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1 बड़े घर की ब़ेटी

I. एक शब्द या वाक्ाांश या वाक् में उत्तर लिखिए:

प्रश्न 1. ठाकुर साहब के लकतने बे टे थे?


उत्तर:ठाकुर साहब के दो बेटे थे।

प्रश्न 2. बेनीमाधव लसांह अपनी आधी से अलधक सांपलत्त लकसे भेंट के रूप में दे चु के थे?
उत्तर: बेनीमाधव लसांह अपनी आधी से अलधक सांपलत्त वकीिोां को भें ट कर चु के थे।

प्रश्न 3. ठाकुर साहब के बडे बे टे का नाम क्ा था?


उत्तर:ठाकर साहब के बडे बेटे का नाम श्रीकांठ लसांह था।

प्रश्न 4.श्रीकांठ कब घर आया करते थे?


उत्तर: श्रीकांठ लसांह शलनवार को घर आया करते थे।

प्रश्न 5.आनांदी के लपता का नाम लिखिए।


उत्तर:आनांदी के लपता का नाम भूपलसांह था।

प्रश्न 6.थािी उठाकर लकसने पिट दी?


उत्तर:िािलबहारी लसांह ने थािी उठाकर पिट दी।

प्रश्न 7.गौरीपुर गााँ व के जमीनदार कौन थे?


उत्तर: बेनीमाधव लसांह गौरीपुर गााँ व के जमीनदार थे।

प्रश्न 8.लकसकी आाँ िें िाि हो गयी थी?


उत्तर: श्रीकांठ की आाँ िे िाि हो गयी थीां।

प्रश्न 9.लबगडता हुआ काम कौन बना िेती हैं?


उत्तर: बडे घर की बेलटयााँ लबगडता हुआ काम बना िेती हैं ।

प्रश्न 10. ‘बडे घर की बेटी’ कहानी के िेिक कौन हैं?


उत्तर: ‘बडे घर की बेटी’ कहानी के िेिक उपन्यास सम्राट प्रेमचन्द हैं।

अलतररक्त प्रश्नः

प्रश्न 11. बेनीमाधव लसांह लकस गााँव के ज़मीनदार थे?


उत्तर: बेनीमाधव लसांह गौरीपुर गााँ व के ज़मीनदार थे।

प्रश्न 12. ठाकुर साहब के छोटे बे टे का नाम क्ा था?


उत्तर: ठाकुर साहब के छोटे बेटे का नाम िाि लबहारी लसांह था।
13. श्रीकांठ लसांह का लकसके साथ ब्याह हो गया?
उत्तर: श्रीकांठ लसांह का ब्याह आनांदी के साथ हो गया।

प्रश्न 14. कौन स्वभाव से ही दयावती थी?


उत्तर: आनांदी स्वभाव से ही दयावती थी।

प्रश्न 15. बुखिमान िोग लकनकी बातोां पर ध्यान नहीां दे ते?


उत्तर: बुखिमान िोग मूर्खों की बातोां पर ध्यान नहीां दे ते।

प्रश्न 16. मुगदर की जोडी लकसने बनवा दी थी?


उत्तर: मुगदर की जोडी श्रीकांठ ने बनवा दी थी।

II. लनम्नलिखित प्रश्नोां के उत्तर लिखिएः

प्रश्न 1. बेनीमाधव लसांह के पररवार का सांलिप्त पररचय दीलजए।


उत्तर: प्रस्तुत कहानी ‘बडे घर की बे टी’ लजसके िेिक प्रे मचांद हैं।
बेनीमाधव लसांह गौरीपुर गााँ व का जमीांदार था। उसके लपता लकसी समय बडे धन धान्य सम्पन्न थे। गााँव में
भव्य मांलदर एवां पक्का तािाब बनवाया था लजसकी अब मरम्मत भी मु खिि थी, कहा जाता है लक कभी
उनके दरवाजे पर हाथी झूमता था, आज वहााँ बूढी भैंस थी। उनकी वततमान आय एक हजार रुपये वालषतक
से अलधक न थी, आधी से अलधक सांपलत्त वकीिोां को भेंट कर चुके थे। इनके दो पुत्र थे। बडे बेटे का नाम
श्रीकांठ, छोटे बेटे का नाम िािलबहारी लसांह था। श्रीकांठ अध्ययनशीि और मेहनती िडका था। उसने बी.ए.
की लिग्री प्राप्त कर, शहर में नौकरी में िग गया था, साथ ही उसे आयुवेद औषलधयोां में अत्यलधक रूलच भी
थी। वह भारतीय सांस्कृलत एवां सभ्यता से प्रेररत था लजसके कारण उसका गााँव में बडा सम्मान था।
िािलबहारी लसांह दोहरे बदन का नौजवान था जो अपने बडे भाई की तुिना में अलधक रौबीिा एवां स्वस्थ
था। वह िूब िाता पीता और मस्ती में व्यस्त रहता था। बडे बेटे की शादी आनांदी से हुई जो एक सुशीि,
सम्पन्न पररवार की िडकी थी। छोटे बेटे का लववाह एक साधारण जमीांदार की िडकी के साथ हुआ।

