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राजस्थान में दर्


ु ग स्थापत्य
कौटिल्य के अनुसार दर्
ु ग की श्रेणियााँ

1. औदक ु दर् ु ग
2. पर्गत दर्
ु ग
3. धान्र्न दर् ु ग
4. र्न दर्
ु ग

शक्र
ु नीतत के अनस
ु ार राज्य के अंर्

• राज्य को मानर् शरीर का अंर् मानते हुए शुक्र नीतत के अनुसार दर्
ु ग को शरीर के प्रमख
ु अंर् ‘हाथ’ की संज्ञा दी
है ।

शक्र
ु नीतत के अनस
ु ार दर्
ु ग के प्रकार :- 09

(1) एरि दर्


ु ग - र्े दर्
ु ,ग जजसके मार्ग में खाई, कााँिो र् पत्थरों से दर्
ु मग हों।

(2) औदक
ु दर्
ु ग - जल दर्
ु ग भी कहा जाता है । ऐसा दर्
ु ग जो वर्शाल जल राशश से तिरा हुआ हो।

(3) पाररख दर्


ु ग - र्ह दर्
ु ,ग जजसके चारों तरफ बहुत बड़ी खाई हो।

(4) पाररध दर्


ु ग - बड़ी-बड़ी दीर्ारों का वर्शाल परकोिा हो।

(5) गर्रर दर्


ु ग - ककसी उच्च गिरि या पर्गत पर अर्जस्थत दर्
ु ।ग

(6) धान्र्न दर्


ु ग - मरुभशू म (मरुस्थल) में बना दर्
ु ।ग

(7) र्न दर्


ु ग - सघन बीहड़ र्नों में तनशमगत दर्
ु ।ग

(8) सैन्य दु िग: चतुर सैतनक तनर्ास करते हो।

(9) सहाय दर्


ु ग - आम व्यजतत + सैतनक रहते है

राजस्थान के यूनेस्को की र्ल््ग हे ररिे ज साइि:-


1. आमेर दर्
ु ग
2. र्ार्रोि दर्
ु ग
3. कुम्भलर्ढ़ दर्
ु ग
4. जैसलमेर दर्
ु ग
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5. रिथम्भौर दर्
ु ग
6. गचत्तौड़र्ढ़ दर्
ु ग

जून, 2013 में हुई र्ल््ग हे ररिे ज कमेिी की बैठक में यूनेस्को साइि की सूची में शाशमल ककये र्ये।

1. गचत्तौड़र्ढ़

• तनमागि गचत्रार्ंद मौयग ने (कुमार प्रबंधन के अनस


ु ार)
• जीिोद्धार- रािा कंु भा
• पठार- मेसा का पठार।
• उपनाम- राजस्थान का र्ौरर् , दर्
ु ों का शसरमौर (“र्ढ़ तो गचत्तौड़र्ढ़ बाकी सब र्ढ़ै या”) , मालर्ा
का प्रर्ेश द्र्ार , दक्षिि राजपत
ू ाने का प्रर्ेश द्र्ार ,दक्षििी सीमा का प्रहरी , त्रत्रकूि , णखजराबाद

वर्शेषता:-

• श्रेिी - धान्र्न श्रेिी को छोड़कर सभी श्रेणियों


• राजस्थान का दस ू रा प्राचीनतम दर् ु ग
• राजस्थान का सबसे बड़ा दर् ु ग
• राजस्थान का सबसे बड़ा आर्ासीय दर् ु ग
• भारत का एकमात्र दर् ु ग जजसमें कृवष की जाती है
• इसकी आकृतत व्हे ल मछली जैसी है
• राजस्थान में सर्ागगधक साके गचत्तौड़ दर् ु ग में हुए 3 साके
• गचत्तौड़र्ढ़ दर्
ु ग के साके –
• प्रथम साका - 1303 ई. अलाउद्दीन णखलजी के आक्रमि के कारि
• शासक / केसररया - रािा रतनशसंह , र्ोरा , बादल
• जौहर – पद्मनी , सोलह सौ रातनयों सटहत , सबसे बड़ा जोहर
• द्वर्तीय साका - 1534 ई. बाहदरु शाह के आक्रमि के कारि
• केसररया - रार्त बाि शसंह (गचत्तौड़र्ढ़ दर्
ु ग के मख्
ु य प्रर्ेश द्र्ारा पर बािशसंह का स्मारक जस्थत
है )
• जौहर - कमागर्ती
• तत
ृ ीय साका – 1568 अकबर के आक्रमि के कारि
• केसररया - : जयमल राठौड़ , फत्ता शससोटदया
• जौहर – फूलकाँर्र
• अजन्तम प्रर्ेश द्र्ारा रामपोल पर फतेहशसंह शससोटदया का स्मारक जस्थत है
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दर्
ु ग के प्रमुख मंटदर –
तुलजा भवानी मंगदि –

