You are on page 1of 121

Unacademy

Madhukar Kotawe
78-3481-1405
MADHUKAR SIR OFFICIAL
MKLIVE
MKLIVE
MKLIVE
भारत को भौितक ि कोण से िन िल खत 5 भागों म िवभ िकया जा सकता
है :

1. उ री पवतीय दे श

2. म वत मैदान दे श

3. ाय ीपीय पठारी दे श

4. तटवत मै दानी दे श

5. ीपीय दे श
िहमालय की उ ि व उ ान

● िहमालय पवतीय दे श भारत के उ री भाग म थत िव का


नवीनतम विलत पवत है ।

● इसकी उ ि अंितम ि टे िशयस काल से टिशयरी काल तक


दीघकािलक िववतिनकी ि याओं के प रणाम प ई है ।

● इसे टिशयरी पवत अथवा अ ाईन पवत भी कहते ह, ोंिक


िहमालय की उ ि के समय ही यू रोप म आ स पवत की भी
उ ि ई।
● िहमालय की भाँ ित ही उ री अमे रका का रा◌ॅ की, दि णी अमे रका
का एं डीज तथा अ ीका का एटलस आिद भी िव के नवीनतम
विलत ह।
● िहमालय की उ ि टे िथस सागर म मलवों के िन े प व
अवसादीकरण की ि या के साथ ारं भ ई।

● वृहद् महा ीप पिजया के िवखं डन से अंगारालड व गोंडवाणालड के


म टे िथस सागर की उ ि ई।

● पु नः भू गिभक ऊजा तरं गों के कारण अंगारालड व गोंडवाणालड भी


कई भागों म िवभ हो गए।
● फल प भारतीय भू खंड के प म भारतीय े ट तथा यू रेिशयन
भू खंड के प म यू रेिशयन े ट की उ ि ई।

● भू गिभक ऊजा तरं गों के कारण भारतीय े ट उ र की ओर जबिक


यूरेिशयन ेट दि ण की ओर गितशील ई।

● यह गितशीलता वतमान म भी जारी है ।


● भारतीय ेट व यू रेिशयन े ट के अिभसरण की थित म अिधक
घन की भारतीय ेट कम घन की यू रेिशयन े ट के नीचे े िपत
हो गई तथा कम घन की यूरेिशयन े ट म वलन की ि या से
िहमालय पवत की उ ि ई।

● इस कार िहमालय की उ ि टे िथस सागर के े म मलवों म


वलन के साथ ही यू रेिशयन े ट म वलन से ई है ।
● चूं◌ँिक भारतीय े ट की गित वतमान म भी उ र की ओर जारी है ,
अतः िहमालय वतमान म भी उ ान की अव था म है ।

● िहमालय से िनकलने वाली निदयों के माग प रवतन एवं िहमालय


तथा िनकटवत े ों म आने वाले भू कंपों से इस बात की पु ि होती
है ।
● गौरतलब है िक टे िथस सागर के मलवों पर दबाव के कारण परतदार
शै लों म वलन ारं भ आ।

● इसकी ा ा े टों की गितशीलता व े टों के सीमांत े म घिटत


होने वाली िववतिनकी ि याओं से होती है ।
● िहमालय पवत कई समानां तर े िणयों के प म लगभग 5 लाख वग
िकलोमीटर े म पू व से पि म म चापाकार पम थत है ।

● पू व की ओर यह 200 िकलोमीटर चौड़ा है जबिक पि मी भाग म


इसकी चैड़ाई लगभग 500 िकलोमीटर है ।

● िहमालय की चैड़ाई एवं समानांतर े िणयों म िभ ता का कारण


िहमालय म िमक उ ान की ि या व े टों की गितशीलता है ।
(A) उ र का पवतीय े

● भारत की उ री सीमा पर िव की सबसे ऊँची एवं


पू व-पि म म िव ृ त सबसे बड़ी पवतमाला है ।

● यह िव की नवीनतम मोड़दार पवत- े णी ह।

● इस पवत े णी के पि मी भाग म नंगा पवत के


िनकट एवं पूव भाग म िमशमी पहाड़ी या नामचा
बरबा के िनकट दो तीखे अ सं घीय मोड़ (Syntaxial
bend) 'हे यरिपन टन' की भां ित िमलते ह।
● िहमालय पि म म ू िच ान से आरं भ होकर ां मार के
अराकानयोमा पवत तक फैला है ।

