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िव�ान Class - 7
Chapterwise Details के साथ
For: - BPSC
�श�क बहाल�
�भखना पहाड़ी, (सैदपुर मोड़)
पटना-04
VIKASH SIR 9162068342, 7061735586
PLATFORM BY - NAVIN KUMAR SINGH
अ�ाय 1 जल और जंगल
प्रितवष� 22 माच� को ‘िव� जल िदवसʼ मनाया जाता है
मनु� के पीने यो� जल की आपूित� का आधार िहमनद, ध्रुवीय बफ� पहाड़ों पर
अव�स्थत बफ� है , जो गलकर निदयों म� प�ं चती है
भूिमगत जल के अलावा झील और निदयों का जल पीने के िलए बचता है
पृ�ी पर जल की सम�ा ब�त हद तक जल चक्र से सुलझ जाता है
जल चक्र की कोई ना कोई प्रिक्रया सदै व होती रहती है
जल चक्र की सभी प्रिक्रयाओं के सतत सं प� होते रहने से पृ �ी पर जल की कुल मात्रा
�स्थर बनी रहती है
यह आव�क नहीं की जहां का जल वा� बना पुनः बरसात �ारा वहीं आएगा l वह
िकसी अ� रा� या दे श म� भी जा सकता है इसी कारण कहीं बाढ़ से तबाही मचती है
तो कहीं पीने का पानी भी नहीं िमलता है
गां व म� कुआं और ह� ड पंप जल प्रा�� के मु� स्रोत होते ह�
वषा� जल �रसकर भूिम के नीचे एकत्र होता है िजस भौमजल स्रोत कहते ह�
िकसी प्रक्रम �ारा जल की भूिम के नीचे प�ं चने को भौमजल भर कहते ह�
भूिम जल के अं धाधुं ध िनकासी से वह नीचे भागता जाता है िजसे भौमजल का िगरना
कहते ह�
जल भं डार के पुनः पू ित� के िलए तालाब, पोखर, बावड़ी, चहबचा तथा नहर आिद
बनवाये जाते ह�
िकसान चाहे तो अपने खे तों म� िसंचाई के िलए बूंद िसंचाई िविध को अपनाकर जल की
बचत कर सकते ह�
��ंकलन िविध �ारा िसंचाई से भी जल की बचत होती ह�
पृ�ी पर ऑ�ीजन की कमी को रोकने के िलए जंगलों का रहना आव�क है
जंगल पया� वरण की �ि� से मह�पूण� है
वनों से इमारती लकड़ीयां , लाह, गोंद, मधु आिद प्रा� होते ह�
जैिवक उ�ानों म� तरह-तरह के पेड़-पौधे तथा पशु-प�ी को दे ख सकते ह�
जंगलों म� जैिवक िविवधता पाई जाती है
वनों म� खा� श्रृं खला से ता�य� है , एक जीव दू सरे जीव को खाता है
िहरण घास खाता है l िहरण को िसंह या बाघ खाता है इसका संतुलन बना रहता है
वनों म� प्रकाश सं�ेषण की िक्रया के कारण ऑ�ीजन और काब�न डाइऑ�ाइड
का संतुलन बना रहता है
जल और जंगल दोनों मनु� के जीवन िनवा� ह म� सहायक बनते ह�
जल की तीन अवस्था होती है
ठोस के �प म� बफ�
सभी जीव िकसी न िकसी तरह अपने पोषण के िलए पौधों पर िनभ�र रहते ह�
हमारे भोजन म� अने क अवयव होते ह� जो भोजन को सं तुिलत बनाते ह�
भोजन के अवयवों की संरचना अ�ंत जिटल होती है
जीवों म� पोषण का तरीका अलग-अलग होते ह� िजनके आधार पर हम उ�� �पोषी
िवषमपोषी आिद वग� म� बां टते ह�
छीलना, चबाना, कुतरना, बेधना, पकड़ना, िनगलना, चूसना, पीना आिद भोजन ग्रहण
की िविध है
