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ऑनलाइन कक्षाओं की जानकारी दे ते हुए अपने मामाजी को एक पत्र ललखिए –

801/अ लिव िारदा अपार्टमेंर्,


एम. जी. रोड,
अणु िक्तत नगर,
भांडुप (पूव)ट 400078

1 जुलाई, 2020

आदरणीय मामाजी,
सादर प्रणाम |

मैं यहााँ कुिलपूवक


ट रहते हुए ईश्वर से प्रार्टना करता हूाँ कक आप भी सकुिल होंगे | आप अतसर मेरी पढ़ाई के बारे में
पूछते रहते हैं | आज पूरा दे ि कोरोना वायरस इस महामारी से जूझ रहा है | इससे बचने का एक ही उपाय है कक
क्जतना संभव हो घर में ही सुरक्षक्षत रहें |ऐसी क्थर्तत में हमारे ववद्यालय ने ऑनलाइन कक्षाओं का इंतजाम ककया है
क्जससे हमारा पाठ्यक्रम समय पर पूणट हो सके एवम ् घर में हम सुरक्षक्षत रहें | इसी ऑनलाइन कक्षाओं के बारे में
जानकारी दे ने के ललए मैं यह पत्र ललि रहा हूाँ |

आठ जून से हमारी सभी कक्षाएाँ िुरू हो गई हैं | ये सभी कक्षाएाँ ऑनलाइन ही हो रही हैं | हम सभी के ललए इस प्रकार
पढ़ना एक नया अनुभव है | हमारे लिक्षक हमें बड़ी मेहनत एवं लगन से पढ़ाते हैं उनकी पूरी कोलिि रहती है कक
हमारी रूचच भी बनी रहे | अनुिासन पर वविेष ध्यान ददया जाता है | कक्षा में हमारी उपक्थर्तत अतनवायट है | पढ़ने
के पश्चात ् हमारे लिक्षक गह
ृ कायट गूगल तलासरूम पर दे ते हैं | क्जस ददन गह
ृ कायट ददया जाता है , मेरी पूरी कोलिि
होती है कक मैं उसी ददन उसे पूणट कर लाँ ू | कभी कभी ककसी तकनीकी िराबी के कारण इन कक्षाओं में व्यवधान उत्पन्न
हो जाता है , क्जससे ठीक से हमारी कक्षाएाँ नहीं हो पाती |कुल लमलाकर हम सभी कुछ सीि रहे हैं |

हम सभी को आप लोगों की याद बहुत आती है मामाजी समय लमलने पर हम भी आप से लमलने आएाँगे और मामीजी
के हार् का गाजर का हलवा अवश्य िाएाँगे |मामीजी और आपको हम भाई बहनों का सादर प्रणाम | छोर्ी बहनों को
ढे र सारा प्यार | मामाजी आपसे तनवेदन है कक वहााँ का समाचार कृपया हमें पत्र ललिकर जल्द से जल्द दीक्जए | मम्मी
को आप लोगों की चचंता लगी रहती है | आप सभी घर में रहे एवं सुरक्षक्षत रहें |
पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में ,

आपका भांजा,
आिीष |
अपने दादाजी को पत्र ललखिए क्जसमें अपनी िैक्षक्षक उपलक्धधयों की चचाट कीक्जए –

100/77,ओल्ड डालनवाला,
वसंत ववहार,
करनपुर,
दे हरादन
ू – 248001

29 जन
ू , 2020

आदरणीय दादाजी,
सादर चरण थपिट |

आपका पत्र लमला पढ़कर अत्यंत प्रसन्नता हुई कक आज कल आपका थवाथ्य ठीक है | आप अपना तर्ा
दादीजी का वविेष ध्यान रखिएगा | हमें आप दोनों की बहुत याद आती है | आपने अपने पत्र में पूछा र्ा कक
यहााँ मेरी पढ़ाई कैसी चल रही है ? मैं यह पत्र आपको उसी के संबंध में ललि रहा हूाँ |

दादाजी मैं कक्षा में प्रर्म आया हूाँ | मैंने अंक गखणत में कक्षा में सवोच्च अंक 100 में से 100 पाया है | मैं
अपने ववभाग में ही नहीं बक्ल्क तीनों ववभागों में प्रर्म आया हूाँ | मेरे भौततक ववज्ञान तर्ा रसायन ववज्ञान
में क्रमिः87 तर्ा 91 अंक हैं | पर जीव ववज्ञान में कम अंक आए हैं | उसमें केवल 79 अंक प्राप्त कर
सका हूाँ | मैं अब कक्षा दस में हूाँ | आपके तनदे िानुसार मैं बहुत पररश्रम कर रहा हूाँ | मैं पूरी लगन से लगातार
पररश्रम कर रहा हूाँ | मेरी परू ी कोलिि है कक मैं आपका थवप्न पण
ू ट कर सकाँू | आपने जैसे बताया र्ा, मैं
उसी तरह समय साररणी तैयार कर बोडट परीक्षा की तैयारी कर रहा हूाँ | मुझे पूरा ववश्वास है कक बोडट परीक्षा
में भी मैं अच्छे अंकों से पास हो जाऊाँगा |

दादाजी मैं इंजीतनयर बनना चाहता हूाँ | मुझे कदठन पररश्रम करना ही होगा | मैं जानता हूाँ कक बोडट परीक्षा
मेरे ध्येय का प्रर्म सोपान हैं | एक – एक सोपान चढ़ता हुआ एक ददन मैं अपनी मंक्जल तक अवश्य पहुाँच
जाऊाँगा | आपका आिीवाटद मेरे सार् है आपकी प्रेरणादायक बातें मझ
ु े मेरी मंक्जल तक पहुाँचने में सहायक
लसद्ध होगी | दादीजी को मेरा चरण थपिट कदहएगा | चाचाजी और चाचीजी को मेरा प्रणाम कदहएगा तर्ा
छोर्ी अनप
ु मा को ढे र सारा प्यार |
पत्र की प्रतीक्षा में ,

आपका पोता,
रवव |

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