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अधिगम असमर्थता पहचान हेतु संवीक्षा सािन

(आयु 8 - 10) / कक्षा (3, 4 एवं 5)

सहभागी जानकारी
बच्चे का नाम : लिंग : िंड़की / िंड़का
कक्षा : जन्म धतधर् :

मातृ-भाषा : धिक्षा का माध्यम :

पररिीिंन धतधर् :

बच्चे के सार् संबि


ं : कक्षा धिक्षक / भाषा धिक्षक / अन्य (_______)

अंक देने का क्रम :

2=सािारण रूप से 1=कभी कभी 0=कभी नहीं

कृ पया ध्यान दें : इस सािन को पूरा करते समय प्रत्येक बच्चे के व्यवहार का मूलयांकन
बच्चे के सहपारियों के व्यवहार के संदभथ में धनिाथररत ककया जाना चाधहए। कृ पया बच्चे के
िैक्षधणक एवं सामाधजक वातावरण (देिी / मातृभाषा, सामाधजक – आर्थर्क
वातावरण इत्याकद) को ध्यान में रखते हुए मूलयांकन करें l
2

अंि सािारण रूप कभी कभी


से कभी नहीं

पढाई

1. िीमी गधत से पढना, िब्दों का अनुमान िंगाना, पढने में असहजता

2. पढते समय पंधियों से चूकना या अक्षरों को िंााँघना


उदाहरण : ‘कदम्ब’ को “कदम” पढना, अर्वा वाक्य में पूणथ िब्द / िब्दों को
छोड़ देना।

3. अक्षरों को उनकी ध्वधन से जोड़ने में उिंझन होना


उदाहरण : यह पहचानने व बताने में करिनाई कक ‘कौन’ िब्द की पहिंी ध्वधन
है ‘क् ’।

4. वाक्य, अनुच्छे द को समझने में करिनाई


कक्षा में जो पढाया जा चुका है (कक्षा सामग्री, पुस्कों में व श्यामपट्ट पर), उसके
धिंधखत धवषय वस्तु को पढकर समझने में कष्ट होना। कहाधनयों की पुस्तक एवं
पाठ्य पुस्तकों के सरिं अनुच्छेद (6-8 पंधियां) को समझने में करिनाई

िंेखन

5. अक्षरों, िब्दों की रचना में करिनाई


अक्षरों एवं संख्याओं को धवधचत्र या धवकृ त रूप से धिंखना या उनके आकार में
असामान्य अंतर होना

6. श्यामपट्ट (ब्िंैकबोर्थ) या पुस्तक से उतारने में भूिं करना


श्यामपट्ट अर्वा / एवं पाठ्यपुस्तक से अनुकरण करने (उतारने) में अक्षमता।
पंधियों एवं ककनारों (मार्थजन) का िीक से उपयोग करने में असमर्थता

7. श्रुधतिंेख (धर्क्टेिन) में असफिंता। सामान्य िब्दों को धनयधमत वतथनी


(स्पेलिंग / क्रमानुसार िंेखन) के सार् धिंखने में चूकना
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8. धिंधखत रूप में धवचारों को व्यि करने में करिनाई


ककसी कदए गए धवषय पर धवचारों को व्यि करने में करिनाईl आयु के
अनुसार उधचत अधभव्यधि न कर पाना।

गधणत

9. सािारण गधणत के अविारणाओं / धवचारों (+, −, ×, ÷ इत्याकद) को समझने


में करिनाई
बच्चा इन मूिंभूत धचन्हों का प्रयोग करने में उिंझन अनुभव करता है तर्ा
अंकगधणत की इन अविारणाओं के बीच के संबंिों को समझने में असमर्थ होता
है।

10. अनुरूप (एनािंॉग / सााँप्रदाधयक) घधड़यों से सही समय बताने में करिनाई

11. मानधसक अंकगधणत में कष्ट का अनुभव


उदाहरण : इस आयु में भी उं गधिंयों पर धगनती करना एवं सािारण मानधसक
अंकगधणत करने मे काफी समय िंगाना

संवाद

12. कक्षा में सुनने में करिनाई


बच्चे का अध्यापक से धनदेि को दोहराने के धिंए कहना।
उदाहरण : "मुझे समझ में नहीं आया। क्या आप कफर से कह सकते हैं?"

13. अपनी कक्षा के अन्य बच्चों की तुिंना में अपररपक्व वाताथिंाप


उदाहरण : ‘आकृ धत’ को “आकधत” कहना।
बच्चा छोटे अर्वा / एवं अिूरे वाक्य बनाता है।

14. मौधखक रूप से सम्पूणथ वाक्य बनाने में करिनाई


पूरे वाक्य में बात करने में असमर्थता। बच्चा धमधश्रत अर्वा / एवं जरटिं वाक्य
नहीं बना पाता है।
उदाहरण : “सेहत िीक ना होने के कारण मैं अध्याय नहीं पढ पाया।” (जरटिं
वाक्य); “मैंने अंग्रेजी का अध्याय पढा परन्तु गधणत के प्रश्न का उत्तर नहीं धिंख
सका।” (धमधश्रत वाक्य)।
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स्मरणिधि

15. धवद्यािंय सम्बंिी धवषय-वस्तु की स्मृधत में करिनाई (उदाहरण के धिंए कधवतायें,
गधणत पहाड़ें (टेबिं) इत्याकद)

स्नायु समन्वयन (िरीर के अंगों का तािंमेिं)

16. सरिं आकृ धतयों (चक्र, वगथ, धत्रकोण, पंचभुज, षट्कोण) को बनाने में व अनुकरण
करने में करिनाई

17. बेर्ौिं प्रकार की किंम की पकड़

व्यवहार

18. काम में ध्यान एवं एकाग्रता की कमी, काम को अिूरा छोड़ने की प्रवृधत्त। बच्चा िीघ्र
ही ऊब जाता है एवं काम अिूरा छोड़ देता है।
अध्यापकों या पािंकों को सदैव बच्चे को ध्यान देने तर्ा काम पूरा करने को कहते
रहना पड़ता है।

19. अिांत या अधतकक्रयािीिं रहना। बच्चा एक स्र्ान पर बैिे रहने में करिनाई अनुभव
करता है। बच्चे का कक्षा में घूमना एवं अन्य छोत्रों की िांती भंग करना संभव है।

20. पररश्रम करने पर भी अपयाथप्त प्रदिथन / असफिंता

21. व्याकु िं, एकांधतक (अन्य छात्रों से दूर रहना) या धवघटनकारी व्यवहार

नाम: हस्ताक्षर:

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