और राज़ी करने
क एक ज टल या शा मल होती है। इससे अनजान होने के कारण आम तौर पर वे
सर को अपनी मदद करने के लए तैयार नह कर पाते ह और सर क मदद करने के
लए राज़ी हो जाते ह।
सभी सफल लोग लोग को सहमत या राज़ी करने म वशेष होते ह। वे पहले से ही
पूरी तरह सोच लेते ह क वे सर से अपनी मदद कैसे करा सकते ह। वे काम करने से पहले
पूरी योजना और रणनी त बना लेते ह। वे अपने ल य को प ता से तय करते ह और फर
वे उन लोग को चुनते ह, जनके सहयोग से वे अपने ल य तक प ँच सकते ह। वे इस बारे
म भी सोचते ह क सर क मदद के बदले म उ ह या दे ना होगा। वे ख़ुद को उन लोग क
मान सकता म रखते ह, ज ह वे राज़ी और भा वत करना चाहते ह और फर वे अ य
यास के नयम का इ तेमाल करते ह। वे राज़ी करने और भा वत करने के अपने ल य
अ य प से हा सल करते ह।
राज़ी करने क कुंजी है ो साहन या ेरणा। मो टवेशन श द का पहला ह सा है
“मो टव” या ेरणा। हर मानवीय काय कसी न कसी चीज़ से े रत होता है। आपका काम
यह पता लगाना है क सरे लोग कस चीज़ से े रत होते ह और फर आपको उ ह वह
ेरणा दे नी होती है।
लोग क दो मु य ेरणाएँ होती ह: लाभ क इ छा और हा न का डर। लाभ क इ छा
लोग को े रत करती है क वे जीवन म जन चीज़ को मू यवान समझते ह, उ ह यादा
चाह। वे यादा पैसा, यादा सफलता, यादा वा य, यादा भाव, यादा स मान,
यादा ेम और यादा ख़ुशी चाहते ह। और कोई सीमा नह है। कसी के पास चाहे
जतना हो, इसके बावजूद वह यादा और यादा चाहता है। आपको यह पता लगाना
चा हए क वह कौन सी चीज़ है, जसे सामने वाला चाहता है और उसे पाने के लए वह
कोई चीज़ करने को तैयार हो सकता है।
जब आप लोग को यह दखा दे ते ह क वे आपके ल य हा सल करने म मदद करके
अपनी मनचाही चीज़ कैसे पा सकते ह, तो आप उ ह अपनी तरफ़ से काम करने के लए
ो सा हत और े रत कर सकते ह। आप उ ह राज़ी कर सकते ह।
रा प त ड् वाइट डी. आइज़नहॉवर ने एक बार कहा था, “ ेरणा लोग से वह कराने क
कला है, जो आप उनसे कराना चाहते ह, य क वे उसे ख़ुद करना चाहते ह।” आपको
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लगातार सोचना चा हए क आप लोग से वे काम कैसे करा सकते ह, जो अपने गत
उ े य हा सल करने के लए आपको उनसे कराने क ज़ रत है।
लोग हा न के डर से भी काम करने के लए े रत होते ह। यह डर दरअसल लाभ क
इ छा के मुक़ाबले यादा राज़ी करता है। लोग व ीय हा न, वा य क हा न, सर के
स मान व अनुमोदन क हा न, कसी के ेम क हा न और कसी ऐसी चीज़ क हा न से
डरते ह, जसे वे अपनी मानते ह, ख़ास तौर पर अगर उ ह ने इसे हा सल करने के लए
कड़ी मेहनत क हो। लोग प रवतन, जो खम और अ न तता से डरते ह, य क इनम
संभा वत हा नय का जो खम होता है। लोग डरते ह क सरे उनसे फ़ायदा न उठा ल,
य क इससे उ ह नुक़सान हो सकता है।
जब भी आप लोग को दखा सक क आप उनसे जो काम कराना चाहते ह, वह करके
वे कसी तरह क हा न से बच सकते ह, तो वे अ सर वह काम करने के लए राज़ी हो जाते
ह। सव े ताव वे होते ह, जहाँ आप लाभ के साथ-साथ हा न से बचने का अवसर भी
दे ते ह।
से सपसन कतने भावी ढं ग से बेचता है, यह उसक राज़ी करने क श य से तय
होता है। हम यह नह भूलना चा हए क हर ब के े म है। कुछ लोग को
आजी वका कमाने के लए बेचने का वचार पसंद नह होता, न ही वे से सपीपुल को पसंद
करते ह। ले कन स चाई यह है क हर अपनी आजी वका कसी न कसी को, कुछ न
कुछ, कसी न कसी तरह, कह न कह पर, क ह प र थ तय म अपनी आजी वका
बेचकर कमाता है। हर मानवीय वहार म बेचना और राज़ी करना शा मल होता है।
जब आप कसी नौकरी या मोशन के लए आवेदन दे ते ह, तो आप अपनी सेवाएँ
बेचते ह। आप तब बेचते ह, जब आप डे टग करते ह और जब आपक शाद होती है। हर
वचार- वमश म आप अपने वचार क ब करते ह। जब आप अपने ब च से कुछ
कराने क या उ ह ब तर पर सुलाने क भी को शश करते ह, तब भी आप उ ह राज़ी करते
या बेचते ह। आप हमेशा बेच रहे ह। एकमा है, “आप इसम अ छे ह या नह ह ”
ब और राज़ी करने म सबसे श शाली श द है, “माँग।” संसार “माँगने वाल ” का
है। भ व य उ ह ी-पु ष का है, जो खड़े होकर अपनी मनचाही चीज़ माँगने म नह
डरते ह।
राज़ी करने वाले लोग जानते ह क अगर वे कोई चीज़ माँगगे, तो उनके साथ जो सबसे
बुरी चीज़ हो सकती है, वह यह है क सामने वाला “नह ” कह दे गा। ले कन अगर सामने
वाले ने “नह ” कह दया, तो भी या होगा वे उसी थ त म रहगे, जसम वे थे, जब
उ ह ने माँगा ही नह था। माँगने पर उ ह वह चीज़ हा सल हो सकती है और उ ह कोई
नुक़सान नह हो सकता। “कोई यास नह , कोई लाभ नह ” यह आ यजनक है क
आप सफ़ माँगकर कतना कुछ हा सल कर सकते ह।
ज़ा हर है, आपको अ छ तरह माँगना सीखना चा हए। आपको वन ता से माँगना
चा हए। आपको व ास से माँगना चा हए। आपको अपे ा से माँगना चा हए। आपको
सुखद लहज़े म माँगना चा हए। आपको म तापूण और ख़ुश मज़ाज अंदाज़ म माँगना
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चा हए। आपको खुलेपन और ईमानदारी से माँगना चा हए। आपको इस तरह से माँगना
चा हए, ता क सामने वाला आपके आ ह पर वचार करने म आरामदे ह महसूस करे।
ले कन आपको अपनी मनचाही चीज़ माँगनी ज़ र चा हए। राज़ी करने और भा वत करने
क बु नयाद यह है क आप बु मानी से अपनी मनचाही चीज़ उन लोग से माँग, जो
आपक मदद कर सक।
आप जीवन म जो चीज़ चाहते ह, उ ह पाने के दो तरीक़े ह। पहला, आप ख़ुद के लए,
अपने ख़ुद के सव े हत म काम कर सकते ह। इस तरह से आप थोड़ा सा तो हा सल
कर सकते ह, ले कन ब त यादा नह । जो लोग पूरी तरह से ख़ुद पर नभर होते ह, उनक
मताएँ सी मत होती ह। वे कभी अमीर या सफल नह बन पाएँगे।
अपनी मनचाही चीज़ पाने का सरा तरीक़ा है लीवरेज का इ तेमाल। लीवरेज म आप
ख़ुद को कई गुना करना सीखते ह। फल व प आपको हर चीज़ ख़ुद करने क तुलना म
कह यादा प रणाम मलते ह।
लीवरेज के तीन कार ह, जनका वकास करके आप वयं और अपनी थ त से
सव े लाभ ले सकते ह। इ ह “ओपीई, ओपीके और ओपीएम” कहा जाता है। इन अ र
का अथ है सरे लोग के यास (Other People’s Efforts ), सरे लोग का ान
(Other People’s Knowledge ) और सरे लोग का धन (Other People’s Money
)। जब भी कोई शू य से अमीरी तक प ँचा है, ऐसा इस लए आ य क वह इन
तीन ब गु णत करने वाल म से एक या यादा का इ तेमाल करके अपनी लीवरे जग कर
रहा था। ख़ुद को ब गु णत करके उसने कुछ वष म ही इतना यादा हा सल कर लया,
जतना कई लोग पूरी ज़दगी म भी हा सल नह कर पाते ह।
सरे लोग के यास से लीवरे जग का मतलब यह है क आप अपने उ े य क
उपल ध म सरे लोग से अपने लए और अपने साथ काम कराकर लीवरे जग करते ह।
कई बार आप उनसे वै छक मदद माँग सकते ह, हालाँ क यह यान रख क लोग कसी
गत पुर कार के बना लंबे समय तक काम नह करगे। बाक़ मौक़ पर आप अपनी
मदद के लए उ ह नौकरी पर रख सकते ह और ख़ुद को यादा मू यवान काय के लए
वतं कर सकते ह। बंधन क प रभाषा है, “ सर के ज़ रये काम कराना।” मैनेजर बनने
के लए आपको सर को एक साझी दशा म मलकर काम करने के लए राज़ी करने और
भा वत करने म वशेष होना चा हए। भावी मैनेजर राज़ी करने म मा हर होते ह। वे
आम तौर पर उ कृ , कम दबाव डालने वाले से सपीपुल होते ह।
वे लोग को काम करने का आदे श नह दे ते ह, जस तरह सेना म कोई अ धकारी दे ता
है। इसके बजाय वे उ ह न त काम या ज़ मेदा रयाँ वीकार करने के लए राज़ी करते ह।
वे न त डे डलाइन और दशन के मानदं ड पर उनक सहम त हा सल करते ह। जब
कसी को राज़ी कर लया जाता है क कसी काम को अ छ तरह करने म उसका
भी वाथ है, तो वह काम और प रणाम का वा म व वीकार कर लेता है। एक बार जब
कोई कमचारी वा म व और ज़ मेदारी वीकार कर लेता है, तो मैनेजर इस व ास के साथ
एक तरफ़ हट सकता है क काम समयसीमा म पूरा कर लया जाएगा।
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आपके जीवन के हर ह से म आपके पास यह वक प होता है क आप कोई काम
ख़ुद कर या उसे कसी सरे को स प। कसी सरे से उस काम को आप जतने ही उ साह
से वीकार कराना राज़ी करने क कला म एक अ यास है। शु आत म ऐसा लग सकता है
क लोग को राज़ी करने और व ास दलाने म थोड़ा यादा समय लग रहा है, ले कन
इससे काम पूरा करने म आपका ब त सा समय बच जाता है।
अथशा का एक बेहद मह वपूण स ांत है, जसे “ रकाड का नयम” कहा जाता
है। इसे तुलना मक लाभ का नयम भी कहते ह। यह नयम कहता है क जब भी आपको
कोई ऐसा मल जाए, जो आपके काम के कसी ह से को आपक तुलना म त घंटे
कम रा श म कर सकता हो, जो आप अपने काम के यादा मू यवान ह स को हा सल
करने के लए कमा सकते ह, तो आपको काम का वह ह सा उस को स प दे ना
चा हए या आउटसोस कर दे ना चा हए।
मसाल के तौर पर, अगर आप हर साल पचास हज़ार डॉलर कमाना चाहते ह, तो उस
रा श को 2,000 घंट से वभा जत कर द। अब आपके पास 25 डॉलर त घंटे क रा श
आ जाती है। पचास हज़ार डॉलर त वष कमाने के लए आपको हर साल 250 दन, हर
दन 8 घंटे, हर घंटे 25 डॉलर का काम करना चा हए। यह आसान ग णत है, ले कन
अचरज क बात यह है क ब त सारे लोग इसे नह जानते ह।
आपको कोई भी ऐसी चीज़ नह करनी चा हए, जसम त घंटे 25 डॉलर या इससे
यादा का भुगतान न मलता हो। य द यह आपके काम का कोई ह सा है, जैसे फ़ोटोकॉपी
करना, पेपर फ़ाइल करना, प टाइप करना या य के फ़ॉम भरना, जसम 25 डॉलर त
घंटे का भुगतान नह मलता है, तो आपको इसे करना छोड़ दे ना चा हए। आपको त घंटे
कम रा श वाले कसी सरे को इस काम को करने के लए राज़ी करना चा हए।
आप छोटे काम करने के लए सर को जतना यादा राज़ी कर सकते ह, आपके पास
उन बड़े काम को पूरा करने के लए उतना ही यादा समय ख़ाली हो जाएगा, जहाँ आपको
यादा बड़ी धनरा श का भुगतान मलता है। अपने काम के त यह नी त उस लीवरेज को
वक सत करने के लए अ नवाय कुंजी है, जसक ज़ रत आपको अपने पेशे के सव च
भुगतान वाले य म से एक बनने के लए होती है।
अपने े म सफलता पाने के लए आपको लीवरे जग के जस सरे कार को
वक सत करना चा हए, वह है सरे लोग का ान। य द आप सामा य से बड़े ल य
हा सल करना चाहते ह, तो आपको सरे लोग क मान सक श का दोहन और इ तेमाल
करना होगा। सफल य को हर वह चीज़ मालूम नह होती, जसक ज़ रत उ ह
कसी ख़ास काम को पूरा करने के लए होती है। ले कन वे अ सर यह जानते ह क ऐसे
ान से संप लोग को कैसे खोजा जाए।
एक बार हेनरी फ़ोड को अदालत ले जाया गया और उन पर यह आरोप लगाया गया
क उनक सी मत श ा क वजह से वे अ ानी ह। आरोप ख़ा रज कर दया गया, जब
उ ह ने जज को बताया क वे अपनी डे क पर लगे कई बटन म से एक को दबा सकते ह
और अपने सवाल का जवाब दे ने के लए दे श के सबसे ानी लोग को अंदर बुला सकते
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ह। जज हेनरी फ़ोड क इस बात से सहमत थे क आव यक ान पाने क यो यता इसे याद
करने क यो यता से कह अ धक मह वपूण थी।
आपको अपने सबसे मह वपूण ल य हा सल करने के लए कस तरह के ान क
ज़ रत है आपको जस ान क आव यकता होगी, उसम से कतना ान आपके पास
गत प से होना चा हए और कौन सा ान आप सर से उधार ले सकते ह, ख़रीद
सकते ह या कराये पर ले सकते ह
यह कहा गया है क हमारे सूचना आधा रत समाज म आप ान के कसी भी ह से से
कभी भी एक पु तक या दो फ़ोन से यादा र नह होते ह। ऑनलाइन कं यूटर सेवा के
पास वशाल डाटाबेस होते ह, जनक मदद से आपको इंटरनेट से सट क जानकारी आम
तौर पर चंद मनट म मल सकती है।
जब भी आपको अपने ल य हा सल करने के लए कसी सरे से जानकारी और
वशेष ता क ज़ रत हो, तो अपनी मदद के लए उ ह राज़ी करने का सव े तरीक़ा बस
यह है क उनका सहयोग माँग ल। जो भी कसी वशेष े म ानी होता है, उसे अपनी
उपल धय पर गव होता है। कसी क वशेष तापूण सलाह माँगकर आप उसे
स मान दे ते ह और अपनी मदद करने के लए ो सा हत करते ह।
भले ही आप उस को न जानते ह , ले कन पूछने म न घबराएँ। कई बार आप
कसी म को फ़ोन कर सकते ह, जो आपक ज़ रत क जानकारी या वशेष ता रखने
वाले को जानता हो। इस तरह क नेटव कग से आप सारी चीज़ का ख़ुद पता लगाने
क को शश से बच जाते ह और आपके घंट , स ताह और महीन क कड़ी मेहनत भी बच
जाती है।
लीवरे जग करने क तीसरी कुंजी है सरे लोग का पैसा। यह काफ़ हद तक आपक
राज़ी करने क यो यता पर आधा रत होती है। अपने गुण क लीवरे जग करने के लए
सरे लोग का पैसा तथा संसाधन हा सल करने व उनका इ तेमाल करने क आपक
यो यता व ीय सफलता का ंगबोड है। इसका मतलब यह है क आप चीज़ ख़रीद लेते
ह और भुगतान टाल दे ते ह। आप कोई चीज़ बेचते ह और भुगतान पहले ले लेते ह। आप
फ़न चर, थर व तुएँ या मशीन कराये या लीज़ पर ले लेते ह। आपम अवसर का लाभ
लेने के लए लोग से पैसा उधार लेने क यो यता है। यह उन सबसे मह वपूण यो यता
म से एक है, ज ह आप वक सत कर सकते ह। पैसे के साथ ही ये सभी यो यताएँ सर
को राज़ी करने क आपक यो यता पर नभर करती ह क वे व ीय े म आपक मदद
कर, ता क आप वह लीवरेज वक सत कर सक, जसक ज़ रत आपको अपने े म
आगे और ऊपर बढ़ने के लए है।
टै सस के अरबप त रॉस पेरो कभी आई.बी.एम. के शीष थ से समैन थे। उ ह ने
आई.बी.एम. छोड़कर 1,000 डॉलर से ई.डी.एस. शु क , जो उ ह ने अपनी माँ से उधार
लए थे। उनके पास यह वचार था क वे बड़े संगठन का डाटा ोसे सग काय ले ल,
ले कन उनके पास न तो पैसा था, न ऑ फ़स और न ही संसाधन। उ ह ने दजन संभा वत
ाहक से बात क , ले कन हर एक ने उ ह ठु करा दया। आ ख़रकार उ ह ने एक पुराने
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ाहक से बात क , जो उनक सेवाएँ ख़रीदने के लए राज़ी हो गया। यह उनक पहली
ब थी।
सम या यह थी क रॉस पेरो के पास कोई पैसा नह था, जससे वे अपनी बेची गई
सेवा को बना और प ँचा सक, इस लए उ ह ने अपने नए ाहक से पूछा क या वह
फ़ स क 50 तशत रा श का अ म भुगतान करेगा। ाहक सहमत हो गया और इस तरह
ई.डी.एस. का ज म हो गया। उस छोट बु नयाद से, जो माँगने और राज़ी करने पर
आधा रत थी, रॉस पेरो ने बाद म संसार क सबसे बड़ी कंप नय म से एक बनाई और
अमे रका के रा प त पद का चुनाव भी लड़ा।
राज़ी करने क श का अथ है सरे लोग के यास , सरे लोग के ान और सरे
लोग के धन का दोहन करके अपनी लीवरे जग करने के लए लोक- वहार क यो यता
का इ तेमाल करना। इनम से येक को पाने क कुंजी है “माँगना।”
बैठकर उन सभी लोग क सूची बनाएँ, ज ह आप य या अ य प से जानते
ह, जनसे आप मदद माँग सकते ह। उनसे सलाह माँग। वचार माँग। मागदशन माँग। ान
माँग। जानकारी के व श ह से माँग।
प कर ल क आप या चाहते ह और फर ज़ रत क चीज़ माँग ल। सफ़ माँगने से
आपको इतना कुछ मल जाएगा, जससे आप हैरान रह जाएँगे। आपके कामकाजी और
नजी जीवन म राज़ी करने क श के चार “पी” ह। ये ह श (power ), पदानु म
(positioning ), दशन (performance ) और वन ता (politeness )। ये सभी
अनुभू त पर आधा रत ह।
राज़ी करने का पहला त व है श । कोई आपको जतना यादा श शाली
और भावी मानता है, चाहे यह सही हो या न हो, इस बात क उतनी ही यादा संभावना
होती है क वह आपक बात मानकर वह करने के लए राज़ी हो जाएगा, जो आप उससे
कराना चाहते ह। मसाल के तौर पर, अगर आप सी नयर ए ज़ी यू टव या दौलतमंद नज़र
आते ह, तो लोग के आपक मदद करने क कह यादा संभावना होगी, जो वे कदा प नह
करते, अगर वे आपको नचली ेणी का कमचारी मानते।
वसाय म श और भाव पर कई पु तक ह, ज ह आप पढ़ सकते ह। वे आपको
सखाती ह क इसे कैसे वक सत करना है और यादा ेरक कैसे बनना है। पोशाक, हाव-
भाव, नज़ रये, वहार और बॉडी ल वेज म छोटे -छोटे प रवतन सरे लोग को अपनी
मदद के लए राज़ी करने म स चा फ़क़ डाल सकते ह, जससे आप उनसे वह करा सकते
ह, जो आप पाना चाहते ह।
सरा “पी” है छ व। इसका अथ है वह तरीक़ा, जससे लोग आपक ग़ैर-मौजूदगी म
आपके बारे म सोचते और बात करते ह। सरे लोग के दल और दमाग़ म आपक छ व ही
काफ़ हद तक यह तय करती है क आप उ ह राज़ी कर सकते ह या नह ।
क पना कर क आपको जानने वाले दो लोग बैठकर आपके बारे म बात कर रहे ह। वे
आपका वणन कैसे करगे वे आपम कौन से गुण बताएँगे वे कन श द का इ तेमाल
करगे और सबसे मह वपूण, आपके बारे म सोचना उनके लए कैसे सहायक रहेगा
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सरे लोग को शा मल करने पर आप जो भी करते ह, उस हर चीज़ म आप अपने बारे
म उनक अनुभू तय और उनके मन म अपनी छ व को आकार दे रहे ह और भा वत कर
रहे ह। हर चीज़ मह वपूण होती है। कोई भी चीज़ तट थ नह होती। सफल लोग वे होते ह,
जो लगातार अपने श द और काय के बारे म सोचते ह, और यह भी क वे सर क
अनुभू तय को सकारा मक तरीक़े से आकार कैसे दे सकते ह।
तीसरा “पी” दशन के लए है। इसका मतलब है क आप जो करते ह, उसम आप
कतने अ छे ह अपने े म आपक स मता और वशेष ता का तर या है प रणाम
पाने क यो यता के लए जन लोग को ऊँचा स मान दया जाता है, वे औसत कमचारी क
तुलना म कह यादा राज़ी कर सकते ह। यह वशेष श का ह सा है, जसके बारे म
हमने पछले अ याय म बात क थी।
आपक दशन मता के बारे म सरे लोग क या अनुभू त है, इससे इस बात पर
भारी भाव पड़ता है क वे आपके बारे म कैसा सोचते और महसूस करते ह। इसी लए
आपको अपने े के सव े लोग म से एक बनने के लए ख़ुद को सम पत कर लेना
चा हए। अपने काम म उ कृ बनने क त ा राज़ी करने वाला श शाली घटक बन
सकती है। यह आपको अपने आस-पास के लोग के साथ आपके सारे संपक म बेहद
भावी बना सकती है। वे आपक सलाह वीकार करगे, आपके मागदशन के त खुले ह गे
और आपके आ ह मान लगे।
राज़ी करने क श म चौथा “पी” है वन ता। लोग दो कारण से चीज़ करते ह, या
तो इस लए य क वे उ ह करना चाहते ह, या फर इस लए य क वे उ ह करनी पड़ती
ह। जब आप लोग के साथ दयालुता, श ता और स मान से पेश आते ह, तो वे आपके
लए चीज़ करना चाहते ह। वे आपक सम याएँ सुलझाने और आपके ल य हा सल करने
म मदद करने के लए काफ़ र तक जाने के लए े रत होते ह।
सरे लोग के त अ छा बनने से सबसे गहरी अवचेतन आव यकता म से एक
संतु होती है - मह वपूण और स मा नत महसूस करने क आव यकता। जब भी आप
अपने वहार से लोग को मह वपूण महसूस कराते ह, वे आपसे राज़ी या भा वत होने के
लए खुल जाते ह। वे आपक मदद करना चाहते ह।
अनुभू त ही सब कुछ है। क अनुभू त ही उसक वा त वकता है। लोग आपके
त अपनी अनुभू तय के आधार पर काम करते ह। य द आप उनक अनुभू तयाँ बदल द,
तो आप अपने बारे म उनके सोचने और महसूस करने के तरीक़े को बदल दगे। तब आपक
कही बात पर उनक त या भी बदल जाएगी। रद शता और अ यास से आप राज़ी
करने या भाव डालने म बेहद भावी बन सकते ह। आप अपनी गत श हमेशा
यह सोचकर बढ़ा सकते ह क आप अपने ल य हा सल करने म सर का समथन और
सहयोग कैसे हा सल कर सकते ह। सरे लोग के साथ सं ेषण करने, राज़ी करने,
सौदे बाज़ी करने, भा वत करने, स पने और लोक- वहार को भावी ढं ग से करने क
यो यता आपको सरे लोग के यास , सरे लोग के ान और सरे लोग के धन का
इ तेमाल करके लीवरे जग करने म स म बनाएगी। आपक राज़ी करने क श का
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वकास आपको अपने संगठन के सबसे श शाली और भावी लोग म से एक बना दे गा।
यह आपके जीवन के हर े म आपके लए ार खोल दे गा।
या आप कभी यह सोचने के लए के ह क हर ब के े म है हर
कसी न कसी को, कोई न कोई चीज़ बेचकर अपनी आजी वका कमाता है। हर
कमीशन पर काम करता है। हम जीवन म जो भी मलता है, लगभग हर चीज़ इस बात से
तय होती है क हम सरे लोग के जीवन और कामकाज म कतना मू यवान योगदान दे ते
ह। हम जतना यादा और जतना बेहतर बेचते ह, हम उतना ही यादा पैसा कमाते ह।
हम जतना बेहतर बेचते ह, हमारा जीवन भी उतना ही बेहतर बनता है। जब आप वयं को,
अपने ॉड ट् स और सेवा को सरे लोग को बेचने म बेहद उ कृ बन जाते ह, तो
आपका जीवन अमीरी, पुर कार और स मान से भर जाएगा।
कुछ लोग को बेचने का वचार पसंद नह आता। कई वष से लोग को यह यक़ न
दलाया जा रहा है क आजी वका के लए बेचने के पूरा वचार के बारे म कोई बे वाद चीज़
है। ले कन यह बकवास है। जो लोग बेचने क नदा करते ह, ये वे लोग ह जो बेचने म अ छे
नह ह और जो बेचने म मा हर लोग से भय खाते ह। यह नह है क आप आजी वका
कमाने के लए बेचते ह या नह ; तो दरअसल यह है, “आप कतने अ छे ह ” आपके
पास जो एकमा स चा वक प है, वह यह है क आप ब म या तो अ छे ह या फर बुरे
ह। ले कन हर हर समय ब के वसाय म होता है।
आप अपने म को बेचते ह। आप वयं को वपरीत लग के सद य को बेचते ह और
उस को, जससे आप ववाह करना चाहते ह। नौकरी क तलाश करते व त आप
ख़ुद को नयो ा को बेचते ह। अपने सहक मय का सहयोग माँगते समय आप उ ह बेचते
ह। मोशन माँगते समय आप अपने बॉस को बेचते ह। जब भी आप कसी चीज़ को सामने
वाले क माँगी क़ मत से कम भाव पर ख़रीदने क को शश करते ह, तो आप बेच रहे ह।
सुबह से रात तक सर के साथ अपने सभी संपक म आप लगातार बेच रहे ह, सौदे बाज़ी
कर रहे ह, राज़ी कर रहे ह और सरे लोग को भा वत करने क को शश कर रहे ह।
बेचना सभी मानवीय संबंध का आधार है और इसी से यह तय होता है क आप जीवन म
कतना अ छा दशन करते ह।
बेचने क यो यता का एक बेहद मह वपूण अमल है “आ म-उ त।” आ म-उ त को
इस तरह प रभा षत कया जा सकता है क यह यादा लोग , यादा थान पर और
यादा बार ख़ुद को यादा भावी ढं ग से बेचकर अपने जीवन म यादा तेज़ी से आगे बढ़ने
का काम है।
आ म-उ त म अ छे बनने का उ े य या ल य यह है क आप पाँच वष म ही वह
ग त कर ल, जो कोई सरा दस-पं ह साल म कर सकता है। य द आप हर साल बीस
हज़ार डॉलर कमा रहे ह, तो भावी आ म-उ त क बदौलत आप हर साल पचास हज़ार
या एक लाख डॉलर तक प ँचने म स म बन जाएँगे, जो आप इसके बना नह कर पाते,
अगर आपने बस अपना काम कया होता और शंसा पाने क उ मीद क होती।
आ म-उ त के बारे म कुछ बु नयाद नयम इस कार ह:
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सबसे पहले, औसत से यादा तेज़ ग त से आगे नकलने वाला हर कसी
न कसी तरह क आ म-उ त म संल न है। आ म-उ त एक तरह का बेचना
है। आपको जो एकमा नणय लेना होता है, वह यह है क आप इसका
इ तेमाल अपने सव े लाभ के लए कर रहे ह या नह कर रहे ह।
सरे, भावी आ म-उ त से आपक कड़ी मेहनत के कई साल बच सकते
ह और आप कई हज़ार डॉलर कमाने म स म बन सकते ह, जो आपक उ
और श ा के तर के लोग से यादा होता है। अपना सव े पैर आगे कैसे
रखना है, यह सीखना आपके जीवन के हर पहलू क गुणव ा को आ यजनक
प से बेहतर बना सकता है।
तीसरे, जीवन म आपक सफलता म सबसे मह वपूण घटक यह है क आप
कतने लोग को जानते ह और कतने लोग आपके बारे म सकारा मक राय रखते
ह। हर समुदाय, हर वसाय या उ ोग म सबसे भावी और सफल लोग वही
होते ह, जो सबसे यादा लोग को जानते ह और ज ह सबसे यादा लोग
जानते ह।
हारवड बज़नेस कूल के डीन थयोडोर ले वट के अनुसार कसी कंपनी क
सबसे मू यवान संप इसक त ा है - इसके ाहक इसे कस तरह से जानते
ह। इसी तरह के प म आपक सबसे मू यवान संप यह है क आपके
संसार के मह वपूण लोग आपको कस तरह से जानते ह। जस तरह के लोग
आपक मदद करने क थ त म होते ह, उनके मन म अपनी त ा बढ़ाने के
लए आप जो भी करते ह, हर वह चीज़ आपके जीवन और क रयर को तेज़ माग
पर प ँचाने म योगदान दे ती है।
चौथे, आ म-उ त अंततः कसी मह वपूण चीज़ पर आधा रत होनी चा हए।
आप धुएँ और आईन का इ तेमाल नह कर सकते। आप अपने शानदार पतर
और अपने व क श से लोग को च धयाकर आगे नह नकल सकते।
आपके पास दे ने के लए कोई मू यवान चीज़ होनी चा हए।
सं ेप म, आपको कसी ऐसी चीज़ म अ छा बनना होता है, जसे सरे लोग मू यवान
मानते ह। अ ययन के बाद अ ययन दशाता है क आप सव े लब के सद य बन सकते
ह, सबसे फ़ैशनेबल पयटन थल पर सैर-सपाटा कर सकते ह और सबसे सफल लोग के
साथ मेल-जोल कर सकते ह, ले कन अगर आपने अपने यास के े म उ कृ बनने का
समय नह नकाला है, तो आप जन लोग से मलते ह, वे आपम ब त कम च लगे।
आकषण का नयम कहता है क आप अव यंभावी प से अपने जीवन म ऐसे लोग
को आक षत करते ह, जो आपसे ब त मलते-जुलते ह। एक जैसे पंख वाले प ी एक
साथ उड़ते ह। ऐसे लोग के साथ आपक यादा चीज़ साझी होती ह, जो काफ़ हद तक
आपके जैसे होते ह, ऐसे लोग के साथ जो अपने जीवन और वसाय म वकास के आप
जैसे ही तर पर होते ह।
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फ़ॉरचून 500 कॉरपोरेशन के सी.ई.ओ. अपने ही तर के सरे सी.ई.ओ. के साथ
उठना-बैठना पसंद करते ह। अकादमी पुर कार वजेता फ़ म टार बड़े नाम वाले सरे
फ़ मी सतार के साथ सामा जक मेलजोल क वृ रखते ह।
कसी ब संगठन के शीष से सपीपुल म एक सरे को आक षत करने, सामा जक
मेलजोल करने और एक सरे के साथ समय बताने क वृ होती है। य द आप शीष
लोग के समूह म शा मल होना चाहते ह, तो आपको उसक क़ मत चुकानी होगी। जो लोग
आपक सबसे यादा मदद कर सकते ह, उनके साथ जुड़ने का अ धकार आपको अ जत
करना होगा।
आ म-उ त का शु आती ब तब होगा, जब आप अपने े के सव े लोग म से
एक बनने का ल य तय करते ह और उसक योजना बनाते ह। आप अपने काम म जतने
बेहतर बनते ह, आपके ावसा यक जीवन के मु य लोग आपका उतना ही यादा स मान
करगे। जब आप बेहतर बनते ह, तो आप ऐसे लोग के यादा समान बनते जाएँगे, जो
जीवन के माग पर आगे जा चुके ह।
आपको पु तक पढ़नी चा हए, ऑ डयो ो ाम सुनने चा हए और कोस व से मनार म
ह सा लेना चा हए। आपको यादा ज द शु करना चा हए, यादा कड़ी मेहनत करना
चा हए और यादा दे र तक कना चा हए। आपको सलाह माँगनी चा हए और उस पर
अमल करना चा हए। आपके भीतर क जो बाधाएँ आपको पीछे रोक रही ह, उनसे उबरने
का आपको हर संभव यास करना चा हए। आपको अ नवाय यो यताएँ वक सत करनी
चा हए, जनक ज़ रत आपको अपने े के शीष 10 तशत लोग के समूह म शा मल
होने के लए है।
आ म-उ त के इस पहलू का अ त ह सा यह है क यह पूरी तरह से आपके नयं ण
म है। यह कसी सरे पर नभर नह है। यह पूरी तरह से आप पर है। आप ही ह, जो इसे
घ टत कराते ह। य द आप अपने ख़ुद के वकास क ज़ मेदारी नह लेते ह, तो इसे आपक
तरफ़ से कोई सरा न तो ले सकता है, न ही लेगा। कोई भी बचाव के लए नह आ रहा है।
हारवड यु नव सट के डे वड मै लीलड ने बरस तक उस वषय पर शोध कया, जसे
उ ह ने “उपल ध घटक” कहा। उनका एक न कष काफ़ आ यजनक था। उ ह ने पाया
क आप कतने सफल ए, यह तय करने म “रेफ़रस ुप यानी संदभ समूह” के आपके
चयन क भू मका कसी भी सरे घटक जतनी या उससे भी यादा मह वपूण थी।
आपके संदभ समूह क प रभाषा वे लोग ह, जनके जैसा आप ख़ुद को समझते ह,
जनके साथ आप कामकाज करते ह, सामा जक मेलजोल करते ह और यहाँ तक क बड़े
भी होते ह। जन लोग के साथ आप आदतन प से जुड़ते ह, वे आपके चलने, बोलने,
सोचने, महसूस करने और वहार करने के तरीक़े पर ब त यादा भाव डालते ह। घर
पर या ऑ फ़स म आपका संदभ समूह आपके नज़ रय , वहार, व ास और चुनाव पर
काफ़ यादा भाव डालता है। आप अचेतन प से इन लोग के पैमान के अनु प काम
करने क को शश करते ह, चाहे वे सकारा मक ह या नकारा मक।

