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क य व ालय संगठन, े ीय कायालय बगलु संभाग

बसंत क ा पाठ का नाम श क / श का का नाम व ालय का नाम


हद छठ पार नजर के वज मा हच एम ई जी एवं क
बगलु

पाठ -6 पार नजर के लेखक का नाम- जयंत व णु नाल कर


सार
यह कहानी मंगल ह क है। मंगलवासी सतह के नीचे रहते थे। छोटू अपने पापा का स यो रट -
पास लेकर सुरंग म चला गया। उसके पापा हर दन उसी सुरंग से होकर अपने काम पर जाते थे।
आम लोग को उस रा ते से जाने क मनाही थी, केवल चु नदा लोग ही जा सकते थे। छोटू के पापा
क उस दन छु थी इस लए वह छपाकर पास लेकर चल पड़ा था । छोटू ने पास को दरवाजे म
बने एक खाँचे म डाला और दरवाजा खुल गया। सुरग
ं नुमा रा ता ऊपर क और जाता था। छोटू
आगे बढ़ा परंतु नरी क यं ारा पकड़ा गया। नरी क यं ने छोटू क त वीर ख च ली और
खतरे क सूचना सपा हय को दे द । सपाही छोटू को पकड़कर वापस उसके घर छोड़ आए। पापा
ने उसे बचा लया।
पापा ने छोटू को बताया क वह जमीन के ऊपर काम करते ह।आम आदमी वहाँ नह जा सकता
य क वह वहाँ के माहौल म नह रह सकता। वह वहाँ पेस-सूट पहनकर जाते ह जससे
ऑ सीजन मलता है और खास क म के जूत तथा श ण के कारण ही वहाँ चल फर सकते
ह।
पापा ने छोटू को बताया क पहले ऐसा नह था। पहले मंगल ह के सभी लोग जमीन के ऊपर रहते
थे बगैर कसी वशेष सूट क मदद के परंतु सूरज म प रवतन होने के कारण ाकृ तक संतुलन
बगड़ गया। सभी पशु-प ी, पेड़-पौधे इसे सहन नह कर पाए और धीरे-धीरे समा त हो गए। केवल
उनके पूवज ने इसका सामना कया। उ ह ने तकनीक ान के आधार पर जमीन के नीचे घर बना
लया और रहने लगे। धरती के ऊपर लगे व भ यं ारा वे सूरज क रोशनी और गम का
इ तेमाल करते ह। छोटू के पापा ने कहा क वे और कुछ चु नदा लोग यं का यान रखते ह।
सरे दन उसके पापा जब काम पर गए तो कं यूटर से पता चला क एक अंत र यान मंगल ह
क ओर बढ़ रहा है और उसम से एक यां क हाथ बाहर नकाल रहा है। कॉलोनी बंध स म त क
मी टग बुलाई गई। अ य ने बताया क दो यान मंगल क ओर बढ़ रहे ह। कॉलोनी क सुर ा क
पूरी ज मेदारी नंबर एक पर थी। उसने कहा क उसके पास यान को समा त करने क मता है
परंतु इससे उ ह कोई जानकारी हा सल नह होगी। नंबर दो जो क एक वै ा नक थे, ने नंबर एक
क बात से सहमत होते ए कहा क अगर हम यान को न करते ह तो सरे ह के लोग को हमारे
बारे म जानकारी मल जाएगी। नंबर तीन जो सामा जक व था का काम दे खते थे, ने कहा क
अगर सरे लोग को हमारे बारे म पता चला तो हो सकता है वो अगली बार और भी स म यं
भेज। इतनी दे र मे उ ह जानकारी मली यान जमीन पर उतर चुका है। उस दन पापा छोटू को
कं ोल म लेकर आए थे। पापा ने छोटू को एक कॉ सोल दखाया जस पर कई बटन थे। अंत र
यान से एक यां क हाथ बाहर नकला और जमीन क ओर बढ़ने लगा। सब लोग न पर दे ख
रहे थे परंतु छोटू क नजर कॉ सोल के ऊपर थी। छोटू ने कॉ सोल पर बने लाल बटन को दबा
दया। खतरे क घंट बजी और सब कॉ सोल क तरफ दे खने लगे। छोटू के पापा ने उसे एक थ पड़
मारा और लाल बटन को पहले क तरह कर दया परंतु तब तक लाल बटन ने अपना काम कर दया
था और यां क हाथ क ग त व ध क गई थी।
उधर धरती पर नासा ने अपना बयान जारी कर कहा क मंगल क धरती पर उतरा आ अंत र
यान का यां क हाथ बेकार हो गया है। ठ क करने का यास जारी है। इसके कुछ दन बाद
अखबार म छपा- रमोट कं ोल के सहारे यां क हाथ को ठ क कर दया गया है। उसने मंगल गृह
के म के नमूने लेने शु कर दए ह। पृ वी क तरह मंगल पर भी जीव सृ का अ त व है यह
आज भी एक रह य है।

