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कक्षा –(6) पाठ-(7)

साथी हाथ बढ़ाना (गीत )


साहिर लुधियानवी
साहिर लुधियानवी
कविता के बारे में
प्रस्तुत गीत के माध्यम से साहिर लुधियानवी जी ने लोगों को साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया है
|
अके ला व्यक्ति काम करते-करते थक जायेगा,इसलिए भारत के निर्माण में सभी को हिस्सेदार बनने को कहा
है|
जब सब लोग मिलकर काम करते हैं तो सागर भी अपने रास्ते से हट जाता है | पर्वत भी शीश झुका लेता है |
 जब एक–एक कतरा मिलता है तो नदी बनती है|
 एक-एक रेत का कण मिलकर रेगिस्तान बन जाता है|
 एक-एक राई मिलकर पहाड़ बन सकती है |
यदि हम सब मिलकर काम करें तो किस्मत को अपने बस में कर सकते हैं |
शब्दार्थ
शब्द अर्थ
सीस सिर

खातिर के लिए

नेक अच्छा

फौलादी लोहे जैसा

मंजिल मुकाम

दरिया नदी

कतरा बूंद

ज़र्रा किसी वस्तु का बहुत छोटा अंश


गीत की व्याख्या
(1)साथी हाथ बढ़ाना
एक अके ला थक जायेगा, मिलकर बोझ उठाना |
साथी हाथ बढ़ाना |
हम मेहनत वालों ने जब भी मिलकर कदम बढ़ाया
सागर ने रस्ता छोड़ा,परबत ने सीस झुकाया
फौलादी हैं सीने अपने, फौलादी हैं बाहें
हम चाहें तो चट्टानों में पैदा कर दें राहें
साथी हाथ बढ़ाना |
(1)कवि का कहना है कि हमें सदा एक-दुसरे की सहायता करनी चाहिए |कार्य करते –करते एक
अके ला व्यक्ति थक जाता है, इसलिए सभी को कार्य का भार मिल-जुलकर उठाना चाहिए| यदि मेहनत
करने वाले मिलकर कदम बढ़ाते हैं तो समुद्र भी उनके लिए रास्ता छोड़ देता है,पर्वत भी उनके समक्ष
झुक जाते हैं अर्थात् आने वाली बाधाएं स्वयं ही टल जाती हैं | कवि का मानना है कि जो कर्मवीर होते
हैं उनकी छाती व भुजाएं मानों फौलाद की अर्थात् लोहे के समान मजबूत होती हैं | वे कभी मेहनत
करने से घबराते नहीं हैं |मेहनती व्यक्ति तो चट्टानों में भी राहें बना देते हैं अर्थात् कठिन से कठिन कार्य
को सरल और सुगम बना देते हैं | इसलिए कवि का सन्देश है कि मनुष्य को मिलकर काम करना
चाहिए |
२.मेहनत अपने लेख की रेखा,
मेहनत से क्या डरना
कल गैरों की खातिर की,
आज अपनी खातिर करना
अपना दुख भी एक है साथी, अपना
सुख भी एक
अपनी मंजिल सच की मंजिल, अपना
रस्ता नेक
साथी हाथ बढ़ाना |
(२)कवि का मानना है कि परिश्रम करना तो हमारे भाग्य में लिखा है इसलिए इससे
डरना नहीं चाहिए| कल तक अर्थात् जब हमारा देश गुलाम था तो हम विदेशियों के
लिए कार्य करते रहे, लेकिन आज जब हमारा देश स्वतंत्र है तो हमें अपने लिए
मिल-जुलकर कार्य करना चाहिए| हमारे द्वारा किये गये कार्य हमारे लिए ही हितकर
होंगे |हमारा सुख एक दुसरे से जुड़ा है| हमें अच्छाई की राह पर चलते हुए सत्य
की मंजिल तक पहुँचना है |इसके लिए हमें साथ मिलकर काम करना है |
3. व्याख्या –
एक से एक मिले तो कतरा, बन जाता है इन पंक्तियों में रचनाकार कहता है कि एक –एक
दरिया बूंद पानी मिलकर नदी का रूप ले लेती है |
एक से एक मिले तो ज़र्रा, रेत का एक-एक कण मिलकर रेगिस्तान बन
जाता है| राई के समान छोटे-छोटे दाने
बन जाता है सेहरा
मिलकर विशाल पर्वत बन जाता है | बस इसके
एक से एक मिले तो राई, लिए के वल साथ मिलकर काम करने की
बन सकती है परबत जरूरत है |
एक से एक मिले तो इंसा,
बस में कर ले किस्मत |
साथी हाथ बढ़ाना |
प्रश्न अभ्यास
प्रश्न 1-इस गीत की किन पंक्तियों को तुम अपने आसपास की ज़िंदगी में घटते हुए देख सकते
हो ?
उत्तर –इस गीत की निम्नलिखित पंक्तियों को अपने आसपास की जिंदगी में घटते हुए देख
सकते हैं---
(क) हम मेहनत वालों ने जब भी मिलकर कदम बढ़ाया
सागर ने रास्ता छोड़ा,परबत ने सीस झुकाया|
(ख)एक से एक मिले तो कतरा,बन जाता है दरिया
एक से एक मिले तो ज़र्रा ,बन जाता है सेहरा
एक से एक मिले तो राई ,बन सकती है परबत
एक से एक मिले तो इंसा ,बस में कर ले किस्मत|
प्रश्न २-सागर ने रस्ता छोड़ा ,परबत ने सीस झक ु ाया’-साहिर ने
ऐसा क्यों कहा है ? लिखो|
उत्तर –जब हम मिलजल ु कर काम करते हैं तो बड़ी से बड़ी
शक्ति को भी झुकने पर विवश कर सकते हैं | इसीलिए साहिर
जी ने कहा है कि यदि मनष्ु य मिलजल ु कर आगे बढ़ते हैं तो
सागर को रास्ता दे ना पड़ता है और पर्वत भी उनके कदमों में
शीश झुका दे ता है |

