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इतिहास के आइने में उत्तर प्रदेश

● भारिीय इतिहास के प्रथम अध्याय अथााि परु ापाषाण काल से ही उत्तर प्रदेश की बेलन घाटी में प्रागैतिहातसक सस्ं कृ ति
की खोज हुई बेलन घाटी इलाहाबाद के सोराव िहसील में उत्तर प्रदेश में प्रवेश करिी है

●बेलन घाटी में इलाहाबाद के अतिररक्त तमजाापरु तजले के भी महत्वपणू ा प्रागैतिहातसक क्षेत्र आिे हैं इन क्षेत्रों में परु ापाषाण
से लेकर नवपाषाण काल िक के सांस्कृ तिक जमाव प्राप्त हुए हैं।

●परु ापाषाण के पश्चाि मध्य पाषाण काल में उत्तर प्रदेश की गगं ा घाटी में भी प्रागैतिहातसक मानव के सास्ं कृ तिक अवस्थाओ ं
का पिा लगिा है ।

●शैल तित्रकला की तवश्व में सवाप्रथम खोज उत्तर प्रदेश के तमजाापरु क्षेत्र में सोहागपरु में
"ए सी एल कालााइल" ने की थी इस खोज के पश्चाि भारि के तवतभन्न स्थानों पर शैल तित्र खोजे गए।

● उत्तर भारि में सवाप्रथम उत्तर प्रदेश के तबठूर में कुछ िाम्र उपकरण 1822 ईसवी में प्राप्त हुए इस उपलतधि के पश्चाि उत्तर
प्रदेश के तवतभन्न स्थलो से िाम्र तनतियां प्राप्त हुई।

● ऋग्वैतदक काल से ही उत्तर प्रदेश के कबीलो का संबंि सप्त सैंिव क्षेत्र के आयों से रहा है विामान इटावा जनपद के
"तिवी कबीले" की भरि जन से तमत्रिा थी एवं रावी के िट पर लडे गए दसराजज्ञ यद्ध ु में िीतब कबीले ने भरि जन का
सहयोग तकया था।
●वैतदक काल के पश्चाि 16 महाजनपद काल में 16 में से 8 महाजनपद उत्तर प्रदेश में तस्थि थे इनका तववरण
निम्ि प्रकार से है-

महाजिपद राजधािी निस्तार


कुरु इद्रं प्रस्थ मेरठ, तदल्ली, थानेस्वर
िेतद शतु क्िमति बांदा व बंदु ल
े खंण्ड के अन्य क्षेत्र
पांिाल 1. अतहक्षत्र (बरे ली) बरे ली, बंदाय,ू फरुाखाबाद एवं
कासगंज के कुछ क्षेत्र
2. कातपपल्य
(फरुाखाबाद)
काशी वाराणसी वारणसी के आस-पास
मल्ल कुशीनगर कुशीनगर, देवररया के आस-पास
कोशल 1. साके ि अवि के आस-पास
2. श्रावस्िी
शरू सेन मथरु ा मथरु ा के आस-पास
वत्स कौशापबी प्रयागराज के आस-पास

● इन राज्य के अतिररक्त उत्तर प्रदेश में कुछ गणराज्य भी थे जैसे कतपलवस्िु के शाक्य, समू समु ेर तगरी के भग्ग, पावा और
कुशीनगर के मल्ल।

● आजीवक संप्रदाय के संस्थापक तनयिीवादी मक्खली पत्रु घोषाल का जन्म श्रावस्िी के तनकट श्रावण में हुआ था।
● महात्मा बद्ध
ु का गृह नगर कतपलवस्िु भी उत्तर प्रदेश के तसद्धाथानगर तजले में है, बद्ध
ु की मािा महामाया का गृह नगर
देवदह भी विामान महाराजगजं जनपद का तनिनौल नगर है।
● बद्ध
ु को यद्यतप ज्ञान गया तबहार में प्राप्त हुआ लेतकन उन्होंने अपना प्रथम उपदेश (िमा िि प्रविान) वाराणसी के तनकट
ऋतष पिन मृग्दाव (सारनाथ)में ही तदया ,महात्मा बद्ध ु ने सवाातिक उपदेश भी श्रावस्िी में ही तदए और उन्होंने अपनी मािा
को पतवत्र उपदेश सतं कसा(तजला फरुाखाबाद) में तदया ,महात्मा बद्ध ु ने अपने अतं िम सासं भी उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में ही
ली।

● मौया काल का सकें द्रण अतिकातिक तबहार में था लेतकन मौया शासक अशोक ने उत्तर प्रदेश को तवपल ु मात्रा में अपनी
कलात्मक तवरासि प्रदान की अशोक के स्िंभ लेखों में प्रयक्त ु पत्थर उत्तर प्रदेश के तमजाापुर के िुनार के तनकट "बारा"
गांव से प्राप्त तकया गया था। अशोक के स्िंभ लेख उत्तर प्रदेश के सारनाथ, इलाहाबाद मेरठ ,कौशांबी, संतकसा, कतपलवस्िु
एवं तमजाापरु से प्राप्त होिे हैं।

● मौयोत्तर काल में उत्तर प्रदेश पर यवन और कुषाणो ने आिमण तकए यवनों के आिमण िो मौया काल के अंतिम शासक
बृहद्रथ के समय से ही प्रारंभ हो गए थे, पिंजतल के महाभाष्य में यवन आिमणकाररयों द्वारा अयोध्या पर आिमण का
उल्लेख है यवन आिमणकारी का लाभ मौया सेनापति पष्ु यतमत्र शंगु को तमला उसने मौया शासक ब्रहदि की हत्या कर दी
और अयोध्या को राजिानी बनाकर मगि साम्राज्य के एक भाग पर राज्य करने लगा और शंगु वंश की स्थापना हुई।

●गप्तु वश ं का आरंतभक राज्य उत्तर प्रदेश और तबहार में था सभं वि गप्तु शासकों के तलए तबहार की अपेक्षा उत्तर प्रदेश
अत्यंि महत्व वाला प्रांि था क्योंतक आरंतभक गप्तु मद्रु ाएं और अतभलेख मख्ु यिा उत्तर प्रदेश में ही पाए गए हैं। बाद में गप्तु ों
ने अपनी राजिानी प्रयाग में ही स्थातपि की गप्तु काल को भारि का स्वणा काल कहा जािा है स्वणा काल की स्मृति स्वरूप
उत्तर प्रदेश के कानपुर में भीिरगांव और लतलिपुर में दशाविार मंतदर के रूप में आज भी तस्थि है।

● 606 ईस्वी में कन्नौज में हषा का राज्यातभषेक हुआ और हषा ने शीघ्र कन्नौज को भी अपना सरं क्षण प्रदान करिे हुए
अपनी राजिानी कन्नौज को ही बना तदया इसी बीि िीनी बौद्ध यात्री हेनसागं हषा के आमत्रं ण पर कन्नौज में प्रवास तकया
और िीन लौटकर अपनी आत्मकथा "सी यू की" में उत्तर प्रदेश की ित्कालीन सामातजक सांस्कृ तिक राजनीतिक तस्थति
का तवस्िृि वणान तकया।

● हषा के पश्चाि कुछ समय के तलए आठवीं शिाधदी में यशोवमान ने कन्नौज को अपना खोया वैभव लौट आया संपणू ा
उत्तर भारि पनु ः कन्नौज के आिीन हो गया यशोवमान अति महत्वकाक्ष
ं ी शासक था वह कश्मीर के शासक लतलिातदत्य
मक्त
ु ापीठ की सहायिा से तिधबि पर अतिकार करना िाहिा था।

●यशोवमान की मृत्यु के बाद एक बार तफर उत्तर प्रदेश का कन्नौज शहर शतक्तशाली नेित्ृ व के आभाव मे सघं षा का कें द्र हो
गया और कन्नौज जैसे महत्वपणू ा राजिानी के तलए िीन प्रमख ु शतक्तयों( बंगाल के पाल, उज्जैन के प्रतिहार, महाराष्र
विामान कनााटक के राष्रकूट) मे संघषा प्रारंभ हो गया तजसे इतिहास में तत्र राष्र संघषा कहा गया। इस संघषा में अंििः प्रतिहार
तवजई हुए नागभट्ट तद्विीय कन्नौज में प्रतिहार राज्य की स्थापना की।

● प्रतिहार राजवश ं के बाद कन्नौज पर गहढ़वाल वश ं का शासन हुआ। लेतकन जयिदं गहढ़वाल को मोहपमद गोरी द्वारा
उत्तर प्रदेश के तफरोजाबाद तजले के िदं ावर नामक स्थल पर यद्ध
ु में मार तदया गया

मध्यकाल में उत्तर प्रदेश


मध्यकालीि इनतहास में उत्तर प्रदेश का निनशष्ट स्थाि है

● 1210 में इल्ििु तमश ने लाहौर के स्थान पर तदल्ली को अपनी राजिानी बनाया उत्तर प्रदेश के तदल्ली से तनकटिा होने
से यहां पर प्रारंभ से ही िक
ु ों का अतिपत्य स्थातपि हो गया बदायंू ,सभं ल, कटेहर, भोजपरु , कडा आतद के उपजाऊ क्षेत्र
प्रमख
ु इक्तादारदारों को सौंप तदए गए

●1394 में उत्तर प्रदेश के पवू ी क्षेत्र में मतलक सरवर ख्वाजा जहां ने जौनपुर को कें द्र बनाकर शकी राजवंश की स्थापना
की।

●लोदी वश ं की स्थापना के साथ ही उत्तर प्रदेश का गौरव एक बार अपना लौटा क्योंतक तसकंदर लोदी ने आगरा नगर की
स्थापना कर उसे तदल्ली सल्िनि की राजिानी बनाया।

●मगु ल काल में उत्तर प्रदेश के तबलग्राम(हरदोई) में अफगान शेर खान ने बाबर के बेटे हुमायंू को परास्ि कर तदल्ली के
बादशाहि प्राप्त की।

●1545 ईसवी में उत्तर प्रदेश के बादं ा तजले में तस्थि कातलजं र तकले के यद्ध
ु में शेरशाह की मृत्यु हो गई
●1556 ईस्वी में अकबर बादशाह हुए अकबर ने उत्तर प्रदेश में आगरा में फिेहपरु सीकरी नामक उपनगर एवं अपनी
राजिानी की स्थापना की ।

●अकबर के मंत्री बीरबल और टोडरमल दोनों ही उत्तर प्रदेश के थे, बीरबल तजनका मल ू नाम महेश दास था उत्तर प्रदेश
के जालौन तजले के कालपी नामक स्थान से संबंतिि थे। वही टोडरमल सीिापुर तजले में लहरपरु नामक स्थान में जन्मे थे।

●उत्तर प्रदेश का गौरव उस समय हिोत्सातहि हुआ जब शाहजहां ने मगु ल साम्राज्य की राजिानी सदैव के तलए उत्तर प्रदेश
के आगरा से स्थानांिररि कर तदल्ली कर दी।
● औरंगजेब के शासनकाल में उत्तर प्रदेश सदैव मगु लों के तलए एक िनु ौिी बनिा रहा -बंदु ल े खंड के वीर छत्रसाल ने
मगु लों के तखलाफ तवद्रोह कर तदया यह यद्ध
ु लगभग 50 वषों िक िलिा रहा इस यद्ध ु में पेशवा बाजीराव की सहायिा से
छत्रसाल को तवजय प्राप्त हुई इस घटना ने मराठों को उत्तर प्रदेश में आमंतत्रि तकया और कानपुर के तनकट तबठूर मराठों का
प्रमख
ु कें द्र बन गया ।

●1732 में अवि के सबू ेदार शआदि खान ने अवि को स्विंत्र घोतषि कर तदया इससे प्रेररि होकर रोतहलखंड भी स्विंत्र
हो गया।

आधुनिक काल में उत्तर प्रदेश


●1857 के स्वित्रं िा सग्रं ाम के िार प्रमख ु कें द्र थे कानपरु , लखनऊ ,झासं ी एवं मेरठ ,इतिहास के सशक्त हस्िाक्षर देतखए
यह िारों ही कें द्र उत्तर प्रदेश में ही है प्रथम स्वित्रं िा सग्रं ाम के उद्घाटन का श्रेय मगं ल पाडं े के कारण पतश्चम बगं ाल को तदया
जा सकिा है लेतकन इस संग्राम की वास्ितवक रणभूतम िो उत्तर प्रदेश ही रही।

● 1857 के तवद्रोह की प्रेरणा के नायक अजीमल्ु ला खां थे अजीमल्ु ला खां तबठूर के पेशवा के दत्तक पत्रु नाना िु िु पंि
के मंत्री थे। ईस्ट इतं डया कंपनी ने नाना को पेशवा का वास्ितवक उत्तरातिकारी मानने से इनकार कर तदया था, नाना के
मतस्िष्क में इस घटना के बाद एक ही तविार आया था तक अजीमल्ु ला खां लदं न जाकर अग्रं ेज सरकार से तवनिी कर उनके
हक को तदलाएं, अजीमल्ु ला लदं न रवाना हुए लेतकन उनके मन में कुछ और ही िल रहा था उनकी रणनीति थी तक अगर
अंग्रेजों को ही भारि से बाहर कर तदया जाए िो ना के वल नाना बतल्क भारि मां की जंजीर भी टूट जाएंगी। अजीमल्ु ला खा
की लंदन में मल ु ाकाि सिारा के अपदस्थ राजा के वकील "रंगोजी बाप"ू से हुई दोनों ने ही परू े देश में अंग्रेजों के तखलाफ
िांति की योजना बनाई। लंदन से वापस आकर रंगोजी बापू ने दतक्षण भारि में और अजीमल्ु ला ने नाना के साथ उत्तर भारि
में िातं ि का प्रिार आरंभ कर तदया और 31 मई 1857 का तदन िातं ि के तलए िय तकया गया।
● लेतकन समय से सभी जगह सिू ना ना पहुिुँ पाने के कारण 21 मािा को पतश्चम बगं ाल के बैरकपरु छावनी में िबी लगे
कारिसू के तखलाफ अग्रं ेजों से जगं का ऐलान कर तदया गया तजसका नेित्ृ व मगं ल पाडं े ने तकया इस तवद्रोह के बाद जगह-
जगह अंग्रेजी सेना और अंग्रेजी अफसर साविान रहने लगे।

● उत्तर प्रदेश में मेरठ में सबसे पहले िांति का तबगुल फंू का गया 10 मई को सवेरे ही "तफरंगी मारो" के नारे मेरठ में बल
ु ंद
हो गए कै प्टन तफटनेस को सबसे पहले मार तदया गया 1 तदन में मेरठ अंग्रेजों से मक्तु हो गया और 11 मई को नारा लगा
तदल्ली िलो।

● 22 मई को बगावि की खबर जब इटावा पहुिं े िो वहां के कलेक्टर ऑक्टेतवयन ह्यमू थे (वही तजन्होंने 1885 में कांग्रेस
की स्थापना की थी इटावा की तस्थति देखकर ही उनको मतहला वेश में इटावा छोडकर भागना पडा।)
● 1857 के तवद्रोह में "महकपरी" की आहुति भी महत्वपणू ा है नेपाल की निाकी तक जब वातजद अली शाह की शरीके
हयाि बनी इन्हें "इततिखार उल तनशा" की उपाति से नवाजा गया और उन्होंने वातजद अली को तबरजीसकदर नाम से
वाररस बिौर िोहफा तदया ।वातजद अली शाह को िो अंग्रेजों ने कोलकािा के मतटयाबजु ा के कै द खाने में कै द कर तदया था
,लेतकन लखनऊ की महक परी "बेगम हजरि महल" के रूप में अग्रं ेजों से अपने शौहर की दश्ु मनी का बदला ले रही थी
18 मािा 1858 को लखनऊ को हजरि महल ने अलतवदा कहा और नेपाल पहुिं कर अग्रं ेजों से मक ु ाबला शरू ु तकया बाद
मे नेपाल में ही बेगम हजरि महल का इिं काल हुआ।

● झांसी में रानी लक्ष्मी बाई का योगदान तकसी से छुपा नहीं है लेतकन झांसी की िांतिकाररयों के मध्य तनस्वाथा सेवा भाव
के तलए "झलकारी बाई" को भी याद अवश्य तकया जाना िातहए यह वह मतहला थी तजसने झांसी से रानी के तनकलिे वक्त,
रानी का वेश बनाकर अग्रं ेजों को िोखे में रखा और झांसी में ही वीरगति पाई।
●कानपरु में नाना की मासमू 11 साल की बेटी "मैना" तजसने अपने तपिा का पिा बिाने से उस इिं ेहा िक इनकार तकया
तक अंग्रेजों ने तबठूर के नाना के महल में उसे तजंदा जला तदया।

