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Science

SCERT(िबहार बोड� /BTBC) पर आधा�रत

िव�ान Class - 7
Chapterwise Details के साथ

For: - BPSC
�श�क बहाल�
�भखना पहाड़ी, (सैदपुर मोड़)
पटना-04
VIKASH SIR 9162068342, 7061735586
PLATFORM BY - NAVIN KUMAR SINGH
अ�ाय 1 जल और जंगल
 प्रितवष� 22 माच� को ‘िव� जल िदवसʼ मनाया जाता है
 मनु� के पीने यो� जल की आपूित� का आधार िहमनद, ध्रुवीय बफ� पहाड़ों पर
अव�स्थत बफ� है , जो गलकर निदयों म� प�ं चती है
 भूिमगत जल के अलावा झील और निदयों का जल पीने के िलए बचता है
 पृ�ी पर जल की सम�ा ब�त हद तक जल चक्र से सुलझ जाता है
 जल चक्र की कोई ना कोई प्रिक्रया सदै व होती रहती है
 जल चक्र की सभी प्रिक्रयाओं के सतत सं प� होते रहने से पृ �ी पर जल की कुल मात्रा
�स्थर बनी रहती है
 यह आव�क नहीं की जहां का जल वा� बना पुनः बरसात �ारा वहीं आएगा l वह
िकसी अ� रा� या दे श म� भी जा सकता है इसी कारण कहीं बाढ़ से तबाही मचती है
तो कहीं पीने का पानी भी नहीं िमलता है
 गां व म� कुआं और ह� ड पंप जल प्रा�� के मु� स्रोत होते ह�
 वषा� जल �रसकर भूिम के नीचे एकत्र होता है िजस भौमजल स्रोत कहते ह�
 िकसी प्रक्रम �ारा जल की भूिम के नीचे प�ं चने को भौमजल भर कहते ह�
 भूिम जल के अं धाधुं ध िनकासी से वह नीचे भागता जाता है िजसे भौमजल का िगरना
कहते ह�
 जल भं डार के पुनः पू ित� के िलए तालाब, पोखर, बावड़ी, चहबचा तथा नहर आिद
बनवाये जाते ह�
 िकसान चाहे तो अपने खे तों म� िसंचाई के िलए बूंद िसंचाई िविध को अपनाकर जल की
बचत कर सकते ह�
 ��ंकलन िविध �ारा िसंचाई से भी जल की बचत होती ह�
 पृ�ी पर ऑ�ीजन की कमी को रोकने के िलए जंगलों का रहना आव�क है
 जंगल पया� वरण की �ि� से मह�पूण� है
 वनों से इमारती लकड़ीयां , लाह, गोंद, मधु आिद प्रा� होते ह�
 जैिवक उ�ानों म� तरह-तरह के पेड़-पौधे तथा पशु-प�ी को दे ख सकते ह�
 जंगलों म� जैिवक िविवधता पाई जाती है
 वनों म� खा� श्रृं खला से ता�य� है , एक जीव दू सरे जीव को खाता है
 िहरण घास खाता है l िहरण को िसंह या बाघ खाता है इसका संतुलन बना रहता है
 वनों म� प्रकाश सं�ेषण की िक्रया के कारण ऑ�ीजन और काब�न डाइऑ�ाइड
का संतुलन बना रहता है
 जल और जंगल दोनों मनु� के जीवन िनवा� ह म� सहायक बनते ह�
 जल की तीन अवस्था होती है
 ठोस के �प म� बफ�

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 द्रव के �प म� जल
 गैस के �प म� जलवा�
 D2O  भारी जल
 जल का अिधकतम घन� 4 िडग्री से��यस पर होता है
 शु� जल का Ph मान 7 होता है
 वन म� मृदा, जल, वायु और सजीवों के बीच पर�र िक्रया होती रहती है
 सबसे अिधक वन �े त्र वाला रा� म� प्रदे श है
 कागज बनाने के िलए मुलायम लकड़ी, बां स, सवाई घास तथा जल आिद चािहए
 पूिण�याँ प्रमंडल तथा कोसी प्रमंडल दोनों प्रमंडलों म� अिधक वषा� होती है
 उ�र िबहार म� अ�िधक वषा� के कारण बाढ़ आ जाता है
 वा�ीिक रा��ीय उ�ान  पि�मी चंपारण
 कैमूर अभयार�  रोहतास
 बरे ला अभयार�  वैशाली
 भीम बां ध अभयार�  मुंगेर
 गौतम बु� अभयार�  गया
 िहमालय के ऊंचे पहाड़ों पर चीड़ और दे वदार के वृ� िमलते ह�
 उ�री िबहार के चंपारण �े त्र म� प्रमुखतः चौड़े प�े वाले साल और सागवान जैसे पेड़
िमलते ह�
 गोंद और लाह जंगल से प्रा� िकया जाता है
 भारतीय लाख अनुसंधान संस्थान रां ची के नामकुम म� �स्थत है
 पादपो और जंतुओं के मृत शरीर को ह्यूमस म� प�रवत�न करने वाले सू �जीव
अपघटक कहलाते ह�

1. िन�िल�खत कथन 'स�' ह� अथवा अस�


(क) वषा� जल का चरम स्रोत है ।
(ख) निदयों का जल खेतों म� िसंचाई का एकमात्र साधन
(ग) जल की कमी की सम�ा का सामना केवल ग्रामीण �े त्रों के िनवासी करते ह� ।
2. �र� स्थानों की पूित� कीिजए ।
(क) भौमजल प्रा� करने के िलए….……………...तथा…………………. का उपयोग होता है
(ख) जल की तीन अवस्थाएँ ................, …………... और ……………... ह� ।
(ग) भूिम की जल धारण करने वाली परत …………………… कहलाती है ।
(घ) वन से हम� …………………और ……………………. का लाभ होता है ।
(च) वन म� �यवान पि�याँ और ज�ु…………………. को समृ � करते ह� ।
(छ) सू�जीवों �ारा मृत पादपों पर िक्रया से………………………… बनता ह� ।
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अ�ाय 2 जंतुओ ं का पोषण

 सभी जीव िकसी न िकसी तरह अपने पोषण के िलए पौधों पर िनभ�र रहते ह�
 हमारे भोजन म� अने क अवयव होते ह� जो भोजन को सं तुिलत बनाते ह�
 भोजन के अवयवों की संरचना अ�ंत जिटल होती है
 जीवों म� पोषण का तरीका अलग-अलग होते ह� िजनके आधार पर हम उ�� �पोषी
िवषमपोषी आिद वग� म� बां टते ह�
 छीलना, चबाना, कुतरना, बेधना, पकड़ना, िनगलना, चूसना, पीना आिद भोजन ग्रहण
की िविध है
 सभी जीवों की भां ित मनु� भी भोजन को ग्रहण करता है
 मनु� के मु ख �ारा भोजन ग्रहण करने के बाद वह एक लंबी निलका से गुजरता है इस
लंबी निलका को आहारनाल कहते ह�
 आहारनाल और उससे संबंिधत ग्रंिथयां िमलकर पाचन तं त्र का िनमा� ण करती है
 मुख गुिहका के अंदर दां त और जीभ होते ह� इसी म� लार ग्रंिथ होते ह� िजससे लार
िनकलती है
 मनु� के मुंह म� 32 दां त होते ह�
 बचपन म� जो दां त िनकलते ह� उ�� दू ध के दां त कहते ह� जो 7 से 8 वष� की आयु होते-
होते झड़ जाते ह� और बाद म� जो दां त िनकलते ह� वह स्थाई होते ह�
 लार ग्रंिथयां से लार िनकलते रहने के कारण मुंह हमेशा िगला रहता है
 लार भोजन पचाने म� सहायक होती है
 जीभ भोजन को चबाते समय उसे घुमाने-िफराने तथा साफ और �� बोलने म� मदद
करती है
 भोजन नली ल�ी, पतली, मां सल संरचना होता है जो मु ख गुिहका को आमाशय से
जोड़ती है
 आमाशय आहार नाल का सबसे चौड़ा भाग है यह मोटी दीवार वाली थैलीनुमा मां सल
संरचना है जो चपटी और U आकार की होती है
 छोटी आं त लगभग 6 से 7 मीटर लंबी कुंडली संरचना है इसम� यकृत अ�ाशय है तथा
�यं इसकी दीवारों से स्राव प्रा� होते ह�
 पचे �ए भोजन का अवशोषण छोटी आं त की आं त�रक िभि� से होता है
 बड़ी आं त छोटी आं त के अपे �ा छोटी और चौड़ी होती है िजसकी लंबाई 1.5 मीटर
होती है
 गाय, भ�स, बकरी जै से अनेक जंतु घास खाते ह� िजसम� सेलूलोज की प्रधानता होती है
 जंतु मनु� की अपे�ा ज�ी-ज�ी खाते ह� और बाद म� जुगाली कर पचाते ह�
 अमीबा का आहार जीवाणु और कवक है इसका पाचन खा�धानी म� होता है

