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भाग 1 ( सावरकर एवं नेह )

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वीर सावरकर (1883- 1966) जवाहरलाल नेह (1889-1964)

१) वनायक दामोदर सावरकर का ज 28 मई वष 1) जवाहरलाल नेह का ज 14 नवंबर वष 1889


1883 म आ उनके पता दामोदर पंत एक व ान को यागराज म आ उनके पता मोतीलाल नेह
थे कतु उनक कोई ठोस राजनी तक वरासत बेहद भावशाली बै र र एवं राजनी त थे,
नह थी इस लए सावरकर का ां तकारी जीवन पूण इस लए राजनी त नेह को वरासत म मली थी
पेण उनके मातृभू म के त समपण से े रत था
वीर सावरकर (1883- 1966) जवाहरलाल नेह (1889-1964)

२) चापेकर बंधुओ ं क फांसी एवं माता पता क मृ ु २) धनवान प रवार म ज े नेह ने अपनी श ा
के बाद बड़े भाई के संघष का उनपर गहरा भाव आ दी ा त त सं ान से पूरी क , उ ने त त
और देश क तं ता सु न त करने के उ े से कै ज एवं नटी जैसे व व ालय से पढ़ाई क
मा 18 वष क आयु म ही उ ने ' म मेला' नामक और फै बयन समाजवाद का अ यन कया
गु सं ा क ापना क तीन वष के उपरांत वष
1904 म उ ने अ भनव भारत नामक ां तकारी ३) वष 1912 म नेह बै र र के प म इलाहाबाद
संगठन क ापना क कोट म ै स करने लगे और वष 1917 म
राजनी त म कदम रखा
३) पढ़ाई के लए उ बाल गंगाधर तलक क
सहायता मली और वे लं दन चले गए वहां उ ने ४) वष 1919 म महा ा गांधी से आ जुड़े एवं भरतीय
1857 के आंदोलन को थम तं ता सं ाम बताया राजनी त म स य प से भागेदारी करना सु न त
और इस से संबं धत एक पु क लखी जसे अं ेजो कया, वष 1924 म वे दो वष के लए नगर नगम के
ने तबं धत कर दया अ बने, इस समय उनके पता राजनी त म बेहद
स य थे, नेह , महा ा गांधी से जुड़ने के केवल
४) वष 1910 म उ गर ार कर भारत लाया गया
5-6 वष के भीतर ही वष 1926 म कां ेस के
और ना सक के ू र अं ेज कले र क ह ा के
महास चव बना दए गए
षड़यं म उ दो आजीवन कारावास क सजा देकर
कालापानी भेज दया गया
वीर सावरकर (1883- 1966) जवाहरलाल नेह (1889-1964)

५) सावरकर ने जीवन के 10 वष स म कारावास म ५) इसी काल मे (वष 1928) म उनके पता


बताए जहां उ को ू के बैल क तरह पीसकर काय मोतीलाल नेह क अ ता म कां ेस म पूण
करना पड़ा, इस दौरान उ कतनी ही बार बेरहमी से रा के नाम पर आं शक सहम त बनी जसके
कोड़ो से पीटा गया, भूखा रखा गया, यातनाय दी गई बाद भगत सह जैसे ां तका रय क मांग के
अनु प वष 1929 म लाहौर अ धवेशन म कां ेस
६) यहां तक क कई महीन तक तो अं ेज ने उ अ के प ने जवाहरलाल नेह ने पूण रा
उनके भाई के वषय म भी नह बताया जो उसी जेल क मांग को ीकारा
म कैद थे, बावजूद इसके सावरकर का देश ेम कभी
कमजोर नह पड़ा और इस दौरान ही उ ने काल ६) इसी दौरान नेह ने क ु न झुकाव वाले े ड
कोठरी क दीवार पर क ल और प र से लगभग यू नयन क भी कमान संभाली जस दौरान उ ने
10 हजार क वताएं लखी क ुन वचार के त अपनी सहानभू त
सावज नक प से क,क ुन वचार के
त नेह का झुकाव जीवनपयत बना रहा
वीर सावरकर (1883- 1966) जवाहरलाल नेह (1889-1964)

७) तलक के कहने पर उ ने शवाजी महाराज क ७) तं ता आंदोलन के दौरान नेह कई बार जेल


रणनी त का अनुसरण करते ए टश सरकार से भेजे गए हालां क इस दौरान उनक प ी एवं उनके
उ छोड़ने के कई अनुरोध कये हालां क टश पता के ा कारण से उ अं ेजो ने पेरोल पर
सावरकर के भाव से इतने भयभीत थे क उ 10 रहा कया, वष 1931 से 1935 के बीच तो उनक
प ीक ा संबंधी सम ाओ ं को ले कर नेह
वष तक अंडमान जेल म ही कैद रखा
को अ ोड़ा, नैनी, देहरादून एवं इलाहाबाद ले जाया
गया
वीर सावरकर (1883- 1966) जवाहरलाल नेह (1889-1964)

८) वष 1921 म वे अंडमान से रहा ए और 3 वष तक ८) वष 1942-45 के बीच जेल के ान पर उ


तबं धत तं ता भोगी इस दौरान ही उ ने अहमदनगर कले ने रखा गया जस दौरान उ
हदु पर शोध कया और अ शयता के व राजनी तक बंदी के प म व ाएं दी गई,
अ भयान चलाया, बाद म वे ह ू महासभा के कालांतर म कां ेस के डी-फै ो नेता के प म
अ रहे और हदुओ म जा त पाती मटाकर नेह ने देश के वभाजन को ीकृ त दी हालां क
समानता क बात क वभाजन के बाद नेह ह ू एवं मु म को एक
साथ भारत मे रहने देने के प धर रहे
9) वे अखंड भारत के प धर रहे और देश के
वभाजन का उ ने पुरजोर वरोध कया उनके मत ९) वष 1946-47 म धानमं ी पद के चुनाव के
म य द वभाजन धा मक आधार पर ही आ तो वह दौरान कां ेस संगठन म व भ भाई पटे ल को
पूण होने चा हए और भारत म केवल ह ू एवं सवा धक मत मले हालां क महा ा गांधी के जद
पा क ान म केवल इ ाम के मानने वाल को ही पर जवाहरलाल नेह को धानमं ी बनाया गया
रहना चा हए था, इसको ले कर उनका महा ा गांधी
एवं कां ेस से उनका वैचा रक मतभेद रहा
वीर सावरकर (1883- 1966) जवाहरलाल नेह (1889-1964)

१०) महा ा गांधी क ह ा के बाद उ गर ार १०) भारत के अं तम वॉइसरॉय लाड माउं टबेटन
कया गया हालां क आरोप स नह होने पर उ प रवार से जवाहरलाल नेह के बेहद करीबी संबंध
रहा कर दया गया, 26 फरवरी वष 1966 म मां रहे जो तं ता के बाद भी यथावत बने रहे, वष
भारती के इस महान सपूत ने अपनी अं तम सांस ली 1964 म थम धानमं ी जवाहरलाल नेह क
मृ ु ई

( ोत - माझी ज ठे प - वीर सावरकर क जीवनी) ( ोत : अ एवं क मॉरेस - जवाहरलाल नेह )

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