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(UPSSSC Lower Subordinate Recruitment Exam 2019)

Demo Test Based on Full Syllabus (200 Questions)


* Time: 2:30 Hour * Total Marks: 400
* Per Question: 2 Marks * Negative Marking- 50%

1. हड़प्ऩा सभ्मता से मभरे ‘स्वास्स्तक चिह्न’ ककस दे वता की ऩूजा की ओय सॊकेत कयते हैं?
(A) ऩशऩ
ु तत
(B) भातद
ृ े वी
(C) सम
ू य
(D) वऺोऩासना
उत्तय- C
व्माख्मा: भोहनजोदड़ो से प्राप्त भोहयों, चित्रकारयमों तथा भद ृ बाॊड ऩय स्वास्स्तक के प्रभाण प्राप्त हुमे हैं। मह
हहन्दओु ,ॊ जैनों औय फौद्धों भें सभान रूऩ से प्रतीक भाना जाता है जो कक सूमय ऩूजा से सम्फस्न्धत है।
ससॊधु सभ्मता से जड
ु े कुछ तथ्म एवॊ ससॊधु सभ्मता की ववशेषताएॊ
 सफसे ऩहरे मसॊधु सभ्मता की खोज यामफहादयु दमायाभ साहनी नाभक एक हहन्दस्
ु तानी ने की थी।
 एक अनुभान के अनुसाय, इस सभ्मता के भुख्म तनवासी द्रववड़ औय बूभध्मसागयीम थे।
 इततहासकायों ने मसॊधु सभ्मता को प्रागैततहामसक कार (Prehistoric) भें यखा है।
 भेसोऩोटामभमा मातन मभस्र की सभ्मता के अमबरेखों भें वर्णयत 'भेरूहा' शब्द का अमबप्राम मसॊधु सभ्मता से
ही है।
 अमबरेखों के आधाय ऩय मसॊधु सभ्मता भें 6 फड़े नगय थे। स्जनके नाभ भोहनजोदड़ो, हड़प्ऩा, गणवायीवारा,
धौरवीया, याखीगढ़ औय कारीफॊगन था। इनके अरावा कई उऩनगय बी थे, स्जनका कोई उल्रेख नहीॊ ऩामा
गमा है।
 खुदाई भें प्राप्त अवशेषों के आधाय ऩय अनाज के कुछ अवशेष बी ऩाए गए हैं। उस आधाय ऩय कहा जा
सकता है कक मसॊधु सभ्मता की भख्
ु म पसरें थी गेहूॊ औय जौ.
 मातामात के मरए मसॊधु सभ्मता के रोग फैरगाड़ी औय बैंसागाड़ी का इस्तेभार कयते थे। खुदाई भें इनके
ऩहहए बी मभरे थे। इसके अरावा फच्िों के र्खरौनों भें फैरगाड़ी के रूऩ बी थे।
 सैंधव सभ्मता अथायत मसॊधु सभ्मता के रोग भौसभ के अनुसाय कऩड़े ऩहनते थे। वे सूती औय ऊनी वस्त्रों
का इस्तेभार कयते थे।
 मसॊधु सभ्मता के रोगों के घयों की नामरमाॊ ढाॊिागत तयीके से सड़कों के नीिे होती थीॊ. घय के दयवाजे
ऩीछे की ओय खुरते थे।
 महाॊ फने घयों भें ऩक्की ईंटों से फने स्नानघय औय शौिारम थे।
 इसभें जर तनकासी के मरए नारे फने हुए थे, स्जन्हें फाकामदा ईंटों से ढका गमा था। मे नारे सड़क के
फीि से तनकरते थे।
 मसॊधु सभ्मता के रोग मभठास के मरए शहद का इस्तेभार कयते थे।
 मसॊधु सभ्मता के रोग प्रकृतत से फेहद प्रेभ कयते थे। इस वजह से वे ऩेड़, हवा औय नहदमों की ऩूजा कयते
थे।
 ऩेड़ की ऩूजा औय मशव ऩूजा के सफूत बी मसॊधु सभ्मता से ही मभरते हैं।
 मसॊधु सभ्मता के रोग धयती को उवययता की दे वी भानते थे औय ऩूजा कयते थे।

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 स्वास्स्तक चिह्न हड़प्ऩा सभ्मता की ही दे न है। इससे सम
ू य उऩासना का अनभ
ु ान रगामा जा सकता है।
 स्त्री की ऩूजा की जाती थी
 स्त्री की मभट्टी की भूततयमाॊ मभरने से इस तयह का अनुभान रगामा जा सकता है कक मसॊधु सभ्मता भें
भातद
ृ े वी की उऩासना होती थी।
 इस सभ्मता भें रोगों को व्माऩाय कयना ऽूफ बाता था। भनोयॊ जन के मरए वे भछरी ऩकड़ते थे औय जॊगरी
जानवयों का मशकाय कयते थे।
 मसॊधु सभ्मता के भदय िौऩड़ औय ऩासा खेरते थे। िौऩड़ एक तयह से शतयॊ ज जैसा ही होता है।
 वैसे तो दतु नमा की अन्म सभ्मताओॊ भें तरवाय के फाये भें जानकायी मभरती है, रेककन मसॊधु सभ्मता के
रोग तरवाय से ऩरयचित नहीॊ थे।
 मसॊधु सभ्मता भें ऩदाय-प्रथा औय वे श्माववृ त्त थी।
 प्राकृततक आऩदा औय जरवामु भें फदराव के कायण इस सभ्मता का अॊत हो गमा. एक अनुभान औय
ऩुयातत्व से प्राप्त अवशेषों के आधाय ऩय कहा जाता है कक मसॊधु सभ्मता के ववनाश का सफसे फड़ा कायण
फाढ़ था।

2. जयीफाना नाभक कय सवयप्रथभ ककसने रागू ककमा?


(A) जहाॉगीय
(B) अकफय
(C) हुभामूॉ
(D) शेयशाह
उत्तय- D
व्माख्मा: शेयशाह ने भारगुजायी के अततरयक्त ककसानों ऩय जयीफाना (सवेऺण शल्
ु क) एवॊ भहामसराना (कय सॊग्रह
शल्
ु क) नाभक कय रागू ककमा। शेयशाह ने बूमभ की भाऩ के मरमे ‘मसकन्दयी गज’ का प्रमोग कयवामा था|
 ककसानों को शेयशाह के शासन कार भें 'जयीफाना' मा 'सवेऺण शल्
ु क' एवॊ ―भुहामसराना‖ मा 'कय सॊग्रह
शल्
ु क' बी दे ना ऩड़ता था, स्जनकी दयें क्रभश् बयू ाजस्व की 2.5 प्रततशत एवॊ 5 प्रततशत थी। इसके अरावा
प्रत्मेक ककसान को ऩूयी रगान ऩय 2.5 प्रततशत अततरयक्त कय दे ना होता था।
 शेयशाह ने बूमभ की भाऩ के मरए 32 अॊक वारा ―मसकन्दयीगज‖ एवॊ ―सन की डॊडी‖ का प्रमोग ककमा।
 शेयशाह ने सोने, िाॉदी एवॊ ताॊफे के आकषयक मसक्के िरवामे। कारान्तय भें इन मसक्कों का अनुकयण भुार
सम्राटों ने ककमा।
 शेयशाह ने 167 ग्रेन सोने की अशयपी, 178 ग्रेन का िाॉदी का रुऩमा एवॊ 380 ग्रेन ताॊफे का ―दाभ'
िरवामा। उसके शासन कार भें कुर 23 टकसारें थी।
 उसने अऩने मसक्कों ऩय अऩना नाभ, ऩद एवॊ टकसार का नाभ अयफी बाषा एवॊ दे वनागयी मरवऩ भें
खुदवामा।
 शेयशाह के रुऩमे के ववषम भें स्स्भथ ने कहा कक, "मह रुऩमा वतयभान ब्रिहटश भद्र
ु ा प्रणारी का आधाय है"।

3. िॊदेर शासकों द्वाया फनवामे गए खजुयाहो के भॊहदयों भें से कौन-सा भॊहदय वहाॉ नहीॊ स्स्थत है?
(A) कॊदरयमा भहादे व
(B) िौसठ मोचगनी
(C) चित्रगुप्त
(D) दशावताय
उत्तय- D

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व्माख्मा: िॊदेर शासकों द्वाया खजुयाहो के भॊहदय का तनभायण 950 ई. से 1050 ई. के फीि कयामा। महाॉ कॊदरयमा
भहादे व, िौसठ मोचगनी, चित्रगुप्त, रक्ष्भण भॊहदय, वयाह भस्न्दय आहद भहत्वऩूणय भस्न्दय स्स्थत है। दशावताय भस्न्दय
उत्तय प्रदे श के रमरतऩुय स्जरे के दे वगढ़ भें स्स्थत है। मह बगवान ववष्णु को सभवऩयत है। भाना जाता है मह
गप्ु तकार भें फना ईंटों का भस्न्दय था|

4. तनम्नमरर्खत भें से सफसे ऩहरे कौन-सी घटना घटी?


(A) साइभन कभीशन का आगभन
(B) गाॊधी इयववन सभझौता
(C) बायत छोड़ो आन्दोरन
(D) दाॊडी भािय
उत्तय- A
व्माख्मा: साइभन कभीशन का आगभन- 03 पयवयी, 1928
दाण्डी भािय - 12 भािय, 1930
गाॊधी इयववन सभझौता - 05 भािय, 1931
बायत छोड़ो आन्दोरन - 08 अगस्त 1942
 साइभन कभीशन- बायत सयकाय अचधतनमभ 1919 ने ब्रिहटश बायत के प्राॊतों को सॊिामरत कयने के मरए
द्ववशासन व्मवस्था की शरु
ु आत की थी। इस अचधतनमभ भें प्रावधान था कक शासन मोजना की प्रगतत की
जाॊि के मरए 10 सार फाद एक आमोग तनमुक्त ककमा जाएगा औय सुधाय के मरए नए कदभ उठामे
जामेंगें। इॊग्रैंड की सयकाय रूहढ़वादी सयकाय थी जो कक बायतीमों को तनमॊत्रण दे ने के ऩऺ भें नहीॊ थी। भािय
1927 भें, उनकी भहहभा की सयकाय ने तनधायरयत ततचथ से ऩहरे “वैधातनक आमोग” की तनमुस्क्त के तनणयम
की घोषणा की। (आमोग को 1929 भें स्थावऩत ककमा जाना था)
 ससपारयशें (Recommendations)- एक सॊवैधातनक ऩुनतनयभायण होना िाहहए। मह एक सॊघीम सॊववधान
होगा। प्राॊतों को कानून सहहत ऩूणय स्वामत्तता दी जानी िाहहए। ववमबन्न सभद
ु ामों की यऺा के मरए
याज्मऩार को आॊतरयक सयु ऺा औय प्रशासतनक शस्क्तमों से सॊफॊचधत वववेकाधीन शस्क्त होना िाहहए।
प्राॊतीम ववधान ऩरयषद के सदस्मों की सॊख्मा भें वद्
ृ चध होनी िाहहए। कैब्रफनेट के सदस्मों को तनमक्
ु त
कयने के मरए गवनयय जनयर को ऩूणय अचधकाय होना िाहहए। बायत सयकाय को हाईकोटय ऩय ऩूया
तनमॊत्रण होना िाहहए।
 दाण्डी भार्च- से अमबप्राम उस ऩैदर मात्रा से है , जो भहात्भा गाॉधी औय उनके स्वमॊ सेवकों द्वाया 12 भािय,
1930 ई. को प्रायम्ब की गई थी। इसका भख्
ु म उद्दे श्म था- "अॊग्रेजों द्वाया फनामे गए 'नभक ़ानन
ू को
तोड़ना'।" भािय औय अप्रैर 1930 के फीि, भहात्भा गाॊधी ने सभुद्री जर से नभक का उत्ऩादन कयने के
मरए, सभुद्र के तटीम गाॉव दाॊडी से नभक सत्माग्रह मा नभक भािय की शरु
ु आत की थी। मह सववनम
अवऻा आॊदोरन का ऩहरा कदभ था। गाॉधी जी ने अऩने 78 स्वमॊ सेवकों, स्जनभें वेफ मभरय बी एक था,
के साथ साफयभती आश्रभ से 358 कक.भी. दयू स्स्थत दाॊडी के मरए प्रस्थान ककमा। रगबग 24 हदन फाद 6
अप्रैर, 1930 ई. को दाॊडी ऩहुॉिकय उन्होंने सभद्र
ु तट ऩय नभक ़ानन ू को तोड़ा। भहात्भा गाॉधी ने दाॊडी
मात्रा के दौयान सूयत, डडॊडौयी, वाॊज, धभन के फाद नवसायी को मात्रा के आर्खयी हदनों भें अऩना ऩड़ाव
फनामा था। महाॉ से कयाडी औय दाॊडी की मात्रा ऩूयी की थी। नवसायी से दाॊडी का पासरा रगबग 13 भीर
का है।
 गाॊधी-इयववन सभझौता- 5 भािय 1931 को रॊदन द्ववतीम गोर भेज सम्भेरन के ऩूव,य भहात्भा गाॊधी औय
तत्कारीन वामसयाम रॉडय इयववन के फीि हस्ताऺय कयके एक याजनीततक सभझौता ककमा गमा था, स्जसे
गाॊधी-इयववन सभझौता के रूऩ भें जाना जाता है। सभझौते ऩय अॊग्रेजी सयकाय की ओय से

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रॉडय इयववन द्वाया हस्ताऺय ककए गए थे औय भहात्भा गाॊधी ने बायतीम याष्रीम काॊग्रेस की ओय से स्जन
तनम्नमरर्खत ब्रफॊदओ
ु ॊ ऩय सहभतत व्मक्त की थी, वह भुद्दे तनम्न थे:
 हहॊसा ऩैदा कयने भें दोषी न ठहयाए गए सबी याजनीततक कैहदमों को तत्कार रयहा ककमा जाए।
 तटों के ककनाये स्स्थत गाॉवों को उनके उऩबोग के मरए नभक फनाने का अचधकाय दे ना।
 सत्माग्रहहमों की जब्त की गई सॊऩवत्तमों को वाऩस कयना।
 ववदे शी कऩड़ों औय शयाफ की दक
ु ानों ऩय शाॊततऩूणय ढॊ ग से योक रगाने की अनुभतत दी जाए।
 काॊग्रेस ऩय रगाए गए प्रततफॊधों को हटाना।
 सबी जायी ककए गए अध्मादे श वाऩस रेना औय आॊदोरन को सभाप्त कयना।
 इसके ऩरयणाभ स्वरूऩ काॊग्रेस सववनम अवऻा आॊदोरन को स्थाचगत कयने औय द्ववतीम गोरभेज
सम्भेरन भें बाग रेने के मरए सहभत हुई।
 बायत छोडो आन्दोरन- कक्रप्स मभशन की ववपरता के फाद भहात्भा गाॉधी ने ब्रिहटश शासन के र्खरा
अऩना तीसया फड़ा आॊदोरन छे ड़ने का ै सरा मरमा। 8 अगस्त 1942 की शाभ को फम्फई भें अर्खर
बायतीम काॉगेस कभेटी के फम्फई सत्र भें 'अॊग्रेजों बायत छोड़ो' का नाभ हदमा गमा था। रेककन जैसे ही इस
आॊदोरन की शरूु आत हुई, 9 अगस्त 1942 को हदन तनकरने से ऩहरे ही काॊग्रेस वककिंग कभेटी के सबी
सदस्म चगयफ्ताय हो िुके थे औय काॊग्रेस को गैयकानूनी सॊस्था घोवषत कय हदमा गमा था, मही नहीॊ अॊग्रेजों
ने गाॊधी जी को अहभदनगय ककरे भें नजयफॊद कय हदमा। सयकायी आॊकड़ों के अनुसाय इस जनान्दोरन भें
940 रोग भाये गए थे औय 1630 घामर हुए थे जफकक 60229 रोगों ने चगयफ्तायी दी थी।

5. नकद वेतन के फदरे ‘इक्तादायी व्मवस्था’ का आवॊटन ककस शासक ने फन्द ककमा?
(A) मसकन्दय रोधी
(B) अराउद्दीन र्खरजी
(C) भुफायक र्खरजी
(D) इल्तुतमभश
उत्तय- B
व्माख्मा: अराउद्दीन र्खरजी ने इक्तादायी व्मवस्था भें व्माप्त रष्ष्टािाय को खत्भ कयने के मरमे वेतन के रूऩ भें
इक्ता दे ने की प्रथा को सभाप्त कय हदमा तथा सैतनकों को नकद वेतन दे ने की प्रथा प्रायम्ब की।
 सैतनकों को 234 टॊ का वावषयक मा 19.5 टॊ का भामसक वेतन मभरता था।
 बायत भें इक्ता प्रणारी व्मवस्स्थत रूऩ से शरु
ु कयने का श्रेम सुल्तान इल्तुतमभश को हदमा जाता है।
 इक्ता व्मवस्था की शरु
ु आत बायत से फाहय पायस(ईयान) ऺेत्र तथा ऩस्श्िमभ एमशमा भें हो िक
ु ी थी।
 बायत भें ऩहरी इक्ता भुहम्भद गौयी द्वाया कुतुफुद्दीन ऐफक को हाॉसी ( हरयमाणा) का ऺेत्र इक्ता के रूऩ
भें हदमा गमा ऩहरा इक्ता था। इसके कुछ सभम फाद भुहम्भद गौयी द्वाया उच्छ (मसॊध)का ऺेत्र इक्ता के
रूऩ भें नासीरुद्दीन कुफािा को हदमा गमा।
 रेककन प्रशासतनक रूऩ से इक्ता की स्थाऩना इल्तुतमभश द्वाया की गई। इल्तुतमभश ने ―इक्ता‖ प्रणारी
प्रायम्ब की इक्ता का अथय है – धन के स्थान ऩय तनख्वाह के रुऩ भें बमू भ प्रदान कयना।
 फरफन ने ख्वाजा नाभक अचधकायी तनमुक्त ककमा, जो इक्ता बूमभ की आम का आकरन कयता था।
 अराउद्दीन ने इक्तेदायों के स्थानाॊन्तयण ऩय फर हदमा तथा 3 वषय से अचधक ककसी इक्तेदाय को एक
इक्ते भें नहीॊ यखा। इसके अरावा उसने इक्ता प्रणारी भें केन्द्रीम प्रशासन के हस्तऺेऩ को फढामा।
 गमासुद्दीन तुगरक ने इक्तेदाय की व्मस्क्तगत आम तथा उसके अधीन सैतनकों का वेतन अरग-2 रूऩ से
तनधायरयत कयामा। वसारत-ए-हश्भ (सैतनकों के वेतन का यस्जस्टय) ।

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 भुहम्भद बफन तुगरक ने इक्तेदायों ऩय अत्मचधक तनमॊत्रण रगामा उसने इक्तेदायों के सभकऺ इक्ता ऺेत्र भें
अभीय नाभक अचधकायी को तनमुक्त ककमा जो इक्ता का प्रशासन िराता था, जफकक वसर
ू ी का अचधकाय
इक्तेदाय के ऩास फने यहने हदमा।
 इसी प्रकाय भह
ु म्भद ब्रफन तग
ु रक ने इक्तेदाय के अधीन सैतनकों को केन्द्रीम खजाने से नकद वेतन दे ने की
घोषणा की । इस अत्मचधक तनमॊत्रण के कायण ही इक्तेदायों ने भुहम्भद ब्रफन तुगरक के सभम अनेक
ववद्रोह ककमे।
 फपयोज तुगरक के सभम भें इक्तेदायों का ऩद वॊशानुगत कय हदमा गमा। वॊशानुगत इसी के कार तक यहा।
फाद भें नहीॊ।
 इक्तेदाय मा इक्ता प्रथा को प्रशासतनक रूऩ इल्तत
ु मभश ने हदमा था, तथा उसने ऩद को स्थानाॊन्तरयत यखा
था।
 रोदी कार भें इक्तेदाय को वजहदाय कहा जाता था।

6. ऩानीऩत का ततृ ीम मुद्ध तनम्न भें से ककसके शासनकार भें हुआ?


(A) भह
ु म्भद शाह
(B) शाहआरभ द्ववतीम
(C) आरभगीय द्ववतीम
(D) जहाॊदाय शाह
उत्तय- B
व्माख्मा: ऩानीऩत का तत
ृ ीम मद्
ु ध शाहआरभ द्ववतीम के शासनकार भें हुआ। मह मद् ु ध 14 जनवयी, 1761 भें
अहभदशाह अब्दारी तथा भयाठों के भध्म हुआ। स्जसभें अब्दारी ववस्जत हुआ तथा भयाठे ऩयास्जत हुमे। इस सभम
भयाठा ऩेशवा फाराजी फाजीयाव (1740-1761 ई.) थे।
 ऩानीऩत का ऩहरा मुद्ध (21, April 1526)-उत्तयी बायत भें रड़ा गमा था, औय इसने इस इराके भें भुार
साम्राज्म की नीॊव यखी। मह उन ऩहरी रड़ाइमों भे से एक थी स्जसभें फारूद, आग्नेमास्त्रों औय भैदानी
तोऩखाने को रड़ाई भें शामभर ककमा गमा था। सन ् 1526 भें , काफर
ु के तैभयू ी शासक जहीय उद्दीन
भोहम्भद फाफय, की सेना ने हदल्री के सुल्तान इिाहहभ रोधी, की एक ज्मादा फड़ी सेना को मुद्ध भें
ऩयास्त ककमा। मुद्ध को 21 अप्रैर को ऩानीऩत नाभक एक छोटे से गाॉव के तनकट रड़ा गमा था जो
वतयभान बायतीम याज्म हरयमाणा भें स्स्थत है। ऩानीऩत वो स्थान है जहाॉ फायहवीॊ शताब्दी के फाद से उत्तय
बायत के तनमॊत्रण को रेकय कई तनणायमक रड़ाइमाॊ रड़ी गमीॊ।
 ऩानीऩत का दस
ू या मद्
ु ध (5, November 1556)-ऩानीऩत का द्ववतीम मद्
ु ध उत्तय बायत के हहॊद ू शासक
सम्राट हे भिॊद्र ववक्रभाहदत्म (रोकवप्रम नाभ- हे भू ) औय अकफय की सेना के फीि 5 नवॊफय, 1556 को
ऩानीऩत के भैदान भें रड़ा गमा था। अकफय के सेनाऩतत खान जभान औय फैयभ खान के मरए मह एक
तनणायमक जीत थी। इस मुद्ध के परस्वरूऩ हदल्री ऩय वियस्व के मरए भुगरों औय अपगानों के फीि
िरने वारा सॊघषय अस्न्तभ रूऩ से भुगरों के ऩऺ भें तनणीत हो गमा औय अगरे तीन सौ वषों तक भुगरों
के ऩास ही यहा।

7. बायतीम सॊववधान का कौन-सा अनुच्छे द सॊवैधातनक प्रावधानों को सॊघीम सॊसद/याज्म ववधान ऩामरकाओॊ द्वाया
फनामे गमे तनमभों/कानूनों ऩय प्राथमभकता कयता है ?
(A) अनु. 13
(B) अन.ु 32
(C) अनु. 245

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(D) अनु. 326
उत्तय- A
व्माख्मा: अनु.13 भूर अचधकायों का सुयऺा कवि है। इसके द्वाया न्मामारम को भर
ू अचधकायों का सजग प्रहयी
फनामा गमा है।
 अनु. 13 के तहत न्मामारम ऐसी ककसी बी ववचध को शन्
ू म घोवषत कय सकता है जो भूर अचधकायों के
असॊगत हो। न्मामारम की मह शस्क्त ‘न्मातमक ऩुनववयरोकन’ की शस्क्त कहराती है।
 बायतीम सॊववधान के अनु. 13(2) भें कहा गमा है कक याज्म ऐसी कोई ववचध नहीॊ फनामेगा जो बाग-3
द्वाया प्रदत्त भौमरक अचधकायों को छीनती है मा न्मून कयती है।

8. बायत के तनमॊत्रक एवॊ भहारेखाऩयीऺक (CAG) की तनमुस्क्त ककसने वषो के मरए की जाती है?
(A) 2
(B) 4
(C) 6
(D) 5
उत्तय- C
व्माख्मा: बायतीम सॊववधान के अनुच्छे द 148(3) के अनुसाय तनमॊत्रक एव भहारेखाऩयीऺक (सी.ए.जी.)के वेतन एवॊ
सेवा शतो के तनधाययण का अचधकाय सॊसद को हदमा गमा है। अत् सॊसद ने सी.ए.जी के वेतन एवॊ सेवा शतों से
सॊफॊचधत प्रावधानों को 1971 भें अचधतनममभत ककमा स्जसके अनुसाय तनमॊत्रक एवॊ भहारेखाऩयीऺक का कामयकार 6
वषय का होता है मा वह अचधकतभ 65 वषय की उम्र तक सेवायत यह सकता है। इनभें से जो ऩहरे हो।
 वतयभान तनमॊत्रक-भहारेखाऩयीऺक- श्री याजीव भहवषय ने बायत के तनमॊत्रक-भहारेखाऩयीऺक के रूऩ भें 25
मसतम्फय 2017 को कामयबाय ग्रहण ककमा।
 बायत के तनमॊत्रक एवॊ भहारेखा ऩयीऺक 'कॊरोरय एण्ड ऑडडटय जनयर' अथायत 'तनमॊत्रक एवॊ भहारेखा
ऩयीऺक' को आभ तौय ऩय 'कैग' के नाभ से जाना जाता है। बायतीम सॊववधान के अनुच्छे द 148 भें 'कैग'
का प्रावधान है , जो केंद्र व याज्म सयकायों के ववबागों औय उनके द्वाया तनमॊब्रत्रत सॊस्थानों के आम-व्मम की
जाॊि कयता है। मही सॊस्था सावयजतनक धन की फफायदी के भाभरों को सभम-सभम ऩय प्रकाश भें राती है।

9. बायतीम सॊववधान भें तदथय न्मामधीशों की तनमस्ु क्त का प्रावधान है?


(A) सवोच्ि न्मामारम भें
(B) उच्ि न्मामरम भें
(C) जनऩद तथा सत्र न्ममारमों भें
(D) उऩयोक्त सबी भें
उत्तय- A
व्माख्मा: उच्ितभ न्मामारम भें तदथय न्मामधीशों की तनमुस्क्त अनु. 127 के अधीन याष्रऩतत की ऩूवय सहभतत से
भख्
ु म न्मामाधीश द्वाया की जाती है।
 तदथय न्मामधीशों की तनमुस्क्त केवर उच्ितभ न्मामारम भें होती है, उच्ि न्मामारम भें नहीॊ।
 तदथय न्मामधीशों की तनमुस्क्त तफ की जाती है जफ उच्ितभ न्मामारम के सत्र को िारू यखने के मरमे
गणऩूततय/कोयभ नहीॊ होता।
 तदथय न्मामधीशों की तनमुस्क्त फ्ाॊस के सॊववधान से प्रेरयत है।

10. बायत की सॊचित तनचध से कोई धन ककसके द्वाया तनकारा जा सकता है?

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(A) ववतनमोग ववधेमक
(B) अततरयक्त अनुदान
(C) अनुऩूयक अनुदान
(D) अनद
ु ान का अनयु ोध
उत्तय- A
व्माख्मा: बायतीम सॊववधान के अनु- 114 के अनुसाय बायत की सॊचित तनचध से कोई धन ववतनमोग ववधेमक द्वाया
ही तनकारा जा सकता है अन्मथा नहीॊ। प्रत्मे क ववतनमोग ववधेमक धन ववधेमक होता है औय उसे धन ववधेमक की
प्रकक्रमा के आधाय ऩय ही ऩारयत ककमा जाता है। धन ववधेमक को अनु.- 110 के तहत ऩरयबावषत ककमा गमा है।
ववननमोग ववधेमक (Appropriation Bill)- बायत की सॊचित तनचध (Consolidated Fund of India) भें से कोई
धन सॊसद् द्वाया ववचध के अचधतनमभ के ब्रफना नहीॊ तनकारा जा सकता. इसके मरए रोक सबा भें एक ववधेमक ऩेश
ककमा जाता है स्जसभें रोक सबा द्वाया स्वीकृत अनुदानों की सफ भाॉगों तथा सॊचित तनचध ऩय प्रबारयत व्मम
(charged expenditure) सस्म्भमरत ककमा जाता है। इस ववधेमक को ववतनमोग ववधे मक कहा जाता है अथायत ्
ववतनमोग ववधेमक का अथय सयकाय को बायत की सॊचित तनचध भें से व्मम के ववतनमोग के मरए कानूनी अचधकाय
दे ना है।
ववत्त ववधेमक (Finance Bill)- ववत्त ववधेमक वह होता है स्जसभें आगाभी वषय के मरए सयकाय के सफ ववत्तीम
प्रस्ताव सस्म्भमरत ककए जाते हैं। मह ववधेमक प्रतत वषय फजट ऩेश ककए जाने के तुयॊत फाद ऩेश ककमा जाता है। मह
ववधेमक ऩेश ककए जाने के ऩश्िात ् 75 हदनों के बीतय सॊसद् द्वाया इस ऩय वविाय कयके ऩास ककमा जाना औय उस
ऩय याष्रऩतत की अनुभतत रेना आवश्मक है।
रेखानद
ु ान (Vote on Account)- जफ फजट सॊसद् (parliament) भें ऩेश ककमा जाता है तफ उस ऩय ििाय कापी
रम्फेसभम तक िरती है। ववतनमोग ववधेमक (Appropriation Bill) तथा ववत्त ववधेमक (finance bill) के ऩास होने
की प्रकक्रमा िारू ववत्तीम वषय के आयम्ब होने के फाद तक िरती यहती है। अत् ऐसी स्स्थतत भें आवश्मक है कक
दे श प्रशासन िराने के मरए सयकाय के ऩास ऩमायप्त धन हो. इसके मरए रेखानुदान का उऩफॊध ककमा गमा है
स्जसके द्वाया रोक सबा को शस्क्त प्राप्त है कक वह फजट की प्रकक्रमा ऩूयी होने तक ववत्त वषय के एक बाग के मरए
ऩेशगी (advance) अनद
ु ान (grant) दे सकती है। रेखानद
ु ान के अॊतगयत सभि
ू े वषय के मरए भाॉगी गमी अनभ
ु ातनत
व्मम (Estimated expenditure) की यामश के 1/6 बाग के फयाफय यामश दो भाह के मरए रीजाती है। रेखानद
ु ान
तफ ऩास होता है जफ फजट ऩय साभान्म ििाय हो िुकी हो तथा अनुदान भाॉगों आय ििाय आयॊ ब हो िुकी हो.
अनुऩूयक तथा अनतरयक्त अनुदान (Supplementary grant and Additional grant)- महद ककसी ववत्तीम वषय के
दौयान ककसी सेवा ऩय उस वषय के मरए दी गमी यामश से अचधक यामश खिय हो गमी हो तो याष्रऩतत ऐसी यामश के
मरए अततरयक्त यामश की भाॉग रोक सबा भें यखवाता है। ऐसे अततरयक्त व्मम के सबी भाभरे तनमॊत्रक भहारेखा
ऩयीऺक (CAG) द्वाया ववतनमोग रेखाओॊ (Appropriation Accounts) ऩय अऩने प्रततवेदन (report) के भाध्मभ से
सॊसद् की जानकायी भें रामे जाते हैं तथा इन भाभरों की जाॉि रोक रेखा समभतत (Public Accounts
Committee (PAC)) द्वायाकी जाती है।अनुऩूयक अनुदानों की भाॉगें ववत्तीम वषय की सभास्प्त से ऩूवस
य दन भें ऩेश की
जाती हैं, जफकक अततरयक्त अनुदानों की भाॉगें वास्तव भें यामशमाॉ खिय कय िुकनेके फाद औय उस ववत्तीम वषय के
फीत जाने के फाद ऩेश की जाती हैं।
प्रत्मनुदान औय अऩवादानुदान (Vote of credit and Exceptional grants)- ककसी याष्रीम आऩात
(emergency period) के कायण सयकाय को धन की अप्रत्मामशत भाॉग को ऩूया कयने के मरए तनचधमों की
आवश्मकता हो सकती है स्जसके ऩूवय अनुदान दे ना सॊबव न हो ,ऐसी स्स्थतत भें सदन ब्रफना ब्मौये हदए प्रत्मनद
ु ान
के भाध्मभ से एकभुश्त धनयामश दे सकता है।Exceptional Grants के अॊतगयत ऐसी मोजना के मरए धन भाॉगा
जाता है जो ब्रफल्कुर नई मोजना (new scheme) हो तथा स्जसका फजट भें नाभो-तनशान न हो. ऐसी स्स्थतत भें
सदन उस ववशेष प्रमोजन के मरए अरग से धनयामश दे सकता है।

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11. ये ग्मुरेहटॊग एक्ट 1773 के अन्तगयत ककसको फॊगार का प्रथभ गवनयय जनयर फनामा गमा?
(A) राडय क्राइव
(B) वाये न हें स्स्टॊ ग्स
(C) राडय वेरेजरी
(D) राडय हें स्स्टॊ ग्स
उत्तय- B
व्माख्मा: 1773 के ये ग्मुरेहटॊग एक्ट के अन्तगयत वाये न हे स्स्टॊ ग्स को फॊगार का प्रथभ गवनयय जनयर फनामा गमा।
इस एक्ट के तहत एक अध्मऺ औय िाय सदस्मों का प्रावधान ककमा गमा। वाये न हे स्स्टॊ ग्स ने ‘सयु ऺा प्रकोष्ठ’ की
नीतत अऩनाई। इसने क्राइव द्वाया प्रायम्ब की गमी द्वैध नीतत को सभाप्त कय हदमा।
ये ग्मुरेटटॊग एक्ट 1773- इस अचधतनमभ को 1773 ई. भें ब्रिहटश सॊसद ने ऩास ककमा तथा 1774 ई. भें इसे रागू
ककमा गमा। एक्ट के भुख्म प्रावधान तनम्नमरर्खत हैं–
 कोटय आ डामये क्टय का कामयकार 1 वषय के स्थान ऩय 4 वषय का हो गमा तथा डामये क्टयों की सॊख्मा 24
तनधायरयत की गमी, स्जसभें से 25% अथायत ् 6 सदस्मों द्वाया प्रतत वषय अवकाश ग्रहण कयना ऩड़ता था।
1000 ऩौण्ड के हहस्सेदायों को वोट का अचधकाय हदमा गमा। 3.6 एवॊ 10 हजाय ऩौण्ड के हहस्सेदायों को
क्रभश् 2, 3 एवॊ 4 भत दे ने के अचधकाय मभरे।
 कोटय आ प्रेसीडेंसी (फॊगार) के प्रशासक को अफ अॊग्रेजी ऺेत्रों का गवनयय जनयर कहा जाने रगा तथा
उसको सराह दे ने हे तु 4 सदस्मों की एक कामयकारयणी फनाई गमी, स्जसका कामयकार 5 वषय का होता था।
भद्रास तथा फम्फई के गवनयय उसके अधीन हो गमे।
 अचधनमभ भें प्रथभ गवनयय जनयर वाये न हे स्स्टॊ ग्स तथा ऩाषयद सय क मरऩ फ़्ाॉमसस, क्रेवायॊ ग, भानसन तथा
फायवेर का नाभ मरख हदमा गमा था। मे केवर कोटय आ डामेयेक्टसय की मस ारयश ऩय ब्रिहटश सम्राट
द्वाया ही 5 वषय के ऩूवय हटामे जा सकते थे।
 करकत्ता भें एक सुप्रीभ कोटय की स्थाऩना की गमी, स्जसभें एक भुख्म न्मामधीश औय तीन अन्म
न्मामाधीश तनमक्
ु त ककमे गमे, जो अॊग्रेजी ़ानन
ू के अनस
ु ाय प्रजा के भ़
ु दभों का तनणयम कयते थे। इसका
कामय ऺेत्र फॊगार, ब्रफहाय, उड़ीसा तक था। इस सवोच्ि न्मामारम को साम्म न्माम तथा साभान्म ववचध के
न्मामारम, नौसेना ववचध के न्मामारम तथा धामभयक न्मामारम के रूऩ भें काभ कयना था।
 उच्ितभ न्मामारम 1774 ई. भें गहठत ककमा गमा औय सय एरीजा इम्ऩी भुख्म न्मामाधीश तथा िेम्फजय,
मरभैस्टय औय हाइड अन्म न्मामाधीश तनमुक्त हुए।
 ब्रफना राइसेंस प्राप्त ककए कम्ऩनी के कभयिायी को तनजी व्माऩाय कयने से प्रततफॊचधत कय हदमा गमा।
 गवनयय जनयर व उसकी कौंमसर को तनमभ फनाने तथा अध्मादे श ऩारयत कयने का अचधकाय हदमा गमा,
ऩय मह सुप्रीभ कोटय द्वाया ऩॊजीकृत होना जरूयी था।
 कम्ऩनी के प्रत्मेक सैतनक अथवा असैतनक ऩदाचधकायी को ककसी बी व्मस्क्त के उऩहाय, दान मा
ऩारयतोवषक रेने से प्रततफॊचधत कय हदमा गमा।
 कम्ऩनी के अचधकारयमों व कभयिारयमों के वेतन को फढ़ा हदमा गमा।

12. स्वतॊत्रता ऩूवय बायत की अॊतरयभ सयकाय का गठन हुआ था?


(A) मसतम्फय, 1946
(B) अगस्त, 1946
(C) जर
ु ाई, 1946
(D) अक्टूफय, 1946

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उत्तय- A
व्माख्मा: प्रथभ अन्तरयक सयकाय की घोषणा कैब्रफनेट मभशन मोजना (24 अगस्त, 1946) के तहत की गमी तथा
02 मसतम्फय, 1946 को ऩॊडडत जवाहय रार नेहरू के नेतत्ृ व भें अन्तरयभ भॊब्रत्रभॊडर का गठन ककमा गमा।
 राडय भाउन्टफेटन - अध्मऺ
 जवाहय रार नेहरू - उऩाध्मऺ (ववदे श भॊत्री)
 वल्रब बाई ऩटे र - गह
ृ /सूिना भॊत्री
 सयदाय फरदे व मसॊह - यऺा भॊत्री
 मरमाकत अरी - ववत्त भॊत्री
 जान भथाई - उद्मोग तथा आऩतू तय ववबग

13. बायत के सॊववधान की सातवीॊ अनुसूिी की सॊघ सूिी भें तनम्नमरर्खत भें से कौन-सा एक ववषम सस्म्भमरत है?
(A) रोक व्मवस्था
(B) सेवा कय
(C) मशऺा
(D) ववद्मुत
उत्तय- B
व्माख्मा: रोक व्मवस्था याज्म सूिी का ववषम है। मशऺा औय ववद्मुत सभवती सूिी का ववषम है।
सॊघ सूर्ी याज्म सूर्ी सभवती सूर्ी
ववदे शी भाभरे कायागाय वन
फीभा ऩुमरस मशऺा
ये रवे स्थानीम स्वशासन जनसॊख्मा तनमॊत्रण एवॊ ऩरयवाय तनमोजन
डाक व ताय रोक स्वास््म ववद्मत

जनगणना मसॊिाई ववचध ववत्त एवॊ चिककत्सा ववृ त्तमाॉ
सेवा कय गैस आचथयक व साभास्जक मोजनाएॊ
तनगभ कय भनोयॊ जन जन्भ-भयण ऩॊजीकयण
अवमशष्ट ववषम बूमभ भजदयू सॊघ

14. तनम्नमरर्खत भें से कौन-सा दयाय जम्भू को श्रीनगय से जोड़ता है?


(A) मशऩकीरा दयाय
(B) जोस्जयरा दयाय
(C) फतनहार दयाय
(D) िाॊग रा दयाय
उत्तय- C
व्माख्मा: फतनहार दये से जम्भ-ू श्रीनगय भागय गुजयता है|
 िाॊग रा दयाय जम्भ-ू कश्भीय भें स्स्थत है। मह रद्दाख को ततब्फत से जोड़ता है।
 जम्भ-ू कश्भीय के रद्दाख ऺेत्र भें स्स्थत कयाकोयभ दयाय बायत का सफसे ऊॉिा दयाय (5654 भी.) है।
 ऩीयऩॊजार दये से कुरगाॊव से कोठी जाने का भागय गुजयता है।

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 जवाहय सुयॊग फतनहार दये भें स्स्थत है।
 मशऩकीरा दयाय मशभरा (हहभािॊर प्रदे श) को ततब्फत से जोड़ता है।
 जोस्जयरा दयाय से श्रीनगय-रेह भागय गुजयता है।

15. तनम्नमरर्खत भें से कौन सी जाततमाॊ ऩशु िायण का कामय कयती है?
(A) फोयो
(B) भसाई
(C) वऩग्भीज
(D) एस्स्कभो
उत्तय- B
व्माख्मा: भसाई जनजातत के रोग अफ्ीका के केन्मा, उत्तयी तॊजातनमा औय ऩूवी मुगाॊडा के ऩठायी प्रदे शों भे यहते है।
मे घुभक्कड़ ऩशु िायक के रूऩ भें अऩना जीवन तनवायह कयते है। इनकी अथयव्मवस्था का भुख्म आधाय ऩशऩ
ु ारन है।
ववश्व की प्रभुख जनजानतमाॊ (The world’s Major Tribes)-
 एस्स्कभों – एस्कीभों जनजातत उत्तयी अभेरयका के कनाड़ा, ग्रीनरैण्ड औय साइफेरयमा ऺेत्र भें ऩाई जाती है
मूकाचधय – मह साइफेरयमा भें यहने वारी जनजातत है। मह भॊगोराइड प्रजातत से सॊफॊचधत जनजातत है ,
इनकी आॉखें आधी खुरी होती है औय यॊ ग ऩीरा होता है
 ऐनू – मह ―जाऩान‖ की जनजातत है
 फुशभैन – मह दक्षऺण अफ्ीका औय अफ्ीका के काराहायी भरूस्थर भें ऩाई जाने वारी जनजातत है
 अपयीदी – ऩाककस्तान
 भाओयी – न्मूजीरैण्ड, ऑस्रे मरमा
 जुरू – दक्षऺण अफ्ीका के नेटार प्राॊत भें
 फद्द ू – अयफ के भरूस्थर भें ऩाई जाने वारी जनजातत है
 ऩाऩुआ – न्मूचगनी
 ये ड इस्ण्डमन – दक्षऺण अभेरयका
 रैप्स – कपनरैण्ड औय स्काटरैण्ड
 र्खयगीज – भध्म एवषमा के स्टे ऩी ऺेत्र
 फोयो – अभेजन फेमसन
 फेद्दा – श्रीरॊका
 सेभाॊग – भरेमशमा
 भामा – भेस्क्सको
 पूरानी – अफ्ीका के नाइजीरयमा भें
 फोअय – दक्षऺणी अफ्ीका
बायत की प्रभुख जनजानतमाॊ
 यीमाॊग जनजातत ब्रत्रऩयु ा भें ऩाई जाती है।
 हदभास जनजातत का तनवास स्थान असोभ है। महाॉ ऩाई जाने वारी अन्मजनजातत हदभाया, फोडो, अफोय,
मभरयक इत्माहद हैं।
 कोन्मक जनजातत का तनवास नागारैण्ड भें है, महाॉ नागा, अॊगाभी आहद जनजाततओॊ का बी तनवास है।
 मभशभी अरूणाॊिर प्रदे श की जनजातत है। महाॉ मभक्मोंग, अऩतनी, डफरा आहद जनजातत बी तनवास कयती
है।

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 गद्दी हहभािर प्रदे श की एक जनजातत है स्जनका ऩेशा भेषऩारन है। महाॉ की अन्म जनजातत कनौया,
राहौरी इत्माहद हैं। मभश्भी, अऩतनी, सुरुॊग इत्माहद अरूणाॊिर प्रदे श की जनजाततमाॉ हैं।
 भीणा, सहारयमा, फॊजाया इत्माहद याजस्थान की जनजाततमाॉ हैं।
 कादय, उयारी, भोऩरा, ऩववमान आहद केयर की जनजाततमाॉ हैं।
 खयवाय जनजातत-खयवाय जनजातत के रोग उत्तय प्रदे श भें भुख्मता सोनबद्र स्जरे भें ऩाए जाते हैं, कयभा
खयवाय जनजातत का नत्ृ म है।
 सहरयमा जनजातत -उत्तय प्रदे श के रमरतऩुय स्जरे भें
 धुरयमा जनजातत -मह जनजातत उत्तय प्रदे श के मसद्धाथय नगय ,फस्ती औय गोयखऩुय स्जरे भें
 खयवाय जनजातत -मभजायऩयु व ् सोनबद्र
 भहीगीय जनजातत- ब्रफजनौय
 ऩयहहमा जनजातत - उत्तय प्रदे श के सोनबद्र व ् मभजायऩुय भें
 फैगा – सोनबद्र
 थारू जनजातत-गोयखऩुय के तयाई ऺेत्रो भें ।

16. तनम्न भें से कौन-सा मुग्भ सही सुभेमरत नहीॊ है?