• नज मागि - बनर्ीर द्र्ारा


• बनर्ीर की कुलदे र्ी
• मराठा शशर्ाजी की आराध्य दे र्ी
श्रंर्
ृ ार - चंर्री
• तनमागि - 'र्ेल्लका' ने
• सोल्र्े तीथग कर शांततनाथ को समवपगत
• इसी स्थान पर कंु भा की पुत्री रमाबाई (र्ार्ीश्र्री) का वर्र्ाह मं्प बनाया र्या

सात-बीस दे र्री मंटदर - जैन मंटदर

• यह जैन मंटदर 27 जैन मंटदरों द्र्ारा तनशमगत है

मोकल / त्रत्रभुर्न नारायि मंटदर / समद्वर्श्र्र मंटदर

• त्रत्रभुर्न नारायि का मंटदर वर्ष्िु को समवपगत है


• तनमागता भोज परमार
• आधुतनक तनमागता महारािा मोकल
कुम्भश्याम मंटदर –
• तनमागि कंु भा
मीरा मंटदर - रािा सांर्ा ने
• इस मंटदर में मीराबाई पूजा करती थी
• मंटदर के सामने मीराकुरु रे दास जी की छतरी है
कालीका माता मंटदर / सूयग मंटदर –
• प्राचीनतम सूयग मंटदर था
• जजसको मान मौयग ने द्र्ारा बनाया र्या
अन्नपूिाग माता
• त्रबरर््ी माता शससोटदया र्ंश की कुलदे र्ी
• तनमागि हमीर

दर्
ु ग के प्रमुख महल -

• र्ोरा-बादल महल
• पद्मनी महल
• झाला महल
• सपूत महल
• परु ोटहतों की हर्ेली
• कंु भा महल / नौलखा महल
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• फतेह महल ( गचत्तौड़ का संग्रहालय)


• भामाशाह की हर्ेली
• रतन शसंह का महल
• रार् रिमल की हर्ेली
प्रमुख जलाशय –
• सूयमग ुख कुण््
• िासुण््ी बार्ड़ी
दरर्ाजे –
• इस दर्
ु ग में 7 दरर्ाजे हैं
1. पां्न पोल
2. भैरो पोल
3. हनुमान पोल
4. र्िेश पोल
5. जा्ोल पोल
6. लक्ष्मि पोल
7. राम पोल

वर्जय-स्तम्भ -
• तनमागि -कुम्भा (मालर्ा वर्जय के उपलि में 1438-49 ई.) में ।
• र्ास्तुकार - जैता, नाथा, पोमा, पूंजा
• ऊाँचाई - 122 फीि
• शसटढ़यााँ - 154
• माध्यशमक शशिा बो्ग, राजस्थान पुशलस र् र्न वर्भार् का प्रतीक गचह्न
• भर्र्ान वर्ष्िु को समवपगत
• कुल 9 मंजजला भर्न
• राजस्थान का प्रथम स्मारक जजस पर 15 अर्स्त, 1849 को 1 रु. का ्ाक
टिकि जारी।
2. क ुम्भलर्ढ़ दर्
ु ग

• उपनाम: मेर्ाड़-मारर्ाड़ सीमा का प्रहरी , मेर्ाड़ राजाओं की संकिकालीन राजधानी ,मेर्ाड़ की


तीसरी आाँख – किारर्ढ़ ।
• तनमागता: महारािा कुम्भा।
• तनमाि: 1458 इ. मे महारािा कम्भा ने अपनी पत्नी कमुभलदे र्ी की स्मतृ त में बनर्ाया।
• शशल्पी: मण््न।

वर्शषेताऐ-
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• ककले के चारौ तरफ की दीर्ार की कुल लम्र्बाई 36 ककलौमीिर है ।


• कुम्भलर्ढ़ दर्ु ग को कनगल जेम्स िॉ् ने एस्रॉकन कहा है ।
• ककले मे कुम्भा का तनर्ास स्थान किारर्ढ़ है ।
• उदयशसहं ने इस ककले मे झाशलया का माशलया बनर्ाया।
• अबुल फजल ने किारर्ढ़ दर् ु ग के बारे में कहा ‘‘यह दर्ुग इतनी बुलन्दी पर जस्थत है कक इसे दखेने
पर शसर की पर्ड़ी नीचे गर्र जाये।’’
• महारािा प्रताप का जन्म इसी दर् ु ग में हुआ।
• उदयशसंह का राज्याशभषेक इसी दर् ु ग में हुआ।
• श्रेिी - गर्री दर्
ु ग (जरर्ा पहाड़ी पर), पाररध दर् ु ग
• प्रर्ेश द्र्ार - ओरठ पोल

प्रमुख इमारते -

• बादल महल - राजस्थान का सबसे बड़ा महल


• झाली रानी का माशलया
• किारर्ढ़

मंटदर
• कुम्भ स्र्ामी मंटदर - रािा कुम्भा
• नीलकंठ महादे र् मंटदर - िॉ् ने यूनानी मंटदर कहा