● गोंडा की रानी ईश्वरी कुमारी ने भी अंग्रेजों से लोहा तलया और शहादि की फे हररस्ि में अपना नाम तलखवाया।
●1857 के बाद से लेकर के आजादी िक लगभग प्रत्येक
1857 का निद्रोह
महत्वपणू ा घटना का जडु ाव उत्तर प्रदेश से तकसी न तकसी रूप
स्थाि सबं नं धत िेतत्ृ ि कताा
में जरूर रहा उदाहरण के तलए 1922 में गोरखपरु िौरी िौरा में
हुई तहसं क घटना ने परू े देश में िल रहे असहयोग आदं ोलन को 1- लखनऊ बेगम हजरि महल
प्रभातवि तकया
2-कानपरु नाना साहब
●िातं िकारी आंदोलन के दसू रे िरण में िाहे वह काकोरी 3- झांसी रानी लक्ष्मीबाई
कांड हो या िंद्र शेखर आजाद द्वारा तकए गए कई कृ त्य हो इन
सब में उत्तर प्रदेश का योगदान जरूर रहा है 4-इलाहाबाद तलयाकि अली
5- बनारस तमजाा वजीर अली खान
●गािं ीजी के नमक िोडने के काननू का पालन उत्तर प्रदेश में
भी तकया गया और 8 अप्रैल 1930 को रायबरे ली में नमक 6- फिेहपरु अजीमल्ु ला
बनाया गया तजसे पंतडि मोिीलाल नेहरु ने नीलाम भी तकया
था 7- फै जाबाद मौलवी अहमदल्ु लाह
8-बरे ली खान बहादरु खान, बख्ि खान
●फरवरी 1918 में यपू ी में "तकसान सभा" की स्थापना की गई
इसका श्रेय गौरी शंकर तमश्र इन्द्र नारायण तद्ववेदी व मदन मोहन 9- मेरठ कदम तसंह
मालवीय को जािा है।
10-गोरखपुर गजािर तसहं
● नाई िोबी बंद सामातजक बायकाट आंदोलन 1919 में 11- मथरु ा देवी तसंह
तकसानों द्वारा उत्तर प्रदेश के प्रिापगढ़ में िलाया गया
12- सल्ु िानपरु शहीद हसन
● 17 अक्टूबर 1920 को बाबा रामिंद्र के प्रयास से "अवि सत्ती चौरा कांड
तकसान सभा" का गठन हुआ ● 1921 -22 मई रायबरे ली हरदोई • यह घाट उत्िर प्रदेश के कानपरु के जाजमऊ,
व आसपास के क्षेत्रों में अंग्रजे ों के तवरुद्ध एक तकसान तवद्रोह "एका में तस्थि है जो 1857 की िांति के दौरान
आदं ोलन" प्रारंभ हुआ तजसका नेित्ृ व मदारी पासी एवं सहदेव ने अग्रं ेजों के नरसहं ार के तलए जाना जािा है।
तकया।
• 1857 की िांति के दौरान अंग्रेजों को कानपुर
से सरु तक्षि कलकत्िा भेजने के तलए जल मागा
●1935 में संयक्त
ु प्रांि विामान के उत्तर प्रदेश में तकसान संघ की से 27 जनू ,1857 को 40 नावें मंगाई गई थी
स्थापना हुई जब पहले िरण में अग्रं ेजों के बीतबयां और
बच्िे नाव में बैठकर जाने लगे िो भीड में वन्दे
● 1936 में अतखल भारिीय तकसान सभा का गठन लखनऊ में मािरम के नारे लगने लगे और िीर-िीरे भीड
हुआ तजसकी अध्यक्षिा स्वामी सहजानदं सरस्विी ने की। उन्माद में बदल गयी।
• उसके बाद भीड द्वारा सत्िी िौरा घाट पर
●1942 के भारि छोडो आंदोलन में भी उत्तर प्रदेश के बतलया में लगभग 300 तब्रतटश परुु षों मतहलाओ ं और
करो या मरो का सवाातिक प्रभाव पडा ,तित्तू पांडे के नेित्ृ व में बच्िों की हत्या कर दी गई और जो अंग्रेज बि
बतलया के अस्थाई सरकार की स्थापना की गई 20 अगस्ि को गये थे, उन्हे बाद में बीबी घर नरसंहार में मार
बतलया के हनमु ानगंज की कोठी में नई सरकार का शपथ ग्रहण तदया गया।
हुआ • कहा जािा है इस हत्याकांड का नेित्ृ व नाना
साहब ने तकया था।
●विामान में सेना और पतु लस की गौरव का प्रिीक जय तहदं का
• अब इस घाट का नाम बदलकर नाना रॉव घाट
नारा श्रीिर पाठक ने ही तदया था यह इलाहाबाद के रहने वाले थे
कर तदया गया है।
और उन्होंने सवाप्रथम पतत्रका तहदं ी प्रदीप में इस नारे को व्यक्त
तकया था बाद में इसे कांग्रेस में शातमल तकया

●आजादी के सपमान में गाया जाने वाला झडं ा गीि (तवजयी तवश्व तिरंगा प्यारा)के रितयिा स्वगीय श्यामलाल गप्तु पाषाद
उत्तर प्रदेश के कानपुर की ही माटी के फूल थे।
प्रदेश का िाम/नचन्ह/राजधािी

→प्रदेश का नाम – 1836 से उत्तर-पतश्चम प्रान्ि


1877 से उत्तर-पतश्चमी प्रांि आगरा एवं अवि
1902 से आगरा एवं अवि का संयक्त ु प्रांिे
1937 से के वल संयक्त
ु प्रान्ि
24 जनवरी, 1950 से उ0 प्र0

→राज्य का पुनगाठन – 1 नवपबर, 1956 को


→राज्य का तवभाजन – 9 नवपबर 2000 (13 तजलों को काटकर उत्तराखण्ड बना)
→प्रथम राजकीय भाषा (घोषणा) – अक्टूबर, 1947 से देवनागरी तलतप में तहन्दी
→तद्विीय राजकीय भाषा – 1989 से उदाू
→राजकीय पशु – बारहतसगं ा
→राजकीय वृक्ष – अशोक
→राजकीय पष्ु प – पलाश या टेंसू (4 जनवरी, 2011 से)
→ राजकीय पक्षी- सारस अथवा िोंि
→राजकीय खेल – हॉकी
→राजकीय तिन्ह – 1 वृत्त में 2 मछली, 1 िीर-िनषु (यह तिन्ह 1938 में स्वीकृ ि हुआ)
प्रदेश की शासनिक/प्रशासनिक संरचिा
मुख्यालय से निन्ि िाम िाले नजले
→राज्य तविानसभा का प्रथम गठन – जल ु ाई, 1937 नजले का िाम मख्
ु यालय
→1967 िक तविानसभा सदस्यों की कुल संख्या – 431
→उत्तराखण्ड बनने के पहले (नवपबर 2000) िक तविानसभा सदस्यों संभल पवासा
की कुल सख्ं या थी – 425 गौिम बद्ध
ु नगर नोएडा
→17वीं तविानसभा के एंग्लो इतं ण्डयन ( अंतिम एग्ं लों इतं डयन) – डॉ.
डेनतजल जे. गोतडन कानपुर देहाि अकबरपरु मािी
→18 वीं तविानसभा (2022) के तलए मतहलाएं िनु ी गई हैं – 47 फरुाखाबाद फिेहगढ़
→सवाातिक तविानसभा सीटों वाला तजला – प्रयागराज (12 सीट)
जालौन उरई
→सबसे कम तविानसभा सीटों वाले तजले – श्रावस्िी/महोबा/तित्रकुट
(2-2 सीटें) कौशापबी मंझनपरु
→राज्य तविानसभा में आरतक्षि सीटों की संख्या – 86 (84 एस.सी. अमेठी गौरीगंज
+ 2 एस.टी.)
→स्वित्रं िा के बाद से अब िक राज्य तविानसभा की लखनऊ से बाहर संि कबीर नगर खलीलाबाद
मात्र एक बैठक हुई है – 8 जनवरी, 2003, प्रयागराज कुशीनगर पडरौना
→राज्य मंतत्रमंडल की पहली बार लखनऊ से बाहर बैठक हुई – 29
जनवरी 2019, कंु भनगर, प्रयागराज तसद्धाथा नगर नौगढ़
→तजलों की संख्या – 75 अंबेडकर नगर अकबरपरु
→िहसीलों की संख्या – 351
सोनभद्र राबटास गंज
→नगर तनकाय (तनगम) – 17
→धलाकों की संख्या – 825

न्यायालय

→न्यातयक अनसु ंिान एवं प्रतशक्षण के न्द्र – लखनऊ (1986 में)


→उच्ि न्यायालय – प्रयागराज (एक खण्डपीठ-लखनऊ)
→उच्ि न्यायालय की स्थापना – 17 मािा 1866 को
→उच्ि न्यायालय में न्यायािीशों की स्वीकृ ि संख्या – 160

नियनु ियां (तब-अब)

→राज्य के प्रथम मख्ु यमंत्री – पं. गोतवंद बल्लभ पंि (1 अप्रैल 46 से 27 तदसपबर, 1954)
→राज्य के प्रथम उप मख्ु यमत्रं ी – िौिरी नारायण तसंह
→राज्य एवं देश की प्रथम मतहला मख्ु यमंत्री – सिु ेिाकृ पलानी
→राज्य में अब िक मतहला मख्ु यमत्रं ी हुई – 2 (सिु ेिा कृ पालानी व सश्रु ी मायाविी)
→विामान मख्ु यमंत्री (योगी आतदत्य नाथ) – स्विंत्रिा के बाद कायाकाल रूप में 33 वें, व्यतक्त रूप में 21 वें
→सबसे कम उम्र के मख्ु यमंत्री – अतखलेश यादव
→ उ0. प्र. के मख्ु यमंत्री व देश के प्रिानमत्रं ी – िरणतसंह व तवश्वनाथ प्रिाप तसहं
→विामान में मख्ु य न्यायिीश (इला. हाईकोटा) – जतस्टस राजेश तबंदल

Note :- इलाहाबाद उच्ि न्यायालय मख्ु य रूप से तब्रतटश राज में भारिीय उच्ि न्यायालय अतितनयम 1861 के
अिं गाि आगरा में 17 मािा, 1866 में स्थातपि तकया गया था। उत्िरी पतश्िमी प्रािं ों के तलय स्थातपि इस न्यायातिकरण
के पहले मख्ु य न्यायािीश सर वाल्टर मागान थे। 1869 में इस उच्ि न्यायालय को इलाहाबाद में स्थानांिररि तकया
गया।
→विामान (7वें) लोकायक्त
ु (कायाकाल 8 वषा) – न्याय. श्री संजय तमश्र (31-1-2016 से)
Note:- उत्िर प्रदेश राज्य के प्रथम लोकायक्ु ि (लोकपाल) तवशभं र दयाल थे।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सगं ीत घरािे

नकरािा घरािा
संस्थापक- उस्ताद बंदे अली खान
• तकराना घराना भारिीय शास्त्रीय सगं ीि और गायन की तहदं स्ु िानी ख़याल गायकी की परंपरा को वहन करने वाले
तहदं स्ु िानी घरानों में से एक है। तकराना घराने का नामकरण उत्तर प्रदेश के मज़ु तफरनगर तजले के एक िहसील कस्बा
कै राना ( जो की अब तजला शामली में हैं )से हुआ माना जािा है
• एक जनश्रतु ि के अनसु ार इनके पररवार में भगवान कृ ष्ण ने प्रकट होकर एक वरदान तदया था तक यहां के गायकों के
स्वर बासं रु ी के समान होंगे ।
• उस्िाद अधदल ु करीम खान और उस्िाद अधदल ु वहीद खान ने इस घराने को प्रतसद्ध तकया।
• गंगबू ाई हगं ल, भीमसेन जोशी, हीराबाई बादोडकर तकराना घराने से ही संबंतिि थी।

आगरा घरािा
संस्थापक-आगरा घराने के जन्मदाता तानसेन के दामाद हाजी सुजान साहब थे।
• इतिहासकारों के अनसु ार 19वीं सदी में खदु ा बख्श ने इस घराने की स्थापना की थी, परंिु सगं ीितवदों का मानना है
तक इसके सस्ं थापक हाजी सजु ान खान थे। फै याज खान ने नवीन और गीिात्मक स्पशा देकर इस घराने को पनु जीतवि
करने का काम तकया। िब से इसका नाम रंगीला घराना पड गया। विामान में इस शैली के प्रमख ु गायकों में सी.आर.
व्यास और तवजय तकिलु जैसे महान गायक आिे हैं।
• आगरा घराने के सगं ीिकार ख्याल के साथ ही ध्रपु द िमार और ठुमरी गाने में भी कुशल थे।

लखिऊ घरािा
• लखनऊ घराना' भारि के प्रतसद्ध शास्त्रीय नृत्य शैली के नृत्य कत्थक िथा गायकी से सपबंतिि घरानों में से एक है।
नवाब वातजद अली शाह के दरबार से इसका उदय हुआ था।
• लखनऊ घराने के कत्थक के प्रमखु कालाकार- अच्छन महाराज, शंभू महाराज, तबंदादीन महाराज, तबरजू महाराज,
जयतकशन महाराज।
• लखनऊ घराने के प्रतसद्ध ख्याल गायक /गातयका सरू ज खा,छज्जू ख़ाुँ,नवाब कातसम अली ,रहीमन बाई,इत्यातद
• िबले के लखनऊ घराने के संस्थापक मोदु खां खान व बख्िरू खां,इन्होंने कत्थक नृत्य के तलए िबला वादन की
जो शैली तवकतसि की उसे लखनऊ शैली के नाम से जाना जािा है।
• लखनऊ घराने के प्रमख
ु पखावज वादक- कोऊद तसंह ,पतं डि अयोध्या प्रसाद, पतं डि सखाराम ।
• लखनऊ घराने के प्रमखु वीणा वादक-सातदक अली खान
• लखनऊ घराने के तमयां गुलाम नबी शौरी ने टप्पा शैली का प्रविान तकया प्रख्याि गजल गातयका बेगम अख्िर
लखनऊ घराने से ही संबंतिि थी।

बिारस घरािा
• यह घराना गायन और वादन दोनों कलाओ ं के तलए प्रतसद्ध रहा है। इस घराने के गायक ख़्याल गायकी के तलए जाने
जािे हैं। इसके साथ ही बनारस घराने के िबला वादकों की भी अपनी एक स्विंत्र शैली रही है।
• बनारस घराने के ठाकुर जयदेव तसंह को संगीि शास्त्र का तपिामह कहा जािा है।
• बनारस घराना के प्रमख ु शहनाई वादक- तबतस्मल्लाह खान, ममु िाज खान।
• बनारस घराने के प्रमख
ु तसिार वादक-पतं डि रतवशंकर, राजभाव तसंह।
• बनारस घराने के प्रमखु िबला वादक- रामसहाय, जानकी सहाय, पंतडि समिा प्रसाद तमश्र (गदु ई महाराज)वीरू
तमश्र ,मौलवी राम तमश्र ,अनोखेलाल तमश्र,तकशन महाराज, कंठे महाराज।

अतरौली घरािा
• अिरौली घराना के संस्थापक अलीगढ़ जनपद के अिरौली स्थान में जनू ागढ़ ररयासि से संबद्ध दो भाई काले खान
एवं िांद खान माने जािे है। दल्लू खान और छज्जू खान इसी घराने से संबंतिि थे जो ध्रपु द िमार गायन के तलए
प्रतसद्ध थे।

रामपुर-सहस्िाि घरािा
• रामपरु -सहस्वान घराना तहंदस्ु िानी संगीि के प्रतसद्ध घरानों में से एक है
• घराने के प्रमख ु गायक -उस्िाद गल ु ाम मस्ु िफा खान, मोहपमद अली खान
• सप्रु तसद्ध संगीिज्ञ आिाया बृहस्पति के अनसु ार रामपरु घराने के संस्थापक नेमि खान और सदारंग थे।

