You are on page 1of 5

भारत का सर्वोच्च नागररक सम्मान , प्रतितिि भारत रत्न , राजनीति, शासन और कृति में

उल्लेखनीय योगदान दे ने वाली पाां च प्रतितिि हस्तियोां को प्रदान तकया जाने वाला है । वे
हैं कर्पूरी ठाकुर , मनकोम्बु संबाससर्वन (एमएस) स्वामीनाथन , र्ामुलर्थी र्वेंकट (र्ीर्वी)
नरससम्हा रार्व , लाल कृष्ण आडर्वाणी और चौधरी चरण ससंह।

भारि रत्न पुरस्कार तवजेिाओां (2024) के उल्लेखनीय योगदान क्या हैं ?

 कर्पूरी ठाकुर:

o कपपूरी ठाकुर, तजन्हें "जन नायक " के नाम से जाना जाता है , 1970-71 और
1977-79 तक दो बार तिहार के 11वें मुख्यमांत्री रहे । उन्हें मरणोपराां ि भारि रत्न
से सम्मातनि तकया जाएगा।
o कर्पूरी ठाकुर अन्य सर्छडा र्वगू (ओबीसी) को आरक्षण का लाभ प्रदान करने
में अग्रणी थे क्योांतक उन्होांने 1977 से 1979 िक तिहार के मुख्यमांत्री के रूप में
अपने कायूकाल के दौरान मुंगेरी लाल आयोग की ससफाररशों को लागप सकया
था।
o 1978 में, उन्होांने एक अभपिपपवू आरक्षण मॉडल पेश तकया, तजसमें ओिीसी, आतथूक
रूप से तपछडे वगों (ईिीसी), मतहलाओां और उच्च जातियोां के िीच आतथूक रूप
से तपछडे वगों के सलए सर्वसशष्ट कोटा के साथ 26% आरक्षण आर्वंसटत सकया
गया।
o ठाकुर ने सामातजक न्याय और समावेशी तवकास पर जोर दे िे हुए हातशए पर
मौजपद समुदायोां के अतिकारोां की वकालि की।
 मनकोम्बु संबाससर्वन (एमएस) स्वामीनाथन:

o 'भारत की हररत क्ांसत के जनक ' एमएस स्वामीनाथन ने भारि को कृति में
आत्मतनभूर िनने और इसे आिुतनक िनाने में मदद की। उन्हें मरणोर्रांत भारत
रत्न से सम्मातनि तकया जाएगा ।
o नॉमून िोरलॉग के साथ उच्च उर्ज दे ने र्वाली गेहं और चार्वल की
सकस्में तवकतसि कीां , तजससे 1960 और 70 के दशक में भारि में कृति में क्ाां ति
आ गई।
o उन्ोंने राष्टरीय सकसान आयोग का नेिृत्व करिे हुए कृति उपज के तलए उतचि
मपल्य और तिकाऊ कृति पद्धतियोां की वकालि की ।
o उन्ोंने र्ौधों की सकस्मों और सकसानों के असधकार संरक्षण असधसनयम,
2001 को तवकतसि करने में महत्वपपणू भपतमका तनभाई ।
o स्वामीनाथन को कई प्रतितिि पुरस्कार तमले, तजनमें 1961 में शांसत स्वरूर्
भटनागर र्ुरस्कार , 1971 में रे मन मैग्सेसे र्ुरस्कार और 1986 में अल्बटू
आइं स्टीन सर्वश्व सर्वज्ञान र्ुरस्कार शासमल हैं।
 र्द्म श्री (1967), र्द्म भपषण (1972) र्द्म सर्वभपषण (1989) से सम्मातनि

