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THE BISHOP’S CO-ED SCHOOL, KALYANI NAGAR, PUNE

CLASS – 8
SUBJECT – HINDI
LESSON 12 – HAMARI BHI SUNO
निर्दे श (Instruction) -
1. पाठ के नीचे दिए गए शब्िार्थ और मुहावरे नोटबुक में लिखें ।
2. नीचे दिए गए पाठ पर आधाररत प्रश्नोत्तर अपनी नोटबुक में लिखें ।
3. व्याकरण कायथ को नोटबुक के व्याकरण भाग में लिखें।

लिखित :-
प्रश्न-उत्तर: -
क) ननम्नलिखखत प्रश्नों के उत्तर एक-िो वाक्य में लिखखए।
१. प्रस्तुत एकाांकी में ककतने पात्र हैं?
उत्तर :- प्रस्तत
ु एकाांकी में प ाँच मख्ु य पात्र हैं और अन्य कुछ लोग हैं ।
२. सबसे पहिे ककसकी लशकायत आई?
उत्तर :- सबसे पहिे पानी की लशकायत आई।
३. जोहड़ का पानी कैसे गांिा होता है ?
उत्तर :- िोग जोहड़ के आसपास कूड़े के ढे र िगाते हैं। वर्ाथ के समय यह कूड़ा
जोहड़ के पानी में लमि जाता है । पीने वािे पानी के तािाब में िोग पशओ
ु ां को
नहिाते है । इसी कारण जोहड़ का पानी गांिा हो जाता है ।
४. हवा िग
ु धं धत क्यों हो जाती है ?
उत्तर :- िोग मरे हुए पशु-पक्षी यहााँ-वहााँ डाि िे ते हैं इस कारण हवा िग
ु धं धांत हो
जाती है ।
५. बबजिी को हत्याररन क्यों कहा?
उत्तर :- रोज ककतने ही पशु और पक्षी बबजिी के तारों से धचपककर मर जाते हैं।
यहााँ तक कक मनुष्य भी बबजिी के खांभों से करां ट खाकर मर जाते हैं। इसलिए
बबजिी को हत्याररन कहा गया है ।
१. पानी ने ऐसा क्यों कहा कक, "िोग अपने पााँव पर स्वयां कुल्हाड़ी मार रहे हैं?"
उत्तर :- जब िोगों ने महाराज से पानी की लशकायत की तब पानी ने उत्तर िे ते
हुए कहा कक, "वह जब निी में होता है तो उस पर रासायननक आक्रमण होते हैं।
कारखानों की गांिगी उस में डाि िी जाती है। तािाब के ककनारे िोग कचरा डािते
हैं। बाररश में यह कूड़ा तािाब में लमि जाता है । िोग तािाब में पशओ
ु ां को
नहिाते हैं और उसे िषू र्त करते है । ऐसा करके िोग अपना नुकसान स्वयां कर
रहे हैं।” इसलिए पानी ने यह वाक्य कहा है।
२. पानी ने वर्ाथ ना होने के क्या कारण बताए ?
उत्तर :- पानी ने महाराज से कहा कक बरसात होने में या ना होने में उसकी मजी
कहााँ चिती है ? वह तो पररस्स्र्नतयों का िास है । जहााँ का माहौि वर्ाथ के अनक
ु ूि
होता है , वहााँ उसे बरसना ही पड़ता है । िोगों ने पहाडड़यों को काटकर मैिान बना
दिए हैं। वक्ष
ृ काटकर वन नष्ट कर दिए है। वहााँ वर्ाथ कैसे हो सकती है ? वर्ाथ न
होने के लिए यह िोग ही स्जम्मेिार है।
३. िोगों ने वायु की क्या-क्या लशकायत की?
उत्तर :- िोगों ने वायु की लशकायतें की कक वायु पहिे की तरह सग
ु ांध नहीां बबखेरती
है , िग
ु ध
ं फैिाती है । वायु अचानक चिकर िोगों की आाँखों में लमट्टी डाि िे ती है ।
वायु आाँधी बनकर आती है और िोगों के साफ़-सुर्रे घर कूड़े से भरकर गांिे कर
िे ती है । इस प्रकार िोगों ने वायु की लशकायतें की।
४. वायु ने स्वयां को िषू र्त करने के लिए िोगों को ही िोर्ी क्यों ठहराया?
उत्तर :- वायु ने िोगों को ही िोर्ी ठहराया क्योंकक िोग मरे हुए पशु-पक्षी यहााँ
वहााँ डाि िे ते हैं। स्जसके कारण वायु िग
ु धं धत हो जाती है । कारखानों से ननकिी
हुई ज़हरीिी गैस और गांिगी वायु में घुि लमि जाती है । िोग वायु में ज़हरीिी
गैस लमिाकर उसे प्राणिायी से प्राणहारी बनाते हैं।
५. षवद्यत
ु की कफजि
ू खची हम ककस प्रकार करते हैं?
उत्तर :- बबजिी का उपयोग सही ढां ग से नहीां होता। हम िोग बहुत बार ऐसे
कमरों में भी बल्ब और पांखे चिाते हैं, स्जनका हम उपयोग नहीां करते। बहुत िोगों
के घरों में बबना ज़रूरत बबजिी के उपकरण चिते रहते हैं। नगर की सड़कों,
गलियों में दिन में भी स्रीट िाइट जिती रहती है । इस प्रकार हम षवद्यत
ु की
कफजूिखची करते रहते हैं।
६. पानी, वायु और बबजिी के तकथ सुनकर महाराज ने क्या ननणथय दिया?
उत्तर :- पानी वायु और बबजिी का तकथ सन
ु कर महाराज ने यह ननणथय दिया कक
हम में से कोई भी ननिोर् नहीां है । अपनी आितें बििकर और अपने-अपने कतथव्य
पहचानकर उन्हें परू ा कर हम सभी को न्याय करना है ।
७. पानी व बबजिी के िरु
ु पयोग को रोकने हेतु आप क्या प्रयास करें गे? अपने
षवचार से लिखखए।
उत्तर :- इस प्रश्न का उत्तर छात्र अपने स्व-षववेक से लिखेंगे ।

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