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 अमीबा के मुख से पाचन तंत्र नहीं होता है
 िजभ के अग्रभाग म� मीठा �ाद अनुभव होता है
 अग्रभाग के ऊपर जीभ के दोनों िकनारों पर नमकीन �ाद का अनुभव होता है
 ऊपर अगल बगल म� ख�े �ाद का अनु भव होता है
 कड़वे अथा� त तीखे �ाद का अनुभव जीभ के िपछले भाग के ठीक बीचो-बीच ऊपर से
नीचे तक होता है
 मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंिथ यकृत है
 मनु� म� भोजन का पाचन मुंह म� शु� होकर बड़ी आं त म� पू रा होता है
 आमाशय म� हाइड�ो�ो�रक अ� एवं पाचन रस का स्राव होता है जो भोजन पर िक्रया
करते ह�
 मनु� म� पोषण के मु� चरण
 (1) अं तग�हण (2) पाचन (3) अवशोषण (4) �ां गीकरण
(5) िन�ासन
 अमीबा अपने भोजन को खा�धानी की सहायता से ग्रहण करता है
 कुतरने वाला दां त कृ�क कहलाता है
 लार, मंड (�ाच� को) �ूकोज म� बदलता है
 िप� रस का स्राव यकृत म� होता है
 वसा का पूण��पेण पाचन छोटी आं त म� होती है
 जल का अवशोषण मु�तः बड़ी आं त होता है
 काब�हाइड�ेट  शक�रा
 प्रोटीन  अमीनो अ�
 वसा  वसा अ� एवं ��सरोल
 िप� रस  िपताशय
 लार लार ग्रंिथ

1. खाली स्थानों की पूित� कीिजए-


(a) मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंिथ……………………. है l
(b) मनु� म� भोजन का पाचन ..................... म� शु� होकर...................... म� पूरा होता है ।
(c) आमाशय म� हाइड�ो�ो�रक अ� एवं ....................... का स्राव होता है जो भोजन पर
िक्रया करते ह� ।
(d) मनु� म� पोषण के मु� चरण.............., ..............., .............., ............. और .............. ह�
(e) अमीबा अपने भोजन को................................... की सहायता से ग्रहण करता है ।
2. सही िवक� पर का िच� लगाइये
(a) कुतरने म� सहायता करने वाला दाँ त (iii) अग्रचवण�क (iv) चवण�क
(i) कृ�क (ii) रदनक (b) लार, मंड (�ाच�) को बदलता है
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(i) मा�ोज (ii) �ूकोज (i) आमाशय (ii) अ�ाशय
(iii) सेलुलोज (iv) लै �ोज (iii) बड़ी आँ त (iv) छोटी आँ त
(c) िप� रस का स्राव होता है (e) जल का अवशोषण मु�तः होता है
(i) यकृत (ii) अ�ाशय (i) ग्रिसका (ii) बड़ी आँ त
(iii) आमाशय (iv) छोटी आँ त (iii) छोटी आँ त (iv) आमाशय
(d) वसा का पूण��पे ण पाचन होता है
3. स� और अस� कथनों को िचि�त कीिजए
(i) आमाशय म� हाइड�ो�ो�रक अ� का स्राव होता है ।
(ii) िप� रस से प्रोटीन का पाचन होता है ।
(iii) प्रोटीन का पाचन मुख से आरं भ हो जाता है ।
(iv) जुगाली करने वाले िनगली �ई घास को पुनः अपने मुख म� लाकर धीरे -धीरे चबाते ह� ।
(v) छोटी आँ त म� �े �क स्रािवत होता है ।
4. कॉलम A के कथनों का िमलान कॉलम B से कीिजए
A B
काब�हाइड�ेट लार ग्रंिथ
प्रोटीन िप�ाशय
वसा शक�रा
िप�रस अमीनो अ�
लार वसा अ� एवं ��सरौल
5. आहारनाल के िकन भागों �ारा ये काय� होते ह� ।
(i) भोजन का चबाना............................
(ii) जीवाणु न� होना...........................
(iii) उपयोगी पदाथ� का अवशोषण..........................
(iv) मल का िनकास.........................

अ�ाय 3 ऊ�ा

 हम जाड़े म� ऊनी तथा रं गीन कपड़ा पहनना पसंद करते ह�


 गम� म� सूती तथा ह�े रं ग के कपड़े पहनते ह�
 िकसी व�ु को छूकर हम पता करते ह� िक कौन व�ु गम� है और कौन व�ु ठं डी है
 कोई व�ु िकतनी गम� है इसको मापने के िलए थमा� मीटर (तापमापी) का उपयोग
करते ह�
 िकसी ��� को बु खार डॉ�री थमा� मीटर से मापा जाता है
 डॉ�री थमा� मीटर फारे नहाइट �ेल म� होता है

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 प्रयोगशाला थमा� मीटर से��यस �ेल म� होता है
 ऊ�ा का स्थानां तरण होता है
 जलते चू �े पर तवा को रखने पर तवा गम� हो जाता है और हटा लेने पर वह कमरे के
तापमान पर आ जाता है यह दोनों बात� िस� करती है की ऊ�ा का स्थानां तरण होता
है
 ऊ�ा िकसी व�ु के गम� िसरे से ठं डा िसरे की ओर स्थानां त�रत होती है उसे प्रक्रम
को चालन कहते ह�
 ठोसों म� ऊ�ा का स्थानां तरण चालन िविध से होता है
 सभी पदाथ� म� ऊ�ा का चलन आसानी से नहीं होता है
 जो पदाथ� अपने से होकर ऊ�ा को एक िसरे से दू सरे िसरे तक जाने दे ता है वह उसे
चालक कहते ह� l जै से :- लोहा, तां बा, अलुिमिनयम
 जो पदाथ� ऊ�ा को एक िसरे से दू सरे िसरे तक अपने से होकर आसानी से नहीं जाने
दे ता है उसे ऊ�ा का कुचालक कहते ह� l जैसे :- �ा��क, लकड़ी
 जल तथा वायु ऊ�ा के कुचालक है िफर भी िवशेष िविध �ारा इनको चालक बनाया
जा सकता है
 जल और वायु दोनों संवहन प्रिक्रया �ारा गम� होते ह�
 समुद्री समीर तथा स्थलीय समीर संवहन के कारण ही चलते ह�
 ऊ�ा कां च को पार कर जाती है
स्थलीय समीर समु द्री समीर
 स्थलीय समीर स्थल की ओर से सागर  समुद्री समीर समुद्र की ओर से स्थल
की ओर चलता है की ओर चलता है
 स्थलीय समीर राित्र म� चलता है  समुद्री समीर िदन म� चलता है
 स्थलीय समीर सुखा होता है  समुद्री समीर जलकणो से लदा होता है
िजससे कभी-कभी वष� भी हो जाती है

 कोई व�ु िकतनी गम� है इसकी जानकारी तापमापी �ारा प्रा� होती है
 उबलते �ए पानी का तापमान डॉ�री तापमापी से नहीं मापा जा सकता
 ताप को िडग्री से��यस म� मापते ह�

(1) कॉलम 'क' से कॉलम 'ख' के श�ों का िमलान कीिजए-


कॉलम 'क' कॉलम 'ख'
(1) गहरे रं ग के कपडे पसंद करते ह� (अ) िदन म�
(2) समुद्र समीर बहने का समय (आ) सद� म�
(3) ह�े रं ग के कपड़े पहनने का समय (इ) रात म�
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(4) थल समीर चलने का समय (ई) गिम�यों म�
(2) सही उ�र पर () िच� लगाय� ।
(I) एक लीटर जल िजसका तापमान 0°C हो तथा एक लीटर जल िजसका तापमान 40°c
हो, को आपस म� िमला दे तो पूरे जल का तापमान होगा।
(क) 10°C से कम
(ख) 40°C से अिधक
(ग) 10°C से 40°C के बीच
(घ) इनम� से कोई नहीं
(II) बफ� म� लकड़ी का च�च डाला जाय तो
(क) चालन के कारण दू सरा िसरा ठं डा हो जायगा ।
(ख) चालन के कारण गम� हो जायगा ।
(ग) कुचालक होने कारण कोई प्रभाव नहीं पड़े गा
(घ) सुचालक होने के कारण ठं डा हो जायगा ।
(III) 20°C ताप पर गम� जल म� 20°C ताप पर गम� लोहे की छड़ को डालने से
(क) छड़ का तापमान बढ जायगा
(ख) पानी का ताप बढ़ जायगा
(ग) दोनों का ताप बढ़ जायगा
(घ) कोई प्रभाव नहीं पड़े गा।

अ�ाय 4 जलवायु और अनुकूलन

 िकसी स्थान पर तापमान, आद्र� ता, वषा� , पवन वेग आिद के संदभ� म� वायुमंडल की िदन
प्रितिदन की �स्थित उस स्थान का मौसम कहलाती है
 िकसी ��� का दै िनक िक्रयाकलाप उस िदन के मौसम के पूवा� नुमान पर आधा�रत
होता है
 मीिडया के मा�म से आगामी िदनों के मौसम की जानकारी प्रा� होती रहती है
 मौसम का �रपोट� भारत सरकार के मौसम िव�ान िवभाग �ारा तैयार कर प्रसा�रत
िकया जाता है
 िबहार म� दू रदश�न �ारा िन� मौसम की जानकारी दी जाती है
 िबहार की जलवायु मौसमी हवाओं के प्रभाव म� रहती है
 वे मौसमी हवाएं ह�
 उ�र पूव� मानसून
 दि�ण पि�म मानसून

