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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद (UNSC)

1945 में स्थापपत, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद (यूएनएससी) संयुक्त राष्ट्र के पां च प्रमुख अंग ं में से एक है ,
पिसे अंतराा ष्ट्रीय शां पत और सुरक्षा के रखरखाव के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र में नए सदस् ं क स्वीकार करने
और संयुक्त राष्ट्र चार्ा र में पकसी भी बदलाव क मंिूरी दे ने का आर प लगाया गया है । .
इसकी शक्तक्तय ं में शां पत अपभयान ं की स्थापना, अंतराा ष्ट्रीय प्रपतबंध ं की स्थापना, और सुरक्षा पररषद के
प्रस्ताव ं के माध्यम से सैन्य कारा वाई का प्रापधकरण शापमल है ; यह एकमात्र संयुक्त राष्ट्र निकाय है
निसके पास सदस्य दे श ं के निए बाध्यकारी प्रस्ताव िारी करिे का अनिकार है । यह लेख
आईएएस परीक्षा के संदभा में वैपिक मामल ं में यूएनएससी के कायों और भूपमका की व्याख्या करे गा ।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद की भूपमका क्या है ?


अंतराा ष्ट्रीय सामूपहक सुरक्षा में यूएनएससी की भूपमका संयुक्त राष्ट्र चार्ा र द्वारा पररभापषत की गई है , ि
सुरक्षा पररषद क अं तरराष्ट्रीय शां पत क खतरे में डालने वाली पकसी भी क्तस्थपत की िां च करने के पलए
अपधकृत करती है ; पववाद के शां पतपूणा समाधान के पलए प्रपियाओं की पसफाररश करना; अन्य सदस्
राष्ट्र ं से आपथाक संबंध ं के साथ-साथ समुद्र, वायु , डाक और रे पडय संचार क पूरी तरह या आं पशक रूप
से बापधत करने का आह्वान करता है ।

UNSC की स्थापना कुछ प्रमुख पवशेषताओं और शक्तक्तय ं क ध्यान में रखते हुए की गई थी। संयुक्त राष्ट्र
सुरक्षा पररषद के कायय और शक्तक्तयां नीचे दी गई हैं :

1. UNSC का सबसे महत्वपूणा काया अं तराा ष्ट्रीय स्तर पर शां पत और सुरक्षा बनाए रखना है । यह शां पत
या आिामकता के काया के पलए खतरे के अक्तस्तत्व क पनधाा ररत करने का बीडा उठाता है ।
2. शां पत बनाए रखने के अलावा, सुरक्षा पररषद संयुक्त राष्ट्र के शां पत अपभयान ं क भी तैनात कर
सकती है और राज् ं पर प्रपतबंध लगा सकती है ।
3. यूएनएससी रािनपयक संबंध पवच्छे द, पवत्तीय प्रपतबंध और दं ड, अवर ध और यहां तक पक
आवश्यकता पडने पर सामूपहक सैन्य कारा वाई भी कर सकता है ।

यूएनएससी सदस्
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद के स्थायी और अस्थायी सदस् ह ते हैं ।

 पररषद में कुल 15 सदस्य ह ते हैं , पिनमें से 5 स्थायी और 10 स्थायी नहीं ह ते हैं ।
 पां च स्थायी सदस् ं में चीन, फ्ां स, रूस, यूनाइर्े ड पकंगडम और संयुक्त राज् अमेररका शापमल
हैं ।
 10 अस्थाई सदस् हैं :
 अल्बापनया
 ब्रािील
 गैबॉन
 घाना
 भारत
 आयरलैंड
 केन्या
 मेक्तिक
 नॉवे
 संयुक्त अरब अमीरात

 संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा गैर-स्थायी सदस् ं क द साल के पलए चुना िाता है ।
 यूएनएससी के पां च अस्थाई सदस् ं क हर साल बदला िाता है ।
 सदस् ं क दु पनया के सभी क्षेत् ं से चुना िाता है । तीन सदस् अफ्ीका से हैं , िबपक एपशया,
पपिमी यूर प, लैपर्न अमेररका और कैररपबयन में द -द सदस् हैं । तीन सदस् अफ्ीकी समूह
से, 2 सदस् एपशया-प्रशां त समूह से , 2 सदस् लैपर्न अमेररका और कैरे पबयन समूह से , 2 सदस्
पपिमी यूर प समूह से और 1 पूवी यूर प समूह से है ।
संयुक्त राष्ट्र पररषद का पहिा सत्र 17 ििवरी 1947 क िंदि में आय नित नकया गया था। पांच
स्थायी सदस्य ं क 'महाि शक्तक्त सवयसम्मनत' दी िाती है निसे वीट शक्तक्त कहा िाता है , पिसका
अथा है पक यपद इनमें से क ई भी दे श पकसी प्रस्ताव क वीर् करता है त उसे पाररत नहीं पकया िा सकता
है । भले ही उसे 9 व र् ं की िरूरत ह ।

भारत यूएनएससी के गैर-स्थायी सदस् के रूप में चुना गया


िून 2020 में, UNGA में 193 व र् ं में से 184 व र् िीतकर भारत UNSC के पलए एक गैर-स्थायी सदस्
के रूप में चुना गया था। यह सदस्ता 2021-22 के पलए है । वषा 2021-22 के पलए एपशया-प्रशां त श्रेणी से
भारत एकमात् उम्मीदवार था। यह यूएनएससी में भारत का आठवां कायाकाल है । इससे पहले , भारत
1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 और 2011-12 में सदस्
रहा था।
भारत के यूएिएससी के अस्थाई सदस्य ह िे से िुडी कुछ महत्वपूर्य बातें-
इस अस्थायी सदस्ता के माध्यम से भारत अंतरराष्ट्रीय शां पत और सुरक्षा और बहुपक्षवाद के पलए
पिम्मेदार और समावेशी समाधान क बढावा दे ने के पलए प्रपतबद्ध है ।
भारत का 5S दृनष्ट्क र् –

 सम्मान – सम्मान
 संवाद – संवाद
 सहय ग – सहय ग
 शां पत – शां पत
 समृक्तद्ध – समृक्तद्ध

संबद्ध अवसर-
1. भारत एक नए प्रपतमान क आकार दे ने के पलए मपहलाओं और युवाओं की अपधक भागीदारी
का आह्वान करता है ।
2. भारत पवकास क बढावा दे ने के पलए अपभनव और समावेशी समाधान लाने के पलए भागीदार ं
के साथ रचनात्मक रूप से काम करे गा
3. एक तेिी से बदलते वैपिक सुरक्षा पररदृश्य, पारं पररक सुरक्षा चुनौपतय ं की पनरं तरता, और नई
और िपर्ल चुनौपतय ं का उदय, सभी स्थायी शां पत सुपनपित करने के पलए सहय ग के पलए एक
सुसंगत, व्यावहाररक, फुतीले और प्रभावी मंच की मां ग करते हैं ।
4. भारत अंतरायष्ट्रीय आतंकवाद का प्रभावी ढं ग से िवाब दे गा और इस खतरे का उसके सभी
रूप ं और अपभव्यक्तक्तय ं में मुकाबला करे गा। भारत इस उद्दे श्य से पररषद द्वारा ठ स और
पररणाम न्मुखी कारा वाई करे गा:
 आतं कवापदय ं द्वारा आईसीर्ी के दु रुपय ग क सं ब पधत करना;
 प्राय िक ं और अं तरराष्ट्रीय संगपठत आपरापधक संस्थाओं के साथ उनकी सां ठगां ठ क
भंग करना;
 आतंकी पवत्त के प्रवाह क र कना;
 अन्य बहुपक्षीय मंच ं के साथ अपधक समन्वय के पलए पनयामक और पररचालन ढां चे क
मिबूत करना
5. बहुपक्षीय प्रर्ािी में सुिार –
 सु धाररत बहुपक्षवाद: क पवड-19 के बाद के यु ग के पलए िरूरी।
 बहुपक्षीय संस्थान ं में अपधक सहय ग क बढावा दे ना।
 पररणाम दे ने या नई चुनौपतय ं का सामना करने के पलए मौिूदा बहुपक्षीय संस्थान ं की
अपयाा प्तता पर व्यापक पचंता।
 पहला और महत्वपूणा कदम सुरक्षा पररषद में सुधार है । अपधक प्रभावी ह ने के पलए
इसे समकालीन वास्तपवकताओं क प्रपतपबंपबत करना चापहए।
6. अं तराय ष्ट्रीय शांनत और सुरक्षा के निए एक व्यापक दृपष्ट्क ण -
 राष्ट्रीय पसं द और अं तराा ष्ट्रीय प्राथपमकताओं में सामंिस् स्थापपत करने के पलए,
अं तराा ष्ट्रीय शां पत और सुरक्षा के पलए भारत की दृपष्ट् पकसके द्वारा पनदे पशत है ?
 संवाद और सहय ग
 परस्पर आदर
 अं तराा ष्ट्रीय कानून के प्रपत प्रपतबद्धता
7. प्रौद्य नगकी के िव न्मेषी उपय ग मािवतावादी चुिौनतय ं का समािाि करिे के
निए आशािनक अवसर प्रदान करते हैं । भारत तकनीकी नवाचार के लाभ ं का उपय ग करने
के पलए साझेदारी क प्र त्सापहत करे गा -
 मानव पीडा क कम करें
 िीवनयापन में आसानी बढाएं
 लचीला समुदाय ं का पनमाा ण करें

