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World Bank Group
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wbg
दोन म अंतर
िव बक नीत सुधार काय म और प रयोजनाओं के लये ऋण देता है, जबिक अंतरा ीय मु ा कोष केवल नीत सुधार
काय म के लये ही ऋण देता है। इन दोन सं थाओं म एक अंतर यह भी है िक िव बक केवल िवकासशील देश को ऋण
देता है, जबिक अंतरा ीय मु ा कोष के संसाधन का इ तेमाल िनधन रा के साथ-साथ धनी देश भी कर सकते ह।
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यह एक अ णी िवकास सं थान है, जो िवकासशील देश म गरीबी से लड़ने तथा सतत् िवकास को बढ़ावा देने के लये
ऋण, गारंटी, जो खम बंधन उ पाद और िव ेषणा मक तथा सलाहकार सेवाएँ देने का काम करता है।
इसके सद य देश संयु प से इसके लये िज़ मेदार होते ह िक कैसे इसका िव पोषण िकया जाता है और इसका पैसा
कैसे खच िकया जाता है।
िव बक का यास सतत गरीबी म कमी के उ े य से सह ा दी िवकास ल य तक पहुँचने पर कि त ह।
1. पुन नमाण और िवकास के लये अंतरा ीय बक (International Bank for Reconstruction and
Development-IBRD)
ibrd
IBRD क थापना वष 1945 म हुई थी और वतमान म इसके 188 सद य ह। IBRD का उ े य म यम िवकास वाले देश
और ऋण त गरीब देश म ऋण, गारंटी और गैर-उधार सेवाओं के मा यम से सतत् िवकास को बढ़ावा देना है, ■जसम
िव ेषणा मक और सलाहकार सेवाएँ शािमल ह। IBRD उन सद य देश के वािम व म है ■जनक मतदान शि देश क
सापे आथक शि के आधार पर इसक पूंजी सद यता से जुड़ी हुई है। IBRD दिु नया के िव ीय बाज़ार से अपना अधकांश
धन जुटाता है और वष 1959 से इसने AAA रे टग बनाए रखी है। IBRD और IDA िमलकर िव बक का व प लेते ह, जो
िवकासशील देश क सरकार को िव पोषण, नीत सलाह और तकनीक सहायता दान करता है। यह िव बक के प रचालन
खच को वहन करता है तथा बेहद गरीब देश के लये IDA को धन दान करता है।
oifc
वष 1956 म थािपत IFC 184 सद य देश के वािम व म है, जो सामूिहक प से नीतय को िनधा रत करता है। यह 100
से अधक िवकासशील देश म उभरते बाज़ार म कंपिनय और िव ीय सं थान को रोज़गार सृ■जत करने, कर राज व जुटाने,
कॉप रेट शासन और पयावरण दशन म सुधार करने तथा उनके थानीय समुदाय म योगदान करने म सहायता देता है। यह
िवकासशील देश म िवशेष प से िनजी े पर कि त सबसे बड़ा वै क िवकास सं थान है। IFC अंतरा ीय पूंजी बाज़ार म
ऋण दाय व को पूरा करने के मा यम से लगभग सभी ऋण गतिवधय के लये धन जुटाता है। वष 1989 के बाद से IFC ने
अपनी AAA रे टग बनाए रखी है। यह आमतौर पर 7 से 12 साल क प रप ता वाले यवसाय और िनजी प रयोजनाओं को
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ऋण देता है। इसके ारा िकये जाने वाले िनवेश के लये समान याज दर क नीत नह है। IFC अंतरा ीय लेन-देन के जो खम
को कम करने के लये अपने वै क यापार िव काय म के मा यम से 80 से अधक देश म 200 से अधक अनुमोिदत बक
के यापार भुगतान दाय व क गारंटी देता है।
ida
IDA क थापना वष 1960 म हुई थी और वतमान म इसके 173 देश सद य ह। IDA िव बक का वह िह सा है जो दिु नया
के सबसे गरीब देश क मदद करता है। 173 शेयरधारक देश ारा बंधत IDA का उ े य आथक िवकास को बढ़ावा देना,
असमानताओं को कम करना और लोग क जीवन थतय म सुधार के लये अनुदान दान करना है। यह दिु नया के 75
सबसे गरीब देश म बुिनयादी सामा■जक सेवाओं हेतु सहायता दान करने वाले सबसे बड़े ोत म से एक है, इनम से 39
