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7 Continents of The World
7 Continents of The World
By - नननतन गुप्ता
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श्रीलंका
श्रीलंका का प्राचीन नाम शसिं घल दीप है। शसिं घल िब्द को संस्कृत में लंका कहा जाता है ।
तधमल भाषा में इसे ‘इलम’ कहा रहा है।
शसिं घल दीप से ही इस देि का नाम सीलोन (Ceylon) पडा है।
श्रीलंका और भारत को पाक जल सन्धि अलग करता है। इसमें कई छोटे-छोटे प्रिाल दिीप
पाये जाते है। इन दीिीपों को ‘आदम का पुल’ (Adam’s Bridge) कहा जाता है।
श्रीलंका के मध्यिती उच्च पिणतीय भाग की सिोच्च चोटी नपदरू तेलगाला (2,524 मी.) हैं।
श्रीलंका के पूिी प्रदेि की पहाडऺडयों में ही िेस्ट धमननस्टर अबे (West Minister Abbey)
स्थित है।
श्रीलंका की नहदयां अरीय प्रिाह प्रणाली (Radial Drain-age System) का निकास
करती है।
श्रीलंका में प्रिाहहत महाबेली गंगा सबसे लम्बी नदी है। इसकी लम्बाई 332 ककमी है। अन्य
नहदयों में आरू निचारू, कालूगंगा और केलानी गंगा महत्िपूणण है।
श्रीलंका के पूिी उच्च भूधम के उिा (Uva) प्रदेि में निस्तृत घास मैदान पतनास कहलाते हैं।
श्रीलंका की प्रमुख उपज चािल है। इसका उत्पादन देि की 30% भूधमपर ककया जाता है।
श्रीलंका में माहा (निम्बर से माचण, चाला (जून से शसतम्बर) तथा चेना (अक्टू बर-निम्बर)
तीन ककस्म का चािल उत्पाहदत ककया जाता है।
श्रीलंका में चािल के पश्चात् सिाणधधक कृनष भूधम नाररयल के उत्पादन में संलग्न है।
चाय श्रीलंका के 20 प्रनतित से अधधक भूधम पर पैदा की जाती है। इसके उत्पादन के शलए
केण्डी पिणतीय क्षेत्र प्रशसर्द् है।
श्रीलंका बौध धमाणिलम्बी देि है। इसे पूिण का मोती (Pearl of the East) कहा जाता है।
श्रीलंका में मन्नार की खाडी मोती प्राप्त करने के शलए प्रशसर्द् है।
श्रीलंका का राजधानी नगर कोलम्बों सडक, रेल तथा िायु पररिहन का महत्िपूणण केन्द्र रहा
है।
नेपाल
नेपाल हहमालय की गोद में बसा स्थलरूर्द् देि (Land Locked Country) है, जो
एकमात्र हहन्दू राष्ट् है।
नेपाल एशिया का पिणतीय देि है शजसका 9 प्रनतित भाग पिणतीय है।
निश्ि की सिोच्च चोटी एिरेस्ट (8850 मी) नेपाल में ही स्थित है शजसे नतब्बती भाषा
में चोमोलंगमा अथाणत् पिणतों की रानी कहा जाता है।
माउं ट एिरेस्ट की खोज सिशचक राधारमण शसकन्दर ने की थी पर नामकरण भारत के
महासिशक्षक एिरेस्ट के नाम पर ककया गया।
नेपाल में मध्य हहमालय की महाभारत श्रेणी पायी जाती है।
नेपाल की काठमाण्डू घाटी महानहहमालय तथा नघु हहमालय के मध्य स्थित है। यह 20 ककमी
लम्बी तथा 12 ककमी चौडी िृत्ताकार घाटी है।
नेपाल की अथणव्यिस्था में कृनष एिं पिुपालन का नििेष महत्ि है। पर देि के कुल क्षेत्रफल
का मात्र 14 प्रनतित ही समतल मैदानी भू-भाग है।
नेपाल के तराई प्रदेि में चािल, मक्का, गन्ना, जूट, चाय, तम्बाकू, गेह,ं जौ, कपास इत्याहद
की कृनष की जाती है।
नेपाल के पोखरा एिं काठमाण्डू घाटी क्षेत्र में चािल एिं गेह, मक्का, अंगूर, सेब, सस्थियों
इत्याहद की कृनष की जाती है।
भूटान
एशियाई देि भूटान को ”सपणराज का देि” (Country of Dragon King) कहा जाता है।