भारत और UNSC
भारत यूएनएससी के स्थायी सदस् ं की सूची में अपनी िगह बनाने की क पशश कर रहा है लेपकन सफल
नहीं ह पाया है । भारत एक पवशाल िनसंख्या, बढती अथाव्यवस्था और परमाणु शक्तक्त वाला दे श ह ने के
बाविूद, यह UNSC का स्थायी सदस् नहीं है ।
भारत G4 दे श ं (भारत, िमानी, िापान, ब्रािील) में से एक है , ि इसे UNSC के स्थायी सदस् ं में से एक
बनने पर बढत दे ता है । यूएनएससी के स्थायी सदस् ं में से एक के रूप में अपनी िगह सुपनपित करने
के पलए भारत द्वारा पकए गए दाव ं की सूची नीचे दी गई है :

1. भारत दु पनया की सबसे तेिी से बढने वाली अथाव्यवस्था है ।


2. भारत ने हाल ही में परमाणु हपथयार राज् का दिाा हापसल पकया है ।
3. भारत िनसंख्या के मामले में दू सरा सबसे बडा और दु पनया का सबसे बडा उदार ल कतंत् है ।
4. िय शक्तक्त समानता में दे श उच्च स्थान पर है और संयुक्त राष्ट्र शां पत पमशन ं में एक बडा
य गदानकताा है ।

भारत क एक स्थायी सदस् बनने के पलए, संयुक्त राष्ट्र के अन्य सदस् ं से न्यूनतम आवश्यक व र् प्राप्त
करने के अलावा, आवश्यक व र् प्राप्त करने के पलए भारत क संयुक्त राष्ट्र के सभी दे श ं के साथ अपना
रास्ता सुधारने की आवश्यकता ह गी।
यूएिएससी में स्थायी सीट पािे में बािाएं

 हालााँ पक यह एक साधारण प्रपिया की तरह लग सकता है , लेपकन सुरक्षा पररषद के कुछ स्थायी
सदस् ं की आपपत्तय ं के कारण इसे कपठन बना पदया गया है । चीि, पवशेष रूप से, पररषद में
स्थायी सीर् के पलए भारत के दबाव क र कता रहा है । चीन का मानना है पक भारत क UNSC
में एक स्थायी सीर् दे ने से उपमहाद्वीप की भू -रािनीपत में भारतीय पहत ं का सवोपरर महत्व ह गा,
यह भावना उसके सहय गी पापकस्तान द्वारा प्रपतध्वपनत हुई।
 इसके अलावा, भारत क एक उभरती हुई परमाणु शक्तक्त के रूप में भी दे खा िाता है । पवश्लेषक ं
का मानना है पक यह अकेला सबसे बडा कारक है ि भारत के यूएनएससी सपन ं के रास्ते में
र डा बन रहा है ।
 उसकी परमाणु क्षमताओं क सीपमत करने के पलए क ई कदम उठाए पबना उसे एक स्थायी सीर्
दे ना व्यथा की कवायद है । 2019 के अंत तक, फ्ां स भारत की स्थायी UNSC सीर् के पलए अन्य
दे श ं में शापमल ह ने के पलए नवीनतम बन गया है , लेपकन स्थायी 5 सदस् ं के साथ भारत क
शापमल ह ने के पलए अपनी परमाणु क्षमताओं क छ डना पडा, भारत UNSC का एक स्थायी
सदस् प्रतीत ह ता है दू र के सपने की तरह।