● िहमालय पवत भारत के उ र म लगभग 5 लाख वग िकलोमीटर े


म िव ृ त नवीनतम विलत पवत है । इसकी उ ि अ ाइन
भू संचलन के फल प ई है ।
2400 km ल ाई

क ीर म चौड़ाई 500 km जबिक अ णाचल म 200 km

धनुषाकार आकृित

नामकरण िहम+आलय

पि म से पूव की ओर पवतीय भाग की चौड़ाई घटती है िक ु ऊँचाई


बढ़ती जाती है एवं ढाल भी ती होता जाता है ।
● िहमालय की औसत ऊचाई 6000 मीटर है ले िकन इसकी कई
चोिटयाँ 8000 मीटर से भी अिधक ऊँची ह। मु िहमालय तीन
समानांतर ेिणयों म िवभ है ।

● उ र से दि ण की ओर मशः टां स िहमालय, वृहद् िहमालय, म


िहमालय व िशवािलक िहमालय थत है ।

● इनके अंतगत ही िविभ पवतीय े व चोिटयाँ अलग-अलग ऊँचाई


म थत ह जो इसकी उ ावच िवषमताओं को िनधा रत करती है ।
● दि ण म थत िशवािलक े की औसत ऊँचाई 600 से 1500 मीटर है ।

● म िहमालय की औसत ऊँचाई 1500 से 4500 मीटर है ।

● वृहद् िहमालय की औसत ऊँचाई 6000 मीटर है ।

● टां स िहमालय म ल ाख िहमालय व कराकोरम िहमालय की औसत ऊँचाई


6000 मीटर से अिधक है , ले िकन कराकोरम अपे ाकृत अिधक ऊँची चोिटयों
का े है।

● ल ाख िहमालय व कराकोरम िहमालय के म ल ाख का पठार थत है ।


● िहमालय की समानां तर े िणयों के म गहरी घािटयाँ िमलती ह
िजनम जनसं ा का अिधवास है ।

● वृहद् िहमालय व म िहमालय के म ज ू-क ीर की घाटी,


िहमाचल दे श म ला ल- ीित की घाटी, उ राखंड म पु -घाटी
तथा नेपाल म काठमांडू की घाटी मु ख ह।

● म िहमालय एवं िशवािलक के म कु ू-मनाली की घाटी


(िहमाचल दे श), दून की घाटी (उ राखं ड) तथा पूव की ओर दुआर
की घाटी (पि म बं गाल व असम) मु ख ह।
उ र के पवतीय े को चार मुख समानां तर पवत े णी े ों म बां टा जा सकता
है :

(1) टां स िहमालय े :

● इसके अ गत काराकोरम, ल ाख, जॉ र कैलाश आिद पवत े िणयाँ आती


ह िजनका िनमाण िहमालय से भी पहले हो चुका था।

● ये मु तः पि मी िहमालयी े म िमलते ह।

● इसे ित त िहमालय भी कहा जाता है


● K2 या गॉडिवन ऑ न (8611
मी.) काराकोरम े णी की सव
चोटी है जो िक भारत की सबसे
ऊँची चोटी भी है ।