(A) सार - केयर
(B) सागवान - भध्म प्रदे श
(C) चिनाय - जम्भ-ू कश्भीय
(D) िन्दन - कनायटक
उत्तय- A
व्माख्मा: सार के वऺ
ृ हहभािर प्रदे श भें काॊगड़ा घाटी से रेकय असभ के नौगाॊव स्जरे तक हहभारम के तनिरे
ढारों एवॊ तयाई भें ऩामे जाते हैं। सार की रकड़ी का प्रमोग ये र के डडब्फे, पनीिय, खम्बे आहद फनाने भें ककमा
जाता है।
 बायत भें प्रततवषय 01 से 07 जर
ु ाई तक ‘वन भहोत्सव’ भनामा जाता है।
 वषय 1906 भें ‘वन अनुसॊधान सॊस्थान’ की स्थाऩना दे हयादन
ू भें की गमी।
उष्णकटटफॊधीम ऩणचऩाती वन मा भानसन
ू वन(TROPICAL DECIDUOUS FOREST)
 ववशेषता- 70सेभी से 200 सेभी तक वषाय वारे स्थानो ऩय प्रास्प्त
 इनको दो बागो भे ववबास्जत ककमा गमा है- (1) आद्रय ऩणयऩाती वन (2) शष्ु क ऩणयऩाती वन
आर्द्च ऩणचऩाती वन (TROPICAL WET DECIDUOUS FOREST)
 ववशेषता- मे 100 से 200 सेभी वषाय वारे स्थानो ऩय ऩामे जाते है।
 प्रास्प्त स्थान- मे ऩस्श्िभी घाट के ऩूवी ढार , ओडडशा,हहभारम के चगरयऩाद , उत्तय ऩूवी याज्मो भे ऩामे
जाते है।
 उदाहयण- सागवान,शीशभ,सार,हुयाय, भहुआ,आॊवरा,सेभर,कुसुभ औय िन्दन।
शष्ु क ऩणचऩाती वन (TROPICAL DRY DECIDUOUS FOREST)
 ववशेषता - मे 70 से 100 सेभी वषाय वारे स्थानो भे ऩामे जाते है।
 प्रास्प्त स्थान- प्रामद्वीऩ उत्तय प्रदे श, ब्रफहाय।
 उदाहयण- तें द,ू ऩराश,अभरतास,फेय,खैय, एक्सरफुड़,िन्दन, आभ, भछुआ आहद
 मे वन केवर 52 राख हे क्टे मय भे ऩामे जाते है।

17. तनम्नमरर्खत भें से कौन-सी नदी अटराॊहटक भहासागय भें चगयती है?

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(A) कोरस्म्फमा नदी
(B) ओयीनीको नदी
(C) हटगरयस नदी
(D) नीऩय नदी
उत्तय- B
व्माख्मा: ओरयनीको नदी दक्षऺण अभेरयका की नदी है।
उद्गभ -ऩारयभा ऩवयत (वेनेजुएरा, िाजीर)
भुहाना -डेल्टा अभाक्मूयो (अॊध भहासागय)
 कोरॊब्रफमा नदी उत्तयी अभेरयका की एक नदी है जो यॉकी ऩवयत से तनकरकय प्रशाॊत भहासागय भें चगयती है।
 हटगरयस नदी स्जसे दजरा नदी बी कहते हैं, तुकी के टॉयस ऩवयत के दक्षऺण-ऩूवी बाग से तनकरकय, पयात
नदी से कुयाना नाभक स्थान ऩय मभरकय पायस की खाड़ी भें चगयती है।
 नीऩय मूयोऩ की एक प्रभुख नदी है जो रूस के सोभोरेंस्क नाभक स्थान से तनकरकय कारा सागय भें
चगयती है।

18. तनम्नमरर्खत भें से कौन-सी नदी भध्म प्रदे श से तनकरती है औय खम्बात की खाड़ी भें चगयती है?
(A) ऩावयती नदी
(B) रूनी नदी
(C) ताप्ती
(D) सोन नदी
उत्तय- C
व्माख्मा: ताप्ती नदी भध्म प्रदे श के फेतुर स्जरे से तनकरती है।
 इसकी प्रभुख सहामक नहदमाॊ – ऩूणाय, वेघय, चगयना, फोयी, ऩाॊझय आहद हैं।
 मह नदी रष्ॊश घाटी से फहती हुई सूयत के आगे खॊबात की खाड़ी भें चगयती है।
 भह
ु ाने ऩय डेल्टा की जगह एश्िअ
ु यी फनाती है।
 ऩावचती नदी ववन्ध्मािर की ऩस्श्िभी श्रेणी से तनकरकय ग्वामरमय प्रदे श भें फहती हुई कारी मसन्ध भें मभर
जाती है।
 रूनी नदी अयावरी श्रेणी की नाग ऩहाड़ी से तनकरकय कच्छ के यण भें ववरीन हो जाती है।
 सोन नदी भध्म प्रदे श स्स्थत अभयकॊटक की ऩहाड़ी से तनकरकय गॊगा नदी भें ऩटना के सभीऩ ववरीन हो
जाती है।
नभचदा नदी- भध्म बायत के भध्म प्रदे श औय गुजयात याज्म भें फहने वारी एक प्रभुख नदी है। भैकर ऩवयत के
अभयकण्टक मशखय से नभयदा नदी की उत्ऩवत्त हुई है। इसकी रम्फाई प्राम् 1312 ककरोभीटय है। मह नदी ऩस्श्िभ
की तयप जाकय खम्फात की खाड़ी भें चगयती है।
उऩनटदमाॉ
 फाएॉ से- फयनाय, फॊजय, शेय, शक्कय, दध
ू ी, तवा, गॊजार, छोटी तवा, कुन्दी, दे व, गोई
 दाएॉ से- हहयन, ततन्दोरी, फयना, िन्द्रकेशय, कानय, भान, ऊटी, हथनी
 ककनाये स्स्थत शहय-अभयकॊटक, डडण्डौयी, भॊडरा, जफरऩुय, होशॊगाफाद, भहे श्वय, फड़वानी, झाफुआ,
ओॊकाये श्वाय, फड़ोदया, याजऩीऩरा, धभयऩुयी, बरुि

19. तनम्नमरर्खत भें से कौन-सा मग्ु भ सभ


ु ेमरत नहीॊ है?
(A) भानस - भेघारम

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(B) कॊिनजॊघा - मसस्क्कभ
(C) नॊदा दे वी - उत्तयाखॊड
(D) अगस्त्मभराई - केयर
उत्तय- A
व्माख्मा: भानस वन्मजीव अभ्मायण्म असभ भें स्स्थत, 1985 भें मूनेस्को द्वाया घोवषत एक प्राकृततक ववश्व धयोहय
स्थर है।
 भानस अभ्मायण्म भें एक सीॊग वारा गैंडा तथा फायहमसॊगा ऩामे जाते हैं।
 भेघारम भें नोकये क व फारपकयाभ आहद याष्रीम उद्मान हैं।
याष्रीम उद्मान/अभ्मायण्म याज्म याष्रीम उद्मान/अभ्मायण्म याज्म
ऩराभू अभ्मायण्म झायखॊड चिरका अभ्मायण्म ओडडशा
दाल्भा वन्म जीव अभ्मायण्म झायखॊड मसस्म्रऩार अभ्मायण्म ओडडशा
हजायीफाग वन्म जीव अभ्मायण्म झायखॊड वेदाॊतगर अभ्मायण्म तमभरनाडु
कैभयू वन्म जीव अभ्मायण्म ब्रफहाय इॊहदया गाॊधी अभ्मायण्म तमभरनाडु
चगय याष्रीम उद्मान गुजयात भुदभ
ु राई अभ्मायण्म तमभरनाडु
नर सयोवय अभ्मायण्म गज
ु यात डाम्पा अभ्मायण्म मभजोयभ
स्जभ कॉफेट याष्रीम उद्मान उत्तयाखॊड ऩेरयमाय अभ्मायण्म केयर
दध
ु वा याष्रीम उद्मान उत्तय प्रदे श ऩयास्म्फकुरभ अभ्मायण्म केयर
िन्द्रप्रबा अभ्मायण्म उत्तय प्रदे श कान्हा याष्रीम उद्मान भध्म प्रदे श
फन्दीऩुय याष्रीम उद्मान कनायटक ऩॊिभढ़ी अभ्मायण्म भध्म प्रदे श
बद्रा अभ्मायण्म कनायटक डाचिगभ याष्रीम उद्मान जम्भ-ू कश्भीय
सोभेश्वय अभ्मायण्म कनायटक ककश्तवाय याष्रीम उद्मान जम्भ-ू कश्भीय
तुॊगबद्रा अभ्मायण्म कनायटक फाॊधवगढ़ याष्रीम उद्मान भध्म प्रदे श
ऩाखार वन्म जीव अभ्मायण्म आॊध्र प्रदे श नागयहोर याष्रीम उद्मान कनायटक
कावरा वन्म जीव अभ्मायण्म आॊध्र प्रदे श ऩखई
ु वन्म जीवन अभ्मायण्म अरुणािर प्रदे श
भानस याष्रीम उद्मान असभ सुल्तानऩुय झीर अभ्मायण्म हरयमाणा
काजीयॊ गा याष्रीम उद्मान असभ योहहरा याष्रीम उद्मान हहभािर प्रदे श
घाना ऩऺी ववहाय याजस्थान सुॊदयवन याष्रीम उद्मान ऩस्श्िभ फॊगार
यणथम्बौय अभ्मायण्म याजस्थान बगवान ् भहावीय उद्मान गोवा
कुॊबरगढ़ अभ्मायण्म याजस्थान नोंगखाइरेभ अभ्मायण्म भेघारम
ऩें ि याष्रीम उद्मान भध्म प्रदे श कीफुर राभजाओ याष्रीम उद्मान भर्णऩुय
तॊसा अभ्मायण्म भहायाष्र वोरयववरी याष्रीम उद्मान भहायाष्र
अफोहय अभ्मायण्म ऩॊजाफ

20. रानोस तथा कम्ऩोज घास ककस फामोभ के अन्तगयत आते हैं?
(A) टै गा फामोभ
(B) उष्णकहटफॊधीम घास फामोभ
(C) शीतोष्ण घास फामोभ
(D) टुण्रा फामोभ

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उत्तय- B
व्माख्मा: ऐसे उष्ण कहटफॊधीम ऺेत्रों भें जहाॉ कभ वषाय के कायण घासों के ववकास हे तु अनुकूरतभ जरवामु मभरती है
वहाॉ सवाना घास के भैदानों का ववकास हुआ है। सवाना प्रकाय के घास फामोभ िाजीर अफ्ीका, उ. ऑस्रे मरमा व
न्मज
ू ीरैण्ड आहद भें ऩामे जाते हैं। इन घास फामोभ (सवाना) को वेनेजए
ु रा भें रानोज, िाजीर भें कम्ऩोज तथा
अफ्ीका भें ऩाकयरैण्ड आहद नाभों से जाना जाता है।
सवाना फामोभ- इस ऺेत्र भें आद्रय -शष्ु क उष्णकहटफॊधीम जरवामु ऩामी जाती है । मह ऩाकयरैंड बूमभ है जहाॉ
घासबूमभमों के ऺेत्र भें मत्र-तत्र कुछ वऺ
ृ यहते हैं। अफ्ीका, बायत, िाजीर, ऩूवी आस्रे मरमा आहद इसके प्रभुख ऺेत्र
हैं । वेनेजुएरा भें इस फामोभ को रानोस कहा जाता है। इस फामोभ ऺेत्र के ऩेड़-ऩौधो औय जन्तुओॊ को सूखे को
सहन कयने की ऺभता होती है तथा वऺ
ृ ों भें अचधक ववववधता नहीॊ होती । महाॉ हाथी, दरयमाई घोड़ा, जॊगरी बैंस,
हहयण, जेिा, मसॊह, िीता, तें दआ
ु , गीदड़, घडड़मार, हहप्ऩोऩोटै भस, साॊऩ, ऐभू व शत
ु ुयभुगय मभरते है। मह प्रदे श ―फड़े-
फड़े मशकायों की बूमभ‖ के नाभ से प्रमसद्ध है तथा ववश्व प्रमसद्ध ―जू‖ है । भानवीम हस्तऺेऩ के कायण इस ऺेत्र के
ऩारयस्स्थततक सॊतुरन ऩय ववऩयीत प्रबाव ऩड़ा है।
घास बसू भ फामोभ- इस प्रकाय के फामोभ भें घास, पूर औय जड़ी फूटी मभरती हैं। इसे दो उऩ-सभह
ू ों भें ववबास्जत
ककमा गमा है:
(a) अद्चधशष्ु क भहाद्वीऩीम घास बूसभ: इस प्रकाय के घास के भैदान को दक्षऺण अफ्ीका भें वेल्ड कहा जाता है,
िाजीर भें कैम्ऩोस, औय उत्तयी अभेरयका, मूयोऩ औय रूस भें स्टे ऩी कहा जाता है।
(b) भध्म अऺाॊश आर्द् घास बूसभ: इस प्रकाय का फामोभ, उऩोष्ण आद्रय जरवामु प्रदे शों भें ऩाए जाते हैं जहा रॊफी
एवॊ सघन घास के भैदान होते हैं। उत्तयी अभेरयका भें इन्हें प्रेमयी, दक्षऺणी अभेरयका भें ऩम्ऩास, आस्रे मरमा भें
डाउन्स, न्मज
ू ीरैंड भें कैं टयफयी औय हॊगयी भें ऩस्
ु टाज कहते हैं।

21. ऩ्
ृ वी के बू-ऩऩयटी तथा भैंटर के फीि की सीभा --------------- है?
(A) भोहो असातत्म
(B) रेहभैन असातत्म
(C) कॉनये ड असातत्म
(D) गुट्टे नफगय असातत्म
उत्तय- A
व्माख्मा: ऩ्
ृ वी के ब-ू ऩऩयटी तथा भैंटर के फीि की सीभा को भोहो आसातत्म के नाभ से जाना जाता है। इस
असातत्म की खोज रूसी वैऻातनक ए. भोहोयोववककक ने की थी। इसमरए इसे इस नाभ से सॊफोचधत ककमा जाता है।
ऩ्
ृ वी की आॊतरयक सयॊ िना भें घनत्व भें अॊतय ऩामा जाता हैं। इस अॊतय को खोजने वारे अरग-अरग वैऻातनक थे।
उन्ही के नाभ ऩय उनके अॊतय का नाभकयण ककमा गमा हैं।
(1) कोनयॉड असॊफद्धता:-ऊऩयी क्रस्ट औय तनिरी क्रस्ट के फीि घनत्व सॊफधी अॊतय कयने वारी क्रस्ट का तनभायण
मसमरका+एल्मूमभतनमभ से हुआ हैं।
(2) भोहो असॊफद्धता:–तनिरी क्रस्ट औय ऊऩयी भैटर के फीि असफॊद्धता को भोहो असफॊद्धता कहते हैं। इस
िट्टान का तनभायण बी मसमरका+एल्ममु भतनमभ से हुआ हैं।
(3) ये ऩेटी असॊफद्धता:-ऊऩयी भैटर व आॊतरयक भैटर के फीि स्स्थत इसका तनभायण मसमरका+भैग्नीमशमभ से हुआ
हैं।
(4) गुटेनफच-ववसाटच असॊफद्धता:- आॊतरयक भैटर व ऊऩयी कोय के फीि।
(5) रैहभेन असफॊद्धता:- ऊऩयी कोय व आॊतरयक कोय के फीि

22. फरतोड़ा हहभनद स्स्थत है?

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(A) कयाकोयभ ऩवयतभारा भें
(B) ऩाभीय ऩठाय भें
(C) मशवामरक भें
(D) आल्ऩस भें
उत्तय- A
व्माख्मा: फरतोड़ा हहभनद कायाकोयभ ऩवयतभारा भें स्स्थत है। इस ऩवयतभारा भे स्स्थत अन्म प्रभुख हहभनद हैं –
ब्रफमोपो, मसय़ािीन, गॉडववन ऑस्स्टन, हहस्ऩाय इत्माहद।
कायाकोयभ- एक ववशार ऩवयत श्रॊख
ृ रा है स्जसका ववस्ताय ऩाककस्तान के चगरचगत-फस्ल्तस्तान, बायत भें रद्दाख
औय िीन के र्झॊस्जमाॊग ऺेत्रों तक पैरा हुआ है। मह एमशमा की ववशार ऩवयतभाराओॊ भें से एक है औय हहभारम
ऩवयतभारा का एक हहस्सा है। ववश्व के ककसी बी स्थान के भुकाफरे कायाकोयभ ऩवयतभारा भें 5 भीर से बी ऊॊिी
रगबग 60 िोहटमाॊ स्स्थत हैं स्जनभें दतु नमा की दस
ू यी सफसे ऊॊिी िोटी के-2 बी शामभर है। के-2 की ऊॊिाई ववश्व
के सवोच्ि मशखय एवये स्ट से मसपय 237 भीटय कभ है। कायाकोयभ श्रॊख ृ रा का ववस्ताय 500 ककभी तक पैरा हुआ
है औय ध्रुवीम ऺेत्रों को छोड़कय दतु नमा के सफसे अचधक हहभनद इसी इराके भें हैं। ध्रुवीम ऺेत्रों से फाहय मसमाचिन
ग्रेमशमय 70 ककभी औय ब्रफआपो ग्रेमशमय 63 ककभी की रॊफाई के साथ दतु नमा के दस
ू ये औय तीसये सफसे रॊफे
हहभनद हैं।

23. तनम्नमरर्खत भें से ककस मोजना की घोषणा फजट, 2018-19 भें नहीॊ की गमी?
(A) आमुष्भान बायत
(B) याइज मोजना
(C) ऑऩये शन ग्रीन
(D) एक धयोहय गोद रो मोजना
उत्तय- D
व्माख्मा: 27 मसतम्फय, 2017 ‘ववश्व ऩमयटन हदवस’ के अवसय ऩय याष्रवऩत द्वाया ‘एक धयोहय गोद रो मोजना’ का
शब
ु ायॊ ब ककमा गमा। शेष सबी मोजनाएॊ उक्त फजट की है।
 मह मोजना ‘सॊस्कृतत भॊत्रारम’ औय ‘बायतीम ऩयु ातत्व सवेऺण’ के सहमोग से ऩमयटन भॊत्रारम द्वाया
िरामी जा यही है।
 इस मोजना का उद्दे श्म दे श बय के स्भायकों, धयोहयों औय ऩमयटन स्थरों को ववकमसत कय ऩमयटक अनुकूर
फनाकय मोजनाफद्ध व ियणफद्ध तयीके से ऩमयटन सम्बावना एवॊ साॊस्कृततक भहत्व को फढ़ाना है।
 आमष्ु भान बायत मोजना बायत सयकाय के स्वास््म एवॊ ऩरयवाय कल्माण भॊत्रारम की ओय से शरू
ु की गई
स्वास््म फीभा मोजना (हे ल्थ इॊश्मोयें स प्रोग्राभ) है। 23 मसतॊफय, 2018 को प्रधानभॊत्री नयें द्र भोदी ने
स्वास््म फीभा मोजना-प्रधानभॊत्री जन आयोग्म मोजना (आमुष्भान बायत) का शब
ु ायॊ ब याॊिी, झायखॊड भें
ककमा। इस मोजना का उद्दे श्म अत्मॊत गयीफ औय सभाज के वॊचित वगों को फेहतय स्वास््म सेवा औय
उऩिाय प्रदान कयना है। मोजनान्तगयत प्रततवषय 10 कयोड़ ऩरयवायों को प्रतत ऩरयवाय 5 राख रुऩमे तक का
स्वास््म फीभा कवय प्रदान ककमा जाएगा। इससे दे श भें 50 कयोड़ से अचधक रोग राबास्न्वत होंगे। मह
ववश्व की सफसे फड़ी स्वास््म फीभा मोजना है। इस मोजना भें कैं सय औय रृदम योग जैसी गॊबीय फीभारयमों
सहहत रगबग 1300 फीभारयमाॊ शामभर हैं। 5 राख रुऩमे की यामश भें सबी जाॊि, दवा, अस्ऩतार भें बती
का खिय के अरावा ऩूव-य भौजूदा फीभारयमाॊ बी शामभर हैं।
 याइज-रयवाइटराइज इॊफ्रास्रक्र्य एॊड ससस्टभ इन एजुकेशन मोजना (REVITALISING
INFRASTRUCTURE AND SYSTEMS IN EDUCATION YOJANA)- केंद्र की वतयभान सयकाय
द्वाया वषय 2018-19 के फजट भें दे श के उच्ि मशऺण सॊस्थानों जैसे- आइआइटी,

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आइआइएभ, एनआईटी के सॊयिना को फेहतय फनाने के मरए RISE (रयवाइटराइस्जॊग इफ्ास्रक्िय एॊड
मसस्टभ इन एजुकेशन) मोजना का एरान ककमा गमा है। इस मोजना के सॊिारन हे तु रूऩए 1 राख कयोड़
का तनवेश अगरे िाय वषों भें कयने का रक्ष्म यखा गमा है। इस मोजना के अॊतगयत 23 आईआईटी, 6 नए
आईआईएभ, केन्द्रीम मतु नवेमसयटी तथा एनआईटी के इफ्ास्रक्िय को फेहतय फनाने हे तु हामय एजक
ु े शन
पॊडडॊग एजेंसी के तहत तनचधकयण (पॊडडॊग) की मोजना फनाई गमी है।

24. औद्मोचगक उत्ऩादन सूिकाॊक का आधाय वषय 2004-05 से फदरकय ककमा गमा?
(A) 2011-12
(B) 2007-08
(C) 2015-16
(D) 2017-18
उत्तय- A
व्माख्मा: औद्मोचगक उत्तऩादन सूिकाॊक (IIP) का आधाय वषय 2004-05 से फदरकय 2011-12 कय हदमा गमा।
केन्द्र सयकाय ने थोक भल्
ू म सि
ू काॊक (WPI) का आधाय वषय बी 2011-12 कय हदमा है।
 थोक भूल्म सूिकाॊक (WPI) औय उऩबोक्ता भूल्म सूिकाॊक (CPI) दे श भें भुद्रास्पीतत की गणना के मरए
दो व्माऩक रूऩ से इस्तेभार ककए जाने वारे सूिकाॊक हैं। बायत भुद्रास्पीतत की गणना कयने के मरए थोक
भूल्म सूिकाॊक का उऩमोग कयता है, जफकक अचधकाॊश दे शों भें भुद्रास्पीतत नाऩने के मरए CPI का
इस्तेभार ककमा जाता है।
उऩबोक्ता भल्
ू म सूर्काॊक (CPI)- उऩबोक्ता भल्
ू म सि
ू काॊक; घये रू उऩबोक्ताओॊ द्वाया खयीदी गमी वस्तओ
ु ॊ औय
सेवाओॊ (goods and services) के औसत भूल्म को भाऩने वारा एक सूिकाॊक है। हभ रोग योजभयाय की स्जॊदगी
भें आटा, दार, िावर, ट्मूशन पीस आहद ऩय जो खिय कयते है ; इस ऩूये खिय के औसत को ही उऩबोक्ता भूल्म
सूिकाॊक के भाध्मभ से दशायमा जाता है। इसभें 8 प्रकाय के खिों को शामभर ककमा जाता है। मे हैं; मशऺा, सॊिाय,
ऩरयवहन, भनोयॊ जन, कऩडे, खाद्म & ऩेम ऩदाथय, आवास औय चिककत्सा खिय.
थोक भल्
ू म सर्
ू काॊक (WPI)- थोक भल्
ू म सि
ू काॊक (WPI) की गणना थोक फाजाय भें उत्ऩादकों औय फड़े व्माऩारयमों
द्वाया ककमे गए बुगतान के आधाय ऩय की जाती है। इसभें उत्ऩादन के प्रथभ ियण भें अदा ककमे गए भल्
ू मों की
गणना की जाती है। बायत भें भुद्रा स्पीतत की गणना इसी सूिकाॊक के आधाय ऩय की जाती है।

25. तनम्नमरर्खत भे से ककसने भानव ववकास सूिकाॊक की सॊकल्ऩना को ववकमसत ककमा है?
(A) जे. फी. से
(B) ए. एस. काहदय
(C) भहफूफ उर हक
(D) आल्वो भेडर
उत्तय- C
व्माख्मा: भानव ववकास सि
ू काॊक (HDI) का प्रततऩादन 1990 भें UNDP से जड़
ु े हुमे अथयशास्त्री भहफफ
ू उर हक
तथा उनके सहमोगी ए. के. सेन व मसॊगय हॊस ने ककमा।
 सॊमुक्त याष्र ववकास कामयक्रभ द्वाया वषय 2010 से भानव ववकास रयऩोटय हे तु UNDP द्वाया HDI की
गणना भें नई प्रववचध का प्रमोग ककमा जा यहा है। स्जसके अॊतगयत 3 सॊकेतक शामभर हैं-
(i) जीवन प्रत्माशा सूिकाॊक (LEI)। (ii) मशऺा सूिकाॊक (EI) । (iii) आम सूिकाॊक (II)।
 14 मसतॊफय, 2018 को सॊमक्
ु त याष्र ववकास कामयक्रभ (UNDP) द्वाया ―भानव ववकास रयऩोटय (Human
Development Report), 2018 जायी की गई। वषय 2018 की HDR भें 189 दे शों को उनके

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भानव ववकास सूिकाॊक (HDI) की स्स्थतत के आधाय ऩय यैंककॊ ग प्रदान की गई है। HDR, 2018 भें 0.953
HDI भूल्म के साथ नॉवे इस सूिकाॊक भें प्रथभ स्थान ऩय है। इस के ऩश्िात स्स्वट्जयरैंड दस
ू ये ,
ऑस्रे मरमा तीसये , आमयरैंड िौथे तथा जभयनी ऩाॊिवें स्थान ऩय यहा।
 HDR, 2018 भें सफसे तनिरे स्थान ऩय (189वें ) ऩय नाइजय है स्जसका HDI भल्
ू म भात्र 0.354 है।
 इस सूिकाॊक भें बायत 0.640 HDI भूल्म के साथ 130वें स्थान ऩय है अथायत मह ―भध्मभ भानव ववकास
वारे दे शों‖ की श्रेणी भें वगीकृत है। उल्रेखनीम है कक इससे ऩूवय की रयऩोटय भें बायत 0.624 HDI भूल्म के
साथ 131वें स्थान ऩय था।

26. बायत सयकाय द्वाया साइफय अऩयाधों ऩय तनमॊत्रण कयने के मरए रामा गमा ऩहरा अचधतनमभ कौन सा था?
(A) सूिना प्रौद्मोचगकी अचधतनमभ - 1999
(B) साइफय सुयऺा अचधतनमभ - 2000
(C) साइफय सुयऺा अचधतनमभ - 1999
(D) सूिना प्रौद्मोचगकी अचधतनमभ - 2000
उत्तय- D
व्माख्मा: सूिना तकनीक अचधतनमभ (Information Technology Act 2000) बायतीम सॊसद द्वाया ऩारयत एक
अचधतनमभ है जो 17 अक्टूफय 2000 को ऩारयत हुआ। 27 अक्टूफय 2009 को एक घोषणा द्वाया इसे सॊशोचधत
ककमा गमा। आधुतनक ़ानून की शब्दावरी भें साइफय ़ानून का सॊफॊध कॊप्मूटय औय इॊटयनेट से है । ववस्तत
ृ सॊदबय
भें कहा जाए तो मह कॊप्मूटय आधारयत सबी तकनीकों से सॊफद्ध है। साइफय आतॊकवाद के भाभरों भें दॊ ड ववधान
के मरए सि
ू ना तकनीक ़ानन
ू , 2000 भें धाया 66-एप को जगह दी गई है।
सूर्ना तकनीक ़ानून, 2000 के अॊतगचत साइफयस्ऩेस भें ऺेत्राधधकाय सॊफॊधी प्रावधान
सूिना तकनीक ़ानून के अॊतगयत उस्ल्रर्खत आयोऩों की सूिी तनम्नवत है्-
 कॊप्मूटय सॊसाधनों से छे ड़छाड़ की कोमशश-धाया 65
 कॊप्मूटय भें सॊग्रहहत डाटा के साथ छे ड़छाड़ कय उसे हैक कयने की कोमशश-धाया 66
 सॊवाद सेवाओॊ के भाध्मभ से प्रततफॊचधत सि
ू नाएॊ बेजने के मरए दॊ ड का प्रावधान-धाया 66 ए
 कॊप्मूटय मा अन्म ककसी इरेक्रॉतनक गैजेट से िोयी की गई सूिनाओॊ को ारत तयीके से हामसर कयने के
मरए दॊ ड का प्रावधान-धाया 66 फी
 ककसी की ऩहिान िोयी कयने के मरए दॊ ड का प्रावधान-धाया 66 सी
 अऩनी ऩहिान छुऩाकय कॊप्मूटय की भदद से ककसी के व्मस्क्तगत डाटा तक ऩहुॊि फनाने के मरए दॊ ड का
प्रावधान- धाया 66 डी
 ककसी की तनजता बॊग कयने के मरए दॊ ड का प्रावधान-धाया 66 इ
 साइफय आतॊकवाद के मरए दॊ ड का प्रावधान-धाया 66 एप
 आऩवत्तजनक सूिनाओॊ के प्रकाशन से जुड़े प्रावधान-धाया 67
 इरेक्रॉतनक भाध्मभों से सेक्स मा अश्रीर सूिनाओॊ को प्रकामशत मा प्रसारयत कयने के मरए दॊ ड का
प्रावधान-धाया 67 ए
 इरेक्रॉतनक भाध्मभों से ऐसी आऩवत्तजनक साभग्री का प्रकाशन मा प्रसायण, स्जसभें फच्िों को अश्रीर
अवस्था भें हदखामा गमा हो-धाया 67 फी
 भध्मस्थों द्वाया सूिनाओॊ को फाचधत कयने मा योकने के मरए दॊ ड का प्रावधान-धाया 67 सी
 सुयक्षऺत कॊप्मूटय तक अनाचधकाय ऩहुॊि फनाने से सॊफॊचधत प्रावधान-धाया 70
 डाटा मा आॊकड़ों को ारत तयी़े से ऩेश कयना-धाया 71
 आऩसी ववश्वास औय तनजता को बॊग कयने से सॊफचॊ धत प्रावधान-धाया 72 ए

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 कॉन्रै क्ट की शतों का उल्रॊघन कय सूिनाओॊ को सावयजतनक कयने से सॊफचॊ धत प्रावधान-धाया 72 ए
 पजी डडस्जटर हस्ताऺय का प्रकाशन-धाया 73
 सूिना तकनीक ़ानून की धाया 78 भें इॊस्ऩेक्टय स्तय के ऩुमरस अचधकायी को इन भाभरों भें जाॊि का
अचधकाय हामसर है।
बायतीम दण्ड सॊटहता (आईऩीसी) भें साइफय अऩयाधों से सॊफॊधधत प्रावधान
 ईभेर के भाध्मभ से धभकी बये सॊदेश बेजना-आईऩीसी की धाया 503
 ईभेर के भाध्मभ से ऐसे सॊदेश बेजना, स्जससे भानहातन होती हो-आईऩीसी की धाया 499
 पजी इरेक्रॉतनक रयकॉडसय का इस्तेभार-आईऩीसी की धाया 463
 पजी वेफसाइट्स मा साइफय फ्ॉड-आईऩीसी की धाया 420
 िोयी-छुऩे ककसी के ईभेर ऩय नजय यखना-आईऩीसी की धाया 463
 वेफ जैककॊ ग-आईऩीसी की धाया 383
 ईभेर का ारत इस्तेभार-आईऩीसी की धाया 500
 दवाओॊ को ऑनराइन फेिना-एनडीऩीएस एक्ट
 हचथमायों की ऑनराइन ऽयीद-ब्रफक्री-आम्सय एक्ट

27. तनम्नमरर्खत भें से कौन सा एक वडय प्रोसेसय नही है?


(A) भाइक्रोसॉफ्ट वडय
(B) वडय ऩयपेक्ट
(C) भाइक्रोसॉफ्ट एक्सेर
(D) वडय स्टाय
उत्तय- C
व्माख्मा: भाइक्रोसॉफ्ट एक्सेर एक स्प्रेडशीट सॉफ्टवेमय है, जफकक भाइक्रोसॉफ्ट वडय, वडय ऩयपेक्ट एवॊ वडय स्टाय वडय
प्रोसेसय है। मे सॉफ्टवेमय भुख्मत् टाइवऩॊग कामों से सॊफॊचधत है, जफकक एक्सेर कामायरमी कामों से सॊफॊचधत गणना
एवॊ ववश्रेषण आहद हे तु प्रमक्
ु त होता है।

28. द्ववतीम ऩीढ़ी के कम्प्मूटय ववकमसत ककमे गए थे?


(A) वषय 1949 से 1955 तक
(B) वषय 1956 से 1965 तक
(C) वषय 1965 से 1970 तक
(D) वषय 1970 से 1990 तक
उत्तय- B
व्माख्मा: द्ववतीम ऩीढ़ी के कम्प्मट
ू य वषय 1956 से 1965 तक ववकमसत ककए गए थे। द्ववतीम ऩीढ़ी के कम्प्मूटय
भें राॊस्जस्टय का प्रमोग फुतनमादी साधन के रूऩ भें ककमा जाने रगा था। राॊस्जस्टय साभान्मत् मसमरकॉन के फने
होते है, स्जसे ताऩ प्रततयोधक भाना जाता है।
कम््मूटय के ववकास के औय कॊ्मूटय की ऩीढीमों के आधाय ऩय उसभे िराए जाने वारे ऑऩये हटॊग मसस्टभ का
ववकास बी होता यहा है , इस प्रकाय ऑऩये हटॊग मसस्टभ तनम्न प्रकाय के हैं –
1-फैर् प्रोसेससॊग ससस्टभ (Batch Processing System) फेि प्रोसेमसॊग मसस्टभ कम्प्मूटय भे सफसे ऩहरे उऩमोग
हुए ऑऩये हटॊग मसस्टभ भे से एक है । फेि ऑऩये हटॊग मसस्टभ के मूजय इसको स्वमॊ उऩमोग कयने के फजाए अऩने
जॉफ (कामय को ) ऩॊि काडय मा इसी प्रकाय की अन्म डडवाइस भे ऑऩये टय को दे दे ते हैं तथा ऑऩये टय सबी जॉफ का
सभूह फनाकय उसे िरा दे ता है । साभान्मत: फेि ऑऩये हटॊग मसस्टभ एक फाय भे एक प्रोग्राभ िराता

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है इनका उऩमोग अफ न के फयाफय होता है ऩयन्तु कुछ भेनफ्ेभ कम्प्मूटय भे अबी बी इसका उऩमोग हो यहा है ।
2-टाइभ शेमरयॊग मा भल्टी मूजय ससस्टभ (Time Sharing Or Multi User Operating System) टाइभ
शेमरयॊग मा भरटी
् मूजय ऑऩये हटॊग मसस्टभ का प्रमोग नेटवकय भे ककमा जाता है इसके भाध्मभ से ववमबन्न मूजय
एक ही सभम भे एक ही प्रोग्राभ का प्रमोग कय सकते हैं । इस प्रकाय के ऑऩये हटॊग मसस्टभ भे मज
ू य के अकाउॊ ट
फना हदए जाते हैं स्जससे मूजय को साॅॎफ्टवेमय उऩमोग कयने हे तु ककतनी ऩयभीशन है , मह ऻात होता है ।
3-भल्टी टॉकिस्कॊग रऩये टटॊग ससस्टभ (Multi Tasking Operating System) - भल्टी टॉस्स्कॊग ऑऩये हटॊग मसस्टभ
भे एक ही सभम भे एक से अचधक टास्क (कामय ) कयाए जाते है । वास्तववकता भे प्रोसेसय फहुत जल्दी जल्दी
अरग अरग प्रोसेस को सभम प्रदान कयता है स्जसे सीऩीमू शेडमूमरॊग कहते हैं । मह कामय इतनी अचधक तेजी से
होता है कक मज
ू य को सबी कामय एक साथ होते हुए प्रतीत होते है । इसका राब मह है कक सीऩीमू के खारी सभम
का सवोत्तभ उऩमोग हो जाता है ।
5-रयमर टाइभ रऩये टटॊग ससस्टभ (Real Time Operating System) - रयमर टाइभ ऑऩये हटॊग मसस्टभ डाटा
प्रोसेमसॊग मसस्टभ के रूऩ भे बी जाने जाते हैं इनभे ककसी इवें ट को कक्रमास्न्वत कयने के मरए एक ऩूवय तनधायरयत
सभम होता है स्जसे रयस्ऩाॊस टाइभ कहा जाता है। मे प्राथमभक रूऩ से प्रोसेस कॊरोर एवॊ टे रीकम्मूतनकेशन भे
अचधक प्रमोग ककए जाते हैं इनका उऩमोग वैऻातनक अनस
ु ॊधान कामो, भेडीकर इभेस्जॊग मसस्टभ, औद्मोचगक
तनमॊत्रण मसस्टभ, योफोट्स भे, हवाई मातामात तनमॊत्रण (एमय राकपक कॊरोर) इत्माहद भे होता है। मे दो प्रकाय के
होते है
6-भल्टी प्रोसेसय रऩये टटॊग ससस्टभ (Multi-Processing Operating System) इस प्रकाय के ऑऩये हटॊग मसस्टभ
उन जगहो ऩय उऩमोग ककए जाते हैं जहॉ ॊ ऩय एक से अचधक प्रोसेसय मसस्टभ भे रगे हुए होते है। एक से अचधक
प्रोसेसय इस्तेभार कयने की तकनीक को ऩेयेरर प्रोसेमसॊग कहा जाता है ।
7-एम्फेडेड रऩये टटॊग ससस्टभ (Embedded Operating System) - एम्फेडेड मसस्टभ ऐसे आऩये हटॊग मसस्टभ हैं
जो कक ककसी इरेक्रातनक्स मा अन्म प्रकाय की हाडयवेमय डडवाइस भे ही उऩस्स्थत यहते हैं मे योभ भे ही उऩस्स्थत
यहते हैं इनका उऩमोग घये रू उऩमोग वारे उऩकयण जैसे भाइक्रोवेव ओवन, वामशॊग भशीन, काय भेनेजभें ट मसस्टभ,
राकपक कॊरोर मसस्टभ इत्माहद भे ककमा जाता है ।
8-डडस्रीब्मूटेड रऩये टटॊग ससस्टभ (Distributed Operating System)- मे कई साये प्रोसेसयों का उऩमोग कय
ववमबन्न एप्रीकेशनो को िराते है तथा इन एप्रीकेशनो मा सॉफ्टवेमयों का उऩमोग बी कई साये मूजय कयते हैं
इन्हे रूजरी कऩल्ड आऩये हटॊग मसस्टभ बी कहा जाता है । इसका राब मह है कक मूजय को फहुत साये रयसोसय
उऩमोग कयने हे तु मभर जाते हैं एवॊ अगय एक मसस्टभ ब्रफगड़ जाता है तो अन्म मसस्टभ का उऩमोग ककमा जा
सकता है।

29. सूिी. I को सूिी. II से सभ


ु ेमरत कीस्जए तथा सुचिमों के नीिे हदए गए कूट से सही उत्तय का िमन कीस्जए।
सूिी. I सूिी. II
(A) ब्रफॊग 1. सोशर नेटवककिंग
(B) स्फ्रऩकाटय 2. ई-भेर
(C) पेसफक
ु 3. सिय इॊजन
(D) गूगरक्रोभ 4. आनराइन शावऩॊग
(E) जी-भेर 5. वेफिाउजय
कूट्
(A) A-4 B-1 C-3 D-2 E-5
(B) A-3 B-4 C-1 D-5 E-2
(C) A-5 B-1 C-2 D-3 E-4

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(D) A-3 B-5 C-1 D-4 E-2
उत्तय- B
व्माख्मा: ब्रफॊग- सिय इॊजन
स्फ्रऩकाटय- आनराइन शावऩॊग
पेसफुक- सोशर नेटवककिंग
गूगरक्रोभ- वेफिाउजय
जी-भेर- ई-भेर

30. वषय 2018 भें अॊतयायष्रीम सहकारयता हदवस कफ भनामा गमा?