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 उ�र पूव� मानसून को शीत मानसून भी कहते ह�
 भारी वषा� के समय जलवायु गम� और आद्र� रहती ह�
 िकसी �ेत्र की जलवायु जंतुओं पर गहरा प्रभाव डालती है
 जंतु उन �स्थितयों म� जीिवत रहने योग अपने आप को अनुकूिलत कर ले ते ह�
 म�स्थल म� ऊंट के अलावा कोई सवारी कम नहीं आती ऊंट बालू पर आसानी से चल
लेता है इसी कारण उसे म�स्थल का जहाज कहा जाता है
 पृ�ी पर दो ध्रुव है उ�री ध्रुव तथा दि�णी ध्रुव दोनों ध्रुव पर सालों भर बफ� जमी रहती
है
 ध्रुव पर 6 महीने का िदन और 6 महीने का रात होती है
 उ�री ध्रुव का मु � पशु है ध्रु वीय भालू िजसने बफ�ले स्थान के िलए अपने आप को
अनुकूिलत कर िलया है
 दि�ण ध्रु व पर कोई पशु नहीं केवल प���न प�ी पाए जाते ह�
 ध्रुवीय प्रदे श म� अ� प्राणी है मछिलयां , क�ूरी मृग, रे निडयर, लोमड़ी, सील तथा �े ल
 साइबे�रयन प�ी ठं ड बढ़ते ही भारत के गम� स्थान म� आकर प्रवास करती है
 भारत उ� किटबंधीय �े त्र म� आता है यहां की जलवायु गम� और नम होती है
 भारत म� वषा� वनों की ब�लता है जहां घने पेड़ पाए जाते ह� l जै व िविवधता म� यह दे श
धनी है
 भारत के कई जंगलों म� हाथी पाए जाते ह� िज�� एिशयाई हाथी कहते ह�
 एिशयाई हाथी बड़े कानों को िहलाकर तापमान को अपने अनुकूल बना लेते ह�
 अफ्रीका म� काफी गम� के बावजूद काफी हाथी पाए जाते ह�
 उ�किटबंधीय �े त्र म� पाए जाने वाला जंतु क�ूरी मृग है
 ध्रुवीय �ेत्र म� पाया जाने वाला जंतु ध्रुवीय भालू है
 वैसे जंतु िजनके शरीर पर बालो की दो मोटी परत� होती है ध्रुवीय �ेत्रों म� पाया जाता है
 दीघ� अविध के मौसम का औसत जलवायु कहलाता है
 तापमान आद्र� ता मौसम के घटक है

1. िन�िल�खत म� कौन सा सरल रे खीय (क) सीधी सड़क पर चलती मोटरगाड़ी की


गित का उदाहरण है ? गित
(क) झूले (सीसॉ) म� ब�े की गित (ख) साल लोलक की गित
(ख) िवद् युत पं खे की गित (ग) सूय� के चारों ओर पृ �ी की गित
(ग) सीधे पुल पर रे लगाड़ी की गित (घ) उपरो� म� से कोई नहीं
(घ) िवद् युत घंटी के हथौड़े की गित 3. चाल का मूल मात्रक है ?
2. िन�िल�खत म� कौन-सा वतु� ल गित का (क) िकलोमीटर / िमनट
उदाहरण है ? (ख) मीटर/िमनट
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(ग) मीटर / सेक�ड (क) 30 िकलोमीटर
(घ) िकलोमीटर/ घंटा (ख) 60 िकलोमीटर
4. कोई बस 60 िकलोमीटर/ घंटा की चाल (ग) 45 िकलोमीटर
से 45 िमनट चलती है , बस �ारा तय की (घ) 15 िकलोमीटर
गई दू री होगी?

अ�ाय 5 पदाथ� म� रासायिनक प�रवत�न

 लोहा या लोहा जैसी िकसी धातु को अिधक िदनों तक नम वायु म� छोड़ दे ने पर उसम�
जंग लग जाता है
 जंग लोहा न होकर उससे अलग पदाथ� है
 पदाथ� म� रासायिनक प�रवत�न होकर एक नया पदाथ� बन जाता है
 काब�न डाइऑ�ाइड गैस को चुने के पानी म� प्रवािहत करने पर चुना जल का रं ग
दू िधया हो जाता है
 CO2 एक गैस है जो प्रकारा�र से मनु� के िलए िहतकारी है
 CO2 की अिधकता मानव के िलए हािनकारक है
 काब�न डाइऑ�ाइड की खोज बैि��ा वैन हे लमोंट (1630) ई�ी म� िकया था
 1756 ई�ी म� जोसेफ �ैक ने काब�न डाइऑ�ाइड के गुणों को पता लगाया था
 जीवों म� �सन की प्रिक्रया तथा सू�जीवों �ारा िक�न की प्रिक्रया म� काब�न
डाइऑ�ाइड गैस बनती है
 ऑ�ीजन की खोज 1771 ई�ी म� जोसे फ प्री�ले ने िकया था उ�ोंने बताया था िक
पानी म� भी ऑ�ीजन है
 ऑ�ीजन और हाइड�ोजन का आपस म� िमलाकर जलाने पर पानी प्रा� होता है
 रासायिनक प�रवत�न हमारे जीवन म� अिधक मह�पूण� है
 कोयला, लकड़ी या पि�यों को जलाना रासायिनक प�रवत�न है जलने से ऊ�ा उ��
होता है
 बासी भोजन से बदबू आने को रासायिनक प�रवत�न कहते ह�
 लोहे पर प�ट या िग्रस लगाकर जंग लगने से रोका जा सकता है
 िकसी िवलयन से वा�न �ारा रवा प्रा� करना रवाकरण कहलाता है
 िजस प्रक्रम म� िकसी व�ु के �प म� भौितक प�रवत�न तो होता है लेिकन कोई नई
व�ु नहीं बनता है उसे भौितक प�रवत�न कहते ह�
 उस प�रवत�न को िजसम� कोई नया पदाथ� नहीं बनता है ब�� केवल उनके �प म�
प�रवत�न होता है उसे भौितक प�रवत�न कहते ह�

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 ऑ�ीजन गैस सुलगती �ई िदया सलाई को जलने म� मदद करती है
 खाने के सोडा का रासायिनक नाम सोिडयम बाइकाब�नेट है
 चौक को चौक चुण� म� बदलना  भौितक प�रवत�न है
 मोम का िपघलना  भौितक प�रवत�न
 भोजन का पचना  रासायिनक प�रवत� न
 प्रकाश सं�ेषण  रासायिनक प�रवत� न
 कोयले को जलना  रासायिनक प�रवत�न
 िसरका म� इनो डालने पर बुलबुला िनकलता है

1. िन�िल�खत कथनों म� �र� स्थानों को भरीए-


(क) ........................... गैस सु लगती �ई िदयासलाई के जलने म� मदद दे ती है ।
(ख) ........................... प�रवत�न म�, नए पदाथ� का िनमा� ण होता है ?
(ग) खाने के सोडे का रासायिनक नाम ................................. है ?
(घ) जब काब�न डाईऑ�ाइड को चूने के पानी म� प्रवािहत िकया जाता है , तो यह
......................... के बनने के कारण दु िधया हो जाता है ।
2. िन�िल�खत प्रिक्रया के अंतग�त होने वाली प�रवत�न को भौितक अथवा
रासायिनक प�रवत� न के �प म� वग�कृत कीिजए.
(क) चॉक को चॉक-चूण� म� बदलना
(ख) मोम को िपघलाना
(ग) भोजन का पाचन
(घ) प्रकाश सं�ेषण
(च) ऐलुिमिनयम के टु कड़े को पीटकर उसका पतल पत्र (फॉइल) बनाना
(छ) जल म� श�र को घोलना
(ज) कोयले को जलाना
(झ) रवाकरण �ारा शु� पदाथ� प्रा� करना ।
3. बताइए िक िन�िल�खत कथन स� है अथवा अस� । यिद कथन अस� हो तो, उसे
सही करके िल�खए।
(क) लकड़ी के ल�े को टु कड़ों म� काटना एक रासायिनक प�रवत�न है ।
(ख) पि�यों से खाद का बनना एक भौितक प�रवत�न है
(ग) ज�े लेिपत लोहे के पाइपों म� आसानी से जंग नहीं लगती है ।
(घ) मै�ीिशयम के फीते को मोमब�ी की लौ के पास ले जाने पर यह चमकदार �ेत
प्रकाश के साथ जलने लगती है ।
(च) मै�ीिशयम ऑ�ाइड के जलीय िवलयन अ�ीय होता है

