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1. एक परजीवी शिकार को मार दे ता है जबकि एक परभक्षी परपोषी की मृ त्यु का कारण नहीं बनता है ।
2. परजीविता में दुर्बल सबल से पोषण प्राप्त करता है , जबकि परभक्षण में सबल दुर्बल से पोषण
प्राप्त करता है ।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
Q1.B
2. किसी पारिस्थितिक तं तर् की उत्पादकता के सं दर्भ में , निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
Q2.B
3. पे ट्रोलियम रिफाइनरियों में फ्लोटिं ग रूफ कवर्स के साथ भं डारण टैं कों का उपयोग करना।
नीचे दिए गए कू ट का प्रयोग कर सही उत्तर चु निए।
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
Q3.B
Q4.D
इस धरती पर रहने वाले जीव किसी न किसी रूप में एक-दुसरे से जु ड़े हुए हैं । जीवों के बीच
अं तःक्रिया समग्र रूप से पारिस्थितिक तं तर् के अस्तित्व एवं कार्यप्रणाली के लिए
आधारभूत है ।
एं टीबायोसिस एक नकारात्मक अं तःक्रिया है जिसमें एक जीव हानिकारक स्राव उत्पन्न करता
है । इस प्रकार के सं बंध में , किसी भी समष्टि को लाभ नहीं होता है । इसलिए विकल्प (d) सही
है ।
उदाहरण के लिए, तालाबों में उगने वाले नील-हरित शै वाल की कुछ प्रजातियां विषाक्त
पदार्थों का उत्सर्जन करती हैं जिससे मछलियों की मृ त्यु हो जाती है । समु दर् ी जल में , कुछ
रोगाणु ओं की समष्टि, जिन्हें लाल ज्वार (Red tide) के नाम से जाना जाता है , मछली और
अन्य जीवों के विनाश का कारण बनते हैं ।
इं ट्रास्पे सिफिक स्पर्धा एक ही प्रजाति के जीवों के बीच की स्पर्धा है ।
ू री प्रजाति
परभक्षण (Predation) दो प्रजातियों के बीच का साहचर्य है , जहां एक प्रजाति दस
को खाने के लिए मारती है ।
ू रे जीव के प्रत्यक्ष उपयोग से
दोहन (Exploitation) वह सं बंध है जिसमें एक जीव दस
लाभान्वित होता है ।
(a) यह विद्यु त ऊर्जा सं यंतर् ों में गै सों से निलं बित कणों को अलग करता है ।
(d) यह कणों को विद्यु त आवे श प्रदान करता है जिससे वे धात्विक प्ले टों से चिपक जाते हैं ।
Q5.C
एक फिल्टर विद्यु त ऊर्जा सं यंतर् ों में गै सों से निलंबित कणों को अलग करता है । धु आं कपड़े
की थै लियों की एक श्रखृं ला से होकर गु जरता है जिसमे निलंबित कण फंस जाते हैं ।
गु रुत्वाकर्षण निपटान कक्ष (Gravitational Settling Chamber) में विशाल आयताकार कक्ष
ू त गै स प्रवाह प्रवे श करती है । गु रुत्वाकर्षण द्वारा कणों को
होते हैं । जिसमे एक तरफ से प्रदषि
आराम से नीचे बै ठने हे तु समय दे ने के लिए गै स प्रवाह के क्षै तिज वे ग को अत्यं त निम्न स्तर
पर रखा जाता है ।
ू कों को ग्रहण करने के लिए जल के
स्क् रबर एक ऐसा उपकरण है जो उत्सर्जन के दौरान प्रदष
फुहारे का उपयोग करता है । एक सूखे स्क् रबर का उपयोग अम्लीय गै सों के निलं बन हे तु किया
जाता है । इस प्रक्रिया में गर्म निकास कक्ष में गीले चूने के पाउडर का छिड़काव करना
शामिल है । स्क् रबर इस चूने का उपयोग अम्लीय गै सों को निष्क्रिय करने के लिए करता है ।
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है ।
ू ण को
वै द्युत अवक्षे पित्र (Electrostatic Precipitator) अने क रसायनों को हटाकर प्रदष
नियं त्रित करने में सहयोग करता है । यह दहन होने के उपरांत ही धु एं से कणों को हटाता है ।
यह कणों को एक विद्यु त आवे श प्रदान करता है जिससे कण अवक्षे पक के अं दर धातु की प्ले टों
से चिपक जाते हैं ।
6. निम्नलिखित में से कौन-सी चारागाह पारिस्थितिकी तं तर् की विशे षता है /विशे षताएं हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 2
Q 6.A
अं टार्क टिका को छोड़कर प्रत्ये क महाद्वीप पर घास के मै दान/चारागाह पाए जाते हैं । ये
स्थलीय पारिस्थितिकी तं तर् पृ थ्वी की सतह के लगभग 19 प्रतिशत भाग को आच्छादित
करते हैं । घास की विस्तृ त विविधता के प्रभु त्व के साथ वृ क्षहीन जड़ी-बूटियों के पौधे इनकी
विशे षताएं हैं ।
चरागाहों की विशे षताएं :
o चारागाह प्रतिवर्ष लगभग 25-75 से मी वर्षा वाले क्षे तर् ों में पाए जाते वर्षा वनों के विकास
के लिए पर्याप्त नहीं होती है , जबकि एक वास्तविक रे गिस्तान (true desert) की तु लन
अधिक है । विशिष्ट चारागाह वनस्पति सं रचनाएं वे हैं जो सामान्य तौर पर समशीतोष्ण
जलवायु में पायी जाती
o चरागाहों में घासों का प्रभु त्व होता है । बड़ी झाड़ियाँ या पाए जाते हैं । इसलिए कथन 2
सही नहीं है ।
o चरागाहों में जं तुओं की एक समृ द्ध विविधता होती कथन 1 सही है ।
o मृ दा हर जगह पायी जाती है , कहीं-कहीं चट् टानी अधिकां शतः स्थिर या मोबाइल टीलों
के साथ रे तीली। चारा केवल अल्पकालिक आर्द्र मौसम के दौरान उपलब्ध होता है । पतले
पॉडजोल, बोरियल वन मृ दा की विशे षता है । इसलिए कथन 3 सही नहीं है ।
o चरागाह लाखों वर्षों से चराई वाले पशु ओं के घर रहे हैं ।
1. ओजोन
2. फार्मेल्डिहाइड
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
Q7.D
2. ध्रुवीय समतापमं डलीय बादल ओजोन अवक्षय के कारण होने वाली अभिक्रियाओं के लिए एक
सतह प्रदान करते हैं ।
3. मु क्त क्लोरीन मूलक तब निर्मित होते हैं जब पराबैं गनी विकिरणों द्वारा CFCs को विघटित किया
जाता हैं ।
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
Q8.D
पराबैं गनी (UV) विकिरणों की डाइऑक्सीजन (O2) अणु ओं से उत्पाद समताप मं डल में
उपस्थित ओजोन पराबैं गनी (UV) विकिरण आणविक ऑक्सीजन को मु क्त परमाणु ओं में
विखं डित कर दे ते हैं । ओजोन ऊष्मागतिकी रूप से अस्थाई होते है एवं आण्विक ऑक्सीजन में
विध हो जाती है । इस प्रकार, ओजोन अणु ओं के निर्माण और विघटन में एक गतिकीय साम्य
स्थापित हो जाता है ।
हाल के वर्षों में , समताप मं डल में कुछ रसायनों की के कारण ओजोन की इस सु रक्षा-परत में
अवक्षय की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं । ओजोन परत में अवक्षय का मु ख्य कारण
क्लोरोफ्लोरोकार्बन यौगिकों (CFCs) का उत्सर्जन है , जिन्हें फ्रियोन (freons) भी कहा जाता
है । ये यौगिक अक्रिय, अज्वलनशील, विषहीन कार्बनिक अणु हैं । अतः इनका उपयोग
रे फ्रिजरे टर, एयरकंडीशनर, प्लास्टिक फोम के उत्पादन में और इले क्ट् रॉनिक उद्योग द्वारा
कंप्यूटर कल पु र्जो की सफाई आदि में होता है । CFCs के एक बार वायु मंडल में उत्सर्जित होने
पर ये वायु मंडल की अन्य गै सों से मिश्रित होकर सीधे समताप मं डल में पहुँच जाते हैं ।
समताप मं डल में , ये शक्तिशाली UV विकिरणों से विघटित होकर क्लोरीन मु क्त मूलक
उत्सर्जित करते हैं । क्लोरीन मु क्त मूलकतब समतापमं डलीय ओजोन के साथ अभिक्रिया करके
क्लोरीन मोनोऑक्साइड मूलक और आण्विक ऑक्सीजन बनाते हैं ।क्लोरीन मोनोऑक्साइड
मूलक परमाण्वीय ऑक्सीजन के साथ की अभिक्रिया करके अधिक क्लोरीन मूलक उत्पन्न
करते हैं । क्लोरीन मूलक लगातार पु नर्योजित होते रहते हैं एवं ओजोन को विखं डित करते हैं ।
इस प्रकार, CFCs समताप मं डल में लगातार क्लोरीन मूलकों को उत्पन्न करने वाले और
ओजोन-परत को हानि पहुँचाने वाले परिवहनीय कारक हैं । इसलिए कथन 1 और 3 सही हैं ।
सर्दी के मौसम में , अं टार्क टिका के ऊपर एक विशे ष प्रकार के बादल बनते हैं । जिन्हें ध्रुवीय
समतापमं डलीय बादल कहा जाता है । ये ध्रुवीय समतापमं डलीय बादल एक सतह प्रदान
करते हैं जिस पर बना हुआ क्लोरीन नाइट् रेट जलयोजित होकर हाइपोक्लोरस अम्ल बनाता
हैं । यह अभिक्रिया में उत्पन्न हाइड्रोजन क्लोराइड के साथ भी अभिक्रिया करके आण्विक
क्लोरीन दे ता है । बसं त ऋतु में अं टार्क टिका पर जब सूर्य का प्रकाश लौटता है , तब सूर्य की
गर्मी बादलों को विखं डित कर दे ती है , और HOCL और Cl2 सूर्य के प्रकाश से अपघटित
(photolyzed) हो जाते हैं । जै सा पूर्व में बताया गया है , इस प्रकार निर्मित क्लोरीन मूलक
ओजोन अवक्षय के लिए शृं खला अभिक्रिया प्रारं भ कर दे ते हैं । इसलिए कथन 2 सही है ।
9. पारिस्थितिक तं तर् में नाइट् रोजन के निम्नलिखित में से कौन-से स्रोत हैं ?
1. कृषि भूमि
2. जीवाश्म ईंधन
3. पशु धन
4. शहरी अपशिष्ट
(a) केवल 1 और 4
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1, 2 और 3
(d) 1, 2, 3 और 4
Q9.D
जीवाश्म ईंधन के दहन, नाइट् रोजन आधारित उर्वरकों के उपयोग अन्य गतिविधियों से
पारिस्थितिकी तं तर् में जै विक रूप से उपलब्ध नाइट् रोजन की मात्रा में उल्ले खनीय रूप से
् है । अतः वातावरण में नाइट् रोजन के मु ख्य स्रोतों में सम्मिलित हैं :
वृ दधि
o वायु मंडलीय वर्षा,
o भूगर्भीय स्रोत,
o कृषि भूमि,
o पशु धन (गाय, भे ड़, बकरी आदि जै से जु गाली करने वाले पशु ) और कुक्कुट पालन
गतिविधियां तथा
o शहरी अपशिष्ट
इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है ।
10. राष्ट् रीय तापविद्यु त निगम लिमिटे ड (NTPC) द्वारा भारत का सबसे बड़ा सौर पार्क किस राज्य में
स्थापित किया जाएगा?
(a) गु जरात
(b) राजस्थान
(c) तमिलनाडु
Q 10.A
हाल ही में , राष्ट् रीय तापविद्यु त निगम लिमिटे ड (NTPC) की 100 फीसदी सहायक कंपनी,
एनटीपीसी रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटे ड को गु जरात के खवाड़ा में कच्छ के रण में 4,750
मे गावाट नवीकरणीय ऊर्जा पार्क स्थापित करने के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मं तर् ालय
(MNRE) से मं जरू ी मिल गई है । यह भारत का सबसे बड़ा सोलर पार्क होगा, जिसका निर्माण
दे श की सबसे बड़ी विद्यु त उत्पादक कंपनी करे गी।
सौर ऊर्जा पार्क योजना के अल्ट् रा मे गा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क के बारे में "सौर पार्कों
और अल्ट् रा मे गा सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास" की योजना 12-12-2014 को नवीन एवं
नवीकरणीय ऊर्जा मं तर् ालय द्वारा प्रारं भ की गई थी।
इस योजना के तहत, वर्ष 2014-15 से प्रारं भ होने वाले 5 वर्षों की अवधि के भीतर 20,000
मे गावाट से अधिक सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता को लक्षित करते हुए कम से कम 25 सौर पार्क
और अल्ट् रा मे गा सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया था।
योजना की क्षमता वर्ष 2017 में 20,000 मे गावाट से बढ़ाकर 40,000 मे गावाट कर दी गई है ।
NTPC REL की भी इस पार्क से व्यावसायिक स्तर पर हरित हाइड्रोजन उत्पन्न करने की
योजना है ।
् के एक भाग के रूप में , NTPC लिमिटे ड का लक्ष्य 2032
अपने हरित ऊर्जा पोर्टफोलियो वृ दधि
तक 60 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता का निर्माण करना है । वर्तमान में , राज्य के स्वामित्व
वाली विद्यु त कंपनी की 70 विद्यु त परियोजनाओं में 66 गीगावॉट की स्थापित क्षमता है , जिसमें
अतिरिक्त 18 गीगावॉट निर्माणाधीन है ।
हाल ही में , NTPC द्वारा आं धर् प्रदे श के सिम्हाद्री तापीय विद्यु त सं यंतर् के जलाशय में
भारत का सबसे बड़ा 10 मे गावाट (ac) का फ्लोटिं ग (तै रता हुआ) सोलर भी प्रारं भ किया गया
है । इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है ।
1. जल वाष्प
2. कार्बन डाइऑक्साइड
3. नाइट् रस ऑक्साइड
(a) केवल 1 और 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
Q 11.D
1. कार्बन के डाइऑक्साइड वायु मंडल के आयतन का 3% निर्मित करती है । कथनों में से कौन-सा/से
सही है /हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
Q 12.A
कार्बन ऑक्साइड या ऑक्सोकार्बन, कार्बनिक यौगिकों के एक वर्ग हैं जिसमें केवल कार्बन और
ऑक्सीजन होते हैं । सबसे मूलभूत ऑक्सोकार्बन कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन
डाइऑक्साइड हैं ।
कार्बन मोनोऑक्साइड: कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) एक रं गहीन एवं गं धहीन गै स है जो जीवों
के लिए अत्यधिक जहरीली होती है , क्योंकि यह अं गों और ऊतकों के लिए ऑक्सीजन के
वितरण को अवरुद्ध करने की क्षमता रखती है । यह कार्बन के अपूर्ण दहन के परिणामस्वरूप
उत्पन्न होती है । CO जहरीली होती है क्योंकि यह हीमोग्लोबिन को कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन
निर्मित करने के लिए बं ध बनाती है , जो ऑक्सीजन-हीमोग्लोबिन कॉम्प्ले क्स की तु लना में
लगभग 300 गु ना अधिक स्थायित्व यु क्त होता है । रक्त में , जब कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन की
सांदर् ता लगभग 3-4 प्रतिशत तक पहुँच जाती है , तब रक्त की ऑक्सीजन-वहन क्षमता
अत्यन्त कम हो जाती है । इस ऑक्सीजन की कमी के परिणामस्वरूप सिरदर्द, कमजोर दृष्टि,
घबराहट और हृदय तथा रक्त वाहिकाओं सं बंधी विकार उत्पन्न होते हैं । गर्भवती महिलाओं
में , जिन्हें धूमर् पान की आदत है , के रक्त में CO का स्तर बढ़ जाने से समय से पहले बच्चे का
जन्म, स्वतः प्रसूत गर्भपात और विकृत बच्चे का जन्म हो सकता है । इसलिए कथन 1 सही
है ।
कार्बन डाइऑक्साइड: कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) को श्वसन, ऊर्जा के लिए जीवाश्म ईंधन
के दहन और सीमें ट के निर्माण के दौरान चूना पत्थर के अपघटन द्वारा वातावरण में निर्मुक्त
किया जाता है । यह ज्वालामु खी विस्फोट के दौरान भी उत्सर्जित होती है । सामान्यतः यह
वायु मंडल के आयतन का लगभग 0.03 प्रतिशत निर्मित करती है । इसलिए कथन 2 सही नहीं
है ।
जीवाश्म ईंधन के बढ़ते उपयोग से बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड वायु मंडल में निर्मुक्त
हो जाती है । हरित पादपों को प्रकाश सं श्ले षण के लिए CO2 की आवश्यकता होती है और
बदले में , वे ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं , इस प्रकार वे उत्कृष्ट सं तुलन बनाए रखते हैं ।
वनोन्मूलन और जीवाश्म ईंधन के दहन से CO2 का स्तर बढ़ जाता है और वायु मंडल में
सं तुलन बिगड़ जाता है । वायु में CO2 की बढ़ी हुई मात्रा मु ख्य रूप से वै श्विक तापन के लिए
उत्तरदायी है ।
2. समताप मं डल में ओजोन, पराबैं गनी (UV) विकिरणों की डाइऑक्सीजन (O2) अणु ओं से
प्रतिक्रिया का उत्पाद है ।
3. ओजोन ऑक्सीजन की तु लना में ऊष्मागतिकी रूप से स्थिर है । उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही
हैं ?
