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अधिगम असमर्थता पहचान हेतु संवीक्षा सािन

(आयु 5 - 7) / कक्षा (1 एवं 2)

सहभागी जानकारी
बच्चे का नाम : लिंग : िंड़की / िंड़का
कक्षा : जन्म धतधर् :

मातृ-भाषा : धिक्षा का माध्यम :

पररिीिंन धतधर् :

बच्चे के सार् संबि


ं : कक्षा धिक्षक / भाषा धिक्षक / अन्य (_______)

अंक देने का क्रम :

2=सािारण रूप से 1=कभी कभी 0=कभी नहीं

कृ पया ध्यान दें : इस सािन को पूरा करते समय प्रत्येक बच्चे के व्यवहार का मूलयांकन
बच्चे के सहपारियों के व्यवहार के संदभथ में धनिाथररत ककया जाना चाधहए। कृ पया बच्चे के
िैक्षधणक एवं सामाधजक वातावरण (देिी / मातृभाषा, सामाधजक – आर्थर्क
वातावरण इत्याकद) को ध्यान में रखते हुए मूलयांकन करें l
अंि सािारण कभी कभी
रूप से कभी नहीं

ध्वधन जागरूकता (भाषा ध्वधनयों की जानकारी)

1. ध्वधन बदिंाव खेिंों में करिनाई


उदाहरण : ‘गाना’ िब्द में ‘गा’ को ‘सो’ से बदिंो। उत्तर: ‘सोना’

2. तुकबंदी (धमिंते-जुिंते अंत वािंे िब्दों का चयन) करने में करिनाई


उदाहरण : इनमें से कौन से दो िब्दों में तुकबंदी है – ‘पद’, ‘कद’, ‘नीिं’? उत्तर:
‘पद-कद’

पढाई एवं िंेखन

3. वणथमािंा के अक्षरों की पहचान करने में करिनाई


उदाहरण : यकद ‘ज’ या ‘प’ अक्षर को पहचानने को कहा
जाये तो बच्चा यह करने में असमर्थ है।

4. सामान्य मुकित / धिंधखत िब्दों को पहचानने में करिनाई


उदाहरण : ‘नाम’, ‘हार्’, ‘र्ा’, ‘को’, ‘कदन’, ‘आया’

5. सामान्य िब्दों की वतथनी (क्रमानुसार िंेखन) के सार् करिनाई


उदाहरण: ‘पर’, ‘कब’, ‘नभ’, ‘खत’, ‘जिं’, ‘घर’ इत्यादी को धिंखना बच्चे के धिंये
करिन होता है।
संख्या अविारणा (गधणत से जुड़े धवचारों की समझ)

6. संख्याओं को पहचानने में करिनाई


उदाहरण : यकद ‘5’ या ‘8’ संख्या की ओर संकेत करने में बच्चा असमर्थ होता है।

7. ‘और अधिक’ एवं ‘न्यूनतर’ (कमतर) तर्ा ‘क्या पहिंे’ व ‘क्या पश्चात’ के
धवचारों को समझने में करिनाई
उदाहरण : ‘क्या 7 से 4 अधिक है?’, ‘8 के पश्चात क्या आता है?’ इन प्रश्नों का
उत्तर देने में असमर्थता। (बच्चा 20 तक इस तरह का अनुक्रमण करने में समर्थ
होना चाधहये)

संवाद

8. धनदेिों का पािंन करने में करिनाई


दो से तीन चरणों को सधममधिंत करनेवािंे धनदेिों को समझने में करिनाई।
उदाहरण : “पुस्तक को अध्याय 4, पृष्ठ संख्या (पेज नंबर) 34 पर खोिंकर
पढो।”

9. उधचत िब्दों के चयन में करिनाई


उदाहरण : बच्चा ‘बोतिं’ िब्द की जगह पर ‘धिब्बा’ िब्द का प्रयोग करते हुए
कहता है, “हम... ऊन्ह... धिब्बे में पानी भरते हैं।”

10. िंंबे िब्दों के उच्चारण में करिनाई


उदाहरण : ‘धचपकिंी’ कहते हुए करिनाई
स्नायु समन्वयन (िरीर के अंगो का तािंमेिं)

11. सािारण आकार (चक्र / गोिंा, वगथ, धिकोण, आयत) बनाने में करिनाई

12. बोिन की भाषाओं के अक्षरों, िब्दों की रचना में करिनाई (अक्षरों तर्ा िब्दों को
टे ढा-मेढा या धवधचि रूप से धिंखना)
उदा : ‘ह’, ‘ख’, ‘चाचा’, ‘सेब’, आकद

व्यवहार

13. काम में ध्यान एवं एकाग्रता की कमी, काम को अिूरा छोड़ने की प्रवृधत्त। बच्चा
िीघ्र ही ऊब जाता है एवं काम अिूरा छोड़ देता है। अध्यापकों व पािंकों को सदैव
बच्चे को ध्यान देने तर्ा काम पूरा करने को कहते रहना पड़ता है।

14. अिान्त या अधत सकक्रय रहना। बच्चा एक स्र्ान पर बैिे रहने में करिनाई अनुभव
करता है। बच्चे का कक्षा मे घूमना एवं अन्य छािों की िांधत भंग करना संभव है।

15. व्याकु िं, एकांधतक (अन्य छािों से दूर रहना) या धवघटनकारी व्यवहार

नाम : हस्ताक्षर :

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