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दोपहर का भोजन

I. एक शब्द या वाकयाांश या वाकय में उत्तर लिखिएः

प्रश्न 1. रामचांद्र ककतने वर्ष का था?


उत्तर: रामचांद्र िगभग इककीस वर्ष का था।

प्रश्न 2. प्रूफरीडरी का काम कौन सीि रहा था?


उत्तर: प्रूफरीडरी का काम रामचन्द्द्र सीि रहा था।

प्रश्न 3. लसद्धे श्वरी के मँझिे िड़के का नाम लिखिए।


उत्तर: लसद्धे श्वरी के मँझिे िड़के का नाम मोहन था।

प्रश्न 4. लसद्धे श्वरी के छोटे िड़के की उम्र ककतनी थी?


उत्तर: लसद्धे श्वरी के छोटे िड़के की उम्र छः साि थी।

प्रश्न 5. मांशी चांकद्रका प्रसाद ककतने साि के िगते थे?


उत्तर: मांशी चांकद्रका प्रसाद िगभग पचास-पचपन साि के िगते थे।

प्रश्न 6. ककसकी शादी तय हो गई थी?


उत्तर: गांगाशरण बाबू की िड़की की शादी तय हो गयी थी।

प्रश्न 7. मांशी जी की तबीयत ककससे ऊब गई थी?


उत्तर: मांशी जी की तबीयत अन्द्न और नमकीन से ऊब गई थी।

प्रश्न 8. मांशी जी की छां टनी ककस ववभाग से हो गई थी?


उत्तर: मांशी जी की छां टनी मकान-ककराया लनयांत्रण ववभाग की किकी से हो गई थी।

प्रश्न 9. ‘दोपहर का भोजन’ कहानी के कहानीकार कौन हैं ?


उत्तर: ‘दोपहर का भोजन’ कहानी के कहानीकार अमरकाांत जी हैं ।

II. लनम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिएः

प्रश्न 1. लसद्धे श्वरी के पररवार का सांखिप्त पररचय दीखजए।


उत्तर: लसद्धे श्वरी का पररवार लनर्षन था। उनके तीन बेटे थे। बड़ा बेटा रामचांद्र इककीस साि का
था। दबिा, पतिा, गोरे रां ग का िड़का था खजसकी बड़ी बड़ी आँिें थी। वह ककसी अिबार में
प्रूफरीडरी का काम करता था, स्वभाव से गांभीर था। मांझिा िड़का मोहन अट्ठारह वर्ष का
था, हाईस्कूि का प्राइवेट इम्तेहान दे ने की तैयारी में िगा था, पढाई में उसकी रुलच नहीां थी।
छोटा बेटा प्रमोद छह वर्ष का था जो बहत कमजोर और बीमार रहता था। उसके पलत मांशी
चांकद्रका प्रसाद 45 साि की उम्र में, पाररवाररक समस्याओां के कारण 50 या 55 साि के िगते
थे। डे ढ महीने पूवष मकान-ककराया लनयांत्रण ववभाग की किकी से उनकी छां टनी हो गई थी।

प्रश्न 2. बीमार प्रमोद की हाित कैसी थी?


उत्तर: छोटा बेटा प्रमोद बीमार पड़ा है । उम्र छः वर्ष है । अर्-टू टे िटोिे पर नांग-र्डां ग पड़ा
हआ है । इतना िीण हो गया है कक उसके शरीर की हखडडयाँ स्पष्ट कदिाई दे ने िगी हैं । उसके
हाथपैर बासी कककड़यों की तरह सूिे हए बेजान हो गये हैं । पेट हां कडया की तरह फूिा हआ
है । मँह पर मखकियाँ लभनलभना रही थीां। माँ लसद्धे श्वरी ने उसके चेहरे पर एक फटा, गांदा
ब्िाउज डाि कदया। इस दयनीय खस्थलत में प्रमोद बीमार था।