• अजराडा घराने का संबंि मेरठ से है


• इटावा घराना िबला वादक घराना है इटावा घराना को गौरीपुर घराना भी कहिे हैं जो तक तसिार वादन के तलए
प्रतसद्ध है इस घराने के प्रमख
ु तसिार वादक हैं ध्रवु िारा जोशी ,सरु जन तसंह, तवलायि खान।
• इमदाद खान इस घराने के प्रतसद्ध कलाकार हैं।
• हररप्रसाद िौरतसया व रघुनाथ सेठ प्रयागराज के सुप्रतसद्ध बांसरु ी वादक हैं, वही ठुमरी और दादरा की प्रतसद्ध
गातयका जानकीबाई उफा छप्पन छुरी पैदा िो बनारस में हुयी लेतकन उनकी कमाभतू म प्रयागराज रही।
उत्तर प्रदेश राज्य के प्रमुख िृत्य
• जोगनी नृत्य:- (अवध क्षेत्र में) यह नृत्य शैली तवशेषकर रामनवमी के अवसर पर। परुु ष, मतहलाओ ं का रूप िारण
कर नृत्य करिे हैं।
• फरुहाई नत्ृ य:- अवि क्षेत्र के अहीरों द्वारा
• बबदेब या नृत्य:- पवू ाांिल क्षेत्र में प्रितलि पिी के तवदेश या शहर से कहीं दरू िले जाने पर उसकी पत्नी द्वारा करुण
एवं प्रणय वािाा के दृश्य प्रकट करने वाला नृत्य
• नटवरी नत्ृ य:- पवू ाांिल क्षेत्र में अहीरों द्वारा।
• धोबबया नृत्य:- यह पवू ाांिल का नृत्य है। इसे मांगतलक अवसरों पर तकया जािा है।
• कमाा नृत्य:- सोनभद्र एवं तमजाापरु के खरवार आतदवातसयों द्वारा फसल बोने और होली के अवसर पर तकया जाने
वाला नृत्य।
• ैला या ैरा नृत्य:- सोनभद्र और तमजाापरु के आतदवातसयों द्वारा।
• चौलर नृत्य :- सोनभद्र और मिर्जापरु के क्षेत्र िें अच्छी वर्जा हेतु मकयज र्जने वजलज
• धींवर नत्ृ य:- कहार जाति द्वारा शभु अवसरों पर।
• ैरा नृत्य:- बंदु ल े खण्ड के तकसानों द्वारा फसल कटाई के समय।
• पासी नृत्य:- पासी जाति द्वारा साि अलग-अलग मुद्राओ ं में यद्ध ु की भांति नृत्य तकया जािा है।
• छोबलया नत्ृ य:- राजपिू ों द्वारा तववाहोत्सव पर एक हाथ में िलवार िथा एक हाथ में ढाल लेकर।
• छपेली नृत्य:- एक हाथ में रूमाल िथा दसू रे हाथ में दपाण लेकर तकये जाने वाले इस नृत्य में आध्यातत्मक समन्ु नति
की कामना की जािी है।
• देवी नत्ृ य:- मख्ु यि: बदंु ल
े खण्ड क्षेत्र में प्रितलि है।
• धुररया नृत्य:- बंदु ल े खण्ड के कुपहार ( प्रजापति) लोगों द्वारा स्त्री वेष िारण कर।
• पाई डण्डा नृत्य:- बंदु ल े खण्ड के अहीरों द्वारा गजु राि के डातण्डया नृत्य के समान तकया जािा है।
• राई नृत्य:- बंदु ल
े खण्ड की मतहलाओ ं द्वारा तवशेषकर श्री कृ ष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मयरू की भांति तकया जािा
है। अि: इसे मयरू नृत्य भी कहा जािा है।
• दीप नृत्य :- बंदु ल े खण्ड के अहीरों द्वारा प्रत्ज्वतलि दीपों से भरी थाली अथवा पराि तसर पर रखकर।
• मयरू नत्ृ य:- यह नृत्य ब्रज क्षेत्र में तकया जािा है िथा निाक मोर पंख के वस्त्र िारण करिे हैं।
• काबताक नृत्य:- बंदु ल े खण्ड क्षेत्र में कातिाक माह में निाकों द्वारा श्री कृ ष्ण िथा गोपी बनकर।
• कलाबाजी नृत्य:- अवि क्षेत्र के लोग ‘मोरबाजा’ लेकर कच्िी घोडी पर बैठकर नृत्य करिे हैं।
• ख्याल नृत्य:- पत्रु रत्न के जन्मोत्सव पर बंदु ेलखंड में तकया जाने वाला नृत्य।
• कानरा नत्ृ य:- बदुंु ल
े खण्ड के धोबी सिजर् िें प्रचमलत
• झलू ा नृत्य:- ब्रज क्षेत्र में श्रावन मास में।
• चरकुला नृत्य:- ब्रजवातसयों द्वारा तकया जाने वाला घडा नृत्य, तजसमें बैलगाडी अथवा रथ के पतहए पर कई घडे
रखे जािे हैं िथा तफर उसे तसर पर रखकर नृत्य तकया जािा है।
• नरबसंह नृत्य:- बृर् क्षेत्र िें नरमसुंह चतादु शी को मकयज र्जने वजलज नृत्य

िाषा नििाग
• उत्तर प्रदेश के प्रथम भाषा तहदं ी है एवं 1989 को उदाू को तद्विीय राजभाषा का दजाा तदया गया

उत्तर प्रदेश के िाषाई संस्थाि

संस्थाि स्थानपत िषा मुख्यालय


• तहदं स्ु िानी अकै डमी 1927 प्रयागराज
• उत्तर प्रदेश उदाू अकादमी 1972 लखनऊ
• उत्तर प्रदेश तहदं ी संस्थान 1976 लखनऊ
• उत्तर प्रदेश संस्कृ ि संस्थान 1976 लखनऊ
• उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान 1994 लखनऊ
• उत्तर प्रदेश तसिं ी अकादमी 1997 लखनऊ
• उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी - लखनऊ
उत्तर प्रदेश के कनि और उिके उपिाम/लोकनप्रय

कनि उपिाम/लोकनप्रय
• मतलक मोहपमद जायसी
• आतमर खसु रो ििू ी ए तहदं
• अयोध्या तसहं उपाध्याय हररऔि
• सयू ाकांि तत्रपाठी तनराला,महाप्राण
• हरबसं राय बच्िन(हालावादी कतव)
• राजा तशव प्रसाद तसिारे तहदं
• भारिेंदु हररश्चंद्र तहदं ी नवजागरण के अग्रदिू
• िलु सीदास तहदं ी के जािीय कतव
• महादेवी वमाा आितु नक यगु की मीरा
• िनपि राय मश ंु ी प्रेमिदं

िारत रत्ि से सम्मानित उत्तर प्रदेश के व्यनित्ि

व्यनि क्षेत्र िषा


• सवा पल्ली रािाकृ ष्णन दाशातनक 1954
• डॉक्टर भगवान दास दाशातनक 1954
• पतं डि जवाहरलाल नेहरू राजनीतिज्ञ 1955
• गोतवंद बल्लभ पंि राजनीतिक 1957
• परुु षोत्तम दास टंडन राजनीतिक 1961
• श्रीमिी इतं दरा गािं ी राजनीतिक 1971
• राजीव गांिी राजनीतिज्ञ 1991
• पतं डि रतवशक ं र तसिार वादक 1999
• तबतस्मल्लाह खान शहनाई वादक 2001
• मदन मोहन मालवीय(मरणोपरांि) समाज सिु ारक 2014
• अटल तबहारी बाजपेई राजनीतिज्ञ 2014
उत्तर प्रदेश के प्रमुख दशािीय स्थल

स्थल अिनस्थनत
• दशाविार मंतदर देवगढ़ लतलिपरु
• नरतसंह टीला जालौन
• रानी महल झासं ी
• व्यास टीला जालौन
• कामदतगरर पवाि तित्रकूट
• कातलंजर दगु ा बांदा
• िौरासी गंबु द कालपी जालौन
• मकरबई मतं दर महोबा
• बेल्हा देवी मंतदर प्रिापगढ़
• आनदं भवन प्रयागराज
• कडकशाह बाबा की मजार कौशांबी
• फांसी इमली शहीद स्थल प्रयागराज
• बावनी इमली शहीद स्थल फिेहपरु
• िानपरु शहीद स्मारक िंदौली
• सीिामढ़ी िातमाक स्थल भदोही
• सोमनाथ मंतदर देवररया
• काल भैरव मंतदर वाराणसी
• भारि मािा मंतदर वाराणसी
• लाडा कानावातलस का मकबरा गाज़ीपरु
• देवी पाटन मतं दर बलरामपरु
• िाइना मंतदर श्रावस्िी
• भृगु मंतदर बतलया
• माथा कंु वर बद्धु प्रतिमा कुशीनगर
• रे णक
ु े श्वर महादेव मंतदर सोनभद्र
• नैतमषारण्य सीिापरु
• सतं कसा फरुाखाबाद
• मगु ल घाट फरुाखाबाद
• घतटयाघाट फरुाखाबाद
• खानकाह रशीतदया मैनपरु ी
• असई तकला तदगंबर मतू िायां इटावा
• भगवान वराह मंतदर सोरों कासगंज
• रजा लाइब्रेरी रामपरु
• सीिाकंु ड घाट सल्ु िानपरु
• रूमी दरवाजा लखनऊ
• लोिेश्वर मंतदर बाराबंकी
• श्री दाऊजी महाराज हाथरस
• हररदेव मंतदर मथरु ा
• एजाज अली हाल तबजनौर
• दान िीरथ मेरठ
• झारखंडेश्वर तशवतलंग हापडु
• शि ु िाल का तशव मंतदर मजु तफरनगर
• शाकंभरी देवी मंतदर सहारनपरु

उत्तर प्रदेश के आद्रािूनम क्षेत्र (रामसर साइट)


कुल-10 (अप्रैल, 2022 तक)
1- ऊपरी गगं ा नदी (तब्रज घाट नरौरा तखिं ाव िक), 2005
2- नवाबगजं तजला उन्नाव, 2012
3- सरसई नवार -इटावा, 2019
4- पावािी अरंगा गोंडा, 2019
5- समन पक्षी तवहार मैनपरु ी, 2019
6- साडं ी पक्षी तवहार हरदोई, 2019
7- समसपरु झील रायबरे ली, 2019
8- सरू सरोवर/ कीथम झील आगरा, 2020
9. हैदरपरु वेट लैंड, तबजनौर- मजु तफरनगर की सीमा पर, 2021
10. बखीरा वन्य जीव अभ्यारण्य संिकबीर नगर, 2022
( Note:- अब भारि में कुल 75 रामसर वेटलैंड हो गये हैं। (मािा 2023 िक)
ध्यािव्य है तक भारि का सबसे पहला वेटलैंड 1981 में तिल्का झील को घोतषि तकया गया था।)
▪ प्रदेश के कुल क्षेत्रफल में वेटलेंड क्षेत्र का प्रतिशि- 5.5%
▪ प्रदेश का सवाातिक वेटलेंड क्षेत्र वाला तजला – सोनभद्र
▪ प्रदेश का सबसे कम वेटलेड क्षेत्र वाला तजला - बागपि व हाथरस

उत्तर प्रदेश निशेष

उत्तर प्रदेश का िारत में स्थाि


→कुल क्षेत्रफल में स्थान – िौथा (राजस्थान > म0 प्र0 > महाराष्र > उ0 प्र0)
→कुल जनसख्ं या – प्रथम
→दशकीय वृतद्ध दर – (20.2% - भारि की दशकीय वृतद्ध दर से अतिक)
- 14 वाुँ स्थान
→जनघनत्व – िौथा (829 – भारि के जनघनत्व से ज्यादा)
→तलंगानपु ाि – 912
→साक्षरिा दर – 67.7% - 29 वाुँ स्थान
→परू ु ष – 77.3% - 29 वॉ
→मतहला – 57.2% - 31 वॉ

उत्तर प्रदेश जिसख्


ं या िीनत-2000 — 11 जल
ु ाई 2000
→वषा 2016 िक प्रजनन दर - 2.1% पर लाना
→बातलका तववाह आयु – 16.4 वषा -19.5 वषा
→राजकीय सेवाओ ं में — मतहला आरक्षण – 33%

उत्तर प्रदेश िौगोनलक नस्थनतिः-


→अक्षाश ं ीय – 23°52’ – 30°24’ उत्तरी
→देशान्िरीय – 77°5’-84°38’

प्रदेश के सीमािती राज्यिः-


→सबसे पवू ी — तबहार
→सबसे पतश्चमी — हररयाणा
→सबसे उत्तरी — उत्तराखडं
→सबसे दतक्षणी — छत्तीसगढ़

प्रदेश के सीमािती नजलेिः-


→सबसे पवू ी — बतलया
→सबसे पतश्चमी — शामली
→सबसे उत्तरी — सहारनपरु
→सबसे दतक्षणी — सोनभद्र

सबसे बडा नजला — लखीमपरु खीरी


सबसे छोटा नजला — हापडु

सीमािती प्रदेशिः- 9 ( 8 राज्य + 1 के न्द्र शातसि प्रदेश) – के . शा. — तदल्ली, हररयाणा


उत्तराखंड, तहमांिल, छत्तीसगढ़, म0 प्र0, राजस्थान , झारखण्ड, तबहार

प्रदेश की सबसे लम्बी सीमा — मध्य प्रदेश


प्रदेश की सबसे न्यूितम सीमा — तहमांिल

मध्य प्रदेश से सीमा बिािे िाले नजले – 11 ( आगरा, इटावा, जालौन, झांसी, लतलिपरु , महोबा, बांदा, तित्रकूट,
प्रयागराज, तमजाापरु , सोनभद्र)
नबहार से सीमा बिािे िाले नजले - 07 ( सोनभद्र, िदं ौली, गाजीपरु , बतलया, देवररया, कुशीनगर, महराजगजं )
उत्तराखडं से सीमा बिािे िाले नजले- 07 ( सहारनपरु , मजु तफरनगर, तबजनोर, मरु ादाबाद, रामपरु , बरे ली एवं पीलीभीि)
नदल्ली से सीमा बिािे िाले नजले- 02 ( गातजयाबाद, गौिमबद्ध ु नगर (नोएडा))
छत्तीसगढ़ से सीमा बिािे िाले नजले – 01 ( सोनभद्र)
झारंखंड से सीमा बिािे िाले नजले- 01 ( सोनभद्र)
सोििद्र से सीमा बिािे िाले राज्य – 04 ( मध्य प्रदेश, छत्िीसगढं , तबहार, झारखडं )
सहारिपरु से सीमा बिािे िाले राज्य- 03 ( हररयाणा, तहमािल प्रदेश, उत्िराखण्ं ड)
प्रदेश का नििाजि — 9 नवंबर, 2000 (13 तजलों के साथ उत्तराखंड)

राष्‍टरीय राजधािी क्षेत्र ( एि सी आर) में सनम्मनलत उत्तर प्रदेश के नजले – 8 ( मेरठ, गातजयाबाद, गौिम बद्ध
ु नगर,
हापडु , बागपि, बुलंदशहर, मजु तफरनगर, शामली)
→एनसीआर में शातमल करने हेिु प्रस्िातवि तजले:- मथरु ा, हाथरस, सहारनपरु , अलीगढ़
Note :- NCR में सवाातिक तजले हररयाणा राज्य ( 14 तजले) के हैं, जबतक राजस्थान के मात्र दो तजले NCR में शातमल
हैं।

न्यायालय

▪ न्यातयक अनसु ंिान एवं प्रतशक्षण कें द्र – लखनऊ ( 1886 में)
▪ उच्ि न्यायालय – प्रयागराज ( एक खण्ं डपीठ – लखनऊ)
▪ उच्ि न्यायालय की स्थापना – 17 मािा 1886 को
▪ उच्ि न्यायालय में न्यायािीश की स्वीकृ ि सख्ं या – 160
▪ राज्य में सी.बी.आई. कोटा – 06 ( 4 लखनऊ, 02 गातजयाबाद)
▪ पाररवाररक मामलों के तलये पाररवाररक न्यायालयों की शरुु आि- 1984 से
▪ प्रदेश में कुल 6 औद्योतगक न्यायातिकरण – प्रयागराज, लखनऊ, मेरठ, आगरा, कानपरु , गोरखपरु
▪ प्रदेश में श्रम न्यायालय- 20
▪ कॉमतशायल कोटा- 20
िगर निगम कारागार
1. लखनऊ ➢ प्रदेश में तजला कारागारों की संख्या – 72
2. आगरा
➢ उप कारागारों की संख्या – 02 (महोबा व
3. कानपरु
देवबदं )
4. प्रयागराज
➢ प्रदेश में कें द्रीय कारागार- 05 ( फिेहगढ़,
5. वाराणसी
नैनी, बरे ली, आगरा, वाराणसी)
6. मेरठ
7. गोरखपरु ➢ प्रदेश का पहला कें द्रीय कारागार- आगरा
8. बरे ली ( 1844)
9. गातजयाबाद ➢ तकशोर सदन ( अल्पवयस्क कारागार) – 01
10. अलीगढ़ ➢ ( बरे ली)
11. मरु ादाबाद ➢ नारी बंदी तनके िन – 01 ( लखनऊ)
12. झांसी ➢ संपणू ाानंद कारागार प्रतशक्षण संस्थान-
13. सहारनपरु लखनऊ ( 1940)
14. तफरोजाबाद ( 2015)
15. अयोध्या ( 2017)
16. मथरु ा- वृंदावन
17. शाहजहांपरु
कृनष