क ठन श द के अथ
शद अथ
●नजर बचाकर - काम को ऐसे करना क सर को पता ना चले
●नजर दौड़ाना - दे खना
●मौका हाथ से फसलना- अवसर ना मल पाना
●खै रयत - कुशलता
●ला जमी - अ नवाय
●उ णता - गम
●अ म - असमथ
●मंशा - इ छा
●अ डग - एक थान पर थत
●सौरमंडल - सूय और उसक प र मा करने वाले ह
● बंध स म त - बंध करने वाली सभा/ कायका रणी
●एड म न े शन - शासन
●व - भाषण
●बरबस - अचानक
●यां क हाथ - यं क सहायता से काय करने वाला
●उ सुक - त पर
●नासा - नेशनल एरोनॉ ट स एंड पेस एड म न े शन (एक अमे रक सं था जो दे श
के सावज नक अंत र काय म व एरोनॉ ट स व एरो पेस संशोधन के लए ज मेदार है।)

ो र
कहानी से
1. छोटू का प रवार कहाँ रहता था ?
उ र-
छोटू का प रवार मंगल ह पर बने भू मगत घर म रहता था।
2.छोटू को सुरंग म जाने क इजाजत य नह थी? पाठ के आधार पर लखो।
उ र-
छोटू या कसी आम आदमी को सुरंग म जाने क इजाजत नह थी य क उस सुरंग से जमीन पर
जाने का रा ता था जहां आम आदमी का जाना मना था।
3.कं ोल म म जाकर छोटू ने या दे खा और वहाँ उसने या हरकत क ?
उ र-
कं ोल म म जाकर छोटू ने दे खा क सब लोग मंगल पर उतरे अंत र यान से परेशान थे। सब
लोग न पर दखाई दे रही यान क हरकत को यान से दे ख रहे थे परंतु छोटू का सारा यान
कॉ सोल पैनल पर था जसका लाल बटन उसे आक षत कर रहा था। अपनी इ छा को वह रोक
नह पाया और उसने बटन दबाने क हरकत कर द ।
4.इस कहानी के अनुसार मंगल ह पर कभी आम जन-जीवन था। वह सब न कैसे हो गया?इसे
लखो।
उ र-
मंगल ह पर जीवन सूरज म प रवतन आने क वजह से न हो गया। धीरे-धीरे वातावरण म
प रवतन होने लगा जससे ाकृ तक संतल ु न बगड़ गया। कृ त के बदले ए प का सामना वहाँ
के पशु-प ी, पेड़-पौधे अ य जीव नह कर पाए।
5. कहानी म अंत र यान को कसने भेजा था और य ?