भूटान का राष्ट्ीय धचन्ह अजगर है। इस देि में नाग एिं अजगर का बाहुल्य है शजसे लोग
पनित्र मानते हैं।
भूटान का राष्ट्ीय धमणबौर्द् है। यहां बौर्द् धमण स्थल (जोंग-Ozong) बनाया गया है।
भूटान की राजधानी नगर धथम्पू संकोि नदी की पश्चिमी सहायक नदी के ककनारे स्थित है।
भूटान का सिोच्च शिखर कुल कंगरी (8200 मी) महान हहमालय में स्थित है।
भूटान में स्थित कालापिणत (Black Mts.) श्रेणी संकोि और मानसनहदयों के बीच जल
निभाजक है।
भूटान में पारो, पुनाखा, धथम्पू तथा हॉं घारटयां पायी जाती हैं। भूटान-शसक्किम सीमा पर
दोख्या श्रेणी पायी जाती है।
भूटान में संकोि, मानस, िांग्चू, पुनाखा इत्याहद नहदयां प्रिाहहत होती हैं।
भूटान का 50 प्रनतित भाग िनों से आिृि है। यहां निधभन्न ऊंचाईयों पर धभन्न-धभन्न िृक्ष
पाये जाते हैं।
भूटान की अथणव्यिस्था का आधार कृनष एिं पिुपालन है।
धथम्पू के पश्चात् पश्चिमी भूटान में भारत की सीमा पर स्थित फुटसोशलिं ग दूसरा महत्िपूणण नगर
है। इसका व्यिसाधयक एिं सामररक महत्ि अधधक है।
धथम्पू के पश्चिम में स्थित पारो महत्िपूणण धाधमि क नगर है जबकक पूिण में स्थित पुनरिा प्राचीन
राजधानी नगर रहा है। यह आकषणक महलों एिं केन्द्रीय मठों के शलए प्रशसर्द् है।
एण्डीज पिणतमाला
एण्डीज पिणमाला का निस्तार उत्तर में रट्नीडाड दृिीप से आरं भ होकर दशक्षण में स्टांटन द्वीप
तक है।
एण्डीज संसार की सबसे लम्बी पिणतमाला है । इसकी कुल लिाई 7,200 ककमी. है।
एण्डीज हहमालय के पश्चात संसार की दूसरी सबसे ऊंची पिणतमाला है।
एण्डीज संसार के निीन िशलत पिणत हैं।
एण्डीज पिणत का निस्तार मुख्यत: धचली, पेरू, इक्िेडोर, कोलन्धिया और िेनेजुएला में है।
एण्डीज पिणत का सिोच्च शिखर ‘एंकाकागुआ’ है, शजसकी समुद्रतल से ऊंचाई 7021 मी. है।
एण्डीज पिणतमाला में अनेक ज्िालामुखीय शिखर पाए जाते हैं – ‘ओजो-डेल-सलादो’,
‘धचम्बराजो’, ‘कोटोपैक्सी’, ‘एलधमस्टी’, ‘टु पुंगाटो’, ‘बालेनिन’।
‘कोटोपैक्सी’ (इक्िेडोर) संसार का सबसे ऊंचा सकक्रय ज्िालामुखी पिणत है।
पठारी प्रदेि
दशक्षणी अमेररका के पठारी प्रदेि में मूलत: गुयाना तथा पूिी तट के साथ फैले ब्राजील के
पठार आते हैं।
बोलीनिया का पठार एण्डीज पिणतों की दो श्रेणणयों के मध्य अन्त: पिणतीय पठार है।
पेरू-बोलीनिया की सीमा पर स्थित रटटीकाका झील संसार की सिोच्च (7014 मी.) नौगम्य
झील है।
नगयाना पठार ओरननको तथा अमेजन नहदयों के मध्य कटा-छटा पठार है।
दशक्षणी अमेररका के मध्य पूिी भाग में ब्राजील पठार स्थित है, जो खननज पदाथों के धनी है।
तटिती प्रदेि
दशक्षणी अमेररका का प्रिान्त तटिती प्रदेि अत्यन्त संकरा है जबकक पूिी तट अपेक्षाकृत चौडा
है।
दशक्षणी अमेररका में दो परूस्थलीय प्रदेि पाये जाते हैं – अटाकामा मरूस्थल तथा
पैटागोननया मरूस्थल।
अटाकामा मरूस्थल का निस्तार दशक्षणी पेरू तथा उत्तरी धचली में है। यह गमण मरूस्थल है।
इस मरूस्थल में नागफनी तथा अन्य कंटीली झाडऺडयां पाई जाती हैं।
अटाकामा मरूस्थल के दशक्षण-मध्य धचली में भूमध्य सागरीय जलिायु पाई जाती है , जहां
जाडे में िषाण होती है।
मध्य धचली के भूमध्यसागरीय जलिायु क्षेत्र में ओक, अखरोट, चेस्टनट तथा अंजीर के पेड
पाये जाते हैं।
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