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BIOTECHNOLOGY
BIOTECHNOLOGY
➔ सजीवों का, जैविक क्रियाओ ं का, जैविक उत्पादों का मानव कल्याण में उपयोग
➔ इसमें जैविक पदार्थों, पेड़-पौधे, जिव-जंतु आदि के माध्यम से नई टेक्नोलॉजी का प्रयोग
करके विभिन्न खाद्यपदार्थ, औषधि एवं ऐसी किस्म की प्रजातियां या बीज पैदा करना होता
है जिसके माध्यम से कम लगात में ज़्यादा उत्पादन हो |
➔ किसी विशेष उत्पादों या पदार्थों को विकसित करने या बनाने के लिए जीवित प्रणालियों
और जीवों का उपयोग किया जाता है, उसे बायोटेक्नोलॉजी कहते हैं।
1. बायोटेक्नोलोजी के प्रकार
2. बायोटेक का इतिहास
3. जेनेटिक इं जीनियरिं ग
5. PCR
6. DNA Fingerprinting
8. Transgenic organisms
9. Applications of Biotech- फ्लेवर साबर टमाटर, बीटी फसलें, गोल्डन राईस आदि
11. क्लोन
Flavor Savr tomato-
1. कैलिफॉर्निया की कम्पनी केलेगेन (Calgene) द्वारा 1992 में तैयार किया गया
2. यह मानव उपभाेग के लिए स्वीकृति प्राप्त प्रथम GMO था जिसका उत्पादन 1994
से प्रारम्भ हुआ
3. Genetic Change- एं जाइम पॉली गेलेक्टूरोनेज के उत्पादन में कमी कराई गई
Fungal Resistance
Golden rice-
➔ यह एक GMO है
➔ इसे सन् 2000 में इं गो पोट्राइकस व पीटर बेयर ने तैयार किया
➔ डे फोडिल पौधे से दो जीन (फायोटिन सिन्थेज व लायकोपिन सायक्लेज) और
➔ जीवाणु इरवीनिया से फायोटिन डिसेचुरेज जीन को क्लोन किया।
➔ इन तीन जीनों को जैव-प्रौद्योगिकी की तकनीक से धान के भीतर डालकर उन्होंने
➔ जी॰एम॰ धान की गोल्डन राइस वैरायटी बनाई।
➔ इस किस्म के एक किलोग्राम चावलों में ~8 मिलीग्राम बीटा कैरोटिन
➔ पाया जाता है जिससे इनका रंग पीला-सुनहरा दिखता है।
➔ यदि मनुष्य इस धान को खाए तो उनके शरीर के भीतर बीटा कैरोटिन से
➔ विटामिन-ए बन जाता है।
➔ फिलिपींस पहला देश है जिसमें गोल्डन राईस के व्यापारिक उत्पादन को प्रारम्भ किया
है
BT crops- BT कॉटन, BT बैंगन आदि- कीट प्रतिरोधी किस्में
➔ न्यूक्लिक अम्लों की खोज वैज्ञानिक फ्रेडरिक मिशर द्वारा मवाद कोशिकाओ ं में की गई।
➔ न्यूक्लिक अम्ल दो प्रकार के होते है - DNA तथा RNA
DNA -
➔ सभी उच्च जीवों में आनुवांशिक पदार्थ के रूप में DNA पाया जाता है, परन्तु
➔ रेट्रो वायरस (HIV) तथा कुछ पादप वायरसों में आनुवांशिक पदार्थ के
➔ रूप में RNA भी पाया जाता है।
➔ पृथ्वी का प्रारंभिक वातावरण ऐसे जीवों से युक्त था जिनमें आनुवांशिक पदार्थ के
➔ रूप में RNA पाया जाता था।
➔ DNA को शरीर की आत्मा कहा जाता है।
➔ DNA का प्रयोगशाला में प्रथम संश्लेषण डॉ. हरगोविन्द खुराना द्वारा किया गया।
➔ DNA दो लडियों का बना हुआ होता है। इस बात की पुष्टि वैज्ञानिक वाटसन
➔ तथा क्रिक द्वारा की गई।
➔ DNA का द्विरज्जुकी मॉडल सन 1953 में वाटसन तथा क्रिक द्वारा दिया गया।
➔ डी ऑक्सी राइबोज शर्क रा में राइबोज शर्क रा की तुलना में दूसरे कार्बन पर
➔ न्यूक्लिओसाइड में जब फास्फेट समूह जुड जाए तो न्यूक्लिओटाइड का निर्माण होता है।
