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Saatho Haath Badhana
Saatho Haath Badhana
गीत से
प्रश्न 1. इस गीत की ककन पंक्तिय ं क तुम आप अपने आसपास की क ंदगी में घटते हुए दे ख
सकते ह ?
उत्तर-इस गीत की निम्ननिखित पंखिय ं क हम अपिे आसपास की न ंदगी में घटते हुए दे ि सकते हैं-
साथी हाथ बढािा
एक अकेिा थक ाएगा, नमिकर ब झ उठािा।
साथी हाथ बढािा।
हम मेहितवाि ं िे ब भी नमिकर कदम बढाया।
सागर िे रस्ता छ डा, परबत िे सीस झुकाया,
फ़ौिादी हैं सीिे अपिे, फ़ौिादी हैं बााँहें।
हम चाहें त चट्टाि ं में पैदा कर दें राहें।
प्रश्न 2. ‘सागर ने रस्ता छ डा, परबत ने सीस झुकाया’-साकहर ने ऐसा क् ं कहा है? किख ।
उत्तर-सानहर िे ऐसा इसनिए कहा क् नं क एक साथ नमिकर काम करिे से बडी से बडी बाधाओं में भी
रास्ता निकि आता है, यािी काम आसाि ह ाता है। साहसी व्यखि सभी बाधाओं पर आसािी से
नव य पा िेता है क् नं क एकता और संगठि में शखि ह ती है न सके बि पर वह पववत और सागर क
भी पार कर िेता है।
उत्तर-सीिे और बााँह क फ़ौिादी इसनिए कहा गया है क् नं क हमारे इरादे म बूत हैं। हमारे बा ुओं
में आपार शखि है। हम ताकतवर हैं। हम बिवाि हैं। हमारी बााँहें फ़ौिादी इसनिए भी हैं नक इसमें
असीम कायव क्षमता का पता चिता है। हमारी बा ुएाँ काफी शखिशािी भी हैं।
गीत से आगे
प्रश्न 1. अपने आसपास तुम ककसे साथी मानते ह और क् ं ? इससे कमिते- ुिते कुछ और
शब्द ख कर किख ।
उत्तर-हमारे माता-नपता, भाई-बहि, नमत्र, सहपाठी, नशक्षक, पड सी-ये सभी हमारे साथी हैं। क् नं क ये
सब हमें नकसी ि नकसी रूप में सहय ग करते हैं। साथी से नमिते- ुिते शब्द हैं-सहायक, सिा, संगी,
सहचर, शुभनचंतक, नमत्र, मीत आनद।
उत्तर-कुछ बात ं के संबंध में हम अपिे सानथय ं से ुडे ह ते हैं। इि मामि ं में हमारी स च एक ह ती है
और हमारे सुि-दु ि की अिुभूनत भी एक ह ती है। उदाहरण के निए। पािी-नब िी की कमी, टर ै निक
ैसी र मराव की मुखिि ं से ब हमारा सामिा ह ता है त हमें िगता है ैसे हमारा दु ि एक है।
वहीं दू सरी ओर नवद्यािय के निए पदक ीतिा, कक्षा में अच्छे अंक िािा और बडे ह कर कुछ बििे
की चाह से पता चिता है नक हमारा सुि भी एक ही है।
उत्तर-इस गीत क स्वतंत्रता नदवस, गणतंत्र नदवस या नकसी संगठि की स्थापिा के अवसर पर गा
सकते हैं। िेि के मैदाि में भी यह गीत खििानडय ं में श पैदा कर सकता है। वैसे त यह गीत कभी-
भी गुिगुिाया ा सकता है, पर नवशे षकर ब सहय ग और संगठि की शखि बतािी ह तब यह गीत
महत्त्व रिता है।
प्रश्न 5. यकद तुमने ‘नया द़ौर’ कफल्म दे खी है त बताओ कक यह गीत कफल्म में कहानी के ककस
म ड पर आता है? यकद तुमने कफल्म नही ं दे खी है त कफल्म दे ख और बताओ।
उत्तर-‘िया द़ौर’ निल्म में ब कच्ची सडक क पक्का करिे के निए सब नमि ुि कर काम करते हैं
तब यह गीत आता है। यह गीत उिके सहय ग, उत्साह और श क प्रदनशवत करता है।
कहावत ं की दु निया
प्रश्न 1. अकेिा चना भाड नही ं फ ड सकता।
एक और एक कमिकर ग्यारह ह ते हैं।
(क) ऊपर किखी कहावत ं का अथथ गीत की ककन पंक्तिय ं से कमिता- ुिता है?
