Professional Documents
Culture Documents
1|Page
करने म सहायता करती है । इससे श ाथ यह सीख सकते ह क ान और कौशल को कस
कार ा त कया जाए तथा उ ह वा त वक जीवन क सम याओं पर कैसे लागू कया जाए।
येक वषय, येक पाठ को जीवनोपयोगी बनाना तथा वा त वक जीवन के अनुभव से पाठ
को समृ ध करना ह द ता आधा रत श ा है । इसके लए उ च तर य चंतन कौशल पर
वशेष बल दे ने क आव यकता है ।
अनभ
ु वा मक अ धगम या आनभ
ु वक ानाजन का उ दे य शै क वातावरण को छा क त
बनाने के साथ-साथ वयं मू यांकन करने, आलोचना मक प से सोचने, नणय लेने तथा ान
का नमाण कर उसम पारं गत होने से है । यहाँ श क क भू मका सु वधा दाता व े क क
रहती है । ानाजन आनभ
ु ा वक,सहयोगा मक तथा वतं प से होता है और यह श ा थय
को एक साथ काय करने तथा वयं के अनुभव वारा सीखने पर बल दे ता है । यह स धांत और
यवहार के बीच क दरू को कम करता है ।
इस पा म के अ यन से:
2|Page
7. व याथ रटे -रटाए वा य के थान पर अ भ यि तपरक/ ि थ त आधा रत/ उ च चंतन
मता के न पर सहजता से अपने वचार कट कर सकगे।
उ े :
● सज
ृ ना मक सा ह य क सराहना, उसका आनंद उठाना और उसके त सज
ृ ना मक
और आलोचना मक ि ट का वकास करना।
● सा ह य क व वध वधाओं (क वता, कहानी, नबंध आ द), मह वपण
ू क वय और
रचनाकार , मख
ु धाराओं और शै लय का प रचय करवाना।
● भाषा क सज
ृ ना मक बार कय और यावहा रक योग का बोध तथा संदभ और
समय के अनस
ु ार भावशाल ढं ग से उसक मौ खक और ल खत अ भ यि त करना।
● वभ न ानानश
ु ासन के वमश क भाषा के प म हंद क वश ट कृ त एवं
मता का बोध करवाना।
● सा ह य क भावशाल मता का उपयोग करते हुए सभी कार क व वधताओं
(धम, जा त, लंग, वग, भाषा आ द) एवं असमानताओं के त सकारा मक और
संवेदनशील यवहार का वकास करना।
● दे श- वदे श म च लत हंद के प से प र चत करवाना।
● संचार-मा यम ( ट
ं और इले ॉ नक) म यु त हंद क कृ त से अवगत करवाना
और नवीन व धय के योग क मता का वकास करना।
● सा ह य क यापक धारा के बीच रखकर व श ट रचनाओं का व लेषण और ववेचन
करने क मता हा सल करना।
● अमूत संक पनाओं/ वचार को अ भ य त करने क भाषा का वकास क पनाशीलता
और मौ लक चंतन को अ भ यि त दान करने क भाषा का वकास।
श ण-युि तयाँ:
इन क ाओं म उ चत वातावरण- नमाण म अ यापक क भू मका सदै व उ ेरक एवं सहायक क
होनी चा हए। उनको भाषा और सा ह य क पढ़ाई म इस बात पर यान दे ने क ज़ रत होगी
क-
● क ा का वातावरण संवादा मक हो ता क अ यापक, व याथ और पु तक-तीन के
बीच एक र ता बन सके।
● ब च को वतं प से बोलने, लखने और पढ़ने दया जाए और फर उनसे होने
वाल भूल क पहचान करवाकर अ यापक अपनी पढ़ाने क शैल म प रवतन करे ।
3|Page
● ऐसे श ण- बंदओ
ु ं क पहचान क जाए, िजससे क ा म व याथ क स य
भागीदार रहे और अ यापक भी उनका साथी बना रहे ।
● भ न मता वाले व या थय के लए उपयु त श ण-साम ी का उपयोग कया
जाए तथा कसी भी कार से उ ह अ य व या थय से कमतर या अलग न समझा
जाए।
● क ा म अ यापक को हर कार क व वधताओं( लंग, धम, जा त, वग आ द) के त
सकारा मक और संवेदनशील वातावरण न मत करना चा हए।