सभी जीवों की भां ित मनु� भी भोजन को ग्रहण करता है
मनु� के मु ख �ारा भोजन ग्रहण करने के बाद वह एक लंबी निलका से गुजरता है इस
लंबी निलका को आहारनाल कहते ह�
आहारनाल और उससे संबंिधत ग्रंिथयां िमलकर पाचन तं त्र का िनमा� ण करती है
मुख गुिहका के अंदर दां त और जीभ होते ह� इसी म� लार ग्रंिथ होते ह� िजससे लार
िनकलती है
मनु� के मुंह म� 32 दां त होते ह�
बचपन म� जो दां त िनकलते ह� उ�� दू ध के दां त कहते ह� जो 7 से 8 वष� की आयु होते-
होते झड़ जाते ह� और बाद म� जो दां त िनकलते ह� वह स्थाई होते ह�
लार ग्रंिथयां से लार िनकलते रहने के कारण मुंह हमेशा िगला रहता है
लार भोजन पचाने म� सहायक होती है
जीभ भोजन को चबाते समय उसे घुमाने-िफराने तथा साफ और �� बोलने म� मदद
करती है
भोजन नली ल�ी, पतली, मां सल संरचना होता है जो मु ख गुिहका को आमाशय से
जोड़ती है
आमाशय आहार नाल का सबसे चौड़ा भाग है यह मोटी दीवार वाली थैलीनुमा मां सल
संरचना है जो चपटी और U आकार की होती है
छोटी आं त लगभग 6 से 7 मीटर लंबी कुंडली संरचना है इसम� यकृत अ�ाशय है तथा
�यं इसकी दीवारों से स्राव प्रा� होते ह�
पचे �ए भोजन का अवशोषण छोटी आं त की आं त�रक िभि� से होता है
बड़ी आं त छोटी आं त के अपे �ा छोटी और चौड़ी होती है िजसकी लंबाई 1.5 मीटर
होती है
गाय, भ�स, बकरी जै से अनेक जंतु घास खाते ह� िजसम� सेलूलोज की प्रधानता होती है
जंतु मनु� की अपे�ा ज�ी-ज�ी खाते ह� और बाद म� जुगाली कर पचाते ह�
अमीबा का आहार जीवाणु और कवक है इसका पाचन खा�धानी म� होता है
अ�ाय 3 ऊ�ा
कोई व�ु िकतनी गम� है इसकी जानकारी तापमापी �ारा प्रा� होती है
उबलते �ए पानी का तापमान डॉ�री तापमापी से नहीं मापा जा सकता
ताप को िडग्री से��यस म� मापते ह�
िकसी स्थान पर तापमान, आद्र� ता, वषा� , पवन वेग आिद के संदभ� म� वायुमंडल की िदन
प्रितिदन की �स्थित उस स्थान का मौसम कहलाती है
िकसी ��� का दै िनक िक्रयाकलाप उस िदन के मौसम के पूवा� नुमान पर आधा�रत
होता है
मीिडया के मा�म से आगामी िदनों के मौसम की जानकारी प्रा� होती रहती है
मौसम का �रपोट� भारत सरकार के मौसम िव�ान िवभाग �ारा तैयार कर प्रसा�रत
िकया जाता है
िबहार म� दू रदश�न �ारा िन� मौसम की जानकारी दी जाती है
िबहार की जलवायु मौसमी हवाओं के प्रभाव म� रहती है
वे मौसमी हवाएं ह�
उ�र पूव� मानसून
दि�ण पि�म मानसून
लोहा या लोहा जैसी िकसी धातु को अिधक िदनों तक नम वायु म� छोड़ दे ने पर उसम�
जंग लग जाता है
जंग लोहा न होकर उससे अलग पदाथ� है
पदाथ� म� रासायिनक प�रवत�न होकर एक नया पदाथ� बन जाता है
काब�न डाइऑ�ाइड गैस को चुने के पानी म� प्रवािहत करने पर चुना जल का रं ग
दू िधया हो जाता है
CO2 एक गैस है जो प्रकारा�र से मनु� के िलए िहतकारी है
