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बिहार का आधुबिक इबिहास Edusol

आधु बिक बिहार का इबिहास: यू रोपीय व्यापाररक • 1765 ई. में शाह आिम बिर्ीय ने बिहार, िं गाि र्
कं पबियों की गबिबिबधयााँ उड़ीसा के क्षे त्रों में दीर्ानी (िगान-र्सू िी) का
• बिहार के क्षे त्र में सर्व प्र थम पू ित गाली आए थे । अबधकार ईस्ट इं बडया कं पनी को प्रदान बकया।
• बिहार शोरा व्यापार के बिए प्रबसद्ध था, बिसपर डच • िं गाि एर्ं बिहार के क्षे त्र में द्वै ध शासि 1765 में
व्यापाररयों का प्रभु त्र् था। र्र्व मान पटना कािे ि की िागू बकया गया। इस समय बिहार का प्रशासन बमिाव
उत्तरी इमारर् में 1632 ई. में डच फै क्ट्री स्थाबपर् मोहम्मद किीम खां था र्था उपसु िे दार धीरि
थी। नारायण था।
• शोरा के व्यापार से िाभ उठाने के बिए अं ग्रे िों ने • 1766 ई. में पटना बस्थर् अं ग्रे िों की फै क्ट्री
1620 ई. में पटना के आिमगं ि में अपनी प्रथम (व्यापाररक कें द्र) के मु ख्य अबधकारी बमडलटि को
फै क्ट्री स्थाबपर् की। र्त्कािीन बिहार के सु िे दार रािा धीरि नारायण और रािा बशर्ाि राय के साथ
‘मु िारक खान’ ने अं ग्रे िों के रहने की व्यर्स्था एक प्रशासन मं ड िी का सदस्य बनयु क्त बकया गया।
कराई, िे बकन 1621 ई. में यह फै क्ट्री िं द हो गई। • 1770 ई. में बिहार में शीषण अकाि पड़ा। पटना,
• 1664 ई. में जाि चािात क को पटना फै क्ट्री का भागिपु र और दरभं गा बििों में अकाि का प्रकोप
प्रधान िनाया गया िो इस पद पर 1680-81 र्क सिसे अबधक रहा।
िना रहा। • 1770 ई. में बिहार के बिए पटना में एक लगाि
• 1680 ई. में बिहार के सु िे दार शाइस्र्ा खां ने अं ग्रे िों पररषद का गठन बकया गया। इसका अध्यक्ष जे म्स
की कं पनी के व्यापार पर 3.5 % कर िगा बदया था। अले क्ट्जैं ड र था और इसके सदस्य थे - रािटव पाल्क
• 1707 ई. में मु ग ि िादशाह औरं ग िे ि की मृ त्यु के एर्ं िािव र्ै न बसटाटव ।
साथ ही अं ग्रे िों की व्यापाररक गबर्बर्बधयों में • िगान र्सू िी का कायव अि िगान पररषद िारा दे खा
रूकार्ट आ गई। 1713 ई. में पटना फै क्ट्री को िं द िाने िगा, ििबक बशर्ाि राय के अधीन बनिामर्
कर बदया गया। (सामान्य प्रशासन)के कायव रहे ।
• 1717 ई. में फर्रत खबसयर ने अं ग्रे िों को बिहार एर्ं • 1774 ई. के रे ग्यू िे बटं ग एक्ट्ट पाररर् होने के िाद
िं गाि में व्यापार करने की पु नः स्र्र्ं त्र र्ा प्रदान कर बनरीक्षक और बिहार पररषद दोनों को समाप्त कर
दी। बिहार के बिए एक प्ां िीय सभा का गठन बकया
• 23 िू न , 1757 ई. को प्लासी के यु द्ध के पश्चार् गया।
िाडव क्ट्िाइर् ने मीर िाफर को िं गाि का नर्ाि • 1790 ई. र्क अं ग्रे िों ने बिहार में फौिदारी प्रशासन
बनयु क्त बकया और उसके पु त्र मीरि को बिहार का उप को भी अपने बनयं त्र ण में िे बिया। पटना के प्रथम
नर्ाि बनयु क्त बकया। िे बकन बिहार में र्ास्र्बर्क सत्ता अं ग्रे ि मबिस्रे ट के पद पर चाल्र्स फ्ां बसस ग्ां ड की
बिहार के नायि नाबिम राजा रामिारायण के हाथों बनयु बक्त हु ई ।
में थी।
• 1760 ई. में अली गौहर ने पटना पर घे रा डािा था, आधु बिक बिहार का इबिहास: िहािी आन्दोलि
बिसे कै प्टन नाक्ट्स के ने र्ृ त्र् में अं ग्रे िी से ना ने मार
भगाया। • भारर् में र्हािी आं दोिन के प्रर्र्व क रायिरे िी
• मु ग ि सम्राट आिमगीर बिर्ीय की मृ त्यु के िाद (उ.प्र.) के सै य द अहमद िरे ि र्ी थे , िो 1821 में
अिी गौहर का पटना में अं ग्रे िों की फै क्ट्री में पटना आए थे । पटना में साबदकपु र एर्ं ननमोबहया
राज्याबभषे क बकया गया। मोहल्िे के फर्ह अिी एर्ं इिाही िख्श के पररर्ार
ने उनके बर्चारों को स्र्ीकार बकया। पटना में ही प्रथम
• अं ग्रे िों के हस्र्क्षे प से मु क्त रहने के उद्दे श्य से िं गाि
िार इसका एक सां ग ठबनक आधार र्ै यार करने का
के नर्ाि मीर काबसम ने अपनी रािधानी मु बशव दािाद
प्रयास बकया गया। मोहम्मद हु सै न को खिीफा बनयु क्त