(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 2
(d) 1, 2 और 3
Q 13.C
धरातलीय स्तर पर विद्यमान या क्षोभमं डलीय ओजोन नाइट् रोजन के ऑक्साइड (NOx गै सों)
और वाष्पशील कार्बनिक यौगिको (VOCs) के मध्य रासायनिक अभिक्रियाओं द्वारा निर्मित
होता है । क्षोभमं डल में विद्यमान ओजोन को ग्रीनहाउस गै स माना जाता है और यह वै श्विक
तापन में योगदान करती है । यह प्रकाश रासायनिक धूम कोहरा का भी एक सामान्य घटक है ।
इसलिए कथन 1 सही है ।
ऊपरी समताप मं डल में ओजोन (O3) की प्रचु र मात्रा विद्यमान होती है , जो सूर्य से आने
वाले हानिकारक पराबैं गनी (UV) विकिरणों से सु रक्षा प्रदान करती है । ये विकिरणें मनु ष्यों में
त्वचा कैंसर (मे लेनोमा) का कारण बनती हैं । इसलिए ओजोन सु रक्षा परत को बनाए रखना
अत्यधिक महत्वपूर्ण है । समताप मं डल में ओजोन, पराबैं गनी (UV) विकिरणों की
डाइऑक्सीजन (O2) अणु ओं से प्रतिक्रिया का उत्पाद है । पराबैं गनी (UV) विकिरण आणविक
ऑक्सीजन को मु क्त ऑक्सीजन (O) परमाणु ओं में विखं डित कर दे ते हैं । ये ऑक्सीजन परमाणु
ऑक्सीजन से सं युक्त होकर ओजोन का निर्माण करते हैं । इसलिए कथन 2 सही है ।
ओजोन ऊष्मागतिकी रूप से ऑक्सीजन की तु लना में अस्थायी है और आणविक ऑक्सीजन में
विघटित हो जाती है जिसके परिणामस्वरूप ऊष्मा निर्मुक्त होती है । ओजोन में ऑक्सीजन के
तीन अणु होते हैं और इस प्रकार यह अस्थिर अवस्था में होता है । अतः स्थिर होने के लिए,
यह द्विआणविक अवस्था की पु नर्घाप्ति हे तु ऑक्सीजन के एक अणु को निर्मुक्त कर दे ती है ।
इस प्रकार, ओजोन अणु ओं के निर्माण और विघटन में एक गतिकीय साम्य स्थापित हो जाता
है । हाल के वर्षों में , समतापमं डल में कुछ रसायनों की उपस्थिति के कारण ओजोन की इस
सु रक्षात्मक परत के अवक्षय होने की सूचना प्राप्त हुई है । ओजोन पर अवक्षय का मु ख्य कारण
क्लोरोफ्लोरोकार्बन यौगिकों (CFCs) का उत्सर्जन है , जिसे 'फ्रियोन' भी कहा जाता है ।
इसलिए कथन 3 सही नहीं है ।
1. यह वायु की उपस्थिति में जै वभार, जै विक खाद, नगरपालिका अपशिष्ट और हरित कचरे जै से जै व
निम्नीकरणीय पदार्थों के किण्वन से उत्पन्न होती है ।
3. इसका ऊष्मीय मान बहुत कम होता है और इसे ईंधन के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता है ।
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 2
Q14.C
बायोगै स का तात्पर्य ऑक्सीजन की अनु पस्थिति में कार्बनिक पदार्थों के जै विक अपघटन से
उत्पन्न होने वाली गै स से है । इसलिए कथन 1 सही नहीं है ।
बायोगै स जै वभार, जै विक खाद या वाहित मल, नगरपालिका अपशिष्ट, हरित अपशिष्ट और
ऊर्जा फसलों (energy crops) जै से जै व निम्नीकरणीय पदार्थों के अवायवीय पाचन (anaerobic
digestion) या बायोगै स में मीथे न और कार्बन डाइऑक्साइड होते हैं । एक अन्य प्रकार काष्ठ
गै स gas) है जो काष्ठ या अन्य जै वभार के गै सीकरण द्वारा निर्मित की जाती है ।
बायोगै स में मु ख्य रूप से मीथे न, कार्बन डाइऑक्साइड और अल्प मात्रा नाइट् रोजन,
हाइड्रोजन एवं कार्बन मोनोऑक्साइड होते हैं । इसलिए कथन 2 सही है ।
गोबर गै स, जै विक खाद के अवायवीय पाचन (anaerobic से उत्पन्न होती है ।
बायोगै स का महत्वः
o बायोगै स सं यंतर् से प्राप्त उत्पादों, अर्थात मीथे न उपयोग ईंधन के रूप में और तरल
ू स का उपयोग प्राकृतिक उर्वरक के रूप में किया जाता है ।
ह्यम
o बायोगै स को स्थानीय रूप से उपलब्ध पदार्थों जै से पशु ओं के गोबर, कृषि अपशिष्ट
आदि से उत्पन्न किया जा सकता है ।
o यह एक स्वच्छ ईंधन है ।
o इसका ऊष्मीय मान उच्च होता है । इसलिए कथन 3 सही नहीं है ।
1. आर्सेनिक है जा
2. पारा इटाई-इटाई
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
Q15.D
यु ग्म 1 सही सु मेलित नहीं है । अपशिष्ट जल, जिसमें वाहित मल शामिल है , में रोग उत्पन्न
ू त जल (न कि आर्सेनिक) कई रोगों जै से है जा,
करने वाले कई रोगाणु होते हैं । प्रदषि
टाइफाइड, अतिसार (डायरिया), पे चिश, पोलियो और पीलिया का कारण बन सकता है । है जा
(Cholera) एक अत्यधिक दस्त लगने का रोग है जो आं त में विब्रियो कॉले री (Vibrio
Cholerae) नामक बै क्टीरिया के सं क्रमण के कारण होता है ।
ू ण इटाई-
यु ग्म 2 सही सु मेलित नहीं है । जापान में भारी धातु कैडमियम से होने वाला प्रदष
इटाई (Itai-ltai) रोग का कारण बना।
यु ग्म 3 सही सु मेलित नहीं है । जल में क्षे पित पारे को जीवाणु ओं की क्रिया के द्वारा मिथाइल
मरकरी (Methylmercury) में परिवर्तित कर दिया जाता है जो जल में विले य होता है । यह
ू त
मिथाइल मरकरी मछलियों के शरीर में सं चित हो जाता है । इस मिथाइल मरकरी से सं दषि
मछलियों का से वन करने से बड़े आने पर माता रोग उत्पन्न हुआ।
2. चमड़े के बै ग
3. प्लास्टिक के खिलौने
उपर्युक्त अपशिष्ट उत्पादों में से कौन-से अजै व निम्नीकरणीय अपशिष्ट की श्रेणी में आते हैं ?
(a) केवल 1, 2 और 4
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2, 3 और 4
Q16.B
17. नवीनतम वै श्विक साइबर सु रक्षा सूचकांक (GCl), 2020 में भारत को 10 वां स्थान प्रदान किया
गया है । GCI जारी किया जाता है :
Q17.B
वै श्विक साइबर सु रक्षा सूचकांक (GCI) साइबर सु रक्षा जागरूकता बढ़ाने और साइबर सु रक्षा
के लिए दे शों की प्रतिबद्धता तथा उद्योगों एवं विभिन्न क्षे तर् कों में इसके अनु पर् योग की
व्यापकता के आकलन हे तु एक बहु-हितधारक पहल है ।
o इसे अं तर्राष्ट् रीय दरू सं चार सं घ (इं टरने शनल टे लीकम्यु निकेशन यूनियन) द्वारा जारी किया
जाता है जो सं युक्त राष्ट् र की एक विशे षीकृत एजें सी है । यह एजें सी सूचना एवं सं चार
प्रौद्योगिकियों से सं बंधित सभी मामलों के लिए उत्तरदायी है ।
वै श्विक साइबर सु रक्षा सूचकांक (GCI) 2020 में भारत को 10 वां स्थान प्रदान किया गया है ।
एशिया प्रशांत क्षे तर् में भारत चौथे स्थान पर है ।
सं युक्त राज्य अमे रिका प्रथम स्थान हासिल करके सूची में शीर्ष पर है , जिसके बाद ब्रिटे न
ू रे स्थान पर हैं ।
और सऊदी अरब एक साथ दस
वै श्विक साइबर सु रक्षा सूचकांक की रैं किंग पांच स्तं भों पर आधारित है :
o कानूनी उपाय
o तकनीकी उपाय
o क्षमता निर्माण के उपाय
o सं गठनात्मक उपाय
o सहयोग
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है ।
18. "यह एक ग्रीनहाउस गै स है । यह धान के खे तों से , कोयले की खदानों से और कचरे के ढे रों के सड़ने
से बड़ी मात्रा में निकलती है । यह उन रासायनिक अभिक्रियाओं से सं बंधित है जिनके कारण ओजोन
का अवक्षय होता है । इसका उपयोग बायोगै स के रूप में भी किया जाता है ।" यह गै स है :
(b) मीथे न
(c) क्लोरोफ्लोरोकार्बन
Q18.B
मीथे न एक ऐसी गै स है जो पृ थ्वी के वायु मंडल में अल्प मात्रा में पाई जाती है । मीथे न सबसे
सरल हाइड्रोकार्बन है जिसमें एक कार्बन परमाणु और चार हाइड्रोजन परमाणु होते हैं । मीथे न
एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गै स है । मीथे न एक ज्वलनशील गै स है और इसका उपयोग
दुनिया भर में ईंधन के रूप में किया जाता है ।
यद्यपि पृ थ्वी के वायु मंडल में मीथे न की सांदर् ता कम है (लगभग 1.8 भाग प्रति मिलियन),
किंतु यह एक महत्वपूर्ण ग्रीनहाउस गै स है क्योंकि यह एक शक्तिशाली ऊष्मा अवशोषक है ।
जब ऑक्सीजन की अनु पस्थिति में वनस्पति को जलाया जाता है , उसका पाचन होता है या वह
सड़ती है तो मीथे न प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होता है । मीथे न के अन्य प्रमु ख प्राकृतिक
स्रोतों में आर्द्रभूमियों और महासागरों से तथा दीमक की पाचन प्रक्रियाओं से होने वाले
उत्सर्जन शामिल हैं । इसके मानव गतिविधियों से सं बंधित स्रोतों में चावल उत्पादन, भूमि
भराव स्थल, मवे शी और अन्य जु गाली करने वाले जानवरों का पालन तथा ऊर्जा उत्पादन
शामिल हैं ।
मीथे न और क्लोरीन परमाणु ओं की अभिक्रिया क्लोरीन (CI) परमाणु ओं के प्राथमिक सिं क के
रूप में कार्य करती है और समताप मं डल में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCI) का एक प्राथमिक
स्रोत है ।
o CH4 + Cl → CH3 + HCI
o इस अभिक्रिया में उत्पादित HCL समताप मं डल में ओजोन के अवक्षय के लिए उत्प्रेरक
की तरह कार्य करता है ।
बायोगै स का उत्पादन तब होता है जब कार्बनिक पदार्थ (पादप और पशु उत्पाद) ऑक्सीजन
मु क्त वातावरण में जीवाणु ओं विघटित किए जाते हैं , इस प्रक्रिया को अवायवीय पाचन
(anaerobic digestion) कहा जाता है । बायोगै स प्रणालियों में इन कार्बनिक पदार्थों का
पु नर्चक् रण करने और उन्हें बायोगै स में बदलने के लिए अवायवीय पाचन का उपयोग किया
जाता है । इसके उत्पाद में ऊर्जा (गै स), और मूल्यवान मृ दा उत्पाद (तरल और ठोस) दोनों होते
हैं । बायोगै स में लगभग 50-70 प्रतिशत मीथे न, 30-40 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड और
अन्य गै सों की अल्प मात्रा होती है ।
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है ।
19. एक सां विधि अधिनियम, 1972 के तहत राष्ट् रीय वन्यजीव बोर्ड के सं दर्भ में , निम्नलिखित कथनों
पर विचार कीजिए:
2. अध्यक्षता पर्यावरण, वन और जलवायु वर्तन मं तर् ालय (MoEFCC) के प्रभारी मं तर् ी द्वारा की
जाती है ।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
Q19.A
राष्ट् रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) वन्यजीव सं रक्षण अधिनियम, 1972 के तहत गठित एक
सां विधिक निकाय है । यह उल्ले ख करना महत्वपूर्ण है कि वन्यजीव सं रक्षण अधिनियम, जो
मूल रूप से 1972 में अधिनियमित किया गया था, में NBWL के लिए प्रावधान नहीं था। वर्ष
2002 में वन्यजीव सं रक्षण अधिनियम में सं शोधन के माध्यम से ही NBWL का गठन किया
गया था। यह एक 47 सदस्यीय समिति है । इसलिए कथन 1 सही है ।
o इस बोर्ड के अध्यक्ष प्रधानमं तर् ी होते हैं । इसलिए कथन 2 सही नहीं है ।
o पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मं तर् ालय (MoEFCC) के प्रभारी मं तर् ी बोर्ड के
उपाध्यक्ष होते हैं ।
o NBWL की स्थायी समिति की अध्यक्षता पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मं तर् ी द्वारा
की जाती है ।
राष्ट् रीय वन्यजीव बोर्ड के कार्य:
o यह वन्यजीव सं रक्षण और वन्य जीवों तथा वनों के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं के
कार्यान्वयन की, ऐसे उपायों के द्वारा जो वह उचित समझे , दे खरे ख करने वाला सर्वोच्च
ू ण के मामलों से निपटने का उत्तरदायित्व नहीं
सलाहकारी निकाय है । इसे पर्यावरण प्रदष
सौंपा गया है ।
o वन्यजीव सं रक्षण को बढ़ावा दे ने और वन्यजीवों के अवै ध शिकार तथा वन्यजीवों उनके
उत्पादों के अवै ध व्यापार को प्रभावी ढं ग से नियं त्रित करने के तरीकों एवं साधनों पर
नीतियां तै यार करना केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों को सलाह दे ना।
o राष्ट् रीय उद्यानों, अभयारण्यों और अन्य सं रक्षित क्षे तर् ों की स्थापना और । करने पर तथा
ऐसे क्षे तर् ों में गतिविधियों को प्रतिबं धित करने से सं बंधित मामलों पर सिफारिशें करना।
o वन्यजीवों या उसके पर्यावास पर विभिन्न परियोजनाओं और गा का प्रभाव मूल्यांकन
करना या करवाना।
o समय-समय पर, दे श में वन्यजीव सं रक्षण के क्षे तर् में हुई प्रगा समीक्षा करना और उसमें
सु धार के उपाय सु झाना।
o दे श में वन्यजीवों पर दो वर्ष में कम से कम एक बार रिपोर्ट (status report) तै यार करना
और प्रकाशित करना।
(a) 1, 2, 3 और 4
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 1 और 4
(d) केवल 2 और 4
Q20.B
21. इन्हें "महासागरीय वर्षा वनों" के रूप में वर्णित किया जाता है । ये जल स्तर से ऊपर जीवित नहीं
रह सकते हैं तथा अधिकां शतः पृ थ्वी के 25 डिग्री उत्तरी और दक्षिणी अक्षां शों के मध्य सीमित हैं । ये
सामान्यतः जलमग्न द्वीपों के अन्तःजलीय भागों से जु ड़े होते हैं । उपर्युक्त परिच्छे द द्वारा निम्नलिखित
में से किसका सर्वश्रेष्ठ वर्णन किया गया है ?