(A) 6 जुराई
(B) 7 जुराई
(C) 8 जुराई
(D) 3 जुराई
उत्तय- B
व्माख्मा: 7 जुराई, 2018 भें अॊतयायष्रीम सहकारयता हदवस भनामा गमा।
 वषय 2018 भें इस हदवस का भुख्म-ववषम (Theme) ―सतत उऩबोग औय उत्ऩादन‖ (Sustainable
Consumption and Production) है।
 वषय 2018 भें इस हदवस का स्रोगन (Slogan)- ――सहमोग के भाध्मभ से सतत सभाज‖‖ (Sustainable
Societies Through Cooperation) है।
 मह हदवस प्रततवषय जुराई के प्रथभ शतनवाय को भनामा जाता है।
 उल्रेखनीम है कक सॊमुक्त याष्र भहासबा ने 16 हदसॊफय, 1992 को इस हदवस को भनाने की घोषणा की
थी।

31. उत्तय प्रदे श सयकाय द्वाया भख्


ु मभॊत्री व्माऩायी दघ
ु ट
य ना फीभा मोजना के तहत प्रदत्त यामश को 5 राख से फढ़ाकय
ककतना ककए ने हे तु स्वीकृतत प्रदान की गई ?
(A) 6 राख
(B) 8 राख
(C) 10 राख
(D) 12 राख
उत्तय- C
व्माख्मा: 29 भई 2018 को उत्तय प्रदेश द्वाया भस्न्त्रभण्डर द्वाया ऩॊजीकृत व्माऩारयमों के मरए रागू भुख्मभन्त्री
व्माऩायी दघ
ु ट
य ना फीभा मोजना के तहत प्रदत्त फीभा यामश को 5 राख रूऩमे से फढाकय 10 राख रूऩमे ककए जाने की
कामोत्तय स्वीकृतत प्रदान की गई है। फढ़ी हुई फीभा यामश 27 अक्टूफय, 2018 से प्रबावी होगी। प्रदे श भें ऩॊजीकृत
व्माऩारयमों को दघु ट
य ना फीभा मोजना का राब हदए जाने के सॊफध भें 1 मसतम्फय, 2000 को सवयप्रथभ जोर्खभ
जीवन व्मस्क्तगत दघ
ु ट
य ना फीभा मोजना रागू की गई थी
 30 जून, 2016 को इसका नाभ फदरकय भुख्मभॊत्री व्माऩायी दघ
ु ट
य ना फीभा मोजना कय हदमा गमा।

32. तनम्नमरर्खत याज्मों भें से ककस याज्म की ग्राभीण जनसॊख्मा का प्रततशत सवायचधक है?
(A) उत्तय प्रदे श
(B) ओडडशा

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(C) भहायाष्र
(D) ब्रफहाय
उत्तय- D
व्माख्मा: जनगणना 2011 के अनस
ु ाय ब्रफहाय की 88.70% जनसॊख्मा गाॉवों भें यहती है। जफकक ओडडशा 83.32%,
उत्तय प्रदे श की 77.72% तथा भहायाष्र की 54.77% गाॉवों भें तनवास कयती है। हहभािर प्रदे श (89.96%) भें
ग्राभीण जनसॊख्मा का प्रततशत सवायचधक तथा हदल्री (2.5%) भें ग्राभीण जनसॊख्मा का प्रततशत सफसे कभ है।

33. 2011 की जनगणना के आॊकड़ो के अनुसाय तनम्न भे से कौन सा कथन सही नहीॊ है?
(A) सभग्र साऺयता दय फढ़ी है।
(B) केयर की साऺयता दय सफसे अचधक है।
(C) ब्रफहाय की सऺयता दय सफसे कभ है।
(D) साऺयों की वद्
ृ चध भें ऩरू
ु षों की सॊख्मा भहहराॊओॊ से अचधक है।
उत्तय- D
व्माख्मा: वषय 2011 की जनगणना के आॉकड़ो के अनस
ु ाय मह सथन सत्म है कक सभग्र साऺयता दय फढ़ी है केयर
की साऺयता दय सफसे अचधक है तथा ब्रफहाय की साऺयता दय सफसे सभ है। ऩयॊ तु मह कथन कक साऺयता की वद्
ृ चध
भें ऩुरूषों की सॊख्मा भहहराओॊ से अचधक है। सत्म नहीॊ है। वषय 2001 से 2011 के भध्म कुर साऺय ऩुरूषों की
सॊख्मा भें वद्
ृ चध 10,76,31,940 है जो कक इस दौयान भहहरा साऺयों (11,00,69,001) की सॊख्मा भें वद्
ृ चध से कभ
है।

34. वषय 2011 की जनगणना के अनुसाय, बायत के तनम्नमरर्खत याज्मों भें से ककसभे जनसॊख्मा का घनत्व
उच्ितभ है?
(A) ब्रफहाय
(B) केयर
(C) ऩस्श्िभ फॊगार
(D) उत्तय प्रदे श
उत्तय- A
व्माख्मा: जनगणना 1991 के अनुसाय ऩस्श्िभ फॊगार, बायत का सवायचधक जनघनत्व वारा याज्म था। स्जसका
घनत्व 903 व्मस्क्त वगय ककभी. था जनगणना 2011 के अॊततभ आॉकड़ो के अनुसाय, सवायचधक जनसॊख्मा घनत्व
वारे याज्म है। - ब्रफहाय (1106), ऩॊ. फॊगार (1028), केयर (860), उत्तय प्रदे श (829), तथा हरयमाणा (573)।

35. 30 जून 2018, को ककसने उत्तय प्रदे श के नए प्रभुख सचिव के रूऩ भें कामयबाय सॊबारा?
(A) हदनेश िॊद्र ऩाॊडे
(B) अनूऩ िॊद्र ऩाॊडे
(C) याजीव कुभाय
(D) प्रवीय कुभाय
उत्तय- B
व्माख्मा: 30, जून 2018 को बायती प्रशासतनक सेवा के वरयष्ठ अचधकायी अनूऩ िॊद्र ऩाॊडे ने उत्तय प्रदे श के नए
प्रभुख सचिव के रूऩ भें ऩदबय ग्रहण ककमा। इस ऩद ऩय इन्होने याजीव कुभाय का स्थान मरमा है।

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36. मभट्टी का कामय कयने वारे कायीगयों एवॊ मशल्ऩीओॊ के व्मवसाम भें वद्
ृ चध कयने के मरए एवॊ इस उद्मोग को
ववकमसत कयने के उद्दे श्म से उत्तय प्रदे श सयकाय ने हार ही भें 1 फोडय के गठन को स्वीकृतत दी है उस फोडय का
नाभ है ?
(A) कुम्हाय करा फोडय
(B) भाटी करा फोडय
(C) भाटी मशल्ऩकाय फोडय
(D) भतृ तका करा फोडय
उत्तय- B
व्माख्मा: उत्तय प्रदे श सयकाय ने प्रदे श भें भाटी करा एवॊ भाटी मशल्ऩ करा से सॊफॊचधत उद्मोगों के ववकास के मरए
भाटी करा फोडय का गठन कय हदमा है। इसके जरयमे प्रास्स्टक कऩ के स्थान ऩय मभट्टी के कुल्हड़ों को प्रोत्साहहत
ककमा जाएगा.भाटी करा फोडय के सॊिारक भॊडर बी तम कय हदए गए हैं। इस फोडय के अध्मऺ खादी एवॊ ग्राभोद्मोग
ववबाग के भॊत्री अथवा शासन द्वाया नामभत प्रतततनचध होंगे. इस सॊफॊध भें शासन की ओय से अचधसूिना जायी कय
दी गई.सॊिारक भॊडर भें खादी ग्राभोद्मोग, ववत्त, याजस्व, खतनज, सभाज कल्माण, श्रभ, वऩछड़ा वगय कल्माण
ववबाग के प्रभख
ु सचिव तथा उत्तय प्रदे श याज्म कामायरम खादी एवॊ ग्राभोद्मोग आमोग के तनदे शक को सदस्म
नामभत ककमा गमा है।

37. उत्तय प्रदे श सयकाय की कैब्रफनेट द्वाया याज्म भें दो नए ऺेत्रीम ववचध ववऻान प्रमोगशाराओॊ के तनभायण को अबी
हार ही भें भॊजूयी दी गई है जो स्थावऩत ककए जाएॊगे?
(A) भेयठ औय गास्जमाफाद भें
(B) गोयखऩुय एवॊ वायाणसी भें
(C) झाॊसी औय इराहाफाद भें
(D) अभेठी एवॊ यामफये री भें
उत्तय- C
व्माख्मा: उत्तय प्रदे श सयकाय की कैब्रफनेट द्वाया याज्म भें दो नए ऺेत्रीम ववचध ववऻान प्रमोगशाराओॊ के तनभायण को
अबी हार ही भें भॊजूयी दी गई है जो झाॊसी औय इराहाफाद भें स्थावऩत ककए जाएॊगे।

38. बायत भें भानवाचधकाय सॊयऺण अचधतनमभ, 1993 भें तनम्नमरर्खत ककन सॊस्थाओॊ की स्थाऩना का उल्रेख है।
(A) याष्रीम भानवाचधकाय आमोग
(B) याज्म भानवाचधकाय आमोग
(C) भानवाचधकाय न्मामारम
(D) उऩमक्
ुय त सबी
उत्तय- D
व्माख्मा: बायत भें भानवाचधकाय सॊयऺण अचधतनमभ, 1993 भें याष्रीम भानवाचधकाय आमोग, याज्म भानवाचधकाय
आमोग, भानवाचधकाय न्मामारम सभस्त सॊस्थाओॊ की स्थाऩना का उल्रेख है। भानवाचधकाय सॊयऺण अचधतनमभ
बायत भें 28 मसतम्फय 1993 से रागू हुआ|
 याष्रीम भानवाचधकाय आमोग की स्थाऩना सयकाय द्वाया 12 अक्टूफय 1993 को भानवाचधकाय सॊयऺण
अचधतनमभ, 1993 के अधीन की गई थी।
 आमोग भें कुर आठ सदस्म होते हैं- एक अध्मऺ, एक वतयभान अथवा ऩूवय सवोच्ि न्मामारम का
न्मामाधीश, एक वतयभान अथवा बत
ू ऩूवय उच्ि न्मामारम का भख्
ु म न्मामाधीश, भानवाचधकाय के ऺेत्र भें
जानकायी यखने वारे कोई दो सदस्म तथा याष्रीम भहहरा आमोग, याष्रीम अनुसूचितजातत

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आमोग, याष्रीम अनुसूचित जनजातत आमोग एवॊ याष्रीम अल्ऩसॊख्मक आमोग के अध्मऺ। इसके अध्मऺ
सहहत सबी सदस्मों का कामयकार ऩाॊि वषय का होता है।
 याष्रऩतत द्वाया याष्रीम भानवाचधकाय आमोग का गठन प्रधानभॊत्री की अध्मऺता भें गहठत एक समभतत की
सॊस्ततु त ऩय ककमा गमा था। इस समभतत के अन्म सदस्म थे- रोक सबा अध्मऺ, गह
ृ भॊत्री, सदन भें
ववऩऺ के नेता तथा याज्म सबा के उऩ-सबाऩतत। सवोच्ि न्मामारम के ऩूवय भुख्म न्मामाधीश को आमोग
का अध्मऺ तनमुक्त ककमा जा सकता है।

39. सवायचधक अनुसूचित जातत जनसॊख्मा प्रततशत वारा याज्म है ?


(A) हहभािर प्रदे श
(B) ऩस्श्िभ फॊगार
(C) उत्तय प्रदे श
(D) भध्म प्रदे श
उत्तय- A

व्माख्मा: अनुसूचित जातत जनगणना- 2011


जनसॊख्मा (याज्म/के.शा.प्र.) प्रनतशत (याज्म/के.शा.प्र.)
अधधकतभ न्मूनतभ अधधकतभ न्मूनतभ
उत्तय प्रदे श मभजोयभ ऩॊजाफ मभजोयभ
ऩ.फॊगार नागारैण्ड हहभािर नागारैण्ड
ब्रफहाय ऩुडुिेयी ऩ. फॊगार अरू. प्रदे श
तमभरनाडु रक्ष्मद्वीऩ उ.प्र. रक्ष्मद्वीऩ

40. जनगणना, 2011 के अनस


ु ाय न्मन
ू तभ जनघनत्व वारा याज्म है?
(A) मभजोयभ
(B) मसस्क्कभ
(C) नागारैण्ड
(D) हहभािर प्रदे श
उत्तय- A
व्माख्मा: जनघनत्व ऑकड़े जनगणना, 2011
अधधकतभ न्मूनतभ
याज्म केन्र्द् शाससत याज्म केन्र्द् शाससत
ब्रफहाय हदल्री अरुणाॊिर प्र. अण्डभान द.स.
1106 11320 17 46
ऩ. फॊगार िण्डीगढ़ मभजोयभ दादय न.ह.
1028 9258 52 700
केयर ऩुडुिेयी मसस्क्कभ रक्ष्मद्वीऩ
860 2547 86 2149
उ.प्र. दभन दीव नागारैण्ड दभन दीव
829 2191 119 2191

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41. उ.प्र. सयकाय ने ककस वषय ‘सॊस्कृतत सॊस्थान’ की स्थाऩना की?
(A) 1952 भें
(B) 1957 भें
(C) 1976 भें
(D) 1978 भें
उत्तय- C
व्माख्मा: उत्तय प्रदे श सयकाय ने 31 हदसम्फय, 1976 ई. को ‘सॊस्कृतत सॊस्थान’ की स्थाऩना की। ‘उत्तय प्रदे श हहॊदी
सॊस्थान’ की स्थाऩना 30 हदसम्फय, 1976 को की गमी।
उत्तय प्रदे श के प्रभुख करा एवॊ साॊस्कृनतक सॊस्थान-
 बातखॊडे सॊगीत सॊस्थान- ऩॊडडत ववष्णु नायामण बातखॊडे के प्रमास से रखनऊ भें 15 जुराई 1926 को
भैरयस कॉरेज ऑप हहॊदस्
ु तानी म्मूस्जक की नीॊव ऩड़ी। 1960 भें इसका नाभ बातखॊडे हहॊदस्
ु तानी सॊगीत
भहाववद्मारम यखा गमा। बायत सयकाय द्वाया 24 अक्टूफय 2000 को इस भहाववद्मारम को डीम्ड
ववश्वववद्मारम का स्तय प्रदान कय हदमा गमा औय इसका नाभ ऩरयवततयत कयके बातखॊडे सॊगीत सॊस्थान
रखनऊ कय हदमा गमा।
 याज्म रसरत करा अकादभी रखनऊ- इसकी स्थाऩना 8 पयवयी 1962 को सॊस्कृतत ववबाग के अधीनस्थ
ऩॊिभ ववत्त ऩोवषत स्वामत्तशासी सॊस्था के रूऩ भें की गई थी।
 बायतें द ु नाट्म अकादभी रखनऊ- नाट्मकरा भें प्रमशऺण दे ने के उद्दे श्म से बायतें द ु नाट्म अकादभी की
स्थाऩना अगस्त 1975 भें रखनऊ भें हुई थी। मह सॊस्कृतत ववबाग के अॊतगयत स्वामत्तशासी सॊस्था के रूऩ
भें कामय कय यहा है।
 उत्तय प्रदे श सॊगीत नाटक अकादभी- इसकी स्थाऩना 13 नवॊफय 1963 को रखनऊ भें की गई। मह
अकादभी सॊगीत, नत्ृ म, नाटक, रोक सॊगीत, रोक नाट्म की ऩयॊ ऩयाओॊ के प्रिाय-प्रसाय, सॊवधयन एवॊ
ऩरययऺण का भहत्वऩूणय कामय कयती है।
 याष्रीम कथक सॊस्थान रखनऊ- इसकी स्थाऩना सॊस्कृतत ववबाग के अॊतगयत 1988-89 भें हुई। भई 2010
से मह सॊस्थान रखनऊ ववश्वववद्मारम से सॊफॊध हो गई है। अफ मह स्नातक की डडग्री बी दे ती है।
 अमोध्मा शोध सॊस्थान- इसकी स्थाऩना 18 अगस्त 1986 को तुरसी स्भायक बवन अमोध्मा भें की गई
थी। इसका उद्दे श्म साभान्म रूऩ से अवध व ववमशष्ट रूऩ से अमोध्मा की करा, साहहत्म, रोक साहहत्म,
इततहास व ऩयॊ ऩयाओॊ की ऩाॊडुमरवऩमों तथा वस्तु औय मशल्ऩ त्मों का सॊग्रह, सॊयऺण व अध्ममन कयना है।

42. ‘प्रधानभॊत्री कृवष मसॊिाई मोजना’ का टै ग राइन है-


(A) हय खेत को ऩानी
(B) प्रतत फूॊद अचधक उत्ऩादन
(C) a औय b दोनों
(D) इनभें से कोई नहीॊ
उत्तय- C
व्माख्मा: 2 जुराई, 2015 को प्रधानभॊत्री नयें द्र भोदी की अध्मऺता भें ―भॊब्रत्रभॊडर की आचथयक भाभरों की समभतत
(CCEA)‖ ने ―प्रधानभॊत्री कृवष मसॊिाई मोजना‖ (PMKSY) को भॊजूयी दी। उल्रेखनीम है कक इस मोजना के तहत
ऩाॊि वषों (2015-16 से 2019-20) के मरए 50 हजाय कयोड़ रुऩमे की यामश का प्रावधान ककमा गमा है । इस
मोजना का उद्दे श्म जभीनी स्तय ऩय मसॊिाई भें तनवेश को सभस्न्वत कयना, मसॊिाई सवु वधा वारे कृवष ऺेत्र का

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ववस्ताय, ऩानी का फेहतय उऩमोग, सटीक मसॊिाई आहद है। इस मोजना के तीन घटक हैं- हय खेत को ऩानी, प्रतत
फूॊद अचधक पसर, ऩनधाया ववकास|

43. तनम्नमरर्खत भें कौन-सी यफी की पसर नहीॊ है?


(A) तम्फाकू
(B) गन्ना
(C) भूॊगपरी
(D) अरसी
उत्तय- C
व्माख्मा: भूॊगपरी खयीप की भुख्म ततरहनी पसर है। यफी की पसरें हैं – गेहूॉ, जौ, िना, भटय, सयसों, भमूय,
तम्फाकू, आरू, अरसी, गन्ना, आहद।
ऋतुओॊ के अधाय ऩय वगीकयण-
खयीप की पसर – इन पसरों को फोते सभम अचधक ताऩभान एवॊ आद्रता तथा ऩकते सभम शष्ु क वातावयण की
आवश्मता होती है उत्तय बायत भें इसे जन
ू -जर
ु ाई भें फोते हैं धान, फाजया, भॊग
ू , भॊग
ू परी, गन्ना इस ऋतु की
प्रभुख पसरें हैं
यफी की पसर – इन पसरों को फोआई के सभम ताऩभान तथा ऩकते सभम शष्ु क औय गभय वातावयण की
आवश्मकता होती है मे पसरें अक्टूफय-नवम्फय भें भहीनों भें फोई जाती हैं गेहू ॎ, जौ, िना, भसूय, सयसों इस ऋतु की
प्रभुख पसरें हैं
जामद की पसर – मे पसरें भािय-अप्रैर भें फोई जाती है इस पसरें भें तेज गभी औय शष्ु क हवाओॊ को सहन कयने
की अच्छी ऺभता होती है तयफूज, ककडी, खीया, इस ऋतु की प्रभुख पसरें हैं

44. भद
ृ ा भें ऩादऩ भर
ू ों भें सहज ही उऩरब्ध जर क्मा है?
(A) गुरूत्वीम जर (Gravitational water)
(B) केमशका जर (Capillary water)
(C) आद्रय ताग्राही जर (Hygroscopic Water)
(D) ऩरयफद्ध जर (Bound water)
उत्तय- B
व्माख्मा: भद
ृ ा भें ऩादऩ भूरों भें सहज ही उऩरब्ध जर केमशका जर होता है। मह जर भद
ृ ा के भूर कणों भें
उऩस्स्थत यहता है। स्जसे कोमशकत्व द्वाया ऩादऩ भर
ू अवशोवषत कय रेती है।
 बूमभ के जर को तीन प्रकाय के जर भें वगीकृत ककमा गमा है। मे हैं आद्रय ताग्राही (हाइग्रोस्कोवऩक) जर,
केशीम (केऩेरयी) जर औय गुरुत्वीम (ग्रेववटे शनर) जर। इनभें से केशीम जर ही ऩौधों के उऩमोग की दृस्ष्ट
से भहत्वऩूणय है। वषाय होने ऩय 24 घॊटे भें ऩानी की कापी भात्रा जभीन भें उतयकय तनिरी सतहों भें ऩहुॉि
जाती है। इसे गुरुत्वीम जर कहा गमा है।
 मभट्टी भें ऩानी कोरामडस व मभट्टी के ववमबन्न आकाय के कणों की सतह औय उनके फीि भें ऩाए जाने
वारी खारी जगह भें बय जाता है। मह एक ववशेष आकषयण फर स्जसे भद
ृ ा आद्रय ता तनाव कहते हैं, के
कायण मभट्टी भें ठहया यहता है।
 ऩौधों की जड़ें इन्हीॊ कणों की सतह मा उनके फीि भें अऩनी भर
ू योभ (रूट हे मसय) के द्वाया प्राप्त कयते
हैं। अत् ऩौधों को जर प्राप्त कयने के मरए जड़ योभों के भाध्मभ से कणों की सतह मा उनके फीि की
जगह से जर प्राप्त कयने के मरए भद
ृ ा आद्रय ता तनाव से अचधक फर रगाना ऩड़ता है।

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 मह फर अरग-अरग ककस्भ की मभट्हटमों भें उनके कणों के आकाय औय उनकी जभावट मा व्मवस्था के
हहसाफ से अरग-अरग होता है। इसी कायण ऩौधे कारी चिकनी मभट्टी की अऩेऺा ये तीरी मभट्टी से
आसानी से जड़ों द्वाया ऩानी रे रेते हैं।
 मभट्टी की जर धायण ऺभता मानी ऩानी की अचधक भात्रा को धायण कयने के मरए जीवाॊश ऩदाथय फहुत
सहामक होता है। मही नहीॊ जीवाॊश मुक्त मभट्टी भें ऩानी अचधक सभम तक बी सॊग्रहीत यहता है। चिकनी
मा ये तीरी दोनों ही तयह की मभट्हटमों भें बयऩूय जीवाॊश ऩदाथय डारने से उनकी बौततक दशाओॊ भें सुधाय
होता है। इन मभट्हटमों की जर धायण ऺभता, जर सॊग्रहण ऺभता, वामु सॊियण, भद
ृ ा ताऩभान भें सुधाय
होता है।
 जीवाॊश ऩदाथय सक्ष्
ू भ जीवों का आहाय होने के कायण जैववक गततववचध बी फढ़ जाती है। इससे ऩौधों के
ऩोषक तत्वों की उऩरब्धता बी आसान हो जाती है ।

45. जनवयी, 2019 को जायी वैस्श्वक प्रततबा प्रततस्ऩधाय सि


ू काॊक, 2019 भें बायत का कौन-सा स्थान यहा?
(A) 50
(B) 58
(C) 65
(D) 80
उत्तय- D
व्माख्मा: वैकिश्वक प्रनतबा प्रनतस्ऩधाच सूर्काॊक (Global Talent Competitiveness Index), 2019
 21 जनवयी, 2019 को वैस्श्वक प्रततबा प्रततस्ऩधाय सूिकाॊक (Global Talent Competitiveness Index),
2019 का छठवाॊ सॊस्कयण जायी ककमा गमा।
 इस सूिकाॊक का प्रकाशन ―इनसीड (INSEAD) ब्रफजनेस स्कूर द्वाया एडडको ग्रुऩ (Adecco Group) औय
टाटा कम्मतु नकेशॊस के सहमोग से ककमा गमा।
 इस वषय के सूिकाॊक का ववषम् प्रततस्ऩधाय हे तु उद्मभी प्रततबा (Theme) “Entrepreneurial Talent and
Global Competitiveness” था।
 इस सूिकाॊक भें 125 दे शों को शामभर ककमा गमा है।
इस सूर्काॊक भें शीषच 5 स्थान प्रा्त कयने वारे दे श इस प्रकाय हैं-
(i) स्स्वट्जयरैंड, (ii) मसॊगाऩयु , (iii) मन
ू ाइटे ड स्टे ट्स ऑप अभेरयका, (iv) नॉवे तथा (v) डेनभाकय।
इस सूर्काॊक भें ननम्नतभ 5 स्थान प्रा्त कयने वारे दे श इस प्रकाय हैं-
(i) मभन (125वाॊ)। (ii) काॊगो डेभोक्रेहटक रयऩस्ब्रक (124वाॊ) (iii) फुरुॊडी (123वाॊ) (iv) भोजास्म्फक (122वाॊ) (v)
स्जम्फाब्वे (121वाॊ)
 इस सूिकाॊक भें बायत को 80वाॊ स्थान प्राप्त हुआ।
 गतवषय (2018) इस सि ू काॊक भें बायत का 81वाॊ स्थान था।
 जफकक बायत के ऩड़ोसी दे शों भें श्रीरॊका को 82वाॊ, बूटान को 83वाॊ, ऩाककस्तान को 108वाॊ तथा नेऩार का
120वाॊ स्थान यहा।
 ब्रिक्स दे शों भें िीन को 45वाॊ, रूस को 49वाॊ, बायत को 80वाॊ, दक्षऺण अफ्ीका को 71वाॊ तथा िाजीर को
72वाॊ स्थान प्राप्त हुआ।

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46. हार ही भें याष्रीम वऩछड़ा आमोग को सॊवैधातनक दजाय प्रदान कयने के मरए सॊववधान ववधेमक सॊसद के दोनों
सदनों भें अगस्त, 2018 भें ऩारयत ककमा गमा। मह सॊशोधन ववधेमक है?
(A) 121 वाॉ
(B) 122 वाॉ
(C) 123 वाॉ
(D) 124 वाॉ
उत्तय- C
व्माख्मा: 2 अगस्त 2018 को रोकसबा तथा 6 अगस्त, 2018 को याज्म सबा द्वाया 123 वाॉ सॊववधान सॊशोधन
ववधेमक ऩारयत कयके याष्रीम वऩछड़ा वगय आमोग को सॊवैधातनक दजाय प्रदान कय हदमा गमा।
 2 अगस्त, 2018 को रोक सबा द्वाया सॊववधान (123वाॊ सॊशोधन) ववधेमक, 2017 को ऩुन् ऩारयत ककमा
गमा।
 इससे ऩूवय रोक सबा द्वाया इस ववधेमक को 10 अप्रैर, 2017 को बी ऩारयत ककमा गमा था।
 11 अप्रैर, 2017 को इस ववधेमक को याज्म सबा की सेरेक्ट कभेटी को सौंऩ हदमा गमा था।
 इस कभेटी की रयऩोटय के फाद 31 जर
ु ाई, 2017 को याज्म सबा ने ववधेमक को एक सॊशोधन के साथ
ऩारयत कय हदमा। परस्वरूऩ 2 अगस्त, 2018 को रोक सबा द्वाया इसे ऩुन् ऩारयत ककमा गमा।
 मह ववधेमक याष्रीम अनुसूचित जातत आमोग तथा याष्रीम अनुसूचित जनजातत आमोग के सभान ही
याष्रीम वऩछड़ा वगय आमोग (NCBc) को बी सॊवैधातनक दजाय प्रदान कयने का प्रस्ताव कयता है।
 वतयभान भें याष्रीम अनुसूचित जातत आमोग को अनुसूचित जाततमों, वऩछड़े वगों औय एॊग्रो इॊडडमॊस से
सॊफॊचधत मशकामतों औय कल्माणकायी उऩामों की तनगयानी कयने का अचधकाय है।
 याष्रीम वऩछड़ा वगय आमोग का गठन 1993 भें याष्रीम वऩछड़ा वगय आमोग अचधतनमभ 1993 के तहत
ककमा गमा है।
 ववधेमक के अनुसाय, याष्रऩतत द्वाया ववमबन्न याज्मों औय केंद्रशामसत प्रदे शों भें साभास्जक औय शैऺर्णक
रूऩ से वऩछड़े वगों को ववतनहदय ष्ट ककमा जा सकता है।
 ववधेमक के अनस
ु ाय, नए अनच्
ु छे द 330ख तथा 342क को शामभर कयने का प्रस्ताव है।
 ववधेमक के तहत ककसी बी मशकामत की छानफीन मा जाॊि के दौयान याष्रीम वऩछड़ा वगय आमोग के ऩास
मसववर कोटय के सभान अचधकाय होंगे।
 ध्मातव्म है कक याष्रीम अनुसूचित जातत आमोग ने अऩनी 2014-15 की रयऩोटय भें मह मसपारयश की थी
कक अनुच्छे द 338 के खॊड (10) के अधीन साभास्जक औय शैक्षऺक दृस्ष्ट से वऩछड़े वगों की मशकामतें ,
तनऩटाए जाने के मरए याष्रीम वऩछड़ा वगय आमोग को दी जानी िाहहए।

47. बायतीम सॊसद ने 9 जनवयी 2019 को आचथयक रूऩ से वऩछड़े साभान्म वगय के अभ्मचथयमों को मशऺण सॊस्थानों
औय सयकायी नौकरयमों भें 10% आयऺण से सम्फस्न्धत एक ऐततहामसक सॊशोधन ववधेमक को ऩारयत कय हदमा। इस
ववधेमक से सम्फस्न्धत सॊशोधन की सॊख्मा क्मा है ? -
(A) 124वाॉ सॊवैधातनक सॊशोधन
(B) 123वाॉ सॊवैधातनक सॊशोधन
(C) 125वाॉ सॊवैधातनक सॊशोधन
(D) 126वाॉ सॊवैधातनक सॊशोधन
उत्तय- A
व्माख्मा: साभान्म वगय (General category) के अभ्मचथयमों को आचथयक आधाय ऩय 10% आयऺण दे ने से
सम्फस्न्धत एक ऐततहामसक ववधेमक को बायतीम सॊसद ने 9 जनवयी 2019 को अऩनी स्वीकृतत प्रदान

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कय दी। मह ववधेमक बायतीम सॊववधान भें 124वाॉ सॊशोधन ववधेमक (124th Constitutional Amendment) है
तथा इसे याज्मसबा ने 9 जनवयी 2019 को ऩारयत कय हदमा। इससे एक हदन ऩूवय 8 जनवयी 2019 को इस
ववधेमक को रोकसबा ने बी ऩारयत कय हदमा था।
 124वें सॊववधान सॊशोधन ववधेमक को साभास्जक न्माम एवॊ सशक्तीकयण भॊत्री थावय िॊद गहरोत ने 7
जनवयी 2019 को सॊसद के ऩटर ऩय यखा था। ववधेमक का भूर उद्दे श्म साभान्म वगय के आचथयक रूऩ से
वऩछड़े अभ्मचथयमों को सयकायी नौकरयमों तथा मशऺण सॊस्थानों भें 10% आयऺण प्रदान कयना है। इसके
तहत केन्द्र सयकाय तथा याज्म सयकाय दोनों श्रेणी की नौकरयमों भें आयऺण की व्मवस्था की गई है।
हाराॊकक राबाचथयमों के मरए आचथयक आधाय तम कयने की शस्क्त याज्मों को प्रदान की गई है।

48. बायतीम ववऻान काॊग्रेस (Indian Science Congress) के 106वें सॊस्कयण का उद्घाटन प्रधानभॊत्री नये न्द्र
भोदी ने 3 जनवयी 2019 को ककमा। दे श के िोटी के वैऻातनकों के वावषयक अचधवेशन के इस सॊस्कयण की भेजफानी
ककस सॊस्थान द्वाया की जा यही है ?
(A) रवरी प्रोपेशनर मूनीवमसयटी (पगवाड़ा)
(B) जारॊधय ववश्वववद्मारम
(C) अभत
ृ सय ववश्वववद्मारम
(D) एमभटी मतू नवमसयटी
उत्तय- A
व्माख्मा: ऩॊजाफ (Punjab) के पगवाड़ा (Phagwara) स्स्थत तनजी सॊस्थान रवरी प्रोपेशनर मूनीवमसयटी (Lovely
Professional University) बायतीम ववऻान काॊग्रेस के 106वें सॊस्कयण (106th Indian Science Congress) का
आमोजन 3 से 7 जनवयी 2019 के भध्म कय यहा है। इस सॊस्कयण के प्रायॊ मबक सत्र का उद्घाटन प्रधानभॊत्री नये न्द्र
भोदी (Narendra Modi) ने 3 जनवयी 2019 को ककमा। ववऻान काॊग्रेस के इस सॊस्कयण का थीभ (theme) है -
बायत का बववष्म - ववऻान एवॊ प्रौद्मौचगकी (FUTURE INDIA – Science and Technology)। काॊग्रेस का
सभाऩन 7 जनवयी 2019 को होगा।
बायतीम ववऻान काॊग्रेस दे श के िोटी के वैऻातनकों का वावषयक सम्भेरन है स्जसका आमोजन बायतीम
ववऻान काॊग्रेस सॊगठन (Indian Science Congress Association - ISCA) द्वाया ककमा जाता है। मह सॊगठन
दे श का सवयप्रभुख वैऻातनक सॊगठन है स्जसका भुख्मारम कोरकाता (Kolkata) भें है। मह सॊगठन बायतीम ववऻान
काॊग्रेस का आमोजन वषय 1914 से रगाताय कयता आ यहा है तथा मह आमोजन प्रत्मेक वषय जनवयी के प्रथभ
सप्ताह भें होता है। वतयभान भें सॊगठन के रगबग 30,000 सदस्म वैऻातनक हैं।

49. ग्रोफर हॊगय इॊडेक्स 2018 भें एक भात्र दे श कौन है, स्जसे एक्सरीरी एरामभिंग की श्रेणी भें यखा गमा है?
(A) सोभामरमा
(B) इचथमोवऩमा
(C) इयीहरमा
(D) भध्म अफ्ीकी गणयाज्म
उत्तय- D
व्माख्मा: जायी ग्रोफर हॊगय इॊडेक्स भें भध्म अफ्ीकी गणयाज्म भें बूख कक स्स्थतत एक्सरीरी एरामभिंग फतामी
गमी। इसके मरए हॊगय इॊडेक्स 53.7 आकमरत ककमा गमा है तथा 119 दे शों की सूिी भें इस दे श को 119 वाॉ
स्थान प्राप्त हुआ है।
 11अक्टूफय, 2017 को ―अॊतययाष्रीम खाद्म नीतत अनस
ु ॊधान सॊस्थान‖ (IFPRI) द्वाया ―वैस्श्वक बख
ु भयी
सूिकाॊक‖ (Global Hunger Index-2018) जायी ककमा गमा।

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 मह सूिकाॊक का 13वाॊ सॊस्कयण है।
 GHI-2018 रयऩोटय का भुख्म ववषम (Theme)- ”Forced Migration and Hunger” है।
 इस सूिकाॊक भें 119 दे शों को शामभर ककमा गमा है।
 मह सि
ू काॊक िाय सॊकेतकों क्रभश् अल्ऩऩोषण (Undernourishment), रॊफाई के अनऩ
ु ात भें कभ वजन
(Child Wasting) आमु के अनुऩात भें कभ रॊफाई (Child Stunting) तथा फार भत्ृ मु दय (Child
Mortality) के आधाय ऩय तैमाय ककमा गमा है।
 मह सूिकाॊक 100 आधाय ब्रफन्दओ
ु ॊ के ऩैभाने ऩय तैमाय ककमा जाता है , स्जसभें शन्
ू म सफसे अच्छा स्कोय
तथा 100 सफसे खयाफ स्कोय भाना जाता है।
 GHI-2018 के अनस
ु ाय, ववश्व बय भें बख
ू का स्तय वषय 2000 भें 29.2 प्रततशत से कभ होकय 20.9
प्रततशत होकय गॊबीय/श्रेणी भें फना हुआ है।
 GHI-2018 के अनुसाय, 51 दे श अबी बी गॊबीय अथवा बमावह स्स्थतत भें है।
 इसके अनुसाय, 40 दे श तनम्न (Low), 27 दे श भध्मभ (Moderate), 45 दे श गॊबीय (Serious), 6 दे श
बमावह (Alarming) तथा 1 दे श बुखभयी की अत्मचधक बमावह (Extremely alarming) स्स्थतत का
साभना कय यहे हैं।
 इस सूिकाॊक भें 5 से कभ स्कोय वारे 15 दे श है।
 स्जसभें ऩाॊि शीषय दे श क्रभश् फेरारूस, फोस्स्नमा औय हे यजेगोववना (सॊमुक्त रूऩ से), चिरी, कोस्टारयका
तथा क्रोएमशमा हैं।
 GHI-2018 के अनुसाय, 6 दे श (िाड, हैती, भेडागास्कय, मसमया मरमोन, मभन तथा जाॊब्रफमा) बुखभयी की
बमावह स्स्थतत का साभना कय यहे है।
 जफकक 1 दे श सेंरर अफ्ीकन रयऩस्ब्रक बुखभयी की अत्मचधक बवाह स्स्थतत का सभाना कय यहा है।
 वैस्श्वक बुखभयी सूिकाॊक, 2018 भें बायत, नाइजीरयमा के साथ सॊमुक्त रूऩ से 103वें स्थान ऩय है।
 बायत का GHI स्कोय 31.1 है।
 सूिकाॊक भें बायत को गॊबीय वगय भें यखा गमा है।
 उल्रेखनीम है कक GHI-2017 भें बायत (GHI स्कोय-31.4) 100वें स्थान ऩय था।
 वषय 2018 के सूिकाॊक भें बायत को अऩने ऩड़ोसी दे शों मथा श्रीरॊका (यैंक-67), नेऩार (यैंक-72), म्माॊभाय
(यैंक-68), फाॊग्रादे श (यैंक-86) तथा िीन (यैंक-25) की तुरना भें तनिरी यैंक प्राप्त हुई है।
 ऩाककस्तान को इस सूिकाॊक भें 106वाॊ स्थान प्राप्त हुआ है।

50. 17 हदसम्फय 2018 को ककसने भध्म प्रदे श (Madhya Pradesh) के नए भख्


ु मभॊत्री (Chief Minister) के रूऩ
भें शऩथ री?
(A) कभर नाथ
(B) अशोक गहरोत
(C) सचिन ऩामरट
(D) मशवयाज मसॊह िौहान
उत्तय- A
व्माख्मा: वरयष्ठ काॊग्रेस नेता कभर नाथ (Kamal Nath) ने 17 हदसम्फय 2018 को भध्म प्रदे श (Madhya
Pradesh) के 18वें भुख्मभॊत्री के तौय ऩय शऩथ री। वे भध्म प्रदे श प्रदे श काॊग्रेस समभतत (MPPCC) के अध्मऺ बी
हैं। याज्म की याज्मऩार आनॊदी फेन ऩटे र ने 17 हदसम्फय 2018 को याजधानी बोऩार भें हुए एक बव्म शऩथ-ग्रहण
सभायोह भें कभर नाथ को ऩद औय गोऩनीमता की शऩथ हदराई।

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 उल्रेखनीम है कक हदसम्फय 2018 के दौयान हुए ववधानसबा िुनावों भें काॊग्रेस (Congress) ने याज्म भें
वऩछरे 15 सारों से काब्रफज बायतीम जनता ऩाटी (BJP) को ऩयास्जत कय एक ऐततहामसक जीत दजय की
थी। याज्म की कुर 230 ववधानसबा सीटों के मरए हुए िुनाव भें काॊग्रेस को अचधकतभ 114 सीटें हामसर
हुई थीॊ। वहीॊ सत्ताधायी बाजऩा (BJP) को 109 सीटों से सॊतोष कयना ऩड़ा। 2 सीटें जीतने वारी फहुजन
सभाज ऩाटी (BSP) ने काॊग्रेस को सभथयन दे ने की घोषणा की थी।
 कभर नाथ ने मशवयाज मसॊह िौहान (Shivraj Singh Chouhan) का स्थान मरमा जो 29 नवम्फय 2005
से याज्म के भुख्मभॊत्री की कभान सॊबारे हुए थे।

51. तयण तार वास्तववक गहयाई से कभ गहया हदखाई दे ता है, इसका कायण है?
(A) अऩवतयन
(B) प्रकाश प्रकीणयन
(C) ऩयावतयन
(D) व्मततकयण
उत्तय- A
व्माख्मा: प्रकाश के अऩवतयन के मसद्धाॊत के कायण तयर तार अऩनी वास्तववक गहयाई से कभ गहया प्रतीत होता
है। तयण तार के तर से आने वारी प्रकाश की ककयणें सघन भाध्मभ (जर) से ववयर भाध्मभ (वामु) की ओय जाने
ऩय अऩवततयत होकय रॊफ से दयू हट जाती है।
प्रकाश का अऩवतचन- जफ प्रकाश की ककयणें एक ऩायदशी भाध्मभ भें प्रवेश कयती है, तो दोनों भाध्मभों को अरग
कयने वारे तर ऩय अमबरम्फत ् आऩाती होने ऩय ब्रफना भड़
ु े सीधे तनकर जाती है , ऩयन्तु ततयछी आऩाती होने ऩय वे
अऩनी भूर हदशा से वविमरत हो जाती है। इस घटना को प्रकाश का अऩवतयन कहते हैं। जफ प्रकाश की कोई ककयण
ववयर भाध्मभ से सघन भाध्मभ भें प्रवेश कयती है , तो दोनों भाध्मभों के ऩष्ृ ठ ऩय खीॊिे गए अमबरॊफ की ओय झुक
जाती है तथा जफ ककयण सघन भाध्मभ से ववयर भाध्मभ भें प्रवेश कयती, तो वह अमबरॊफ से दयू हट जाती है,
रेककन जो ककयण अमबरॊफ के सभाॊतय प्रवेश कयती है , उनके ऩथ भें कोई ऩरयवतयन नहीॊ होता।
अऩवतचन के कायण घटटत घटनाएॉ
 द्रव भें अॊशत् डूफी हुई सीधी छड़ टे ढ़ी हदखाई ऩड़ती है।
 ताये हटभहटभाते हुए हदखाई ऩड़ते हैं।
 सूमोदम के ऩहरे एवॊ सम
ू ायस्त के फाद बी सूमय हदखाई दे ते हैं।
 ऩानी से बये ककसी फतयन की तरी भें ऩड़ा हुआ मसक्का ऊऩय उठा हुआ हदखाई ऩड़ता है।
 जर के अन्दय ऩड़ी हुई भछरी वास्तववक गहयाई से कुछ ऊऩय उठी हुई हदखाई ऩड़ती है।

52. ‘फोरोभीटय’ भाऩन कयता है?