से हटाकर मंु गे र में स्थाबपर् की थी।
बकया गया। इस प्रकार र्हािी आं दोिन के बिए
• 1764 ई. में िक्ट्सर का यु द्ध हु आ । इस यु द्ध में पटना सदै र् एक महत्त्र् पू णव कें द्र रहा।
िं गाि के नर्ाि मीर काबसम, अर्ध के नर्ाि
• बिहार में र्हािी आं दोिन का दमन 1863
शु िाउद्दौिा र्था मु ग ि सम्राट शाह आिम बिर्ीय
के अम्िे ला अबभयाि के पश्चार्् हु आ । 1865 में
की सं यु क्त से ना को सर हे क्ट्ट र मु न रो के ने र्ृ त्र् में
पटना में र्हाबियों पर रािद्रोह के मु क दमें चिाए
अं ग्रे िों की से ना ने पराबिर् बकया।
गए। बिहार से अहमदु ल्िाह, अब्दु र रहीम आबद को
बिहार का आधुबिक इबिहास Edusol
आिीर्न कारार्ास की सिा दे क र कािापानी • कंु र्र बसं ह के िाद सं घ षव का क्रम उनके भाई अमर
(अं ड मान िीप) भे ि बदया गया। बसं ह ने आगे िढ़ाया। शाहािाद क्षे त्र में उनका बनयं त्र ण
• र्हािी आं दोिन का बिहार में प्रमु ख ने र्ा मौलिी िना रहा। नर्म्िर, 1858 र्क इस क्षे त्र पर अं ग्रे िों
बिलायि अली थे । इस आं दोिन के अं र् गव र् सै य द का अबधकार पु नः स्थाबपर् नहीं हो सका।
अहमद िरे ि र्ी िारा पटना में बनम्नबिबखर् चार • गया र्था समीपर्र्ी क्षे त्रों नर्ादा, िहानािाद,
खिीफा बनयु क्त बकए गए थे - बर्िायर् अिी, इनायर् रािगीर, अमरथू आबद में 1857 के बर्द्रोह का ने र्ृ त्र्
अिी, शाह मोहम्मद हु सै न और फरहार् हु सै न । है द र अिी खां , मे हं दी अिी खां , अहमद खां , गु िाम
• आधु बिक बिहार का इबिहास: आरबम्भक अिी खां , हु सै न िख्श खां , हक्ट्कू बसं ह , नन्हकू बसं ह ,
बिद्रोह- बिहार में 1857 की क्ां बि फर्ह बसं ह आबद ने बकया था।
• सं थाल बिद्रोह के दो प्रमु ख ने र्ा चां द और भै र र् • छपरा में 1857 के बर्द्रोह का ने र्ृ त्र् मोहम्मद हु सै न
भागिपु र के समीप यु द्ध में शहीद हु ए थे । खां ने बकया।
• 1857 के स्र्र्ं त्र र्ा सं ग्राम का प्रारम्भ पटना बसटी में • बिहार में 1857 ई. के बर्द्रोह के प्रमु ख कें द्र थे -
गु र हट्टा मोहल्िे के एक पु स्र्क बर्क्रे र्ा पीर अली के दानापु र , सारण, बर्रहु र् , चम्पारण, शाहािाद,
ने र्ृ त्र् में 3 िु िाई, 1857 को हु आ । इस बर्द्रोह में मु ि फ्फरपु र , भागिपु र , गया, रोहर्ास, सहसराम,
बिहार में अफीम व्यापार का एिें ट िायि अपने रािगीर, बिहार शरीफ आबद।
सै बनकों सबहर् मारा गया। • 30 िु िाई, 1857 में को बिबटश सरकार ने सारण,
• कबमश्नर टे ल र ने पटना बसटी के बर्द्रोह का बर्रहु र् , चम्पारण और पटना बििों में सै बनक शासन
ििपू र्व क दमन बकया। पीर अिी के घर को पू णव र्ः िागू बकया था।
नष्ट कर बदया गया, 17 व्यबक्तयों को फां सी की सिा • अगस्र्, 1857 में भागिपु र में बर्द्रोह भड़क उठा
दी गई र्था खािे क िां थाना के दरोगा को बस्थबर् की र्था बर्द्रोबहयों ने गया पहुं च कर र्हां कै द 400 िोगों
पू र्व सू च ना नहीं दे ने के आरोप में स्थानां र् ररर् कर को मु क्त करा बदया। इसके अबर्ररक्त बटकरी राि पर
बदया गया। भी हमिा हु आ और र्हां से 10,000 रूपए िू ट
• 25 िु िाई, 1857 को मु ि फ्फरपु र में कु छ अं ग्रे ि बिए गए।
अबधकाररयों की असं र्ु ष्ट सै बनकों ने हत्या कर दी। इस
बदन दानापु र में र्ीन रे िीमें टो सार्र्ीं, आठर्ीं र्था आधु बिक बिहार का इबिहास: िं ग भं ग एिं स्िदे शी
चािीसर्ीं का सै बनक बर्द्रोह हु आ । ये आं दोलि
रे िीमें ट जगदीशपु र के जमींदार कुं िर बसं ह से बमि • बिहार में िं ग भं ग आं दोिन के दौरान 16 अक्ट्टु ि र,
गई र्था इनके सहयोग से कंु र्र बसं ह ने आरा नगर 1905 को सर्ीशचं द्र चक्रर्र्ी की प्रे र णा से राखी
की कचहरी और रािकोष पर अबधकार कर बिया। िं ध न बदर्स मनाया गया।
• आरा को मु क्त कराने के उद्दे श्य से दानापु र से • बिहार में र्रूण स्र्दे शी आं दोिन से प्रभाबर्र् होकर
आया कै प्टि डििर सं घ षव में मारा गया। 1906 में बिहारी स्टु डें ट कां फ्े स की स्थापना की गई