(b) मै न्ग्रोव
Q21.C
प्रवाल भित्तियों को यहां विद्यमान जीवन की अत्यधिक प्रचु रता के कारण प्राय:
"महासागरीय वर्षावनों (Rainforests of the sea) के रूप में भी वर्णित किया जाता है । अपनी
सं रचनात्मक जटिलता के कारण, प्रवाल पृ थ्वी पर सबसे अधिक उत्पादक पारिस्थितिक तं तर् ों
में से एक हैं , जो मानव जाति को मत्स्य सं साधन, तटीय सं रक्षण, औषधियां , मनोरं जन और
पर्यटन सहित महत्वपूर्ण से वाएं प्रदान करते हैं ।
प्रवाल समूहों में निवास करने वाले छोटे जीव होते हैं तथा जूजैन्थे ली (zooxanthellae)
शै वाल के साथ सहजीवी सं बंध से पोषण और ऊर्जा ग्रहण करते हैं । प्रवाल भित्तियां हजारों
वर्षों की अवधि के दौरान प्रवालों द्वारा बनी चूना पत्थर की सं रचनाओं के सं चित होने से
निर्मित होती हैं और जीवित प्रवालों के लिए एक सं रचनात्मक आधार प्रदान करती हैं ।
वै ज्ञानिकों का अनु मान है कि ये भित्तियां चटकीले रं गों वाली उष्णकटिबं धीय मछलियों से
ले कर कैंसर रोधी यौगिकों का उत्पादन करने वाले सी कुकुम्बर तक, लाखों प्रजातियों को
आवास स्थल प्रदान करती हैं । अत्यधिक सं गठित भित्तियों का निर्माण केवल तभी होता है
जब तापमान विस्तारित अवधि के लिए 18 डिग्री से ल्सियस से नीचे नहीं गिरता है । उच्च
प्रकाश के प्रवे श के लिए स्वच्छ जल होना अनिवार्य है । प्रवालों की उच्च प्रकाश सं बंधित
आवश्यकता यह भी वर्णित करती है कि अधिकां श भित्ति-निर्माण प्रजातियां यूफोटिक
(प्रकाश प्रवे श) जोन (लगभग 70 मीटर) तक ही सीमित क्यों हैं । इस प्रकार के कठोर
पर्यावरणीय प्रतिबं धों के कारण ही प्रवाल भित्तियां सामान्यतः उष्णकटिबं धीय और अर्द्ध-
उष्णकटिबं धीय जल तक ही सीमित होती हैं ।
प्रवालों की विविधता, अर्थात प्रजातियों की सं ख्या, उच्च अक्षां शों की ओर लगभग 25°
उत्तर और दक्षिण तक घटती जाती है , जिसके आगे सामान्यतः प्रवाल नहीं पाए जाते हैं । 32°
उत्तरी अक्षां श पर स्थित बरमूडा, इस नियम का अपवाद है क्योंकि यह उष्ण जलधारा गल्फ
स्ट् रीम के मार्ग में अवस्थित है ।
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है
्
2. कीटनाशकों के उपयोग में वृ दधि
3. कम्पोस्टिं ग
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
Q22.C
विकल्प 1 सही है । एक सै निटरी लैं डफिल (Sanitary landfill) सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए
बाधा उत्पन्न किए बिना किसी स्थल पर कचरे का निपटान करने की एक पद्धति है । इसके
अं तर्गत अपशिष्ट को एक स्थल पर डाल दिया जाता है तथा इसमें कृन्तकों या कीड़ों/कीटों के
प्रवे श को अवरोधित करने हे तु मृ दा से ढक दिया जाता है । तत्पश्चात अपशिष्ट को
जीवाणु ओं द्वारा अपघटित किया जाता है ।
् मृ दा के लिए हानिकारक होती है और
विकल्प 2 सही नहीं है । कीटनाशकों के उपयोग में वृ दधि
ू ण होता है । इसके स्थान पर, कीटनाशकों की आवश्यकता को कम करने के
इससे मृ दा प्रदष
लिए कीट नियं तर् ण की जै विक पद्धतियों का उपयोग किया जा सकता है ।
विकल्प 3 सही है । कम्पोस्टिं ग अपशिष्ट (Composting waste), ठोस अपशिष्ट को विघटित
करने की एक वायवीय विधि है । इसमें अपशिष्ट का ह्यम
ू स के रूप में अपघटन किया जाता है
जिसे कम्पोस्ट (खाद) कहा जाता है । यह पादपों के लिए एक उत्तम उर्वरक के रूप में कार्य
करता है । सूक्ष्मजीव कार्बनिक पदार्थों को स्थिर करने में सहायता करते हैं । उदाहरणस्वरुप
अपशिष्ट को डालने के पश्चात् कवक प्रथम सप्ताह में अपघटन कार्य प्रारं भ कर दे ते हैं ।
एक्टीनोमाइसीट् स (Actinomycetes) अपघटन के अं तिम चरण में सहायता करते हैं ।
बै क्टीरिया इस सं पर्ण
ू प्रक्रिया के दौरान उपस्थित रहते हैं ।
23. पारिस्थितिक तं तर् के सं दर्भ में , निम्नलिखित में से कौन- सा 'स्थायी अवस्था (standing state)' का
सही वर्णन करता है ?
(a) पारिस्थितिक तं तर् में किसी निश्चित समय पर उपस्थित शु ष्क बायोमास की मात्रा।
(c) पारिस्थितिक तं तर् में पाए जाने वाले अकार्बनिक पोषक तत्वों की मात्रा।
Q 23.C
स्थायी अवस्था (Standing State): इसे पारिस्थितिक तं तर् में पाए जाने वाले अकार्बनिक
पोषक तत्वों जै से कार्बन, नाइट् रोजन, फास्फोरस, कैल्शियम आदि की मात्रा के रूप में
सं दर्भित किया जाता है । इसलिए कल्प (C) सही उत्तर है ।
यह निर्जीव पदार्थ के भाग का प्रतिनिधित्व करती है ।
यह विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिक तं तर् ों में भिन्न होती तथा मौसम पर होती है ।
् के माध्यम में निर्मित होती है । यह तं तर् की उत्पादकता
यह सामान्यतः उत्पादकों की वृ दधि
को निर्धारित करती है ।
यह पारिस्थितिकी तं तर् के सजीव और निर्जीव घटकों के बीच सं चारित है ।
इसका नियमित रूप से ह्रास होता है तथा जीवित पदार्थों द्वारा पु नः पूर्ती की जाती है ।
खड़ी फसल (Standing crop) किसी पारिस्थितिकी तं तर् में विद्यमान बायोमास की मात्रा
होती है । यह सं पर्ण
ू जीवित पदार्थों का प्रतिनिधित्व करती है ।
24. निम्नलिखित में से कौन-सा/से मरुस्थलीय पारिस्थितिक तं तर् के पौधों और जं तुओं में पाए जाने
वाले अनु कूलन गु ण हैं /हैं ?
(a) केवल 2 और 4
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 1, 2 और 4
(d) केवल 1, 2 और 3
Q 24.D
मरुस्थलीय पौधों को अपने पर्यावास में जीवित रहने के लिए जल ग्रहण करने के विभिन्न
पद्धतियों का विकास करना पड़ा। इन परिवर्तनों को अनु कूलन कहा जाता है ।
जड़ों, तनों, पत्तियों या फलों में जल सं गर् हण करना एक सामान्य अनु कूलन है । इस प्रकार से
जल सं गर् हण करने वाले पौधे मांसलोद्भिद (succulents) कहलाते हैं , जिनमें से कैक्टस एक है ।
कुछ पौधे अपनी जड़ों को अत्यधिक लम्बाई तक विकसित कर ले ते हैं , जो कि भूमिगत जल
तक पहुंचने के लिए धरातल में गहराई तक विस्तृ त हो जाती हैं । अन्य सतह के तत्काल नीचे
एक विस्तृ त जड़ प्रणाली विकसित करते है और दरू तक फैली होती हैं । इन पौधों में कई
छोटी-छोटी जड़ें होती हैं जो वर्षा के समय जल अवशोषित करने में सहायक होती हैं । इसलिए
विकल्प 2 सही है ।
अन्य मरुस्थलीय अनु कूलन पत्तियों में दृष्टिगत होते है । मरुस्थलीय पौधे अपनी पत्तियों के
आकार या सं रचना के आधार पर अपनी पत्तियों की सतह के माध्यम से जल की क्षति को
सीमित करते हैं ।
छोटे या कांटेदार पत्तियां शु ष्क गर्मी के सं पर्क में आने वाले सतही क्षे तर् को सीमित कर दे ते हैं ।
चिकनी सतह यु क्त पत्तियां सूर्य की किरणों को परावर्तित कर दे ती हैं , जिससे पत्तियों का
तापमान कम रहता है । मोम जै सी सतह वाली पत्तियां जल के निष्कासन को अवरोधित करती
हैं । इसलिए विकल्प 1 सही है ।
मरुस्थलीय जीवों द्वारा जीवित रहने के लिए, अनु कूलन हे तु विभिन्न पद्धतियों का विकास
किया गया है । व्यवहारिक रूप में सबसे सामान्य अनु कूलन पौधों या चट् टानों की छाया में
रहना या दिन की गर्मी में धरातल के नीचे छिपना है । अने क मरुस्थलीय जीव निशाचर होते हैं
अर्थात, वे दिन में निष्क्रिय रहते हैं और रात में ठं ड होने पर शिकार करते हैं ।
् करती है , इसलिए कुछ मरुस्थलीय जीवों में वसा सं पर्ण
वसा शरीर की ऊष्मा में वृ दधि ू शरीर में
फैले होने के बजाए एक ही स्थान पर, जै से कू बड़ या पूंछ पर सं केंद्रित (अर्थात सं केंद्रित
कायिक वसा) होती है । इसलिए विकल्प 3 सही है ।
स्वे द ग्रंथियों की अनु पस्थिति और मूतर् का सं केंद्रण मरुस्थलीय जीवों द्वारा किया गया
अन्य शारीरिक अनु कूलन है । इसलिए कथन 4 सही नहीं है ।
25. एक निश्चित क्षे तर् में पगमार्कों की गिनती करके निम्नलिखित में से क्या निर्धारित किया जा सकता
है ?
4. विशिष्ट की पहचान
(b) केवल 3 और 4
(c) केवल 1 और 2
(d) 1, 2, 3 और 4
Q 25.D
पगमार्क अधिकां श जानवरों के पदचिह्न को सं दर्भित करने के लिए प्रयोग किया जाने वाला
शब्द है । ये वे चिह्न हैं जो विभिन्न जानवरों की प्रजातियों द्वारा चलने , दौड़ने या एक स्थान से
ू रे स्थान पर जाते समय छोड़े जाते हैं । जानवरों की प्रत्ये क प्रजाति का पगमार्क भिन्न
दस
होता है । इसका उपयोग पहचान के उद्दे श्य से प्रयोग किया जाता है । इनका उपयोग किया
जाता है -
o जानवरों की ट् रैकिंग के लिए (विशे षकर बड़ी बिल्लियों के लिए)।
o विभिन्न प्रजातियों की उपस्थिति की सटीक पहचान करने के लिए।
o लिं ग का सटीक निर्धारण के लिए।
o जानवरों की आयु और शारीरिक स्थिति की सटीक पहचान के लिए।
इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है ।
26. आनु वंशिक जै व विविधता के सं दर्भ में , निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
2. उच्च आनु वंशिक जै व विविधता पर्यावरणीय परिवर्तनों के अनु कूलन में कम लचीले पन की ओर
अग्रसरित होती है ।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) दोनों 1 और 2
(d) न तो 1, न ही 2
Q26.D
आनु वंशिक विविधता एक प्रजाति के भीतर पाई जाने वाली विविधता (या आनु वंशिक
परिवर्तनशीलता) को सं दर्भित करती है । प्रत्ये क विशिष्ट प्रजाति में ऐसे जीन विद्यमान होते
हैं जो उसकी अनूठी विशे षताओं के स्रोत होते हैं : उदाहरण के लिए, मनु ष्यों में इनके चे हरे की
व्यापक विविधता प्रत्ये क मनु ष्य की आनु वंशिक विशिष्टता को दर्शाती है । आनु वंशिक
विविधता शब्द के अं तर्गत एक ही प्रजाति की भिन्न समष्टियां भी शामिल होती हैं , जै से
विभिन्न कुत्तों की नस्लें या गु लाब की विभिन्न किस्में । इसलिए कथन 1 सही नहीं है ।
मनु ष्य आनु वंशिक रूप से होमो से पियन्स समूह से सं बंधित हैं और उनकी जै से ऊंचाई, रं ग,
शारीरिक सं रचना आदि में व्यापक भिन्नताएं होती हैं । ये भिन्नताएं आनु वंशिक विविधता के
कारण होती हैं ।
विभिन्न जीन समूहों की व्यापक विविधता किसी व्यक्ति या पूरी की किसी भी पर्यावरणीय
कारक के दबाव को सहन करने की क्षमता को परिभाषित करती है । बदलती जलवायु
प्रजातियों की अनु कूलन क्षमता के सं बंध में भी क विविधता महत्वपूर्ण होती है । आनु वंशिक
विविधता जितनी अधिक के विशे ष सं दर्भ में विभिन्न वातावरणों के लिए होती है , पर्यावरणीय
परिवर्तनों के अनु कूल होने भावना उतनी ही अधिक होती है और इस प्रकार प्रजातियों की
उत्तरजीविता की उतनी ही अधिक पु ष्टि होती है । कथन 2 सही नहीं है ।
27. खाद्य शृं खला में ऊर्जा के प्रवाह के सं दर्भ में , निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
3. पोषण स्तर जितना अधिक होगा उपलब्ध ऊर्जा उतनी ही अधिक होगी। उपर्युक्त कथनों में से कौन
सा/से सही है /हैं ?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1
(d) 1,2 और 3
Q 27.C
28. निम्नलिखित में से कौन-सी विशे षताएं सु पोषी झील से सं बंधित हैं ?
2. जै व विविधता का ह्रास
्
4. शै वाल की अत्यधिक वृ दधि
(a) केवल 2 और 4
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 1, 2 और 4
(d) केवल 2, 3 और 4
28.A
सु पोषण वह प्रक्रिया है जिसमें एक जल निकाय पोषक तत्वों से अत्यधिक समृ द्ध हो जाता है ,
् होती है । किसी जल निकाय में शै वाल और
जिससे साधारण पादपों की प्रचु र मात्रा में वृ दधि
् (या प्रस्फुटन) इस प्रक्रिया के सं केतक हैं । सु पोषण, एक गं भीर
प्लवक की अत्यधिक वृ दधि
पर्यावरणीय चिं ता का कारण माना जाता है क्योंकि इसके परिणामस्वरूप प्रायः जल की
गु णवत्ता में गिरावट आ जाती है और जल निकायों में घु लित ऑक्सीजन का अवक्षय हो जाता
है । सु पोषित जल अं ततः "मृ त क्षे तर् " बन सकते हैं जो जीवन का समर्थन करने में असमर्थ होते
हैं ।
ू क तथा सु पोषण प्रक्रिया:
जल में रासायनिक प्रदष
o चूंकि जल एक उत्कृष्ट विलायक होता है , अतः जल में घु लनशील अकार्बनिक रसायन,
ू कों का एक
जिनमें कैडमियम, पारा, निकेल आदि जै सी भारी धातु एं शामिल हैं , प्रदष
ू त जल में पाए जाने वाले प्रदष
महत्वपूर्ण वर्ग निर्मित करते हैं । प्रदषि ू कों में कार्बनिक
ू त
रसायन पदार्थ एक अन्य वर्ग हैं । पे ट्रोलियम उत्पाद जल के अने क स्रोतों को प्रदषि
करते हैं उदाहरण के लिए, महासागरों में प्रमु ख ते ल रिसाव की घटनाएं । गं भीर प्रभाव
वाले अन्य कार्बनिक पदार्थों में कीटनाशक आते हैं जो स्प्रे/फुहार या भूमि से अपवाहित
हो कर जल निकाय में प्रवाहित होते हैं । विभिन्न औद्योगिक रसायनों जै से
पॉलीक्लोरिने टेड बाई फिनाइल (PCBs), जो सफाई विलायकों, डिटर्जेंट और उर्वरकों के
ू कों की सूची में शामिल किया जाता है ।
रूप में उपयोग किए जाते हैं , को भी जल प्रदष
PCBs को कैंसर रोग के कारक के रूप में माना जाता है ।
o वर्तमान में उपलब्ध अधिकां श डिटर्जेंट जै व निम्नीकरणीय हैं । हालां कि, इनका उपयोग
अन्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है । जै व निम्नीकरणीय डिटर्जेंट के निम्नीकरण के लिए
् करते हैं । सं वृदधि
जीवाणु उत्तरदायी होते हैं , वे उन पर पोषित होते हैं और ते जी से वृ दधि ्
के दौरान, वे जल में घु लित समस्त ऑक्सीजन का उपयोग कर सकते हैं । ऑक्सीजन की
कमी जलीय जीवन के अन्य सभी स्वरूपों जै से मछलियों और पादपों को नष्ट कर दे ती है ।
उर्वरकों में फॉस्फेट योज्य के रूप में मौजूद होते हैं । जल में फॉस्फेट मिलाने से शै वाल
् में बढ़ोत्तरी होती है । शै वाल की प्रचु र वृ दधि
वृ दधि ् जल की सतह को आच्छादित कर
ले ती है तथा जल में ऑक्सीजन की सांदर् ता को कम कर दे ती है । यह आमतौर पर
हानिकारक क्षयित पदार्थों तथा मृ त जीवों क सं चय के साथ अवायवीय परिस्थितियों के
लिए अग्रणी है । इस प्रकार, शै वाल प्रस्फुटित-पर्याक् रान्त जल, जल निकाय में अन्य
जीवों के विकास को अवरुद्ध करता है । यह प्रक्रिया जिसमें पोषक तत्वों से जल निकाय
सघन पादपों की समष्टि का समर्थन करते हैं , जो जलीय प्राणी जीवन को ऑक्सीजन से
वं चित दे ते हैं तथा इसके परिणामस्वरूप जै व विविधता के ह्रास को सु पोषण के रूप में
जाना जाता है ।
o इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है ।
29. निम्नलिखित में से किस अधिनियम के अं तर्गत भारतीय जीव-जं तु कल्याण बोर्ड की स्थापना की
गई थी?
