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कर चले हम फदा

1.​ या इस गीत क कोई ऐ तहा सक प ृ ठभू म है ?


उ र- ह
​ ाँ, ​इस गीत क ऐ तहा सक प ृ ठभू म है । सन ् 1962 म
​ भारत पर चीन ने
आ मण कया। यु ध म अनेक सपाह लड़ते-लड़ते शह द हो गए। इसी यु ध क
-​प ृ ठभू म पर ‘​हक कत’ ​ फ़ म बनी थी। इस फ़ म म भारत और चीन यु ध क
वा त वकता को दशाया गया था। यह गीत इसी फ़ म के लए लखा गया था।

2​.‘​सर हमालय का हमने न झक


ु ने दया’, इ
​ स पंि त म हमालय कस बात का
तीक है ?
उ र- ‘​सर हमालय का हमने न झक
ु ने दया इस पंि त म हमालय भारत के
मान-स मान का तीक है । 1962 म
​ भारत चीन क लड़ाई हमालय क घा टय म
लड़ी गई थी। हमारे अनेक सै नक इस यु ध म लड़ते हुए वीरग त को ा त हुए
थे। हमालय क बफ ल चो टय पर भारतीय जवान ने बहादरु एवं ब लदान क
अनोखी मसाल कायम क थी। भारतीय सेना के वीर जाँबाज ने अपने ाण का
ब लदान दे कर भारत के स मान क र ा क थी।

3​.​इस गीत म धरती को दल


ु हन य कहा गया है ?
उ र- ग
​ ीत म धरती को द ु हन इस लए कहा गया है , ​ य क सन ् 1962 ​के यु ध म
भारतीय सै नक के ब लदान से, उ
​ नके र त से धरती लाल हो गई थी, म
​ ानो धरती
ने कसी दल
ु हन क भाँ त लाल पोशाक पहन ल हो अथात भारतीय सै नक के
र त से परू यु धभू म लाल हो गई थी।

4.​गीत म ऐसी या खास बात होती है क वे जीवन भर याद रह जाते है ?


उ र- ग
​ ीत , गीतकार के दय क आवाज़ होती है । गीत म भावा मकता, स चाई,
मा मकता, लयब धता, संगीता मकता आ द ऎसे गण
ु होते ह िजसके कारण कोई
भी गीत जीवन भर के लए याद रह जाते ह । गीत मन को अहसास कराते है क
वे केवल गीत ह नह ं बि क जन- जन के दय क आवाज़ है । गीत म संगीत
और लय का अ भत
ु मेल होता है ।इस कारण गीत भल
ु ाए नह ं जाते । “​कर चले
हम फदा’ क वता म ब लदान क भावना प से प ट झलकती है जो हर
हंद ु तानी के दमाग म रच बस जाते ह ।

5.​क व ने ‘​सा थयो’ स


​ ब
ं ोधन का योग कसके लए कया है ?

उ र- ‘​सा थयो’ ​सब


ं ोधन ​ का योग दे शवा सय के लए कया है । वीर सै नक तो
अपना सबकुछ मातभ
ृ ू म पर योछावर कर शह द हो गए और अब दे श क
िज़ मेदार उनके सा थय अथात दे शवा सय पर आ गई है ।

6.​क व ने इस क वता म कस का फ़ले को आगे बढ़ाते रहने क बात कह है ?


उ र- ‘​का फले’ श
​ द का अथ है -या य का समह
ू । क व ने इस क वता म दे श के
लए योछावर होने वाले अथात ् दे श के मान-स मान व र ा क खा तर अपने
सख
ु को याग कर, ​मर मटने वाले ब लदा नय के का फले को आगे बढ़ते रहने
क बात कह है । क व का मानना है क ब लदान का यह म नरं तर चलते रहना
चा हए य क हमारा दे श तभी सरु त रह सकता है , ज
​ ब ब लदा नय के का फले
श ओ
ु ं को हरा कर तथा वजय ी को हा सल कर आगे बढ़ते रहगे।

7.​इस गीत म ‘​सर पर कफ़न बाँधना’ ​ कस ओर संकेत करता है ?