➔ DNA में दोनो लडियां एक दूसरे के प्रति समानान्तर पाई जाती है अर्थात यदि
को उसी नाम से जाना जाता है अर्थात यदि 5वां Carbon मुक्त है, तो किनारे को 5’
➔ A तथा T के मध्य का बंध द्विबंध होता है तथा C तथा G के मध्य त्रिबंध होता है।
➔ ऊपर तथा नीचे के न्यूक्लिओटाइड आपस में फास्फो - डाइ - एस्टर बंध द्वारा जुडे होते है।
➔ यह बंध हमेशा 5वें तथा तीसरे कार्बन के मध्य लगता है।
➔ DNA अणु का व्यास 20 A° होता है। (1 A° = 10-10 m)
➔ DNA के एक कुण्डल में न्यूक्लिओटाइड जोडों की संख्या 10 होती है। अर्थात कुल 20
न्यूक्लिओटाइड पाए जाते है।
➔ ऊपर तथा नीचे की जोडों के मध्य दूरी 3.4 A° होती है। अर्थात पूरे कुण्डल की
➔ लम्बाई 34 A° होती है।
➔ हमारी एक कोशिका में पाए जाने वाले DNA में 6.6×109 न्यूक्लिओटाइड जोडे (युग्म)
पाए जाते है। प्रत्येक के बीच की दूरी = 3.4 A°
➔ अत: मनुष्य की एक कोशिका में लगभग 2.2 m लम्बा DNA पाया जाता है।
➔ मुख्य DNA कोशिका के केन्द्रक में पाया जाता है जबकि कोशिका में माइट्रोकॉण्ड्रिया
तथा हरितलवक में भी DNA पाया जाता है।
➔ कोशिका/पादप कोशिका में DNA - 3 स्थान पर (केन्द्रक + माइट्रोकॉण्ड्रिया +
हरितलवक)
➔ जन्तु कोशिका में DNA - 2 स्थान पर (केन्द्रक + माइट्रोकॉण्ड्रिया)
DNA/RNA में अं तर-
1. DNA में डीऑक्सी राईबोज शर्क रा जबकि RNA में राईबोज शर्क रा पाई जाती है ।
की कमी होती है ।
3. डी.एन.ए द्विरज्जुकी होता है जबकि आर.एन.ए. एक लडी वाला यानि एकल रज्जुकी
होता है ।
5. अधिकांश जीवों में आनुवांशिक पदार्थ की भूमिका डी.एन.ए. निभाता है जबकि बायरस में
आनुवांशिक पदार्थ की भूमिका या तो डी.एन.ए या आर.एन.ए. निभाता है ।
SS RNA- Retro virus (HIV, Corona virus, Rhabdo virus, Orthomyxo virus)
मनुष्य में 23 जोडी या 46 गुणसूत्र पाये जाते हैं जिनमें से प्रारम्भिक 22 जोडी या 44 गुणसूत्र
ऑटोसोम/कायिक गुणसूत्र/अलिं गसूत्र कहलाते हैं ।
23 वां जोडा एलोसोम या लिं ग गुणसूत्र कहलाता है जो कि लिं ग निर्धारण के लिए जिम्मेदार
होता है ।
मनुष्य में कुल 23 जोडी अर्थात 46 गुणसूत्रों पर लगभग 30 हजार जीन पाये जाते हैं
प्रत्येक गुणसूत्र पर प्रोटीन का आवरण पाया जाता है जिसे पेलिकल कहते हैं ।
प्रत्येक क्रोमेटिड जिस बिन्दु पर जुडे रहते हैं उसे गुणसूत्र विन्दु या सेन्ट्रोमियर कहते हैं।
प्रत्येक क्रामेटिड में दो धागे के जैसी गुथी हुई संरचनाएं होती हैं जिन्हें वर्णसूत्र या क्रोमोनिमेटा
कहते हैं ।
कहलाती हैं।
कुछ गुणसूत्रों में प्राथमिक खांच के अलावा एक और संकरा भाग होता है जिसे द्वितीयक
संकीर्णन कहते हैं
जिन गुणसूत्रों में द्वितीयक संकीर्णन पाया जाता है उन्हें सैटल
े ाईट गुणसूत्र या SAT
Chromosome/ अनुषंगी कहा जाता है ।
नर लक्षणों के लिए Y गुणसूत्र पर पाया जाने वाला जीन स्तनधारियों में Sry एवं मानव में
SRY जीन कहलाता है ।
गुणसूत्रों के अभिरंजन के लिए सामान्यत: एसिटोकारमीन डाई का प्रयोग किया जाता है।