प्रश्न-3 गीत में सीने और बाँहों को फौलादी क्यों कहा गया है ?


उत्तर - गीत में सीने और बाँहों को फौलादी कहकर यह स्पष्ट
किया गया है कि हमारे सीने हर प्रकार की मश्कि ु लों को सहन
करने में समर्थ हैं ,हममें उत्साह है ,और संघर्ष करने की क्षमता
है |
गीत से आगे –
प्रश्न 1 –अपने आस –पास तम
ु किसे साथी मानते हो और क्यों
? इससे मिलते –जुलते कुछ और शब्द खोजकर लिखो |

उत्तर –मैं अपने आस –पास रहने वाले ,साथ काम करने वाले
और साथ पढने वाले को अपना ‘साथी’ मानता हूँ क्योंकि
मश्कि
ु ल समय में ‘साथी’ ही काम आते हैं |
साथी से मिलते –जुलते शब्द ये हैं –
मित्र ,दोस्त ,सहपाठी ,सहचर ,सखा आदि |
प्रश्न २- ‘अपना दख
ु भी एक है साथी ,अपना सख ु भी एक ‘
कक्षा ,मोहल्ले और गाँव /शहर के किस –किस तरह के
साथियों के बीच तुम्हें इस वाक्य की सच्चाई महसूस होती है
और कैसे ?

उत्तर –कुछ बातों के संबंध में हम अपने साथियों से जड़ु े होते


हैं | इन मामलों में हमारी सोच एक होती है और हमारे सख ु
दःु ख की अनुभूति भी एक होती है | उदाहरण के लिए पानी-
बिजली की कमी ,ट्रै फिक जैसी रोजमर्रा की मश्कि
ु लों से जब
हमारा सामना होता है तो हमें लगता है कि हमारा दःु ख एक
है वहीं विद्यालय के लिए पदक जीतते समय लगता है कि
हमारा सख ु भी एक है |
प्रश्न -3 इस गीत को तम
ु किस माहौल में गन ु गन
ु ा सकते हो ?
उत्तर –हम इस गीत को कभी भी गुनगुना सकते हैं पर विशेषकर जब
सहयोग और संगठन की शक्ति बतानी हो तब यह गीत अधिक महत्व
रखता है | जैसे खिलाडियों में जोश पैदा करने व उनमें एकता की भावना
जगाने के लिए भी हम इस गीत को गन ु ा सकते हैं |
ु गन