(A) ऊष्भीम ववककयण का
(B) ऩहहमों की िार का
(C) वामु के घनत्व का
(D) ववद्मुत धाया का
उत्तय- A
व्माख्मा: कुछ भहत्वऩूणय उऩकयण एवॊ भाऩक मॊत्र-
 स्टे थोस्कोऩ- एक चिककत्सकीम मॊत्र है जो चिककत्सक द्वाया योगी के शयीय की आॊतरयक (रृदम, पेपड़ो एवॊ
आतों आहद की) ध्वतनमों को सन
ु ने के मरए प्रमोग ककमा जाता है। इस मॊत्र का आववष्काय वषय 1816 भें
फ्ाॊसीसी चिककत्सक ये ने रेनेक द्वाया ककमा गमा था।

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 किस्पग्भोभैनोभीटय अथवा यक्तर्ाऩ भाऩी- के द्वाया शयीय का यक्त दाफ भाऩा जाता है। इस मॊत्र का
आववष्काय वषय 1881 भें आॉस्रे मरमाई चिककत्सक सैभुअर मसगफ्ीड कारय फाॉन फैश द्वाया ककमा गमा।
 कैये ट भीटय- एक वैऻातनक मॊत्र है। स्जसभें ककयणों (X- Rays) का प्रमोग से सोना, िाॊदी, प्रेहटनभ,
ऩैरेडडमभ, योडडमभ तथा अन्म सम्फस्न्धत मभश्र धातुओॊ की गण
ु वत्ता एवॊ उनके धास्त्वक सॊघटन का ऩयीऺण
ककमा जाता है।
 रक्सभीटय- का प्रमोग ककसी ऺेत्र ववशेष भें ऩड़ने वारे प्रकाश द्वाया उत्ऩन्न िभक की तीव्रता भाऩने भें
ककमा जाता है।
 अभीटय- ककसी ववद्मुत ऩरयऩथ भें फहने वारी धाया को भाऩने के मरए ककमा जाता है। ववद्मुत धाया को
एस्म्ऩमय भें भाऩा जाता है।
 हाइग्रोभीटय- भौसभ ववऻान से सॊफॊचधत है स्जसके भाध्मभ से वामु भें आद्रय ता तथा जरवाष्ऩ की भात्रा भाऩी
जाती है।
 किस्प्रॊग तुरा- अथवा कभानीदाय तुरा एक प्रकाय का बायभाऩी है इसभें एक मसये ऩय स्स्प्रॊग रगी होती है।
औय वह मसया स्स्थय होता है। तथा दस
ू ये मसये ऩय एक हुक रगा होता है। इसी हुक से ककसी वस्तु को
रटका कय उसका बाय ऻात ककमा जाता है।
 फैयोभीटय- मॊत्र की सहामता से वुमभण्डरीम दाफ भाऩा जात है। वैऻातनको द्वाया भौसभ की बववष्मवाणी
कयने भें इस मॊत्र का प्रमोग ककमा जाता है।
 टै कोभीटय - वामुमान की गतत भाऩने का मॊत्र
 भैनोभीटय - गैसों का दाफ भाऩने का मॊत्र
 एक्मभ
ु र
ु े टय - ववद्मत
ु धाया की प्रफरता भाऩने का मॊत्र
 गैल्वेनोभीटय - ववद्मुत धाया की प्रफरता भाऩने का मॊत्र
 फोरोभीटय - ऊष्भीम ववककयण भाऩने का मॊत्र

53. तनम्नमरर्खत भे से ककसका उऩमोग ववस्पोटक के उत्ऩादन भें ककमा जाता है?
(A) स्ग्रसयॉर
(B) भैथेनॉर
(C) मूरयमा
(D) ऑक्जैमरक एमसड
उत्तय- A
व्माख्मा: स्ग्रसयॉर का व्माऩारयक नाभ स्ग्रसयीन है जो सान्द्र स्रफ्मरू यक अम्र की उऩस्स्थत भें सान्द्र नाइहरक
अम्र के साथ प्रततकक्रमा कय राइनाइरो स्ग्रसयीन (TNG) फनाता है।
 TNG एक शस्क्तशारी ववस्पोटक है। इसका उऩमोग डामनाभाइट फनाने भें ककमा जाता है।
 भानव गुदे भें कैस्ल्शमभ ऑक्जैरैट के कायण ऩथयी की फीभायी होती है।
 ऩहरा ऐसा काफयतनक मौचगक है स्जसे प्रमोगशारा भें सॊश्रेवषत ककमा गमा।
 मरू यमा भें 46% नाइरोजन की भात्रा ऩामी जाती है।

54. उस वैऻातनक का नाभ फताइमे स्जसने मह खोज की थी कक भरेरयमा-प्राज्भोडडमभ नाभक ऩयजीवी से होता
है?
(A) जे.जी. भें डर
(B) हे कर
(C) सय योनाल्ड यॉस

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(D) डॉववयन
उत्तय- C
व्माख्मा: सय योनाल्ड यॉस एक ब्रिहटश वैऻातनक थे स्जन्हें चिककत्सा तथा भरेरयमा के ऩयजीवी प्राज्भोडडमभ के
जीवन िक्र के अन्वेषण के मरमे 1902 भें नोफेर ऩयु स्काय प्राप्त हुआ था।
 ग्रेगय जॉन भें डर को ‘आधुतनक आनुवाॊमशकी के जनक’ के रूऩ भें जाना जाता है।
जैववक ववऻान भें आववष्काय औय खोज इस प्रकाय हैं:
 ववटामभन -हॉऩककॊ स
 एॊटीजन-रैंडस्टीनय
 डीएनए-वाटसन औय कक्रक
 होम्मोऩैथी-सैभुअर हैतनभैन
 इॊसुमरन-फैहटॊग औय वेस्ट
 ऩोमरमो वेक्सीन इॊजेक्शन - जे ई सॉल्क
 टीफी फैक्टीरयमा- यॉफटय कॉि
 फीसीजी टीका- कॉरभेट औय गए
ु रयन
 ऩेतनमसमरन-ए फ्रेमभॊग
 रृदम प्रत्मायोऩण-कक्रस्स्टमान फनायड य
 आनुवॊमशक कोड- हयगोववन्द खुयाना
 यक्त ऩरयसॊियण तॊत्र - ववमरमभ हावे
 कुष्ठ योग के जीवाणु- हैनसन
 टीकाकयण-एडवडय जेनय
 ऩोमरमो रॉऩ-अल्फटय साब्रफन
 आयएि पैक्टय, यक्त प्रततस्थाऩन- रैंडस्टीनय
 यक्त सभूह (ए, फी औय ओ)-कारय रैंड स्टे नय
 कोमशका-यॉफटय हुक
 कोमशका मसद्धान्त- श्राइडेन एवॊ श्वान
 कीभोथेयेऩी-ऩॉर एमरयि
 क्रोयोपॉभय-जेम्स मसम्ऩसन

55. कौन सा हाभोन अग्न्माशम (Pancreas) को ऩािक यस के उत्ऩादन के मरए उत्तेस्जत कयता है?
(A) हरस्प्सन
(B) सेकक्रहटन
(C) ये तनन
(D) ऩेस्प्सन
उत्तय- B
व्माख्मा: सेकक्रहटन नाभक हाभोन ग्रहणी (duodenum) द्वाया स्त्राववत होत है, जो मकृत तथा अग्न्माशम
(Pancreas) को ऩािक यसों के उत्ऩादन के मरए उत्तेस्जत कयता है।
अग्न्माशमी यस के एॊजाइभ
(1) प्रोटीन को ऐमभनों अम्रों भें तोड़ दे ने वारा एॊजाइभ हरस्प्सन (Trypsin) कहराता है।
(2) ऐभाइरेज (amylase) की कक्रमा काफोहाइरेट ऩय होती है। स्टािय तथा गन्ने की शकययाएॉ भाल्टोज भें फदर जाती
हैं जो आगे िरकय ग्रूकोज का रूऩ रे रेती हैं।

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(3) राइऩेज (lipase) की कक्रमा से वसा वसा अम्र (fatty acids) औय स्ग्रसरयन भें ववबॊस्जत हो जाती है।
(4) कुछ ये तनन बी होता है , जो दध
ू को पाड़ता है।

56. सि
ू ी-I को सि
ू ी-II से सभ
ु ेमरत कये ।
सूिी-I सूिी-II
(A) रैक्टोज 1. दग्ु ध प्रोटीन को ऩिाने वारा एॊजाइभ
(B) रैक्टोफैमसरस 2 दध
ू का सपेद यॊ ग
(C) ये तनन 3. दध
ू का भीठाऩन
(D) कैसीन 4. दध
ू का दही भें ऩरयवतयन
कूट
(A) A1 B2 C3 D4
(B) A3 B2 C1 D4
(C) A4 B1 C2 D3
(D) A3 B4 C1 D2
उत्तय- D
व्माख्मा: रैक्टोज दध
ू का भीठाऩन
रैक्टोफैमसरस दध
ू का दही भें ऩरयवतयन
ये तनन दग्ु ध प्रोटीन को ऩिाने वारा एॊजाइभ
कैसीन दध
ू का सपेद यॊ ग

57. गेहूॉ भें कौन-सा ववटामभन ऩामा जाता है?


(A) ववटामभन B1
(B) ववटामभन B2
(C) ववटामभन B6
(D) उऩमक्
ुय त सबी
उत्तय- D
व्माख्मा: गेहूॉ भें ववटामभन B1 B2 B6 तथा ववटामभन E ऩामे जाते हैं। वसा भें घुरनशीर इन ववटामभनों का वऩसाई
के सभम ह्रास हो जाता है।
 गेहूॉ भें ग्रहू टन नाभक प्रोटीन अचधक भात्रा भें ऩामा जाता है।
 गेहूॉ भें साभान्मता 8-15% प्रोटीन, 65-70% काफोहाइरेट्स, 1.5% वसा तथा 2.0% खतनज ऩामा जाता है।

58. अॊगूय भें प्रिुय भात्रा भें ऩामा जाने वारा आगेतनक अम्र है?
(A) एमसहटक अम्र
(B) साइहरक अम्र
(C) भैमरक अम्र
(D) टाटय रयक अम्र
उत्तय- D
व्माख्मा: टाटय रयक अम्र अॊगूय तथा इभरी भें ऩामा जाता है। इसका उऩमोग फेककॊ ग ऩाउडय फनाने भें होता है।
 एमसहटक अम्र मसयके तथा अनेक परों के यसों भें भक्
ु त अवस्था भें ऩामा जाता है। सेरर
ु ोज एसीटे ट के
रूऩ भें मह ये मान तथा पोटोग्राकपक कपल्भ फनाने भें प्रमुक्त होता है।

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 भैमरक अम्र का तनभायण सबी जीवों द्वाया होता है। मह प्रभुखत् सेफ भें ऩामा जाता है।
 साइहरक अम्र साइरस अथायत ् खट्टे परों भें ऩामा जाता है।
 घास के ऩत्ते भें ‘फेंजोइक अम्र’ ऩामा जाता है।

59. प्रास्ज्भड (Plasmid) होते हैं?


(A) जीवाणु के आनुवाॊमशक ऩदाथय जो क्रोभोसोभ से फाहय होते हैं।
(B) जीवाणु की आनुवाॊमशक इकाई।
(C) जीवाणु से सम्फस्न्धत एक योग।
(D) जीवाणओ
ु ॊ से प्राप्त प्रततजैववक
उत्तय- A
व्माख्मा: जीवाणुओॊ भें प्राम् गुणसूत्र से अरग कुछ आनुवॊमशकीम ऩदाथय होते हैं स्जन्हें ‘प्रास्ज्भड’ कहते हैं। मे छोटे ,
गोर, द्ववसूत्रीम डीएनए हैं जो भुख्म डीएनए से अरग यहते हैं तथा इनका द्ववगुणन बी स्वतॊत्र रूऩ से ही होता है।
जीवाणु इनकी अनुऩस्स्थतत भें बी यह सकता। प्रास्ज्भड भें कोशा के कुर डीएनए का 0.5-2% बाग उऩस्स्थत होता
है।
 pBR322 एक प्रास्ज्भड है औय ऩहरी फाय व्माऩक रूऩ से इस्तेभार कोराई क्रोतनॊग वैक्टय भें से एक
था।
 प्रास्स्भड (plasmid) ककसी कोमशका भें एक छोटा डी॰ऍन॰ए॰ अणु होता है जो गुणसूत्रों (क्रोभोसोभ) के
डी॰ऍन॰ए॰ से अरग हो औय स्वतॊत्रता से अऩने प्रततरूऩ (अऩने-आऩ की दोहयी प्रतत) फना सके। मह
अचधकतय फैक्टीरयमा भें छोटे गोराकाय दो-यज्जुओॊ वारे डी॰ऍन॰ए॰ अणओ
ु ॊ के रूऩ भें मभरते हैं, हाराॊकक
इन्हें कबी-कबी आककयमा औय मुकेरयमोट जीवों भें बी ऩामा जाता है।
 जहाॉ गुणसूत्रों का डी॰ऍन॰ए॰ जीव को साधायण ऩरयस्स्थततमों भें जीने के मरए आनुवाॊमशक सूिना दे ता है ,
वहाॉ प्रास्स्भड डी॰ऍन॰ए॰ असाधायण ऩरयस्स्थततमों भें जीव को राब ऩहुॉिा सकता है। उदाहयण के मरए कई
फैक्टीरयमा प्रततजैववक प्रततयोध (antibiotic resistance) उत्ऩन्न कयने के मरए प्रास्स्भडों का प्रमोग कयते
हैं।
 प्रास्स्भड को ये प्रीकोन (replicon) की श्रेणी भें डारा जा सकता है , जो डी॰ऍन॰ए॰ मा आय॰ऍन॰ए॰ के ऐसे
अणु मा अणुओॊ के अॊश होते हैं जो अऩने -आऩ की नकर कय के औय प्रततमाॉ फना सकें। प्रास्स्भड की
तयह, वामयस (ववषाणु) बी ये प्रीकोन की श्रेणी भें आते हैं। हाराॊकक इन दोनों भें प्रजनन से मभरती-जुरती
ऺभता होती है, अचधकाॊश जीववैऻातनक इन्हें जीव की श्रेणी भें नहीॊ डारते।

60. WHO द्वाया जायी की गई डामये क्टरी ऑब्जव्डय रीटभें ण्ट शॉटय -कोसय (DOTS) नाभक स्कीभ का अचधदे श,
तनम्नमरर्खत भें से क्मा सतु नस्श्ित कयने के मरए है?
(A) चिककत्सक अल्ऩावचध के मरए औषचध प्रदान कय योचगमों का उऩिाय कयें ।
(B) चिककत्सक अमबप्रमोग ककए ब्रफना उऩिाय प्रायम्ब नहीॊ कये
(C) योगी अऩनी दवा के कारक्रभ (कोसय) को ऩयू ा कयें
(D) योगी स्वेच्छा से दवा रें
उत्तय- C
व्माख्मा: DOTS तऩेहदक (TB) के चिककत्सा भें प्रमोग ककमा जाता है। इसके अॉतगयत योगी को अऩनी दवा का कोसय
तनधायरयत सभम ऩय ऩूया कयना होता है।
 इस स्कीभ योगी को एक हदन छोड़कय सप्ताह भें तीन हदन DOTS कामयकताय के द्वाया दवा का सेवन

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कयामा जाता है। अत् इससे सुतनस्श्ित ककमा जाता है कक कोसय तनममभत सभम भें ऩूया हो एवॊ TB के
दोफाया होने के खतये को टारा जा सके।
 तऩेहदक (ट्मूफयक्मुरोमसस, ऺम योग मा टीफी) फैक्टीरयमा के कायण होने वारी सॊक्राभक फीभायी है। इसका
वैऻातनक नाभ ―भाइकोफैक्टे रयमभ ट्य़फ
ू यक्मर
ु ोमसस‖ है।
 टीफी की फीभायी ज्मादातय पेपड़े को प्रबाववत कयती है। रेककन मह मसपय पेपडे की फीभायी नहीॊ है। शयीय
के ककसी बी अॊग ऩय तऩेहदक का दष्ु प्रबाव हो सकता है। एब्डॉभन, ककडनी, स्ऩाइन, िेन मा शयीय के
ककसी बी अॊग की हडडी भें तऩेहदक का प्रकोऩ हो सकता है। आजकर शयीय भे ऩौस्ष्टक खाने की कभी,
जॊकपूड के इस्तेभार, भीजल्स मा न्मूभोतनमा के ब्रफगडने औय एिआईवी ऩॉस्जहटव होने से बी तऩेहदक का
इन्पेक्शन होता है।
 टीफी के इराज के मरए बायत सयकाय ने जगह-जगह डॉट्स के केंद्र खोरे हैं जहाॊ ऩय इसके भयीजों का
इराज हो सकता है।

61. सूिी. I को सूिी. II से सभ


ु ेमरत कीस्जए तथा सुचिमों के नीिे हदए गए कूट से सही उत्तय का िमन कीस्जए।
सि
ू ी. I सि
ू ी. II
ग्रकिन्थ हॉभोन
(A) अग्न्माशम 1. काहटय सॉर
(B) ऩीमूष ग्रस्न्थ 2. ववटामभन - D
(C) अचधवक्
ृ क 3. अवटुग्रस्न्थ उत्तेजक हॉभोन (TSH)
(D) वक्
ृ क 4. ग्रक
ू ै गॉन
कूट्
(A) A-4 B-3 C-1 D-2
(B) A-4 B-1 C-3 D-2
(C) A-2 B-1 C-3 D-4
(D) A-2 B-3 C-1 D-4
उत्तय- A
व्माख्मा: उचित मभरान इस प्रकाय है।
 अग्न्माशम (ऩैंकक्रमास) ग्रूकैगॉन
 ऩीमूष ग्रस्न्थ अवटुग्रस्न्थ उत्तेजक हॉभोन (thyroid stimulating
hormone)
 अचधवक्
ृ क (अरेअनर) काहटय सॉर
 वक्
ृ क (ककडनी) ववटामभन - D

62. सूिी 1 औय सूिी 2 को सही सुभेमरत कीस्जमे-


सि
ू ी – 1 सि
ू ी – 2
(A) मसडेयाइट 1- रोहा
(B) गैरेना 2- सीसा
(C) वऩग्भाटाइट 3- हटन
(D) कैमसटे याइट 4- अरष्क
कूट-
(A) A-3 B-2 C-4 D-1

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(B) A-1 B-2 C-4 D-3
(C) A-4 B-3 C-1 D-2
(D) A-3 B-2 C-1 D-4
उत्तय- (B)
व्माख्मा- (A) मसडेयाइट 1- रोहा
(B) गैरेना 2- सीसा
(C) वऩग्भाटाइट 4- अरष्क
(D) कैमसटे याइट 3- हटन

भहत्वऩूणच धातु एवॊ उनके अमस्कों की सूर्ी


धातु अमस्क यासामननक सूत्र
सोडडमभ (Na) चिरी साल्टऩीटय NaNO3
रोना Na2CO3.2NaHCO3.3H2O
फोये क्स (सुहागा) Na2B4O7.10H2O
साधायण नभक NaCl
एरुमभतनमभ (Al) फॉक्साइट Al2O3.2H2O
कोयॊ डभ Al2O3
पेल्सऩाय KAlSi3O8
क्रामोराइट Na3AlF6
एरन
ु ाइट K2SO4.Al2(SO4)3.4Al(OH)3
कमोमरन 3Al2O3.6SiO2.2H2O
ऩोटै मशमभ (K) नाइरे ट (साल्टऩीटय) KNO3
कानेराइट KCl.MgCl2.6H2O
भैग्नीमशमभ (Mg) भैग्नेसाइट MgCO3
डोरोभाइट MgCO3.CaCO3
एप्सभ साल्ट MgSO4.7H2O
ककसेयाइट MgSO4.H2O
कानेराइट KCl.MgCl2.6H2O
कैस्ल्समभ (Ca) डोरोभाइट CaCO3.MgCO3
कैरसाइट CaCO3
स्जप्सभ CaSO4.2H2O
फ्रुओयस्ऩाय CaF2
एस्फेस्टस CaSiO3.MgSiO3
स्रोस्न्शमभ (Sr) ॊ
स्रॉस्न्शएनाइट SrCO3
मसरेस्टीन SrSO4
कॉऩय (Cu) क्मूप्राइट Cu2O
कॉऩय ग्रान्स Cu2S
कॉऩय ऩाइयाइट CuFeS2

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मसल्वय (Ag) रूफी मसल्वय 3Ag2S.Sb2S3
हॉनय मसल्वय AgCl
सोना (Au) कैल्वेयाइट AuTe2
मसल्वेनाइट [(Ag.Au)Te2]
फेरयमभ (Ba) फयीटस BaSO4
स्जॊक (Zn) स्जॊक ब्रें ड ZnS
स्जनसाइट ZnO
कैरेभाइन ZnCO3
भयकयी (Hg) मसनेफाय HgS
हटन (Sn) कैमसटे याइट SnO2
सीसा (Pb) गैरेना PbS
एन्टीभनी (Sb) स्टीफेनाइट Sb2S3
कैडमभमभ (Cd) ग्रीनोसाइट CdS
ब्रफस्भथ (Bi) ब्रफस्भथाइट Bi2S3
रोहा (Fe) हे भाटाइट Fe2O3
रीभोनाइट 2Fe2O3.3H2O
भैग्नेटाइट Fe3O4
मसडेयाइट FeCO3
आमयन ऩाइयाइट FeS2
कॉऩय ऩाइयाइट CuFeS2
कोफाल्ट (Co) स्भेराइट CoAsS2
तनकेर (Ni) मभरेयाइट NiS
भैगनीज (Mn) ऩाइयोरुसाइट MnO2
भैग्नाइट Mn2O3.2H2O
मयू े तनमभ (U) कानेसाइट K(UO)2.VO4.3H2O
वऩॊि ब्रें ड U3O8

63. तनम्नमरर्खत धातु मुग्भों भें से ककस एक भें क्रभश् सफसे हल्की धातु तथा सफसे बायी धातु है?
(A) एल्ममु भतनमभ एवॊ ऩाया
(B) रीचथमभ एवॊ ऩाया
(C) रीचथमभ एवॊ ऑस्स्भमभ
(D) ऑस्स्भमभ एवॊ एल्मुमभतनमभ
उत्तय- C
व्माख्मा: सफसे हल्की धातु रीचथमभ एवॊ सफसे बायी धातु ऑस्स्भमभ है।
 अबी तक कुर ऻात तत्वों की सॊख्मा 118 है तथा प्रकृतत भें प्राप्त तत्व 98 हैं।
 इॊटयनेश्नर मूतनमन ऑप प्मोय एॊड एप्राइड कैमभस्री (IUPAC) नाभक सॊस्थान ने वऩछरे सार हदसम्फय
भें 4 नए तत्वों को आवतय सायणी भें शामभर कयने के प्रस्ताव को सावयजतनक सभीऺा के मरए ऩेश ककमा
था| इन िायों तत्वों का नमा नाभ तनहोतनमभ, भॉस्कोववमभ, टे नेसाइन औय ओगेनेशन है तथा आवतय

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सायणी भें इन तत्वों की ऩयभाणु सॊख्मा क्रभश: 113, 115, 117 औय 118 है|
 ववद्मुत की सफसे अच्छी सुिारक धातु िाॊदी जफकक सुिारक अधातु ग्रेपाइट है।
सॊक्षऺ्त तथ्म:
 वतयभान भें कुर ऻात तत्व- 118
 प्रकृतत भें प्राप्त तत्व- 98
 कृब्रत्रभ तयीके से तनमभयत तत्व- 20
 धातु की सॊख्मा- 91
 अधातु की सॊख्मा- 27
 सफसे हल्का तत्व हाइरोजन
 सफसे हल्का धातु तत्व मरचथमभ
 द्रव धातु तत्व ऩाया
 द्रव अधातु तत्व िोभीन
 ववद्मुत का सफसे अच्छा सुिारक तत्व िाॊदी
 ववद्मत
ु का सि
ु ारक अधातु ग्रेपाइट
 सफसे अचधक आघातवधयनीम तत्व सोना
 सफसे अचधक कक्रमाशीर धातु तत्व फ्रोयीन
 सफसे अचधक कक्रमाशीर धातु तत्व सीस्जमभ
 सफसे अचधक सभस्थातनक वारा तत्व ऩोरेतनमभ
 सफसे बायी तत्व ऑस्स्भमभ
 ऩ्
ृ वी ऩय सफसे अचधक भात्रा भें ऩाए जाने वारा तत्व ऑक्सीजन
 ऩ्
ृ वी ऩय सफसे अचधक भात्रा भें ऩामा जाने वारा धातु तत्व एरुमभतनमभ
 सफसे अचधक आघातवधयनीम तत्व सोना
 सफसे अचधक कक्रमाशीर धातु तत्व क्रोयीन
 सफसे अचधक कक्रमाशीर धातु तत्व सीस्जमभ.
 सवायचधक आमनन ववबव वारा तत्व हीमरमभ
 न्मूनतभ आमन ववबव वारा तत्व सीस्जमभ
 भानव शयीय भें सवायचधक भात्रा भें ऩाए जाने वारा तत्व ऑक्सीजन
 मभट्टी के तेर भें यखे जाने वारा तत्व सोडडमभ सवायचधक ववद्मुत धनात्भक एवॊ सवायचधक प्रफर
ऑक्सीकायक तत्व क्रोयीन
 सवायचधक गैसीम तत्वों वारा आवतय सायणी का वगय शन्
ू म वगय
 अम्रयाज भें 3 बाग साॊद्र हाइरोक्रोरयक अम्र (HCl) एवॊ एक बाग साॊद्र नाइहरक अम्र (HNO3) होता
है।
 अतत भुरामभ खतनज डार सुऩय स्टोन भख्
ु मता भैग्नीमशमभ मसमरकेट है।
 प्रास्टय ऑप ऩेरयस (CaSO4.½H2O) कैस्ल्शमभ सल्पेट है।
 भोनाजाइट थोरयमभ का अमस्क है।
 भाइका उष्भा का िारक है तथा ववद्मुत का कुिारक है।
 वऩॊि ब्रैंड से मूयेतनमभ प्राप्त ककमा जाता है।
 फॉक्साइट एल्भुतनमभ का अमस्क है
 सफसे हल्का तत्व हाइरोजन।
 सफसे हल्का धातु तत्व मरचथमभ।

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 द्रव धातु तत्व ऩाया।
 द्रव अधातु तत्व िोभीन।
 ववद्मुत का सफसे अच्छा सुिारक तत्व िाॊदी।
 ववद्मत
ु का सि
ु ारक अधातु ग्रेपाइट।
 सफसे अचधक आघातवधयनीम तत्व सोना।
 सफसे अचधक कक्रमाशीर धातु तत्व फ्रोयीन।
 सफसे अचधक कक्रमाशीर धातु तत्व सीस्जमभ
 सफसे अचधक सभस्थातनक वारा तत्व ऩोरेतनमभ ।
 सफसे बायी तत्व ऑस्स्भमभ।
 ऩ्
ृ वी ऩय सफसे अचधक भात्रा भें ऩाए जाने वारा तत्व ऑक्सीजन
 ऩ्
ृ वी ऩय सफसे अचधक भात्रा भें ऩामा जाने वारा धातु तत्व एरुमभतनमभ
 सफसे अचधक आघातवधयनीम तत्व सोना
 सफसे अचधक कक्रमाशीर धातु तत्व क्रोयीन
 सफसे अचधक कक्रमाशीर धातु तत्व सीस्जमभ.
 सवायचधक आमनन ववबव वारा तत्व हीमरमभ
 न्मूनतभ आमन ववबव वारा तत्व सीस्जमभ
 भानव शयीय भें सवायचधक भात्रा भें ऩाए जाने वारा तत्व ऑक्सीजन
 मभट्टी के तेर भें यखे जाने वारा तत्व सोडडमभ सवायचधक ववद्मुत धनात्भक एवॊ सवायचधक प्रफर
ऑक्सीकायक तत्व क्रोयीन
 सवायचधक गैसीम तत्वों वारा आवतय सायणी का वगय शन्
ू म वगय
 अम्रयाज भें 3 बाग साॊद्र हाइरोक्रोरयक अम्र (HCl) एवॊ एक बाग साॊद्र नाइहरक अम्र (HNO3) होता
है।
 अतत भुरामभ खतनज डार सुऩय स्टोन भख्
ु मता भैग्नीमशमभ मसमरकेट है।
 प्रास्टय ऑप ऩेरयस (CaSO4.½H2O) कैस्ल्शमभ सल्पेट है।
 भोनाजाइट थोरयमभ का अमस्क है।
 भाइका उष्भा का िारक है तथा ववद्मुत का कुिारक है।
 वऩॊि ब्रैंड से मूयेतनमभ प्राप्त ककमा जाता है।
 फॉक्साइट एल्भुतनमभ का अमस्क है
 घनत्व के अवयोही क्रभ अनस
ु ाय सोना–ऩाया- इस्ऩात सही क्रभ है।
 सोडडमभ धातु का सॊिमन केयोमसन भें ककमा जाता है क्मोंकक हवा भें खुरा यखने ऩय मा ऑक्सीजन के
साथ कक्रमा कयके ऑक्साइड फनाता है।
 सोडडमभ वाष्ऩ रैंऩ प्राम: सड़क प्रकाश के मरए प्रमुक्त होते हैं क्मोंकक इनका प्रकाश एकवणीम है औय
ऩानी की फूॊदों से गुजयने ऩय ववबक्त नहीॊ होता।
 प्रततदीस्प्त नमरका भें ऩाया वाष्ऩ तथा आगयन बयी जाती है।
 सोने को अम्रयाज (Aquaregia) भें घोरा जा सकता है। स्जसभें सोना घर
ु कय क्रोयोआरयक अम्र
(HAuCl4) फनाता है।
 ऩयभाणु की प्रबावी ब्रत्रज्मा 10-6 m होती है।
 आठवीॊ कऺा का अमबन्मास िुॊफकीम क्वाॊटभ सॊख्मा द्वाया तनमॊब्रत्रत होता है िुॊफकीम क्वाॊटभ सॊख्मा का
सॊफॊध िक्रण से होता है।
 ककसी तत्व के यासामतनक गुण इरेक्रॉनों की सॊख्मा द्वाया तम होता है।

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 सवायचधक इरेक्रॉन प्रास्प्त वारा तत्व क्रोयीन है।
 सवायचधक ववद्मुत ऋणत्भकत एवॊ सफसे प्रफर ऑक्सीकायक तत्व फ्रोयीन।
 साभान्म भानव शयीय भें प्रभुख तत्वों की औसत भात्राएॊ ऑक्सीजन 65%, काफयन 18 %, हाइरोजन 10%,
नाइरोजन 3%, कैस्ल्शमभ 2%, पास्पोयस 1%, ऩोटे मशमभ 0.35%।
 ऐसे तत्व स्जनभें धातु औय अधातु दोनों के गुण ऩाए जाते हैं उऩधातु कहराते हैं उदाहयण आयसेतनक एॊटी
भनी ब्रफस्भथ।
 रेड धातु होते हुए बी ववद्मुत का कुिारक है।
 ग्रेपाइट एवॊ आमोडीन भें आधातु होते हुए बी धातु की िभक ऩाई जाती है।
 हीया भें काफयन, सॊगभयभय भें कैस्ल्शमभ, ये त भें मसमरकॉन एवॊ भार्णक भें अल्भतु नमभ तत्व ऩामा जाता है।
 जर प्रकृतत की तीनों अवस्थाओॊ ठोस द्रव एवॊ गैस तीनों रूऩ भें ऩामा जाता है।
 वामु ववमबन्न गैसों का मभश्रण है वामु न तो तत्व है औय ना ही मौचगक ऩदाथय।
 प्राज्भा को ऩदाथय की िौथी अवस्था कहते हैं।
 ववश्व का प्रत्मेक ऩदाथय अत्मॊत सूक्ष्भ कणों से मभरकय फना होता है मह सवयप्रथभ कणाद ऋवष ने कहा
था।
 ऩाउरी के तनमभ के अनुसाय एक ऩयभाणु भें दो इरेक्रॉनों की िायो क्वाॊटभ सॊख्माएॊ आऩस भें सभान नहीॊ
हो सकती।
 ऩयभाणु सॊयिना का भॉडर फोय एवॊ यदयपोडय ने ववकमसत ककमा था।
 2, 8, 18, 2 इरेक्रॉतनक सॊरूऩण धातु तत्वों के मरए होता है।
 18, इरेक्रॉन वह अचधकतभ सॊख्मा है जो M सेर भें यह सकती है।
 ककसी तत्व के यासामतनक गुण उसकी ऩयभाणु सॊख्मा ऩय तनबयय होते हैं।
 भेसान वह भर
ू कण है जो न्मूस्क्रमान को फाॊधे यखता है।
 हाइजेनफगय के अतनस्श्ितता मसद्धाॊत के अनुसाय ―इरेक्रॉन जैसे छोटे कणों की स्स्थतत का वेग का मुगऩत
तनधायरयत नहीॊ ककमा जा सकता। महद ककसी कऺा की सॊख्मा n हो तो ककसी कऺा भें अचधकतभ इरेक्रॉन
की सॊख्मा 2n2 होगी।
 हुॊड के तनमभ के अनुसाय इरेक्रॉन तफ तक मुस्ग्भत नहीॊ होते जफ तक उनके मरए प्राप्त रयक्त कऺक
सभाप्त ना हो जाए।
 सोडडमभ का ऩयभाणु क्रभाॊक 11 तथा ऩयभाणु बाय 23 है तो इसभें इरेक्रॉन न्मूरॉन एवॊ प्रोटॉन की सॊख्मा
11, 12 एवॊ 11 होगी।
 बऩ
ू ऩयटी ऩय ऩाए जाने वारे प्रभख
ु तत्व एवॊ उनका प्रततशत: ऑक्सीजन 49.9%, मसमरकॉन
26%,एरुमभतनमभ 7.3%, रोहा 4.1%, कैस्ल्शमभ 3.9%, सोडडमभ 2.3%, ऩोटे मशमभ 2.3%, भैग्नीमशमभ
2.1%,एवॊ अन्म 2.8%।
 मसमरकॉन की खोज 1824 भें जे जे फजीमरमस द्वाया की गई थी मसमरकॉन चिऩ का उऩमोग कॊप्मट
ू यों,
भोफाइर एवॊ अन्म इरेक्रॉतनक उऩकयणों भें सेभीकॊडक्टय के रूऩ भें होता है।
 ववश्व भें सवायचधक ऩामा जाने वारा तत्व हाइरोजन है सबी प्राकृततक वस्तओ
ु ॊ भें सवायचधक कठोय तत्व
(अधातु) हीया है।
 प्रैहटनभ सफसे कठोय धातु है।
 सफसे बायी प्राकृततक तत्व मूयेतनमभ है स्जसका ऩयभाणु बाय 238.03 तथा घनत्व 19.05 ग्राभ प्रतत घन
सेंटीभीटय होता है।
 भोती भें 85% कैस्ल्शमभ काफोनेट ( एयागोंनाइट), 2 से 4% जर तथा 0 से 10% काॊचिमोमरन (एक
प्रकाय का प्रोटीन) ऩामा जाता है।

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 भार्णक्म औय नीरभ यासामतनक रूऩ से एल्भुतनमभ अमस्क होते हैं।
 घनत्व के अवयोही क्रभ अनुसाय सोना–ऩाया- इस्ऩात सही क्रभ है।
 सोडडमभ धातु का सॊिमन केयोमसन भें ककमा जाता है क्मोंकक हवा भें खुरा यखने ऩय मा ऑक्सीजन के
साथ कक्रमा कयके ऑक्साइड फनाता है।
 सोडडमभ वाष्ऩ रैंऩ प्राम: सड़क प्रकाश के मरए प्रमुक्त होते हैं क्मोंकक इनका प्रकाश एकवणीम है औय
ऩानी की फूॊदों से गुजयने ऩय ववबक्त नहीॊ होता।
 प्रततदीस्प्त नमरका भें ऩाया वाष्ऩ तथा आगयन बयी जाती है।
 सोने को अम्रयाज (Aquaregia) भें घोरा जा सकता है। स्जसभें सोना घर
ु कय क्रोयोआरयक अम्र
(HAuCl4) फनाता है।
 ऩयभाणु की प्रबावी ब्रत्रज्मा 10-6 m होती है।
 आठवीॊ कऺा का अमबन्मास िुॊफकीम क्वाॊटभ सॊख्मा द्वाया तनमॊब्रत्रत होता है िुॊफकीम क्वाॊटभ सॊख्मा का
सॊफॊध िक्रण से होता है।
 ककसी तत्व के यासामतनक गुण इरेक्रॉनों की सॊख्मा द्वाया तम होता है।
 सवायचधक इरेक्रॉन प्रास्प्त वारा तत्व क्रोयीन है।
 सवायचधक ववद्मुत ऋणत्भकत एवॊ सफसे प्रफर ऑक्सीकायक तत्व फ्रोयीन।
 साभान्म भानव शयीय भें प्रभुख तत्वों की औसत भात्राएॊ ऑक्सीजन 65%, काफयन 18 %, हाइरोजन 10%,
नाइरोजन 3%, कैस्ल्शमभ 2%, पास्पोयस 1%, ऩोटे मशमभ 0.35%।
 ऐसे तत्व स्जनभें धातु औय अधातु दोनों के गुण ऩाए जाते हैं उऩधातु कहराते हैं उदाहयण आयसेतनक एॊटी
भनी ब्रफस्भथ।
 रेड धातु होते हुए बी ववद्मुत का कुिारक है।
 ग्रेपाइट एवॊ आमोडीन भें आधातु होते हुए बी धातु की िभक ऩाई जाती है।
 हीया भें काफयन, सॊगभयभय भें कैस्ल्शमभ, ये त भें मसमरकॉन एवॊ भार्णक भें अल्भुतनमभ तत्व ऩामा जाता है।
 जर प्रकृतत की तीनों अवस्थाओॊ ठोस द्रव एवॊ गैस तीनों रूऩ भें ऩामा जाता है।
 वामु ववमबन्न गैसों का मभश्रण है वामु न तो तत्व है औय ना ही मौचगक ऩदाथय।
 प्राज्भा को ऩदाथय की िौथी अवस्था कहते हैं।
 ववश्व का प्रत्मेक ऩदाथय अत्मॊत सूक्ष्भ कणों से मभरकय फना होता है मह सवयप्रथभ कणाद ऋवष ने कहा
था।
 ऩाउरी के तनमभ के अनुसाय एक ऩयभाणु भें दो इरेक्रॉनों की िायो क्वाॊटभ सॊख्माएॊ आऩस भें सभान नहीॊ
हो सकती।
 ऩयभाणु सॊयिना का भॉडर फोय एवॊ यदयपोडय ने ववकमसत ककमा था।
 2, 8, 18, 2 इरेक्रॉतनक सॊरूऩण धातु तत्वों के मरए होता है।
 18, इरेक्रॉन वह अचधकतभ सॊख्मा है जो M सेर भें यह सकती है।
 ककसी तत्व के यासामतनक गुण उसकी ऩयभाणु सॊख्मा ऩय तनबयय होते हैं।
 भेसान वह भर
ू कण है जो न्मस्ू क्रमान को फाॊधे यखता है।
 हाइजेनफगय के अतनस्श्ितता मसद्धाॊत के अनुसाय ―इरेक्रॉन जैसे छोटे कणों की स्स्थतत का वेग का मुगऩत
तनधायरयत नहीॊ ककमा जा सकता। महद ककसी कऺा की सॊख्मा n हो तो ककसी कऺा भें अचधकतभ इरेक्रॉन
की सॊख्मा 2n2 होगी।
 हुॊड के तनमभ के अनुसाय इरेक्रॉन तफ तक मुस्ग्भत नहीॊ होते जफ तक उनके मरए प्राप्त रयक्त कऺक
सभाप्त ना हो जाए।

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 सोडडमभ का ऩयभाणु क्रभाॊक 11 तथा ऩयभाणु बाय 23 है तो इसभें इरेक्रॉन न्मूरॉन एवॊ प्रोटॉन की सॊख्मा
11, 12 एवॊ 11 होगी।
 बूऩऩयटी ऩय ऩाए जाने वारे प्रभख
ु तत्व एवॊ उनका प्रततशत: ऑक्सीजन 49.9%, मसमरकॉन
26%,एरमु भतनमभ 7.3%, रोहा 4.1%, कैस्ल्शमभ 3.9%, सोडडमभ 2.3%, ऩोटे मशमभ 2.3%, भैग्नीमशमभ
2.1%,एवॊ अन्म 2.8%।
 मसमरकॉन की खोज 1824 भें जे जे फजीमरमस द्वाया की गई थी मसमरकॉन चिऩ का उऩमोग कॊप्मट
ू यों,
भोफाइर एवॊ अन्म इरेक्रॉतनक उऩकयणों भें सेभीकॊडक्टय के रूऩ भें होता है।
 ववश्व भें सवायचधक ऩामा जाने वारा तत्व हाइरोजन है सबी प्राकृततक वस्तुओॊ भें सवायचधक कठोय तत्व
(अधात)ु हीया है।
 प्रैहटनभ सफसे कठोय धातु है।
 सफसे बायी प्राकृततक तत्व मूयेतनमभ है स्जसका ऩयभाणु बाय 238.03 तथा घनत्व 19.05 ग्राभ प्रतत घन
सेंटीभीटय होता है।
 भोती भें 85% कैस्ल्शमभ काफोनेट ( एयागोंनाइट), 2 से 4% जर तथा 0 से 10% काॊचिमोमरन (एक
प्रकाय का प्रोटीन) ऩामा जाता है।
 भार्णक्म औय नीरभ यासामतनक रूऩ से एल्भुतनमभ अमस्क होते हैं।

64. हीभोपीमरमा योग साभान्मत् ऩामा जाता है?


(A) भहहराओॊ भें
(B) ऩरु
ु षों भें
(C) वद्
ृ धों भें
(D) फच्िों भें
उत्तय- B
व्माख्मा: मह योग प्राम् ऩुरुषों भें ऩामा जाता है। मह एक मरॊग-सहरग्न योग होता है स्जसभें िोट रगने ऩय यक्त
का थक्का नहीॊ जभता औय रुचधय फयाफय फहता यहता है, इसमरमे इसे ‘यक्त स्रावण योग’ बी कहते हें । मह योग
प्राम् ऩुरुषों भें ऩामा जाता है। ऩुरुषों को इसका जीन भाता से प्राप्त होता है। जो प्राम् योग की वाहक होती हैं।

65. सॊतये के तछरके को तनिोड़ने ऩय तनकरने वारे ज्वरनशीर यस भें भौजूद यासामतनक तत्व है?
(A) ककये हटन
(B) मरभोतनन
(C) एफमसमसक अम्र
(D) साइकोकाइतनन
उत्तय- B
व्माख्मा: ‘मरभोतनन’ एक काफयतनक तेर है जो कक जरता है ऩयन्तु ऩानी भें घुरता नहीॊ है, मह सन्तये के छरके भे
होता है। मरभोतनन कई कॉस्भेहटक ऩदाथों जैसे शैम्ऩ,ू पेशवॉश, ऩयफ्मम्
ू स आहद भें इस्तेभान मरमा जाता है।
मरभोतनन एक कीटनाशक बी है, हैंड सैनेटाइजसय व सपाई यासामनों भें प्रमोग ककमा जाता है।

66. सूिी 1 को सूिी 2 के साथ सभ


ु ेमरत कीस्जमे तथा नीिे हदमे गमे कूट का प्रमोग कयके सही उत्तय िुतनमे -
सूिी – 1 (हाभोन) सूिी – 2 (स्राववत ग्रॊचथ)
(A) प्रोजेस्टयोन 1-थामयॉमड
(B) टे स्टोस्टे योन 2-अग्न्माशम

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(C) थामयॉस्क्सन 3-गबायशम (भहहरा)
(D) इन्सुमरन 4-अण्डाशम (ऩुरुष)
कूट-
(A) A-3 B-4 C-1 D-2
(B) A-1 B-2 C-3 D-4
(C) A-4 B-3 C-1 D-2
(D) A-3 B-2 C-1 D-4
उत्तय- A

व्माख्मा: (A) प्रोजेस्टयोन 3-गबायशम (भहहरा)


(B) टे स्टोस्टे योन 4-अण्डाशम (ऩुरुष)
(C) थामयॉस्क्सन 1-थामयॉमड
(D) इन्सुमरन 2-अग्न्माशम

67. इॊसुमरन भें तनम्नमरर्खत भें से कौन-सी धातु भौजूद है?


(A) हटन
(B) ताॊफा
(C) जस्ता
(D) एल्ममु भतनमभ
उत्तय- C
व्माख्मा: इॊसुमरन अग्न्माशम मातन ऩैनकक्रमाज के अन्त्स्रावी बाग भें रैंगयहैंस की द्वववऩकाओॊ की फीटा कोमशकाओॊ
से स्राववत होने वारा एक जन्तु हाभोन है स्जसभें जस्ता धातु भौजूद यहती है।
 इन्सुमरन के अल्ऩस्रावण से डामब्रफटीज (भधुभेह) तथा अततस्रावण से ‘हाइऩोग्राइसीमभमा’ नाभक योग हो
जाता है।
 भधुभेह की अत्मन्त प्रबावी औषचध कदॊ फ के ऩेड़ तथा डहे मरमाॊ की जड़ो से प्राप्त होती है।

68. शयीय के अॊदय यक्त का थक्का नहीॊ फनता है क्मोंकक शयीय भें उऩस्स्थत यहता है?
(A) हीभोग्रोब्रफन
(B) पाइब्रिन
(C) हहऩेरयन
(D) थ्राम्फोप्रास्स्टन
उत्तय- C
व्माख्मा: मकृत हहऩेरयन का स्रावण कयता है स्जससे भनुष्म के शयीय के अन्दय यक्त का थक्का नहीॊ फनता है।
 रुचधय को जभने से फिाने के मरमे उसभें सोडडमभ मा ऩोटे मशमभ ऑक्जेरेट मभरामा जाता है।
 हीभोग्रोब्रफन ऑक्सीजन का ऩरयवहन कयता है तथा यक्त को रार यॊ ग प्रदान कयता है।

69. यक्त भें एॊटीफॉडी एवॊ एॊटीजन के अध्ममन को कहते हैं?


(A) हहस्टोरॉजी
(B) क्रामोरॉजी
(C) सीयोरॉजी

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(D) गाइनोरॉजी
उत्तय- C
व्माख्मा: सीयोरॉजी के अॊतगतय यक्त भें एॊटीफॉडी एवॊ एटीॊजन का अध्ममन ककमा जाता है। हहस्टोरॉजी के अन्तगयत
ऊतकों का अध्ममन ककमा जाता है

70. र्झल्रीदाय गदय न (वेब्ड नेक) ककसका अमबरऺण है?


