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Bagala Pratyangira Kavach
Bagala Pratyangira Kavach
Date: 01-12-2019.
श्री गणेशाय नमः।
॥ रुद्रयामलोक्त - बगलाप्रत्यङ्गिरा-कवचम ॥
॥ एक आवश्यक सचू ना ॥
इस माध्यम से दी गयी जानकारी का मख्ु य उद्देश्य ससर्फ उनलोगों तक देवी-
देवताओ ं के स्तोत्र , कवच आसद का ज्ञान सरल शब्दों में देना-पहचुँ ाना है,
जो इसको जानने-सीखने के इच्छुक है ।
यह ससर्फ देखने-सनु ने-पढ़ने-और-सीखने के उद्देश्य से बनाई गयी है ।
वेद - शास्त्र, ग्रथं ों और अन्य पस्ु तकों मे सदया हआ बहमल्ू य ज्ञान देखने-
पढ़ने-सनु ने-समझने-जानने और सजं ो कर सरु सित रखने योग्य है । पर इस
जानकारी का गलत तरीके से उपयोग, या प्रयोग आपका नक ु सान कर सकता
है । अतः सावधान रहें ।
इससे होने वाले सकसी भी तरह की लाभ-हासन के सलये हम सजम्मेवार नही
होंगे ।
(धन्यवाद )
|| General Information ||
दश महासवद्या मे माता ( बगलामख ु ी ) अष्ट,ं महासवद्या हैं , यह स्वयं मे अत्यन्त उग्र और
प्रचण्ड शसि हैं , इन्हें ब्रह्मास्त्र सवद्या के नाम से भी जानते हैं ।
माता प्रत्यंसगरा भी स्वयं मे अत्यन्त उग्र और प्रचण्ड शसि हैं । इस कवच में इन दोनों
सवद्या और इनकी शसि का एक साथ समावेश है, सजससे यह कवच और भी प्रचण्ड, असत
उग्र और शसिशाली हो जाता है ।
यह सभी महा- शसियाुँ गप्तु रूप से सवश्व के संचालन मे सतत प्रयत्नशील तथा सियाशील
रहती हैं, तथा अपना-अपना सहयोग देती है । पर इनके मन्त्र आसद का गलत प्रयोग - या
गलत तरीके से प्रयोग, साधक को सवषम पररसस्थती मे डाल सकता है ।
इसससलये तंत्र के िेत्र मे इनके मन्त्र-स्तोत्र आसद असत, गोपनीय होते हैं और गरुु परम्परा से
आ रहे ज्ञान को भी सवशेष रुप से गप्तु रखा जाता है ।
अतः एक आम साधक या गहृ स्थ व्यसि को, हमेशा इन शसियों का बार - बार स्मरण,
इस उग्र रुप में इनका आवाहन या उग्र रुप में मन्त्र-जप, पजू न-आसद से बचना चासहये ।
आप अपने कायफ सससि के सलये सकसी भी अन्य सौम्य देवी-देवता, की शरण मे जा सकते
हैं ।
सजनके पास ज्ञानी गरुु हैं, उनकी बात अलग है ।
सकसी भी तरह की गलतर्हमी-या-भ्रान्ती र्ै लाना मेरा कतई उद्देश्य नही है ॥
मैने एक ("Disclaimer") भी इसी उद्देश्य से लगाया जाता है ॥
इस कवच में आप आसानी से देख सकतें है सक , इस कवच के सवसनयोग में " मम शत्रु
हनने " कहा गया है । मन्त्र मे भी "मारय-घातय.." जैसे शब्दों का प्रयोग है ।
तथा कवच के मल ू भाग मे स्तम्भय, सवद्रावय, सतं ापय.. जैसे अनेक शब्द है ।
और साथ ही साथ माता बगलामख ु ी सक शसि भी है, अतः इन सब कारणो से यह कवच
कार्ी उग्र हो जाता है । अगर आप पत्रु प्रासप्त, धन प्रसप्त, अच्छी नौकरी आसद ..जैसी इच्छा
के सलये इसका प्रयोग करते है तो, आपके मन्त्र-कवच के शब्दों में और आपकी
मनोकामना दोनो मे सभन्नता हो जाती है, सजससे आपकी ऐसी मनोकामना पणू फ होने मे
सन्देह रहेगा ।
। ॐ नमः सशवाय ।
। ॐ ह्लीं बगला प्रत्यंसगरायै नमः ॥
विशेष –
To repeat kavach 3/11/21/51/101 - repeat only Main Part .
नोट-
कुछ कवठन शब्ि * को वचवन्त्हत करके , उसे "-" से सरल वकया है,
और मलू शब्ि के साथ नजिीक ही रखा गया है,
साधक लोग िोनो शब्िों को एक ही जगह पर िेख कर तल ु नात्मक पाठ कर सकें ।
कुछ ही शब्िों का सही तरह से सवं ध-विच्छे ि, करने का का प्रयास वकया गया है ।
अगर कुछ गलती/रवु ट हो तो, िमा प्राथी हूँ ।
(धन्त्यिाि)