• 2 अगस्र्, 1857 ई. को कंु र्र बसं ह एर्ं मे ज र थी।
आयर की से नाओ ं के िीच िीिीगं ि के बनकट
भयं क र सं घ षव हु आ , बिसमें कंु र्र बसं ह के ने र्ृ त्र् में आधु बिक बिहार का इबिहास: क्ां बिकारी आन्दोलि
बर्द्रोबहयों को आरा छोड़ना पड़ा। • 1906-07 में िािािी ठाकु रदास ने पटना
• बदसम्िर, 1857 में कंु र्र बसं ह ने रीर्ा में नाना साहि में रामकृ ष्ण सोसाइटी की स्थापना की र्था
के साथ बमिकर अं ग्रे िों से यु द्ध बकया। र्त्पश्चार्् क्रां बर्कारी बर्चारों के प्रचार के बिए ‘द
उन्होंने आिमगढ़ (उ.प्र.) में अं ग्रे िों को पराबिर् मदरलैं ड ’ पत्र का प्रकाशन प्रारं भ बकया।
बकया। • 30 अप्रै ि , 1908 को मु ि फ्फरपु र के प्रमु ख र्कीि
• िबिया (उ.प्र.) के समीप अं ग्रे िों के साथ यु द्ध में बप्रं ग्िे के ने डी की गाड़ी पर खु दीराम िोस िथा
बर्ियी होने के िाद िगदीशपु र की ओर िौटने के प्फु ल्ल चाकी िारा िि डी.एच. बकं ग्स फोडव की
प्रयास में कंु र्र बसं ह ने 23 अप्रै ि , 1858 को कै प्टि हत्या के उद्दे श्य से िम फें का गया। इसमें श्रीमर्ी
ली ग्ां ड के ने र्ृ त्र् र्ािी बिबटश से ना को िु री र्रह के ने डी र्था उनकी पु त्री की मृ त्यु हो गई।
पराबिर् बकया। िे बकन कंु र्र बसं ह इस यु द्ध में घायि
हो गए और दो बदन पश्चार् उनकी मृ त्यु हो गई।
बिहार का आधुबिक इबिहास Edusol
• प्रफु ल्ि चं द चाकी ने 2 मई, 1908 को आत्महत्या • बिहार से मिहरूि हक और सबचचदानं द बसन्हा
कर िी। 1914 में कां ग्रे स िारा बिटे न भे िे िाने र्ािे
• खु दी राम िोस पर मु क दमा चिाया गया और उन्हें बशष्टमं ड ि के सदस्य चु ने गए थे ।
फां सी दे दी गई। इस मु क दमें में कािीदास िसु िोस • सर शं क रण नायर िारा के न्द्रीय बर्धाबयका पररषद में
के र्कीि थे । पटना बर्श्वबर्द्यािय बर्धे य क 1916 में प्रस्र्ु र् बकया
• 1907 में शां बर् नारायण ने ‘स्िराज’ नामक एक गया था।
समाचार पत्र बनकािा बिसमें मु ि फ्फरपु र िम कां ड • 1916 ई. में पटिा उचच न्यायालय िथा 1917 ई.
का बिक्र था और इसके बिए शां बर् नारायण को िं िी में पटिा बिश्वबिद्यालय की स्थापना हु ई ।
कै द हु ई । • 1918 में अं ग्रे ि सरकार ने मु ि फ्फरपु र के रत्नाकर
प्रे स से मु बद्रर् पु स्र्क ‘मां की पु कार’ र्था 12 िु िाई,
आधु बिक बिहार का इबिहास: अलग प्ान्ि में सृ ज ि 1919 को प्रकाबशर् कबर्र्ा ‘खू नी कफन’ िब्र् कर
िी थी।
• 1906 में सबचचदािं द और महे श िारायण के िारा • 16 बदसम्िर, 1916 ई. को िां कीपु र (पटना) की
पृ थ क बिहार की मां ग के समथव न में एक पु बस्र्का सभा में बिहार में पहली होमर्रल लीग की स्थापना
प्रस्र्ु र् की गई। हु ई थी, इसके अध्यक्ष मिहरूि हक, उपाध्यक्ष
• रािें द्र प्रसाद के िारा 1906 ई. में पटना में बिहारी सरफराि हु सै न र्था मं त्री चं द्र र्ं शी सहाय थे ।
छात्र सम्मे ि न का आयोिन हु आ र्था ‘बिहार • श्रीमर्ी एनी िे सें ट ने होमरूि िीग के कायव क िापों
स्टू डे ण्ट्स कान्फ्ें स’ गबठर् की गई। के बसिबसिे में दो िार (18 अप्रै ि , 1918 र्था 25
• बिहार प्ादे बशक सम्मे ल ि का प्रथम अबधर्े श न िु िाई, 1918) पटना का दौरा बकया।
पटना में 1908 ई. सम्पन्न हु आ । इस अबधर्े श न में
मोहम्मद फखरूद्दीन ने बिहार को िं गाि से पृ थ क कर आधु बिक बिहार का इबिहास: बिहार में चं पारण
एक नए प्रां र् के रूप में सं ग बठर् करने का प्रस्र्ार् आन्दोलि
रखा, बिसे सर्व स म्मबर् से मान बिया गया।
• 12 बदसम्िर, 1911 को बदल्िी में आयोबिर् शाही • कनव ि बहक्ट्की ने िारा में 1813 में नीि की कोठी
दरिार में बिहार और उड़ीसा के क्षे त्रों को िं गाि से खोिी थी िो िाद में अन्य िगहों पर भी खोिी गई।
पृ थ क कर एक िए प्ां ि में सं ग बठर् करने की घोषणा • यू रोपीय बनिहे उत्तर बिहार में दो प्रकार से िील की
साम्राज्ञी िारा की गई। नया प्रां र् 1 अप्रै ि , 1912 को खे िी करर्े थे - जीराि एिं आसामीिार।
