You are on page 1of 15

जल दषू ण (Water Pollution in Hindi)

hindi.indiawaterportal.org/content/जल- दषू ण-Jal-Pradushan

जल दषू ण : कारण, भाव एवं िनदान (Water Pollution: Causes, Effects and
Solution)

‘जल दषू ण’ के ीय दषू ण िनयं ण बोड, पयावरण एवं वन मं ालय, 2011


वतमान म वषा क अिनयिमत थ￸त, कम वषा आिद को देखते हुए उ ोग को अपनी जल खपत पर िनयं ण कर उ प दिू षत
जल का समु￸चत उपचार कर इसके स पूण पुनच ण हेतु ि या िवक■सत करनी चािहए। तािक जल ोत के अ य￸धक दोहन
क थ￸त से बचा जा सके। हम िपछले अ याय म पढ़ आये ह िक पानी म हािनकारक पदाथ जैसे सू म जीव, रसायन,
औ ोिगक, घरेलू या यावसा￸यक ￸त ान से उ प दिू षत जल आिद के िमलने से जल दिू षत हो जाता है। वा तव म इसे ही
जल दषू ण कहते ह। इस कार के हािनकारक पदाथ के िमलने से जल के भौ￸तक, रासायिनक एवं जैिवक गुणधम भािवत
होते ह। जल क गुणव ा पर दषू क के हािनकारक द ु भाव के कारण दिू षत जल घरेलू, यावसा￸यक, औ ोिगक कृिष
अथवा अ य िकसी भी सामा य उपयोग के यो य नह रह जाता।

पीने के अ￸त र घरेलू, ↓सचाई, कृिष काय, मवे￱शय के उपयोग, औ ोिगक तथा यावसा￸यक ग￸तिव￸धयाँ आिद म बड़ी मा ा
म जल क खपत होती है तथा उपयोग म आने वाला जल उपयोग के उपरा त दिू षत जल म बदल जाता है। इस दिू षत जल म
अवशेष के प म इनके मा यम से क गई ग￸तिव￸धय के दौरान पानी के स पक म आये पदाथ या रसायन के अंश रह जाते
ह। इनक उप थ￸त पानी को उपयोग के अनुपयु बना देती है। यह दिू षत जल जब िकसी व छ जल ोत म िमलता है तो
उसे भी दिू षत कर देता है। दिू षत जल म काबिनक एवं अकाबिनक यौिगक एवं रसायन के साथ िवषाणु, जीवाणु और अ य
हािनकारक सू म जीव रहते ह जो अपनी कृ￸त के अनुसार जल ोत को दिू षत करते ह।

जल ोत का दषू ण दो कार से होता है :-

1. िब द ु ोत के मा यम से दषू ण
2. िव तृत ोत के मा यम से दषू ण

1. िब द ु ोत के मा यम से दषू ण :-

जब िकसी िन￸ त ि या णाली से दिू षत जल िनकलकर सीधे जल ोत म िमलता है तो इसे िब द ु ोत जल दषू ण कहते ह।
इसम जल ोत म िमलने वाले दिू षत जल क कृ￸त एवं मा ा ात होती है। अतः इस दिू षत जल का उपचार कर दषू ण तर
कम िकया जा सकता है। अथात बद ु ोत जल दषू ण को कम िकया जा सकता है। उदाहरण िकसी औ ोिगक इकाई का
दिू षत जल पाइप के मा यम से सीधे जल ोत म छोड़ा जाना, िकसी नाली या नाले के मा यम से घरेलू दिू षत जल का तालाब
या नदी म िमलना।

2. िव तृत ोत जल दषू ण :-

अनेक मानवीय ग￸तिव￸धय के दौरान उ प हुआ दिू षत जल जब अलग-अलग मा यम से िकसी ोत म िमलता है तो इसे

1/15
िव तृत ोत जल दषू ण कहते ह। अलग-अलग मा यम से आने के कारण इ ह एक करना एवं एक साथ उपचा रत करना
स भव नह है। जैसे निदय म औ ोिगक एवं घरेलू दिू षत जल या अलग-अलग मा यम से आकर िमलना।

िव￱भ जल ोत के दषू क िब द ु भी अलग-अलग होते ह।

1. निदयाँ :- जहाँ औ ोिगक दिू षत जल िव￱भ नाल के मा यम से निदय म िमलता है, वह घरेलू जल भी नाल आिद के
मा यम से इसम िवस■जत होता है। साथ ही खेत आिद म डाला गया उवरक, क टनाशक तथा जल के बहाव के साथ िम ी
कचरा आिद भी निदय म िमलते ह।

2. समु ी जल का दषू ण :- सभी निदयाँ अंततः समु म िमलती ह। अतः वे इनके मा यम से तो िन￸ त प से दिू षत होती
ह। निदय के मा यम से औ ोिगक दिू षत जल और मल-जल, क टनाशक, उवरक, भारी धातु, ा टक आिद समु म िमलते
ह। इनके अ￸त र सामुि क ग￸तिव￸धय जैसे समु ी प रवहन, समु से पेटो लयम पदाथ का दोहन आिद के कारण भी
सामुि क दषू ण होता है।

जल ोत क भौ￸तक थ￸त को देखकर ही उनके दिू षत होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। जल का रंग, इसक गंध,
वाद आिद के साथ जलीय खरपतवार क सं या म इजाफा, जलीय जीव जैसे मछ लय एवं अ य ज तुओं क सं या म कमी
या उनका मरना, सतह पर तैलीय पदाथ का तैरना आिद जल दिू षत होने के संकेत ह। कभी-कभी इन ल ण के न होने पर
भी पानी दिू षत हो सकता है, जैसे जल ोत म अ लीय या ारीय िन ाव या िमलना या धा वक दषू क का जल ोत से
िमलना। इस तरह के दषू क का पता लगाने के लये जल का रासायिनक िव ेषण करना अिनवाय होता है।

जल को दिू षत करने वाले पदाथ क कृ￸त मु यतः दो कार क होती है-

1. जैिवक प से न हो जाने वाले


2. जैिवक प से न न होने वाले

मु यतः सभी काबिनक पदाथयु दषू क जैिवक प से न होने वाले होते ह। ये दषू क जल म उप थत सू म जीव के ारा
न कर िदए जाते ह। वा तव म काबिनक पदाथ सू म जीव का भोजन होते ह। सू म जीव क इन ग￸तिव￸धय म बड़ी मा ा म
जल म घु लत ऑ सीजन का उपयोग होता है। यही कारण है िक जब काबिनक पदाथयु दषू क जैसे मल-जल या आसवन
उ ोग का दिू षत जल, जल ोत म िमलता है तो उनक घु लत ऑ सीजन क मा ा म उ ेखनीय कमी आती है, कई बार ऐसा
होने पर यहाँ उप थत जलीय जीव जैसे मछ लयाँ आिद ऑ सीजन क कमी के कारण मारे जाते ह।

