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पत्र-लेखन

1) अपने मित्र को नववर्ष की शुभकािना दे ते हुए पत्र मिखिए।

सरस्वतीपुरि
िैसूर
ददनाांकः 3 अप्रैि 2019

प्रप्रय मित्र राजेश,

सप्रेि निस्ते।
अांग्रेजी कैिेंडर के अनुसार जनवरी की पहिी तारीि को नया वर्ष िनाया जाता है।
भारतीय परां परा के अनस
ु ार हिारे दे श िें प्रततवर्ष चैत्र शक्
ु ि प्रततपदा को भी नया वर्ष
िनाया जाता है। इस ददन को ‘गुडी पडवा’ या ‘युगादद’ भी कहते हैं। इस वर्ष यह 31
िाचष को िनाया गया। िैं अपनी तथा अपने पररवार की ओर से तम्
ु हें ‘नव वर्ष की
शुभकािनाएँ’ भेज रहा हूँ और कािना करता हूँ कक यह नया वर्ष तुम्हारे जीवन िें
नई उिांग और उत्साह िाये।

तुम्हारा प्रप्रय मित्र,


गोकुि

सेवा िें,

राजेश
नां. 121, जयनगर,
बैंगिूर।

2) चररत्र प्रिाण पत्र प्राप्त करने हे तु अपने िहाप्रवद्यािय के प्राचायष को आवेदन – पत्र
मिखिए।

राििांददर रोड,
बबजापरु
ददनाांक : 10 जून 2019
सेवा िें,
प्राचायष जी,
सरकारी िहाप्रवद्यािय,
बबजापुर।

िहोदय,
प्रवर्य : ‘चररत्र प्रिाण – पत्र’ सम्बन्धी आवेदन पत्र।

सप्रवनय तनवेदन है कक िैं इसी वर्ष आपके कॉिेज िें बी.ए. प्रथि श्रेणी िें उत्तीणष हुआ
हूँ और अब धारवाड िें दहन्दी एि.ए. करना चाहता हूँ। अतः िुझे ‘चररत्र प्रिाण पत्र’
की आवश्यकता है। कृपया िुझे उक्त प्रिाण – पत्र प्रदान करें गे, तो िैं सुप्रवधानुसार
कनाषटक प्रवश्वप्रवद्यािय िें प्रवेश िे पाऊँगा।

कष्ट के मिए क्षिा करें ।


धन्यवाद।

आपका मशष्य,
िल्लिकाजुषन

3) अपने क्षेत्र िें डेंगू के प्रकोप का वणषन करते हुए उचचत कायषवाही के मिए क्षेबत्रय
स्वास््याचधकारी को पत्र मिखिए।

नां. 121, गोिठाना,


रायचरू
ददनाांकः 06 जून 2019

सेवा िें,
स्वास््य अचधकारी,
रायचूर ल्जिा क्षेत्र
रायचूर।

िहोदय,
प्रवर्य : ‘डेंगू रोग के तनयांत्रण सम्बन्धी पत्र। जैसे कक आप को ज्ञात ही हैं प्रपछिे 15
ददनों से रायचूर ल्जिे िें डेंगू’ का प्रकोप अत्यचधक होने से िोग परे शान हैं। यद्यप्रप
आपने रोग – तनयांत्रण के मिए कुछ प्रयास जरूर ककये हैं, किर भी पूरे ल्जिे िें रोग
बढ़ता जा रहा है। अतः आपसे आग्रह ककया जाता है , कक ठोस कायषवाही की जाए, ताकक
आि जनता चैन से अपना कायष करने िग जाये।

धन्यवाद।

भवदीया,
सुमित्रा

4) छात्रावास से अपने प्रपता को एक पत्र मिखिए।

भगवान िहावीर छात्रावास,


जैन कॉिेज, बेंगिूरु – 18
21 िई 2019

पूज्य प्रपताजी,

सादर चरण – स्पशष।


आपका पत्र मििा। पढ़कर प्रसन्नता हुई। आपके प्रवशेर् प्रयत्न से िुझे एक अच्छा
छात्रावास मििा है। यहाँ िेरी पढ़ाई तो अच्छी होती ही है , साथ ही साथ यहाँ के अच्छे
वातावरण ने तथा सहपादठयों ने िेरा िन िोह मिया है। आप प्रवश्वास रिें कक िैं
आपके पास ककसी प्रकार की मशकायत नहीां आने दां ग
ू ा। हिारे छात्रावास – प्रबांधक भी
बहुत अच्छे हैं। वे हिें पूरा सहयोग दे ते हैं।

शेर् सवष कुशि।

आपका आज्ञाकारी पुत्र,


उत्तिचांद

सेवा िें,
नवीन शिाष
515, स्वािी प्रववेकानांद िागष
िैसूर – 570 024.

5) व्यायाि के िहत्व को दशाषते हुए अपने छोटे भाई को पत्र मिखिए।


बसवेश्वरनगर,
बेंगिूरु।
25 अप्रैि 2019

प्रप्रय रिेश,

शभ
ु ाशीवाषद।
कि प्रपताजी का पत्र मििा। पता चिा कक तुम्हारा स्वास््य ठीक नहीां है। तुि जानते
हो कक स्वस्थ शरीर िें स्वस्थ िन रहता है। िगता है, ति
ु दे र से उठते हो और
व्यायाि करना भी छोड ददया है। इतना आिस्य ठीक नहीां। व्यायाि करने से शरीर
िें स्िूततष आती है। व्यायाि करनेवािा प्रवद्याथी कभी परीक्षा िें असिि नहीां होता।
अतः सुबह जलदी उठकर, घूिने जाया करो और तनयमित व्यायाि भी करो।

आशा है, िेरी बातों की ओर ध्यान दोगे और अगिे पत्र िें इसके पररणाि के बारे िें
जरूर मििोगे।

तुम्हारा अग्रज,
उिेश

सेवा िें,
रिेश
501, राजाजीनगर
िांगिौर – 575 002

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