प्रश्न 2. आनांदी ने अपने ससुराि में क्ा रां ग-ढां ग दे िा?


उत्तर: आनांदी एक बडे घर की बे टी थी। वह अपने घर में सभी सुि-सुलवधाओां में पिी थी। वे सारी सुि-
सुलवधाएाँ यहााँ ससुराि में नहीां थीां। यहााँ न तो बाग-बगीचे थे, न मकान में खिडकी और जमीन पर फशत।
लफर भी आनांदी ने कुछ ही लदनोां में अपने आपको इस घर के अनु कूि बना लिया।

प्रश्न 3. िािलबहारी आनांदी पर क्ोां लबगड पडा?


उत्तर: एक लदन िािलबहारी लसांह ने मााँस पकाने के लिए कहा। आनांदी ने मााँस पकाते समय हााँडी में जो घी
था, वह सब िाि लदया। जब िािलबहारी ने दाि में घी िािने के लिए कहा, तो आनांदी ने कहा लक मााँस
पकाने में घी ित्म हो गया। इसी कारण िािलबहारी आनां दी पर लबगड गया।

प्रश्न 4. आनांदी लबगडता हुआ काम कैसे बना िेती है?


उत्तर: श्रीकांठ लसांह के छोटे भाई िािलबहारी लसांह के अभद्र व्यवहार से आनांदी क्रोलधत हो जाती है। गुस्से में
उसने अपने पलत से सारी लशकायतें कीां। झगडा इतना बढ गया लक घर टू टने तक पहुाँच गया। तब लबिरते
हुए घर को दे िकर आनांदी शाांत हो जाती है और िािलबहारी को घर छोडकर जाने से रोक िेती है। इस
प्रकार आनांदी लबगडते काम को बना िे ती है।

प्रश्न 5. आनांदी का चररत्र-लचत्रण कीलजए।


उत्तर: आनांदी एक बडे घर की रूपवान, गुणवान तथा आदशतवादी मलहिा है। यद्यलप वह अपने मायके में
सुि-सुलवधाओां में पिी है, लफर भी वह पररखस्थलतयोां के अनुकूि अपने आपको बदि सकती है। वह अपने
घर की एकता बनाये रिना चाहती है और लबिरते घर को बचा िे ती है। यही उसका बडप्पन है लक
लबगडते काम को बना िेती है।

अलतररक्त प्रश्नः

प्रश्न 6. श्रीकांठ लसांह के स्वभाव के बारे में लिखिए।


उत्तर: श्रीकांठ लसांह बेनीमाधव लसांह के बडे िडके थे। वैद्यक ग्रांथोां पर उनका लवशेष प्रेम था। प्राचीन लहांदू
सभ्यता का गुणगान उनकी धालमतकता का प्रधान अांग था। सांयुक्त पररवार को वे पसांद करते थे। अांग्रेजी पढे
होने के बावजूद भी वे अांग्रेजी सामालजक प्रथाओां के लवशेष प्रेमी नहीां थे। दशहरा के उत्सव में वे बडे उत्साह
से भाग िेते थे।

प्रश्न 7. भूपलसांह का पररचय दीलजए।


उत्तर: भूपलसांह एक छोटी-सी ररयासत के ताल्लुकेदार थे। बडे उदार-लचत्त और प्रलतभाशािी पुरुष थे।
उनको एक भी िडका नहीां था। सात िडलकयाां थी। आनां दी उनकी चौथी िडकी थी। उनका लवशाि भवन
था। एक हाथी, तीन कुत्ते, बाज, बहरी-लशकरे सब थे।

प्रश्न 8.आनांदी का ब्याह श्रीकांठ लसांह के साथ कैसे हो गया?