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कसी भी े म लोग आम तौर पर उस े के सरे लोग के नज़ रय और वहार
को अपना लेते ह, ख़ास तौर पर उन लोग के जो सबसे यादा शं सत और सफल होते ह।
आपके सा थय के समूह का आपके वतमान व पर श शाली भाव पड़ा है और
आपके भावी व पर भी पड़े गा। कामकाज के बाद और वीकएंड के दौरान आप जन
म के साथ सामा जक मेल- मलाप करते ह, उनका आपके हर काम और आपक हर
उपल ध पर भारी भाव पड़ता है।
आपके जीवन म हर मु य या मह वपूण घटना म और सहयो गय का नया समूह
बनाने के साथ होगी। अ सर एक औसत से समैन कसी ऐसी कंपनी म प ँचता है, जहाँ
शीष से सपीपुल भरे ए ह। कुछ ही महीन म वह औसत से समैन औसत से बेहतर हो
जाता है और आगे चलकर वह उस उ ोग म शीष से सपसन बन जाता है। आपके
गत संदभ समूह का प रवतन आपक आकां ा , ल य , दनचया और उपल ध
के तर को पूरी तरह बदल दे ता है।
कई लोग का जीवन बना सोची-समझी, बेतरतीब घटना क ृंखला जैसा होता है,
जैसे मेले म ब प कार होती है। उनके सामने जस भी नौकरी का ताव रखा जाता है, वे
उसे वीकार कर लेते ह। जो भी उपल ध होता है, वे उसी के साथ लंच ले लेते ह।
जससे भी वे मलते ह या जो भी उस व त दरवाज़े से बाहर नकल रहा होता है, वे उसी के
साथ सामा जक मेल- मलाप करने लगते ह। उनके मानवीय संबंध काफ़ हद तक
अ नयो जत और असम वत होते ह। उनके जीवन टकराव और घटना क ृंखला से
बने होते ह, जनम ब त कम योजना या उ े य होता है।
सरी ओर, सफल लोग अपने म , सा थय और सहक मय का चयन ब त सोच-
समझकर करते ह। सफल लोग अपने जीवन क योजना बनाते ह और फर वे ऐसे लोग को
खोजते ह, जनक योजनाएँ और आकां ाएँ उनके समान होती ह। सफल लोग प ता से
जानते ह क अगर वे यादा तेज़ी से आगे बढ़ना चाहते ह, तो उ ह या करने क ज़ रत है
और उ ह कसे जानने क ज़ रत है।
अपने युग म संसार के सबसे दौलतमंद य म से एक बैरन रॉ सचाइ ड ने
सफलता के अपने सू वा य म लखा था, “ नरथक प र चत न बनाएँ।” कुछ लोग को
यह बात थोड़ी अ जातां क या भावहीन महसूस हो सकती है। या आपको ओहदे , पद
या े म उनक सफलता के तर को तव जो दए बना लोग से सामा जक मेल- मलाप
नह करना चा हए या उठना-बैठना नह चा हए
ले कन यान रख, एक जैसे पंख वाले प ी इक े उड़ते ह। यह वाभा वक है क उ च
सफल य के शीष 20 तशत लोग सरे उ च सफल लोग के साथ उठते-बैठते ह।
जब वे युवा और अनुभवहीन थे, तो उनके रोल मॉडल उनके संगठन के शीष थ लोग थे।
उ च सफल अपने आस-पास के आम लोग के साथ नह जुड़े उनक नगाह यादा
ऊँचाई पर क त थ और ब त कम समय म ही वे शीष 20 तशत लोग के समूह म
प ँच गए, जैसी क उ ह ने योजना बनाई थी।

