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रामे श‍व

् रम
् रम, तमिलनाडू राज्‍य में स्थित एक शांत शहर है और यह करामाती पबं न द्वीप का हिस्‍सा है ।
रामे श‍व
यह शहर पं बन चै नल के माध्‍यम से दे श के अन्‍य हिस्‍सों से जु ड़ा हुआ है । रामे श‍व
् रम, श्री लं का के
मन्‍नार द्वीप से 1403 किमी. की दरू ी पर स्थित है । रामे श‍व ू ं के सबसे पवित्र स्‍थानों में
् रम को हिं दओ
से एक माना जाता है , इसे चार धाम की यात्राओं में से एक स्‍थल माना जाता है । किंवदं तियों के
अनु सार, भगवान राम, भगवान विष्‍णु के सातवें अवतार थे जिन्‍होने यहां अपनी पत्‍नी सीता को
रावण के चं गुल से बचाने के लिए यहां से श्री लं का तक के लिए एक पु ल का निर्माण किया था। वास्‍
तव में , रामे श‍व
् र का अर्थ होता है भगवान राम और इस स्‍थान का नाम, भगवान राम के नाम पर ही
रखा गया। यहां स्थित प्रसिद्ध रामनाथस्‍वामी मं दिर, भगवान राम को समर्पित है । इस मं दिर में हर
साल लाखों श्रद्धालु यात्रा करने आते है और ईश्‍वर का आर्शीवाद ले ते है ।

होगे नक्कल 
होगे नक्कल तमिलनाडु के धरमपु री जि़ले में कावे री नदी पर स्थित एक छोटा सा गाँ व है । इसे यह
नाम कन्नड़ शब्दों, ’होगे ’ अर्थात् ’धु आं’ और ’कल’ अर्थात् ’चट् टान’ से मिला है और इसलिए इसका
नाम ’होगे नक्कल’ अर्थात् ’धु आंदार चट् टान’ है । इस चट् टान पर ते ज़ी से पानी के गिरने के कारण धु एं
दिखाई दे ता है । नदी के किनारे पर स्थित यह गाँ व व्यस्त महानगर बें गलु रु से लगभग 150 कि.मी. दरू
और दो राज्यों तमिलनाडु और कर्नाटक की सीमा पर स्थित है । घरे लू और विदे शी पर्यटकों के लिए
यह एक लोकप्रिय वीकेंड डे स्टिने शन है । ते ज़ बहती कावे री की आवाज़, नदी से पकड़ी गई ताज़ी
मछली जो किसी रसोई में पकाई जा सकती है , स्थानीय जड़ी-बूटियों का उपयोग करके ते ल मालिश
से कायाकल्प करने वाले एक्सपर्ट, एक पीढ़ी से दस ू री पीढ़ी को सौंपे जाने वाले स्पे शल ते ल और
मसाज करने के लिए स्पे शल बिं दु, ये सभी होगे नक्कल की यात्रा को एक मज़े दार अनु भव बनाते हैं ।

काँचीपु रम
काँचीपु रम सम्भवतः तमिलनाडु का सबसे पु राना शहर है जिसने अपने पु राने आकर्षण को बरकरार रखा
है । शहर न केवल अपने मन्दिरों के लिये बल्कि पल्लव रोजाओं की समकालीन राजधानी होने के
कारण भी प्रसिद्ध है । आज भी कभी-कभी इस शहर को इसके पु राने नामों काँ चियमपती और
काँजीवरम से पु कारा जाता है । तमिलनाडु की राजधानी से मात्र 72 किमी की दरू ी पर स्थित होने के
कारण इस शहर तक आसानी से पहुँचा जा सकता है । काँचीपु रम हिन्दुओं के लिये पवित्र शहर है
क्योंकि यह उन सात पवित्र स्थानों में से एक है जहाँ प्रत्ये क हिन्द ू को अपने जीवनकाल में अवश्य
जाना चाहिये । हिन्द ू मान्यता के अनु सार इन सभी सात स्थानों पर जाने के बाद ही मोक्ष की प्राप्ति
होती है । यह शहर भगवान शिव और विष्णु के भक्तों के लिये पवित्र स्थान है । काँचीपु रम शहर में
भगवान शिव और विष्णु को समर्पित कई मन्दिर हैं । इन मन्दिरों में भगवान विष्णु के समर्पित वृ हद
पे रूमल मन्दिर और एकम्बारनाथ मन्दिर, जो कि पं चबूथ स्थलम या पं चतत्वों का प्रतिनिधित्व करते
शिव के पाँच मन्दिर में से एक, सबसे लोकप्रिय हैं ।