उत्तर:भूपलसांह अपनी चौथी िडकी आनांदी के लिए लववाह दे ि रहे थे। तभी एक लदन श्रीकांठ लसांह उनके
पास नागरी-प्रचार का चांदे का रूपया मााँगने आये। भूपलसां ह उनके स्वभाव पर रीझ गए और धूमधाम से
श्रीकांठ लसांह का आनांदी के साथ ब्याह हो गया।

III. लनम्नलिखित वाक् लकसने लकससे कहे?

प्रश्न 1.जल्दी से पका दो, मुझे भूि िगी है।


उत्तर:यह वाक् िािलबहारी ने आनांदी से कहा।

प्रश्न 2.“लजसके गुमान पर भूिी हुई हो, उसे भी दे िूगा, और तुम्हें भी।”
उत्तर:यह वाक् िािलबहारी ने आनांदी से कहा।

प्रश्न 3.बेटा, बुखिमान िोग मूरोां की बात पर ध्यान नहीां दे ते।


उत्तर: यह वाक् बेनीमाधव ने श्रीकांठ से कहा।

प्रश्न 4. िािलबहारी को मैं अब अपना भाई नहीां समझता।


उत्तर: यह वाक् श्रीकांठ ने अपने लपता बेनीमाधव लसांह से कहा।
प्रश्न 5. अब मेरा मुाँह नहीां दे िना चाहते, इसलिए अब मैं जाता हाँ।
उत्तर: यह वाक् िािलबहारी ने आनांदी से कहा।

प्रश्न 6. भैया, अब कभी मत कहना लक तुम्हारा मुाँह न दे गा।


उत्तर: यह वाक् िािलबहारी ने श्रीकांठ से कहा।

प्रश्न 7. मुझसे जो कुछ अपराध हुआ िमा करना।


उत्तर: यह वाक् िािलबहारी ने आनांदी से कहा।

अलतररक्त प्रश्नः

प्रश्न 8. “बह-बेलटयोां का यह स्वभाव अच्छा नहीां लक मदो के मुाँह िगे।”


उत्तर: बेनीमाधव लसांह ने श्रीकांठ से कहा।

प्रश्न 9. “िािा बाहर िडे बहुत रो रहे हैं।”


उत्तर: आनांदी ने अपने पलत श्रीकांठ से कहा।

प्रश्न 10.“इतनी गरम क्ोां होती हो, बात तो कहो।”


उत्तर: श्रीकांठ ने यह वाक् आनांदी से कहा।

IV. ससांदभत स्पष्टीकरण कीलजए:

प्रश्न 1. अभी परसोां घी आया है, इतनी जल्दी उठ गया?


उत्तर: प्रसांग : प्रस्तुत गद्याांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘सालहत्य वैभव’ की कहानी ‘बडे घर की बे टी’ से लिया
गया है। इसके िेिक मुांशी प्रे मचन्द हैं।
सांदभत : इस वाक् को दे वर िाि लबहारी अपनी भाभी आनां दी से कहता है।
स्पष्टीकरण : जब िािलबहारी आनन्दी से मााँस पकाने को कहता है तो आनन्दी थोडा ही घी होने के कारण
सारा घी मााँस में िाि दे ती है। जब िािलबहारी आनन्दी से पूछता है लक दाि में घी क्ोां नहीां िािा, तो
आनन्दी कहती है लक सारा घी ित्म हो गया। गुस्से में िािलबहारी आकर कहता है लक अभी परसोां ही घी
िरीदकर िाया था इतनी जल्दी ित्म हो गया?

प्रश्न 2. “स्त्री गालियााँ सह िेती है , मार भी सह िे ती है, पर मैके की लनांदा उनसे नहीां सही जाती।”
उत्तर: प्रसांग : प्रस्तुत गद्याांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘सालहत्य वैभव’ की कहानी ‘बडे घर की बे टी’ से लिया
गया है। इसके िेिक मुांशी प्रे मचन्द हैं।
सांदभत : इस वाक् में िेिक प्रेमचांद आनांदी के बारे में लटप्पणी करते हुए पाठकोां को उसके चररत्र का
पररचय करा रहे हैं।
स्पष्टीकरण : दाि में घी न िािने से तथा घी ित्म हो जाने से िािलबहारी ने गुस्से में भिा-बुरा कहा और
मायकेवािोां के बारे में िरी-िोटी बातें सुनायी। इसी से आनांदी को गुस्सा आ गया। क्ोांलक खस्त्रयााँ सब कुछ
सह सकती है, मार भी िा सकती हैं, पर मायके की लनांदा नहीां सह सकती।
प्रश्न 3. “पर तुमने आजकि घर में यह क्ा उपद्रव मचा रिा है।”
उत्तर: प्रसांग : प्रस्तुत गद्याांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘सालहत्य वैभव’ की कहानी ‘बडे घर की बे टी’ से लिया
गया है। इसके िेिक मुांशी प्रे मचन्द हैं।
सांदभत : इस वाक् को श्रीकांठ अपनी पत्नी आनांदी से कहता है।
स्पष्टीकरण : श्रीकांठ जब शलनवार को घर पहुांचे तो िािलबहारी ने आनांदी के बारे में सबकुछ बता लदया था।
आनांदी के बारे में लशकायतें सुनकर जब श्रीकांठ आनांदी के पास जाता है, तो पूछता है – आजकि यह सब
क्ा हो रहा है? तुमने क्ा उपद्रव मचा रिा है?

