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मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल

सत्र 2020 - 2021

विषय-ह द
िं ी कक्षा-दसि िं

पत्र लेखन
औपचारिक पत्र

पत्र ललखते समय ननम्नललखखत बातें अिश्य ध्यान में िखें –

1. सिलता- पत्र सिल भाषा में ललखना चाह ए। भाषा स ध , स्िाभाविक ि स्पष्ट ोन चाह ए। अतः पत्र
में व्यक्तत को पिू ी आत्म यता औि सिलता से उपक्स्ित ोना चाह ए।

2. स्पष्टता- जो भ में पत्र में ललखना ै यहद स्पष्ट, सुमधुि ोगा तो पत्र प्रभािशाली ोगा। सिल भाषा-
शैली, शब्दों का चयन, िातय िचना की सिलता पत्र को प्रभािशाली बनाने में मािी स ायता कित ै।

3. सिंक्षक्षप्तता- पत्र में में अनािश्यक विस्ताि से बचना चाह ए। अनािश्यक विस्ताि पत्र को न िस बना
दे ता ै। पत्र क्जतना सिंक्षक्षप्त ि सुगहित ोगा उतना ी अधधक प्रभािशाली भ ोगा।

4. लशष्टाचाि-पत्र प्रेषक औि पत्र पाने िाले के ब च कोई न कोई सिंबिंध ोता ै। आयु औि पद में बडे
व्यक्तत को आदिपि
ू वक, लमत्रों को सौ ादव से औि छोटों को स्ने पूिवक पत्र ललखना चाह ए।

5. आकषवकता ि मौललकता- पत्र का आकषवक ि सुिंदि ोना भ म त्त्िपूर्व ोता ै। मौललकता भ पत्र का
एक म त्त्िपूर्व गुर् ै। पत्र में निसे-वपटे िातयों के प्रयोग से बचना चाह ए। पत्र-लेखक को पत्र में स्ियिं के
विषय में कम तिा प्राप्तकताव के विषय में अधधक ललखना चाह ए।

6. उद्दे श्य पूर्वता- कोई भ पत्र अपने किन या मिंतव्य में स्ितः सिंपूर्व ोना चाह ए। उसे पढ़ने के बाद
तद्विषयक ककस प्रकाि की क्जज्ञासा, शिंका या स्पष्टीकिर् की आिश्यकता शेष न ीिं ि न चाह ए। पत्र
ललखते समय इस बात का ध्यान िखना चाह ए कक कथ्य अपने आप में पूर्व तिा उद्देश्य की पूनतव किने
िाला ो।
पत्र के अिंग –

1. पत्र ललखने िाले का पता तिा नतधि – आजकल ये दोनों पत्र के ऊपि बाएँ कोने में ललखे जाते ैं। ननज
अििा व्यक्ततगत
पत्रों में प्रायः य न ीिं ललखे जाते ककिं तु व्यािसानयक औि कायावलय पत्रों में पते के साि-साि प्रेषक का
नाम भ ललखा जाता ै। विद्याधिवयों को य ध्यान ि े कक पिीक्षा में पत्र ललखते समय उन् ें भ ऐसा कुछ
भ न ीिं ललखना चाह ए क्जससे उनके ननिास स्िान, विद्यालय आहद की जानकािी लमले। सामान्यतः
प्रेषक के पते के स्िान पि ‘पिीक्षा भिन’ ललखना ी उधचत ोता

2. पाने िाले का नाम ि पता-प्रेषक के बाद पष्ृ ि की बाईं ओि ी पत्र पाने िाले का नाम ि पता ललखा
जाता ै; जैसे –

सेिा में
िानाध्यक्ष म ोदय
केशिपिु म ्
लखनऊ।

3. विषय-सिंकेत – औपचारिक पत्रों में य आिश्यक ोता ै कक क्जस विषय में पत्र ललखा जा सकता ै
उस विषय को अत्यिंत सिंक्षेप में पाने िाले के नाम औि पते के पश्चात ् बाईं ओि से विषय श षवक देकि
ललखें। इससे पत्र दे खते ी पता चल जाता ै कक मल
ू रूप में पत्र का विषय तया ै।