3. ििथम्भौर दर्
ु ग

• र्तगमान में - सर्ाई माधोपुर है ।


• रिथम्भौर का शाजददक अथग “रि की िाि” है ।
• चौहान शासकों द्र्ारा तनशमगत ।
• आकृतत - अं्ाकार ।
• गर्ररर्न दर्
ु ाग की वर्शेषता
• उपनाम - गचत्तौड़र्ढ़ का छोिा भाई , दर्
ु गग धराज
• अबुल फजल ने कहा “ बाकी सब ककलें नंर्े हैं पर रिथंबोर दर्
ु ग बख्तरबंद है “
• हमीर के समय जलालुद्दीन णखलजी ने यहां पर आक्रमि ककया तथा वर्फल रहा इस पर उसने
कहा कक “ मैं ऐसे 10 दर् ु ों को मुसलमान के बाल के बराबर नहीं समझता”
• प्रर्ेश द्र्ार - नौलखा दरर्ाजा
• 1301 ईस्र्ी में अलाउद्दीन ने रिथम्भौर ककले पर आक्रमि ककया उस समय रिथम्भौर का पहला
साका हुआ यह हमीर के नेतत्ृ र् में हुआ इसे राजस्थान के इततहास का प्रथम साका भी कहा जाता
है ।
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• इस ककले में जोर्ी महल , सुपारी महल , रितभंर्र र्िेश जी का मंटदर पदम तालाब ,जोरा भोरा
महल ,पीर सदरूद्दीन, - शाकम्भरी माता का मंटदर की दरर्ाह जस्थत है
• राज्य का एकमात्र ऐसा दर्
ु ,ग जजसमें मंटदर, मजस्जद र् गर्रजािर तीनों हैं।
• अकबर कालीन िकसाल भी यहीं जस्थत है
4. ि ार्रोन दर्
ु ग–

• र्तगमान में - झालार्ाड़


• तनमागि – बीजलदे र् परमार
• तनमागि ्ोड़ परमार शासकों ने करर्ाया
• श्रेिी – जल दर्
ु ग
• प्राचीन नाम – र्र्ररतपुर
• अन्य नाम ्ो्र्ढ़ , धल
ू रर्ढ़ , एक मात्र जलदर्
ु ग , जाशलम कोि
• नटदयों का संर्म पर - आहू र् कालीशसंध
• त्रबना नीर् र्ाला दर् ु ग
• इस दर् ु ग मे ततहरा परकोिा है
• पथ् ृ र्ीराज राठौड़ को अकबर ने जार्ीरी के स्र्रूप टदया तथा यहां पर उन्होंने र्ैली ककशन रुतमिी
री की रचना की
• यहां पर दो साका हुए

1423 प्रथम साका

o शासक- अचलदास खींची


o आक्रमिकारी - होशंर्शाह र्ुजरात

द्वर्तीय साका 1444

o शासक - पाल्हि शसंह


o आक्रमिकारी- महमूद णखलजी मालर्ा (नाम पररर्ततगत करके मुस्तफाबाद कर टदया)

• मधुसुदन मंटदर, – बुलंद दरर्ाजा– औंरर्जेब , दीर्ान-ए-खास, दीर्ान-ए-आम, जनाना महल,


अचलदास के महल ,जौहर कंु ् , मीठे शाह की दरर्ाह , अंधरे ी बार्ड़ी इत्याटद दशगनीय स्थल है ।
• र्ार्रोन दर्
ु ग संत पीपा की जन्मस्थली मानी जाती है
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5. सोनारर्ढ़ दर्
ु ग–

• र्तगमान में - जैसलमेर


• पहाड़ी - त्रत्रकुि पहाड़ी
• तनमागि पूिग - शाहर्ाटहन II (1164)
• प्रर्ेश द्र्ार - अिय पोल
• श्रेिी - गर्री, एरि
• आकर - त्रत्रभुजाकार
• तनमागि रार् जैसल द्र्ारा प्रारं भ ककया र्या तथा पि
ू ग शाहर्ाटहन ॥ द्र्ारा ककया र्या
• अन्य नाम – सोनारर्ढ़, स्र्िगगर्री ,कमरकोि,र्ौहरार्ढ़ ,र्शलयों का दर्
ु ग ,रे गर्स्तान का र्ल
ु ाब और पजश्चम
सीमा का प्रहरी