 र्ामुलर्थी र्वेंकट (र्ीर्वी) नरससम्हा रार्व:

o पीवी नरतसम्हा राव ने 1991 से 1996 िक भारि के 9 वें प्रिान मांत्री के रूप में
कायू तकया, उन्हें मरणोर्रांत भारत रत्न से सम्मासनत सकया जाएगा।
o प्रिान मांत्री के रूप में, पीवी नरतसम्हा राव ने भारत की सर्वदे श नीसत को रीसेट
सकया, संयुक्त राज्य अमेररका के साथ सांिांिोां में सुिार तकया और इज़राइल के
साथ संबंध स्थासर्त सकए।
o उन्ोंने अर्नी र्रमाणु रणनीसत को आगे बढाने के भारत के असधकार
को छोडने से इनकार करके राष्ट्रीय स्विां त्रिा को िनाए रखा ।
o रार्व के कायूकाल ने 1991 के एलर्ीजी सुधारों के बाद भारत को
आसथूक उदारीकरण और पुनरुत्थान के पथ पर आगे िढािे हुए एक अतिक
आत्मतवश्वासी राजनीति छोडी, तजसने अथूव्यवस्था को वैश्वीकरण के तलए खोल
तदया, व्यापार िािाओां को कम तकया और तवतभन्न क्षेत्रोां में तनजीकरण की
शुरुआि की।
o उन्होांने प्रतसद्ध िेलुगु उपन्यास 'र्वेयी र्दगालु ' का सहंदी अनुर्वाद 'सहस्रफान'
प्रकासशत सकया।
o पीवी नरतसम्हा राव के कायूकाल के दौरान 73 र्वें और 74 र्वें संर्वैधासनक
संशोधन असधसनयम बनाए गए थे ।
 73 वें और 74 वें सांशोिन अतितनयम के तहत र्ंचायती राज
संस्थानों और शहरी स्थानीय सनकायों (यपएलबी) में मतहलाओां के तलए
एक तिहाई सीिें आरतक्षि करने का आदे श तदया गया है ।
 लालकृष्ण आडर्वाणी:

o इन विों में आडवाणी ने भारि के 7 वें उप प्रिान मांत्री (1999-2004) और 1980


में अपनी स्थापना के िाद से सिसे लांिे समय िक भारतीय जनता र्ाटी के
अध्यक्ष के रूर् में कायू सकया है।
o आडवाणी को व्यापक रूप से महान िौस्तद्धक क्षमिा, मजिपि तसद्धाां िोां और एक
मजिपि और समृद्ध भारि के तवचार के प्रति अिप ि समथून वाले व्यस्ति के रूप
में माना जािा है ।
 चौधरी चरण ससंह:

o चौिरी चरण तसांह एक भारिीय राजनीतिज्ञ और स्विांत्रिा सेनानी थे।


उन्होांने भारत के 5 र्वें प्रिान मांत्री और उत्तर प्रदे श के पपवू मुख्यमंत्री के रूर् में
कायू सकया।
 1952 में, कृति मांत्री के रूप में, उन्होांने जमी ंदारी प्रथा को खत्म करने में
उत्तर प्रदे श का नेतृत्व सकया।
o उन्होांने सकसानों के सहतों और असधकारों की वकालि की और उनकी स्तस्थतियोां
और कल्याण में सुिार के तलए कई उपाय पेश तकए। उन्होांने लोकतंत्र,
धमूसनरर्ेक्षता और सामासजक न्याय के मपल्योां को भी िढावा तदया ।
o चरण तसांह ने तितिश सरकार से स्विांत्रिा के तलए असहंसक संघषू में महात्मा
गांधी का अनुसरण सकया और कई बार जेल गए।

तिप्पणी

 एक र्वषू में असधकतम तीन र्ुरस्कारों का सनयम भारि रत्न के सलए एक तदशातनदे श
है । तनयम को र्हली बार 1999 में तोडा गया, जि चार प्राप्तकिाू ओां को पुरस्कार
प्रदान तकया गया: जयप्रकाश नारायण, अमर्त्ू सेन, गोर्ीनाथ बोरदोलोई
और रसर्वशंकर।
o 2024 में तनयम तिर से िोडा गया, जि र्ांच प्राप्तकताूओ ं को र्ुरस्कार से
सम्मासनत सकया गया।

You might also like