(ख) इन द न ं कहावत ं का अथथ कहावत-क श में दे खकर समझ और उनका वाक् ं में प्रय ग
कर ।
उत्तर-
प्रश्न 2. नीचे हाथ से संबंकित कुछ मुहावरे कदए गए हैं। इनके अथथ समझ और प्रत्येक मुहावरे से
वाक् बनाओ-
1. हाथ क हाथ न सूझना
2. हाथ साफ करना
3. हाथ-पैर फूिना
4. हाथ -ं हाथ िेना।
5. हाथ िगना।
उत्तर-1. नब िी चिी ािे के बाद इतिा अाँधेरा ह गया नक हाथ क हाथ िहीं सूझ रहा था।
2. म़ौका नमिते ही च र िे गहि ं पर अपिा हाथ साि कर नदया।
3. पुनिस क दे ि कर च र के हाथ-पैर िूि गए।
4. िई नकताब के बा ार में आते ही सबिे उसे हाथ -ं हाथ निया।
5. तुम िहीं ाि सकते नक नकतिे इं त ार के बाद यह इिामी रानश मेरे हाथ िगी
भाषा की बात
प्रश्न 1. हाथ और हस्त एक ही शब्द के द रूप हैं। नीचे कदए गए शब्द ं में हस्त और हाथ कछपे हैं।
शब्द ं क पढ़कर बताओ कक हाथ ं का इनमें क्ा काम है-
हाथघडी, हथ़ौडा, हस्तकशल्प, हस्तक्षेप, कनहत्था, हथकंडा, हस्ताक्षर, हथकरघा
प्रश्न 2. इस गीत में परबत, सीस, रस्ता, इं सााँ शब्द ं के प्रय ग हुए हैं। इन शब्द ं के प्रचकित रूप
किख ।
1. अपने क
2. अपने से
3. अपना
4. अपने पर
5. अपने किए
6. आपस में
कुछ करिे क
प्रश्न 1. बातचीत करते समय हमारी बातें, हाथ की हरकत से प्रभावशािी ह कर दू सरे तक
पहुाँचती हैं। हाथ की हरकत से या हाथ के इशारे से भी कुछ कहा ा सकता है।
नीचे किखे हाथ के इशारे ककन अवसर ं पर प्रय ग ह ते हैं? किख -
उत्तर-1. ‘क् ’ं पूछते हाथ- का प्रय ग हम नकसी से प्रश्न करते समय करते हैं।
2. ‘मिा करते हाथ’- नकसी की बात क मिा करिे के निए नकया गया हाथ ं का प्रय ग।
3. बुिाते हाथ- नकसी क बुिािे के निए नकया गया हाथ ं का प्रय ग।
4. आर प िगाते हाथ- नकसी पर द ष मढते समय हाथ की ऊाँगिी का इशारा।
5. श नदिाते हाथ- श नदिािे के निए द ि ं हाथ ं का इशारा करते हैं।
6. समझाते हाथ- हम हाथ के संकेत से समझाते हैं।
7. चेताविी दे ते हाथ- नकसी काम के पररणाम के नवषय में आगाह करते समय।
बहुनवकल्पी प्रश्न
(क) ‘साथी हाथ बढ़ाना’ गीत के गीतकार क़ौन हैं?
(i) कवष्णु प्रभाकर
(ii) कदिीप एम. साल्वी
(iii) साकहर िुकियानवी
(iv) सुकमत्रानंदन पंत
उत्तर-(क) (iii), (ि) (iii), (ग) (iv), (घ) (i), (ङ) (i)
अनतिघु उत्तरीय प्रश्न त्तर
प्रश्न 1. यह गीत ककसक संब कित है?
उत्तर-‘गैर ’ं के निए हमिे अपिी सुि-सुनवधाओं की परवाह ि करके उिके कायों क पू रा नकया है।
उत्तर-हमारा िक्ष्य सत्य की प्राखि है। हमें नमि- ुिकर उन्ननत के रास्ते पर चििा चानहए।
उत्तर-इस गीत का आशय यह है नक हमें आपस में नमि- ुिकर काम करिा चानहए। अकेिा व्यखि
काम करते-करते थक भी सकता है। संगठि और शखि के सामिे बडी-बडी बाधाएाँ दू र ह ाती हैं।
नमि- ुिकर मेहित करिे से भाग्य भी बदि सकते हैं।
उत्तर-नबिा नकसी के सहय ग के अकेिे आगे बढिा कनठि कायव है। ीवि में हर पि पर हमें नकसी ि
नकसी के मदद की आवश्यकता ह ती है। इसका समाधाि हमारे ीवि में कई ि ग ं के सहय ग एवं
मागवदशवि से ह ता है। अतः नबिा सहय ग के आगे बढिा असंभव-सा िगता है।