इसके िवपरीत अनेक दषू क होते ह, जो सामा य प र थ￸तय म न नह होते, ऐसे दषू क म िव￱भ धा वक दषू क या
अकाबिनक लवणयु दषू क होते ह।

कुछ मुख दषू क िन न ल खत ह :-

1. मल-जल या अ य ऑ सीजन अवशोषक दषू क जैसे काबिनक अप￱श ।


2. सं ामक कृ￸त के दषू क जैसे अ पताल से िनकलने वाला अप￱श ।
3. कृिष-काय हेतु उपयोग म लये जाने वाले उवरक, ■जनके पानी म िमलने से जलीय पौध क सं या म बेतहाशा वृ￸ होती है।
त प ात ये जलीय वन प￸त पानी म सड़कर पानी म घु लत ऑ सीजन का उपयोग कर उसे धीरे-धीरे कम या समा कर देती
है। इस कार वन प￸तय के सड़ने से पानी से दगु ध आने लगती है।
4. औ ोिगक दिू षत जल के साथ िव￱भ रसायन, लवण या धातुयु दिू षत जल, जल ोत म िमलता है।
5. कृिष काय म उपयोग होने वाले रासायिनक क टनाशक आिद भी वषाजल साथ घुलकर जब ोत म आकर िमलते ह। ये
2/15
जिटल काबिनक यौिगक कृ￸त म कसर कारक (का■सनोजेिनक) होते ह।
6. अनेक िविकरण पदाथ भी जल के साथ बहकर ाकृ￸तक जल ोत म िमलते ह।
7. अनेक उ ोग जैसे आसवन उ ोग, पावर ांट आिद से िनकलने वाले दिू षत जल का तापमान अ यंत उ होता है। उ
तापमान यु दिू षत जल िकसी भी जल ोत म िमलकर उसका तापमान भी बढ़ा देते ह। ■जसका सीधा भाव जलीय जीव एवं
वन प￸तय पर पड़ता है।
8. घरेलू ठोस अप￱श भी जल दषू ण का बड़ा कारण बनते ह।
जल दषू क कारक को इनक भौ￸तक अव था के आधार पर भी तीन े￱णय म बाँटा जा सकता है :-

1. जल म िनल बत अव था के आधार पर :- अनेक जल दषू क, जल म िनल बत अव था म रहते ह। इन कण का आकार


एक माइ ो मीटर से अ￸धक होता है। ये जल म िनल बत अव था म होते ह और पानी को कुछ देर ठहरा हुआ या थर रखने
पर ये नीचे बैठ जाते ह। इ ह आसानी से छानकर अलग िकया जाता है।

2. जल के साथ कोलायडल अव था बनाना :- िनल बत कण से कुछ छोटे आकार के कण पानी के साथ कोलायडल अव था
म आ जाते ह। इन दषू क को सामा य छनन ि या से पृथक नह िकया जा सकता, य िक इनके कण इतने छोटे होते ह जो
िफ टेशन मा यम से होकर िनकल जाते ह।

3. घु लत दषू क :- अनेक दषू क पानी म अ छी तरह घुल जाते ह। ऐसे दषू क को सामा य छनन क ि या से पृथक नह
िकया जा सकता। इ ह रासायिनक िव￸ध से अ य अ￱भकारक क ि या के प ात ही पृथक िकया जा सकता है।

ाकृ￸तक जल ोत को दिू षत करने म मल-जल के अ￸त र औ ोिगक दिू षत जल भी मुख कारक होते ह। िव￱भ
वै ािनक , पयावरणिवद एवं रसायन वे ाओं ने जल दषू क के आधार पर इ ह िव￱भ े￱णय म बाँटा है। फ यूसन ने इ ह
सात े￱णय म बाँटा है ■जनम मल-जल, कसरकारक, दषू क, काबिनक रसायन, अकाबिनक रसायन, ठोस अप￱श , िविकरण
पदाथ तथा उ ताप उ प करने वाले दषू क शािमल ह। इसी कार सन 1972 म इनका वग करण इनके भौ￸तक एवं
रासायिनक गुण के आधार पर िकया गया तथा इ ह 10 े￱णय म बाँटा। इस आधार पर इ ह इनक अ लीयता या ारीयता,
इनम उप थत खिनज क सां ता, िनल बत कण क मा ा, घु लत ऑ सीजन का उपयोग करने क वृ िवघटन यो य
काबिनक पदाथ क मा ा, काबिनक रसायन क मा ा, दषू क क िवषा ता, रोग जनक क टाणुओं क उप थ￸त,
रासायिनक यौिगक जैसे नाइटोजन एवं फा फोरस से यु रसायन क उप थ￸त तथा अ य￸धक उ ताप का होना शािमल
है।

पीटर ने इन दषू क क कृ￸त तथा इनके कारण पयावरण पर पड़ने वाले द ु भाव का भी अ ययन िकया। इसे हम
िन नानुसार ेणीब कर सकते ह :-

म दषू क क कृ￸त या भाव


गुणधम

1 अ लीयता/ ारीयता जल ोत म सामा य उदासीन पी.एच. को भािवत करते ह, ■जसके


फल व प जल, पीने, कृिष या औ ोिगक उपयोग के यो य नह रह
जाता।

3/15
2 खिनज क सां ता का बढ़ा िव￱भ माइ स या खदान े से िनकलने वाले पानी म बड़ी मा ा म
होना खिनज घुले हुए होते ह, इसके अ￸त र वे िनल बत प म भी
िदखाई देते ह, जल ोत म िमलकर ये उसे पीने, कृिष काय या
औ ोिगक उपयोग के अयो य बना देते ह।