Q29.C
भारतीय जीव-जं तु कल्याण बोर्ड (Animal Welfare of India) दे श में पशु कल्याण से सं बंधित
कानूनों पर एक सां विधिक सलाहकार निकाय है और यह दे श में पशु कल्याण को बढ़ावा दे ता
है । इसका मु ख्यालय हरियाणा राज्य के बल्लभगढ़ तथा डे यरी मं तर् ालय को परामर्श दे ने वाला
एक सां विधिक सलाहकार निकाय है । इसका मु ख्यालय पहले चे न्नई में स्थित था।
इसकी स्थापना वर्ष 1962 में पशु ओं के प्रति क् रूरता का निवारण अधिनियम (Prevention of
Cruelty to Animals Act), 1960 की धारा4 के अं तर्गत की गई थी।
भारतीय पशु -कल्याण बोर्ड का आरम्भ प्रसिद्ध मानवतावादी स्वर्गीय श्रीमती रुक्मिणी दे वी
अरं डेल के ने तृत्व में किया गया था। दे श में पशु कल्याण कानूनों का लगन पूर्वक पालन से
ले कर पशु कल्याण सं गठनों को अनु दान प्रदान करने और पशु -कल्याण के मु द्दों पर भारत
सरकार को परामर्श दे ने तक, यह बोर्ड पिछले 50 वर्षों से दे श में पशु -कल्याण आं दोलन का
चे हरा रहा है ।
इस बोर्ड में 28 सदस्य होते हैं । इन सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्ष की अवधि के लिए होता है ।
पशु ओं के प्रति क् रूरता का निवारण अधिनियम, 1960:
o यह पशु ओं पर अनावश्यक पीड़ा या यातना की प्रवृ त्ति को रोकने हे तु है ।
o यह पशु ओं को अनावश्यक क् रूरता और यातना दे ने पर दं ड का प्रावधान करता है ।
o यह पशु ओं एवं पशु ओं के विभिन्न प्रकारों को परिभाषित करता है ।
o यह क् रूरता के विभिन्न रूपों, अपवादों और एक पीड़ित जानवर की हत्या पर चर्चा करता
है यदि उसके खिलाफ कोई क् रूरता की गई है , ताकि उसे और पीड़ा से मु क्त किया जा सके।
o यह वै ज्ञानिक उद्दे श्यों के लिए, पशु ओं पर प्रयोग से सं बंधित दिशा-निर्दे श का प्रावधान
करता है ।
o यह करतब दिखाने वाले पशु ओं की प्रदर्शनी से सं बंधित प्रावधानों और करतब दिखाने
वाले पशु ओं के विरुद्ध किए जाने वाले अपराधों से सं बंधित प्रावधानों को सु निश्चित
करता है ।
o इस अधिनियम के विरुद्ध किसी अपराध के लिए अभियोजन उस अपराध के किए जाने की
तारीख से तीन मास के अवसान के पश्चात् सं स्थित नहीं किया जाएगा।
o इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है ।
30. महानं दा नदी, जो गं गा नदी की एक महत्वपूर्ण सहायक नदी है , किन राज्य/राज्यों से प्रवाहित
होती है :
1. बिहार से
2. उत्तर प्रदे श से
3. पश्चिम बं गाल से
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
Q30.C
2. जल-अपरदन
4. अतिचारण
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 2 और 4
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
Q31.D
मरुस्थलीकरण भूमि की जै विक क्षमता में ह्रास या विनाश को करता है , जिससे मरुस्थल जै सी
स्थितियां उत्पन्न होती हैं ।
वानस्पतिक आवरण का अभाव, पवन एवं जल-अपरदन, अतिचारण, कर्तन दन प्रणाली (slash
and burn) कृषि मरुस्थलीकरण का कारण बनती हैं ।
मरुस्थलीय भूमि पर सार्थक कृषि गतिविधियाँ या क्रियाकलाप सं भव नहीं हैं । मरुस्थलीकरण
से भूमि का क्षरण होता है , जिससे मृ दा अनु पजाऊ हो जाती है ।
इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है ।
32. भारतीय वन अधिनियम, 1927 के सं दर्भ में , निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
2. यह किसी क्षे तर् को आरक्षित वन घोषित करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया की व्याख्या
करता है ।
3. राज्य सरकार किसी भी ग्राम समु दाय को आरक्षित वन की किसी भी भूमि पर सरकार के अधिकार
सौंप सकती है ।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है /हैं ?
(a) केवल 3
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 1 और 2
(d) 1, 2 और 3
Q32.D
भारतीय वन अधिनियम (Indian Forest Act), 1927 का उद्दे श्य वनों की सु रक्षा एवं सं रक्षण
तथा वन उत्पादों का न्यायसं गत उपयोग था। इसका उद्दे श्य वन-उपज के अभिवहन और
वनोपज के उद्हणीय शु ल्क को विनियमित करना था। इसलिए कथन 1 सही है ।
यह अधिनियम किसी क्षे तर् को आरक्षित वन, सं रक्षित वन या ग्राम वन घोषित करने के लिए
अपनाई जाने वाली प्रक्रिया की व्याख्या करता है । इसलिए कथन 2 सही है ।
o आरक्षित वन: आरक्षित वन सबसे प्रतिबं धित वन होते हैं और राज्य सरकार द्वारा ऐसी
किसी वन भूमि या बं जर-भूमि को, जो सरकार की सं पत्ति है , में गठित किए जाते हैं ।
आरक्षित वनों में , स्थानीय लोगों को किसी वन अधिकारी द्वारा व्यवस्थापन के दौरान,
विशे ष रूप से अनु मति के बिना आवाजाही प्रतिबं धित होती है ।
o सं रक्षित वन: राज्य सरकार किसी वन भूमि, जो आरक्षित वन में सम्मिलित नहीं है किंतु जो
सरकार की सं पत्ति है या जिस पर सरकार का साम्पत्तिक अधिकार है , उन वन भूमि को
सं रक्षित वनों के रूप में गठित करने का अधिकार रखती है । साथ ही, ऐसे वनों के उपयोग
के सं बंध में नियम जारी करने का अधिकार भी रखती है । इस अधिकार का उपयोग वृ क्षों पर
राज्य नियं तर् ण स्थापित करने के लिए किया गया है । ये ऐसे वृ क्ष होते हैं जिनकी लकड़ी,
फल या अन्य गै र-लकड़ी उत्पादों में राजस्व बढ़ाने की क्षमता होती है ।
o ग्राम वन: ग्राम वन ऐसे वन होते हैं जिसमें राज्य सरकार किसी ऐसी भूमि के प्रति या
उस पर, जो आरक्षित वन कर दी गई है , उस वन के राज्य अधिकार किसी ग्राम समु दाय
को समनु दिष्ट कर सकेगी। इसलिए कथन 3 सही है ।
राज्य सरकार सं रक्षित वन में किन्हीं वृ क्षों या वृ क्षों के वर्ग को आरक्षित घोषित कर सकती है ।
राज्य सरकार किसी वन में पत्थर के उत्खनन या चूने या लकड़ी के कोयले को जलाने या किसी
वन में वन-उपज का सं गर् हण करने या उसे हटाने से प्रतिषे ध कर सकती है ।
ू कों को विषाक्त कणिकीय पदार्थ के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता
33. निम्नलिखित में से किन प्रदष
है ?
1. सीसा
2. कैडमियम
3. पारा
4. एस्बे स्टस
5. निकेल
(a) केवल 1, 3 और 5
(b) केवल 1, 2, 3 और 4
(c) केवल 1, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5
Q 33.D
ू त करके
विषाक्त कणिकीय (particulate) पदार्थ वे पदार्थ हैं , जो खाद्य एवं जलापूर्ति को सं दषि
लोक स्वास्थ्य के लिए गं भीर खतरा पै दा करते हैं ।
o सीसा (Lead) एक हानिकारक विषाक्त तत्व है और यह बच्चों के मस्तिष्क के विकास को
प्रभावित कर सकता है ।
o एस्बे स्टस (Asbestos) श्वसन रोग पै दा कर सकता है , जिसे एस्बे स्टॉसिस (Asbestosis) के
रूप में जाना जाता है , साथ ही इससे छाती और फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है ।
o पारा (Mercury) एक अत्यधिक विषाक्त रसायन है जो तं त्रिका तं तर् पर हमला करता है ,
जिससे मस्तिष्क क्षतिग्रस्त (brain damage) हो जाता है और मृ त्यु भी हो सकती है ।
o निकेल (Nickel) से श्वसन सं बंधी लक्षण और फेफड़ों के कैंसर का कारण बन सकता है ।
o कैडमियम (Cadmium) हृदयवाहिका सं बंधी रोग और उच्च रक्तचाप का कारण सकता है ।
o आर्सेनिक (Arsenic) एक और विषाक्त रसायन है जिससे कैंसर होने का दाव किया गया है ।
इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है ।
34. अम्ल वर्षा के सं दर्भ में , निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही नहीं है ?
(a) अम्ल वर्षा सल्फर और नाइट् रोजन के ऑक्साइड के निर्गमन के परिणामस्वरूप होती है ।
(d) अम्ल वर्षा जल के पाइपों का सं क्षारण करती है जिसके परिणामस्वरूप भारी धातु एं पे यजल में मिल
जाती हैं ।
Q34.C
35. भारत में निम्नलिखित में से किन राज्यों में पवन ऊर्जा के उत्पादन की सं भावनाएं हैं ?
1. आं धर् प्रदे श
2. गु जरात
3. महाराष्ट् र
4. तमिलनाडु
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
Q 35.D
भारत में पवन ऊर्जा के उत्पादन की असीम सं भावनाएं हैं । तमिलनाडु, आं धर् प्रदे श, केरल
और कर्नाटक तथा गु जरात एवं महाराष्ट् र के तटवर्ती क्षे तर् ों में पवन की 20 किमी प्रति घं टे से
अधिक की वार्षिक औसत गति वाले वृ हद क्षे तर् उपलब्ध हैं ।
पवन ऊर्जा का उपयोग भारतीय प्रौद्योगिकीविदों द्वारा समीरा (Samira) नामक लघु वाटर
पम्पिं ग पवन मिलों के निर्माण के माध्यम से भी किया गया है । इसका उपयोग उथले कुओं से
जल निकालने , पं पों के माध्यम से सिं चाई करने , जल को गर्म करने आदि के लिए प्रभावी
ग्रामीण प्रौद्योगिकी के रूप में किया जा सकता है ।
इसलिए विकल्प (d) सही उत्तर है ।
36. जै व विविधता हॉटस्पॉट के सं दर्भ में , निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है /हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
Q 36.A
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
Q 37.C
अजै विक या निर्जीव एवं जै विक या सजीव, पारिस्थितिकी तं तर् के दो घटक हैं । ये घटक
पारिस्थितिकी तं तर् और पर्यावरण दोनों के लिए समान ही होते हैं । ये कारक या घटक किसी
जीव की उत्तरजीविता को निर्धारित करते हैं । इनमें से कोई एक एकल कारक या घटक भी जीव
की विभिन्नता (Range) को भी सीमित कर सकता है ।
अजै विक कारकों में - ऊर्जा, विकिरण, तापमान एवं ऊष्मा का प्रवाह, जल, तु षार वायु मंडलीय
गै सें और वायु , अग्नि, गु रुत्व, स्थलाकृति, मृ दा, भूगर्भिक आधार आदि सम्मिलित हैं ।
् पर प्रभाव:
तु षार का पादपों की वृ दधि
o इसके परिणामस्वरूप मृ दा में उपस्थित नमी जम जाती है ।
o लवणों की सांदर् ता और कोशिकाओं के निर्जलीकरण में वृ दधि
् होती है , क्योंकि पादपों के
अं तरकोशिकीय स्थानों में उपस्थित जल जमकर बर्फ हो जाता है । इसलिए कथन 1 सही
है ।
o यह कैंकर (Canker) रोग का कारण बनता है (जीवाणु , कवक एवं विषाणु ओं के कारण समान
लक्षणों वाले अन्य रोग भी हो सकते हैं )। इसलिए कथन 2 सही है ।
38. राष्ट् रीय हरित अधिकरण (NGT) के पास निम्नलिखित में से किन अधिनियमों से सं बंधित विवादों
के निपटान का अधिकार है ?
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1 और 4
(c) केवल 2 और 3
(d) 1,2,3 और 4
Q38.C
राष्ट् रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 को राष्ट् रीय अधिकरण नामक एक विशे ष
अधिकरण के गठन हे तु अधिनियमित किया गया था। इसका गठन पर्यावरणीय मु द्दों से ।
मामलों के त्वरित निपटान हे तु किया गया था।
यह सं विधान के अनु च्छे द 21 के अं तर्गत प्राण स्वतं तर् ता के सं रक्षण के लिए किए गए
प्रावधान से प्रेरणा प्राप्त करता है । अनु च्छे द 21 भारत के नागरिकों को स्वस्थ पूर्ण पर्यावरण
के अधिकार का आश्वासन प्रदान करता है ।
अधिकरण का पर्यावरणीय मामलों को समर्पित क्षे तर् ाधिकार त्वरित पर्यावरणीय न्याय प्रदान
करता है और उच्चतर न्यायालयों में मु कदमे बाजी के अतिरिक्त भार को कम करने में सहायता
करता है ।
यह सिविल प्रक्रिया सं हिता, 1908 के तहत निर्धारित प्रक्रिया से बाध्य नहीं है , बल्कि
प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होता है ।
अधिकरण का क्षे तर् ाधिकार उन सभी दीवानी मामलों पर विस्तारित है जिनमें पर्यावरण से
सं बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (पर्यावरण से सं बंधित किसी भी कानूनी अधिकार के प्रवर्तन सहित)
शामिल हैं । ऐसे प्रश्न अनु सच
ू ी | में निर्दिष्ट अधिनियमों के अधिनियमन से उत्पन्न होते हैं ।
इनमे निम्न शामिल हैं :
ू ण निवारण तथा नियं तर् ण) अधिनियम, 1974;
o जल (प्रदष
ू ण निवारण तथा नियं तर् ण) उपकर अधिनियम, 1977;
o जल (प्रदष
o वन (सं रक्षण) अधिनियम, 1980;
ू ण निवारण तथा नियं तर् ण) अधिनियम, 1981;
o वायु (प्रदष
o पर्यावरण (सं रक्षण) अधिनियम, 1986;
o सार्वजनिक दायित्व बीमा अधिनियम, 1991;
जै व विविधता अधिनियम, 2002
इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है ।
39. जब भी वन भूमि को वने तर प्रयोजनों हे तु प्रयोग किया जाता है , तो निम्नलिखित में से किस
अधिनियम के तहत प्रतिपूर्ति वनीकरण अनिवार्य होता है ?
(a) जै व विधता अधिनियम, 2002
Q39.B
भारत में , वन भूमि का वने तर प्रयोजन जै से कि बां धों का निर्माण, खनन और अन्य
विकासात्मक गतिविधियां आदि हे तु प्रयोग किया जा सकता है । हालां कि इसके लिए सरकार
की अनु मति अनिवार्य है ।
चूंकि वन भूमियों को सरे कार्यों में लगाए जाने के परिणामस्वरूप जै व विविधता का ह्रास होता
है । जिसके परिणामस्वरूप वन्यजीवों के साथ-साथ भौगोलिक मानकों जै से जलवायु और
भूभाग भी प्रभावित होते है । चूंकि वन भूमि के वने तर पर्योजन हे तु प्रयोग के परिणामस्वरूप
जै व विविधता की क्षति होती है जो बदले में वन्यजीवों के साथ-साथ जलवायु और भूभाग जै से
भौगोलिक मानकों को प्रभावित करता है । वन (सं रक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत
प्रतिपूरक वनीकरण भी अधिदे शित किया गया है इसके तहत उपबं ध किया गया है कि वने तर
प्रयोजन हे तु प्रयु क्त भूमि के बराबर क्षे तर् को प्रतिपूरक वनरोपण के तहत लाया जाएगा।
इसलिए विकल्प (b) सही उत्तर है ।
इसके अतिरिक्त, वन के सं वर्धन हे तु धन के प्रबं धन का दायित्व वन भूमि के वने तर प्रयोजन
हे तु प्रयोग करने वाले व्यक्ति पर अधिरोपित किया जाता है । यदि व्यवहार्य हो तो वनीकरण
के लिए चयनित भूमि को आरक्षित या सं रक्षित वन के निकट होना चाहिए ताकि विभाग द्वारा
उनका प्रबं धन सफलतापूर्वक किया जा सके।
प्रतिपूर्ति वनीकरण कोष अधिनियम, केंद्र और प्रत्ये क राज्य व केंद्र शासित प्रदे श दोनों में
एक उपयु क्त सं स्थागत तं तर् की स्थापना का प्रयास करता है । इसके माध्यम से वने तर
प्रयोजन हे तु प्रयु क्त वन भूमि के प्रतिपूर्ति हे तु प्रदत्त राशि का कुशल व पारदर्शी तरीके से
शीघ्र उपयोग सु निश्चित किया जा सकेगा, जिससे वन भूमि के वने तर प्रयोग का प्रभाव कम
होगा।
1. यह सर्वेक्षण आवासन और शहरी कार्य मं तर् ालय द्वारा आयोजित किया जाता है ।
2. यह सर्वेक्षण ग्रामीण और शहरी दोनों क्षे तर् ों में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है ।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
Q40.A
हाल ही में , आवासन और शहरी कार्य मं तर् ालय द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण, 2021 रिपोर्ट जारी की
गई है । इसलिए कथन 1 सही है ।
यह स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत भारत के शहरों और कस्बों में स्वच्छता, स्वास्थ्य और
सफाई का एक वार्षिक सर्वे क्षण है । वर्ष 2016 में प्रथम सर्वेक्षण किया गया था। इसमें 73 शहरों
को शामिल किया गया था। वर्ष 2021 तक, इसके छठे सं स्करण में , 4320 शहरों को सर्वेक्षण में
शामिल किया गया था, तब इसे विश्व का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण कहा गया था।
आवासन और शहरी कार्य मं तर् ालय ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत सभी को रै क दे ने के
लिए सर्वेक्षण का छठा सं स्करण आयोजित किया, जिसमें भारतीय गु णवत्ता परिषद (QCI) को
इसके न्वयन भागीदार के रूप में शामिल किया गया था। स्वच्छ सर्वेक्षण के छठे सं स्करण को
रैं किंग अभ्यास के कवरे ज को के लिए और कस्बों और शहरों को समय पर और अभिनव तरीके
से मिशन पहल को सक्रिय रूप से लागू करने हे तु करने के लिए आयोजित किया गया।
स्वच्छ सर्वेक्षण एक अखिल भारतीय वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण है जो च्छता, अपशिष्ट
प्रबं धन और समग्र स्वच्छता के आधार पर भारत के शहरों, कस्बों और राज्यों को रैं क प्रदान
करता है । कथन 2 सही नहीं है ।
41. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन से लेक्टिव कैटे लिटिक रिडक्शन (SCR) नामक तकनीक का
सबसे अच्छा वर्णन करता है ?