4. सिंबोधन – पत्र प्राििं भ किने से प ले पत्र के बाईं ओि हदनािंक के न चे िाली पिंक्तत में ालशए के पास
क्जसे पत्र ललखा जा ि ा
ै, उसे पत्र ललखने िाले के सिंबिंध के अनस
ु ाि उपयत
ु त सिंबोधन शब्द का प्रयोग ककया जाता ै।

5. अलभिादन – ननज पत्रों में बाईं ओि ललखे सिंबोधन शब्दों के न चे िोडा टकि सिंबिंध के अनस
ु ाि
उपयत
ु त अलभिादन शब्द सादि प्रर्ाम, नमस्ते, नमस्काि आहद ललखा जाता ै। व्यािसानयक एििं
कायावलय पत्रों में अलभिादन शब्द न ीिं ललखे जाते।

6. पत्र की विषय – िस्तु-अलभिादन से अगली पिंक्तत में िीक अलभिादन के न चे बाईं ओि से मूल पत्र का
प्राििं भ ककया जाता ै।
7. पत्र की समाक्प्त -पत्र के बाईं ओि ललखने िाले के सिंबिंध सच
ू क शब्द तिा नाम आहद ललखे जाते ैं।
इनका प्रयोग पत्र प्राप्त किने िाले के सिंबिंध के अनस
ु ाि ककया जाता ै; जैसे-औपचारिक-भिदीय, आपका
आज्ञाकािी। अनौपचारिक-तम्
ु ािा, आपका, आपका वप्रय, स्ने श ल, स्ने ी आहद।

8. स्ताक्षि औि नाम – समापन शब्द के िीक न चे भेजने िाले के स्ताक्षि ोते ैं। स्ताक्षि के िीक
न चे कोष्िक में भेजने िाले का पिू ा नाम अिश्य हदया जाना चाह ए। यहद पत्र के आििं भ में ी पता न
ललख हदया गया ो तो व्यािसानयक ि सिकािी पत्रों में नाम के न चे पता भ अिश्य ललख दे ना चाह ए।
पिीक्षा में पछ
ू े गए पत्रों में नाम के स्िान पि प्रायः क, ख, ग आहद
ललखा जाता ै। यहद प्रश्न-पत्र में कोई नाम हदया गया ो, तो पत्र में उस नाम का उल्लेख किना चाह ए।

9. सिंलग्नक – सिकािी पत्रों में प्रायः मल


ू पत्र के साि अन्य आिश्यक कागजात भ भेजे जाते ैं। इन् ें उस
पत्र के ‘सिंलग्न पत्र’ या ‘सिंलग्नक’ क ते ैं।

10. पन
ु श्च-कभ – कभ पत्र ललखते समय मल
ू सामग्र में से ककस म त्त्िपर्
ू व अिंश के छूट जाने पि
इसका प्रयोग ोता ै। विशेष- प ले पत्र भेजने िाले का पता, हदनािंक दाईं ओि ललखा जाता िा, पि
आजकल इसे बाईं ओि ललखने का चलन ो गया ै। छात्र इससे भ्रलमत न ों। ह द
िं ी में दोनों ी प्रारूप
मान्य ैं।

पत्रों के प्रकाि

पत्र दो प्रकाि के ोते ैं –


(क) औपचारिक पत्र
(ख) अनौपचारिक पत्र।

(क) औपचारिक पत्र – अधव-सिकािी, गैि-सिकािी या सिकािी कायावलय को जो भ पत्र ललखे जाते ैं, िे
सभ पत्र औपचारिक पिंत्रों के अिंतगवत आते ैं। कायावलय द्िािा अपने अध नस्ि विभागों को जो पत्र ललखे
जाते ैं, िे सब भ इस श्रेर् में आते ैं।

