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मचय द दशन
इस पु तक को और अनेक धा मक,
वै दक, ऐ तहा सक तथा ेरणा दायक
पु तको को पीडीएफ प म ा त करने के
लए यहां दबाएं। और e- स मधा के
टे ल ाम, इं टा ाम से जड़
ु ।
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भू मका
येक व याथ बचपन म बहुत चतरु होता है , पाठ याद करने क अ भत ु मता
होती है , सीखने क या ती होती है । पर तु जैसे - जैसे उ बढ़ती है ये सभी
तभाएं धीरे धीरे कम होने लगती ह। इसे वह बालक वयं महसस ू करता है , और
अ भभावक भी इसको दे खते है । ले कन इसके कारण या है ? इसपर वचार करने
का समय कसी को नह ं है ।
E स मधा ट म
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वषय सच
ू ी
मचय क प रभाषा
शु कैसे उ प न होता है
शु और वीय का संबंध
मि त क और शु का संबंध
वीय का मह व
वाभा वक जीवन
अ वाभा वक जीवन
- ह त मैथन
ु के भौ तक कारण
- ह त मैथन
ु के मान सक कारण
- ह त मैथन
ु के प रणाम
- ह त मैथन
ु का मि त क पर भाव
- आ मा क आवाज
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- प नी य भचार
- वे या य भचार
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मचय
वीय क उ प त
ले कन आजकल के अ ल लता पण
ू वातावरण म िजसमे १३-१४ वष का बालक भी
काम वासना और हवस का शकार हो जाता है । िजससे इस छोट उमर म ह वीय
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शु क उ पत
शु तथा वीय
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मि त क और शु
वीय का मह व
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इस कड़ी म म जा धातु क कमी होने लगती है िजससे ह डयां खोखल होने लगती
है , ह डय म पीड़ा , दब
ु लता, च कर आना और कभी कभी उजाले म भी आंखो के
सामने अंधेरा छा जाना।
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वाभा वक जीवन
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अ वाभा वक जीवन
१. जानबझ
ू कर संयम भंग करना - इसके अ तगत आ म य भचार , प नी
य भचार और वे या य भचार आते ह।
२. अनजाने म संयम भंग होना - इसम व नदोष,धातु पतन जैसे रोग आते ह।
आ
म य भचार
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इसके भौ तक कारण न न ह -
१. जननेि य का हाथो से पश -
अकारण इन अंग का पश नह ं करना चा हए। अ यथा ये उ ेजना का कारण बनते
है ।िजसमे कभी कभी च उ प न हो जाने के कारण यि त ह त मैथन
ू करता है ,
धीरे - धीरे आदत लग जाती है ।
२. कसी कार का इि य पश -
आगे चलकर हालत इतने भयानक हो जाते ह क यि त के जननेि य पर कपड़े,
त कया,मेज,पेट के बल लेटना, घोड़े क सवार या या ा के समय इि य म क पन
होने पर भी उ ेजना आजाती है । और यि त अपने अमू य वीय को यथ करता है ।
३. उ ेजक भोजन -
एक कहावत है सादा भोजन उ च वचार। यह स य है । अचार,खटाई,चटपटा,तला -
भनू ा,नमक न, चाय - काफ , मठाई,त बाकू,गटु खा, सगरे ट,शराब,मांस, अंडा आ द
का सेवन करने वाले १५ वष भी मचय का पालन नह ं कर सकते।
४. द ु ट मनु य का साथ -
द ु ट का साथ तो को शश करके याग ह दे ना चा हए। सबसे बड़े पापी वो ह जो छोटे
छोटे (६-७ वष के) बालक से अ ल ल बात करते ह।या उनको गु तांग से खेलना
सखाते है ।और उस बालक का भ व य बबाद करते ह। कुछ घर म नौकर तथा कुछ
सगे संबंधी भी जाने अंजाने म ऐसा करते ह। कूल के साथ म पढ़ने वाले बालक सारे
बचे - खच ु े कुकम शखा दे ते ह। ऐसे लोगो से हमेशा दरू रहो।
५. इंटरनेट/ मोबाइल/ ट बी -
आजकल अ ल लता के साधन सव सल ु भ हो चक
ु े है । पोन वी डयो, पोन त वीर,
अ ल ल गाने, अ ल ल चार साम ी उपरो त साधन वारा सव सल ु भ है जो जहर
का बीज बालक के मन म उ प न करती है ।इस लए इनका उपयोग कम से कम,
िजतना संभव हो उतना कम से कम उपयोग करो। य क इनके उपयोग से बचा
नह ं जा सकता है ।
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मचय और अ ल लता
ठ क उसी कार जैसे कसी बतन म पानी रखते जाइए और जब बतन फुट जाए तो
सारा पानी बहुत तेजी से बखरता है ।
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# चंता -
इन सब कारण से वह यि त द ु नया म बहुत पीछे छूट जाता है । उसक पढ़ाई ,
नौकर , यवसाय आ द कसी भी काय को करने म खद ु को असमथ पाता है । उसके