3 िनल बत कण क मा ा जलीय जीव के लये हािनकारक

4 घु लत ऑ सीजन का जलीय जीव के लये हािनकारक


उपयोग

5 िवघटन यो य काबिनक पानी म दगु ध, जलीय जीव के लये हािनकारक


पदाथ का बढ़ना

6 काबिनक रसायन क मा ा पेयजल एवं अ य उपयोग के अयो य

7 दषू क क िवषा ता वा यक ि से हािनकारक

8 रोगाणुयु हैजा, पी लया, डाय रया, हेपेटाइिटस आिद सं ामक रोग के होने
का खतरा।

9 नाइटोजन या फा फोरस जल ोत पर सुपोषण भाव के कारण जलीय वन प￸तय म


यु अचानक वृ￸ होना, ■जनके सड़ने से जल ोत पर दषू ण का भार
बढ़ जाता है।

10 अ य￸धक उ ताप का जलीय जीव एवं वन प￸तय पर िवपरीत भाव


होना

उ ोग से िनकलने वाले व अप￱श के अ￸त र िव￱भ ग￸तिव￸धय म यु होने वाले रसायन या इनसे उ प होने वाले
जल भी वयं म हािनकारक पदाथ को समेटे होते ह। ये घुलनशील या अघुलनशील पदाथ जल ोत म िमलकर उसे दिू षत या
पीने के उपयोग के अयो य बना देते ह। इनम से कुछ के बारे म हम सं￸ चचा करगे।

1. क टनाशक या जैवनाशक :-

हमारे पा र थ￸तक य तं म अनेक क ट ऐसे होते है; जो वन प￸तय या वान प￸तक उ पाद पर आ￱ त रहते ह। क ट के
अ￸त र फसल पर पनपने वाले परजीवी बै टी रया या वायरस भी बड़ी सं या म पाए जाते ह। क ट या अ य परजीवी जब
फसल पर धावा करते ह तो देखते ही देखते पूरी फसल को चट कर जाते ह। इनसे फसल को बचाने के लये
4/15
आव यकतानु प क टनाशक का ￱छड़काव फसल पर िकया जाता है।

क टनाशक के प म उपयोग म आने वाले यादातर रसायन जिटल काबिनक यौिगक होते ह। अ￸धकांश ऐसे यौिगक काबिनक
पदाथ कसरकारक होते ह। इन रसायन का ￱छड़काव करने पर ये पौध क सतह पर अ￸धशोिषत हो जाते ह। वषा के िदन म
जब पौध पर पानी पड़ता है तो ये रसायन पानी म घु लत प म आ जाते ह, या पानी के साथ कोलायडल िवलयन बना लेते ह।
दोन ही अव था म ये पानी के ोत म िनकलकर ये उसे दिू षत कर हािनकारक बना देते ह।

इसी कार जल का भ डारण आिद करते समय भी खा साम ी पर जैव िवनाशक का उपयोग िकया जाता है। ये जैव िवनाशक
भी जल ोत को दिू षत करने म अहम भूिमका िनभाते ह।

यादातर पे टीसाइड या बायोसाइ स ोरीनेटेड हाइडोकाबन होते ह। ये पे टीसाइड नॉन बायो￸ड ेडेबल या जैिवक प से
न न होने वाले रसायन होते ह। इसी लये इनके अ य￸धक द ु भाव जल ोत और जलीय जीवन पर पड़ते ह।

2. मल-जल अपवहन :-

देश क बढ़ती आबादी के साथ आवासीय कॉलोिनय का िव तार भी हुआ है। इसी अनुपात म सीवेज अप￱श क मा ा म भी
बढ़ो री हुई है। आज भी हमारे देश म मल-जल के उपचार संतोषजनक यव था नह है। प रणाम- व प बड़ी मा ा म ये दिू षत
जल सीधे ही निदय म जा िमलता है। घरेलू दिू षत जल म बड़ी मा ा म काबिनक पदाथ होते ह, जो निदय के जल म घु लत
ऑ सीजन क मा ा को कम कर जलीय जीव के लये जीवन संकट खड़ा कर देते ह।

इसके अ￸त र ये रोग के कारक भी होते ह। अनेक सं ामक रोग इनके कारण फैलते ह।

3. औ ोिगक दिू षत जल :-

िव￱भ उ ोग से अलग-अलग कृ￸त का दिू षत जल उ प होता है। ये ाकृ￸तक जल ोत पर अलग-अलग भाव डालते ह।
खा उ पाद आधा रत उ ोग से िनकलने वाले दिू षत जल म काबिनक पदाथ क मा ा अ य￸धक होती है, ■जससे जल ोत
म घु लत ऑ सीजन क सां ता को ये काफ कम कर देते ह। इसी कार ￸ड टलरीज, पेपर िमल आिद से उ प दिू षत जल
भी इसी कार का भाव डालते ह। रसायन उ ोग , अ￱भरंजक तथा औषध िनमाण कारखान से िनकलने वाले दिू षत जल क
कृ￸त अ यंत जिटल होती है और ये जल ोत को अनेक कार से द ु भािवत करते ह। अनेक औ ोिगक िन ाव म भारी
धातुओं क मा ा अ य￸धक होती है। ये धातुएँ जलीय जीव और वन प￸तय पर िवपरीत भाव डालती ह। मानव जीवन पर भी
इसका अनेक कार से द ु भाव पड़ता है। ऐसे दिू षत जल का उपयोग करने पर तो ये उ ह सीधे भािवत करती ही ह, साथ ही
भारी धातु यु वन प￸तय या इनसे भािवत मछ लय आिद के सेवन से भी ये धातुएँ मनु य के शरीर म पहुँच जाती ह। इन
भारी धातुओं के दीघगामी भाव मनु य के शरीर म पड़ते ह।

4. औ ोिगक एवं घरेलू ठोस अप￱श एवं इनके अपहवन से :-

औ ोिगक या घरेलू ठोस अप￱श को सीधे ही जल ोत म िवस■जत िकए जाने से तथा इसके अ￸त र इनके लये बनाये गये
िनपटान थल से बहकर आने वाले जल (रन ऑफ वाटर) या इनसे उ प लीचेट के सीधे या वषाजल के साथ िमलकर
जल ोत म िमलने से भी जल ोत का जल दिू षत होता है।

5/15
5. कृिष अप￱श से :-

कृिष काय म ↓सचाई हेतु बड़ी मा ा म जल का उपयोग होता है। कृिष म उपयोग होने वाले पानी के उस भाग को छोड़कर जो िक
वा पत हो जाता है या भूिम ारा सोख लया जाता है, शेष बहकर पुनः जल धाराओं म िमल जाता है। इस तरह यह जल खेत
म डाली गई ाकृ￸तक या रासायिनक खाद सिहत क टनाशक , काबिनक पदाथ , मृदा एवं इसके अवशेष आिद को बहाकर
जल ोत म िमला देता है।