(A) डाउन्स सॊरऺण
(B) टनयय सॊरऺण
(C) क्राइनपैल्टय सॊरऺण
(D) कक्र-टु-िेट सॊरऺण
उत्तय- B
व्माख्मा: र्झल्रीदाय गदय न (वेब्ड नेक) टनयय सॊरऺण का अमबरऺण है।
टनचय ससॊड्रोभ- एक अनुवाॊमशक मसॊरोभ है, जो कक केवर भहहराओॊ को प्रबाववत कयती है। मह गुणसूत्र की
असाभान्मता है, स्जसभें मरॊग गण
ु सत्र
ू ों का एक हहस्सा मा सभस्त बाग अनऩ
ु स्स्थत मा अऩण
ू य होता हैं (अप्रबाववत
भनुष्मों भें 46 गुणसूत्र हैं, स्जनभें से दो मौन गुणसूत्र होते हैं)। कुछ भाभरों भें कुछ कोमशकाओॊ भें गुणसूत्र रुप्त हो
जाते है रेककन अन्म भें नहीॊ होते है , इस स्स्थतत को भोजेमसज्भ मा टनयय भोजेमसज्भ के नाभ से जाना जाता है।
ससॊड्रोभ के प्रकाय:-
क्राससक टनचय ससॊड्रोभ- स्जसभें एक्स गुणसत्र
ू ों भें से एक ऩूयी रुप्त होता है।
भोजेक टनचय ससॊड्रोभ- स्जसभें अचधकाॊश कोमशकाओॊ भें एक्स गण
ु सत्र
ू ऩणू य होता है, रेककन अन्म कोमशकाओॊ भें
आॊमशक रूऩ से अनुऩस्स्थत मा कुछ कोमशकाओॊ भें असाभान्म होता है। स्जसभें केवर एक एक्स गुणसूत्र मा फेहद
कभ, दो ऩूणय एक्स गुणसूत्र हो सकते हैं।
सरॊग गुणसूत्र:- आभतौय ऩय मशशु गुणसूत्रों के 23 जोड़े से ऩैदा होता हैं। गुणसूत्रों का एक जोड़ा फच्िे का मरॊग
तनधायरयत कयता है। इस जोड़े को मरॊग (सेक्स) गुणसूत्र के नाभ से जाना जाता है। एक मरॊग गुणसूत्र वऩता से
मभरता है तथा दस
ू या भाॊ से मभरता है। भाॊ का मोगदान हभेशा एक्स गण
ु सत्र
ू होता है। वऩता का मोगदान मा तो
एक्स मा वाई गुणसूत्र हो सकता है। आभतौय ऩय रड़की भें दो एक्स गुणसूत्र (XX) होते हैं तथा रड़कों भें एक्स
औय एक वाई गुणसूत्र (XY) होते है। वाई गुणसूत्र ―ऩुरुष (ऩुस्ल्रॊग)‖ का तनधाययण कयता है , इसमरए महद मह
अनुऩस्स्थत है, तो टनयय मसॊरोभ के भाभरे भें फच्िे का मरॊग हभेशा रड़की होगा।
 टनयय मसॊरोभ से ऩीडड़त भहहरा भें एक एक्स गुणसत्र
ू रुप्त हो जाता है मा टूट जाता है। इसका भतरफ मह
है कक रड़की भें दो XX गण
ु सत्र
ू ों की तर
ु ना भें एक ऩण
ू य X गण
ु सत्र
ू होता है।

71. वऺ
ृ ों भें ‘इक्जैस्न्थभा’ फीभायी ककसकी कभी से होती है?
(A) भॉस्ब्रडेनभ
(B) क्रोयीन
(C) ताॊफा
(D) रोहा
उत्तय- C
व्माख्मा: वऺ
ृ ों भें ‘इक्जैस्न्थभा’ फीभायी ताॊफा की कभी से होती है|

72. तनम्नमरर्खत भें से ककस योग को वैस्क्सनेशन द्वाया तनमॊब्रत्रत नहीॊ ककमा जा सकता है?
(A) िेिक

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(B) ऩोमरमो
(C) कारी खाॊसी
(D) भधुभेह
उत्तय- D
व्माख्मा: भधुभेह अग्नाशम से सम्फस्न्धत योग है जो ऩमायप्त इन्सुमरन के स्राव न होने के कायण होता है। बोजन
का काफोहाइरेट शकयया भें ऩरयवततयत होने के ऩश्िात इन्सुमरन की प्रततकक्रमा से खस्ण्डत होकय तन्तुओॊ से मभर
जाता है तथा मह शकयया भूत्र भाध्मभ से फाहय तनकरने रगता है। इस योग को वैस्क्सनेशन द्वाया तनमॊब्रत्रत नहीॊ
ककमा जा सकता है|

73. प्रकाश की तीव्रता भाऩने का उऩकयण है?


(A) अल्टीभीटय
(B) ऐक्टीभीटय
(C) हहप्सोभीटय
(D) रक्सभीटय
उत्तय- D
व्माख्मा: रक्सभीटय प्रकाश की तीव्रता भाऩने का उऩकयण है । अल्टीभीटय ववभानो की ऊॉिाई भाऩने एवॊ डामनभो
भीटय इॊजन द्वाया उत्ऩन्न की गमी शस्क्त को भाऩने का मॊत्र है।
ववऻान के प्रभुख उऩकयण व उनके अनुप्रमोग-
1) अल्टीभीटय → उॊ िाई सचू ित कयने हे तु वैऻातनक मॊत्र
2) अभीटय → ववद्मुत ् धाया भाऩन
3) अनेभोभीटय → वामुवेग का भाऩन
4) ऑडडमोपोन → श्रवणशस्क्त सुधायना
5) फाइनाक्मुरय → दयू स्थ वस्तुओॊ को दे खना
6) फैयोग्राप → वामभ
ु ॊडरीम दाफ का भाऩन
7) क्रेस्कोग्राप → ऩौधों की वद्
ृ चध का अमबरेखन
8) क्रोनोभीटय → ठीक सभम जानने हे तु जहाज भें रगामी जाने वारी घड़ी
9) काडडयमोग्राप → ह्रदमगतत का भाऩन
10) काडडयमोग्राभ → काडडयमोग्राप का कामय भें सहमोगी
11) कैवऩरसय → कम्ऩास
12) डीऩसककयर → नततकोण का भाऩन
13) डामनभो→ माॊब्रत्रक ऊजाय को ववद्मुत ् उजाय भें फदरना
14) इवऩडडमास्कोऩ → कपल्भों का ऩदे ऩय प्रऺेऩण
15) पैदोभीटय → सभुद्र की गहयाई भाऩना
16) गल्वनोभीटय → अतत अल्ऩ ववद्मत
ु ् धाया का भाऩन
17) गाडगयभुरय → ऩयभाणु कण की उऩस्स्थतत व ् जानकायी रेने हे तु
18) भैनोभीटय → गैस का घनत्व नाऩना
19) भाइक्रोटोम्स → ककसी वस्तु का अनुवीऺनीम ऩरयऺण हे तु छोटे बागों भें ववबास्जत कयता है।
20) ओडोभीटय → काय द्वाया तम की गमी दयू ी फताता है।
21) ऩेरयस्कोऩ → जर के बीतय से फाहयी वस्तए
ु ॊ दे र्ख जाती हैं।
22) पोटोभीटय → प्रकाश दीस्प्त का भाऩन

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23) ऩाइयोभीटय → अत्मॊत उच्ि ताऩ का भाऩन
24) ये डडमोभीटय → ववककयण द्वाया ववकरयत उजाय का भाऩन
25) सीज्भोभीटय → बूकॊऩ की तीव्रता का भाऩन
26) सेक्सटें ट → ग्रहों की उॊ िाई जानने हे तु
27) राॊसपॉभयय → प्रत्मावती धाया की वोल्टता भें ऩरयवतयन कयने हे तु
28) टे रीवप्रॊटय → टे रीग्राप द्वाया बेजी गमी सूिनाओॊ को स्वत् छाऩने वारा मॊत्र
29) टै क्सीभीटय → टै क्सीमों भें ककयामा दशायने वारा मॊत्र
30) टै कोभीटय → भोटयफोट व ् वामुमान का वेगभाऩक
31) टे रीस्कोऩ → दयू स्थ वस्तओ
ु ॊ को दे खने भें सहामक मॊत्र
32) जाइयोस्कोऩ → घूभती वस्तु की गततकी का अध्ममन
33) ग्रेवीभीटय → जर भें उऩस्स्थत तेर ऺेत्रों का ऩता रगाना
34) ग्राभोपोन → रयकाडय ऩय उऩस्स्थत ध्वतन को ऩुन् सुनाने वारा मॊत्र
35) कामभोग्राप → यक्तदाफ, धडकन का अध्ममन
36) कामनेस्कोऩ→ टे रीववजन स्क्रीन के रूऩ भें
37) कैमरऩसय → छोटी दरू यमाॊ भाऩने वारा मॊत्र
38) कैरोयीभीटय → ऊष्भाभाऩन का कामय
39) काब्मयुय े टय → इॊजन भें ऩेरोर का एक तनस्श्ित बाग वामु भें बेजने वारा मॊत्र
40) कम्ऩास → हदशा ऻान हे तु प्रमुक्त
41) कम्प्मट
ू े टय → ववद्मत्ु धाया की हदशा फताने वारा मॊत्र
42) एवऩकामस्कोऩ → अऩायदशी चित्रों को ऩदे ऩय हदखाना
43) एवऩडोस्कोऩ → मसनेभा भें ऩदे ऩय चित्रों को हदखाना
44) एस्केरेटय → िरती हुई माॊब्रत्रक सीहढमाॊ
45) एस्क्समयोभीटय → वामुमान का वेगभाऩक
46) एस्क्टमोभीटय → सम
ू य ककयणों की तीव्रता भाऩने का मॊत्र
47) एमयोभीटय → गैसों का बाय व ् घनत्व भाऩक
48) एक्मुभुरेटय → ववद्मुत ् उजाय सॊग्राहक
49) ओमसरोग्राप → ववद्मुत ् अथवा माॊब्रत्रक कम्ऩन सूचित कयने हे तु
50) स्टे थोस्कोऩ → ह्रदम व ् पेपड़े की गतत के अध्ममन हे तु
51) स्स्पग्नोभैनोभीटय → धभतनमों भें यक्तदाफ की तीव्रता ऻात कयना।।
52) जीटा → शन्
ू म उजायताऩ नामबकीम सॊमोजन
53) डेतनमर सेर → ऩरयऩथ भें ववद्मुत ् उजाय प्रवाहहत कयने हे तु
54) डडक्टापोन → फातिीत रयकाडय कयके ऩुन् सुनाने वारा मॊत्र
55) डाममरमसस → गुदे खयाफ होने ऩय यक्त शोधन हे तु
56) थभायभीटय → ताऩ भाऩन हे तु
57) थभोस्टे ट → ताऩ स्थाई फनामे यखने हे तु
58) हहप्सोभीटय → सभुद्र तर से उॊ िाई ऻात कयने हे तु
59) हाइरोपोन → ऩानी के बीतय ध्वतन अॊककत कयना
60) स्ऩेक्रोभीटय →प्रकाश का अऩवतयनाॊक ऻात कयना
61) हाइरोभीटय → द्रवों की आऩेक्षऺक आद्रय ता ऻात कयना
62) हाइग्रोभीटय → वामु की आऩेक्षऺक आद्रय ता ऻात कयना

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63) स्टीरयमोस्कोऩ → पोटो को ऩदे ऩय ब्रत्रववभीम रूऩ भें हदखाना
64) वानडीग्राप जनये टय → उच्ि ववबवान्तय उत्ऩन्न कयना
65) वोल्टाभीटय → ववबवान्तय भाऩना
66) रैक्टोभीटय → दध
ू की शद्
ु धता भाऩना
67) रयफ़्ैक्टोभीटय → भाध्मभों के अऩवतयनाॊक ऻात कयना।
68) ये न गेज → वषाय की भात्रा का भाऩन
69) ये डडएटय → वाहनों के इॊजन को ठॊ डा यखना
70) ये कफ्जये टय → ववशेषत् खाद्म ऩदाथों को ठॊ डा यखना
71) याडाय → वामम
ु ान की स्स्थतत ऻात कयना
72) भाइक्रोभीटय → अतत रघु दरू यमाॊ नाऩना
73) भेगापोन → ध्वतन को दयू स्थ स्थानों ऩय रे जाना
74) फैटयी → ववद्मुत ् उजाय का सॊग्रहण
75) फैयोभीटय → वामुदाफ का भाऩन

74. तनम्नमरर्खत भें से कौन सुभेमरत नहीॊ है?


ऩदाथच कायक
(A) प्माज का रार यॊ ग - एन्थ्रोसामतनन
(B) गाजय का रार यॊ ग- एन्थ्रोसाइमभन
(C) गाजय का ऩीरा यॊ ग- कुयकुमभन
(D) आरू का हयाऩन - सोरेतनन
उत्तय- C
व्माख्मा: गाजय का ऩीरा यॊ ग केयोटीन वणयक के कायण होता है।
पर व सब्जी भें यॊ ग व तीखाऩन के कायक --
01. प्माज भें ऩीरा यॊ ग- क्मयू े स्टीन
02. प्माज भें रार यॊ ग- एन्थोसाइतनन
03. प्माज भें तीखाऩन- एराइर प्रोऩाइर डाई सल्पाइड
04. भूरी भें तीखाऩन- आइसोसाइनेट
05. रहसून भें तीखाऩन- डाई एराइर डाई प्रोऩाइर सल्पाइड
06. गाजय का ऩीरा यॊ ग- केयोटीन
07. गाजय का रार यॊ ग- एन्थोसाइतनन
08. हल्दी का ऩीरा यॊ ग- कुयकुभीन
09. कये रे भें कड़वाऩन- भेभोडीकोसाईट
10. खीये भें कड़वाहट- कुकयफीटासीन
11. ऩऩीता का ऩीरा यॊ ग- केयीका जेन्थीन
12. सेफ का रार यॊ ग- एन्थोसाइनीन
13. टभाटय का रार यॊ ग- राईकोऩीन
14. भीिय का रार यॊ ग- केप्सेथीन
15. मभिय भें तीखाऩन- केप्सेसीन
16. फेर भे कडुवाहट- भाभोरोस्त्सन
17. ऩीऩय भे कडुवाहट- ओमरभोये मसन

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18. भूरी भे तीखाऩन- आइसोसाइनेट
19. शरजभ भे ियऩयाहट- कैस्ल्शमभ आॉक्सरेट
20. ऩीऩय भे गॊध- ओमरमोये मसन
21. आरू भे हया यॊ ग- सोरेतनन

75. तनम्नमरर्खत ववटामभनों भे से कौन सा शयीय भें बॊडारयत नहीॊ होता है?
(A) ववटामभन- A
(B) ववटामभन- C
(C) ववटामभन- D
(D) ववटामभन- E
उत्तय- B
व्माख्मा: ववटामभन-C भानव शयीय भें सॊश्रेवषत नही होता है औय मह जर भें घुरनशीर है इसमरए फाह्रा स्त्रोतो से
ग्रहण ककमा गमा ववटामभन-C शयीय भें अत्मॊत कभ अवचध तक ही यहता है, औय भूत्र के साथ उत्सस्जयत हो जाता
है। इस प्रकाय शयीय भे इसका सॊिम नहीॊ होता है।
 भानव शयीय के मरए उऩमोगी 13 प्रभुख ववटामभनों भें िाय वसा भें घुरनशीर ववटामभन (A, D, E औय
K) तथा 9 जर भें घुरनशीर ववटामभन (B1, B2, B3, B5, B6, B7, B9, B12 तथा C) होते है। तछरी
हुई सस्ब्जमों को धोने से ववटामभन C तथा जर भें घुरनशीर अन्म ववटामभन तनकर जाते है।
ववटासभन्स के यासामननक नाभ-
क्र.स ववटामभन के नाभ यासामतनक नाभ
01 ववटामभन – ए ये हटनॉर
02 ववटामभन – फी 1 थाममभन
03 ववटामभन – फी 2 याइफोफ्रेववन
04 ववटामभन – फी 3 तनकोहटनैभाइड
05 ववटामभन – फी 5 ऩैन्टोथेतनक अम्र
06 ववटामभन – फी 6 ऩाइयीडॉस्क्सन
07 ववटामभन – फी 7 फामोटीन
08 ववटामभन – फी 11 पॉमरक अम्र
09 ववटामभन – सी एस्कॉब्रफयक एमसड
10 ववटामभन – डी कैस्ल्सपेयॉर
11 ववटामभन – ई टोकोपेयॉर
12 ववटामभन – के कपरोस्क्वनोन
ववटासभन फी कॉम््रेक्स के प्रकाय (Types of Vitamin B Complex)
मे भुख्मत् 8 प्रकाय के होते है -
1. फी1 (थामासभन) (thiamine) – मह ववटामभन ऩोषक तत्वों को ऊजाय भें फदरने भें औय िमाऩिम भें
भहत्वऩूणय बूमभका तनबाता है। इस ववटामभन की प्रास्प्त स्रोतों भें ऩोकय (सुअय का भाॊस), सूयजभुखी के फीज
औय गेहूॊ भें प्रभुख है।
2. फी2 (याइफोफ्रेववन) (riboflavin) – याइफोफ्रेववन बोजन को अऩघहटत कय ऊजाय उत्ऩन्न कयने भें भदद
कयता है औय एॊटीऑक्सीडेंट के रूऩ भें बी कामय कयता है। याइफोफ्रेववन के अच्छे स्त्रोत के रूऩ भें भाॊस
औय भशरूभ शामभर हैं।

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3. फी3 (ननमाससन) (niacin) – मह ववटामभन िमाऩिम, डीएनए (DNA) उत्ऩादन औय उसकी भयम्भत कयने
भें एक भहत्वऩूणय बमू भका अदा कयता है। खाद्म स्रोतों के रूऩ भें चिकन, टूना कपश (tuna) औय दार
शामभर हैं।
4. फी5 (ऩैंटोथैननक एससड) (pantothenic acid) – अन्म ववटामभन फी की तयह, ऩैंटोथैतनक एमसड बी शयीय
को ऊजाय प्रदान कयने भें भदद कयता है , तथा हाभोन औय कोरेस्रॉर उत्ऩादन भें बी अऩना मोगदान दे ता
है। भछरी, दही औय एवोकैडो आहद भें मह ववटामभन प्रिुय भात्रा भें ऩामा जाता है।
5. फी6 (ऩामयीडॉक्सीन) (pyridoxine) – ऩामयीडॉक्सीन एमभनो एमसड िमाऩिम, रार यक्त कोमशका उत्ऩादन
औय न्मूयोराॊसभीटय के तनभायण भें बाग रेता है। इस ववटामभन के सफसे अच्छे स्त्रोत के रूऩ भें तनम्न
खाद्म ऩदाथों जैसे – िने, सैल्भन कपश औय आरू शामभर हैं।
6. फी7 (फामोटटन) (biotin) – काफोहाइरेट औय वसा के िमाऩिम के मरए फामोहटन (ववटामभन फी3) आवश्मक
है, औय इसके साथ-साथ जीन अमबव्मस्क्त को बी तनमॊब्रत्रत कयता है। खभीय, अॊडे, सैल्भन, ऩनीय फामोहटन
के सवोत्तभ खाद्म स्रोतों भें शामभर हैं।
7. फी9 (पोरेट) (folate) – कोमशका ववकास, एमभनो एमसड िमाऩिम, रार औय सपेद यक्त कोमशकाओॊ का
तनभायण औय उचित कोमशका ववबाजन के मरए पोरेट अतत भहत्वऩण
ू य होता है। मह ऩत्तेदाय हयी सस्ब्जमाॊ
औय सेभ जैसे खाद्म ऩदाथों भें प्रिुय भात्रा भें ऩामा जाता है।
8. फी12 (कोफारासभननन) (cobalamin) – सबी फी ववटामभनों भें सफसे भहत्वऩूणय ववटामभन-फी 12
न्मूयोरॉस्जकर ॊ क्शन, डीएनए उत्ऩादन औय रार यक्त कोमशकाओॊ के ववकास के मरए सफसे भहत्वऩूणय
है। फी12 साभान्म रूऩ से भाॊस, अॊडे, सभुद्री बोजन औय डेमयी उत्ऩाद भें ऩामा जाता है।

76. उत्तय-प्रदे श का अवधी बाषी स्जरा नहीॊ है?


(A) इराहाफाद
(B) प्रताऩगढ़
(C) रखनऊ
(D) वायाणसी
उत्तय- D
व्माख्मा: वायाणसी भें बोजऩुयी बाषा फोरी जाती है। शेष अन्म स्जरों भें अवधी बाषा का प्रमोग होता है।
अवधी फोरी-
 अवधी का केंद्र अमोध्मा है ।
 अमोध्मा शब्द का ववकमसत रूऩ ―अवध‖ है, स्जससे ―अवधी‖ फना है ।
 अवधी की उत्ऩवत्त अधयभागधी से भानी जाती है ।
 अवधी का ऺेत्र रखनऊ, इराहाफाद, पतेहऩुय, मभजायऩुय, उन्नाव, यामफये री, सीताऩुय, पैजाफाद, गोंडा, फस्ती,
फहयाइि, सुल्तानऩुय, प्रताऩगढ़, फायाफॊकी आहद है ।
 अवधी भें साहहत्म तथा रोक-साहहत्म ऩमायप्त भात्रा भें है ।
 अवधी के प्रसद्ध कवव भल्
ु रा दाऊद, कुतफ
ु न, जामसी, तर
ु सीदास, उसभान, सफरमसॊह आहद हैं ।
 भुख्म फोमरमाॉ - फैसवाड़ी, मभजायऩुयी तथा फनौधी हैं ।

बोजऩुयी फोरी- ऩूवािंिर भें भुख्म रूऩ से फोरी जाने वारी फोरी बोजऩुयी है। बोजऩुयी बाषाई ऩरयवाय के स्तय ऩय
एक आमय बाषा है औय भुख्म रूऩ से ऩस्श्िभ ब्रफहाय औय ऩूवी उत्तय प्रदे श औय उत्तयी झायखण्ड के ऺेत्र भें फोरी
जाती है। बोजऩयु ी हहन्दी की एक उऩबाषा मा फोरी है। बोजऩयु ी अऩने शब्दावरी के मरमे भख्
ु मत् सॊस्कृत एवॊ
हहन्दी ऩय तनबयय है कुछ शब्द इसने उदय ू से बी ग्रहण ककमे हैं। बोजऩुयी जानने -सभझने वारों का

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ववस्ताय ववश्व के सबी भहाद्वीऩों ऩय है स्जसका कायण ब्रिहटश याज के दौयान उत्तय बायत से अॊग्रेजों द्वाया रे जामे
गमे भजदयू हैं स्जनके वॊशज अफ जहाॉ उनके ऩूवज
य गमे थे वहीॊ फस गमे हैं। इनभे सूरयनाभ, गुमाना, हरतनदाद,
पीजी औय टोफैगो आहद दे श प्रभुख है। बायत के जनगणना आॉकडो ो़ के अनुसाय बायत भें रगबग 3.3 कयोड़ रोग
बोजऩयु ी फोरते हैं। ऩयू े ववश्व भें बोजऩयु ी जानने वारों की सॊख्मा रगबग 5 कयोड़ है।
भुख्मरुऩ से बोजऩुयी फोरे जाने वारे किजरे-
 उत्तय प्रदे श : फमरमा स्जरा, वायाणसी स्जरा, िन्दौरी स्जरा, गोयखऩुय स्जरा, भहायाजगॊज स्जरा, गाजीऩुय
स्जरा, मभजायऩुय स्जरा, भऊ स्जरा, इराहाफाद स्जरा, जौनऩुय स्जरा, सॊतकफीय नगय स्जरा, सुल्तानऩुय
स्जरा, पैजाफाद स्जरा, फस्ती स्जरा, गोंडा स्जरा, फहयाईि स्जरा, मसद्धाथय नगय, आजभगढ स्जरा
 बफहाय : फक्सय स्जरा, सायण स्जरा, मसवान, गोऩारगॊज स्जरा, ऩव
ू ी िम्ऩायण स्जरा, ऩस्श्िभ िम्ऩायण
स्जरा, वैशारी स्जरा, बोजऩुय स्जरा, योहतास स्जरा, फक्सय स्जरा, बबुआ स्जरा
 झायखण्ड : ऩराभु स्जरा, गढ़वा स्जरा,
 नेऩार : यौतहट स्जरा, फाया स्जरा, फीयगॊज, चितवन स्जरा, नवरऩयासी स्जरा, रुऩनदे ही स्जरा, कवऩरवस्तु
स्जरा, ऩसाय स्जरा

77. तनम्न भें फताइए कक ककस शब्द भें द्ववत्व व्मॊजन है?
(A) ऩुन्
(B) इराहाफाद
(C) हदल्री
(D) उत्साह
उत्तय- C
व्माख्मा: हदल्री शब्द भें द्ववत्व व्मॊजन है।
द्ववत्व व्मॊजन :- जफ एक व्मॊजन का अऩने सभरूऩ व्मॊजन से भेर होता है , तफ वह द्ववत्व व्मॊजन कहराता हैं।
जैसे- क् + क = ऩक्का
ि ् + ि = कच्िा
भ ् + भ = िम्भि
त ् + त = ऩत्ता
द्ववत्व व्मॊजन भें बी ऩहरा व्मॊजन स्वय यहहत तथा दस
ू या व्मॊजन स्वय सहहत होता है।

78. तनम्नाॊककत भें से नवीन ववकमसत ध्वतनमाॉ कौन-सी हैं?


(A) ख, ग
(B) उ, ऊ
(C) ऐ, औ
(D) श, स
उत्तय- A
व्माख्मा: ख, ग नवीन ववकमसत ध्वतनमाॉ कौन-सी हैं।
 हहॊदी की सफसे फड़ी ववशेषता मह है कक मह सवायचधक वैऻातनक बाषा है | एक तो मे स्जस रूऩ भें मरखी
जाती है , ब्रफल्कुर उसी तयह फोरी जाती है |
 हहॊदी भें रेखन औय उच्िायण भें फहुत अचधक शद्ु धता औय सभानता भौजूद है | अनुनामसक, अनुस्वाय औय
ववसगय चिह्नों के प्रमोग ने इसे औय वैऻातनक फना हदमा है |

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 फीसवीॊ सदी भें जफ हहॊदी ने मूयोऩीम बाषाओॊ से तथा अयफी-पायसी से शब्द अऩनाए तो इसके मरए नए
चिह्न बी ग्रहण ककए| जैसे ―डॉक्टय‖ शब्द अॊग्रेजी से आमा है , इसका ऩहरा स्वय है - ―ऑ‖| िूॊकक हहॊदी भें
मह स्वय उऩरब्ध नहीॊ था, महाॉ ―आ‖ तो था; ―ऑ‖ नहीॊ था, इसमरए हहॊदी भें अॊग्रेजी से आए ऐसे शब्दों के
उच्िायण के मरए ―ऑ‖ चिह्न को अऩना मरमा गमा|
 इसी प्रकाय अयफी-पायसी के कुछ शब्दों के सटीक उच्िायण के मरए हहॊदी ने ऩाॉि नई ध्वतनमाॉ अऩनाई- ़,
ऽ, ा, ज औय फ़| जाहहय है , इससे हहॊदी की शब्द-सॊऩदा तो फढ़ी ही, इसभें बावों को औय अचधक सूक्ष्भता
तथा स्ऩष्टता से अमबव्मक्त कयने की शस्क्त बी आई|

79. स्जन शब्दों के रूऩ, वाक्म भें मरॊग, विन औय कायक के अनस
ु ाय फदर जाते हैं, उन्हें कहते हैं?
(A) ववकायी शब्द
(B) अववकायी शब्द
(C) तद्बव शब्द
(D) तत्सभ शब्द
उत्तय- A
व्माख्मा: स्जन शब्दों के रूऩ, वाक्म भें मरॊग, विन औय कायक के अनुसाय फदर जाते हैं, उन्हें ववकायी शब्द कहते
हैं। जैसे-कुत्ता, कुत्ते , कुत्तों, भैं, भुझे, हभें अच्छा, अच्छे खाता है , खाती है , खाते हैं। इनभें सॊऻा, सवयनाभ, ववशेषण
औय कक्रमा ववकायी शब्द हैं।
व्माकयर्णक वववेिन के आधाय ऩय हहन्दी शब्दों के दो बाग ववकायी, अववकायी हैं।
 स्जन शब्दों भें कोई ववकाय उत्ऩन्न नहीॊ होता है, वे अववकायी शब्द कहराते हैं। अव्ममों को ही अववकायी
शब्द कहते हैं। जैसे- आजकर, महाॉ
 ववकायी शब्दों को िाय बागों भें फाॉटा गमा है- सॊऻा, सवयनाभ, ववशेषण औय कक्रमा।
 स्जन शब्दों भें मरॊग, विन तथा कार के प्रबाव से अऩना स्वरूऩ फदर रें , वे ववकायी शब्द कहराते हैं।
 अववकायी शब्द मा अव्मम बी िाय प्रकाय के होते हैं- कक्रमा ववशेषण, सॊफन्ध फोधक, सॊमोजक औय
ववस्भमाहद फोधक

80. सीढ़ी के सहाये भैं जहाज ऩय जा ऩहुॉिा, वाक्म भें सीढ़ी के सहाये क्मा है?
(A) साधायण उद्दे श्म
(B) ववधेम ववस्तायक
(C) उद्दे श्म वद्यधक
(D) कोई नहीॊ
उत्तय- D
व्माख्मा: उऩमक्
ुय त वाक्म भें सीढ़ी के सहाये उद्दे श्म का ववस्ताय है।
वाक्म के दो अॊग होते है -(1)उद्दे श्म (Subject) (2)ववद्मेम (Predicate)- स्जसके फाये भें फात कही जाए उसे
उद्दे श्म कहते हैं तथा उद्दे श्मों के फाये भें जो कुछ कहा जाए उसे ववधेम कहते हैं।
(1) उद्दे श्म (Subject):-वाक्म भें स्जसके ववषम भें कुछ कहा जामे उसे उद्दे श्म कहते हैं। सयर शब्दों भें - स्जसके
फाये भें कुछ फतामा जाता है , उसे उद्दे श्म कहते हैं।
जैसे- ऩूनभ फकताफ ऩढ़ती है। सधर्न दौडता है।
इस वाक्म भें ऩूनभ औय सचिन के ववषम भें फतामा गमा है। अत् मे उद्दे श्म है। इसके अॊतगयत कताय औय कताय का
ववस्ताय आता है जैसे- 'ऩरयश्रभ कयने वारा व्मस्क्त' सदा सपर होता है। इस वाक्म भें कताय (व्मस्क्त) का ववस्ताय
'ऩरयश्रभ कयने वारा' है।

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उद्दे श्म के दो बाग होते है- (i) कताय (ii) कताय का ववशेषण मा कताय से सॊफॊचधत शब्द/ववस्ताय।
उद्दे श्म का ववस्ताय- कई फाय वाक्म भें उसका ऩरयिम दे ने वारे अन्म शब्द बी साथ आए होते हैं। मे अन्म शब्द
उद्दे श्म का ववस्ताय कहराते हैं। जैसे-
1. सॊद
ु य ऩऺी डार ऩय फैठा है।
2. कारा साॉऩ ऩेड़ के नीिे फैठा है।
इनभें सुॊदय औय कारा शब्द उद्दे श्म का ववस्ताय हैं।
उद्दे श्म भें ननम्नसरखखत शब्द-बेदों का प्रमोग होता है-
(1) सॊऻा- घोड़ा बागता है।
(2) सवयनाभ- वह जाता है।
(3) ववशेषण- ववद्वान की सवयत्र ऩूजा होती है।
(4) कक्रमा-ववशेषण- (स्जसका) बीतय-फाहय एक-सा हो।
(5) वाक्माॊश- झूठ फोरना ऩाऩ है।
 वाक्म के साधायण उद्दे श्म भें ववशेषणाहद जोड़कय उसका ववस्ताय कयते हैं। उद्दे श्म का ववस्ताय नीिे मरखे
शब्दों के द्वाया प्रकट होता है -
(1) ववशेषण से- अच्छा फारक आऻा का ऩारन कयता है।
(2) सॊफॊध कायक से- दशयकों की बीड़ ने उसे घेय मरमा।
(3) वाक्माॊश से- काभ सीखा हुआ कायीगय कहठनाई से मभरता है।
 ववधेम का ववस्ताय- भूर ववधेम को ऩूणय कयने के मरए स्जन शब्दों का प्रमोग ककमा जाता है वे ववधे म का
ववस्ताय कहराते हैं। जैसे-वह अऩने ऩैन से मरखता है। इसभें अऩने ववधेम का ववस्ताय है।
 कभच का ववस्ताय- इसी तयह कभय का ववस्ताय हो सकता है। जैसे -मभत्र, अच्छी ऩुस्तकें ऩढ़ो। इसभें अच्छी
कभय का ववस्ताय है।
 फिमा का ववस्ताय- इसी तयह कक्रमा का बी ववस्ताय हो सकता है। जैसे -श्रेम भन रगाकय ऩढ़ता है। भन
रगाकय कक्रमा का ववस्ताय है|
(2)ववद्मेम (Predicate):-उद्दे श्म के ववषम भें जो कुछ कहा जाता है , उसे ववद्मेम कहते है।
जैसे- ऩूनभ ककताफ ऩढ़ती है।
इस वाक्म भें 'ककताफ ऩढ़ती' है ववधेम है क्मोंकक ऩूनभ (उद्दे श्म)के ववषम भें कहा गमा है।वाक्म के कताय (उद्दे श्म)
को अरग कयने के फाद वाक्म भें जो कुछ बी शेष यह जाता है , वह ववधेम कहराता है। इसके अॊतगयत ववधेम का
ववस्ताय आता है।
जैसे- रॊफे-रॊफे फारों वारी रड़की 'अबी-अबी एक फच्िे के साथ दौड़ते हुए उधय गई' ।
इस वाक्म भें ववधेम (गई) का ववस्ताय 'अबी-अबी एक फच्िे के साथ दौड़ते हुए उधय' है।
 ववशेष-आऻासूिक वाक्मों भें ववद्मेम तो होता है ककन्तु उद्दे श्म तछऩा होता है।
जैसे- वहाॉ जाओ। खड़े हो जाओ।
इन दोनों वाक्मों भें स्जसके मरए आऻा दी गमी है वह उद्दे श्म अथायत 'वहाॉ न जाने वारा '(तुभ) औय 'खड़े हो
जाओ' (तभ
ु मा आऩ) अथायत उद्दे श्म हदखाई नही ऩड़ता वयन तछऩा हुआ है।
ववधेम के छ् बाग होते है - (i) कक्रमा (ii) कक्रमा के ववशेषण (iii) कभय (iv) कभय के ववशेषण मा कभय से सॊफचॊ धत
शब्द (v) ऩूयक (vi)ऩूयक के ववशेषण।

81. तनम्नमरर्खत भें से ककस वाक्म भें अकभयक कक्रमा है?


(A) गेहूॉ वऩस यहा है।
(B) भै फारक को जगवाता हूॉ।

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(C) भदन गोऩार को हॉसा यहा है।
(D) याभ ऩत्र मरखता है।
उत्तय- A
व्माख्मा: गेहूॉ वऩस यहा है भें अकभयक कक्रमा है।
अकभचक फिमा (Intransitive Verb)– स्जन कक्रमाओॊ का व्माऩाय औय पर कताय ऩय हो, वे ―अकभयक कक्रमा‖ कहराती
हैं। जैसे –याभ सोता है। ―याभ‖ कताय है , ―सोने‖ की कक्रमा उसी के द्वाया ऩूयी होती है। अत: सोने का पर बी उसी ऩय
ऩड़ता है। इसमरए, ―सोना‖ कक्रमा अकभयक है।
 अकभयक कक्रमाओॊ का 'कभय' नहीॊ होता, कक्रमा का व्माऩाय औय पर दस
ू ये ऩय न ऩड़कय कताय ऩय ऩड़ता है।
 उदाहयण के मरए- श्माभ सोता है। इसभें 'सोना' कक्रमा अकभयक है। 'श्माभ' कताय है , 'सोने' की कक्रमा उसी के
द्वाया ऩूयी होती है। अत्, सोने का पर बी उसी ऩय ऩड़ता है। इसमरए 'सोना' कक्रमा अकभयक है।
 अन्म उदाहयण - ऩऺी उड़ यहे हैं। फच्िा यो यहा है।
 उऩमक्
ुय त वाक्मों भें कोई कभय नहीॊ है, क्मोंकक महाॉ कक्रमा के साथ क्मा, ककसे, ककसको, कहाॉ आहद प्रश्नों के
कोई उत्तय नहीॊ मभर यहे हैं।
 अत् जहाॉ कक्रमा के साथ इन प्रश्नों के उत्तय न मभरें , वहाॉ अकभयक कक्रमा होती है।
 कुछ अकभयक कक्रमाएॉ इस प्रकाय हैं : तैयना, कूदना, सोना, ठहयना, उछरना, भयना, जीना, फयसना, योना,
िभकना आहद।

82. तनम्नमरर्खत वाक्म भें ये खाॊककत उऩवाक्म है?


वह आदभी, जो कर आमा था, आज बी आमा है।
(A) सॊऻा उऩवाक्म
(B) ववशेषण उऩवाक्म
(C) कक्रमा ववशेषण उऩवाक्म
(D) प्रधान उऩवाक्म
उत्तय- B
व्माख्मा: ववशेषण-उऩवाक्म (Adjective Clause)- जो आचश्रत उऩवाक्म ववशेषण की तयह व्मवरृत हो, उसे ववशेषण-
उऩवाक्म कहते हैं। वह आदभी, जो कर आमा था, आज बी आमा है। महाॉ 'जो कर आमा था' ववशेषण-उऩवाक्म है।
इसभें 'जो', 'जैसा', 'स्जतना' इत्माहद शब्दों का प्रमोग होता हैं।
उऩवाक्म (Clause) की ऩरयबाषा- ऐसा ऩदसभूह, स्जसका अऩना अथय हो, जो एक वाक्म का बाग हो औय स्जसभें
उदे श्म औय ववधेम हों, उऩवाक्म कहराता हैं। उऩवाक्मों के आयम्ब भें अचधकतय कक, स्जससे ताकक, जो, स्जतना,
ज्मों-त्मों, िॉकू क, क्मोंकक, महद, मद्मवऩ, जफ, जहाॉ इत्माहद होते हैं।
उऩवाक्म तीन प्रकाय के होते हैं-
(1) सॊऻा-उऩवाक्म (Noun Clause) (2) ववशेषण-उऩवाक्म (Adjective Clause) (3) कक्रमाववशेषण-उऩवाक्म
(1) सॊऻा-उऩवाक्म(Noun Clause)- जो आचश्रत उऩवाक्म सॊऻा की तयह व्मवरृत हों, उसे 'सॊऻा-उऩवाक्म' कहते हैं।
मह कभय (सकभयक कक्रमा) मा ऩयू क (अकभयक कक्रमा) का काभ कयता है , जैसा सॊऻा कयती है। 'सॊऻा-उऩवाक्म' की
ऩहिान मह है कक इस उऩवाक्म के ऩूवय 'कक' होता है। जैसे- 'याभ ने कहा कक भैं ऩढूॉगा' महाॉ 'भैं ऩढूॉगा' सॊऻा-
उऩवाक्म है। 'भैं नहीॊ जानता कक वह कहाॉ है '- इस वाक्म भें 'वह कहाॉ है ' सॊऻा-उऩवाक्म है।
(2) ववशेषण-उऩवाक्म (Adjective Clause)-जो आचश्रत उऩवाक्म ववशेषण की तयह व्मवरृत हो, उसे ववशेषण-
उऩवाक्म कहते हैं।
(3) फिमाववशेषण-उऩवाक्म (Adverb Clause)- जो उऩवाक्म कक्रमाववशेषण की तयह व्मवरृत हो, उसे
कक्रमाववशेषण-उऩवाक्म कहते हैं। जैसे - जफ ऩानी फयसता है , तफ भेढक फोरते हैं महाॉ 'जफ ऩानी

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फयसता है ' कक्रमाववशेषण-उऩवाक्म हैं। इसभें प्राम् 'जफ', 'जहाॉ', 'स्जधय', 'ज्मों', 'मद्मवऩ' इत्माहद शब्दों का प्रमोग
होता हैं। इसके द्वाया सभम, स्थान, कायण, उद्दे श्म, पर, अवस्था, सभानता, भात्रा इत्माहद का फोध होता हैं।

83. ककस शब्द भें “अ” उऩसगय है?


(A) अमबभान
(B) अनजान
(C) अबाव
(D) अवभान
उत्तय- C
व्माख्मा: अबाव भें “अ” उऩसगय का प्रय़ोग ककमा गमा है। जफकक अमबभान भें अमब, अनजान भें अन तथा अवभान
भें अव उऩसगय का प्रय़ोग ककमा गमा है।
उऩसगय (अथय) उऩसगय से फने शब्द
 अतत (अचधक, ऊऩय, उस ऩाय)- अततकार, अत्मािाय, अततकभयण, अततरयक्त, अततशम, अत्मन्त, अत्मुस्क्त,
अततक्रभण, इत्माहद ।
 अचध (ऊऩय, श्रेष्ठ)- अचधकयण, अचधकाय, अचधयाज, अध्मात्भ, अध्मऺ, अचधऩतत इत्माहद।
 अऩ (फुया, अबाव, हीनता, ववरुद्ध)- अऩकाय, अऩभान, अऩशब्द, अऩयाध, अऩहयण, अऩकीततय,
अऩप्रमोग, अऩव्मम, अऩवाद इत्माहद।
 अ (अबाव)- अऻान, अधभय, अस्वीकाय इत्माहद।
 अनु (ऩीछे , सभानता, क्रभ, ऩश्र्िात)- अनश
ु ासन, अनज
ु , अनऩ
ु ात, अनव
ु ाद, अनि
ु य, अनक
ु यण,
अनुरूऩ, अनुस्वाय, अनुशीरन इत्माहद।
 आ (ओय, सीभा, सभेत, कभी, ववऩयीत) -आकाश, आदान, आजीवन, आगभन, आयम्ब, आियण,
आभुख, आकषयण, आयोहण इत्माहद।
 अव (हीनता, अनादय, ऩतन)- अवगत, अवरोकन, अवनत, अवस्था, अवसान, अवऻा, अवयोहण,
अवताय, अवनतत, अवशेष, इत्माहद।
 उऩ (तनकटता, सदृश, गौण, सहामक, हीनता)- उऩकाय, उऩकूर, उऩतनवेश, उऩदे श, उऩस्स्थतत,
उऩवन, उऩनाभ, उऩासना, उऩबेद इत्माहद।
 तन (बीतय, नीिे, अततरयक्त)- तनदशयन, तनऩात, तनमुक्त, तनवास, तनरूऩण, तनवायण, तनम्र, तनषेध,
तनयोध, तनदान, तनफन्ध इत्माहद।
 तनय् (फाहय, तनषेध, यहहत)- तनवायस, तनयाकयण, तनबयम, तनयऩयाध, तनवायह, तनदोष, तनजीव, तनयोग,
तनभयर इत्माहद।
 ऩया (उरटा, अनादय, नाश)- ऩयाजम, ऩयाक्रभ, ऩयाबव, ऩयाभशय, ऩयाबूत इत्माहद।
 ऩरय (आसऩास, िायों ओय, ऩूण)य -ऩरयक्रभा, ऩरयजन, ऩरयणाभ, ऩरयचध, ऩरयऩूणय इत्माहद।
 प्र (अचधक, आगे, ऊऩय, मश)-प्रकाश, प्रख्मात, प्रिाय, प्रफर, प्रब,ु प्रमोग, प्रगतत, प्रसाय, प्रमास
इत्माहद।
 प्रतत (ववयोध, फयाफयी, प्रत्मेक, ऩरयवतयन)- प्रततऺण, प्रतततनचध, प्रततकाय, प्रत्मेक, प्रततदान, प्रततकूर,
प्रत्मऺ इत्माहद।
 वव (मबत्रता, हीनता, असभानता, ववशेषता)-ववकास, ववऻान, ववदे श, ववधवा, वववाद, ववशेष, ववस्भयण,
ववयाभ, ववमोग, ववबाग, ववकाय, ववभुख, ववनम, ववनाश इत्माहद।
 सभ ् (ऩण
ू त
य ा, सॊमोग)- सॊकल्ऩ, सॊग्रह, सन्तोष, सॊन्मास, सॊमोग, सॊस्काय, सॊयऺण, सॊहाय, सम्भेरन,
सॊस्कृत, सम्भख
ु , सॊग्राभ इत्माहद।

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 सु (सुखी, अच्छा)- बाव, सहज, सुन्दय सुकृत, सुगभ, सुरब, सुदयू , स्वागत, सुमश, सुबावषत, सुवास,
सुजन इत्माहद।
 अध (आधे के अथय भें )-अधजरा, अधऩका, अधर्खरा, अधभया, अधसेया इत्माहद।
 अ-अन (तनषेध के अथय भें )-अभोर, अऩढ़, अजान, अथाह, अरग, अनभोर, अनजान इत्माहद।
 उन (एक कभ)- उत्रीस, उनतीस, उनिास, उनसठ, उनहत्तय इत्माहद।
 औ (हीनता, तनषेध)- औगुन, औघट, औसय, औढय इत्माहद।
 दु (फुया, हीन)- दक
ु ार, दफ
ु रा इत्माहद।
 तन (तनषेध, अबाव, ववशेष)- तनकम्भा, तनखया, तनडय, तनहत्था, तनगोड़ा इत्माहद।
 ब्रफन (तनषेध)- ब्रफनजाना, ब्रफनब्माहा, ब्रफनफोमा, ब्रफनदे खा, ब्रफनखामा, ब्रफनिखा, ब्रफनकाभ इत्माहद।
 बय (ऩूया, ठीक)- बयऩेट, बयसक, बयऩूय, बयहदन इत्माहद।
 कु-क (फुयाई, हीनता)- कुखेत, कुऩात्र, कुकाठ, कऩूत, कुढॊ ग इत्माहद।

84. तनम्नमरर्खत शब्दों भें से तत्सभ शब्द कौन सा है?