प्रश्न -4 एक अकेला थक जायेगा ,मिलकर बोझ उठाना ‘-


(क)तुम अपने घर में इस बात का ध्यान कैसे रख सकते हो ?
(ख)पापा के काम और माँ के काम क्या-क्या हैं ?
(ग)क्या वे एक दस ु रे का हाथ बंटाते हैं ?
उत्तर –(क)अपने घर के छोटे –बड़े कामों में माता-पिता का
हाथ बंटाकर हम इस बात का ध्यान रख सकते हैं |
(ख)पापा और माँ को बहुत से काम करने होते हैं जहाँ एक और पापा
कार्यालय जाते हैं और घर के लिए बाहरी आवश्यक कार्यों का ध्यान
रखते हैं वहीं माँ घर की सफाई करने, खाना बनाने, कपड़े धोने, हम सबको
पढ़ाने, खरीददारी करने और भी बहुत सारे छोटे मोटे काम करती है |
(ग )हाँ ,वे इन कामों में एक –दसु रे का हाथ बंटाते हैं |
प्रश्न -5 यदि तुमने नया दौर फिल्म दे खी है तो बताओ कि यह गीत
फिल्म में कहानी के किस मोड़ पर आता है ? यदि तुमने फिल्म नहीं दे खी
है तो फिल्म दे खो और बताओ|
उत्तर –नया दौर फ़िल्म में जब कच्ची सड़क को पक्का करने के लिए
सब मिल –जल ु कर काम करते हैं तब यह गीत आता है | यह गीत उनके
सहयोग उत्साह और जोश को प्रदर्शित करता है |
कहावतों की दनि ु या--------
प्रश्न -1 अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता |
एक और एक मिलकर ग्यारह होते हैं |
•ऊपर लिखी कहावतों का अर्थ गीत की किन पंक्तियों से मिलता जुलता है ?
•इन दोनों कहावतों के अर्थ कहावत–कोष में दे खकर समझो और उनका वाक्य में प्रयोग
करो|
उत्तर –(क) एक अकेला थक जायेगा, मिलकर बोझ उठाना
एक से एक मिले तो कतरा,बन जाता है दरिया
एक से एक मिले तो ज़र्रा ,बन जाता है सेहरा
एक से एक मिले तो राई ,बन सकती है परबत
एक से एक मिले तो इंसा ,बस में कर ले किस्मत
(ख) अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता –मिलजुलकर काम करने से ही काम आसान
होते हैं | अकेला व्यक्ति उनको नहीं कर सकता | इसीलिए तो कहा गया है अकेला
चना भाड़ नहीं फोड़ सकता |
प्रश्न -२ नीचे हाथ से सम्बन्धित कुछ मुहावरे दिए गये हैं|
इनके अर्थ समझो और प्रत्येक मह ु ावरे से वाक्य बनाओ –
उत्तर---
मुहावरे वाक्य –प्रयोग

हाथ को हाथ न सूझना कमरे में इतना अँधेरा था कि हाथ को हाथ नहीं सूझता था|

हाथ साफ़ करना सलीम मेरी पुस्तक पर हाथ साफ़ कर गया |

हाथ –पैर फू लना पुलिस को देखते ही चोर के हाथ पैर फू ल गये |

हाथों –हाथ लेना दीपावली के अवसर पर लोगों ने मिट्टी के दीये हाथों- हाथ खरीद लिए|

हाथ लगना यह आइसक्रीम तुम्हारे हाथ कै से लग गई ?


भाषा की बात –
प्रश्न -1 हाथ और हस्त एक ही शब्द के दो रूप हैं | नीचे दिए शब्दों में
हस्त और हाथ छिपे हैं | शब्दों को पढकर बताओ कि हाथों का इनमें
क्या काम है –
शब्द कार्य

हाथघडी
कलाई(हाथ) पर पहने जाने वाली घड़ी
हथौड़ा लोहे का एक भारी औज़ार,जिसका प्रयोग पत्थर तोड़ने के लिए
किया जाता है |
हस्तशिल्प
हाथ से बनी हुई वस्तुएं ,जैसे –मूर्ति का डिज़ाइन आदि |
निहत्था
खाली हाथ(बिना किसी हथियार के )
हथकं डा
किसी कार्य को पूरा करने के लिए अपनाये गये तरीके
हस्ताक्षर
हाथ से अपना नाम लिखकर किसी कार्य के लिए सहमति व्यक्त
करना |
हथकरघा
हाथ से किये जाने वाले छोटे -मोटे उद्योग धंधे,जैसे-चरखा
प्रश्न -२ इस गीत में परबत, सीस ,रस्ता ,इंसा जैसे शब्दों के प्रयोग हुए हैं | इन शब्दों के
प्रचलित रूप लिखो |

शब्द प्रचलित रूप


परबत पर्वत
सीस सिर
रस्ता रास्ता
इंसा इंसान

प्रश्न -3 निजवाचक सर्वनाम के निम्नलिखित रूपों का वाक्यों में प्रयोग करो :-


उत्तर --- निजवाचक सर्वनाम वाक्य –प्रयोग
अपने को हमें अपने को देखना है |
अपने से तुम के वल अपने से मतलब मत रखो |
अपना यह मेरा अपना घर है |
अपने पर मुझे अपने पर गर्व है
अपने लिए मैंने अपने लिए खाना बनाया है |
आपस में हमें आपस में मिल-जुलकर प्रेम से रहना चाहिए |
Prepared By
REENA DEVI
TGT(Hindi )
Kendriya Vidyalaya ,MYSURU

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