(ख) अनौपचारिक पत्र-जो पत्र ननज , व्यक्ततगत अििा पारििारिक ोते ,ैं िे ‘अनौपचारिक’ पत्र क लाते
ैं। इस पत्र में ककस ति की औपचारिकता के ननिाव का बिंधन न ीिं ोता। इन पत्रों में प्रेषक अपन बात
ि भािना को उन्मत
ु तता के साि, बबना लाग-लपेट ललख सकता ै।
औपचारिक एििं अनौपचारिक पत्र के आििं भ ि अिंत की औपचारिकताओिं की ताललका –

औपचारिक पत्रों को ननम्नललखखत िगों में बाँटा जा सकता ै –

1. प्रधानाचायव को ललखे जाने िाले पत्र (प्रािवना-पत्र)।


2. कायावलय प्रािवना-पत्र-विलभन्न कायावलयों को ललखे गए पत्र।
3. आिेदन-पत्र-विलभन्न कायावलयों में ननयक्ु तत े तु ललखे गए पत्र ।
4. सिंपादकीय पत्र-विलभन्न समस्याओिं की ओि ध्यानाकवषवत किाने िाले सिंपादक को ललखे गए पत्र।
5. सझ
ु ाि एििं लशकायत पत्र-ककस समस्या आहद के सिंबिंध में सझ
ु ाि दे ने या लशकायत े तु ललखे गए
पत्र।
6. अन्य पत्र-बधाई, शुभकामना औि ननमिंत्रर् पत्र ।
औपचारिक पत्र
प्रािवना-पत्र
प्रधानाचायव को ललखे जाने िाले पत्र का प्रारूप

प्रेषक का पता
पिीक्षा भिन
क. ख. ग. विद्यालय
अ. ब. स. नगि

प्रधानाचायव के नाम प्रािवना-पत्र

प्रश्न 1.
आप अिावच न स ननयि सेकेंड्र स्कूल, मयूि वि ाि, हदल्ली के दसि िं कक्षा के छात्र अलभषेक ो। इस
विद्यालय की म ँग फीस के कािर् य ाँ गिीब बच्चे प्रिेश न ीिं ले पाते ैं। गिीब बच्चों को प्रिेश देने का
अनिु ोध किते ु ए . विद्यालय की प्रधानाचायाव को प्रािवना-पत्र ललखखए।
उत्तिः

पिीक्षा भिन
क. ख. ग. विद्यालय
अ. ब. स. नगि

सेिा में
प्रधानाचायाव ज
अिावच न स ननयि सेकेंड्र स्कूल
मयिू वि ाि, हदल्ली
विषय-गिीब बच्चों के प्रिेश के सिंबिंध में अनिु ोध किते ु ए प्रािवना-पत्र ।

म ोदया

विनम्र ननिेदन य ै कक मैं इस विदयालय की दसि िं कक्षा का छात्र ैं। मािे विद्यालय का शत-प्रनतशत
परिर्ाम, य ाँ के अध्यापक-अध्यावपकाओिं की मे नत औि लशक्षर्-सुविधाएँ इसकी ख्यानत में िद्
ृ धध कि
ि े ैं। क्षेत्र के अलभभािक अपने बच्चों को य ाँ प्रािलमकता के आधाि पि पढ़ाना चा ते ैं। इस
विद्यालय के पढ़े -ललखे छात्र उच्च पदों पि कायवित ैं, य दे ख बच्चे भ य ाँ पढ़ने की इच्छा िखते ैं।
धन िगव अपने बच्चों को आसान से पढ़ा सकते ैं पि य ाँ की म ँग फीस गिीब बच्चों की लशक्षा में
बाधक ै। गिीब बच्चे चा कि न य ाँ प्रिेश ले सकते ैं औि न अपने सपनों को साकाि कि सकते ैं।

अतः आपसे प्रािवना ै कक विद्यालय की प्रत्येक कक्षा में 20 प्रनतशत गिीब बच्चों को प्रिेश देकि
मानिता की भलाई के ललए एक पन
ु त कायव किें तिा उनके सपनों को साकाि किने में अपना योगदान
दें ।