→प्रदेश में कुल पाररतस्थतिकीय क्षेत्र – 20


→प्रदेश में कुल कृ तष जलवायु क्षेत्र – 9
→प्रदेश में कुल मृदा समहू क्षेत्र-8
→औसि जोि आकार – 0.76 हेक्टेयर
→सस्य गहनिा – 162.4 % (2017-18)
→भारि की कुल भतू म का 15% कृ तष भतू म उपलधि है।

गेहूँ:-
→राज्य की सवाप्रमख
ु फसल
→सवाातिक उत्पादकिा — गंगा-घाघरा दोआब क्षेत्र

गन्िािः-
→राज्य की सवाातिक महत्पणू ा नकदी/व्यापाररक फसल
→राज्य की सवाातिक तसंतिि फसल
→मेरठ तजले का गन्ना सबसे अतिक अच्छा माना जािा है।

अफीमिः-
→सवाातिक उत्पादन — बाराबंकी
→एक मात्र फै क्री — गाजीपरु

पटसि/जटू िः-
→प्रदेश में जटू तमलें — कानपरु , सहजनवा (गोरखपरु )

आमिः-
→स्टेट आम — सहारनपुर, मेरठ
→दशहरी (मलीहाबादी) — मलीहाबाद (लखनऊ)
→सफे दा, िौसा — सहारनपुर
→स्टौल — मेरठ, बागपि
→लंगडा — वाराणसी
→आम तनयाािक जोन – लखनऊ और सहारनपरु

ििाब ब्ांडिः-
→ नवाब ब्राडं नाम से प्रदेश में उत्पातदि आम को अन्य दसू रे प्रदेशों और देशों में बेिा जािा है। इसमें मख्ु य रूप से
दशहरी, िौसा, लगं डा इत्यातद आम शातमल है।

आलूिः-
→अन्य प्रदेशों में िाज ब्रान्ड के नाम से बेंिा जािा है।
सतं रा :-
→सहारनपरु

मृदा अपरदि

वायु अपरदन पतश्चमी क्षेत्र की अपेक्षा – जलीय अपरदन ज्यादा


→परि अपरदन को ‘तकसानों की मौि’ कहा जािा है।
→अवनतलका अपरदन — अतिक ढ़ाल वाले खेिों में
→प्रभातवि तजला — इटावा (सवाातिक)
→ वायु अपरदन से प्रभातवि तजले – मथरु ा व आगरा

कृनष/योजिाए/कायाक्रम

िई कृनष िीनत-2013:-
→कृ तष की तवकास दर 5.1% लतक्षि

नकसाि नमत्र योजिािः- (18 जनू 2001 से)


→प्रत्येक पिं ायि से एक तकसान तमत्र
→योग्यिा — स्नािक कृ तष/इण्टर

नकसाि बही योजिािः- 1992 ई0 से


नकसाि िृद्धािस्था पेंशि योजिािः- (2 Oct 2003 से)
→60 वषा से अतिक
→3.25 एकड भतू म िक के तकसानों को

कृषक दुघाटिा बीमा योजिािः- (Sep. 2004 से)


→12-70 वषा आयु वगा
→क्षतिपतू िा – 5 लाख रूपये

नकसाि क्रेनडट काडा योजिािः-


→1998-99

जीिि ज्योनत पररयोजिािः- अक्टूबर 2008 से


→उद्देश्य — मनरे गा मजदरू ों को अतिररक्त रोजगार सृतजि कराना।

उ0 प्र0 चकबंदी एक्टिः-


→1954 से लागू
→प्रदेश की प्रथम दग्ु ि सहकारी सतमति – कटरा (इलाहाबाद)

प्रादेनशक कापरेनटि डेरी फेडरेशििः-


→1962 ई0

दुग्ध निकास
• राज्य दग्ु ि पररषद की स्थापना- 1976
• राज्य में ऑरे शन तलड का प्रथम िरण 1973 में वाराणसी, मेरठ व बतलया से तकया गया था।
• उत्िर प्रदेश गौसेवा आयोग की स्थापना 1999 में की गई।
• गोकुल पुरस्कार भैंस या गायों की तकसी भी नस्ल के सवाातिक दग्ु ि उत्पादकों हेिु तमलिा है।
• देशी नस्ल की गायों से सवाातिक दग्ु ि उत्पादकों को नंद बाबा परु स्कार तमलिा है।
• राज्य में प्रतितदन प्रतिव्यतक्त दग्ु ि उपलधििा- 371 ग्राम/ तदन (2018-19)
पशु नचनकत्सा पाली क्लीनिकिः-
→मजु तफरनगर, गोरखपरु , लखनऊ

पशु चारा बैंकिः-


→भरारी (झासं ी)

कामधेिु योजिािः-
→5 मािा 2014

पशपु ालि में राष्‍टरीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की नस्थनतिः-


→कुल पशु संख्या — प्रथम

एग्रो पाका :-
→हापडु , सहारनपुर, लखनऊ, वाराणसी।

उ0 प्र0 की झीलें/जल प्रपात/िहरें/िनदयां

झीलें
→बखीरा — सिं कबीर नगर
→करेला झील — लखनऊ
→इतौजा झील — लखनऊ
→बेंती झील — प्रिापगढ़
→िइयाूँ झील — प्रिापगढ़
→नसरसी जलाशय — तमजाापरु
→नजगो जलाशय — तमजाापरु
→टाष्टातरी ताल — तमजाापरु
→लीलोर झील — बरे ली
→मुंगताल — रायबरे ली
→मोती झील, गौर झील — रामपरु
→बरुआ सागर जलाशय — झाुँसी
→लक्ष्मी ताल — झाुँसी
→बलहापारा झील, मोती झील — कानपरु
→मदि सागर — महोबा
→रामगढ़ ताल — गोरखपुर
→देिररया ताल — कनौज
→दखि झील — अपबेडकर नगर
→फुल्हर झील — पीलीभीि
→दहर झील — हरदोई
→िौह झील — मथरु ा
→राधाकुण्ड — गोवािन (मथरु ा)
→सुरहाताल — बतलया
→बडा ताल — शाहजहाुँपरु
→शेखा झील — अलीगढ़
→नछतौरा झील — बहराइि
→सौज़ झील –– मैनपरु ी
→सरसई िािर झील –– इटावा

बाूँध

→राजा का बाूँध — सल्ु िानपुर


→कुन्द्रा समदुं र — उन्नाव
→आंधी ताल — वाराणसी

जल प्रपात
→निंधम — तमजाापरु
→राजदारी — िंदौली
→देिदारी — तमजाापरु
→टाण्डा — तमजाापरु
→कुसेहरा — तमजाापरु

बीहड बिािे िाली िदी — िपबल


जल प्रपात बिािे िाली िनदयाूँ — सोन, टोंस, बेलन, काली गंगा + गौरी गंगा – शारदा नदी
कन्हार िदी — उ0 प्र0 + छत्तीसगढ़ + झारखण्ड

प्रमुख पररयोजिाूँए
→राजघाट बाूँध एिं िहर पररयोजिा — लतलिपरु -बेिवा नदी, उ0 प्र0 + म0 प्र0
→बाण सागर पररयोजिा — शहडोल-सोन नदी, उ0 प्र0 + म0 प्र0 + झारखण्ड
→गण्डक िदी पररयोजिा — नेपाल-बढ़ू ी गण्डक नदी, उ0 प्र0 + तबहार + नेपाल
→हथिी कुंड बैराज — सहारनपरु -यमनु ा, उ0 प्र0 + हररयाणा + तहमांिल + तदल्ली + राजस्थान

पेय पररयोजिाएूँ:-
→गगं ा जल पररयोजिा — प्रिाप तवहार – गगं ा नदी पर
→लिकुश बैराज — कानपुर-गंगा नदी पर
→गोकुल बैराज — गोकुल-यमनु ा नदी पर
→आगरा बैराज — आगरा- यमनु ा नदी पर

प्रमुख बाूँध:-
बाूँध नजला िदी
तजगो जलाशाय तमजाापरु तजगो
मेजा जलाशाय तमजाापरु बेलन नदी
अहरौरा बाुँि तमजाापरु गरई नदी
मािाटीला बाुँि (िीसरा ऊुँिा) लतलिपरु बेिवा नदी
सकु ु मा डुकुमा बाुँि झाुँसी बेिवा नदी
पारीक्षा बाुँि झाुँसी बेिवा नदी
पथरई बाुँि झाुँसी पथरई नदी
ररहन्द बाुँि (दसू रा ऊुँिा) सोनभद्र ररहन्द नदी
राम गंगा (सबसे ऊुँिा) तबजनौर राम गंगा नदी
राजघाट लतलिपरु बेिवा नदी पर
गोतवन्द सागर लतलिपरु शहजाद नदी पर
िन्द्रप्रभा िन्दौली िन्द्रप्रभा नदी
मौहदा हमीरपरु तबरमा नदी
कन्हार सोनभद्र गरई नदी

नसंचाई
→नलकूप(72.17%) > नहर(19.44%) > िालाब(0.75%)
→नलकूपों द्वारा सवाातिक तसंिाई — पतश्चमी उत्तर प्रदेश
→नहरों द्वारा सवाातिक तसंिाई — पतश्चमी उत्तर प्रदेश
→सवाातिक भतू मगि जल का उपयोग करने वाला तजला — आगरा
→देश में नलकूपों द्वारा तसंतिि सवाातिक क्षेत्रफल — उत्तर प्रदेश

िहरें

→प्रदेश में नहरों की सवाातिक लपबाई — रायबरे ली में है।


→पवू ी यमनु ा नहर प्रदेश की सबसे परु ानी नहर है।
→तवश्व बैंक द्वारा सहायिा प्राप्त तसंिाई पररयोजना — ऊपरी गंगा नहर तसंिाई पररयोजना
→शारदा नहर प्रदेश की सवाातिक लपबी नहर है।
→रामगंगा बाुँि प्रदेश का सबसे ऊुँिा बाुँि है।
→मािाटीला बाुँि को रानी लक्ष्मी बाई बाुँि भी कहा जािा है।
→प्रदेश में भ-ू जल सप्ताह — 16-22 जल ु ाई
→प्रदेश में भ-ू गभा तदवस — 10 जनू
िनदयाूँ

→भागीरथी की मख्ु य सहायक नदी — अलकनदं ा


→साुँप की भाुँति टेढ़े-मेढ़े मागा से बहने वाली नदी — शारदा नदी
→राज्य की सवाातिक प्रदतू षि नदी — यमनु ा नदी
→गंगा सवाातिक प्रदतू षि होिी है — कन्नौज से वाराणसी िक
→यमनु ा प्रदेश के 19 तजलों से होकर बहिी है।
→गगं ा प्रदेश के 28 तजलों से होकर बहिी है।
→गंगा के तकनारे नगरों की संख्या – 26
→यमनु ा के तकनारे नगरों की सख्ं या — 10

सीमा बिािे िाली िनदयाूँ:-


→हररयाणा व उ0 प्र0 के बीि — यमनु ा नदी
→लखीमपरु -बहराइि की सीमा — घाघरा नदी
→पीलीभीि-नेपाल की सीमा — शारदा नदी
→म0 प्र0 – उ0 प्र0 – राजस्थान की सीमा — िपबल नदी

के ि बेतिा िदी जोडो पररयोजिा:-


→उ0 प्र0 – म0 प्र0
→के न नदी का पानी झाुँसी के तनकट-बेिवा नदी में — (नहर 231 तकमी0)
→गोमिी नदी जौनपरु को दो बराबर भागों में बाुँटिी है।
→इलाहाबाद-कानपरु — गगं ा नदी के दाुँए िट पर
→वाराणसी — गंगा नदी के बाुँए िट पर

िनदयों के नकिारे बसे शहर


→गाजीपरु — गगं ा नदी
→इलाहाबाद — गंगा नदी
→वाराणसी — गगं ा नदी
→कालकांकर — गंगा नदी
→बक्सर — गंगा नदी
→फिेहगढ़ — गगं ा नदी
→तबठूर — गंगा नदी
→अनपू शहर — गगं ा नदी
→गढ़ मक्त ु े श्वर — गंगा नदी
→िके री — गंगा नदी
→कन्नौज — गगं ा नदी
→फरूाखाबाद — गंगा नदी
→डलमऊ — गगं ा नदी
→कौशापबी — यमनु ा नदी
→हमीरपरु — यमनु ा नदी
→इटावा — यमनु ा नदी
→आगरा — यमनु ा नदी
→मथु रु ा — यमनु ा नदी
→वृन्दावन — यमनु ा नदी
→बटेश्वर — यमनु ा नदी
→बागपि — यमनु ा नदी
→काल्पी — यमनु ा नदी
→गातजयाबाद — तहडं न नदी
→नोएडा — तहडं न नदी
→ग्रेटर नोएडा — तहडं न नदी
→हरदोई — राम गंगा नदी
→मरु ादाबाद — राम गंगा नदी
→जौनपरु — गोमिी नदी
→सल्ु िानपरु — गोमिी नदी
→लखनऊ — गोमिी नदी
→तमतश्रख — गोमिी नदी
→खीरी — गोमिी नदी
→गोरखपुर — राप्ती
→बस्िी — राप्ती
→श्रावस्िी — राप्ती
→अयोध्या-बरहज — सरयू नदी
→तित्रकूट — मंदातकनी
→प्रिापगढ़ — सई नदी
→बादं ा — के न
→हमीरपरु — बेिवा
→सोनभद्र — सोन

िनदयों का नमलि, प्रिेश और निकास


→तहडं न नदी यमनु ा में तमलिी है।– नोएडा के पास
→मध्य प्रदेश से आने वाली िबं ल नदी का राज्य में प्रवेश होिा है – आगरा तजले में
→मध्य प्रदेश से आने वाली के न (कणाविी) नदी का राज्य में प्रवेश – बांदा तजले से
→मध्य प्रदेश से आने वाली बेिवा नदी का राज्य में प्रवेश – लतलिपरु में
→बेिवा यमनु ा में तमलिी है- हमीरपरु के पास
→िंबल नदी यमनु ा में तमलिी है – पंिनदा, इटावा बोडार के पास
→राज्य में गंगा का प्रवेश एवं तनकास- िमश: तबजनौर व बतलया तजले से
→यमनु ा नदी का राज्य में प्रवेश व समापन – िमश: सहारनपरु व प्रयागराज तजले ( संगम) में
→रामगगं ा व काली गगं ा, गगं ा में तमलिी हैं – कन्नौज में
→बढ़ू ी गंगा, गंगा में तमलिी है – बदांयू में
→सई नदी तनकलिी है – तभजवान झील, हरदोई से
→सई नदी गोमिी से तमलिी है- राजघट, जौनपुर में
→ गोमिी नदी तनकलिी है – फुल्हर या गोमि झील, पीलीभीि से
→ गोमिी गगं ा में तमलिी है- कै थी, गाजीपरु
→गंडक ( शातलग्राम) नदी का राज्य में प्रवेश व तनकास - िमश: महाराजगंज व कुशीनगर तजले से
→ शारदा ( काली) का प्रवेश- पीलीभीि तजले से
→शारदा नदी, सरयू (घाघरा) में तमलिी है:- सीिापरु में बासरा के पास।
उत्तर प्रदेश — खनिज, िि संपदा एिं िन्य जीि पररदृश्य