6. िविकरणयु रसायन से :-

ना￱भक य ऊजा क , ना￱भक य परी ण क , ऐसी योगशालाओं, ■जनम िविकरण स ब धी योग िकए जाते ह, आिद से
िनकलने वाले दिू षत जल म बड़ी मा ा म रे￸डयो आइसोटो स होते ह। ये जल ोत म िनकलकर उसे अ य￸धक हािनकारक
बनाते ह।

7. तेल अप￱श एवं पेटो लयम पदाथ से :-

सामुि क ग￸तिव￸धय म समु ी जहाज से रसाव, तेल एवं पेटो लयम उ पाद के दोहन आिद के दौरान बड़ी मा ा म समु ी जल
म तेल एवं पेटो लयम पदाथ के अप￱श िमलकर जल ोत को भािवत करते ह।

8. तापीय दषू ण :-

ताप िव ुत संयं से रासायिनक उ ोग एवं अ य अनेक उ ोग म जल का उपयोग शीतलन म िकया जाता है। बहुधा ि या
के दौरान भी उ ताप यु दिू षत जल उ प होता है। इस कार के जल सामा य जल ोत म िमलकर उसका तापमान
सामा य से कई गुना बढ़ा देते ह। फल व प जलीय जीवन एवं पा र थ￸तक य तं पर िवपरीत असर पड़ता है।
6/15
9. ा टक एवं पॉलीथीन बै स से दषू ण :-

सामा यतः ा टक बायो￸ड ेडेबल नह होता। इसके कुछ उ पाद जैसे पॉली टाईरीन आिद का िवखंडन हो जाता है, लेिकन
िवख डन के उपरा त ये िन न िक तु हािनकारक उ पाद म बदल जाते ह। पॉलीथीन के बै स भी जैिवक प से न नह होते।
जल ोत म इ ह डाले जाने पर इनम जलीय ज तुओं के फँसने से वे मर जाते ह। इसी कार जलीय वन प￸त भी इनम फँसकर
सड़ती ह और पानी क गुणव ा को भािवत करती ह।

जल दषू ण के भाव

जल को अमृत कहा गया है। जल के िबना हम सृि क क पना नह कर सकते। जीवन के लये वायु के बाद सबसे मुख
अवयव जल ही है। यही जल जो जीवन का अिनवाय अंग है, जब इसम हािनकारक, अवांछनीय या िवषैले पदाथ िमल जाते ह
तो ये िवष बन जाता है।

हमारे देश म निदय का दैिनक जीवन के साथ ही औ ोिगक ि से तो िवशेष मह व रहा ही है, ये सां कृ￸तक ि से भी
मह वपूण मानी जाती रही ह। इ ह मातृ-शि का दजा देकर पूजा जाता है। पाँच जीवन दा￸यनी निदय ने पंजाब क उपजाऊ
भूिम को हरी-भरी फसल क सौगात देकर वहाँ के िकसान क झोली भर दी। आज भी हम जल ोत के प म इन निदय पर
ही सवा￸धक िनभर रहते ह। निदय के िकनारे थत भूिम कृिष-काय हेतु सवथा उपयु होती है। न ■सफ ↓सचाई वरन पेयजल
क आपू￷त के लये भी हम निदय पर ही िनभर करते ह। निदय पर एनीक स बनाकर पानी को रोका जाना और शहर क
पेयजल एवं अ य आव यकताओं क पू￷त के लये निदय के जल का उपयोग आम बात है। िव￱भ औ ोिगक एवं मानवीय
कारण से निदय के जल क गुणव ा भािवत हो रही है। हमारे देश क िवशाल एवं पिव गंगा, यमुना एवं नमदा जैसी निदयाँ
भी जल दषू ण से अछूती नह ह।

जल दषू ण का द ु भाव सीधे-सीधे वा य पर पड़ता है। ये भाव अ पका लक या दीघका लक हो सकते ह। कई बार जल
दषू ण से वा य पर शनैः शनैः भाव पड़ता है और काफ समय बीत जाने पर ात होता है िक वा य पर द ु भाव दिू षत
जल के कारण पड़ रहा है। लेिकन कई बार दिू षत जल का उपयोग जानलेवा भी हो सकता है। इसके अ￸त र दिू षत जल के
स पक म पेयजल के आने से अनेक ऐसे रोग हो जाते ह; ■जनसे जीवन पर संकट आ जाता है।

दिू षत जल के द ु भाव पर चचा करने से पहले सन 1953 म जापान के िमिनमाता शहर म घिटत घटना पर चचा करना उ￸चत
होगा। सन 1953 म जापान म िमिनमाता शहर म थत िवनाइल ोराइड बनाने वाले एक रसायन उ ोग ■जसम िनमाण
ि या के प म मर यू रक ोराइड एक उ ेरक क तरह उपयोग म आता था, औ ोिगक िन ाव के साथ बड़ी मा ा म
िन सा रत िकया गया। एक बड़ी झील म यह िन ाव एक हुआ और मरकरी वहाँ पाई जाने वाली मछ लय के शरीर म पहुँच
गई। इन दिू षत मछ लय को खाने के कारण लगभग 43 लोग मृ यु के ￱शकार हो गए। जाँच एवं परी ण से ात हुआ िक इन
सभी के ारा यहाँ पाई जाने वाली मछ लय का सेवन िकया गया था, जो वयं मरकरी को हण कर चुक थ । इस दघ ु टना ने
दिु नया भर का यान जल दषू ण के ऐसे द ु भाव क ओर ख चा ■जनसे सीधे जल से नह वरन जलीय जीव ारा दिू षत
पानी के मा यम से हािनकारक पदाथ को हण करने और िफर इ ह खाने पर इनसे होने वाले खतरनाक प रणाम क
स भावना प रल￸ त होती है। जापान के शहर िमिनमाता म होने वाली इस दघ
ु टना के कारण मरकरी िवषा ता के इस रोग को
िमिनमाता-￸डसीज के नाम से भी जाना जाता है।

हमारे देश म केरल थत चा लयार नदी म वण िन कषण एवं रेयान िनमाण इकाइय से िनकलने वाले मरकरीयु दिू षत जल
के िमलने से चा लयार नदी का जल दिू षत होने क घटना काश म आ चुक है।

7/15
पारे या मरकरी के साथ ही अनेक भारी एवं िवषैली धातुएँ अनेक औ ोिगक ि याओं के फल व प उ प होने वाले दिू षत
जल म पाई जाती ह, ■जनका हािनकारक द ु भाव देखने म आता है।