● िव की सबसे ती ढाल वाली


चोटी राकापोशी ल ाख े णी म
िमलती है

● इसे एिशया की back bone भी


कहा जाता है
1. कराकोरम िहमालय

● यह िहमालय की उ रवत पवतीय े णी है ।

● इसकी उ ि मु िहमालय के साथ ही अ ाईन भू संचलन से ई


है ।

● इसकी औसत ऊँचाई 6000 मीटर है ।

● इसकी सव चोटी माउं ट के2 है िजसे गा◌ॅ डिवन आ न भी कहते


ह।

● यह भारत की सव चोटी है ले िकन वतमान म यह पाक अिधकृत


क ीर म थत है ।
● कराकोरम े म िसयािचन व
सासायनी िहमनद थत है ।

● िसयािचन भारत व पािक ान के


बीच िववादा द िब दु है ।

● कराकोरम का अिधकां श भाग वषभर


िहमा ािदत रहता है ।

● ेन हेडन ने कराकोरम पवत े णी


को 'उ एिशया की रीढ़' कहा है ।
2. ल ाख िहमालय

● ल ाख िहमालय टां स िहमालय म थत एक पवतीय े है, िजसकी


थित वृहद् िहमालय के उ र व कराकोरम िहमालय के दि ण म है ।

● इसकी औसत ऊँचाई 6000 मीटर है ।

● इसकी सव चोटी गु रला मां धता है ।

● ल ाख िहमालय का अिधकां श भाग लगभग वषभर िहमा ािदत


रहता है ।
● ल ाख िहमालय कई निदयों का उ म थल है ।

● ल ाख िहमालय के उ र म ल ाख का पठार थत है, जहाँ से िस ु


नदी वािहत होती है ।

● कराकोरम िहमालय व ल ाख िहमालय को सं यु प से टांस


िहमालय कहते ह। यह भाग अवसादी शै लों से िनिमत ह।
3. जा र े णी

● यह पवत े णी वृहद् िहमालय और ल ाख े णी के म थत है ।

● इसम डास और जा र दो बड़ी निदयाँ बहती ह।

● जा र ेणी म कामेत िस चोटी है जबिक दमा, िकंगरी-िबं गरी,


शाल-शाल तथा नीित मु ख दर ह।
(II) िहमाि अथात् सव या वृहद िहमालय

यह िहमालय की सबसे ऊँची े णी है ।

इसकी औसत ऊँचाई 6000 मी. है जबिक चौड़ाई 120 से 190 िकमी. तक
है ।

िव के ायः सभी मह पू ण िशखर इसी म थत ह।

इनम एवरे (8850 मी.), कंचनजं गा (8558 मी.), नंगा पवत, नंदा दे वी,
कामेट व नामचाबरवा आिद इसके कुछ मह पू ण िशखर ह।
● िव की सबसे ऊँची चोटी एवरे
(नेपाल) इसी पवत े णी म थत
है।

● नेपाल म इसे सागरमाथा के नाम से


जानते है
● वृहद् िहमालय मु िहमालय की उ री े णी के प म पि म से पू व की ओर
लगभग 2400 िकलोमीटर की ल ाई म धनु षाकार पम थत है ।

● इसका िव ार पि म म नंगा पवत से पू व की ओर नामचा बरवा तक है ।

● वृहद् िहमालय की औसत ऊँचाई 6000 मीटर है लेिकन इसकी कई चोिटयाँ 8000
मीटर से भी अिधक ऊँची है ।

● यहाँ 40 ात चोिटयाँ 7000 मीटर से भी अिधक ऊँची ह।


● वृहद् िहमालय का अिधकां श भाग लगभग वषभर िहमा ािदत रहता
है , अतः इसे 'िहमाि ' भी कहते है ।
(III) िहमाचल ेणी अथात लघु या म िहमालय

● इसकी औसत चौड़ाई 80 से 100 िकमी. एवं सामा ऊँचाई 3500 से


4500 मी. है।

● पीरपंजाल, धौलाधार, मसूरी, नागटीबा एवं महाभारत े िणयाँ इसी


पवत ेणी का भाग है ।
● म िहमालय म कोणधारी वन िमलते ह और ढ़ालों पर छोटे -छोटे
घास के मैदान पाए जाते ह, िज क ीर म 'मग' तथा उ राखं ड म
'बु ाल' और 'पयार' कहते ह।

● लघु िहमालय अपने ा व क पयटक थलों के िलए िव ात है ।

● उदाहरण के िलए, िशमला, कु ू, मनाली, मसूरी, दािजिलंग आिद को


िलया जा सकता है ।

● लघु िहमालय िशवािलक से 'मेन बाउं डी फॉ ' (Main boundary


fault) के ारा अलग होती है ।
(IV) िशवािलक अथात िन या वा िहमालय
● इसे उपिहमालयभी कहा जाता है इसे 'बा या िहमालय' या 'दि णी िहमालय' भी
कहते ह।