अ का म ह। IDA रयायती शत पर ऋण देता है अथात यह शू य या बहुत कम याज शु क लेता है और पुनभुगतान 30 से
38 वष तक िकया जा सकता है, ■जसम 5 से 10 साल क छूट अवध भी शािमल है। यह समानता, आथक िवकास, रोज़गार
सृजन, उ आय और बेहतर जीवन थतय का समथन करते हुए सहायता दान करता है। ाथिमक श ा, बुिनयादी
वा य सेवाओं, व छता और व छ पानी, कृिष, यापार जलवायु सुधार, बुिनयादी ढाँचा और सं थागत सुधार के लये भी
IDA सहायता करता है।
icsid
वष 1966 म थािपत ICSID एक वाय अंतरा ीय सं था है। ICSID अभसमय एक बहुप ीय संध है ■जसे िव बक के
कायकारी िनदेशक ारा तैयार िकया गया है तािक बक के िनवेश को बढ़ावा देने के उ े य को आगे बढ़ाया जा सके। इसका
ाथिमक उ े य अंतरा ीय िनवेश िववाद के सुलह और म य थता के लये सुिवधाएँ दान करना है। अधकांश देश ने
अंतरा ीय िनवेश संधय और कई िनवेश कानून और अनुबध ं म िनवेशक-रा य िववाद िनपटान के लये एक मंच के प म
ICSID को मा यता दी है। इसका नेतृ व महासचव ारा िकया जाता है जो कायवाही के लये तकनीक और शासिनक
सहायता दान करता है। इसके महासचव को पंचाट यायाधकरण या सुलह आयोग का गठन करने का अधकार है।
अधकांश मामल म यायाधकरण म तीन म य थ होते ह: िनवेशक ारा िनयु , रा य ारा िनयु और दोन प के
समझौते ारा िनयु ।
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miga
िव बक समूह क सद यता
IBRD के आ टक स ऑफ ए ीमट के तहत बक का सद य बनने के लये िकसी देश को पहले अंतरा ीय मु ा कोष
(IMF) म शािमल होना अिनवाय है।
IBRD क सद यता िमलने पर ही IDA, IFC और MIGA क सद यता िमलती है।
ICSID म सद यता IBRD के सद य के लये उपल ध होती है, कतु जो IBRD के सद य नह ह, लेिकन पाट ऑफ
इंटरनेशनल कोट ऑफ ज टस (ICJ) के सद य ह, उ ह ICSID शासिनक प रषद के आमं ण पर अपने सद य के
दो-तहाई वोट का समथन िमलने पर ही सद यता दी जाती है।
िव बक समूह और भारत
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भारत ेटन वु स म िकये गए समझौत के मूल ह ता रक ाओं म से एक था, ■जसने इंटरनेशनल बक फॉर
रकं ट शन एं ड डेवलपमट (IBRD) और अंतरा ीय मु ा कोष (IMF)) क थापना क ।
भारत वष 1956 म IFC और 1960 म IDA के सं थापक सद य म भी शािमल था।
भारत जनवरी वष 1994 म MIGA का सद य बना।
भारत ICSID का सद य नह है। इसके पीछे भारत का यह तक है िक ICSID क वशन िन प नह है और इसके िनयम
िवक■सत देश के प म झुके हुए ह। ICSID म क ीय अ य िव बक का अ य होता है। अ य म य थ क िनयुि
करता है। यिद म य थता से जुड़े िनणय संतोषजनक नह होते है, तो असंतु प एक पैनल से अपील करता है ■जसे ICSID
ारा ही गिठत िकया जाता है। इसम भारतीय अदालत ारा िनणय क समी ा िकये जाने क कोई गुज
ं ाइश नह होती है, भले
ही उसका यह िनणय (Award) सावजिनक िहत के िव हो।
वष 1949 म भारतीय रेल को ऋण देने के साथ IBRD ारा भारत को ऋण देने क शु आत हुई तथा वष 1959 म
भारत म IFC और वष 1961 म IDA ारा पहला िनवेश एक राजमाग िनमाण प रयोजना पर िकया गया।
1950 के दशक के दौरान भारत हेतु िव बक के ऋण का एकमा ोत IBRD था। दशक के अंत तक भारत क
बढ़ती ऋण सम या िव बक समूह के सॉ ट लोन से जुड़े IDA के लॉ च म एक मह वपूण कारक बनी।
1960 के दशक के अंत म अमे रका ने अपने ि प ीय सहायता काय म म तेज़ी से कटौती क , जो उस समय भारत के
बाहरी संसाधन का सबसे बड़ा ोत था। तब से ही िव बक आधका रक तौर पर दीघका लक िव के सबसे