प्रश्न 3. रामचांद्र का पररचय दीखजए।


उत्तर: रामचांद्र मांशी चांकद्रका प्रसाद और लसद्धे श्वरी का बड़ा िड़का है । उसके बाि अस्त-व्यस्त
है , मूह
ँ िाि है । उसके फटे -पराने जूतों पर गदष जमी हई है । उसकी उम्र करीब 21 वर्ष है ।
दबिा पतिा, िांबा, गोरा रां ग, बड़ी-बड़ी आँिें व ओांठों पर झररयाँ है । वह एक स्थानीय
समाचार-पत्र के ऑकफस में प्रूफरीडरी का काम सीिता है । इां टर पास ककया है ।

प्रश्न 4. मँझिे िड़के मोहन के रूप-रां ग और स्वभाव के बारे में लिखिए।


उत्तर: मोहन लसद्धे श्वरी का मँझिा िड़का था। उम्र अठारह वर्ष थी और वह इस साि हाईस्कूि
का प्राईवेट इम्तहान दे ने की तैयारी कर रहा था। वह न मािूम कब से घर से गायब था और
लसद्धे श्वरी को स्वयां पता नहीां था कक वह कहाँ गया है । वह कछ साँविा था और उसकी आँिे
छोटी थीां। उसके चेहरे पर चेचक के दाग थे। वह अपने भाई रामचांद्र की तरह दबिा-पतिा
था ककन्द्त उतना िांबा न था। वह अपने उम्र की अपेिा कहीां अलर्क गांभीर और उदास कदिाई
पड़ रहा था।

प्रश्न 5. लसद्धे श्वरी की आँिों से आँसू कयों टपकने िगे?


उत्तर: घर की आलथषक खस्थलत ठीक नहीां थी। पूरा पररवार सांकटग्रस्त था। जैसे-तैसे सात
रोकटयाँ बनाई गई। बड़े बेटे को, पलत को, मांझिे बेटे को दो-दो रोकटयाँ परोस दी गईं। अांत में
लसफष एक रोटी बची थी। पलत की जूठी थािी में बची चने की तरकारी के साथ बनी जिी
रोटी रिने जा रही थी कक उसका ध्यान छोटे बेटे प्रमोद की ओर गया। रोटी के दो टकड़े
ककए और एक अिग से रि कदया। कफर िाने बैठ गई। घर कक इस खस्थलत से वह दिी हई
और उसकी आँिों से आँसू टपकने िगी।

प्रश्न 6. मांशी चांकद्रका प्रसाद की िाचारी का वणषन कीखजए।


उत्तर: मांशी चांकद्रका प्रसाद की डे ढ महीने पूवष मकान-ककराया लनयांत्रण ववभाग की किकी से
छां टनी हो गयी थी। दस
ू री कहीां भी नौकरी नहीां लमिी थी। घर में बीमार िड़का। बड़े िड़के
को कहीां अच्छी नौकरी नहीां। मँझिा प्राईवेट ही हाईस्कूि परीिा के लिए बैठा है । दो वक्त का
भोजन भी नहीां लमि पाता। इनके फटे -पराने गदष िगे जूते, पत्नी की गांदी साड़ी, गांदगी से भरा
मखकियाँ से लभनलभनाता घर, बच्चों का िाने-पीने के लिए तरसना आकद…. इस िाचारी के
सामने वे बेबस थे।