बर्बधर्र् स्थाबपर् हो गया।
• िीरार् के अं र् गव र् अं ग्रे ि अपनी दे ख -रे ख में हि-िै ि
की सहायर्ा से नीि की खे र्ी करार्े थे ।
आधु बिक बिहार का इबिहास: स्ििं त्र िा आन्दोलि
• नीि की आसामीर्ार खे र्ी के र्ीन र्रीके
थे - कु रिौली, खु श्की और िीिकबठया। कु रर्ौिी
• 1908 ई. में नर्ाि सरफराि हु सै न खां की अध्यक्षर्ा
में आसामी का खे र् र् घर दीघव काि के बिए िं ध क
में बिहार में कां ग्रे बसयों की एक सभा का आयोिन
रखा िार्ा था। खु श्की में कोटी की रै य र् न होने र्ािों
हु आ । इसमें बिहार प्दे श कां ग्े स कमे टी का
के साथ पट्टा बकया िार्ा था। र्ीनकबठया में आसामी
गठि हु आ र्था इसका प्रथम अध्यक्ष हसन इमाम
अपने खे र् में प्रबर् िीघा र्ीन कठ्ठे के बहसाि से नीि
को िनाया गया। इसके कोषाध्यक्ष सबचचदानं द बसन्हा
की खे र्ी करर्ा था।
थे ।
• कु रर्ौिी पद्धबर् में बकसानों का सिसे अबधक शोषण
• िािू दीपनारायण बसं ह के प्रयत्नों से बिहार कां ग्रे स
होर्ा था।
कमें टी का दू स रा सम्मे ि न भागिपु र में सबचचदानं द
बसन्हा की अध्यक्षर्ा में 1909 में सम्पन्न हु आ । • बहन्दु पै बरयाट के सं पादक हरीशचं द्र मु क िी ने
बकसानों का पक्ष बिया बिसका बिहार, िं गाि के
• 1912 ई. में पटना में कां ग्े स का 27िां
बकसानों पर व्यापक प्रभार् पड़ा।
सम्मे ल ि आयोबिर् हु आ । इसके अध्यक्ष
आर.एन.मु धोिकर थे , ििबक महामं त्री सबचचदानं द • दीन िं धु बमत्र ने अपने िं ग िा नाटक िील दपत ण में
बसन्हा और स्र्ागर् सबमबर् के अध्यक्ष मिहरूि हक नीि उत्पादन की शोषणकारी व्यर्स्था का 1860 में
थे । सिीर् बचत्रण बकया।
बिहार का आधुबिक इबिहास Edusol
• 1916 में िखनऊ में आयोबिर् भारर्ीय राष्ट्रीय • प्रथम बर्श्व यु द्ध की समाबप्त पर 16 फरर्री, 1919
कां ग्रे स के 31र्ें अबधर्े श न में बिहार से सं िं बधर् दो को पटना में हसन इमाम की अध्यक्षर्ा में एक सभा
प्रस्र्ार्ों को प्रस्र्ु र् बकया गया- (1) पटना हु ई , बिसमें खिीफा के प्रबर् बमत्र दे शों िारा उबचर्
बर्श्वबर्द्यािय बर्धे य क (2) चम्पारण के बकसानों से व्यर्हार के बिए िोकमर् िनाने की िार् कही गई।
सं िं बधर् प्रस्र्ार्। • अप्रै ि , 1919 में बखिाफर् आं दोिन के प्रमु ख ने र्ा
• बदसम्िर, 1916 ई. के िखनऊ कां ग्रे स अबधर्े श न में मौिाना शौकर् अिी पटना आए।
बिहार के राजकु मार शु क्ट्ल ने महात्मा गां धी को • बखिाफर् बदर्स 1 अगस्र् 1920 के अर्सर पर
चम्पारण आने का बनमं त्र ण बदया। बिहार में नु रू ि हसन ने प्रां र्ीय बर्धान पररषद की
• 1916 ई. के कां ग्रे स के िखनऊ अबधर्े श न में िि सदस्यर्ा से त्याग पत्र दे बदया। मंु गे र के र्कीि
बकशोर प्रसाद ने एक प्रस्र्ार् प्रस्र्ु र् बकया, बिसमें मोहम्मद िु िै र ने अपनी र्कािर् छोड़ दी।
इन समस्याओ ं के बनदान के बिए एक सबमबर् के
गठन की िार् कही गई थी। आधु बिक बिहार का इबिहास: असहयोग आन्दोलि
• अप्रै ि , 1917 ई. में महात्मा गां धी पटना और
मु ि फ्फरपु र होर्े हु ए चम्पारण पहुं चे । • बिहार प्रार्ीय सम्मे ि न के 12र्ें अबधर्े श न की
• गां धीिी चम्पारण आए और 1917 में उन्होंने अध्यक्षर्ा रािे न्द्र प्रसाद ने की र्था असहयोग पर
सत्याग्रह का प्रथम प्रयोग बकया। चम्पारण िि बदया।
सत्याग्ह र्ीन कबठया नीि व्यर्स्था के बर्रूद्ध था। • असहयोग सं िं धी प्रस्र्ार् दरभं गा के धरणीधर ने
• चम्पारण के बििा मबिस्रे ट डब्ल्यू . िी. हाडकाक ने प्रस्र्ु र् बकया।
16 अप्रै ि , 1917 को गां धी को चम्पारण छोड़ दे ने • बिहार में असहयोग आं दोिन के ने र्ा डा0 रािे न्द्र
का आदे श बदया था। प्रसाद थे ।
• बिहार के उपराज्यपाि एडर्डव गे ट ने गां धीिी को • 15-16 मई, 1919 को फु िर्ारी शरीफ (पटना) में
र्ार्ाव के बिए िु िाया और बकसानों की समस्या की मु बस्िम उिे माओ ं का सम्मे ि न हु आ , बिसमें सरकार
िां च के बिए एक सबमबर् के गठन का प्रस्र्ार् रखा से असहयोग का प्रस्र्ार् पाररर् हु आ ।