मह वपूण ोत के प म उभरा।
1960 और 1970 के दशक के दौरान IDA ने िव बक ारा िदये गए कुल ऋण का लगभग तीन-चौथाई िह सा भारत
को िदया। इस कार IDA से अब तक का सबसे बड़ा ऋण ा कता भारत बना और यह राश कुल िदये गए सभी ऋण
के 2/5 िह से के बराबर थी।
चीन वष 1980 म िव बक म शािमल हुआ और उसने सीिमत IDA संसाधन पर अपनी दावेदारी भी जताई।
अ का के िबगड़ते आथक हालात और भारतीय अथ यव था के बेहतर दशन से IDA म भारत क ऋण िह सेदारी
तेज़ी से कम होने लगी।
1980 के दशक के दौरान िव बक ने नीतय म सुधार और आथक उदारीकरण पर ज़ोर िदया। यह भारत म बुरे दौर
से गुज़र रहे सावजिनक सं थान को ऋण देता रहा और भारत क बंद अथ यव था क आलोचना को लेकर मौन साधे
रहा।
वष 1991 के यापक आथक संकट के बाद प र थतय म तेज़ी से बदलाव आया। इसके बाद संरचना मक
समायोजन काय म (Structural Adjustment Program-SAP) के अंतगत ऋण देने के लये िव बक के लये
भारत मह वपूण देश बन गया, य िक उसने िव , कराधान और िनवेश तथा िबज़नेस आिद े म नीतगत सुधार के
लये सहमत जताई थी।
भारत को वतमान म िम त देश के प म वग कृत िकया गया है और इसे िन न म यम-आय से म यम-आय म जाने
वाले देश के प म प रभािषत िकया गया है तथा यह IDA और IBRD दोन से ऋण लेने के लये यो य देश है।
िव बक के IBRD से सबसे अधक ऋण लेने वाला देश भारत है। 2015 से 2018 के बीच िव बक ने भारत को
लगभग $ 10.2 िब लयन का ऋण िदया है।
िव बक समूह ने 2019-22 क अवध म भारत के लये 25-30 िब लयन डॉलर क योजनाओं हेतु ऋण
तब ताओं को मंज़ूरी दी है।
िव बक म सुधार
िव बक पर यह आरोप लगता रहा है िक यह अपने SAP के ज़ रये िव म पूंजीवाद के उ े य को पूरा करता है और
इसम अमीर देश का वच व रहता है।
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यह SAP ‘मु बाज़ार’ हेतु आथक नीत म सुधार का एक समूह है जो िव बक ारा िवकासशील देश पर ऋण ाि
क शत के प म लागू िकया है।
यह तक िदया जाता है िक SAP नीतय ने थानीय और वै क दोन ही थतय म अमीर और गरीब के बीच क
खाई को बढ़ाया है।
उभरती हुई नई आथक शि य , िवशेष प से भारत और चीन तथा दिु नया के कुछ अ य एशयाई एवं कुछ लैिटन
अमे रक देश को िव बक म उचत थान और भूिमका दी जानी चािहये।
िव बक अपने आपको बदलती िव यव था के अनुकूल ढालने म िवफल रहा है, इसी लये तेज़ी से आगे बढ़ रही
भारत और चीन जैसी अथ यव थाओं ने एशया इ ा ट चर इ वे टमट बक (AIIB) क थापना क है।
िव बक म सुधार वतमान िव यव था को पुनज िवत करने और बढ़ती शि य और िवकासशील देश को इस
सं था म एक साथक आवाज़ देने के िह से के प म बेहद आव यक ह।
भारत म बड़े बदलाव आ रहे ह, ■जनसे इसके लये 21व सदी का मज़बूत देश बनने के नए-नए अवसर पैदा हो रहे ह। भारत
िव का सबसे िवशाल और अ यंत युवा मशि वाला देश है। साथ ही देश म शहरीकरण क ती ि या चल रही है और
तवष लगभग 1 करोड़ लोग रोज़गार तथा अवसर क तलाश म क ब और शहर क ओर ख कर रहे ह। यह इस सदी का
िवशालतम ामीण और शहरी वासन है।
इन बदलाव क वज़ह से भारत एक ऐसे मोड़ पर पहुँच गया है, जहाँ यह देखना बेहद ज़ री होगा िक भारत अपनी मशि क
उ ेखनीय साम य का िवकास िकस कार करता है और अपने बढ़ते हुए शहर व क ब क संवृ के लये िकस तरह क नई
योजनाएँ तैयार करता है। इ ह सब बात से आने वाले समय म देश और इसके िनवा■सय का भिव य िनधा रत होगा।
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