प्रदेश की पहली खनिज िीनत — 29 नदसम्बर 1998 को घोनषत

खनिज प्रानि क्षेत्र


िनू ा पत्तर — तमजाापरु
संगमरमर — तमजाापरु
बेराइट्स — तमजाापरु
एण्डालसु ाइट — तमजाापरु
कोयला — तसगं रौली बेतसन सोनभद्र
मैग्नेसाइट — वाराणसी, बाुँदा
ग्रेफाइट — हमीरपरु
डोलो माइट — तमजाापरु , सोनभद्र, बाुँदा
काुँि बालू (तसतलका सैंड) ---- शक ं रगढ़ (इलाहाबाद)
पाइराइट्स — सोनभद्र
फायर क्ले — सोनभद्र
एस्बेस्टस — तमजाापरु
सैंड स्टोन — तमजाापरु
यरू े तनयम, िाुँबा, फास्फे ट राक, पैलोतडयम, प्लैतटनम डायस्पोर — लतलिपरु
→डायस्पोर के उत्पादन में उ0 प्र0 का प्रथम स्थान है।

सामानजक िानिकी योजिािः- 1979-80 में


तनपनतलतखि वृक्षों के उत्पादन को प्रोत्साहनः-
जलाऊ लकडी हेिु — यक ू ोतलप्टस
रे शम हेिु — शहििू
कागज व लग्ु दी — सयजन
रे यान व मातिस — अजानु
िीडवृक्ष — तवरोजा, िारपीन का िेल
सेमर कुरे ल — मातिस की िीली
काज,ू अखरोट — प्लाईवडु
एलेंथस, पापल ु र — पल्प एवं रे यान उद्योग

आपरेशि ग्रीि योजिा — 1 जल


ु ाई 2001
िि महोत्सि — 1952 ई0
िृक्ष बंधु पुरस्कार िानिकी पररयोजिा — 1998 से
टोटल फारेस्ट किर योजिा — 2014-15
प्रदेश के सवाातिक वन-भाबर एवं िराई क्षेत्रों में पाए जािे हैं।
→उ0 प्र0 के प्रमखु खतनज — राक फास्फे ट, डोलोमाइट

िन्य जीि संरक्षणिः-


→1956 में वन्यजीव परररक्षण सगं ठन

ितामाि में उत्तर प्रदेश में-


→1 एक राष्रीय उद्यान (दिु वा) — 1 Feb 1977
→2 प्राणी उद्यान (तितडया घर) — लखनऊ (नवाब वातजद अली शाह ज)ू , कानपरु (एलेन फारे स्ट ज)ू
→गोरखपुर में तनमााणिीन — शहीद अशफाक खाुँ
→11 वन्य जीव तवहार + 13 पक्षी तवहार (कुल 24 – वन्य जीव अभ्यारण)

टाइगर ररजिा

→दिु वा टाइगर ररजवा — लखीमपरु (खीरी) – 1987-88 (तकशनपरु वन्य जीव तवहार + किरतनयाघाट वन्य जीव तवहार)
→2012 में तबजनौर के अमनगढ़ क्षेत्र को काबेट टाइगर ररजवा का बफर जोन घोतषि तकया गया।
→पीलीभीि टाइगर ररजवा — 9 जनू 2014 पीलीभीि िथा शाहजहाुँपरु तजले में
प्रदेश के िन्य जीि निहार

→सबसे पहला/परु ाना वन्य जीव तवहार — िन्द्रप्रभा वन्य जीव तवहार
→सबसे बडा वन्य जीव तवहार — हतस्िनापुर वन्य जीव तवहार
→सबसे छोटा वन्य जीव तवहार — महावीर स्वामी वन्य जीव तवहार
→सबसे नया वन्य जीव तवहार — कछुआ वन्य जीव तवहार

िन्य जीि निहार नस्थनत स्थापिा


िन्द्रप्रभा वन्यजीव तवहार िन्दौली 1957
तकशनपुर वन्य जीव तवहार लखीमपरु (खीरी) 1972
किरतनया घाट वन्य जीव तवहार बहराइि 1976
रानीपरु वन्य जीव तवहार तित्रकुट 1977
महावीर स्वामी वन्य जीव तवहार लतलिपरु 1977
राष्रीय िपबल वन्य जीव तवहार आगरा, इटावा 1979
कै मरू वन्य जीव तवहार तमजाापरु , सोनभद्र 1982
हतस्िनापरु वन्य जीव तवहार मेरठ, मजु तफर नगर 1986
हापडु , अमरोह, तबजनौर
सोहागी बरवा वन्यजीव तवहार महाराज गंज 1987
सोहेलवा वन्य जीव तवहार बलरामपरु , गोडा, श्रावस्िी 1988
कछुआ वन्य जीव तवहार वाराणसी 1989

उत्तर प्रदेश में नमलते हैं-


हाथी — िराई क्षेत्र जो तशवातलक श्रेतणयों के वनों में
गैंडा — मख्ु यिः िराई क्षेत्र में
िूरा रीछ — तहमालयी क्षेत्र के तनकट
कस्तूरी मृग — तहमालयी क्षेत्र के तनकट
नचंकारा — तवंध्य क्षेत्र के वनों में
प्रदेश के पक्षी निहार
पक्षी निहार नस्थनत स्थापिा
नवाबगंज पक्षी तवहार उन्नाव 1984
समसपरु पक्षी तवहार रायबरे ली 1987
लाखबहोशी पक्षी तवहार कन्नौज 1988
सांडी पक्षी तवहार हरदोई 1990
पावािी आरंगा पक्षी तवहार गोंडा 1990
समान पक्षी तवहार मैनपरु ी 1990
बखीरा पक्षी तवहार सिं कबीर नगर 1990
ओखला पक्षी तवहार गौिम बद्धु नगर 1990
तवजय सागर पक्षी तवहार महोबा 1990
सरु हा िाल पक्षी तवहार बतलया 1991
सरू सरोवर पक्षी तवहार आगरा 1991
बेिीं पक्षी तवहार (डॉ भीम राव कुण्डा 2003
अपबेडकर पक्षी तवहार)
नवाब गंज पक्षी तवहार — िन्द्रशेखर आजाद पक्षी तवहार

→सबसे पहला/पुराना पक्षी तवहार — नवाब गजं पक्षी तवहार (उन्नाव)


→सबसे बाद/नया पक्षी तवहार — बेिी पक्षी तवहार (कुण्डा)
→सबसे बडा पक्षी तवहार — लाख बहोशी (कन्नौज)
→सबसे छोटा पक्षी तवहार — पटना पक्षी तवहार (एटा)
→काला नहरण संरक्षण के न्द्र — गभाना (अलीगढ़) कोरांव (इलाहाबाद)
→कुकरैल िि — (लखनऊ) लप्तु प्रजातियों का प्रजनन के न्द्र
→राष्‍टरीय चम्बल िन्य जीि निहार योजिा —
(उ0 प्र0 + म0 प्र0 + राजस्थान) मगर व घतडयाल के संरक्षण हेिु
→घनडयाल प्रजिि के न्द्र —
कुकरै ल वन (लखनऊ) किरतनया घाट वन्य जीव तवहार (बहराइि)
→प्रोजेक्ट एलीफै न्ट — 1992 से एलीफैन्ट ररजिा — (तबजनौर + सहारनपुर)
→इटावा के तफशर वन में बधबर शेर प्रजनन के न्द्र और लायन सफारी पाका का तनमााण तकया जा रहा है।
→भारि का पहला नाइट सफारी पाका — ग्रेटर नोयडा
→कछुआ पनु वाास योजना — 1986-87, गंगा एक्शन प्लान के िहि
→इको डेवलपमेन्ट प्रोग्राम — संरतक्षि वनों के तनकटविी क्षेत्रों में वन उपज का तवकास करना।
→शातमल अभ्यारण्य — दिु वा, िन्द्रप्रभा, कै मरू , िपबल, सरु हािाल, तवजय सागर रानीपरु समान

उत्तर प्रदेश – ऊजाा पररदृश्य

प्रदेश की जल निद्युत पररयोजिाएूँ-

पररयोजिा िदी नस्थनत


ररहन्द ररहन्द तपपरी (सोनभद्र)
ओबरा ररहन्द ओबरा (सोनभद्र)
मािाटीला बेिवा झाुँसी
पररच्छा बेिवा झाुँसी
शारदा शारदा बनवासा(िपपावि तजला,उत्तराखडं )
राजघाट बेिवा लतलिपरु

→अनपरा-डी िाप तवद्यिु सयं त्र की स्थापना — जापान के सहयोग से


→ओबरा िथा हरदआ ु गंज की स्थापना — रूस के सहयोग से
→नहर पररयोजना तजस पर सवाातिक जल तवद्यिु के न्द्र तस्थि हैं — ऊपरी गगं ा नहर पररयोजना
→प्रदेश का एक मात्र परमाणु तवद्यिु संयत्र — नरौरा (बुलंदशहर) -1989 –I
— गंगा नदी के तकनारे – 1991-II

→के न्द्रीय ऊजाा शोध एिं प्रनशक्षण के न्द्र — तिनहट (लखनऊ)


→ऊजाा नसटी — लखनऊ
→ऊजाा मख् ु यालय — लखनऊ
→सोलर नसटी — आगरा, मरु ादाबाद
→पिि ऊजाा मािीटररंग स्टेशि — िीन (गोरखपुर, तित्रकूट, महोबा)
→वैकतल्पक ऊजाा तवकास संस्थान — 1983 ई0
→वैकतल्पक ऊजाा (NEDA) तवकास अतभकरण — 1988 ई0
→गैसोहाल पायलट पररयोजना — ऑवला (बरे ली)
तनजी क्षेत्र के संयत्र — रोजा, दादरी, अनपरा-सी, बारा
उत्तर प्रदेश पररिहि

→उत्तर प्रदेश सडक पररवहन तनगम — 1 जनू 1972 ई0 को स्थातपि


→प्रदेश में राज्य सडक पररवहन को 21 भागों में बाुँटा गया है।
→प्रदेश से गजु रने वाला सवाातिक लपबा राष्रीय राजमागा-NH-34 (723 तकमी) यद्दतप पवू ा में प्रदेश से गजु रने वाला
सवाातिक लंपबा राष्रीय राजमागा NH- 2 था लेतकन 2010 में सडक पररवहन मंत्रालय द्वारा इसका नाम NH-2
समाप्ि करिे हुए इसको 2 भागों में (NH-19 & NH – 44) तवभातजि कर तदया।
→ प्रदेश से गजु रने वाला सबसे छोटा राष्रीय राजमागा- NH-552 है तजसकी लंबाई उत्िर प्रदेश में मात्र 4 तकमी है।
→शताब्दी बस सेिा — लखनऊ-गोरखपरु के बीि
→महािगर बस सेिा — 6 July 1992 को कानपरु नगर से
→सारथी — सातटवेयर आिाररि ड्राइतवगं लाइसेन्स की स्माटा काडा योजना
→उत्तर दतक्षण काररडोर एवं पूवा पतश्चम काररडोर एक दसू रे को झाुँसी में काटिे हैं।

प्रदेश के एक्सप्रेस-िे

यमुिा एक्सप्रेस िे:-


→ लंम्बाई:- 165 तकमी ( 6 लेन हाइवे)
→ ग्रेटर नोएडा से आगरा
→ शानमल नजले:- गौिम बद्धु नगर, अलीगढ़, मथरु ा, आगरा

आगरा- लखिऊ एक्सप्रेस िे:-


→ लंम्बाई:- 302 तकमी ( 6 लेन)
→ एिमादपरु (आगरा) से लखनऊ
→ शातमल तजले:- (10 तजले) आगरा, तफरोजाबाद, मैनपरु ी, इटावा, औरै या, कन्नौज, कानपरु नगर, उन्नाव, हरदोई,
लखनऊ
→ यह एक्सप्रेस वे यमनु ा एक्सप्रेस वे के माध्यम से लखनऊ तदल्ली से जडु गया है।

पिू ाांचल एक्सप्रेस िे:-


→ लंम्बाई:- 340.82 तकमी ( 6 लेन), इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे की िौडाई 120 मीटर होगी।
→ कहा से कहां तक:- लखनऊ से गाजीपरु
→शानमल नजले:- 09 (लखनऊ, बाराबक ं ी, अमेठी, सल्ु िानपरु , अयोध्या, अपबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ,
गाजीपरु ।)

गंगा एक्सप्रेस िे :-
→ लम्ं बाई:- 8 लेन, 594 तकमी0
→कहां से कहां तक:- तबजौली गांव (मेरठ) से जदु ापरु दांण्डू गांव ( प्रयागराज)
→ शातमल तजले:- (12 तजले) मेरठ, हापडु , बल ु दं शहर, अमरोहा, संबल, बदं ाय,ू शाहजाहं ापरु , हरदोई, उन्नाव,
रायबरे ली, प्रिापगढ़, प्रयागराज
→ यह भी ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे है।
→ निशेष:- 1 अप्रैल 2022 को इस योजना को तदल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे से जोडने व गगं ा एक्सप्रेस वे को प्रयागराज
से बढ़ािे हुए वाराणसी िक जोडने का प्रस्िाव तवभागीय मत्रं ी ने तदया है।

कुछ अन्य एक्सप्रेस िे:-


→ऊपरी गंगा िहर एक्सप्रेस िे — 216 तकमी. ग्रेटर नोयडा-देहरादनू
→कंरोल एक्सेस ग्रीि फील्ड एक्सप्रेस िे — आगरा-लखनऊ (300 तकमी0) 6 लेन
→लखनऊ योजना िथा नागपुर योजना सडकों के तवकास से संबतिि है।
→RIDF योजिा — नाबाडा की सहायिा से गांवों को पक्की सडक से जोडना
→ गोरखपुर नलंक एक्सप्रैस िे- 91 तकमी, आजमगढ़ से तनकल कर गोरखपुर िक।

रेल पररिहि
→ रे लपथ में उत्तर - प्रदेश का प्रथम स्थान है।
→ पहली रे लगाडी – 1859 ई0 में इलाहाबाद-कानपरु
→ देश व यपू ी का सबसे छोटा रे ल मण्डल — मगु लसराय
→ एतशया व भारि का सबसे लपबा तबजली लोकोसेड — मगु लसराय
→ भारि का सबसे लपबा प्लेटफामा — गोरखपरु ( 1366.33 मीटर)
→ डीजल इजं न कारखाना — मडुआडीह
→रे ल सवारी कोि कारखाना — लालगंज
→रे ल पतहया कारखाना — रायबरे ली
→रे ल तडधबा ररपेयर कारखाना — गोरखपरु
→क्षेत्रीय रे ल प्रतशक्षण सस्ं थान –– गाजीपरु
→ रे लवे संग्रहालय – वाराणसी
→प्रदेश में उत्तर रे लवे जोन का सवाातिक तवस्िार है।
→ देश में कुल 18 रे लवे जोन है तजनमें से 5 रे ल जोनों की लाइनें उत्िर प्रदेश से होकर गजु रिी हैं।
→ भारि की सबसे अतिक लंपबी रे लगाडी प्रयागराज एक्सप्रेस है तजसमे 26 कोि लगे हुए हैं।

िायु पररिहि

विामान में प्रदेश में 2 अंिाराष्रीय हवाई अड्डों सतहि कुल 8 हवाई अड्डे तसतवल उडानो सेवाओ ं के तलये कायाशील हैं।

प्रदेश के अन्तरााष्‍टरीय हिाई अडडेिः-


→लाल बहादरु शास्त्री अन्िरााष्रीय हवाई अड्डा (पवू ा नाम – बाबिपुर हवाई अड्डा) — वाराणसी
→िौिरी िरण तसंह अन्िरााष्रीय हवाई अड्डा (पवू ा नाम – अमौसी हवाई अड्डा) — लखनऊ
→िाज अिं रााष्रीय हवाई अड्डा (प्रस्िातवि) — तफरोजाबाद
→कुशीनगर अन्िरााष्रीय हवाई अड्डा (तनमााणिीन) — कुशीनगर
→आगरा अन्िरााष्रीय हवाई अड्डा — आगरा