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कई चीज़ ह, जो आप पं म सबसे आगे प ँचने, अपने क रयर म छलाँग लगाकर
आगे प ँचने और उ त करने के लए कर सकते ह। सर ने यादा तेज़ी से आगे नकलने
के लए जो कया है, उसक नक़ल करके आप ख़ुद को उन मुख लोग के यान म ला
सकते ह, जो सफलता क सीढ़ पर चढ़ने म आपक मदद कर सकते ह।
अपने काम से शु आत कर। जैसा पहले कहा जा चुका है, अगर आप अपनी कंपनी म
आगे बढ़ना चाहते ह, तो आपको अपने काम म अ छा होना चा हए और लगातार बेहतर
बनना चा हए। कई बार लोग सोचते ह क वे व और राजनी त के दम पर आगे नकल
सकते ह, ले कन राजनी त और दाँवपच इंसान को एक सीमा तक ही आगे ले जा सकते ह
और फर वे पकड़े जाते ह। बंधन परामशदाता पीटर कर कहते ह, “ सफ़ सचमुच स म
ही राजनी त से ऊपर उठ सकता है।”
संगठन म राजनी त का ल य आम तौर पर लोग और संसाधन पर नयं ण हा सल
करना होता है। य द आप अपने संगठन के सबसे मू यवान य म से एक ह, तो
आपको आगे नकलने के लए राजनी त या दाँव-पच क ज़ रत नह होगी। आप उन
मू यवान संसाधन म से एक ह गे, ज ह आक षत और भा वत करने के लए सरे लोग
उ सुक ह गे। आप जो करते ह, उसम बेहतर बनकर आप ओछ राजनी त से ऊपर उठ
सकते ह। जब आप अमू य योगदान दे ने के ब पर प ँच जाते ह, तो हर , जसम
आपका बॉस भी शा मल है, आपके पास आएगा। अपने काम म अ छा बनना आपके
आस-पास के लोग का स मान पाने क कुंजी है। यह भावी आ म-उ त के पीछे क
ऊजा और श है।
य द आपके संगठन के ब त से लोग अपने काम म अ छे ह, तो ऐसी थ त म या
कया जाए आप भीड़ से अलग कैसे दख सकते ह
104 व र ए ज़ी यू ट ज़ के अ ययन म ब सं यक लोग ने कहा क उनके संगठन
म ती तर क या उ त क दो कुं जयाँ थ । पहली यह थी क जन लोग को यादा वेतन
और यादा तेज़ी से तर क द जाती थी, उनम प ाथ मकताएँ तय करने क यो यता
थी। उ ह ने इस पर यान क त करना सीख लया था क या ासं गक और मह वपूण
था, इस लए वे कम मह व के काम पर समय बरबाद नह करते थे। व र ए ज़ी यू ट ज़
ने कहा क सरी कुंजी यह थी क उनके संगठन के सबसे सफल लोग के पास
“ता का लकता का अहसास” था। वे काम को ज द से और अ छ तरह पूरा कर लेते थे।
मेहनती कमचारी क छ व बनाने से आप अपने बॉस क नगाह म जतनी तेज़ी से
आएँगे, उतनी कसी सरी चीज़ से नह आ सकते। ऑ फ़स के ब त सारे कमचारी आलसी
होते ह। रॉबट हाफ़ इंटरनेशनल ड एसो सएट् स के अनुसार औसत कमचा रय का 37
तशत कामकाजी समय सामा जक मेलजोल और सहक मय के साथ नरथक हँसी-
मज़ाक़ म गुज़रता है। ऑ फ़स का 15-20 तशत अ त र समय नजी कामकाज, लंबे
कॉफ़ ेक और लंच के घंट , नजी फ़ोन कॉल, ख़रीदारी और अ य ग़ैर-कामकाजी
ग त व धय म बताया जाता है। फल व प आम कमचारी 50 तशत से भी कम मता

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से काम करता है। जब वह काम करने बैठता है, तब भी वह अ सर कम ाथ मकता वाले
काम पर समय बरबाद कर दे ता है, जससे संगठन को ब त कम फ़ायदा होता है।
य द आप सचमुच उ त करना चाहते ह, तो प ाथ मकताएँ तय कर और जतने
समय काम कर, पूरे समय काम कर। जब आप ऑ फ़स प ँच, तो अपना सर नीचा कर
और पूरे कामकाजी दन म काम कर। य द आप ब के े म ह और कार म बैठकर
कसी ाहक से मलने जा रहे ह, तो पूरे दन इस तरह वहार कर, मानो आपका बॉस
आपके पास वाली सीट पर बैठा हो। पूरे दन क तन वाह के बदले पूरे दन का काम करने
के लए ख़ुद को अनुशा सत कर।
याद रख, भले ही कोई न दे ख रहा हो, ले कन सच तो यह है क हर कोई दे ख रहा है।
आपके संगठन म हर को इस बात का काफ़ अ छा अंदाज़ा रहता है क आप या
करते ह और आप इसे कतनी यादा बार करते ह। हर जानता है क आप कतना
यादा काम करते ह और कतना यादा हा सल करते ह। हर हर एक के लए
पारदश होता है। सफ़ मूख ही यह समझता है क चूँ क कोई नह दे ख रहा है,
इस लए कसी को पता नह है।
आज आ म-उ त का अथ है लेने वाले के बजाय दे ने वाला बनना। अपने सहक मय
क नौकरी म मदद करने के हर अवसर क तलाश कर। त पधा के बजाय सहयोग पर
यान क त कर। य द आप आगे बढ़ने म सर क मदद करते ह, तो यह दो तरह से
आपक ओर लौटे गा। आप सर क जतनी यादा मदद करते ह, बदले म वे भी आपक
उतनी ही यादा मदद करगे।
बोने और काटने का नयम कहता है, “आप बदले क उ मीद के बना जतना यादा
दे ते ह, आपको सबसे अ या शत ोत से उतना ही यादा मलेगा।” हर संगठन म सफल
लोग मदद करने के तरीक़ क हमेशा तलाश करते रहते ह। वे जतना बाहर नकालते ह,
उससे यादा अंदर डालने के तरीक़ क हमेशा तलाश करते रहते ह।
आ म-उ त म आपको कभी यह चता करने क ज़ रत नह होती क ेय कसे
मलेगा। आप जतना यादा ेय दे ते ह, उतना ही यादा आपक ओर लौटे गा। आप सर
क जतनी यादा मदद करते ह, वे भी आपक उतनी ही यादा मदद करना चाहगे। आप
बॉस के काम म और उनके अ छा दखने म जतनी यादा मदद करते ह, आपका बॉस
अवसर के उतने ही यादा ार आपके लए खोल दे गा, जससे आप यादा तेज़ी से आगे
बढ़ जाएँगे।
आपके काम के बाहर आ म-उ त म आपको दो-तीन सामुदा यक संगठन म शा मल
होना चा हए। ये ावसा यक लब हो सकते ह, जैसे लॉय स, रोटरी या फर परोपकारी
सं थाएँ भी। आप राजनी तक या धा मक संगठन म शा मल हो सकते ह या फर साथक
काम या उ े य से जुड़े अ य ग़ैर-लाभकारी संगठन म भी शा मल हो सकते ह।
आपको इन संगठन म य शा मल होना चा हए सबसे अ छे कारण से। हर समुदाय
के सबसे भावी लोग सामुदा यक संगठन म शा मल होते ह। वे अपने समय और धन का

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योगदान दे कर शहर को बेहतर थान बनाना चाहते ह। य द आप सबसे अ छे लोग से
मलना चाहते ह, तो उन संगठन म शा मल हो जाएँ, जसके वे सद य ह।
एक बार जब आप कसी संगठन म शा मल हो जाएँ, जसम आप व ास करते ह, तो
स य हो जाएँ। पता लगाएँ क चंदा इक ा करने और संगठन क ग त व धय क कौन सी
मु य स म तयाँ ह। इन स म तय म शा मल होकर वे छा से काम माँग। बाहरी
ग त व धय म हर स ताह दो-तीन रात का समय द, जहाँ आप इन संगठन के ल य म
मदद करने के लए पूरे दल से काम कर। ब त ही कम समय म आप मह वपूण लोग क
नगाह म आने लगगे, जो आपके जीवन के सरे ह स को भा वत कर सकते ह।
अपने राजनी तक दल म शा मल ह और दल या अपने पसंद दा व व सनीय
उ मीदवार के प म स य हो जाएँ। य द आप व भ संगठन म छु टपुट चंदा दे ते ह, तो
आपका नाम उनक डाक सूची म जुड़ जाता है और वे आपको अपनी मी टग म आमं त
करगे। जो कसी राजनी तक दल को 25 डॉलर का चंदा दे ता है, उसे उ ह मी टग म
आमं त कया जाता है, जसम 500 या 5,000 डॉलर चंदा दे ने वाल को आमं त दया
जाता है। कसी को भी कभी यह बताने क ज़ रत नह है क आपने कतना चंदा दया है।
थानीय सामुदा यक मसल म शा मल ह । अपने शहर क नगरपा लका क बैठक म
शा मल ह । थानीय अख़बार पढ़ और उनम जब भी शहर के शीष थ ी-पु ष के बारे म
लेख या ख़बर दखे, तो उ ह समथन या सहम त के प लख। य द आपके मन म कोई
सवाल या चताएँ ह , तो उन लोग को प लख या फ़ोन कर, जनके नाम आप अख़बार म
या टे ली वज़न पर दे खते ह।
याद रख, आपका ल य यादा से यादा मह वपूण लोग से प रचय हा सल करना है।
इस लए आपको बाहर जाकर उनके आस-पास रहने के हर अवसर का लाभ लेना चा हए।
अपनी सारी को शश पाने के बजाय दे ने पर क त कर। आपको अ सर लंबे समय तक
अपना समय और ऊजा दे नी होगी, उसके बाद ही प रणाम मलगे, ले कन जब आपके साथ
अ छ चीज़ होने लगती ह, जो क न त प से ह गी, तो यह सब साथक सा बत हो
जाएगा।
इतने बरस से म कई ी-पु ष से मल चुका ँ, ज ह ने अपने वसाय और समुदाय
म बलकुल अनजान के प म शु आत क थी। ले कन वे अपनी कंपनी, अपने
उ ोग, अपनी परोपकारी सं था , अपने राजनी तक दल और अपने शहर के संगठन क
ग त व धय म गहराई से शा मल ए, जहाँ शीष लोग इक े होते थे।
ब त ही कम समय म वे अपने सहक मय से आगे नकलने लगे। अपनी सामुदा यक
ग त व धय के मा यम से वे जन लोग को जानते थे, वे श और भाव के पद पर बैठे
थे। उनके लए ार खोल दए गए और उ ह बेहतर नौक रयाँ मल । चूँ क उ ह पसंद कया
जाता था, इस लए उ ह यादा तेज़ी से आगे नकलने के अवसर दए गए।
हेरोडोटस ने एक बार लखा था, “पूरा जीवन कम और जोश है। अपने समय के काय
और जोश म शा मल न होने म यह जो खम रहता है क आपने दरअसल ज़दगी को जया
ही नह ।”
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आप जो करते ह, उसम ब त अ छा बनकर सतत आ म-उ त करने पर आपका
यान क त होना चा हए। आपका ल य अपनी कंपनी के लए अ नवाय बनना है। आपको
अपने समुदाय के मह वपूण लोग से लगातार प रचय करना और बढ़ाना है। जब आप सरे
लोग और उ े य को दे ने के हर अवसर का लाभ लेते ह, तो आप ख़ुद को दे व त के समूह
म प ँचा दगे। आपक ओर जो पुर कार लौटगे, वे आपके यास क तुलना म ब त यादा
ह गे। इस बात क कोई सीमा नह है क आप कतने यास कर सकते ह।
आज ही, इसी मनट यह नणय ल क आप अपने समुदाय के सबसे मश र और
स मा नत लोग म से एक बनने जा रहे ह। एक ल य बनाएँ, एक योजना बनाएँ और शु
हो जाएँ। हो सकता है क इसम आपको तीन या चार या पाँच साल लग जाएँ, ले कन
आपको पता चल पाए, इससे पहले ही आप अपने े के सबसे भावी लोग म से एक
बनने क राह पर ह गे।
अ याय 11

आप जो करते ह, उसम बेहतर बन

आ जमु हम सूचना युग म रह रहे ह। हमारी अथ व था म ान और वचार मू य के


य ोत ह, जसके साथ उ ह तेज़ी से और भावी ढं ग से कम म बदलने क
क़ा ब लयत शा मल है। औ ो गक युग से सेवा युग से सूचना युग तक क ग त व ध इतनी
ती रही है क यादातर लोग इसके साथ-साथ नह चल पाए ह। हमारा श ा तं अब भी
व ा थय को ऐसी नौक रय के लए तैयार कर रहा है, जो तुलना मक प से अकुशल
नौक रयाँ ह और जनम सी मत श ा क ज़ रत है। ले कन ये नौक रयाँ यादातर जा
चुक ह।
आज नयम यह है, “आप जतना यादा सीखते ह, आप उतना ही यादा कमाते ह।”
भ व य उन मु भर ी-पु ष का है, जो अपने ान और यो यता का लगातार
नवीनीकरण करते रहते ह। वे ख़ुद को उन नए अवसर का लाभ लेने के लए लगातार तैयार
करते ह, जो हर दन उ प हो रहे ह।
इस अ याय म हम मान सक ॉस- े नग या म त श ण के बारे म बात कर रहे
ह। “ ॉस- े नग” श दावली खेल जगत से ली गई है। व व यात खला ड़य को कई
वष से यह पता है क शखर दशन केवल एक ही तरीक़े से कया जा सकता है और वह
है संतु लत तरीक़े से अपना शारी रक वकास करना। शारी रक म त श ण वह या
है, जसम सहनश , श और लचीलेपन पर बारी-बारी से काम कया जाता है। यह
संतु लत वकास सु न त करने का एकमा माग है।
मान सक म त श ण म आप अपने ान और यो यता के भंडार के साथ भी
यही करते ह। आप अपनी श के े पर काम करते ह, साथ ही उन े पर भी जहाँ
आपक कमज़ो रयाँ आपको पीछे रोक रही ह। आप संतु लत तरीक़े से वकास करते ह।
कुछ अथशा ी और राजनेता कहते ह क औसत आमदनी 1979 से नह बढ़ है। यह
कथन सही भी है और झूठ भी। यह सच है क औसत आमदनी यादा नह बढ़ है, य क