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अ�ाय 6 पौधों म� पोषण

 पौधे अपने भोजन के िलए अपना भोजन �यं बना लेते ह�


 जीव जंतु अपने भोजन के िलए पौधों पर िनभ�र रहते ह�
 पौधों को भोजन बनाने की क�ी सामिग्रयों म� प्रमुख है
(1) जल
(2) काब�न डाइऑ�ाइड
(3) खिनज लवण
(4) सूय� का प्रकाश
 पौधों की हरी पि�यों म� एक त� �ोरोिफल (पण�ह�रत) पाया जाता है
 सूय� की ऊजा� प्रा� कर �ोरोिफल पि�यों की सहायता करता है
 िजस प्रकार से पौधे अपना भोजन तैयार करते ह� उसे प्रिक्रया को प्रकाश सं�ेषण
कहते ह�
 प्रकाश सं�ेषण की प्रिक्रया म� काब�हाइड�ेट का उपयोग पौधे की कोिशका �ारा तुरंत
कर िलया जाता है अथवा अघुलनशील मंड (�ाच�) के �प म� संग्रिहत हो जाता है
 प्रकाश सं�ेषण म� िवमु� ऑ�ीजन पि�यों से रं ध्रो के मा�म से वायुमंडल म� प�ं च
जाता है
 पौधों और जीव जंतुओं को जो भी ऊजा� िमलती है उसका मू ल स्रोत सूय� है
 �सन के िलए सभी जीवों को ऑ�ीजन की आव�कता पड़ती है
 पेड़ पौधे �सन म� काब�न डाइऑ�ाइड का उपयोग करते ह�
 वायुमंडल म� ऑ�ीजन - काब�न डाइऑ�ाइड का संतुलन प्रकाश सं�ेषण के
मा�म से होता रहता है
 िचतकबरी, रं गीन पि�यों म� पीली प�ी छोड़कर सभी म� प्रकाश सं�ेषण होता है
 लाल, ब�गनी या भूरे रं ग की पि�यों म� �ोरोिफल होता तो है लेिकन इनका हरा रं ग
अ� रं गीन वण�कों के कारण िछप जाता है इस प्रकार इसम� भी प्रकाश सं�ेषण होता
है
 प्रकाश सं�ेषण �ारा पौधों म� काब�हाइड�ेट का सं�ेषण होता है जो काब�न
हाइड�ोजन और ऑ�ीजन से बनता है
 वायुमंडल म� सबसे अिधक मात्रा म� नाइट� ोजन गैस पाई जाती है
 िम�ी म� कुछ ऐसे जीवाणु (सू�जीव) पाए जाते ह� जो गैसीय नाइट� ोजन को उपयोगी
योिगक नाइट� े ट म� बदल दे ते ह�
 नाइट� ोजन या नाइट� े ट फसलों के िलए अित उपयोगी है

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 वृ�, उसका तना, उसकी शाखा और पि�यों से िलपटे र�ी जैसी संरचना अमरबे ल
कहलाते ह�
 अमरबेल म� ना तो पि�यां होती है और न हीं �ोरोिफल होता है
 अमरबेल उ�ीं वृ �ों या पौधों से भोजन प्रा� करते ह� िजन पर ये िलपटे रहते ह�
 अमरबेल जैसा अ� पौधा भी अपने आश्रय का ही भोजन चुसकर जीिवत रहते ह�
उनको परजीवी कहते ह�
 बरसात के मौसम म� कूड़े के डे र, वृ �ों की छाल, टहिनयां आिद पर छाता के आकार
के उजले पौधे उगते ह� िज�� कुकुरमु�ा या गोबरछ�ा कहते ह�
 िव�ान की भाषा म� गोबरछ�ा को कवक या फंजाई कहते ह� इनको मृतजीवी भी कहते
ह�
 यह मनु� म� अनेक चम� रोग के कारक माने जात� है
 पोषण की िविधयां
(1) �पोषी पोषण (परजीवी)
(2) िवषमपोषी पोषण (मृतोपजीवी)
 कभी-कभी दो जीव एक साथ रहते ह� वह आपस म� आवास और भोजन का बंटवारा
कर ले ते ह� एक जीव संगीजीव को लाभ प�ं चाता है ऐसे जीव सहजीवी कहलाते ह�
 पौधों का रसोई घर प�ी है
 कीटभ�ी पौधा घटपण� है
 भींगे हाथों से अचार मुर�ा छूने से उसम� कटक लग जाते ह�

1. सही उ�र पर िच� लगाइए-


(a) हरे पौधे, जो अपना भोजन �यं बनाते (c) पौधों का रसोईघर है
ह� , कहलाते ह� (I) तना (ii) जड़
(i) िवषमपोषी (ii) परजीवी (iii) प�ी (iv) फूल
(iii) मृतोपजीवी (iv) �पोषी (d) कीटभ�ी पौधा है
(b) अमरबेल उदाहरण है (I) गुलाब (ii) मटर
(i) �पोषी (ii) िवषमपोषी (iii) घटपण� (iv) अमरबेल
(iii) परजीवी (iv) मृ तजीवी
2. िन� कथनों म� स�/अस� कथनों का चयन िकिजए
(a) प्रकाश सं�ेषण म� सौर ऊजा� का रासायिनक ऊजा� म� �पा�रण होता है ।
(b) जड़ काब�नडाय�ाइड के ग्रहण करने म� मदद करते ह� ।
(c) काब�हाइड�ेट और ऑ�ीजन प्रकाश सं�ेषण के उ�ाद ह� ।
(d) सभी जीव अपने पोषण के िलए हरे पौधों पर िनभ�र करते ह� ।
3. कॉलम A के श�ों का िमलान कॉलम B से कीिजए-
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A B
(i) नाइट� ोजन (i) काब�नडाय�ाइड
(ii) रं ध्र (ii) िवषमपोषी
(iii) �ोरोिफल (iii) मृतजीवी
(iv) मश�म (iv) प�ी
(v) ज�ु (v) जीवाणु

अ�ाय 7. हवा, आं धी, तूफान

 गितशील वायु पवन कहलाती है l हवा, वायु का पया� यवाची है


 पहराते झंडे या अलगनी पर सू खने के िलए डले गीले कपड़े की िदशा दे खकर हम यह
समझ सकते ह� की हवा िकस िदशा म� बह रही है
 पि�म से पूव� की ओर बहने वाली हवा पछु आ कहलाता है
 पूव� से पि�म की ओर बहने वाली हवा को पुरवा हवा कहते ह�
 जल गम� करने पर वा� म� बदल जाता है
 वा� ठं डा होने पर िफर से जल बन जाता है
 वायु का वेग बढ़ने से उसका दाब घट जाता है
 वायु दाबों के बीच अिधक अं तर होने पर हवा का वेग बढ़ जाता है
 वायु गम� होने पर फैलती है
 िजस �ेत्र के वायु गम� होती है उसे �े त्र का वायुदाब कम हो जाता है िजससे अ�
स्थानों से हवा वहां आने लगती है
 भू-म� रे खा के िनकट वायु सूय� से अिधक ऊ�ा िमलने के कारण गम� होकर ऊपर
उठने लगती है
 30 िडग्री अ�ां श रे खा की ओर से भू-म� रे खा की ओर हवा जाने लगती है
 यह �स्थित 60 िडग्री दोनों अ�ां शों की रहती है
 30 िडग्री अ�ां शों तथा ध्रुवीय अ�ां शों से हवा 60 िडग्री अ�ां श की ओर आने लगती है
इन हवाओं को �ापा�रक हवाएं भी कहते ह�
 गम� के िदनों म� अिधकां श समय म� और उ�र भारत के मैदानी तथा रे िग�ानी �ेत्र
समुद्री जल के अपे �ा अिधक गम� रहता है अतः हवा समुद्र से भारतीय उपमहा�ीप की
ओर बहने लगती है इसी हवा को मानसूनी हवा कहते ह�
 भारत म� मानसूनी हवाओं से ही वषा� होती है
 ब�त तेज गित से बहने वाली हवा को आं धी कहते ह�
 आं धी का हीं एक �प चक्रवात होता है लेिकन यह आं धी से अिधक भयानक होता है

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 चक्रवात की हवा एक चक्र बनकर चलती है िजसके चक्र की पुनरावृि� बराबर होती है
 चक्रवात की हवा नाचते- नाचते ब�त ऊपर जाकर ठं डी हो जाती है िजससे वषा� होने
लगती है
 वष� होते हीं वायुदाब संतुिलत हो जाता है और चक्रवात समा� हो जाता है
 अिधकतम चक्रवात समुद्र तल पर उ�� होते रहते ह� ऐसे चक्रवात जब स्थल की ओर
बढ़ते ह� तब तटीय �े त्र म� तेज हवा के साथ भारी वषा� होती है
 आं धी की अपे�ा चक्रवात म� अिधक नु कसान होता है
 चक्रवात को अलग-अलग दे शों म� अलग-अलग नामों से जाना जाता है
 पवन गितशील वायु है