हिाई अडडे नस्थनत


िके री हवाई अड्डा कानपरु
नागररक हवाई अड्डा कानपुर
खेररया हवाई अड्डा आगरा
सर सावा हवाई अड्डा सहारनपरु
तहण्डन हवाई अड्डा गातजयाबाद
जेवर(तनजी क्षेत्र) हवाई अड्डा गौिम बद्ध
ु नगर
फुसािगजं हवाई अड्डा रायबरे ली
डॉ अपबेडकर हवाई अड्डा मेरठ
→इतं दरा गाुँिी नेशनल एतवएशन एके डमी — फुरसिगंज (राय बरे ली)
→नागररक उड्डयन प्रतशक्षण के न्द्र — बमरौली, प्रयागराज
→नेशनल पैराशटू रेतनंग कॉलेज — आगरा
→भारिीय वायसु ेना का एयरपोटा — बख्शी िालाब (लखनऊ)
→आमी एतवएशन सेन्टर — झाुँसी
→भारि की पहली डाक सेवा — 18 Feb. 1911, इलाहाबाद - नैनी
→भारि की पहली टेलीग्राफ सेवा — 1854, आगरा- कोलकािा

जल पररिहि
→ भारि सरकार ने गगं ा नदी में प्रयागराज ( उत्िर प्रदेश) से हतल्दया (पतश्चम बगं ाल) िक के 1620 तकमी लपबे मागा
को 1986 में राष्रीय जल मागा नपबर एक घोतषि तकया था, जो देश का सबसे लपबा आन्ं िररक जल मागा है।
उत्तर प्रदेश – अथाव्यिस्था पररदृश्य

चार आनथाक क्षेत्र — पवू ी क्षेत्र (28 तजला)


पतश्चमी क्षेत्र (30 तजले) — सवाातिक तवकतसि
के न्द्रीय क्षेत्र (10 तजले)
बंदु ल
े खंड क्षेत्र ( 7 तजले) — सवाातिक तपछडा

→प्रदेश की अथाव्यवस्था में योगदान — िृिीयक क्षेत्र > प्राथतमक क्षेत्र > तद्विीयक क्षेत्र
→सकल राज घरे लू उत्पाद में सवाातिक योगदान – सेवा क्षेत्र
→देश के कुल आय में उ0 प्र0 का योगदान — लगािार घट रहा है।
→प्रदेश में सवाातिक प्रति व्यतक्त आय वाला तजला – गौ. ब.ु नगर
→प्रदेश में न्यनू िम प्रति व्यतक्त आय वाला तजला – बलरामपरु
→प्रति वगा तकमी. क्षेत्रफल में सावातिक उद्यमों की सख्ं या – गातजयाबाद (175.73)
→प्रति वगा तकमी क्षेत्रफल में न्यनू िम उद्यमों की संख्या- सोनभद्र ( 4.42)
→सवाातिक रोजगार प्रदान करने वाला तजला- गौिम बुद्ध नगर
→न्यनू िम रोजगार प्रदान करने वाला तजला- तित्रकूट

राजस्ि नििागिः-

1. राज्य सरकार की आय का श्रोत — (सवाातिक)


प्रदेश में कुल व्यापाररक जोन –– 20
सवाातिक कर संग्रहण –– लखनऊ जोन
न्यनू िम कर संग्रहण — झाुँसी जोन

2. आबकारी कर — दसू रा सवाातिक

→पवू ाांिल तवकास तनति योजना — 1990-91


→बदंु ल
े खण्ड तनति योजना — 1990-91
→सीमाविी क्षेत्र तवकास योजना — 1998-99
→बदंु ले खडं तवकास तनगम की स्थापना (मख्ु यालय – झाुँसी) — अप्रैल 2008
औद्योनगक निकासिः-
→सवाातिक रोजगार — कृ तष क्षेत्र
→कृ तष के बाद सवाातिक रोजगार — हरकरघा उद्योग
→प्रदेश का सबसे बडा हथकरघा उद्योग है।
→दीन दयाल योजना — हरकरघा उद्योग
→जनश्री बीमा योजना — हथकरघा एवं पावर लमू

तसल्क साडी — वाराणसी


दररया — सीिापुर
कटबटा पदाा — गाजीपरु
पाइल वका — अमरोहा
टेरीटावेल — गातजयाबाद
जरी दरदोजी — रामपरु
मलमल पर छवाई — मथरु ा

→शहििू ी रे शम अनसु ंिान एवं तवकास के न्द्र — सभु गपुर (गोंडा)


→टशर रे शम अनसु ंिान एवं तवकास के न्द्र — सोनभद्र
→दरू ी रे शम अनसु ंिान एवं तवकास के न्द्र — औरे या

चीिी उद्योगिः-
→भारि की पहली – 1903 में प्रिापपरु (देवररया)

गन्िािः-
→उत्तर प्रदेश गन्ना तकसान संस्थान — 1975 में लखनऊ
→उत्तर प्रदेश शोि पररषद — शाहजहाुँपरु
→उत्तर प्रदेश गन्ना सतमति संघ तल0 — लखनऊ 1949
→उत्तर प्रदेश गन्ना तवकास तवभाग — 1935
→गन्ना शोि एवं बीज संविान के न्द्र — शाहजहाुँपुर
→उ0 प्र0 गन्ना अनसु ंिान के न्द्र — शाहजहाुँपरु
→उत्तर प्रदेश राज्य िीनी तनगम तल0 – 1971

→कपडा ररसिा इस्ं टीट्यटू — गातजयाबाद


→भारिीय कालीन प्रौद्योतगकी संस्थान — भदोही
→न्यू इतं डया फामाास्यतू टकल — हरदोई (प्रदेश की पहली)

कालीि — भदोही, तमजाापरु


पीतल की िस्तुएं — मरु ादाबाद, वाराणसी
नचकि कारी — लखनऊ
काूँच की िस्तुएूँ — तफरोजाबाद
काष्ठ पादुका, बाूँसुरी — पीलीभीि
नमट्टी के बताि — खजु ाा
काष्ठ िक्काशी — सहारनपरु
चीिी नमट्टी के बताि — तिनहट
कागज — सहारनपुर
पीतल कला — झाुँसी
बाूँस — बरे ली
जरी — बरे ली
पाली फाइबर — बाराबंकी
मेटल क्राप्ट — मरु ादाबाद
कपडों की छपाई — फरूाखाबाद
िुड कानटांग — सहारनपुर
लकडी की िक्कासी — सहारनपरु
ग्लास बीडस — वाराणसी
बीडी — तमजाापरु , झाुँसी
परफ्यूम — कन्नौज
माबाल िका — आगरा
नसंथेनटक रसायि — बरे ली
रबर — मोदी नगर
उिारक — आुँवला
निस्फोटक — कानपुर
कारखािे
→जटू कारखािा — कानपुर, सहजनवा (गोरखपरु )
→तेल शोधि कारखािा — मथरु ा
→फास्फेट उिारक कारखािा — इलाहाबाद, मगरवाडा (कानप ा़ रु )
→सीमेन्ट कारखािा — िनु ार (तमजाापरु ), िक
ु ा डाला (तमजाापरु )
→यूररया उिारक कारखािा — इतफो-फूलपरु , शतक्तमान — जगदीशपुर (अमेठी)
→ अफीम कारखािा (Opium Factory) — गाजीपरु
→बायोसल्फाइड कारखािा — कानपरु
→िारत एक्सप्लोनसि (बारूद फैक्री) — लतलिपुर
→कृनत्रम रबर कारखािा — मोदीनगर (गातजयाबाद)
→पानलएस्टर रेशा फै क्री — बाराबंकी
→मदर डेयरी दूध प्लांट — इटावा
→िारत स्टील रोनलंग नमल — मेरठ
→िारत इलेक्रानिक्स नल0 — गातजयाबाद
→स्टील अथाररटी नल0 — जगदीशपरु
→कृनत्रम अंग निमााण नल0 — कानपुर

के न्द्र सरकार द्वारा 2006 में शरू


ु िः- प्रमख
ु क्लसटसा

→कापेट क्लस्टर — भदोही


→पाटरी क्लास्टसा — खजु ाा
→लेदर क्लसटसा — िौरी-िौरा
→नमटं क्लसटसा — बदायुँू
→ब्लैक पाटरी — आजमगढ़
→मेगा हथकरघा — आजमगढ़
प्रमख
ु आद्योनगक संस्थाििः-
→उ0 प्र0 नित्तीय निगम — कानपुर
→उ0 प्र0 राज्य आद्योनगक निकास नल0 — कानपरु
→उ0 प्र0 लघु उद्योग नल0 — कानपुर
→उ0 प्र0 नियाात निगम नल0 — लखनऊ
→उ0 प्र0 इलेक्रानिक निगल नल0 — लखनऊ
→उ0 प्र0 हथकरघा नि0 नल0 — कानपरु

औद्योनगक निकास प्रानधकरणिः- कुल-6


→ििीि ओखला — नोएडा (गोिम बद्ध ु नगर)
→गीडा — गोरखपरु (1988)
→सहतररया (सीडा) — जौनपरु (1989)
→यमिु ा ताज — नोएडा-आगरा
→लीडा — लखनऊ (2005)
→िृद्धा ििीि ओखला — ग्रेटर नोएडा (1911)

एनशया का सबसे बडा स्िणा बाजार — मेरठ


→मख्ु य सेज — नोएडा, भदोही, मरु ादाबाद, आगरा, कानपरु
→नििेश नमत्र योजिा — (2009) एकल तखडकी व्यवस्था से तनवेश
→उद्योग बंधु योजिा — औद्योतगक ईकाइयों की समय बट्ट स्थापना
→उन्नाव िमडा व डेरी उद्योग के तलए प्रतसद्ध है।
→प्रथम तनयााि आद्यौतगक पाका — ग्रेटर नोएडा
→उ0 प्र0 की उच्ििम वृतद्ध दर — 6 वीं पंिवषीय योजना
→खजु ाा (बल
ु दं शहरा) — िीनी तमट्टी
उत्तर प्रदेश — प्रौद्योनगकी

सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्सिः-
PGI — लखनऊ — Centre of Excellence for insesetflites Research
AMU — Centre of Excellence for malinial Science Research

सरदार पटेल कृनष निश्व निद्यालय मेरठ — Centre of Exellence for Agribiotechnolgy
Research

िक्षत्रशालाएूँ:-
→इतं दरा गाुँिी नक्षत्रशाला — लखनऊ — शातनग्रह के आकार में
→वीर बहादरु तसंह नक्षत्रशाला — गोरखपरु — सबसे बडी
→जवाहर नक्षत्रशाला — इलाहाबाद
→डॉ भीमराव अपबेडकर नक्षत्रशाला — रामपरु — लेजर िकनीक पर आिाररि
→भारि का जैव प्रौद्योतगकी नगर — लखनऊ
→नील-हररि शैवाल जैव उवारक पररयोजना — लखनऊ (बख्शी िालाब)
→जेरोफा क्लोतनगं पररयोजना — लखनऊ (बक्शी िालाब)
→प्रदेश में तवज्ञान का सबसे बडा परु स्कार — तवज्ञान गौरव पुरस्कार
→1974 राज्य सिू ना प्रौद्योतगकी तवभाग की स्थापना

→स्टेट डाटा सेन्टर — लखनऊ


→ई- नडनस्रक्स पररयोजिा — जनवरी 2009 से राज्य के 6 तजलों में
→खाि पररयोजिा — शासकीय सिू नाओ ं के आदान-प्रदान के तलए

नचनकत्सा-प्रौद्योनगकीिः-
→1983 में SPGI की स्थापना — इसी के द्वारा देश के पहले टेलीमेरीसीन संस्थान की स्थापना
→राष्रीय मानतसक तितकत्सा — वाराणसी, बरे ली
→संिामक रोग तितकत्सा — मथरु ा, फै जाबाद, तमजाापरु
→संिामक रोग तितकत्सा — मथरु ा, फै जाबाद, तमजाापरु
→राज्य का पहला एड्स हॉतस्पटल — कानपरु मेतडकल कॉलेज

पयाािरणिः-
→1976 में — पयाावरण तनदेशालय का गठन (सवाातिक एड्स रोगी-वाराणसी)
→उ0 प्र0 प्रदषू ण तनयंत्रण बोडा — 1982 (13 July)
→जल व वायु प्रयोगशाला — लखनऊ
→िाज रेपेतजयम पररयोजना — 1999 ई0
→मीनासा व नाकाम — नतदयों के जल की शद्ध ु िा की जांि
→तजला प्रदषू ण कायािम — 4 झीले रामगढ़-गोरखपरु , मानसीभगं ा — मथरु ा, लक्ष्मी िाल —
झाुँसी, मदन सागर — महोबा
उत्तर प्रदेश जिजानतयाूँ:-
→प्रदेश की कुल जनसंख्या में 0.6% ST जिजानत संबंनधत जिपद
→प्रदेश की जनजातियाुँ जो सिू ीबद्ध नहीं है सहररया लतलिपरु
— माहीगीर, बनरावि (सबसे छोटी) खरवार देवररया, बतलया,
→जालौन िथा फै जाबाद में कोई जनजाति सोनभद्र
नहीं पायी जािी है। गोंड महाराजगंज, तसद्धाथा
नगर, बस्िी, गोरखपरु ,
थारूिः- देवररया
→ तकरािवंशी जनजाति) — प्रदेश की सबसे बैगा सोनभद्र
बडी जनजाति पंखा ( पतनका) सोनभद्र
अगररया सोनभद्र
→संयक्त ु पररवार वाली प्रथा
पठारी सोनभद्र
→मख्ु य आराध्यदेव-तशव, मख्ु य आराध्य बक्ु सा तबजनौर
देवी-काली भइु या, भतु नया सोनभद्र
→मख्ु य भोजन — िावल, पेय-िावल की िेरो सोनभद्र, वाराणसी
जाड (मतदरा)
→प्रमख ु त्योहार — बजहर – वैशाख/ज्येष्ठ
महीने में, पीपल/बरगद के नीिे
→मकर सक्रानन्त, दीपािली — शोक के रूप में
→तस्त्रयाुँ अपनी मारी गई मछतलयाुँ खािी है।
→बदला-तववाह प्रथा प्रितलि है।
→तविवा तववाह का भोज — वठभरवा
→लखीमपरु खीरी में इनके तलए तवश्वतवद्यालय बनाया गया है।

बुक्सा/िोक्सािः-
→ मख्ु य स्थान – तबजनौर
→पिवार राजघराने से सबंतिि है।
→मख्ु य भाषा — तहन्दी
→तहन्दओु जैसा वणा तवभाजन
→मख्ु य भोजन — मछली, िावल
→अथाव्यवस्था का आिार — कृ तष
→प्रमख
ु आराध्य देवी — िामण्ु डा
→राजनीतिक संगठन का सवोच्ि — िखि
→नौकरी करना पसदं नही

खरिार/खैरिारिः-
→मख्ु यिः सोनभद्र ,देवररया बतलया गाजीपरु
→नृत्य — करमा
→पवा — तजउतिया
→पेय — मतदरा
→खख ू ांर प्रकृ ति के होिे हैं।
→तस्त्रयाुँ — टोना करने में मतहर होिी है।

माहीगीरिः-
→तबजनौर
→इस्लाम िमाानयु ायी — अतिकारी – बादशाह वजीर
→एकीकृ ि जनजाति तवकास पररयोजना — लखीमपरु , सोनभद्र
→थारू तवकास पररयोजना — बलरामपरु
→बक्ु सा जनजाति तवकास पररयोजना — नजीबाबाद
→तबखारी जनजाति तवकास पररयोजना — सोनभद्र
→प्रदेश की कुल जनसख्ं या में ST का % — 0.6%
सहररया जनजाति — लतलिपरु
उत्तर प्रदेश – नशक्षा व्यिस्था, सानहत्य, पनत्रकाएूँ:-

सस्ं थाि नस्थनत स्थापिा िषा


तहन्दी सातहत्य सपमेलन इलाहाबाद 1910
तहन्दस्ु िानी एके डमी इलाहाबाद 1927
उत्तर प्रदेश उदाू अकादमी लखनऊ 1972
उत्तर प्रदेश तहन्दी संस्थान लखनऊ 1976
उत्तर प्रदेश संस्कृ ि संस्थान लखनऊ 1976
उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान लखनऊ 1994