सर्वाधिक गुणसूत्र ओफियोग्लोसम नामक टेरि डोफाइट (फर्न) में पाये जाते हैं -1260 सबसे
कम गुणसूत्र जेक जंपर चींटी में पाये जाते हैं- 2(मादा) , अगुणित 1 (नर)
Genetic Engineering/आनुवांशिक अभियांत्रिकी
➔ किसी जीव की जीनीय संरचना में बदलाव करके नये लक्षण प्राप्त करना Genetic
Engineering कहलाता है ।
➔ आनुवांशिक अभियांत्रिकी का जनक पॉल बर्ग को कहा जाता है ।
➔ कृत्रिम डी.एन.ए. का आविष्कार हरगोविन्द खुराना व कॉर्न बर्ग ने किया।
➔ कृत्रिम आर.एन.ए. का आविष्कार कोकोआ द्वारा किया गया ।
➔ किसी जीव के डी.एन.ए. में बदलाव लाना अथवा किसी जीव के डी.एन.ए. में किसी अन्य
जीव के डी.एन.ए. को जोडने की प्रकिया को पुन: संयोजी डी.एन.ए. तकनीक कहा जाता
है । (Recombinant DNA Technology)
➔ पुनर्संयोजी डी.एन.ए. तकनीक के जन्मदाता स्टन
े ले कोहेन व हरबर्ट बोयर हैं (1972)
1. Enzymes-
➔ कोशिका भित्ति को गलाने के लिए निम्न एं जाइम काम में लिए जाते हैं
➔ कोशिका झिल्ली को गलाने के लिए फास्फेटेज, लाइपेज व प्रोटिएज एं जाइम काम में
लिये जाते हैं ।
➔ केन्द्रक झिल्ली को गलाने के लिए भी फास्फेटेज, लाइपेज व प्रोटिएज एं जाइम काम में
लिये जाते हैं ।
उदा. ATTCGGCTTA
Tools of Genetic Engineering/आनुवांशिक अभियांत्रिकी
Note -
➔ रेस्ट्रिक्शन एं जाइम के बारे में सर्वप्रथम 1960 में बेरनर अरबेर ने बताया
➔ नाथन्स व स्मिथ ने 1970 में इन्हें आइसोलेट किया
➔ 1978 में बेरनर, नाथन्स व स्मिथ को रेस्ट्रिक्शन एं डोन्यूलिएज की खोज के लिए नोबल
1. DNA से DNA के निर्माण के लिए डी.एन.ए. निर्भर डी.एन.ए. पॉलीमरेज एं जाइम काम में
लिया जाता है । (DNA Replication/डी.एन.ए. प्रतिकृतिकरण)
2. DNA से RNA के निर्माण के लिए डी.एन.ए. निर्भर आर.एन.ए. पॉलीमरेज एं जाइम काम में
लिया जाता है । (अनुलेखन/Transcription)
3. जिन विषाणुओ ं में आनुवांशिक पदार्थ आर.एन.ए. होता है उनमें व्युत्क्रम अनुलेखन
(Reverse Transcription ) की क्रिया द्वारा आर.एन.ए. से डी.एन.ए. बनता है जिसमें
आर.एन.ए. निर्भर DNA Polymerase Enzyme का प्रयोग होता है जिसे रिवर्स ट्रांसक्रिप्टज
े
एं जाइम भी कहते हैं ।
1. प्लाज्मिड
2. कॉस्मिड
➔ जीवाणु में मुख्य डी.एन.ए. के अतिरिक्त गुणसूत्रीय डी.एन.ए. को प्लाज्मिड कहते हैं ।
➔ ट्यूमर के उपचार में एग्रोबैक्टीरियम ट्यूमिफेशिएन्सिस जीवाणु से प्राप्त प्लाज्मिड का
उपयोग किया जाता है ।
➔ PBR-322 एक विख्यात प्लाज्मिड है जिसे बॉलीवर व रॉडरिज बैज्ञानिक द्वारा प्रयोग
संख्या 322 के दौरान बनाया ।
➔ कॉस्मिड भी एक कृत्रिम प्लाज्मिड होता है ।
➔ प्लाज्मिड जीवाणु को प्रतिजैविकों/एं टीबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोध की क्षमता प्रदान
करता है ।
नोट- एक अच्छा वाहक आकार में छोटा, आसानी से डी.एन.ए. से जुडने की क्षमता रखने
वाला, रिपोर्टर जीन, मिथाइलेज एं जाइम युक्त व प्रतिकृति की क्षमता से युक्त होता है ।
3. DNA के प्रकार