I. एक शब्द या वाकयाांश या वाकय में उत्तर लिखिए :


प्रश्न 1. ककतने अनट्रे ण्ड अध्यापकों का चनाव था?
उत्तरः तीन सौ अनट्रे ण्ड अध्यापकों का चनाव था।
प्रश्न 2. ककतने उम्मीदवार आये थे?
उत्तरः दस हजार उम्मीदवार आये थे।
प्रश्न 3. प्रलत उम्मीदवार के पीछे ककतनी लसफाररशें आयी थीां?
उत्तरः प्रलत उम्मीदवार के पीछे िगभग 5 – 6 लसफाररशें आयी थीां।
प्रश्न 4. ज्योलतर्ी कहाँ पर बैठे थे?
उत्तरः ज्योलतर्ी फटपाथ पर बैठे थे।
प्रश्न 5. पलिस की ककतनी गाकड़याँ आयी थीां?
उत्तरः पलिस की दो गाकड़याँ आई थीां।
प्रश्न 6. ककसका नाम सभापलत के लिए प्रस्ताववत ककया गया?
उत्तरः श्री रघपलत राघव का नाम सभापलत के लिए प्रस्ताववत ककया गया।
प्रश्न 7. ‘नािायक’ पाठ के िेिक कौन हैं ?
उत्तरः ‘नािायक’ पाठ के िेिक वववेकी राय हैं ।
II. लनम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिएः
प्रश्न 1. अनट्रे ण्ड अध्यापकों के चनाव के माहौि का वणषन कीखजए।
उत्तरः उस कदन खजिा पररर्द में प्राइमरी स्कूिों के लिए अनट्रे ण्ड अध्यापकों का
चनाव था। उसमें तीन सौ अध्यापक चने जानेवािे थे। दस हजार उम्मीदवार
आये थे। हर एक उम्मीदवार के साथ िगभग 5-6 लसफाररश करनेवािे थे। दशषक
भी काफी थे और वह एक मेिा जैसा िग रहा था। अनट्रे ण्ड अध्यापकों के
चनाव के लिए शहर में सबह से ही इतनी भीड़ िग गई थी कक मानो कां भ का
मेिा िग गया हो। सड़कों पर िोगों की चहि-पहि और शोरगि शरू हो गया
था। ऐसा िग रहा था कक ककसी नेता को दे िने भीड़ इकट्ठी हो रही है ।
प्रश्न 2. खजिा पररर्द के बाहर का दृश्य प्रस्तत कीखजए।
उत्तरः खजिा पररर्द में प्राइमरी स्कूिों के लिए अनट्रे ण्ड अध्यापकों की लनयवक्त
होनी थी। इसलिए खजिा पररर्द् के बाहर अपार जनसागर उमड़कर जमा हो
गया था। प्रवेश-द्वार से िेकर बाहर आँगन, िान, मैदान, चौक, सड़क और िगभग
दो-तीन फिाषग तक ठसमठस आदमी भरे हैं , ककसी को पता नहीां कक कयों िड़े
हैं , बस िड़े हैं । जो पहिे आये वे पहिे से फाटक की ओर िड़े होते गए। जो
आगे थे उनका लनकिना ककठन हो रहा था। भीतर पररर्द कायाषिय था, जो
बन्द्द था।
प्रश्न 3. िाउड स्पीकर से कया घोर्णा की जा रही थी?
उत्तरः चेयरमैन साहब के बांगिे के बाहर भीड़ जमा होने के कारण, पलिस की
गाकड़याँ भीड़ को लनयांवत्रत करने पहां ची। िाउड़ स्पीकर से घोर्णा की जाने िगी
कक “सज्जनों, ज्ञात हआ है कक आप िोग थडष कडवीजनरों के लसफाररशी हैं । आप
िोगों को बहत समझाया गया कक लसफाररश से काम नहीां चिेगा, परन्द्त आप
िोग मानते ही नहीां हैं । अब स्कूि-मास्टर के लिए थडष कडवीजनसष नहीां लिए
जायेंगे। यकद आप िोग वबना उस लसफाररशी कागज को कदये टिने वािे नहीां हैं
तो दे दीखजये। पचास व्यवक्त िाांची िेकर तैनात ककये जाते हैं । इन्द्हीां िाांलचयों में