CO2 की अिधकता मानव के िलए हािनकारक है
काब�न डाइऑ�ाइड की खोज बैि��ा वैन हे लमोंट (1630) ई�ी म� िकया था
1756 ई�ी म� जोसेफ �ैक ने काब�न डाइऑ�ाइड के गुणों को पता लगाया था
जीवों म� �सन की प्रिक्रया तथा सू�जीवों �ारा िक�न की प्रिक्रया म� काब�न
डाइऑ�ाइड गैस बनती है
ऑ�ीजन की खोज 1771 ई�ी म� जोसे फ प्री�ले ने िकया था उ�ोंने बताया था िक
पानी म� भी ऑ�ीजन है
ऑ�ीजन और हाइड�ोजन का आपस म� िमलाकर जलाने पर पानी प्रा� होता है
रासायिनक प�रवत�न हमारे जीवन म� अिधक मह�पूण� है
कोयला, लकड़ी या पि�यों को जलाना रासायिनक प�रवत�न है जलने से ऊ�ा उ��
होता है
बासी भोजन से बदबू आने को रासायिनक प�रवत�न कहते ह�
लोहे पर प�ट या िग्रस लगाकर जंग लगने से रोका जा सकता है
िकसी िवलयन से वा�न �ारा रवा प्रा� करना रवाकरण कहलाता है
िजस प्रक्रम म� िकसी व�ु के �प म� भौितक प�रवत�न तो होता है लेिकन कोई नई
व�ु नहीं बनता है उसे भौितक प�रवत�न कहते ह�
उस प�रवत�न को िजसम� कोई नया पदाथ� नहीं बनता है ब�� केवल उनके �प म�
प�रवत�न होता है उसे भौितक प�रवत�न कहते ह�
अ�ाय 11 रे शों से व� तक
याक का उन ल�ाख और ित�त म� प्रचिलत है
रे शम के रे शे, रे शम की िकट कोकून से प्रा� होता है
लामा और ऐ�ेका दि�णी अमे�रका म� पाए जाते ह�
अगोरा बकरी ज�ू क�ीर म� पाई जाती है इसके बाल से प�ीना नमक मू�वान
ऊन प्रा� होता है
भेड़ के बाल काटने के बाद उन बनाने तक एक लंबी प्रिक्रया से गुजरना पड़ता है
वह लं बी प्रिक्रया है
(1) बालों की सफाई और धुनाई
( 2) छं टाई
Mob.- 9162068342, 7061735586 20 Vikash Sir
PLATFORM BY - NAVIN KUMAR SINGH
(3) बालों को सु खाना
(4) रं गाई
(5) रे शों को सीधा करना और अं त म�
(6) बुनाई करना
उन ऊ�ा रोधी होता है
मादा रे शम कीट अंडा दे ती है िजससे लावा� िनकलता है लावा� शहतूत के प�ा खाना
अिधक पसं द करता है
लावा� से महीने रे शा िनकलता है जो बाद म� कठोर रे शा बन जाता है
रे शों से ढं ककर लावा� कोकून बन जाता है कोकून के अंदर �ूपा िवकिसत हो जाता है
पूण� िवकिसत होने के बाद कोकून को तोड़कर रे शम कीट �ूपा बाहर आ जाता है
मादा िकट एक बार म� सैकड़ों अं डे दे ती है
लावा� को िकटपालक पूरी सावधानी से पालता है शहतू त की नई पि�यां आने पर यह
काम अिधक मात्रा म� िकया जाता है
जाड़े के िदनों म� ऊनी व� पहनते ह�
ऊनी और रे शमी, जंतुओं से प्रा� होते ह�
रे शम कीट पालन से रीकल्चर कहलाता है
अ�ाय 13 िम�ी
छोटे बड़े जीवों से लेकर सू�जीवों तक के जीवन िलए िम�ी अिनवाय� है
च�ानों के टू टने से िम�ी का िनमा� ण होता है िजसके कारण धू प पवन तथा जल के साथ
मौसम भी होते ह� िम�ी बनने के इस प्रक्रम को अप�य कहते ह�
धरातल के नीचे यिद हम जाए तो पाएं गे की िम�ी की अनेक परत� ह�
िम�ी के ऊपरी परत ह्यूमस के कारण गहरे रं ग की होती है
ह्यूमस िम�ी को उपजाऊ बनता है इसे शीष� िम�ी भी कहते ह�
शीष� िम�ी के नीचे ह्यूमस की कमी हो जाती है लेिकन खिनज अिधक होता है
िम�ी के प्रकार
(1) बलु ई िम�ी
(2) िचकनी िम�ी
(3) दोमट िम�ी
बलुई िम�ी ह�ी तथा सुवाितत और शु � होती है
िचकनी िम�ी म� जल को रोके रखने की �मता अिधक होती है
कृिष के िलए दोमट िम�ी सव��म मानी जाती है
िचकनी िम�ी ल�ेदार होती है िजस कारण ऐसी गीली िम�ी पर चलना आसान नहीं
होता
पवन, वषा� , ताप, प्रकाश, आद्रता तथा िम�ी का प्रकार, ये सभी िमलकर िकसी िवशेष
�ेत्र म� उपज को प्रभािवत करते ह� केवल फसल ही नहीं उस �ेत्र के सभी वन�ित
उससे प्रभािवत होते ह�
िकस िम�ी म� िकस फसल की उपज अ�ी होती है उस को �ान म� रखकर फसल�
बोई या रोपी जाती है
दोमट िम�ी तथा िचकनी िम�ी दोनों िमि�यों म� जौ, गे�ं, म�ा, चना, धान की फसल�
बोई जाती है
1. सबसे उपयु� उ�र को िचि�त कीिजए (ग) िचकनी एवं दोमट िम�ी
l. जल धारण �मता सबसे अिधक होती है । (घ) केवल िचकनी िम�ी
(क) दोमट िम�ी म� III. िकस प्रकार की िम�ी म� अतः स्रावण
(ख) िचकनी िम�ी म� दर सबसे अिधक होता है ।
(ग) बलु ई िम�ी म� (क) िचकनी िम�ी
॥. धान की फसल के िलए उपयु� िम�ी है (ख) दोमट िम�ी ·
(क) बलु ई िम�ी (ग) बलु ई िम�ी
(ख) केवल दोमट िम�ी (घ) िचकनी एवं दोमट दोनों
अ�ाय 16 प्रकाश
प्रकाश की िकरण सीधी रे खा म� गमन करती है
ईसा पूव� 300 म� यू��ड ने िलखा िक प्रकाश की िकरणे सीधी रे खा म� गमन करती है
कोई भी िक्रयाकलाप कर� तो यही िस� होगा िक प्रकाश का िकरण सीधी रे खा म�
चलती है
दप�ण अपने ऊपर पढ़ने वाले प्रकाश के पथ को मोड़ दे ता है दप�ण का प्रकाश की
िदशा म� इस बदलाव को प्रकाश का परावत�न कहते है
समतल दप�ण पर पढ़ने वाला प्रितिबंब सदै व सीधा व�ु के समान तथा दप�ण म� उतनी
ही दू री पर बनता है िजतनी दु री पर व�ु रखी जाती है
Mob.- 9162068342, 7061735586 27 Vikash Sir
PLATFORM BY - NAVIN KUMAR SINGH
रोगी वाहनों पर एं बु ल�स उ�ा इसिलए िलखा जाता है तािक आगे जा रहा वाहनों के
बैक िमरर म� सीधा पढ़ा जा सके
दप�ण सदै व समतल ही नहीं होते गोिलय, उ�ल और अवतल भी होते ह�
गोलीय दप�ण म� प्रितिबंब वैसा नहीं िदखाई दे ता है जैसा समतल दप�ण म� िदखाई दे ता
है
च�च का भीतरी भाग अवतल दप�ण की तरह तथा बाहरी भाग उ�ल दप�ण की तरह
काम करता है
गोलीय दप�ण का भीतरी भाग अवतल दप�ण का काम करता है ठीक इसके िवपरीत
गोलीय दप�ण का बाहरी भाग उ�ल दप� ण का काम करता है
पद� पर बनने वाला प्रितिबंब को वा�िवक प्रितिबंब कहते ह�
प्रितिबंब दो प्रकार का होता है
o वा�िवक
o आभासी
कान के डॉ�र अव�ल दप�ण का उपयोग करता है