वर्शेषता

• चुने र् सीमें ि का प्रयोर् नहीं हुआ


• दर्
ु ग पीले पत्थरों से तनशमगत है ।
• 99 बज ु ग ( सर्ागगधक बज ु ाग र्ाला ककला
• दे खने पर अंर्ड़ाई लेते हुए शेर के समान तथा जहाज के लंर्र खोले हुए के समान
• 2009 में 5 रु. का ्ाक टिकि जारी
• सत्यजीत रे ने सोनार ककला कफल्म तनमागि ककया
• चारों ओर परकोिा िार्रा नुमा अतः इसे कमर कोिग भी कहा जाता है
• दस
ू रा सबसे बड़ा शलवर्ंर् फोिग
• दर्
ु ग के भीतर 'जजन भद्र सुरी' भूशमर्त संग्रहालय है । जजस पर ताड़ पत्रों (ताम्र पत्रों) पर गचत्रत्रत ग्रन्थों का
संग्रहरि ककया र्या है ।
• जैसलमेर के अड़ाई 2 अद्गध साका :-
▪ प्रथम साका - (1312) -
• स्थानीय शासक - मूलराज
• आक्रमिकारी - अलाउद्दीन णखलजी
▪ दस
ू रा साका - (1370-71)
• स्थानीय शासक - दद
ू ा
• आक्रमिकारी - कफरोजशाह तुर्लक
▪ अद्गध साका - (1550)
• स्थानीय शासक - लि
ू किग
• आक्रमिकारी - कंधार अमीर अली

6. आमेर का दर्
ु ग–
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• जयपरु में जस्थत है


• तनमागि - कोककल दे र् (1207 ई.)
• दर्
ु ग का आधुतनक तनमागता - मान शसंह प्रथम
• श्रेिी - गर्री दर्
ु ग - कालीखोह पहाड़ी पर
• उपनाम - अम्बेर्ती दर्
ु ग , आम्रपाली दर्
ु ग , र्ोकलर्ढ़ , मोमीनाबाद (बहादरु शाह ने)
• आकार- महलनुमा
• राजस्थान का एकमात्र दर्
ु ,ग जजसमें मीिा बाजार जस्थत है ।
• प्रर्ेश द्र्ार - र्िेश पोल र् हाथी पोल
(र्िेशपोल को फर्गयस
ुग न ने वर्श्र् का सबसे सुन्दर दरर्ाजा बताया है )

दर्
ु ग के प्रमुख महल –

• द ीर्ान-ए-खास
• दीर्ान-ए-आम
• सुहार् मंटदर – (यह रातनयों के हास पररहास का स्थान है )
• सुख मंटदर – (एक जैसे 12 कमरे जो शमजाग राजा जयशसंह ने बनर्ाए थे )
• दौलत आरामबार्
• मार्ठा जलाशय
• केसर तयारी बर्ीचा
• केसर-तयारी
• कदमी महल –
o तनमागि - राजदे र् ने करर्ाया
o आधुतनक तनमागता - मान शसंह प्रथम (आमेर राजाओं का राज्यशभषेक स्थल )
• प्रमुख मंटदर :-
• 1. शशला दे र्ी का मंटदर
o कच्छर्ाहा राजर्ंश की आराध्य दे र्ी
o तनमागि - मान शसंह प्रथम ने करर्ाया।
o मतू तग - मान शसंह प्रथम द्र्ारा पर्
ू ी बंर्ाल के राजा केदार को पराजजत कर लाया।
• जर्त शशरोमिी मंटदर
o तनमागि - मान शसंह प्रथम की पत्नी कनकार्ती द्र्ारा।
o मूततग - गचत्तौड़र्ढ़ के मीरा - मंटदर से लाई र्ई।
• प्रमुख जलाशय -
1. मार्ठा जलाशय
2. हाथी- जलाशय

7. भिनेर दर्
ु ग
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• तनमागि - भूपत भािी - तीसरी शताददी में


• श्रेिी - धान्र्न
• र्ास्तुकार - कैकेया
• प्रर्ेश द्र्ार - र्ोरखपोल
• उपनाम - उत्तरी सीमा का प्रहरी, भाटियों की मरोड़
• भिनेर दर्
ु ग में जस्थत इमारतें -
• र्रु
ु र्ोरखनाथ जी मंटदर
• हनुमान जी का मंटदर
• टदल्ली - मल्
ु तान मार्ग पर जस्थत दर्
ु ग
• िर्गधर / सरस्र्ती नदी के ति पर जस्थत
• राज्य का सबसे प्राचीन दर्
ु ग
• शमट्िी से तनशमगत दर्
ु ग
• पहला वर्दे शी आक्रमि - 1001 ई. मोहम्मद र्जनर्ी
• अजन्तम वर्दे शी आक्रमि - 1570/97 - अकबर
• अनूपर्ढ़ - श्रीर्ंर्ानर्र में - अनूप शसंह द्र्ारा तनशमगत
• राज्य का एकमात्र दर्
ु ग जहााँ पर तैमूर लंर् के आक्रमि के समय मुजस्लम मटहलाओं ने जौहर ककया।
• इस जौहर के समय स्थानीय शासक - मल
ू चन्द
• जौहर का प्रमाि - तैमुर लंर् की आत्मकथा 'तुजक
ु -ए-तैमरू ी' में
• र्गयासुद्दीन तुर्लक के भाई शेरखााँ की कब्र इसी दर्
ु ग में जस्थत है ।
• 1805 ई. में बीकानेर शासक सूरतशसंह ने मंर्लर्ार के टदन जापाता खााँ भट््‌
िी को जीतकर 'हनुमानर्ढ़'
रखा। भिनेर दर्
ु ग को 'हाकरा दर्
ु 'ग भी कहा जाता है ।

