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G20 और भारत की वै

क कविवि पहचान
वि
प्रस्तावना:

विव श्वधर्मों का मेलाजुला है, और भारत ने यहां अपने अस्तित्व को साबित करने के लिए
विभिन्न मंचों और संगठनों के साथ मिलकर काम किया है। इसमें G20 एक महत्वपूर्ण संगठन
है, जिसकी भारत के विव श्वप्रतिष्ठान में महत्वपूर्ण भूमिका है। G20 का उद्देय
य यऔर इसके
भारत के लिए महत्व के बारे में इस निबंध में चर्चा करेंगे।

G20 का परिचय:

G20, या "ग्रुप ऑफ ट्वेंटी" विव श्वके 20 महत्वपूर्ण अर्थ स्त्रीय


स्त्
रीयशा
देशों का एक संगठन है। इसका
गठन 1999 में हुआ था, जब ब्राजील, भारत, चीन, और दक्षिण अफ्रीका ने एक आर्थिक संगठन की
मांग की थी जिसमें उनके साथ गरीब और विकास ललशी देश शामिल हो सकें। इसके बाद G20 का पहला
सम्मेलन 2008 में वा गटनगटनशिंडीसी में हुआ था।

G20 का उद्देश्य:

G20 का मुख्य उद्देश्य विव श्वअर्थव्यवस्था को सुधारना और स्थिरता सुनिचित तश्चि


करना है। यह संगठन
आर्थिक सहयोग, ट्रेड, और वित्तीय सुधार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण निर्णय लेता है। इसके
साथ ही, G20 विभिन्न आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करता है जैसे कि क्लाइमेट चेंज, वित्तीय
संस्थागति, और वित्तीय बजटनिति।

G20 और भारत:

भारत ने G20 के सदस्य देश के रूप में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत G20 में
विकेन्द्रीकृत भूमिका निभाने के लिए यहां कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:

आर्थिक महत्व: भारत G20 के सदस्य देश के रूप में आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। भारत एक
बड़ी आर्थिक शक्ति है और इसका योगदान विव श्वअर्थव्यवस्था के सुधार में महत्वपूर्ण है।

वित्तीय बजटनिति: भारत G20 में वित्तीय बजटनिति के मामले में एक महत्वपूर्ण भूमिका
षज्ञों
निभाता है। यहां वित्त मंत्री और आर्थिक वि षज्ञोंशे
के साथ चर्चा करता है और विव श्व
अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेता है।

वाणिज्यिक नीति: भारत की वाणिज्यिक नीति भी G20 के माध्यम से प्रभावित होती है। यहां
विदे शाव्यापार के मुद्दे पर चर्चा होती है और भारत के व्यापारिक मुद्दों को सुलझाने के
लिए समर्थन मिलता है।
क्लाइमेट चेंज: भारत G20 के माध्यम से क्लाइमेट चेंज के मुद्दे पर भी बातचीत करता है।
यह संगठन पारिस समझौते के प्रावधानों का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है और भारत ने अपने
स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कार्रवाई करने का प्रतिबद्ध किया है।

विकास सहयोग: भारत G20 के माध्यम से विकास ललशी देशों के लिए सहयोग करता है। यह संगठन
विकास ललशीदेशों के लिए आर्थिक सहायता और विकास के क्षेत्र में मदद करने का अवसर
प्रदान करता है।

भारत के लिए G20 का महत्व:

G20 के सदस्य देश के रूप में भारत का योगदान उसके विव श्वप्रतिष्ठान में महत्वपूर्ण है। यहां
कुछ मुख्य कारण हैं जिनके लिए भारत के लिए G20 महत्वपूर्ण है:

आर्थिक सुधार: G20 के माध्यम से भारत अपनी आर्थिक सुधार की दिशा में कदम रखता है। यह
विव श्वअर्थव्यवस्था को सुधारने में मदद करता है और भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूती से
बनाता है।

वित्तीय सुधार: G20 के माध्यम से भारत अपनी वित्तीय बजटनिति को सुधारने के लिए नैतिक
सहायता प्राप्त करता है। यह वित्तीय संस्थागति को मजबूत बनाने में मदद करता है।

विव श्वव्यापार: G20 के माध्यम से भारत विव श्वव्यापार में अपना स्थान बनाता है। यह संगठन
विव श्वव्यापार के मुद्दों को सुलझाने में मदद करता है और भारत के व्यापारिक मुद्दों को
समर्थन प्रदान करता है।

क्लाइमेट चेंज: G20 के माध्यम से भारत विव श्वको क्लाइमेट चेंज के मुद्दों पर जागरूक
करता है। यह संगठन भारत को अपने पर्यावरणीय संरक्षण के लक्ष्यों के प्रति सजग रहने
का मौका प्रदान करता है।

विकास सहयोग: G20 के माध्यम से भारत विकास ललशी देशों के साथ सहयोग करता है। यह संगठन
विकास ललशी
देशों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने का मौका प्रदान करता है और उनके विकास
को समर्थन मिलता है।

समापन:
G20 एक महत्वपूर्ण आर्थिक संगठन है जो भारत के विव श्वप्रतिष्ठान में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाता है। यह संगठन आर्थिक सुधार, वित्तीय संस्थागति, और वित्तीय बजटनिति के क्षेत्र
में महत्वपूर्ण निर्णय लेता है और भारत को विव श्वमें एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति के रूप में
स्थापित करता है। इसके साथ ही, भारत G20 के माध्यम से विकास ललशी देशों के साथ सहयोग
करके विव श्वव्यापार, क्लाइमेट चेंज, और विकास के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान करता
है। G20 का यह योगदान भारत के विव श्वप्रतिष्ठान को मजबूती से बढ़ाता है और उसके
स् त्
री
अर्थ स्त्रीययशा
स्थिति को मजबूत बनाता है।

धन्यवाद

~ MISHTHI
~ Dr. BR ambedkar School of Specialised excellence , Dwarka sec-22
humanities

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