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अब ब त सारे एकल अ भभावक घर ह, जनक आमदनी कम होती है। यह झूठ इस लए
है, य क शीष 20 तशत लोग क आमदनी, आपके जैसे उन ी-पु ष क आमदनी,
जो लगातार सीख रहे ह और वकास कर रहे ह, समय के साथ लगातार बढ़ है। औसत
आमदनी नह बढ़ने का कारण यह है क कम कमाने वाल क सं या यादा कमाने वाले
लोग क सं या से यादा तेज़ी से बढ़ है।
आप उन लोग क मदद नह कर सकते, जो प रवतन क ती ग त के साथ क़दम
मलाने के लए सीख नह रहे ह और वकास नह कर रहे ह। ले कन आप उन ापक
यो यता को हा सल करने के लए ख़ुद को सम पत करके अपनी मदद कर सकते ह,
जनसे आप अपने े म सव े तर पर दशन करने म स म बन जाते ह।
शै णक तर और आजीवन आमदनी के आपसी संबंध का अ ययन करने वाले
आँकड़े काफ़ वच लत करने वाले ह। मसाल के तौर पर, जो हाई कूल क पढ़ाई
पूरी करता है, वह अपने जीवनकाल म औसतन लगभग छह लाख डॉलर कमाएगा। सूचना
युग म हाई कूल तर क श ा वाले को कम वेतन वाली नौक रयाँ ही मल सकती
ह, जनम ब त कम द घकालीन संभावना होगी।
बहरहाल, य द कोई हाई कूल क पढ़ाई पूरी कर लेता है और दो साल तक
सामुदा यक कॉलेज म पढ़ लेता है, तो उसक आजीवन आमदनी उछलकर दस लाख
डॉलर से यादा हो जाएगी। इसका अथ है क श ा के दो अ त र वष से आजीवन
आमदनी म 66 तशत वृ हो जाएगी।
य द कोई कॉलेज क पढ़ाई पूरी कर लेता है और लबरल आट् स क उपा ध ले
लेता है, जसम चार वष क पढ़ाई होती है, तो उसक औसत आमदनी चौदह लाख डॉलर
से यादा हो जाएगी। य द वह मा टस ड ी भी ले लेता है, जसम दो अ त र वष लगते
ह, तो वह अपने जीवनकाल म बीस लाख डॉलर कमाने क उ मीद कर सकता है।
पीएच.डी. होने पर, जसम सात, आठ या इससे भी यादा साल तक अ ययन करने क
आव यकता होती है, वह अपने जीवनकाल म तीस लाख या उससे यादा डॉलर
कमाने क उ मीद कर सकता है।
दो कार क श ा होती है, औपचा रक और अनौपचा रक। औपचा रक श ा वह
होती है, जो आपको कूल-कॉलेज म मलती है, जसम कोस क ज़ रत होती है और
जसके अंत म कसी तरह क उपा ध या माणप मलता है। कई लोग ने अपने शु आती
वष म अ छ औपचा रक श ा को नज़रअंदाज़ कर दया था। ज़ मेदा रय और व ीय
कत के चलते यादातर लोग के लए यह असंभव नह , तो मु कल ज़ र है क वे
औपचा रक श ा पूरी करने के लए कॉलेज या यु नव सट लौट सक।
ले कन अनौपचा रक श ा एक अलग ही मामला है। यह वह है, जो आप कूल-
कॉलेज छोड़ने के बाद अपने दम पर व- नद शत अ ययन और अनुभव से ख़ुद सीखते ह।
जन प रणाम के लए आपको भुगतान मलता है, उ ह पाने के लए आपको जस ान
और यो यता क ज़ रत है, उनसे ख़ुद को लैस करने म ये कह अ धक मू यवान सा बत
होती ह।
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आप अपने पूरे वय क जीवन म नजी और पेशेवर वकास के त ख़ुद को सम पत
करके अनौपचा रक श ा हा सल कर सकते ह। कुंजी है नय मत प से पढ़ने का
समपण। य द आप हर दन सफ़ एक घंटा पढ़ते ह, तो इसका मतलब है एक स ताह म
लगभग एक पु तक। एक स ताह म एक पु तक का मतलब होता है हर साल लगभग 50
पु तक। कसी अ णी व व ालय म पीएच. डी. करने वाले को डज़टशन म तीस
से पचास पु तक के अ ययन और व ेषण क ज़ रत होती है। इसका अथ है क आप
हर दन एक घंटे अपने े म पढ़कर ही हर साल एक वहा रक पीएच.डी. कर रहे ह।
अपने े के बाहर के वषय पर भी पढ़। कसी अ छे व व ालय से लबरल
आट् स क उपा ध पाने के लए व ाथ के लए यह ज़ री होता है क वह इ तहास, दशन,
मनो व ान, सा ह य, कला और ब त से अ य वषय का अ ययन करे। वचार और ान
के कई े के संपक म आने क वजह से व ाथ पूण वक सत हो जाता है। आप अपने
दम पर भी काफ़ कुछ ऐसा ही हा सल कर सकते ह।
भले ही वतमान म आपको इन वषय म कोई ान न हो, ले कन एक समय म थोड़ा-
थोड़ा पढ़कर आप काफ़ सारा ान हा सल कर सकते ह। इन े म से कसी एक म
आपको कभी-कभार कोई पु तक या प का उठाकर उस पर नज़र डालनी चा हए। अपनी
च के वषय के कसी से मनार या ा यान म जाएँ। सामा जक से ऐसे लोग के
साथ उठ-बैठ, जनक भ पृ भू म हो और उनसे उनक व वध चय के बारे म पूछ।
सलाह माँग क कौन सी पु तक पढ़नी चा हए, कौन सी चीज़ करनी चा हए और कन
जगह पर जाना चा हए। अपने व मान ान और यो यता के साथ यथा थ त क लीक
म फँसने क वाभा वक वृ का तरोध कर। इसके बजाय नए और भ वषय क
पड़ताल करके अपने तज का व तार करने के लए ख़ुद को ववश कर। आजीवन
व ाथ बन।
आज आप चाहे जो कर रहे ह , आपका ान और यो यता इतनी तेज़ी से द कयानूसी
बन रही है, जतनी पहले कभी नह ई। ान लगभग हर े म तीन से पाँच साल म
दोगुना हो रहा है। इसका अथ है क आपको इसक बराबरी पर रहने के लए ही तीन से
पाँच साल म अपने ान को दोगुना करना चा हए। य द आप ग त करना चाहते ह, तो
आपको इससे भी यादा तेज़ ग त से सीखना होगा। आप जो भी कर रहे ह, आपको दो
साल म उसे उससे बेहतर करने म स म होना चा हए, वरना ऐसा करने वाला कोई सरा
आपसे आगे नकल जाएगा।
मान सक म त श ण से अ धकतम लाभ पाने के लए आपको सबसे पहले तो वे
वषय तय करने क ज़ रत है, जनम उ कृ बनकर आप अपने े के शीष थ दस से
बीस तशत लोग के समूह म शा मल हो सकते ह। आपको अपने े म शखर तक पूरे
रा ते जाने का नणय लेना चा हए और फर वहाँ प ँचने के लए आव यक यो यता व
वशेष ता को वक सत करना चा हए। सौभा य क बात यह है क सरे लोग आपसे पहले
यह कर चुके ह, इस लए आप भी इसे कर सकते ह। आपको तो बस उनके पद च पर
चलने क ज़ रत है।
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हर े म बु नयाद स मताएँ, मु य प रणाम े और अ त मह वपूण सफलता
घटक होते ह। आप इनम से येक े म कैसा दशन करते ह और कैसे प रणाम पाते ह,
इसी से आपक आमदनी, आपक सफलता का तर और हर वह चीज़ तय होती है, जो
आप अपने क रयर म हा सल करते ह। यही आपको ल य हा सल करने म स म बनाते ह।
कसी या वसाय के लए बु नयाद स मताएँ वे धुरी ह, जनके चार तरफ़ हर
चीज़ घूमती है। वे बु नयाद यो यताएँ ह, जनसे कसी क रयर या वसाय संभव होता है।
आपम जतनी यादा बु नयाद स मताएँ होती ह, आप उतने ही यादा सफल ह गे, चाहे
आपके आस-पास के संसार म कुछ भी हो रहा हो।
गत बु नयाद स मता बेचने या सौदे बाज़ी करने क यो यता हो सकती है। यह
स मता काम करने और प रणाम पाने क आपक यो यता के लए क य है।
मु य प रणाम े वह यो यता है, जसक ज़ रत आपको अपने काम के सकल
प रणाम हा सल करने के लए होती है। मसाल के तौर पर, बेचने के लए ॉ पे टं ग मु य
प रणाम े है। इसे “मु य” इस लए कहा जाता है, य क इस े म कमज़ोरी बेचने क
आपक यो यता को तबाह कर सकती है। मु य प रणाम वे प रणाम ह, ज ह आपको पूरी
तरह से पाना होगा, तभी आप अपने काम म सफल हो सकते ह।
यहाँ एक मह वपूण बात पर ग़ौर कर। आपका सबसे कमज़ोर मु य प रणाम े ही
आम तौर पर आपक आमदनी क ऊँचाई को तय करता है। आपक श याँ आपको आगे
बढ़ाती ह, जब क आपक कमज़ो रयाँ आपको पीछे रोकती ह। हो सकता है क आप एक
को छोड़कर हर मु य प रणाम े म उ कृ बन जाएँ, ले कन वह एक कमज़ोरी ही
आपके कम दशन और कुंठा का कारण बन सकती है।
कसी भी नौकरी या वसाय म अमूमन पाँच से सात यो यता े ही होते ह। ऐसी
कई चीज़ हो सकती ह, जो आपको अपनी नौकरी करने या अपना वसाय चलाने के लए
करनी होती ह, ले कन आम तौर पर सफलता या असफलता तय करने वाले सचमुच
मह वपूण काम सफ़ पाँच से सात ही होते ह। ब त यादा सफल होने के लए आपको
अपने गत मु य प रणाम े को पहचानना चा हए और फर उनम से येक म
ब त अ छा बनने क योजना बनानी चा हए।
मसाल के तौर पर, य द आप ब के े म ह, तो आपके सात मु य प रणाम े ये
ह: ॉ पे टं ग, तालमेल बनाना, ाहक क सम या को पहचानना जसे आपका ॉड ट या
सेवा सुलझा दे गी, अपने ॉड ट या सेवा को समाधान के प म पेश करना, आ प य का
जवाब दे ना, ब पूरी करना और रेफ़र स व दोबारा ब माँगना तथा पाना। अपने
ॉड ट या सेवा को बेचने म भारी सफल होने के लए आपको इनम से येक े म
उ कृ बनना होगा।
आप चाहे जस े म ह , आपका पहला काम अपने मु य प रणाम े को
पहचानना है। फर येक े म आप ख़ुद को एक से दस तक के पैमाने पर कोर द,
जसम एक यूनतम है और दस अ धकतम। अ छा दशन करने के लए येक े म

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आपका कोर सात या इससे यादा होना चा हए। आप पाएँगे क यूनतम कोर वाले े
म आपको सबसे यादा मु कल आ रही है।
व-आकलन म इस अ यास म आपको अपने साथ पूरी तरह ईमानदार होना चा हए।
आप बेहतर नह बन सकते, य द आप यह नाटक कर क आप उस एक े म अ छे ह,
जसने आपको पीछे रोक रखा है।
एक बार जब आप अपने मु य प रणाम े म अपना कोर जोड़ ल, तो अपने बॉस
से कह क वह आपको हर े म कोर दे । अपने सहक मय और ाहक से भी यही करने
को कह। अपनी यो यता पर फ़ डबैक के त खुले रह। अपनी कमज़ो रय को पहचानने
पर यान क त कर, ता क आपको यह पता चल जाए क आपको ख़ुद पर कहाँ काम
करने क ज़ रत है।
य द आप बंधन म ह, तो सात मु य प रणाम े आपक भावका रता को तय करते
ह। ये ह: योजना बनाना, व था बनाना, टाफ़ नयु करना, काम स पना, नगरानी
करना, मापना और तवेदन दे ना। य द आप इन सात े म से कसी एक म कमज़ोर ह,
तो इससे प रणाम पाने क आपक यो यता कम हो जाएगी और आप अपने बाक़ गुण का
पूरी तरह इ तेमाल नह कर पाएँगे।
मसाल के तौर पर, मान लेते ह क आप योजना बनाने, व था बनाने, टाफ़ नयु
करने, नगरानी करने, मापने और अपने प रणाम अपने व र अ धका रय को बताने म
उ कृ ह। आपको सफ़ एक सम या है। आप काम स पने म कमज़ोर ह। कसी कारण से
आप सही काम सही तरीक़े से सही लोग को नह स प पाते ह। इस वजह से आप और
आपका टाफ़ दोन ही कुं ठत ह और मता से कम दशन कर रहे ह।
य द आप काम स पने म कमज़ोर ह और बाक़ हर चीज़ म अ छे ह, तब भी आप
मैनेजर के प म अपनी पूरी संभावना तक नह प ँच पाएँगे। या तो आप हमेशा कमज़ोरी
से काम स पते ह या बलकुल भी नह स पते ह। शायद आप ग़लत लोग को काम स पते ह
या आप ग़लत समय पर ग़लत तरीक़े से काम स पते ह। शायद आप इस तरह से काम
स पते ह क कसी को भी यह प का पता नह होता क आप उनसे या अपे ा करते ह,
और कतनी सं या व गुणव ा म करते ह। काम स पने क अयो यता बंधन म असफलता
का मु य कारण है।
ले कन सबसे अ छ ख़बर यह है: सारी कारोबारी यो यताएँ सीखी जा सकती ह। ऐसी
कोई यो यता नह है, जसे आपको अपने भंडार म भरने क ज़ रत हो और आप उसे
अ ययन व अ यास के ज़ रये न सीख सकते ह । य द कसी ने कसी ख़ास यो यता म
महारत हा सल क है, तो यह इस बात का सबूत है क आप भी ऐसा ही कर सकते ह।
उ कृ ता आपक पकड़ के भीतर है। आपको तो बस आव यक यो यता को पहचानना है,
इसका ल य बनाना है, योजना बनाना है और हर दन उस े म बेहतर बनने पर काम
करना है। कोई सीमा नह है।
हर मु य प रणाम े के साथ दशन का पैमाना शा मल होना चा हए। यह इस बात
को नापने का तरीक़ा है क आप उस े म कतना अ छा दशन कर रहे ह और कतने
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बेहतर बन रहे ह। जस तरह हर खेल म दशन का एक पैमाना होता है, चाहे यह ऊँचाई
हो, ग त हो या री हो, उसी तरह आप हर मु य प रणाम े म कोर रखने का एक
तरीक़ा तय कर सकते ह।
जब आप अपनी बु नयाद स मता , अपने मु य प रणाम े और दशन के
पैमान को प कर लेते ह, तो इसके बाद आप “इसे-ख़ुद-कर” ोजे ट बन जाते ह। आप
ग त व ध या दशन के उस े को पहचानते ह, जहाँ बेहतर होने से आपको सबसे यादा
मदद मल सकती है। फर आप उस े म काम म जुट जाते ह। ब त ही कम समय म
आपको प रणाम दखने लगगे। आपका आ म-गौरव और आ म व ास बढ़ जाएगा। आप
आगे क ग त का अहसास वक सत कर लगे। आप यादा सकारा मक और आशावाद बन
जाएँगे। आप अपने े के शखर क ओर बढ़ने लगगे।
दशन के तीसरे े को “अ त मह वपूण सफलता घटक” कहा जाता है। ये वे पैमाने
या अ त मह वपूण काय ह, जैसे लड ेशर और तापमान, जो संगठन या के
वा य को सू चत करते ह। ये पैमाने सफलता या असफलता को पकड़ते और तय करते
ह। इसी लए उ ह अ त मह वपूण कहा जाता है।
मसाल के तौर पर, कैश लो कसी वसाय म अ त मह वपूण सफलता घटक है।
य द म त क म र के वाह क तरह कसी समय यह बंद हो जाता है, तो कंपनी मर
सकती है। दै नक, सा ता हक और मा सक ब अ त मह वपूण सफलता घटक ह। जब
तक वे श शाली और सकारा मक ह, तब तक उ म सफल हो सकता है। य द वे घटते या
बंद हो जाते ह, तो कारोबार का अ त व जो खम म आ सकता है।
कसी भी वसाय या क रयर म आम तौर पर सफ़ पाँच से सात अ त मह वपूण
सफलता घटक होते ह। कई बार सफ़ एक या दो होते ह। आपका पहला काम उन मु य
पैमान को पहचानना है, जो कारोबार के वा य को सबसे यादा बताते ह। फर उन
पैमान को बेहतर बनाने के लए हर संभव यास कर। अ त मह वपूण सफलता घटक पर
यान दे ने से आप उनम आम तौर पर बेहतर बनने लगते ह।
मसाल के तौर पर, य द आप कंपनी के हर का यान हर दन या हर घंटे क
ब पर क त कराते ह, तो इससे आपक ब बढ़ जाएगी। य द हर का यान
लागत कम करने पर क त है, तो आपक लागत कम हो जाएगी।
आपके काम के अ त मह वपूण सफलता घटक कौन से ह यह ब त मह वपूण
है, जसे आपको लगातार पूछते रहना चा हए और इसका जवाब दे ते रहना चा हए।
यह बताना आसान है क मान सक म त श ण म आपको ख़ुद पर कहाँ काम
करने क ज़ रत है। जन े म आप कमज़ोर ह, वही आपक सबसे बड़ी सम या के
कारण ह। यही े आपको सबसे यादा कुं ठत और च तत करते ह। इ ह े म सुधार
करने से आपको सबसे अ छे और सबसे ती प रणाम मलगे।
कई कंप नय म एक लोक य बंधन तकनीक का इ तेमाल कया जा रहा है। इसे
“360 ड ी का व ेषण” कहा जाता है। इसम बंधक का मू यांकन उनके आस-पास
काम करने वाले सभी लोग करते ह। कसी वभाग या काय समूह के भीतर के हर
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को ावली भेजी जाती है। हर से कहा जाता है क वह च र , मता और वहार
के संदभ म अपने व र अ धका रय का मू यांकन कर। फर ाव लय को इक ा कया
जाता है और एक अलग मी टग म उसका सार बताया जाता है। हर को सव के
प रणाम बताए जाते ह और फर एक दायरे के बीच म बैठाया जाता है, जहाँ सरे बंधन
उसक समी ा और मू यांकन करते ह।
सही तरीक़े से करने पर यह अ यास ब त मददगार हो सकता है। बंधक अ छ तरह
जान जाते ह क उनके अधीन थ और समक उ ह कस तरह दे खते ह। बंधक को
अ सर यह जानकर हैरानी होती है क जन े म वे ख़ुद को काफ़ अ छा मानते ह,
उनके सहकम और अधीन थ उन े म उ ह काफ़ कमज़ोर मानते ह।
मनो व ान म एक श द है, जसे “ कोटोमा” कहा जाता है। इसका अथ है लाइंड
पॉट या अंध ब । मनोवै ा नक ने पाया है क हमारे च र और व, हमारे जीवन के
न त े म हमम से यादातर लोग म अंध ब होते ह। हमम व श गुण और ल ण
के संदभ म अंध ब होते ह। अ सर लोग उन े म अंधे होते ह, जहाँ वे सबसे कमज़ोर
होते ह।
आपके कोटोमा या ह वे े कौन से ह, जनम आप ख़ास तौर पर स म नह ह
वे यो यताएँ कौन सी ह, ज ह आपको दशन के यादा ऊँचे तर तक लाने के लए
मेहनत करनी चा हए य द आपको प का नह है, तो सरे लोग के पास जाकर फ़ डबैक
माँग।
याद रख, फ़ डबैक च पयन का ना ता ह। आप तब तक बेहतर नह बन सकते, जब
तक क कोई सरा ईमानदारी से समी ा करके आपको उसका त बब न दखा दे , जैसे
आप सचमुच ह। बना फ़ डबैक के आप बेहतर नह बन सकते।
य द आप ब के े म ह, तो यह अ नवाय है क आप अपने से स मैनेजर या
कसी और को महीने म एक बार अपने साथ से स कॉल पर ले जाएँ और उससे अपने
दशन का मू यांकन कराएँ। जब यह कसी से स कॉल पर आपके साथ जाए, तो
आपके ाहक से बातचीत करते व त उसे शां त से बैठना चा हए और कुछ नह करना
चा हए। इसके बाद, उसे आपको सट कता से बताना चा हए क उसने या दे खा, अ छा भी
और बुरा भी। इस तरह के ईमानदार फ़ डबैक के बना आपके लए बेहतर बनना असंभव
है। जब आपको यह फ़ डबैक मल जाए, तो उस े म बेहतर बनने का नणय ल, ता क
यह आपके दशन को सी मत न कर सके।
आपके पास आज जो भी ान और यो यता है, वह भ व य के लए पया त नह है।
एक शै णक जरनल म लखा गया था क आप आज अपने काम के बारे म जो जानते ह,
उसका 99 तशत ह सा दस साल म या शायद इससे भी ज द अ ासं गक बन जाएगा।
अगर आप बेहतर नह बन रहे ह, तो आप बदतर बन रहे ह।
वेन ेट् क ने यह मश र बात कही थी क वे इतनी अ छ हॉक इस लए खेलते थे,
य क जब यादातर लोग वहाँ जाते थे, जहाँ गद थी, तब वे उस जगह क ओर जाते थे,