प्रश्न 4. “उससे जो कुछ भूि हुई, उसे तुम बडे होकर िमा करो”
उत्तर: प्रसांग : प्रस्तुत गद्याांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘सालहत्य वैभव’ की कहानी ‘बडे घर की बे टी’ से लिया
गया है। इसके िेिक मुांशी प्रे मचन्द हैं।
सांदभत : इस वाक् को लपता बेनीमाधव लसांह अपने बडे पुत्र श्रीकांठ से कहते है।
स्पष्टीकरण : िािलबहारी के हाथोां अपने स्त्री का अपमान होते दे ि श्रीकांठ आपे से बाहर हो जाता है। वह
अपने लपता बेनीमाधव के सामने अपने क्रोध को प्रकट करता है। बेनीमाधव लसांह अनुभवी आदमी थे। वे
इन भावोां को ताडकर अपने बेटे को शाांत करने के उद्दे श्य से बोिते है लक श्रीकांठ को अपने छोटे भाई को
िमा करके अपने बडप्पन का पररचय दे ना चालहए।

प्रश्न 5. “बडे घर की बे लटयााँ ऐसी ही होती हैं। लबगडता हुआ काम बना िे ती हैं।”
उत्तर: प्रसांग : प्रस्तुत गद्याांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘सालहत्य वैभव’ की कहानी ‘बडे घर की बे टी’ से लिया
गया है। इसके िेिक मुांशी प्रे मचन्द हैं। ..
सांदभत : लपता बेनीमाधव लसांह ने अपने पुत्रोां के समि यह वाक् अपनी बह की प्रशांसा करते हुए कहते हैं।
स्पष्टीकरण : श्रीकांठ और िािलबहारी के बीच वाद-लववाद होने से तथा उनकी आपसी नाराजगी के कारण
भाइयोां में प्रेम टू टने तथा घर लबिरने की नौबत आ गई। इससे आनांदी अपने गुस्से को छोडकर,
िािलबहारी को रोक िेती है। सब कुछ ठीक हो जाता है। बडे घर की बेलटयााँ. ऐसे ही लबगडा काम बना
िेती हैं।

अलतररक्त प्रश्नः

प्रश्न 6. “मैके के सामने हम िोगोां को कुछ समझती ही नहीां।”


उत्तर: प्रसांग : प्रस्तुत गद्याांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘सालहत्य वैभव’ की कहानी ‘बडे घर की बे टी’ से लिया
गया है लजसके कहानीकार मुांशी प्रे मचन्द जी हैं।
सांदभत : प्रस्तुत वाक् िािलबहारी लसांह ने श्रीकांठ लसांह से कहा।
स्पष्टीकरण : श्रीकांठ लसांह शलनवार को जब घर आए तो िािलबहारी ने अपनी भाभी की लशकायत करते हुए
कहा लक भैया आप भाभी को जरा समझा दे ना लक मुाँह सां भाि कर बातचीत लकया करें । जब श्रीकांठ लसांह ने
पूछा आखिर बात क्ा हुई है, तब िािलबहारी कहता है- आप ही आप उिझ पडीां। मै के के सामने हम
िोगोां को कुछ समझती ही नहीां। वह बडे घर की बेटी है तो हम भी कोई कुमी कहार नहीां हैं।

प्रश्न 7. “तम्हें मेरी सौगांध, अब एक पग भी आगे न बढाना”


उत्तर: प्रसांग : प्रस्तुत गद्याांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘सालहत्य वैभव’ की कहानी ‘बडे घर की बे टी’ से लिया
गया है लजसके कहानीकार मुांशी प्रे मचन्द जी हैं।
सांदभत : प्रस्तुत वाक् आनांदी िािलबहारी लसांह से कहती है जब िािलबहारी घर छोडकर जा रहा होता है।
स्पष्टीकरण : िािलबहारी ने दे िा लक भैया उस पर क्रोलधत हो गए हैं और वे यह सौगन्ध िा चुके हैं लक अब
वे िािलबहारी का मुाँह तक नहीां दे िना चाहते। तब िािलबहारी को भारी ग्लालन हो आती है। वह अपनी
भाभी से िमा मााँगते हुए कहता है- ‘भाभी, भैया से मे रा प्रणाम कह दो। वह मेरा मुाँह नहीां दे िना चाहते।’
इतना कहकर िौट पडा। आनांदी आगे बढकर उसका हाथ पकड िेती है और कहती है ‘तुम्हें मेरी सौगांध,
अब एक पग भी आगे न बढाना।’