● सज
ृ ना मकता के अ यास के लए व याथ से साल म कम से कम दो रचनाएँ
लखवाई जाएँ।
4|Page
● प रचय दे ना। ( व/ प रवार/ वातावरण/ व तु/ यि त/ पयावरण/ क व /लेखक आ द)
पर क के लए अनुदेश :-
● पर ण से पूव पर ाथ को तैयार के लए कुछ समय दया जाए।
● ववरणा मक भाषा म वषय के अनुकूल तीन काल का योग अपे त है ।
● नधा रत वषय पर ाथ के अनुभव-जगत के ह ।
● श ाथ को वषय क त वतं अ भ यि त का अवसर दान कर।
5|Page
● हंद भाषा और सा ह य से जुड़े व वध वषय /सा ह यकार / समकाल न लेखन / भाषा के
तकनीक प / भाव/ अनु योग/ सा ह य के सामािजक संदभ एवं जीवन-मू य संबंधी
भाव आ द पर प रयोजना काय दए जाने चा हए ।
● स के ारं भ म ह व याथ को वषय चन
ु ने का अवसर मले ता क उसे शोध, तैयार
और लेखन के लए पया त समय मल सके।
प रयोजना-काय
‘प रयोजना’ श द योजना म ‘प र’ उपसग लगने से बना है । ‘प र’ का अथ है ‘पूणता’ अथात
ऐसी योजना जो अपने आप म पूण हो प रयोजना कहलाती है । कसी वशेष ल य क ाि त
हे तु जो योजना बनाई और कायाि वत क जाती है , उसे प रयोजना कहते ह। यह कसी सम या
के नदान या कसी वषय के त य को का शत करने के लए तैयार क गई एक पण
ू वचार
योजना होती है ।
प रयोजना का मह व
6|Page
● प रयोजना काय श ा थय म यो यता आधा रत मता को यान म रखकर दए जाएँ
िजससे वे वषय के साथ जुड़ते हुए उसके यावहा रक प को समझ सक। वतमान
समय म उसक ासं गकता पर भी यान दया जाए।
● स के ार भ म ह व या थय को वषय चुनने का अवसर मले ता क उसे शोध,
तैयार और लेखन के लए पया त समय मल सके।
● अ या पका/अ यापक वारा क ा म प रयोजना-काय को लेकर व तारपूवक चचा क जाए
िजससे व याथ उसके अथ, मह व व या को भल -भाँ त समझने म स म हो सक ।
● हंद भाषा और सा ह य से जुड़।े व वध वषय / वधाओं/ सा ह यकार / समकाल न लेखन/
भाषा के तकनीक प / भाव/ अनु योग/ सा ह य के सामािजक संदभ एवं जीवन-मू य
संबंधी भाव आ द पर प रयोजना काय दए जाने चा हए।
● श ाथ को उसक च के अनस
ु ार वषय का चयन करने क छूट द जानी चा हए तथा
अ यापक/ अ या पका को मागदशक के प म उसक सहायता करनी चा हए।
● प रयोजना – काय करते समय न न ल खत ब दओ
ु ं को अपनाया जा सकता है -
1. माण – प
2. आभार ापन
3. वषय-सूची
4. उ दे य
5. प रयोजना सम या
6. प रक पना
7. या (सा य सं ह, सा य का व लेषण)
8. तुतीकरण ( वषय का व तार)
9. अ ययन का प रणाम
10. अ ययन क सीमाएँ
11. ोत
12. अ यापक ट पणी
● प रयोजना – काय म शोध के दौरान सि म लत कए गए च और संदभ के वषय म
उ चत जानकार द जानी चा हए। उनके ोत को अव य अं कत करना चा हए।
● च , रे खा च , व ापन, ाफ, वषय से संबं धत आँकड़े, वषय से संबं धत समाचार क
कतरन एक त के जानी चा हए।
● माण व प सि म लत कए गए आँकड़े, च , व ापन आ द के ोत अं कत करने के
साथ-साथ समाचार-प , प काओं के नाम एवं दनांक भी लखने चा हए।
● सा ह यकोश, संदभ- ंथ, श दकोश क मदद लेनी चा हए।
7|Page
● प रयोजना-काय म श ा थय के लए अनेक संभावनाएँ ह । उनके यि तगत वचार
तथा उनक क पना के व तत
ृ संसार को अव य सि म लत कया जाए।