(A) ऺेत्र
(B) बादो
(C) कटहया
(D) हुरास
उत्तय- A
व्माख्मा: ऺेत्र तत्सभ शब्द है, इसका तद्बव खेत है जफकक बादो, कटहया तथा हुरास के तत्सभ क्रभश् बाद्रऩद
काष्ठगहृ तथा उल्रास है।
तत्सभ तद्धव तत्सभ तद्धव
दग्ु ध दध
ू हस्त हाथ
कुब्ज कुफड़ा कऩयूय कऩूय
अॊधकाय अॉधेया अक्षऺ आॉख
अस्ग्न आग भमूय भोय
आश्िमय अियज उच्ि ऊॉिा
ज्मेष्ठ जेठ कामय काभ
ऺेत्र खेत स्जह्वा जीब
कणय कण तण
ृ ततनका
दॊ त दाॉत उच्ि ऊॉिा
हदवस हदन धैमय धीयज
ऩॊि ऩाॉि ऩऺी ऩॊछी
ऩत्र ऩत्ता ऩुत्र फेटा
शत सौ अश्रु आॉसू
मभ्मा झूठ भूढ़ भूखय
भत्ृ मु भौत याब्रत्र यात
प्रस्तय ऩत्थय शन्
ू म सूना
श्रावण सावन सत्म सि
स्वप्न सऩना स्वणय सोना

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85. भैं स्वमॊ िरा आऊॉगा वाक्म तनजवािक सवयनाभ कौन-सा है?
(A) भैं
(B) स्वमॊ
(C) िरा
(D) आऊॉगा
उत्तय- B
व्माख्मा: उऩमक्
ुय त वाक्म भें स्वमॊ तनजवािक सवयनाभ है। स्जस सवयनाभ भें कताय का फोध होता है। वहाॉ तनजवािक
सवयनाभ होता है।
ननजवार्क सवचनाभ :-'तनज' का अथय होता है - अऩना औय 'वािक का अथय होता है - फोध (ऻान) कयाने वारा अथायत
'तनजवािक' का अथय हुआ- अऩनेऩन का फोध कयाना। इस प्रकाय, स्जन सवयनाभ शब्दों का प्रमोग कताय के साथ
अऩनेऩन का ऻान कयाने के मरए ककमा जाए, उन्हें तनजवािक सवयनाभ कहते है।
जैसे- अऩने आऩ, तनजी, खुद आहद।
 'आऩ' शब्द का प्रमोग ऩुरुषवार्क तथा ननजवार्क सवचनाभ-दोनों भें होता है।
उदाहयण- आऩ कर दफ्तय नहीॊ गए थे। (भध्मभ ऩरु
ु ष- आदयसि
ू क)
आऩ भेये वऩता श्री फसॊत मसॊह हैं। (अन्म ऩुरुष-आदयसूिक-ऩरयिम दे ते सभम)
ईश्वय बी उन्हीॊ का साथ दे ता है , जो अऩनी भदद आऩ कयता है। (तनजवािक सवयनाभ)
'तनजवािक सवयनाभ' का रूऩ 'आऩ' है। रेककन ऩुरुषवािक के अन्मऩुरुषवारे 'आऩ' से इसका प्रमोग ब्रफरकुर अरग
है। मह कताय का फोधक है , ऩय स्वमॊ कताय का काभ नहीॊ कयता। ऩुरुषवािक 'आऩ' फहुविन भें आदय के मरए
प्रमक्
ु त होता है। जैसे- आऩ भेये मसय-आखों ऩय है ; आऩ क्मा याम दे ते है ? ककन्त,ु तनजवािक 'आऩ' एक ही तयह
दोनों विनों भें आता है औय तीनों ऩुरुषों भें इसका प्रमोग ककमा जा सकता है।
ननजवार्क सवचनाभ 'आऩ' का प्रमोग ननम्नसरखखत अथो भें होता है -
(क) तनजवािक 'आऩ' का प्रमोग ककसी सॊऻा मा सवयनाभ के अवधायण (तनश्र्िम) के मरए होता है। जैसे - भैं 'आऩ'
वहीॊ से आमा हूॉ; भैं 'आऩ' वही कामय कय यहा हूॉ।
(ख) तनजवािक 'आऩ' का प्रमोग दस ू ये व्मस्क्त के तनयाकयण के मरए बी होता है। जैसे- उन्होंने भझ
ु े यहने को कहा
औय 'आऩ' िरते फने; वह औयों को नहीॊ, 'अऩने' को सुधाय यहा है।
(ग) सवयसाधायण के अथय भें बी 'आऩ' का प्रमोग होता है। जैसे - 'आऩ' बरा तो जग बरा; 'अऩने' से फड़ों का आदय
कयना उचित है।
(घ) अवधायण के अथय भें कबी-कबी 'आऩ' के साथ 'ही' जोड़ा जाता है। जैसे- भैं 'आऩ ही' िरा आता था; मह काभ
'आऩ ही'; भैं मह काभ 'आऩ ही' कय रॉ ग
ू ा।

86. तनम्नमरर्खत भें कौन-सा अतनश्िमवािक सवयनाभ नहीॊ है?


(A) कुछ बी
(B) कुछ-न-कुछ
(C) सफ कुछ
(D) जो, वह
उत्तय- D
व्माख्मा: स्जस सवयनाभ से ककसी वस्तु का तनस्श्ित फोध नहीॊ होता है। उसे अतनश्िमवािक सवयनाभ कहते हैं।
जैसे- कोई, कुछ, ककसी आहद।
उदाहयण- 'कोई'- “ऐसा न हो कक 'कोई' आ जाम”;
'कुछ'- उसने 'कुछ' नहीॊ खामा।

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प्रस्तुत ववकल्ऩ A, B, तथा C भें अतनश्िमवािक सवयनाभ है, जफकक ववकल्ऩ D भें इस प्रकाय का कोई सम्फन्ध
नहीॊ है।

87. स्जसके ऩेट भें भाॉ ने यस्सी फाॉध दी हो, उसे कहते हैं?
(A) दाभाद
(B) दाभाद इतय
(C) दाभ
(D) दाभोदय
उत्तय- D
व्माख्मा: स्जसके ऩेट भें भाॉ ने यस्सी (दाभ) फाॉध दी हो, उसे दाभोदय कहते हैं।

88. थोड़ा नऩा-तुरा बोजन कयने वारा, वाक्माॊश के मरए उऩमुक्त शब्द है?
(A) मभतव्ममी
(B) मभतव्मम
(C) मभताहायी
(D) मभतहायीन
उत्तय- C
व्माख्मा: थोड़ा नऩा-तुरा बोजन कयने वारा, वाक्माॊश के मरए उऩमुक्त शब्द मभताहायी है। कभ मा नऩा-तुरा खिय
कयने वारा के मरए एक शब्द मभतव्ममी है।

89. जननी तू जननी बई, ववचध सन कछु न फसाम, भें कौन सा अरॊकाय है?
(A) छे कानुप्रास
(B) वत्ृ मानुप्रास
(C) राटानप्र
ु ास
(D) इनभें से कोई नहीॊ
उत्तय- C
व्माख्मा: जफ एक शब्द मा वाक्मखण्ड की आवतृ त सी अथय भें है, ऩय तात्ऩमय मा अन्वम भें बेद हो, तो वहाॉ
राटानुप्रास अरॊकाय होता है। प्रस्तुत ऩॊस्क्त राटानुप्रास का उदाहयण है।
अनप्र
ु ास के तीन प्रकाय है - (क)छे कानप्र
ु ास (ख) वत्ृ मनप्र
ु ास (ग) राटानप्र
ु ास
(क) छे कानुप्रास- जहाॉ स्वरूऩ औय क्रभ से अनेक व्मॊजनों की आववृ त्त एक फाय हो, वहाॉ छे कानुप्रास होता है।
इसभें व्मॊजनवणों का उसी क्रभ भें प्रमोग होता है। 'यस' औय 'सय' भें छे कानुप्रास नहीॊ है। 'सय'-'सय' भें वणों की
आववृ त्त उसी क्रभ औय स्वरूऩ भें हुई है, अतएव महाॉ छे कानुप्रास है। उदाहयण-
यीखझ यीखझ यहसस यहसस हॉसस हॉसस उठै
साॉस ैं बरय आॉसू बरय कहत दई दई।
महाॉ 'यीर्झ यीझ', 'यहमस-यहमस', 'हॉमस-हॉमस' औय 'दई-दई' भें छे कानुप्रास है, क्मोंकक व्मॊजनवणों की आववृ त्त उसी क्रभ
औय स्वरूऩ भें हुई है।
दस
ू या उदाहयण-
फॊदउॉ गुरु ऩद ऩदभ
ु ऩयागा,
सरु
ु धर् सव
ु ास सयस अनयु ागा।

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महाॉ 'ऩद' औय 'ऩदभ
ु ' भें 'ऩ' औय 'द' की एकाकाय आववृ त्त स्वरूऩत् अथायत ् 'ऩ' औय 'ऩ', 'द' औय 'द' की आववृ त्त एक
ही क्रभ भें , एक ही फाय हुई है ; क्मोंकक 'ऩद' के 'ऩ' के फाद 'द' की आववृ त्त 'ऩदभ
ु ' भें बी 'ऩ' के फाद 'द' के रूऩ भें
हुई है। 'छे क' का अथय ितयु है। ितुय व्मस्क्तमों को मह अरॊकाय ववशेष वप्रम है।
(ख) वत्ृ मनप्र
ु ास- वत्ृ मनप्र
ु ास जहाॉ एक व्मॊजन की आववृ त्त एक मा अनेक फाय हो, वहाॉ वत्ृ मनप्र
ु ास होता है। यसानक
ु ूर
वणों की मोजना को ववृ त्त कहते हैं। उदाहयण-
(i) सऩने सुनहरे भन बामे।
महाॉ 'स' वणय की आववृ त्त एक फाय हुई है।
(ii) सेस भहे स गनेस टदनेस सुयेसहु जाटह ननयन्तय गावैं।
महाॉ 'स' वणय की आववृ त्त अनेक फाय हुई है।
छे कानुप्रास औय वत्ृ मनुप्रास का अन्तय- छे कानुप्रास भें अनेक व्मॊजनों की एक फाय स्वरूऩत् औय क्रभत् आववृ त्त
होती है। इसके ववऩयीत, वत्ृ मनुप्रास भें अनेक व्मॊजनों की आववृ त्त एक फाय केवर स्वरूऩत् होती है, क्रभत् नहीॊ।
महद अनेक व्मॊजनों की आववृ त्त स्वरूऩत् औय क्रभत् होती बी है , तो एक फाय नहीॊ, अनेक फाय बी हो सकती है।
(ग) राटानुप्रास- जफ एक शब्द मा वाक्मखण्ड की आववृ त्त उसी अथय भें हो, ऩय तात्ऩमय मा अन्वम भें बेद हो, तो
वहाॉ 'राटानप्र
ु ास' होता है। मह मभक का ठीक उरटा है। इसभें भात्र शब्दों की आववृ त्त न होकय तात्ऩमयभात्र के बेद
से शब्द औय अथय दोनों की आववृ त्त होती है।
उदाहयण-
तेगफहादयु , हाॉ, वे ही थे गुरु-ऩदवी के ऩात्र सभथच,
तेगफहादयु , हाॉ, वे ही थे गुरु-ऩदवी थी किजनके अथच।
इन दो ऩॊस्क्तमो भें शब्द प्राम् एक-से हैं औय अथय बी एक ही हैं। प्रथभ ऩॊस्क्त के 'के ऩात्र सभथय' का स्थान दस
ू यी
ऩॊस्क्त भें 'थी स्जनके अथय' शब्दों ने रे मरमा है। शेष शब्द ज्मों-के-त्मों हैं। दोनों ऩॊस्क्तमों भें तेगफहादयु के िरयत्र भें
गुरुऩदवी की उऩमुक्तता फतामी गमी है। महाॉ शब्दों की आववृ त्त के साथ-साथ अथय की बी आववृ त्त हुई है।
दस
ू या उदाहयण-
वही भनुष्म है फक जो भनुष्म के सरए भये ।
इसभें 'भनष्ु म' शब्द की आववृ त्त दो फाय हुई है। दोनों का अथय 'आदभी' है। ऩय तात्ऩमय मा अन्वम भें बेद है। ऩहरा
भनुष्म कताय है औय दस ू या सम्प्रदान।

90. घोड़ा दौड़ यहा था। इस वाक्म भें कौन-सी कक्रमा है?
(A) घोड़ा
(B) दौड़
(C) यहा
(D) था
उत्तय- B
व्माख्मा: उऩमक्
ुय त वाक्म भें दौड़ कक्रमा है, क्मोंकक इसभें काभ का फोध हो यहा है।
 स्जस शब्द से ककसी काभ का कयना मा होना सभझा जाम, उसे कक्रमा कहते है। जैसे- ऩढ़ना, खाना, ऩीना,
जाना इत्माहद।
 'कक्रमा' का अथय होता है- कयना। प्रत्मेक बाषा के वाक्म भें कक्रमा का फहुत भहत्त्व होता है। प्रत्मेक वाक्म
कक्रमा से ही ऩूया होता है। कक्रमा ककसी कामय के कयने मा होने को दशायती है। कक्रमा को कयने वारा 'कताय'
कहराता है।

91. अवधध-सशरा का उय, था गुरू भाय।

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नतर-नतर काट यही थी, दृग जर धाय।।
उऩमक्
ुय त ऩॊस्क्तमों भें कौन सा छन्द है?
(A) दोहा
(B) सोयठा
(C) फयवैं
(D) गीततका
उत्तय- C
व्माख्मा: उऩमक्
ुय त ऩॊस्क्तमो के प्रथभ एवॊ तत
ृ ीम ियण भें 12-12 तथा द्ववतीम एॊव ितुथय ियण भें 7-7 भात्राएॊ है।
अत् मह फयवैं छॊ द है।
 फयवै अद्यधसभ भाब्रत्रक छन्द है। इसके प्रथभ एवॊ तत
ृ ीम ियण भें 12-12 भात्राएॉ तथा द्ववतीम एवॊ ितुथय
ियण भें 7-7 भात्राएॉ हाती हैं। सभ ियणों के अन्त भें 'जगण' (। S ।) होता है। गोस्वाभी तुरसीदास की
प्रमसद्ध यिनाओॊ भें से एक 'फयवै याभामण' फयवै छन्दों भें ही यिी गई है, स्जसभें बगवान श्रीयाभ की कथा
है।
उदाहयण-
िम्ऩक हयवा अॉग मभमर, अचधक सुहाम ।
जातन ऩयै मसम हहमये , जफ कुॊमबराम ।।
प्रभुख भाबत्रक छॊद
(A) सभ भाबत्रक छॊ द : अहीय (11 भात्रा), तोभय (12 भात्रा), भानव (14 भात्रा); अरयल्र, ऩद्धरय/ऩद्धहटका, िौऩाई
(सबी 16 भात्रा); ऩीमष
ू वषय, सभ
ु ेरु (दोनों 19 भात्रा), याचधका (22 भात्रा), योरा, हदक्ऩार, रूऩभारा (सबी 24 भात्रा),
गीततका (26 भात्रा), सयसी (27 भात्रा), साय (28 भात्रा), हरयगीततका (28 भात्रा), ताटॊ क (30 भात्रा), वीय मा आल्हा
(31 भात्रा) ।
(B) अद्चधसभ भाबत्रक छॊ द : फयवै (ववषभ ियण भें - 12 भात्रा, सभ ियण भें - 7 भात्रा), दोहा (ववषभ- 13, सभ-
11), सोयठा (दोहा का उल्टा), उल्रारा (ववषभ-15, सभ-13)।
(C) ववषभ भाबत्रक छॊ द : कुण्डमरमा (दोहा +योरा), छप्ऩम (योरा +उल्रारा)।

92. अयानत सैन्म ससॊधु भें सुफाडवाकिग्न से जरो।


प्रवीय हो जमी फना, फढ़े र्रो, फढ़े जरो।।
भें कौन सा गण है?
(A) जगण यगण जगण यगण जगण गरू

(B) यगण जगण तगण तगण जगण गुरू
(C) यगण यगण जगण जगण भगण गुरू
(D) भगण बगण नगण तगण तगण गुरू
उत्तय- A
व्माख्मा: उऩमक्
ुय त ऩॊस्क्तमों भें जगण यगण जगण यगण जगण गरू
ु नाभक गण है। जगण भें भध्म गरू
ु होता है,
यगण भें भध्म रघु होता है, औय अन्त भें गुरू होता है।
सॊख्मा िभ औय गण- वणो औय भात्राओॊ की साभान्म गणना को सॊख्मा कहते हैं, ककन्तु कहाॉ रघुवणय हों औय कहाॉ
गुरुवणय हों- इसके तनमोजन को क्रभ कहते है। छॊ द-शास्त्र भें तीन भाब्रत्रक वणो के सभुदाम को गण कहते है।
 वर्णयक छॊ द भें न केवर वणों की सॊख्मा तनमत यहती है वयन वणो का रघु-गुरु-क्रभ बी तनमत यहता है।
 भात्राओॊ औय वणों की 'सॊख्मा' औय 'क्रभ' की सवु वधा के मरए तीन वणों का एक-एक गण भान मरमा गमा

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है। इन गणों के अनुसाय भात्राओॊ का क्रभ वार्णयक वत
ृ ों मा छन्दों भें होता है , अत् इन्हें 'वार्णयक गण' बी
कहते है।
 इन गणों की सॊख्मा आठ है। इनके ही उरटपेय से छन्दों की यिना होती है। इन गणों के नाभ, रऺण,
चिह्न औय उदाहयण इस प्रकाय है -
गण वणच िभ धर्ह्न उदाहयण प्रबाव
मगण आहद रघ,ु भध्म गुरु, अन्त गुरु ।ऽऽ फहाना शब

भगन आहद, भध्म, अन्त गुरु ऽऽ आजादी शब

तगण आहद गुरु, भध्म गुरु, अन्त रघु ऽऽ। फाजाय अशब

यगण आहद गरु
ु , भध्म रघ,ु अन्त गरु
ु ऽ।ऽ नीयजा अशब

जगण आहद रघ,ु भध्म गुरु, अन्त रघु ।ऽ। प्रबाव अशब

बगण आहद गुरु, भध्म रघ,ु अन्त रघु ऽ।। नीयद शब

नगण आहद, भध्म, अन्त रघु ।।। कभर शब

सगन आहद रघ,ु भध्म रघ,ु अन्त गुरु ।।ऽ वसुधा अशब

 काव्म मा छन्द के आहद भें 'अगण' अथायत 'अशब
ु गण' नहीॊ ऩड़ना िाहहए। शामद उच्िायण कहठन अथायत
उच्िायण मा रम भें दग्ध होने के कायण ही कुछ गुणों को 'अशब
ु ' कहा गमा है।
 गणों को सुववधाऩूवक
य माद यखने के मरए एक सूत्र फना मरमा गमा है- मभातायाजबानसरगा: । इस सूत्र भें
प्रथभ आठ वणों भें आठ गणों के नाभ आ गमे है। अस्न्तभ दो वणय 'र' औय 'ग' छन्दशास्त्र भें 'दशाऺय'
कहराते हैं।
 स्जस गण का स्वरूऩ जानना हो, उस गण के आद्मऺय औय उससे आगे दो अऺयों को इस सत्र
ू से रे रे ना
होता है। जैसे- 'तगण' का स्वरूऩ जानना हो तो इस सूत्र का 'ता' औय उससे आगे के दो अऺय 'या
ज'='तायाज', ( ऽऽ।) रेकय 'तगण' का रघु-गुरु जाना जा सकता है कक 'तगण' भें गुरु+गुरु+रघ,ु इस क्रभ
से तीन वणय होते है।
 महाॉ मह स्भयणीम है कक 'गण' का वविाय केवर वणयवत्त
ृ भें होता है , भाब्रत्रक छन्द इस फन्धन से भुक्त है।

93. रहय का ऩमायमवािी नहीॊ है ?


(A) वीचि
(B) दक
ु ूर
(C) तयॊ ग
(D) हहरोय
उत्तय- B
व्माख्मा: दक
ु ू र रहय का ऩमायमवािी नहीॊ है, फस्ल्क वस्त्र का ऩमायमवािी है। तयॊ गवीचि, हहरोय तथा ऊमभय इत्माहद
रहय के ऩमायमवािी हैं।
कऩड़ा — वस्त्र, िीय, वसन, अॊफय, ऩट, कऩयट, दक
ु ू र, ऩरयधान।
रहय — तयॊ ग, ऊमभय, वीचि।
अन्म भहत्वऩूणच ऩमाचमवार्ी शब्द
 कस्तूयी — भग
ृ नामब, भग
ृ भद, भदरता।
„ कवव — कल्ऩक, सष्ृ टा, काव्मकाय, यिनाकाय।
„ करश — घट, घड़ा, गागय, गगयी, भटका, घहटका, कुॊब, कुट।
„ कऩड़ा — वस्त्र, िीय, वसन, अॊफय, ऩट, कऩयट, दक
ु ू र, ऩरयधान।

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„ कष्ट — द्ु ख, ददय, ऩीड़ा, भुसीफत, व्मथा, कहठनाई, व्माचध, करेश, ववषाद, सॊताऩ, वेदना, मातना, मॊत्रणा, ऩीय,
बीय, सॊकट, शोक, श्वेद, ऺोभ, उत्ऩीड़न।
„ काभदे व — काभ, अनॊग, भदन, भनोज, भन्भथ, कन्दऩय, स्भय, यततऩतत, ऩुष्ऩधन्वी, भमन, भीनकेतु, ऩॊिशय,
भकयध्वज, भनमसज, ऩष्ु ऩशामक, ऩॊिफाण, भनोबव, कुसभ
ु ामध
ु , भाय, सायॊ ग, दऩयक, शम्फयारय।
„ कान — कणय, श्रवण, श्रवणेस्न्द्रम, श्रोत, श्रुततऩुट, श्रुततऩटर।
„ कास्न्त — िभक, आबा, प्रबा, सुषभा, द्मुतत।
„ ककयण — यस्श्भ, कय, भयीचि, भमूख, अॊशु, दीचधतत, वसु, ज्मोतत, दीस्प्त।
„ ककताफ — ऩोथी, ग्रन्थ, ऩुस्तक, गुटका।
„ ककनाया — तट, तीय, कूर, ऩमु रन, ऩमिंत, फेरातट।
„ कुफेय — मऺयाज, धनाचधऩ, धनद, धनऩतत।
„ कुत्ता — श्वान, शन
ु क, गॊडक, कूकय, श्वजन।
„ क्रूय — तनष्ठुय, तनभोही, फफयय, नश
ृ स
ॊ , तनदय मी।
„ कृष्ण — श्माभ, कन्हैमा, वासुदेव, भोहन, याधास्वाभी, नॊदरार, भुयरीधय, फनवायी, भाधव, भधुसूदन, चगरयधय,
गोऩार, गोऩीवल्रब, ववश्वॊबय, नटवय, चगयधायी, ितब
ु ज
ुय , नायामण, जनादय न, ऩरु
ु षोत्तभ, अच्मत
ु , गरुड़ध्वज, कैटभारय,
घनश्माभ, िक्रऩार्ण, ऩद्भनाब, याधाऩतत, भुकुन्द, गोववन्द, केशव।
„ कृतऻ — आबायी, उऩकृत, अनुगह
ृ ीत, कृताथय, ऋणी।
„ कृषक — ककसान, हरवाहा, बूमभसुत, खेततहय, कृवषजीवी, हरधय, अन्नदाता, बूमभऩुत्र।
„ क्रोध — गुस्सा, यीस, अभषय, योष, शेष, कोऩ, कोह, प्रततघात।
„ केरा — कदरी, बानप
ु र, यॊ बा, गजवसा, कॊु जयासया, भोिा।
„ केश — फार, मशयोरुह, कि, कुॊतर, ऩश्भ, चिकुय, अरक।
„ कोमर — वऩक, करकॊठ, कोककरा, श्माभा, काकऩारी, फसॊतदत
ू , सारयका, कुहुककनी, वनवप्रमा, सायॊ ग, कराऩी,
कोककर, ऩयबत
ृ ।

94. “भें ये तो धगरयधय गोऩार दस


ू यो न कोई।
जा के ससय भौय भुकुट भें यो ऩनत सोई।।“
उऩमक्
ुय त ऩॊस्क्त भें कौन-सा यस है?
(A) श्रॊग
ृ ाय यस
(B) हास्म यस
(C) करूण यस
(D) शान्त यस
उत्तय- A
व्माख्मा: प्रस्तुत ऩॊस्क्तमों भें श्रॊग
ृ ाय यस का वणयन है। महद ऩॊस्क्त भीयाफाई द्वाया यचित है। स्जन्होंने श्रीकृष्ण को
ऩतत के रूऩ भें स्वीकाय कयते हुए इन ऩस्क्तमों की यिना की है।
शग
ॊृ ाय यस (स्थामी बाव-यनत/प्रेभ)
 इसका स्थाई बाव यतत होता है नामक औय नातमका के भन भें सॊस्काय रूऩ भें स्स्थत यतत मा प्रेभ जफ यस
कक अवस्था भें ऩहुॉि जाता है तो वह श्रॊगाय यस कहराता है इसके अॊतगयत सौन्दमय, प्रकृतत, सुन्दय वन,
वसॊत ऋतु, ऩक्षऺमों का िहिहाना आहद के फाये भें वणयन ककमा जाता है
(i) सॊमोग शग
ॊृ ाय : फतयस रारि रार की, भुयरी धयी रुकाम।
(सॊबोग श्रॊग
ृ ाय): सौंह कये , बौंहतन हॉसै, दै न कहै, नहट जाम। (ब्रफहायी)
(ii) ववमोग श्रॊग
ृ ाय : तनमसहदन फयसत नमन हभाये

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(ववप्ररॊब श्रॊग
ृ ाय): सदा यहहत ऩावस ऋतु हभ ऩै जफ ते स्माभ मसधाये ।।(सूयदास)

95. वह घय से फाहय गमा। इस वाक्म भें कौन सा कायक है?


(A) कताय
(B) कभय
(C) कयण
(D) अऩादान
उत्तय- D
व्माख्मा: प्रस्तत
ु वाक्म से घय से अरग होने का प्रतीक है। अत् अथय भें महाॉ अऩादान कायक होगा। जफ सॊऻा मा
सवयनाभ के ककसी रूऩ से ककन्हीॊ दो वस्तुओॊ के अरग होने का फोध होता है , तफ वहाॊ अऩादान कायक होता है।
अऩादान कायक का ववबकिक्त धर्न्ह- अऩादान कायक का बी ववबस्क्त चिन्ह “से” होता है। “से” चिन्ह कयण कायक
का बी होता है रेककन वहाॊ इसका भतरफ साधन से होता है।
अऩादान कायक के उदाहयण-
 उसके हाथ से घडी चगय गमी।
 ऩेड़ से आभ नीिे चगय गमा।
 भुझे बारू से दय रगता है।
 सुयेश छत से चगय गमा।
 साॊऩ ब्रफर से फाहय तनकरा।
 ऩ्
ृ वी सम
ू य से फहुत दयू है।
 आसभान से ब्रफजरी चगयती है।
 ऩेड़ से ऩत्ता टूटकय नीिे चगय गमा।

96. तटस्थ का ववरोभ है?


(A) आसक्त
(B) गौण
(C) सभस्ष्ट
(D) तनसक्त
उत्तय- A
व्माख्मा: तटस्थ का ववरोभ आसक्त है। इसका ववरोभ सॊमरप्त एवॊ अतटस्थ बी हो सकता है। जफकक गौण, भख्
ु म
का तथा सभस्ष्ट, व्मस्ष्ट का ववरोभ है।
ऩयीऺाऩमोगी अन्म भहत्वऩूणच ववरोभ शब्द-
शब्द ववरोभ शब्द ववरोभ शब्द ववरोभ शब्द ववरोभ
सौबाग्म दब
ु ायग्म साऺय तनयऺय साधु असाधु सुजन दज
ु न

सऩ
ु त्र
ु कुऩत्र
ु सभ
ु तत कुभतत सयस नीयस सि झठ

साकाय तनयाकाय सजीव तनजीव सुय असुय सॊऺेऩ ववस्ताय
सयस नीयस सौबाग्म दब
ु ायग्म सुगॊध दग
ु न्
य ध सगुण तनगण
ुय
सकक्रम तनष्क्रम सपर असपर सज्जन दज
ु न
य सॊतोष असॊतोष
सावधान असावधान सफर तनफयर सॊचध ववच्छे द स्वस्थ अस्वस्थ
सख
ु द्ु ख सयर कहठन सन्
ु दय असॊद
ु य स्वदे श ववदे श

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मशक्षऺत अमशक्षऺत सॊजीव तनजीव सदािाय दयु ािाय सभ ववषभ
सपर ववपर सजर तनजयर स्वजातत ववजातत सम्भख
ु ववभुख
साथयक तनयथयक सकभय तनष्कभय सुकभय कुकभय सगुण तनगण
ुय

97. तनम्नमरर्खत शब्दों भे से ववशेषण कौन नहीॊ है?


(A) आन्तरयक
(B) अन्तय
(C) आग्नेम
(D) अचधकायी
उत्तय- B
व्माख्मा: अन्तय ववशेष्म है। इसका ववशेषण आन्तरयक है जफकक आग्नेम ववशेषण है। इसका ववशेष्म अस्ग्न तथा
अचधकायी ववशेषण है। इसका ववशेष्म अचधकायी है।
ववशेष्म औय ववशेषण भें सम्फन्ध- ववशेषण सॊऻा अथवा सवयनाभ की ववशेषता फताता है औय स्जस सॊऻा मा सवयनाभ
की ववशेषता फतामी जाती है , उसे ववशेष्म कहते हैं। वाक्म भें ववशेषण का प्रमोग दो प्रकाय से होता है - कबी
ववशेषण ववशेष्म के ऩहरे आता है औय कबी ववशेष्म के फाद।
प्रमोग की दृकिष्ट से ववशेषण के दो बेद है- (1) ववशेष्म-ववशेषण (2) ववधेम-ववशेषण
(1) ववशेष्म-ववशेष- जो ववशेषण ववशेष्म के ऩहरे आमे, वह ववशेष्म-ववशेष होता हैं।
जैसे- यभेश 'िॊिर' फारक है। सुनीता 'सुशीर' रड़की है।
इन वाक्मों भें 'िॊिर' औय 'सश
ु ीर' क्रभश् फारक औय रड़की के ववशेषण हैं, जो सॊऻाओॊ (ववशेष्म) के ऩहरे आमे
हैं।
(2) ववधेम-ववशेषण- जो ववशेषण ववशेष्म औय कक्रमा के फीि आमे , वहाॉ ववधेम-ववशेषण होता हैं।
जैसे- भेया कुत्ता 'कारा' हैं। भेया रड़का 'आरसी' है। इन वाक्मों भें 'कारा' औय 'आरसी' ऐसे ववशेषण हैं,
जो क्रभश् 'कुत्ता'(सॊऻा) औय 'है'(कक्रमा) तथा 'रड़का'(सॊऻा) औय 'है'(कक्रमा) के फीि आमे हैं।
सॊऻा से ववशेषण शब्दों की यर्ना
सॊऻा ववशेषण सॊऻा ववशेषण
 कथन कचथत याधा याधेम
 तुॊद तुॊहदर गॊगा गाॊगेम
 धन धनवान दीऺा दीक्षऺत
 तनमभ तनममभत तनषेध तनवषद्ध
 प्रसॊग प्रासॊचगक ऩवयत ऩवयतीम
 प्रदे श प्रादे मशक प्रकृतत प्राकृततक
 फुद्ध फौद्ध बूमभ बौमभक
 भत्ृ मु भत्मय भुख भौर्खक
 यसामन यासामतनक याजनीतत याजनीततक
 रघु राघव रोब रुब्ध/रोबी
 वन वन्म श्रद्धा श्रद्धेम/श्रद्धारु

98. तनम्नमरर्खत शब्द भें सस्न्ध-ववच्छे द कयते सभम हदए गए ववकल्ऩो भें से सही रुऩ छाहटएॉ:
ननष्काभ

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(A) तनष ्+काभ
(B) तन्+काभ
(C) तनश+काभ
(D) तनस ्+काभ
उत्तय- B
व्माख्मा: तनष्काभ का सस्न्ध ववच्छे द तन्+काभ होता है। मह ववसगय सस्न्ध है।

99. ――नवयात्र―― भें कौन सा सभास है ?


(A) फहुिीहह सभास
(B) द्वन्द्व सभास
(C) कभयधायम सभास
(D) द्ववगु सभास
उत्तय- D
व्माख्मा: ――नवयात्र―― भें द्ववगु सभास सभास है।
द्ववगु सभास:- स्जस सभस्त-ऩद का ऩूवऩ
य द सॊख्मावािक ववशेषण हो, वह द्ववगु कभयधायम सभास कहराता है। जैसे-
सभस्त-ऩद ववग्रह
 सप्तमसॊधु सात मसॊधुओॊ का सभूह
 दोऩहय दो ऩहयों का सभूह
 ब्रत्ररोक तीनों रोको का सभाहाय
 ततयॊ गा तीन यॊ गों का सभूह
 दअ
ु त्री दो आनों का सभाहाय
 ऩॊितॊत्र ऩाॉि तॊत्रों का सभूह
 ऩॊजाफ ऩाॉि आफों (नहदमों) का सभूह
 ऩॊियत्न ऩाॉि यत्नों का सभह

 नवयाब्रत्र नौ याब्रत्रमों का सभूह
 ब्रत्रवेणी तीन वेर्णमों (नहदमों) का सभूह
 सतसई सात सौ दोहों का सभूह
द्ववगु के बेद- इसके दो बेद होते है- (i) सभाहायद्ववगु औय (ii) उत्तयऩदप्रधानद्ववगु।
(i) सभाहायद्ववगु :- सभाहाय का अथय है 'सभद
ु ाम' 'इकट्ठा होना' 'सभेटना'। जैसे-
 तीनों रोकों का सभाहाय= ब्रत्ररोक
 ऩाॉिों वटों का सभाहाय= ऩॊिवटी
 ऩाॉि सेयों का सभाहाय= ऩसेयी
 तीनो बुवनों का सभाहाय= ब्रत्रबुवन
(ii) उत्तयऩदप्रधानद्ववग:ु -उत्तयऩदप्रधान द्ववगु के दो प्रकाय है -
(a) फेटा मा उत्ऩत्र के अथय भें; जैसे- दो भाॉ का- द्वैभातुय मा दभ
ु ाता; दो सूतों के भेर का- दस
ु ूती;
(b) जहाॉ सिभुि ही उत्तयऩद ऩय जोय हो; जैसे- ऩाॉि प्रभाण (नाभ) =ऩॊिप्रभाण; ऩाॉि हत्थड़ (हैस्ण्डर)= ऩॉिहत्थड़।

100. तनम्न भें से कौन-से वाक्म भें अऩण


ू य वतयभान कार का प्रमोग हुआ है?
(A) ऩाथय खेरता है।

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(B) ऩाथय खेर यहा है।
(C) ऩाथय खेरता होगा।
(D) ऩाथय खेर यहा होगा।
उत्तय- B
व्माख्मा: अऩूणय वतयभान को तात्कामरक वतयभान बी कहते है। इस कार की कक्रमा जायी यहती है इससे सातत्मता
का फोध होता है। ऩाथय खेर यहा है वाक्म अऩूणय वतयभान का उदाहयण है।
वतचभान कार के बेद- वतयभान कार के ऩाॉि बेद होते है -
(i)साभान्म वतयभानकार
(ii)तत्कामरक वतयभानकार
(iii)ऩूणय वतयभानकार
(iv)सॊहदग्ध वतयभानकार
(v)सॊबाव्म वतयभानकार
(i) साभान्म वतचभानकार :-कक्रमा का वह रूऩ स्जससे कक्रमा का वतयभानकार भें होना ऩामा जाम, 'साभान्म
वतयभानकार' कहराता है। जो कक्रमा वतयभान भें साभान्म रूऩ से होती है, वह साभान्म वतयभान कार की कक्रमा
कहराती है।
जैसे- वह आता है। वह दे खता है। दादी भारा जऩती हैं।
(ii) तत्कासरक वतचभानकार:- इससे मह ऩता िरता है कक कक्रमा वतयभानकार भें हो यही है।
जैसे- भै ऩढ़ यहा हूॉ; वह जा यहा है।
(iii) ऩण
ू च वतचभानकार :- इससे वतयभानकार भें कामय की ऩण
ू य मसद्चध का फोध होता है।
जैसे- वह आमा है ; सीता ने ऩुस्तक ऩढ़ी है।
(iv) सॊटदग्ध वतचभानकार :- स्जससे कक्रमा के होने भें सन्दे ह प्रकट हो, ऩय उसकी वतयभानकार भें सन्दे ह न हो। उसे
सॊहदग्ध वतयभानकार कहते हैं। स्जस कक्रमा के वतयभान सभम भें ऩूणय होने भें सॊदेह हो, उसे सॊहदग्ध वतयभानकार
कहते हैं।
जैसे- याभ खाता होगा; वह ऩढ़ता होगा।
उऩमक्
ुय त वाक्मों की कक्रमाओॊ के होने भें सॊदेह है। अत् मे सॊहदग्ध वतयभान कार की कक्रमाएॉ हैं।
(v) सम्बाव्म वतचभानकार :-इससे वतयभानकार भें काभ के ऩूया होने की सम्बवना यहती है।
जैसे- वह आमा हो; वह रौटा हो।

101. ककस कृतत को सॊगीत अकादभी का प्रथभ ऩयु स्काय 1959 भें प्राप्त हुआ है ?
(A) आषाढ़ का एक हदन
(B) आधे अधूये
(C) रहयों का याजहॊस
(D) इनभें से कोई बी नहीॊ
उत्तय- A
व्माख्मा: भोहन याकेश द्वाया यचित नाटक, आषाढ़ का एक हदन, मथाथयवादी नाटक है। इस ब्रत्रखॊडीम नाटक का
प्रकाशन वषय 1958 भें ककमा गमा। इसे हहन्दी नाटक के आधुतनक मुग का प्रथभ नाटक बी कहा जाता है। इस
नाटक को वषय 1959 भें सवयश्रेष्ठ नाटक होने के मरए सॊगीत नाटक अकादभी ऩुयस्काय से सम्भातनत ककमा गमा।
आषाढ़ का एक हदन, भहाकवव कामरदास ने तनजी जीवन ऩय आधारयत है, इस नाटक का शीषयक कामरदास की कृतत
भेघदत
ू भ की शरू
ु आती ऩॊस्क्तमों से मरमा गमा है।

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 सॊगीत नाटक अकादभी बायत सयकाय द्वाया स्थावऩत बायत की सॊगीत एवॊ नाटक की याष्रीम स्तय की
सफसे फड़ी अकादभी है। इसका भुख्मारम हदल्री भें है
 सॊगीत नाटक अकादभी को 1952 के बायत सयकाय के याजऩत्र भें अचधसूचित 31 भई 1952 के बायत
सयकाय के मशऺा भॊत्रारम (तत्कारीन) के प्रस्ताव द्वाया फनामा गमा था।
 सॊगीत नाटक अकादभी के ऩहरे अध्मऺ - डॉ ऩी.वी. याजाभन्नाय.
 सॊगीत नाटक अकादभी के वतयभान अध्मऺ - शेखय सेन.