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जहाँ गद प ँचने वाली थी। यह आपके और आपके क रयर के लए एक बेहतरीन उपमा
है।
पाँच साल म आपक गद कहाँ प ँचने वाली है य द आप उ कृ आजी वका कमाना
चाहते ह, तो आज से तीन से पाँच साल के भीतर आपको कस अ त र ान और
यो यता क ज़ रत होगी वह कौन सी एक यो यता है, जसे य द आप वक सत कर
और उ कृ अंदाज़ म कर, तो आपको सबसे यादा मदद मलेगी
मान सक म त श ण के संदभ म आपको तीन नयम जानने क ज़ रत है:
नयम एक: यह मायने नह रखता क आप कहाँ से आ रहे ह; मायने तो यह रखता है
क आप कहाँ जा रहे ह। भ व य अतीत से यादा मह वपूण है। आप अतीत को नह बदल
सकते, ले कन अपने वतमान काम को बदलकर आप अपने भ व य को बदल सकते ह।
नयम दो: अपने जीवन को बेहतर बनाने के लए पहले आपको बेहतर बनना होगा।
य द आप यादा कमाना चाहते ह, तो आपको यादा सीखना चा हए। आज ान मू य का
मु य ोत है। य द आप अपने जीवन क गुणव ा को बेहतर बनाना चाहते ह, तो आपको
अपने ान और यो यता क गुणव ा को बेहतर बनाना चा हए।
नयम तीन: आप ख़ुद के लए जो भी ल य तय कर, उसे हा सल करने के लए
आपको जो भी सीखना है, उसे आप सीख सकते ह। कोई सीमाएँ नह ह, सवाय आपके
दमाग़ म मौजूद सीमा के।
मान सक म त श ण एक अनुशासन है, जसका इ तेमाल आप जीवन भर कर
सकते ह। इसी समय यह नणय ल क आप अपने काम के मु य प रणाम े म अपनी
यो यता के तर को बढ़ाएँगे। अपने े के सव े लोग म से एक बनने का संक प ल।
आजीवन सीखने के त सम पत हो जाएँ।
आपका म त क एक मांसपेशी क तरह होता है। य द आप इसका इ तेमाल नह
करते ह, तो यह कमज़ोर हो जाता है। ले कन अगर आप पढ़ना जारी रखते ह, ऑ डयो
ो ाम सुनना जारी रखते ह, अ त र कोस करते रहते ह और अपने ान व यो यता के
वकास पर काम करते रहते ह, तो आपका भ व य असी मत होगा।
नय मत मान सक म त श ण क आदत डालकर आप अपने े के सबसे
स म, आ म व ासी और समथ लोग म से एक बन सकते ह। आप अपने सारे सपने पूरे
कर सकते ह और अपनी सारी मह वाकां ाएँ हा सल कर सकते ह। आप सबसे आगे प ँच
सकते ह और लोग का नेतृ व कर सकते ह। मान सक म त श ण सूचना युग का
उ ताद बनने क
कुंजी है और इसक मदद से आप अपनी भावी तक़द र क बागडोर थाम लगे।
जीवन म कुछ चीज़ वैक पक होती ह और कुछ अ नवाय होती ह। यह वैक पक है
क आप कै र बयन म अगली छु याँ मनाते ह या नह । ले कन आप एक गत
पु तकालय बनाते ह और उ कृ पाठक बनते ह, यह अ नवाय है। य द आप सफलता के
बारे म गंभीर ह, तो इसे करने या न करने का वक प ही मौजूद नह होता। आपके सारे
ल य को हा सल करने के लए यह बेहद अ नवाय है।
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ब त सारे लोग ह, जो ब त यादा नह पढ़ते ह। एक अ ययन के अनुसार 80 तशत
अमे रक प रवार ऐसे थे, ज ह ने पछले साल एक भी पु तक न तो ख़रीद , न ही पढ़ । 58
तशत वय क अमे र कय ने कॉलेज क पढ़ाई पूरी करने के बाद कसी नॉन- फ़ शन
पु तक को पहले प े से आ ख़री प े तक कभी नह पढ़ा। औसत अमे रक हर साल एक
पु तक से भी कम पढ़ता है। वा तव म, अमे रका के सबसे सफल ी-पु ष के गैलप
अ ययन के अनुसार हर महीने एक नॉन- फ़ शन पु तक पढ़ने से आप शीष थ 1 तशत
अमे र कय के समूह म शा मल हो जाएँगे।
कई कारण से लोग उतना नह पढ़ते ह, जतना उ ह पढ़ना चा हए। शायद हाई कूल
पास करने के बाद भी पाँच करोड़ अमे र कय क पढ़ने क यो यताएँ कमज़ोर ह।
लोग इस लए नह पढ़ते ह, य क उ ह कभी यह बताया ही नह गया है क पढ़ना हर
उस चीज़ के लए कतना मह वपूण है, जो वे जीवन म हा सल करना चाहते ह। आज
आजीवन सीखना कसी भी े म सफलता पाने क यूनतम आव यकता है। अगर आप
व तृत ल खत नदश व नयम पु तकाएँ पढ़ और समझ नह सकते, तो आप आज फ़ै
म काम करने वाले कमचारी भी नह बन सकते। य द आप ब , बंधन, सेवा, शासन या
कसी अ य े म ह, जसम जानकारी और आँकड़ क ज़ रत है, तो अ छ तरह पढ़ने
क आपक यो यता आपक सफलता के लए आधारभूत है।
आपक आमदनी काफ़ हद तक भाषा के ान से तय होगी। आपका श द भंडार
जतना ापक होता है, आप उतने ही यादा पैसे कमाएँगे। अँ ेज़ी भाषा म 6 लाख से
यादा श द होते ह, जनम तकनीक श दावली शा मल है। सबसे यादा भुगतान और
स मान पाने वाले लोग वे ह, जो इन श द को आम आदमी से यादा जानते ह और उनका
इ तेमाल करते ह।
शे स पयर संभवतः पूरे अँ ेज़ी सा ह य के सबसे मुखर लेखक थे और उनके ंथ के
व ेषण से यह पता चला क उ ह ने अपने सभी ंथ म 20,000 से यादा श द का
इ तेमाल नह कया। इससे पूरे 5,80,000 श द बच गए, ज ह उ ह ने नह छु आ, हालाँ क
उनका लेखन इस भाषा का सबसे ानी और ज टल सृजना मक लेखन माना जाता है।
हर दन नए श द सीखकर अपनी श दावली को बढ़ाने का काम ही आपक आमदनी
क यो यता को बढ़ा सकता है, आपक जीवनशैली को बेहतर बना सकता है, आपके संदभ
समूह को बदल सकता है, आपके ल य पाने क ग त को बढ़ा सकता है और ऐसे अवसर व
संभावना के ार खोल सकता है, जनक आप आज क पना भी नह कर सकते।
कुछ लोग आलस क वजह से नह पढ़ते ह। उनके आस-पास यान भटकाने वाली
इतनी सारी चीज़ होती ह, ख़ास तौर पर टे ली वज़न, रे डयो, सामा जक मेल मलाप और
अ य ग त व धयाँ क वे कभी पढ़ने जैसी गंभीर चीज़ तक प ँच ही नह पाते ह। वे रोज़मरा
क ग त व धय और आनंद म इतने त और अटके होते ह क पढ़ने को अनंत काल तक
टाल दे ते ह। वे कभी पढ़ने क थ त म नह आ पाते ह। इस आदत का उनके जीवन पर
खद भाव पड़ सकता है।

ो े े औ ै े ी े
लोग के नह पढ़ने का एक और कारण यह है क शायद वे सही े म काम नह कर
रहे ह। आप कसी काम के लए बने ह या नह , यह तय करने का एक ब त अ छा
इ तहान यह है क या आपम इसके बारे म सीखने क इ छा है। य द आप वह काम कर
रहे ह, जो आपके लए सही है, तो आप वाभा वक प से उस े के बारे म हर चीज़
पढ़ने को उ सुक ह गे। आप बेहतर और बेहतर बनना चाहगे। आप नए ान के लए भूखे
ह गे। आप हर पु तक और लेख पढ़गे, हर ऑ डयो ो ाम सुनगे और हर उस कोस म
जाएँगे, जसम आप जा सकते ह। आप उ कृ बनने के लए कृतसंक प ह गे। हर नई
जानकारी आपको ो सा हत करेगी और यादा सीखने के लए े रत करेगी।
बहरहाल, य द आप ग़लत े म ह, तो आप अपने काम के बारे म सीखने को
अ चकर काय मानगे। य द यह आपक नौकरी या पेशे क शत हो, तो आप पढ़ लगे,
ले कन उतना ही जतने म काम चल जाए। आप चाहगे क यह ख़ म हो जाए, जैसे दं त
च क सक का अपॉइंटमट। अगर आप कसी कारण से अपने काय े म यादा सीखने के
लए उ सुक नह ह, तो हो सकता है क आप ग़लत े म अपना समय और जीवन बरबाद
कर रहे ह।
जो व- न मत करोड़प त शू य से अमीरी तक प ँचे, उनका एक आम गुण यह था क
वे अपने काम से लगभग स मो हत थे। वे ब त सारा पैसा कमाने के बारे म ब त यादा
नह सोचते थे। वे अपने काम म बेहतर और बेहतर बनने के बारे म यादा सोचते रहते थे।
वे अपने काम म पूरी तरह त लीन हो जाते थे।
पढ़ने और व- वकास के त समपण क वजह से वे अपने काम म बेहतर बनते चले
गए और अंततः उ ह यादा भुगतान मलता चला गया। जब वे ऊँचे तर क आमदनी
कमाने लगे, तब भी काम के त उनका स मोहन जारी रहा। अ त र धन को कारोबार से
बाहर नकालने और फ़ज़ूलख़च करने के बजाय उ ह ने इसका दोबारा नवेश ख़ुद म और
अपने क रयर म कया। फल व प वे और भी यादा कुशल बन गए तथा उ ह और ऊँचा
भुगतान मलने लगा। फर एक दन उ ह ने अपनी आँख खोल , तो उ ह ने दे खा क उनक
नेट वथ दस लाख डॉलर से यादा हो चुक है। नरंतर सीखना और लगातार पढ़ना कुंजी
थी।
नयम यह है, “ यादा कमाने के लए आपको यादा सीखना चा हए।” भ व य स म
का है। उ पादन का सबसे मह वपूण घटक भू म, म, पूँजी या जायदाद नह है।
यह ान है।
मोटोरोला कॉरपोरेशन अपनी सालाना आमदनी का 4.8 तशत अपने कमचा रय को
श त और वक सत करने पर ख़च करता है। मोटोरोला के श ण मुख का अनुमान
है क श ण पर जो 1 डॉलर ख़च होता है, उसके बदले म कंपनी को 30 डॉलर क
अ त र ब और लाभ मलता है। क पना कर उ त श ा म नवेश पर 30 गुना
फ़ायदा।
यादातर लोग के मामले म नय मत पढ़ने और नरंतर सीखने के े म सबसे बड़ी
बाधा यह है क उ ह पुराने पैरेडाइम के हसाब से पाला गया है। चीज़ को दे खने के पुराने
ो े ऐ ी ी ी ो े ो ो े े े े
कोण के अनुसार श ा एक ऐसी चीज़ थी, जो सरे लोग आपको दे ते थे। आपके
जीवन के शु आती 18 वष म आप कूल गए और आपको इस तरह श ा द गई, मानो
आप न य व तु ह । जब आप कॉलेज गए, तब भी आपने वही कोस लए जनक
सलाह द गई थी, आपने उन वषय का अ ययन कया, जो आव यक थे और आपने
परी ा म वही जवाब लखे, जो पूछे गए थे। जब आप कॉलेज से बाहर नकले, तो आप
श ा का प रणाम थे। यह तो वैसा ही था क श ा आपके साथ “बस हो गई हो,” जसम
आपने न य भू मका भर नभाई और सही समय पर हर ज़ री काम कया।
ले कन पढ़ाई पूरी होने के बाद समीकरण 180 ड ी घूम जाता है। उस पल के बाद
आप अपनी श ा के लए पूरी तरह ज़ मेदार बन जाते ह। आप पु तक ख़रीदने, अ ययन
के कोस क योजना बनाने, नए वषय सीखने और लगातार अपनी यो यता का
नवीनीकरण करने के लए ज़ मेदार बन जाते ह। यह कसी सरे क ज़ मेदारी नह है।
आप भारी ह। यह सब आप पर नभर करता है।
कई लोग यह सोचते ह क अगर उ ह अ त र श ण क ज़ रत है, तो यह दे ने क
ज़ मेदारी उनक कंपनी क है। त य यह है क अगर आपक कंपनी आपको श ण दे ती
है, तो आपको ऐसे हर अवसर का लाभ लेना चा हए। ले कन अगर यह ऐसा नह करती है,
और कई कंप नयाँ श ण और वकास पर पैसे ख़च नह करती ह, तब भी आप ही
नरंतर पढ़कर अपना मू य क़ायम रखने और बढ़ाने के लए पूरी तरह ज़ मेदार ह। कोई
सरा तरीक़ा नह है।
यहाँ कुछ वचार दए जा रहे ह, जनका अ यास यादातर सफल ी-पु ष करते ह।
आपके जीवन क गुणव ा पर उनका सकल भाव आ यजनक हो सकता है।
सबसे पहले, य द आप अ छे पाठक नह ह, तो इसी समय नणय ल क उ कृ लीडर
बनने के लए आपको जतनी भी र तक जाना होगा, आप जाएँगे। इसके लए आप कोई
भी क़ मत चुकाएँगे, हर बाधा से उबरगे और जतनी भी रा श ख़च करनी पड़े , ख़च करगे।
य द आप यह नह जानते क अ छ तरह कैसे पढ़ना है, तो अपने काम के बाहर क हर
चीज़ को छोड़ द और ख़ुद को पढ़ने के त सम पत कर द। फ़रसत के हर मनट को पढ़ने
म लगाएँ, मानो आपका भ व य इस पर नभर करता हो, य क यह करता है।
इसम एक स ताह, एक महीने या एक साल लग सकता है। इसम और भी लंबा समय
लग सकता है। ले कन यह मायने नह रखता। उ कृ पाठक बनने पर आपके लए ऐसे
अवसर के ार खुल जाएँगे, जनक आप इस समय क पना भी नह कर सकते।
सरे, पीड-री डग का कोस कर। द ईव लन वुड री डग डाइनै म स ो ाम शायद इस
काम के लए तैयार कया गया सव े कोस है। कई समुदाय म कई पीड-री डग क ाएँ
भी आयो जत क जाती ह। पीड-री डग टच-टाइ पग जैसी होती है। आप एक-दो
अँगु लय से ज़दगी भर टाइ पग कर सकते ह, या फर आप इसे सही तरीक़े से करना
सीखने का समय नकाल सकते ह और अपनी ग त को 50-60 श द त मनट तक बढ़ा
सकते ह। पढ़ते समय आप अपनी पढ़ने क ग त को 50-60 श द त मनट से 300,
400, 500 या 1,000 श द त मनट तक भी ले जा सकते ह और लखी गई सारी बात
े ी ी े ो ो े औ े ी
समझ सकते ह। पीड-री डग के कोस ब त अ त होते ह और आज के मह वाकां ी
लोग क सफलता के लए अ नवाय ह।
तीसरे, एक गत लाइ ेरी बनाएँ। हालाँ क सावज नक पु तकालय शोध के लए
ब त सहायक होते ह, ले कन आपको अपनी ख़ुद क पु तक भी ख़रीदनी चा हए, ता क
आप उन पर नशान लगा सक और उ ह अपने पास रख सक।
लोग अ सर पूछते ह क उ ह कौन सी पु तक ख़रीदनी चा हए। यह तय करने के लए
आप तुलना मक मह व के नयम का इ तेमाल कर सकते ह। ऐसी पु तक ख़रीद, जो इस
पल आपके जीवन के लए सबसे मह वपूण और ासं गक ह। यहाँ पर अहम श द है
“ ासं गक।” वय क लोग सबसे अ छ तरह तब सीखते ह, जब उनके ारा पढ़ जाने
वाली चीज़ उनक वतमान आव यकता , उनके कामकाज, उनके जीवन और उनक
वतमान थ त के लए व रत प से ासं गक होती है। य द आप ऐसी साम ी पढ़ते ह,
जो आपके वतमान काम म सहायक नह है, तो आप इसक ओर आक षत नह ह गे और
ज द ही इसके यादातर ह से को भूल जाएँगे।
ले कन जब आप ऐसी साम ी पढ़ते ह, जो आपके कामकाज के लए ासं गक भी
होती है और अमल म भी लाई जा सकती है, तो आपका म त क हर तरह के वचार से
जगमगाने लगता है क आप यादा भावी बनने के लए इस नई जानकारी का इ तेमाल
कैसे कर सकते ह। यह रोमांचक भी है और बेहद ेरक भी क आप नई प तयाँ और
तकनीक सीखते रह, जो आपके जीवन को बेहतर बना दगी।
अपनी ख़ुद क लाइ ेरी बनाते समय अपने े के सबसे सफल लोग से पूछ क वे
कौन सी पु तक पढ़ने क सलाह दगे। फर सीधे बुक टोर जाकर उ ह ख़रीद ल। पेशेवर
लोग का एक ल ण यह है क सभी पेशेवर लोग क घरेलू लाइ ेरी होती है, जो उनके े
क पु तक से भरी होती है। य द आप ब के े म ह, तो आपके पास से स बु स क
लाइ ेरी होनी चा हए। आपको ब के े म हर दन कम से कम एक घंटे, हर स ताह
एक पु तक, हर साल पचास पु तक पढ़नी चा हए। आपको अपने नर का सतत,
लगनशील व ाथ बनना चा हए।
ब के े के बारे म आपका ान इतना होना चा हए, जतना 500 मील के भीतर
कोई सरा न जानता हो। आपको अपने े के बारे म इतना ानी बनने का ल य बना
लेना चा हए क कुछ वष म आप इस पर लास ले सक। जब आप सीखी गई चीज़ को
सखाने के बारे म सोचते ह, तो आप दरअसल उससे यादा याद रखते ह, जतना आप
अपने लए पढ़ते समय नह रख पाते।
आपको हाड कवर पु तक ख़रीदनी चा हए या सॉ ट कवर पु तक मेरी सलाह है क
आप कसी भी तरह क कोई भी ऐसी पु तक ख़रीद ल, जो आपक मदद कर सके। कुछ
पु तक का मू य 20-30 डॉलर होता है। आम आदमी शकायत करता है क वह इतनी
महँगी पु तक ख़रीदने का ख़च नह उठा सकता। े पहचानता है क उस पु तक म
द गई जानकारी से कड़ी मेहनत के एक-दो साल बच सकते ह।