● ये िहमालय के नवीनतम भाग ह।

● िशवािलक और लघ िहमालय के बीच कई घािटयाँ ह जै से-काठमांडू घाटी।

● िशवािलक िहमालय म िहमालय से एक गहरी घाटी ारा अलग होता है, िजसे
पि मी भाग म 'दून' तथा पू व की ओर 'दुआर' घाटी कहते ह। जैसे- दे हरादून,
चु ीदून, िकयादून, कोटलीदून, और ह र ार।
● िशवािलक के िनचले भाग को 'तराई' कहते ह। यह दलदली और वना ािदत
दे श है।

● तराई से सटे दि णी भाग म वृहद सीमावत ंश (Great boundary fault)


िमलता है जो क ीर से असम तक िव ृ त है ।

● िशवािलक िहमालय, िहमालय का सबसे नवीन भाग है ।


● पं जाब िहमालय को क ीर िहमालय भी कहते ह।

● वै ो दे वी का मं िदर, अमरनाथ की गु फा तथा िचरार-ए-शरीफ पं जाब


िहमालय के अंतगत ही थत ह।
78-3481-1405
MADHUKAR SIR OFFICIAL
िहमालय का ादे िशक िवभाजन
सर िसडनी बुराड ने िहमालय का ादे िशक वग करण नदी घाटी के ुत
िकया
1. पंजाब िहमालय

● िसं धु नदी के गा◌ॅ ज से सतलज नदी के गा◌ॅ ज तक लगभग 560


िकलोमीटर म िव ृ त है ।

● इसके अ गत िहमाचल दे श व ज ू-क ीर के पवतीय े आते


ह।

● िहमालय की सवािधक चौड़ाई इसी भाग म पाई जाती है ।

● पं जाब िहमालय के उ री भाग िनजल, ऊबड़-खाबड़ और शु ह


जबिक दि णी ढ़ाल अिधक कटे -फटे और सघन वनों से आ ािदत
ह।
● पं जाब िहमालय को क ीर िहमालय भी कहते ह।

● वै ो दे वी का मं िदर, अमरनाथ की गु फा तथा िचरार-ए-शरीफ पं जाब


िहमालय के अंतगत ही थत ह।
2. कुमायूं िहमालय

● सतलज नदी के गा◌ॅ ज से काली नदी के गा◌ॅ ज तक लगभग 320


िकलोमीटर म िव ृ त है ।

● इसका मु िव ार उ राखं ड व िहमाचल दे श म है ।

● ऐसा अनुमान है िक ाचीनकाल म इस दे श म कई झील थी ं, िजनके


सू ख जाने से यहाँ कुछ उपजाऊ भाग बने ह।

● भागीरथी, अलकनं दा और यमु ना का उ म थल यही ं है ।

● माना एवं नीित दर ारा यह भाग ित त से जु ड़ा आ है ।


● कुमायूं िहमालय मु ख प से उ राखं ड म थत ह।

● नंदादे वी, कामे त, ि शू ल, ब ीनाथ, केदारनाथ और बं दरपुं छ कुमायूं


िहमालय की मु ख चोिटयाँ ह।

● फूलों की घाटी, दून और ार घािटयाँ भी इसी के अंतगत आते ह।


3. नेपाल िहमालय

● इसका िव ार काली नदी से ित ा नदी लगभग 800 िकलोमीटर की


ल ाई म है ।

● यही ं िहमालय की सव चोिटयाँ थत ह।

● इस े णी को िस म म िस म िहमालय, पि म बं गाल म
दािजिलंग िहमालय तथा भू टान म भू टान िहमालय कहते ह।

