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अतीत के पन्ने (Part 1) c2 PDF
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अतीत के प े
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वीर सावरकर (1883- 1966) जवाहरलाल नेह (1889-1964)
२) चापेकर बंधुओ ं क फांसी एवं माता पता क मृ ु २) धनवान प रवार म ज े नेह ने अपनी श ा
के बाद बड़े भाई के संघष का उनपर गहरा भाव आ दी ा त त सं ान से पूरी क , उ ने त त
और देश क तं ता सु न त करने के उ े से कै ज एवं नटी जैसे व व ालय से पढ़ाई क
मा 18 वष क आयु म ही उ ने ' म मेला' नामक और फै बयन समाजवाद का अ यन कया
गु सं ा क ापना क तीन वष के उपरांत वष
1904 म उ ने अ भनव भारत नामक ां तकारी ३) वष 1912 म नेह बै र र के प म इलाहाबाद
संगठन क ापना क कोट म ै स करने लगे और वष 1917 म
राजनी त म कदम रखा
३) पढ़ाई के लए उ बाल गंगाधर तलक क
सहायता मली और वे लं दन चले गए वहां उ ने ४) वष 1919 म महा ा गांधी से आ जुड़े एवं भरतीय
1857 के आंदोलन को थम तं ता सं ाम बताया राजनी त म स य प से भागेदारी करना सु न त
और इस से संबं धत एक पु क लखी जसे अं ेजो कया, वष 1924 म वे दो वष के लए नगर नगम के
ने तबं धत कर दया अ बने, इस समय उनके पता राजनी त म बेहद
स य थे, नेह , महा ा गांधी से जुड़ने के केवल
४) वष 1910 म उ गर ार कर भारत लाया गया
5-6 वष के भीतर ही वष 1926 म कां ेस के
और ना सक के ू र अं ेज कले र क ह ा के
महास चव बना दए गए
षड़यं म उ दो आजीवन कारावास क सजा देकर
कालापानी भेज दया गया
वीर सावरकर (1883- 1966) जवाहरलाल नेह (1889-1964)
१०) महा ा गांधी क ह ा के बाद उ गर ार १०) भारत के अं तम वॉइसरॉय लाड माउं टबेटन
कया गया हालां क आरोप स नह होने पर उ प रवार से जवाहरलाल नेह के बेहद करीबी संबंध
रहा कर दया गया, 26 फरवरी वष 1966 म मां रहे जो तं ता के बाद भी यथावत बने रहे, वष
भारती के इस महान सपूत ने अपनी अं तम सांस ली 1964 म थम धानमं ी जवाहरलाल नेह क
मृ ु ई