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अपना वषय सीखने म कसी लेखक को दस या बीस साल लग सकते ह। फर पु तक
लखने म उसे दो-तीन साल लग जाते ह। फर पु तक का शत कराने म एक-दो साल लग
जाते ह। आप चंद डॉलर म वह पु तक ख़रीदकर अपने े के सबसे चतुर लोग म से एक
के बीस-प चीस साल क मेहनत के प रणाम पा सकते ह।
ख़ुद को अ छ पु तक से भरे शे फ़ द और अपनी पु तक को वषय के हसाब से
ेणीब कर। एक खंड ब का हो, तो सरा बंधन का। प रवार और परव रश पर एक
खंड रख। गत ेरणा और सफलता पर एक खंड रख। य द आपको उप यास पसंद ह,
तो उप यास का एक खंड रख या फर इ तहास का।
अपने खंड को वणमाला के म म जमा ल, या तो पु तक के शीषक से या फर
लेखक के नाम से। इसे ब त यादा औपचा रक या तं ा मक बनाने क ज़ रत नह है।
आपका काम अपनी लाइ ेरी इस तरह से बनाना है, ता क आपको पता हो क हर पु तक
कहाँ रखी है। आपको यह जानने क ज़ रत है क आपके पास कोई पु तक है या नह है
और आपको यह जानने क ज़ रत है क ज़ रत पड़ने पर जानकारी कहाँ मलेगी।
एक बार जब आप पु तक ख़रीद ल, तो पढ़ते समय हर मु य ब को रेखां कत कर
ल। अगर आप कोई पु तक दोबारा पढ़ते ह, तो अलग रंग के पेन से उन ब को
रेखां कत कर, ज ह आप पहली बार म चूक गए थे। अपनी ख़ुद क लाइ ेरी बनाकर आप
आजीवन व ाथ बन सकते ह। आप अपने हर दन का एक ह सा पढ़ने, अ ययन करने
और सीखने के त सम पत कर सकते ह। आप टे ली वज़न दे खना छोड़कर अपने समय
का नवेश अपने म त क और अपने भ व य म कर सकते ह।
आपको अपने े क जानकारी अ तन करने के लए ही हर दन एक-दो घंटे पढ़ने
क ज़ रत होती है। आपको अख़बार, प काएँ, यूज़लेटर, प ाचार और अ य साम ी
पढ़ने क ज़ रत है। ले कन इस कार के पढ़ने से आप सफ़ अ तन रहते ह। य द आप
आगे नकलना चाहते ह, तो आपको इससे यादा पढ़ना चा हए। आपको वतमान के साथ
अ तन रहते समय भ व य म नवेश करना चा हए। आपको ऐसी पु तक और लेख पढ़ने
चा हए, जो आपको नए वचार और जानकारी द, जो आपके पास पहले नह थे। आपको
वह साम ी नह पढ़नी चा हए, जसे आप पहले से जानते ह।
आजीवन पाठक बनना आपके भ व य क कुंजी है। आप पढ़ने म धारा वाह और
कुशल बन सकते ह, जस तरह अ यास और लगन से आप अपने श दभंडार का व तार
कर सकते ह। भ व य सफ़ स म लोग का है। जो लोग यादा जानते ह, वे हमेशा कम
जानने वाल से जीत जाएँगे। े क स ची नशानी यह है क वह आम आदमी से
बेहतर श त और यादा ानी होता है। आप जतना यादा पढ़ते ह, आप उतने ही
यादा बेहतर बनते जाते ह। आप जतना यादा सीखते ह, सीखना आपके लए उतना ही
यादा आसान होता जाता है।
आप अपने म त क को जतनी यादा चुनौती दे ते ह और अपनी बु म ा का लाभ
लेते ह, आप उतने ही यादा चतुर बनते ह। सभी पाठक लीडर नह होते ह, ले कन सभी
लीडर पाठक होते ह। पढ़ना म त क के लए वैसा ही है, जैसा ायाम शरीर के लए।
े े े ँ े ो ी ी ेी
अगर आप अपने े के शखर पर प ँचना चाहते ह, तो आज ही अपनी गत लाइ ेरी
बनाना शु कर द। ख़ुद को जीवन भर पढ़ने के त सम पत कर। ान के साथ और उस
ान पर अमल करने पर मलने वाली यो यता के साथ, इस बात क कोई सीमा नह है
क आप कतनी र तक आगे जा सकते ह।
अ याय 12

कभी हार न मान

आ पवजय
जीवन म संभवतः जस सबसे बड़ी चुनौती का सामना करते ह, वह है डर पर
पाना और साहस का वकास करना। व टन च चल ने एक बार लखा था,
“साहस को सभी गुण म मुख कहा गया है और यह सही है, य क बाक़ सभी गुण इस
पर नभर होते ह।” डर मानव जा त का सबसे बड़ा श ु है और हमेशा से रहा है।
क लन डी. ज़वे ट ने कहा था, “एकमा चीज़ जससे हम डरना चा हए, वह है
डर।” वे दरअसल यह कह रहे थे क हम जससे डरते ह, उस चीज़ के बजाय हमारे डर क
भावना ही चता, तनाव और ख का कारण है। जब आप साहस और अटल आ म व ास
क आदत डाल लेते ह, तो आपके सामने संभावना का एक बलकुल नया संसार खुल
जाता है। ज़रा क पना कर - य द आपको पूरे संसार म कसी चीज़ से डर नह लगता, तो
आप या सपना दे खने या बनने या करने क ह मत करते
सौभा य से, साहस क आदत भी दोहराव के ज़ रये ठ क उसी तरह सीखी जा सकती
है, जस तरह कोई सरी आदत। हम लगातार अपने डर का सामना करने और उनसे
उबरने क ज़ रत है, ता क हम उस तरह का साहस उ प कर सक, जो हम बना डरे
जीवन के अव यंभावी उतार-चढ़ाव से नबटने म स म बनाए।
स डकेटे ड तंभ-ले खका एन लडस ने लखा था, “य द मुझे मानवता को एक ऐसी
सलाह दे ने को कहा जाए, जसे म सबसे उपयोगी सलाह मानती ँ, तो वह यह होगी:
उ मीद कर क मु कल जीवन का अव यंभावी ह सा है और इसके आने पर अपना सर
ऊपर रख। इससे सीधे नगाह मलाएँ और कह, ‘म तुमसे यादा बड़ा बनूँगा। तुम मुझे नह
हरा सकत ।’ इस तरह का नज़ रया ही वजय क ओर ले जाता है।”
डर से उबरने और साहस को वक सत करने का शु आती ब सबसे पहले डर उ प
करने वाले सभी घटक का अवलोकन करना है।

ो ै ौ
यादातर डर का मूल ोत बचपन क परव रश है, जसक जड़ म आम तौर पर
वनाशकारी आलोचना पाई जाती है। इससे हमम दो तरह के डर आ जाते ह। पहला है
असफलता का डर, जसक वजह से हम सोचते ह, “म नह कर सकता, म नह कर
सकता, म नह कर सकता,” और सरा अ वीकृ त का डर, जसक वजह से हम सोचते ह,
“मुझे करना पड़े गा, मुझे करना पड़े गा, मुझे करना पड़े गा।”
जब हमम ये डर होते ह, तो हम अपना पैसा या अपना समय या कसी संबंध म अपने
भावना मक नवेश को गँवाने क आशंका से च तत हो जाते ह। हम सर क राय और
संभा वत आलोचना के त अ त संवेदनशील बन जाते ह, कई बार तो इस ब तक, क
हम कसी ऐसी चीज़ को करने से घबराते ह, जसे कोई सरा नापसंद करता हो।
हमारे डर हम पंगु बना सकते ह। वे हम अपने सपन और ल य क दशा म
सृजना मक काय करने से पीछे रोक सकते ह। जब हम डर के शकंजे म होते ह, तो हम
झझकते और वलंब करते ह। हम अ नणायक बन जाते ह। हम टालमटोल करते ह। हम
बहाने बनाते ह और पीछे के रहने के कारण खोजते ह। हम कुं ठत महसूस करते ह। हम
दोतरफ़ा बंधन म अटक जाते ह, “मुझे करना पड़े गा, ले कन म नह कर सकता,” या “म
नह कर सकता, ले कन मुझे करना पड़े गा।”
डर का कारण अ ान भी होता है। जब हमारी पास सी मत जानकारी होती है, तो
हमारी शंकाएँ हम पर हावी हो जाती ह। हम अपने काय के प रणाम को लेकर तनावपूण
और असुर त बन जाते ह। अ ान क वजह से हम प रवतन से डरते ह, अ ात से डरते ह
और कसी नई या अलग चीज़ को आज़माने से बचते ह।
ले कन इसका उलट भी सच है। कसी ख़ास वषय के बारे म यादा और बेहतर
जानकारी इक करने का काम ही उस े म हमारे साहस और आ म व ास को बढ़ा दे ता
है। आप इसे अपने जीवन के उन ह स म दे ख सकते ह, जहाँ आपके मन म ज़रा भी डर
नह था, य क आप जानते थे क आप या कर रहे थे। जो भी होता है, उससे पेश आने
म आप स म और पूरी तरह समथ महसूस करते थे।
डर म योगदान दे ने वाले दो अ य घटक ह: बीमारी और थकान। जब आप थके-माँदे या
बीमार होते ह या जब आपक शारी रक थ त ठ क नह होती, तो आप डर और शंका के
त यादा वृ होते ह, जो व थ और ऊजा से भरपूर महसूस करने पर नह होता।
एक बार जब आप उन मु य घटक को पहचान लेते ह, जनक वजह से आपको डर
लगता है, तो अगला क़दम यह है क आप अपने डर को प रभा षत कर और उनका
व ेषण कर।
कोरे काग़ज़ के सबसे ऊपर यह लख, “मुझे कस चीज़ से डर लगता है ”
याद रख, सभी बु मान लोग कसी न कसी चीज़ से डरते ह। अपने तथा अपने
प रजन के शारी रक, भावना मक और व ीय बचाव क चता होना सामा य और
वाभा वक है। साहसी वह नह है, जसे कभी डर नह लगता। जैसा माक ट् वेन ने
कहा था, “साहस डर का तरोध है, डर पर महारत है - डर क अनुप थ त नह है।”

ै ो ै ी ो ै
यह नह है क आपको डर लगता है या नह लगता। हम सभी को डर लगता है।
एकमा है, “आप डर से कैसे नबटते ह ” साहसी वह होता है, जो डर के
बावजूद आगे बढ़ता है। यहाँ एक मह वपूण ब है: जब आप अपने डर का सामना करते
ह और अपने डर के ोत या कारण क ओर बढ़ते ह, तो आपके डर घट जाते ह और
आपका आ म-गौरव तथा आ म व ास बढ़ जाता है। जैसा इमसन ने लखा था, “वह चीज़
कर द जससे आपको डर लगता है और डर क मृ यु तय है।”
इसका वपरीत भी सच है। आप जस चीज़ से डरते ह, जब आप उससे कतराते ह, तो
आपके डर बढ़ने लगते ह और कसी ब पर वे आपके जीवन को नयं त करने लगते ह।
जब आपके डर बढ़ते ह, तो आपका आ म-गौरव, आ म व ास और आ म-स मान उसी
अनुसार घट जाता है।
छोट -बड़ी हर चीज़ लखकर अपने डर क सूची बनाएँ, जनक वजह से आपको डर,
तनाव या चता होती है। अपने कामकाजी या नजी जीवन के उन ह स के बारे म सोच,
जहाँ आपके डर ने आपको पीछे रोक रखा है या आपको कसी नौकरी या संबंध म कने
के लए मजबूर कया हो सकता है, जहाँ आप ख़ुश नह ह। ज़ा हर है, सबसे आम डर ह
असफलता का डर और अ वीकृ त का डर।
कुछ लोग असफलता के डर से संचा लत होते ह। ये अपनी ग़ल तय को तकसंगत
सा बत करने या छु पाने म अपनी ब त सारी ऊजा ख़च कर दे ते ह। बाक़ लोग अ वीकृ त
के डर से घबराते ह। वे सर को कैसे नज़र आते ह, इस बारे म वे इतने यादा च तत हो
जाते ह क उनम वतं काय करने क ज़रा भी यो यता नह होती। जब तक उ ह पूरा
यक़ न न हो क कोई सरा अनुमोदन करेगा, तब तक वे कोई नणय नह ले सकते।
एक बार जब आप अपने डर क सूची बना ल, जो आपके सोचने और वहार के
तरीक़े को भा वत कर रहे ह, तो इसके बाद मह व के म म उ ह जमा ल। आपके हसाब
से आपके वहार पर कस डर का सबसे यादा भाव पड़ता है। कस डर ने आपको
सबसे यादा पीछे रोककर रखा है कौन सा डर सरे थान पर आएगा आपका तीसरा
सबसे बड़ा डर कौन सा होगा
अपने सबसे बड़े डर के संदभ म इन तीन सवाल के जवाब लख:
1. यह डर जीवन म मुझे कैसे पीछे रखे ए है
2. यह डर कैसे मेरी मदद करता है या इसने अतीत म मेरी कैसे मदद क है
3. इस डर को मटाने से मुझे या लाभ होगा
आप साहस और आ म व ास क जन आदत को वक सत करना चाहते ह, उनके
अनु प काय करके आप साहस बढ़ाने और डर मटाने क या शु कर सकते ह।
आप जस भी चीज़ का बार-बार अ यास करते ह, वह अंततः एक नई आदत बन जाती है।
सांसा रक सफलता के लए पहला और शायद सबसे मह वपूण कार का साहस होता है
शु करने, नाव खेने, व ास के साथ अपने ल य क दशा म क़दम रखने का साहस। यह