● इसका े फल लगभग 1,16,800 वग िकलोमीटर है ।


● उ भागों म मृदा अपरदन के कारण यहाँ के उ भाग का धरातल
वन ितिवहनी है ।

● िक ु िनचले भागों, ढ़ालों व घािटयों म दे वदार, ू स, फर, चीड़ जैसे


कोणधारी वन िमलते ह।

● (वृहद) िहमालय की मु ख ऊँची चोिटयाँ नेपाल िहमालय के अंतगत


आती ह िजनका पि म से पू व की ओर म इस कार है -

धौलािगरी, अ पू णा, एवरे , मकालू , कंचनजंगा।


4. असम िहमालय

● ित ा नदी से पु नदी (िदहां ग) तक लगभग 720 िकलोमीटर


े म िव ृ त है ।

● इसका मु िव ार िस मवअ णां चल दे श म है ।

● यह ेणी िस म, असम व अ णाचल दे श सिहत भू टान म फैली


है ।

Note अ णाचल दे श म पु को िदहां ग नदी कहते ह।


असम िहमालय को असम म रहने वाली अनेक जनजाितयों के आधार पर
कई उपभागों म बाँ टा गया है -

आका पहािड़याँ, धनसीरी, दफला पहािड़याँ, िमशमी पहािड़याँ, कोिहमा


पहािड़याँ, उ री कछार पहािड़याँ, िमजो पहािड़याँ, खासी, जयं ितया,
िमिकर इ ािद िजनम आका, दफला, मीरी और िमशमी जै सी जनजाितयाँ
िनवास करती ह।
िहमालय की मुख चोिटयाँ
1. कराकोरम िहमालय

● माउं ट के2 ● सासायनी

● मासेर ूम ● सािसर

● ासेर ूम ● हरमोश

● िसयािचन ● एिलं ग कंगरी


2. जा र े णी

● कामेत (चोटी)

● डास व जा र (निदयाँ)

● दमा, िकंगरी-िबं गरी, शाल-शाल, नीित (दर)


3. वृहद् िहमालय

● माउ एवरे ● गोंसाईनाथ

● कंचनजंगा ● कंचनजंगा

● नंदादे वी ● मकालू

● केदारनाथ ● अ पू णा

● ब ीनाथ ● मनसालू

● नंगापवत ● हरामोश
4. म िहमालय

● महाभारत ● िशमला,

● मं सूरी ● नैनीताल,

● नागिट ा ● रानीखे त,

● धौलाधर ● दािजिलंग,

● पीरपं जाल ● अ ोड़ा,

● मं सूरी, ● डलहौजी,
(i) क ीर या पंजाब िहमालय

● इसे उतरीपि मी िहमालय भी कहते है

● िस ु और सतलज के बीच 560 िकमी. की दूरी म फैला आ है ।

● काराकोरम ल ाख जा र व पीरपं जाल े िणयाँ इसी के भाग ह।

● िहमालय की चौड़ाई यहाँ सवािधक है एवं यह 250 से 400 िकमी. चौड़े े म िव ृत


है ।

● क ीर िहमालय करे वा के िलए िस है करे वा, िहमनद िचकनी िम ी और दूसरे


पदाथ का िहमोढ़ पर मोटी परतके प म जमाव है ।
(ii) कुमायूँ िहमालय

● यह सतलज और काली निदयों के बीच 320 िकमी. की दूरी म फैला


आ है ।

● यह उ राखं ड े म िव ृ त है ।

● नंदा दे वी, कामेट, ब ीनाथ, केदारनाथ, ि शू ल आिद इसके मु ख


िशखर ह।
(iii) नेपाल िहमालय

● यह काली और ित ा निदयों के बीच 800 िकमी. की दूरी म फैला आ


है ।

● यहाँ िहमालय की चौड़ाई अ ं त कम है पर ु िहमालय के सव िशखर


यही ं िमलते ह, जै से-एवरे , कंचनजंगा, मकालू आिद।
(iv) असम िहमालय

● यह ित ा तथा िदहांग (सां गपो- पु ) निदयों के बीच 720 िकमी.


