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Date : 10-05-2020.
श्री गणेशाय नमः। (Learn-Copy)
॥ श्री नृसिंह-माला-मन्त्रः ॥
ु नमः । ॐ श्री लक्ष्मी नृसिंहाय नम:।
ॐ गणेशाय नमः। ॐ श्री गरुवे
॥ वववनयोगः ॥
अस्य श्री नृसिंह-माला-मन्त्रस्य नारद-भगवान्ऋव ः।
अनष्टु भ
ु ्छन्दः । श्री नृसिंहो-देवता । आं बीजम्।
लं शववत्तः । मेरु-कीलकम्। श्री-नृसिंह-प्रीत्यर्थे जपे वववनयोगः ॥
(**लं शववत्तः या लं शवतः )
॥ ध्यान, पूजन / मानविंक पूजन ॥
श्री नृसिंह गायत्री मंत्र
ॐ उग्र नृसिंहाय ववद्महे वज्र नखाय धीमवह तन्नो नृसिंह प्रचोदयात ।
॥ मूल माला मंत्र ॥
ु ्-अवि- नेत्राय, शङ्ख-चक्र-गदा-प्रहस्ताय ।
ॐ नमो नृसिंहाय ज्वाला-मख
ु दनान्त्र-माला-ववभू णाय हन हन,
योग-रूपाय वहरण्यकवशप-च्छे
दह-दह, वच वच रक्ष-वो
नृसिंहाय पूव-व वदशां बन्ध बन्ध,
रौद्रभ-सिंहाय दवक्षण-वदशां बन्ध बन्ध,
पावन-नृसिंहाय पविम-वदशां बन्ध बन्ध,
दारुण-नृसिंहाय उत्तर-वदशां बन्ध बन्ध,
ज्वाला-नृसिंहाय आकाश-वदशां बन्ध बन्ध,
लक्ष्मी-नृसिंहाय पाताल-वदशां बन्ध बन्ध, कः कः कम्पय-कम्पय,
आवेशय आवेशय, अवतारय अवतारय- शीघ्रं शीघ्रं ।
ॐ नमो नारसिंहाय नव-कोवि-देव-ग्रहोच्चािनाय* । *ग्रहोच्-चािनाय
ॐ नमो नारसिंहाय अष्ट-कोवि-गन्धवव ग्रहोच्चािनाय । *अर्थ व = ग्रह-उच्चािनाय
ॐ नमो नारसिंहाय ि्-कोवि-शावकनी-ग्रहोच्चािनाय ।
ॐ नमो नारसिंहाय पञ्च-कोवि पन्नग-ग्रहोच्चािनाय ।
ॐ नमो नारसिंहाय चत ु ्-कोवि ब्रह्म-राक्षिं-ग्रहोच्चािनाय ।
NarSingh-Mala Mantra e2Learn By VRakesh
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ु
ॐ नमो नारसिंहाय वि-कोवि-दनज-ग्रहोच्चािनाय ।
ॐ नमो नारसिंहाय कोवि-ग्रहोच्चािनाय ।
ॐ नमो नारसिंहाय अवर-मूरी-चोर-राक्षिं-वजवतः वारं वारं ॥ (**वारं ? = Attack)
श्री-भय, चोर-भय, व्यावध-भय, िंकल-भय-कण्िकान् ववध्वंिंय ववध्वंिंय ।
शरणागत वज्र-पञ्जराय ववश्व-हृदयाय प्रह्लाद-वरदाय,
क्षरौं श्रीं नृसिंहाय स्वाहा ।
ॐ नमो नारसिंहाय मद्गु ल-शङ्ख-चक्र-गदा-पद्म-हस्ताय
नील-प्रभा-अङ्ग-वणावय भीमाय भी णाय, ज्वाला-कराल-भय-भाव त
श्री-नृसिंह-वहरण्य-कश्यप-वक्ष-स्थल-ववदाणावय ।
जय जय, एवह एवह, भगवन्भवन गरुड-ध्वज गरुड-ध्वज,
मम िंवोपद्रवं, वज्र-देहेन चूणयव चूणयव , आपत्-िंमद्रु ं शो य शो य ।
ु
अिंर-गन्धवव
-यक्ष-ब्रह्म-राक्षिं भूत-प्रेत, वपशाच-आवदन ववध्वन्सय्ववध्वन्सय्।
पूवाववखलं मूलय मूलय ।
प्रवतच्छां स्तम्भय, पर-मन्त्र-पर-यन्त्र, पर-तन्त्र, पर-कष्टं
वछवन्ध वछवन्ध वभवन्ध हं फि्स्वाहा ।
|| General Information ||
विशेष –
To Repeat Stotra / Kavach/ Mala - 3/11/21/51/101-Repeat only Main Part .
पहले विवियोग करें , विर न्यास, ध्याि, विर छोटी सी पजू ि,
उसके बाद किच स्तोत्र या कोई पाठ/मन्त्र जप आवद वकया जाता है ।
मलू -पाठ बार -बार (वजतिा मि हो), िलश्रतु ी अगर है तो अन्त में एक बार पाठ करते है ।
भगिाि श्री िवृ सिंह बहुत उग्र देिता हैं ।
अतः उनके वकसी भी पजू ा, पाठ मन्त्र-जप इत्यावि में, कोई भी एक किच पाठ अिश्य करना चाविये ।
किच का पाठ िमेशा ज्यािा सरु वित िोता िै, तथा किच से भी साधक के सारे - कायय वसद्ध िोते िै ।
पर इनसे संबवन्त्धत प्रयोग, बिुत सोच-विचार के करना चाविये ।