िो ‘चम्पारण एग्े रे ररयि सबमबि’ कहिाई। महात्मा • बिहार राष्रीय महाबिद्यालय की स्थापना 5
गााँ धी भी इस सबमबर् के सदस्य थे । इस सबमबर् के िनर्री, 1921 ई. को हु ई , ििबक इसका उद्घाटन
अध्यक्ष एफ.िी. स्िाई थे । महात्मा गां धी ने 6 फरर्री, 1921 ई. को बकया। इसी
• चम्पारण आं दोिन में महात्मा गां धी के अन्य सहयोगी बदन ही बिहार बर्द्यापीठ का भी उद्घाटन हु आ ।
थे - रािें द्र प्रसाद, ििबकशोर प्रसाद, धरणीधर, • राष्ट्रीय महाबर्द्यािय के प्राचायव डॉ रािे न्द्र प्रसाद थे ,
अनु ग्र ह नारायण बसं ह , महादे र् दे साई, नरहरर पाररख, ििबक बर्द्यापीठ के कु िाबधपबर् मिहरूि हक और
िे . िी. कृ पिानी आबद थे । कु िपबर् ििबकशोर प्रसाद िने ।
• िू न , 1919 ई. में मधु ि नी बििे के बकसानों को • असहयोग आं दोिन के क्रम में मिहरूि हक, रािें द्र
स्र्ामी बर्द्यानं द (बर्शु भ रण) ने दरभं गा राि के प्रसाद, ििबकशोर प्रसाद, मोहम्मद शफी आबद
बर्रूद्ध सं ग बठर् बकया। िगान गु माश्र्ों के अत्याचार ने र्ाओ ं ने बर्धाबयका के चु नार् से अपनी उम्मीदर्ारी
का बर्रोध र्था िं ग ि से फि एर्ं िकड़ी प्राप्त करने र्ापस िी थी।
के अबधकार की प्रस्र्ु बर् इस आं दोिन की बर्शे ष र्ा
• 1920 के मध्य में शाहािाद के डु मरां र्
थी।
में िशािं दी आं दोिन चिाया गया।
आधु बिक बिहार का इबिहास: बखलाफि आन्दोलि • भागिपु र में शराििं दी आं दोिन शु रू बकया गया
था।
• प्रथम बर्श्व यु द्ध आरं भ होने पर कु छ भारर्ीय • मिहरूि हक ने दीघा (पटना) के पास अपने बमत्र
मु स िमानों ने र्ु की की ओर से अं ग्रे िों बर्रूद्ध यु द्ध में खै रू बमयां की िमीन पर सदाकि आश्रम का
भाग िे ने की योिना भी िनाई थी। इस योिना में बनमाव ण बकया। यह स्थान बिहार में राष्ट्रीय आं दोिन
बिहार के कु छ मु बस्िम भी शाबमि थे , बिसमें र्हािी का मु ख्यािय िना र्था कािां र् र में बिहार प्रदे श
ने र्ा मौिर्ी अब्दु ि रहीम प्रमु ख थे । कां ग्रे स कमे टी का कायाव ि य िना।
बिहार का आधुबिक इबिहास Edusol
• 30 बसर्म्िर, 1921 को मिहरूि हक ने सदाकर् एक िु झारू कायव क्र म स्र्ीकार बकया था र्था
आश्रम से ‘बद मदरलैं ड ’ नामक एक अखिार िमींदारी प्रथा हटाने का प्रस्र्ार् स्र्ीकृ र् हु आ ।
प्रकाबशर् करना आरं भ बकया बिसका उद्दे श्य राष्ट्रीय • मंु गे र बििा के िड़बहया में कायाव न न्द शमाव ने बकसान
भार्ना का प्रसार, असहयोग कायव क्र म का प्रचार और आं दोिन चिाया।
बहं दू - मु बस्िम एकर्ा का उपदे श दे ना था। • 1936 ई. में अबखल भारिीय बकसाि सभा का
• 1919 के एक्ट्ट के प्रार्धानों के अनु रू प सत्ये द्र प्रसाद गठन हु आ । इसके अध्यक्ष स्र्ामी सहिानं द सरस्र्र्ी
बसन्हा बिहार के गर्नव र िने । इस पद पर र्ह पहिे और महासबचर् प्रोफे सर एन.िी. रं गा थे ।
भारर्ीय थे । • 1935 ई. में बिहार प्रां र्ीय बकसान सभा ने िमींदारी
• 1922 ई. में दे श िन्धु बचर्रं ि न दास की अध्यक्षर्ा उन्मू ि न का प्रस्र्ार् पाररर् बकया था।
में कां ग्े स का 37िां अबधिे श ि बिहार के गया में • नर्म्िर, 1936 में कायाव नं द शमाव के ने र्ृ त्र् में मंु गे र
हु आ । बििे के ‘िड़बहया र्ाि’ में बिहार प्रां र्ीय बकसान
• फरर्री, 1923 में बिहार में स्िराज्य दल का गठन सभा ने िमींदारी उत्पीड़न के बर्रूद्ध सं घ षव बकया था।
हु आ । बिहार में इसके ने र्ा अनु ग्र ह नारायण बसं ह थे । • दरभं गा के क्षे त्रों में र् सारण के बकसानों का ने र्ृ त्र्
• बिहार में स्र्राि पाटी को 12 में से 8 सीटें बमिी। यमु ना काय्र्यी ने बकया था, ििबक अन्नर्ारी क्षे त्र में
• 27 नर्म्िर, 1921 को बिहार प्रां र्ीय कां ग्रे स कमे टी बकसानों के ने र्ा राहु ि सां कृ त्यान थे ।
िारा बिहार कौमी से ि क दल का गठन बकया गया।
इसका मु ख्यािय मु ि फ्फरपु र में था। आधु बिक बिहार का इबिहास: साइमि कमीशि का
बिरोध
• भागलपु र झं डा कां ड - फरर्री 1922
• गां धी िी की एक िार पु नः बिहार यात्रा 1925 में