(a) यह एक ऐसी तकनीक है जो NOx को नाइट् रोजन में परिवर्तित करने के लिए अमोनिया का उपयोग
करती है ।
Q41.A
से लेक्टिव कैटे लिटिक रिडक्शन (SCR) - यह वर्तमान बहुत व्यापक रूप से प्रयोग की जाने
वाली तकनीक है जिसमें एक कन्वर्टर में उत्प्रेरक की उपस्थिति में NOx को नाइटोजन में
परिवर्तित करने हे तु अमोनिया को अपचयित करने वाले एजें ट के रूप में उपयोग किया जाता
है ।
यह उत्प्रेरक आमतौर पर टाइटे नियम डाइऑक्साइड, वै नेडियम पें टॉक्साइड और टं गस्टन
ट् राइऑक्साइड का मिश्रण होता है । इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है । SCR फ्लू गै सों
(बिजली स्टे शनों और औद्योगिक सं यंतर् ों में ईंधन या अन्य सामग्रियों के जलने से उत्पन्न
गै सों का मिश्रण) से 60-90% तक NOx हटा सकता है ।
यह प्रक्रिया बहुत महं गी है और इससे सं बंधित अमोनिया अं तःक्षे पण के परिणामस्वरूप
निकास मार्ग में अमोनिया स्लिपस्ट् रीम (वापस सं चालित वायु प्रवाह) उत्पन्न हो जाती है ।
2. यह वातावरण में समय की एक छोटी अवधि के लिए रहता है और जलवायु परिवर्तन में योगदान
करता है ।
् होती है ।
3. यह पृ थ्वी की सतह के एल्बिडो को कम करता है जिससे तापमान में वृ दधि
(a) केवल 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
Q42.C
ब्लै क कार्बन एक गै स नहीं बल्कि एक कण है - यह जीवाश्म ईंधन और बायोमास के अधूरे दहन
से उत्सर्जित कालिख (Soot) का एक घटक है । इसलिए कथन 1 सही नहीं है ।
मीथे न के साथ, ब्लै क कार्बन दो ग्रीनहाउस योगदानकर्ताओं में से एक है , जिसे वै श्विक
समु दाय द्वारा आर्क टिक के पिघलने से पहले ग्लोबल वार्मिं ग को रोकने हे तु तत्काल कम करने
का लक्ष्य रखा गया है ।
यह कम समय के लिए वातावरण में रहता है और कुछ समय बाद वर्षा के साथ नीचे आता है ।
ब्लै क कार्बन के छोटे वायु मंडलीय जीवन काल के कारण, इसकी उपस्थिति कम होने से ग्लोबल
वार्मिं ग के प्रभावों को कुछ ही हफ्तों के भीतर शीघ्रता से कम करने का अवसर प्राप्त होता
है । इसलिए कथन 2 सही है ।
कई वै ज्ञानिकों के अनु सार - विशे ष रूप से जीवाश्म ईंधन स्रोतों से निकलने वाले - ब्लै क
कार्बन का नियं तर् ण निकट भविष्य में वै श्विक तापन (Global Warming) को धीमा करने का
सबसे ते ज तरीका हो सकता है ।
पृ थ्वी के एल्बिडो प्रभाव का हमारी जलवायु पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है । यह सही है ।
किसी सतह का एल्बिडो आपतित सूर्य के प्रकाश का वह अं श है जो सतह से परावर्तित होता
है । एल्बिडो जितना कम होगा, उतना ही अधिक सूर्य से प्राप्त होने वाला विकिरण ग्रह द्वारा
् होगी। यदि एल्बिडो अधिक है , तो
अवशोषित किया जाएगा और इससे तापमान में वृ दधि
पृ थ्वी अधिक परावर्तक होगी, जिससे अधिक विकिरण अं तरिक्ष में वापस चला जाता है और
ग्रह ठं डा हो जाता है ।
आमतौर पर ब्लै क कार्बन का प्रत्यक्ष तापन प्रभाव (वायु मंडल में आने वाले सौर विकिरण को
अवशोषित करके और इसे ऊष्मा विकिरण में परिवर्तित करने ) तथा अप्रत्यक्ष तापन प्रभाव
(हिम और बर्फ के परावर्तन (एल्बिडो) को कम करने } दोनों रूपों में माना जाता है । इसलिए
कथन 3 सही है ।
43. समु दर् ी स्नॉट(Sea Snot) के सं दर्भ में , निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह बड़े पै माने पर प्रवास के दौरान व्हे ल द्वारा छोड़ी गई अपशिष्ट सामग्री को सं दर्भित करता है ।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
Q 43.D
हालिया सं दर्भ: पिछले कुछ महीनों से तु र्की का मरमरा सागर एक नई चु नौती का सामना कर
रहा है । काला सागर को एजियन सागर से जोड़ने वाला मरमरा सागर 'समु दर् ी स्नॉट' (Sea
Snot) से ढक गया है जिससे नई पर्यावरणीय चिं ताएं उत्पन्न हो गई हैं ।
समु दर् ी स्नॉट को पहली बार वर्ष 2007 में तु र्की में दे खा गया था। इसे 'समु दर् ी कफ' (Marine
Mucilage) के रूप में भी जाना जाता है । यह एक मोटी, चिपचिपा स्ले टी-भूरे रं ग की चादर है
जो मृ त और जीवित कार्बनिक पदार्थों द्वारा बनता है । यह पं क तब बनता है जब शै वाल गर्म
मौसम में पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं । यह गर्म मौसम तापन के कारण होता है । इसलिए
कथन 1 सही नहीं है ।
पर्यावरण विशे षज्ञों ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के कारण पादप-प्लवक अत्यधिक उत्पादन
तथा घरे लू और औद्योगिक कचरे के समु दर् में अनियं त्रित डंपिंग ने वर्तमान सं कट को जन्म
दिया है ।
समु दर् की सतह पर भूरे रं ग के कफ की तरह तै रने वाली समु दर् ी स्नॉ बढ़ना इस दे श के समु दर् ी
पारिस्थितिकी तं तर् के लिए गं भीर खतरा उत्पन्न कर रहा है । इसके प्रभाव से बड़ी सं ख्या में
लयों की मृ त्यु हुई हैं और अन्य जलीय जीवों जै से प्रवाल और स्पं ज भी मारे गए है । इसलिए
कथन 2 सही नहीं है ।
पारिस्थितिकीविदों ने कहा है कि तु र्की के समु दर् ों में भूरा कफ इस बात का सं केत है कि समु दर् ी
पारिस्थितिकी तं तर् को कैसे के दोहरे सं कट से निपटने के लिए गं भीर कदम नहीं उठाए गए तो
इसका प्रभाव समग्र पर्यावरण पर पड़ सकता है ।
44. केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (COD) के सं दर्भ में , निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
2. COD माप का उपयोग एक विशिष्ट स्थान के लिए आवश्यक अपशिष्ट जल उपचार सं यंतर् के
आकार के सं केतक के रूप में किया जाता है ।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
Q44.B
ू क है ।
3. आर्सेनिक भारत की नदियों में पाया जाने वाला सर्वाधिक सामान्य भारी धातु प्रदष
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
Q45.B
(a) किसी क्षे तर् में उत्सर्जनों की उच्चतम सीमा निर्धारित करने हे तु किए गए नीतिगत उपायों के
् ।
प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में उस क्षे तर् के बाहर उत्सर्जन में वृ दधि
(b) कार्बनिक पदार्थों में मौजूद कार्बन की मात्रा के सं दर्भ में उन पदार्थों की पर्यावरणीय लागत का
आकलन करने का अभ्यास।
(c) ग्रीनहाउस गै स उत्सर्जनों के लिए करों का भु गतान करने से बचने हे तु उत्सर्जकों द्वारा उपयोग
किया जाने वाला कर चोरी तं तर् ।
(d) बाह्य लागतों को किसी इकाई द्वारा उत्सर्जित उत्सर्जनों के प्रति निर्दिष्ट करके ग्रीनहाउस गै स
उत्सर्जनों से होने वाले नु कसान के बोझ को स्थानांतरित करना।
Q 46.D
47. यमु ना नदी में एक अभिनव बबल कर्टे न तकनीकी का प्रयोग किया गया था:
(b) यमु ना में प्लास्टिक के प्रवे श को रोकने के नदी के मौसमी झाग को हटाने के लिए। यमु ना नदी के
किनारे स्थित विरासत स्थलों को सु शोभित करने के लिए।
(d) यमु ना नदी के किनारे स्थित विरासत स्थलों को सु शोभित करने के लिए।
Q47.B
1. एक तटीय ब्लू कार्बन पारितं तर् की कार्बन प्रच्छादन क्षमता उष्णकटिबं धीय वनों की कार्बन
प्रच्छादन क्षमता से अधिक होती है ।
2. 'ब्लू कार्बन पहल' ब्लू कार्बन पारितं तर् ों को सु रक्षित करने के लिए कंजर्वेशन इं टरने शनल की एक
पहल है ।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
Q48.C
तटीय पारितं तर् , जै से मैं ग्रोव, ज्वारीय कच्छ और समु दर् ी घास के क्षे तर् कई लाभ एवं से वाएं
प्रदान करते हैं जो कि विश्व स्तर पर तटीय क्षे तर् ों में जलवायु परिवर्तन के प्रति अनु कूलन के
लिए अनिवार्य हैं । इन लाभों और से वाओं में तूफानों एवं समु दर् के स्तर में वृ दधि
् के विरुद्ध
सु रक्षा, तटरे खा के क्षरण की रोकथाम, तटीय जल की गु णवत्ता को बनाए रखना, व्यावसायिक
रूप से महत्वपूर्ण मत्स्य पालन एवं सं कटग्रस्त समु दर् ी प्रजातियों के लिए पर्यावास और कई
तटीय समु दायों को खाद्य सु रक्षा प्रदान करना शामिल हैं । इसके अतिरिक्त, ये पारितं तर्
वायु मंडल और महासागर से तटीय ब्लू कार्बन का बड़ी मात्रा में प्रच्छादन एवं भं डारण करते
हैं । इसलिए अब इन्हें जलवायु परिवर्तन का शमन करने में अपनी भूमिका के लिए पहचाना
जाता है ।
अं टार्क टिका को छोड़कर प्रत्ये क महाद्वीप के तटों पर तटीय ब्लू कार्बन पारितं तर् पाए जाते
हैं । मैं ग्रोव उष्णकटिबं धीय और उपोष्णकटिबं धीय तटों के अं तर-ज्वारीय क्षे तर् में उगते हैं ।
मैं ग्रोव के व्यापक क्षे तर् ों वाले दे शों में इं डोने शिया, ऑस्ट् रेलिया, मै क्सिको, ब्राजील,
नाइजीरिया, मले शिया, म्यांमार, पापु आ न्यू गिनी, क्यूबा, भारत, बां ग्लादे श और मोजाम्बिक
शामिल हैं ।
तटीय ब्लू कार्बन पारितं तर् कार्बन का प्रच्छादन एवं भं डारण करने में बहुत सक्षम होते हैं । इन
पारितं तर् ों का प्रत्ये क वर्ग मील क्षे तर् किसी उष्णकटिबं धीय वन के प्रत्ये क वर्ग मील क्षे तर्
की तु लना में उच्च दर से वायु मंडल और महासागरों से कार्बन को हटा सकता है । इसलिए
कथन 1 सही है ।
ब्लू कार्बन पहल ऐसा पहला एकीकृत कार्यक् रम है जो वै श्विक स्तर पर तटीय समु दर् ी के
सं रक्षण, पु नर्स्थापन, और सतत उपयोग को बढ़ावा दे कर जलवायु परिवर्तन का शमन करने पर
केंद्रित है । यह वर्तमान में मैं ग्रोव, ज्वारीय कच्छ और समु दर् ी घास पर केंद्रित है । यह
कंजर्वेशन इं टरने शनल, अं तर्राष्ट् रीय प्रकृति सं रक्ष सं घ (IUCN) और यूनेस्को के अं तर-
सरकारी महासागर आयोग का एक अं तर्राष्ट् रीय सहयोगात्मक प्रयास है । इसलिए 2 सही है ।
49. हाल ही में जलवायु परिवर्तन पर सं युक्त राष्ट् र फ् रे मवर्क कन्वें शन (UNFCCC) के पक्षकारों के
26 वें सम्मे लन (COP26) का आयोजन किया गया। इस सं दर्भ में , पक्षकारों के सम्मे लन (COP) से
सं बंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. पक्षकारों का सम्मे लन जलवायु परिवर्तन पर सं युक्त राष्ट् र फ् रे मवर्क कन्वें शन का निर्णय ले ने वाला
सर्वोच्च निकाय है ।
2. COP की अध्यक्षता सं युक्त राष्ट् र सु रक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों के बीच चक् रीय क् रम में
स्थानांतरित होती रहती है ।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1,
Q49.A
हालिया सं दर्भ: वर्ष 2021 का सं युक्त राष्ट् र जलवायु परिवर्तन सम्मे लन, जिसे सामान्य तौर
पर COP26 के रूप में जाना जाता है , सं युक्त राष्ट् र का 26 वां जलवायु परिवर्तन सम्मे लन
(UNFCCC) था। इसका आयोजन यूनाइटे ड किंगडम में स्कॉटलैं ड के ग्लासगो में स्कॉटिश
इवें ट कैंपस केंद्र में किया गया था।
यह जलवायु परिवर्तन पर सं युक्त राष्ट् र फ् रे मवर्क कन्वें शन (UNFCCC) के पक्षकारों का
26 वां सम्मे लन (COP26) था।
पक्षकारों का सम्मे लन (COP):
o पक्षकारों का सम्मे लन (COP) जलवायु परिवर्तन पर सं युक्त राष्ट् र फ् रे मवर्क कन्वें शन का
निर्णय ले ने वाला सर्वोच्च निकाय है । इसलिए कथन 1 सही है ।
o कन्वें शन के पक्षकार सभी राज्यों को COP में प्रतिनिधित्व प्राप्त होता है , जहां वे
कन्वें शन तथा COP द्वारा अपनाए गए किसी अन्य कानूनी उपकरण के कार्यान्वयन की
समीक्षा करते हैं । इसके अतिरिक्त वे कन्वें शन के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा दे ने के
लिए आवश्यक निर्णय ले ते हैं जिनमें सं स्थागत और प्रशासनिक व्यवस्थाएं भी शामिल
होती हैं ।
o COP का एक महत्वपूर्ण कार्य पक्षकारों द्वारा प्रस्तु त राष्ट् रीय सं चार एवं उत्सर्जन सूची
की समीक्षा करना है । इस सूचना के आधार पर COP पक्षकारों द्वारा किए गए उपायों के
प्रभावों तथा कन्वें शन के अं तिम उद्दे श्य को प्राप्त करने में हुई प्रगति का आकलन
करता है ।
o जब तक पक्षकार अन्यथा निर्णय न लें तब तक COP की बै ठक प्रतिवर्ष होती है । जब तक
कोई पक्षकार सत्र की मे जबानी
o करने की पे शकश नहीं करता है , तब तक COP की बै ठक बॉन में होती है जहां इसका का
सचिवालय स्थित है । COP की पहली बै ठक वर्ष 1995 में जर्मनी के बर्लिन में हुई थी।
o COP की अध्यक्षता सं युक्त राष्ट् र द्वारा मान्यता प्राप्त पांच क्षे तर् ों के बीच चक् रीय क् रम
में स्थानांतरित होती रहती है । ये क्षे तर् हैं : अफ् रीका, एशिया, लै टिन अमे रिका एवं
कैरिबियन, मध्य एवं पूर्वी यूरोप तथा पश्चिमी यूरोप एवं अन्य। साथ ही, COP का स्थान
इन समूहों के बीच भी स्थानांतरित होता रहता है । इसलिए कथन 2 सही नहीं है ।
50. में स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता के सं दर्भ में , निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता में भारत विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है ।
3. सरकार की योजना वर्ष 2030 तक 1000 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की है ।
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) 1, 2 और 3
(d) केवल 2
Q50.A
विगत कुछ वर्षों में भारत की स्थापित अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता में आई है , जिसमें वर्ष
् हुई है । चूंकि सरकार इस क्षे तर् क के लिए
2016 और 2020 के बीच 17.33% की दर से वृ दधि
समर्थन बढ़ा रही है , इसलिए यह क्षे तर् क निवे शकों के लिए आकर्षक हो गया है । सरकार का
लक्ष्य वर्ष 2022 तक गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता (जिसमें 114 गीगावॉट सौर ऊर्जा
क्षमता और 67 गीगावॉट पवन ऊर्जा क्षमता मे ल है ) हासिल करना है । यह पे रिस समझौते के
तहत निर्धारित 175 गीगावॉट के लक्ष्य से अधिक है । सरकार की वर्ष 2030 तक 523 गीगावॉट
अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की कथन 3 सही नहीं है ।
भारतीय अक्षय ऊर्जा क्षे तर् क विश्व का चौथा सबसे आकर्षक अक्षय ऊर्जा बाजार है । वर्ष 2020
की स्थिति के अनु सार, स्थापित क्षमता में भारत पवन ऊर्जा में चौथे , सौर ऊर्जा में पांचवें और
अक्षय ऊर्जा में चौथे स्थान पर था। इसलिए कथन 1 सही है और कथन 2 सही नहीं है ।
1. धरातलीय ओजोन नाइट् रोजन के ऑक्साइडों (NOx) और वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (VOC) के
बीच रासायनिक अभिक्रिया से बनती है ।
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1,2 और 3
Q 51.D
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
Q52.D
o अनु पालन बाजार का उपयोग कंपनियों तथा सर द्वारा किया जाता है जहां उन्हें कानूनी तौर पर
अपने ग्रीनहाउस गै स (GHG) उत्सर्जनों का हिसाब दे ना होता है । अनिवार्य राष्ट् रीय, क्षे तर् ीय या
अं तर्राष्ट् रीय कार्बन कटौती व्यवस्थाओं द्वारा नियं त्रित किया जाता है ।
स्वै च्छिक बाजार (Voluntary markets)
o स्वै च्छिक बाजार में कार्बन क् रे डिट का व्यापार स्वै च्छिक आधार पर होता है ।
o स्वै च्छिक कार्बन क् रे डिट (VER) मु ख्य रूप से निजी क्षे तर् क द्वारा खरीदे जाते हैं । कार्बन
क् रे डिट खरीदने के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) और जनसं पर्क सबसे
सामान्य प्रेरणास्रोत हैं । प्रमाणीकरण, प्रतिष्ठा और पर्यावरणीय एवं सामाजिक लाभ
जै से विचार अन्य कारण हैं ।
o स्वै च्छिक बाजारों में कार्बन क् रे डिट को सत्यापित उत्सर्जन कटौती (Verified Emission
Reduction: VER) कहा जाता है । इसलिए विकल्प 3 सही है ।
क्योटो प्रोटोकॉल के तहत, विनियमित कार्बन व्यापार बाजारों के दो प्रमु ख तं तर् हैं :
o स्वच्छ विकास तं तर् (Clean Development Mechanism: CDM)
क्योटो प्रोटोकॉल के तहत विकासशील दे श (गै र अनु लग्नक | के दे श) अपने GHG
उत्सर्जनों को कम करने के लिए बाध्य नहीं हैं , जबकि औद्योगिक दे शों (अनु लग्नक | के
दे श) के लिए निर्दिष्ट लक्ष्यों को पूरा करना अनिवार्य है ।
ये दे श इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने राज्यक्षे तर् में GHG उत्सर्जनों को कम
कर सकते हैं , अन्य दे शों में उत्सर्जनों को कम करने के लिए परियोजनाओं को कार्यान्वित
कर सकते हैं या कार्बन व्यापार कर सकते हैं ।
कोई औद्योगिक दे श किसी विकासशील दे श में उत्सर्जन कटौती परियोजना का
क्रियान्वयन कर सकता है । यह वनीकरण, ऊर्जा दक्षता या अक्षय ऊर्जा परियोजना हो
सकती है । GHGs के ग्रहण या बचत के कारण कार्बन क् रे डिट उत्पन्न होते हैं ।
CDM परियोजनाओं से प्राप्त कार्बन क् रे डिट को प्रमाणित उत्सर्जन कटौती (CER) कहा
जाता है । इसलिए विकल्प 1 सही है ।
o सं युक्त कार्यान्वयन (Joint Implementation: JI)
घरे लू स्तर पर उत्सर्जनों को कम करने के एक विकल्प के रूप में , अनु लग्नक | का कोई
भी दे श अनु लग्नक | के ही किसी अन्य दे श में GHG उत्सर्जनों को कम करने के लिए
किसी परियोजना में निवे श कर सकता है (इसे "सं युक्त कार्यान्वयन परियोजना" के रूप
में सं दर्भित किया जाता है )।
इस तरीके से दे श ऐसी परियोजनाओं में निवे श करके, जहां उत्सर्जनों को कम करना
सस्ता हो सकता है , अपने क्योटो लक्ष्यों के अनु पालन की लागत को कम कर सकते हैं
और परिणामी उत्सर्जन न्यूनीकरण इकाइयों (Emission Reduction Units: ERU) को
अपने प्रतिबद्धता लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शामिल कर सकते हैं । इसलिए विकल्प
2 सही है ।
उत्सर्जन न्यूनीकरण इकाई (ERU) एक उत्सर्जन इकाई है जिसे सं युक्त कार्यान्वयन
परियोजना के तहत जारी किया जाता है ।
53. वै श्विक तापन से बचने के लिए भू-अभियां त्रिकी तकनीकों के एक भाग के रूप में निम्नलिखित
विधियों में से कौन-सी सं भावित रूप से अपनाई जा सकती हैं ?
