You are on page 1of 3

पानी अमृत है

शब्द - अर्थ
१. मरुभूमम - रे मिस्तान
२. दं पती - पमत पत्नी
३. मदनचर्ाथ - रोज़ का काम
४. पूर्थ सूचना - पहले से जानकारी होना
५. मर्नाशकारी - नष्ट करने र्ाला
६. मनमाथ ण - बनना
७. उपलब्ध होना - प्राप्त होना
८. प्रदू मित - िं दा
९. पररर्हन - र्ातार्ात
१०. संपदा - धन
११. मनभथ र - आमित
१२. अभार् - कमी
१३. अक्षर् - कभी नष्ट न होने र्ाला
१४. व्यर्थ - बे कार
१५. कतथव्य - फ़ज़थ, उमचत कार्थ

१. प्रश्न उत्तर

(क) पानी को अमृत क्ों कहा िर्ा है ?


उत्तर ( क) पानी में जीर्न दे ने की शक्ति है इसमलए पानी
को अमृत कहा िर्ा है ।

(ख) घरे लू जीर्न में पानी का क्ा उपर्ोि है ?


उत्तर (ख) पानी का हमारे मनत्यप्रमत के जीर्न में बहुत
उपर्ोि है । हम पानी पीकर अपनी प्यास बु झाते हैं । मााँ
रसोईघर में बहुत से काम पानी की सहार्ता से करती हैं
जैसे - चार् बनाना, सब्ज़ी धोना, उसे पकाना, आटा िूाँर्ना,
बरतन साफ़ करना आमद।हम रोज़ के कई और काम भी
पानी की सहार्ता से करते हैं । दााँ त साफ़ करना, नहाना,
घर की सफ़ाई, कपड़े धोना आमद। पानी का हमारे रोज़ के
जीर्न में बहुत अमधक महत्त्व है ।

(ि) ’खेती - बाड़ी में पानी का उपर्ोि’ - इस मर्िर् पर


पााँ च र्ाक् मलक्तखए।
उत्तर (ि) खेती - बाड़ी में पानी का बहुत उपर्ोि है -
(१) पानी धरती को नरम बनाती है ।
(२) पानी से ही धरती उपजाऊ बनती है ।
(३) पानी सींचकर ही मकसान धरती पर हल चला पाता है ।
(४) बीज बोकर उसे बड़ा करने के मलए पानी ही सहार्क
होता है ।
(५) पानी पौधों की मसंचाई के मलए अत्यमधक उपर्ोिी है ।

(घ) पानी प्रदू मित कैसे हो जाता है ? इस प्रदू िण को कैसे


रोका जा सकता है ?
उत्तर (घ) पानी कई प्रकार से प्रदू मित होता है । नमदर्ों में
िंदिी बहाने से , जल स्त्रोतों में कूड़ा कचरा फेंकने से ,
कारखान ं से जो िंदिी मनकलती है उसे भी जल में बहा
मदर्ा जाता है , िााँ र्ो में मजस कुाँए से पीने का पानी भरते हैं
लोि उसके पास ही िंदिी फैलाते हैं मजससे जल प्रदू मित
हो जाता है । पानी को प्रदू मित होने से बचाना हमारा
कतथव्य है । हम र्ोड़ी सी सार्धानी बरतें तो पानी को
प्रदू मित होने से बचार्ा जा सकता है ।

You might also like