यहाँ हम िव￱भ दषू णकारी कारक एवं उनके भाव पर िव तृत चचा करगे।

1. दिू षत जल म उप थत काबिनक पदाथ का भाव :-

मल-जल या इसी कार के दिू षत जल ■जसम काबिनक पदाथ बड़ी मा ा म उप थत होते ह, व छ जल ोत म िमलकर
उनका बी.ओ.डी. भार बढ़ा देते ह। अथात काबिनक पदाथ जोिक जैिवक प से िवन होते ह, के जल ोत से िमलने से सू म
जीवाणु क ि याशीलता से जल म घु लत ऑ सीजन क मा ा कम हो जाती है। साथ ही हािनकारक बै टी रया के पेयजल म
वृ￸ करने से डाय रया, हेपेटाइिटस, पी लया आिद रोग सिहत अनेक चम रोग के होने का खतरा भी बन जाता है।

हमारे देश म ￸तवष पेयजल के दिू षत होने से होने वाली इन बीमा रय के कारण अनेक मौत होती ह। िवशेष कर वषाऋतु के
समय जबिक रोगाणुओं के पनपने के लये अनुकूल दशाएँ िमलती ह। पेयजल से होने वाली बीमा रय का प रमाण भी बढ़ जाता
है।

व छ जल म फा फेट एवं नाइटेट यु काबिनक यौिगक के िमलने से जल म पोषक त व क वृ￸ के कारण इनम पाए जाने
वाले शैवाल एवं अ य जलीय पादप क सं या म तेजी से एवं अ या￱शत वृ￸ होती है। इस घटना को वपोषण या
‘यूटोिफकेशन’ कहा जाता है।

‘यूटोिफकेशन’ श द का ज म ीक श द यूटोफस से हुआ है। यूटोिफक श द का अथ है पोिषत करने वाला। िकसी जल ोत


जैसे तालाब, झील आिद म काबिनक पदाथ, नाइटेट एवं फा फेट, के िमलने से उनम इन पोषक त व क सां ता बढ़ने के
कारण जलीय वन प￸तय क वृ￸ दर का बढ़ना ही, वा तव म यूटोिफकेशन या वपोषण है। य िप यूटोिफकेशन या वपोषण
क ि या वाभािवक प से भी होती है, जब वषा के जल के साथ िव￱भ काबिनक पदाथ बहकर िकसी जल ोत म िमलते
ह। लेिकन ऐसी ाकृ￸तक वपोषण क घटना म अनेक वष लग जाते ह। लेिकन मानवीय ग￸तिव￸धय के कारण ती वपोषण
क ि या आर भ हो जाती है। इसी आधार पर इसे दो े￱णय म िवभ िकया जा सकता है।

(अ) ाकृ￸तक वपोषण


(ब) उ े रत वपोषण

(अ) ाकृ￸तक वपोषण :-

सामा यतया िकसी भी झील या तालाब म पोषक त व क सं या सीिमत होती है जो उनके िनमाण, उस थान क िम ी, पानी
क गुणव ा उसम उप थत अप￱श आिद पर िनभर करती है। इस ोत के पा र थ￸तक य तं और जीवन च पर इसम
उप थत पोषक त व क मा ा िनभर करती है और इसी के ारा िनयंि त होती है। उदाहरणाथ झील म पाए जाने वाले शैवाल
धीरे-धीरे झील म उप थत पोषक त व से पोिषत होते ह और उसका उपयोग कर लेते ह। इसी तरह जब शैवाल सड़कर न हो
जाते ह तो ये पोषक त व झील म पुनः उपल ध हो जाते ह, तािक अ य शैवाल या जलीय वन प￸तय के ारा इनका उपयोग
िकया जा सके। ये च इसी कार चलता रहता है और यव थत एवं संतु लत रहता है जब तक िक इस झील म िकसी बा
ोत के ारा पोषक त व का वेश न हो।

(ब) उ े रत वपोषण :-
8/15
बा मा यम से इन पोषक त व के जल ोत म वेश के साथ ही उ े रत यूटोिफकेशन या वपोषण क ि या आर भ हो
जाती है। इस यूटोिफकेशन क ि या के आर भ होने से वाभािवक प से जल ोत म पाए जाने वाली जलीय वन प￸त क
सं या म तेजी से वृ￸ होती है और इसी कार इनका िवघटन या अपघटन भी काफ ती ग￸त से होने लगता है। लेिकन पोषक
त व का जलीय ोत म वेश और उनका उपयोग होने के बाद जलीय वन प￸तय का िव ीकरण का च जो पूव म स तु लत
था अब वह स तुलन ￱छ -￱भ हो जाता है, य िक पोषक त व का वेश शैवाल आिद वन प￸तय क वृ￸ को बढ़ा देता है।
इनके न होने पर इनम जमा पोषक त व पुनः उपल ध हो जाते ह। इस कार जल ोत म पोषक त व क मा ा बढ़ती जाती
है।

काबिनक पदाथ क मशः बढ़ती मा ा धीरे-धीरे जल ोत के तल पर एक होने लगती है और इसी के कारण तलहटी पर
जमा अप￱श क मा ा भी बढ़ने लगती है। ■जससे धीरे-धीरे वै प, बै स, माश गैस आिद का िनमाण होता है और अ ततः
जल ोत म उप थत पानी सड़ने लगता है।

जल ोत म पोषक त व या काबिनक पदाथ के ोत ￱भ -￱भ कार के होते ह।

1. घरेलू दिू षत जल या मल-जल अप￱श :-

तालाब , झील आिद जल ोत म वपोषण को बढ़ावा देने के लये सवा￸धक ■ज मेदार इसे ही माना जा सकता है।

2. शहरी या ामीण े से बहकर आया जल :-

िव￱भ थान से बहकर आए जल म बड़ी मा ा म काबिनक पदाथ होते ह। इनम मृदा के साथ ही भूिमगत पड़े प क गाद,
बगीच , खेत आिद म डाले गए उवरक, गोबर एवं अ य जानवर के अप￱श आिद बहकर आते ह।

इसके अ￸त र वषा के जल के साथ वातावरण म उप थत नाइटेट, अमोिनया आिद भी बहकर जल ोत म िमल जाते ह।

3. औ ोिगक अप￱श :-

कृिष एवं कृिष उ पाद आधा रत उ ोग से बड़ी मा ा म काबिनक पदाथयु दिू षत जल उ प होता है, ■जसे ￸ड टलरीज,
श र कारखाने, राइस एवं पोहा िमल, फूड ोसे↓सग या खा सं करण इकाइयाँ आिद। इनके दिू षत जल म काफ मा ा म
काबिनक पदाथ होते ह। ■जनम फा फेट एवं नाइटेट आिद बड़ी मा ा म उप थत होते ह।

