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DALI - Hindi JST 1&2
DALI - Hindi JST 1&2
सहभागी जानकारी
बच्चे का नाम : लिंग : िंड़की / िंड़का
कक्षा : जन्म धतधर् :
पररिीिंन धतधर् :
कृ पया ध्यान दें : इस सािन को पूरा करते समय प्रत्येक बच्चे के व्यवहार का मूलयांकन
बच्चे के सहपारियों के व्यवहार के संदभथ में धनिाथररत ककया जाना चाधहए। कृ पया बच्चे के
िैक्षधणक एवं सामाधजक वातावरण (देिी / मातृभाषा, सामाधजक – आर्थर्क
वातावरण इत्याकद) को ध्यान में रखते हुए मूलयांकन करें l
अंि सािारण कभी कभी
रूप से कभी नहीं
7. ‘और अधिक’ एवं ‘न्यूनतर’ (कमतर) तर्ा ‘क्या पहिंे’ व ‘क्या पश्चात’ के
धवचारों को समझने में करिनाई
उदाहरण : ‘क्या 7 से 4 अधिक है?’, ‘8 के पश्चात क्या आता है?’ इन प्रश्नों का
उत्तर देने में असमर्थता। (बच्चा 20 तक इस तरह का अनुक्रमण करने में समर्थ
होना चाधहये)
संवाद
11. सािारण आकार (चक्र / गोिंा, वगथ, धिकोण, आयत) बनाने में करिनाई
12. बोिन की भाषाओं के अक्षरों, िब्दों की रचना में करिनाई (अक्षरों तर्ा िब्दों को
टे ढा-मेढा या धवधचि रूप से धिंखना)
उदा : ‘ह’, ‘ख’, ‘चाचा’, ‘सेब’, आकद
व्यवहार
13. काम में ध्यान एवं एकाग्रता की कमी, काम को अिूरा छोड़ने की प्रवृधत्त। बच्चा
िीघ्र ही ऊब जाता है एवं काम अिूरा छोड़ देता है। अध्यापकों व पािंकों को सदैव
बच्चे को ध्यान देने तर्ा काम पूरा करने को कहते रहना पड़ता है।
14. अिान्त या अधत सकक्रय रहना। बच्चा एक स्र्ान पर बैिे रहने में करिनाई अनुभव
करता है। बच्चे का कक्षा मे घूमना एवं अन्य छािों की िांधत भंग करना संभव है।
15. व्याकु िं, एकांधतक (अन्य छािों से दूर रहना) या धवघटनकारी व्यवहार
नाम : हस्ताक्षर :