उ र-
अंत र यान को नेशनल एअरोनॉ ट स एंड पेस एड म न े शन (नासा) ने मंगल क म के
व भ नमूने इक े करने के लए भेजा था ता क इस बात का पता चल सके क या मंगल ह पर
भी पृ वी क ही तरह जीव सृ का अ त व है।

6.नंबर एक,नंबर दो और नंबर तीनअजनबी से नबटने के कौन से तरीके सुझाते ह और य ?

उ र-
नंबर एक ने कहा क अंत र यानो के बेकार से कोई भला नह होने वाला, इससे हम जानकारी
ा त करना और भी क ठन हो जाएगा। उसके अनुसार यान जीव र हत ह इस लए इनसे उनके ह
को कोई खतरा नह है। नंबर दो ने भी नंबर एक का समथन करते ए कहा क यं बेकार कर दे ने
से सरे ह के लोग हमारे बारे म जान जाएंगे इस लए हम केवल अवलोकन करते रहना चा हए।
नंबर तीन ने अपने अ त व को छु पाए रखने के मह व पर जोर दे ते ए कहा क हम कुछ ऐसा
बंध करना चा हए ता क यान भेजने वाले को लगे क इस ह म कुछ खास नह है।

अनुमान और क पना
1.यह कहानी जमीन के अंदर क जदगी का पता दे ती है। जमीन के ऊपर मंगल ह पर सब कुछ
कैसा होगा, इसक क पना करो और लखो।
उ र
ज़मीन के ऊपर मंगल ह पर भी जन-जीवन सामा य नह होगा, न तो पेड़-पौधे ह गे ना कोई
नाला। मंगल ह पर जधर भी दे ख उधर ही पठारी भू म, रे ग तान और म के पहाड़ ह गे, वहाँ
कसी कार का जीवन नह होगा। ाणवायु क कमी होगी, सद ब त अ धक होगी। पानी क भी
क लत होने क संभावना है। इस कारण यं क सहायता से ही जीना संभव हो पाता होगा। जस
कार जमीन के अंदर मनु य व भ यं के सहारे रहता है उसी कार उसे वहाँ रहने के लए
व भ यं क सहायता लेनी पड़ेगी य क मंगल ह पर सूय क ऊजाश न होने के कारण
ाकृ तक संतुलन नह होगा। वहाँ सामा य आदमी नह रह सकता है।
2. मान लो क तुम छोटू हो और यह कहानी कसी को सुना रहे हो तो कैसे सुनाओगे। सोचो
और 'म' शैली म यह कहानी सुनाओ। भाषा क बात
उ र
मेरा घर ज़मीन के नीचे बनी कॉलोनी म है। म ज़मीन के ऊपर दे खना चाहता था। एक बार
अपने पापा का स यो रट पास लेकर चुपके रा ते से जाना चाहता था। पापा उसी रा ते से
त दन काम करने जाया करते थे। सुरंग से बने खाँचे म मने काड डाला और दरवाजा बंद हो
गया। यं म कुछ संदेहा पद हरकत ई और एक सरे यं ने मेरी त वीर ख च ली। तभी
स यो रट गाड आ गया और मुझे पकड़कर वापस मेरे घर छोड़ दया। फर पापा ने बताया क
मंगल ह पर कभी जमीन जैसा ही जीवन था, ले कन सूय म आए प रवतन के कारण ाकृ तक
संतलु न बगड़ गया।

जीव मरने लगे। ठं ड इतनी बढ़ गई क आम लोग का वहाँ रहना मु कल हो गया। तब यं क


सहायता से जमीन के नीचे घर बनाए गए। अब तो पेस-सूट और खास क म के जूते पहनकर
धरती पर रहा जा सकता है। अब वहाँ का जीवन क ठन हो गया है। मनु य को छोड़कर बाक
सभी जीव न हो गए। अपनी तकनीक से मनु य ने पृ वी के नीचे घर बना लया जसका
नयं ण हम लोग अपने तरीके से करते ह।