इन उ ोग से उ प दिू षत जल के जल ोत म िमलने से भी ये व-पोषण क ि या को बढ़ा देते ह।

अतः कहना न होगा िक िव￱भ ग￸तिव￸धय के कारण यूटोिफकेशन क दर का बढ़ना उ े रत यूटोिफकेशन कहलाता है। ऐसा
होने पर झील या तालाब म जलीय वन प￸तय क वृ￸ दर अचानक बढ़ जाती है। यूटोिफकेशन जल के भौ￸तक, रासायिनक
एवं जैिवक गुण-धम पर भाव डालता है। जल ोत म वन प￸तय क ती वृ￸ दर जल ोत के सामा य संतुलन क थ￸त
को भंग कर देती है। एक ओर तो जल ोत म शैवालीय वृ￸ मछ लय के उ पादन को बढ़ाती है तो कभी-कभी कुछ शैवाल से
ािवत होने वाले या उनके ारा उ प िकये जाने वाले हािनकारक रसायन या ाव से मछ लयाँ और जलीय जीव मारे भी
जाते ह। यूटोिफकेशन के फल व प अिनयंि त प से जलीय वन प￸तय क वृ￸ से झील का पानी ग दा होने लगता है।
■जससे उसका व प िबगड़ता जाता है और वो स दय क ि , पयटन अथवा नौकायन आिद के अयो य हो जाती है।
9/15
वन प￸तय के सड़ने के कारण पानी से दगु ध आने लगती है। दषू ण का तर बढ़ जाने से जल क गुणव ा खराब होने के
साथ-साथ वह जलीय जीव-ज तुओं के जीवन के लये भी खतरनाक हो जाती है। धीरे-धीरे ताजे पानी क एक झील दिू षत
और ग दी झील म बदल जाती है।

इस कार अ￸त अिनयंि त एवं अिनयिमत यूटोिफकेशन या वपोषण जल ोत पर अपना िवपरीत असर डालते ह। इन
द ु भाव से झील को बचाने के लये यूटोिफकेशन क ि या को िनयंि त करने का यास िकया जाता है। इस हेतु काबिनक
पदाथयु जल को झील म िमलने से रोकना, उनम व छ एवं ताजे जल का वाह, पोषक त व एवं इनके जमाव को झील से
हटाना, पोषक त व से प रपूण जल का अ य उपयोग कर कम पोषक त व यु पानी का िमलाना आिद शािमल ह। इस कार
यूटोिफकेशन या वपोषण क दर को कम िकया जा सकता है।

2. दिू षत जल म उप थत भारी धातुओं का भाव :-

िव￱भ धातु सं करण इकाइय , पेपर िमल, ोर-अ कली इकाइयाँ, गै वेनाइ↓जग या इले टो े टग इकाइयाँ, धातु िन कषण
इकाइयाँ, बतन बनाने, बैटरी िनमाण या पुनच ण, रसायन उ ोग आिद अनेक औ ोिगक इकाइय से िनकलने वाले दिू षत जल
के साथ बड़ी मा ा म धातुओं का उनके घुलनशील, अध घुलनशील अघुलनशील रासायिनक यौिगक या िम ण के प म
िन सारण होता है। िन सा रत जल के नाल के मा यम से नदी-ना लय म िमलने से ये अशु￸ याँ नदी जल म पहुँच जाती ह।
जहाँ से ये भोजन ख ृं ला के मा यम से या सीधे ही पेयजल के मा यम से हमारे शरीर म पहुँच जाती है। हमारे शरीर म पहुँच कर
ये हमारे शरीर के िव￱भ िह स पर िवपरीत असर डालती ह। कभी-कभी ये शरीर म एक होकर धीरे-धीरे भी अपना भाव
िदखाती रहती ह।

औ ोिगक अप￱श से लीचेट के प म भारी धातुएँ उ प होती ह, ये वषा के जल के साथ िनकलकर जल ोत को दिू षत
करती ह वह इनका अ￸धकतर द ु भाव भूिमगत जल ोत पर देखा जाता है।

ाकृ￸तक या िव￱भ मानवीय ग￸तिव￸धय के कारण जल ोत म भारी धातुओं के िमलने से जल पीने यो य नह रह जाता।

िव￱भ धातुओं के मानवीय वा य पर पड़ने वाले द ु भाव िन नानुसार ह :-

1. मरकरी या पारा :-

मरकरी या पारा एक अ यंत िवषैली धातु है, ■जसका भाव घातक एवं जानलेवा होता है। काबिनक एवं अकाबिनक दोन ही
प म मरकरी के यौिगक अ यंत िवषैले होते ह। मरकरी, िमथाइल-मरकरी के प म खा ृं ला म सवा￸धक थाई प से

रहने वाला दषू णकारी त व है। मरकरी िवषा ता के कारण जापान म एक ही साथ अनेक लोग के मृ यु के ￱शकार होने क
घटना से हम प र￸चत ह। देश के केरल ांत क चे लयार नदी म वण िन कषण एवं रेयान िनमाण इकाइय से िनकलने वाले
मरकरीयु दिू षत जल के चे लयार नदी म िमलने से चे लयार नदी के पानी के वृहद पैमाने पर दिू षत होने के स ब ध म भी चचा
क जा चुक है। पेयजल म मरकरी क उप थ￸त म त क एवं तंि का तं को ￸त पहुँचाती है।

2. कैडिमयम :-

धातु िन कषण इकाइय जैसे ↓जक िन कषण इकाइयाँ, लेड-कैडिमयम बैटरी उ पादक या पुनच ण इकाइय आिद से कैडिमयम
बड़ी मा ा म दषू क के प म उ प होता है। कैडिमयम क पेयजल म उप थ￸त से उ टी, द त एवं दय रोग हो सकते ह।

10/15
3. ोिमयम :-

ोिमयमयु िव￱भ रासायिनक यौिगक जैसे पोटै￱शयम बाइ ोमेट, पोटै￱शयम ोमेट आिद िनमाण इकाइय से िनकलने वाले
दिू षत जल तथा इसक िनमाण ि या से उ प होने वाले लीचेट, इन इकाइय से बड़ी मा ा म उ प होने वाले ठोस अप￱श
म ोिमयम काफ मा ा म उप थत होता है। ये अपने है सावैलट प म जल म घुलनशील होते ह फल व प इस अव था म
ये अपने द ु भाव िदखाते ह। पानी म घुलनशील अव थाओं म ये पीला रंग उ प करते ह। ोिमयम के लवण कसर कारक
होते ह।

