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दै ननक
क्लास नोट् स
Saksham BPSC
सामान्य निज्ञान

Lecture – 20
प्रजनन प्रणाली

सक्षम (Saksham) BPSC


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प्रजनन प्रणाली
आर.एन.ए. (RNA)-:
आर.एन.ए. के अणु मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं-
1. राइबोसोमल (r-RNA),
2. संदेशवाहक (m-RNA) तथा
3. स्थानांतरण (t-RNA)
1. r- RNA (Ribosomal RNA): ये अणु राइबोसोम्स के घटक होते हैं, जो कक प्रोटीन-संश्लेषण में सहायता करते हैं।
2. m-RNA (Messenger RNA): ये अणु केंद्रक के बाहर किकिन्न आदे श लेकर अमीनो अम्ों के चयन में सहायता
करते हैं।
3. t- RNA (Transfer RNA): ये प्रोटीन संश्लेषण के कलए किकिन्न प्रकार के अमीनों अम्ों को राइबोसोम पर लाते हैं,
जहां प्रोटीन का कनमााण होता है।
गुण सूत्र (Chromosome)
❖ मानि शरीर कोकशकाओं से बना होता है और इन कोकशकाओं में गुणसूत्र या क्रोमोजोम्स होते हैं।
❖ गुणसूत्रों को मानि के आनुिंकशक गुणों का िाहक माना जाता है। प्रत्येक प्रजाकत में गुणसूत्रों की संख्या कनकित रहती
हैं।
❖ स्तनधारी जीिों में कलंग कनधाारण करने िाले दो गुणसूत्रों - एक्स (X) गुण सूत्र और िाई (Y) गुणसूत्र की िूकमका होती है।
पुरुषों में एक Y और एक X गुण सूत्र होता है, जबकक मकहलाओं में दो X गुणसूत्र होते हैं।
❖ मानव कोशशका में गुणसूत्रों की
संख्या 46 होती है जो 23 के
जोडे में होते हैं। इनमें से 22
गुणसूत्र नर और मादा मे समान
और अपने-अपने जोडे के
समजात होते हैं। इन्हें सम्मिकलत
रूप से समजात गुणसूत्र
(Autosomes) कहते हैं। 23 िें
जोडे के गुणसूत्र स्त्री और पुरूष में
समान नही होते कजन्हे शवषमजात
गुणसूत्र (heterosomes) कहते
हैं।
❖ ककसी कपता का Y गुणसूत्र कबना ककसी बदलाि के उसके पुत्रों में जाता है। इसकलए, Y गुणसूत्र के अध्ययन से ककसी िी
पुरुष के कपतृिंश समूह का पता लगाया जा सकता है।
गुणसूत्र की संरचना में दो पदाथथ शवशेषत: संशमशलत रहते हैं-
(1) किआक्सीररबोन्यूक्लीइक अम् (Deoxyribonucleic acid) या िी एन ए (D N A), तथा
(2) कहस्टोन (Histone) नामक एक प्रकार का प्रोटीन।

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मनुष्य में शलंग शनर्ाथरण (Sex Determination in Human Beings)-


❖ मनुष्य में िी XX-XY गुणसूत्रों द्वारा कलंग कनधाारण होता है।
❖ नर युग्मक (शुक्राणु) कनमााण के समय दोनों कलंग गुणसूत्र शुक्राणुओं में चले जाते हैं। इस प्रकार पुरुषों में दो प्रकार के
शुक्राणु (sperms) बनते हैं—
➢ 22+X गुणसूत्र वाले तथा
➢ 22+Y गुणसूत्र वाले
❖ इसके किपरीत म्मस्त्रयों में सिी युग्मक
समान होते हैं अथाात् प्रत्येक युग्मक
(अण्डाणु) में 22+X गुणसूत्र ही होते
हैं।
❖ यकद 22+X गुणसूत्र िाला शुक्राणु
मादा के 22+X गुणसूत्र िाले अण्डे को
कनषेकचत करता है तो मादा सन्तान का
जन्म होता है और यकद 22+Y गुणसूत्र
िाला शुक्राणु 22+X गुणसूत्र िाले
अण्डे को कनषेकचत करता है तो नर
सन्तान का जन्म होता है।
कोशशका शवभाजन
❖ कजस जैकिक प्रककया (Biological Process) द्वारा एक कोकशका कििाकजत होकर दो या दो से अकधक कोकशकाएँ
उत्पन्न करती हैं उसे कोकशका कििाजन (Cell division) कहते हैं।
❖ कोकशका-कििाजन िस्तुतः कोकशका चक्र (cell cycle) का एक चरण है। कििाकजत होने िाली कोकशका मातृकोकशका
एिं कििाजन के फलस्वरूप बनने िाली कोकशकाएँ पुत्री कोकशका कहलाती हैं।
❖ कोकशका कििाजन द्वारा ही जीिों के शरीर का िृम्मि और किकास होता है। इस कक्रया के फलस्वरूप ही घाि िरते हैं।
प्रजनन एिं क्रम किकास के कलए िी कोकशका-कििाजन की कक्रया आिश्यक है।
❖ लैंकगक प्रजनन करनेिाला प्रत्येक प्राणी अपना जीिन कोकशका अिस्था से ही आरं ि करता है। कोकशका अंिा होती है
और इसके कनरं तर कििाजन से बहुत सी कोकशकाएँ उत्पन्न हो जाती हैं।
❖ कोकशका कििाजन की कक्रया उस समय तक होती रहती है जब तक प्राणी िली िाँकत किककसत नहीं हो जाता।
❖ कोकशका कििाजन की प्रकक्रया में कोकशका का कजनोम (genome) अपररिकतात रहता है।
कोशशका शवभाजन
1. सूत्री शवभाजन (Mitosis)
2. अर्द्थ सूत्री शवभाजन (Meiosis)
सूत्री शवभाजन (Mitosis)
❖ गुणसूत्रों में किी बदलाि नहीं आता।
अमीषा