सधन्यिाद
आपका आज्ञाकािी लशष्य
अलभषेक
X-D, अनक्र
ु मािंक-15
10 अप्रैल, 20xx
प्रश्न 2.
आपकी एस०ए० 1 की पिीक्षाएँ अगले म ीने से ैं, पििं तु अिंग्रेज औि गखर्त का पाठ्यक्रम पिू ा न ीिं ो
पाया ै। पाठ्यक्रम पिू ा न ोने के कािर्ों का उल्लेख किते ु ए अिंग्रेज औि गखर्त विषयों की अनतरितत
कक्षाएँ आयोक्जत कििाने े तु अपने विद्यालय के प्रधानाचायव को प्रािवना-पत्र ललखखए।
उत्तिः

पिीक्षा भिन
क. ख. ग. विद्यालय
अ. ब. स. नगि
सेिा में
प्रधानाचायव ज
क. ख. ग. विद्यालय
अ. ब. स. नगि

विषय-अिंग्रेज औि गखर्त विषयों की अनतरितत कक्षाओिं के आयोजन के सिंबिंध में प्रािवना-पत्र ।

म ोदय

सविनय ननिेदन य ै कक मैं इस विद्यालय की दसि िं कक्षा का छात्र ू ँ। मािी एस.ए.-1 की पिीक्षाएँ
लसतिंबि मा में ोन ैं, पििं तु अिंग्रेज औि गखर्त का पाठ्यक्रम अभ िीक से शुरू भ न ो सका ै।
इसका कािर् ै-अिंग्रेज
औि गखर्त विषयों के अध्यापकों का अिकाश पि ि ना। इधि अगस्त म ीने का दस
ू िा सप्ता भ ब त
चुका ै, ऐसे में बबना अनतरितत कक्षाएँ आयोक्जत कििाए पाठ्यक्रम समय पि पूिा ो पाना असिंभि ै।
अतः म छात्रों के भविष्य को ध्यान में िखते ु ए छुट्टी के बाद अनतरितत कक्षाएँ आयोक्जत किाकि
मािा कोसव पूिा कििाया जा सकता ै।

आपसे विनम्र प्रािवना ै कक अिंग्रेज औि गखर्त विषयों की अनतरितत कक्षाएँ आयोक्जत कििाने की कृपा
किें । म छात्र आपके आभािी ि ें गे।

सधन्यिाद ।
आपका आज्ञाकािी लशष्य
य. ि. ल.
मॉन टि दसि िं ‘अ’
17 अगस्त, 20xx

आिेदन-पत्र

आिेदन-पत्र का प्रारूप

पिीक्षा भिन
क. ख. ग. विद्यालय
अ. ब. स. नगि

प्रश्न 1.
भाित य स्टे ट बैंक ऑफ इिंडिया प्रधान कायावलय-नािीमन प्िाइिंट, मुिंबई को कुछ किंप्यूटि आपिे टसव की
आिश्यकता ै। अपन योग्यताओिं का विििर् दे ते ु ए आिेदन-पत्र प्रस्तुत कीक्जए।
उत्तिः
पिीक्षा भिन
क. ख. ग. विद्यालय
अ. ब. स. नगि
मख्
ु य प्रबिंधक म ोदय
भाित य स्टे ट बैंक ऑफ इिंडिया
प्रधान कायावलय, निीमन प्िाइिंट
मिंब
ु ई।
विषय-किंप्यूटि ऑपिे टि पद पि भित के सिंबिंध में आिेदन-पत्र ।

म ोदय

दै ननक जागिर् समाचाि पत्र के 15 अतटूबि, 20XX के अिंक से ज्ञात ु आ कक इस बैंक के प्रधान कायावलय
में किंप्यट
ू ि आपिेटि के कुछ पद रितत ैं। प्रािी भ अपना सिंक्षक्षप्त व्यक्ततगत विििर् प्रस्तत
ु किते ु ए
अपना आिेदन प्रस्तत ु कि ि ा ै –