1. सही िवक� का चुनाव कीिजए- (a) बाहर घुमना चािहए


(i) पवन िदशा सूचक का उपयोग िकया (b) िकसी पेड़ के नीचे बैठना चािहए
जाता है (c) छत पर चढ़ना चािहए
(a) पवन की िदशा जानने के िलए (d) िकसी घर के अ�र छु पना चािहए
(b) पवन की गित जानने के िलए (iii) पवन वे ग मापी मापता ह�
(c) वायु दाब जानने के िलए (a) पवन ताप (b) वायु दाब
(d) पवन ताप जानने के िलए (c) पवन वेग (d) पवन िदशा
(ii) आँ धी आने पर

अ�ाय 8. गित एवं समय

 गित अनेक प्रकार की होती है


जैसे :- सरल रे खीय गित
वतु�ल गित
आवत� गित
 चाल के आधार पर गित दो प्रकार के होते ह�
(1) मंद गित
(2) तीव्र गित
 साइिकल की गित मं द गित है तो मोटर साइिकल की गित अपे�ाकृत तीव्र गित है
 समय की माप आजकल घिड़यों से होती है
 घड़ी म� तीन सूइयां होती है छोटी और मोटी सूई घंटा बताती है , दू सरी सू ई पतली और
बड़ी होती है जो िमनट बताती है , तीसरी सूई सबसे बड़ी िकंतु सबसे पतली होती है जो
सेकंड बताती है

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 सेकंड वाले सूई तेजी से बनती है
 समय के मूल इकाई सेकंड है , िजसे प्रतीक s से प्रकट करते है
 समय की सबसे बड़ी इकाई घंटा है , िजसे प्रतीक h से प्रकट करते है
 िकसी की आयु जानने के िलए घंटा का नहीं, ब�� वष� का उपयोग करते ह�
 सामा�तः 30 िदनों का एक महीना होता है और 12 महीने का एक वष�
 औसत चाल = तय की गई कुल दू री
कुल दू री तय करने म� लगा समय

 यिद दू री को िकलोमीटर म� और समय को घटा म� मापा जाता है तो चाल की इकाई


िकलोमीटर/ घंटा होता है
 ग्राफ पर गित दशा� ने से हम� फायदा है िक एक �ि� म� शीघ्र गित की तीव्रता �ात कर
लेते ह�
 सीधी सड़क पर चलती बस सरल रे खीय गित है
 झूले की गित आवत� गित है
 लोलक की गित आवत� गित है
 िम�ी के बत�न बनाने वाला चाक की गित वतु�ल गित है
 चाल का मूल मात्रक िकलोमीटर प्रित घंटा होता है

1. इस कथन को पढ़� और सही उ�र द�


(i) इनम� से कौन मौसम के घटक नहीं ह� - (iii) ध्रु वीय �ेत्र म� पाये जाने वाले ज�ु ह� -
A. पवन B. तापमान A. टू कन प�ी B. हाथी
C. आद्र� ता D. पहाड C. लायन टे � लंगूर D. क�ूरी मृग
(ii) उ�किटबंधीय �ेत्र म� पाये जाने वाला (iv) वैसे ज�ु िजनके शरीर पर बालों (फर)
ज�ु ह� - की दो मोटी परत� होती ह� वे पाये जाते ह� -
A. ध्रुवीय भालू B. प���न A. उ�किटबंधीय �ेत्र B. रे िग�ान
C. रे निडयर D. हाथी C. ध्रुवीय �ेत्र D. इनम� से कोई नहीं
2. �र� स्थानों की पू ित� कीिजये-
(i) दीघ� अविध के मौसम का औसत………………………. कहलाता है
(ii) वष� भर सूय�दय और सूया� � के………………………. म� प�रवत�न होता है ।
(iii) तापमान आद्र� ता आिद………………………. के घटक ह�

अ�ाय 9 गंदे जल का िनपटान


 घरों के कंधे चले हम कचरो का िनपटान एक गंभीर सम�ा है
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 घर के बत�न धोने, शौचालय, होटल, लॉ��ी आिद से जो गंदा जल नािलयों म� बहाया
जाता है उसे अपिश� जल कहते ह�
 अपिश� जल के उपचार की प्रिक्रया को सामा�तः ‘वािहत मल उपचारʼ कहते ह�
 छतों से होकर वषा� जल सड़क पर आता है नािलयों के गंदे जल से संदूषक बनाता है
 संदूषक म� रोगवाहक जीवाणु तथा अ� सू�जीव उप�स्थत होते ह�
 संदूषक को हम चार भागों म� बाँ ट सकत� है
(1) काब�िनक अशु��यां
(2) अकाब�िनक अशु ��यां
(3) जीवाणु
(4) अ� सू �जीव
 जहां जल मल के िनकास का कोई रा�ा नहीं होता वहां सो�ा ग�ा म� उसे िगराया
जाता है
 �ा��क की थैिलयां आजकल नालों के िलए अिभशाप िस� हो रही है
 �तंत्रता प्रा�� के 7 दशकों का समय बीत जाने के बाद भी िबहार के कुछ लोग नदी
िकनारे , रे ल की पटरी के बगल म�, खुले खेतों म� मल �ाग करते ह� जो वषा� जल के
साथ बहकर जल स्रोतों म� प्रवेश कर जाते ह�
 क�ों और ग्रामीण �ेत्रों म� जहां सीवर की �वस्था नहीं है वहां मल के िनपटान के
िलए िवशेष प्रकार की टं िकयां बनाई जाती है
 पटना शहर म� शौचालय के मल जल की सफाई हे तु अनेक सीवरे ज ट� ीटम�ट �ां ट
(वािहत मल उपाय संयंत्र) लगाए गए ह�
 संयंत्र म� जल को उपचा�रत करने के बाद िस�ी बच जाती है जो खाद के काम म� आती
है
 पदाथ� के पोषक त� पुनः िम�ी म� वापस चले जाते ह�
 गंदगी से बचने के िलए सभी ���यों को जाग�क बनाना होगा
 दु िषत जल अपिश� जल है
 22 माच� को िव� जल िदवस मनाया जाता है
 दू िषत जल से होने वाली बीमारी पीिलया है
 है जा एक दू िषत जल जिनत बीमारी है
 बायो मल घर, �ूल, होटल, अ�ताल आिद से उपयोग के बाद बहने वाला ईंधन जल
होता है
 वािहत जल एक जिटल िमश्रण है िजसम� िनलंिबत ठोस मृतजीवी और रोगवाहक
जीवाणु, काब�िनक और अकाब�िनक अशु��यां पाई जाती है
 5 साल से कम उम्र के ब�ों की मौत का सबसे बड़ा कारण जल जिनत बीमा�रयां है

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 संयु� रा�� सं घ ने 2005 से 15 की अविध को ‘जीवन के िलए जलʼ पर काय� के िलए
अंतररा��ीय दशक के �प म� घोिषत िकया है
 बायोगैस संयंत्र मानव िनपटान की वै क��क �वस्था है
 कचरा प्रबंधन हे तु प्र�ेक ��� को एक जाग�क नाग�रक भूिमका िनभानी चािहए
 काब�िनक अशु��यां :- मानव मल-मू त्र, जै िवक अपिश�, तेल, फल और स��यों का
कचरा है
 अकाब�िनक अशु��यां :- नाइट� े ट, फाँ �ेट, धातुएं आिद है
 जीवाणु :- है जा और टायफाइड आिद रोग उ�� करने वाला जीवाणु है
 अ� सू�जीव :- पेिचश और पीिलया आिद रोग उ�� करने वाला जल जिनत सू �
जीव है
 है जा :- है जा का ल�ण है िक बार-बार कै (उ�ी) और द� होना
 पीिलया :- इसका ल�ण है की आं ख� पीली पड़ जाती है पेशाब का रं ग भी िपला हो
जाता है हाथ के नाखू न भी पीले िदखाई दे ने लगते ह�

A. सही िवक� चुन� (iii) खुजली (iv) क�सर


(1) अपिश� जल है - (4) पीिलया रोग का कारण है -
(i) पीने यो� (ii) �ान यो� (i) दू िषत जल का �वहार
(iii) दू िषत जल (iv) भोजन बनाने यो� (ii) गंदे कपड़े पहनना
(2) िव� जल िदवस मनाया जाता है - (iii) गरी� भोजन करना
(i) 22 जनवरी को (ii) 22 फरवरी को (iv) इनम� से कोई नहीं
(iii) 22 माच� को (iv) 22 अप्रैल को (5) चापाकल या कुएँ के पास जलजमाव से
(3) दू िषत जल से होने वाली बीमारी नहीं पेयजल होता है -
ह� - (i) �� (ii) दू िषत
(i) पेिचश (ii) पीिलया (iii) दोनों (iv) इनम� से कोई नहीं
B. �र� स्थानों की पूित� कीिजए-
(1) है जा एक…………………… जिनत बीमारी है ।
(2) बायो गैस का उपयोग……………………… के स्रोत के �प म� िकया जाता है ।
(3) वािहत मल घर, �ूल, होटल, अ�ताल आिद से उपयोग के बाद बहने वाला
……………………. जल होता है ।
(4) वािहत मल एक जिटल िमश्रण है िजसम� िनलंिबत ठोस, मृतजीवी और रोगवाहक
जीवाणु, काब�िनक और ....................... अशु��याँ पाई जाती ह� ।
(5) पाँ च साल से कम उम्र के ब�ों की मौत का सबसे बड़ा कारण है , ……………बीमा�रयाँ
C. सही उ�र के सामने सही () एवं गलत उ�र के सामने गलत (×) का िच� लगाव�:

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(1) संयु� रा�� संघ ने 2005-15 की अविध को "जीवन के िलए जल" पर काय� के िलए
अंतरा� ��ीय दशक' के �प म� घोिषत िकया है ।
(2) है जा और टायफाइड वायरस के कारण होने वाले रोग ह� ।
(3) जिनत रोगों का प्रमुख कारण दू िषत जल है ।
(4) बायो गैस, मानव मल िनबटान की वै क��क �वस्था है ।
(5) कचरा प्रबंधन हे तु प्र�ेक ��� को एक जाग�क नाग�रक की भूिमका िनभानी
चािहए।

अ�ाय 10 िवद् युत धारा और इसके प्रभाव


 सेल और ब� को तार से जोड़कर ब� को जलाया और प्रकाश पैदा िकया जा सकता
है
 सेल और ब� को जोड़ने और साथ ही ��च का पूरा प्रक्रम प�रपथ कहलाता है
 सेल म� दो टिम�नल होता है :- ऋण टिम�नल तथा धन टिम�नल
 मोटी और छोटी रे खा ऋण टिम�नल का संकेत है तथा महीन और लंबी रे खा धन
टिम�नल का संकेत है
 प�रपथ म� ��च का ब�त मह� है ��च को ऑन और ऑफ करके हम जब चाहे
प�रपथ को चालू कर सकते ह� या उसे बं द कर सकते ह�
 ��च से लाभ है की आव�कता अनुसार ही सेल खच� होता है
 बोलचाल की भाषा म� हम सेल को बैटरी भी कहते ह� लेिकन सेल और बैटरी म� काफी
अंतर है अनेक सेलों का संयोजन बैटरी कहलाता है
 एक सेल के बजाय दो या इससे अिधक सेलों का संयोजन से अिधक प्रकाश पाया जा
सकता है तब यह से ल ना होकर बैटरी कहलाता है
 दो या दो से अिधक सेलों को जोड़ते समय सदै व �ान रखना चािहए िक ऋण ध्रु व से
धन ध्रुव की ओर जोड़ा जाता है
 ट� क, बस और कार आिद की बड़ी-बड़ी बैट�रयों को अनेक सेलों के संयोजन से ही
बनाया जाता है
 ब� के अ�र जो तार सेलों से ऊजा� प्रा� कर प्रकाश दे ता है उसे िफलाम�ट (तं तु)
कहते ह� l िफलाम�ट अिधक ताप सहने वाली एक धातु का बना होता है
 �ूज तार का गलनां क ब�त कम होता है यह एक सुरि�त यु�� है िजसम� शॉट�
सिक�ट नहीं हो पाता है
 िव�ुत का प्रवाह चुंबकीय प्रभाव भी उ�� करता है इससे क�े लोहे का चुंबक बनाए
जा सकता है
 िव�ुत धारा के उ�ीय प्रभाव पर आधा�रत सुर�ा यु�� को �ूज कहते ह�
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 दो या दो से अिधक सेलों के संयोजन को बैटरी कहते ह�
 िव�ुत सेल के प्रतीक म� लंबी रे खा उसके धन टिम�नल को िन�िपत करती है
 जब िकसी िव�ुत हीटर के ��च को ऑन िकया जाता है तो उसका एिलम�ट त�
होकर लाल हो जाता है
 ब� का िफलाम�ट त� होकर प्रकाश दे ता है
 िव�ुत चुंबक चुं बकीय पदाथ� को आकिष� त करता है

1. �र� स्थानों की पू ित� कीिजए ।


(क) िवद् यु त धारा के ऊ�ीय प्रभाव पर आधा�रत सुर�ा यु�� को ..............कहते ह� ।
(ख) दो या दो से अिधक सेलों के संयोजन को ......................... कहते ह� ।
(ग) िवद् यु त सेल के प्रतीक म� ल�ी रे खा, उसके ...............................टिम�नल को िन�िपत
करती है ।
(घ) जब िकसी िकसी िवद् युत हीटर के �ीच को ऑन िकया जाता है तो उसकी
........................ त� होकर लाल हो जाती है ।
(ड़) ब� का ........................... त� होकर प्रकाश दे ता है ।
2. िन�िल�खत कथन स� / अस� है -
(क) जब िकसी �ू ज से िनि�त सीमा से अिधक िवद् युत धारा प्रवािहत होती है तो वह
िपघलकर टू ट या जल जाता है । (स� / अस�)
(ख) िवद् युत चु�क चु�कीय पदाथ� को आकिष�त करते ह� । (स�/अस�)
(ग) सुई चु �क िवद् युत प्रवािहत तार के िनकट लाने पर िव�ेिपत नहीं होती
(स� / अस�)
(घ) सी.एफ.एल. म� अपे�ाकृत कम िवद् युत ऊजा� खच� होती है । (स�/अस�)

अ�ाय 11 रे शों से व� तक
 याक का उन ल�ाख और ित�त म� प्रचिलत है
 रे शम के रे शे, रे शम की िकट कोकून से प्रा� होता है
 लामा और ऐ�ेका दि�णी अमे�रका म� पाए जाते ह�
 अगोरा बकरी ज�ू क�ीर म� पाई जाती है इसके बाल से प�ीना नमक मू�वान
ऊन प्रा� होता है
 भेड़ के बाल काटने के बाद उन बनाने तक एक लंबी प्रिक्रया से गुजरना पड़ता है
 वह लं बी प्रिक्रया है
(1) बालों की सफाई और धुनाई
( 2) छं टाई
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(3) बालों को सु खाना
(4) रं गाई
(5) रे शों को सीधा करना और अं त म�
(6) बुनाई करना
 उन ऊ�ा रोधी होता है
 मादा रे शम कीट अंडा दे ती है िजससे लावा� िनकलता है लावा� शहतूत के प�ा खाना
अिधक पसं द करता है
 लावा� से महीने रे शा िनकलता है जो बाद म� कठोर रे शा बन जाता है
 रे शों से ढं ककर लावा� कोकून बन जाता है कोकून के अंदर �ूपा िवकिसत हो जाता है
पूण� िवकिसत होने के बाद कोकून को तोड़कर रे शम कीट �ूपा बाहर आ जाता है
 मादा िकट एक बार म� सैकड़ों अं डे दे ती है
 लावा� को िकटपालक पूरी सावधानी से पालता है शहतू त की नई पि�यां आने पर यह
काम अिधक मात्रा म� िकया जाता है
 जाड़े के िदनों म� ऊनी व� पहनते ह�
 ऊनी और रे शमी, जंतुओं से प्रा� होते ह�
 रे शम कीट पालन से रीकल्चर कहलाता है

(1) सही उ�र पर का िनशान लगाइये: (c) रे शमी और सूती


(क) जाड़े के िदनों म� िकस प्रकार के व� (d) नॉयलन और सूती
पहनते ह� ? (घ) रे शम प्रा� करने के िलए रे शम कीटों
(a) सूती व� (b) रे शमी व� का पालन करना कहलाता है
(c) ऊनी व� (d) नॉयलन व� (a) �ोरीकल्चर (पु �कृिष)
(ख) इनम� से कौन ज�ुओं से प्रा� होते ह� ? (b) िस�ीकल्चर (वनवध�न)
(a) सूती और ऊनी (c) एपीकल्चर (मधु म�ी पालन)
(b) ऊनी और रे शमी (d) सेरीकल्चर (रे शमकीट पालन)

अ�ाय 12. अ�, �ार और लवण


 ह�ी लगे कागज पर चुना पानी डालने से वह पीला से लाल हो जाता है और उड़हल
के रं ग को हरा कर दे ता है
 नींबू का रस अ�ीय होता है वही साबुन का िवलयन �ारीय होता है इसको जाँ चने के
अनेक िविधयां ह� िजनम� चुने या चूने का पानी मु� है
 नीला िलटमस पत्र पर नींबू का रस डालने पर उसे लाल कर दे ता है वही लाल िलटमस
पत्र पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है