उ र- इस गीत म ‘​सर पर कफ़न बाँधना’ ​देश के लए अपना सव व अथात ् संपण

समपण क ओर संकेत करता है । सर पर कफन बाँधकर चलने वाला यि त
अपने ाण से मोह नह ं करता, ​बि क अपने ाण का ब लदान दे ने के लए सदै व
तैयार रहता है इस लए हर सै नक सदा मौत को गले लगाने के लए त पर रहता
है ।

8.​इस क वता का तपा य अपने श द म ल खए।


उ र- ​ तत
ु क वता उद ू के स ध क व कैफ़ आज़मी वारा र चत है । यह गीत
यु ध क प ृ ठभू म पर आधा रत फ म ‘​हक कत’​ के लए लखा गया है । इस
क वता म क व ने उन सै नक के दय क आवाज़ को य त कया है , ि​ ज ह
अपने दे श के त कए गए हर काय, ह
​ र कदम, ह
​ र ब लदान पर गव है । इ
​ सका
तपा य है - भारतीय सै नक म दे श क सरु ा के लए जोश भरना तथा
दे शवा सय म दे शभि त क भावना भरना । दे श के लए ब लदान होने वाला
सै नक अपने सा थय से कहता है क उसने अपने दे श क र ा के श ओ
ु ं का
डटकर मक
ु ाबला कया, वे लड़ते – लड़ते शह द हो गए और अब वे इस धरती को
द ु हन मानकर उसक र ा कर । इसक र ा म अपना खन
ू तक बहा द । दे श
पर मर मटने के अवसर कम मलते ह इस लए अपनी जान क परवाह न करके
द ु मन का सामना कर । साथ ह साथ उनक येक दे शवासी से कुछ अपे ाएँ ह
क उनके इस संसार से वदा होने के प चात वे दे श क आन, ब
​ ान व शान पर
आँच नह ं आने दगे, ब
​ ि क समय आने पर अपना ब लदान दे कर दे श क र ा
करगे।

2.​ न न ल खत का भाव प ट क िजए-

​1.​ ​साँस थमती गई, ​न ज़ जमती गई


फर भी बढ़ते कदम को न कने दया
उ र- इन पंि तय का भाव यह है क हमारे वीर सै नक दे श र ा के लए दए
गए अपने वचन का पालन अपने जीवन के अं तम ण तक करते रहे यु ध म
घायल इन सै नक को अपने ाण क जरा भी परवाह नह ं क । उनक साँस भले
ह कने लगीं तथा भयंकर सद के कारण उनक न ज़ चाहे जमती चल गई कंतु
कसी भी प रि थ त म उनके इरादे डगमगाए नह ं। भारत माँ क र ा के लए
उनके बढ़ते कदम न तो पीछे हटे और न ह के। वे अपनी अं तम साँस तक
श ओ
ु ं का मक
ु ाबला करते रहे ।

2.​ ​खींच दो अपने खू से जमीं पर लक र


इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई
उ र- इ
​ न अंश का भाव है क सै नक ने अं तम साँस तक दे श क र ा क । यु ध
म घायल हो जाने पर जब सै नक क साँस कने लगती ह अथात ् अं तम समय
आने पर तथा न ज़ के क- ककर चलने पर, क
​ मज़ोर पड़ जाने पर भी उनके
कदम नह ं कते, ​ य क वे भारतमाता क र ा हे तु आगे बढ़ते रहते ह और
हँसते-हँसते अपने ाण योछावर कर दे ते ह।

​3.​छू न पाए सीता का दामन कोई


राम भी तम
ु ,त
​ ु ह ं ल मण सा थयो
उ र -इन पंि तय का भाव यह है क भारत क भू म सीता माता क तरह प व
है । इसके दामन को छूने का द ु साहस कसी को नह ं होना चा हए। यह धरती राम
और ल मण जैसे अलौ कक वीर क धरती है िजनके रहते सीमा पर से कोई श ु
पी रावण दे श म वेश कर दे श को हा न न पहुँचा सके । अतः हम सभी
दे शवा सय को मलकर दे श क ग रमा को बनाए रखना है अथात ् दे श के
मान-स मान व उसक प व ता क र ा करना है ।

​ ​ ग
​ ह
ृ काय न

1) ​“​ कर चले हम फदा ’ क वता म क व ने दे शवा सय से या अपे ाएँ


रखी ह ?
2) क व ने कन दो ज न का उ लेख कया है ?
3) ’िज़ंदा रहने के मौसम बहुत है मगर ’ का भाव या है ?
4) इस गीत वारा क व संदेश दे ना चाहते ह ?

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