1. नाम – य. ि. ल.
2. वपता का नाम – श्र अम िचिंद
3. जन्म नतधि – 20 फिििी, 1993
4. पत्र-व्यि ाि का पता – स -5/28, आश िावद अपाटवमेंट सेतटि 15 िोह र् , हदल्ली।
5. सिंपकव सूत्र – 011-273………..
6. शैक्षक्षक योग्यता

प्रलशक्षर् – एफ० टे क सिंस्िा से एक िषीय किंप्यट


ू ि प्रलशक्षर् A ग्रेि
अनुभि – गत त न मा से हदल्ली कोआपिे हटि बैंक में कायवित।
आशा ै कक आप मेिी शैक्षक्षक योग्यताओिं पि स ानभ
ु नू तपि
ू वक विचाि किते ु ए सेिा का अिसि प्रदान
किें गे।

सधन्यिाद
भिदीय
य. ि. ल.
23 अतटूबि, 20xx
सिंलग्नक-सभ प्रमार् पत्रों की छायािंककत प्रनत
सिंपादकीय-पत्र

सिंपादक के नाम पत्र का प्रारूप

पिीक्षा भिन
क. ख. ग. विद्यालय
अ. ब. स. नगि

सिंपादकीय पत्रों के उदा िर्


प्रश्न 1.
आप 29/5 सिंस्काि अपाटवमेंट, सेतटि-14 िोह र् , हदल्ली के ननिास ैं। आप चा ते ैं कक लोग दीपािली
में पटाखों का कम से कम प्रयोग किें । पटाखों से ोने िाली ाननयों से अिगत किाते ु ए निभाित
टाइम्स के सिंपादक को पत्र ललखखए।
उत्तिः

29/5 सिंस्काि अपाटवमेंट


सेतटि-14 िोह र्
हदल्ली
सेिा में
सिंपादक म ोदय
निभाित टाइम्स
ब ादिु शा जफ़ि मागव,
नई हदल्ली
विषय-पटाखों से ोने िाली ानन से अिगत किाने के सिंबध
िं में पत्र ।
म ोदय

मैं आपके सम्माननत पत्र के माध्यम से लोगों का ध्यान पटाखों से ोने िाली ाननयों की ओि आकवषवत
किाना चा ता ू ँ ।

खुलशयों के विलभन्न मौकों एििं दीपािली के त्यो ाि पि लोग पटाखों का जमकि प्रयोग किते ैं। बच्चों
तिा युिा िगव का पटाखों से विशेष लगाि ोता ै। अपन खुश में िे य भूल जाते ैं कक इनसे पयावििर्
तिा आसपास के लोगों को ककतना नुकसान ोता ै। पटाखों में प्रयुतत बारूद औि फॉस्फोिस के जलने
से एक ओि जोिदाि धमाका ोता ै तो दस
ू िी ओि फॉस्फोिस पेंटा ऑतसाइि गैस उत्सक्जवत ोत ै जो
बच्चों औि स्िािंस के िोधगयों के ललए अत्यधधक ाननकािक ोत ै। इनकी आिाज से ध्िनन प्रदष
ू र् ोता
ै तिा िायुमिंिल में िायु प्रदष
ू कों की मात्रा बढ़ जात ै, क्जससे साँस लेने में पिे शान ोत ै। इसके
अलािा पटाखों से पैसों का भ अपव्यय ोता ै। पटाखों के प्रयोग से बच्चों के जलने की िटनाएँ प्रायः
सुनने को लमलत ैं, इसललए पटाखों का प्रयोग न किें ताकक मनुष्य औि पयावििर् दोनों ी स्िस्ि ि ें ।

आपसे प्रािवना ै कक जनह त को ध्यान में िखते ु ए इसे अपने समाचाि पत्र में प्रकालशत किने की कृपा
किें ताकक लोग पटाखें औि उससे ोने िाली ाननयों के प्रनत सजग ो सकें।
सधन्यिाद
भिदीय
य. ि. ल.

