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न्यू शिमला सेक्टर 2

शिमला 171001
दिनांक-05-05-2019
आदरणीय पिताश्री,
              नमस्ते पिता जी आशा करता हूँ, आप ठीक होंगे| मैं भी यंहा ठीक हूँ. मैं आपको यह बताना चाहता हूँ की
जून में मेरी ग्रीष्म कालीन अवकाश शुरू होने वाली है | हम दोस्तों ने मिल के योजना बनाई है की हम सब मानली
घुमने जायंगे| मानली बहुत अच्छी जगह है और वंहा पे पहाड़ और बहुत सारी प्राकृतिक सौंदर्य दे खने को है | मैंने
आज तक पहाड़ नहीं दे खे और मझ
ु ें जाना | इसीलिए मझ
ु े मनाली घम
ु ने जाने की आज्ञा दें और की मझ
ु े कुछ पैसे
भेज भी भेज दे ना| मैं आपकी अगले पत्र का इंतजार करूंगा| आप सब अपना ध्यान रखना|                    
आपका बेटा    
विजय कुमार|                                                                                            

मोरी गेट
दिनांक : 10 मार्च, 1999
सेवा में ,
श्रीमान सम्पादक महोदय,
नवभारत टाइम्स,
बहादरु शाह जफर मार्ग,
नई दिल्ली।
विषय : बिजली संकट से उत्पन्न विकट स्थिति।मान्यवर,
आपका लोकप्रिय समाचार-पत्र न केवल जनता की आवाज है अपित वह जनता का वकील बनकर उसकी
कठिनाइयों की वकालत भी करता है । मैं आपके पाठकों का एवं सम्बन्धित अधिकारियों का ध्यान बिजली संकट से
उत्पन्न विकट स्थिति की ओर दिलाना। चाहता हूँ।
बिजली आज के युग में मनष्ु य के जीवन का आवश्यक अंग सिद्ध हो रही है । आए दिन बिजली का समय-असमय
गुल हो जाना अथवा बिजली की आँख-मिचौली लोगों के लिए भारी परे शानी का कारण बना एक दख
ु द समस्या है ।
गर्मियों के दिनों में बिजली के चले जाने से लोगों का हाल-बेहाल हो जाना स्वाभाविक है । परीक्षा के दिनों बिजली का
गल हो जाना परीक्षार्थियों के लिए अभिशाप बन जाता है । बिजली बन्द तो कारखाने बन्द कारखाने बन्द तो
उत्पादन बन्द| बिजली नहीं तो ट्यब
ू वैल नहीं चला सकते। मैं समझता हूँ कि यदि अधिकारीगण उन कारखानों पर
बिजली वितरण का कड़ा नियन्त्रण करें , जो बिजली स्वीकृत वितरण से अधिक उपयोग करते हैं, तो निश्चय ही
बिजली के समान वितरण से बिजली का विकट संकट दरू हो सकता है ।
धन्यवाद सहित।
भवदीय,
क. ख. ग.
सेवा में
आदरणीय प्रधानाचार्य
ट .द.ग विद्यालय
विषय - पुस्तकालय में हिंदी पत्रिका मंगवाने हे तु ।
महोदय ,
मै IRFAN KHAN कक्षा 8 का विद्यार्थी हूं
मुझे पुस्तकालय में किताब पढ़ना काफी अच्छा लगता है ।पर दख
ु की बात यह है कि हमारे विद्यालय में सिर्फ
अंग्रेजी की ही मासिक पत्रिकाएं आती है ।आपसे निवेदन ह की आप लाइब्रेरियन महोदय से कहकर अगले माह से
हिंदी की मासिक पत्रिकाएं मंगवाने की कृपा करे ।
आपके इस कार्य के लिए हम आपके सदा आभारी रहें गे ।
आपके अग्यकरी
छात्र

अभिषेक आर्य
कक्षा दशम

रमन यादव
बाल भवन
बिलासपरु

16 जन
ू , 2016
प्रिय मित्र कैलाश
          सप्रेम नमस्कार !
          कल मझ
ु े दख
ु द समाचार मिला कि तम्
ु हारी माताजी का अचानक दे हांत हो गया है । सन
ु कर हृदय को गहरा
आद्यात लगा। अभी परसों ही तो मैं उनके दर्शन करके लौटा हूँ। वे पूर्णतया स्वस्थ और प्रसन्न थीं। फिर न जाने,
यह अनहोनी कैसे हो गई!
   कैलाश ! इस गहरे दख
ु की घड़ी में अपने-आप को सँभालना । मै तुम्हारे कष्ट को समझ सकता हूँ। माँ के शीतल
आँचल की कमी को अनुभव कर सकता हँू। परं तु उस परमात्मा के सामने सब विवश है । ऐसा मान लेना, जिसने
उन्हें दनि
ु या में भेजा था, उसी ने वापस अपने पास बल
ु ा लिया। परमात्मा ने माँ को अपनी शरण में ले लिया है । वह
माँ की आत्मा को शांति दे तथा तुम्हें इस दख
ु को सहन करने की शक्ति दे ।

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