ी ई ी ो ेऔ े े े े े
कसी नई या अलग चीज़ को आज़माने और अपने आरामदे ह दायरे से बाहर नकलने का
साहस है, जब सफलता क कोई गारंट न हो।
ोफ़ेसर रॉबट रॉन टै ड ने बारह साल तक बै सन कॉलेज म उ मता वषय पढ़ाया
था। उ ह ने अपने व ा थय का एक अ ययन करके पता लगाया क पढ़ाई ख़ म करने के
बाद उ ह ने जीवन म कैसा दशन कया था। उ ह हैरानी ई क उनके 10 तशत से कम
नातक ने वसाय शु कए थे और सफल ए थे। बाक़ व ाथ सरी कंप नय म
नौकरी कर रहे थे और कसी दन उ मी बनने के सपने दे ख रहे थे। कौन सी चीज़ इन दोन
समूह म फ़क़ का कारण थी
उ ह केवल एक ही गुण मला, जो सभी सफल उ मय म समान था: इंतज़ार करने के
बजाय अपना वसाय सचमुच शु करने क बल इ छा। रॉन टै ड ने इसे “ग लयारा
स ांत” कहा। उ ह ने पाया क जब ये अपने नए वसाय म आगे बढ़े , जैसे
ग लयारे म आगे बढ़ते ह, तो अवसर के ार उनके लए खोल दए गए, जो आगे बढ़े बना
नज़र नह आ सकते थे।
पता चला क उनके उ मता पा म के जन नातक ने अपनी सीखी ई चीज़ के
साथ कुछ नह कया था, वे शु करने से पहले प र थ तय के बलकुल सही होने का
इंतज़ार कर रहे थे। वे अ न तता के ग लयारे म नह चलना चाहते थे, जब तक क उ ह
सफल होने क प क गारंट न दे द जाए - जो आज तक कभी नह आ है।
भ व य सुर ा खोजने वाल का नह है, यह तो जो खम लेने वाल का है। जीवन इस
मायने म उलटा चलता है क आप जतनी यादा सुर ा चाहते ह, आपको यह उतनी ही
कम मलती है। ले कन आप अवसर को जतना यादा चाहते ह, यह उतना ही संभव है
क आप वह सुर ा हा सल कर ल, जसे आप चाहते ह।
जब भी आप डर या चता महसूस कर और आपको अपना साहस बढ़ाने क ज़ रत
हो, तो अपना यान अपने ल य क ओर मोड़ ल। क पना कर क आपके ल य
वा त वकताएँ ह। क पना कर क आप पहले ही वैसे बन चुके ह, जैसे आप बनना
चाहते ह और उस जीवन का आनंद ले रहे ह, जसे आप जीना चाहते ह।
आपका चेतन मन एक समय म सफ़ एक ही वचार क़ायम रख सकता है - इ छा का
वचार या डर का वचार। जब आप अपने ल य के बारे म सोचने और लगातार बात करने
के लए ख़ुद को अनुशा सत करते ह, तो आपके डर ख़ म हो जाते ह। जब आप इस बात
पर यान क त करते ह क आप अपने ल य को कैसे हा सल कर सकते ह, तो आपका
आ म व ास और साहस बढ़ जाता है। आप अपनी भावना और अपने भ व य पर पूरा
नयं ण ले लेते ह।
एका ता का नयम कहता है क आप जस पर भी यान क त करते ह, वह आपके
जीवन म बढ़ता है। आप अपने ल य पर जतना यादा यान क त करते ह, आप उतने
ही यादा ल य हा सल करगे।
डर पर वजय और साहस का वकास सुखद, सफल जीवन क अ नवाय शत ह। जब
आप साहस क आदत वक सत करने के लए ख़ुद को सम पत करते ह, तो अंततः आप
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उस ब तक प ँच जाएँगे, जहाँ आपके डर का आप पर कोई नयं ण नह रह जाता है। वे
अब आपके नणय लेने म मु य भू मका नह नभाते ह। आप बड़े , चुनौतीपूण, रोमांचक
ल य तय करगे और आपको यह व ास होगा क आप उ ह हा सल कर सकते ह। आप
शां त और आ म व ास के साथ हर थ त का सामना करने म समथ ह गे। आप ऐसे बन
जाएँगे, जसे कोई बाधा नह रोक सकती।
अगर आप हमारे समाज म सबसे सफल ी-पु ष म से कसी एक के साथ बैठ सक
और उससे सफलता के वे सारे सबक़ सीख सक, जसे सीखने म उसे पूरा जीवन लगा था,
तो या होगा या आपको लगता है क इससे आपको यादा सफल बनने म मदद
मलेगी
यहाँ एक और सवाल है। या होगा, अगर आप अब तक संसार म ए सौ सबसे सफल
ी-पु ष के साथ बैठ सक, और उनसे उनके नयम, उनके सबक़ और उनक सफलता के
रह य सीख सक या इससे आपको अपने जीवन म यादा सफल बनने म मदद मलेगी
या हो, अगर आप समय के साथ एक हज़ार से यादा बेहद सफल ी-पु ष के
साथ बैठ सक दो हज़ार या तीन हज़ार बेहद सफल ी-पु ष के साथ
आप शायद जवाब दगे क इन बेहद ी-पु ष के साथ समय बताने का अवसर पाना
बड़े सौभा य क बात होगी। उ ह ने अपने ल य हा सल करने के लए जो सीखा है, उसे
सीखने से आपको ब त मदद मलेगी।
बहरहाल, सच तो यह है क यह सारी सलाह और जानकारी आपका ज़रा भी भला
नह कर पाएगी, जब तक आप अपनी सीखी ई बात पर न त कम नह करते ह। य द
सफलता के बारे म सीखने से ही आपके जीवन म महान चीज़ आ सकत , तो आपक
सफलता क गारंट थी। बुक टोर म व-सहायता पु तक भरी ई ह, जनम से येक म
ऐसे वचार भरे पड़े ह, जनका इ तेमाल करके आप यादा सफल हो सकते ह। बहरहाल,
त य यह है क संसार क सारी सबसे अ छ सलाह भी आपक मदद तभी कर सकती ह,
जब आप अपने ल य क दशा म लगनशील, सतत कम करने के लए े रत रह और तब
तक रह, जब तक क आप सफल नह हो जाते।
यह पु तक पूरी होने पर इस बात क ब त संभावना है क आप यह नणय ले चुके ह गे
क अपने ल य हा सल करने के लए आप तुरंत ही कौन से न त काय करने जा रहे ह।
आप अपने जीवन के व भ े म ल य तय कर चुके ह गे और आपने उनक योजनाएँ
बना ली ह गी और आपने वहाँ तक प ँचने का संक प ले लया होगा। आपके भ व य के
लए अब सबसे मह वपूण सफ़ यह है: “ या आप वह करगे, जसे करने का आपने
संक प लया है ”

आ म-अनुशासन ही कुंजी है
आ म-अनुशासन सफलता का सबसे मह वपूण गुण है। आ म-अनुशासन का मतलब यह
है क आपक चा र क श और इ छाश के आधार पर आपके भीतर यह यो यता है,
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“वह करने क , जो आपको करना चा हए, जब आपको उसे करना चा हए, चाहे आपका
मन हो या न हो।”
च र कसी संक प पर तब अमल करने क यो यता है, जब वह उ साह जा चुका हो,
जससे संक प लया गया था। आ म-अनुशासन का संबंध सीखी बात से नह होता।
इसका संबंध तो इस बात से होता है क आप बार-बार क़ मत चुकाने के लए ख़ुद को
सम पत और अनुशा सत कर सकते ह या नह , जब तक क आप अपने ल य तक नह
प ँच जाते। आ म-अनुशासन आपक या ा क हर अव था के लए आव यक है।
सबसे पहले तो आपको अपने ल य तय करने के आ म-अनुशासन क ज़ रत है।
फर आपको उन तक प ँचने क योजनाएँ बनाने के आ म-अनुशासन क ज़ रत है।
आपको नई जानकारी के साथ अपनी योजना को लगातार बदलने और उ त करने के
आ म-अनुशासन क ज़ रत है। आपको हर दन योजना बनाने, अपने समय के उपयोग
क ाथ मकताएँ तय करने और कसी भी समय क जा सकने वाली सबसे मह वपूण चीज़
पर यान क त करने के आ म-अनुशासन क ज़ रत है।
आपको हर दन ख़ुद म नवेश करने, नजी और पेशेवर प से वकास करने,
आव यक चीज़ सीखने के आ म-अनुशासन क ज़ रत है, ता क आप वे ल य हा सल कर
ल, जो आपके लए संभव ह। आपको संतु म वलंब करने, पैसे बचाने और नवेश करने
के आ म-अनुशासन क ज़ रत है, ता क आप अपने कामकाजी जीवन म व ीय वतं ता
हा सल कर सक।
आपको अपने ल य और सपन पर अपने वचार क त रखने के आ म-अनुशासन क
ज़ रत है और उ ह अपनी शंका व डर से र रखने के आ म-अनुशासन क भी ज़ रत
है। वप य व सम या के सामने आने पर आपको ो धत या कुं ठत होने के बजाय
सकारा मक व सृजना मक तरीक़े से त या करने के आ म-अनुशासन क ज़ रत है।

लगन स य आ म-अनुशासन है
शायद आ म-अनुशासन का सबसे महान दशन तब होता है, जब आप मु कल
प र थ तय म भी लगन से जुटे रहते ह। लगन स य आ म-अनुशासन है। लगन मानव
च र क महान कसौट है। आपक लगन वा तव म ख़ुद म और सफल होने क यो यता म
आपके व ास का स चा पैमाना है।
जब भी आप वप और नराशा के बावजूद लगन से काम करते रहते ह, तो आप
लगन क आदत डाल लेते ह। आप अपने च र और व म गव, श और आ म-
गौरव का नमाण कर लेते ह। आप यादा श शाली और यादा संक पवान बन जाते ह।
लगन के ज़ रये आप अपने आ म-अनुशासन को बढ़ा लेते ह। आप अपने भीतर सफलता
के लौह गुण को वक सत कर लेते ह, जो आपको आगे क ओर और जीवन क हर बाधा
के पार ले जाएगा।

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पूरे इ तहास म ी-पु ष क महान उपल धय का इ तहास लगन क वजय का
इ तहास है। हर महान ी-पु ष को सफलता और उपल ध के शखर तक प ँचने से
पहले ज़बद त मु कल और वप य का सामना करना पड़ा था। उनके अटल संक प म
कट होने वाली चा र क श ने ही उ ह महान बनाया।
व टन च चल को ब त से लोग बीसव सद का सबसे महान कूटनी त या
राजन यक मानते ह। वे जीवन भर अपने साहस और लगन के लए मश र और स मा नत
थे। तीय व यु के सबसे याह घंट म जब जमनी क वायु सेना टे न पर बमबारी कर
रही थी, तब इं लड नाजी आ मण के ख़लाफ़ अकेला खड़ा था। च चल के संक प और
उ े य क लगनशीलता ने पूरे दे श को े रत कर दया क वह जूझता रहे, हालाँ क ब त से
लोग को लग रहा था क इं लड क हार तय थी। जॉन एफ़. कैनेडी ने कहा, “च चल ने
अँ ेज़ी भाषा को तैयार कया और इसे यु म आगे भेज दया।”
लगन के इ तहास म सबसे बड़े भाषण म से एक 4 जून 1940 को दया गया। यह
च चल का रा के नाम संदेश था, जसका अंत इन श द के साथ आ, “हम न तो
न सा हत ह गे, न ही असफल ह गे हम ांस म लड़गे, हम समु और महासागर म
लड़गे, हम हवा म बढ़ते व ास और बढ़ती श के साथ जूझगे, हम अपने टापु क
र ा करगे, चाहे क़ मत जो भी हो। हम समु तट पर लड़गे, हम खेत म लड़गे, हम मैदान
और सड़क पर लड़गे, हम पहा ड़य म लड़गेय हम कभी समपण नह करगे।”
अपने जीवन के बाद के वष म च चल ने अपने पुराने ारं भक कूल क एक लास
को संबो धत कया। लोग ने उनसे कहा क वे वहाँ के युवा छा को उनके जीवन क
महान सफलता का रह य बताएँ। वे सभा के सामने खड़े ए, अपनी कुस पर झुके, थोड़ा
काँपे और फर बुलंद आवाज़ म बोले, “म अपने जीवन के सबक़ का सार नौ श द म बता
सकता ँ: कभी हार मत मानो। कभी, कभी हार मत मानो।”
जैसा च चल ने पाया और जैसा आप भी पाएँगे, जब आप अपनी महान सफलता क
ओर ऊपर और आगे क तरफ़ बढ़गे क लगन का गुण इस बात क गारंट दे दे ता है क आप
अंततः जीत जाएँगे।
रा प त कै वन कू लज जनता के सामने बोलने के इतने अ न छु क थे क उ ह
“ख़ामोश कैल” का उपनाम दे दया गया था। ले कन इस वषय पर उनके सरल ले कन
यादगार श द के लए वे इ तहास म याद कए जाएँगे। उ ह ने लखा था: “संसार म कोई
भी चीज़ लगन क जगह नह ले सकती। यो यता नह ; यो य असफल लोग से यादा
आम कुछ नह है। तभा भी नह ; अपुर कृत तभा लगभग एक कवदं ती है। श ा
नह ; संसार श त आवारा से भरा पड़ा है। केवल लगन और संक प ही सवश मान
ह।”

लगन सफलता क कसौट है

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ऐसा लगता है क सफल वसा यय और उ मय म अद य इ छाश और अटल लगन
होती है। जो भी कसी भी े म भारी सफल होता है, उसे ज़बद त वप से
उबरना होता है, अ सर कई वष तक, इसके बाद ही वह अंततः जीत पाता है।
1895 म अमे रका ब त बुरी मंद के शकंजे म था। पूरे दे श म कंप नयाँ डू ब रही थ
और हज़ार लोग क छँ टनी क जा रही थी। मडवे ट म रहने वाले एक वसायी ने इस
मंद म अपना होटल गँवा दया। अब उनके पास ब त कम पैसे और ढे र सारा समय था।
उ ह ने दे श क मौजूदा मु कल के बावजूद सर को लगन और डटे रहने क ेरणा दे ने के
लए एक पु तक लखने का नणय लया।
उनका नाम था ऑ रसन वेट माडन। उ ह ने एक अ तबल के ऊपर एक कमरा लया
और पूरे एक साल तक दन-रात मेहनत करके एक पु तक लखी, जसका शीषक था
“पु शग टु द ं ट।” इस पु तक म ब तेरे ी-पु ष क कहा नयाँ बताई गई थ , ज ह ने
बार-बार लगन का इ तहान दया, तब कह जाकर वे अंततः सफल हो पाए।
आ ख़रकार काम पूरा हो गया। शाम को उ ह ने आ ख़री पेज ख़ म कया और थकान
व भूख क वजह से डनर लेने के लए सड़क पार एक छोटे कैफ़े म गए। जब वे वहाँ
बैठकर खाना खा रहे थे, तो अ तबल म आग लग गई। जब तक वे लौटे , तब तक उनक
800 पेज से यादा क पांडु ल प जलकर राख हो चुक थी।
पहले तो वे नराशा और हताशा क भावना से अ भभूत हो गए। ले कन फर उ ह
अहसास आ क उनक पूरी पु तक का सार यह था क वप आने पर लगन का प रचय
दे ना चा हए। अपनी आंत रक श य का दोहन करते ए वे दोबारा काम म जुट गए और
पूरी पु तक दोबारा लखने म एक और साल लगाया। उ ह ने हार नह मानी।
जब पु तक पूरी हो गई, तो वे इसे लेकर कई काशक के पास गए, ले कन मंद अब
भी अपने तीसरे साल म थी, इस लए ेरक पु तक छापने म कसी भी काशक ने च नह
ली। उ ह ने अ वीकृ त को शां त से वीकार कया और बेहतर समय का इंतज़ार करने का
नणय लया। वे शकागो जाकर रहने लगे और उ ह ने सरी नौकरी कर ली।
एक दन उ ह ने अपने एक म के सामने अपनी पु तक का ज़ कया, जसक एक
काशक से पहचान थी। पांडु ल प पढ़कर काशक ब त रोमां चत हो गया। उसे महसूस
आ क यह पु तक ठ क वैसी ही है, जैसी लोग को कसी मंद के बीच म या कसी सरे
समय पढ़नी चा हए।
बाद म पु शग टु द ं ट का शत ई और दे श भर म शानदार बे टसेलर बनी। यह
हज़ार लोग के लए ेरणा और ो साहन का ोत बन गई। कई शीष वसा यय और
नेता ने कहा क पु शग टु द ं ट ही वह पु तक थी, जसने अमे रका को बीसव सद म
प ँचाया। इसका पूरे दे श म नणय लेने वाल के म त क पर ज़बद त भाव पड़ा और यह
व- वकास पु तक के इ तहास क सबसे महान पु तक बन गई। हेनरी फ़ोड, थॉमस
ए डसन, हाव फ़ायर टोन और जे.पी. मॉगन जैसे द गज ने इस पु तक को पढ़ा और इस
पर बातचीत क ।

