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बरसा मुंडा

भारतीय वतं ता सेनानी, नेता

बरसा मुंडा का ज म 1870 के दशक म (1875) म


छोटा नागपुर म मुंडा प रवार म आ था । मुंडा एक
जनजातीय समूह था जो छोटा नागपुर पठार म नवास
करता था । बरसा 1895 म आ दवासी लोगो को
भड़काने के आरोप म गर तार कर लया गया और उसे
2 साल क सजा हो गई । और अंततः 1900 मे हैजे के
कारण उसक मौत हो गई। सफेद झंडा बरसा राज का
तीक था ।

आरं भक जीवन
सुगना मुंडा और करमी हातू के पु बरसा मुंडा का
ज म १५ नव बर १८७५ को झारखंड दे श मराँची के
उलीहातू गाँव म आ था। सा गा गाँव म ार भक
पढाई के बाद वे चाईबासा इं लश म डल कूल म पढने
आये। इनका मन हमेशा अपने समाज क टश
शासक ारा क गयी बुरी दशा पर सोचता रहता था।
उ ह ने मुंडा लोग को अं ेज से मु पाने के लये
अपना नेतृ व दान कया। १८९४ म मानसून के
छोटानागपुर म असफल होने के कारण भयंकर अकाल
और महामारी फैली ई थी। बरसा ने पूरे मनोयोग से
अपने लोग क सेवा क ।

मुंडा व ोह का नेतृ व
1 अ टू बर 1894 को नौजवान नेता के प म सभी
मुंडा को एक कर इ ह ने अं ेजो से लगान माफ के
लये आ दोलन कया। 1895 म उ ह गर तार कर
लया गया और हजारीबाग के य कारागार म दो साल
के कारावास क सजा द गयी। ले कन बरसा और
उसके श य ने े क अकाल पी ड़त जनता क
सहायता करने क ठान रखी थी और अपने जीवन काल
म ही एक महापु ष का दजा पाया। उ ह उस इलाके के
लोग "धरती बाबा" के नाम से पुकारा और पूजा जाता
था। उनके भाव क वृ के बाद पूरे इलाके के मुंडा
म संग ठत होने क चेतना जागी।

व ोह म भागीदारी और अ त
बरसा मु डा क राँची म थत मू त

1897 से 1900 के बीच मुंडा और अं ेज सपा हय


के बीच यु होते रहे और बरसा और उसके चाहने वाले
लोग ने अं ेज क नाक म दम कर रखा था। अग त
1897 म बरसा और उसके चार सौ सपा हय ने तीर
कमान से लैस होकर खूँट थाने पर धावा बोला। 1898
म तांगा नद के कनारे मुंडा क भड़ंत अं ेज
सेना से ई जसम पहले तो अं ेजी सेना हार गयी
ले कन बाद म इसके बदले उस इलाके के ब त से
आ दवासी नेता क गर ता रयाँ ।
जनवरी 1900 डोमबाड़ी पहाड़ी पर एक और संघष
आ था जसम ब त से औरत और ब चे मारे गये थे।
उस जगह बरसा अपनी जनसभा को स बो धत कर रहे
थे। बाद म बरसा के कुछ श य क गर ता रयाँ भी
। अ त म वयं बरसा भी 3 माच 1900 को
च धरपुर म गर तार कर लये गये।

बरसा ने अपनी अ तम साँस 9 जून 1900 को राँची


कारागार म ल । आज भी बहार, उड़ीसा, झारखंड,
छ ीसगढ और प म बंगाल के आ दवासी इलाक म
बरसा मु डा को भगवान क तरह पूजा जाता है।

बरसा मु डा क समा ध राँची म कोकर के नकट


ड टलरी पुल के पास थत है। वह उनका टे यू भी
लगा है। उनक मृ त म रांची म बरसा मु डा के य
कारागार तथा बरसा मुंडा हवाई-अ ा भी है।
इ ह भी दे ख
मुंडा व ोह
मुंडा जनजा त

बाहरी क ड़याँ
बरसा एक ां तकारी थे, ज ह लोग पूजा करते ह
( भासा ी)
अब भी अधूरी है शहीद बरसा मुंडा का सपना
झारखंड के स लोग

जयपाल सह मुंडा| तलका माँझी| अलबट ए का|राजा


अजुन सह| जतरा भगत| बरसा मु डा|गया मु डा|फ ण
मुकुट राय| जन साल|मे दनी राय|बुधू भगत|तेलंगा
ख ड़या|ठाकुर व नाथ साही|पा डे गणपत राय| टकैत
उमराँव सह|शेख भखारी

यह जीवनच रत लेख एक आधार है। जानकारी


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title= बरसा_मुंडा&oldid=3904434" से लया गया
Last edited 1 day ago by Vinay sudati

साम ी CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उ लेख


ना कया गया हो।

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