की दूरी म फैला आ है ।

● यहाँ िहमालय की ऊँचाई पु नः कम होने लगती है ।


(B) ाय ीपीय पठार

● यह ाचीन गोंडवाना भू िम का भाग है एवं ि भु जाकार आकृित म है ।

● इसकी औसत ऊँचाई 600 से 900 मी. है ।

● अरावली, राजमहल और िशलां ग की पहािड़याँ (मे घालय की


पहािड़याँ ) इस पठार की उ री सीमा पर है ।
● 'राजमहल-गारो गै प' व ु तः राजमहल व मे घालय की पहािड़यों के
बीच के भाग के जलोढ़ िन े पों ारा ढक जाने से िनिमत ए ह।

● ाय ीपीय पठार की ढाल उ र और पू व की ओर है जो सोन, च ल


और दामोदर निदयों की िदशा से है ।

● दि णी भाग म इसकी ढाल पि म से पू व की ओर है जो िक महानदी,


गोदावरी, कृ ा और कावे री की िदशा से है ।
● भारत म दि ण का ाय ीपीय पठार अने क भागों म िवभ है ।

● इसके अंतगत मालवा, बै तूल व बघे लखं ड का पठार (म दे श),


बुंदेलखंड का पठार (म दे श व उ र दे श), द कार पठार
(ओिडशा, छ ीसगढ़ व आ दे श), रायलसीमा का पठार (कनाटक
वआ दे श), तेलगां ना का पठार (आ दे श), िशलां ग का पठार
(मेघालय), हजारीबाग व छोटानागपु र पठार (झारखं ड) शािमल िकए
जा सकते ह।
● ाय ीपीय पठार अ िधक घिषत ाचीन पठारी भाग है ।

● यहाँ ाचीन पवतमालाओं के अवशे ष ह एवं िहमा ादन के भी


माण िमलते ह।

● जहाँ िहमालय म ै ितज सं चलनों के उदाहरण ह, वही ं ाय ीपीय


पठारी भाग म 'लं बवत सं चलन' के अने क उदाहरण ह।

● 'अरावली े णी' ी-कै यन काल की च ानों से िनिमत अ िधक


ाचीन व अविश पवतमाला ह।
● यह िव पहािड़यों की ृं खला
के प म गुजरात से िद ी तक
िव ृत है।

● इसकी चौड़ाई दि ण-पि म से


उ र-पू व की ओर मश: घटती
चली जाती है।

● अरावली की अिधकतम ऊँचाई


माउं ट आबू के 'गु िशखर'
(1722 मी.) म िमलती है ।
● 'िवं ाचल' अ िधक पु राना व घिषत मोड़दार पवत े णी है ।

● यह मालवा पठार के दि ण म थत है एवं उ री भारत को दि णी


भारत से अलग करती है ।

● इसकी औसत ऊँचाई 700 से 1200 मीटर है ।

● यह पि म से पू व की ओर भारनेर, कैमू र, और पारसनाथ पहािड़यों के


प म झारखंड तक लगभग 1050 िकमी. की ल ाई म िव ृ त है ।
● 'सतपुड़ा' ॉक पवत का उदाहरण है िजसके दोनों ओर नमदा और
ता ी की िस भू - ं श घािटयाँ ह।

● यह पवत ेणी िवं ाचल के दि ण म एवं लगभग उसके समाना र


थत है एवं पि म म राजिप ला पहािड़यों से ार होकर महादे व
और मैकाल पहािड़यों के प म छोटानागपुर पठार के पि मी सीमा
तक िव ृ त है।

● सतपुड़ा की सबसे अिधक ऊँचाई महादे व पहाड़ी के पं चमढ़ी नगर के


िनकट 'धूपगढ़' (1350 मी.) म िमलती है ।
● मैकाल पहाड़ी का सव िशखर 'अमरकंटक' (1036 मी.) है ।

● सोन व नमदा निदयों का उ म यही ं से होता है ।

● मैकाल से पू व की ओर जाने पर छोटानागपुर व राजमहल की


पहािड़याँ भी िमलती ह।

● मेघालय की 'गारो-खासी-जयंितया' पहािड़याँ भी व ु तः दि णी


ाय ीप का ही अंग ह।
● छोटानागपुर थत राँ ची का पठार सम ाय मैदान (Pereplain) का
सु र उदाहरण है ।

● छोटानागपुर पठार को भारत का र' भी कहा जाता है, ोंिक


खिनज भंडार की ि से यह भारत का सबसे स दे श है ।

● िशलांग पठार (मधालय पठार) छोटानागपुर पठार का ही अ भाग


है ।
78-3481-1405
MADHUKAR SIR OFFICIAL

You might also like