4. आसिनक :-

आसिनक टायवैलट अव था म घुलनशील रहकर अपनी िवषा ता द￰शत करता है। ाकृ￸तक भूगभ य संरचनाओं से भूिमगत
जल के आसिनक से दिू षत होने क अनेक थान म पाई गई है। अनेक औ ोिगक इकाइय जहाँ दिू षत जल के साथ
आसिनक िमला होता है, उनसे भी आसिनक िवषा ता होती है।

5. लेड :-

प￸ म बंगाल के िमदनापुर सिहत देश के अनेक थान म भूिमगत जल ोत म लेड क िवषा ता पाई गई है। शरीर म लेड के
वेश करने पर ये ल बे समय तक पाचन तं म बना रहता है। एवं अनेक वा यगत परेशािनय को ज म देता है।

जल ोत म उप थत भारी धातुओं का वा य पर भाव

म भारी धातुएँ भाव

1 मरकरी म त क एवं तंि का तं को ￸त

2 लेड पाचन तं एवं म त क पर द ु भाव

3 आसिनक चम रोग, ह￸ य म िवकृ￸त, मान■सक रोग

4 कैडिमयम िमचली, द त एवं दय रोग

5 ोिमयम कसर कारक

11/15
3. दिू षत जल म उप थत पे टीसाई स का भाव :-

बाग-बगीच , खेत आिद से बहकर आए रासायिनक क टनाशक एवं उवरक जल ोत म िमलकर उ ह दिू षत कर देते ह।
यादातर क टनाशक जिटल काबिनक यौिगक होते ह, जो व तुतः कसर कारक होते ह। जल ोत म रासायिनक
क टनाशकयु दिू षत जल के िमलने से जल क गुणव ा तो भािवत होती ही है साथ ही ये जलीय जीव पर भी अपना
हािनकारक भाव डालते ह। दिू षत जल का उपयोग करने पर ये मानव वा य को भी नुकसान पहुँचाते ह। इनक अ य￸धक
मा ा म उप थ￸त अनेक रोग को ज म देती है। वषाजल के बहाव के साथ आने वाले पानी म उवरक क उप थ￸त से
वा य स ब धी द ु भाव के अ￸त र उ े रत यूटोिफकेशन क थ￸त िन मत होती है। ■जसके स ब ध म पूव म िव तृत
चचा क जा चुक है।

3. औ ोिगक दिू षत जल क अ लीयता या ारीयता का कृिष भूिम पर द ु भाव :-

अनेक धा वक इकाइय जैसे गै वेनाइ↓जग इकाइयाँ, ए■सड ा ट, फ टलाइजर ा ट आिद से िनकलने वाले दिू षत जल क
कृ￸त अ लीय होती है। ये अ लीय जल जब भूिम के स पक म आता है तो उसम उप थत पोषक त व म अ ल या अ लीय
जल म घुल जाते ह और आव यक त व को वयं म घोलकर भूिम को अनुपजाऊ या बंजर बना देते ह। मृदा क सामा य
कृ￸त ारीय होती है। अ य￸धक अ लीय दिू षत जल के स पक म आने से मृदा क ारीयता कम हो जाती है। इसी कार
अनेक उ ोग से िनकलने वाला दिू षत जल अ य￸धक ारीय कृ￸त का होता है, जैसे साबुन, का टक सोडा।

जल दषू ण क सम या हेतु िनदान

जल दषू ण का मु य ोत औ ोिगक िन ाव एवं घरेलू ोत से िन सा रत दिू षत जल ह।

िव￱भ औ ोिगक ग￸तिव￸धय से बड़ी मा ा म दिू षत जल उ प होता है। इस दिू षत जल म उप थत दषू क क कृ￸त और
मा ा औ ोिगक उ पादन के अनुसार होती है। कुछ उ ोग से उ प होने वाला दिू षत जल अ यंत दषू णकारी कृ￸त का ग दा
या िवषैली कृ￸त का होता है। जबिक कुछ उ ोग का दिू षत जल अ￸धक दिू षत नह होता। इसके अ￸त र शीतलन, बायलर
लोडाउन आिद से िनकलने वाला जल अ￸धकतर सामा य होता है। ■जसे या तो िकसी अ य काय म लया जा सकता है या
पुनचि त िकया जा सकता है।

जल दषू ण क थ￸त से बचने का सबसे मह वपूण उपाय यही है िक व छ जल ोत म दिू षत जल को िमलने से रोका
जाए। इस हेतु येक ोत से िनकलने वाले दिू षत जल के समु￸चत उपचार के उपरा त उसे िकसी अ य उपयोग म लाना
अथवा ि या म पुनचि त करना उ￸चत होगा। िनधा रत मानदंड के अनु प उपचारोपरा त उपचा रत जल को यिद
आव यक हो तभी जल ोत म वािहत िकया जाना चािहए।

इसके अ￸त र जल ोत म होने वाली दषू णकारी ग￸तिव￸धय जैसे निदय /तालाब पर शौच आिद ि याकलाप; घरेलू कचरा,
मू￷तयाँ या पूजन साम ी का िवसजन, शव को निदय म बहाना आिद पर अंकुश लगाना चािहए।

निदय म बहकर आने वाली गाद, वषा के सामा य बहाव के ारा बाग-बगीच खेत म उपयोग िकए जाने वाले रासायिनक
फ टलाइजर एवं पे टीसाइड के बहकर आने से रोकने के उपाय पर भी िवचार िकया जाना चािहए।

12/15
वतमान म वषा क अिनयिमत थ￸त, कम वषा आिद को देखते हुए उ ोग को अपनी जल खपत पर िनयं ण कर उ प दिू षत
जल का समु￸चत उपचार कर इसके स पूण पुनच ण हेतु ि या िवक■सत करनी चािहए। तािक जल ोत के अ य￸धक दोहन
क थ￸त से बचा जा सके। इस हेतु उ ोग को दिू षत जल उपचार हेतु आधुिनकतम उपचार ि या/संयं को भावकारी
ढंग से अपनाना चािहए तथा यथा स भव शू य िन ाव क थ￸त बनाना चािहए। इस कार घरेलू दिू षत जल को उपचा रत
कर औ ोिगक उपयोग, वृ ारोपण, सड़क , उ ोग म जल ￱छड़काव आिद म उपयोग िकया जा सकता है।