अगले दन पापा ने कं यूटर पर एक ब दे खा जो क एक यान था। कुछ समय बाद यान जमीन
पर उतरा और उसम से एक यां क हाथ बाहर नकला। यह मेरे लए खास था। म पापा के
साथ था। सभी इस य को कं यूटर पर दे ख रहे थे। मेरा यान कॉ सोल पर लगे बटन पर था।
मने एक बटन दबा दया। अचानक यान के यां क हाथ ने काम करना बंद कर दया। पापा ने
मुझे थ पड़ मारा और उस बटन को पहले जैसा ही कर दया। वै ा नक ने पृ वी से भेजे इस
यान का रमोट से हाथ ठ क कर दया। अब वह जमीन क म खोद रहा था। इस म से
पृ वी के लोग अ ययन करके यह जानना चाहते थे क मंगल ह पर जीवन सृ है या नह ।

भाषा क बात
1.'वातालाप' श द वाता+आलाप के योग से बना है। यहाँ वाता के अंत का 'आ' और
'आलाप' के आरंभ का 'आ' मलने से जो प रवतन आ है, उसे सं ध कहते ह। नीचे लखे
कुछ श द म कन श द क सं ध है-
श ाचार ांज ल दनांक उ रांचल सूया त अ पाहार
उ र
श ाचार- श ा+आचार
ांज ल- ा+अंज ल
दनांक- दन+अंक
उ रांचल-उ र+आंचल
सूया त-सूय+अ त
अ पाहार-अ प+आहार

2.काड उठाते ही दरवाजा बंद आ।


●यह बात हम इस तरीके से भी कह सकते ह-
जैसे ही काड उठाया, दरवाजा बंद हो गया।
● यान दो क दोन वा य म या अंतर है। ऐसे वा य के तीन जोड़े तुम वयं सोचकर
लखो।
उ र
● घंट बजते ही छु हो गयी। जैसे ही घंट बजी छु हो गयी।●सीट बजते ही रेलगाड़ी
चल पड़ी।
जैसे ही सीट बजी रेलगाड़ी चल पड़ी।
●मेरे दौड़ते ही वह भाग गया। जैसे ही म दौड़ा वह भाग गया।

3.छोटू ने चार तरफ़ नज़र दौड़ाई।


छोटू ने चार तरफ़ दे खा।
उपयु वा य म समानता होते ए भी अंतर है। मुहावरे वा य को व श अथ दे ते ह।
ऐसा ही मुहावरा पहली पं म दखाई दे ता है। नीचे दए गए वा यांश म 'नजर' के साथ
अलग-अलग या का योग आ है, जनसे मुहावर बने ह। इनके योग से वा य
बनाओ-
नज़र पड़ना, नज़र रखना नज़र आना, नज़र नीची होना
उ र
नज़र पड़ना - बाहर से आती चमकती रोशनी पर मेरी नज़र पड़ी।
नज़र रखना - पु लस चोर पर नज़र रखे ए है।
नज़र आना - मो हत क चोरी सबक नज़र म आ गई।
नज़र नीची होना - चोरी करते ए पकड़े जाने पर उसक नज़र नीची हो गय ।

4.नीचे एक ही श द के दो प दए गए ह। एक सं ा है और सरा वशेषण है। वा य


बनाकर समझो और बताओ क इनम से कौन से श द सं ा ह और कौन से वशेषण -
आकषक - आकषण
भाव - भावशाली
ेरणा - ेरक
तभाशाली - तभा
उ र
सं ा - वशेषण
आकषक - आकषण
भाव - भावशाली
ेरणा - ेरक
तभा - तभाशाली
● वह अपने हँसी-मज़ाक वाले अंदाज़ के कारण आकषण का क बन गई।
यह कलम दे खने म ब त आकषक है।
●धू पान का वा य पर बुरा भाव पड़ता है।
गांधीजी का व भावशाली है।
●हम इस कहानी से कुछ करने क ेरणा मलती है।
यह पु तक ेरक कहा नय से भरी है।

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