(a) केवल 2, 3 और 4
(b) केवल 1 और 3
(c) 1,2,3 और 4
(d) केवल 2 और 4
Q 53.C
1. यह एक कानूनी रूप से बाध्यकारी बहुपक्षीय सं धि है जिसका उद्दे श्य खतरनाक रसायनों के आयात के
सं बंध में साझा उत्तरदायित्व को बढ़ावा दे ना है ।
2. भारत में , रसायन और पे ट्रो रसायन विभाग कीटनाशकों के लिए प्राधिकृत राष्ट् रीय प्राधिकरण
है ।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
Q 54.A
रॉटरडै म अभिसमय जिसे औपचारिक रूप से “अं तर्राष्ट् रीय व्यापार में कुछ खतरनाक रसायनों
और कीटनाशकों के लिए पूर्व सूचित सहमति प्रक्रिया पर रॉटरडै म अभिसमय" कहा जाता है ,
एक कानूनी रूप से बाध्यकारी बहुपक्षीय सं धि है । यह अभिसमय का उद्दे श्य मानव स्वास्थ्य
और पर्यावरण को सं भावित नु कसान से बचाने के लिए कुछ खतरनाक रसायनों के अं तर्राष्ट् रीय
व्यापार में पक्षकार दे शों के बीच साझा उत्तरदायित्व और सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ावा
दे ना है । इसलिए कथन 1 सही है ।
अभिसमय सूचना के खु ले आदान-प्रदान को बढ़ावा दे ता है और खतरनाक रसायनों के
निर्यातकों को, सु रक्षित प्रबं धन के लिए निर्दे शों सहित, उचित ले बलिं ग का उपयोग करने तथा
किसी भी ज्ञात रोक या प्रतिबं ध के बारे क् रे ता को सूचित करने के लिए आह्वान करता है ।
अभिसमय में कीटनाशकों और औद्योगिक रसायनों दोनों को शामिल किया गया है जिन्हें
पक्षकारों द्वारा स्वास्थ्य या पर्यावरणीय कारणों से निषिद्ध या गं भीर रूप से प्रतिबं धित और
पूर्व-सूचित सहमति (PIC) प्रक्रिया में शामिल करने के लिए अधिसूचित किया गया है ।
अभिसमय के अं तर्गत आवश्यक प्रशासनिक कार्यों को करने के लिए प्रत्ये क पक्षकार द्वारा
एक राष्ट् रीय प्राधिकरण को प्राधिकृत करना अनिवार्य है । भारत में , औद्योगिक रसायनों के
लिए रसायन और पे ट्रो रसायन विभाग तथा कीटनाशकों के लिए कृषि एवं सहकारिता
विभाग प्राधिकृत राष्ट् रीय प्राधिकरण (Designated National Authority: DNA) हैं ।
इसलिए कथन 2 सही नहीं है ।
55. निम्नलिखित यु ग्मों पर विचार कीजिए:
ू कों से
2. स्टॉकहोम समझौता : स्थायी कार्बनिक प्रदष
(a) केवल 1 और 2
(b) 1, 2 और 3
(c) केवल 3
(d) केवल 2 और 3
Q55.B
56. तटीय विनियमन क्षे तर् (CRZs) के सं दर्भ में , निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. CRZs पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मं तर् ालय द्वारा घोषित किए जाते हैं ।
2. CRZs और ती क्षे तर् का भू-भाग शामिल होता है । में से कौन-सा/से सही है /हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
Q56.A
हाल ही में , तटीय विनियमन क्षे तर् (CRZ) अधिसूचना, 2019 में प्रस्तावित सं शोधनों हे तु एक
मसौदा अधिसूचना जारी की गई है ।
प्रस्तावित प्रमु ख सं शोधन:
o ते ल और प्राकृतिक गै स के विकास एवं उत्पादन को पूर्व CRZ मं जरू ी से छट
ू प्रदान की
जाएगी। पूर्णतः अस्थायी और मौसमी सं रचनाओं (shacks) को पर्याप्त सावधानियों
मानसून के मौसम के दौरान बनाए रखा जाएगा।
o जब तक सं बंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदे शों द्वारा एकीकृत द्वीप योजना (IIMP) तै यार
नहीं की जाती, तब तक CRZ अधिसूचना 2011 लागू रहे गी।
o अं तर्वारीय क्षे तर् ों में बालू भित्तियों को पारं परिक तटीय द्वारा केवल मै नुअल तरीके से
हटाया जाएगा।
ये सं शोधन अभी प्रस्तावित हैं जिनकी अभी तक गोषणा नहीं की गई है । और वन मं तर् ालय
(MoEF) द्वारा तटीय क्षे तर् में गतिविधियों के नियमन के लिए फरवरी, 1991 में एक
अधिसूचना जारी गई थी। इसलिए कथन 1 सही है ।
तटीय विनियमन क्षे तर् :
o CRZ-I, CRZ-IA के रूप में सीमां कित पारिस्थितिकी सं वेदनशील क्षे तर् ों में मैं ग्रोव वॉक, ट् री
हट् स, ने चर ट् रेल्स जै सी ईको- पर्यटन गतिविधियों को अनु मति दे ता है । CRZ-IA में सी लिं क,
नमक सं चयन और विलवणीकरण सं यंतर् एवं स्टिल्ट पर सड़क निर्माण की भी अनु मति दी गई
है । अं तर्ध्वारीय क्षे तर् या CRZ-IB क्षे तर् ों में बं दरगाहों और सी लिं क के लिए विवादास्पद भूमि
पु नर्ग्रहण की अनु मति प्रदान की गई है । विवादास्पद भूमि में महासागरों या झील सं स्तरों से
सृ जित नवीन भूमि और तटीय पारिस्थितिकी पर गहन प्रभाव यु क्त भूमि शामिल है ।
o CRZ-II में पर्याप्त रूप से निर्मित क्षे तर् (built-up area) शामिल है । इन क्षे तर् ों में परियोजना
डे वलपर्स अब फ्लोर एरिया रे शियो या फ्लोर स्पे स इं डेक्स बढ़ा सकते हैं तथा रिसॉर्ट्स और
अन्य पर्यटन सु विधाओं का निर्माण कर सकते हैं ।
o CRZ III क्षे तर् ों में ऐसे भूमि क्षे तर् शामिल हैं जो अपे क्षाकृत अहस्तक्षे पित हैं और जो CRZ II
के अं तर्गत शामिल नहीं हैं । इन्हे जनसं ख्या घनत्व के आधार पर CRZ IIIA और IIIB में
वर्गीकृत किया गया है ।
o CRZ-IV, में 12 समु दर् ी मील तक विस्तारित तटीय जल की उथली पट् टी शामिल है ।
इसलिए कथन 2 सही नहीं है ।
57. निम्नलिखित में से कौन-सा कार्बन इं टेंसिटी इं डिकेटर का सही वर्णन करता है ?
(a) विद्यु त सं यंतर् द्वारा उत्पादित ऊर्जा की प्रति इकाई कार्बन उत्सर्जन की मात्रा।
(b) एक स्वस्थ मनु ष्य द्वारा अपने जीवनकाल में उत्पन्न कार्बन उत्सर्जन की मात्रा।
(c) परिवहन कार्य की एक इकाई को करने में जहाज द्वारा उत्पन्न कार्बन उत्सर्जन की मात्रा।
Q 57.C
1. इसमें पे ट्रोल और डीजल की तु लना में बहुत अधिक ऊर्जा दक्षता होती है ।
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1,2 और 3
Q 58.C
मे थनॉल उच्च राख वाले कोयले , कृषि अवशे षों, ताप विद्यु त सं यंतर् ों से प्राप्त कार्बन डाइ
ऑक्साइड और प्राकृतिक गै स से बनने वाला "अल्प कार्बनयु क्त और हाइड्रोजन वाहक
ईंधन" है । यह COP 21 के लिए भारत की प्रतिबद्धता को पूरा करने का सबसे अच्छा मार्ग है ।
नीति आयोग ने वर्ष 2030 तक कच्चे ते ल के आयात के 10% को अकेले मे थनॉल के साथ
बदलने के लिए एक रोडमै प तै यार किया है ।
कथन 1 सही नहीं है : मे थनॉल(22.7 MJ/Kg) की ऊर्जा दक्षता पे ट्रोल (44-46 MI/Kg) और
डीजल (42-46 MI/Kg) की तु लना में कम होती है । हालां कि यह परिवहन क्षे तर् (सड़क, रे ल
और समु दर् ी), ऊर्जा क्षे तर् (ट् रैक्टर और वाणिज्यिक वाहनों सहित) और रिटे ल कुकिंग (मिट् टी
के ते ल और लकड़ी के चारकोल के स्थान पर) में इन दोनों ईंधनों को प्रतिस्थापित कर सकता
है ।
कथन 2 सही है : मे थनॉल सभी आं तरिक दहन इं जनों में कुशलता से दहन होता है । मे थनॉल के
गै सीय सं स्करण – DME (डाइमिथाइल ईथर) को LPG के साथ मिश्रित किया जा सकता है
और यह बड़ी बसों एवं ट् रकों में डीजल का एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है ।
कथन 3 सही है : मे थनॉल न तो पार्टिकुले ट मै टर और न ही कालिख उत्पन्न नहीं करता है ।
साथ ही यह लगभग शून्य नाइट् रोजन ऑक्साइड (NOx) और सल्फर ऑक्साइड (SOx)
ू ण) करता है । इसका उत्पादन प्राकृतिक गै स, भारतीय उच्च
उत्सर्जन (लगभग शून्य प्रदष
राख वाले कोयले , बायोमास, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (MSW), स्टैं डे ड और फ्ले यर्ड गै सों
आदि से किया जा सकता है ।
59. राष्ट् रीय जै व ईंधन नीति के अनु सार, इथे नॉल उत्पादन के लिए निम्नलिखित में से कौन-से कच्चे
माल का उपयोग किया जा सकता है ?