• बिहार में साइमन कमीशन के आगमन का बर्रोध
हु ई । इस दौरान उन्होंने िीरादे ई को र्ीथव स्थान की
करने र्ािों में सर अिी इमाम एर्ं सबचचदानं द प्रमु ख
सं ज्ञा दी। दरभं गा को आधु बनक र्ीथव स्थान कहा।
ने र्ा थे ।

• बिहार में र्षव 1929 में बिदे शी िस्त्र िबहष्कार
आधु बिक बिहार का इबिहास: कृ षक आन्दोलि
आं दोलि के प्रमु ख ने र्ा डा0 रािे न्द्र प्रसाद थे ।
• 10 अगस्र्, 1929 को बिहार में रािनै बर्क पीबड़र्
• मंु गे र में 1922-23 में बकसाि सभा का गठन शाह
बदर्स मनाया गया।
मोहम्मद िु िै र और श्री कृ ष्ट्ण बसं ह िारा बकया गया।
• 28र्ां बिहार प्रां र्ीय सम्मे ि न 1929 में मंु गे र
• स्र्ामी सहिानं द सरस्र्र्ी ने भू बमहार िाह्मणों को
में आयोबिर् बकया गया बिसमें िल्िभ भाई पटे ि
सं ग बठर् करने हे र्ु पटना के समीप बिहटा में आश्रम
सबम्मबिर् हु ए ।
की स्थापना की थी।
• बिहार यु र् क सं घ की स्थापना 1928 में की गई।
• 1929 ई. में स्र्ामी सहिानं द सरस्र्र्ी ने बिहार
इसकी स्थापना बिहारी छात्र सम्मे ि न (मोबर्हारी) में
प्ां िीय बकसाि सभा की स्थापना सोनपु र में की थी।
की गई। इस सम्मे ि न की अध्यक्षर्ा प्रिापबर् बमश्र ने
इसके सबचर् श्री कृ ष्ट्ण बसं ह थे ।
की र्था 14 अप्रै ि को प्रथम नौिर्ान बदर्स मनाने
• इसे बिहार के गां र्ों में फै िाने में उन्हें कायाव नं द शमाव , की घोषणा की गई।
राहु ि सां कृ त्यान, पं चानन शमाव , यदु नं द न शमाव आबद
र्ामपं थी ने र्ाओ ं का सहयोग बमिा। आधु बिक बिहार का इबिहास: सबििय अिज्ञा आं दोलि
• दरभं गा में बकसान आं दोिन के ने र्ा कायाव नं द थे ।
• बिहार प्रां र्ीय बकसान सभा का दू स रा सम्मे ि न गया • बिहार में 6 अप्रै ि , 1930 ई. को नमक सत्याग्रह
में आयोबिर् बकया गया बिसकी अध्यक्षर्ा शु रू करने की बर्बथ बनबश्चर् की गई र्था रािें द्र प्रसाद
पु रू षोत्तम दास टं ड न ने बकया। ने आं दोिन की रूपरे खा र्ै यार की। सर्व प्र थम
• 1933 ई. में स्र्ामी सहिानं द िारा बिहार प्रां र्ीय चम्पारण एर्ं सारण में िमक सत्याग्ह की शु रू आर्
बकसान सभा के आं दोिन को पु नः सबक्रय बकया हु ई ।
गया। अपने र्ीसरे हािीपु र सम्मे ि न में इस सभा ने
बिहार का आधुबिक इबिहास Edusol
• आधु बनक बिहार के सारण बििे के िे र िा, गोररया डा0 रािे न्द्र प्रसाद ने दीपनारायण बसं ह को अपना
कोठी एर्ं हािीपु र में क्रमशः 6,7 एर्ं 8 अप्रै ि को उत्तराबधकारी बनयु क्त बकया।
नमक सत्याग्रह आरम्भ हु आ । • 1931 ई. में गं गाशरण बसन्हा, रामर्ृ क्ष िे नीपु री और
• मु ि फ्फरपु र में 7 अप्रै ि को र्था चम्पारण बििे के रामानं द बमश्रा आबद ने बिहार सोशबलस्ट पाटी का
कई स्थानों पर 15 अप्रै ि को नमक कानू न भं ग हु आ । गठन बकया।
मु ि फ्फरपु र में नमक सत्याग्रह के ने र्ा थे रामदयािु • बिहार में अष्ट्पृ श्यर्ा बनर्ारण हे र्ु 1932 में बिहार
बसं ह थे । प्रां र्ीय िोडव की स्थापना की गई।
• पटना में 16 अप्रै ि , 1930 ई. को नमक सत्याग्रह • 1934 ई. में पटना के अं िु म न इस्िाबमया हॉि में
शु रू हु आ र्था नखसबपं ड नामक स्थान नमक कानू न बिहार सोशबिस्ट पाटी की औपचाररक स्थापना हु ई ।
भं ग करने के बिए चु ना गया। इसके अध्यक्ष आचायव नरे न्द्र दे र् और सबचर्
• पटना में अं बिका कां र् बसं ह ने सत्याग्रबहयों के ित्थे ियप्रकाश नारायण थे ।
का ने र्ृ त्र् बकया। इस आं दोिन में रामर्ृ क्ष िे नीपु री • बिहार सोशबिस्ट पाटी के अन्य सदस्य थे - रामर्ृ क्ष
को भी बगरफ्र्ार बकया गया था। िे नीपु री, गं गाशरण बसन्हा, योगे न्द्र शु क्ट्ि , अब्दु ि
• दरभं गा में नमक सत्याग्रह का ने र्ृ त्र् सत्य नारायण िारी, कपवू री ठाकु र, िसार्न बसं ह आबद। इस सं ग ठन
बसं ह ने बकया। का र्ािमे ि कां ग्रे स सोशबिस्ट पाटी से था।
• मंु गे र में नमक सत्याग्रह का ने र्ृ त्र् श्री कृ ष्ट्ण बसं ह ने • भारर् सरकार अबधबनयम, 1935 के र्हर् 1937 ई.