प्रश्न 2.
कई जग सच
ू नापट्ट पि अशद्
ु धह द
िं ी ललख लमलत ै। इस ओि ध्यान आकृष्ट किते ु ए प्रलसद्ध
दै ननक पत्र के सिंपादक को पत्र ललखखए। (CBSE Sample Paper 2015)
उत्तिः

पिीक्षा भिन
क. ख. ग. विद्यालय
अ. ब. स. नगि
सेिा में
सिंपादक म ोदय
निभाित टाइम्स
ब ादिु शा जफ़ि मागव,
नई हदल्ली

25 जल
ु ाई, 20xx

विषय-सूचनापट्टों पि अशद्
ु धह द
िं ी लेखन के सिंबिंध में पत्र ।

म ोदय

आपके सम्माननत एििं लोकवप्रय समाचाि पत्र के माध्यम से मैं लोगों का ध्यान सूचनापट्ट पि ललख गई
अशुद्ध ह द
िं ी की ओि आकवषवत किाना चा ता ू ँ।

ह द
िं ी मािी िाजभाषा ै औि हदल्ली मािे दे श की िाजधान । ऐस म त्त्िपूर्व जग के सूचनापट्ट पि
ब ु तों की मातभ
ृ ाषा औि िाजभाषा के अनत म त्त्िपूर्व पद पि सुशोलभत ह द
िं ी का अशद्
ु ध लेखन दे खकि
दख
ु ोता ै। दख
ु तो तब औि भ ोता ै जब पढ़े -ललखे लोगों के द्िािा ऐसा अशुद्ध लेखन ककया जाता
ै। य कायव क्जनकी दे ख-िे ख में ोता ै, िे तो उच्चलशक्षक्षत ोते ैं पििं तु य सोचकि कक ‘सब चलता ै’,
इसे दे खकि भ अनदे खा कि जाते ैं। उनकी य अनदे ख विद्याधिवयों औि नि साक्षि के मन में भ्रम की
क्स्िनत पैदा कित ै कक आखखि स ी कौन-सा ै, उनके द्िािा स खा ु आ या य जो ललखा ै।

आपसे प्रािवना ै कक इसे अपने समाचाि पत्र में प्रकालशत किने का कष्ट किें ताकक सिंबिंधधत अधधकािी
औि कमवचािीगर् इस गलत पि ध्यान दें , इसे सध
ु ािें औि भविष्य में सािधान ि ें ।

सधन्यिाद
भिदीय
य. ि. ल.
कायावलय प्रािवना-पत्र का प्रारूप

पिीक्षा भिन
क. ख. ग. विद्यालय
अ. ब. स. नगि
प्रश्न 1.
आपको चेक बक
ु की आिश्यकता ै। नई चेक बक
ु प्राप्त किने के ललए स्टे ट बैंक मालि य नगि, हदल्ली
शाखा के प्रबिंधक को पत्र ललखखए।
उत्तिः

पिीक्षा भिन
क. ख. ग. विद्यालय
अ. ब. स. नगि

सेिा में
प्रबिंधक म ोदय
भाित य स्टे ट बैंक
शाखा-मालि य नगि, हदल्ली

26 अतटूबि, 20XX
विषय-नई चेक बक
ु प्राप्त किने के सिंबिंध में पत्र ।

म ोदय

विनम्र ननिेदन य ै कक मैं बैंक का ननयलमत खाता धािक ू ँ। मेिा खाता क्रमािंक 1066688……………
ै। मुझे भविष्य में लेन-दे न के ललए चेक बुक की आिश्यकता ै।

आपसे प्रािवना ै कक मुझे उपयुवतत खाते के ललए नई चेक बुक प्रदान किने का कष्ट किें ।

सधन्यिाद
भिदीय
य. ि. ल.