Mob.- 9162068342, 7061735586 21 Vikash Sir


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 िफनां ल्फ्थलीन के िवलयन म� पानी डालने पर यिद िवलयन दु िधया हो जाता है तो
समझना चािहए िक िवलयन ठीक है
 जब िवलयन �ारीय होता है तो िफनां ल्फ्थलीन गुलाबी रं ग दे ता है तथा इसका उ�ा
जब िवलयन अ�ीय होता है तो यह रं गहीन रहता है
 अ�ीय िवलयन म� �ारीय िवलयन िमलाया जाता है तो दोनों िवलयन एक दू सरे के
प्रभाव को उदासीन कर दे ता है
 उदासीनीकरण के त�ाल बाद परखनली को �श� करने पर वह त� लगता है
इसका ता�य� है की उदासीकरण से िवलयन से ऊ�ा िनकलती है
 उदासीकरण अिभिक्रया से एक नया पदाथ� ‘लवणʼ बनता है लवण अ�ीय, �ारीय या
उदासीन कुछ भी हो सकता है
 अिभिक्रया = अ� + �ार  लवण + जल + ऊ�ा
 पाचन के िलए हाइड�ो�ो�रक अ� आव�क है लेिकन इसकी अिधकता से अनपच
भी हो जाता है
 अपाचन (अनपच) से मु�� पाने के िलए दू िधया मै�ीिशया जैसे कोई प्रित अ� ले ते ह�
िजसम� मैि�िशयम हाइड�ो�ाइड होता है यह अ� के प्रभाव को उदासीन कर दे ता है
 िच�ी या मधुम�ी के काटने पर �चा म� अ�ीय द्रव चला जाता है िजससे जलन पैदा
होती है इसे ठीक करने के िलए नमी यु � खाने का सोडा लगाकर उसे अ�ीय प्रभाव
को उदासीन कर िदया जाता है
 खेतों म� अिधक रासायिनक उव�रक के उपयोग से िम�ी कभी अ�ीय हो जाता है तो
कभी �ारीय
 यिद अिधक अमल हो तो दां तों का नुकसान प�ं च जाता है
 भोजन के कण दाँ तों के बीच फंस कर अमल उ�� करता है
 िफनां ल्फ्थलीन  सू चक
 अंगूर  टाट� रीक अ�
 कली चूना  �ार
 लाल चींटी  फािम�क अ�
 वाटर कलर  उदासीन

1. �र� स्थानों की पू ित� कीिजए


(i) अ� नीले िलटमस पत्र को ........................... कर दे ता है ।
(ii) अ� का �ाद....................... और �ार का �ाद........................ होता है ।
(iii) उदासीनीकरण अिभिक्रया म� ........................ और ....................... बनते ह� ।
(iv) ह�ी पत्र पर खिड़या पाउडर घोल डालने से इसका रं ग ...................... हो जाता है ।
(v) नीला थोथा (कॉपर स�ेट) एक ............................... है ।
Mob.- 9162068342, 7061735586 22 Vikash Sir
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2. िमलान कीिजए
कॉलम 'क' कॉलम 'ख'
(i) िफनाफ्थलीन (a) फॉिम�क अ�
(ii) अंगूर (b) उदासीन
(iii) कली चूना (c) सूचक
(iv) लाल चींटी (d) टाट� �रक अ�
(v) वॉटर कलर (e) �ार

अ�ाय 13 िम�ी
 छोटे बड़े जीवों से लेकर सू�जीवों तक के जीवन िलए िम�ी अिनवाय� है
 च�ानों के टू टने से िम�ी का िनमा� ण होता है िजसके कारण धू प पवन तथा जल के साथ
मौसम भी होते ह� िम�ी बनने के इस प्रक्रम को अप�य कहते ह�
 धरातल के नीचे यिद हम जाए तो पाएं गे की िम�ी की अनेक परत� ह�
 िम�ी के ऊपरी परत ह्यूमस के कारण गहरे रं ग की होती है
 ह्यूमस िम�ी को उपजाऊ बनता है इसे शीष� िम�ी भी कहते ह�
 शीष� िम�ी के नीचे ह्यूमस की कमी हो जाती है लेिकन खिनज अिधक होता है
 िम�ी के प्रकार
(1) बलु ई िम�ी
(2) िचकनी िम�ी
(3) दोमट िम�ी
 बलुई िम�ी ह�ी तथा सुवाितत और शु � होती है
 िचकनी िम�ी म� जल को रोके रखने की �मता अिधक होती है
 कृिष के िलए दोमट िम�ी सव��म मानी जाती है
 िचकनी िम�ी ल�ेदार होती है िजस कारण ऐसी गीली िम�ी पर चलना आसान नहीं
होता
 पवन, वषा� , ताप, प्रकाश, आद्रता तथा िम�ी का प्रकार, ये सभी िमलकर िकसी िवशेष
�ेत्र म� उपज को प्रभािवत करते ह� केवल फसल ही नहीं उस �ेत्र के सभी वन�ित
उससे प्रभािवत होते ह�
 िकस िम�ी म� िकस फसल की उपज अ�ी होती है उस को �ान म� रखकर फसल�
बोई या रोपी जाती है
 दोमट िम�ी तथा िचकनी िम�ी दोनों िमि�यों म� जौ, गे�ं, म�ा, चना, धान की फसल�
बोई जाती है

Mob.- 9162068342, 7061735586 23 Vikash Sir


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 बलुई िम�ी और दोमट िम�ी इन दोनों िमि�यों म� अरहर, मसूर के अलावा अ�
दलहनी फसल� और आलू के उपज अ�ी होती है
 पवन, वषा� , बफ� आिद अपरदन के दु त कहलाते ह�
 सालों-साल खे तों म� से िम�ी का कम होना या पहाड़-पहािड़यों की ऊंचाई म� कमी
आना अपरदन का हीं प�रणाम है
 वृ� अपरदन को रोकता है फसल और घास भी अपरदन को रोकता है
 म�स्थल तथा बंजर भूिम म� अपरदन अिधक होता है
 िम�ी के प्रकार उगाई जानेवाली फसल
 िचकनी िम�ी गे�ं, चना, जौ, म�ा, अरहर, मटर
 दोमट िम�ी धान, चना, मसूर, मूं ग, उड़द
 बलुई िम�ी ककड़ी, परवल, खीरा, करे ला, लौकी
 धान के िलए सबसे उपयु� िम�ी िचकनी और दोमट िम�ी है
 बलुई िम�ी म� अं तः श्रवण दर सबसे अिधक होता है

1. सबसे उपयु� उ�र को िचि�त कीिजए (ग) िचकनी एवं दोमट िम�ी
l. जल धारण �मता सबसे अिधक होती है । (घ) केवल िचकनी िम�ी
(क) दोमट िम�ी म� III. िकस प्रकार की िम�ी म� अतः स्रावण
(ख) िचकनी िम�ी म� दर सबसे अिधक होता है ।
(ग) बलु ई िम�ी म� (क) िचकनी िम�ी
॥. धान की फसल के िलए उपयु� िम�ी है (ख) दोमट िम�ी ·
(क) बलु ई िम�ी (ग) बलु ई िम�ी
(ख) केवल दोमट िम�ी (घ) िचकनी एवं दोमट दोनों

अ�ाय 14 पौधों म� संवहन


 पौधे जमीन से जल तथा खिनज लवण का अवशोषण करते ह�
 छोटे पौधे िजनकी जड़� छोटी होती है उनकी िसंचाई करनी पड़ती है तथा खाद दे नी
पड़ती है
 जल और जल म� घुलनशील पोषक त�ों की पि�यां तक ले जाने के िलए पौधों म� पाइप
जैसी वािहकाएं होती है िजसे जाइलम कहा जाता है
 वािहकाएं िवशेष प्रकार की कोिशकाओं से िमलकर संवहन उ�क बनाती है
 जड़ से पितयों तक पानी और खिनज लवण ले जाने वाला तं त्र जाइलम है
 पि�यों से पूरे पौधों से लेकर जड़ों तक भोजन प�ं चाने वाला तंत्र �ोएम है

Mob.- 9162068342, 7061735586 24 Vikash Sir


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 जड़ से पितयों तक प�ं चा जल यिद आव�कता से अिधक �ई तो पितयां उसे
वा�ो�ज�न �ारा िनकाल दे ती है
 वा�ो�ज�न की प्रिक्रया के िलए िवशेष तंत्र पि�यों म� रं ध्र होता है
 िकसी पौधे म� यिद ते जी से वा�ो�ज�न होने लगता है तो वह सूख जाता है
 वा�ो�ज�न को प्रभािवत करने वाले कारक सूय�, ताप, हवा और आद्रता है
 जाइलम उ�क के काय� :- जाइलम उ�क जड़ों से जल और खिनज लवण को पौधों के
तने तथा पि�यों तक प�ं चने का काय� करता है
 �ोएम उ�क के काय� :- पितयों �ारा बनाया गया भोजन पूरे पौधे म� प�ं चने का काम
करता है
 पि�यों म� एक िवशेष प्रकार के छोटे -छोटे िछद्र पाए जाते ह� िज�� रं ध्र कहते ह�
 रं ध्र के �ारा पादप काब�न डाइऑ�ाइड ग्रहण करते ह� और ऑ�ीजन छोड़ते ह�

1. �र� स्थानों की पू ित� कीिजए-


(i) पौधों म� जल एवं खिनज पदाथ� का अवशोषण……………………..के �ारा होता है ।
(ii) जल एवं खिनज पदाथ� का संवहन ………….............. उ�क �ारा होता है ।
(iii) पौधों म� भोजन के संवहन के िलए …………………….. नामक उ�क होते ह� ।
(iv) वा� के �प म� पि�यों से जल का उ�िज�त होना …………………..कहलाता है ।

