You are on page 1of 5

पाठ - 2 ( दादी माँ )

कार्य पत्रिका अंक - 15

प्रश्न 1. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दो:-

दिन में मैं चादर लेपेटे सोया था । दादी माँ आई ,शायद नहाकर आई थी , उसी

झागवाले जल में । पतले - दब


ु ले स्नेह - सने शरीर पर सफ़ेद किनारीहीन धोती,

सन - से सफ़ेद बालों के सिरों पर टपके हुए जल की शीतलता ।आते ही उन्होंने

सर,पेट छुए। आँचल की गाँठ खोल किसी अदृश्य शक्तिधारी के चबूतरे की मिट्टी

मँह
ु में डाली,माथे पर लगाई । दिन - रात चारपाई के पास बैठी रही , कभी पंखा

झलती , कभी जलते हुए हाथ - पैर कपड़े से सहलाती , सर पर दालचीनी का लेप

करती और बीसों बार छू - छूकर ज्वर का अनुमान करती । हाँडी में पानी आया

कि नहीं ? उसे पीपल की छाल से छौंका कि नहीं ? खिचड़ी में मँग


ू की दाल एकदम

मिल तो गई है ? कोई बीमार के घर में सीधे बाहर से आकर तो नहीं चला गया,

आदि लाखों प्रश्न पछ


ू -पछ
ू कर घरवालों को परे शान कर दे ती ।

प्रश्न 1. इस पाठ के लेखक का नाम लिखो । 1


प्रश्न 2.दादी माँ क्या करके आई थी और कैसी दिख रही थीं ?
1

प्रश्न 3. दादी माँ ने आते ही सबसे पहला कार्य क्या किया ?


1

प्रश्न 4. लेखक को किस चीज का लेप लगाया गया ?


1

प्रश्न 5.गद्यांश को पढ़ कर दिए गए शब्दों का एक-एक पर्यायवाची छाँट कर


लिखो:- 1

बुखार , दिवस

प्रश्न 6. गद्यांश में से कोई एक विलोम शब्द का यग्ु म छाँट कर लिखो ।


1

उत्तर 1. लेखक - शिवप्रसाद सिंह

उत्तर 2. दादी शायद नहाकर आई थी , उसी झागवाले जल में । पतले - दब


ु ले
स्नेह - सने शरीर पर सफ़ेद किनारीहीन धोती, सन - से सफ़ेद बालों के सिरों पर
टपके हुए जल की शीतलता दिख रही थी।

उत्तर 3. दादी माँ ने आते ही लेखक के सर , पेट छुए । आँचल की गाँठ खोल
किसी अदृश्य शक्तिधारी के चबूतरे की मिट्टी मँह
ु में डाली , माथे पर लगाई ।

उत्तर 4. लेखक को सर पर दालचीनी का लेप लगाया गया ।


उत्तर 5. पर्यायवाची :- बख
ु ार - ज्वर , दिवस - दिन ।

उत्तर 6. विलोम :- दिन - रात

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो :-

प्रश्न 1. लेखक के मित्र लेखक को क्या कह कर उसका मज़ाक उड़ाते थे?

उत्तर - लेखक के मित्र लेखक को कमज़ोर और ज़रा-सी प्रतिकूलता से घबराने

वाला कहकर उसका मज़ाक उड़ाते थे।

प्रश्न 2. क्वार के दिनों में सिवान (नाले ) के पानी में क्या-क्या बहकर आता था?

उत्तर-क्वार के दिनों में सिवान (नाले) में साईं और मोथा की अधगली घासे,

घेऊर और बनप्याज की जड़े व नाना प्रकार की घासों के बीज बहकर आते थे।

प्रश्न 3. महामारी और विशूचिका जैसी बीमारियों के दिनों में दादी माँ क्या करती

थी ? 1

उत्तर - वह उन दिनों रोज़ सवेरे उठकर स्नान के बाद लवंग और गुड़-मिश्रित

जलधार , गुग्गल और धूप किया करती थी ।


प्रश्न 4. दादी माँ का व्यवहार कैसा था?

उत्तर - दादी माँ बाहर से कठोर और अंदर से कोमल स्वभाव की थीं। वे स्नेह,

ममता, और त्याग की मर्ति


ू थीं। वह हमेशा दस
ू रों की मदद करती थीं।

प्रश्न 5.दादी माँ किस पर और क्यों बिगड़ रही थीं?

उत्तर - दादी माँ रामी की चाची पर बिगड़ रही थीं क्योंकि रामी की चाची ने जो

कर्ज दादी माँ से लिए था उसका न तो वह सूद दे पा रही थी ना ही मूल।

प्रश्न 6. दादी माँ ने अपने वंश की अंतिम निशानी सोने का कंगन अपने बेटे को

क्यों दिया ?

उत्तर-घर की आर्थिक स्थिति खराब थी। उनकी परे शानी दादी माँ से दे खी नहीं

गई, तो उन्होंने सोचा कि यह कंगन ही इस समय इन्हें दख


ु ों से छुटकारा दिला

सकता है । वे कंगन को बेचकर कर्ज से मुक्ति पा सकते हैं। इसलिए दादी माँ ने

अपने कंगन अपने बेटे को दिया।


प्रश्न 7. रामी की चाची दादी माँ को क्या आशीर्वाद दे रही थी?

उत्तर-रामी की चाची दादी माँ को ‘पत


ू ो फलो दध
ू ो नहाओ’ का आशीर्वाद दे रही

थीं, क्योंकि उन्होंने उनका सारा ऋण माफ़ कर दिया था। ब्याज के रुपये भी उसे

छोड़ दिए। इसके अलावे उन्होंने उसकी बेटी की शादी के लिए दस रुपए की

सहायता भी दी, भी कहा कि वह उनकी बेटी जैसी है । इसलिए उसके शादी में दस-

पाँच रुपये की कमी नहीं रहनी चाहिए।

You might also like