यूपीएससी के पलए यूएनएससी से संबंपधत महत्वपू णा प्रश्न


संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद के 15 सदस्य कौि हैं ?
पां च स्थायी सदस् ं - चीन, संयुक्त राज् अमेररका, रूस, यूनाइर्े ड पकंगडम और फ्ां स - के साथ-साथ
10 गैर-स्थायी सदस् हैं ि महासभा द्वारा द साल की अवपध के पलए चुने िाते हैं । 2021 तक, वतामान
सदस् ं क क ष्ठक में वषा की समाक्तप्त के साथ नीचे सू चीबद्ध पकया गया है :

 अल्बापनया (2023)
 ब्रािील (2023)
 गैबॉन (2023)
 घाना (2023)
 भारत (2022)
 आयरलैंड (2022)
 केन्या (2022)
 मेक्तिक (2022)
 नॉवे (2022)
 संयुक्त अरब अमीरात (2023)
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद की भूनमका क्या है ?
अंतराा ष्ट्रीय शां पत और सुरक्षा के रखरखाव के पलए संयुक्त राष्ट्र चार्ा र के तहत सुरक्षा पररषद की प्राथपमक
पिम्मेदारी है । यह सुरक्षा पररषद क तय करना है पक संयुक्त राष्ट्र शां पत अपभयान कब और कहां तैनात
पकया िाना चापहए। पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद ने दु पनया में कहीं भी शां पत सेना की तैनाती
क ररयाई युद्ध के दौरान की थी, ि 25 िून 1950 क शुरू हुआ और 27 िुलाई 1953 क समाप्त हुआ।
तब से , संयुक्त राष्ट्र शां पत सेना क बाल्कन सपहत दु पनया भर में तैनात पकया गया है । और अफ्ीका।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद का मुख्यािय कहााँ क्तस्थत है ?
अपनी पहली बैठक के बाद से, सुरक्षा पररषद ने न्यूयॉका शहर में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में स्थायी पनवास
ले पलया है । इसने कई शहर ं की यात्ा भी की, 1972 में अदीस अबाबा, इपथय पपया, पनामा पसर्ी, पनामा
और 1990 में पिनेवा, क्तस्वर्् िरलैंड में सत् आय पित पकए।
चीि क संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद में स्थायी सीट कैसे नमिी?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा पररषद के स्थायी सदस् ं में पद्वतीय पवि युद्ध के पवियी सहय गी शापमल थे पिन् न
ं े
नािी िमानी और इं पीररयल िापान क हराने में महत्वपू णा भूपमका पनभाई थी। सबसे पहले , चीन गणराज्
की कम्युपनस्ट पवर धी कुओपमन्ां ग सरकार क सीर् दी गई थी। हालां पक, 1949 में, माओत्से तुंग के नेतृत्व
में कम्युपनस्ट के नेतृत्व वाले पवद्र पहय ं ने चीनी गृहयुद्ध िीत पलया। इससे कुओपमन्ां ग सरकार का पतन
हुआ, पिससे इसे ताइवान द्वीप में स्थानां तररत करने के पलए मिबूर ह ना पडा। चूंपक कम्युपनस्ट सरकार
ने चीन का एकमात् प्रपतपनपध ह ने का दावा पकया था, शेष सदस् ं ने स चा पक नई चीनी सरकार क
अपनी पवशाल सेना और स पवयत संघ के समथान के कारण स्थायी सदस् बनने की अनुमपत दे ना
समझदारी ह गी।

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