8. मेहरानर्ढ़ दर्
ु ग
• नज मागता :- रार् जोधा 1459 ई. में
• नींर् :- करिी माता (ररद्गध बाई) द्र्ारा
• आकृतत :- मयूर के समान
• गचड़ड़यािूंक पहाड़ी पर ( गर्रर दर्
ु )ग
• अन्य नाम :- म्यरू ध्र्ज, र्ढ़गचन्तामणि
• इस दर्
ु ग की नींर् में राजजया (राजाराम) मेिर्ाल को जीवर्त चुना र्या।
• 1805 ईस्र्ी में महाराजा मानशसंह द्र्ारा मान प्रकाश पुस्तकालय स्थावपत ककया र्या 1974 में इसे
संग्रहालय की मान्यता दी दी र्ई
• मेहरानर्ढ़ दर्
ु ग के दौलत खाने के आंर्न में महाराजा बख्त शसंह द्र्ारा बनर्ाई र्ई संर्मरमर की
श्रंर्
ृ ार चौकी है
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• इस दर्
ु ग में जसर्ंत थड़ा है जजसे राजस्थान का ताजमहल भी कहा जाता है इसका तनमागि सरदार
शसंह ने अपने वपता जसर्ंत शसंह द्वर्तीय की याद में करर्ाया
• मंटदर –

1. चामण्
ु ्ा माता का मंटदर -

• तनमागि - रार् जोधा ने करर्ाया।


• चामुण््ा माता राठौड़ों की आराध्य दे र्ी है ।

2. नार्िेची माता का मंटदर -

• जोधपरु राठौड़ों की कुल दे र्ी


• तनमागि - जोधा द्र्ारा

▪ महल :-

• यहां पर भरू े खां की मजार तथा शेरशाह सरू ी की मजार जस्थत है


• इस दर्ु ग के संग्रहालय में अकबर की तलर्ार रखी र्ई है
• रूड्या्ग कशलंर् / ककपशलंर् - पररयों तथा फररश्तों द्र्ारा तनशमगत
• जैकलीन कैने्ी - दतु नया का 8 र्ााँ अजूबा
• त्रबल र्ेट्स - जोधपुर - नीला शहर
• िो् ने कहा इस दर्
ु ग से परू े राज्य में नजर रखी जा सकती है
• महल

i. फूल महल - सोने का कायग ककया र्या बख्त शसंह द्र्ारा


ii. चौखा महल
iii. श्रंर्
ृ ार चौकी (राठौड़ों के राजाओं का राजततलक)
iv. अभय महल
v. बीचल महल
vi. मोती महल (तख्त शसंह ने सोने का काम करर्ाया)

दर्
ु ग में तोपें

• ककलककला तोप :- राजा अजीत शसंह द्र्ारा अहमदाबाद से लाया ।


• शम्भुबाि तोप :- राजा अभय शसंह ने सर बुलन्दखााँ से छीनी।
• र्जनी खााँ तोप :- राजा र्जशसंह ने जालौर वर्जय पर हाशसल की
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9. जन
ू ार्ढ़ (बीकानेर)

• तनमागि- रार् त्रबका शशल्पी नोपाजी


• पन
ु तनगमागि रायशसंह शशल्पी क्रमचंद्र
• आकृतत - चतुष्कोिीय
• श्रेिी – धान्र्न
• प्रर्ेश द्र्ारा - किगपोल, सरु जपोल
• उपनाम - जूनार्ढ़ , बीकानेर की िे कड़ी , बीकाजी की िे कड़ी , राती िािी का ककला , जमीन का
जेर्र
• र्ज मंटदर - रतन शसंह द्र्ारा तनशमगत
• 33 करोड़ दे र्ी-दे र्ताओं का मजन्दर जजसका तनमागि अनुप शसंह ने करर्ाया
• छत्रर महल (रासलीला का दृश्य हे तु प्रशसद्ध)
• बादल महल (राजस्थान में सोने की कलाकृतत हे तु प्रशसद्ध)
• फूल महल (कांच का कायग हे तु प्रशसद्ध)
• अनूप महल (स्र्िग गचत्रकारी हे तु प्रशसद्ध) बीकानेर राजाओं का राजततलक र्तगमान में प्रशासतनक
संग्रहालय
• किग महल -सार्गजतनक दशगक हॉल अनप
ू शसंह द्र्ारा तनशमगत
• र्ंर्ा महल - र्ंर्ा शसंह द्र्ारा तनशमगत प्रथम वर्श्र् युद्ध के वर्मानों का एक मुख्यालय
• यहां शेर पर सर्ार र्िेश मंटदर
• 37 बज ु ग
• सर्गप्रथम इसमें शलफ्ि लर्ाई र्ई
• रामेश्र्र राम सर तालाब िंिािर सूरसार्र झील जजसका जीिोद्धार र्सुंधरा राजे ने करर्ाया
• जुनार्ढ़ दर् ु ग के मुख्य प्रर्ेश द्र्ार पर जयमल र् फत्ता की र्जारूढ़ मूततगयााँ लर्ी हुई है ।
• यहााँ रार् बीका के चााँदी के पलंर् र् शसंहासन हैं।