प्रश्न 2.
बाजाि से िि आते समय आपके वपता ज का ए०टी०एम० कािव खो गया ै। इसकी सूचना दे ते ु ए
सिंबिंधधत बैंक के प्रबिंधक को प्रािवना-पत्र ललखखए, क्जसमें नया ए०टी०एम० कािव प्रदान किने का अनिु ोध
ककया गया ो।
उत्ति

पिीक्षा भिन
क. ख. ग. विद्यालय
अ. ब. स. नगि

सेिा में
प्रबिंधक म ोदय
पिंजाब नेशनल बैंक
किंु दन भिन, आजादपिु
हदल्ली

05 नििंबि, 20XX
विषय-खोए ए०टी०एम० की सच
ू ना दे ने तिा नया ए०टी०एम० प्राप्त किने के सिंबध
िं में।

म ोदय

ननिेदन य ै कक कल शाम आदशवनगि मेन माकेट से िि जाते समय इस बैंक का ए०टी०एम० क ीिं खो
गया ै। ब ु त ढूँढ़ने के बाद भ य कािव मुझे न लमल सका। मैंने इसकी सूचना सिंबिंधधत िाने में दे हदया
ै, क्जसकी प्रनत मेिे पास ै। इस ए०टी०एम० कािव से कोई लेन-दे न न कि सके, इसललए इसे ब्लॉक किने
(िोकने) का कष्ट किें तिा नया कािव दे ने के ललए आिश्यक कायविा ी किें ।

अतः आपसे प्रािवना ै कक पुिाने ए०टी०एम० कािव को बिंद कि नया ए०टी०एम० कािव जािी किने की कृपा
किें ।

सधन्यिाद,
भिदीय
य. ि. ल
लशकायत -पत्र

लशकायत पत्रों का प्रारूप

पिीक्षा भिन
क. ख. ग. विद्यालय
अ. ब. स. नगि
प्रश्न 1.
समस्त औपचारिकताएँ पूर्व किने के बाद भ आधाि प चान पत्र’ न लमलने की लशकायत किते ु ए अपने
क्षेत्र के सिंबिंधधत अधधकािी को पत्र ललखखए। (Delhi 2014)
उत्तिः

पिीक्षा भिन
क. ख. ग. विद्यालय
अ. ब. स. नगि

उपननदे शक
भाित य विलशष्ट प चान प्राधधकिर्
(आधाि प चान पत्र)
ज िन भाित भिन
कनाट प्लेस, नई हदल्ली

13 अगस्त, 20XX
विषय-आधाि प चान पत्र न लमलने के सिंबिंध में पत्र ।

म ोदय

मैं आपका ध्यान अपने आधाि प चान पत्र की ओि आकवषवत किाना चा ता ू ँ। इसका नामािंकन क्रमािंक
1415/73038/00556 ै क्जसे मैंने सिोदय बाल विद्यालय, बलज त नगि पि बने आधाि केंद्र पि 15-
11-20XX को नामािंककत कििाया िा। आधाि प चान पत्र बनिाने के ललए मैंने ननिास एििं प चान
सिंबिंध औपचारिकताएँ पिू ी कि दी ि । आज लगभग दो साल का समय ब तने को ै, पििं तु मेिा आधाि
प चान पत्र मझ
ु े अब तक न ीिं लमल पाया ै जबकक उस केंद्र पि उस हदन नामािंककत अन्य लोगों के
आधाि प चान पत्र लमल गए ैं। बैंक खाते से सिंबद्ध कििाने, गैस कनेतशन में सक्ब्सि प्राप्त किने के
ललए य प चान पत्र आिश्यक ो चक
ु ा ै।

आपसे प्रािवना ै कक मेिी समस्याओिं एििं कहिनाइयों पि स ानभ


ु नू तपि
ू वक विचाि किते ु ए आधाि प चान
पत्र श घ्रानतश घ्र मेिे पते पि भेजने का कष्ट किें ।
धन्यिाद सह त
भिदीय
य. ि. ल.

सिंलग्नक-आधाि नामािंकन पत्र की छायाप्रनत ।

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