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गणित - विकिपीडिया
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ग णत दवस
ग णत का मह व
भौ तक म ग णत का मह व
ग णत का इ तहास
मानव ान क कुछ ाथ मक वधा म संभवतया
ग णत भी आता है और यह मानव स यता जतना ही
पुराना है। मानव जीवन के व तार और इसम
ज टलता म वृ के साथ ग णत का भी व तार आ
है और उसक ज टलताएं भी बढ़ ह। स यता के
इ तहास के पूरे दौर म गुफा म रहने वाले मानव के सरल
जीवन से लेकर आधु नक काल के घोर ज टल एवं
ब आयामी मनु य तक आते-आते मानव जीवन म धीरे-
धीरे प रवतन आया है। इसके साथ ही मानव ान-
व ान क एक ापक एवं समृ शाखा के पम
ग णत का वकास भी आ है। हालां क एक आम
आदमी को एक हजार साल से ब त अ धक पीछे के
ग णत के इ तहास से उतना सरोकार नह होना चा हए,
परंतु वै ा नक, ग णत , ौ ो गक वद्, अथशा ी एवं
कई अ य वशेष रोजमरा के जीवन म ग णत क
समु त णा लय का कसी न कसी प म एक
वशाल, अक पनीय पैमाने पर इ तेमाल करते ह।
आजकल ग णत दै नक जीवन के साथ सव ापी प
म समाया आ दखता है।
ग णत क उ प कैसे ई, यह आज इ तहास के प
म ही व मृत है। मगर हम मालूम है क आज के 4000
वष पहले बेबीलोन तथा म स यताएं ग णत का
इ तेमाल पंचांग (कैलडर) बनाने के लए कया करती
थ जससे उ ह पूव जानकारी रहती थी क कब फसल
क बुआई क जानी चा हए या कब नील नद म बाढ़
आएगी, या फर इसका योग वे वग समीकरण को हल
करने के लए कया करती थ । उ ह तो उस मेय
( योरम) तक के बारे म जानकारी थी जसका क गलत
ेय पाइथागोरस को दया जाता है। उनक सं कृ तयाँ
कृ ष पर आधा रत थ और उ ह सतार और ह के
पथ के शु आलेखन और सव ण के लए सही
तरीक के ान क ज रत थी। अंकग णत का योग
ापार म पय -पैस और व तु के व नमय या
हसाब- कताब रखने के लए कया जाता था। या म त
का इ तेमाल खेत के चार तरफ क सीमा के
नधारण तथा परा मड जैसे मारक के नमाण म होता
था।
यान सं या
ग णत कायप त
ग णत मानव म त क क उपज है। मानव क
ग त व धय एवं कृ त के नरी ण ारा ही ग णत का
उ व आ। मानव म त क क चतन या के
मूल म पैठ कर ही ग णत मुखर प से उनक
अभ करता है और वा त वक संसार
अवधारणा क नया म बदल जाता है। ग णत
वा त वक जगत को नय मत करने वाली मूत धारणा
के पीछे काम करने वाले नयम का अ ययन करता है।
यादातर दै नक जीवन का ग णत इन मूल धारणा
का ही सार है और इस लए इसे आसानी से समझा-बूझा
जा सकता है। हालां क अ धकांश धारणाएं अंत: ा के
ारा ही हम पर कट होती है, फर भी शु एवं सं ेप
प म उन धारणा को करने के लए उ चत
श दावली एवं कुछ नयम और तीक क आव यकता
पड़ती है।
अत: ग णत क अपनी अलग ही भाषा एवं ल प होती है
जसे पहले जानना-समझना ज री होता है। शायद यही
कारण है क दै नक जीवन से असंब त मानकर इसे
समझने क से क ठन माना जाता है, जब क
हक कत म यह वा त वक जीवन के साथ अ भ प से
जुड़ा ही नह है, ब क उसी से इसक उ प भी ई है।
यह वडंबना ही है क यादातर लोग ग णत के त
वमुखता दखा कर उससे र भागते ह, जब क
व तु थ त यह है क जीवन तथा ान के हर े म
इसक उपयो गता है। यह केवल संयोग नह है क
आ क मडीज, यूटन(Newton), गौस और लैगरांज