10. तारार्ढ़ (अजमेर)

• तनमागि- अजयराज
• पहाड़ी – बीठली
• उपनाम - राजस्थान का हृदय , अरार्ली का अरमान , राजपूताना की कंु जी , राजस्थान का जजब्राल्िर -
वर्श्र् हे बर , र्ढ़ बीठली दर्
ु ग
• इस दर्
ु ग का जीिोद्धार पथ्
ृ र्ीराज शससोटदया ने करर्ाकर इसका नाम अपनी पत्नी तारा बाई के नाम पर
तारार्ढ़ ककया।
• राज्य का एकमात्र दर् ु ग जहााँ िोड़े की मजार जस्थत है ।
• राज्य का प्रथम तरिताल जस्थत
• शमरान साहब की दरर्ाह जस्थत
• रूठी रानी का महल
• दर्
ु ग में जस्थत रं र्महल का तनमागि छत्रशाल ने करर्ाया।
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11. अकबर का ककला

• तनमागि – अकबर
• तनमागि 1570 अकबर द्र्ारा
• श्रेिी – धान्र्न र् सैन्य दर्
ु ग (समतल भूशम पर होने के कारि)
• राजस्थान का एकमात्र दर् ु ग जो मुजस्लम फारसी शैली से तनशमगत है
• अकबर के अजमेर में स्थाई तनर्ास के रूप में हे तु बनाया र्या
• इस दर्ु ग से पहले बादशाही भर्न का तनमागि ककया र्या
• यह दर्
ु ग ख्र्ाजा मोइनुद्दीन गचश्ती के प्रतत श्रद्धा को व्यतत करने के शलए बनाया र्या
• इसकी आकृतत चतथ ु क
ग ोिीय है
• मुख्य दरर्ाजा - जहााँर्ीर पोली
• नींर् – दाद ू दयाल द्र्ारा
• उपनाम – अकबर का दौलतखाना , अकबर का शास्त्रार्ार , मैंर्नीज दर्
ु ग , अजमेर का ककला
• हल्दीिािी युद्ध की योजना स्थली
• दर्
ु ग का जीिोद्र्ार – लॉ्ग कजगन ने
• 1907 में राजपूताना – संग्रहालय की स्थापना, जजसके प्रथम अध्यि – ्ॉ. र्ौरी शंकर, हीरानंद उपाध्याय

12. सज र्ाना का ककला-बाड़मेर

• तनमागि – र्ीरनारायि पर्ार द्र्ारा तनशमगत


• पहाड़ी हल्दे श्र्र की पहाड़ी पर जस्थत
• मारर्ाड़ के शासकों की संकिकालीन राजधानी
• र्ीर दर्
ु ागदास की शरि स्थली
• इसे जालौर दर् ु ग की कंु जी कहा जाता है ।
• कुमि र्ढ़ दर् ु ग - इस दर् ु ग के आसपास कुमि कक अगधक प्रधानता है
• अलाउद्दीन णखलजी ने इस दर्
ु ग का नाम खैराबाद कर टदया
• मथुरादास माथुर और जय नारायि व्यास को इस दर्ु ग में स्र्तंत्रता आंदोलन के दौरान बंदी बनाकर रखा
र्या
• इसे कुम्बाना दर् ु ग भी कहते हैं।
• यहााँ मामदे र् कुण्् जस्थत है ।
• मारर्ाड़ राजाओं की शरि-स्थली कहा जाता है ।
• मारर्ाड़ राजाओं की संकिकालीन राजधानी
• शसर्ाना दर्
ु ग में दो साके हुए
▪ प्रथम साका - 1308 ई. अलाउद्दीन णखलजी के आक्रमि के समय हुआ।
▪ शासक र्ीर सातल दे र्
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▪ द्वर्तीय साका - 1587 आक्रमिकारी मोिा राजा उदयशसंह