बकया। के चु नार्ों में कां ग्रे स को बिहार में पू णव िहु म र् प्राप्त
हु आ । कु ि 152 स्थानों में 107 पर कां ग्रे स ने चु नार्
• सबर्नय अर्ज्ञा आं दोिन के कायव क्र मों के र्हर् मई,
िड़ा और 98 स्थानों पर उसे बर्िय प्राप्त हु ई ।
1930 ई. में पटना में एक स्र्दे शी सं घ की स्थापना
हु ई बिसके अध्यक्ष सर अिी ईमाम थे । • 24 माचव , 1937 को बिहार के र्ात्काबिक राज्यपाि
एम.िी. है िे ट ने कां ग्रे स बर्धाबयका दि के ने र्ा
• इस आं दोिन के प्रभार् में छपरा िे ि के कै बदयों ने
श्रीकृ ष्ट्ण बसं ह को सरकार िनाने का बनमं त्र ण बदया,
स्र्दे शी र्स्त्र की मां ग की एर्ं उसके उपिब्ध न
िे बकन राज्यपाि यह आश्वासन दे ने को र्ै यार नहीं थे
कराए िाने पर नं गे रहने का बनश्चय बकया। इसे ‘िं गी
बक मं बत्रयों के र्ै धाबनक कायों में र्े हस्र्क्षे प नहीं
हड़िाल’ के नाम से िाना िार्ा है ।
करें गे । अर्ः श्रीकृ ष्ट्ण बसं ह ने सरकार िनाने से इं कार
• बिहार में पटना में अबखि भारर्ीय मबहिा सम्मे ि न कर बदया।
का आयोिन 1929 में बकया गया
• 1 अप्रै ि , 1937 को इं बडपें डें ट पाटी के सदस्य
• पटना में बर्दे शी र्स्त्रों के िबहष्ट्कार का ने र्ृ त्र् श्रीमबर् मोहम्मद यू नु स के ने र्ृ त्र् में पहला भारिीय अं ि ररम
हसन इमाम र्था बर्न्ध्यर्ाबसनी दे र्ी ने बकया। मं बत्रमं ड ल बिहार में सं ग बठर् हु आ । इस
• बिहार में सबर्नय अर्ज्ञा आं दोिन के दौरान प्रकार मोहम्मद यू िु स बिहार के प्रथम भारर्ीय
भागिपु र बििा में र्ीहपु र सत्याग्रह का आयोिन प्रधानमं त्री (उस समय प्रां र्ीय सरकार के प्रधान को
बकया गया बिसके ने र्ा डा0 रािे न्द्र प्रसाद थे । प्रधानमं त्री कहा िार्ा था) िने ।
• सबर्नय अर्ज्ञा आं दोिन के दौरान बिहार में • 7 िु िाई, 1937 ई. को कां ग्रे स कायव काररणी ने
चै कीदारी कर का भु ग र्ान करने से बकसानों ने मना सरकारों के गठन का फै सिा बकया।
कर बदया। चै कीदारी कर के बिर्रद्ध • अर्ः मोहम्मद यू नु स की अं र् ररम सरकार ने त्यागपत्र
अबभयाि चिाया गया बिसमें चम्पारण बििा बदया और 20 िु िाई, 1937 ई. को श्रीकृ ष्ट्ण बसं ह के
अग्रणी था। ने र्ृ त्र् में बिहार में प्रथम कां ग्रे स का मं बत्रमं ड ि
• बिहार में सबर्नय अर्ज्ञा आं दोिन के दौरान बिहार सं ग बठर् हु आ ।
सत्याग्रह समाचार के बर्रूद्ध कारव र्ाई की गयी। • श्री रामदयािु बसं ह एर्ं प्रोफे सर अब्दु ि िारी बिहार
• यु ि क, सचव िाइट प्रे स , पटना िारा प्रकाबशर् होर्ा था बर्धानसभा के क्रमशः अध्यक्ष एर्ं उपाध्यक्ष
बिसके सम्पादक रामर्ृ क्ष िे नीपु री थे । बनर्ाव बचर् हु ए ।
• 30 िू न 1930 को रािे न्द्र प्रसाद की बगरफ्र्ारी हु ई • अक्ट्टू ि र, 1937 ई. में मोहम्मद अिी बिन्ना ने बिहार
और उन्हें हिारीिाग िे ि में रखा गया। इसके पश्चार् की यात्रा की थी।
बिहार का आधुबिक इबिहास Edusol
• 15 फरर्री, 1938 ई. को रािनीबर्क कै बदयों की • स्र्र्ं त्र र्ा प्राबप्त के पश्चार्् सबचर्ािय गोिीकां ड के
ररहाई के मामिे पर श्रीकृ ष्ट्ण बसं ह के ने र्ृ त्र् र्ािे स्थान पर स्र्र्ं त्र र्ा बदर्स के बदन बिहार के प्रथम
मं बत्रमं ड ि ने त्यागपत्र दे बदया। राज्यपाि ियरामदास दौिर्राम ने एक शहीद
• 26 बदसम्िर, 1938 ई. को पटना में मु बस्िम िीग स्मारक का बशिान्यास बकया।
का 26र्ां अबधर्े श न सम्पन्न हु आ था। ििबक 29 • इसका अनौपचाररक अनार्रण दे श के प्रथम राष्ट्र पबर्
बदसम्िर, 1938 ई. को अबखि भारर्ीय मु स िमान रािे न्द्र प्रसाद ने 1956 में बकया।
छात्र सम्मे ि न भी आयोबिर् हु आ । • 1942 ई. में भागिपु र में एक राष्ट्रीय सरकार की
स्थापना की गई।
आधु बिक बिहार का इबिहास: भारि छोड़ो आं दोलि
• 1942 ई. के भारर् छोड़ो आं दोिन में सारण को
अपराधी बििा घोबषर् बकया गया था।
• भारर् छोड़ो आं दोिन के समय बिहार में बिहार
• 18 अगस्र् एर्ं 30 अगस्र्, 1942 को मंु गे र बििे के
प्रां र्ीय यु द्ध सबमबर् का गठन बकया गया।
पसराहा एर्ं रूइहार में दु घव ट नाग्रस्र् होकर बगरने र्ािे
• भारर् छोड़ो आं दोिन के समय श्री ििदे र् सहाय ने शाही र्ायु से ना के बर्मान के कमव चाररयों की हत्या
सरकार के बर्रोध में महाबधर्क्ता पद से त्याग पत्र दे कर दी गई।
बदया।
• पटना के समीपर्र्ी क्षे त्र मंु गे र र् भागिपु र में भारर्
• बिहार में भारर् छोड़ो आं दोिन का ने र्ृ त्र् डा0 छोड़ो आं दोिन के दमन हे र्ु र्ायु यानों का प्रयोग
रािे न्द्र प्रसाद, फू िन प्रसाद र्माव , अनु ग्र ह नारायण बकया गया था।
बसं ह र्था मथु रा िािु थे ।
• 1942 ई. के बकसान आं दोिनों में सोशबिस्ट पाटी के