→ उत्तर प्रदेश को 17 तशक्षा मण्डलों में बांटा गया हैः-


→राज्य तहन्दी संस्थान — वाराणसी
→राष्रीय तहन्दी सग्रं हालय — आगरा
→भोजपरु ी भवन — वाराणसी
→कन्हैया लाला मतणकलाल तहन्दी संस्थान — आगरा
→प्रदेश का पहला कॉलेज — पयोर सेन्रल कॉलेज (1858)
→उदाू प्रतशक्षण व अनसु ंिान के न्द्र — लखनऊ
→उत्िर प्रदेश बेतसक तशक्षा पररषद का गठन- 1972
→माध्यतमक तशक्षा तनदेशालय का गठन - 1972
→उच्ि तशक्षा तनदेशालय का गठन - 1972
→उ0 प्र0 तनः शल्ु क एव अतनवाया तशक्षा अतितनयम — 26 जल ु ाई 2011
→ उच्ि तशक्षा तनदेशालय — इलाहाबाद
→ उत्िर प्रदेश माध्यतमक संस्कृ ि तशक्षा पररषद – 2017 लखनऊ
योजिाएूँ
→ सवा तशक्षा अतभयान-2001-02 — 6-14 वषा के सभी बच्िों के तलए
→ कस्िरू बा गाुँिी तवद्यालय — 2004 ( 11 से 14 वषा की बातलकाओ ं को 5 से
8 कक्षा िक आवासीय तशक्षा उपलधि कराने के
तलए
→ मध्याह्न भोजन योजना - 1995 से प्रदेश के 38 जनपदों और 1996 से सभी
जनपदों में लागू तकया गया, 2004 से पका-पकाया
भोजन तदया जाने लगा है, और 11वीं योजना में इसे
उच्ि प्राथतमक तवद्यालयों में भी लागू कर तदया गया
है।
→ सपपणू ा साक्षरिा अतभयान-1991 — 15-35 वषा आयु
→ अनौपिाररक तशक्षा योजना — 1975
→ तशक्षा तमत्र योजना — 2000-01
→ आपरे शन धलैक बोडा — 1987 (प्राइमरी तविालयों में खेल कूद)
→ साक्षर भारि तमशन — 2009 (15 वषा से अतिक बालकों )
→ तवद्या वातहनी प्रोजेक्ट-2003 — कपप्यटू र तशक्षा पर
→ राष्रीय माध्यतमक तशक्षा अतभयान - 2009, इस अतभयान में 2020 िक माध्यतमक
तशक्षा की ड्रॉपआउट दर को शन्ू य करने का लक्ष्य
तनिााररि तकया गया था
→ व्यवसातयक तशक्षा योजना - 1989 से 90 कक्षा 11 व 12 के तवद्यातथायों को
रोजगारपरक तशक्षा देना
प्रदेश में के न्द्रीय निश्वनिद्यालय (6)

1. इलाहाबाद तवश्वतवद्यालय - 1887 ( 2005 से कें द्रीय तवव)


2. बनारस तहन्दू तवश्वतवद्यालय - 1916
3. अलीगढ़ मतु स्लम तवश्वतवद्यालय - 1920 ( 1975 से कें द्रीय )
4. भीमरॉव अपबेडकर तवश्वतवद्यालय लखनऊ- 1989 ( 1996 से कें द्रीय )
5. रानी लक्ष्मीबाई कें द्रीय कृ तष तवश्वतवद्यालय झांसी – 2014
6. राजीव गांिी राष्रीय तवश्वतवद्यालय, रायबरे ली- 2017

→प्रदेश का एकमात्र मक्त


ु तवश्वतवद्यालय — राजतषा टण्डन (इलाहाबाद)
→प्रदेश/देश का पहला मतहला तवश्वतवद्यालय — इतं दरा गाुँिी राष्रीय मतहला तव.तव रायबरे ली

कृनष निश्वनिद्यालय – 06 ( 04 राजकीय + 01 राजकीय डीम्ड + कें द्रीय)


→आिाया नरे न्द्र देव कृ तष तव.तव — फै जाबाद
→सरदार पटेल कृ तष तव.तव — मेरठ
→ िंन्द्रशेखर आजाद कृ तष एवं प्रौद्योतगकी तवश्वतवद्यालय – कानपुर ( 1975)
→ आिया नरें द्र देव कृ तष एवं प्रौद्योतगकी तवश्वतवद्यालय – अयोध्या ( 1976)
→ बांदा कृनष निनश्वनिद्यालय – बांदा ( 2010)
→ सैम तहतगनबाटम इस्ं टीट्यूट आफ एग्रीकल्िर, टेक्नोलॉजी एण्ड सांइसेज तवश्वतवद्यालय- नैनी,
प्रयागराज ( 2000)
राज्य उच्च नशक्षा के अधीि निजी निश्वनिद्यालयिः-
→इटं ीग्रल तवश्व तवद्यालय — लखनऊ
→एतमटी तवश्व तवद्याललय — गौ.ब.ु नगर
→मंगलायिन तव.तव — अलीगढ़
→GLA तव.तव — मथरु ा
→तशव नादर तव.तव — दादरी (गौ.ब.ु नगर)
→शोतभि तव.तव — सहारनपुर
→द ग्लोबल तव.तव — सहारनपरु
→मोनाड तव.तव — हापडु
राज्य निनध द्वारा निनमात नचनकत्सा निश्िनिद्यालय -
→ दीन दयाल उपाध्याय पशु तितकत्सा एवं गौ अनसु िं ान सस्ं थान — मथरु ा
→ तकंग जाजा मेतडकल तवश्वतवद्यालय — लखनऊ
→ उत्िर प्रदेश आयातु वज्ञान तवश्वतवद्यालय – सैफई, इटावा

उत्तर प्रदेश अिुसंधाि पररषद — लखनऊ

कें द्रीय डीम्ड निश्िनिद्यालय – (04)


▪ के न्द्रीय उच्ि तिधबिी तशक्षा संस्थान (1967) — सारनाथ (वाराणसी)
▪ राष्रीय पशु तितकत्सा अनुसंिान संस्थान (1983) — इज्जिनगर (बरे ली)
▪ राष्रीय सिू ना प्रौद्योतगकी संस्थान (2000) - झलवा, प्रयागराज
▪ मोिीलाल नेहरु राष्रीय प्रौद्योतगकी संस्थान (2002) – प्रयागराज

निकलांग निश्िनिद्यालय– (02)


▪ जगदगरू ु राम भद्र तव.तव — तित्रकूट (प्रदेश का पहला)
▪ उ0 प्र0 तवकलांग उदार डॉ शंकुिला तमश्र तव.तव — लखनऊ

प्रानिनधक सस्ं थाििः-


▪ उ0 प्र0 वस्त्र प्रौद्योतगकी सस्ं थान — कानपरु
▪ इतं दरा गाुँिी सहकारी प्रबंि संस्थान — लखनऊ
▪ तफरोज गाुँिी इजं ीतनयररंग इस्ं टीट्यटू — रायबरे ली
▪ सेन्रल इस्ं टीट्यटू ऑफ प्लातस्टक इजं ीतनयररंग — लखनऊ
▪ प्रदेश का सबसे परु ाना इजं ीतनयररग कॉलेज — दयाल बाग डीपड तव0 तव0 आगरा
▪ डॉ अपबेडकर टेक्नोलॉजी इन्स्टीयटू फार हैंडीकै प्ड — कानपुर
▪ प्रदेश का पहली तनजी सिू ना तवश्वतवद्यालय — महतषा योगी तव.तव लखनऊ
स्िास््य नशक्षा
जे. के . कैं सर संस्थान — कानपुर
िनवंिरर तितकत्सा तव.तव — लखनऊ
सेन्टर ऑफ बायोमैग्नेतटक रे जोनेंस — लखनऊ
ड्रग कंपोतजट ररसजा यूतनट — लखनऊ
नेहरू इस्ं टीट्यटू ऑफ थैल्मोलॉजी — सीिापरु
उच्ि स्िरीय कैं सर संस्थान — लखनऊ
मतस्िष्क ज्वर उन्मल ू न के न्द्र — गोरखपरु
मानतसक तितकत्सा संस्थान — आगरा, वाराणसी, बरे ली
सेन्रल लेप्रोसी इस्ं टीट्यटू — आगरा
लक्ष्मीपति तसहं ातनया हृदय रोग सस्ं थान — कानपरु
डॉ. लोतहया इनस्टीट्यटू ऑफ मेतडकल साइसं — लखनऊ
सेन्रल इन्स्टीट्यटू ऑफ मेतडतसन एण्ड एरोमैतटक प्लांट्स — लखनऊ

खेल प्रनशक्षण संस्थाि


गरू
ु गोतबन्द तसहं स्पोट्ास कॉलेज — लखनऊ (प्रदेश का प्रथम)
बीर बहादरु तसहं स्पोटास कॉलेज — गोरखपरु
एकलव्य स्टेतडयम — अपबेडकर नगर
राज्य तवद्यालयी िीडा सस्ं थान — फै जाबाद

िाषा
6 जनवरी, 1968 — प्रदेश के सभी कायाालयों में राजभाषा तहन्दी
1989 — उदाू तद्विीय राजभाषा घोतषि

पत्र/पनत्रकािः-
पत्र/ पनत्रका संबंनधत
आरोग्य गोरखपुर से
कल्याण गोरखपुर से
नई िालीम वाराणसी
बालसखा इलाहाबाद
ज्ञान भारिी लखनऊ
तवश्व भारिी पुरस्कार उ0 प्र0 संस्कृ ि संस्थान द्वारा
कल्प योजना प्राथतमक तशक्षा से

प्रदेश के प्रमुख महोत्सि

महोत्सि नजला/ शहर


सल ु ह कुल महोत्सव आगरा
कबीर महोत्सव मगहर
कातपपल्य महोत्सव फरूाखाबाद
िाज महोत्सव आगरा
कजली महोत्सव महोबा
आयवु ेद महोत्सव झासं ी
होतलकोत्सव मथरु ा
कतल्क महोत्सव सभं ल
तबठूर महोत्सव कानपरु
वाटर स्पोटा फे तस्टवल प्रयागराज
राम बराि महोत्सव आगरा
प्रदेश के पाका नस्थनत
नालेज पाका ग्रेटर नोयडा
नाइट सफारी पाका ग्रेटर नोयडा
इको पाका लखनऊ
एपरे ल पाका गोरखपुर, कानपरु
लेदर टेक्नोलॉजी पाका उन्नाव
साइसं पाका संडीला (हरदोई)
बायोटेक्नोलॉजी पाका लखनऊ
इकोनालेज पाका खश ु रोबाग
जीवाश्म पाका सलखन (सोनभद्र)
उत्तर प्रदेश में प्रमुख संस्थाि
→नेशनल शगु र ररसिा इन्स्टीट्यटू — कानपुर
→सेन्रल टेक्सटाइल इन्स्टीट्यटू — कानपुर
→इतं डयन पल्सेज ररसिा इस्ं टीट्यटू — कानपुर
→उ0 प्र0 वस्त्र प्रौद्योतगकी सस्ं थान — कानपरु
→उ0 प्र0 वन अनसु ंिान संस्थान — कानपुर
→डॉ अपबेडकर इन्स्टीट्यटू फॉर हैंडीकै प्ड — कानपरु
→नेशनल धयरू ो ऑफ तफश जेनेतटक ररसोसेज — लखनऊ
→नेशनल इन्स्टीट्यटू ऑफ बोटेतनकल ररसिा — लखनऊ
→राष्रीय अक्षय ऊजाा शोि एवं प्रतशक्षण के न्द्र — लखनऊ
→सेन्रल ड्रग ररसिा इन्स्टीट्यूट — लखनऊ
→सेन्रल इन्स्टीट्यटू फॉर सबरातपकल हाटीकल्िर — लखनऊ
→सेन्रल मैंगो ररसिा इन्स्टीट्यटू — लखनऊ
→के न्द्रीय औषति अनसु ंिान संस्थान — लखनऊ
→इतं डयन शगु रके न (गन्ना) ररसिा इन्स्टीट्यटू — लखनऊ
→ इस्ं टीट्यटू ऑफ सोशल साइसं — लखनऊ
→बीरबल साहनी इन्स्टीट्यटू ऑफ पातलयोबॉटनी — लखनऊ
→आयवु ेतदक ररसिा सेन्टर — लखनऊ
→न्यातयक प्रतशक्षण अनसु ंिान के न्द्र — लखनऊ
→नेशनल ररसिा फॉर मीट — इज्जि नगर (बरे ली)
→सेन्रल एतवयन ररसिा इन्स्टीट्यटू — इज्जि नगर (बरे ली)
→इतं डयन वेटनरी ररसिा इन्स्टीट्यटू — इज्जि नगर (बरे ली)
→NIFT — राय बरे ली
→नेशनल एतवयन रेतनंग कॉलेज — बमरौली (इलाहाबाद)
→नेशनल बाटोफतटालाइजर डेवलमेन्ट सेन्टर — गातजयाबाद
→नेशनल इन्स्टीट्यटू फॉर एग्रो फारे स्टी — झाुँसी
→ के न्द्रीय िारा अनसु िं ान के न्द्र (Central grassland for fodder Research Institute) — झाुँसी
→सेन्रल गेट ररसजा इन्स्टीट्यूट — मथरु ा
→के न्द्रीय काुँि एवं तसरातमक अनसु िं ान व प्रसार के न्द्र — खजु ाा (बल
ु दं शहर)
→इडं ीयन इस्ं टीट्यटू ऑफ बेजीटेबल ररसिा — वाराणसी
→इतं डयन ग्रेन स्टोरे ज इन्स्टीट्यटू — हापडु
→वी.वी तगरर नेशनल लेबर इन्स्टीट्यटू — नोयडा
→कपडा ररसजा इन्स्टीट्यटू — गातजयाबाद
→School of Paper Technology — Saharanpur
→सेन्रल पोटैटो ररसिा सेन्टर — मेरठ
नसटी/टाउििः-
→टाय तसटी, बेब तसटी — ग्रेटर नोयडा
→साइबर तसटी, प्लातस्टक तसटी — कानपरु
→रोतनका तसटी — गातजयाबाद
→आई टी तसटी — नोयडा, ग्रेटर नोयडा, लखनऊ
→साइबर थाने — आगरा, लखनऊ
→कवाल तसटी — कानपरु , इलाहाबाद, वाराणसी, आगरा, लखनऊ
→फोरें तसक लैब — आगरा, लखनऊ
→आलू अनसु ंिान एवं प्रतशक्षण के न्द्र — बाबगू ढ़ (गातजयाबाद)
→अमरूद अनसु ंिान एवं प्रतशक्षण के न्द्र — इलाहाबाद

पररषदिः- उत्तर प्रदेश गन्ना शोि पररषद —शाहजहांपुर


राज्य का पहला
→राज्य का पहला ई-तवलेज — बबुरा गाुँव (मंझनपरु -कौशापबी)
→राज्य का पहला साइबर लैब — आगरा
→राज्य का पहला सातटवेयर टेक्नोलॉजी पाका — नोयडा में
→राज्य का पहला तफल्म सेन्टर — नोयडा
→राज्य का पहला खेल गाुँव — आगरा में
→पहला मतहला उिमी पाका — ग्रेटर नोयडा में
→पहला जैव प्रौद्योतगकी पाका — लखनऊ
→ई-तडतस्रक्ट पायलट पररयोजना लागू करने वाला पहला राज्य — उत्तर प्रदेश
→पयाावरण हेल्पलाइन िथा वाहन रेतकंग प्रणाली लागू करने वाला पहला राज्य — उत्तर प्रदेश
→ई. तवलेज योजना शरू ु करने वाला पहला तजला — कौशांबी
→सैटेलाइट टाउन — तपलखआ ु (हापडु )
→सौर ऊजाा ितलि प्लांट — रामपरु (झाुँसी)
→राज्य का प्रथम िैरिा सौर उजाा संयंत्र – ररहदं बाुँि पर बना है
→राष्रीय तहन्दी संग्रहालय — उ0 प्र0 में
→सापप्रदातयक तहसं ा शोि के न्द्र — जोकरहा (आजमगढ़)
→प्रथम िीनी तमल — प्रिापपरु (देवररया)
→देश का सबसे बडा क्लसटसा — बरे ली क्लसटसा
→एग्रो पाका — बाराबंकी, वाराणसी
उत्तर प्रदेश के प्रमुख व्यनित्ि

निजामद्दु ीि औनलया- महान सफ ू ी सिं तनजामद्दु ीन औतलया का जन्म उत्तर प्रदेश के बदायंू में 1236
ईसवी में हुआ था यह सफ
ू ी संि बाबा फरीद के तशष्य थे।

नजयाउद्दीि बरिी- तदल्ली सल्िनि के प्रमख


ु इतिहासकार तजयाउद्दीन बरनी उत्तर प्रदेश बुलंदशहर
(बरन) के तनवासी थे।

अमीर खस ु रो - अमीर खसु रो का जन्म 1253 ईस्वी में उत्तर प्रदेश तजले के कासगंज तजले के पतटयाली
नामक स्थान पर हुआ था वह फारसी भाषा के महान कतव व इतिहासकार थे उनकी उपाति ितु िये ए
तहदं थी, इन्हें तहदं ी खडी बोली का जनक भी माना जािा है।