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अर्द्थ सूत्री शवभाजन (Meiosis)


❖ माता-कपता से कनषेचन में केिल आधे गुणसूत्र शाकमल होते हैं।
मानि
सूत्री तथा अर्द्थ सूत्री शवभाजन में अन्तर (Difference Between Mitosis and Meiosis)
सूत्री शवभाजन (Mitosis)
❖ यह दै कहक कोकशकाओं में होता है।
❖ गुणसूत्रों की संख्या पुत्री कोकशकाओं में मातृ कोकशकाओं के समान हुआ करती है।
❖ इसके पररणामस्वरूप लैंकगक जनन हुआ करता है।
अर्द्थ सूत्री शवभाजन (Meiosis)
❖ यह जनन कोकशकाओं में होता है।
❖ गुणसूत्रों की संख्या पुत्री कोकशकाओं में मातृ कोकशकाओं की अपेक्षा कम होकर आधी रह जाया करती है।
❖ इसके पररणामस्वरूप शरीर में िृम्मि हुआ करती है।

प्रजनन (Reproduction)-
❖ सजीिों की िह प्रकक्रया कजसके द्वारा जीिधारी अपने समान संतकत (नए जीि) को जन्म दे ता है, प्रजनन कहलाती है।
प्रजनन (Reproduction)-
1. अलैंशगक प्रजनन
2. लैंशगक प्रजनन
अलैंशगक प्रजनन
❖ कजसमें एकल माता - कपता होते हैं।
अमीबा

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लैंशगक प्रजनन
❖ शुक्राणु और अण्डाणु की आिश्यकता होती है।
शनषेचन:
❖ इस घटना की किशेषता शुक्राणु और किं ब का संलयन है।
❖ यह घटना फैलोकपयन ट्यूब के अंदर होती है जो मकहला प्रजनन प्रणाली का एक कहस्सा है।
❖ युग्मनज का कनमााण कनषेचन के बाद होता है।
❖ कनषेचन की कक्रया के फलस्वरूप जाइगोट (Zygote) का कनमााण होता है. इसके पिात् जाइगोट में किदलन
(Cleavage) की कक्रया के पिात् भ्रूण (Embryo) का कनमााण होता है, जो आगे िृम्मि करके प्रौढ़ (Adult) में किककसत
होता है।
शनषेचन मुख्यतः शनम्नशलखित प्रकार से होता है—
(1) बाह्य शनषेचन (External fertilization) –
❖ यह जलीय प्राकणयों में पाया जाता है कजसमें शुक्राणु (Sperm) तथा अण्डाणु (Ovum) दोनों जल में मुक्त ककये जाते हैं
तथा जल में ही अण्डाणु की ओर शुक्राणु आककषात होकर इसे कनषेकचत करते हैं।
❖ उदाहरण - एम्फीकबया (Amphibia), मछकलयाँ (Fishes) आकद में.
(2) आन्तररक शनषेचन (Internal fertilization)-
❖ आन्तररक कनषेचन केिल उन्हीं जीिों में पाया जाता है कजनमें स्पमा को कितररत या ग्रहण करने के कलए किशेष अंग पाए
जाते हैं। यह किककसत अिस्था स्तनधाररयों (Mammals) में पाया जाता है कजसमें अण्डाणु का कनषेचन शुक्राणु के द्वारा
शरीर के िीतर होता है।
प्रजनको के प्रकार (Types of breeders):- दो प्रकार के होते हैं।
मौसमी प्रजनन (Seasonal):
❖ िे जीि जो पयाािरण की अनुकूल पररम्मस्थकत में कनकित ऋतु में अपने समान सन्तान को जन्म दे ते हैं उनके मौसमी जन
कहते हैं।
उदाहरण:- आम, अमरूि, कटहल आकद तथा पक्षी, मेढक, कछपकली एिं प्रकृकत में रहने िाले जीि/असामान्य
पुष्पीकरण:- नीला कुंरे न्जी (स्टर े बोकलन्थल कुकनआना)
सतत् प्रजनक (Continuous breeders):
❖ जो जीि अपनी पूरी जनन अिस्था में जनन के कलए सकक्रय रहते हैं उनको सतत् प्रजनक कहते हैं।
उदाहारण:- अकधकाँश स्तनधारी जैसे मनुष्य, बन्दर आकद
जनन या प्रजनन (Reproductive)
❖ मनुष्य के द्वारा अपने समान संतान उत्पन्न करने के गुण को जनन कहते हैं।
❖ जनन में नर और मादा दोनों का योगदान होता है। इसीकलए जनन को दो िागों में बाटा गया है। जैसे-
1. नर जनन तंत्र
2. मादा जनन तंत्र
❖ पुरुष में 9 जनन अंग होते हैं।
❖ मकहला में 4 जनन अंग होते हैं।

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नर जनन तंत्र (Male Reproductive System)

❖ पुरुष में 9 जनन अंग होते हैं।


वृषण (Testis)-
❖ िृषण अंिकोष में पाए जाते हैं।
❖ नर में एक जोडा िृषण पाए जाते हैं।
❖ पुरुष में उदर के कनचले िाग में त्वचा के बने थैले को िृषण कोष कहा जाता है।
❖ ये प्रजनन में सहायता करते हैं।
वृषण कोष (Scrotum)-
❖ गिाािस्था के दौरान पुरुष में िृषण (Testis) उदर के ऊपरी िाग में होते हैं।

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