भू मका – या है , य है आ द का ववरण
व भ न दे श म भाव
भारत के साथ तुलना मक अ ययन
कारण और नवारण
आपक भू मका/ योगदान/ सुझाव
8|Page
िहं दी (ऐ क) (कोड सं .002) क ा –11वी ं (वष 2023-24)
दे ने ह गे।
(01 अंक x 05 न)
ब प ठत ग यांश पर 05 बहु वक पा मक न I सभी 05 न के उ र 05
दे ने ह गे।
(01 अंक x 05 न)
4 पू रक पा पु क अंतराल भाग-1 से ब िवक ा क 07
अ प ठत पाठ पर 07 बहु वक पा मक न I सभी 07 न के उ र दे ने 07
ह गे।
(01अंक x 07 न)
9|Page
खंड – ब (वणना क ) 40 अंक
िवषय व ु भार
5 अ भ यि त और मा यम पु तक के आधार पर 17
इकाई - दो सज
ृ ना मक लेखन पाठ 9, 10 और इकाई – तीन यावहा रक लेखन पाठ 14, 15
1 द गई ि थ त/ घटना के आधार पर य लेखन ( वक प स हत) लगभग 05
(03 अंक x 01 न)
8 (अ) वण तथा वाचन 10
10 | P a g e
नोट : िन िल खत पाठों से नही ं पूछे जाएँ गे ।
पा पु क - अं तरा भाग-1
1. नए की ज कुंडली (एक) (पूरा पाठ)
2. प ाकर (पू रा पाठ)
3. महादे वी वमा - सब आँ खों के आँ सू उजले (घटाया गया पाठ का अंश और उससे सं बंिधत अ ास
4. नर शमा - नी ंद उचट जाती है (पू रा पाठ)
पा पु क - अंतराल
1. अं डे के िछलके (एकां की) पूरा पाठ
खंड अ (व ुपरक )
िवषय व ु भार
1 अपिठत ग ांश 18
11 | P a g e
दे ने ह गे। (01 अंक x 05 न)
ब प ठत ग यांश पर 05 बहु वक पीय न। सभी 05 न के उ र 05
ह गे।(01 अंक x 07 न)
खंड – ब (वणना मक न)
वषय व तु भार
5 अ भ यि त और मा यम पु तक के आधार पर 17
क ह ं दो न के उ र (3 अंक x 2 न) (लगभग 60 श द
म)
3 समाचार लेखन (उ टा परा मड शैल )/फ चर लेखन/आलेख लेखन पर 06
1 का य खंड पर आधा रत 03 न म से क ह ं 02 न के उ र 04
(लगभग 40 श द म)
(02 अंक x 02 न)
2 02 म से कसी 01 का यांश क स संग या या ( वक प स हत) 06
(द घउ र य न)
(06 अंक x 01 न)
3 ग य खंड पर आधा रत 03 न म से क ह ं 02 न के उ र 04
(लगभग 40 श द म)
(02 अंक x 02 न)
4 02 म से कसी 01 ग यांश क स संग या या ( वक प स हत) 06
(द घउ र य न)
12 | P a g e
(06 अंक x 01 न)
7 अंतराल भाग – 2 03
(03 अंक x 01 न)
8 (अ) वण तथा वाचन 10
कुल अं क 100
िनधा रत पु क:
1. अं तरा, भाग–2, एन.सी.ई.आर.टी., नई िद ी ारा कािशत नवीनतम सं रण
2. अं तराल, भाग–2, एन.सी.ई.आर.टी., नई िद ी ारा कािशत नवीनतम सं रण
3. ‘अिभ और मा म’, एन.सी.ई.आर.टी., नई िद ी ारा कािशत नवीनतम सं रण
नोट : िन िल खत पाठों से नही ं पू छे जाएँ गे ।
- अं तरा भाग 2
1. सूयकां त ि पाठी िनराला - गीत गाने दो मुझे (घटाया गया पाठ का अंश और उससे संबंिधत अ ास)
2. िव ु खरे - एक कम, स (पू रा पाठ)
3. केशवदास - रामचंि का (पूरा पाठ)
4. घनानं द - सवै या (घटाया गया पाठ का अंश और उससे संबंिधत अ ास)
5. जमोहन ास - क ा िच ा (पूरा पाठ)
6. रामिवलास शमा - यथा ै रोचते िव म (पूरा पाठ)
पू रक पा पु क - अंतराल 2
1. संजीव - आरोहण
क ा बारहवीं हे तु न-प का व तत
ृ ा प जानने के लए कृपया बोड वारा जार आदश
( तदश) न-प दे ख।
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
13 | P a g e