102. याभधायी मसॊह हदनकय को ककस कृतत ऩय ऻानऩीठ ऩुयस्काय प्राप्त हुआ था?
(A) उवयशी
(B) कुरूऺेत्र
(C) साभधेनी
(D) हुॊकाय
उत्तय- A
व्माख्मा: ऻानऩीठ ऩुयस्काय बायतीम सॊववधान की आठवीीँ अनस
ु ि
ू ीॊ भें शामभर सबी बायतीम बाषाओॊ (22) भें से
ककसी एक सवोत्कृष्ट यिना के मरए प्रदान ककमा जाता है|
 हहन्दी साहहत्म भें सवयप्रथभ ऻानऩीठ ऩुयस्काय प्राप्त कनये वारे सुमभत्रानन्दन ऩन्त थे, स्जन्हें मह ऩुयस्काय
वषय 1968 भें चिदम्फया, के मरए प्रदान ककमा गमा।
 तत्ऩश्िात याभधायी मसॊह हदनकय को वषय 1972 भें उवयशी के मरए वषय 1978 भें, अऻेम को ककतनी नावों
भें ककतनी फाय के मरए, वषय 1982 भें भहादे वी वभाय को माभा के मरए वषय 1992 भें नये श भेहता को, वषय
1999 भें तनभयर वभाय को, वषय 2005 भें कुॉवय नायामण को, वषय 2009 भें अभयकान्त एवॊ श्रीरार शक्
ु र
को सॊमुक्त रूऩ से, वषय 2013 भें केदायनाथ मसॊह को अकार भें सायस के मरए तथा वषय 2017 भें कृष्ण
सोफती को हहन्दी साहहत्म भें ऻानऩीठ ऩुयस्काय प्राप्त हुआ।
 इस प्रकाय अफ तक कुर 11 हहन्दी यिनाकायों को ऻानऩीठ ऩुयस्काय प्रदान ककमा गमा है।
 ऻानऩीठ ऩयु स्काय बायतीम ऻानऩीठ न्मास द्वाया बायतीम साहहत्म के मरए हदमा जाने वारा सवोच्ि
ऩुयस्काय है। बायत का कोई बी नागरयक जो आठवीॊ अनुसूिी भें फताई गई 22 बाषाओॊ भें से ककसी बाषा
भें मरखता हो इस ऩुयस्काय के मोग्म है। ऩुयस्काय भें ग्मायह राख रुऩमे की धनयामश, प्रशस्स्तऩत्र औय
वाग्दे वी की काॊस्म प्रततभा दी जाती है।
 ऩहरा ऻानऩीठ ऩुयस्काय 1965 भें भरमारभ के रेखक जी शॊकय कुरूऩ को प्रदान ककमा गमा था।
समु भत्रानॊदन ऩॊत ऻानऩीठ ऩयु स्काय से सम्भातनत होने वारे हहन्दी के ऩहरे यिनाकाय थे।
 कृष्णा सोफती ऻानऩीठ ऩुयस्काय से सम्भातनत होने वारी हहन्दी की 11वीॊ यिनाकाय हैं। इससे ऩहरे हहन्दी
के 10 रेखकों को ऻानऩीठ ऩुयस्काय मभर िुका है। इनभें ऩॊत, हदनकय, अऻेम औय भहादे वी वभाय शामभर
हैं।

103. सि
ू ी-I के सभह
ू ो का मभरान सि
ू ी-II से कीस्जए औय हदमे गमे कूट से सही उत्तय का िमन कीस्जए।
सूिी-I सूिी-II
(A) कामरदास 1. ऋतुसॊहायभ ्
(B) बवबूतत 2. दशकुभायिरयतभ ्
(C) दण्डी 3. नैषधीमिरयतभ ्
(D) फाणबट्ट 4. उत्तययाभिरयतभ ्
(E) श्रीहषय 5. कादम्फयी

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कूट:
(A) A-1 B-4 C-2 D-5 E-3
(B) A-2 B-3 C-4 D-5 E-1
(C) A-1 B-4 C-3 D-2 E-5
(D) A-4 B-1 C-5 D-3 E-2
उत्तय- A
व्माख्मा: सही सभेरन इस प्रकाय है।
 कामरदास ऋतुसॊहायभ ्
 बवबतू त उत्तययाभिरयतभ ्
 दण्डी दशकुभायिरयतभ ्
 फाणबट्ट कादम्फयी
 श्रीहषय नैषधीमिरयतभ ्

104. ‘भद्र
ु ायाऺस’ नाटक का यितमता कौन है?
(A) कुभायदास
(B) शद्र
ू क
(C) अभय मसॊह
(D) ववशाखदत्त
उत्तय- D
व्माख्मा: भुद्रायाऺस सॊस्कृत का ऐततहामसक नाटक है, स्जसके यितमता ववशाखदत्त है। इस नाटक भें इततहास औय
याजनीतत का सुन्दय सभन्वम प्रस्तुत ककमा गमा है। इस ग्रन्थ के िरयत्र-चित्रण भे ववशेष तनमणता का प्रदशयन
मभरता है।
अन्म भहत्वऩूणच तथ्म
 ववशाखदत्त की ओय यिनाएॉ हैं- दे वीनिन्द्रगप्ु त तथा अमबसारयकावॊचितक।
 ववशाखदत्त के इस नाटक भें िाणक्म औय िन्द्रगुप्त भौमय सम्फन्धी ख्मात वत्त
ृ के आधाय ऩय िाणक्म की
याजनीततक सपरताओॊ का अऩूवय ववश्रेषण मभरता है।
 इस भहत्वऩूणय नाटक को हहन्दी भें सवयप्रथभ अनूहदत कयने का श्रेम बायतेन्द ु हरयश्िन्द्र को प्राप्त है।
 भुद्रायाऺस भें साहहत्म औय याजनीतत के तत्वों का भर्ण-कॊिन-मोग मभरता है, स्जसका कायण सम्बवत्
मह है कक ववशाखदत्त का जन्भ याजकुर भे हुआ था। वे साभन्त फटे श्वयदत्त के ऩौत्र औऱ भहायाज ऩथ
ृ ु के
ऩुत्र थे।

105. ‘तनववयवाद’ भें कौन-सा सभास है?


(A) कभयधायम
(B) अव्ममीबाव
(C) तत्ऩुरूष
(D) फहुिीहह
उत्तय- B
व्माख्मा: तनववयवाद अथायत ् ब्रफना वववाद के भें अव्ममीबाव सभास है।
अव्ममीबाव सभास- इस सभास भें ऩहरा मा ऩव
ू ऩ
य द अव्मम होता है औय उसका अथय प्रधान होता है। अव्मम के
सॊमोग से सभस्तऩद बी अव्मम फन जाता है। इसभें ऩूवऩ
य द प्रधान होता है।

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(अव्मम क्मा होते है ?-स्जन शब्दों ऩय मरॊग, कायक, कार आहद से बी कोई प्रबाव न ऩड़े अथायत जो अऩरयवततयत यहें ,
वे शब्द अव्मम कहराते हैं।_
 अव्ममीबाव सभास के ऩहरे ऩद भें अन,ु आ, प्रतत, मथा, बय, हय आहद आते है।
अव्ममीबाव सभास के उदाहयण
 आजन्भ: जन्भ से रेकय
 मथाभतत : भतत के अनुसाय
 प्रततहदन : हदन-हदन
 मथाशस्क्त : शस्क्त के अनुसाय
 अनजाने : ब्रफना जाने
 घय-घय : प्रत्मेक घय
 तनस्सॊदेह : सॊदेह यहहत
 प्रत्मऺ : आॉखों के साभने
 फेखटके : ब्रफना खटके
 मथासभम : सभम के अनस
ु ाय
 मथारुचि : रूचि के अनुसाय
 प्रततवषय : प्रत्मेक वषय
 प्रततसप्ताह : प्रत्मेक सप्ताह
 मथाक्रभ : क्रभ के अनुसाय
 मथानाभ : नाभ के अनस
ु ाय
 प्रततऩर : ऩर-ऩर
 प्रत्मेक : हय एक
 आजीवन : जीवन बय
 आभयण : भत्ृ मु तक
 तनडय : ब्रफना डय के
 हयघडी : घडी-घडी
 प्रततभास : प्रत्मेक भास
 हाथों हाथ : एक हाथ से दस
ु ये हाथ
 सहसा : एक दभ से
 अकायण : ब्रफना कायण के
 धड़ाधड़ : जल्दी से
 फेयहभ : ब्रफना यहभ के
 फकामदा : कामदे के साथ
 फेकाभ : ब्रफना काभ का
 अध्मात्भ : आत्भा से सम्फॊचधत
 तनस्सॊदेह : ब्रफना सॊदेह के
 फेशक : ब्रफना शक के
 फेनाभ : ब्रफना नाभ के
 फेकाभ : ब्रफना काभ के
 फेरगाभ : रगाभ के ब्रफना
 बयऩेट : ऩेट बय कय

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 बयऩूय : ऩूया बय के
 यातबय : ऩूयी यात
 हदनबय : ऩूये हदन
 यातोंयात : यात ही यात भें
 हाथोंहाथ : एक हाथ से दस
ु ये हाथ भें
 घडी-घडी :हय घडी
 सा -सा : ब्रफरकुर स्ऩष्ट

106. ‘तनष्णात’ का सवायचधक उऩमक्


ु त अथय है?
(A) िाराक
(B) ववशेषऻ
(C) कुशर
(D) ववश्वसनीम
उत्तय- C
व्माख्मा: कुशर तनष्णात का सवायचधक उऩमुक्त अथय है।

107. ‘अत्मुस्क्त’ का सवायचधक उऩमुक्त अथय है?


(A) फकवास
(B) इधय-उधय
(C) ियभ सीभा
(D) फढ़ा-िढ़ाकय कहना
उत्तय- D
व्माख्मा: ककसी फात को फढ़ा-िढ़ाकय कहना अत्मुस्क्त कहराता है।

108. ‘तोता-िश्भ’ का इसभें से कौन-सा अथय सही है?


(A) मभठ फोरा
(B) अववश्वसनीम
(C) कृतध्न
(D) हहतैषी
उत्तय- C
व्माख्मा: तोता-िश्भ का अथय होता है - “स्जसकी आॉखों भें तोते की तयह सॊकोि का ऩूणय अबाव हो” अथायत ् कृतध्न
हो।

109. ‘अतनष्ट’ का ववरोभ फताइए?


(A) अबीष्ट
(B) अरयष्ट
(C) इष्ट
(D) अिेष्ट
उत्तय- C
व्माख्मा: अतनष्ट का ववरोभ इष्ट है।

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110. भहान, का स्त्रीमरॊग है?
(A) भहानती
(B) भहती
(C) भहत्री
(D) भहानी
उत्तय- B
व्माख्मा: भहान ् ऩुस्ल्रॊग तत्सभ शब्द है इसका अथय उच्िकोहट है। भहान ् के मरए स्त्रीमरॊग शब्द भहती होगा
स्जसका अथय उच्िकोहट मा भहहभा होगा।
स्त्रीसरॊग- ऐसे सॊऻा शब्द जो हभें स्त्री जातत का फोध कयाते हैं, वे शब्द स्त्रीमरॊग शब्द कहराते हैं। जैसे:
 सजीव : रड़की, फकयी, भाता, फॊदरयमा, गाम, भुगी, रोभड़ी, फहन, रक्ष्भी, नायी, शेयनी, घोड़ी आहद।
 तनजीव : सूई, कुसी, भेज, शाखा, मभुना, झोंऩड़ी, तरवाय, ढार, योटी, टोऩी, दारु, फार,ू यात, आहद।
सरॊग ऩरयवतचन के कुछ उदाहयण :
 रेखक : रेर्खका
 ववद्वान ् : ववदष
ु ी
 भहान : भहती
 साधु : साध्वी
 ऩॊडडत : ऩस्ण्डताइन
 हाथी : हचथनी
 सेठ : सेठानी
 स्वाभी : स्वामभनी
 दास : दासी
 भारी : भामरन
 रह
ु ाय : रह
ु ारयन
 सूत : सुता
 तऩस्वी : तऩस्स्वनी

111. तनम्नमरर्खत भें से कौन-सा शब्द ऩुस्ल्रॊग है?


(A) कऩट
(B) सुन्दयता
(C) भूखत
य ा
(D) तनद्रा
उत्तय- A
व्माख्मा: कऩट शब्द ऩस्ु ल्रॊग शब्द के रूऩ भें प्रमोग होता है जफकक भख
ू त
य ा, सन्
ु दयता एवॊ तनद्रा शब्द स्त्रीमरॊग शब्द
है।
ऩुकिल्रॊग- वे सॊऻा शब्द जो हभें ऩुरुष जातत का फोध कयाते हैं, वे शब्द ऩुस्ल्रॊग शब्द कहराते हैं। जैसे :
 सजीव : घोडा, कुत्ता, गधा, आदभी, रड़का, आहद।
 तनजीव : गभरा, द्ु ख, भकान, नाटक, रोहा, पूर आहद।
ऩकिु ल्रॊग की ऩहर्ान
(01) कुछ सॊऻाएॉ हभेशा ऩुस्ल्रॊग यहती है- खटभर, बेड़मा, खयगोश, िीता, भच्छय, ऩऺी, आहद।

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(02) सभूहवािक सॊऻा- भण्डर, सभाज, दर, सभह
ू , वगय आहद।
(03) बायी औय फेडौर वस्तुअॅोॅॊ- जूता, यस्सा, रोटा ,ऩहाड़ आहद।
(04) हदनों के नाभ- सोभवाय, भॊगरवाय, फुधवाय, वीयवाय, शक्र
ु वाय, शतनवाय, यवववाय आहद।
(05) भहीनो के नाभ- पयवयी, भािय, िैत, वैशाख आहद। (अऩवाद- जनवयी, भई, जर
ु ाई-स्त्रीसरॊग)
(06) ऩवयतों के नाभ- हहभारम, ववन्द्मािर, सतऩुड़ा, आल्प्स, मूयार, कॊिनजॊगा, एवये स्ट, पूजीमाभा आहद।
(07) दे शों के नाभ- बायत, िीन, इयान, अभेरयका आहद।
(08) नऺत्रों, व ग्रहों के नाभ- सूम,य िन्द्र, याहू, शतन, आकाश, फह
ृ स्ऩतत, फुध आहद। (अऩवाद- ऩथ्
ृ वी-स्त्रीसरॊग)
(09) धातुओॊ- सोना, ताॊफा, ऩीतर, रोहा, आहद।
(10) वऺ
ृ ों, परो के नाभ- अभरुद, केरा, शीशभ, ऩीऩर, दे वदाय, चिनाय, फयगद, अशोक, ऩराश, आभ आहद।
(11) अनाजों के नाभ- गेहूॉ, फाजया, िना, जौ आहद। (अऩवाद- भक्की, ज्वाय, अयहय, भॉग
ू -स्त्रीसरॊग)
(12) यत्नों के नाभ- नीरभ, ऩुखयाज, भॉग
ू ा, भार्णक्म, ऩन्ना, भोती, हीया आहद।
(13) पूरों के नाभ- गें दा, भोततमा, कभर, गुराफ आहद।
(14) दे शों औय नगयों के नाभ- हदल्री, रन्दन, िीन, रूस, बायत आहद।
(15) द्रव ऩदाथो के नाभ- शयफत, दही, दध
ू , ऩानी, तेर, कोमरा, ऩेरोर, घी आहद। (अऩवाद- र्ाम, कॉपी, रस्सी,
र्टनी- स्त्रीसरॊग)
(16) सभम- घॊटा, ऩर, ऺण, मभनट, सेकेंड आहद।
(17) द्वीऩ- अॊडभान-तनकोफाय, जावा, क्मूफा, न्मू पाउॊ डरैंड आहद।
(18) सागय- हहॊद भहासागय, प्रशाॊत भहासागय, अयफ सागय आहद।
(19) वणयभारा के अऺय- क् , ख ्, ग ्, घ ्, त ्, थ ्, अ, आ, उ, ऊ आहद। (अऩवाद- इ, ई, ऋ- स्त्रीसरॊग)
(20) शयीय के अॊग- हाथ, ऩैय, गरा, अॉगूठा, कान, मसय, भस्तक, भॉह
ु , घुटना, ह्रदम, दाॉत आहद।
(अऩवाद- जीब, आॉख, नाक, उॉ गसरमाॉ-स्त्रीसरॊग)
(21) आकायान्त सॊऻामें- गुस्सा, िश्भा, ऩैसा, छाता आहद।
(22) 'दान, खाना, वारा' आहद से अॊत होने वारे अचधकतय शब्द ऩुस्ल्रॊग होते हैं; जैसे- खानदान, ऩीकदान,
दवाखाना, जेरखाना, दध
ू वारा आहद।
(23) अ, आ, आव, ऩा, ऩन, क, त्व, आवा तथा औड़ा से अॊत होने वारी सॊऻाएॉ ऩुस्ल्रॊग होती हैं :
 खेर, ये र, फाग, हाय, मॊत्र आहद।
 रोटा, भोटा, गोटा, घोड़ा, हीया आहद।
 आव- ऩुराव, दयु ाव, फहाव, पैराव, झुकाव आहद।
 ऩा- फढ़
ु ाऩा, भोटाऩा, ऩज
ु ाऩा आहद।
 ऩन- रड़कऩन, अऩनाऩन, फिऩन, सीधाऩन आहद।
 क-रेखक, गामक, फारक, नामक आहद।
 त्व- भभत्व, ऩुरुषत्व, स्त्रीत्व, भनुष्मत्व आहद।
 आवा- बुरावा, छरावा, हदखावा, िढ़ावा आहद।
 औड़ा- ऩकौड़ा, हथौड़ा आहद।
(24) भच्छय, गैंडा, कौआ, बार,ू तोता, गीदड़, स्जयाप, खयगोश, जेफया आहद सदै व ऩुस्ल्रॊग होते हैं।
(25) कुछ प्रार्णवािक शब्द, जो सदै व ऩुरुष जातत का फोध कयाते हैं; जैसे- फारक, गीदड़, कौआ, कवव, साधु आहद।

112. ‘अनब
ु ाव’ ककसे कहते है?
(A) स्जसके रृदम भें बाव जागत
ृ हो।

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(B) स्जसके प्रतत स्थामी बाव उऩास्जत हो।
(C) आश्रम की फाह्रा शायीरयक िेष्टाओॊ को।
(D) चित्त भें उठने वारे भनोववकायों को
उत्तय- C
व्माख्मा: आिामय ववश्वनाथ के साहहत्म दऩयण के अनुसाय, आरम्फन औऱ उद्दीऩन ववबावों के कायण उत्ऩन्न बावों
को फाहय प्रकामशत कयने वारे कामय अनब
ु ाव कहराते है। अथायत ् आश्रम की फाह्रा शायीरयक िेष्टाओॊ के अनुबाव
कहते है।
अनुबाव: आरम्फन औय उद्मीऩन ववबावों के कायण उत्ऩन्न बावों को फाहय प्रकामशत कयनेवारे कामय 'अनुबाव'
कहराते है। अथवा भनोगत बाव को व्मक्त कयनेवारे शयीय-ववकाय अनब
ु ाव कहराते है। जो बावों का अनग
ु भन
कयते हों मा जो बावों का अनुबव कयाते हों, उन्हें अनुबाव कहते हैं : ''अनुबावमस्न्त इतत अनुबावा:'' ।
ववश्र्वनाथ ने साहहत्मदऩयण भें अनब
ु ाव की ऩरयबाषा इस प्रकाय दी है -
''उद्फुद्धॊ कायणै: स्वै: स्वैफहय हबायव: प्रकाशमन ् ।
रोके म् कामयरूऩ् सोऽनब
ु ाव् काव्मनाट्ममो: ।।''
अनब
ु ावों की सॊख्मा 8 भानी गई है-
(1) स्तॊब (2) स्वे द (3) योभाॊि (4) स्वय-बॊग (5) कम्ऩ (6) वववणयता (यॊ गहीनता) (7) अश्रु (8) प्ररम
(सॊऻाहीनता/तनश्िेष्टता) ।
अनुबाव के बेद- अत् अनुबाव के 5 बेद हैं-
(क) कातमक (ख) वाचिक (ग) भानमसक (घ) आहामय (ि) सास्त्वक
(क) कातमक- कटाऺ, हस्तसॊिारन आहद आॊचगक िेष्टाएॉ कातमक अनब
ु ाव कही जाती है।
(ख) वाचिक- बाव-दशा के कायण विन भें आमे ऩरयवतयन को वाचिक अनुबाव कहते हैं।
(ग) भानमसक- आॊतरयक ववृ त्तमों से उत्ऩत्र प्रभोद आहद बाव को भानमसक अनुबाव कहते हैं।
(घ) आहामय-फनावटी वेशयिना को आहामय अनुबाव कहते हैं।
(ि) सास्त्वक- शयीय के स्वाबाववक अॊग-ववकाय को सास्त्वक अनुबाव कहते हैं।

113. तनम्नमरर्खत भें स कौन-सा अल्ऩववयाभ चिन्ह है?


(A) (.)
(B) (;)
(C) (,)
(D) (।)
उत्तय- C
व्माख्मा: वाक्मों तथा शब्दों का ऩयस्ऩय सम्फन्ध फताने तथा ककसी ववषम-प्रसॊग को मबन्न-मबन्न वगों भें फाॉटने के
मरए ववयाभ चिन्हों की आवश्मकता ऩड़ती है। जो उच्िायण के सभम प्रमोग कयने से उस वाक्म अथवा शब्द का
अथय स्ऩष्ट होता है। भुख्म ववयाभ चिन्ह इस प्रकाय है।
ववयाभ धर्न्ह
ऩूणय ववयाभ (।)
अल्ऩ ववयाभ (,)
अधय ववयाभ (;)
मोजक चिन्ह (-)
प्रश्नवािक चिन्ह (?)
ववस्भमाहदफोधक चिन्ह (!)

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उद्धयण चिन्ह (“ ”)

114. सही वाक्म की ऩहिान करयए?


(A) सयु े श का ककताफ भेज ऩय है।
(B) सुयेश की ककताफ भेज ऩय है।
(C) सुयेश ककताफ की भेज ऩय है।
(D) भेज ऩय सुयेश का ककताफ है।
उत्तय- B
व्माख्मा: वाक्म भें ऩस्
ु तक स्त्रीमरॊग के रुऩ भें प्रमोग हुआ है, इसके साथ ‘की’ ववबस्क्त का प्रमोग होना िाहहए।

115. तनम्नमरर्खत भें से कौन-सा वाक्म गरत है?


(A) वह घोड़े ऩय सवाय था।
(B) एक चगरास ऩानी दीस्जए।
(C) केवर िाय रूऩमे भात्र दीस्जए।
(D) वे फड़े सज्जन हैं।
उत्तय- C
व्माख्मा: केवर एवॊ भात्र भें से ककसी एक का ही प्रमोग उचित है।

116. तनम्न भें सही वतयनी हैं?


(A) अन्तमाऺयी
(B) अन्ताऺयी
(C) अॊत्माऺयी
(D) अनत्माऺयी
उत्तय- C
व्माख्मा: अॊत्माऺयी शब्द भें सही वतयनी है। अॊत के अऺय से कोई कववता ऩाठ, गीत शरू
ु कयने के कायण इसे
अॊत्माऺयी कहते है।

117. जूता शब्द है?


(A) तद्बव
(B) तत्सभ
(C) ववदे शी
(D) दे शज
उत्तय- D
व्माख्मा: जत
ू ा शब्द दे शज है।
उत्ऩनत की दृकिष्ट से शब्द-बेद- (i) तत्सभ शब्द (ii) तद्बव शब्द (iii) दे शज शब्द एवॊ (iv) ववदे शी शब्द।
दे शज शब्द: दे श + ज अथायत दे श भें जन्भा। जो शब्द दे श के ववमबन्न प्रदे शों भें प्रिमरत आभ फोर-िार की बाषा
से हहॊदी भें आ गए हैं, वे दे शज शब्द कहराते हैं। दे श की फोरिार भें ऩामे जानेवारे शब्द 'दे शज शब्द' कहराते हैं।
जैसे- चिडड़मा, कटया, कटोया, र्खयकी, जूता, र्खिड़ी, ऩगड़ी, रोटा, डडब्रफमा, तें दआ
ु , कटया, अण्टा, ठे ठ, ठुभयी,
खखया, िसक, पुनगी, डोंगा आहद।

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 दे शज वे शब्द है , स्जनकी व्मुत्ऩवत्त का ऩता नही िरता। मे अऩने ही दे श भें फोरिार से फने है , इसमरए
इन्हे दे शज कहते है।
 हे भिन्द्र ने उन शब्दों को 'दे शी' कहा है, स्जनकी व्मुत्ऩवत्त ककसी सॊस्कृत धातु मा व्माकयण के तनमभों से
नहीॊ हुई। ववदे शी ववद्वान जॉन फीम्स ने दे शज शब्दों को भख्
ु मरूऩ से अनामयस्त्रोत से सम्फद्ध भाना हैं।

118. तनम्नमरर्खत भें से दे शज शब्द कौन-सा नहीॊ है?


(A) रोटा
(B) ठे ठ
(C) आईना
(D) ऩगड़ी
उत्तय- C
व्माख्मा: आईना, ववदे शी (पायसी) शब्द है। अन्म दे शज शब्द है।
पायसी शब्द- अपसोस, आफदाय, आफरू, आततशफाजी, अदा, आयाभ, आभदनी, आवाया, आपत, आवाज, आइना,
उम्भीद, कफत
ू य, कभीना, कुश्ती, कुश्ता, ककशमभश, कभयफन्द, ककनाया, कूिा, खार, खद
ु , खाभोश, खयगोश, खश
ु ,
खुयाक, खूफ, गदय, गज, गुभ, गल्रा, गवाह, चगयफ्ताय, गयभ, चगयह, गुरूफन्द, गुराफ, गुर, गोश्त, िाफुक, िादय,
चियाग, िश्भा, ियखा, िॉकू क, िेहया, िाशनी, जॊग, जहय, जीन, जोय, जफय, स्जन्दगी, जाद,ू जागीय, जान, जुयभाना,
स्जगय, जोश, तयकश, तभाशा, तेज, तीय, ताक, तफाह, तनख्वाह, ताजा, दीवाय, दे हात, दस्तूय, दक
ु ान, दयफाय, दॊ गर,
हदरेय, हदर, दवा, नाभदय, नाव, नाऩसन्द, ऩरॊग, ऩैदावाय, ऩरक, ऩुर, ऩाया, ऩेशा, ऩैभाना, फेवा, फहया, फेहूदा,
फीभाय, फेयहभ, भादा, भाशा, भराई, भदु ाय, भजा, भफ्
ु त, भोिाय, भीना, भग
ु ाय, भयहभ, माद, माय, यॊ ग, योगन, याह,
रश्कय, रगाभ, रेककन, वनाय, वावऩस, शादी, शोय, मसताया, मसताय, सयासय, सुख,य सयदाय, सयकाय, सद
ू , सौदागय,
हफ्ता, हजाय इत्माहद।

119. अयफी शब्द कौन-सा है?


(A) औयत
(B) फहया
(C) भुगाय
(D) जोय
उत्तय- A
व्माख्मा: औयत, अयफी शब्द है। शेष पायसी शब्द हैं।
अयफी शब्द- अदा, अजफ, अभीय, अजीफ, अजामफ, अदावत, अक्र, असय, अहभक, अल्रा, आसाय, आर्खय, आदभी,
आदत, इनाभ, इजरास, इज्जत, इभायत, इस्तीपा, इराज, ईभान, उम्र, एहसान, औयत, औसत, औराद, कसूय,
कदभ, कि, कसय, कभार, कजय, क़स्त, ककस्भत, ककस्सा, ककरा, कसभ, कीभत, कसयत, कुसी, ककताफ, कामदा,
काततर, खफय, खत्भ, खत, र्खदभत, खयाफ, खमार, गयीफ, गैय, स्जस्भ, जरसा, जनाफ, जवाफ, जहाज, जामरभ,
स्जक्र, तभाभ, तकदीय, तायीप, तककमा, तभाशा, तयप, तै, तादाद, तयक्की, तजयु फा, दार्खर, हदभाग, दवा, दाफा,
दावत, दफ्तय, दगा, दआ
ु , दपा, दल्रार, दक
ु ान, हदक, दतु नमा, दौरत, दान, दीन, नतीजा, नशा, नार, नकद,
नकर, नहय, पकीय, पामदा, पैसरा, फाज, फहस, फाकी, भुहावया, भदद, भयजी, भार, मभसार, भजफूय, भारूभ,
भाभूरी, भुकदभा, भुल्क, भल्राह, भौसभ, भौका, भौरवी, भुसाकपय, भशहूय, भजभून, भतरफ, भानी, भान, याम,
मरहाज, रफ्ज, रहजा, मरपापा, रामक, वारयस, वहभ, वकीर, शयाफ, हहम्भत, हैजा, हहसाफ, हयाभी, हद, हज्जाभ,
हक, हुक्भ, हास्जय, हार, हामशमा, हाककभ, हभरा, हवारात, हौसरा इत्माहद।

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120. तनम्नमरर्खत भें से कौन-सा शब्द कक्रमाथयक सॊऻा है?
(A) खेर
(B) गणना
(C) भहान
(D) ऩीना
उत्तय- B
व्माख्मा: गणना शब्द कक्रमाथयक सॊऻा है। जफ कोई कक्रमा सॊऻा की बाॉतत व्मवहाय भें आती है, तफ उसे कक्रमाथयक-
सॊऻा कहते है।
फिमा से बाववार्क सॊऻा फनाना

फिमा बाववार्क सॊऻा फिमा बाववार्क सॊऻा

खोजना- खोज सीना- मसराई

जीतना- जीत योना- रुराई

रड़ना- रड़ाई ऩढ़ना- ऩढ़ाई

िरना- िार, िरन ऩीटना- वऩटाई

दे खना- हदखावा, हदखावट सभझना- सभझ

सीॊिना- मसॊिाई ऩड़ना- ऩड़ाव

ऩहनना- ऩहनावा िभकना- िभक

रूटना- रूट जोड़ना- जोड़

घटना- घटाव नािना- नाि

फोरना- फोर ऩज
ू ना- ऩज
ू न

झूरना- झूरा जोतना- जुताई

कभाना- कभाई फिना- फिाव

रुकना- रुकावट फनना- फनावट

मभरना- मभरावट फुराना- फुरावा

बूरना- बूर छाऩना- छाऩा, छऩाई

फैठना- फैठक, फैठकी फढ़ना- फाढ़

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फिमा बाववार्क सॊऻा फिमा बाववार्क सॊऻा

घेयना- घेया छीॊकना- छीॊक

कपसरना- कपसरन खऩना- खऩत

यॉगना- यॉगाई, यॊ गत भस
ु काना- भस
ु कान

उड़ना- उड़ान घफयाना- घफयाहट

121. इनभें व्मस्क्तवािक सॊऻा कौन-सी है?


(A) भाण्डवी
(B) घये रू
(C) बरा
(D) स्वतॊत्र
उत्तय- A
व्माख्मा: जो शब्द ककसी व्मस्क्त, स्थान एवॊ वस्तु का फोध कयाते है, उन्हें व्मस्क्तवािक सॊऻा कहते हैं, जैसे-
श्माभ, मभुना, भाम्डवी, एवॊ कानऩुय आहद।
व्मकिक्तवार्क सॊऻा:-स्जस शब्द से ककसी ववशेष व्मस्क्त, वस्तु मा स्थान के नाभ का फोध हो उसे व्मस्क्तवािक
सॊऻा कहते हैं। जैसे-
 व्मस्क्त का नाभ-यवीना, सोतनमा, श्माभ, हरय, सुयेश, सचिन आहद।
 वस्तु का नाभ- काय, टाटा िाम, कुयान, गीता याभामण आहद।
 स्थान का नाभ-ताजभहर, कुतुफभीनाय, जमऩुय आहद।
 हदशाओॊ के नाभ- उत्तय, ऩस्श्र्िभ, दक्षऺण, ऩव
ू ।य
 दे शों के नाभ- बायत, जाऩान, अभेरयका, ऩाककस्तान, फभाय।
 याष्रीम जाततमों के नाभ- बायतीम, रूसी, अभेरयकी।
 सभुद्रों के नाभ- कारा सागय, बूभध्म सागय, हहन्द भहासागय, प्रशान्त भहासागय।
 नहदमों के नाभ- गॊगा, िह्भऩुत्र, फोल्गा, कृष्णा, कावेयी, मसन्धु।
 ऩवयतों के नाभ- हहभारम, ववन्ध्मािर, अरकनन्दा, कयाकोयभ।
 नगयों, िौकों औय सड़कों के नाभ- वायाणसी, गमा, िाॉदनी िौक, हरयसन योड, अशोक भागय।
 ऩुस्तकों तथा सभािायऩत्रों के नाभ- याभिरयतभानस, ऋग्वेद, धभयमुग, इस्ण्डमन नेशन, आमायवतय।
 ऐततहामसक मुद्धों औय घटनाओॊ के नाभ- ऩानीऩत की ऩहरी रड़ाई, मसऩाही-ववद्रोह, अक्तूफय-क्रास्न्त।
 हदनों, भहीनों के नाभ- भई, अक्तूफय, जुराई, सोभवाय, भॊगरवाय।
 त्मोहायों, उत्सवों के नाभ- होरी, दीवारी, यऺाफन्धन, ववजमादशभी।

122. तनम्नमरर्खत रोकोस्क्त के सही अथय िुतनए-


अटका फननमा दे इ उधाय-
(A) फतनमा जो अऩनी गयज ऩय ही सुनता है।
(B) फतनमा ऩये शानी भें बी उधाय नहीॊ दे ता।
(C) फतनमा उधाय कबी-कबी ही दे ता है।

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(D) अऩनी गयज ऩय दफना ऩड़ता है।
उत्तय- D
व्माख्मा: अटका फतनमा दे इ उधाय- अऩनी गयज ऩय दफना ऩड़ता है।

123. तनम्नमरर्खत रोकोस्क्तम के सही अथय िुतनए-


न ऊधो का रेना, न भाधो का दे ना-
(A) दस
ू ये के झॊझट भें दखर न दे ना
(B) ककसी झॊझट भें ऩड़ना
(C) ककसी से उधाय न रेना
(D) नकद रेन-दे न कयना
उत्तय- A
व्माख्मा: न ऊधो का रेना, न भाधो का दे ना- दस
ू ये के झॊझट भें दखर न दे ना

124. ‘मसय से ऩानी गज


ु य जाना’ भह
ु ावये का अथय क्मा है?
(A) गहये ऩानी भें स्नान कयना।
(B) सहनशीरता की सीभा टूट जाना।
(C) अच्छी प्रकाय से मसय धोना।
(D) डूफने से ऩि जाना।
उत्तय- B
व्माख्मा: ‘मसय से ऩानी गुजय जाना’ भुहावये का अथय सहनशीरता की सीभा टूट जाना है।

125. तनम्नमरर्खत प्रश्न भें िाय शब्दो का सभूह हदमा गमा है। सभूह भें एक ऩमायमवािी नहीॊ है। उसका िमन
कीस्जए।
(A) ऋणी
(B) दे नदाय
(C) उदाय
(D) कजायदाय
उत्तय- C
व्माख्मा: उदाय का ऩमायमवािी शब्द दमारत
ु ा है न कक ऋणी, दे नदाय औय कजयदाय। अत् उदाय इस सभह
ू भें
ऩमायमवािी शब्द नहीॊ है।

126. एक धनात्भक ऩण
ू ािंक का 20 गन
ु ा अऩने वगय से 96 कभ है । वह ऩण
ू ािंक क्मा होगा?
(A) 20
(B) 24
(C) 30
(D) 34
उत्तय- B
व्माख्मा: भाना धनात्भक ऩूणािंक X है ।
प्रश्नानस
ु ाय

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X2 = 20 X + 96
X2 – 20 X – 96 = 0
X2 – 24 X + 4 X – 96 =0
X(X-24) + 4(X-24) = 0
(X-24) (X+4) = 0
X = 24, -4
अत् अबीष्ट ववकल्ऩ B है ।

127. दो सॊख्माओॊ का गण
ु नपर 36 है औय उनका मोग 13 है । तदानस
ु ाय उन दोनों सॊख्माओॊ के फीि
का धनात्भक अॊतय ककतना होगा?
(A) 1
(B) 3
(C) 5
(D) 9
उत्तय- C
व्माख्मा: भाना दोनों सॊख्माएॊ क्रभश् a तथा b है ।
a + b = 13 तथा ab = 36
(a-b)2 = (a+b)2 - 4ab = 132 -4 ⨯ 36
= 169 – 144 = 25
a-b = = 5
द्ववतीम ववधध :
भाना सॊख्माएॊ 9 तथा 4 है क्मोंकक 9 तथा 4 का धनात्भक अॊतय 5 होता है । तथा दोनों
सॊख्माओॊ का गण
ु नपर = 9 ⨯ 4 = 36 एवॊ उनका मोग = 9 + 4 = 13
सॊख्माएॊ 9 तथा 4 प्रश्न के कथन को ऩूया कयता है
सॊख्माओॊ का अन्तय = 9 – 4 = 5

128. प्रथभ 20 ववषभ प्राकृततक सॊख्माओॊ मोग क्मा होगा?


(A) 210
(B) 300
(C) 400
(D) 420
उत्तय- C
व्माख्मा: प्रथभ n ववषभ प्राकृततक सॊख्माओॊ का मोग = n2
प्रथभ 20 ववषभ प्राकृततक सॊख्माओॊ का मोग = 202 = 400

129. महद दो सॊख्माओॊ का गण


ु नपर 2160 औय उच्ितभ सभाऩवतयक (HCF) 06 है । तो उच्ितभ
सभाऩवतयक (HCF) औय रघत्त
ु भ सभाऩवत्मय (LCM) का अनऩ
ु ात है ?

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(A) 21:60
(B) 60:21
(C) 01:60
(D) 60:01
उत्तय- C
व्माख्मा: HCF:LCM = 06:2160/6
= 6:360
= 01:60

130. ववद्माचथयमों की अचधकतभ सॊख्मा ऻात कीस्जए स्जसभें 1001 ऩेन औय 910 ऩें मसरें इस प्रकाय फाॊटी
जाएॊ कक प्रत्मेक को मभरे ऩेनों की सॊख्मा फयाफय हो एवॊ प्रत्मेक को मभरे ऩें मसरों की सॊख्मा फयाफय हो।
(A) 91
(B) 1001
(C) 910
(D) 1911
उत्तय- A
व्माख्मा: ववद्मचथयमों की अबीष्ट सॊख्मा 1001 तथा 910 का भ.स. होगी। जो 91 है ।

131. दो सॊख्माओॊ का भहत्तभ सभाऩवतयक 16 तथा उनका गण


ु नपर 6400 है । उनका रघ
ु त्त
ु भ
सभाऩवतयक है ?
(A) 64
(B) 400
(C) 464
(D) 1664
उत्तय- B
व्माख्मा: ऩहरी सॊख्मा x दस
ू यी सॊख्मा = भ.स. x र.स.
6400 =16 x र.स.
र.स. = 6400/16 ⇒ 400

132. न्मन
ू तभ सॊख्माओॊ की ितुबज
ुय टाइल्स जो कक ककसी छत को फनाने भे रगें स्जसकी रॊफाई 13 भी.
44 सेभी. औय 11 भी. 34 सेभी. हो –
(A) 36
(B) 21
(C) 42
(D) 24
उत्तय- C
व्माख्मा: ितुिब
य ुज टाइल्स की न्मूनतभ सॊख्मा तनकारने के मरए, उसका भाऩ अचधकतभ होगा। अत् भ.स.

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तनकारना है। 13 भी. 44 सेभी. = 1344 सेभी. औय 11 भी. 34 सेभी. = 1134 सेभी.
1134)1344(1
1134
240)1134(5
ितुबज
ुय टाईल्स की न्मूनतभ सॊख्मा = 42 1050
84)210(2
168
42)84(2
84
0

133. दो सॊख्माओॊ का भ.स. 15 : 11 के अनुऩात भें है। महद उनका भ.स. 13 है, तो वो सॊख्मामें हैं?
(A) 75, 55
(B) 45, 22
(C) 104, 44
(D) 195, 143
उत्तय- D
व्माख्मा: भ.स. 13, अत् सॊख्मामें होंगी
13 × 15 औय 13 × 11 = 195, 143

134. (729)149 भें इकाई का अॊक है ?


(A) 1
(B) 9
(C) 7
(D) 2
उत्तय- B
व्माख्मा: दी गई सॊख्मा (729)149 के घात की सॊख्मा भें 4 से बाग दे ने अथायत बागपर तथा 1
शेषपर
प्राप्त होगा। घात सॊख्मा भें 4 से इसमरए बाग हदमा जाता है कक ककसी सॊख्मा भें उसी सॊख्मा
का िाय फाय गण
ु ा ककमा जाम तो ऩुन् उसी सॊख्मा के इकाई के अॊक की ऩुनयाववृ त्त हो जाता है ।
अत् दी गई सॊख्मा के इकाई के अॊक ऩय घात के रुऩ भें उऩमक्
ुय त शेषपर सॊख्मा मरखते हैं। जो
इकाई का अॊक होगा वही अबीष्ट उत्तय होगा।
91=9
अत् भें इकाई अॊक 9 होगा।

135. महद ककसी सॊख्मा का 40 प्रततशत 360 हो, तो वह सॊख्मा होगी?


(A) 700

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(B) 800
(C) 900
(D) 1000
उत्तय- C
व्माख्मा: भाना वह सॊख्मा X है
प्रश्नानस
ु ाय X ⨯ = 360
X = (360⨯100)/40 = 900

136. महद ककसी सॊख्मा भें 21 को जोड़ा जाए, तो वह अऩनी ततगन


ु ी सॊख्मा से 7 कभ हो जाती है ।
फताइए वह सॊख्मा ककतनी है ?
(A) 14
(B) 16
(C) 18
(D) 19
उत्तय- A
व्माख्मा: भाना सॊख्मा X है ।
प्रश्नानस
ु ाय-
3 X -7 = X + 21
3X – X = 21 + 7
2X = 28
X = 28/2 = 14
द्ववतीम ववचध :
ववकल्ऩ A से सॊख्मा 14 रेने ऩय
14 ⨯ 3 – 7 = 14 + 21 = 35 = 35
अत् वह सॊख्मा 14 होगी स्जसभें 21 जोड़ने ऩय वह अऩनी ततगन
ु ी सॊख्मा से 7 कभ हो जाएगी।

137. बाग के एक प्रश्न भें बाजक अऩने बागपर का 10 गन


ु ा औय शेषपर का 5 गन
ु ा है । तदानस
ु ाय
महद शेषपर 46 हो, तो बाज्म ककतना होगा?
(A) 4236
(B) 4306
(C) 4336
(D) 5336
उत्तय- D
व्माख्मा: बाज्म = बाजक ⨯ बागपर + शेषपर
शेषपर = 46, बाजक = 46 ⨯ 5 = 46 ⨯ 5 = 230
बागपर = 230/10 ⇒ 23

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अत् बाज्म = 230 ⨯ 23 + 46 = 5290 + 46 = 5336

138. वह फड़ी-सी फड़ी सॊख्मा फताइए, स्जससे 61, 72 तथा 83 को बाग कयने ऩय शेषपर क्रभश: 1, 2
तथा 3 प्राप्त होते हैं -
(A) 20
(B) 15
(C) 12
(D) 10
उत्तय- D
व्माख्मा: 61 – 1 = 60
72 – 2 =7 0
83 – 3 = 80
60, 70, 80 का भ.स.ऩ. = 10

139. एक कॉरेज भें ऩाॉि हाफी क्रफ है- पोटोग्रापी, नौकामन, िेस, इरेक्रोतनक औय फागवानी।
फागवानी, दर हय दस
ू ये हदन, इरेक्रोतनक दर हय तीसये हदन, िेस दर हय िौथे हदन, नौकामन दर हय
ऩाॉिवे हदन औय पोटोग्रापी दर छठवें हदन मभरते हैं। 180 हदनों के अॊदय मे ऩाॉिों दर ककतनी फाय एक
ही हदन (एक साथ) मभरेंगे?
(A) 3
(B) 5
(C) 10
(D) 18
उत्तय- A
व्माख्मा: 2, 3, 4, 5, 6 का र.स. = 60
अत् 180 हदनों भें , वे मभरेंगे= = 3 फाय

140. कभर ने दो ऩुस्तकें, प्रत्मेक 1.40 रुऩए की दय से फेिी, महद उसको एक ऩुस्तक ऩय 20% राब तथा दस
ू यी
ऩय 20% हातन हुई हो, तो उसको-
(A) न तो राब हुआ औय न हातन
(B) 20 ऩैसे राब हुआ
(C) 20 ऩैसे की हातन हुई
(D) 12 ऩैसे की हातन हुई
उत्तय- D
व्माख्मा: ऩहरी ऩस्
ु तक का क्रम भल्
ू म = रु.

तथा दस
ू यी ऩुस्तक का क्रम भूल्म = रु.

दोनों ऩुस्तकों का क्रम भूल्म =7/6-7/4 = 35/12 रु.

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तथा दोनों ऩुस्तकों का ववक्रम भूल्म =1.40+1.40=2.80रु.
हातन = (35/12)-2.80 = (35-33.60)/12 रु.
=1.40/12 = 12 ऩैसे (रगबग)

141. एक दक
ु ानदाय अऩने साभान ऩय उसके क्रम भूल्म से 20% अचधक कीभत अॊककत कयता है तथा उस ऩय 5%
फट्टा काट दे ता है, उसका प्रततशत राब है-
(A) 10%
(B) 14%
(C) 15%
(D) 20%
उत्तय- B
व्माख्मा: भाना क्रम भूल्म = 100रु. है
अॊककत भूल्म = 100+20 = 120रु.
ववक्रम भल्
ू म = 120-120 का 50%
= 114 रु.
राब % = 114-100 = 14%

142. कभर ने दो ऩस्


ु तकें, प्रत्मेक 1.40 रुऩए की दय से फेिी, महद उसको एक ऩुस्तक ऩय 20% राब
तथा दस
ू यी ऩय 20% हातन हुई हो, तो उसको-
(A) न तो राब हुआ औय न हातन
(B) 20 ऩैसे राब हुआ
(C) 20 ऩैसे की हातन हुई
(D) 12 ऩैसे की हातन हुई
उत्तय- D
व्माख्मा: ऩहरी ऩुस्तक का क्रम भल्
ू म = रु.

तथा दस
ू यी ऩस्
ु तक का क्रम भल्
ू म = रु.