महाबलीपु रम
महाबलीपु रम को आधिकारिक तौर पर मामाल्‍लापु रम के नाम से जाना जाता है जो तमिलनाडु राज्‍य
के कांचीपु रम शहर में स्थित है । इस शहर को 7 वीं शताब्‍दी के पल्‍लव वं श के शासन के दौरान
बं दरगाह शहर के रूप में जाना जाता है जिसका निर्माण 7 वीं से 9 वीं शताब्‍दी के बीच हुआ था। इस
शहर में कई ऐतिहासिक स्‍मारक मौजूद है । इन स्‍मारकों को यूनेस‍क ् ो विश्‍व विरासत स्‍थल के रूप
में वर्गीकृत किया गया है । महाबलीपु रम, बं गाल की खाड़ी के सामने स्थित है और कोरोमं डल तट पर
स्थित है । पल्‍लव वं श के स्‍वर्ण यु ग के दौरान, 650 - 750 ई. में महाबलीपु रम में कला, वास्‍तुकला,
कविता, ड्रामा, और अन्‍य सांस‍क ् ृ तिक पहचान वाले पहलु ओं को बढ़ावा दिया गया था, जिन्‍हे आज
भी यहां दे खा जा सकता है ।महाबलीपु रम, राज्‍य और दे श के कई शहरों और राज्‍यों से यातायात के
विभिन्‍न साधनों द्वारा अच्‍छी तरह से जु ड़ा हुआ है । महाबलीपु रम में सै र करने के टै क् ‍सी भी मिल
जाती है । महाबलीपु रम तक एयर, ट् रेन और बस के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है । यहां के स्‍
थानीय लोग तमिल या अं गर् े जी में बात करते है ।

श्रीरं गम
श्रीरं गम, तिरूचिरापल्‍ली में स्थित एक करामाती शहर है जो तमिलनाडू के दक्षिण भारतीय शहर का
हिस्‍सा है । श्रीरं गम को प्राचीन काल से वे ल‍ल ् ीथिरूमु थारमाम के नाम से जाना जाता है । तमिल
भाषा में , इस लोकप्रिय शहर को थिरूवारं गम के नाम से भी जाना जाता है । श्रीरं गम शहर दो
नदियों के बीच में स्थित है - कावे री ( जिसे काउवे री भी कहा जाता है ) और कोल्‍लीदम ( कोले रन,
जिसे कावे री नदी की ही शाखा माना जाता है )। यह शहर, हिं द ू धर्म के पर्यटकों के बीच एक
लोकप्रिय स्‍थल है । वास्‍तव में , श्रीरं गम शहर की अधिकां श: जनता भगवान विष्‍णु की पूजा करती
है । यहां के प्रसिद्ध मं दिरों में से श्री रं गनाथस्‍वामी मं दिर सबसे प्रमु ख है । हर साल इस मं दिर में
भारी सं ख‍य ् ा में पर्यटक सै र करने आते है और भगवान विष्‍णु की उपासना करते है । इस मं दिर को पूरी
दुनिया में सबसे बड़ा ऑपरे ट हिं द ू मं दिर माना जाता है । यह मं दिर 4 किमी. यानि 10,710 फीट के
क्षे तर् में फैला हुआ है ।
ऊटी
ऊटी नीलगिरी की सुं दर पहाड़ियों में स्थित एक सुं दर शहर है । इस शहर का आधिकारिक नाम
उटकमं ड है तथा पर्यटकों की सु विधा के लिए इसे ऊटी का सं क्षिप्त नाम दिया गया है । भारत के
दक्षिण में स्थित इस हिल स्टे शन में कई पर्यटक आते हैं । यह शहर तमिलनाडु के नीलगिरी जिले का
एक भाग है । ऊटी शहर के चारों ओर स्थित नीलगिरी पहाड़ियों के कारण इसकी सुं दरता बढ़ जाती
है । इन पहाड़ियों को ब्लू माउन्टे न (नीले पर्वत) भी कहा जाता है । कुछ लोगों का ऐसा विश्वास है कि
इस स्थान का नाम यहाँ की घाटियों में 12 वर्ष में एक बार फू लने वाले कुरुं जी फू लों के कारण पड़ा। ये
फू ल नीले रं ग के होते हैं तथा जब ये फू ल खिलते हैं तो घाटियों को नीले रं ग में रं ग दे ते हैं । इस शहर
के इतिहास की जानकारी तोड़ा जनजाति से मिल सकती है क्योंकि 19 वीं शताब्दी में ईस्ट इं डिया
कंपनी का शासन प्रारं भ होने के पहले यहाँ इसी जनजाति का शासन था।