ाकृ￸तक जल ोत िवशेषकर निदय को जल दषू ण के द ु भाव से बचाने का सबसे अ छा तरीका यही है िक इनम दिू षत
जल के िन सारण को रोका जाए।

जल- दषू ण के ोत

जल- दषू ण के ोतपानी क शु ता इसक


भौ￸तक, रासायिनक एवं जैिवक अव थाओं पर
िनभर करती है। जल दषू ण को इसक स तता,
अ लीयता, ारीयता, पी0एच0, रंग, वाद,
अपारद￰शता, गंध, आ सीजन मॉंग (रासायिनक
एवं जैिवक), रे￸डयो ध मता, घन व, तापमान आिद
गुण से पहचाना जा सकता है।

दषू ण के ाथिमक अवयव

धनायन- जैसे कै समय, मै ी￱शयम, सो￸डयम,


पोटे￱शयम, आयरन, मै ीज आिद। ऋणायन- जैसे
ोराइड, स फेट, काब नेट, बाई-काब नेट,
हाइडा साइड, नाइटेट आिद। आयन रिहत-
आ साइड, तेल, िफनोल, वसा, ीस, मोम,
घुलनशील गैसे (आ सीजन, काबनडाई
आ साइड, नाईटोजन) आिद। सतही-जल क अपे ा भूजल अ￸धक शु होता है। ारीयता (काब नेट, हाइडा साइड),
कै समय, तथा मै ी￱शयम के कारण भूजल म घुलनशील ठोस ारा जल क स तता बनी रहती है।

जल- दषू ण के कारक

समीपवत े से ■स ट व से￸डमट का बहाव मानव एवं पशुओं ारा सीवेज व गंदगी का बहाव शहर क गंदगी, उ ोग-गंदगी एवं
कृिष-गंदगी आिद ारा अ￸धकतम निदय एवं झील का दषू ण होता है।

जल- दषू ण ारा उ प किठनाइयॉं

घुलनशील आ सीजन के तर म कमी, ■जसके कारण जलीय-जीवन (मछली आिद) पर िवपरीत असर पड़ता है। नैनीताल
झील म घुलनशील आ सीजन का तर 2.5 िम ल ाम ￸त लीटर के खतरनाक तर तक िगर चुका है। नाइटेट तर के 350
िम0 ा0/ली0 होने पर आर भक यूटोिफकेशन थ￸त पैदा हो जाती है। नैनीताल झील म नाइटेट तर 250 िम0 ा0/ली0
होने से अि म-यूटोिफकेशन क थ￸त आ चुक है। झील क तली म िवषैले पदाथ जमा हो जाते ह। काबिनक पदाथ के कारण

13/15
पेयजल क गुणव ा कम हो जाती है तथा िव￱भ कार के सू मजीवी रोगाणुओं के कारण मानव व पशुओं म जलीय-बीमा रयॉं
लग जाती है। िम ी के सू म कण (■स ट, े ) तथा अ य कण के िनल बन ारा सूय क रोशनी पूणतः जल म वेश नह
करती, ■जसके कारण जल म पौध ारा खाना बनाने का काय (फोटो↓सथे■सस) कम हो जाता है।

जल- दषू ण के ोत

िब द ु ोत - ■जनका मु य ोत िन￸ त होता है, जैसे अ पताल, योगशालाएँ , बाजार, शहरी-गंदगी, होटल, छा ावास आिद।

अ-िब द ु ोत - ■जनका मु य ोत िन￸ त नह होता है, जैसे कृ यभूिम से भू रण, पवतीय-भू रण, मृत-पशु, खाद, दवाएँ ,
क टनाशक आिद।

जल दषू ण

(इस पु तक के अ य अ याय को पढ़ने के लये कृपया आलेख के ￴लक पर ि क कर।)

1 पु तक भूिमका : जल और दषू ण

2 जल दषू ण : कारण, भाव एवं िनदान

3 औ ोिगक ग￸तिव￸धय के कारण जल दषू ण

4 मानवीय ग￸तिव￸धय के कारण जल दषू ण

5 भू-जल दषू ण

6 सामुि क दषू ण

7 दिू षत जल उपचार संयं

8 प र￱श : भारत क पयावरण नी￸तयाँ और कानून (India's Environmental Policies


and Laws in Hindi)

9 प र￱श : जल ( दषू ण िनवारण तथा िनयं ण) अ￸धिनयम, 1974 (Water (Pollution


Prevention and Control) Act, 1974 in Hindi)

14/15
TAGS

3 causes of water pollution in Hindi language, Essay on effects of water pollution in points in
Hindi, solution of water pollution information in Hindi, causes of water pollution wikipedia in
Hindi in hindi, water pollution solutions Hindi, 8 effects of water pollution in Hindi, water
pollution prevention in Hindi, control of water pollution in Hindi, effects of water pollution in
india in Hindi, causes of water pollution in india in Hindi, water pollution in india facts in Hindi,
water pollution in india ppt in Hindi, water pollution in india in hindi, Water Pollution in hindi
wikipedia, Water Pollution in hindi language pdf, Water Pollution essay in hindi, Definition of
impact of Water Pollution on human health in Hindi, impact of Water Pollution on human life in
Hindi, impact of Water Pollution on human health ppt in Hindi, impact of Water Pollution on
local communities in Hindi, information about Water Pollution in hindi wiki, Water Pollution
prabhav kya hai, Essay on jal pradushan in hindi, Essay on Water Pollution in Hindi, Information
about Water Pollution in Hindi, Free Content on Water Pollution information in Hindi, Water
Pollution information (in Hindi), Explanation Water Pollution in India in Hindi, Jal Pradushan in
Hindi, Hindi nibandh on Jal Pradushan, quotes on Water Pollution in hindi, Water Pollution Hindi
meaning, Water Pollution Hindi translation, Water Pollution information Hindi pdf, Water
Pollution information Hindi, quotations Jal Pradushan Hindi, Water Pollution information in
Hindi font, Impacts of Water Pollution Hindi, Hindi ppt on Water Pollution information, essay on
Jal Pradushan in Hindi language, essay on Water Pollution information Hindi free, formal essay
on Jal Pradushan, essay on Water Pollution information in Hindi language pdf, essay on Water
Pollution information in India in Hindi wiki, short essay on Water Pollution information in Hindi,
Jal Pradushan essay in Hindi font, topic on Water Pollution information in Hindi language,
information about Water Pollution in hindi language, essay on Water Pollution information and
its effects in Hindi, Jal Pradushan in Hindi, Essay in Jal pradushan in Hindi, Jal Pradushan ke bare
me janakari,

15/15

You might also like