ियप्रकाश नारायण एर्ं रामर्ृ क्ष िे नीपु री की
महत्त्र् पू णव भू बमका थी।
• 9 नर्म्िर, 1942 ई. में दीपार्िी की राबत्र में
ियप्रकाश नारायण, रामानं द बमश्र, योगे न्द्र शु क्ट्ि ,
सू र ि नारायण बसं ह आबद ने हिारीिाग िे ि की
दीर्ार फां द कर भागिने में सफिर्ा प्राप्त की।
• 1942 ई. में ियप्रकाश नारायण के ने र्ृ त्र् में ने पाि
में यु र् कों को छापामार यु द्ध की बशक्षा दे ने हे र्ु एक
कें द्र ‘आजाद दस्िा’ को सं ग बठर् बकया गया। ने पाि
में ही ‘आिाद दस्र्ा’ का अबखि भारर्ीय कें द्र
स्थाबपर् बकया गया, ििबक बिहार में प्रां र्ीय
कायाव ि य सं ग बठर् हु आ ।
• माचव - अप्रै ि , 1943 ई. में ने पाि में रािबर्िास
िं ग ि में ‘आिाद दस्र्ा’ का पहिा प्रबशक्षण बशबर्र
• पटना में भारर् छोड़ो आं दोिन के दौरान पटना में गबठर् हु आ , बिसमें बिहार के 25 यु र् कों को अबग्न -
मबहिाओ ं का ने र्ृ त्र् डा. रािे न्द्र प्रसाद की अस्त्रों को चिाने की बशक्षा दी गई। इसके बनदे श क
िहन श्रीमबि भगििी दे िी ने बकया। सरदार बनत्यानं द बसं ह थे ।
• 11 अगस्र्, 1942 को बर्द्याबथव यों के एक िु िू स ने • सीर्ान थाने पर राष्ट्रीय झं डा िहराने की कोबशश में
सबचर्ािय भर्न के सामने पू र्ी गे ट पर राष्ट्रीय झं डा फु िे ना प्रसाद श्रीर्ास्र्र् पु बिस की गोबियों का
फहरा बदया र्था आगे िढ़ने की कोबशश बशकार हु ए । ििबक गया के कु थाव थाने पर झं डा
की(सबचिालय गोलीकां ड ) । िहराने की कोबशश में श्याम बिहारी िाि मारे गए।
• पटना के बििाधीश डब्िू . िी. आचव र के आदे श पर • इसी प्रयास में कबटहार थाने और डु मरां र् में पु बिस ने
पु बिस ने गोिी चिाई, बिसमें सार् छात्र मारे गए। ये क्रमशः ध्रु र् कु मार और कबपि मु नी को गोिी मार
सार् छात्र थे - उमाकान्र् प्रसाद बसं ह , रामानं द बसं ह , दी।
रािें द्र बसं ह , रामगोबर्ं द बसं ह , सर्ीश प्रसाद झा,
िगपबर् कु मार और दे र्ीपद चै ध री।
बिहार का आधुबिक इबिहास Edusol
• भारर् छोड़ो आं दोिन के क्रम में दरभं गा में कु िानं द में सं बर्धान सभा के स्थायी अध्यक्ष के रूप में डॉ.
र्ै बदक और बसधर्ारा में कपवू री ठाकु र ने सं चार रािे न्द्र प्रसाद को बनयु क्त बकया गया।
व्यर्स्था को ठप करने का कायव बकया। • बिहार के प्रथम राज्यपाि ियरामदास दौिर्राम और
• बिहार में क्रां बर्कारी गबर्बर्बधयों को आगे िढ़ाने में प्रथम मु ख्यमं त्री श्रीकृ ष्ट्ण बसं ह ने 15 अगस्र्, 1947
बसयाराम बसं ह के ने र्ृ त्र् में ‘बसयाराम दल’ ने को पदभार ग्रहण बकया।
उल्िे ख नीय योगदान बदया। इस दि का प्रभार् • 26 िनर्री, 1950 को भारर्ीय सं बर्धान िागू होने
भागिपु र , मंु गे र , बकशनगं ि , िबिया, सु ल्र्ानगं ि के साथ बिहार भारर्ीय सं घ के एक राज्य में
आबद में था। पररर्बर्व र् हो गया और उसकी शासनबर्बध भी
• सरकार िारा प्रचाररर् पटना डे िी न्यू ि नामक बनधाव ररर् हो गई।
समाचार पत्र बिहार में भारर् छोड़ो आं दोिन के
दौरान प्रकाबशर् होर्ा रहा।

आधु बिक बिहार का इबिहास: भारि छोड़ो आं दोलि के


समय गु प्त गबिबिबधयां

• गु प्त गबर्बर्बधयों के सं चािन में बिहार में ियप्रकाश


नारायण अग्रणी थे । इन्हें हिारीिाग िे ि में रखा गया
था।
• ियप्रकाश नारायण ने इस दौरान एक बशबर्र स्थाबपर्
बकया िो िाद में आिाद दस्र्ा कहिाया। इसका
कायव था छापामार यु द्ध का प्रबशक्षण दे ना।
• इस सं ग ठन के अं र् गव र् राम मनोहर िोबहया सं चार
एर्ं प्रचार बर्भाग का बनदे श न करर्े थे ।
• आिाद दस्र्ा के मु ख्य प्रबशक्षक थे - सरदार बनत्यानं द
बसं ह थे ।
• 1943 में ने पाि सरकार ने ियप्रकाश नारायण, राम
मनोहर िोबहया आबद को बगरफ्र्ार कर हनु मान नगर
िे ि में रखा। बिन्हें उनके सहयोबगयों सु र ि नारायण
बसं ह और सरदार बनत्यानं द बसं ह ने छु ड़ा बिया।
• बिहार में बसं याराम बसं ह के ने र्ृ त्र् में बसयाराम दि
का गठन बकया गया।
• इस दि ने िीहपु र में समां र् र सरकार की स्थापना
की।
• भागिपु र इिाके में इस दौरान परशु राम दि और
महे न्द्र गोप दि का भी गठन बकया गया था। स्र्राि
रे न भी इसी दौरान प्रबसद्ध हु आ ।
• पटना के सरस्र्र्ी प्रे स को भारर् छोड़ो आं दोिन के
दौरान िं द करर्ा बदया गया।
• 15 िू न , 1944 को बिहार में गां धी बदर्स के रूप में
मनाया गया।
• 9 बदसम्िर, 1946 को स्र्र्ं त्र भारर् का सं बर्धान
िनाने के बिए सं बर्धान सभा का सत्र बिहार के डॉ.
सबचचदानं द बसन्हा की अध्यक्षर्ा में आरं भ हु आ । िाद
बिहार का आधुबिक इबिहास Edusol

Thank You
Team Edusol

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