साथ बचती है तो बस चंता। इस चंता म डूब कर कई बार चोर और ह या जैसे
आपरा धक काय म फंस जाता है । और इस चंता से दो पल के लए दरू नकलने का
स ता रा ता ह तमैथनू दखाई दे ने लगता है । हर असफलता पर एक बार और।
और उसका जीवन उस भार लगने लगता है । कभी - कभी आ मह या भी कर लेता
है ।
ह तमैथन
ू का प रणाम
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वीय मू ाशय म जाने लगता है और मू मेह हो जाता है । शौच के समय वीय नकल
जाता है । ी संभोग के बारे म सोचने से पहले ह उसका वीय नकल जाता है । वह
ी से दरू भागता है । अंडकोष म दद बना रहता है । सीधे श द म उस मनु य का
जनन तं न ट हो जाता है वह ह तमैथन ू के लायक भी नह ं बचता है ।
ह तमैथन
ु से मान सक हा नयां
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१. अ मि त क
२. लघु या म य मि त क
३. प च मि त क
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एक ५२ वष का यि त वे या के घर गया और दस
ू रे दन ह उसक म ृ यु हो
गई।इसके लघु मि त क म र त का थ का जम गया था ।
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आ मा क क ण पक
ु ार
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प नी य भचार
ये सन
ु ने म थोड़ा अटपटा है , ले कन है स य। कुछ यि तय के लए ववाह तो
य भचार करने का लाइसस ह है । इसके पीछे कारण यह है क अपने सहपा ठय
म ो आ द से मनु य यह सीखता है क य द प नी के साथ यादा से यादा मा ा
म संभोग नह ं कया तो वह मझ ु े नपंस
ु क समझेगी। और ी यह सीख ा त करती
है क अगर वह प त को संतु ट नह ं कर पाएगी तो प त कसी और ी क तरफ
आक षत हो सकता है ।
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व न दोष
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१. भोजन - समय से भोजन कर। सादा भोजन करे । नमक मच खटाई , मांसाहार
याग द। सबु ह का भोजन ९ बजे के पहले कर ल और रा का भोजन सायं ५ बजे के
प चात कभी भी कर ल।
३. सब
ु ह दह का योग कर। दोपहर को फल और दध
ू , शबत आ द ल, अ न ना ल।
दध
ू म म ी का योग कर।
३. लंग म खज
ु ल या जलन आ द ना होने दे । व छ रख। यान और ाणायाम
कर।
४. ह त मैथन
ु या अ त मैथन
ु को याग द। यायाम कर और चंता को याग द।
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आठ कार के मैथन
ु होते ह -
५. दशन - कामक
ु ता भर ि ट से कसी ी/पु ष को नह ं दे खना चा हए। और
उ ेजना उ प न करने वाले च , सनेमा आ द को नह ं दे खना चा हए।
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म उपल ध है उनसे व याथ को दरू रहना चा हए। और इनका योग करने वाले
लोगो से भी दरू रह। इस कार अपनी ना सका को नयं त रख।
मचय और सं यास
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शा म २५ वष का मचय सबसे न न को ट का है
पोन ( अ ल ल फ म )
आपने वयं महसस ू कया होगा क भारत म पछले कुछ सालो म बौ धक तभा
एक तर के से समा त हो रह है । हम केवल वदे शी तभाओं और उनके आ व कार
पर ता लयां पीटने का काय कर रहे ह।हमारे जगद श च बस,ु स ये नाथ बोस,
भाभा, कलाम, चं शेखर वकट रामन, व म साराभाई, सर सी वी रमन, रामानज
ु न
आ द महान लोगो जैसी तभाएं ज म लेना ह बंद हो गई???
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पोन क लत लग सकती है
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यह पोन या नशीले पदाथ करते ह - ये धीरे धीरे बाक सभी यरू ॉ स के संदेश वाले
रा त पर भार पड़ने लगते ह। यहां तक क उ ह मटा दे ते ह । िजस चीज को हम
यादा यान दे कर और चाव से आंनद के साथ करते ह या सीखते ह उसका र ता
बहुत आसानी से बनता है जैसे कोई खेल खेलना या कताब बढ़ना या संगीत सीखना
। तो यह तर का है क यान अ छ चीज का दया जाय , यह बचने का तर का भी
है ।
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पोन झठ
ू से भरा हुआ
पहला झठ
ू -
दस
ू रा झूठ -
पोन से से स सीखना -
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ध यवाद
१. फाइट द यू ग सं था वारा का शत पोन संबंधी ववरण का योग कया
गया है ।
२. पु तक मचय व ान ( ी जग नरायन दे व शमा)
३. पु तक मचय साधन ( आचाय चतरु सेन शा ी)
३. पु तक मचय संदेश ( पं डत स य त स धांतालंकार)
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