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कक्षा-9

विषय- हिन्दी

अनौपचारिक पत्र/अनच्
ु छे द लेखन

पत्र-लेखन- पत्र-लेखन की कला अत्यंत प्राचीन है ।मानव जीवन में पत्र-लेखन का अत्यधिक महत्व
है ।यह एक ऐसी उपयोगी कला है ,जिसके द्वारा मानव अपने मनोभावों और विचारों को सहज रूप से
व्यक्त करता है ।

उद्दे श्य- पत्र द्वारा अपने मन को दस ू रों तक सरलतापर्व


ू क पहुँचाया जा सकता गै। अपने मनोभावों
को दस ू रों के समक्ष प्रकट करने का यह सबसे सस्ता,सल
ु भ और लोकप्रिय साधन है ।पत्रों में स्थायित्व
का गण ु होता है ।

पत्रों के प्रकार- पत्र दो प्रकार के होते है -

1-अनौपचारिक पत्र 2-औपचारिक पत्र

1-औपचारिक पत्र- जिन व्यक्तियों के साथ व्यक्तिगत संबध ं नहीं होते, उन्हें लिखे जाने वाले पत्र
औपचारिक पत्र कहलाते हैं।इस प्रकार के पत्र विद्यालय के प्रधानाचार्यो,संस्थीन के
प्रधानों,संपादकों,सरकारी और गैरसरकारी कार्यालयोंके अधिकारियों तथा व्यापारियों आदि को लिखे
जाते हैं। इनमें औपचारिक अभिवादनहोता है ।

2-अनौपचारिक पत्र- जिन व्यक्तियों के साथ व्यक्तिगत संबध ं होते हैं ,उन्हें लिखा जाने वाले पत्र
अनौपचारिक पत्र कहलाते हैं। इस प्रकार के पत्र अपने सगे-संबधि ं यों, मित्रों और परिचितों को लिखे
जाते हैं।इन पत्रों में स्नेह, प्रेम, आत्मीयता आदि की प्रधानता होती हैं।यह पत्राचार व्यक्तिगत होता
है , अतः इनमें आपसी संहंधो की गहराई, सख ु -दखु आदि का विवरण भी होता हैं।इसके अतिरिक्त
विभिन्न सामाजिक पत्र और विवाह, गह ृ प्रवेश, जन्मोत्सव इत्यादि के लिए लिखे जाने वाले
निमंत्रण-पत्र भी अनौपचारिक पत्रों की श्रेणी में आते हैं।

पत्र-लेखन के दौरान ध्यान दे ने योग्य बातें -

● पत्र की भाषा सरल, स्पष्ट और सरस होनी चाहिए।


● पत्र भेजने वाले का नाम,पता, दिनांक आदि का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए।
● परीक्षा भवन में पत्र लिखते समय अपने नाम के स्थान पर क,ख,ग लिखना चाहिए। यदि
प्रश्न-पत्र में किसी के नाम का उल्लेख किया गया हो, तो वही नाम लिखना चाहिए।
● पत्र प्राप्तकर्ता की आय,ु संबध
ं ,योग्यता आदि को ध्यान में रखते हुएभाषा का प्रयोग करना
चाहिए।
● पत्र के अंत में लिखने वाले और प्राप्त करने वाले के संबधं ों के अनरू
ु प शब्दावली का प्रयोग
अवश्य करना चाहिए।
अनौपचारिक पत्र-लेखन के दौरान यथोचित संबोधन और अभिवादन का ध्यान रखना अति
आवश्यक है । निम्नाकिंत तालिका में संबध ं ो के अनस ु ार संबोधन, अभिवादन और समापन हे तु
उपसिक्त शब्द दिए गए हैं। विद्यार्थियों को पत्र लिखते समय इनका उचित प्रयोग करना चाहिए।

अनौपचारिक पत्र-लेखन
अनौपचारिक पत्र का प्रारूप
अपने मित्र को अपने जन्मदिन पर आमंत्रित करते हुए पत्र लिखिए।
छात्रावास (कक्ष सं.5)
ग्रीन फील्ड स्कूल
ग्रीन पार्क नई दिल्ली।
प्रिय मित्र अंकित
मधरु स्नेह
मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा करता हूँ कि तम ु भी सपरिवार सकुशल होगें ।तम् ु हें याद दिलाने की
आवश्यकता नहीं है कि मेरा जन्मदिन 13 जल ु ाई को आता है ।हर वर्ष की तरह इस बार भी मैं अपना
जन्मदिन धम ू धाम से मना रहा हूँ।मैं तम्
ु हें अपने जन्मदिन पर निमंत्रित करता हूँ। मैंने अपने सभी
मित्रों को बल
ु ाया है ।तम्
ु हें भी अवश्य आना है ।
कार्यक्रम गत वर्ष की भाँति ही रहे गा।प्रातः 10 बजे हवन,दोपहर का भोजन,और सांयकाल 6 बजे
केक काटने का कार्यक्रम ।
मझ ु े आशा है कि तम ु नियत समय पर पहुँच जाओगे।
धन्यवाद
तम्ु हारा मित्र
कखग

छात्र खद
ु करें - अनौपचारिक पत्र
1)मित्र को अपने बड़े भाई के विवाह में सम्मिलित होने के लिए पत्र लिखिए।
2)अपने भाई को परिक्षा में सफलता पाने पर बधाई-पत्र लिखिए।

अनच्
ु छे द लेखन
1) महँगाई की समस्या
2) हिन्दी-राष्ट्रभाषा या राजभाषा
3) समय किसी के लिए नहीं रूकता।
4) कम्प्यटू र एक जादई ु पिटारा

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