टोडरमल - टोडरमल अकबर के नवरत्नों में से एक थे इनका जन्म उत्तर प्रदेश के सीिापरु तजले के
लहरपरु गावं में हुआ था विामान में नायब िहसीलदारों के प्रतशक्षण कें द्र का नाम राजा टोडरमल के
नाम पर ही हरदोई में तस्थि है।

अबुल फजल - यह शेख मबु ारक के पत्रु और फ़ै ज़ी के छोटे भाई थे, यह फ़ारसी, संस्कृ ि, अरबी व
तहदं ी के तवद्वान थे एवं उन्होंने अकबर के दतक्षण के कई अतभयानों में भी भाग तलया यह उत्तर प्रदेश के
आगरा के तनवासी थे।

बीरबल - यह भी अकबर के नवरत्नों में से एक थे उनका मल


ू नाम महेश दास था, यह उत्तर प्रदेश के
जालौन तजले के कालपी नामक स्थान से संबंतिि है।

शेख फ़ै ज़ी- अबल


ु फजल के भाई थे एवं इनका जन्म आगरा में हुआ था।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख क्रांनतकारी

िोट- इतिहास के आईने में उत्तर प्रदेश नामक प्रथम अध्याय में इस पॉइटं का तवस्िृि अध्ययन है, उसके
अतिररक्ि अन्य िांतिकारी/ नेिा यहां तदये जा रहे हैं-

पंनण्डत मदि मोहि मालिीय:-


बनारस तहन्दु तवश्वतवद्यालय के संस्थापक और स्विंत्रिा आंदोलन के प्रमख
ु नेिा रहे, मदनमोहन
मालवीय का जन्म प्रयागराज में हुआ था।

मोतीलाल िेहरु:- इनका जन्म प्रयागराज में 1861 में हुआ था, ित्कालीन समय में इनकी तगनिी
तवश्व के 10 प्रमख
ु वकीलों में की जािी थी।

जिाहर लाल िेहरु:- इनका जन्म 14 नवंबर 1889 को प्रयागराज में हुआ था।

राम प्रसाद नबनस्मल:- यह उत्िर प्रदेश के शाहजहं ापरु तजले से सबं ंतिि थे। काकोरी के स में इन्हे
गोरखपुर जेल में फांसी दी गई थी।

चंद्रशेखर आजाद:- यद्दतप इनका जन्म 23 जल ु ाई, 1906 को अलीराजपुर( मध्य प्रदेश) में हुआ था,
लेतकन मलू रूप से यह उत्िर प्रदेश के उन्नाव तजले के बदरकापुर गांव के तनवासी थे।

मंगलपाण्डे:- 1857 की िांति के नायक मंगल पाण्डे का जन्म 1827 में उत्िर प्रदेश के बतलया तजले
के नगवा गांव में हुआ था।

नचत्तु पाण्डे:- भारि छोडो आंदोलन के दौरान अस्थायी सरकार बनाने वाले तित्िु पाण्डे उत्िर प्रदेश
के बतलया तजले के तनवासी थे।

लाल बहादुर शास्त्री:- इनका जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को िंदौली तजले के मगु लसराय तजले में हुआ
था।
सानहनत्यक व्यनित्ि
व्यनित्ि जन्मस्थाि
कबीर दास वाराणसी
सरू दास मथरु ा (सीही
िलु सीदास राजापरु ग्राम( तित्रकूट)
रै दास/ रतवदास वाराणसी
भषू ण कानपुर
जगन्नाथ दास रत्नाकर वाराणसी
लल्लु लाल (तसंहासन बत्िीसी, बेिाल पच्िीसी) आगरा
मंश
ु ी प्रेमिंद्र वाराणसी
भारिेंदु हरीशिंद्र वाराणसी
सयू ाकांि तत्रपाठी तनराला उन्नाव
महादेवी वमाा फरुाखाबाद
जयशक ं र प्रसाद वाराणसी
महावीर प्रसाद तद्ववेदी रायबरे ली
मैथली शरण गप्ु ि झासं ी
आिाया रामिंद्र शक्ु ल बस्िी
आिाया हजारी प्रसाद तद्ववेदी बतलया
सतच्िदानंद वत्स्यायन (अज्ञेय) कुशीनगर
वृंदावन लाल वमाा झांसी
डॉ. सपपणू ाानंद वाराणसी
राहुल साकृ त्यायन आजमगढ़
िमावीर भारिी प्रयागराज
उत्तर प्रदेश के पयाािरण संबंधी मुद्दे

→पयाावरण तनदेशालय का गठन 1976 में तकया गया, तजसके क्षेत्रीय कायाालय मेरठ और वाराणसी
में तस्थि हैं
→1975 में ‘उत्िर प्रदेश जल प्रदषू ण तनवारण िथा तनयंत्रण बोडा’ का गठन तकया गया इसका
मख्ु यालय लखनऊ में है, िथा प्रदेश भर में इसके 25 क्षेत्रीय कायाालय हैं।
→गंगा नदी संरक्षण प्रातिकरण का गठन 2009 में तकया गया।
→झील प्रदषू ण तनयंत्रण कायािम में प्रदेश की 4 झीलें ( रामगढ- गोरखपरु , मानसीगंगा- मथरु ा,
लक्ष्मीिाल – झांसी, मदनसागर – महोबा ) को शातमल तकया गया है।
→नेशनल एयर क्वॉतलटी मोतनटररंग प्रोग्राम के अंिगाि प्रदेश के 21 प्रमखु नगरों में एयर क्वॉतलटी
इडं ेक्स लगाये गये हैं।
→मािा 2011 से राज्य में 40 माइिोन की मोटाई िक की पोतलतथन बैन कर दी गई है।
→प्रदेश में तवज्ञान और प्रौद्योतगकी पररषद का गठन 1975 में तकया गया था।

िक्षत्रशाला
→इतं दरा गांिी नक्षत्रशाला – लखनऊ
→वीरबाहुदर तसंह नक्षत्रशाला- गोरखपरु
→आयाभट्ट नक्षत्रशाला – रामपरु
→जवाहर नक्षत्रशाला – प्रयागराज
Note:- आयाभट्ट नक्षत्रशाला का पवू ा में
नाम भीमराव अंबेडकर नक्षत्रशाला था।

िषा 2000 के पश्चात बिे नजले


कासगंज- 17/04/ 2008 ( एटा से)
संभल – 28/09/2011 ( मरु ादाबाद व बदांयू से काटकर)
हापडु – 28/09/2011( गातजयाबाद काटकर)
शामली- 28/09/2011( मज्ु जफरनगर काटकर)
अमेठी – 05/07/2013 ( रायबरे ली व सल्ु िानपुर काटकर)
उत्तर प्रदेश की पंचायती/ िगर निकाय प्रणाली

→उत्िर प्रदेश पिं ायिी राज अतितनयम- 1947


→उत्िर प्रदेश क्षेत्र सतमति एवं तजला पररषद अतितनयम 1961 में लाया गया और ग्राम पंिायि, क्षेत्र
पंिायि और तजला पररषद प्रणाली लागू की गई।
→73वें सतं विान सश ं ोिन द्वारा पिं ायिों के काया, शतक्तयों और उत्िरदातयत्व आतद के सबं िं में
व्यापक व्यवस्था की गई और 11वीं अनसु िू ी में वतणाि तवभागों में से 16 काया पंिायिों को
हस्िािं ररि तकये गये।

नजला पंचायत:-
तत्रस्िरीय पिं ायि व्यवस्था में सबसे ऊपर तजला पिं ायि होिी है,तजसके अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का
िनु ाव तजला पंिायि के सदस्यों द्वारा तकया जािा है और तजला पंिायि के सदस्यों को िनु ाव क्षेत्र की
वयस्क जनिा द्वारा तकया जािा है। तजला पंिायि के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के तवरुद्ध अतवश्वास
प्रस्िाव िनु े जाने के पश्िाि् 1 वषा िक नहीं लाया जा सकिा। तजला पंिायि अपने सदस्यों में से 6
प्रकार की सतमतियां बनािी है, यथा- प्रशासतनक सतमति, तनयोजन एवं तवकास सतमति, तशक्षा सतमति,
तनमााण काया सतमति, स्वास््य एवं कल्याण सतमति, जल प्रबिं सतमति। ध्यािव्य है तजला पिं ायि के
राजनैतिक प्रमख ु अध्यक्ष होिा है और प्रशासतनक प्रमख
ु तजला पिं ायि राज अतिकारी/ मख्ु य तवकास
अतिकारी होिा है।

क्षेत्र पच
ं ायत:-
तत्रस्िरीय व्यवस्था में दसू रे स्िर पर क्षेत्र पिं ायि होिी है। प्रत्येक क्षेत्र पिं ायि में 1 प्रमख
ु (धलॉक
प्रमख ु ), एक उपप्रमखु होिा है। प्रमख ु का िुनाव ग्राम सभा द्वारा िुने गये क्षेत्र पंिायि के सदस्यों के
द्वारा होिा है। तजला पंिायि की िरह क्षेत्र पंिायि के प्रमख ु और उपप्रमख ु के तवरुद्ध अतवश्वास प्रस्िाव
िनु े जाने के 1 वषा के भीिर नहीं लाया जा सकिा। यहां पर भी तजला पंिायि की िरह 6 सतमतियों का
गठन तकया जािा है। ध्यािव्य है तक क्षेत्र पंिायि का राजनैतिक प्रमख ु धलॉक प्रमख ु होिा है, वहीं
प्रशासतनक प्रमख ु खण्ं ड तवकास अतिकारी (BDO) होिा है।

ग्राम पंचायत:-
ग्राम पंिायि का अध्यक्ष प्रिान होिा है तजसका िनु ाव प्रत्यक्ष रूप से ग्राम सभा के 18 वषा के आयु
के मिदािाओ ं द्वारा तकया जािा है। ग्राम पंिायि के सदस्यों का भी िनु ाव प्रत्यक्ष रूप से ग्राम सभा
द्वारा तकया जािा है। ग्राम पिं ायि का सदस्य या प्रिान िनु े जाने हेिु न्यनू िम आयु सीमा 21 वषा है।
तकसी ग्राम पंिायि की पहली बैठक उसके गठन के 30 तदन के अंदर होना अतनवाया है। इसके बाद
सामान्यि: प्रत्येक माह 1 बैठक होनी िातहये, और दो बैठकों के बीि 2 महीने से अतिक का अंिर
नहीं होना िातहये।
तकसी ग्राम प्रिान को हटाने के तलये- 15 तदन पवू ा सिू ना देकर ग्राम सभा की तवशेष बैठक बल ु ाई जािी
है, बैठक में ग्राम सभा के कम से कम 1/3 सदस्यों का होना अतनवाया है। इस बैठक में उपतस्थि और
मिदान करने वाले सदस्यों के 2/3 बहुमि द्वारा प्रिान को हटाया जा सकिा है। यतद बैठक में प्रिान को
हटाने सबंतिि प्रस्िाव पास न हो िो ऐसा दसू रा प्रस्िाव इस बैठक के 1 वषा बाद ही लाया जा सकिा
है।
ध्यािव्य है तक ग्राम पिं ायि का राजनैतिक प्रमख
ु प्रिान होिा है वहीं प्रशासतनक प्रमख
ु , पिं ायि सतिव
होिा है।

िगर निकाय प्रणाली


→उत्िर प्रदेश में नगर स्वायत्त शासन की शरुु आि 1916 में सयं क्ु ि प्रािं टाउन एररया अतितनयम और
संयक्ु ि प्रांि अतितनयम द्वारा की गई
→74वें संतविान संशोिन के बाद एक नया कानून बनाया गया,तजसके द्वारा राज्य के संपणू ा नगरीय
क्षेत्र को िीन भागों में तवभक्ि तकया गया। यद्दतप उत्िर प्रदेश में िार प्रकार के नगर पाये जािे हैं
तजनकी घोषणा राज्यपाल के द्वारा की गई है,
1. महानगरीय क्षेत्र:- 10 लाख से अतिक आबादी वाले महानगरीय क्षेत्र। इनमें नगर तनगम की
स्थापना की जािी है।
2. वृहत्िर नगरीय क्षेत्र:- 5 लाख से अतिक एवं 10 लाख से कम आबादी वाले नगरीय क्षेत्र।
इसमें भी नगर तनगम की स्थापना की जािी है।
3. लघत्ु िर नगरीय क्षेत्र :- 1 लाख से अतिक व 5 लाख से कम आबादी वाले क्षेत्र। इनमें नगर
पातलका पररषद की स्थापना की जािी है।
4. संिमणशील क्षेत्र :- 15 हजार से अतिक व 1 लाख से कम आबादी वाले क्षेत्र। इनके तलये
नगर पंिायि की स्थापना की जािी है।

िगर निगम:- नगरीय तनकाय का सबसे उच्ि स्िर नगर तनगम है नगर तनगम में एक नगर प्रमख ु
(मेयर) एक उप मेयर व िीन प्रकार के कई सारे सभासद ( पाषाद) होिे हैं।
नगर प्रमख
ु (मेयर):- नगर प्रमख
ु (मेयर) िनु ाव नगर की वयस्क जनािा द्वारा प्रत्यक्ष रूप से तकया
जािा है। नगर प्रमख
ु 5 वषा के तलये िुना जािा है और पद ग्रहण की तितथ से 2 वषा िक उसके
तखलाफ अतवश्वास प्रस्िाव नहीं लाया जा सकिा। यतद दो वषा के बाद प्रस्िाव लाया गया और
वह पास नहीं हुआ िो उस बैठक से 2 वषा िक ऐसा अतवश्वास प्रस्िाव नहीं लाया जा सकिा।
सभासद:- सभासद में 3 प्रकार के सभासद होिे हैं, यथा- तनवाातिि, मनोनीि एवं पदेन। तनवाातिि
सदस्य प्रत्येक वाडा से 1-1 िनु े जािे हैं। तजनके तलये यह आवश्यक है तक उनका नाम तनवाािक
सिू ी में हो, और उम्र 21 वषा से कम न हो और तविान मण्ं डल का सदस्य होने की योग्यिा रखिे
हों। तनगम में तनवाातिि सभासदों की संख्या 60 से कम और 110 से अतिक नहीं हो सकिी । तनगम
में मनोनीि सदस्यों ( 5 से 10 िक) को राज्य सरकार द्वारा मनोनीि तकया जािा है इन्हें मि का
अतिकार नहीं होिा। पदेन सदस्यों में नगर क्षेत्र वाले MP, MLA, राज्य सभा और तविान पररषद
के सदस्य आिे है।
तनगम सभा में अनेक सतमतियां होिी है तकंिु इनकी संख्या 12 से अतिक नहीं हो सकिी।

िगरपानलका पररषद:-
नगरपातलका पररषद में 1 अध्यक्ष, 1 उपाध्यक्ष व िीन प्रकार के सदस्य होिे हैं। अध्यक्ष का िनु ाव
प्रत्यक्ष तनवाािन के द्वारा तकया जािा है। तनवाातिि सदस्यों की सख्ं या 25 से 55 के बीि होिी है।
मनोनीि सदस्यों की संख्या 3 से 5 के बीि में होिी है। जहां नगर तनगम में 12 से अतिक सतमतियां
नहीं हो सकिीं वहीं नगरपातलका पररषद में इनकी संख्या 5 से अतिक नहीं होनी िातहये।

िगर पंचायत:-
नगर पिं ायि में 1 अध्यक्ष, 1 उपाध्यक्ष, और िीन प्रकार के सदस्य होिे हैं। अध्यक्ष का िनु ाव
जहां प्रत्यक्ष तनवाािन के द्वारा होिा है वहीं उपाध्यक्ष का तनवाािन द्वारा तकया जािा है। तनवाातिि
सदस्यों की संख्या 10 से कम और 24 से अतिक नहीं हो सकिी।

→उत्िर प्रदेश लोकायक्ु ि अतितनयम - 1975


→उत्िर प्रदेश लोक सेवा प्रातिकरण का गठन – 1976
→पाररवाररक न्यायालय अतितनयम - 1985
→उत्िर प्रदेश तवतिक सेवा प्रातिकरण- 1987
→उत्िर प्रदेश राज्य मानवातिकार आयोग का गठन – 7 अक्टूबर, 2002
→ उत्िर प्रदेश राज्

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