जैसे महान वै ा नक के व ान के साथ-साथ ग णत म
भी अपना महान योगदान दया है।
ग णत का वग करण
वतमान म ग णत को मोटे तौर पर दो भाग म बांटा
जाता है:
अनु यु ग णत
शु ग णत
शु ग णत वयं ग णत म उपजी उन सम या का
हल ढूं ढता है जनका अ य े से सीधा स ब ध नह
है। कई बार समय के साथ-साथ शु ग णत के
अनु योग मलते जाते ह और इस कार उसका कुछ
ह सा ायो गक ग णत म आता जाता है। शु ग णत
के अंतगत, बीजग णत, या म त और सं या स ांत
आ द आते ह। फ़रमा का सु स मेय, सं या
स ा त का ही एक अंग है। शु ग णत का वकास
बीसव शता द म ब त अ धक आ और इसके
वकास म १९०० म डे वड ह बट के ारा पे रस म दये
गये ा यान का ब त योगदान रहा।
सं याएँ
ाकृ तक प रमेय वा त वक स म
पूणाक
सं याएँ सं याएँ सं याएँ सं याएँ
संरचनाएँ (structures)
म
सं या समूह ाफ स ात
सांयो गक बीजग ण
स ा त स ांत स ा त (Order
theory)
आकाश (space)
अवकल ै टल म
या म त कोण म त टोपोलोजी
या म त या म त स
पा तरण (transformation)
अ म
स दश अवकल गतीय स ा त स म
कैलकुलस
कैलकुलस समीकरण नकाय (chaos व ेष
theory)
वव ग णत (Discrete mathematics)
सहज
संगणन कूटन ाफ
सांयो जक कुलक
स ा त (Encryption) स ा त
स ांत
संगणन के उपकरण
नीचे कुछ मु ोत क यूटर सॉ टवेयर का नाम दया
गया है जो ग णत के व भ काय करने के लए ब त
उपयोगी ह।
मै समा
(Maxima http://maxima.sourcefor
(software))
साईलैब
110px http://scilabsoft.inria
(Scilab)
आर
(सो टवेयर)
http://www.r-project.o
(R
(software))
GNU आ टे व http://www.octave.o
मुख ग णत
अल्- वा र मी[1]
डी'एल बट[2]
आक मीडीज[3]
जॉज बूल
जॉज कै टर
Cauchy(कउची )
Richard Dedekind ( रचड दड कद )
रेने दे कात ज
Euclides(उ लदे स )
लयोनाड आयलर
पयरे डी फमा
Galois
काल े ड रक गाउस
गोडेल्
है म टन
ह बट
Hipátia
जैकोबी
ओमर खैयाम
Klein
को मोगोरोव
ला ज
पयरे साइमन ला लास
लै नीज
Lebesgue
Nash
जॉन फॉन युमान
आइजक यूटन
Noether
पा कल
Peano
पाइथागोरस
Poincaré
Pontryagin
ी नवास रामानुजन
Riemann
ब ा ड रसेल
Steiner
Weyl
Zermelo
इ ह भी दे ख
ग णत का इ तहास
भारतीय ग णत
भारतीय ग णत सूची
वव ग णत (Discrete mathematics)
बाहरी क ड़याँ
ग णतांज ल : ग णत का ह द लॉग
ग णत का इ तहास (गूगल पु तक ; लेखक - डॉ ज
मोहन)
ग णत क रोचक बात (गूगल पु तक)
ग णत का इ तहास (अं ेजी म)
भारत म ग णत का इ तहास
Mathematics and its history (Google
Book ; By John Stillwell)
ग णत ो री
ग णतशा के वकास क भारतीय पर परा (गूगल
पु तक ; लेखक - सु ु न आचाय)
मा य मक ग णत श दावली ( ह द व शनरी)
Grade 6-8 - 7052_math glossary
GRADES 6-8_English_Hindi (पीडीएफ)
कैसे हो क ा म ग णत सीखना– सखाना ? ( वीण
वेद )
रा ीय ग णत वष एवं हमारा दा य व (प का)
Mathematical Quotes
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Muham
mad_ibn_Musa_al-Khwarizmi
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Jean_le_
Rond_d%27Alembert
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Archime
des
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