▪ शासक रार् कल्लाजी

13. जालोर दर्


ु ग

• जालौर में यह गर्री दर् ु ग है


• स्र्िग गर्री कच काचल पहाड़ी पर जस्थत
• यह दर्ु ग लूनी नदी के ककनारे है
• तनमागि - धारा र्षग ने बसाया G.H. ओझा के अनुसार , नार्भट्ि 1st ने बनर्ाया ्ॉ. दशरथ शमाग के
अनस
ु ार
• अलाउद्दीन णखलजी ने इस दर् ु ग का नामकरि जलालाबाद
• उपनाम - सोनर्ढ़, सुर्िगगर्री
• मख्
ु य प्रर्ेश द्र्ारा - शसरपोल, सरू जपोल
• निनी की छतरी बनी है ।

प्रमुख महल :-

• मानशसंह का महल
• रानी महल (दो मंजजला)
• नाथार्त महल

मंटदर :- अर्सुधन मंटदर, जोर्माया माता का मंटदर, आसापुरा माता मंटदर, बीरमदे र् चौकी जस्थत है ।

• अलाउद्दीन णखलजी ने इस दर्ु ग में कफरोजा मजस्जद का तनमागि करर्ाया।


• 1311 ई. में अलाउद्दीन णखलजी ने जालोर दर् ु ग पर आक्रमि ककया।
• जालोर दर्
ु ग के साके (1311 ई.) में
o केसररया का नेतत्ृ र् कान्हड़दे र् ने
o जौहर का नेतत्ृ र् जैतल दे र्ी ने ककया।
• जालौर दर्
ु ग को शसर्ाना दर्
ु ग की कंु जी कहा जाता है ।

14. िॉ्र्ढ़ दर्


ु ग

• प्राचीन नाम – बोरसर्ाड़ा


• अंग्रेजों द्र्ारा तनशमगत
• कनगल जेम्स िॉ् द्र्ारा

15. भैंसरोड़र्ढ़ दर्


ु ग
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• स्थान : गचत्तौड़र्ढ़
• चंबल और बामी नदी के ककनारे
• तनमागि :- भैंसाशाह र् रोड़ाशाह
• तनमागि व्यापाररयों द्र्ारा राजस्थान का एकमात्र दर्
ु ग जजससे व्यापाररयों ने बनाया
• राजस्थान का र्ेल्लोर

16. अचलर्ढ़ दर्


ु ग

• स्थान – शसरोही
• तनमागि परमारो द्र्ारा या महारािा कंु भा द्र्ारा
• मंदाककनी झील के ककनारे
• मंटदर - अणखलेश्र्र महादे र् का मंटदर , र्ोमखु मंटदर
• सार्न भादो झील

17. माण््लर्ढ़ दर्


ु ग

• स्थान - भीलर्ाड़ा
• किोरे नुमा आकृतत
• बनास बेड़च मेनाल नदी के संर्म के ककनारे पर
• तनमागि मांड़्या भील
• श्यामल दास र्े हीरानंद औझा के अनुसार इसका तनमागि चौहानों ने करर्ाया
• हल्दीिािी की अंततम योजना इसी दर्ु ग में बनाई र्ई 21 टदन का सैन्य प्रशशिि टदया र्या
• त्रबजासन की पहाड़ी पर जस्थत
• महारािा प्रताप आजीर्न गचत्तौड़र्ढ़ र् माण््लर्ढ़ पर अगधकार नहीं कर पाए।

18. नार्ौर का ककला


• उपनाम - नार् दर्
ु ग , नर्ािा दर्
ु ग , अटहछात्रपरु दर्
ु ग
• तनमागि – कदम्बर्ास / केमास सोमेश्र्र के सामंत
• सर्ागगधक तनमागि बख्त शसंह
• प्रर्ेश द्र्ार शसरोज पोल
• र्ास्तवर्क बादल महल जस्थत है , जजसका तनमागि बख्तशसंह ने करर्ाया था।
• जल-प्रबंध हे तु वर्श्र् वर्ख्यात दर्
ु ।ग
• अमरशसंह राठौड़ की कमगस्थली
• अमरशसंह राठौड़ की 16 खंभो की छतरी जस्थत है ।
• शाहजहां ने यह दर्
ु ग अमर शसंह को दे टदया
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19. सोजत दर्


ु ग -पाली

• सकु ड़ी नदी के ककनारे


• तनमागि - 1460 में तनंबा द्र्ारा (जोधा का पुत्र)
• पहाड़ी - शशर्ी पहाड़ी
• आधुतनक तनमागता - मालदे र्
• 1515 में रामर्ंर्ा ने र्ीरमदे र् को दे टदया
• अकबर ने चंद्रसेन से छीना
• 1607 में जहांर्ीर ने इसे क्रमसेन को दे टदया

20. अउर्ा पाली

• तनमागि - चंपार्तो ने
• प्रशसद्ध 1857 कुशाल शसंह
• 1858 में होम्स ओर ्ीसा ने अगधकार कर शलया
• 1868 में र्ापस चंपार्त ओं के अगधकार में