कोडै कनाल
कोडै कनाल पश्चिमी घाट में पलानी पहाड़ियों में स्थित एक सुं दर और खूबसूरत हिल स्टे शन है । शहर
अपनी प्राकृतिक सुं दरता और लोकप्रियता के कारण हिल स्टे शनों की राजकुमारी के रूप में प्रसिद्ध
है । तमिलनाडु के डिं डागु ल जिले में स्थित शहर समु दर् तल से 2133 मीटर की ऊंचाई पर एक पठार
के ऊपर है । कोडै कनाल शहर घाटियों पारप्‍पर और गु ं डर के बीच स्थित है । कोडै कनाल के उत्तर में
पहाड़ी है , जो विलपट् टी गां व और पालं गी गां व तक नीचे आती है । पूर्व में , पहाड़ियां लोअर पलानी
हिल्‍स तक आती हैं । कोडै कनाल के दक्षिण में कम्बम घाटी है और पश्चिम में पठार है , जो
मं जमपट् टी घाटी और अनामलई हिल्‍स तक जाता है । तमिल में कोडै कनाल का अर्थ वन का उपहार
है । हालां कि, इसके चार सं स्करण हैं , क् ‍योंकि शब्‍द कोडै के चार अलग-अलग अर्थ होते हैं । पहला
"जं गल का अं तिम छोर", दस ू रा "लताओं के जं गल", तीसरा "गर्मियों का जं गल" और चौथा मतलब
"जं गल का उपहार" है ।
तं जावु र
तं जावु र इसी नाम के जिले में स्थित एक नगरपालिका है , जिसमें छः उप जिले हैं । चोल शासकों के
समय तं जावु र एक महत्वपूर्ण स्थान के रूप में सामने आया, जब चोलों नें इसे अपनी राजधानी
बनाया। 18 वीं शताब्दी के अं त में दे श की सं स्कृति का मु ख्य केंद्र रहे , एवं अनें कों आकृषक तीर्थ
स्थलों की मौजूदगी से साल दर साल हजारो पर्यटकों को अपनी ओर आकृषित करने वाला तं जावु र
बे हद प्रसिद्ध है । इसका प्रमाण इससे मिलता है ,कि इस महत्वपूर्ण आध्यात्मिक स्थल पर वर्ष 2009
में , 2,00,225 भारतीय तथा 81,435 विदे शी पर्यटक भ्रमण के लिए आए।तं जावु र में सबसे अधिक
भ्रमणशील स्थल बृ हदीश्वर मं दिर है , जिसे 11 वीं शताब्दी में प्रसिद्ध चोल शासक,राज राजा चोल
द्वारा बनवाया गया था। वर्ष 1987 में यूनेस्को विश्व विरासत स्थल के रूप में घोषित इस बृ हदीश्वर
मं दिर में भगवान शिव की आराधना होती है । यहाँ एक अन्य लोकप्रिय गं तव्य स्थल तं जावु र मराठा
पै लेस है । नायकों के शासन काल में बना यह महल,1674 ई. से 1855 ई.तक यहां के शासकों,भोंसले
परिवार, के सरकारी निवास के रूप में उपयोग में आता रहा। यह बात दिलचस्प है कि जबकि
अधिकतर तं जावु र मराठा राज्यों को ब्रिटिश राज नें 1799 में अपने में शामिल कर लिया था, ले किन
मराठों का इस महल और इसके आसपास के किलों पर अधिकार बना रहा।
श्रीविल्लीपु तु र
तमिलनाडु के विरुधिनगर जि़ले में स्थित श्रीविल्लीपु तु र राज्य के सबसे शु भ मं दिर नगरों में से एक
है । यह जगह कई कारणों से प्रसिद्ध है । इस जगह का एक प्राचीन इतिहास है जिसमें इसकी अपनी
विरासत का उल्ले ख है । मं दिरों का यह शहर दे शभर में प्रसिद्ध है ओर राज्य के लोग इन मं दिरों को
बहुत शु भ मानते हैं । इस जगह की जनसं ख्या 73,183 है । पु रुषों की सं ख्या 36,411 है और
महिलाओं की सं ख्या 36,772 है । इस शहर में 18,911 परिवार हैं । पालकोवा यहाँ बनाई जाने वाली
पारं परिक मिठाई है जो इस जगह को तमिल लोगों के बीच लोकप्रिय बनाती है । दध ू और चीनी से
बनी यह मिठाई बहुत स्वादिष्ट होती है । यहाँ स्थित ग्यारह मीनारदार टावर इस शहर का लैं डमार्क हे
क्योंकि यह भगवान श्रीविल्लीपु तु र को समर्पित है । भगवान को यहाँ वतपत्रसयी के रूप में जाना
जाता है और बहुत शक्तिशाली माना जाता है । यहि जगह कुछ वार्षिक त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है ।