अ�ाय 15 जीवों म� �सन


 एक सामा� ��� प्रित िमनट 60 से 70 बार सां स ले ता और छोड़ता है
 कसरत करते समय या दौड़ते समय सां स लेने और छोड़ने की गित बढ़ जाती है ऐसा
इसिलए की कसरत और दौड़ते समय अिधक ऊजा� की आव�कता होती है
 हम सां स ले ते समय ऑ�ीजन यु� हवा नाक से खींचते ह� पु नः काब�न
डाइऑ�ाइड यु� हवा नाक से छोड़ते ह�
 पौधों की पि�यों म� होने वाली प्रकाश सं �ेषण की प्रिक्रया से ऑ�ीजन मु� होती है
इसी को सभी जीव जंतु सां स ले ते ह�
 जीव जंतु जब सां स लेते ह� तो काब�न डाइऑ�ाइड यु� हवा बाहर िनकालते ह�
 वातावरण म� ऑ�ीजन (O2) तथा CO2 की िनरं तरता सदै व बनी रहती है
 हम अपने जीवन िनवा� ह के िलए काम करते ह� और काम करने के िलए हम� ऊजा� की
आव�कता होती है
 ऊजा� हम� भोजन से प्रा� होती है अतः हम� समय पर भोजन करना चािहए
 �सन दो प्रकार के होते ह�
(1) ऑ�ी �सन
(2) अनाँ �ी �सन

Mob.- 9162068342, 7061735586 25 Vikash Sir


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 मानव म� �सन के िलए अनेक अंग काम करते ह� �सन की िक्रया नािसका�ार से
आरं भ होकर फेफड़ा पर जाकर समा� होता है
 अंतर शोषण के समय पसिलयां ऊपर और बाहर की ओर गित करती है तथा
डायाफ्रम नीचे की ओर गित करता है
 उ�वसन के समय पसिलयां नीचे अंदर की ओर आ जाती है जबिक डायाफ्राम ऊपर
पहले की अवस्था म� आ जाता है
 अंतः �सन और उ��सन के दौरान फेफड़े फैलते और िसकुड़ते ह�
 शरीर के िविभ� भागों की कोिशका म� ऑ�ीजन प�ं चाने का काम र� का है
 ऑ�ीजन का वाहक लाल र� कोिशकाओं म� पाए जाने वाला वण�न हीमो�ोिबन
होता है
 ऑ�ीजन से िमलकर ऑ��हीमो�ोिबन बनता है और ऑ�ीजन िविभ� कोिशका
म� िवत�रत हो जाता है
 कोिशकाओं से हीमो�ोिबन काब�न डाइऑ�ाइड से िमलकर काबा� �ीहीमो�ोिबन
बनता है
 पौधे की �सन करते ह� , कारण िक वे भी जीिवत रहने के िलए िविभ� जैिवक िक्रयाएं
करते ह�
 राित्र म� प्रकाश सं�ेषण नहीं होता है इस कारण वृ �ों के नीचे काब�न डाइऑ�ाइड
की मात्रा बढ़ जाती है
 काब�न डाइऑ�ाइड की मात्रा बढ़ जाने से राित्र म� वृ �ों के नीचे गम� महसूस होती है
 बीज भी �सन करते ह� इसका प्रमाण है िक बीज के बोरे म� यिद आप हाथ घुसाएं गे तो
गम� महसूस होता है
 एं जाइम एक प्रकार का प्रोटीन है
 �सन िक्रया म� भाग लेने वाले अंग
• अमीबा म� �सन शरीर की सतह से िवसरण �ारा होता है
• केचुआ �चा से
• ितलच�ा रं ध्र से
• म�ढक फेफड़ा तथा �चा दोनों से
• मछली गलफाड़ा से
• मनु� फेफड़ा से
 अंतः �सन के समय पसिलयां ऊपर और बाहर की ओर गित करती है
 उ�वसन के समय पसिलयां नीचे और अंदर की ओर गित करता है
 अ�िधक �ायाम करते समय हमारी टां गों म� िजस पदाथ� के संचयन के कारण ऐठन
होती है वह लै��क अ� है

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 िकसी सामा� वय� ��� की िवश्राम अवस्था म� औसत �सन दर 15 से 18 प्रित
िमनट होती है

1. सही उ�र पर सही का िनशान लगाय�- (ii) नीचे की ओर गित करती ह� ।


(क) अ�ः �सन के समय, पसिलयाँ (iii) ऊपर की ओर गित करती है ।
(i) बाहर की ओर गित करती ह� । (iv) बाहर की ओर गित करती है ।
(ii) नीचे की ओर गित करती ह� (ग) मछली म� �सन के िलए अं ग ह� -
(iii) उपर और बाहर की ओर गित करती (i) फेफड़ा (ii) �चा,
ह� (iii) �ास र� (iv) गलफड़ा
(iv) गित िब�ुल नहीं करती ह� । (घ) �सन के फल��प गैस िनकलती है -
(ख) उ��सन के समय, पसिलयाँ (I) हाइड�ोजन (ii) नाइट� ोजन
(i) नीचे और अ�र की ओर गित करती ह� (iii) ऑ�ीजन (iii) काब�न डाइऑ�ाइड
2. कॉलम A के श�ों को कॉलम B के श�ों से िमलान कीिजए-
कॉलम A कॉलम B
1. र� 1. मछली
2. फेफड़ा 2. पौधे
3. गलफड़ा 3. क�चुआ
4. �चा 4. मनु�
3. �र� स्थानों की पू ित� कीिजए-
(i) अ�ः �सन म� …………………..गैस प्रयु � होता है तथा उ��सन म�…………………
िवमु� होता है ।
(ii) काब�न डाइऑ�ाइड चूने के पानी को ……………………….. कर दे ता है ।
(iii) ऑ�ीजन की उप�स्थित म� होनेवाली �सन …………………………… कहलाती है ।
(iv) अनॉ�ी �सन ……………………………… की अनुप�स्थित म� होता है ।

अ�ाय 16 प्रकाश
 प्रकाश की िकरण सीधी रे खा म� गमन करती है
 ईसा पूव� 300 म� यू��ड ने िलखा िक प्रकाश की िकरणे सीधी रे खा म� गमन करती है
 कोई भी िक्रयाकलाप कर� तो यही िस� होगा िक प्रकाश का िकरण सीधी रे खा म�
चलती है
 दप�ण अपने ऊपर पढ़ने वाले प्रकाश के पथ को मोड़ दे ता है दप�ण का प्रकाश की
िदशा म� इस बदलाव को प्रकाश का परावत�न कहते है
 समतल दप�ण पर पढ़ने वाला प्रितिबंब सदै व सीधा व�ु के समान तथा दप�ण म� उतनी
ही दू री पर बनता है िजतनी दु री पर व�ु रखी जाती है
Mob.- 9162068342, 7061735586 27 Vikash Sir
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 रोगी वाहनों पर एं बु ल�स उ�ा इसिलए िलखा जाता है तािक आगे जा रहा वाहनों के
बैक िमरर म� सीधा पढ़ा जा सके
 दप�ण सदै व समतल ही नहीं होते गोिलय, उ�ल और अवतल भी होते ह�
 गोलीय दप�ण म� प्रितिबंब वैसा नहीं िदखाई दे ता है जैसा समतल दप�ण म� िदखाई दे ता
है
 च�च का भीतरी भाग अवतल दप�ण की तरह तथा बाहरी भाग उ�ल दप�ण की तरह
काम करता है
 गोलीय दप�ण का भीतरी भाग अवतल दप�ण का काम करता है ठीक इसके िवपरीत
गोलीय दप�ण का बाहरी भाग उ�ल दप� ण का काम करता है
 पद� पर बनने वाला प्रितिबंब को वा�िवक प्रितिबंब कहते ह�
 प्रितिबंब दो प्रकार का होता है
o वा�िवक
o आभासी
 कान के डॉ�र अव�ल दप�ण का उपयोग करता है

1. �र� स्थानों की पूित�: कीिजए ।.


(क) िजस प्रितिब� को पद� पर प्रा� िकया जा सके, वह ………………… प्रितिब�
कहलाता है ।
(ख) उ�ल दप�ण ……………………….. प्रितिब� बनाता है ।
(ग) यिद प्रितिब� सदै व व�ु के आकार का बने तो दप�ण …………………….. होगा ।
(घ) िजस प्रितिब� को पद� पर न प्रा� िकया जा सके, वह ……………….. कहलाता है ।
2. कॉलम A म� िदए गए श�ों का िमलान कॉलम B म� एक अथवा अिधक सही
कथनों से कीिजए-
कॉलम A कॉलम B
(क) समतल दप�ण (I) उ�ा तथा आविध�त प्रितिब� बना सकता है ।
(ख) उ�ल दप�ण (ii) सीधा तथा व�ु के आकार का प्रितिब� बनाता है ।
(ग) अवतल दप�ण (iii) सीधा तथा व�ु के आकार से छोटा प्रितिब� बनाता
है है ।
(घ) अवतल दप�ण (iv) दाँ तों का आविध� त प्रितिब� बनाता है िजसके कारण
दं त िचिक�क उपयोग करते ह� ।
(च) उ�ल दप�ण (v) आवध�क ल�स की भां ित काय� करता है ।
(vi) अिधक �ेत्र का प्रितिब� बना सकता है ।

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