दोनों ऩुस्तकों का क्रम भल्


ू म =7/6-7/4 = 35/12 रु.
तथा दोनों ऩस्
ु तकों का ववक्रम भल्
ू म =1.40+1.40=2.80रु.
हातन = (35/12)-2.80 = (35-33.60)/12 रु.
=1.40/12 = 12 ऩैसे (रगबग)

143. एक दक
ु ानदाय अऩने साभान ऩय उसके क्रम भल्
ू म से 20% अचधक कीभत अॊककत कयता है तथा
उस ऩय 5% फट्टा काट दे ता है , उसका प्रततशत राब है -
(A) 10%
(B) 14%
(C) 15%
(D) 20%

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उत्तय- B
व्माख्मा: भाना क्रम भल्
ू म = 100रु. है
अॊककत भल्
ू म = 100+20 = 120रु.
ववक्रम भल्
ू म = 120-120 का 50%
= 114 रु.
राब % = 114-100 = 14%

144. याभ, श्माभ औय भोहन ने मभरकय एक काभ ककमा स्जसके मरए उन्हें कुर 63.35 रु. भजदयू ी
मभरी. महद ऩूये काभ को याभ अकेरे 2 हदन भें , श्माभ 4 हदन भें औय भोहन 8 हदन भें कय सकता है
तो श्माभ को ककतनी भजदयू ी मभरी?
(A) 10.15 रु.
(B) 60.20 रु.
(C) 9.05 रु.
(D) 18.10 रु.
उत्तय- D
व्माख्मा: याभ का 1 हदन का काभ =1/2
श्माभ का 1 हदन का काभ = ¼
औय भोहन का 1 हदन का काभ = 1/8
अनऩ
ु ाती सॊख्माओॊ का मोग = ½+1/4+1/8 7/8
श्माभ की भजदयू ी भें बाग = (1/4⨯63.35) / (7/8) = ¼ ⨯8/7⨯63.35 = 18.10

145. दो ये रगाडड़माॉ स्टे शनों A औय B से एक दस


ू ये की ओय क्रभश् 50 ककभी./घण्टा की िारों से िरना प्रायम्ब
कयती है। इनके मभरने के सभम ऩय, दस
ू यी ये रगाड़ी ने ऩहरी ये रगाड़ी से 120 ककभी. दयू ी अचधक तम की। A औय
B की दयू ी है?
(A) 990 ककभी.
(B) 1200 ककभी.
(C) 1320 ककभी.
(D) 1440 ककभी.
उत्तय- C
व्माख्मा: भाना कक दोनों ये रगाड़ी X सभम फाद मभरती हैं।
दोनों की दयू ी = (50+60)X = 110X ककभी.
प्रश्न के अनुसाय, 60X – 50X = 120
10X = 120
X = 12 घण्टा
दोनों के फीि की दयू ी = 110⨯12=1320 ककभी.

146. ककसी कभये के 15.17 भीटय रम्फे औय 9.02 भीटय िौड़े पशय ऩय रगाई जा सकने वारी टाईरों की न्मूनतभ
सॊख्मा ककतनी है?

www.decodeexam.com 84
(A) 840
(B) 841
(C) 820
(D) 814
उत्तय- D
व्माख्मा: कभये के पशय का ऺेत्रपर = 1517⨯902 वगय सेभी. = 1368334 वगय सेभी.
तथा 1517 तथा 902 का भ.स.ऩ. = 41
अबीष्ट टाईरों की सॊख्मा = 1368334/(41⨯41) = 814

147. एक कभये की रॊफाई उसकी िौड़ाई से 3 भीटय अचधक है। महद कभये का पशी ऺेत्रपर 70 वगय भीटय है, तो
पशय का ऩरयभाऩ क्मा होगा?
(A) 28 भीटय
(B) 17 भीटय
(C) 14 भीटय
(D) 34 भीटय
उत्तय- D
व्माख्मा: भाना कभये की िौड़ाई = X
कभये की रम्फाई = X+3
कभये के पशय का ऺेत्रपर = रम्फाई ⨯ िौड़ाई
=X(X+3)
प्रश्नानुसाय,
X(X+3)=70
X2+3X=70
X2+3X-70=0
X2+10X-7X-70=0
X(X+10)-7(X+10)=0
(X+10)(X-7)=0
X+10=0 मा X-7=0
X=-10 (अभान्म क्मोंकक रॊफाई ऋणात्भक नहीॊ होती है) मा X=7
कभये की रॊफाई = X+3=7+3=10 भीटय
पशय का ऩरयभाऩ =2(रॊफाई+िौड़ाई)= 2(10+7) = 2⨯17 = 34 भीटय

148. महद ककसी यामश ऩय 5% ब्माज की दय से िक्रवद्


ृ चध ब्माज 1261 रु. है तो उसी यामश ऩय उसी दय
से उसी अवचध भें साधायण ब्माज ककतनी होगी?
(A) 1204 रु.
(B) 1200 रु.
(C) 1208 रु.
(D) 1250 रु.
उत्तय- B

www.decodeexam.com 85
2
व्माख्मा: साधायण ब्माज = (3⨯ िक्रवद्
ृ चध ब्माज) /(3+3⨯दय/100+(दय/100) )
= 3⨯1261/(3+3⨯5/100+25/10000)
= 3⨯1261⨯10000/31525
=1200 रु.

149. एक कॊु ड भें एक नरी द्वाया ऩानी बयने भें साभान्मत् 20 मभनट रगते हैं, रेककन एक छे द के
कायण, 10 मभनट ज्मादा रगते है । तदानस
ु ाय ऻात कीस्जए कक उस छे द के कायण वह ऩयू ा कॊु ड, खारी
होने भें ककतना सभम रगेगा?
(A) 50 मभनट
(B) 60 मभनट
(C) 30 मभनट
(D) 40 मभनट
उत्तय- B
व्माख्मा: महद एक नरी, टॊ की को X मभनट भें बयती है तथा दस
ू यी नरी Y मभनट भें खारी कयती है
टॊ की खारी होने भें रगा सभम =
छे द के कायण टॊ की को बयने भें 10 मभनट अचधक रगते हैं अत् टॊ की बयनें भें रगा सभम
= 20+10 = 30 मभनट
टॊ की खारी होने भें रगा सभम = 30⨯20/(30-20) = 60 मभनट

150. 21 भजदयू ककसी दीवाय को 25 हदनों भें फना सकते है । महद 14 भजदयू औय रगा हदमे जामें, तो
वे ऩूणय कामय ककतने हदनों भें सभाप्त कयें गे?
(A) 10 हदन
(B) 12 हदन
(C) 14 हदन
(D) 15 हदन
उत्तय- D
व्माख्मा: अचधक भजदयू , कभ हदन (ववरोभनऩ
ु ात)
35:21::25:X
X=21⨯25/35 = 15 हदन

151. तनम्न प्रश्न भें एक अनक्र


ु भ हदमा है , स्जसभें एक ऩद रयक्त है । हदए गए ववकल्ऩों भें से वह सही
ववकल्ऩ िुनें जो अनक्र
ु भ को ऩूया कये गा।
9, 28, 86, 261, 787, ?
(A) 2366
(B) 1795
(C) 2175

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(D) 2285
उत्तय- A
व्माख्मा: हदमा गमा अनक्र
ु भ तनम्न प्रकाय होगा।
9 X 3 + 1 = 28
28 X 3 + 2 = 86
86 X 3 + 3 = 261
261 X 3 + 4 = 787
787 X 3 + 5 = 2366
?=2366

152. तनम्न प्रश्न भें एक अनक्र


ु भ हदमा है , स्जसभें एक ऩद रयक्त है । हदए गए ववकल्ऩों भें से वह सही
ववकल्ऩ िुनें जो अनक्र
ु भ को ऩूया कये गा।
3, 13, 31, 57, 91, 113, ---
(A) 181
(B) 143
(C) 183
(D) 151
उत्तय- C
व्माख्मा: दी गई श्रॊख
ृ रा तनम्नमरर्खत है ।
12+2 = 3
32+4 = 13
52+6 = 31
72+8 = 57
92+10 = 91
112+12 = 133
132+14 = 183

153. नीिे मरखे अऺयों का कौन सा सभह


ू खारी स्थानों ऩय क्रभवाय यखने से दी गई श्रॊख
ृ रा को ऩूया
कये गा?
MC-M-A-CA-CA-C-MC
(A) ACMMMA
(B) CAMCAM
(C) AAACMM
(D) ACMMMC
उत्तय- A
व्माख्मा: दी गई श्रॊख
ृ रा तनम्नवत ् होगी-
MEAMCAMCAMCAMCAME

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अत् रयक्त स्थानो ऩय ACMMMA आएगा।

154. नीिे मरखे अऺयों का कौन सा सभह


ू खारी स्थानों ऩय क्रभवाय यखने से दी गई श्रॊख
ृ रा को ऩयू ा
कये गा।
M N O P W X Y Z R S T U B C D ?
(A) A
(B) E
(C) I
(D) F
उत्तय- B
व्माख्मा: अनक्र
ु भ होगा- MNOP, WXYZ, RSTU, BCDE
हदए गए अनक्र
ु भ भें अॊग्रेजी वणयभारा के 4-4 अऺय रगाताय क्रभ भें हदए गए है । जैस-े MNOP, WXYZ,
RSTU, उसी प्रकाय BCDE होगा।

155. तनम्नमरर्खत प्रश्न भें हदए गए ववकल्ऩों भें से सॊफॊचधत सॊख्मा/सॊख्मा मग्ु भों को िुतनए।
7.25 : 7.75 :: 9 : ?
(A) 9.5
(B) 7
(C) 10
(D) 8.5
उत्तय- A
व्माख्मा: स्जस प्रकाय 7.25 + .50 = 7.75
उसी प्रकाय 9 + .50 = 9.5

156. तनम्नमरर्खत प्रश्न भें हदए गए ववकल्ऩों भें से सॊफॊचधत सॊख्मा/सॊख्मा मग्ु भों को िुतनए।
1 : 1 :: 15 : ?
(A) 226
(B) 1
(C) 15
(D) 225
उत्तय- D
व्माख्मा: स्जस प्रकाय ऩहरी सॊख्मा की वगय सॊख्मा दस
ू यी सॊख्मा है । उसी प्रकाय तीसयी सॊख्मा की वगय
िौथी सॊख्मा होगी
अथायत ् 152 = 225

157. तनम्नमरर्खत प्रश्न भें हदए गए ववकल्ऩों भें से सॊफॊचधत सॊख्मा/सॊख्मा मग्ु भों को िुतनए।

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PS : VY :: FI : ?
(A) VZ
(B) WZ
(C) LO
(D) UX
उत्तय- C
व्माख्मा: स्जस प्रकाय PS भें P औय S से 6 रेटय आगे जाने ऩय VY प्राप्त होता है ।
उसी प्रकाय FI भें F औय I से 6 रेटय आगे जाने ऩय VY प्राप्त होगा।

158. तनम्नमरर्खत प्रश्न भें हदए गए ववकल्ऩों भें से सॊफॊचधत सॊख्मा/सॊख्मा मग्ु भों को िुतनए।
BEH : KNQ :: FIL : ?
(A) ONM
(B) NLJ
(C) ORU
(D) OMK
उत्तय- C
व्माख्मा: स्जस प्रकाय BEH : KNQ
उसी प्रकाय FIL : ORU
अत् ? = ORU

169. तनम्नमरर्खत प्रश्न भें हदए गए ववकल्ऩों भें से ववषभ सॊख्मा/सॊख्मा मग्ु भों ऻात कीस्जए।
(A) 35
(B) 18
(C) 9
(D) 27
उत्तय- A
व्माख्मा: ववकल्ऩ A से 3 +5 = 8 जो 3 ववबाज्म नहीॊ है ।
ववकल्ऩ B से 1 + 8 = 9 जो 3 से ववबाज्म है ।
ववकल्ऩ C से 0 + 9 = 9 जो 3 से ववबाज्म है ।
ववकल्ऩ D से 2 + 7 = 9 जो 3 से ववबाज्म है ।
अत् ववकल्ऩ A तीनों से मबन्न है ।
मा सॊख्मा 9, 18, एवॊ 27, 3 से ववबाज्म है , जफकक सॊख्मा 35 अॊक 3 से ववबाज्म नहीॊ है ।

160. तनम्नमरर्खत प्रश्न भें हदए गए ववकल्ऩों भें से ववषभ सॊख्मा/सॊख्मा मग्ु भों ऻात कीस्जए।
(A) 6898
(B) 6119

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(C) 8118
(D) 6699
उत्तय- A
व्माख्मा: दी गई अॊकीम सॊख्माओीँ भें से िाय सॊख्माओॊ भें से ऩहरे दो अॊको को अगरे दो अॊको के रूऩ भें
मरखने के मरए ऩहरे उनका दऩयण प्रततब्रफॊफ मरमा जाता है । कपय उसको ऊऩय से नीिे की तयप उरट
हदमा जाता है ।, जफकक 6898 भें इस तनमभ का ऩारन नहीॊ ककमा जाता है ।

161. तनम्नमरर्खत प्रश्न भें हदए गए ववकल्ऩों भें से ववषभ अऺय/अऺय मग्ु भ ऻात कीस्जए।
(A) CX
(B) HS
(C) BY
(D) JP
उत्तय- D
व्माख्मा: CX = 3 + 24 = 27
HS = 8 + 19 = 27
BY = 2 + 25 = 27
JP = 10 + 16 = 26
अॊग्रेजी वणयभारा के अनस
ु ाय ववकल्ऩ A, B तथा C भें हदए गए अऺयों के स्थातनक भानों का मोग 27 है ,
जफकक ववकल्ऩ D भें हदए गए अऺयों के स्थातनक भानो का मोग 26 है । अत् ववकल्ऩ D अन्म से मबन्न
है ।

162. तनम्नमरर्खत प्रश्न भें हदए गए ववकल्ऩों भें से ववषभ शब्द/ ववषभ शब्द मग्ु भों को िुतनए।
(A) ऩाया
(B) सोना
(C) िाॊदी
(D) ताॊफा
उत्तय- A
व्माख्मा: ऩाया को छोड़कय सोना, िाॊदी तथा ताॊफा साधायण ताऩ ऩय ठोस अवस्था भें यहते है । जफकक
ऩाया, द्रव्म रूऩ से यहता है । अत् ऩाया ववषभ है ।

163. तनम्नमरर्खत प्रश्न भें शब्दो को शब्दकोश भें आने वारे क्रभ के अनस
ु ाय मरखें।
1. Mango
2. Mind
3. Master
4. Minty
5. Muted
कूट:

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(A) 1,3,4,2,5
(B) 3,1,4,2,5
(C) 3,1,2,4,5
(D) 1,3,2,4,5
उत्तय- D
व्माख्मा: हदमे गए शब्दो को शब्दकोश के अनस
ु ाय व्मवस्स्थत कयने ऩय
Mango, Master, Mind, Minty, Muted
अत् शब्दों का सही क्रभ 1,3,2,4,5 होगा।

164. तनम्नमरर्खत प्रश्न भें शब्दो को शब्दकोश के अनस


ु ाय व्मवस्स्थत कयने ऩय कौन सा शब्द अॊततभ
स्थान ऩय आएगा।
(A) Heritage
(B) Hermitage
(C) Healing
(D) Heap
उत्तय- B
व्माख्मा: हदमे गए शब्दो को शब्दकोश के अनस
ु ाय व्मवस्स्थत कयने ऩय
1. Healing, 2. Heap, 3. Heritage, 4. Hermitage
अत् शब्दकोष के अनस
ु ाय अॊततभ स्थान ऩय आने वारा शब्द Hermitage होगा।

165. प्रश्न भे हदए गए ववकल्ऩों भें से कौन-सा तनम्नमरर्खत शब्दों का साथयक क्रभ दशायएगा।
1. तततरी, 2. सड
ूॊ ी (इल्री), 3. अॊड,े 4. कोमा (कोकुन)
(A) 1,2,3,4
(B) 3,2,4,1
(C) 3,4,2,1
(D) 1,4,2,3
उत्तय- B
व्माख्मा: तततरी के जीवन िक्र की अवस्थाओॊ का क्रभ तनम्नप्रकाय से होगा-
(3) अॊडे – (2) सड
ूॊ ी (इल्री) – (4) कोमा (कोकुन) – (1) तततरी
अत् साथयक क्रभ 3,2,4,1 होगा।

166. एक कऺा भें ऩाॉि छात्रों P,Q,R,S तथा T की ऊॊिाई अरग-अरग है । P की ऊॊिाई केवर एक छात्र
से अचधक है Q की ऊॊिाई S तथा P से अचधक है , रेककन R से अचधक नही है । S की ऊॊिाई P से
अचधक है R सफसे छोटा नहीॊ है । कऺा भें सफसे अचधक ऊॊिाई ककसकी है ।
(A) Q

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(B) R
(C) S
(D) T
उत्तय- B
व्माख्मा: प्रश्नानस
ु ाय क्रभफद्ध कयने ऩय
R>Q>S>P>T
अत् R सफसे रॊफा है ।

167.

(A) 9
(B) 1
(C) 25
(D) 2
उत्तय- D
व्माख्मा: स्जस प्रकाय
(10 - 4) × 2 = 12
(8 - 5) × 1 = 3
उसी प्रकाय
(7 - ?) × 3 = 15
7 - ? = 5
? = 7 – 5 = 2

168.

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(A) 110
(B) 104
(C) 112
(D) 124
उत्तय- B
व्माख्मा:
स्जस प्रकाय
42- 6 = 10, 122 – 48 = 96
उसी प्रकाय
162- x = 152 , 256 – 132 = x
x = 104
हदए गए आव्मह
ू भें ऩॊस्क्तफद्ध होकय िरने ऩय ऩहरी सॊख्मा के वगय भें से तीसयी सॊख्मा घटने ऩय फीि
वारी सॊख्मा प्राप्त हो यही है ।

169. तनम्नमरर्खत प्रश्न भे हदए गए ववकल्ऩों भें से प्रश्नचिॊह (?) के स्थान ऩय आने वारी सॊख्मा को
िुतनए।
59? = 84
864 = 56
737 = 70
(A) 4
(B) 7
(C) 5
(D) 6
उत्तय- D
व्माख्मा: स्जस प्रकाय
(8 + 6) × 4 = 56
(7 + 3) × 7 = 70
उसी प्रकाय
(5 + 9) × ? = 84
14 × ? = 84
? = 84/14 = 6
170.

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(A) 19
(B) 15
(C) 13
(D) 14
उत्तय- D
व्माख्मा: स्जस प्रकाय
35 – 18 + 7 = 24 (िौथी सॊख्मा)
तथा 25 – 16 + 23 = 32 (िौथी सॊख्मा)
उसी प्रकाय
? – 7 + 58 = 65
? = 65 – 58 + 7 = 14

171. महद ऩानी को बोजन कहा जाए, बोजन को वऺ


ृ कहा जाए, वऺ
ृ को आकाश कहा जाए औय आकाश
को दीवाय कहा जाए, तो तनम्नमरर्खत भें से ककस ऩय पर रगें गे?
(A) ऩानी
(B) बोजन
(C) आकाश
(D) वऺ

उत्तय- C
व्माख्मा: पर, वऺ
ृ ऩय रगते है ऩयॊ तु महाॊ वश्र
ृ को आकाश कहा गमा है इसमरए पर, आकाश भें रगें गे।

172. महद BOULDER को ककसी कोड भें ZMSJBCP मरखा जाता है । तो ELK को उसी कोड भें क्मा
मरखा जाएगा।
(A) XIG
(B) EOC
(C) CJI
(D) BXM
उत्तय- C

व्माख्मा:

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173. एक कूट बाषा भें MANAGER को REGANAM मरखा जाता है । उस कूट-बाषा भें MOTION को
ककस प्रकाय मरखा जाएगा।
(A) NOITMO
(B) NOIMOT
(C) NOIOMT
(D) NOITOM
उत्तय- D
व्माख्मा: स्जस प्रकाय
M A N A G E R – R E G A N A M
1 2 3 4 5 6 7 7 6 5 4 3 2 1
उसी प्रकाय
M O T I O N N O I T O M
1 2 3 4 5 6 6 5 4 3 2 1

174. महद Development को Tnemdevelop मरखा जाता है , तो Evaluation को कैसे मरखा जाएगा।
(A) Notiaevalu
(B) Noitaulave
(C) Notievalua
(D) Noitevalua
उत्तय- D
व्माख्मा: स्जस प्रकाय शब्द Development के अॊततभ के िाय अऺय
ment – Tnem
1234 4321
भें ऩरयवततयत हो जाते है । तथा प्रायॊ ब के शेष अऺय शब्द Tnem के आगे िरे जाते है । इसी प्रकाय शब्द
Evaluation को ऩरयवततयत कयने ऩय शब्द Noitevalua प्राप्त होता है ।

175. फॉफी का जन्भहदन 5 जून सोभवाय को है । उसी वषय वऩॊकी का जन्भहदन सप्ताह के ककस हदन को
आएगा महद वऩॊकी का जन्भ 22 मसतॊफय को हुआ है ।
(A) शतनवाय
(B) फध
ु वाय
(C) शुक्रवाय

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(D) यवववाय
उत्तय- C
व्माख्मा: फॉफी का जन्भहदन 5 जन
ू से वऩॊकी जन्भहदन 22 मसतॊफय तक कुर हदनों की सॊख्मा
25+31+31+22=109
अत् उसी वषय वऩॊकी का जन्भहदन 23 मसतॊफय को आने वारा है ।

176. हरय को माद है कक उसके वऩता का जन्भहदन 13 औय 16 जन


ू के फीि ऩड़ता है जफकक उसकी
फहन को माद ऩड़ता है कक उसके वऩता का जन्भहदन 14 औय 18 जून के फीि ऩड़ता है । उनके वऩता का
जन्भहदन ककस हदन होगा, स्जस ऩय दोनों सहभत है ।
(A) 14 जन

(B) 15 जून
(C) 16 जून
(D) 17 जून
उत्तय- B
व्माख्मा: हरय के अनस
ु ाय उसके वऩता का जन्भहदन 13 तथा 16 जन
ू के फीि ऩड़ता है तथा उसकी फहन
के अनस
ु ाय उसके वऩता का जन्भहदन 14 औय 18 जून के फीि ऩड़ता है । अत् उनके वऩता का जन्भहदन
15 जून को ऩड़ेगा, जोकक दोनों के माद्दाश्त के अनस
ु ाय सत्म होगा।

177. तनम्नमरर्खत ववकल्ऩो भें से वह शब्द ितु नमे जो हदए गए शब्द के अऺयों का प्रमोग कयके नहीॊ
फनामा जा सकता।
Xenophobia
(A) Phone
(B) Hope
(C) Xerox
(D) Open
उत्तय- C
व्माख्मा: हदए गए शब्द Xenophobia के अऺयों का प्रमोग कयके ववकल्ऩ C भे हदमा गमा शब्द Xerox
नहीॊ फनामा जा सकता क्मोंकक भर
ू शब्द Xenophobia भें न तो R अऺय है औय न ही X अऺय का
प्रमोग हद फाय ककमा गमा है । अत् स्ऩष्ट है कक ववकल्ऩ C सही उत्तय होगा।

178. तनम्नमरर्खत ववकल्ऩो भें से वह शब्द िुतनमे जो हदए गए शब्द के अऺयों का प्रमोग कयके नहीॊ
फनामा जा सकता।
PUNISHMENT
(A) PEST
(B) PUSH
(C) NAME

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(D) MINT
उत्तय- C
व्माख्मा: हदए गए शब्द PUNISHMENT से NAME शब्द नही फनामा जा सकता है , क्मोकक NAME का A
अऺय PUNISHMENT भें नही आमा है ।

179. L औय M फहने है । P, L का ऩतत है । O, M का ऩतत है । Q, M औय O का ऩत्र


ु है । तो L औय Q
का क्मा सॊफॊध है ।
(A) जीजा
(B) भौसेया बाई
(C) बाॊजा
(D) ऩुत्र
उत्तय- C
व्माख्मा:

180. कन्नन, कुभाय का बाई है । रक्ष्भी, कुभाय की ऩुत्री है । करई कन्नन की फहन है औय गोववॊद,
रक्ष्भी का बाई है । गोववॊद का िािा कौन है ।
(A) कुभाय
(B) करई
(C) रक्ष्भी
(D) कन्नन
उत्तय- D
व्माख्मा:

181. दो भोटयसाइककर सवाय A औय B एक ही ब्रफन्द ु से


अऩनी सवायी शरू
ु कयते है । सवाय A ऩव
ू य की तयप 11 ककभी. की दयू ी तक जाता है । कपय अऩने दाहहनी
ओय भड़
ु जाता है औय आगे 9 ककभी. तक जाता है । सवाय B उत्तय की ओय 8 ककभी. तक जाता है , कपय
ऩूवय की तयप भड़
ु जाता है औय आगे 11 ककभी. तक सवायी कयता है । औय कपय अऩने दाहहने ओय भड़

जाता है । औय आगे 7 ककभी. तक सवायी कयता है । सवाय B के सॊफॊध भें सवाय A कहाॊ है ।

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(A) 10 ककभी. दक्षऺण
(B) 8 ककभी. दक्षऺण
(C) 10 ककभी. उत्तय
(D) 8 ककभी. उत्तय
उत्तय- A
व्माख्मा:

182. एक व्मस्क्त ऩस्श्िभ हदशा की ओय 2 ककभी. मात्रा कयता है , फाई ओय घभ


ू जाता है औय 3 ककभी.
िरता है औय कपय दाई ओय घभ
ू ने के फाद 5 ककभी. िरता है । मात्रा कयते हुए वह कुर ककतनी दयू ी तम
कयता है ।
(A) 10 ककभी.
(B) 15 ककभी.
(C) तनस्श्ित नही ककमा जा सकता
(D) 5 ककभी.
उत्तय- A
व्माख्मा:

183. प्रश्न भें एक तनष्कषय हदमा गमा है स्जसके आगे दो तकय । तथा ।। हदए गए है । आऩकों भानना है
कक कथन सत्म है िाहे वह साभान्मत् ऻात त्मोंत से मबन्न प्रतीत होता हो। आऩकों तनणयम कयना है
कक हदए गए तकों भें से कौन-सा/कौन सें तकय भजफूत है , महद कोई हो।
कथन् मे सेफ खयाफ होने के मरए फहुत भहॊ गे है ।
तनष्कषय्

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।. जफ सेफ की आऩूततय कभ होती है , कीभत फढ़ जाती है ।
।।. सेफ स्जतने फहॊ गे होगे उतनी अच्छी कोहट के होगे।
(A) तनष्कषय । औय ।। दोनो तनकरते है ।
(B) केवर तनष्कषय । तनकरता है ।
(C) केवर तनष्कषय ।। तनकरता है ।
(D) तनष्कषय । औय ।। भे से कोई नही तनकरता।
उत्तय- D
व्माख्मा: तनष्कषय ।। से मह आवश्मक नहीॊ है कक सेफ स्जतने भॊहगे होगे उतनी ही अच्छी कोहट के होंगे
ऩयॊ तु अचथक भॊहगा होने ऩय कभ ब्रफक्री होगी औय खयाफ हो जाएगे। तथा कथन । से सेफ की आऩूततय
कभ होने ऩय सेफ अचधक भहॊ गे होने ऩय बी ब्रफक जाएगे। अत् तनष्कषय । बी स्ऩष्ट नहीॊ है । अत्
उऩमक्
ुय त कथन भें से कोई तनष्कषय प्राप्त नही हो यहा है ।

184. प्रश्न भें एक तनष्कषय हदमा गमा है स्जसके आगे दो तकय । तथा ।। हदए गए है । आऩकों भानना है
कक कथन सत्म है िाहे वह साभान्मत् ऻात त्मोंत से मबन्न प्रतीत होता हो। आऩकों तनणयम कयना है
कक हदए गए तकों भें से कौन-सा/कौन सें तकय भजफत
ू है , महद कोई हो।
कथन्
1. सबी E.C.G. भशीने कॊप्मट
ू यीकृत है ।
2. कॊप्मट
ू यीकृत भशीने साभान्मतय़ा ऩरयशद्
ु ध होती है ।
तनष्कषय्
।. सबी E.C.G. भशीने ऩरयशुद्ध होती है ।
।।. कुछ E.C.G. भशीने ऩरयशुद्ध होती है ।
(A) ऩहरा तनष्कषय सही है ।
(B) दस
ू या तनष्कषय सही है ।
(C) दोनों तनष्कषय सही है ।
(D) दोनों तनष्कषय गरत है ।
उत्तय- B
व्माख्मा: सबी E.C.G. भशीने कॊप्मट
ू यीकृत है । कॊप्मट
ू यीकृत भशीने साभान्मतय़ा ऩरयशुद्ध होती है । अथायत
कुछ E.C.G. भशीने ऩरयशद्
ु ध नही बी हो सकती है । इसमरए कुछ E.C.G. भशीने ऩरयशद्
ु ध होगी। जफकक
सबी E.C.G. भशीने ऩरयशुद्ध है । स्ऩष्ट कहा नही जा सकता है । अत् तनष्कषय ।। सत्म है ।

185. प्रश्न भें एक तनष्कषय हदमा गमा है स्जसके आगे दो तकय । तथा ।। हदए गए है । आऩकों भानना है
कक कथन सत्म है िाहे वह साभान्मत् ऻात त्मोंत से मबन्न प्रतीत होता हो। आऩकों तनणयम कयना है
कक हदए गए तकों भें से कौन-सा/कौन सें तकय भजफूत है , महद कोई हो।
कथन्
सबी पर मभष्ठान है ।
सबी भीठी िीजें स्वास््म के मरए उऩमक्
ु त नहीॊ होती।

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तनष्कषय्
।. सबी पर स्वास््म के मरए उऩमक्
ु त नही होते।
।।. कुछ पर स्वास््म के मरए उऩमक्
ु त नही होते।
(A) केवर तनष्कषय । राग।ू
(B) केवर तनष्कषय ।। राग।ू
(C) न तनष्कषय । औय न हीॊ ।। राग।ू
(D) । औय ।। दोनो तनष्कषय राग।ू
उत्तय- D
व्माख्मा: हदए गए कथन कक सबी पर मभष्ठान है । सबी भीठी िीजें स्वास््म के मरए उऩमक्
ु त नहीॊ
होती, से मह तनष्कषय तनकरता है कक सबी पर स्वास््म के मरए उऩमक्
ु त नहीॊ होते तथा मह बी
तनष्कषय प्राप्त हो यहा है कक कुछ पर स्वास््म के मरए उऩमक्
ु त नहीॊ होते। क्मोंकक महद सबी पर
स्वास््म के मरए उऩमक्
ु त नही है तफ कुछ पर बी स्वास््म के मरए अवश्म उऩमक्
ु त नहीॊ होगे।

186. कौन सा/से कथन प्रश्न भें दी गई सभस्मा का उत्तय दे ने के मरए ऩमायप्त नहीॊ है /हैं।
प्रश्न् क्मा बायतीम प्रेस, ववदे शी प्रेस की अऩेऺा अचधक स्वतॊत्र है ।
कथन्
।. बायतीम प्रेस फाहुफर तथा धनफर के अधीन है ।
।।. बायत भें अच्छे ऩत्रकाय नहीॊ है ।
(A) केवर । सभस्मा का उत्तय दे ने के मरए ऩमायप्त है
(B) केवर ।। सभस्मा का उत्तय दे ने के मरए ऩमायप्त है
(C) कथन । व ।। दोनो ही प्रमायप्त है ।
(D) न तो । औय न ही ।। ऩमायप्त है ।
उत्तय- D
व्माख्मा: न तो । औय न ही ।। प्रश्न का उत्तय दे ने के मरए अकेरे अथवा सॊमक्
ु त रूऩ से ऩमायप्त है ।

187. मह भानते हुए कथन हय ऩस्


ु तकारम भें ऩुस्तकें होती है सही है , तनम्न भें से कौन सा कथन
तनस्श्ित रूऩ से सही है ।
(A) ऩुस्तकें केवर ऩुस्तकारम भें होती है ।
(B) कोई ऩुस्तकारम ऩुस्तकों के ब्रफना नहीॊ होता।
(C) कुछ ऩस्
ु तकारमों भें ऩाठक नहीॊ होते।
(D) ऩुस्तकारम केवर ऩुस्तकों के मरए होते है ।
उत्तय- B
व्माख्मा: प्रश्नगत कथन कक हय ऩस्
ु तकारम भें ऩुस्तकें होती है, से मह तनष्कषय स्ऩष्टत् प्राप्त हो यहा है
कक कोई ऩुस्तकारम ऩुस्तकों के ब्रफना नहीॊ होता।

188. प्रश्न भें एक तनष्कषय हदमा गमा है स्जसके आगे दो तकय । तथा ।। हदए गए है। आऩकों भानना है कक कथन

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सत्म है िाहे वह साभान्मत् ऻात त्मोंत से मबन्न प्रतीत होता हो। आऩकों तनणयम कयना है कक हदए गए तकों भें
से कौन-सा/कौन सें तकय भजफूत है?
कथन् स्वमॊ को अद्भतन यखने के मरए भैं सदा ये डडमों ऩय 9 फजे के सभािाय सनता हूॉ।
तनष्कषय्
।. वह व्मस्क्त सभािाय ऩत्र नहीॊ ऩढ़ता है।
।।. ताजा सभािाय केवर ये डडमों ऩय उऩरब्ध होते है।
(A) केवर तनष्कषय । तनकरता है।
(B) केवर तनष्कषय ।। तनकरता है।
(C) तनष्कषय । औय ।। भे से कोई नही तनकरता।
(D) तनष्कषय । औय ।। दोनो तनकरते है।
उत्तय- C
व्माख्मा: कथन भें कहा गमा है कक स्वमॊ को अद्भतन यखने के मरए भैं सदा ये डडमों ऩय 9 फजे के सभािाय सनता
है। ऩयॊ तु मह स्ऩष्ट नही है कक सुफह 9 फजे मा यात 9 फजे। वह व्मस्क्त सुफह सभािाय-ऩत्र ऩढ़ने के फाद बी स्वमॊ
को अद्भतन यखने के मरए ये डडमों ऩय सभािाय सन
ु सकता है। अत् तनष्कषय । औय ।। भे से कोई नही तनकरता।

189. प्रश्न भें एक तनष्कषय हदमा गमा है स्जसके आगे दो तकय । तथा ।। हदए गए है। आऩकों भानना है कक कथन
सत्म है िाहे वह साभान्मत् ऻात त्मोंत से मबन्न प्रतीत होता हो। आऩकों तनणयम कयना है कक हदए गए तकों भें
से कौन-सा/कौन सें तकय भजफूत है?
कथन् हदल्री भें भेरो से मात्रा कयना अचधक सवु वधाजनक औय ककपामती है।
ऩूवायनुभान्
।. ऩरयवहन के अन्म साधन उऩरब्ध नही है।
।।. भेरो सेवा कुर मभराकय अच्छी है।
(A) केवर अनुभान । सही है।
(B) न । औय न ही ।। सही है।
(C) । औय ।। दोनों सही है।
(D) केवर अनुभान ।। सही है।
उत्तय- D
व्माख्मा: हदल्री भें भेरो से मात्रा कयना अचधक सुववधाजनक औय ककपामती है। इसका अथय मह नहीॊ कक हदल्री भें
ऩरयवहन के अन्म साधन उऩरब्ध नही है। मद्भवऩ कक मह सत्म है कक भेरो सेवा कुर मभराकय अच्छी है।

190. कथन एवॊ तनष्कषो का ध्मानऩूवक


य अवोरकन कयें एवॊ सही ववकल्ऩ का िमन कयें :
कथन् सबी फच्िे आइसक्रीभ ऩसॊद कयते है औय कुछ फच्िे िॉकरेट ऩसॊद कयते है।
तनष्कषय्
।. जो फच्िे िॉकरेट ऩसॊद कयते है वे आइसक्रीभ बी ऩसॊद कयते है।
।।. कुछ फच्िे िॉकरेट ऩसॊद नहीॊ कयते ऩयॊ तु वे आइसक्रीभ ऩसॊद कयते है।
(A) केवर तनष्कषय । तनहहत है।
(B) केवर तनष्कषय ।। तनहहत है।
(C) । औय ।। दोनों तनष्कषय तनहहत हैं।
(D) न तनष्कषय । औय न हीॊ ।।
उत्तय- A

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व्माख्मा: िूॊकक सबी फच्िे आइसक्रीभ ऩसॊद कयते है औय कुछ फच्िे िॉकरेट ऩसॊद कयते है। अत् तनष्कषय । प्राप्त
हो यहा है कक जो फच्िे िॉकरेट ऩसॊद कयते है वे आइसक्रीभ बी ऩसॊद कयते है। ऩयॊ तु मह तनष्कषय सही नहीॊ है कक
कुछ फच्िे िॉकरेट ऩसॊद नहीॊ कयते ऩयॊ तु वे आइसक्रीभ ऩसॊद कयते है।

191. एक स्वणयकाय के ऩास ऩाॊि अॊगूहठमाॊ है। सफका वजन अरग-अरग है।
1. अॊगूठी D का वजन अॊगूठी E के वजन से दग
ु न
ु ा है।
2. अॊगूठी E का वजन अॊगूठी F के वजन से िाय गुना है।
3. अॊगूठी F का वजन अॊगूठी G से आधा है।
4. अॊगठ
ू ी G का वजन अॊगठ
ू ी H के वजन से आधा है।
5. अॊगूठी H का वजन अॊगूठी E से कभ है रेककन F से अचधक है।
अॊगूहठमों के वजन का अवयोही क्रभ तनम्नमरर्खत भें से ककसके द्वाया दशायमा जाता है?
(A) D,E,G,H,F
(B) D,E,F,H,G
(C) E,G,H,D,F
(D) D,E,H,G,F
उत्तय- D
व्माख्मा: अॊगूठी D का वजन = 2 × अॊगूठी E का वजन
= 2×4×अॊगूठी F का वजन
= 2×4×1/2 अॊगठ
ू ी G का वजन
=2×4×1/2×1/2अॊगूठी H का वजन
औय अॊगूठी H का वजन F से अचधक है। अत् सही अवयोही क्रभ है।
D>E>H>G>F

192. नीिे हदए गए प्रश्न भें कुछ कथन औय उनके उन कथनों ऩय आधारयत कुछ तनष्कषय हदए गए है, हाराॊकक
उनभें साभान्म ऻात त्मों से मबन्नता हो सकती है। सबी तनष्कषय ऩढ़े औय कपय तनधायरयत कयें कक हदए गए कौन-
से तनष्कषय, हदए गए कथनों के आधाय ऩय मुस्क्तसॊगत है।
कथन्
I. सबी कुमसयमा भेज है।
II. कुछ कुमसयमा ऩें मसर है।
तनष्कषय्
I. सबी भेज कुमसिंमा है।
II. कुछ ऩें मसर कुमसयमा है।
(A) केवर तनष्कषय I सही है।
(B) केवर तनष्कषय II सही है।
(C) दोनो तनष्कषय I औय II सही है।
(D) ना तो तनष्कषय I सही है ना ही तनष्कषय II सही है।
उत्तय- B
व्माख्मा:

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193. नीिे हदए गए प्रश्न भें कुछ कथन औय उनके उन कथनों ऩय आधारयत कुछ तनष्कषय हदए गए है, हाराॊकक
उनभें साभान्म ऻात त्मों से मबन्नता हो सकती है। सबी तनष्कषय ऩढ़े औय कपय तनधायरयत कयें कक हदए गए कौन-
से तनष्कषय, हदए गए कथनो क आधाय ऩय मुस्क्तसॊगत है।
कथन्
I. ऩौधे फीजों से उगते है।
II. फीज पूरों से उत्ऩन्न होते है।
तनष्कषय्
(A) पूर औय फीज ऩौधों से उत्ऩन्न होते है।
(B) फीज ऩौधों से उत्ऩन्न होते है।
(C) ऩौधे पूरों से उगते है।
(D) पूर फीजों से उत्ऩन्न होते है।
उत्तय- C
व्माख्मा:

194. महद ―×‖ का अथय― +‖, ―+‖ का अथय ―‗‖, ―‗‖ का अथय ―-―,तथा ―-― का अथय ―×‖, हो तो
78-13+6×7÷23=?
(A) 121
(B) 153
(C) 133
(D) -13
उत्तय- B
व्माख्मा: हदए गए सभीकयण भें प्रश्नानुसाय चिन्हों को ऩरयवततयत कयने ऩय
78×13÷6+7-23
= 13×13+7-23
= 169+7-23
=153

195.

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(A) A
(B) B
(C) C
(D) D
उत्तय- B
व्माख्मा: प्रत्मेक अगरी आकृतत 900 दक्षऺणावतय घभ
ू यही है। अत् अगरी आकृतत ववकल्ऩ B होगा।

196.

(A) A
(B) B
(C) C
(D) D
उत्तय- C
व्माख्मा: ववकल्ऩ C को छोड़कय शेष आकृततमों भें फहाय वारी आकृतत से एक कभ ये खा अॊदय वारी आकृतत भें है,
जफकक ववकल्ऩ C वारी आकृतत भें अॊदय वारी आकृतत भें 2 ये खाएॊ कभ हैं।

197.

(A) A

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(B) B
(C) C
(D) D
उत्तय- C
व्माख्मा: ववकल्ऩ C को छोड़कय अन्म सबी आकृततमाॊ भें एक दस
ु ये को घुभाने से प्राप्त की जा सकती हैं, जफकक
ववकल्ऩ C भें ऐसा नहीॊ है।

198.

(A) 16
(B) 18
(C) 12
(D) 14
उत्तय- B
व्माख्मा: दी गमी आकृतत भें एक खाने वारे ब्रत्रबज
ु ों की सॊख्मा = 12
दो कहने वारे ब्रत्रबुजों की सॊख्मा = 6
कुर ब्रत्रबुज= 12+6= 18

199.

(A) A
(B) B
(C) C
(D) D
उत्तय- C
व्माख्मा: स्जस प्रकाय प्रथभ आकृतत का आधा फहग दो बागों भें छामाॊककत होने ऩय दस
ू यी आकृतत प्राप्त होती है
उसी प्रकाय तीसयी आकृतत आकृतत के छामाॊककत होने ऩय िौथी प्राप्त होगी।

200. तनम्नमरर्खत प्रत्मेक प्रश्न भें एक कथन/कथनों का सभह


ू कुछ तनष्कषों के साथ हदमा गमा है ।

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ब्रफना ककसी ऩूवायग्रह के उस तनष्कषय का िुनाव कयें , जो ताककयक रूऩ से कथन/कथनों का अनस
ु यण कयता
है ।
कथन् सद ॊु यवन भें फहुत साये सद
ॊु यी के वऺ ृ ऩाए जाते है । सदॊु यवन भे स्जतने सदॊु यी के वऺ
ृ है , उतने ही
शॊकुरी वऺ
ृ बी है । तीन-िौथाई वऺ ृ ऩयु ाने है , जफकक आधे वऺृ ो भें ऩुष्ऩ रगना शुरू हो गए है ।
तनष्कषय्
(A) सबी सद
ॊु यी वऺ
ृ ों भें ऩष्ु ऩ रगना शरू
ु हो गमा है ।
(B) सबी शॊकुरी वऺ
ृ ों भें ऩुष्ऩीकयण प्रायॊ ब हो गमा है ।
(C) एक-िौथाई सद
ुॊ यी वऺ
ृ ो भें ऩुष्ऩीकयण प्रायॊ ब हो गमा है ।
(D) इनभें से कोई नही।
उत्तय- D
व्माख्मा: स्ऩष्टीकयण् कथन के अनस ु ाय, सद
ॊु यवन भें फहुत साये सद
ॊु यी के वऺ
ृ ऩाए जाते है औय उतने ही
शॊकुरी वऺ ृ , कथन से मह स्ऩष्ट नहीॊ कक केवर सद ुॊ यी औय शॊकुरी के वऺ ृ ही ऩाए जाते है । मा कपय
अन्म बी। इसमरए तनष्कषय A, B तथा C अवैध हैं ,अत् सही ववकल्ऩ D है ।

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