चिदं बरम
चिदं बरम एक मं दिरों का शहर है जो तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में स्थित है । यह शहर अपने
अनोखे स्थलों, प्राचीन द्रविड़ वास्तु कला और भव्य गोपु रमों के लिए जाना जाता है । सु बह-सु बह
मं दिर में बजती घंटियों की आवाज सु नते आप एक कप गर्म फिल्टर कॉफी पीने के लिए उठते हैं और
चिदं बरम शहर एक यात्री को सब कुछ प्रदान करता है जो वे इस सर्वोत्कृष्ट तमिलनाडु के मं दिरों के
शहर से उम्मीद करते हैं । इस शहर के बारे में सोचते समय मन में कई विचार आते हैं । ले किन उनमें
सबसे पहला होगा शानदार चिदं बरम नटराजर मं दिर जिसके लिए यह शहर सु पर् सिद्ध है । इस मं दिर में
पूजे जाने वाले प्रमु ख दे वता भगवान शिव हैं , जो इस शहर को शिव भक्तों के लिए एक पसं दीदा
स्थान बनाता है । यह मं दिर तमिलनाडु के 5 शिव मं दिरों यह पन्च भूत स्थलों में से एक है और
प्रत्ये क मं दिर 5 तत्वों (हिं द ू अवधारणा के अनु सार, पन्च भूत तत्व वायु , जल, पृ थ्वी, अग्नि और
आकाश) में से एक के साथ जु ड़ा हुआ है ।
कन्याकुमारी
कन्याकुमारी, जो कि पूर्व में केप कैमोरिन के नाम से प्रसिद्ध था, भारत के तमिलनाडु में स्थित है । यह
भारतीय प्रायद्वीप के सबसे दक्षिणी छोर पर स्थित है । कन्याकुमारी ऐसे स्थान पर स्थित है जहाँ पर
हिन्द महासागर, बं गाल की खाड़ी और अरब सागर मिलते हैं । केरल प्रदे श इसके उत्तर पश्चिमी और
पश्चिमी इलाके में स्थित है जबकि तिरूने लवे लि जिला इसके उत्तरी और पूर्वी भाग में स्थित है । केरल
की राजधानी तिरूवनन्तपु रम कन्याकुमारी से 85 किमी की दरू ी पर है । यह शहर अपने नयनाभिरामी
और शानदार ऊषाकाल और सन्ध्याकाल के लिये जाना जाता है , खासतौर से पूर्णिमा के दिनों में ।जिन
लोगों में सृ जनात्मक सोच की कमी होगी उन लोगों को शहर की कला और सं स्कृति रोचक नहीं
लगे गी। हलाँ कि कन्याकुमारी में कई मन्दिर और समु दर् तट हैं जो भारी सं ख्या में तीर्थयात्रियों और
रोमांच पसन्द पर्यटकों को आकर्षित करते हैं । शहर के मु ख्य आकर्षणों में विवे कानन्द रॉक मे मोरियल,
वट् टाकोटाई किला, पद्मनाभपु रम पै लेस, थिरूवल्लूवर प्रतिमा, वावाथु राइ, उदयगिरि किला और
गाँ धी सं गर् हालय शामिल हैं । शहर के प्रसिद्ध पवित्र स्थलों में कन्याकुमारी मन्दिर, चिथराल हिल
मन्दिर और जै न स्मारक, नागराज मन्दिर, सु बर् मण्यम मन्दिर और थिरुनन्धिकाराइ गु फा मन्दिर
शामिल हैं । कन्याकुमारी के समु दर् तट उन रोमांच पसन्द लोगों के लिये प्रमु ख आकर्षण हैं जो यहाँ
अपने परिवार और मित्रों के साथ मनोरं जन के लिये आते हैं । शहर के समीप प्रसिद्ध समु दर् तटों में
सं गुथु राई तट, थें गापट्टिनम तट और सोथाविलाइ तट प्रमु ख हैं ।

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