डाि दें ।”
प्रश्न 4. दौड़ कर आते हए उम्मीदवार ने कया कहा?
उत्तरः दौड़कर आते हए उम्मीदवार ने गस्से में कहा – “साहब िोग कहते हैं कक
अध्यापक पद के लिए थडष कडववजनर नहीां लिये जाएँग।े कयों नहीां लिये जायेंगे?
खजसका ज्यादा वोट होगा, उसे लिया जायेगा। हम सभी फस्टष और सेकेंड
कडवीजनर के खििाफ़ आांदोिन करें गे।”
प्रश्न 5. थडष कडवीजनरों की व्यथा को प्रकट कीखजए।
उत्तरः थडष कडवीजनरों का जीवन नरक के समान होता है । उनके लिए हर कहीां
दरवाजा बांद रहता है जैसे वे आदमी नहीां, बैि हैं । उनकी उपेिा होती है । उन्द्हें
नौकरी के लिए नाक रगड़नी पड़ती है । कदम, कदम पर लनराशा होती है । अतः
थडष कडववजन वािों को नािायक समझकर कोई नौकरी नहीां दे ता।
III. लनम्नलिखित वाकय ककसने ककससे कहे ?
प्रश्न 1. आपका उम्मीदवार ककस कडवीजन में पास है ?
उत्तरः यह वाकय िेिक ने एक उम्मीदवार से कहा।
प्रश्न 2. थडष कडवीजनर के लिए दलनया में कोई जगह नहीां है ।
उत्तरः यह वाकय िेिक ने लसफाररशी िोगों से कहा।
प्रश्न 3. ये िोग हम िोगों का हक मार रहे हैं ।
उत्तरः यह वाकय नौकरी के लिए आए एक थडष कडववजन उम्मीदवार ने िेिक से
कहा।
प्रश्न 4. हमारे लिए हर जगह दरवाजा बांद है ।
उत्तरः यह वाकय एक थडष कडववजनर यवक ने बाकी थडष कडववजनर यवकों से
कहा।
IV. ससांदभष स्पष्टीकरण कीखजए:
प्रश्न 1. जीवन में पहिी बार लसफाररश का यह तरीका जाना।
उत्तरः प्रसांग : प्रस्तत गद्ाांश हमारी पाठ्य पस्तक ‘साकहत्य वैभव’ के ‘नािायक’
पाठ से लिया गया है खजसके िेिक वववेकी राय हैं ।
सांदभष : स्कूिों के लिए अध्यापक के चनाव के लिए आए उम्मीदवारों के साथ
उनके लशफाररश करनेवािे तथा साथ में एक कागज पर उम्मीदवार का नाम,
ग्राम, लशिा आकद लििकर हस्तािर ककए थे।
स्पष्टीकरण : पता चिा कक थडष कडववजनसष को प्राइमरी अध्यापक की नौकरी
नहीां दे रहे हैं , तो जो यवक उम्मीद िगाए बैठे थे, वे गस्से में िाि-पीिे होकर
जवानों की तरह िड़ने-मारने को तैयार हो गए।
प्रश्न 2. सबह का लसकड़ा वह बािक अब तनकर जवान की तरह िग रहा था।
उत्तरः प्रसांग : प्रस्तत गद्ाांश हमारी पाठ्य पस्तक ‘साकहत्य वैभव’ के ‘नािायक’
पाठ से लिया गया है खजसके िेिक वववेकी राय हैं । .
सांदभष : एक उम्मीदवार दौड़ता हआ िेिक के पास आया और उसने कहा –
िोग कह रहें है कक थडष कडवीजनसष को नहीां िेंगे। हम आन्द्दोिन करें ग।े
स्पष्टीकरण : सबह जो उम्मीदवार िेिक के पास आया था, वही दौड़ता हआ
िेिक के पास आया और उसने कहा – कक िोग कहते हैं वे थडष कडवीजनसष को
नहीां िेंगे? हम फस्टष कडवीजन और सेकेण्ड कडवीजन वािों के खििाफ आांदोिन
करें गे। वे हमारा हक मार रहे है , यही बािक जो सबह से लसकड़ा बैठा था अब
वह तनकर जवान की तरह बातें कह रहा है ।