1. मीठे चु कंदर
2. मीठा ज्वार
3. कसावा
4. जौ
(a) केवल 1, 2, 3 और 5
(b) केवल 2, 4 और 6
(d) 1, 2, 3, 4,5 और 6
Q 59.A
राष्ट् रीय जै व ईंधन नीति 2018, जै व ईंधन को "आधारभूत जै व ईंधनों" अर्थात पहली पीढ़ी
ू री पीढ़ी (2G) के इथे नॉल,
(1G) के बायोएथे नॉल, बायोडीजल और "उन्नत जै व ईंधन", दस
नगर निगमों के ठोस अपशिष्ट (MSW) से उत्पादित ड्रॉप-इन ईंधन, तीसरी पीढ़ी (3G) के
जै व ईंधन, जै व-सीएनजी आदि के रूप में वर्गीकृत करती है । इस वर्गीकरण का उद्दे श्य प्रत्ये क
श्रेणी के लिए उपयु क्त वित्तीय और आर्थिक प्रोत्साहन को बढ़ावा दे ना है ।
यह नीति गन्ने के रस, चीनी यु क्त सामग्री जै से चु कंदर, मीठा ज्वार, स्टार्च यु क्त सामग्री
जै से मक्का, कसावा, गे हं ,ू टू टे चावल, पके आलू, मानव उपभोग के लिए अनु पयु क्त अनाज के
उपयोग की अनु मति दे कर इथे नॉल उत्पादन के लिए कच्चे माल के दायरे का विस्तार करती है ।
उन्नत जै व ईंधन पर बल दे ने के साथ, नीति में 2G इथे नॉल जै व रिफाइनरी के लिए 1G जै व
ईंधन की तु लना में अतिरिक्त कर प्रोत्साहनों, उच्च खरीद मूल्य के अलावा 6 वर्षों में 5000
करोड़ रूपए व्यवहार्यता अं तराल अनु दान (Viability gap funding) का सं केत दिया गया है ।
यह नीति गै र-खाद्य वनस्पति ते लों, प्रयु क्त किए जा चु के खाना पकाने के ते ल, कम समय में
तै यार होने वाली फसलों से बायोडीजल उत्पादन के लिए आपूर्ति श्रखृं ला तं तर् की स्थापना को
प्रोत्साहित करती है ।
1. लिथियम
2. बे रियम
3. एल्यु मिनियम
4. थर्माइट
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 2 और 3
(c) केवल 3 और 4
(d) केवल 1, 3 और 4
Q60.C
ग्रीन पटाखे पर्यावरण के अनु कूल पटाखों को सं दर्भित करते हैं एवं ये पारं परिक पटाखों से होने
ू ण को भी कम कर सकते हैं । इन्हें राष्ट् रीय पर्यावरण इं जीनियरिं ग अनु संधान
वाले वायु प्रदष
सं स्थान (NEERI) तथा वै ज्ञानिक और औद्योगिक अनु संधान परिषद (CSIR) प्रयोगशाला
द्वारा विकसित किया गया है ।
ग्रीन पटाखों में लिथियम, आर्सेनिक, बे रियम और ले ड जै से प्रतिबं धित रसायन नहीं होते हैं ।
उन्हें से फ वाटर रिलीजर (SWAS), से फ थर्माइट क् रै कर (STAR) और से फ मिनिमल
एल्यु मिनियम (SAFAL) क् रै कर्स कहा जाता है । इसलिए विकल्प (c) सही उत्तर है ।
इन ग्रीन पटाखों को तीन अलग-अलग नाम दिए गए हैं :
SWAS - से फ वाटर रिलीजर- ये वायु में जलवाष्प छोड़ते हैं जो निकलने में एवं धु एं को दबा
दे ता है ।
o इसमें पोटे शियम नाइट् रेट और सल्फर प्रयोग नहीं किया जाता है ।
o गै सीय उत्सर्जन के लिए एक मं दक का प्रयोग किया जाता है ।
o इससे निकलने वाले धूलकणों में लगभग 30 प्रतिशत की कमी
STAR - से फ थर्माइट क् रै कर- इसमें पोटे शियम नाइट् रेट और सल्फर का प्रयोग नहीं होता
है ।
o इससे कणिकीय पदार्थ का कम उत्सर्जन- कम ध्वनि तीव्रता होती है ।
SAFAL - से फ मिनिमल एल्यु मीनियम
o एल्यु मिनियम का न्यूनतम उपयोग किया जाता है ।
o एल्यु मिनियम के स्थान पर मै ग्नीशियम का उपयोग होता है ।
ू ण में कमी होगी।
o पारं परिक पटाखों की तु लना में ध्वनि प्रदष
2. धान की पराली जलाने से निकलने वाली ऊष्मा उपजाऊ मृ दा के महत्वपूर्ण जीवाणु और कवक
आबादी को नष्ट कर दे ती है ।
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
Q61.D
एक अध्ययन के माध्यम से यह आकलन किया गया है कि फसल अवशे षों के दहन से 149.24
मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), 9 मिलियन टन से अधिक कार्बन मोनोऑक्साइड
(CO), 0.25 मिलियन टन सल्फर ऑक्साइड (SOX), 1.28 मिलियन टन पार्टिकुले ट मै टर और
0.07 मिलियन टन ब्लै क कार्बन उत्सर्जित होते हैं । इसलिए कथन 1 सही है ।
ू त करते हैं और दिल्ली में कोहरे की समस्या के साथ-साथ
ये प्रत्यक्ष तौर पर पर्यावरण प्रदषि
हिमालय के ग्ले शियरों के पिघलने के लिए भी उत्तरदायी हैं ।
पराली को जलाने से निकलने वाली ऊष्मा मृ दा के भीतर 1 सें टीमीटर तक प्रवे श करती है ,
जिससे उसका तापमान 33.8 से 42.2 डिग्री से ल्सियस तक बढ़ जाता है । यह उपजाऊ मृ दा के
लिए महत्वपूर्ण जीवाणु और कवक आबादी को नष्ट कर दे ती है । इसलिए कथन 2 सही है ।
फसल अवशे षों को जलाने से मृ दा की ऊपरी परत में मौजूद अन्य सूक्ष्म जीवों के साथ-साथ
इसकी जै विक गु णवत्ता को भी क्षति पहुंचती है । 'मित्र' सूक्ष्मजीवों के नष्ट होने से 'शत्रु'
कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है जिसके फलस्वरूप फसलों में रोग की सं भावना अधिक होती है ।
मृ दा की ऊपरी परतों की विले यता की क्षमता भी कम हो जाती है ।
एक रिपोर्ट के अनु सार, एक टन पराली जलाने से आर्गेनिक कार्बन के अतिरिक्त मृ दा के सभी
पोषक तत्व जै से 5.5 किलोग्राम नाइट् रोजन, 2.3 किलोग्राम फास्फोरस, 25 किलोग्राम
पोटे शियम और 1 किलोग्राम से अधिक सल्फर नष्ट हो जाते हैं ।
ू ण
फसल अवशे षों का दहन भारतीय दं ड सं हिता (IPC) की धारा 188 और वायु तथा प्रदष
नियं तर् ण अधिनियम 1981 के अं तर्गत एक अपराध है । हालां कि, सरकार द्वारा सही ढं ग से
इसका कार्यान्वयन नहीं किया गया है । इसलिए कथन 3 सही है ।
(a) ईंधन से ल से
(c) बायोडीजल से
(d) हाइब्रिड और इले क्ट्रिक वाहनों से
Q62.B
केंद्रीय पे ट्रोलियम और प्राकृतिक गै स तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मं तर् ी ने सं भावित
उद्यमियों की ओर से सार्वजनिक क्षे तर् क की ते ल विपणन कंपनियों (OMC) के साथ मिलकर
किफायती परिवहन के लिए टिकाऊ विकल्प(SATAT) नामक एक अभिनव पहल का शु भारं भ
किया है । इसका उद्दे श्य सं पीडित बायोगै स (CBG) उत्पादन सं यंतर् स्थापित करना और बाजार
में ऑटोमोटिव (मोटर वाहन) ईंधन के रूप में उपयोग के लिए CBG उपलब्ध कराना है । यह
बायोमास और जै विक कचरे के कुशल प्रबं धन के लिए एक वै कल्पिक, हरित परिवहन ईंधन है ।
बायोगै स प्राकृतिक रूप से कृषि अवशे षों, मवे शियों के गोबर, गन्ना का कम्पोस्ट (sugarcane
press mud), नगरपालिका ठोस अपशिष्ट, सीवे ज उपचार सं यंतर् अपशिष्ट आदि जै से
अपशिष्ट स्रोतों से अवायवीय अपघटन की प्रक्रिया के माध्यम से उत्पन्न होती है ।
् करण के बाद इसे सं पीड़ित किया जाता है और CBG के रूप में वर्णित किया जाता है ।
शु दधि
CBG में शु द्ध मीथे न की मात्रा 95% से अधिक होती है । सं पीडित बायोगै स अपनी सं रचना
और ऊर्जा क्षमता में व्यावसायिक रूप से उपलब्ध प्राकृतिक गै स के समान है । ऊष्मीय मान (~
52,000 KJ/kg) और CNG के समान अन्य गु णों के साथ, सं पीड़ित बायोगै स को एक
वै कल्पिक, नवीकरणीय ऑटोमोटिव ईंधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है ।
2. CITES कानूनी रूप से पक्षकारों के लिए बाध्यकारी है और यह राष्ट् रीय कानूनों का स्थान ग्रहण
करती है ।
3. CITES को सं युक्त राष्ट् र पर्यावरण कार्यक् रम (UNEP) के माध्यम से प्रशासित किया जाता है ।
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
Q63.C
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
Q 64.D
65. ट् रैफिक, वन्यजीव व्यापार निगरानी ने टवर्क के सं दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. इसे प्रकृति के सं रक्षण के लिए अं तर्राष्ट् रीय सं घ (IUCN) और सं युक्त राष्ट् र द्वारा स्थापित किया
गया था।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
Q65.B
ट् रैफिक (TRAFFIC) एक ऐसा सं गठन है जिसे 1976 में विश्व वन्यजीव कोष (WWF) और
अं तर्राष्ट् रीय प्रकृति सं रक्षण सं घ (IUCN) द्वारा वन्यजीव व्यापार निगरानी ने टवर्क के रूप में
स्थापित किया गया था, जो वन्यजीवों के व्यापार पर डे टा सं गर् ह, विश्ले षण और सूचित
निर्णय निर्माण के लिए अनु शंसाओं का प्रावधान करता है । इसलिए कथन 1 सही नहीं है ।
40 से अधिक वर्षों से TRAFFIC ने WWF और IUCN के सं युक्त कार्यक् रम के रूप व्यापार
अनु संधान में अग्रणी रूप से इस कार्य को किया है ।
वर्ष 2017 में TRAFFIC एक स्वतं तर् गै र-लाभकारी सं गठन बन गया, साथ WWF और IUCN
स्वतं तर् बोर्ड सदस्यों के साथ इसके निदे शक मं डल में सम्मिलित हुए। इसलिए कथन 2 सही
TRAFFIC, उद्दे श्यपूर्ण और विश्वसनीय जानकारी के प्रदाता में , वन्यजीव व्यापार और
सं रक्षण क्षे तर् में अपनी विशे षज्ञता और प्रभाव के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है । शे षज्ञ कर्मी
नवोन्मे षी परियोजनाओं को लागू करते हैं और वन्यजीव व्यापार चु नौतियों का समाधान करके
प्रकृति का एवं सं धारणीय विकास का समर्थन करने के मिशन को पूरा करने के लिए नए
उपकरण बनाते हैं ।
TRAFFIC का एक अं तरराष्ट् रीय ने टवर्क है , जिसमें (अफ् रीका, एशिया, यूरोप, उत्तरी और
दक्षिण अमे रिका) महाद्वीपों में कार्यालयों के साथ कैम्ब्रिज, यूनाइटे ड किंगडम में स्थित
ट् रैफिक इं टरने शनल शामिल है ।
66. प्रवासी प्रजातियों के सं रक्षण पर कन्वें शन (CMS) के सं बंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार
कीजिए:
1. CMS एकमात्र वै श्विक अं तर सरकारी सं गठन है जो विशे ष रूप से प्रवासी प्रजातियों के सं रक्षण
और प्रबं धन के लिए स्थापित किया गया है ।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
Q66.C
वन्य जं तुओं की प्रवासी प्रजातियों के सं रक्षण पर कन्वें शन (बॉन कन्वें शन; CMS) सं युक्त
राष्ट् र पर्यावरण कार्यक् रम के तत्वावधान में एक पर्यावरण सं धि है । इसलिए कथन 2 सही है ।
यह प्रवासी जं तुओं और उनके आवासों के सं रक्षण और सं धारणीय उपयोग के लिए एक
वै श्विक मं च प्रदान करता है । CMS एकमात्र वै श्विक और सं युक्त राष्ट् र-आधारित अं तर
सरकारी सं गठन है जो विशे ष रूप से स्थलीय जीवों, जलीय जीवों और पक्षियों की प्रवासी
प्रजातियों के सं रक्षण और प्रबं धन के लिए स्थापित किया गया है । इसलिए कथन 1 सही है ।
विलु प्त होने वाले सं कटग्रस्त प्रवासी प्रजातियों को इस कन्वें शन के परिशिष्ट | में सूचीबद्ध
किया गया है । CMS पक्षकार इन जं तुओं का सख्ती से सं रक्षण करने , उनके रहने वाले स्थलों
को सं रक्षित या पु नर्स्थापित करने , प्रवास में आने वाली बाधाओं को कम करने और उनके
समक्ष सं कट उत्पन्न करने वाले अन्य कारकों को नियं त्रित करने की दिशा में प्रयास करते हैं ।
कन्वें शन में शामिल होने वाले प्रत्ये क राज्य के लिए दायित्वों को स्थापित करने के
अतिरिक्त, CMS इन प्रजातियों में से कई प्रजातियों के रें ज वाले राज्यों (Range States) के
बीच ठोस कार्रवाई को बढ़ावा दे ता है ।
प्रवासी प्रजातियां जिन्हें अं तर्राष्ट् रीय सहयोग की आवश्यकता है अथवा जो इससे
महत्वपूर्ण रूप से लाभान्वित होंगी, उन्हें कन्वें शन के परिशिष्ट || में सूचीबद्ध किया गया है ।
इस कारण से , कन्वें शन वै श्विक या क्षे तर् ीय समझौतों को समाप्त करने के लिए प्रजातियों के
रें ज वाले राज्यों को प्रोत्साहित करता है ।
67. एक वृ क्ष के दो परस्पर निकटतम द्रमों के बीच की अधिक दरू ी किस बात का सं केत दे ती है ?
(a) अपे क्षतया शीतल जलवायु
(b) अपे क्षतया नम जलवायु
(c) हिमानियों का अग्रसर होना
(d) अपे क्षतया शु ष्क जलवायु
उत्तर-B
68. अग्रसर होती हुई हिमानियों का वृ क्षों के द्रुमों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
(a) ये सकेंद्रीय हो जाते हैं
(b) वृ त्तों की आकृति विकृत हो जाती है
(c) इनके बीच परस्पर दरू ी बढ़ जाती है
(d) कोई परिवर्तन नहीं होता
उत्तर-B
69. पृ थ्वी की धु री के झुकाव का कोण 22.1° से 24.5° के मध्य परिवर्तित होता रहता है । इस चक् रीय प्रक्रिया
की अवधि कितने वर्ष की है ?
(a) लगभग 21000 वर्ष
(b) लगभग 25000 वर्ष
(c) लगभग 36000 वर्ष
(d) लगभग 41000 वर्ष
उत्तर-D
75. जीवाश्म ईंधनों के प्रज्ज्वलन के पश्चात् भूमि उपयोग में परिवर्तन वायु मंडल में कार्बन-डाइ-ऑक्साइड के
ू रा सबसे महत्वपूर्ण कारक है । निम्नलिखित क्रियाओं में से कौन-सी क्रिया
बढ़ते हुए अनु पात के लिए दस
इसके लिए सबसे अधिक उत्तरदायी है ?
्
(a) प्रति हे क्टे यर उत्पादन बढ़ाने के लिए भूमि उपयोग की गहनता में वृ दधि
(b) बहु-फसली कृषि का बढ़ता हुआ स्तर
(c) सिं चित चावल की कृषि का बढ़ता हुआ विस्तार
(d) कृषि तथा अन्य उद्दे श्यों के लिए वनों का ह्रास
उत्तर-D
76. किसी पारितं तर् को प्रकार्यक बनाए रखने के लिए क्या आवश्यक नहीं है ?
(a) सूर्य का प्रकाश
(b) पादप समु दाय
(c) खनिज पदार्थ
(d) मांसाहारी जीव
उत्तर-D
77. किसी खाद्य शृं खला में पोषी स्तरों की सं ख्या को सीमित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक कौन-सा है ?
(a) प्रत्ये क स्तर पर खाद्य पदार्थ के स्वरूप में परिवर्तन होना
(b) प्रत्ये क स्तर पर उपलब्ध भोजन की मात्रा का घटते जाना
(c) प्रत्ये क स्तर पर जीवों की सं ख्या का बढ़ना
(d) प्रत्ये क स्तर पर जीवों का भोजन के लिए अधिकाधिक चयनात्मक होना
उत्तर-B
78. सामान्यतया खाद्य श्रखृं लाओं में ऊपरी पोषी स्तरों पर जीवों की सं ख्या घटती जाती है । इसका एक
महत्वपूर्ण अपवाद है :
् होना
(a) खाद्य शृं खला के अं त में एकाएक जै विक पदार्थ की मात्रा में वृ दधि
् होना
(b) खाद्य शृं खला के अं त में ऊर्जा की आपूर्ति में वृ दधि
(c) खाद्य शृं खला के अं त में अपघटकों की सं ख्या का अत्यधिक होना
(d) खाद्य श्रखृं ला का खाद्य जाल में परिवर्तित होना
उत्तर-C
80. किसी खाद्य श्रखृं ला में ऊपर के पोषी स्तरों पर जाते हुए ऊर्जा दक्षता में क्या परिवर्तन दे खने को मिलते हैं ?
(a) ऊर्जा दक्षता के घटने की प्रवृ त्ति पाई जाती है
(b) ऊर्जा दक्षता के बढ़ने की प्रवृ त्ति पाई जाती है
(c) ऊर्जा दक्षता लगभग स्थिर रहती है ।
(d) प्राथमिक स्तरों पर दक्षता बढ़ने की तथा अन्तिम चरणों में घटने की प्रवृ त्ति पाई जाती है
उत्तर-B
81. अने क जलीय पारितं तर् ों में जै व भार पिरामिड उल्टे हो जाते हैं । क्यों?
् की तथा खाए जाने की दर लगभग समान होती है , जिससे इस स्तर पर जै व भार की
(a) पादप प्लवकों की वृ दधि
मात्रा कम रहती है ।
(b) पादप प्लवकों को खाने वाली मछलियों की जीवन प्रत्याशा प्लवकों से अधिक होती है ।
(c) जलीय पारितं तर् ों में उत्पादकों की सं ख्या कम होती है ।
(d) ये पिरामिड उल्टे कभी नहीं होते
उत्तर-A
84. पं जाब तथा हरियाणा में भूजल में नाइट् रेट का अनु पात काफी ऊंचा पाया में जाता है । इसका प्रमु ख कारण
है :
(a) जलोढ़ मिट् टी में नाइट् रेट की अधिकता
(b) औद्योगीकरण तथा शहरीकरण का ऊँचा स्तर
(c) गहरी चट् टानों से नाइट् रेट का भू-जल में घु लना
(d) मिट् टी से नाइट् रेट का सतत् निक्षालन
उत्तर-D
87. कृषि पारितं तर् ों में कीटनाशक दवाओं के उपयोग से निम्नलिखित में से क्या नहीं होता?
ू ण
(a) भू-जल प्रदष
(b) मृ दा विकास प्रक्रिया में विघ्न
(c) पक्षियों की सं ख्या में कमी
(d) पादप प्रजातियों में कमी
उत्तर-D
92. समु दर् की सतह पर ते ल फैलने से समु दर् ी पक्षी क्यों मर जाते हैं ?
(a) ते ल लगी मछलियाँ खाने से
(b) जल में ऑक्सीजन की कमी होने से
(c) पीने के लिए स्वच्छ पानी की कमी से
(d) पं खों में ते ल भर जाने से शरीर का तापमान घटने से
उत्तर-D
93. यह माना जाता है कि सी एफ सी का उत्पादन बं द करने के पश्चात् भी ओजोन परत का ह्रास जारी है ।
क्यों?