प्रश्न 8. “उन्हें बहुत ग्लालन हो गयी है, ऐसा न हो, कहीां चि दें ।”
उत्तर: प्रसांग : प्रस्तुत गद्याांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘सालहत्य वैभव’ की कहानी ‘बडे घर की बे टी’ । से लिया
गया है लजसके कहानीकार मुांशी प्रे मचन्द जी हैं।
सांदभत : आनांदी के अपमान पर श्रीकांठ लसांह का गु स्सा और प्रण दे िकर िािलबहारी को अपने लकए पर
ग्लालन हो आती है।
स्पष्टीकरण : श्रीकांठ लसांह अपने छोटे भाई द्वारा अपनी पत्नी के अपमान की बातें सुनकर गु स्सा हो जाते हैं।
वे लनणतय िेते हैं लक इस घर में या तो िािलबहारी रहेगा या वे स्वयां। वे अपने लपता से कहते हैं लक अब वे
िािलबहारी का मुाँह तक दे िना नहीां चाहते।
िािलबहारी अपने भाई के इस प्रण को सुनकर द्रलवत हो जाता है और स्वयां घर छोडने का फैसिा करता
है। वह अपनी भाभी से िमा मााँगता हैं। तब आनांदी दौडकर अपने पलत के पास आती है। वह कहती हैं-
‘उन्हें बहुत ग्लालन हो गयी है , ऐसा न हो, कहीां चि दें ।’

V. वाक् शुि कीलजए।

प्रश्न 1. उनकी लपतामह लकसी समय बडे धन-धान्य सम्पन्न थे।


उत्तर: उनके लपतामह लकसी समय बडे धन-धान्य सांपन्न थे ।

प्रश्न 2. स्वयां उनका पत्नी को ही इस लवषय में उनसे लवरोध थी।


उत्तर: स्वयां उनकी पत्नी को ही इस लवषय में उनसे लवरोध था।

प्रश्न 3. आनांदी अपने नये घर में आया।


उत्तर: आनांदी अपने नये घर में आयी।

प्रश्न 4. मुझे जाना दो।


उत्तर: मुझे जाने दो।

VI. कोष्टक में लदये गये उलचत शब्दोां से ररक्त स्थान भररए।

(ऐसी, शलनवार, सांतान, गौरीपुर, हाथी)

प्रश्न 1. इस दरवाजे पर …………. झूमता था।


उत्तर: हाथी

प्रश्न 2. ………… में रामिीिा के वही जन्मदाता थे।


उत्तर: गौरीपु र
प्रश्न 3. सुांदर ………. को कदालचत् उसके माता-लपता भी अलधक चाहते थे।
उत्तर: सांतान

प्रश्न 4. श्रीकांठ लसांह ………… को घर आया करते थे।


उत्तर: शलनवार

प्रश्न 5. बडे घर की बेलटयााँ ………… ही होती हैं।


उत्तर: ऐसी।

VII. अन्य लिांग रूप लिखिए।

प्रश्न 1. ठाकुर, पलत, बेटा, स्त्री, बु खिमान, हाथी, भाई।


उत्तरः ठाकुर – ठकुराइन

• पलत – पत्नी
• बेटा – बेटी
• स्त्री – पुरुष
• बुखिमान – बु खिमती
• हाथी – हलथनी
• भाई – बहन
VIII. अन्य वचन रूप लिखिए।

प्रश्न 1. घर, बेटी, भैंस, स्त्री, आाँ िें, थािी।


उत्तरः घर – घर

• बेटी – बेलटयााँ
• भैंस – भैंसें
• स्त्री – खस्त्रयााँ
• आाँ िें – आाँ ि
• थािी – थालियााँ
मुहावरें ।

• हाथ समेट िेना = िचत कम करना


• हाथ साफ कर िेना = मार िेना, िू टना, मौके का फायदा उठा िेना
• बाट दे िना = इां तजार करना
• मुाँह झुिसना = जिा िेना
• आडे हाथ िेना = िााँ ट-िपट करना।

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