प्रश्न 3. हम हरलगज़ नहीां मानते कक कागज की तीन िकीरों के कारण हम िोग


नािायक हैं ।
उत्तरः प्रसांग : प्रस्तत गद्ाांश हमारी पाठ्य पस्तक ‘साकहत्य वैभव’ के ‘नािायक’
पाठ से लिया गया है खजसके िेिक वववेकी राय हैं ।
सांदभष : इस वाकय को मांच पर िड़े यवा उम्मीदवार ने कहा। अांको के आर्ार
पर नहीां बखकक प्रलतभा के आर्ार पर यवकों को नौकरी लमिनी चाकहए।
स्पष्टीकरण : जब थडष कडववजनरों को िाररज कर कदया गया, तो वे िोग इसका
दोर् लशिा ववभाग तथा अध्यापकों पर डािने िगे। लसफष कागज पर थडष
कडववजन लिि दे ने से हम नािायक हो गए कया? नहीां।

प्रश्न 4. ककसको लमिे मास्टरी चाँस, थडष कडवीज़न मैकट्रक पास।


उत्तरः प्रसांग : प्रस्तत गद्ाांश हमारी पाठ्य पस्तक ‘साकहत्य वैभव’ के ‘नािायक’
पाठ से लिया गया है खजसके िेिक वववेकी राय हैं ।
सांदभष : थडष कडवीजन वािों को नािायक समझकर कोई नौकरी नहीां दे ता। फस्टष
और सेकेण्ड कडवीजन वािों के खििाफ उनका आांदोिन होता है । उसी में यह
नारा िगाते हए िेिक ने यह नारा सना।
स्पष्टीकरण : थडष कडवीजनरों के अलर्कार लछन जाने से वे उत्तेखजत हो गए और
सभी लमिकर ‘थडष कडववजनसष खजांदाबाद’ के नारे िगाते हए आन्द्दोिन पर उतर
गए।

V. लनम्नलिखित वाकयों को सूचना के अनसार बदलिए:


प्रश्न 1. तीन सौ अध्यापक चने जायेंग।े (वतषमानकाि में बदलिए)
उत्तरः तीन सौ अध्यापक चने जाते हैं ।
प्रश्न 2. सभी लसफाररशें लतरस्कृ त की गईं। (भववष्यत्काि में बदलिए)
उत्तरः सभी लसफाररशें लतरस्कृ त की जाएांगी।
प्रश्न 3. पलिस िोगों की रिा कर रही है । (भूतकाि में बदलिए).
उत्तरः पलिस िोगों की रिा कर रही थी।
VI. अन्द्य लिांग रूप लिखिए:
प्रश्न 1. शेर, अध्यापक, मास्टर, साहब, यवक।
उत्तरः शेर – शेरनी
• अध्यापक – अध्यावपका
• मास्टर – मास्टरनी
• साहब – साकहबा
• यवक – यवती
VII. अन्द्य वचन रूप लिखिएः
प्रश्न 1. पस्तक, गाड़ी, िड़का, बेकटयाँ।
उत्तरः पस्तक – पस्तकें
• गाड़ी – गाकड़याँ
• िड़का – िड़के
• बेकटयाँ – बेटी
VIII. समानाथषक शब्द लिखिएः
प्रश्न 1. सम्राट, अध्यापक, स्वतांत्र, प्रयत्न, सहायता।
उत्तरः
• सम्राट – राजा
• अध्यापक – लशिक
• स्वतांत्र – आजाद
• प्रयत्न – कोलशश
• सहायता – मदद
IX. महावरे ः
• गोबर बारूद होना – नाकाम होना
• नाक रगड़ना – लगड़लगड़ाना
• हक मारना – अलर्कार छीनना।

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