(a) उत्पादन बं द होने के बाद भी पहले से उत्पादित सी एफ सी का उपयोग जारी है
(b) सी एफ सी काफी दीर्घ अवधि तक क्रियाशील बने रहते हैं
(c) सी एफ सी की प्रतिस्थापक गै सें भी ओजोन का ह्रास करती हैं
(d) सभी दे शों ने सी एफ सी के उत्पादन पर रोक नहीं लगाई है
उत्तर-B
95. वन क्षे तर् ों के अलग-थलग खं डों में बं ट जाने का क्या परिणाम हो सकता
(a) इससे वन्य जीवों पर विशे ष प्रभाव नहीं पड़ता जब तक वनों के अं तर्गत क्षे तर् फल में महत्वपूर्ण कमी न
आए
(b) वनों के इस पर विभाजित होने से वन्य जीवों की सु रक्षा बढ़ जाती
(c) किसी प्रकार की आपदा की परिस्थिति में वन्य जीव स्थानांतरण नहीं कर पाते और मर जाते हैं
् होती है
(d) इस प्रकार के विभाजन से जै व विविधता में वृ दधि
उत्तर-C
96. किसी पारितं तर् में जै व विविधता के अधिक होने का क्या परिणाम होता
(a) अधिक जै व विविधता पारितं तर् को मजबूत बनाती है ।
(b) जै व विविधता की अधिकता जीव-जं तुओं की सं ख्या पर अं कुश लगाती है
(c) अधिक जै व विविधता वाले पारितं तर् अधिक भं गुर होते हैं
(d) अधिक जै व विविधता पारितं तर् में ऊर्जा की मां ग को कम करती है
उत्तर-A
98. वर्ष 1883 के पश्चात् कराकटोआ द्वीप पर आरं भ होने वाला जै विक अनु क्रमण किस प्रकार का अनु क्रमण
था?
(a) प्राथमिक
(b) द्वितीयक
(c) मृ दीय
(d) मरुद्भिद
उत्तर-B
99. जै विक अनु क्रमण में प्रजातीय विविधता किस क् रमक में सर्वाधिक होती है ?
(a) पायनियर
(b) जलवायविक चरम
(c) जलवायविक चरम से कुछ पहले
(d) प्रजातीय विविधता तथा क् रमकों में कोई सं बंध नहीं होता
उत्तर-C
100. पारिस्थितिकी अध्ययन में सबसे छोटी इकाई को क्या कहा जाता है ?
(a) जीवोम
(b) बायोम
(c) पारिनिकेतन
(d) पारितं तर्
उत्तर-C
101. एक प्रकार्यक इकाई को, जिसमें विभिन्न जीव-जं तुओं के बीच अन्योन्य क्रिया के परिणामस्वरूप ऊर्जा
सं चरण होता है , क्या कहा जाता है ?
(a) जीवोम
(b) बायोम
(c) फॉर्मेशन क्लास
(d) पारितं तर्
उत्तर-D
102. एक ऐसी बृ हत इकाई को, जिसमें पादप तथा जं तु एक विशिष्ट प्रकार के पर्यावरण के साथ अनु कूलित है
तथा जिसमें वनस्पति का एक विशिष्ट जीवन स्वरूप होता है , क्या कहा जाता है ?
(a) पारिनिकेतन
(b) पारितं तर्
(c) जीवोम
(d) जलवायविक समु दाय
उत्तर-C
103. टै गा बायोम में मृ दा में जै विक पदार्थ की काफी बड़ी मात्रा पाई जाती है । इसका सबसे प्रमु ख कारण क्या
है ?
(a) वनों की अति ऊँची उत्पादकता
(b) वृ क्षों का बड़ी मात्रा में पत्ते गिराना
(c) निक्षालन की कमी
(d) निम्न तापमान के कारण जै विक अपघटन की दर का नीचा होना
उत्तर-D
104. शीत प्रदे शों में पाए गए जीव शीत निद्रा में क्यों जाते हैं ?
(a) ठं ड से बचने के लिए
(b) भोजन की आपूर्ति न होने के समय ऊर्जा बचाने के लिए
(c) प्रजनन के लिए
(d) उपरोक्त सभी उद्दे श्यों के लिए
उत्तर-B
106. ध्रुवीय भालू तथा ध्रुवीय लोमड़ी किस बायोम के जन्तु हैं ?
(a) टै गा वन
(b) टु ं ड्रा
(c) बोरियल वन
(d) शं कुधारी वन
उत्तर-B
108. भारत के किस क्षे तर् को जाति उद्भवन का स्रोत क्षे तर् कहा जाता है ?
(a) पश्चिमी घाट
(b) पूर्वी हिमालय
(c) पश्चिमी हिमालय
(d) सुं दरवन
उत्तर-B
111. प्रवाल भित्तियों के 50 मी. से अधिक गहराई पर न पनपने का प्रमु ख कारण क्या है ?
(a) इससे अधिक गहराई पर तापमान कम होना
(b) अधिक गहराई पर लवणता का अधिक होना
(c) अधिक गहराई पर सूर्य के प्रकाश का न पहुँचना
(d) अधिक गहराई पर जल में गतिशीलता अधिक होना
उत्तर-C
112. बड़ी नदियों के मु हानों के आस-पास प्रवाल भित्तियाँ नहीं पाई जाती अथवा उनकी निरं तरता भं ग हुई
पाई जाती है । इसका प्रमु ख कारण है :
(a) नदियों द्वारा अवसादों का लाया जाना
(b) इन क्षे तर् ों में लवणता का कम होना
(c) इन क्षे तर् ों में जल के बहाव का समु दर् की ओर होना
(d) इन क्षे तर् ों में तापमान का बढ़ना
उत्तर-A
113. भारत के किस प्रदे श को पांच प्रकार के पामों की उत्पत्ति का क्षे तर् माना जाता है ?
(a) पूर्वी हिमालय
(b) पश्चिमी घाट
(c) अं डमान-निकोबार द्वीप समूह
(d) पश्चिम हिमालय
उत्तर-A
114. नामदाफा क्षे तर् में पाया जाने वाला एक स्थानिक प्राणी है :
(a) उड़ने वाली गिलहरी
(b) रिडलीज टर्टल
(c) नदियों में रहने वाली डॉल्फिन
(d) लायन-टे ल मै कॉक
उत्तर-A
115. पूर्वी हिमालय से बाहर ऑर्कि ड की ऊँची स्थानिकता वाला एक प्रमु ख क्षे तर् हैं :
(a) पश्चिमी हिमालय
(b) मध्य भारत के मानसून वन
(c) पश्चिमी घाट
(d) पूर्वी घाट
उत्तर-C
116. भारत में पाए जाने वाले जं गली गधे की आश्रय स्थली किस प्रकार की है ?
(a) शीतोष्ण घास भूमि
(b) अर्द्ध-मरुस्थलीय वन
(c) लवणीय घास भूमि
(d) लवणीय दलदली क्षे तर्
उत्तर-C
117. जं गली गधे की आश्रय स्थली किस मानवीय क्रिया से सर्वाधिक प्रभावित हो रही है , जिससे इस
प्रजाति का अस्तित्व खतरे में है ?
(a) पशु चारण
(b) कृषि
(c) नमक उत्पादन
(d) परिवहन तं तर् का विकास
उत्तर-C
Q1. पीएम मोदी ने किस राज्य में सावरा-कुड्डू जलविद्यु त परियोजना का उद्घाटन किया है ?
(a) गुजरात
(b) उत्तर प्रदे श
(c) हिमाचल प्रदे श
(d) महाराष्ट्र
उत्तर (सी)
Q2. किस राज्य के मु ख्यमंतर् ी ने 'कौशल रोजगार निगम' पोर्टल लॉन्च किया है ?
(a) हरियाणा
(b) बिहार
(c) राजस्थान
(d) असम
उत्तर (ए)
Q3. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के कार्यान्वयन में किस राज्य ने प्रथम स्थान प्राप्त किया
है ?
(a) बिहार
(b) असम
(c) तमिलनाडु
(d) तेलंगाना
उत्तर (d)
Q4. किस दे श ने मिनीबस की तरह दिखने वाला दु निया का पहला डुअल-मोड वाहन (DMV) पेश
किया है जो सड़कों और पटरियों पर चल सकता है ?
(a) वियतनाम
(b) चीन
(c) मले शिया
(d) जापान
उत्तर (डी)
Q5. प्रधानमंतर् ी नरें द्र मोदी ने ________ पर ब्लॉकचे न-आधारित डिजिटल डिग्री लॉन्च की।
(a) आईआईटी दिल्ली
(b) आईआईटी कानपुर
(c) आईआईटी बॉम्बे
(d) आईआईटी रुड़की
Ans (बी)
Q6. वर्ष 2019–20 के लिए राज्य स्वास्थ्य सूचकांक के NITI Aayog के चौथे संस्करण में बड़े राज्यों
में कौन सा राज्य शीर्ष पर है ?
(a) तमिलनाडु
(b) कर्नाटक
(c) केरल
(d) आंध्र प्रदे श
उत्तर (सी)
Q7. निम्नलिखित में से किस दे श ने हाल ही में "ज़ियु आन-1 02 ई" या "पांच मीटर ऑप्टिकल
उपग्रह 02" लॉन्च किया है ?
(a) इंडोने शिया
(b) दक्षिण कोरिया
(c) मंगोलिया
(d) चीन
उत्तर (डी)
Q9. हाल ही में , हॉकी इंडिया जूनियर पु रुष राष्ट्रीय चै म्पियनशिप के किस संस्करण को ________
द्वारा ताज पहनाया गया था।
(a) हरियाणा
(b) चंडीगढ़
(c) उत्तर प्रदे श
(d) ओडिशा
उत्तर (सी)
Q10. भु वने श्वर, ओडिशा में संपन्न हुई चौथी पैरा-बै डमिंटन राष्ट्रीय चैं पियनशिप में डबल गोल्ड
किसने जीता है ?
(a) मनोज सरकार
(b) प्रमोद भगत
(c) तरुण ढिल्लों
(d) नितेश कुमार
उत्तर (d)
Q11. 255,700 पंजीकृत EVs के साथ कौन सा राज्य शीर्ष स्थान पर है ?
(a) गु जरात
(b) कर्नाटक
(c) तमिलनाडु
(d) उत्तर प्रदे श
Ans.(d)
Q12. वै श्विक स्वास्थ्य सुरक्षा (GHS) सूचकांक 2021 में भारत की रैं क क्या था?
(a) 49
(b) 55
(c) 66
(d)74
Ans.(c)
Q13. भारत को 2022-2023 के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुद ्री संगठन परिषद के लिए फिर से चुना गया है ।
अंतर्राष्ट्रीय समुद ्री संगठन (IMO) का मु ख्यालय कहाँ है ?
(a) मले शिया, कुआलालं पुर
(b) जकार्ता, इं डोने शिया
(c) शं घाई, चीन
(d) लं दन, यूनाइटे ड किंगडम
Ans.(d)
Q15. अबू धाबी जीपी 2021 में अपना पहला फॉर्मूला वन ड्राइवर्स चैं पियनशिप खिताब किसने जीता है ?
(a) सर्जियो पे रेज़
(b) एस्टे बन ओकोन
(c) मै क्स वे रस्टै पे न
(d) वाल्टे री बोटास
Ans.(c)
Q16. भारत ने एशियाई रोइंग चैं पियनशिप में दो स्वर्ण और 4 रजत पदक सहित कुल छह पदक जीते हैं ।
एशियाई रोइंग चै म्पियनशिप 2021 _________ में आयोजित की गई थी।
(a) वियतनाम
(b) थाईलैं ड
(c) इं डोने शिया
(d) मले शिया
Ans.(b)
Q17. " Watershed: How We Destroyed India’s Water And How We Can Save It " नामक नई
पु स्तक किसने लिखी है ?
(a) मृ दुला रमे श
(b) अमित रं जन
(c) सु भद्रा से न गु प्ता
(d) भास्कर चट् टोपाध्याय:
Ans.(a)
Q18. हाल ही में श्री काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के चरण 1 के हिस्से के रूप में कितने भवनों का
उद्घाटन किया गया?
(a) 16
(b) 19
(c) 28
(d) 23
Ans.(d)
Q21. सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन भारत के प्रधानमंतर् ी नरें द्र मोदी ने निम्नलिखित में से
किस राज्य में किया है ?
(a) गु जरात
(b) कर्नाटक
(c) तमिलनाडु
(d) उत्तर प्रदे श
Ans.(d)
Q22. किस केंद्र शासित प्रदे श की पु लिस ने प्रमुख योजना 'यु वा' के तहत स्कू ल छोड़ने वालों के कौशल
के लिए एक ई-लर्निंग प्ले टफॉर्म "उन्नति" लॉन्च किया है ?
(a) जम्मू और कश्मीर
(b) दिल्ली
(c) लक्षद्वीप
(d) पु डुचे री
Ans.(b)
Q23. आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) के तहत सबसे अधिक लाभार्थियों वाले राज्य की
सूची में कौन सा राज्य शीर्ष पर है ?
(a) पश्चिम बं गाल
(b) झारखं ड
(c) महाराष्ट् र
(d) छत्तीसगढ़
Ans.(c)
Q24. वाणिज्य और उद्योग मंतर् ालय के तहत भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री (GIR) ने किस राज्य के
मिथिला मखाना की भौगोलिक पहचान (GI) टै ग को बनाए रखने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है ?
(a) राजस्थान
(b) उत्तराखं ड
(c) उत्तर प्रदे श
(d) बिहार
Ans.(d)
Q25. निम्नलिखित में से कौन 100% पे परलेस होने वाली दु निया की पहली सरकार बन गई है ?
(a) दुबई, सं युक्त अरब अमीरात
(b) लॉज़े न, स्विट् ज़रलैं ड
(c) मॉन्ट्रियल, कनाडा
(d) कुआलालं पुर, मले शिया
Ans.(a)
Q27. ET BFSI एक्सीलें स अवार्ड्स 2021 में किस बैं क ने दो पुरस्कार जीते हैं ?
(a) यस बैं क
(b) आरबीएल बैं क
(c) एचएसबीसी बैं क
(d) डीबीएस बैं क
Ans.(d)
Q28. टाइम पत्रिका द्वारा 2021 के लिए 'पर्सन ऑफ द ईयर' किसे चुना गया है ?
(a) जो बिडे न
(b) इलॉन मस्क
(c) व्लादिमीर पु तिन
(d) जे फ बे जोस
Ans.(b)
Q29. किस संगठन ने हे लीकॉप्टर से प्रक्षे पित स्टैं ड-ऑफ एंटी टैं क (SANT) मिसाइल का परीक्षण किया
है ?
(a) भारतीय से ना
(b) हिं दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटे ड
(c) डीआरडीओ
(d) रक्षा अनु संधान और विकास प्रयोगशाला
Ans.(c)
Q30. ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए क्षारीय इले क्ट्रोलाइज तकनीक को बढ़ाने के लिए भाभा परमाणु
अनुसंधान केंद्र (BARC) के साथ किस कं पनी ने समझौता किया है ?
(a) इं डियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटे ड
(b) रिलायं स इं डस्ट् रीज
(c) ते ल और प्राकृतिक गै स निगम
(d) भारत पे ट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटे ड
Ans.(d)
Q31. लंबी दूरी की सु परसोनिक मिसाइल असिस्टे ड टॉरपीडो (स्मार्ट ) का ओडिशा के बालासोर तट से
सफल परीक्षण किया गया। स्मार्ट हथियार प्रणाली किस दे श द्वारा विकसित की गई है ?
(a) रूस
(b) भारत
(c) यूएसए
(d) इज़राइल
Ans.(b)
Q32. BCCI ने _________ की अध्यक्षता में अलग-अलग-एबल्ड क्रिकेट समिति के गठन की घोषणा
की।
(a) सु नील गावस्कर
(b) रोहित शर्मा
(c) सौरव गां गुली
(d) जय शाह
Ans.(c)
Q33. किस दे श ने उपग्रहों का एक नया समूह "शिजियन -6 05" अंतरिक्ष में लॉन्च किया है ?
(a) चीन
(b) जापान
(c) दक्षिण कोरिया
(d) वियतनाम
Ans.(a)
Q34. किस परियोजना ने सांस्कृतिक विरासत संरक्षण 2021 के लिए 2 यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार
जीते हैं ?
(a) बान खु न फिथक राया, पट् टानी, थाईलैं ड
(b) डोले श्वर हनाफिया जामे मस्जिद, ढाका, बां ग्लादे श
(c) मृ गदायवन पै लेस वु डशॉप, फेचबु री, थाईलैं ड
(d) निजामु द्दीन बस्ती, नई दिल्ली, भारत
Ans.(d)
Q35. न्यूजीलैं ड के एजाज पटे ल ने एक पारी में सभी 10 विकेट लेने के लिए टे स्ट क्रिकेट में ______
गें दबाज बनकर इतिहास रच दिया।
(a) तीसरे
(b) चौथे
(c) सातवें
ू रे
(d) दस
Ans.(a)
Q36. कैम्ब्रिज डिक्शनरी ने हाल ही में निम्नलिखित में से किसे वर्ड ऑफ द ईयर 2021 नामित किया
है ?
(a) Perseverance
(b) Clarity
(c) Vision
(d) NFT
Ans.(a)
Q37. भारत और यूरोपीय संघ (EU) अपनी स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु साझे दारी को बढ़ाने पर सहमत हुए
हैं । वे संयुक्त रूप से ______ तक विस्तृ त कार्य कार्यक् रम पर सहमत हुए।
(a) 2022
(b) 2023
(c) 2024
(d) 2025
Ans.(b)
Q39. भारतीय रिजर्व बैं क (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, किस राज्य ने महाराष्ट्र को पीछे छोड़ते हुए दे श
का प्रमुख विनिर्माण केंद्र बना दिया है ?
(a) मध्य प्रदे श
(b) गु जरात
(c) उत्तर प्रदे श
(d) तमिलनाडु
Ans.(b)
Q40. 'द मिडवे बैटल: मोदीज रोलर-कोस्टर से केंड टर्म' नामक पु स्तक किसके द्वारा लिखित है ।
(a) गौतम चिं तामणि
(b) विपु ल वर्मा
(c) विपिन अरोड़ा
(d) शिखर सूद
Ans.(a)