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ऑ रसन वेट माडन अपनी पु तक म कहते ह, “सफलता के लए दो अ नवाय
आव यकताएँ ह। पहली है, कसी काम से चपकना। और सरी है, उससे चपके रहना।”
लगन के गुण का ज़ करते ए उ ह ने लखा था, “नह , उस इंसान के लए कोई
असफलता नह है, जो अपनी श जानता है, जसे कभी यह पता नह होता क वह हार
चुका है; संक पवान यास के लए कोई असफलता नह है; अजेय इ छाश । उस इंसान
के लए कोई असफलता नह है, जो गरने के बाद हर बार ऊपर उठ जाता है, जो रबड़ क
गद क तरह दोबारा उछल जाता है, जो बाक़ सभी के हार मानने के बावजूद लगन से जुटा
रहता है, जो बाक़ सबके पीछे मुड़ने के बावजूद आगे बढ़ता रहता है।”
कन यू शयस का यही आशय था, जब उ ह ने 4,000 साल पहले कहा था, “हमारी
सबसे महान क त कभी न गरने म नह है, ब क गरने के बाद हर बार उठने म है।”
व के शु आती हैवीवेट बॉ संग च पयन म से एक जे स जे. कॉरबेट ने कहा था,
“आप एक और राउंड लड़कर च पयन बनते ह। जब प र थ तयाँ मु कल होती ह, तो
आप एक और राउंड लड़ते ह।” योगी बेरा ने कहा था, “यह तब तक ख़ म नह होता, जब
तक क यह ख़ म नह होता।” स चाई यह है क जब तक आप जुटे रहते ह, तब तक यह
कभी ख़ म नह होता।
अ बट हबाड ने लखा था, “कोई असफलता नह है सवाय इसके क को शश करना
छोड़ द जाए। मन के अलावा कह कोई हार नह है। उ े य क हमारी ख़ुद क न हत
कमज़ोरी के अलावा कोई भी अवरोध ऐसा नह है, जसे सचमुच न लाँघा जा सके।”
व स लॉ बाड ने कहा था, “अहम बात यह नह है क या आपको गराया जाता है।
अहम बात तो यह है क या आप दोबारा ऊपर उठते ह।”
इन सफल ी-पु ष ने अपने अनुभव से सीखा क कोई भी साथक चीज़ हा सल
करने म लगन ब त मह वपूण होती है। सफल ी-पु ष क पहचान उनके संक प, उनके
अटल इरादे , मैदान छोड़ने क उनक अ न छा से होती है, चाहे प र थ तयाँ कतनी भी
मु कल हो जाएँ। एक गुण वसाय म, व ीय सं ह म और जीवन म सफलता क पूरी
गारंट दे ता है। वह गुण है अद य इ छाश और जुटे रहने क इ छा, चाहे जो हो जाए,
जब तक क आप सफल न हो जाएँ।

लगन आपक सबसे बड़ी संप है


शायद आपक सबसे बड़ी संप कसी सरे से यादा लंबे समय तक टके रहने क
क़ा ब लयत है। फ़ो स मै ज़ीन के सं थापक बी.सी. फ़ो स ने मंद के सबसे याह दन म
एक बड़ा काशन खड़ा कया था। उ ह ने लखा है, “इ तहास ने दशाया है क सबसे
उ लेखनीय वजेता को आम तौर पर वजय पाने से पहले दल तोड़ने वाली बाधा से
मुक़ाबला करना पड़ा। वे इस लए जीते, य क वे अपनी पराजय से हताश नह ए।”
जॉन डी. रॉकफ़ेलर एक ज़माने म संसार के सबसे अमीर व- न मत इंसान थे। उ ह ने
लखा था, “म नह सोचता क कोई सरा गुण कसी भी तरह क सफलता के लए इतना
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अ नवाय है, जतना क लगन का गुण। यह लगभग हर चीज़ को हरा दे ती है, कृ त को
भी।”
कॉनरैड ह टन ने एक सपने और लुबॉक, टै सस के एक छोटे होटल से शु आत क
थी और आगे चलकर उ ह ने व म सबसे सफल होटल कॉरपोरेशन म से एक बनाया।
उ ह ने कहा था, “सफलता कम से जुड़ी नज़र आती है। सफल लोग आगे बढ़ते रहते ह। वे
ग़ल तयाँ तो करते ह, ले कन वे कभी को शश या हौसला नह छोड़ते।”
आ व कार के इ तहास म सबसे सफल थॉमस ए डसन बीसव सद के कसी भी
अ य आ व कारक से यादा योग म असफल ए। उ ह ने अपने युग के कसी भी अ य
आ व कारक से यादा वा ण यक उपकरण बनाए और पेटट हा सल कए।
उ ह ने अपने दशन का वणन इस तरह कया था, “जब म पूरी तरह नणय ले लेता ँ
क कोई प रणाम पाने लायक़ है, तो म उसम आगे बढ़ जाता ँ और को शश के बाद
को शश करता जाता ँ, जब तक क यह हो नह जाता। जस के मन म वचार
आता है, वह उस ब तक इस पर काम करता है, जहाँ यह असंभव नज़र आने लगता है
और फर वह हताश हो जाता है। यह हताश होने क जगह नह है।”
अलै ज़डर ाहम बेल ने इन श द म लगन का वणन कया था, “यह श या है,
यह म नह बता सकताय म तो सफ़ इतना जानता ँ क यह मौजूद है और यह तभी
उपल ध होती है, जब मनु य उस मान सक अव था म होता है, जसम वह सट कता से
जानता है क वह या चाहता है और तब तक हौसला न छोड़ने के लए पूरी तरह
संक पवान होता है, जब तक क यह उसे मल नह जाती।”
डे ना कॉरपोरेशन को सबसे महान सफलता क कहा नय म से एक बनाने वाले रेनी
मै फ़रसन ने अपने दशन का सार इन श द म बताया था, “आप बस लगे रहते ह। आप
बस लगे रहते ह। मने हर वह ग़लती क , जो क जा सकती थी, ले कन म बस लगा रहा।”

नराशा अव यंभावी है
बु मान लोग अपने सव े हत म काम करते ह। वे उन सम या और मु कल क
सं या को कम करने के लए हरसंभव चीज़ करते ह, जो उनक रोज़मरा क ग त व धय म
सामने आ सकती ह। ले कन हमारी सव े को शश के बावजूद हताशाएँ और वप याँ
जीवन के ऐसे सामा य और वाभा वक ह से ह, जनसे बचना संभव नह है। कहा गया है
क केवल दो ही चीज़ अव यंभावी ह: मौत और टै स। ले कन अनुभव सा बत करता है क
नराशा भी अव यंभावी है।
चाहे आप ख़ुद को और अपनी ग त व धय को कतनी भी अ छ तरह व थत कर
ल, आपको जीवन म असं य नराशा , वप य और क का अनुभव होगा। आप
अपने लए जतने ऊँचे और चुनौतीपूण ल य तय करते ह, आपको उतनी ही यादा
नराशा और मु कल का अनुभव होगा।

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यही वरोधाभास है। वप का सामना करने, उससे भावी ढं ग से नबटने और उससे
सीखे बना वकास करना और पूरी मता तक वकास करना आपके लए संभव नह है।
जीवन के यादातर महान सबक़ आपको उन वप य और अ पकालीन पराजय क
बदौलत मलते ह, जनसे बचने क आपने पूरी को शश क है। वप आपके सव े
यास के बावजूद, बना बुलाए, अनपे त और अनचाही आती है। ले कन वप के
बना, आप उस तरह के इंसान नह बन सकते, जो उन महान ल य को हा सल करने म
स म है, जो आपके लए संभव ह।

वप हमारा इ तहान लेती है


पूरे इ तहास म महान चतक ने इस वरोधाभास पर वचार कया है और वे इस नतीजे पर
प ँचे ह क वप वह इ तहान है, जसम उ ीण होने पर ही आपको कोई साथक चीज़
हा सल हो सकती है। यूनानी दाश नक हेरोडोटस ने कहा था, “ वप कसी इंसान क
श और गुण को नकालकर सामने लाती है, जो इसक अनुप थ त म सोए पड़े रहते।”
जब आप अपनी सबसे बड़ी चुनौ तय का सामना करते ह और जब आप उन पर
सकारा मक व सृजना मक तरीक़े से त या करते ह, तो श , साहस, च र और लगन
के बेहतरीन गुण आपके अंदर से नकलकर सामने आते ह।
हर राह के हर क़दम पर मु कल का सामना करता है। ब त सफल और
कम सफल के बीच का फ़क़ बस यह है क ब त सफल वप का उपयोग
यादा श शाली बनने के लए करता है, जब क कम सफल मु कल और
वप य को ख़ुद पर हावी होने तथा हताश व नराश करने क अनुम त दे दे ता है।
हारवड म अ ाहम जैले नक के शोध का न कष था क नराशा पर आप कस तरह
से त या करते ह, यह इस बात का काफ़ सट क सूचक है क जीवन म आपके सफल
होने क कतनी संभावना है। जैले नक का मानना था क य द आप नराशा से यादा से
यादा सीखकर त या करते ह और फर इसे अपने पीछे छोड़कर आगे बढ़ते रहते ह, तो
आपके ारा महान ल य हा सल करने क ब त यादा संभावना है; यह तब नह हो
सकता, जब आप नराशा को ख़ुद पर हावी होने क अनुम त दे दे ते ह।

सफलता हमेशा असफलता से एक क़दम आगे मलती है


आपक सबसे महान सफलताएँ लगभग हमेशा आपक सबसे बड़ी असफलता के एक
क़दम आगे मलती ह, जब आपके भीतर क हर चीज़ आपको को शश छोड़ने के लए
कहती है। पूरे इ तहास म ी-पु ष यह पाकर च कत ए ह क उनक महान सफलताएँ
सारी नराशा और सारे वपरीत माण के बावजूद जुटे रहने के फल व प मल । लगन
का यह अं तम काय, जसे अ सर “लगन का इ तहान” कहा जाता है, सभी महान
उपल धय से पहले आता है।

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एच. रॉस पेरट, ज ह ने 1,000 डॉलर से ई.डी.एस. इंड ज़ शु क और इसे
लगभग 3 अरब डॉलर क संप म बदला, इ तहास के सबसे सफल व- न मत उ मय
म से एक ह। उ ह ने कहा था, “ यादातर लोग उसी समय छोड़ दे ते ह, जब सफलता
मलने को होती है। वे एक गज़ क रेखा पर को शश छोड़ दे ते ह। वे मैच के आ ख़री मनट
म, जीतने के गोल पो ट से एक फ़ट र को शश छोड़ दे ते ह।”
हेरोडोटस ने भी लखा था, “कुछ लोग ल य के बेहद क़रीब प ँचने पर हौसला छोड़
दे ते ह; जब क इसके वपरीत बाक़ लोग आ ख़री पल म पहले से यादा जोशीली को शश
करके जीत हा सल करते ह।”
लगे रहने और जुटे रहने का यह स ांत कई महान ी-पु ष के जीवन और
कामकाज म दे खा जा सकता है। लोरस कोवेल शन ने लखा था, “हर महान काम, हर
बड़ी उपल ध तभी सामने आई है, जब सपने को क़ायम रखा गया और अ सर बड़ी
उपल ध के कट होने से पहले असफलता और हताशा नज़र आई है।”
नेपो लयन हल ने अपनी व यात पु तक थक ड ो रच म लखा था, “जब
सफलता कसी मनु य के जीवन म आती है, तो उससे पहले काफ़ अ थायी पराजय और
शायद थोड़ी असफलता मलना तय है। जब पराजय कसी को हरा दे ती है, तो सबसे
आसान और सबसे ता कक काम होता है छोड़ दे ना। ब सं यक लोग यही करते ह।”
है रयट बीचर टोव, ज ह ने बैटल हम ऑफ़ द रप लक लखी थी, ने ये श द लखे
ह, “तो कभी हार न मान, य क यही वह जगह और समय है, जहाँ ख़ बदलने वाला
है।”
आप जो नह दे ख पाते ह - यादातर लोग को जसके होने का अंदाज़ा भी नह होता
है - वह ख़ामोश ले कन अद य श है, जो आपके नराशा से जूझते समय आपको बचाने
के लए आती है।
लॉड एम. टल ने लखा था, “सतत और संक पवान यास सारे तरोध को तोड़
दे ता है, सारी बाधा को हटा दे ता है।”
जे स हटकॉ ब राइली ने इसे इस तरह लखा था, “सबसे अ नवाय घटक है लगन।
यह संक प क कभी भी अपनी ऊजा या उ साह को उस हताशा से कमज़ोर नह होने दे ना
है, जसका मलना तय है।”
हर चीज़ के बावजूद जुटे रहने, सहन करने क श - यही वजेता का गुण है। लगन
हार माने बना बार-बार पराजय का सामना करने क यो यता है - भारी मु कल के सामने
लगे रहने क यो यता है। एक अ ात लेखक क क वता है, जो मेरे ख़याल से हर को
पढ़नी चा हए और याद करनी चा हए और ख़ुद के सामने दोहरानी चा हए, जब भी हौसला
छोड़ने या को शश छोड़ने का लोभन हो। इस क वता का शीषक है “कभी हार मत
मानो।”

कभी हार मत मानो


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जब थ तयाँ वपरीत ह , जैसी क वे कई बार ह गी।
जस राह पर आप चल रहे ह, जब वह चढ़ाई जैसी दखे।
जब पैसे कम ह और क़ज़ यादा ह ।
जब आप मु कराना चाहते ह , ले कन आप परेशान ह ।
जब चता आपको थोड़ा सता रही हो।
अगर ज़ री हो, तो आराम करो, ले कन कभी हर मत मानो।
जीवन व च है, इसम घुमाव और मोड़ ह।
जैसा हमम से हर एक यह बात सीखता है।
और कई असफल इंसान बाद म समझते ह
क वे जीत सकते थे, बशत वे जुटे रहते:
हार न मान, भले ही ग त धीमी हो -
आप एक और को शश से सफल हो सकते ह।
सफलता तो असफलता का ही सरा प है -
शंका के बादल क सुनहरी लक र है।
और आप कभी नह जान सकते क आप कतने क़रीब ह।
जब मं ज़ल ब त र दखती है, तो यह पास हो सकती है:
इस लए संघष म डटे रह, जब मुसीबत सबसे अ धक हो -
जब प र थ तयाँ सबसे बुरी नज़र आ रही ह , तब आप हार नह मान।
अनुवादक के बारे म

डॉ. सुधीर द त टाइम मैनेजमट, सफलता के सू , 101 मश र ांड्स और अमीर के


पाँच नयम स हत सात लोक य पु तक के लेखक ह, जनम से कुछ के मराठ व गुजराती
भाषा म अनुवाद हो चुके ह। इसके अलावा उ ह ने हैरी पॉटर सीरीज़, चकन सूप सीरीज़
तथा म स ड बून सीरीज़ स हत 150 से भी अ धक अंतरा ीय बे टसेलस का हद
अनुवाद कया है, जनम रॉ डा बन, डे ल कारनेगी, नॉमन व से ट पील, ट फ़न कवी, रॉबट
कयोसाक , जोसेफ़ मफ़ , एडवड डी बोनो, ायन े सी आ द बे टसे लग लेखक शा मल
ह। उ ह ने मश र भारतीय केट खलाड़ी स चन त लकर क आ मकथा लेइंग इट माय
वे का हद अनुवाद भी कया है।
हद सा ह य और अँ ेज़ी सा ह य म नातक क उपा ध लेने के अ त र डॉ. द त
अँ ेज़ी सा ह य म एम.ए. तथा पीएच.डी. भी ह। उनक सा ह यक अ भ च क शु आत
हद जासूसी उप यास से ई, जसके बाद उ ह ने अँ ेज़ी के सभी उपल ध जासूसी
उप यास पढ़े । वे अगाथा ट और आथर कॉनन डॉयल के लगभग सभी उप यास व
कहा नयाँ पढ़ चुके ह।
कॉलेज के दन म डे ल कारनेगी क पु तक का उन पर गहरा भाव पड़ा। कॉलेज क
श ा पूरी करने के बाद डॉ. द त ने दै नक भा कर, नई नया, ेस जनल,
ॉ नकल, नैशनल मेल आ द समाचार प म कला, नाटक एवं फ़ म समी क के प म
शौ क़या प का रता क । उ ह म. . फ़ म वकास नगम ारा फ़ म समी ा के लए
पुर कृत भी कया गया। चेतन भगत और डै न ाउन उनके य लेखक ह। डॉ. द त को
पाठक sdixit123@gmail.com पर फ़ डबैक दान कर सकते ह।

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