Professional Documents
Culture Documents
बिरसा मुंडा - विकिपीडिया
बिरसा मुंडा - विकिपीडिया
आरं भक जीवन
सुगना मुंडा और करमी हातू के पु बरसा मुंडा का
ज म १५ नव बर १८७५ को झारखंड दे श मराँची के
उलीहातू गाँव म आ था। सा गा गाँव म ार भक
पढाई के बाद वे चाईबासा इं लश म डल कूल म पढने
आये। इनका मन हमेशा अपने समाज क टश
शासक ारा क गयी बुरी दशा पर सोचता रहता था।
उ ह ने मुंडा लोग को अं ेज से मु पाने के लये
अपना नेतृ व दान कया। १८९४ म मानसून के
छोटानागपुर म असफल होने के कारण भयंकर अकाल
और महामारी फैली ई थी। बरसा ने पूरे मनोयोग से
अपने लोग क सेवा क ।
मुंडा व ोह का नेतृ व
1 अ टू बर 1894 को नौजवान नेता के प म सभी
मुंडा को एक कर इ ह ने अं ेजो से लगान माफ के
लये आ दोलन कया। 1895 म उ ह गर तार कर
लया गया और हजारीबाग के य कारागार म दो साल
के कारावास क सजा द गयी। ले कन बरसा और
उसके श य ने े क अकाल पी ड़त जनता क
सहायता करने क ठान रखी थी और अपने जीवन काल
म ही एक महापु ष का दजा पाया। उ ह उस इलाके के
लोग "धरती बाबा" के नाम से पुकारा और पूजा जाता
था। उनके भाव क वृ के बाद पूरे इलाके के मुंडा
म संग ठत होने क चेतना जागी।
व ोह म भागीदारी और अ त
बरसा मु डा क राँची म थत मू त
बाहरी क ड़याँ
बरसा एक ां तकारी थे, ज ह लोग पूजा करते ह
( भासा ी)
अब भी अधूरी है शहीद बरसा मुंडा का सपना
झारखंड के स लोग
"https://hi.wikipedia.org/w/index.php?
title= बरसा_मुंडा&oldid=3904434" से लया गया
Last edited 1 day ago by Vinay sudati