21. बाली दर्


ु ग

• स्थान – पाली
• तनमागि – 1240 बीरमदे र् (जालोर)
• आधुतनक तनमागता – चेनशसंह
• पां्र्ों के र्ुली ्ं्े रखे है ।
• र्तगमान में इस दर् ु ग में जेल संचाशलत है ।

22. चूरू का ककला

• तनमागि - ठाकुर कुशाल


• ठाकुरों ने अपनी रिा हे तु पर चांदी के र्ोले दार्े
• उपनाम- धोलकोि

23. लोहार्ढ़ दर्


ु ग (भरतपुर)

• तनमागि : – रुस्तम जाि


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• र्ास्तवर्क/आधतु नक तनमागता – सूरजमल जाि


• श्रेिी – पाररख दर्
ु ग
• प्रर्ेश द्र्ारा – लोररयापोल
• उपनाम – राजस्थान का अजयदर्
ु ,ग पूर्ी सीमा का प्रहरी।
• दर्
ु ग के प्रमख
ु महल – दादी मााँ का महल, ककशोरी मााँ का
• महल र् र्जीर कोठी।
• जर्ाहर बुजग का तनमागि जर्ाहर शसंह ने टदल्ली वर्जय के उपलि में करर्ाया था, जजसमें भरतपुर शासकों
का राजततलक होता है ।

24. बयाना दर्


ु ग

• तनमागि - वर्जयपाल
• पहाड़ी - दमदमा/मानी पहाड़ी पर ।
• उपनाम- रोटहतपुर, बािासुर, वर्जयमंटदरर्ढ़, बादशाह दर्
ु ग
• भीमलाि का स्तंभ तनमागि- वर्ष्िुर्धगन ने करर्ाया।
• उषा मंटदर का तनमागि रानी गचत्रलेखा ने ।
• उषा मंटदर की जर्ह मबु ारक णखलजी ने उषा मजस्जद का तनमागि करर्ाया।

25. ्ीर् का ककला :- भरतपुर

• तनमागि- बदनशसंह
• सरू जमल महल जस्थत
• इस दर्
ु ग के ककनारे जल महल जस्थत है ।

26. बालाककला- अलर्र

• अलर्र का ककला
• तनमागि- उलर्ुराम कोककलदे र्
• 52 दर्
ु ो का ला्ला।

27. भानर्ढ़ ककला- अलर्र

• तनमागि- भर्र्ंतदास
• भतू तया ककला
• इस दर्ु ग में मेहंदी महल र् िास कुण्् जस्थत है ।
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28. जयर्ढ़ दर्


ु ग
• तनमागि - कोककल दे र् , मानशसंह प्रथम , शमजाग राजा जयशसंह , सर्ाई जयशसंह
• पहाड़ी इंर्ल पहाड़ी
• आमेर की ओर झाकता हुआ टदखाई दे ता है
• दर्
ु ग का उपयोर् आमेर के राजाओं का खजाना रखने में ककया जाता था
• यहां एशशया की सबसे बड़ी जयबाि तोप रखी र्ई है तोप का र्जन 50 िन तथा लंबाई 20 फीि इसके
अंदर र्ोले का 50 ककलोग्राम र्जन तथा इसकी मारक िमता 35 ककलोमीिर है
• इस तोप को इततहास में केर्ल एक ही बार चलाया र्या, जजससे र्ोलेलार् (चाकस)ु तालाब का तनमागि
हुआ।
• प्रर्ेश द्र्ार - ्ुाँर्र पोल, जय पोल
• इस दर्
ु ग में राजस्थान का सबसे बड़ा िांका जस्थत है ।
• का तोप बनाने का पहला कारखाना इसी दर् ु ग में स्थावपत ककया र्या।

29. नाहरर्ढ़ दर्


ु ग (जयपुर)

• तनमागि 1734 में सर्ाई जयशसंह द्र्ारा ( मराठों से जयपुर की रिा हे तु )


• पहाड़ी- मीठड़ी पहाड़ी पर (यह एक गर्री दर्
ु ग है )
• माधोशसंह प्रथम ने दर्
ु ग में अपनी पासर्ान रातनयों के शलए वर्तिोररया शैली में एक जैसे नौ महल ओं का
तनमागि करर्ाया
• इस दर्
ु ग को जयपुर का मुकुि र्ह जयपुर की ओर झांकता दर् ु ग कहते हैं
• इस दर्ु ग में शसलेखाना , हर्ा मंटदर, माधर् शसंह का अततगथ ग्रह जस्थत है
• उपनाम - सुलिि दर्
ु ग , सुदशगन र्ढ़, िाइर्र ककला, जयपरु ध्र्ज र्ढ़ , महलों का दर्
ु ग , मीठड़ी का ककला
• राजस्थान का प्रथम जैवर्क उद्यान यहीं पर जस्थत है

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